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टेलीग्राफ

सूची टेलीग्राफ

१८६१ में निर्मित एक टेलीग्राफ मशीन किसी भौतिक वस्तु के विनिमय के बिना ही संदेश को दूर तक संप्रेषित करना टेलीग्राफी (Telegraphy) कहलाता है। विद्युत्‌ धारा की सहायता से, पूर्व निर्धारित संकेतों द्वारा, संवाद एवं समाचारों को एक स्थान से दूसरे स्थान को भेजनेवाला तथा प्राप्त करनेवाला यंत्र तारयंत्र (telegraph) कहलाता है। वर्तमान में यह प्रौद्योगिकी अप्रचलित (obsolete/आब्सोलीट) हो गयी है। .

17 संबंधों: प्रेमचंद डेगरा, पूर्वी समस्या, बिस्मार्क, बैटरी का इतिहास, महावीर प्रसाद द्विवेदी, संचार का इतिहास, सेम्युल एफ.बी. मोर्स, विश्व का आर्थिक इतिहास, औद्योगिक क्रांति, आदित्य देव, आधुनिकतावाद, इंगक टेलीग्राफ, अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस, अंतःसमुद्री केबल, अंशुबोधिनी, उत्पादकता वृद्धि करने वाली प्रौद्योगिकियाँ, ८ अक्तूबर

प्रेमचंद डेगरा

प्रेमचंद डेगरा एक प्रसिद्ध भारतीय बॉडी बिल्डर हैं। वे साल 1988 में बॉडीबिल्डिंग के 80 किलो भार वर्ग में मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीत चुके हैं। वर्ष १९९० में प्रेमचंद डेगरा को भारत सरकार ने पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। .

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पूर्वी समस्या

राजनय के इतिहास में पूर्वी समस्या या प्राच्य समस्या (Eastern Question) से आशय उस्मानी साम्राज्य के कमजोर होने पर यूरोप की महाशक्तियों के बीच उपजे रणनीतिक स्पर्धा एवं राजनैतिक स्थिति से है। १८वीं शताब्दी के अन्त से लेकर २०वीं शताब्दी के अन्त तक उस्मानी साम्राज्य राजनैतिक एवं आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा था। इसे 'यूरोप का रोगी' (sick man of Europe) कहते थे। 'पूर्वी समस्या' के अन्तर्गत एक-दूसरे से जुड़ी अनेकों समस्याएँ थीं, जैसे उस्मानी साम्राज्य की सैनिक पराजय, संस्थानों का दिवाला, उस्मानी साम्राज्य के राजनैतिक एवं आर्थिक आधुनीकरण का अभाव, प्रान्तों में सामाजिक-धार्मिक राष्ट्रीयता का उदय, तथा महाशक्तियों की आपसी प्रतिद्वन्द्विता। पूर्वी समस्या यूरोप के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित तुर्की साम्राज्य की ईसाई जनता की आजादी की समस्या थी। वस्तुतः पतनोन्मुख तुर्की साम्राज्य ने यूरोप के इतिहास में 19वीं शताब्दी में जिस समस्या को जन्म दिया उसे पूर्वी समस्या कहते हैं। यह बहुत ही जटिल, उलझी हुई तथा विभिन्न देशों के परस्पर विरोधी हितों से सम्बन्धित थी। इस समस्या ने प्रथम युद्ध की पृष्ठभूमि का कार्य किया। इतिहासकार सी.डी.

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बिस्मार्क

250px ओटो एडुअर्ड लिओपोल्ड बिस्मार्क (1 अप्रैल 1815 - 30 जुलाई 1898), जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर तथा तत्कालीन यूरोप का प्रभावी राजनेता था। वह 'ओटो फॉन बिस्मार्क' के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। उसने अनेक जर्मनभाषी राज्यों का एकीकरण करके शक्तिशाली जर्मन साम्राज्य स्थापित किया। वह द्वितीय जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर बना। वह "रीअलपालिटिक" की नीति के लिये प्रसिद्ध है जिसके कारण उसे "लौह चांसलर" के उपनाम से जाना जाता है। वह अपने युग का बहुत बड़ा कूटनीतिज्ञ था। अपने कूटनीतिक सन्धियों के तहत फ्रांस को मित्रविहीन कर जर्मनी को यूरोप की सर्वप्रमुख शक्ति बना दिया। बिस्मार्क ने एक नवीन वैदेशिक नीति का सूत्रपात किया जिसके तहत शान्तिकाल में युद्ध को रोकने और शान्ति को बनाए रखने के लिए गुटों का निर्माण किया। उसकी इस 'सन्धि प्रणाली' ने समस्त यूरोप को दो गुटों में बांट दिया। .

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बैटरी का इतिहास

काँच के लिंकित संधारित्रों की 'बैटरी' बैटरी का इतिहास विद्युतरासायनिक सेलों के विकास का इतिहास है। बैटरियों के विकास से ही विद्युत का औद्योगिक उपयोग आरभ हुआ। उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम दिनों तक बैटरियाँ ही विद्युत ऊर्जा के मुख्य स्रोत थीं क्योंकि तब तक विद्युत जनित्र का आविष्कार नहीं हुआ था। बैटरी की प्रौद्योगिकी में लगातार विकास हुआ जिनके बिना टेलीग्राफ, टेलीफोन, पोर्टेबल कम्प्यूटर, मोबाइल फोन, विद्युत कारों आदि का विकास नहीं हो सकता था। सन् 1749 बेंजामिन फ्रैंकलिन ने 'बैटरी' शब्द का इस्तेमाल किया था। अपने विद्युत-सम्बन्धी प्रयोगों के लिये वे जिन 'लिंक्ड कैपेसिटर्स' का प्रयोग करते थे, उनको उन्होने 'बैटरी' की संज्ञा दी। .

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महावीर प्रसाद द्विवेदी

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी (1864–1938) हिन्दी के महान साहित्यकार, पत्रकार एवं युगप्रवर्तक थे। उन्होने हिंदी साहित्य की अविस्मरणीय सेवा की और अपने युग की साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को दिशा और दृष्टि प्रदान की। उनके इस अतुलनीय योगदान के कारण आधुनिक हिंदी साहित्य का दूसरा युग 'द्विवेदी युग' (1900–1920) के नाम से जाना जाता है। उन्होने सत्रह वर्ष तक हिन्दी की प्रसिद्ध पत्रिका सरस्वती का सम्पादन किया। हिन्दी नवजागरण में उनकी महान भूमिका रही। भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन को गति व दिशा देने में भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा। .

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संचार का इतिहास

संचार का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से आरम्भ होता है। संचार के अन्तर्गत तुच्छ विचार-विनिमय से लेकर शास्त्रार्थ एवं जनसंचार (mass communication) सब आते हैं। कोई २००,००० वर्ष पूर्व मानव-वाणी के प्रादुर्भाव के साथ मानव संचार में एक क्रान्ति आयी थी। लगभग ३०,००० वर्ष पूर्व प्रतीकों का विकास हुआ एवं लगभग ७००० ईसापूर्व लिपि और लेखन का विकास हुआ। इनकी तुलना में पिछली कुछ शताब्दियों में ही दूरसंचार के क्षेत्र में बहुत अधिक विकास हुआ है। .

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सेम्युल एफ.बी. मोर्स

सेम्युल फिनले ब्रीज मोर्स (27 अप्रैल 1791 - 2 अप्रैल 1872) एक अमेरिकी थे जिन्होंने एकल-तार टेलीग्राफ प्रणाली और मोर्स कोड का निर्माण किया। और उन्हें (कम विख्यात रूप से) ऐतिहासिक दृश्यों के एक चित्रकार के रूप में भी जाना जाता है। .

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विश्व का आर्थिक इतिहास

सन १००० से सन २००० के बीच महाद्वीपों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वितरण का परिवर्तन विश्व के विभिन्न भागों का सकल घरेलू उत्पाद (सन् 2014 में) बीसवीं शताब्दी में विश्व का सकल घरेलू उत्पाद .

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औद्योगिक क्रांति

'''वाष्प इंजन''' औद्योगिक क्रांति का प्रतीक था। अट्ठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध तथा उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में कुछ पश्चिमी देशों के तकनीकी, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक स्थिति में काफी बड़ा बदलाव आया। इसे ही औद्योगिक क्रान्ति (Industrial Revolution) के नाम से जाना जाता है। यह सिलसिला ब्रिटेन से आरम्भ होकर पूरे विश्व में फैल गया। "औद्योगिक क्रांति" शब्द का इस संदर्भ में उपयोग सबसे पहले आरनोल्ड टायनबी ने अपनी पुस्तक "लेक्चर्स ऑन दि इंड्स्ट्रियल रिवोल्यूशन इन इंग्लैंड" में सन् 1844 में किया। औद्योगिक क्रान्ति का सूत्रपात वस्त्र उद्योग के मशीनीकरण के साथ आरम्भ हुआ। इसके साथ ही लोहा बनाने की तकनीकें आयीं और शोधित कोयले का अधिकाधिक उपयोग होने लगा। कोयले को जलाकर बने वाष्प की शक्ति का उपयोग होने लगा। शक्ति-चालित मशीनों (विशेषकर वस्त्र उद्योग में) के आने से उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि हुई। उन्नीसवी सदी के प्रथम् दो दशकों में पूरी तरह से धातु से बने औजारों का विकास हुआ। इसके परिणामस्वरूप दूसरे उद्योगों में काम आने वाली मशीनों के निर्माण को गति मिली। उन्नीसवी शताब्दी में यह पूरे पश्चिमी यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका में फैल गयी। अलग-अलग इतिहासकार औद्योगिक क्रान्ति की समयावधि अलग-अलग मानते नजर आते हैं जबकि कुछ इतिहासकार इसे क्रान्ति मानने को ही तैयार नहीं हैं। अनेक विचारकों का मत है कि गुलाम देशों के स्रोतों के शोषण और लूट के बिना औद्योगिक क्रान्ति सम्भव नही हुई होती, क्योंकि औद्योगिक विकास के लिये पूंजी अति आवश्यक चीज है और वह उस समय भारत आदि गुलाम देशों के संसाधनों के शोषण से प्राप्त की गयी थी। .

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आदित्य देव

आदित्य देव (१ नवम्बर १९८८; १३ सितम्बर २०१२) जिन्हें रोमियो के नाम से भी जाना जाता था, एक भारतीय बॉडी बिल्डर, डांसर, एवं कलाकार थे। गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकार्ड के अनुसार वें विश्व के पहले सबसे छोटे बॉडी बिल्डर थे, जिनकी शरीर की लम्बाई मात्र दो फीट नौ इंच था। .

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आधुनिकतावाद

हंस होफ्मन, "द गेट", 1959–1960, संग्रह: सोलोमन आर. गुगेन्हीम म्यूज़ियम होफ्मन केवल एक कलाकार के रूप में ही नहीं, बल्कि एक कला शिक्षक के रूप में भी मशहूर थे और वे अपने स्वदेश जर्मनी के साथ-साथ बाद में अमेरिका के भी एक आधुनिकतावादी सिद्धांतकार थे। 1930 के दशक के दौरान न्यूयॉर्क एवं कैलिफोर्निया में उन्होंने अमेरिकी कलाकारों की एक नई पीढ़ी के लिए आधुनिकतावाद एवं आधुनिकतावादी सिद्धांतों की शुरुआत की.ग्रीनविच गांव एवं मैसाचुसेट्स के प्रोविंसटाउन में स्थित अपने कला विद्यालयों में अपने शिक्षण एवं व्याख्यान के माध्यम से उन्होंने अमेरिका में आधुनिकतावाद के क्षेत्र का विस्तार किया।हंस होफ्मन की जीवनी, 30 जनवरी 2009 को उद्धृत आधुनिकतावाद, अपनी व्यापक परिभाषा में, आधुनिक सोच, चरित्र, या प्रथा है अधिक विशेष रूप से, यह शब्द उन्नीसवीं सदी के अंत और बीसवीं सदी के आरम्भ में मूल रूप से पश्चिमी समाज में व्यापक पैमाने पर और सुदूर परिवर्तनों से उत्पन्न होने वाली सांस्कृतिक प्रवृत्तियों के एक समूह एवं सम्बद्ध सांस्कृतिक आन्दोलनों की एक सरणी दोनों का वर्णन करता है। यह शब्द अपने भीतर उन लोगों की गतिविधियों और उत्पादन को समाहित करता है जो एक उभरते सम्पूर्ण औद्योगीकृत विश्व की नवीन आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक स्थितियों में पुराने होते जा रहे कला, वास्तुकला, साहित्य, धार्मिक विश्वास, सामाजिक संगठन और दैनिक जीवन के "पारंपरिक" रूपों को महसूस करते थे। आधुनिकतावाद ने ज्ञानोदय की सोच की विलंबकारी निश्चितता को और एक करुणामय, सर्वशक्तिशाली निर्माता के अस्तित्व को भी मानने से अस्वीकार कर दिया.

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इंगक टेलीग्राफ

लुव्र (पेरिस में) का सेमाफोर (ईंगक) पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के खातिरबाजार का सेमाफोर टॉवर इंगक टेलीग्राफ या सेमाफोर टेलीग्राफ (semaphore telegraph) सूचना भेजने या देने की एक विधि है जिसमें आँखों से दिखने वाली वस्तुओं (जैसे कोई दण्ड या ब्लेड आदि) का उपयोग किया जाता है। यह दृष्य चीज ऊँचाई पर लगी होती है (जैसे किसी टॉवर के ऊपर)। वस्तु किस स्थिति में है (जैसे, क्षैतिज या ऊर्ध्व), इसी से सूचना का पता चलता था। सबसे प्रसिद्ध तरीका फ्रांस के क्लाड चै (Claude Chappe) ने १७९२ में विकसित किया था जो १९वीं शताब्दी के आरम्भिक काल तक लोकप्रिय रहा। .

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अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस

अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस या मई दिन मनाने की शुरूआत 1 मई 1886 से मानी जाती है जब अमेरिका की मज़दूर यूनियनों नें काम का समय 8 घंटे से ज़्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ था। यह बम किस ने फेंका किसी का कोई पता नहीं। इसके निष्कर्ष के तौर पर पुलिस ने मज़दूरों पर गोली चला दी और सात मज़दूर मार दिए। "भरोसेमंद गवाहों ने तस्दीक की कि पिस्तौलों की सभी फलैशें गली के केंद्र की तरफ से आईं जहाँ पुलिस खड़ी थी और भीड़ की तरफ़ से एक भी फ्लैश नहीं आई। इस से भी आगे वाली बात, प्राथमिक अखबारी रिपोर्टों में भीड़ की तरफ से गोलीबारी का कोई ज़िक्र नहीं। मौके पर एक टेलीग्राफ खंबा गोलियों के साथ हुई छेद से पुर हुआ था, जो सभी की सभी पुलिस वाले तरफ़ से आईं थीं।" चाहे इन घटनाओं का अमेरिका पर एकदम कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा था लेकिन कुछ समय के बाद अमेरिका में 8 घंटे काम करने का समय निश्चित कर दिया गया था। मौजूदा समय भारत और अन्य मुल्कों में मज़दूरों के 8 घंटे काम करने से संबंधित क़ानून लागू है। अंतरराष्ट्रीय मज़दूर आंदोलन, अराजकतावादियों, समाजवादियों, तथा साम्यवादियों द्वारा समर्थित यह दिवस ऐतिहासिक तौर पर केल्त बसंत महोत्सव से भी संबंधित है। इस दिवस का चुनाव हेमार्केट घटनाक्रम की स्मृति में, जो कि 4 मई 1886 को घटित हुआ था, द्वितीय अंतरराष्ट्रीय के दौरान किया गया। .

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अंतःसमुद्री केबल

अन्तःसमुद्री केबल का मानचित्र (२००७) आधुनिक अन्तःसमुद्री दूरसंचार केबल का प्रतिछेद 1 – पॉलीथीनP 2 – माइलर का फीता 3 – इस्पात के तार 4 – अल्युमिनियम का जल अवरोध 5 – पॉलीकार्बोनेट 6 – ताँबा या अल्युमिनियम की नली 7 – पेट्रोलियम जेली 8 – प्रकाशीय तंतु अन्तःसमुद्री केबल (submarine cable) वह केबल है जो दो भू-स्थित स्टेशनों के बीच के समुद्र के पेंदें में बिछाया जाता है। अन्तःसमुद्री केबल दो तरह के हो सकते हैं- दूरसंचार केबल या शक्ति केबल (पॉवर केबल)। १८५० के दशक में सबसे पहले अन्तःसमुद्री केबल बिछाया गया था जो टेलीग्राफी के लिये था। एक अन्तःसमुद्री शक्ति केबल का प्रतिछेद श्रेणी:केबल.

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अंशुबोधिनी

अंशुबोधिनी महर्षि भरद्वाज द्वारा रचित एक ग्रन्थ है। इसमें सूरज से प्राप्त ऊर्जा के विभिन्न उपयोग बताये गये हैं। इसमें बिना तार के सन्देश भेजने की बात भी कही गयी है। .

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उत्पादकता वृद्धि करने वाली प्रौद्योगिकियाँ

औद्योगिक क्रान्ति से लेकर अब तक उत्पादकता की वृद्धि में मुख्यतः निम्नलिखित प्रौद्योगिकियों की प्रमुख भूमिका रही है-.

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८ अक्तूबर

8 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 281वॉ (लीप वर्ष मे 282 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 84 दिन बाकी है।.

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तारसंचार, टेलीग्राफी

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