2 संबंधों: नागरीप्रचारिणी सभा, रामनारायण मिश्र।
नागरीप्रचारिणी सभा
नागरीप्रचारिणी सभा, हिंदी भाषा और साहित्य तथा देवनागरी लिपि की उन्नति तथा प्रचार और प्रसार करनेवाली भारत की अग्रणी संस्था है। भारतेन्दु युग के अनंतर हिंदी साहित्य की जो उल्लेखनीय प्रवृत्तियाँ रही हैं उन सबके नियमन, नियंत्रण और संचालन में इस सभा का महत्वपूर्ण योग रहा है। .
नई!!: ठाकुर शिवकुमार सिंह और नागरीप्रचारिणी सभा · और देखें »
रामनारायण मिश्र
पंडित रामनारायण मिश्र (1873-1953) महान हिन्दीसेवी थे जिन्होने श्यामसुन्दर दास और ठाकुर शिवकुमार सिंह के साथ मिलकर नागरीप्रचारिणी सभा की स्थापना की थी। वे सन् १९३७ में इसके सभापति हुए। रामनारायण मिश्र का जन्म १८७३ में अमृतसर में हुआ था। आप अपने माता-पिता के साथ बनारस आ गये और आकर यहीं के हो गये। बनारस के क्वींस कॉलेज में शिक्षा के दौरान ही श्यामसुन्दर दास और ठाकुर शिवकुमार सिंह के साथ मिलकर नागरीप्रचारिणी सभा की स्थापना की। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होने शिक्षा विभाग में सब डिप्टी इंस्पेक्तर तथा डिप्टी इंस्पेटर के पद पर काम किया। उन्होने स्कूलों में 'जय-जय प्यारा देश' तथा 'मातु पितु सहायक सखा तुमही एकनाथ हमारे हो' आदि प्रार्थनाएँ शुरू कीं। इससे अविभावकों एवं विद्यार्थियों का ध्यान हिन्दी भाषा की ओर गया। १९५३ में आपका देहावसान हो गया। .