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तमग़ा

सूची तमग़ा

तातारों का पारम्परिक तमग़ा भारत के कुषाण सम्राट कनिष्क का तमग़ा तमग़ा (मंगोल: Тамга, अंग्रेजी: Tamgha) मध्य एशिया, मंगोलिया और उसके आसपास के इलाक़ों में बसने वाले प्राचीन ख़ानाबदोश क़बीलों की संस्कृति में विशेष मोहरों और चिह्नों को कहा जाता था। यही शब्द इन लोगों से सम्पर्क रखने वाली बहुत सी अन्य संस्कृतियों में प्रवेश कर गया, जिनमें भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, तुर्की और कुछ अन्य देश शामिल हैं। हिन्दी में 'तमग़ा' शब्द का मतलब प्रमाण के रूप में दिए जाने वाले किसी भी विशेष चिह्न के लिए प्रयोग होता है, मसलन खेल में जीतने पर प्रमाण के रूप में मिलने वाले पदक (मेडल) को अक्सर 'तमग़ा' कहा जाता है। पारम्परिक रूप से सरकारी शुल्क अदा करने पर या अन्य सरकारी दस्तावेज़ों पर लगने वाली मोहर को भी उत्तर भारत में 'तमग़ा' कहा जाता था।, John Shakespear, Parbury, Allen & Co, 1834,...

1 संबंध: इसिक कुल प्रांत

इसिक कुल प्रांत

सूर्यास्त के वक़्त इसिक कुल झील इसिक कुल प्रांत (किरगिज़: Ысык-Көл областы, अंग्रेज़ी: Issyk Kul Province) मध्य एशिया के किर्गिज़स्तान देश का पूर्वतम प्रांत है। इस प्रांत राजधानी काराकोल शहर है। इसिक कुल प्रांत का नाम प्रसिद्ध इसिक कुल झील पर पड़ा है। इस प्रांत की सीमाएँ काज़ाख़स्तान से और चीन के शिनजियांग प्रांत से लगती हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

तमग़े, तमगा, तम्गा

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