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ढाका विश्वविद्यालय

सूची ढाका विश्वविद्यालय

ढाका विश्वविद्यालय (बांग्ला: ঢাকা বিশ্ববিদ্যালয় ढाका बिश्शोबिद्दॅलॉय्) बांग्लादेश का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय ढाका में स्थित है। यह बांग्लादेश का प्राचीनतम विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना 1921 में हुई थी। .

22 संबंधों: ताजुद्दीन अहमद, फ़ख़रुद्दीन अहमद, बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय, बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण की सूची, मशीहुर रहमान, मोहम्मद हबीबुर्रहमान, रमेशचन्द्र मजुमदार, राममनोहर लोहिया, रूद्र मोहम्मद शहिदुल्लाह, लीला नाग, शेख रज्जाक अली, सत्येन्द्रनाथ बोस, सोनारगाँव, हुमायुन आजाद, ज्ञानचन्द्र घोष, काज़ी नज़रुल इस्लाम, काजी जफर अहमद, अताउर रहमान खान, अबुल फ़ज़ल मोहम्मद अहसानुद्दीन चौधरी, अब्दुर्रहमान बिस्वास, अमर्त्य सेन, अशोक मित्र

ताजुद्दीन अहमद

ताजुद्दीन अहमद, (बांग्ला: তাজউদ্দীন আহমদ) (जुलाई 23, 1925 – नवंबर 3, 1975) एक बांग्लादेशी राजनयिक और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने बांग्लादेश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में युद्धकालीन अंतरिम सरकार का मुक्ति युद्ध में निर्णायक नेतृत्व किया था। उन्हें बांग्लादेश के जन्म एवं स्वतंत्रता के सबसे प्रभावशाली, निर्णायक एवं सूत्रधारी शख़्सियतों में गिना जाता है। 1971 में अंतरिम सरकार के उनके नेतृत्व नें बांग्लादेशी राष्ट्रवादियों के विभिन्न राजनीतिक, सामरिक, जातिगत एवं सांस्कृतिक खेमों को एकजुट कर दिया था। .

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फ़ख़रुद्दीन अहमद

फकरुद्दीन अहमद, (बांग्ला:ফাকরুদ্দীন আহমেদ, जन्म 1 मई 1940) एक बांग्लादेशी अर्थशास्त्री, नौकरशाह और बांग्लादेश बैंक (बांग्लादेश का केंद्रीय बैंक) के गवर्नर थे। 12 जनवरी 2007 को उन्हें, राजनीतिक संकट के बीच, निष्पक्ष अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था। वे इस पद पर तकरीबन 2 वर्ष तक विराजमान रहे, जोकि साधारण कार्यकाल से कहीं अधिक है। तत्पश्चात 29 दिसंबर 2008 को साधारण चुनाव घोषित किए गए और अवामी लीग सत्ता पर काबिज हुई। .

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बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय

बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय(बंगला: বাংলাদেশ সুপ্রীম কোর্ট, बांलादेश सूप्रीम कोर्ट), गणप्रजातंत्री बांग्लादेश की सर्वोच्च अदालत है और बांग्लादेश की न्यायिक व्यवस्था का शीर्षतम् निकाय है और देश की न्यायिक क्रम का शिखर बिंदू है। यह कानूनी और संवैधानिक मामलों में फैसला करने वाली अंतिम मध्यस्थ भी है। संविधान की धारा १०० के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय का आसन, राजधानी ढाका में अवस्थित है। इसे बांग्लादेश के संविधान की षष्ठम् भाग के चतुर्थ पाठ के द्वारा स्थापित किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान को कई संवैधानिक व न्यायिक विकल्प प्राप्त होते हैं, जिनकी व्याख्या बांग्लादेश के संविधान में की गई है। इस संसथान के दो "विभाग" है: अपीलीय विभाग और उच्च न्यायलय विभाग, तथा यह बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश व अपीलीय विभाग व उच्च न्यायालय विभाग के न्यायाधीशों का भी स्थायी कार्यालय की भी मेज़बानी भी करता है। अप्रैल 2018 की स्थिति अनुसार, अपीलीय विभाग में 4 और उच्च न्यायालय विभाग में 80 न्यायाधीश हैं, जिनमें 80 स्थायी हैं। इस न्यायालय को सामान्य बोलचाल में अक्सर हाई कोर्ट भी कहा जाता है, क्योंकि स्वतंत्रता पूर्व, अर्थात् १९७१ से पहले तक, इस भवन में पूर्वी पाकिस्तान की उच्च न्यायालय वास करती थी। .

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बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण की सूची

बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय में, मुख्य न्यायाधीश अवं अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति, प्रधानमंत्री की अनिवार्यात्मक सलाह पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति द्वारा होती है। सर्वोच्च न्यायालय के उच्च न्यायालय विभाग में जज के रूप में नियुक्ति का प्रवेशद्वार है, एडिशनल जज का पद, जिन्हें, सर्वोच्च न्यायालय की विधिज्ञ परिषद् के अधिवक्ताओं में से अनुच्छेद ९५ के आधार पर दो वर्ष की अवधी के लिए नियुक्त किया जाता है। इस कालावधि के समापन के पश्चात्, मुख्य न्यायाधीश के सिफारिश पर, एक अस्थायी जज को स्थायी रूप से राष्ट्रपति द्वारा अनुछेद ९५ के प्रावधानों के अंतर्गत नियुक्त कर दिया जाता है। ऐसे नियुक्तियों की वर्त्तमान अनुपात, ८:२ है, अर्थात्, ८०% न्यायाधीश, स्थायी होते है, जबकि २०% अस्थायी होते हैं। अपीलीय विभाग के न्यायाधीशों को भी कथित अनुछेद के प्रावधानों के तहत ही नियुक्त किया जाता है। अनुछेद १४८ के प्रावधानों के अनुसार यह सारी नियुक्तियाँ शपथ-ग्रहण की तिथि से प्रभाव में आतें हैं। बांग्लादेश का संविधान  सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण १३वि संशोधन अधिनियम, २००४ के प्रभाव में आने के बाद से, ६७ वर्ष की आयु तक पदस्थ रहते हैं। तथा, विधिनुसार, प्रत्येक सेवानिवृत न्यायाधीश, गणराज्य के सेवा में किसी भी न्यायिक या अर्धन्यायिक लाभकारी पद या मुख्य सलाहकार या सलाहकार के पद की सेवा करने से अक्षम करार है। तथा न्यायाधीशों को सेवाकाल के बीच निलंबन से प्रतिरक्षा निहित की गयी है। न्यायाधीश को केवल अनुछेद ९६ के अनुसार, सर्वोच्च न्यायिक परिषद् द्वारा सुनवाई के बाद ही निलंबित किया जा सकता है। सर्वोच्च न्यायिक परिषद्, मुख्य न्यायाधीश तथा दो अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा रचित होता है। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार सिन्हा बिष्णुप्रिय मणिपुरी सोसायटी या बांग्लादेश में किसी भी अल्पसंख्यक जातीय समूहों से नियुक्त पहली न्याय है। न्यायमूर्ति भावनी प्रसाद सिन्हा को एक ही समुदाय से भी है। मैडम न्यायमूर्ति नाज़मन आरा सुल्ताना पहले कभी महिला न्याय है, और मैडम जस्टिस कृष्णा देबनाथ बांग्लादेश की पहली महिला हिंदू न्याय है। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में छह महिला न्यायाधीशों रहे हैं। .

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मशीहुर रहमान

महीशुर रहमान, (19241979) बांग्लादेश के एक वरिष्ठ मंत्री थे, जिनपर रेलमार्ग, सड़कों और राजमार्गों का प्रभार था। पद व औदे की हैसियत से वे 29 जून 1978 से 12 मार्च 1979 के बीच प्रधानमंत्री की हैसियत रखते थे। वे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना में निर्णायक थे। बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के पद को, शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या के कारणवश 15 अगस्त 1975 से बर्खास्त कर दिया गया था। जियाउर रहमान के राष्ट्रपति बनने के पश्चात, एक मंत्रित्वीय व्यवस्था को पुनर्स्थापित किया गया, और जून 1978 से उन्होंने बतौर मुख्य मंत्री/वरिष्ठ मंत्री कार्य किया। उनको प्रधानमंत्री बनने की बात थी, परंतु 12 मार्च 1979 को उनकी अकाल मृत्यु के कारण शाह अजीजुर रहमान को 15 अप्रैल 1979 को बांग्लादेश का प्रधानमंत्री बना दिया गया। .

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मोहम्मद हबीबुर्रहमान

मोहम्मद हबीबुर्रहमान (बांग्ला: মুহাম্মদ হাবিবুর রহমান‎; 3 दिसंबर 1928 – 11 जनवरी 2014) 1995 में बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश थे। साथ ही वे 1996 की सामयिक सरकार के मुख्य सलाहकार भी थे, जिसने, सप्तम संसदीय चुनाव के निगरानी की थी। .

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रमेशचन्द्र मजुमदार

रमेशचन्द्र मजुमदार अध्यापक रमेशचन्द्र मजुमदार (१८८८- १९८०) भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार थे। वे प्रायः 'आर सी मजुमदार' नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं। उन्होने ने प्राचीन भारत के इतिहास पर बहुत कार्य किया। उन्होने भारत की स्वाधीनता के इतिहास पर भी बहुत कुछ लिखा है। 1921 में वे ढाका विश्वविद्यालय में प्रोफेसर नियुक्त हुए। १९३६ से १९४२ तक वे इस विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहे। १९५० में वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के भारतविद्या महाविद्यालय के रेक्टर रहे। उन्होने शिकागो विश्वविद्यालय में भी शिक्षण कार्य किया। यूनेस्को के मानव इतिहास कमीशन के उपाध्यक्ष रहे। रामकृष्ण परमहंस तथा स्वामी विवेकानन्द के वे बड़े प्रशंसक थे। .

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राममनोहर लोहिया

डॉ॰ राममनोहर लोहिया डॉ॰ राममनोहर लोहिया (जन्म - मार्च २३, इ.स. १९१० - मृत्यु - १२ अक्टूबर, इ.स. १९६७) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानी, प्रखर चिन्तक तथा समाजवादी राजनेता थे। .

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रूद्र मोहम्मद शहिदुल्लाह

रूद्र मोहम्मद शहिदुल्लाह (बंगाली: রুদ্র মুহম্মদ শহীদুল্লাহ) एक बंगाली कवि थे। जिनका जन्म 16 अक्टूबर 1956 को हुआ था। 21 जून 1991 में नशीली दवाओं के सेवन के कारण इनका स्वास्थ्य बिगड़ गया और मौत हो गई। इनकी याद में रुद्र स्मृति संसद हर वर्ष रुद्र मेला नाम से वार्षिक मेले का आयोजन करता है। .

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लीला नाग

लीला नाग (जन्म: 2 अक्टूबर, 1900, मृत्यु:11 जून, 1970)সংসদ বাঙালি চরিতাভিধান, সম্পাদনাঃ সুবোধচন্দ্র সেনগুপ্ত এবং অঞ্জলি বসু, ১ম খণ্ড, সংশোধিত পঞ্চম সংস্করণ, সাহিত্য সংসদ, ২০১০, কলকাতা (शादी के बाद, नाम है लीला रॉय), एक बंगाली पत्रकार, ghitis और राजनीतिक आंदोलन में सक्रिय व्यक्ति था। उन्होंने कहा, ढाका विश्वविद्यालय में पहली बार छात्र था। লীলা নাগ, সোনিয়া আমিন, বাংলাপিডিয়া, সংস্করণ 2.0.0 (সিডি সংস্করণ), কর্তৃক প্রকাশিত। वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहायक था। .

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शेख रज्जाक अली

शेख रज्जाक अली (28 अगस्त 1928 – 7 जून 2015)एक बांग्लादेशी राजनेता, उप कानून मंत्री और बांग्लादेशी संसद के उपाध्यक्ष व दो बार के अध्यक्ष थे। 7 जून 2015 को उनका निधन हो गया। उनका जन्म, 1928 में खुलना जिला के पाईकगाछा के हितमपुर गाँव में हुआ था। और उन्होंने ढाका विश्वविद्यालय से 1952 मे अर्थशास्त्र में एॅमए की डिगरी प्राप्त की और बाद में उसी विश्वविद्यालय से बंगाली साहित्य में एॅमए भी किया, और फिर वहीं से एॅलएॅलबी भी 1954 में किया। उन्होंने बांग्लादेशी स्वतंत्रता संग्राम में रकृय भागीदारी दीथी। और 1952 के भाषा आंदोलन, 1969 के जन आंदोलन और 1971 की बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में जम कर हिस्सा लिया था। साथ ही 1982-90 के एकतंत्र के खिलाफ आंदोलन मेंभी वे सक्रिय थे। .

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सत्येन्द्रनाथ बोस

सत्येन्द्रनाथ बोस (१ जनवरी १८९४ - ४ फ़रवरी १९७४) भारतीय गणितज्ञ और भौतिक शास्त्री हैं। भौतिक शास्त्र में दो प्रकार के अणु माने जाते हैं - बोसान और फर्मियान। इनमे से बोसान सत्येन्द्र नाथ बोस के नाम पर ही हैं। .

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सोनारगाँव

बड़ा सरदार बरी के खण्डहर, यह सोनारगाँव में एक भवन है। सोनारगाँव बंगाल में इसा खान के साम्राज्य की प्राचीन राजधानी है। यह वर्तमान नगर नारायणगंज, बांग्लादेश में स्थित है। महान मुस्लिम यात्री इब्न बतूता १४वीं सदी में यहाँ आया था। यह शेर शाह सूरी मार्ग का पूर्वी छोर है, जिसे शेर शाह सूरी द्वरा १६वीं सदी में बनवाया गया था और २,५०० किमी लम्बा यह मार्ग उत्तर भारत से होते हुए पाकिस्तान के उत्तर-पूर्वी सीमान्त प्रदेश के पेशावर में समाप्त होता है। .

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हुमायुन आजाद

हुमायुन आजाद (२८ अप्रैल १९४७ - ११ अगस्त २००४) (बांग्ला: হুমায়ুন আজাদ) बांग्लादेश के ढाका शहर में जन्मे एक प्रख्यात उपन्यासकार, कवि एवम आलोचक थे। उन्होने सत्तर से भी ज्यादा किताबें लिखीं जिसमें अधिकतर बांग्लादेश के रूढीवादी समाज, धर्म और सैन्य-शासन के खिलाफ हैं। तसलीमा नसरीन को बांग्लादेश ने केवल देश-निकाला करके बाहर भेज दिया था, परन्तु हुमायुन आजादको पहले धमकियों और बाद में कातिलाना हमलों का शिकार होना पड़ा। आखिरकार २७ अप्रैल २००४ को हुए एक खूनी हमले में वे बुरी तरह से घायल हो गए। हमले के बाद उनकी पत्नी उन्हें इलाज के लिए जर्मनी ले गईं, पर आजाद बच नहीं पाये। हुमायुन आजाद .

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ज्ञानचन्द्र घोष

ज्ञानचंद्र घोष (1894 - 1959 ई) भारत के एक अग्रगण्य वैज्ञानिक थे। .

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काज़ी नज़रुल इस्लाम

काजी नज़रुल इस्लाम (কাজী নজরুল ইসলাম), (२४ मई १८९९ - २९ अगस्त १९७६) अग्रणी बांग्ला कवि, संगीतज्ञ, संगीतस्रष्टा और दार्शनिक थे। वे बांग्ला भाषा के अन्यतम साहित्यकार, देशप्रेमी तथा बंगलादेश के राष्ट्रीय कवि हैं। पश्चिम बंगाल और बंगलादेश दोनो ही जगह उनकी कविता और गान को समान आदर प्राप्त है। उनकी कविता में विद्रोह के स्वर होने के कारण उनको 'विद्रोही कवि' के नाम से जाना जाता है। उनकी कविता का वर्ण्यविषय 'मनुष्य के ऊपर मनुष्य का अत्याचार' तथा 'सामाजिक अनाचार तथा शोषण के विरुद्ध सोच्चार प्रतिवाद'। .

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काजी जफर अहमद

मौदूद अहमद, एक बांग्लादेशी राजनेता थे, एवं 12 अगस्त 1989 से 6 दिसंबर 1990 के बीच वे, बांग्लादेश के प्रधानमंत्री थे। .

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अताउर रहमान खान

अताउर रहमान खान, (আতাউর রহমান খান; 1907–1991) एक बांग्लादेशी, वकील, लेखक व राजनेता थे, जो 1956–1958 के बीच, पूर्वी पाकिस्तान के मुख्यमंत्री थे, और 30 मार्च 1984 से 1 जनवरी 1985 तक बांग्लादेश के प्रधानमंत्री थे। .

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अबुल फ़ज़ल मोहम्मद अहसानुद्दीन चौधरी

अबुल फ़ज़ल मोहम्मद अहसानुद्दीन चौधरी (1 जुलाई 1915-30 अगस्त 2001) बांग्लादेश के नौवें राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल २७ मार्च १९८२ से ११ दिसम्बर १९८३ तक रहा। चौधरी, अबुल फ़ज़ल मोहम्मद अहसानुद्दीन श्रेणी:1915 में जन्मे लोग श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अब्दुर्रहमान बिस्वास

अबुर्रहमान विश्वास (1926-2017) बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १० अक्टूबर १९९१ से ९ अक्टूबर १९९६ तक रहा।.

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अमर्त्य सेन

(बी.ए.)ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज,(बी.ए., एम.ए., पी.एच.डी.) | field .

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अशोक मित्र

अशोक मित्र (10 अप्रैल 1928 – 1 मई 2018)पश्चिम बंगाल से एक अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और बंगाली भाषा के विख्यात साहित्यकार थे। वे पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे की सरकार में वर्ष 1977 से 1987 तक वित्त मंत्री रहे। इसके अलावा वे वर्ष 1970 से 1972 तक केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार भी थे। बंगाली साहित्य में योगदान के लिए उन्हें साहित्य अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इनके द्वारा रचित एक निबंध ताल बेताल के लिये उन्हें सन् 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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