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टाटा मोटर्स

सूची टाटा मोटर्स

टाटा मोटर्स भारत में व्यावसायिक वाहन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। इसका पुराना नाम टेल्को (टाटा इंजिनीयरिंग ऐंड लोकोमोटिव कंपनी लिमिटेड) था। यह टाटा समूह की प्रमुख कंपनियों में से एक है। इसकी उत्पादन इकाइयाँ भारत में जमशेदपुर (झारखंड), पुणे (महाराष्ट्र) और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) सहित अन्य कई देशों में हैं। जैसा कि नाम से स्पष्ट है टाटा घराने द्वा्रा इस कारखाने की शुरुआत अभियांत्रिकी और रेल इंजन के लिये हुआ था। किन्तु अब यह कम्पनी मुख्य रूप से भारी एवं हल्के वाहनों का निर्माण करती है। इसने ब्रिटेन के प्रसिद्ध ब्रांडों जगुआर और लैंड रोवर को खरीद लिया है। .

33 संबंधों: टाटा एलिगैंट, टाटा एस, टाटा एस्टेट, टाटा एक्स्-ओवर, टाटा डाएवू वाणिज्यिक वाहन, टाटा नैनो, टाटा नोवस, टाटा समूह, टाटा सियरा, टाटा विंजर, टाटा विंगर, टाटा इंडिका, टाटा TL, नौंवाँ ऑटो एक्सपो २००८, नैनो, पुणे, प्रो कबड्डी लीग, भारत में मोटर वाहन उद्योग, मोटर वाहन उद्योग, मोटरवाहन, रतन नवल टाटा, लखनऊ, लखनऊ की अर्थ व्यवस्था, सुज़ुकी, हिस्पैनो कैरोसेरा, हुडको झील, जमशेदपुर, जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा, जैगुआर कारें, आइएसडीएन (ISDN), अरविन्द गुप्ता, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम, छोटा गोविंदपुर जमशेदपुर

टाटा एलिगैंट

टाटा हिस्पैनो कैरोसेरा टाटा मोटार्स द्वारा बनाया गया एक सिद्धांत प्रतिरूप/कॉन्सेप्ट मॉडल है। श्रेणी:टाटा मोटर्स.

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टाटा एस

टाटा एस टाटा मोटार्स द्वारा डाएवू समूह के संग बनाया गया एक ट्रक है। श्रेणी:टाटा मोटर्स.

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टाटा एस्टेट

टाटा एस्टेट टाटा मोटर्स की बनाई एक एस यू वी है। श्रेणी:टाटा मोटर्स.

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टाटा एक्स्-ओवर

टाटा हिस्पैनो कैरोसेरा टाटा मोटार्स द्वारा बनाया गया एक सिद्धांत प्रतिरूप/कॉन्सेप्ट मॉडल है। श्रेणी:टाटा मोटर्स.

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टाटा डाएवू वाणिज्यिक वाहन

टाटा डाएवू वाणिज्यिक वाहन टाटा मोटार्स द्वारा डाएवू समूह के संग बनाया गया एक वाणिज्यिक वाहन है। श्रेणी:टाटा मोटर्स.

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टाटा नैनो

टाटा नैनो टाटा मोटर्स के द्वारा निर्मित सबसे नवीन कार है। यह विश्व की सबसे सस्ती कार है जिसका दाम १ लाख भारतीय रुपये है। मीडिया ने इसे लखटकिया कार नाम से ज़्यादातर संबोधित किया। इसकी बिक्री जून २००८ से प्रारंभ होगी। रतन टाटा ने जनता की कार ‘ नैनो ’ को पेश करते हुए आश्वासन दिया कि इस कार की कीमत वादे के मुताबिक एक लाख रुपए ही होगी साथ ही यह सभी प्रकार के सुरक्षा और प्रदूषण स्तरों को पूरा करती है। टाटा ने मारुति ८०० को अपनी परियोजना के लिए निशाना बनाया जिसने करीब दो दशक तक भारतीय बाजार पर राज किया और उन्होंने ऐसी कार बनाई जो लंबाई में आठ फीसदी छोटी लेकिन अंदर से २१ फीसदी ज़्यादा जगह वाली है। .

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टाटा नोवस

टाटा नोवस टाटा मोटार्स द्वारा डाएवू समूह के संग बनाया गया एक ट्रक है। श्रेणी:टाटा मोटर्स.

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टाटा समूह

टाटा समूह एक निजी व्यवसायिक समूह है जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष रतन टाटा हैं टाटा समूह के चेयरमेन रतन टाटा ने 28 दिसम्बर 2012 को सायरस मिस्त्री को टाटा समूह का उत्तराधिकारी नियुक्त किया। रतन टाटा पिछले 50 सालों से टाटा समूह से जुड़े हैं वे 21 सालों तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। रतन टाटा ने जे आर डी टाटा के बाद 1991 में कार्यभार संभाला। टाटा परिवार का एक सदस्य ही हमेशा टाटा समूह का अध्यक्ष रहा है। इसका कार्यक्षेत्र अनेक व्यवसायों व व्यवसाय से सम्बंधित सेवाओं के क्षेत्र में फैला हुआ है - जैसे इंजिनियरंग, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, वाहन, रासायनिक उद्योग, ऊर्जा, साफ्टवेयर, होटल, इस्पात एवं उपभोक्ता सामग्री। टाटा समूह की सफलता को इसके आंकडे बखूबी बयां करते हैं। 2005-06 में इसकी कुल आय $967229 मिलियन थी। ये समस्त भारत कि GDP के 2.8 % के बराबर है। 2004 के आंकड़ों के अनुसार टाटा समूह में करीब 2 लाख 46 हज़ार लोग काम करते हैं। market capitalization का आंकड़ा $57.6 बिलियन को छूता है। टाटा समूह कि कुल 96 कम्पनियां 7 अलग अलग व्यवसायिक क्षेत्रों में सक्रिय हैं। इन 96 में से केवल 28 publicly listed कम्पनियाँ हैं। टाटा समूह ६ महाद्वीपों के 40 से भी अधिक देशों में सक्रिय है। टाटा समूह दुनिया के 140 से भी अधिक देशों को उत्पाद व सेवाएँ निर्यात करता है। इसके करीब 65.8% भाग पर टाटा के Charitable Trust का मालिकाना हक है। टिस्को (TISCO), जिसे अब टाटा स्टील (Tata steel) के नाम से जाना जाता है, की स्थापना 1907 में भारत के पहले लोहा व इस्पात कारखाने के तौर पर हुई थी। इसकी स्थापना जमशेदपुर में हुई थी जिसे लोग टाटा नगर भी पुकारते हैं। इस्पात (steel) व लोहे का असल उत्पादन 1912 में शुरू हुआ। यह दुनिया में सबसे किफायती दरों पर इस्पात का निर्माण करता है। इसका मुख्य कारण है कि समूह की ही एक अन्य कंपनी इसे कच्चा माल, जैसे कोयला और लोहा आदि, उपलब्ध कराती है। 1910 में टाटा जलविद्युत शक्ति आपूर्ति कम्पनी (Tata Hydro-Electric Power Supply Company) की स्थापना हुई। 1917 में टाटा आयल मिल्स (Tata Oil Mill) की स्थापना के साथ ही समूह ने घरेलू वस्तुयों के क्षेत्र में कदम रखा और साबुन, कपडे धोने के साबुन, डिटर्जेंट्स (detergents), खाना पकाने के तेल आदि का निर्माण शुरू किया। 1932 में टाटा एयरलाइन्स (Tata Airlines) की शुरुआत हुई। टाटा केमिकल्स (Tata Chemicals) का आगमन 1939 में हुआ। टेल्को (TELCO), जिसे अब टाटा मोटर्स (TataMotors) के नाम से जाना जाता है, ने 1945 में रेल इंजनों और अन्य मशीनी उत्पादों का निर्माण शुरू किया। जनवरी 2007 का महीना टाटा समूह के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज किया जाएगा। टाटा स्टील ने यूनाइटेड किंगडम (UK) में स्थित कोरस समूह (Corus Group) की सफल बोली लगा कर उसे हासिल किया। कोरस समूह दुनिया की सबसे बड़ी लोहा व इस्पात निर्माण कंपनी है। बोली के अप्रत्याशित 9 दौर चले जिसके अंत में टाटा समूह ने कोरस का 100 प्रति शत हिस्सा 608 पाउंड प्रति शेयर (नकद) के हिसाब से कुल 12.

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टाटा सियरा

टाटा सियरा टाटा मोटर्स की बनाई एक एस यू वी है। श्रेणी:टाटा मोटर्स.

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टाटा विंजर

टाटा विंजर टाटा मोटार्स द्वारा डाएवू समूह के संग बनाया गया एक छोटा वैन है। श्रेणी:टाटा मोटर्स.

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टाटा विंगर

टाटा विंगर टाटा मोटर्स के द्वारा निर्मीत एक बहु यात्री वाहन है। इस वाहन को २००७ मे बाजार मे उतार गया था। इसे अंग्रेजी मे एक मिनी वैन कहते है। इस वैन मे एक २ लीटर का डिजल इन्जिन लगा हुआ है। श्रेणी:टाटा मोटर्स श्रेणी:टाटा मोटर्स.

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टाटा इंडिका

नई टाटा इंडिका ज़ीटा बाजार में टाटा इंडिका टाटा मोटर्स द्वारा निर्मित एक भारतीय हैचबैक कार है। यह मॉडल यूरोप एवं दक्षिण अफ्रीका भी निर्यात किया जाता है। इंग्लैंड में यह एम जी रोवर ग्रुप द्वारा सिटी रोवर नाम से निर्यात किया जाता रहा है। दिनाँक ३० दिसंबर १९९८ को टाटा मोटर्स (पूर्व में टैल्को) द्वारा प्रस्तुत यह किसी भारतीय कम्पनी द्वारा बनाई गई अत्याधुनिक कार थी। इसका प्रवर्तन नारा था:द बिग...स्मॉल कार एवं मोर कार पर कार इस विज्ञापन में बड़े अंतस्थ एवं वहन करने योग्य वाहन क्षमताओं पर जोर दिया गया था। एक सप्ताह के भीतर ही कम्पनी को १,१५,००० बुकिंग्स प्राप्त हुईं। और अगले दो वर्षों में यह इस खण्ड की सर्वश्रेष्ठ कार बन गई। टाटा मोटर्स द्वारा आंशिक रूप से रूपांकित एवं अभिकल्पित, यह पाँच द्वार सुसंहत (कॉम्पैक्ट) हैचबैक कार १.२ एवं १.४ ली.

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टाटा TL

टाटा TL टाटा TL टाटा मोटार्स द्वारा बनाया गया एक एस यू वी है। श्रेणी:टाटा मोटर्स.

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नौंवाँ ऑटो एक्सपो २००८

ऑटो एक्स्पो २००८, भारतीय वाहन उद्योग का सबसे बड़ा आयोजन। भारतीय वाहन उद्योग का सबसे बड़ा आयोजन नौंवा ‘ऑटो एक्स्पो’ (वाहन प्रदर्शनी) दिल्ली में हुआ। भारत दुपहिया वाहनों का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। 12 हजार वर्गमीटर में ऑटो एक्स्पो का आयोजन हुआ था। इस मेले में ऑटोमोबाइल उद्योग से जुड़ी 2000 कंपनियों ने भाग लिया। इसमें 60 प्रतिशत भारतीय और 40 प्रतिशत विदेशी भागीदार थीं। मेला 17 जनवरी २००८ तक चला था। भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग की प्रगति के प्रतीक आटो एक्सपो के नौवें संस्करण में विभिन्न वर्गों में 30 नए वाहनों को उतारा गया था। .

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नैनो

नैनो लैटिन का एक शब्द है जिसका हिन्दी में अर्थ होता है सूक्ष्म या अत्यंत छोटा, इसका प्रयोग कई संदर्भों में किया जा सकता है। आप उन्हें यहाँ सूचीबद्ध कर सकते हैं।.

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पुणे

पुणे भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक महत्त्वपूर्ण शहर है। यह शहर महाराष्ट्र के पश्चिम भाग, मुला व मूठा इन दो नदियों के किनारे बसा है और पुणे जिला का प्रशासकीय मुख्यालय है। पुणे भारत का छठवां सबसे बड़ा शहर व महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। सार्वजनिक सुखसुविधा व विकास के हिसाब से पुणे महाराष्ट्र मे मुंबई के बाद अग्रसर है। अनेक नामांकित शिक्षणसंस्थायें होने के कारण इस शहर को 'पूरब का ऑक्सफोर्ड' भी कहा जाता है। पुणे में अनेक प्रौद्योगिकी और ऑटोमोबाईल उपक्रम हैं, इसलिए पुणे भारत का ”डेट्राइट” जैसा लगता है। काफी प्राचीन ज्ञात इतिहास से पुणे शहर महाराष्ट्र की 'सांस्कृतिक राजधानी' माना जाता है। मराठी भाषा इस शहर की मुख्य भाषा है। पुणे शहर मे लगभग सभी विषयों के उच्च शिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। पुणे विद्यापीठ, राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला, आयुका, आगरकर संशोधन संस्था, सी-डैक जैसी आंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान यहाँ है। पुणे फिल्म इन्स्टिट्युट भी काफी प्रसिद्ध है। पुणे महाराष्ट्र व भारत का एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है। टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, भारत फोर्ज जैसे उत्पादनक्षेत्र के अनेक बड़े उद्योग यहाँ है। 1990 के दशक मे इन्फोसिस, टाटा कंसल्टंसी सर्विसे, विप्रो, सिमैंटेक, आइ.बी.एम जैसे प्रसिद्ध सॉफ्टवेअर कंपनियों ने पुणे मे अपने केंन्द्र खोले और यह शहर भारत का एक प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगकेंद्र के रूप मे विकसित हुआ। .

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प्रो कबड्डी लीग

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) भारत में एक पेशेवर कबड्डी लीग, इंडियन प्रीमियर लीग टी -20 क्रिकेट टूर्नामेंट के प्रारूप पर आधारित है। यह प्रायोजन कारणों के लिए के रूप में स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी में जाना जाता है। टूर्नामेंट के पहले संस्करण में भारत के विभिन्न शहरों का प्रतिनिधित्व करने वाले आठ फ्रेंचाइजी के साथ 2014 में खेला गया था। यह वर्तमान में मशाल स्पोर्ट्स द्वारा प्रबंधित किया जाता है। .

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भारत में मोटर वाहन उद्योग

भारतमें वाहन उद्योग विश्व का सातवां सबसे बड़ा वाहन उद्योग है, जिसने वर्ष 2009 में 26 लाख इकाइयों का उत्पादन किया। 2009 में, जापान, दक्षिण कोरिया और थाइलैंड के बाद भारत एशिया का चौथा सबसे बड़ा वाहन निर्यातक बन गया। अनुमान है कि 2050 तक भारत की सड़कों पर 61.1 करोड़ वाहन होंगे जो विश्व में सर्वाधिक वाहन संख्या होगी। 1991 भारत में शुरू हुए आर्थिक उदारीकरण के बाद, बढ़ती प्रतियोगिता और सरकार द्वारा नियमों को सरल बनाने के कारण भारतीय वाहन उद्योग ने लगातार वृद्धि की है। टाटा मोटर्स, मारुति सुज़ुकी एवं महिन्द्रा एंड महिन्द्रा जैसे भारतीय वाहन निर्माताओं ने अपने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय को बढ़ाया है। भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि के कारण भारत के घरेलू वाहन बाजार का विस्तार हुआ है और बहु-राष्ट्रीय वाहन निर्माता भारत-केन्द्रित निवेश के लिए आकर्षित हुए हैं।.

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मोटर वाहन उद्योग

कार की असेम्बली लाइन विश्व में मोटर वाहनों का उत्पादन जो १९०० में ९५०० था वह २०१५ में १० करोड़ हो गया। मोटर वाहन उद्योग मोटर वाहनों की डिज़ाइन, विकास, विनिर्माण, विपणन और विक्रय करता है। 2008 के दौरान, विश्व भर में 70 मिलियन से भी ज़्यादा मोटर वाहनों का निर्माण किया गया, जिनमें कार और वाणिज्यिक वाहन भी शामिल हैं। 2007 में, कुल 79.9 मिलियन नए वाहन दुनिया भर में बेचे गए: यूरोप में 22.9 मिलियन, एशिया-पैसेफ़िक क्षेत्र में 21.4 मिलियन, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में 1.94 मिलियन, लातिन अमेरिका, में 4.4 मिलियन, मध्य पूर्व में 2.4 मिलियन और अफ़्रीका में 1.4 मिलियन.

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मोटरवाहन

कार्ल बेन्ज़'स "वेलो"मॉडल (1894) -सबसे पहले गाड़ियों के होड़ में आई right विश्व मानचित्र प्रति 1000 लोग गाड़ी, मोटरवाहन, कार, मोटरकार या ऑटोमोबाइल एक पहियों वाला वाहन है, जो यात्रियों के परिवहन के काम आता है; और जो अपना इंजन या मोटर भी स्वयं उठाता है। इस शब्द की अधिकांश परिभाषाओं के अनुसार मोटरवाहन मुख्य रूप से सड़कों पर चलाने के लिए हैं, एक से आठ लोगों कों बैठाने के लिए हैं, आमतौर पर जिनके चार पहिये होते हैं, जिनका निर्माण मुख्य रूप से सामान के उपेक्षा लोगों के परिवहन के लिए किया जाता है। मोटरकार शब्द का प्रयोग विद्युतिकृत रेल प्रणाली के सन्दर्भ में, एक ऐसी कार के लिए प्रयुक्त होता है, जो एक छोटा लोकोमोटिव होने के साथ ही, इसमे लोगों और सामान के लिए जगह भी होती है। ये लोकोमोटिव कार उपनगरीय मार्गों में अंतर्नगरीय रेल प्रणालियों में इस्तेमाल की जाती हैं। 2002 तक, 590 मिलियन यात्री करें दुनिया भर में थी (मोटे तौर पर एक कार प्रति ग्यारह लोग).

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रतन नवल टाटा

रतन नवल टाटा (28 दिसंबर 1937, को मुम्बई, में जन्मे) टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया। 1971 में रतन टाटा को राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (नेल्को) का डाईरेक्टर-इन-चार्ज नियुक्त किया गया, एक कंपनी जो कि सख्त वित्तीय कठिनाई की स्थिति में थी। रतन ने सुझाव दिया कि कम्पनी को उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के बजाय उच्च-प्रौद्योगिकी उत्पादों के विकास में निवेश करना चाहिए जेआरडी नेल्को के ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन की वजह से अनिच्छुक थे, क्यों कि इसने पहले कभी नियमित रूप से लाभांश का भुगतान नहीं किया था। इसके अलावा, जब रतन ने कार्य भार संभाला, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स नेल्को की बाज़ार में हिस्सेदारी २% थी और घाटा बिक्री का ४०% था। फिर भी, जेआरडी ने रतन के सुझाव का अनुसरण किया। 1972 से 1975 तक, अंततः नेल्को ने अपनी बाज़ार में हिस्सेदारी २०% तक बढ़ा ली और अपना घाटा भी पूरा कर लिया। लेकिन 1975 में, भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने आपात स्थिति घोषित कर दी, जिसकी वजह से आर्थिक मंदी आ गई। इसके बाद 1977 में यूनियन की समस्यायें हुईं, इसलिए मांग के बढ़ जाने पर भी उत्पादन में सुधार नहीं हो पाया। अंततः, टाटा ने यूनियन की हड़ताल का सामना किया, सात माह के लिए तालाबंदी (lockout) कर दी गई। रतन ने हमेशा नेल्को की मौलिक दृढ़ता में विश्वास रखा, लेकिन उद्यम आगे और न रह सका। 1977 में रतन को Empress Mills सोंपा गया, यह टाटा नियंत्रित कपड़ा मिल थी। जब उन्होंने कम्पनी का कार्य भार संभाला, यह टाटा समुह की बीमार इकाइयों में से एक थी। रतन ने इसे संभाला और यहाँ तक की एक लाभांश की घोषणा कर दी। चूँकि कम श्रम गहन उद्यमों की प्रतियोगिता ने इम्प्रेस जैसी कई उन कंपनियों को अलाभकारी बना दिया, जिनकी श्रमिक संख्या बहुत ज्यादा थी और जिन्होंने आधुनिकीकरण पर बहुत कम खर्च किया था रतन के आग्रह पर, कुछ निवेश किया गया, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था। चूंकि मोटे और मध्यम सूती कपड़े के लिए बाजार प्रतिकूल था (जो कि एम्प्रेस का कुल उत्पादन था), एम्प्रेस को भारी नुकसान होने लगा। बॉम्बे हाउस, टाटा मुख्यालय, अन्य ग्रुप कंपनिओं से फंड को हटाकर ऐसे उपक्रम में लगाने का इच्छुक नहीं था, जिसे लंबे समय तक देखभाल की आवश्यकता हो। इसलिए, कुछ टाटा निर्देशकों, मुख्यतः नानी पालखीवाला (Nani Palkhivala) ने ये फैसला लिया कि टाटा को मिल समाप्त कर देनी चाहिए, जिसे अंत में 1986 में बंद कर दिया गया। रतन इस फैसले से बेहद निराश थे और बाद में हिन्दुस्तान टाईम्स के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया कि एम्प्रेस को मिल जारी रखने के लिए सिर्फ़ ५० लाख रुपये की जरुरत थी। वर्ष 1981 में, रतन टाटा इंडस्ट्री््ज और समूह की अन्य होल्डिंग कंपनियों के अध्यक्ष बनाए गए, जहाँ वे समूह के कार्यनीतिक विचार समूह को रूपांतरित करने के लिए उत्तरदायी तथा उच्च प्रौद्योगिकी व्यापारों में नए उद्यमों के प्रवर्तक थे। 1991 में उन्होंने जेआरडी से ग्रुप चेयर मेन का कार्य भार संभाला.

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लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

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लखनऊ की अर्थ व्यवस्था

लखनऊ उत्तरी भारत का एक प्रमुख बाजार एवं वाणिज्यिक नगर ही नहीं, बल्कि उत्पाद एवं सेवाओं का उभरता हुआ केन्द्र भी बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी होने के कारण यहां सरकारी विभाग एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ही यहां मध्यम-वर्गीय वेतनभोगियों के नियोक्ता हैं। सरकार की उदारीकरण नीति के चलते यहां व्यवसाय एवं नौकरियों तथा स्व-रोजगारियों के लिए बहुत से अवसर खोल दिये हैं। इस कारण यहां नौकरी पेशे वालों की संख्या निरंतर बढ़ती रहती है। लखनऊ निकटवर्ती नोएडा एवं गुड़गांव के लिए सूचना प्रौद्योगिकी एवं बीपीओ कंपनियों के लिए श्रमशक्ति भी जुटाता है। यहां के सू.प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लोग बंगलुरु एवं हैदराबाद में भी बहुतायत में मिलते हैं। शहर में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) तथा प्रादेशिक औद्योगिक एवं इन्वेस्टमेंट निगम, उत्तर प्रदेश (पिकप) के मुख्यालय भी स्थित हैं। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम का क्षेत्रीय कार्यालय भी यहीं स्थित है। यहां अन्य व्यावसायिक विकास में उन्मत्त संस्थानों में कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) एवं एन्टरप्रेन्योर डवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (ईडीआईआई) हैं। .

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सुज़ुकी

एक जापानी बहुराष्ट्रीय निगम है जिसका मुख्यालय हमामात्सू, जापान में स्थित है और जो काम्पैक्ट ऑटोमोबाइल और 4x4 वाहन, सभी रेंज की मोटरसाइकिल, ऑल-टेरेन वाहन (ATVs), आउटबोर्ड जहाज इंजन, व्हीलचेयर और अन्य प्रकार के छोटे आंतरिक दहन इंजन का उत्पादन करती है। उत्पादन मात्रा के आधार पर सुज़ुकी दुनिया भर में नौवीं सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल निर्माता है, करीब 45,000 से अधिक लोगों को रोजगार देती है और 23 देशों में इसकी 35 मुख्य उत्पादन इकाइयां और 192 देशों में इसके 133 वितरक हैं। आंकड़ों के अनुसार जापान ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (जेएएमए) से सुज़ुकी जापान की छोटी कारों और ट्रकों की दूसरी सबसे बड़ी निर्माता है। जापानी भाषा में "सुज़ुकी" को उच्चारित किया जाता है, जिसमें पर बलाघात दिया जाता है। अंग्रेजी में इसका उच्चारण किया जाता है और ज़ु पर जोर डाला जाता है। इस उच्चारण का इस्तेमाल सुज़ुकी कंपनी द्वारा उन विपणन अभियानों के लिए किया जाता है जो अंग्रेजी भाषियों के लिए होते हैं। .

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हिस्पैनो कैरोसेरा

टाटा हिस्पैनो Divo टाटा हिस्पैनो कैरोसेरा टाटा मोटार्स द्वारा डाएवू समूह के संग बनाया गया एक वाणिज्यिक वाहन है। श्रेणी:टाटा मोटर्स श्रेणी:वाहन.

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हुडको झील

हुडको झील जमशेदपुर में छोटा गोविंदपुर और टेल्को कालोनी के बीच स्थित टाटा मोटर्स द्वारा निर्मित एक कृत्रिम झील है। कंपनी द्वारा इस क्षेत्र को एक पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित किया गया है। श्रेणी:भारत की झीलें श्रेणी:जमशेदपुर श्रेणी:पर्यटन श्रेणी:झारखंड.

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जमशेदपुर

जमशेदपुर जिसका दूसरा नाम टाटानगर भी है, भारत के झारखंड राज्य का एक शहर है। यह झारखंड के दक्षिणी हिस्से में स्थित पूर्वी सिंहभूम जिले का हिस्सा है। जमशेदपुर की स्थापना को पारसी व्यवसायी जमशेदजी नौशरवान जी टाटा के नाम से जोड़ा जाता है। १९०७ में टाटा आयरन ऐंड स्टील कंपनी (टिस्को) की स्थापना से इस शहर की बुनियाद पड़ी। इससे पहले यह साकची नामक एक आदिवासी गाँव हुआ करता था। यहाँ की मिट्टी काली होने के कारण यहाँ पहला रेलवे-स्टेशन कालीमाटी के नाम से बना जिसे बाद में बदलकर टाटानगर कर दिया गया। खनिज पदार्थों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता और खड़कई तथा सुवर्णरेखा नदी के आसानी से उपलब्ध पानी, तथा कोलकाता से नजदीकी के कारण यहाँ आज के आधुनिक शहर का पहला बीज बोया गया। जमशेदपुर आज भारत के सबसे प्रगतिशील औद्योगिक नगरों में से एक है। टाटा घराने की कई कंपनियों के उत्पादन इकाई जैसे टिस्को, टाटा मोटर्स, टिस्कॉन, टिन्पलेट, टिमकन, ट्यूब डिवीजन, इत्यादि यहाँ कार्यरत है। .

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जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा

जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा या जे आर डी टाटा (२९ जुलाई, १९०४ - २९ नवंबर, १९९३) भारत के वायुयान उद्योग और अन्य उद्योगो के अग्रणी थे। वे रतनजी दादाभाई टाटा और उनकी फ्रांसीसी पत्नी सुज़ेन्न ब्रीरे (en:Suzanne Briere) के पांच संतानो मे से दुसरे थे। वे दशको तक टाटा ग्रुप के निर्देशक रहे और इस्पात, इंजीनीयरींग, होट्ल, वायुयान और अन्य उद्योगो का भारत मे विकास किया। १९३२ में उन्होंने टाटा एयरलाइंस शुरू की। भारत के लिए महान इंजीनियरिंग कंपनी खोलने के सपने के साथ उन्होंने १९४५ में टेल्को की शूरूवात की जो मूलतः इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव के लिए थी। उन्हे वर्ष १९५७ मे पद्म विभुशण और १९९२ में भारत रत्न से सम्मनित किया गया। .

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जैगुआर कारें

जैगुआर कार्स लिमिटेड, जिसे विशेष रूप से जैगुआर के रूप में जाना जाता है एक ब्रिटिश लगज़री कार निर्माता है जिसका मुख्यालय कॉवेंट्री, इंग्लैंड में है। यह मार्च 2008 से भारतीय कंपनी टाटा मोटर्स लिमिटेड (Tata Motors Ltd.) के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और व्यापार जैगुआर लैंड रोवर व्यवसाय के रूप में संचालित है। जैगुआर की स्थापना सर विलियम लॉयन्स द्वारा 1922 में, स्वालो साइडकार कंपनी के रूप में, मुख्य रूप से यात्री कार में आने से पहले मोटर साइकिल साइडकार बनाने के लिए की गई थी। विश्व युद्ध II के बाद, SS आद्यक्षर की प्रतिकूल अभिधानों के कारण इसके नाम को बदलकर जैगुआर कर दिया गया था। 1960 के दशक में स्वामित्व के कई परिवर्तनों के बाद, जैगुआर को लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कर दिया गया था और 1989 में फोर्ड में शामिल किए जाने तक FTSE 100 सूचकांक का अंग रही। जैगुआर को HM महारानी एलिजाबेथ II और HRH प्रिंस चार्ल्स से रॉयल वारंट भी दिए गए। अब जैगुआर कारें कॉवेंट्री के विटले प्लांट और वार्विकशॉयर के गेयडॉन प्लांट के जैगुआर लैंड रोवर्स इंजीनियरिंग सेंटर में डिज़ाइन की जाती हैं और जैगुआर लैंड रोबर्स प्लांट, बर्मिंघम के कासल ब्रोमविक असेंबली प्लांट और लिवरपूल के पास हलेवुड बॉडी एंड असेंबली निर्मित होती हैं। .

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आइएसडीएन (ISDN)

आइएसडीएन (ISDN) टेलीफोन एकीकृत सेवा डिजिटल नेटवर्क (आइएसडीएन (ISDN)), पब्लिक स्विच्ड टेलीफोन नेटवर्क के परंपरागत परिपथों पर आवाज़, वीडियो, डाटा और अन्य नेटवर्क सेवाओं के समकालीन डिजिटल संचरण के संचार के मानकों का एक सेट है। आइएसडीएन (ISDN) से पहले, फोन सिस्टम को डाटा के लिए उपलब्ध कुछ विशेष सेवाओं के साथ आवाज़ के परिवहन के एक तरीके के रूप में देखा जाता था। आइएसडीएन (ISDN) की प्रमुख विशेषता यह है कि यह बातचीत और डाटा को उसी तर्ज पर एकीकृत करता है लेकिन इसके साथ कुछ ऐसी सुविधाओं को भी शामिल करता है जो पारंपरिक टेलीफोन सिस्टम में उपलब्ध नहीं थे। आइएसडीएन (ISDN) के एक्सेस अंतराफलक के कई प्रकार हैं जिन्हें मूल दर अंतराफलक (बीआरआई (BRI)), प्राथमिक दर अंतराफलक (पीआरआई (PRI)) और ब्रॉडबैंड आइएसडीएन (ISDN) (बी-आईएसडीएन (B-ISDN)) के रूप में परिभाषित किया जाता है। आइएसडीएन (ISDN) एक परिपथ-स्विच्ड टेलीफोन नेटवर्क सिस्टम है, जो पैकेट स्विच्ड नेटवर्कों में भी एक्सेस प्रदान करता है, जिसे साधारण टेलीफोन के तांबे के तारों पर आवाज़ और डाटा के डिजिटल संचरण की अनुमति प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप यह एक एनालॉग फोन की अपेक्षा संभावित रूप से बेहतर आवाज़ गुणवत्ता प्रदान करता है। यह 64 kilobit/s (किलोबिट/से) की वृद्धि में परिपथ-स्विच्ड कनेक्शन (या तो आवाज़ के लिए या डाटा के लिए) और पैकेट-स्विच्ड कनेक्शन (डाटा के लिए) प्रदान करता है। कुछ देशों में आइएसडीएन (ISDN) का एक प्रमुख बाज़ार अनुप्रयोग इंटरनेट एक्सेस है, जहां आइएसडीएन (ISDN) मिसाल के तौर पर अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम दोनों दिशाओं में अधिक से अधिक 128 kbit/s (किलोबिट/से) प्रदान करता है। बृहत्तर डाटा दर को प्राप्त करने के लिए आइएसडीएन (ISDN) के B-चैनलों को जोड़ा जा सकता है, मिसाल के तौर पर 3 या 4 बीआरआई (BRI) (6 से 8 64 kbit/s चैनल) को जोड़ा जाता है। आइएसडीएन (ISDN) को विशेष प्रोटोकॉल, जैसे Q.931 जिससे आइएसडीएन (ISDN) ओएसआई (OSI) मॉडल के सन्दर्भ में नेटवर्क, डाटा-लिंक और भौतिक परतों के रूप में कार्यरत है, के साथ इसके प्रयोग के लिए गलत नहीं समझना चाहिए। एक व्यापक अर्थ में आइएसडीएन (ISDN) को ओएसआई (OSI) मॉडल के परत 1, 2 और 3 पर मौजूद डिजिटल सेवाओं का एक समूह माना जा सकता है। आइएसडीएन (ISDN) को आवाज़ और डाटा सेवाओं में एक साथ एक्सेस प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। बहरहाल, सामान्य प्रयोग ने आइएसडीएन (ISDN) को Q.931 और संबंधित प्रोटोकॉलों में सीमाबद्ध किये जाने के लिए इसमें कमी की गई है, जो परिपथ स्विच्ड कनेक्शनों की स्थापना करने और तोड़ने के लिए और उपयोगकर्ता के लिए उन्नत कॉल सुविधाओं के लिए प्रोटोकॉलों का एक सेट है। उनकी शुरुआत 1986 में की गई। एक वीडियोकॉन्फ्रेंस में आइएसडीएन (ISDN) व्यक्तिगत डेस्कटॉप वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग सिस्टमों और समूह (कक्ष) वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग सिस्टमों के बीच एकसाथ आवाज़, वीडियो और पाठ संचरण प्रदान करता है। .

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अरविन्द गुप्ता

अपने द्वारा निर्मित एक खिलौने के साथ अरविन्द गुप्ता अरविन्द गुप्ता भारत के खिलौना अन्वेषक एवं विज्ञान प्रसारक हैं। वे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के पूर्वछात्र हैं तथा गांधीवादी विचारधारा के व्यक्ति हैं। वे पहले टेल्को में कार्यरत थे। पिछले पच्चीस सालों से वे पुणे के इन्टर यूनिवर्सिटी सेन्टर फ़ॉर एस्ट्रोनॉमी एन्ड एस्ट्रोफ़िज़िक्स नामक बच्चों को विज्ञान सिखाने को समर्पित एक अद्वितीय केन्द्र में काम कर रहे हैं। वे अध्यापक हैं, इंजीनियर हैं, खिलौने बनाते हैं, किताबों से प्रेम करते हैं और अनुवादक हैं। उन्होने १५० से अधिक पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद किया है। बच्‍चों के लिए सस्‍ते और विज्ञान की समझ को पुख्‍ता करने वाले खिलौने बनाने का उन्‍हें जुनून रहा है। इन खिलौनों को बनाने की कई किताबें उन्‍होंने लिखी हैं। इन खिलौनों को बनाने और काम करने की तरकीबें उनकी साइट पर मौजूद हैं। कुछ उपयोगी फिल्‍में भी हैं। इसके साथ ही बच्‍चों के लिए विभिन्‍न्‍ा भाषाओं में प्रकाशित चुनिंदा पुस्‍तकों को सबके सामने लाने का उनका एक अभियान रहा है। बहुत सारी किताबें उन्‍होंने स्‍वयं भी संपादित की हैं। हिन्‍दी में बच्‍चों के लिए और शिक्षा और विकास से जुड़े मुद्दों पर लगभग चार सौ किताबें पीडीएफ के रूप में उनकी साइट पर मौजूद हैं। इसके अतिरिक्‍त मराठी और अंग्रेजी की किताबें भी हैं। उनका और अधिक विस्‍तृत परिचय यहां देखा जा सकता है। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया है - "पच्चीस साल पहले मैंने पाया कि अगर बच्चों को कोई वैज्ञानिक नियम किसी खिलौने के भीतर नज़र आता है तो वे उसे बेहतर समझ पाते हैं।" इस लीक पर चलते हुए अरविन्द गुप्ता ने विज्ञान सीखने की प्रक्रिया को मनोरंजक बनाने का सतत कार्य किया है। .

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उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम

उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम उत्तर प्रदेश सरकार का औद्योगिक एवं मूल अवसंरचना विकास की प्रगति के लिए कार्यरत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। इसके द्वारा १९६१ से ही बड़ी औद्योगिक परियोजनाएं चलायी जा रही हैं। निगम की उन्नतिशील एवं विकासशील कार्यकलापों में से कुछ हैं:-.

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छोटा गोविंदपुर जमशेदपुर

छोटागोविंदपुर जमशेदपुर के दक्षिण पूर्वी सीमांत पर बसा एक आवासीय कालोनी है। इसकी स्थापना सन 1960 के दशक में बिहार राज्य आवासीय निगम द्वारा टाटा मोटर्स के कर्मचारियों के लिये की गयी थी। जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र के अनुसार इसे ग्रामीण इलाकों में गिना जाता है तथा यह झारखंड के जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। 2001 के भारत की जनगणना के अनुसार, छोटा गोबिंदपुर की जनसंख्या 24,751 है जिसमें 53% पुरुष एवं 47% महिलायें शामिल हैं। यहाँ की औसत साक्षरता दर 76% है जो राष्ट्रीय औसत 59.5% से काफी अधिक है एवं यहाँ 82% पुरुष एवं 69% महिलायें साक्षर हैं। इस कस्बे की 12% आबादी 6 वर्ष या उससे कम की है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

टाटा मोटार्स, टाटा इंजिनीयरिंग ऐंड लोकोमोटिव कम्पनी लिमिटेड, टेल्को

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