2 संबंधों: टीवी ट्यूनर कार्ड, इंटरनेट टीवी।
टीवी ट्यूनर कार्ड
एक टीवी ट्यूनर कार्ड, जो कंप्यूटर के अंदर लगाया जा सकता है। एक टीवी ट्यूनर कार्ड, जो कंप्यूटर के बाहर लगाया जाता है। टीवी ट्यूनर कार्ड एक कंप्यूटर घटक होता है, जिसकी मदद से कंप्यूटर के मॉनीटर की स्क्रीन पर टीवी के सिग्नल देखे जासकते हैं। अधिकांश टीवी ट्यूनर कार्डों पर वीडियो कैप्चर इकाई भी उपलब्ध होती है, जिसके द्वारा कंप्यूटर की हार्ड डिस्क पर टीवी के कार्यक्रम रिकॉर्ड भी किये जा सकते हैं। ये कार्ड कंप्यूटर के अंदर भी लगाये जा सकते हैं और बाहर स्थापित करने लायक रूप में भी उपलब्ध होते हैं। बाहर स्थापित करने वाले कार्डों में पावर सप्लाई अलग से लगानी होती है। .
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इंटरनेट टीवी
इंटरनेट टेलीविज़न (आइ.टीवी, ऑनलाइन टीवी या इंटरनेट टीवी भी कहते हैं) इंटरनेट के माध्यम से प्रसारित दूरदर्शन सेवा होती है। ये सेवा २१वीं शताब्दी में काफी प्रचलित हो चुकी है। इसके उदाहरण हैं संयुक्त राज्य में ह्यूलु एवं बीबीसी आईप्लेयर, नीदरलैंड्स में नीदरलैंड २४ सेवा। इसके लिये तेज गति वाला ब्रॉडबैंड कनेक्शन चाहिये, जिसके द्वारा इंटरनेट पर उपलब्ध टीवी चैनलों की स्ट्रीमिंग करके लाइव खबरें व अन्य सामग्री देख सकते हैं। अभी तक उपभोक्ता पहले सीधे उपग्रह, फिर केबल टीवी और उसके बाद डीटीएच यानी डायरेक्ट टू होम डिश के माध्यम से टीवी देखते रहे हैं। इंटरनेट अब नया माध्यम है, जिस पर टीवी देखा जा सकता है। यह आम आदमी तक देश और दुनिया के समाचार व मनोरंजन सामग्री पहुंचाने का नया तरीका है और एकदम वैसा ही, जैसे बाकी माध्यम है। भारत में इस पूरी प्रक्रिया की शुरुआत को इंटरनेट प्रोटोकाल टेलीविजन (आईपीटीवी) के रूप में समझ सकते हैं। इसमें इंटरनेट, ब्राडबैंड की सहायता से टेलीविजन कार्यक्रम घरों तक पहुंचाता है। इस नेट नियोजित प्रणाली में टेलीविजन के कार्यक्रम डीटीएच या केबल नेटवर्क के बजाय, कंप्यूटर नेटवर्क में प्रयोग होने वाली तकनीकी मदद से देखे जाते हैं।|हिन्दुस्तान लाइव। १८ मार्च २०१० संभवत: दुनिया में एबीसी का वर्ल्ड न्यूज नाउ पहला टीवी कार्यक्रम रहा है, जिसे इंटरनेट पर प्रसारित किया गया था। इंटरनेट के लिए एक वीडियो उत्पाद तैयार किया गया, जिसका नाम आईपीटीवी रखा गया था। लेकिन सबसे पहले जो टेलीविजन के कार्यक्रम इंटरनेट ब्राडबैंड के द्वारा प्रसारित किए गए तो उस फार्मेट को भी आईपीटीवी का ही नाम दिया गया। भारत सरकार ने भी इसे स्वीकृति दे दी है और भारत के कई शहरों में यह सेवा चालू हो चुकी है। .