त्रिक्षेत्रीय सिद्धांत (Three-sector theory) एक आर्थिक-सिद्धांत है जो अर्थव्यवस्थाओं को तीन भागों में बांटता है: प्राथमिक (कृषि, शिकार, खनन), द्वितीय (विनिर्माण या मैन्युफ़ैक्चरिंग) और तृतीय (सेवाएँ)। इसके अनुसार इन तीनों क्षेत्रों की अलग-अलग आवश्यकताएँ और विकास-क्रम होते हैं और यह तीन किसी देश, राज्य या समाज के आर्थिक विकास के अलग-अलग स्तर दर्शाते हैं। इस सिद्धांत की व्याख्या ऐलन फ़िशर, कॉलिन क्लार्क और झ़ों फ़ुरास्तये नामक तीन अर्थशात्रियों ने की थी। .
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तीन-क्षेत्रीय सिद्धांत।