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ट्रैक्टर

सूची ट्रैक्टर

सामान से भरी ट्रॉली खींचता हुआ कर्षित्र ट्रैक्टर (कर्षित्र) आधुनिक कृषि के उपयोग में आने वाला प्रमुख उपकरण है। यह एक ऐसी गाड़ी है जो कम चाल पर अधिक कर्षण बल (ट्रैक्टिव इफर्ट) प्रदान करने के लिये डिजाइन की गयी होती है। यह अपने पीछे जुडी हुई कृषि उपकरण, सामान लदी ट्रैलर, ट्राली आदि खींचने का कार्य भी करता है। इसके ऊपर कुछ ऐसे कृषि उपकरण भी लगाये जाते हैं जिन्हें ट्रैक्टर से प्राप्त शक्ति से चलाया जाता है। .

13 संबंधों: तोप, द्रवचालित संचरण प्रणाली, भारत में ट्रैक्टर, महिंद्रा समूह, राज कुमार सैनी, लेम्बोर्गिनी, जोतन यंत्र, वाटरलू, गारफ़ील्ड, कृषि, कृषि यंत्र, कृषि यंत्र उद्योग, कृषि यंत्रों की सूची

तोप

एक तोप तोप (cannon) वह हथियार है जो किसी भारी गोले को बहुत दूर तक प्रक्षिप्त कर (छोड़) सकती है। ये प्राय: बारूद या किसी विस्फोटक के द्वारा उत्पन्न गैसीय दाब के बल से गोले को दागते हैं। आधुनिक युग में तोप का प्रयोग सामान्यत: नहीं होता है। इसके स्थान मोर्टार, होविट्जर आदि का प्रयोग किया जाता है। तोपें अपनी क्षमता, परास, चलनीयता (मोबिलिटी), दागने की गति, दागने का कोण एवं दागने की शक्ति आदि के आधार पर अनेक प्रकार की होतीं हैं। .

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द्रवचालित संचरण प्रणाली

द्रवचालित प्रणाली में बल एवं बलाघूर्ण शक्तिप्रेषण की विधियों में द्रवचालित प्रणाली (हाइड्रॉलिक सिस्टम) सबसे आधुनिक है। द्रवचालित प्रणाली में शक्ति एक तरल की सहायता से प्रेषित की जाती है। यह तरल बहुधा तेल होता है, किंतु कभी कभी जल का भी व्यवहार किया जाता है। द्रवचालित प्रणाली को दो विभागों में विभाजित किया जा सकता है: द्रवचालित स्थितिज प्रणाली और द्रवचालित गतिज प्रणाली। .

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भारत में ट्रैक्टर

सन् १९४७ में स्वतंत्रता मिलने पर भी भारत में यांत्रीकरण की दर बहुत कम थी। आज भारत में ट्रैक्टर बनाने वाली अनेकों कम्पनियाँ हैं तथा कृषि में ट्रैक्टर का भरपूर उपयोग हो रहा है। .

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महिंद्रा समूह

महिन्द्रा समूह 6.7 बिलियन अमरिकी डॉलर के सम्पत्ति आधार के साथ भारत के श्रेष्ठ दस औद्योगिक घरानों में से एक है तथा यह दुनिया की श्रेष्ठ तीन ट्रैक्टर निर्माता कंपनियों में से एक है। इन तमाम वर्षों में, महिन्द्रा ग्रुप ने भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज की है। लगातार नये स्तर बनाते हुए, आज यह देश की एक प्रमुख कार्यक्षम कंपनी के रूप में स्थापित हो चुकी है। सन 1945 में, मूलत: कंपनी की स्थापना महिन्द्रा एंड मोहम्मद के रूप में हुई थी। भारत के विभाजन के बाद, गुलाम मोहम्मद पकिस्तान चले गये और राष्ट्र के पहले वित्त मंत्री बने इसलिए सन 1948 में कंपनी का नाम 'महिन्द्रा एंड मोहम्मद' से बदलकर महिन्द्रा एंड महिन्द्रा कर दिया गया। ग्रामीण भारत तक टेक्नोलॉजी की प्रगति को पहुंचाने का मुख्य ध्येय कायम रखते हुए कंपनी ने अपने को एक ऐसे ग्रुप के रूप में ढ़ाला है जो कि विभिन्न व्यवसाय क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति के साथ भारतीय और विदेशी बाजारों की मांग को पूरा करती है: ऑटोमोटिव, फार्म उपकरण, वित्तीय सेवाएं, सिस्टेक, आफ्टर मार्केट, सूचना टेक्नोलॉजी स्पेशियलिटी बिजनेस, अधोसंरचना विकास, ट्रेड, रीटेल तथा लौजिस्टिक्स। चेयरमैन केशुब महिन्द्रा तथा प्रबन्ध निदेशक आनन्द महिन्द्रा के नेतृत्व में महिन्द्रा एंड महिन्द्रा ने हर दृष्टि से प्रगति करते हुए ऐसे ग्रुप का रूप लिया है जो अपने कामकाज के हर-एक क्षेत्र में प्रमुख स्थान पर है। अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी तथा किफायती उपलब्धता ने कंपनी को प्रत्येक गुजरते वर्ष के साथ और अधिक मज़बूत बनाया है। 62 वर्षों से अधिक के निर्माण अनुभव के साथ, महिन्द्रा समूह का टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मार्केटिंग तथा वितरण में मजबूत आधार है जो कि एक ग्राहक-केन्द्रित संगठन के रूप में इसके विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है। इस समूह में 75,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं तथा इनकी अत्याधुनिक सुविधाएं भारत व विदेशों में स्थित हैं। .

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राज कुमार सैनी

राजकुमार सैनी भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। राजकुमार सैनी वर्तमान में संसद सदस्य हैं। वह हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। वह मई 2014 में में सदस्य बने। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से 2014 का लोकसभा चुनाव कुरुक्षेत्र से लड़ा और कांग्रेस पार्टी से दो बार लगातार सांसद रह चुके उद्योगपति नवीन जिंदल को भारी मतों से हराया। राजकुमार सैनी भारत के एकमात्र नेता है जिन्होंने लोकतंत्र के सबसे निचले सदन "पंचायत" से लेकर उच्च सदन "लोकसभा" तक के सभी चुनाव लड़े व जीते हैं। राजकुमार सैनी एक हैं, जो अपनी नीतियों और योजनाओं के बलबूते देश की सेवा करना चाहते हैं। .

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लेम्बोर्गिनी

आटोमोबिली लेम्बोर्गिनी एस.पी.ए. जोएस.पि.ए. का अर्थ अनुसार Società per Azioni है, एक ज्वाइंट स्टोक कम्पनी का इटालियन संस्करण सामान्यतः लेम्बोर्गिनी के रूप में जानी जाती है, एक इटालियन वाहन निर्माता कम्पनी है जो कि सेंट अगाटा बोलोनीस के छोटे से शहर में स्थित है। कंपनी की शुरुआत प्रमुख निर्माण उद्यमी फारुशियो लेम्बोर्गिनी द्वारा 1963 में की गयी थी। उसके बाद से ही इसका स्वामित्व कई बार बदला है। हाल ही में 1998 में यह जर्मन कार निर्माता ऑडी ए.जी. की सहायक कंपनी बनी है (जो कि स्वयं वोक्सवैगन समूह की एक सहायक कंपनी है).

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जोतन यंत्र

कृषि में जुताई एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसका मुख्य उद्देश्य खेत को बीज के बोने, जमने तथा पौधे के बढ़ने के लिये उचित दशा में तैयार करना है। फसल जमने के पश्चात्‌ भी कभी कभी जुताई आदि की आवश्यकता होती है। जुताई से खरपतवार निकल जाता है तथा भूमि में जल और वायु के संचालन में सहायता मिलती है। खरपतवार भूमि से अपने लिये पोषक तत्व, जल, वायु आदि प्राप्त करते हैं जिससे उपज घट जाती है। इन्हीं कारणों से उत्तम फसल पैदा करने के लिये जुलाई सदैव से कृषि का आवश्यक अंग रही है। जो यंत्र खेत की जुताई करने के लिये प्रयोग में लाए जाते हैं, उन्हें जोतन यंत्र कहते हैं। भारत तथा अन्य देशों में प्राचीन तथा अन्य देशों में प्राचीन काल से जो यंत्र प्रयोग में आ रहे हैं उनसे मिट्टी पलटी नहीं जाती, यद्यपि इन्हें 'हल' कहते हैं। आजकल 'हल' उस यंत्र को कहते हैं जो भूमि को काटकर उसे पलट दे। जो यंत्र मिट्टी को केवल इधर-उधर चला दें परंतु पलटें नहीं, उन्हें कल्टिवेटर, हैरो, आदि कहते हैं। इस दृष्टि से देशी हल कल्टिवेटर कहा जा सकता है, परंतु हल नहीं। किंतु इसके लिये हल शब्द का प्रयोग प्राचीन होने के कारण अब भी प्रचलित है। देशी हल से कार्य करने में यद्यपि समय अधिक लगता है, तथापि इससे जुताई, बुवाई और गुड़ाई इत्यादि सब कार्य किए जा सकते हैं। परंतु नवीन यंत्र - हल, कल्टिवेटर आदि--जिस कार्य के लिये बनाए गए हैं वही कार्य अधिकतर अच्छा करते हैं। वे अन्य कार्य के लिये उतने उपयुक्त नहीं हैं। .

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वाटरलू

विश्व में वाटरलू नामक कम से कम दो नगर हैं। .

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गारफ़ील्ड

गारफील्ड जिम डेविस द्वारा बनाई गई एक सिलसिलेवार वर्णात्मक हास्य-कौतुक चित्रावली श्रृंखला है। 19 जून 1978 में प्रकाशित यह शीर्षनाम चरित्र बिल्ली गारफील्ड (जो दरअसल डेविस के दादा जी के नाम पर ही रखा गया); उसमें रखवाले मालिक ज़ोन आर्बकल; एवं आर्बकल के कुत्ते ओडी के जीवन का इतिवृत्त है। सन 2007 तक यह मोटे तौर पर लगभग 2580 समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित होता रहा, तथा गिनीज़ विश्व रिकॉर्ड में इसने संसार की सार्वाधिक प्रकाशित होने वाली कॉमिक (हास्य-कौतुक) चित्रावली श्रृंखला होने का रिकॉर्ड दर्ज करवा लिया। हालांकि मुद्रित रूप में इसका उल्लेख कभी भी नहीं किया गया, टेलिविज़न के विशेष प्रदर्शन 'गारफील्ड गोज़ हॉलीवुड के अनुसार जिम डेविस के निवास स्थान म्युन्साई इंडियाना में स्थित है। इस हास्य-कौतुक श्रृंखला का आम प्रसंग गारफील्ड का आलस्य, भुख्ख्ड़ जैसा भोजन और सोमवारों तथा (सिमित) आहारों से नफरत है। यह हास्य-कौतुक चित्रावली विशेष रूप से गारफील्ड, जॉन एवं ओडी के बीच आपस में बातचीत पर प्रकाश डालती है, जबकि बीच-बीच में छोटे-मोटे चरित्र भी दिखाई देते हैं। मौलिक रूप से इसके निर्माण का अभिर्प्राय था, "एक अच्छे-भले, विपणन योग्य चरित्र को सामने लाना" था, गारफील्ड ने $750 मिलियन डॉलर से $1 मिलियन डॉलर की सालाना कमाई की है। विभिन्न सौदेबाजी और वाणिज्यिक अनुबंधों के अतिरिक्त इस हास्य-कौतुक चित्रावली श्रृंखला ने नई एनिमेटेड टेलिविज़न स्पेशल, दो एनिमेटेड टेलिविज़न सिरीज़, दो थियेटर वाली, फीचर की लंबाई में साथ लाइव-एक्शन फिल्म एवं तीन सीजीआई (CGI) एनिमेटेड डायरेक्ट-टू-वीडियो फिल्मों को जन्म दिया है। इस हास्य-कौतुक चित्रावली श्रृंखला के व्यापक रूप से प्रभाव के कारण का एक पहलू इसकी सामाजिक अथवा राजनितिक व्याख्या के विवरण की कमी है; हालांकि यह डेविस का मौलिक आशय ही था, उसने यह भी स्वीकार किया है की उसकी राजनितिक की पकड़ उतनी मजबूत नहीं है," कई सालों तक ऐसी टिप्पणी करते हुए उसने सोचा "ओपेक (ओपीईसी (OPEC)) दोनों चिपकाकर जोड़ने वाली कृत्रिम चिपकाने वल्ली गोंद है".

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कृषि

कॉफी की खेती कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से संबंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कृषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है तथा इसी से संबंधित विषय बागवानी का अध्ययन बागवानी (हॉर्टिकल्चर) में किया जाता है। तकनीकों और विशेषताओं की बहुत सी किस्में कृषि के अन्तर्गत आती है, इसमें वे तरीके शामिल हैं जिनसे पौधे उगाने के लिए उपयुक्त भूमि का विस्तार किया जाता है, इसके लिए पानी के चैनल खोदे जाते हैं और सिंचाई के अन्य रूपों का उपयोग किया जाता है। कृषि योग्य भूमि पर फसलों को उगाना और चारागाहों और रेंजलैंड पर पशुधन को गड़रियों के द्वारा चराया जाना, मुख्यतः कृषि से सम्बंधित रहा है। कृषि के भिन्न रूपों की पहचान करना व उनकी मात्रात्मक वृद्धि, पिछली शताब्दी में विचार के मुख्य मुद्दे बन गए। विकसित दुनिया में यह क्षेत्र जैविक खेती (उदाहरण पर्माकल्चर या कार्बनिक कृषि) से लेकर गहन कृषि (उदाहरण औद्योगिक कृषि) तक फैली है। आधुनिक एग्रोनोमी, पौधों में संकरण, कीटनाशकों और उर्वरकों और तकनीकी सुधारों ने फसलों से होने वाले उत्पादन को तेजी से बढ़ाया है और साथ ही यह व्यापक रूप से पारिस्थितिक क्षति का कारण भी बना है और इसने मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। चयनात्मक प्रजनन और पशुपालन की आधुनिक प्रथाओं जैसे गहन सूअर खेती (और इसी प्रकार के अभ्यासों को मुर्गी पर भी लागू किया जाता है) ने मांस के उत्पादन में वृद्धि की है, लेकिन इससे पशु क्रूरता, प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक) दवाओं के स्वास्थ्य प्रभाव, वृद्धि हॉर्मोन और मांस के औद्योगिक उत्पादन में सामान्य रूप से काम में लिए जाने वाले रसायनों के बारे में मुद्दे सामने आये हैं। प्रमुख कृषि उत्पादों को मोटे तौर पर भोजन, रेशा, ईंधन, कच्चा माल, फार्मास्यूटिकल्स और उद्दीपकों में समूहित किया जा सकता है। साथ ही सजावटी या विदेशी उत्पादों की भी एक श्रेणी है। वर्ष 2000 से पौधों का उपयोग जैविक ईंधन, जैवफार्मास्यूटिकल्स, जैवप्लास्टिक, और फार्मास्यूटिकल्स के उत्पादन में किया जा रहा है। विशेष खाद्यों में शामिल हैं अनाज, सब्जियां, फल और मांस। रेशे में कपास, ऊन, सन, रेशम और सन (फ्लैक्स) शामिल हैं। कच्चे माल में लकड़ी और बाँस शामिल हैं। उद्दीपकों में तम्बाकू, शराब, अफ़ीम, कोकीन और डिजिटेलिस शामिल हैं। पौधों से अन्य उपयोगी पदार्थ भी उत्पन्न होते हैं, जैसे रेजिन। जैव ईंधनों में शामिल हैं मिथेन, जैवभार (बायोमास), इथेनॉल और बायोडीजल। कटे हुए फूल, नर्सरी के पौधे, उष्णकटिबंधीय मछलियाँ और व्यापार के लिए पालतू पक्षी, कुछ सजावटी उत्पाद हैं। 2007 में, दुनिया के लगभग एक तिहाई श्रमिक कृषि क्षेत्र में कार्यरत थे। हालांकि, औद्योगिकीकरण की शुरुआत के बाद से कृषि से सम्बंधित महत्त्व कम हो गया है और 2003 में-इतिहास में पहली बार-सेवा क्षेत्र ने एक आर्थिक क्षेत्र के रूप में कृषि को पछाड़ दिया क्योंकि इसने दुनिया भर में अधिकतम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया। इस तथ्य के बावजूद कि कृषि दुनिया के आबादी के एक तिहाई से अधिक लोगों की रोजगार उपलब्ध कराती है, कृषि उत्पादन, सकल विश्व उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद का एक समुच्चय) का पांच प्रतिशत से भी कम हिस्सा बनता है। .

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कृषि यंत्र

कपास हार्वेस्टर कृषि के भिन्न भिन्न कार्यों में अनेकों यंत्रों का उपयोग होता है। इन्हें कृषियंत्र (agricultural machinary) कहते हैं। कृषियंत्रों का प्रयोग खेतों की जुताई, बोवनी, खाद और कीटनाशक डालने, सिंचाई करने, फसलों की सुरक्षा के लिए, फसल कटाई, मढ़ाई, ढुलाई आदि के लिए की जाती है। ट्रैक्टर एक प्रमुख कृषियंत्र है। .

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कृषि यंत्र उद्योग

कृषि यंत्र उद्योग (agricultural machinery industry) या कृषि इंजीनियरी उद्योग ट्रैक्टर आदि कृषि यंत्रों का उत्पादन करता है। यह मशीनरी उद्योग का ही भाग है। श्रेणी:उद्योग.

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कृषि यंत्रों की सूची

ट्रैक्टर से चालित स्प्रेडर, कम्बाइन और हार्वेस्टर 1949 की बनी एक न्यूजरील में कार्य करते हुए कृषियंत्र कृषि से सम्बन्धित किसी प्रक्रिया या कार्य को करने के लिए प्रयुक्त यंत्र कृषि यंत्र या 'कृषि उपकरण' कहलाते हैं। .

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