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तेनजिन ग्यात्सो

सूची तेनजिन ग्यात्सो

चौदहवें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो (६ जुलाई, 1934 - वर्तमान) तिब्बत के राष्ट्राध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरू हैं। उनका जन्म ६ जुलाई १९३५ को उत्तर-पूर्वी तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में रहने वाले ये ओमान परिवार में हुआ था। दो वर्ष की अवस्था में बालक ल्हामो धोण्डुप की पहचान 13 वें दलाई लामा थुबटेन ग्यात्सो के अवतार के रूप में की गई। दलाई लामा एक मंगोलियाई पदवी है जिसका मतलब होता है ज्ञान का महासागर और दलाई लामा के वंशज करूणा, अवलोकेतेश्वर के बुद्ध के गुणों के साक्षात रूप माने जाते हैं। बोधिसत्व ऐसे ज्ञानी लोग होते हैं जिन्होंने अपने निर्वाण को टाल दिया हो और मानवता की रक्षा के लिए पुनर्जन्म लेने का निर्णय लिया हो। उन्हें सम्मान से परमपावन की कहा जाता है। .

55 संबंधों: चीन, चीनी जनवादी गणराज्य, टेंपलटन पुरस्कार, ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम, डोकलाम विवाद 2017, तिब्बत, तिब्बत का इतिहास, तिब्बती बौद्ध धर्म, तेरहवें दलाई लामा, दैवज्ञ, धर्म और गर्भपात, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश, धर्मांतरण, पंचेन लामा, पोताला महल, फिलाडेल्फिया लिबर्टी मेडल, बुद्ध प्रतिमा, बिहार, बुद्ध स्मृति पार्क, बोधगया बम विस्फोट, भारत के वैदेशिक सम्बन्ध, भारत २०१०, भारत-चीन युद्ध, भारतीय मनोविज्ञान, मसूरी, माईस्पेस, रिचर्ड गेयर, लामा, लोबसांग सांगेय, शंकराचार्य, शकीरा, शेरोन स्टोन, हिमाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, ह्वेन त्सांग, हैरिसन फोर्ड, हेनरिश हारा, जेफरी हॉप्किन्स, जॉन मेयर, विल्नुस विश्वविद्यालय का पुस्तकालय, खनपो जिगमेद फुनछोगस्, गेलुगपा, आदमपुर, आदरसूचक, कमलिनी मुखर्जी, किन्नौर जिला, केन्द्रीय तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय, की गोम्पा, अम्दो, अरुणाचल प्रदेश, अशिक्षा, ..., अहिंसा पुरस्कार, १५ सितम्बर, १९५९ का तिब्बती विद्रोह, २०११, ३ अक्तूबर सूचकांक विस्तार (5 अधिक) »

चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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चीनी जनवादी गणराज्य

चीनी जनवादी गणराज्य (चीनी: 中华人民共和国) जिसे प्रायः चीन नाम से भी सम्बोधित किया जाता है, पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है। १.३ अरब निवासियों के साथ यह विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है और ९६,४१,१४४ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यह रूस और कनाडा के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला देश है। इतना विशाल क्षेत्रफल होने के कारण इसकी सीमा से लगते देशों की संख्या भी विश्व में सर्वाधिक (रूस के बराबर) है जो इस प्रकार है (उत्तर से दक्षिणावर्त्त): रूस, मंगोलिया, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लाओस, म्यान्मार, भारत, भूटान, नेपाल, तिबत देश,पाकिस्तान, अफ़्गानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और कज़ाख़िस्तान। उत्तर पूर्व में जापान और दक्षिण कोरिया मुख्य भूमि से दूरी पर स्थित हैं। चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना १ अक्टूबर, १९४९ को हुई थी, जब साम्यवादियों ने गृहयुद्ध में कुओमिन्तांग पर जीत प्राप्त की। कुओमिन्तांग की हार के बाद वे लोग ताइवान या चीनी गणराज्य को चले गए और मुख्यभूमि चीन पर साम्यवादी दल ने साम्यवादी गणराज्य की स्थापना की। लेकिन चीन, ताईवान को अपना स्वायत्त क्षेत्र कहता है जबकि ताइवान का प्रशासन स्वयं को स्वतन्त्र राष्ट्र कहता है। चीनी जनवादी गणराज्य और ताइवान दोनों अपने-अपने को चीन का वैध प्रतिनिधि कहते हैं। चीन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो अभी भी अस्तित्व में है। इसकी सभ्यता ५,००० वर्षों से अधिक भी पुरानी है। वर्तमान में यह एक "समाजवादी गणराज्य" है, जिसका नेतृत्व एक दल के हाथों में है, जिसका देश के २२ प्रान्तों, ५ स्वायत्तशासी क्षेत्रों, ४ नगरपालिकाओं और २ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों पर नियन्त्रण है। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है। यह विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और एक मान्यता प्राप्त नाभिकीय महाशक्ति है। चीनी साम्यवादी दल के अधीन रहकर चीन में "समाजवादी बाज़ार अर्थव्यवस्था" को अपनाया जिसके अधीन पूंजीवाद और अधिकारवादी राजनैतिक नियन्त्रण सम्मित्लित है। विश्व के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक ढाँचे में चीन को २१वीं सदी की अपरिहार्य महाशक्ति के रूप में माना और स्वीकृत किया जाता है। यहाँ की मुख्य भाषा चीनी है जिसका पाम्परिक तथा आधुनिक रूप दोनों रूपों में उपयोग किया जाता है। प्रमुख नगरों में बीजिंग (राजधानी), शंघाई (प्रमुख वित्तीय केन्द्र), हांगकांग, शेन्ज़ेन, ग्वांगझोउ इत्यादी हैं। .

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टेंपलटन पुरस्कार

टेंपलटन पुरस्कार प्रतिवर्ष टेंपलटन फ़ाउण्डेशन द्वारा दिया जाने वाला एक पुरस्कार है। इसकी शुरूआत 1973 में हुई थी और यह किसी ऐसे जीवित व्यक्ति को दिया जाता है जिसने अध्यात्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। वर्ष २०१२ में यह पुरस्कार तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को दिया गया था। इससे पहले यह पुरस्कार मदर टेरेसा (1973) सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1975)बाबाआमटे(1990),पांडुरंग शास्त्री आठवले (1997) को भी दिया जा चुका है। मदर टेरेसा को पुरस्कृत करने के साथ ही इसकि शुरूआत हुई थी और वे इस पुरस्कार को पाने वाली पहली व्यक्ति थीं। .

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ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम

अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम अथवा ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम (A P J Abdul Kalam), (15 अक्टूबर 1931 - 27 जुलाई 2015) जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। इन्होंने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक और विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) संभाला व भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे। इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाने लगा। इन्होंने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई। कलाम सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी व विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए। पांच वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए। इन्होंने भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये। .

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डोकलाम विवाद 2017

२०१७ का डोकलाम विवाद, डोकलाम (चीनी: 洞朗) में एक सड़क निर्माण को लेकर, भारतीय सशस्त्र बलों और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच जारी सैन्य सीमा गतिरोध को संदर्भित करता है। 18 जून, 2017 को इस गतिरोध की शुरुआत हुई, जब करीब 300 से 270 भारतीय सैनिक दो बुलडोज़र्स के साथ भारत-चीन सीमा पार कर पीएलए को डोकलाम में सड़क बनाने से रोक दिया। 9 अगस्त, 2017 को, चीन ने दावा किया कि केवल 53 भारतीय सैनिक और एक बुलडोजर अभी भी डोकलाम में हैं। जबकि भारत ने इस दावे को नकारते हुये कहा है कि उसके अभी भी वहाँ करीब 300-350 सैनिक उपस्थित है। सितम्बर माह में प्रस्तावित ब्रिक्स शिख्स्र सम्मेलन से थोडा ही पहले २८ अगस्त २०१७ को दोनों देशों ने अपनी सेनाएं पीछे हटाने का निर्णय लिया। समस्या को सुलझाने के कुछ हफ्ते बाद, चीन ने 500 सैनिकों के साथ फिर से सड़क निर्माण शुरू कर दिया है। .

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तिब्बत

तिब्बत का भूक्षेत्र (पीले व नारंगी रंगों में) तिब्बत के खम प्रदेश में बच्चे तिब्बत का पठार तिब्बत (Tibet) एशिया का एक क्षेत्र है जिसकी भूमि मुख्यतः उच्च पठारी है। इसे पारम्परिक रूप से बोड या भोट भी कहा जाता है। इसके प्रायः सम्पूर्ण भाग पर चीनी जनवादी गणराज्य का अधिकार है जबकि तिब्बत सदियों से एक पृथक देश के रूप में रहा है। यहाँ के लोगों का धर्म बौद्ध धर्म की तिब्बती बौद्ध शाखा है तथा इनकी भाषा तिब्बती है। चीन द्वारा तिब्बत पर चढ़ाई के समय (1955) वहाँ के राजनैतिक व धार्मिक नेता दलाई लामा ने भारत में आकर शरण ली और वे अब तक भारत में सुरक्षित हैं। .

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तिब्बत का इतिहास

तिब्बत का ऐतिहासिक मानचित्र 300px मध्य एशिया की उच्च पर्वत श्रेणियों, कुनलुन एवं हिमालय के मध्य स्थित 16000 फुट की ऊँचाई पर स्थित तिब्बत का ऐतिहासिक वृतांत लगभग 7वीं शताब्दी से मिलता है। 8वीं शताब्दी से ही यहाँ बौद्ध धर्म का प्रचार प्रांरभ हुआ। 1013 ई0 में नेपाल से धर्मपाल तथा अन्य बौद्ध विद्वान् तिब्बत गए। 1042 ई0 में दीपंकर श्रीज्ञान अतिशा तिब्बत पहुँचे और बौद्ध धर्म का प्रचार किया। शाक्यवंशियों का शासनकाल 1207 ई0 में प्रांरभ हुआ। मंगोलों का अंत 1720 ई0 में चीन के माँछु प्रशासन द्वारा हुआ। तत्कालीन साम्राज्यवादी अंग्रेंजों ने, जो दक्षिण पूर्व एशिया में अपना प्रभुत्व स्थापित करने में सफलता प्राप्त करते जा रहे थे, यहाँ भी अपनी सत्ता स्थापित करनी चाही, पर 1788-1792 ई0 के गुरखों के युद्ध के कारण उनके पैर यहाँ नहीं जम सके। परिणामस्वरूप 19वीं शताब्दी तक तिब्बत ने अपनी स्वतंत्र सत्ता स्थिर रखी यद्यपि इसी बीच लद्दाख़ पर कश्मीर के शासक ने तथा सिक्किम पर अंग्रेंजों ने आधिपत्य जमा लिया। अंग्रेंजों ने अपनी व्यापारिक चौकियों की स्थापना के लिये कई असफल प्रयत्न किया। इतिहास के अनुसार तिब्बत ने दक्षिण में नेपाल से भी कई बार युद्ध करना पड़ा और नेपाल ने इसको हराया। नेपाल और तिब्बत की सन्धि के मुताबिक तिब्बत ने हर साल नेपाल को ५००० नेपाली रुपये हरज़ाना भरना पड़ा। इससे आजित होकर नेपाल से युद्ध करने के लिये चीन से सहायता माँगी। चीन के सहायता से उसने नेपाल से छुटकारा तो पाया लेकिन इसके बाद 1906-7 ई0 में तिब्बत पर चीन ने अपना अधिकार बनाया और याटुंग ग्याड्से एवं गरटोक में अपनी चौकियाँ स्थापित की। 1912 ई0 में चीन से मांछु शासन अंत होने के साथ तिब्बत ने अपने को पुन: स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया। सन् 1913-14 में चीन, भारत एवं तिब्बत के प्रतिनिधियों की बैठक शिमला में हुई जिसमें इस विशाल पठारी राज्य को भी दो भागों में विभाजित कर दिया गया.

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तिब्बती बौद्ध धर्म

तिब्बती बौद्ध धर्म बौद्ध धर्म की महायान शाखा की एक उपशाखा है जो तिब्बत, मंगोलिया, भूटान, उत्तर नेपाल, उत्तर भारत के लद्दाख़, अरुणाचल प्रदेश, लाहौल व स्पीति ज़िले और सिक्किम क्षेत्रों, रूस के कालमिकिया, तूवा और बुर्यातिया क्षेत्रों और पूर्वोत्तरी चीन में प्रचलित है।An alternative term, "lamaism", and was used to distinguish Tibetan Buddhism from other buddhism.

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तेरहवें दलाई लामा

थुबतेन् ग्यास्तो (12 फरवरी 1876 – 17 दिसम्बर 1933) तिब्बत के १३वें दलाई लामा थे। .

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दैवज्ञ

जॉन विलियम वाटरहाउस द्वारा रचित "दैवज्ञ से परामर्श"; जिसमे आठ महिला पुरोहितों को भविष्यवाणी के एक मंदिर में दिखाया गया है प्राचीन पुरातनता में, दैवज्ञ एक व्यक्ति या एजेंसी को कहा जाता था जिसे ईश्वरप्रेरित बुद्धिमत्तापूर्ण सलाह या भविष्यसूचक (पूर्वकथित) विचार, भविष्यवाणियों या पूर्व ज्ञान का एक स्रोत माना जाता था। इस प्रकार यह भविष्यवाणी का एक रूप है। इस शब्द की उत्पत्ति लैटिन क्रिया ōrāre (अर्थात "बोलना") से हुई है एवं यह सही-सही भविष्यवाणी करने वाले पुजारी या पुजारिन को संदर्भित करता है। विस्तृत प्रयोग में, दैवज्ञ अपने स्थल, एवं यूनानी भाषा में khrēsmoi (χρησμοί) कहे जाने वाले दैवीय कथनों को भी संदर्भित कर सकता है। देवज्ञों को ऐसा प्रवेश-द्वार माना जाता था जिसके माध्यम से ईश्वर मनुष्य से सीधे बात करते थे। इस अर्थ में, वे भविष्यद्रष्टाओं (manteis, μάντεις) से भिन्न होते थे जो पक्षियों के चिह्नों, पशु की अंतरियों एवं अन्य विभिन्न विधियों के माध्यम से ईश्वर के द्वारा भेजे गए प्रतीकों की व्याख्या करते थे।फ्लॉवर, माइकल एत्यह.

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धर्म और गर्भपात

विभिन्न धर्मों में गर्भपात के बारे में भिन्न-भिन्न विचार हैं नीचे इसका कुछ संक्षिप्त विवरण है। .

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धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश

धर्मशाला हिमाचल प्रदेश की शीतकालीन राजधानी है। यह हिमाचल राज्य के कांगड़ा जिले का मुख्यालय है, और कांगड़ा नगर से १६ किमी की दूरी पर स्थित है। धर्मशाला के मैक्लॉडगंज उपनगर में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के मुख्यालय हैं, और इस कारण यह दलाई लामा का निवास स्थल तथा निर्वासित तिब्बती सरकार की राजधानी है। धर्मशाला को भारत सरकार के स्मार्ट सिटीज मिशन के अंतर्गत एक स्मार्ट नगर के रूप में विकसित होने वाले सौ भारतीय नगरों में से एक के रूप में भी चुना गया है। ऐसी मान्यता है की नगर का नाम धर्मशाला शब्द से उत्पन्न हुआ है। यह नगर वर्ष १८४९ में कांगड़ा में स्थित सैन्य छावनी के लिए अस्तित्व में आया। वर्ष १८५५ में धर्मशाला को कांगड़ा जिले का मुख्यालय घोषित किया गया था। धर्मशाला में सिविलियन और छावनी क्षेत्र की बढ़ती चहल-पहल को देखते हुए यहां सुविधाएं लोगों को मुहैया करवाने के लिए नगर परिषद बनाने का विचार बना था। पांच मई १८६७ को यहां नगर परिषद अस्तित्व में आई थी। उस समय बनी नगर परिषद की पहली बैठक भी ६ मई १८६७ को तत्कालीन जिलाधीश सीएफ एल्फिनस्टोन की अध्यक्षता में हुई थी। धर्मशाला के १८६७ में नगर परिषद बनने के बाद यहां सुविधाओं में इजाफा हुआ। १८९६ में धर्मशाला में बिजली भी लोगों मिलनी शुरू हुई थी। तत्पश्चात नगर में कार्यालयों के विकास के अतिरिक्त व्यापार व वाणिज्य, सार्वजनिक संस्थान, पर्यटन सुविधाओं तथा परिवहन गतिविधयों में भी उन्नति हई। वर्ष १९०५ व् १९८६ के भूकम्पों से नगर का बहुत नुकसान हुआ। १९२६ से १९४७ के बीच यहां पर इंटर कॉलेज सहित महाविद्यालय खुला तो वर्ष १९३५ में सिनेमा हाल भी यहां खुला। बढ़ते समय के साथ-साथ सामाजिक सुधारों के साथ संगीत, साहित्य और कला के क्षेत्र में भी यह क्षेत्र कहीं पीछे नहीं रहा। १९६० से महामिहम दलाई लामा का मुख्यालय भी धर्मशाला में स्थित है। .

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धर्मांतरण

सेंट पॉल के रूपांतरण, इतालवी कलाकार कैरावैजियो (1571-1610) द्वारा एक 1600 सदी का चित्र धर्मांतरण किसी ऐसे नये धर्म को अपनाने का कार्य है, जो धर्मांतरित हो रहे व्यक्ति के पिछले धर्म से भिन्न हो.

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पंचेन लामा

पंचेन लामा दलाई लामा के बाद तिब्बत के दूसरे सबसे प्रभावशाली धर्म गुरु हैं। ये चीन सरकार द्वारा निर्वासित नहीं किए गए हैं। इसलिए ये तिब्बत में ही रहते हैं। .

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पोताला महल

300px पोताला महल (तिब्बती भाषा: པོ་ཏ་ལ) ल्हासा शहर के उत्तर पश्चिमी भाग में खड़े लाल पहाड़ी पर स्थित है। यह एक शानदार बुर्जनुमा भवन है जो तिब्बत का एक प्रतीकात्मक वास्तु है। समूचा निर्माण तिब्बती वास्तु शैली में किया गया और पहाड़ पर खड़ा हुआ है। इसका निर्माण १६४५ में आरम्भ हुआ। यह महल तिब्बत के थुबो राजकाल में राजा सोंगत्सांकांबू ने थांग राजवंश की राजकुमारी वनछङ के साथ विवाह के लिए बनवाया था। 17वीं शताब्दी में उसके पुनर्निर्माण के बाद वह विभिन्न पीढियों के दलाई लामा का आवास बनाया गया। वह तिब्बत के राजनीतिक व धार्मिक मिश्रित शासन का केन्द्र था। पोताला महल में बेशुमार कीमती चीजें सुरक्षित रखी हुई हैं और देश का एक कलाकृति खजाना माना जाता है। वर्ष 1994 में पोताला महल विश्व सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया। पोताला महल के दो भाग हैं- लाल महल और श्वेत महल। .

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फिलाडेल्फिया लिबर्टी मेडल

फिलाडेल्फिया लिबर्टी मेडल एक वार्षिक पुरस्कार है जो स्वतंत्रता में नेतृत्व को पहचानने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय संविधान केंद्र द्वारा प्रदान किया जाता है। ये १९८८ में स्थापित किया गया था और १९८९ में पोलैण्ड के लेक वालेसा इसके पहले विजेता थे। ये अमेरिकी संविधान के २०० वर्षों का स्मरणार्थ स्थापित किया गया था। .

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बुद्ध प्रतिमा, बिहार

यह विशालकाय बुद्ध प्रतिमा बौद्ध तीर्थ और पर्यटन मार्गों में से एक बोधगया, बिहार (भारत) में है। यह बुद्ध मुर्ति ध्यान मुद्रा में 25 मीटर (82 फ़ुट) ऊँची खुली हवा में एक कमल पर विराजमान है। यह बुद्ध प्रतिमा पूरा करने के लिए 12,000 राजमिस्त्रीओं को सात साल लग गए थे। यह प्रतिमा बलुआ पत्थर ब्लॉक और लाल ग्रेनाइट का एक मिश्रण है। यह संभवतः सबसे बड़ा भारत में बनाया गया और 14 वें दलाई लामा ने 18 नवंबर 1989 को पवित्रा किया गया था।http://www.thaindian.com/newsportal/india-news/buddhist-devotees-participate-in-20th-anniversary-celebrations-of-buddha-statue-in-gaya_1006189.html बुद्ध मूर्ति के लिए नींव पत्थर 1982 में रखा गया था। .

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बुद्ध स्मृति पार्क

यह बिहार की राजधानी पटना के पटना रेलवे जंक्शन के पास 22 एकड़ ज़मीन पर 125 करोड़ रुपए की लागत से बना उद्यान है। इसके मध्य में 200 फ़ीट ऊँचा एक स्तूप बनाया गया है। इसमें छह देशों से लाए गए ' बुद्ध अस्थि अवशेष' की मंजुषाएं रखी गई हैं। 27 मई 2010 को बुद्ध पूर्णिमा के दिन तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा ने इसे जनता को समर्पित किया। उन्होंने इस स्तूप को पाटलिपुत्र करुणा स्तूप का नाम दिया। यह दुनिया भर के बौद्ध पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। .

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बोधगया बम विस्फोट

7 जुलाई 2013 को महाबोधी मंदिर परिसर में एक के बाद एक दस बम विस्फोट हुए, जो भारत के बोधगया नामक स्थान पर युनेस्को विश्व विरासत स्थल है। विस्फोटों से दो भिक्षुओं सहित पांच लोग हताहत हुए। गया के विभिन्न स्थानों पर बम निरोधक दस्ते ने तीन अन्य उपकरणों को नाकाम किया। विहार को इन हमलों से कोई क्षति नहीं पहुँची और पवित्र बोधि वृक्ष जहाँ माना जाता है कि गौतम बुद्ध को शिक्षा प्राप्त हुई थी को कोई नुकसान नहीं पहुँचा। चूँकि कुछ गिरफ्तारियाँ की गयी हैं लेकिन अब तक किसी भी संगठन अथवा समूह ने इन हमलो की जिम्मेदारी नहीं ली है। दलाई लामा से लेकर आंग सान सू की सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी निंदा की गयी है। .

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भारत के वैदेशिक सम्बन्ध

किसी भी देश की विदेश नीति इतिहास से गहरा सम्बन्ध रखती है। भारत की विदेश नीति भी इतिहास और स्वतन्त्रता आन्दोलन से सम्बन्ध रखती है। ऐतिहासिक विरासत के रूप में भारत की विदेश नीति आज उन अनेक तथ्यों को समेटे हुए है जो कभी भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन से उपजे थे। शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व व विश्वशान्ति का विचार हजारों वर्ष पुराने उस चिन्तन का परिणाम है जिसे महात्मा बुद्ध व महात्मा गांधी जैसे विचारकों ने प्रस्तुत किया था। इसी तरह भारत की विदेश नीति में उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद व रंगभेद की नीति का विरोध महान राष्ट्रीय आन्दोलन की उपज है। भारत के अधिकतर देशों के साथ औपचारिक राजनयिक सम्बन्ध हैं। जनसंख्या की दृष्टि से यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्रात्मक व्यवस्था वाला देश भी है और इसकी अर्थव्यवस्था विश्व की बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ रूसी राष्ट्रपति, 34वाँ जी-8 शिखर सम्मेलन प्राचीन काल में भी भारत के समस्त विश्व से व्यापारिक, सांस्कृतिक व धार्मिक सम्बन्ध रहे हैं। समय के साथ साथ भारत के कई भागों में कई अलग अलग राजा रहे, भारत का स्वरूप भी बदलता रहा किंतु वैश्विक तौर पर भारत के सम्बन्ध सदा बने रहे। सामरिक सम्बन्धों की बात की जाए तो भारत की विशेषता यही है कि वह कभी भी आक्रामक नहीं रहा। 1947 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने अधिकांश देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखा है। वैश्विक मंचों पर भारत सदा सक्रिय रहा है। 1990 के बाद आर्थिक तौर पर भी भारत ने विश्व को प्रभावित किया है। सामरिक तौर पर भारत ने अपनी शक्ति को बनाए रखा है और विश्व शान्ति में यथासंभव योगदान करता रहा है। पाकिस्तान व चीन के साथ भारत के संबंध कुछ तनावपूर्ण अवश्य हैं किन्तु रूस के साथ सामरिक संबंधों के अलावा, भारत का इजरायल और फ्रांस के साथ विस्तृत रक्षा संबंध है। भारत की विदेश नीति के निर्माण की अवस्था को निम्न प्रकार से समझा जा सकता हैः- .

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भारत २०१०

इन्हें भी देखें 2014 भारत 2014 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2014 साहित्य संगीत कला 2014 खेल जगत 2014 .

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भारत-चीन युद्ध

भारत-चीन युद्ध जो भारत चीन सीमा विवाद के रूप में भी जाना जाता है, चीन और भारत के बीच 1962 में हुआ एक युद्ध था। विवादित हिमालय सीमा युद्ध के लिए एक मुख्य बहाना था, लेकिन अन्य मुद्दों ने भी भूमिका निभाई। चीन में 1959 के तिब्बती विद्रोह के बाद जब भारत ने दलाई लामा को शरण दी तो भारत चीन सीमा पर हिंसक घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू हो गयी। भारत ने फॉरवर्ड नीति के तहत मैकमोहन रेखा से लगी सीमा पर अपनी सैनिक चौकियाँ रखी जो 1959 में चीनी प्रीमियर झोउ एनलाई के द्वारा घोषित वास्तविक नियंत्रण रेखा के पूर्वी भाग के उत्तर में थी। चीनी सेना ने 20 अक्टूबर 1962 को लद्दाख में और मैकमोहन रेखा के पार एक साथ हमले शुरू किये। चीनी सेना दोनों मोर्चे में भारतीय बलों पर उन्नत साबित हुई और पश्चिमी क्षेत्र में चुशूल में रेजांग-ला एवं पूर्व में तवांग पर अवैध कब्ज़ा कर लिया। चीन ने 20 नवम्बर 1962 को युद्ध विराम की घोषणा कर दी और साथ ही विवादित दो क्षेत्रों में से एक से अपनी वापसी की घोषणा भी की, हलाकिं अक्साई चिन से भारतीय पोस्ट और गश्ती दल हटा दिए गए थे, जो संघर्ष के अंत के बाद प्रत्यक्ष रूप से चीनी नियंत्रण में चला गया। भारत-चीन युद्ध कठोर परिस्थितियों में हुई लड़ाई के लिए उल्लेखनीय है। इस युद्ध में ज्यादातर लड़ाई 4250 मीटर (14,000 फीट) से अधिक ऊंचाई पर लड़ी गयी। इस प्रकार की परिस्थिति ने दोनों पक्षों के लिए रसद और अन्य लोजिस्टिक समस्याएँ प्रस्तुत की। इस युद्ध में चीनी और भारतीय दोनों पक्ष द्वारा नौसेना या वायु सेना का उपयोग नहीं किया गया था। .

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भारतीय मनोविज्ञान

भारतीय मनोविज्ञान भारत में अति प्राचीन काल से आज तक हुए मनोवैज्ञानिक अध्ययनों और अनुसंधानों का समग्र रूप है।'भारतीय' कहने से यही तात्पर्य है कि भारतीय संस्कृति की पृष्टभूमि में जिस मनोविज्ञान का विकास हुआ वह इस क्षेत्र में भारत का विशेष योगदान माना जा सकता है। .

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मसूरी

मसूरी भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक पर्वतीय नगर है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मसूरी उन स्थानों में से एक है जहाॅं लोग बार-बार आते जाते हैं। घूमने-फिरने के लिए जाने वाली प्रमुख जगहों में यह एक है। यह पर्वतीय पर्यटन स्थल हिमालय पर्वतमाला के शिवालिक श्रेणी में पड़ता है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। निकटवर्ती लैंढ़ौर कस्बा भी बार्लोगंज और झाड़ीपानी सहित वृहत या ग्रेटर मसूरी में आता है। इसकी औसत ऊंचाई समुद्र तल से 2005 मी.

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माईस्पेस

माईस्पेस एक सामाजिक नेटवर्किंग वेबसाइट है। इसका मुख्यालय बेवर्ली हिल्स, कैलिफोर्निया में है जहां यह अपने निकटतम मालिक न्यूज़ कॉर्प. डिजिटल मीडिया के साथ, जो न्यूज़ कॉर्पोरेशन के अधीन है, कार्यालय साझा करता है। माईस्पेस, जून 2006 में संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे लोकप्रिय सामाजिक नेटवर्किंग साइट बन गया। कॉमस्कोर के अनुसार, अद्वितीय आगंतुकों के मासिक आधार पर, माईस्पेस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसके मुख्य प्रतिद्वंद्वी फ़ेसबुक ने अप्रैल 2008 में पीछे छोड़ दिया.

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रिचर्ड गेयर

रिचर्ड टिफेनी गेयर (जन्म - 31 अगस्त,1949) एक अमेरिकी अभिनेता हैं। उन्होंने अपने अभिनय की शुरुआत 1970 के दशक में की और अमेरिकन जिगोलो ' नामक फ़िल्म में अपने किरदार से 1980 में वे प्रमुखता में आये, जिसने उन्हें एक अग्रणी अभिनेता और एक यौन प्रतीक के रूप में स्थापित किया। इसके बाद उन्होंने ऍन ऑफिसर एंड अ जेंटलमैन, प्रीटी वुमन, प्राइमल फियर तथा शिकागो आदि कई सफल फ़िल्मों में अभिनय किया, जिनके लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में एक गोल्डेन ग्लोब अवार्ड तथा साथ ही सर्वश्रेष्ठ कास्ट के हिस्से के रूप में स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्ड जीता.

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लामा

तिब्बत के बौध साधु या धर्म गुरु को लामा कहा जाता है। उनकी कई कोटियाँ होती है। नीचे से लेकर ऊपर तक जैसे दलाई लामा, पंचेन लामा, कर्मापा लामा आदि। .

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लोबसांग सांगेय

लोबसांग सांगेय (केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के प्रधानमंत्री हैं। तिब्बत की निर्वासित सरकार के दूसरे प्रधानमंत्री जिन्हें तिब्बत के राजनितिक एवं आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा करने के बाद प्रधानमंत्री के रूप में दुनिया भर में फैले तिब्बत के लोगों ने चुना। उन्होंने धर्मशाला में ८ अगस्त २०११ को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। वे लगातार दूसरी बार 27 अप्रैल, 2016 को केंद्रीय तिब्बत प्रशासन के चुनाव आयोग द्वारा तिब्बत चुनावों के अंतिम परिणामों की घोषणा के आधार पर तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री चुने गए। .

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शंकराचार्य

शंकराचार्य आम तौर पर अद्वैत परम्परा के मठों के मुखिया के लिये प्रयोग की जाने वाली उपाधि है। शंकराचार्य हिन्दू धर्म में सर्वोच्च धर्म गुरु का पद है जो कि बौद्ध धर्म में दलाईलामा एवं ईसाई धर्म में पोप के समकक्ष है। इस पद की परम्परा आदि गुरु शंकराचार्य ने आरम्भ की। यह उपाधि आदि शंकराचार्य, जो कि एक हिन्दू दार्शनिक एवं धर्मगुरु थे एवं जिन्हें हिन्दुत्व के सबसे महान प्रतिनिधियों में से एक के तौर पर जाना जाता है, के नाम पर है। उन्हें जगद्गुरु के तौर पर सम्मान प्राप्त है एक उपाधि जो कि पहले केवल भगवान कृष्ण को ही प्राप्त थी। उन्होंने सनातन धर्म की प्रतिष्ठा हेतु भारत के चार क्षेत्रों में चार मठ स्थापित किये तथा शंकराचार्य पद की स्थापना करके उन पर अपने चार प्रमुख शिष्यों को आसीन किया। तबसे इन चारों मठों में शंकराचार्य पद की परम्परा चली आ रही है। यह पद अत्यंत गौरवमयी माना जाता है। चार मठ निम्नलिखित हैं.

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शकीरा

शकीरा इसाबेल मेबारक रिपोल (जन्म - २ फ़रवरी १९७७), जो शकीरा नाम से प्रसिद्ध हैं, एक कोलंबियन गायिका-गीतकार, संगीतकार, रिकॉर्ड निर्माता, नृत्यांगना और लोकोपकारक हैं, जो लैटिन अमेरिका के संगीत परिदृश्य में १९९० के दशक में एक संगीत प्रतिभा के रूप में उभरी। बेरेंकिया, कोलम्बिया में जन्मी और बड़ी हुई शकीरा ने विद्यालय में ही अपनी कई प्रतिभाओं को प्रदर्शित किया जिनमे रॉक एंड रोल, लैटिन तथा अरब में गायन क्षमता और गर्भ-नृत्य (बेली डांस) शामिल हैं। शकीरा की मातृभाषा स्पेनिश है पर वह सहज अंग्रेजी और पुर्तगाली और इतालवी, फ्रेंच तथा कातालान भी बोल लेती है। वह अरब शास्त्रीय संगीत भी जानती हैं। स्थानीय निर्माताओं के साथ किए उनके पहले दो एल्बम असफल हुए। उस वक्त शकीरा कोलंबिया के बाहर मशहूर नहीं थी। उन्होंने अपने खुद के ब्रांड के संगीत का निर्माण करने का फैसला किया। १९९५ में उन्होने पीएस देस्काल्सोस एल्बम निकला जिसने उन्हे लैटिन अमेरिका और स्पेन में खूब प्रसिद्धि दिलायी। १९९८ में उन्होंने ¿दोंदे एस्तन लोस लाद्रोनेस? (स्पेन: Dónde Están los Ladrones?) नामक एल्बम निकाला जिसके दुनिया भर में ७० लाख से अधिक प्रतियां बिकीं और उन्हे एक महत्वपूर्ण सफलता दिलाई। सन् २००१ में अपने संगीत वीडियो "व्हेनेवर, व्हेरेवर" (अनुवाद: जब भी, जहाँ भी) के जबर्दस्त सफलता के साथ, उन्होंने अपने एल्बम लांड्री सर्विस (अनुवाद: धुलाई - सेवा) से अंग्रेजी-बोलने वाली दुनिया में कदम रखा और दुनिया भर में १.३ करोड़ से अधिक प्रतियां बिकीं।, BMI.com चार साल बाद शकीरा ने दो एल्बम परियोजनाओं,ओरल फिक्सेशन खंड १ और ओरल फिक्सेशन खंड २ को जारी किया। दोनों ने उनकी सफलता को बल दिया विशेषतः २१वीं सदी का सबसे सफल गीत "हिप्स डोंट लाय"। अक्टूबर-नवम्बर 2009 के बाद शकीरा ने अपना नवीनतम एल्बम "शी वूल्फ " दुनिया भर में जारी किया। उन्होंने दो ग्रैमी पुरस्कार, सात लैटिनग्रैमी पुरस्कार जीते हैं और वह गोल्डन ग्लोब पुरस्कार के लिए भी नामांकित की गयी हैं। वह आज तक की सर्वाधिक-बिक्री वाली कोलंबियाई कलाकार और ग्लोरिया स्टेफान से पीछे दूसरी सबसे सफल लैटिन गायिका है, जिनके ५० मिलियन से अधिक एल्बम दुनिया भर में बिक चुके हैं। इसके अतिरिक्त वह दक्षिण अमेरिका की एकमात्र कलाकार है जो अमेरीकी बिलबोर्ड हॉट 100, ऑस्ट्रेलियाई ARIA चार्ट और ब्रिटेन सिंगल चार्ट में पहले स्थान तक पहुंच चुकी है। शकीरा का मशहूर गाना "वाका वाका"२०१० फुटबॉल विश्व कप के अधिकृत गाने के रूप में चुना गया था। शकीरा को हॉलीवुड वॉक ऑफ फेम में एक स्टार मिला है। .

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शेरोन स्टोन

शेरोन य्वोन स्टोन (जन्म - 10 मार्च 1958) एक अमेरिकी अभिनेत्री, फिल्म निर्माता और पूर्व फैशन मॉडल है। एक कामुक रोमांचक फिल्म, बेसिक इंस्टिंक्ट में अपने प्रदर्शन के लिए उसने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की.

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हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश (अंग्रेज़ी: Himachal Pradesh, उच्चारण) उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। यह 21,629 मील² (56019 किमी²) से अधिक क्षेत्र में फ़ैला है तथा उत्तर में जम्मू कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में पंजाब (भारत), दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है। हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ "बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत" है। हिमाचल प्रदेश को "देव भूमि" भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार के हाथ में आ गया। सन 1857 तक यह महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य (पंजाब हिल्स के सीबा राज्य को छोड़कर) का हिस्सा था। सन 1950 मे इसे केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया, लेकिन 1971 मे इसे, हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971 के अन्तर्गत इसे 25 january 1971 को भारत का अठारहवाँ राज्य बनाया गया। हिमाचल प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय भारत के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में अधिक है । बारहमासी नदियों की बहुतायत के कारण, हिमाचल अन्य राज्यों को पनबिजली बेचता है जिनमे प्रमुख हैं दिल्ली, पंजाब (भारत) और राजस्थान। राज्य की अर्थव्यवस्था तीन प्रमुख कारकों पर निर्भर करती है जो हैं, पनबिजली, पर्यटन और कृषि। हिंदु राज्य की जनसंख्या का 95% हैं और प्रमुख समुदायों मे ब्राह्मण, राजपूत, घिर्थ (चौधरी), गद्दी, कन्नेत, राठी और कोली शामिल हैं। ट्रान्सपरेन्सी इंटरनैशनल के 2005 के सर्वेक्षण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश देश में केरल के बाद दूसरी सबसे कम भ्रष्ट राज्य है। .

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हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम

हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम (Himachal Pradesh Cricket Association Stadium) जिसे एचपीसीए क्रिकेट स्टेडियम के संक्षिप्त नाम से जाना जाता है यह एक क्रिकेट स्टेडियम है जो भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला क्षेत्र में स्थित है। धर्मशाला तिब्बत के दलाई लामा के कारण जाना जाता है। यहाँ पर पहला वनडे मैच २७ जनवरी २०१३ को भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था जबकि पहला ट्वेन्टी-ट्वेन्टी मुकाबला २ अक्तूबर २०१५ को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया था। .

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ह्वेन त्सांग

ह्वेन त्सांग का एक चित्र ह्वेन त्सांग एक प्रसिद्ध चीनी बौद्ध भिक्षु था। वह हर्षवर्द्धन के शासन काल में भारत आया था। वह भारत में 15 वर्षों तक रहा। उसने अपनी पुस्तक सी-यू-की में अपनी यात्रा तथा तत्कालीन भारत का विवरण दिया है। उसके वर्णनों से हर्षकालीन भारत की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक अवस्था का परिचय मिलता है। .

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हैरिसन फोर्ड

हैरिसन फोर्ड (13 जुलाई 1942 को जन्मे) एक अमेरिकी फिल्म अभिनेता और निर्माता हैं.

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हेनरिश हारा

हेनरिश हारा (1912-2006) एक आस्ट्रियाई पर्वतारोही और लेखक थे जिनको तिब्बत में बिताए 7 सालों के लिये जाना जाता है। उस समय नंगा पर्वत को सबसे मुश्किल पर्वत समझा जाता था। इसकी चढ़ाई करते समय उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा पकड़ लिया गया क्योंकि द्वितीय विश्वयुद्ध शुरु हो चुका था और जर्मनी (और उसके कब्जे वाला ऑस्ट्रिया) ब्रिटेन के विरुद्ध लड़ रहे थे। वहाँ से तिब्बत भागने के बाद वो 7 सालों तक तिब्बत में रहा - इस दौरान वहाँ पर उनकी मुलाकात और संपर्क चौदहवें दलाई लामा से भी हुआ जो उस समय किशोरवय थे । .

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जेफरी हॉप्किन्स

जेफरी हॉप्किन्स (Jeffrey Hopkins; जन्म 1940) अमेरिकी तिब्बतविद् हैं। उन्होने वर्जीनिया विश्वविद्यालय के तिब्बती एवं बौद्ध अध्ययन विभाग में वर्ष १९७३ से आरम्भ करके तीन से अधिक दशक तक शिक्षण कार्य किया। उन्होने तिब्बती बौद्ध धर्म से सम्बन्धित २५ से भी अधिक पुस्तकों की रचना की है जिनमें से शून्यता पर ध्यान (Meditation on Emptiness) अत्यन्त प्रसिद्ध है। वर्ष 1979 से 1989 तक वे अंग्रेजी के लिये दलाई लामा के मुख्य अनुवादक (इन्टरप्रीटर) थे। उन्होने तिब्बत मुक्ति आन्दोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। .

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जॉन मेयर

जॉन क्लेटॉन मेयर (जिनका जन्म 16 अक्टूबर 1977 को हुआ था) एक अमेरिकी संगीतज्ञ है। ये कन्नेकटिकट के ब्रिजपोर्ट में पले बढ़े और बोस्टन के बर्कली कॉलेज ऑफ़ म्युज़िक में संगीत की शिक्षा पाई.

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विल्नुस विश्वविद्यालय का पुस्तकालय

श्रेणी:पुस्तकालय विल्नुस विश्वविद्यालय का पुस्तकालय (VUB) - सब से पुराना पुस्तकालय लिथुआनिया में है। वह जेशूइट के द्वारा स्थापित किया गया था। पुस्तकालय विल्नुस विश्वविद्यालय से पुराना है - पुस्तकालय १५७० में और विश्वविद्यालय १५७९ में स्थापित किया गया था। कहने तो लायक है कि अभी तक पुस्तकालय समान निर्माण में रहा है।पहले पुस्तकालय वर्तमान भाषाशास्त्र (फ़िलोलोजी) के वाचनालय में रहा था। आज पुस्तकालय में लगभग ५४ लाख दस्तावेज रखे हैं। ताक़ों की लम्बाई - १६६ किलोमीटर ।अभी पुस्तकालय के २९ हज़ार प्रयोक्ते हैं। १७५३ में यहाँ लिथुआनिया की प्रथम वेधशाला स्थापित की गयी थी। प्रतिवर्ष विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में बहुत पर्यटक आते हैं - न केवल लिथुआनिया से बल्कि भारत, स्पेन, चीन, अमरीका से, वगैरह। विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में प्रसिद्ध व्यक्तित्व भी आते हैं। उदाहरण के लिये - राष्ट्रपति, पोप, दलाई लामा, वगैरह। विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का सदर मकान उनिवेर्सितेतो ३ में, राष्ट्रपति भवन के पास स्थापित किया गया है। यहाँ १३ वाचनालय और ३ समूहों के कमरे हैं। दूसरे विल्नुस के स्थानों में अन्य पुस्तकालय के भाग मिलते हैं। .

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खनपो जिगमेद फुनछोगस्

खनपो जिगमेद फुनछोगस् (तिब्बती: འཇིགས་མེད་ཕུན་ཚོགས་འབྱུང་གནས།, Wylie: 'jig med phun tshogs 'byung gnas; 1933-2004) एक ञिङमा लामा से Sertha के Amdo(dhomay)। उनके परिवार के थे खानाबदोशहै। दो साल की उम्र में उन्होंने पहचान की थी के रूप में पुनर्जन्म के Terton Sogyal, Lerab Lingpa (1852-1926)। उन्होंने अध्ययन Dzogchen पर Nubzor मठ, प्राप्त नौसिखिया समन्वय 14 पर और पूरा समन्वय पर 22 या (1955)। खेनपो जिग्मे Phuntsok था सबसे प्रभावशाली लामा की ञिङमा परंपरा के तिब्बती बौद्ध धर्म में समकालीन तिब्बत (अनुसार करने के लिए खेनपो Samdup था, जो अपने शिष्य)। एक तिब्बती बौद्ध ध्यान गुरु और प्रसिद्ध शिक्षक के महान पूर्णता (Dzogchen), वह की स्थापना की Sertha बौद्ध संस्थान, 1980 में स्थानीय रूप से जाना जाता है के रूप में Larung Gar, एक गैर सांप्रदायिक अध्ययन केंद्र के साथ लगभग 10,000 भिक्षुओं, नन, और रखना, छात्रों को अपने उच्चतम पर भरोसा है। वह खेला एक महत्वपूर्ण भूमिका में सशक्त शिक्षण तिब्बती बौद्ध धर्म के बाद के उदारीकरण के धार्मिक अभ्यास 1980 में.

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गेलुगपा

कालचक्र मंत्र गेलुग या गेलुगपा एक बौद्ध सम्प्रदाय है। .

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आदमपुर

आदमपुर (ਆਦਮਪੁਰ, Adampur.) भारतीय राज्य पंजाब के जालंधर ज़िले का एक शहर है। जिसका पिनकोड १४४१०२ है। यहाँ भारतीय वायु सेना का एयर फ़ोर्स स्टेशन भी है जिसका नाम आदमपुर एयर फ़ोर्स बेस है। .

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आदरसूचक

आदरसूचक (honorific) ऐसा शब्द या वाक्यांश होता है जो किसी के लिए प्रयोग करने से उसके लिए इज़्ज़त या सम्मान की भावना प्रकट करता है। हिन्दी, उर्दू, पंजाबी और अन्य हिन्द-आर्य भाषाओं के 'जी' ('मौलवी जी'), 'साहब' ('डॉक्टर साहब') और 'जान' ('भाई जान') शब्द इसके उदाहरण हैं। कभी-कभी यह शब्द सम्मानित वस्तुओं के लिए भी प्रयोग होते हैं, मसलन सिख सांगत को सामूहिक रूप से 'ख़ालसा जी' और लंका के देश को 'श्रीलंका' कहा जाता है। कुछ आदरसूचक पूरे नाम के स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं। उदाहरण के लिए 'हाँ, शुक्ल जी' के स्थान पर 'जी हाँ, साहब' या केवल 'जी, साहब' या 'हाँ जी' कहा जा सकता है।, Pingali Sailaja, pp.

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कमलिनी मुखर्जी

कमलिनी मुखर्जी (जन्म 4 मार्च 1980) एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री हैं। वे कमलिनि मुखर्जी के नाम से भी जानी जाती हैं। मुख्य रूप से तेलुगु फिल्मों में काम करने के अतिरिक्त उन्होंने तमिल, मलयालम, हिंदी और कन्नड़ भाषा की कुछ फिल्मों में भी अभिनय किया है। अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने थियेटर में अपनी मजबूत पृष्ठभूमि के चलते मुंबई में इसकी एक कार्यशाला को पूर्ण किया। उन्होंने अपनी एक्टिंग की शुरुआत फिर मिलेंगे (2004) नामक फिल्म से की जो एड्स विषय पर आधारित थी। उन्हें बहु-पुरस्कार विजेता फिल्म आनंद से प्रसिद्धि प्राप्त हुई। .

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किन्नौर जिला

पौराणिक किन्नौरों की भूमि किन्नौर हिमाचल प्रदेश के उत्तर पूर्व में स्थित एक जिला है। किन्नौर जिले का मुख्याल्य रिकांग पिओ है। ऊंचे-ऊंचे पहाडों और हरे-भरे पेडों से घिरा यह क्षेत्र ऊपरी, मध्य और निचले किन्नौर के भागों में बंटा हुआ है। यहां पहुंचने का मार्ग दुर्गम होने के कारण यह क्षेत्र बहुत लंबे समय तक पर्यटकों से अछूता रहा है, लेकिन अब साहसिक और रोमांचप्रिय पर्यटक यहां बडी संख्या में आने लगे हैं। प्राकृतिक द्श्यावली से भरपूर इस ज़िले की सीमा तिब्बत से सटी हुई है, जो इसे सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाती है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग २५० किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग २२ पर यह नगर स्थित है। पहाडों और जंगलों के बीच कलकल ध्वनि से बहती सतलुज और स्पीति नदियों का संगीत यहां की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। स्पीति नदी आगे चलकर खाब में सतलुज से मिल जाती है। विश्व की विशालतम जन्सकार और महान हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के आकर्षक दृश्य यहां से देखे जा सकते हैं। .

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केन्द्रीय तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय

केन्द्रीय तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय (तिब्बती: ཝ་ཎ་མཐོ་སློབ, Wylie: वा ना म्थो स्लोब / Central University for Tibetan Studies (CUTS)) भारत का स्ववित्तपोषित विश्वविद्यालय है। यह उत्तर प्रदेश में वाराणसी के निकट सारनाथ में स्थित है। यह पूरे भारत में अपने ढंग का एकमेव विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1967 में हुई थी। उस समय इसका नाम 'केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान' (Central Institute of Higher Tibetan Studies) था। बिखरे हुए तथा भारत के हिमालयीय सीमा प्रदेशों मे रहनेवाले तथा धर्म, संस्कृति, भाषा आदि के संबंध में तिब्बत से जुड़े युवाओं को शिक्षित करने के उद्देश्य से ऐसे विश्वविद्यालय की परिकल्पना सर्वप्रथम जवाहरलाल नेहरू और तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के बीच हुए एक संवाद से साकार हुई। ‘केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान’ नाम से संबोधित यह संस्थान शुरू में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की शाखा के रूप में कार्य करता था और बाद में 1977 में वह भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वशासित संगठन के रूप में उभरा। .

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की गोम्पा

की गोम्पा (की मठ, की मोनेस्ट्री अंग्रेजी:KYE) हिमाचल प्रदेश की लाहौल स्पीति जिले में काजा से 12 किलोमीटर की दूरी पर है।http://hplahaulspiti.nic.in/SpitiTouristPlaces.htm#KYE इस मठ की स्‍थापना 13वीं शताब्‍दी में हुई थी। यह स्‍पीती क्षेत्र का सबसे बड़ा मठ है। यह मठ दूर से लेह में स्थित थिकसे मठ जैसा लगता है। यह मठ समुद्र तल से 13504 फीट की ऊंचाई पर एक शंक्‍वाकार चट्टान पर निर्मित है। स्‍थानीय लोगों का मानना है कि इसे रिंगछेन संगपो ने बनवाया था। यह मठ महायान बौद्ध के जेलूपा संप्रदाय से संबंधित है। इस मठ पर 19वीं शताब्‍दी में सिखों तथा डोगरा राजाओं ने आक्रमण भी किया था। इसके अलावा यह 1975 ई. में आए भूकम्‍प में भी सुरक्षित रहा। इस मठ में कुछ प्राचीन हस्‍तलिपियों तथा थंगकस का संग्रह है। इसके अलावा यहां कुछ हथियार भी रखे हुए हैं। यहां प्रत्‍येक वर्ष जून-जुलाई महीने में 'चाम उत्‍सव' मनाया जाता है। सन् २००० के कालचक्र अभिषेक का आयोजन इस मठ में किया गया था जिसमें स्वयं दलाई लामा द्वारा पूजा अर्चना की गई। .

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अम्दो

अम्दो (तिब्बती: ཨ༌མདོ, अंग्रेज़ी: Amdo) तिब्बत के तीन पारम्परिक प्रान्तों में से एक है, जिन्हे तिब्बती भाषा में तिब्बत के तीन 'चोलका' कहा जाता है। अन्य दो प्रान्त खम और इउ-त्संग हैं।, Ashild Kolas, Monika P Thowsen, pp.

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अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश ('अरुणांचल' नहीं) भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। अरुणाचल का अर्थ हिन्दी मे "उगते सूर्य का पर्वत" है (अरूण + अचल; 'अचल' का अर्थ 'न चलने वाला' .

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अशिक्षा

अशिक्षा शब्द का अर्थ शिक्षा रहित होना है। .

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अहिंसा पुरस्कार

अहिंसा पुरस्कार उन व्यक्तियों की पहचान के लिए जैनोलॉजी संस्थान द्वारा दिया गया एक वार्षिक पुरस्कार है जो अहिंसा के सिद्धांतों को सन्निहित करते हैं और बढ़ावा देते हैं। यह 2006 में स्थापित किया गया था और तब से 2 अक्टूबर को, महात्मा गांधी की जयंती के दिन, "अहिंसा दिवस" कार्यक्रम में प्रदान किया जाता था। यह जैनोलॉजी संस्थान के निदेशकों द्वारा दिया जाता है, जो कि ब्रिटेन में स्थित जैन धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाला एक अन्तरराष्ट्रीय संगठन है। .

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१५ सितम्बर

15 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 258वॉ (लीप वर्ष में 259 वॉ) दिन है। साल में अभी और 107 दिन बाकी है। .

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१९५९ का तिब्बती विद्रोह

१० मार्च १९५९ को तिब्बत पर चीन के अधिकार के विरुद्ध तिब्बत की राजधानी ल्हासा में एक विद्रोह शुरु हुआ जिसे तिब्बती विद्रोह कहा जाता है। ध्यातव्य है कि १९५१ में १७ बिन्दु समझौते के द्वारा चीन ने तिब्बत का नियंत्रण अपने हाथ में कर लिया था। यद्यपि १४वें दलाई लामा सन १९५९ में तिब्बत से बाहर निकले, किन्तु खाम और अम्बो क्षेत्रों में तिब्बती विद्रोहियों और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष १९५६ से ही शुरू हो गया था। यह छापामार युद्ध १९६२ तक चला जिसे चीन ने अत्यन्त नृशंश तरीके के दमन द्वारा दबा दिया। १० मार्च को निर्वासित तिब्बती लोग तिब्बती विद्रोह दिवस के रूप में मनाते हैं। .

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२०११

वर्ष २०११ शनिवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। .

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३ अक्तूबर

3 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 276वॉ (लीप वर्ष मे 277 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 89 दिन बाकी है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

14 वें दलाई लामा, दलाई लामा, दलाईलामा, १४वें दलाई लामा

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