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झील

सूची झील

एक अनूप झील बैकाल झील झील जल का वह स्थिर भाग है जो चारो तरफ से स्थलखंडों से घिरा होता है। झील की दूसरी विशेषता उसका स्थायित्व है। सामान्य रूप से झील भूतल के वे विस्तृत गड्ढे हैं जिनमें जल भरा होता है। झीलों का जल प्रायः स्थिर होता है। झीलों की एक महत्वपूर्ण विशेषता उनका खारापन होता है लेकिन अनेक झीलें मीठे पानी की भी होती हैं। झीलें भूपटल के किसी भी भाग पर हो सकती हैं। ये उच्च पर्वतों पर मिलती हैं, पठारों और मैदानों पर भी मिलती हैं तथा स्थल पर सागर तल से नीचे भी पाई जाती हैं। किसी अंतर्देशीय गर्त में पाई जानेवाली ऐसी प्रशांत जलराशि को झील कहते हैं जिसका समुद्र से किसी प्रकार का संबंध नहीं रहता। कभी-कभी इस शब्द का प्रयोग नदियों के चौड़े और विस्तृत भाग के लिए तथा उन समुद्र तटीय जलराशियों के लिए भी किया जाता है, जिनका समुद्र से अप्रत्यक्ष संबंध रहता है। इनके विस्तार में भिन्नता पाई जाती है; छोटे छोटे तालाबों और सरोवर से लेकर मीठे पानीवाली विशाल सुपीरियर झील और लवणजलीय कैस्पियन सागर तक के भी झील के ही संज्ञा दी गई है। अधिकांशत: झीलें समुद्र की सतह से ऊपर पर्वतीय प्रदेशों में पाई जाती हैं, जिनमें मृत सागर, (डेड सी) जो समुद्र की सतह से नीचे स्थित है, अपवाद है। मैदानी भागों में सामान्यत: झीलें उन नदियों के समीप पाई जाती हैं जिनकी ढाल कम हो गई हो। झीलें मीठे पानीवाली तथा खारे पानीवाली, दोनों होती हैं। झीलों में पाया जानेवाला जल मुख्यत: वर्ष से, हिम के पिघलने से अथवा झरनों तथा नदियों से प्राप्त होता है। झीले बनती हैं, विकसित होती हैं, धीरे-धीरे तलछट से भरकर दलदल में बदल जाती हैं तथा उत्थान होंने पर समीपी स्थल के बराबर हो जाती हैं। ऐसी आशंका है कि संयुक्त राज्य अमेरिका की बृहत झीलें ४५,००० वर्षों में समाप्त हो जाएंगी। भू-तल पर अधिकांश झीलें उत्तरी गोलार्ध में स्थित हैं। फिनलैंड में तो इतनी अधिक झीलें हैं कि इसे झीलों का देश ही कहा जाता है। यहाँ पर १,८७,८८८ झीलें हैं जिसमें से ६०,००० झीलें बेहद बड़ी हैं। पृथ्वी पर अनेक झीलें कृत्रिम हैं जिन्हें मानव ने विद्युत उत्पादन के लिए, कृषि-कार्यों के लिए या अपने आमोद-प्रमोद के लिए बनाया है। झीलें उपयोगी भी होती हैं। स्थानीय जलवायु को वे सुहावना बना देती हैं। ये विपुल जलराशि को रोक लेती हैं, जिससे बाढ़ की संभावना घट जाती है। झीलों से मछलियाँ भी प्राप्त होती हैं। .

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चाड झील

चाड झील की भौगोलिक स्थिति चाड झील अफ़्रीका मे स्थित एक मीठे पानी की झील है। यह झील ४ देशो के २ करोड़ लोगो के पीने की पानी की आवश्यकता को पूरी करती है। चारी नदी चाड झील के पानी का स्रोत है। चाड झील से ही अफ़्रीकी देश चाड का नाम पड़ा है। श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:अफ़्रीका की बन्द जलसम्भरीय झीलें.

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चोल राजवंश

चोल (तमिल - சோழர்) प्राचीन भारत का एक राजवंश था। दक्षिण भारत में और पास के अन्य देशों में तमिल चोल शासकों ने 9 वीं शताब्दी से 13 वीं शताब्दी के बीच एक अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य का निर्माण किया। 'चोल' शब्द की व्युत्पत्ति विभिन्न प्रकार से की जाती रही है। कर्नल जेरिनो ने चोल शब्द को संस्कृत "काल" एवं "कोल" से संबद्ध करते हुए इसे दक्षिण भारत के कृष्णवर्ण आर्य समुदाय का सूचक माना है। चोल शब्द को संस्कृत "चोर" तथा तमिल "चोलम्" से भी संबद्ध किया गया है किंतु इनमें से कोई मत ठीक नहीं है। आरंभिक काल से ही चोल शब्द का प्रयोग इसी नाम के राजवंश द्वारा शासित प्रजा और भूभाग के लिए व्यवहृत होता रहा है। संगमयुगीन मणिमेक्लै में चोलों को सूर्यवंशी कहा है। चोलों के अनेक प्रचलित नामों में शेंबियन् भी है। शेंबियन् के आधार पर उन्हें शिबि से उद्भूत सिद्ध करते हैं। 12वीं सदी के अनेक स्थानीय राजवंश अपने को करिकाल से उद्भत कश्यप गोत्रीय बताते हैं। चोलों के उल्लेख अत्यंत प्राचीन काल से ही प्राप्त होने लगते हैं। कात्यायन ने चोडों का उल्लेख किया है। अशोक के अभिलेखों में भी इसका उल्लेख उपलब्ध है। किंतु इन्होंने संगमयुग में ही दक्षिण भारतीय इतिहास को संभवत: प्रथम बार प्रभावित किया। संगमकाल के अनेक महत्वपूर्ण चोल सम्राटों में करिकाल अत्यधिक प्रसिद्ध हुए संगमयुग के पश्चात् का चोल इतिहास अज्ञात है। फिर भी चोल-वंश-परंपरा एकदम समाप्त नहीं हुई थी क्योंकि रेनंडु (जिला कुडाया) प्रदेश में चोल पल्लवों, चालुक्यों तथा राष्ट्रकूटों के अधीन शासन करते रहे। .

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टार्न

टार्न या सर्क झील अथवा गिरिताल एक हिमनद निर्मित स्थलरूप है। सर्क या हिमगह्रवर की घाटी में स्थित चट्टानों पर अत्यधिक हिम के दबाव तथा अधिक गहराई तक अपरदन की क्रिया सम्पन्न होने के कारण छोटे-छोटे अनेक गड्ढ़ों का निर्माण हो जाता है और जब हिम पिघल जाती है तो इसका जल इन गड्ढ़ों में भर जाता है तथा झीलों का निर्माण होता है, इन्हीं झीलों को टार्न या सर्क झील कहते है। टार्न शब्द नार्वेजियन भाषा (के tjörn) से निकला है और इसका अर्थ छोटा तालाब होता है। सामान्यतः ये झीलें छोटे आकार की होती हैं। भारत के हिमालय क्षेत्र में कश्मीर घाटी में गंगाबल झील इस स्थलरूप का एक सुन्दर उदाहरण है। .

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टैगानिक झील

टैगानिक झील अफ्रीका की एक प्रमुख झील एवं कांगो नदी का उद्गम स्थल है। श्रेणी:अफ़्रीका.

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टीटीकाका झील

टिटीकाका झील पेरू एवं बोलीविया की सीमा पर स्थित एक झील है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई ३८१२ मीटर (१२,५०० फीट) है। जलीय मात्रा के अनुसार यह झील दक्षिण अमरीका की सबसे बड़ी झील है।Grove, M. J., P. A. Baker, S. L. Cross, C. A. Rigsby and G. O. Seltzer 2003 Application of Strontium Isotopes to Understanding the Hydrology and Paleohydrology of the Altiplano, Bolivia-Peru.

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झील उद्यान, लक्ष्मीबाई नगर

झील उद्यान (जिसे झील या लेक पार्क भी कहते हैं) दक्षिणी दिल्ली में लक्ष्मीबाई नगर में स्थित एक उद्यान है। यह ब्रिगेडियर होशियार सिंह मार्ग पर उत्तरी ओर स्थित है। इसे पहले संजय पार्क भी कहते थे, किन्तु बाद में इसका नाम बदल कर झील उद्यान ही हो गया। यह नाम यहाँ स्थित झीलनुमा आकृति के कारण मिला है। इस आकृति में नहरनुमा झील है, जिसके दोनों किनारों पर गोलाकार सरोवर बने हुए हैं। इस नहर के ऊपर पार करने हेतु एक आकर्षक पुल भी बना है, जो उद्यान के एक सिरे से दूसरे सिरे पर जाने के लिए सहायक होता है। इसी उद्यान में पूर्वांचल के महापर्व छठ पूजा का आयोजन भी जोर-शोर से होता है। .

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तट

किसी नदी, सागर, तालाब, अथवा झील के किनारे स्थित जमीनी भाग को तट कहा जाता हैं। यह भाग जलीय तथा सूखे भू-भाग के बीच सूखे भाग में स्थित होता हैं। .

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तटबन्ध

तटबन्ध तटबंध (embankment), ऐसे बाँध अर्थात् पत्थर या कंक्रीट के पलस्तर से सुरक्षित, मिट्टी या मिट्टी तथा कंकड़ इत्यादि के मिश्रण से बनाए तटों या ऊँचे, लंबें टीलों, को कहते हैं, जिनसे पानी के बहाव को रोकने अथवा सीमित करने का काम लिया जाता है, जैसे.

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ताना झील

ताना झील (अंग्रेज़ी: Lake Tana, अम्हारी: ጣና ሐይቅ) पूर्वी अफ़्रीका के इथियोपिया देश की सबसे बड़ी झील है और नीली नील नदी का स्रोत है। यह इथियोपिया के अम्हारा प्रदेश में अबीसीनिया के पठार के पश्चिमोत्तरी भाग में स्थित है। .

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तालाब

नियाग्रा जल प्रपात के निकट एक पोखर मध्य यूरोप का एक पोखर उदयपुर में एक छोटा सा कृत्रिम तालाब, जो कि जल महल के निकट बना है। एक औपचारिक रॉक गार्डन जिसमें सरोवर और झरना है। तालाब या पोखर ऐसे जल-भरे गड्ढे को कहते हैं जो झील से छोटा हो, हालाँकि झील और तालाब के आकारों में अंतर बताने के लिये कोई औपचारिक मापदंड नहीं है। इनका मोटा-मोटा नाप लगभग २ हेक्टेयर से ८ हेक्टेयर तक का होता है। संयुक्त राजशाही में चैरिटी पॉण्ड कन्ज़र्वेशन नामक संस्था की परिभाषा के अनुसार 'तालाब एक कृत्रिम या प्राकृतिक जलाशय है जिसका सतही माप १ वर्ग मी.

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त्रिबिन्दु

त्रिबिन्दु (tripoint) या त्रिसीमा क्षेत्र (tri-border area) ऐसा भौगोलिक स्थान होता है जहाँ तीन देश या अन्य राजनैतिक भौगोलिक इकाईयाँ मिलें। अनुमानित किया जाता है कि विश्व में लगभग 176 त्रिबिन्दु हैं, जिनमें से क़रीब आधे नदियों, झीलों या सागरों पर स्थित हैं। जहाँ यह त्रिबिन्दु थल पर हैं वहाँ अक्सर स्तम्भों या अन्य निर्माणों द्वारा उन्हें अंकित किया जाता है। .

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तोबा झील

अंतरिक्ष से ली गई तोबा झील और उसमे स्थित समोसिर नामक द्वीप की फ़ोटो तोबा झील इण्डोनेशिया के द्वीप सुमात्रा के उत्तर-मध्य में स्थित एक झील और एक महाज्वालामुखी है। यह झील १०० कि॰मी॰ लम्बी और ३० कि॰मी॰ चौड़ी है और इसकी अधिकतम गहराई ५०० मीटर है। तोबा झील इण्डोनेशिया की सबसे बड़ी झील है और विश्व की सबसे बड़ी ज्वालामुखीय झील भी है। ज्वालामुखीय झीलें वह झीलें होती हैं जो किसी जीवित या मृत ज्वालामुखी के मुंह में पानी भर जाने से बन जाती हैं। यह माना जाता है कि आज से क़रीब ६९,००० से लेकर ७७,००० साल पहले इस ज्वालामुखी में विश्व का सबसे बड़ा ज्वालामुखीय विस्फोट हुआ। यह अनुमान लगाया जाता है के इस विस्फोट के कारण विश्व में उस समय मौजूद अधिकतर मनुष्य मारे गए थे और मनुष्यजाति हमेशा के लिए नष्ट होने के बहुत क़रीब आ पहुंची थी। हिंद उपमहाद्वीप के पूरे क्षेत्र को इस विस्फोट से अत्यंत हानि हुई जिसमे इस क्षेत्र के सारे जंगल नष्ट हो गये। इस पूरे इलाक़े पर राख की मोटी परत फैल गयी जो आज भी सारे भारत और पाकिस्तान में ज़मीन के नीचे पायी जाती है। तोबा झील के किनारे बताक लोग रहते हैं जो मलय लोगों से नृजातीय रूप से अलग हैं। यहाँ तक पहुँचने के लिये मेदान सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है और सियांतर सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन। .

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थलचिन्ह

थलचिन्ह (landmark) किसी ऐसी प्राकृतिक या कृत्रिम आकृति या वस्तु को कहा जाता है जिसका प्रयोग नौवहन (नैविगेशन) में स्थान बताने या समझने के लिये करा जाए। अक्सर यह कोई दूर से नज़र आने वाला और आसानी से पहचाना जाने वाला वृक्ष, स्थापत्य, पर्वत, झील, मीनार, इत्यादि हो सकता है। .

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द्वीपसमूह

भारत के पड़ौसी देश बर्मा में स्थित मेरगुई द्वीपसमूह द्वीपसमूह किसी सागर, महासागर या झील में स्थित द्वीपों की शृंखला को कहते हैं। भारत के अण्डमान, निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपसमूहों के उदहारण हैं। .

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दूदीपतसर

दूदीपतसर या दूदीपत झील पाकिस्तान के उत्तरी भाग में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के मानसेहरा ज़िले की काग़ान घाटी में स्थित एक पर्वतीय झील है। यह एक ठंडी और गहरे नीले रंग की झील है। .

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देवघर

देवघर भारत के झारखंड राज्य का एक शहर है। देवघर का मुख्य बाजार सिमरा है।यह शहर हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ-स्थल है। इस शहर को बाबाधाम नाम से भी जाना जाता है क्योंकि शिव पुराण में देवघर को बारह जोतिर्लिंगों में से एक माना गया है। यहाँ भगवान शिव का एक अत्यंत प्राचीन मंदिर स्थित है। हर सावन में यहाँ लाखों शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है जो देश के विभिन्न हिस्सों सहित विदेशों से भी यहाँ आते हैं। इन भक्तों को काँवरिया कहा जाता है। ये शिव भक्त बिहार में सुल्तानगंज से गंगा नदी से गंगाजल लेकर 105 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर देवघर में भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। झारखंड कुछ प्रमुख तीर्थस्थानों का केंद्र है जिनका ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व है। इन्हीं में से एक स्थान है देवघर। यह स्थान संथाल परगना के अंतर्गत आता है। देवघर शांति और भाईचारे का प्रतीक है। यह एक प्रसिद्ध हेल्थ रिजॉर्ट है। लेकिन इसकी पहचान हिंदु तीर्थस्थान के रूप में की जाती है। यहां बाबा बैद्यनाथ का ऐतिहासिक मंदिर है जो भारत के बारह ज्योतिर्लिगों में से एक है। माना जाता है कि भगवान शिव को लंका ले जाने के दौरान उनकी स्थापना यहां हुई थी। प्रतिवर्ष श्रावण मास में श्रद्धालु 100 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा करके सुल्तानगंज से पवित्र जल लाते हैं जिससे बाबा बैद्यनाथ का अभिषेक किया जाता है। देवघर की यह यात्रा बासुकीनाथ के दर्शन के साथ सम्पन्न होती है। बैद्यनाथ धाम के अलावा भी यहां कई मंदिर और पर्वत हैं जहां दर्शन कर अपनी इच्छापूर्ति की कामना की जा सकती है। .

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धरमसर

धरमसर पाकिस्तान के उत्तरी भाग में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के मानसेहरा ज़िले की काग़ान घाटी में स्थित एक पर्वतीय झील है। यह काराकोरम राजमार्ग पर चिलास से आते हुए बाबूसर दर्रे के सर्वोच्च स्थान से बाई ओर स्थित है। इसके पास इस से कुछ बड़ी सम्बकसार (झील) स्थित है। धरमसर ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा की पाक-अधिकृत कश्मीर से लगी सीमा के पास है।"," Hafiz Fahad Nazir .

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नदी

भागीरथी नदी, गंगोत्री में नदी भूतल पर प्रवाहित एक जलधारा है जिसका स्रोत प्रायः कोई झील, हिमनद, झरना या बारिश का पानी होता है तथा किसी सागर अथवा झील में गिरती है। नदी शब्द संस्कृत के नद्यः से आया है। संस्कृत में ही इसे सरिता भी कहते हैं। नदी दो प्रकार की होती है- सदानीरा या बरसाती। सदानीरा नदियों का स्रोत झील, झरना अथवा हिमनद होता है और वर्ष भर जलपूर्ण रहती हैं, जबकि बरसाती नदियाँ बरसात के पानी पर निर्भर करती हैं। गंगा, यमुना, कावेरी, ब्रह्मपुत्र, अमेज़न, नील आदि सदानीरा नदियाँ हैं। नदी के साथ मनुष्य का गहरा सम्बंध है। नदियों से केवल फसल ही नहीं उपजाई जाती है बल्कि वे सभ्यता को जन्म देती हैं अपितु उसका लालन-पालन भी करती हैं। इसलिए मनुष्य हमेशा नदी को देवी के रूप में देखता आया है। .

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निकोलस प्रथम

निकोलस प्रथम निकोलस प्रथम (रूसी: Николай I Павлович, निकोलाई पावलोविश; १७९६-१८५५): सन १८२५ से १८५५ तक रूस का ज़ार (सम्राट) था। .

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नगीन

नगीन कश्मीर में एक रमणीय सरोवर है। श्रेणी:कश्मीर.

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नक्की झील

नक्की झीलनक्की झील माउंट आबू का एक सुंदर पर्यटन स्थल है। मीठे पानी की यह झील, जो राजस्थान की सबसे ऊँची झील हैं सर्दियों में अक्सर जम जाती है। कहा जाता है कि एक हिन्दू देवता ने अपने नाखूनों से खोदकर यह झील बनाई थी। इसीलिए इसे नक्की (नख या नाखून) नाम से जाना जाता है। झील से चारों ओर के पहाड़ियों का दृश्य अत्यंत सुंदर दिखता है। इस झील में नौकायन का भी आनंद लिया जा सकता है। नक्की झील के दक्षिण-पश्चिम में स्थित सूर्यास्त बिंदू से डूबते हुए सूर्य के सौंदर्य को देखा जा सकता है। यहाँ से दूर तक फैले हरे भरे मैदानों के दृश्य आँखों को शांति पहुँचाते हैं। सूर्यास्त के समय आसमान के बदलते रंगों की छटा देखने सैकड़ों पर्यटक यहाँ आते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य का नैसर्गिक आनंद देनेवाली यह झील चारों ओऱ पर्वत शृंखलाओं से घिरी है। यहाँ के पहाड़ी टापू बड़े आकर्षक हैं। यहाँ कार्तिक पूर्णिमा को लोग स्नान कर धर्म लाभ उठाते हैं। झील में एक टापू को ७० अश्वशक्ति से चलित विभिन्न रंगों में जल फव्वारा लगाकर आकर्षक बनाया गया है जिसकी धाराएँ ८० फुट की ऊँचाई तक जाती हैं। झील में नौका विहार की भी व्यवस्था है। झील के किनारे एक सुंदर बगीचा है, जहाँ शाम के समय घूमने और नौकायन के लिए पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ता है। पास ही में बनी दुकानों से राजस्थानी शिल्प का सामान खरीदा जा सकता है। यहाँ संगमरमर पत्थर से बनी मूर्तियों और सूती कोटा साड़ियाँ काफी लोकप्रिय है। यहाँ की दुकानों से चाँदी के आभूषणों की खरीददारी भी की जा सकती है। .

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नौगम्यता

नौगम्य सूचक, प्रवेश फ्रीमेंटल बंदरगाह, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और स्वान नदी, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया किसी जलनिकाय, जैसे कि एक नदी, नहर, या झील को नौगम्य (नौ.

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पद्मनाभस्वामी मंदिर

पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के केरल राज्य के तिरुअनन्तपुरम में स्थित भगवान विष्णु का प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। भारत के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में शामिल यह ऐतिहासिक मंदिर तिरुअनंतपुरम के अनेक पर्यटन स्थलों में से एक है। पद्मनाभ स्वामी मंदिर विष्णु-भक्तों की महत्वपूर्ण आराधना-स्थली है। मंदिर की संरचना में सुधार कार्य किए गए जाते रहे हैं। उदाहरणार्थ 1733 ई. में इस मंदिर का पुनर्निर्माण त्रावनकोर के महाराजा मार्तड वर्मा ने करवाया था। पद्मनाभ स्वामी मंदिर के साथ एक पौराणिक कथा जुडी है। मान्यता है कि सबसे पहले इस स्थान से विष्णु भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई थी जिसके बाद उसी स्थान पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति विराजमान है जिसे देखने के लिए हजारों भक्त दूर दूर से यहाँ आते हैं। इस प्रतिमा में भगवान विष्णु शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान हैं। मान्यता है कि तिरुअनंतपुरम नाम भगवान के 'अनंत' नामक नाग के नाम पर ही रखा गया है। यहाँ पर भगवान विष्णु की विश्राम अवस्था को 'पद्मनाभ' कहा जाता है और इस रूप में विराजित भगवान यहाँ पर पद्मनाभ स्वामी के नाम से विख्यात हैं। तिरुअनंतपुरम का पद्मनाभ स्वामी मंदिर केरल के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। केरल संस्कृति एवं साहित्य का अनूठा संगम है। इसके एक तरफ तो खूबसूरत समुद्र तट है और दूसरी ओर पश्चिमी घाट में पहाडि़यों का अद्भुत नैसर्गिक सौंदर्य, इन सभी अमूल्य प्राकृतिक निधियों के मध्य स्थित- है पद्मनाभ स्वामी मंदिर। इसका स्थापत्य देखते ही बनता है मंदिर के निर्माण में महीन कारीगरी का भी कमाल देखने योग्य है। .

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पम्पा सरोवर

पाम्पा सरोवर (Pampa Sarovar /ಪಂಪ ಸರೋವರ) भारतीय राज्य कर्नाटक के कोपल ज़िले में हम्पी,कर्नाटक के निकटतम स्थित एक झील है। यह झील दक्षिण में स्थित तुंगभद्रा नदी के अंतर्गत यह हिन्दुओं द्वारा पवित्र माना जाता है और भारत में पाँच पवित्र सरोवरों, या झीलों में से पम्पा सरोवर भी एक माना जाता है। हिन्दू धर्मशास्त्र के अनुसार, पांच पवित्र झीलें हैं; जिसे सामूहिक रूप में पंच-सरोवर कहा जाता है; इसमें यह झीलें है मानसरोवर, बिन्दु सरोवर,नारायण सरोवर, पुष्कर सरोवर और इनमें एक पाम्पा सरोवर भी है। इनका भागवत पुराण में भी उल्लेख किया गया है। हिन्दू पौराणिक कथाओं में पम्पा सरोवर को भगवान शिव की भक्ति दिखाने का स्थल भी बताया गया है, जहाँ भगवान शिव के तपस्या करते थे। यह सरोवर में से उन सरोवरों में से है जिनका उल्लेख हिन्दू महाकाव्य मिलता है। एक उल्लेख यह भी मिलता है कि रामायण में भगवान राम की एक भक्तिनी शबरी उनके आने का इंतजार इसी सरोवर पर कर रही थी। Encyclopaedia of tourism resources in India, Volume 2 By Manohar Sajnani .

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परिवहन की विधि

परिवहन की विधि (या परिवहन के साधन या परिवहन प्रणाली या परिवहन का तरीका या परिवहन के रूप) वह शब्द हैं जो वस्तुत: परिवहन के अलग-अलग तरीकों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। सबसे प्रमुख परिवहन के साधन हैं हवाई परिवहन, रेल परिवहन सड़क परिवहन और जल परिवहन, लेकिन अन्य तरीके भी उपलब्ध हैं जिनमें पाइप लाइन, केबल परिवहन, अंतरिक्ष परिवहन और ऑफ-रोड परिवहन भी शामिल हैं। मानव संचालित परिवहन और पशु चालित परिवहन अपने तरीके का परिवहन है, लेकिन यह सामान्य रूप से अन्य श्रेणियों में आते हैं। सभी परिवहन में कुछ माल परिवहन के लिए उपयुक्त हैं और कुछ लोगों के परिवहन के लिए उपयुक्त हैं। प्रत्येक परिवहन की विधि को मौलिक रूप से विभिन्न तकनीकी समाधान और कुछ अलग वातावरण की आवश्यकता होती है। प्रत्येक विधी की अपनी बुनियादी सुविधाएं, वाहन, कार्य और अक्सर विभिन्न विनियमन हैं। जो परिवहन एक से अधिक मोड का उपयोग करते हैं उन्हें इंटरमोडल के रूप में वर्णित किया जा सकता है। .

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पामीर पर्वतमाला

पामीर (अंग्रेजी: Pamir Mountains, फ़ारसी), मध्य एशिया में स्थित एक प्रमुख पठार एवं पर्वत शृंखला है, जिसकी रचना हिमालय, तियन शान, काराकोरम, कुनलुन और हिन्दू कुश शृंखलाओं के संगम से हुआ है। पामीर विश्व के सबसे ऊँचे पहाड़ों में से हैं और १८वीं सदी से इन्हें 'विश्व की छत' कहा जाता है। इसके अलावा इन्हें इनके चीनी नाम 'कोंगलिंग' के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ उगने वाले जंगली प्याज़ के नाम पर इन्हें प्याज़ी पर्वत भी कहा जाता था।, John Navazio, pp.

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पांगोंग त्सो

पांगोंग त्सो पांगोंग त्सो (या पांगोंग झील; त्सो: लद्दाख़ी में झील) हिमालय में एक झील है जिस्की उचाई लगभग 4500 मीटर है। यह 134 कीमी लंबी है और भारत के लद्दाख़ से तिब्बत पहूँचती है। जनवादी गणराज्य चीन में झील की दो तिहाई है। इसकी सबसे चौड़ी नोक में सिर्फ़ 8 कीमी चौड़ी है। शीतकाल में, नमक पानी होने के बावजूद, झील संपूर्ण जमती है। लेह (भारत) से पांगोंग त्सो एक पाँच घंटे के गाड़ी का भ्रमण है, जिसका सबसे अधिक एक खुरदरा और नाटकीय पहाड़ी रस्ता में है। .

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पुलीकट

पुलीकट झील तमिलनाडु के तट पर 60 किलोमीटर लम्बी और 5 से 15 किलोमीटर चौड़ी एक झील है। यह एक छिछली अनूप है। इस झील की औसत गहराई 18 मीटर है। यह समुद्र से बालू की भित्ति द्वारा अलग होने से बनी है। सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र इसी झील के निकट श्री हरिकोटा द्वीप पर स्थित है श्री हरिकोटा द्वीप में अवसादी निक्षेप के कई स्तर मिलते हैं जिन्हें समुद्री लहरों ने बिछाया है। .

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पुष्कर झील

पुष्कर झील या पुष्कर सरोवर जो कि राजस्थान राज्य के अजमेर ज़िले के पुष्कर कस्बे में स्थित एक पवित्र हिन्दुओं की झील है। इस प्रकार हिन्दुओं के अनुसार यह एक तीर्थ है। पौराणिक दृष्टिकोण से इस झील का निर्माण भगवान ब्रह्मा जी ने करवाया था इस कारण झील के निकट ब्रह्मा जी का मन्दिर भी बनाया गया है। पुष्कर झील में कार्तिक पूर्णिमा (अक्टूबर -नवम्बर) माह में पुष्कर मेला भरता है जहां पर हज़ारों की तादाद में तीर्थयात्री आते है तथा स्नान करते है। ऐसा माना जाता है कि यहां स्नान करने पर त्वचा के सारे रोग दूर हो जाते है और त्वचा साफ सुथरी हो जाती है। झील के आसपास लगभग ५०० हिन्दू मन्दिर स्थित है। झील राजस्थान के अजमेर नगर से 11 किमी उत्तर में स्थित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार पुष्कर झील का निर्माण भगवान ब्रह्मा ने करवाया था। इसमें बावन स्नान घाट हैं। इन घाटों में वराह, ब्रह्म व गव घाट महत्त्वपूर्ण हैं। प्राचीनकाल से लोग यहाँ पर प्रतिवर्ष कार्तिक मास में एकत्रित हो भगवान ब्रह्मा की पूजा उपासना करते हैं। पुष्कर में आने वाले लोग अपने को पवित्र करने के लिए पुष्कर झील में स्नान करते हैं। .

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प्राकृतिक दृश्य

स्विस आल्प्स की ऐशिना झील, एक अत्यंत विविधतापूर्ण प्राकृतिक दृश्य का एक उदाहरण. तोलिमा कोलम्बिया की प्राकृतिक दृश्य संबंधी तस्वीर बर्न में आरे नदी प्राकृतिक दृश्य भूमि के किसी एक हिस्से की सुस्पष्ट विशेषताएं हैं, जिनमें इसके प्राकृतिक स्वरूपों के भौतिक तत्त्व, जल निकाय जैसे कि नदियाँ, झीलें एवं समुद्र, प्राकृतिक रूप से उगनेवाली वनस्पतियों सहित धरती पर रहने वाले जीव-जंतु, मिट्टी से बनी उपयोगी मानव निर्मित वस्तुओं सहित भवन एवं संरचनाएं और अस्थायी तत्त्व जैसे कि विद्युत व्यवस्था एवं मौसम संबंधी परिस्थितियाँ शामिल हैं | मानवीय संस्कृति की छवि, जो बनने में सहस्राब्दियाँ लग जाती हैं, दोनों मिलकर दृश्य किसी भी स्थल के लोग तथा वह स्थल दोनों की स्थानीय तथा राष्ट्रीय पहचान को प्रतिबिंबित करते हैं। प्राकृतिक दृश्य, इनकी विशेषता और गुणवत्ता, किसी क्षेत्र की आत्म छवि और, उस स्थान की भावनात्मक अनुभूतियाँ, जो इसे दूसरे क्षेत्रों से अलग करती है, को परिभाषित करने में मदद करती है। यह लोगों के जीवन की गतिशील पृष्ठभूमि है। पृथ्वी पर प्राकृतिक दृश्यों का एक व्यापक विस्तार है जिसमें ध्रुवीय क्षेत्रों के बर्फीले प्राकृतिक दृश्य, पहाड़ी प्राकृतिक दृश्य, विस्तृत मरुस्थलीय प्राकृतिक दृश्य, द्वीपों और समुद्रतटों केप्राकृतिक दृश्य, घने जंगलों या पेड़ों के प्राकृतिक दृश्यों सहित पुराने उदीच्य वन एवं उष्णकटिबंधीय वर्षावन और शीतोष्ण एवं उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के कृषि योग्य प्राकृतिक दृश्य शामिल हैं। प्राकृतिक दृश्यों की समीक्षा आगे 2 श्रेणी:प्राकृतिक दृश्य (लैंडस्केप) श्रेणी:सांस्कृतिक भूगोल श्रेणी:भूदृश्य ar:منظر طبيعى bg:Пейзаж ca:Paisatge (geografia) cs:Krajina da:Landskab de:Landschaft en:Landscape eo:Pejzaĝo es:Paisaje et:Maastik fi:Maisema fr:Paysage hr:Krajolik id:Lanskap it:Paesaggio ja:ランドスケープ lt:Kraštovaizdis lv:Ainava mwl:Paisage nds:Landschap nl:Landschap nn:Landskap pl:Kraina geograficzna pt:Paisagem ro:Peisaj ru:Ландшафт sk:Geografická krajina sr:Пејзаж sv:Landskap (terräng) uk:Ландшафт yi:לאנדשאפט zh:风景.

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पृथ्वी का वायुमण्डल

अंतरिक्ष से पृथ्वी का दृश्य: वायुमंडल नीला दिख रहा है। पृथ्वी को घेरती हुई जितने स्थान में वायु रहती है उसे वायुमंडल कहते हैं। वायुमंडल के अतिरिक्त पृथ्वी का स्थलमंडल ठोस पदार्थों से बना और जलमंडल जल से बने हैं। वायुमंडल कितनी दूर तक फैला हुआ है, इसका ठीक ठीक पता हमें नहीं है, पर यह निश्चित है कि पृथ्वी के चतुर्दिक् कई सौ मीलों तक यह फैला हुआ है। वायुमंडल के निचले भाग को (जो प्राय: चार से आठ मील तक फैला हुआ है) क्षोभमंडल, उसके ऊपर के भाग को समतापमंडल और उसके और ऊपर के भाग को मध्य मण्डलऔर उसके ऊपर के भाग को आयनमंडल कहते हैं। क्षोभमंडल और समतापमंडल के बीच के बीच के भाग को "शांतमंडल" और समतापमंडल और आयनमंडल के बीच को स्ट्रैटोपॉज़ कहते हैं। साधारणतया ऊपर के तल बिलकुल शांत रहते हैं। प्राणियों और पादपों के जीवनपोषण के लिए वायु अत्यावश्यक है। पृथ्वीतल के अपक्षय पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। नाना प्रकार की भौतिक और रासायनिक क्रियाएँ वायुमंडल की वायु के कारण ही संपन्न होती हैं। वायुमंडल के अनेक दृश्य, जैसे इंद्रधनुष, बिजली का चमकना और कड़कना, उत्तर ध्रुवीय ज्योति, दक्षिण ध्रुवीय ज्योति, प्रभामंडल, किरीट, मरीचिका इत्यादि प्रकाश या विद्युत के कारण उत्पन्न होते हैं। वायुमंडल का घनत्व एक सा नहीं रहता। समुद्रतल पर वायु का दबाव 760 मिलीमीटर पारे के स्तंभ के दाब के बराबर होता है। ऊपर उठने से दबाव में कमी होती जाती है। ताप या स्थान के परिवर्तन से भी दबाव में अंतर आ जाता है। सूर्य की लघुतरंग विकिरण ऊर्जा से पृथ्वी गरम होती है। पृथ्वी से दीर्घतरंग भौमिक ऊर्जा का विकिरण वायुमंडल में अवशोषित होता है। इससे वायुमंडल का ताप - 68 डिग्री सेल्सियस से 55 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रहता है। 100 किमी के ऊपर पराबैंगनी प्रकाश से आक्सीजन अणु आयनों में परिणत हो जाते हैं और परमाणु इलेक्ट्रॉनों में। इसी से इस मंडल को आयनमंडल कहते हैं। रात्रि में ये आयन या इलेक्ट्रॉन फिर परस्पर मिलकर अणु या परमाणु में परिणत हो जाते हैं जिससे रात्रि के प्रकाश के वर्णपट में हरी और लाल रेखाएँ दिखाई पड़ती हैं। .

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पेलैजिक क्षेत्र

पेलैजिक क्षेत्र (pelagic zone) किसी महासागर, सागर या झील के जल का वह भाग होता है जो न तो नीचे के फ़र्श के समीप हो और न ही उस जलसमूह के तट के समीप। इसे कभी-कभी खुला पानी (open water) भी कहा जाता है। पृथ्वी पर पेलैजिक क्षेत्र का कुल आयतन लगभग 13,300 लाख किमी3, औसत गहराई 3.68 किमी (2.29 मील) और अधिकतम गहराई 11 किमी (6.8 मील) है। पेलैजिक क्षेत्र में रहने वाली मछलियाँ पेलैजिक मछलियाँ कहलाती हैं। पृथ्वी के वायुमंडल की तरह पेलैजिक क्षेत्र को भी परतों में बाँटा जा सकता है। इस क्षेत्र के किसी भाग में एक काल्पनिक पानी का स्तम्भ के बारे में सोचा जाए तो जैसे-जैसे उसमें नीचे की ओर जाया जाए वैसे-वैसे दबाव बढ़ता, तापमान घटता और प्रकाश घटता जाता है। बढ़ती गहराई के साथ पेलैजिक जीवन भी घटता जाता है। .

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पीथमपुरी झील

पीथमपुरी झील भारतीय राज्य राजस्थान के सीकर ज़िले के नीम का थाना तहसील में स्थित एक झील है जो सिंचाई प्रयोजन में महत्वपूर्ण नहीं है। यह एक छोटी-सी गर्त भूमि पर है जहां वर्षा का पानी जमा हो जाता है जो कुछ महीनों तक भरा रहता है और बाद में सूख जाता है। .

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बारामूला

बारामूला, जिसे कश्मीरी भाषा में वरमूल कहते हैं, भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य का एक शहर है। यह बारामूला ज़िले में स्थित है और उस ज़िले का मुख्यालय है। भारत के विभाजन से पहले कश्मीर घाटी में दाख़िल होने का प्रमुख मार्ग यहीं से होकर जाता था और इस कारण से इसे कश्मीर का द्वार भी कहा जाता है। बारामूला झेलम नदी के किनारे बसा हुआ है, जिसे स्थानीय रूप से नदी के संस्कृत नाम (वितस्ता नदी) के अनुसरण में कश्मीरी में "व्यथ नदी" कहा जाता है। .

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बारामूला ज़िला

बारामूला ज़िला, जिसे कश्मीरी भाषा में वरमूल कहते हैं, भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य का एक ज़िला है। इसका मुख्यालय बारामूला शहर है और गुलमर्ग का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी इसी ज़िले मे स्थित है। .

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बाल्काश झील

बलख़श झील के जलसम्भर का नक़्शा अंतरिक्ष से बलख़श झील का नज़ारा बाल्काश झील (कज़ाख़: Балқаш Көлі, अंग्रेज़ी: Lake Balkhash) मध्य एशिया के क़ाज़ाख़स्तान देश में स्थित एक विशाल झील है। यह एशिया की सबसे बड़ी झीलों में से एक है। इसका कुल क्षेत्रफल १६,४०० किमी२ है, लेकिन इसमें पानी डालने वाली नदियों से सिंचाई के लिए पानी खिचने की वजह से इसका आकार घट रहा है। बीच में एक धरती की ऊँगली इसे दो हिस्सों में बांटती है - पश्चिमी भाग का पानी मीठा है जबकि पूर्वी भाग का पानी खारा है। पूर्वी भाग पश्चिमी भाग से अधिक गहरा है। इसका सबसे गहरा स्थान केवल २६ मीटर गहरा है।, Bradley Mayhew, Lonely Planet, 2007, ISBN 978-1-74104-614-4,...

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बिहारशरीफ

बिहारशरीफ बिहार के नालंदा जिले का मुख्यालय है। .

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बिवा झील

बिवा (Biwa) स्थिति: 35° 15' उ. अ. तथा 136° 45' पू.

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बगुला

बगुला (Herons) नदियों, झीलों और समुद्रों के किनारे मिलने वाले लम्बी टांगों व गर्दनों वाले पक्षियों का एक कुल है। .

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ब्रह्मपुत्र नदी

सुक्लेश्वर घाट से खींचा गया ब्रह्मपुत्र का तस्वीर ब्रह्मपुत्र (असमिया - ব্ৰহ্মপুত্ৰ, बांग्ला - ব্রহ্মপুত্র) एक नदी है। यह तिब्बत, भारत तथा बांग्लादेश से होकर बहती है। ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत के दक्षिण में मानसरोवर के निकट चेमायुंग दुंग नामक हिमवाह से हुआ है।ब्रह्मपुत्र की लंबाई लगभग 2900 किलोमीटर है। ब्रह्मपुत्र का नाम तिब्बत में सांपो, अरुणाचल में डिहं तथा असम में ब्रह्मपुत्र है। ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश की सीमा में जमुना के नाम से दक्षिण में बहती हुई गंगा की मूल शाखा पद्मा के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है। सुवनश्री, तिस्ता, तोर्सा, लोहित, बराक आदि ब्रह्मपुत्र की उपनदियां हैं। ब्रह्मपुत्र के किनारे स्थित शहरों में डिब्रूगढ़, तेजपुर एंव गुवाहाटी प्रमुख हैं प्रायः भारतीय नदियों के नाम स्त्रीलिंग में होते हैं पर ब्रह्मपुत्र एक अपवाद है। संस्कृत में ब्रह्मपुत्र का शाब्दिक अर्थ ब्रह्मा का पुत्र होता है। .

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बैंगलोर में पर्यटकों के आकर्षण की सूची

बेंगलुरु भारतीय राज्य कर्नाटक की राजधानी है। इस शहर को "गार्डन सिटी ऑफ इंडिया" के रूप में जाना जाता था। बेंगलुरु कर्नाटक राज्य के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन केन्द्रों में से एक था। बेंगलुरू के मुख्य व्यापार केंद्र में एमजी रोड, ब्रिगेड रोड, वाणिज्यिक स्ट्रीट इत्यादि शामिल हैं। बेंगलुरू में कई झील और पार्क हैं। बीएमटीसी बेंगलुरू में दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए विशेष बसों की सुविधा प्रदान करता है, जिसमें कोवेरी शामिल है – जो एक डबल डेकर खुली छत वाली बस हैं। .

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बोस्तेन झील

बोस्तेन झील (चीनी: 博斯騰湖, बोसितेंग हू, Bosten Lake) या बाग़राश झील (उईग़ुर:, बाग़राश कोली, Baghrash Lake) मध्य एशिया में जनवादी गणतंत्र चीन द्वारा नियंत्रित शिंजियांग प्रान्त के बायिनग़ोलिन मंगोल स्वशासित विभाग में स्थित मीठे पानी की एक झील है। यह तारिम द्रोणी के पूर्वोत्तरी छोर पर स्थित है और शिंजियांग प्रान्त की सबसे बड़ी झील है। बोस्तेन झील काराशहर (यान्ची) से २० किमी पूर्व में और बायिनग़ोलिन विभाग की प्रशासनिक राजधानी कोरला से ५७ किमी पूर्वोत्तर में स्थित है। काइदू नदी इस झील में पानी लाती है और झील में पहुँचने वाला ८३% जल इसी एक नदी से आता है। झील में बहुत-सी मछलियाँ रहती है और कुछ स्थानीय निवासी उन्हें व्यावसायिक रूप से पकड़ते हैं। .

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भारत की झीलों की सूची

यहां भारत की प्रमुख झीलों की सूची दी जा रही है। .

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भूमि उद्धार

समुद्र, नदी या झील की भूमि से नयी भूमि बनाना भूमि उद्धार (Land reclamation) कहलाता है। जलक्षेत्रों के निचले या आसपास के क्षेत्रों में कृत्रिम भूमि के सृजन और भूमि के स्तर को उठाने की प्रक्रिया को “भूमि उद्धार” कहते हैं।उसमें भरने की मिट्टी को साधारणतया आसपास के जलीय क्षेत्रों से लिया जाता है ताकि जलीय क्षेत्रों की गहराई को सुधारा जा सके और साथ ही भूमि के सृजन के लिए उसका प्रयोग किया जा सके। श्रेणी:पर्यावरणीय मृदा विज्ञान.

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महान नमक झील

महान नमक झील का मानचित्र महान नमक झील (ग्रेट साल्ट लेक), यूटाह (संयुक्त राज्य अमरीका) के उत्तर-पश्चिम भाग में क्षारीय जल की एक झील है। इसकी लंबाई 70 मील; चौड़ाई 30 मील; औसत गहराई लगभ 10 फुट; अधिकतम गहराई 35 फुट; समुद्रतल से संभावित औसत ऊँचाई 4,199 फुट और संभावित क्षेत्रफल 1,700 वर्ग मील है। इस झील से किसी भी नदी का निकास नहीं होता। जार्डन, वीबर तथा बियर नदियाँ इसमें गिरती हैं। 1950 ई. में इसकी क्षारीयता 25 प्रतिशत थी। अनुमानत: झील के पानी में लगभग 600 करोड़ टन नमक, मुख्यत: सोडियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट, मिला हुआ है। अत: क्षारीयता की अधिकता से वनस्पति तथा जीवों की कमी है। मुख्य उद्यम नमक साफ करना है। प्रति वर्ष लगभग 80 हजार टन नमक तैयार होता है। यह अभिनूतन (Pleistocene) बोनेविल झील का अवशेष अंश है। .

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महान अफ़्रीकी झीलें

महान अफ़्रीकी झीलें (अंग्रेज़ी: African Great Lakes) अफ़्रीका में पूर्वी अफ़्रीकी दरार के क्षेत्र में स्थित बड़े आकार की झीलों की एक शृंखला है। इनमें विक्टोरिया झील (सतही क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील) और तांगान्यीका झील (घनफल व गहराई के अनुसार विश्व की दूसरी सबसे बड़ी झील) शामिल हैं। इनमें सबसे बड़ी से सबसे छोटी झीलें इस प्रकार मानी जाती हैं.

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महेन्द्रनाथ मंदिर , सिवान , बिहार

बिहार राज्य के सीवान जिला से लगभग 35 किमी दूर सिसवन प्रखण्ड के अतिप्रसिद्ध मेंहदार गांव में स्थित भगवान शिव के प्राचीन महेंद्रनाथ मन्दिर का निर्माण नेपाल नरेश महेंद्रवीर विक्रम सहदेव सत्रहवीं शताब्दी में करवाया था और इसका नाम महेंद्रनाथ रखा था। ऐसी मान्यता है कि मेंहदार के शिवलिंग पर जलाभिषेक करने पर नि:संतानों को संतान व चर्म रोगियों को चर्म रोग रोग से निजात मिल जाती है । .

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मानसर सरोवर

जम्मू से ६२ कि.मी दूर स्थित मानसर झील एक सुंदर सरोवर है जिसको जंगलों से ढंके पहाड़ घेरे हुए हैं। यह झील लगभग १ मील लम्बी और आधा मील चौड़ी है। जम्मू से निकटस्थ स्थित शहर से बाहर के भ्रमण के लिये एक लोकप्रिय स्थान है। इस स्थान की हिन्दू धर्म में मान्यता भी है और इसकी पवित्रता और कथाएं मानसरोवर झील से जुड़ी हुई हैं। .

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मानसरोवर

अधिक विकल्पों के लिए यहां जाएं - मानसरोवर (बहुविकल्पी) मानसरोवर तिब्बत में स्थित एक झील है। हिन्दू तथा बौद्ध धर्म में इसे पवित्र माना गया है। .

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मावठा सरोवर

मावठा झील भारत के राजस्थान प्रदेश की राजधानी में आमेर दुर्ग के नीचे स्थित है। यह एक कृत्रिम झील है, जिसका निर्माण महल की सुरक्षा एवं सुन्दरता बढ़ाने के लिए किया गया था। झील के एक किनारे के साथ-साथ ही दुर्ग में जाने का पैदल मार्ग है, एवं एक सुंदर उद्यान भी बना है। इसका निर्माण कछवाहा राजा जयसिंह के समय में किया गया था। इस उद्यान का नाम दुलाराम बाग है। वर्षा ऋतु में मावठा झील पानी से भर जाती है एवं तब यहाँ की सुन्दरता देखने लायक होती है। झील की अधिकतम लम्बाई ६८० मी.

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मखाना

तालाब, झील, दलदली क्षेत्र के शांत पानी में उगने वाला मखाना पोषक तत्वों से भरपुर एक जलीय उत्पाद है। मखाने के बीज को भूनकर इसका उपयोग मिठाई, नमकीन, खीर आदि बनाने में होता है। मखाने में 9.7% आसानी से पचनेवाला प्रोटीन, 76% कार्बोहाईड्रेट, 12.8% नमी, 0.1% वसा, 0.5% खनिज लवण, 0.9% फॉस्फोरस एवं प्रति १०० ग्राम 1.4 मिलीग्राम लौह पदार्थ मौजूद होता है। इसमें औषधीय गुण भी होता है।; उत्पादन: बिहार के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल, सीतामढ़ी, पूर्णिया, कटिहार आदि जिलों में मखाना का सार्वाधिक उत्पादन होता है। मखाना के कुल उत्पादन का ८८% बिहार में होता है।;अनुसंधान: 28 फ़रवरी 2002 को दरभंगा के निकट बासुदेवपुर में राष्ट्रीय मखाना शोध केंद्र की स्थापना की गयी। दरभंगा में स्थित यह अनुसंधान केंद्र भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत कार्य करता है। दलदली क्षेत्र में उगनेवाला यह पोषक भोज्य उत्पाद के विकाश एवं अनुसंधान की प्रबल संभावनाएँ है। .

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मंडोर

मंडोर (अँग्रेजी: Mandore), जोधपुर शहर में रेलवे स्टेशन से ९ किलोमीटर की दूरी पर है। .

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मछली प्रव्रजन

मछली प्रव्रजन (fish migration) कई मछली जातियों के जीवनक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। कुछ मछलियाँ अपनी दिनाचार्या में प्रत्येक दिन एक स्थान से कुछ मीटर दूर किसी दूसरे स्थान और फिर वापस प्रव्रजन करती हैं और कुछ ऋतुक्रम के अनुसार हज़ारों मील की दूर तय करती हैं। अधिकतर मछलियाँ आहार-प्राप्ति या प्रजनन के लिए विधिवत स्थानांतरण करती हैं लेकिन कुछ जातियों में प्रव्रजन के लिए कोई स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं है। .

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मृत सागर

मृत सागर के तट पर नमक का जमाव मृत सागर समुद्र तल से ४०० मीटर नीचे, दुनिया का सबसे निचला बिंदु कहा जाने वाला सागर है। इसे खारे पानी की सबसे निचली झील भी कहा जाता है। ६५ किलोमीटर लंबा और १८ किलोमीटर चौड़ा यह सागर अपने उच्च घनत्व के लिए जाना जाता है, जिससे तैराकों का डूबना असंभव होता है। मृत सागर में मुख्यत: जॉर्डन नदी और अन्य छोटी नदियाँ आकर गिरती हैं। इसके उच्च घनत्व के कारण इसमें कोई मछली जिंदा नहीं रह सकती, लेकिन इसमें जीवाणुओं की ११ जातियाँ पाई जाती हैं। इसके अतिरिक्त मृत सागर में प्रचुर मात्रा में खनिज पाए जाते हैं। ये खनिज पदार्थ वातावरण के साथ मिल कर स्वास्थ्य के लिए लाभदायक वातावरण बनाते हैं। मृत सागर अपनी विलक्षणताओं के लिए कम से कम चौथी सदी से जाना जाता रहा है, जब विशेष नावों द्वारा इसकी सतह से शिलाजीत निकालकर मिस्रवासियों को बेचा जाता था। यह चीजों को सड़ने से बचाने, सुगंधित करने के अलावा अन्य दूसरे कार्यों के उपयोग में आता था। इसके अतिरिक्त मृत सागर के अंदर की गीली मिट्टी को क्लेयोपेट्रा की खूबसूरती के राज से भी जोड़ा जाता है। यहाँ तक कि अरस्तू ने भी इस सागर के भौतिक गुणों का जिक्र किया है। हाल के समय में इस जगह को हेल्थ रिज़ॉर्ट के तौर पर विकसित किया गया है। आम पानी की तुलना में मृत सागर के पानी में २० गुना ज्यादा ब्रोमीन, ५० गुना ज्यादा मैग्नीशियम और १० गुना ज्यादा आयोडीन होता है। ब्रोमीन धमनियों को शांत करता है, मैगनीशियम त्वचा की एलर्जी से लड़ता है और श्वासनली को साफ करता है, जबकि आयोडीन कई ग्रंथियों की क्रियाशीलता को बढ़ाता है। सौंदर्य और स्वास्थ्य के लिए मृत सागर के गुणों की सिद्धि की वजह से ही कई प्र कंपनियां मृत सागर से ली गईं चीजों पर आधारित सौंदर्य प्रसाधन बनाती हैं। इसके गर्म सल्फर सोते और कीचड़ कई बीमारियों के इलाज में अहम भूमिका निभाते हैं, खासकर आर्थराइटिस और जोड़ों से संबंधित बीमारियों के इलाज में। लेकिन पिछले कुछ सालों से मृत सागर तेज़ गति से सिमट रहा है। पिछले ४० सालों में इसके पानी का तल २५ मीटर कम हो गया है। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि २०५० तक शायद यह पूरी तरह गायब हो जाएगा। .

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राना टिग्रिना

भारतीय मेढ़क '''राना टिग्रिना''' राना टिग्रिना नामक मेढ़क भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला बड़े आकार का मेढ़क है। .

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राजस्थान

राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .

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राजस्थान की झीलें

प्राचीन काल से ही राजस्थान में अनेक प्राकृतिक झीलें विद्यमान है। मध्य काल तथा आधुनिक काल में रियासतों के राजाओं ने भी अनेक झीलों का निर्माण करवाया। राजस्थान में मीठे और खारे पानी की झीलें हैं जिनमें सर्वाधिक झीलें मीठे पानी की है। .

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रिफ़्ट घाटी

अपसारी प्लेट किनारे के सहारे एक रिफ़्ट घाटी, आइसलैंड में रिफ़्ट घाटी (अंग्रेजी:Rift valley) एक स्थलरूप है जिसका निर्माण विवर्तनिक हलचल के परिणामस्वरूप होने वाले भ्रंशन के कारण होता है। ये सामान्यतया पर्वत श्रेणियों अथवा उच्चभूमियों के बीच स्थित लम्बी आकृति वाली घाटियाँ होती हैं जिनमें अक्सर झीलें भी निर्मित हो जाती है। .

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रंगसागर झील

रंग सागर झील जो कि भारतीय राज्य राजस्थान के उदयपुर ज़िले की एक छोटी सी झील है। यह झील स्वरूप सागर झील और पिछोला झील से जुड़ी हुई है। यह एक ताजे पानी की झील है जो उदयपुर शहर के लोगों की प्यास बुझाती है जबकि शहर की शान बढाती है। .

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रुद्रदमन का गिरनार शिलालेख

रुद्रदमन का गिरनार शिलालेख पश्चिमी छत्रप नरेश रुद्रदमन द्वारा लिखवाया गया शिलालेख है। यह शिलालेख गिरनार पर्वतों पर है जो जूनागढ़ के निकट स्थित है। यह १३०-से १५० ई॰ के मध्य लिखा गया था। जूनागढ़ शिलाओं पर अशोक के १४ शिलालेख तथा स्कन्दगुप्त के शिलालेख भी है। रुद्रदामन का गिरनार शिलालेख उच्च कोटि के संस्कृत गद्य का स्वरूप प्रकट करता है जिसमें सुबन्धु, दण्डी और बाण की गद्यशैली का पूर्वरूप देखा जा सकता है। इसकी भाषा सरल और प्रवाहपूर्ण है। इसमें दीर्घ समासों का भी प्रयोग देखते बनता है। अलंकृत शैली, नादात्मकता इसकी अन्य विशेषताएँ है। इस शिलालेख में एक बहुत बड़े सरोवर के निर्माण की बात कही है। इस क्षेत्र में पानी की कमी है। यह कार्य भी जनहित के लिए प्रशंसनीय प्रयास है। .

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रेती (बैकशोर)

रेती रेती (backshore), किसी जलनिकाय के अन्दर या उससे बाहर की ओर विस्तारित होने वाला, एक रेखीय (कुछ हद तक) स्थलरूप है जिसके संघटक आम तौर पर रेत, गाद या छोटे कंकड़ होते हैं। एक स्पिट या संकरी रेती, रेती का एक प्रकार है। रेतियों की विशेषता इनका लंबा और संकीर्ण (रैखिक) होना है और इनकी रचना उन स्थानों पर होती है जहाँ कोई जलधारा या समुद्रीधारा दानेदार (कणिकामय) पदार्थों के निक्षेपण को प्रेरित करती है। इन निक्षेपणों के फलस्वरूप उस स्थान विशेष पर जल उथला हो जाता है और धीरे-धीरे रेती का निर्माण होता है। रेतियां, समुद्र, झील या नदी सब स्थानों पर पाई जाती हैं। कई बार जब एक रेती किसी झील से समुद्र को अलग करती है तब इसे आयर कहा जाता है। रेतियां मुख्यत: रेत या बालू से बनी होती है इसीलिए इन्हें रेती कहा जाता है, पर इनके संधटन में वो सभी दानेदार वस्तुएं शामिल होती है जिन्हें कोई धारा बहा कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकती है (जैसे मिट्टी, गाद, कंकड़, बटिया, समुद्री कंकड़ और कई बार तो गोलाश्म भी)। रेती की निर्माण सामग्री के कणों का आकार लहरों के आकार और जलधारा के वेग पर निर्भर करता है पर, निर्माण सामग्री की उपलब्धता जिसे कोई जलधारा स्थानांतरित करती है भी, समान रूप से महत्वपूर्ण है। .

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लास वेगास

लास वेगास; नेवादा का सबसे ज्‍़यादा आबादी वाला शहर है। क्‍लार्क काउंटी का स्थान है और जुआ, खरीदारी तथा शानदार खान-पान के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर जाना जाने वाला एक प्रमुख रिसोर्ट शहर है। स्‍वयं को दुनिया की मनोरंजन राजधानी के रूप में प्रचारित करने वाला लास वेगास, कसीनो रिसोर्ट्स की बड़ी संख्‍या और उनसे संबंधित मनोरंजन के लिए मशहूर है। अब यहां ज्‍़यादा-से-ज्‍़यादा लोग सेवानिवृत्ति के बाद और अपने परिवारों के साथ बस रहे हैं और यह संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका का 28वां सबसे ज्‍़यादा आबादी वाला शहर बन गया है। संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका के जनगणना ब्‍यूरो के अनुसार 2008 तक की इसकी जनसंख्‍या 558,383 थी। 2008 तक लास वेगास के महानगरीय क्षेत्र की अनुमानित जनसंख्‍या 1,865,746 थी। 1905 में स्‍थापित लास वेगास को 1911 में आधिकारिक रूप से शहर का दर्जा दिया गया। उसके बाद इतनी प्रगति हुई कि 20वीं शताब्‍दी में स्थापित किया गया यह शहर सदी के अंत तक अमेरिका का सबसे ज्‍़यादा आबादी वाला शहर बन गया (19 वीं शताब्‍दी में यह दर्जा शिकागो को हासिल था).

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लंबाई के आधार पर नदियों की सूची

एक जलपोत से नील नदी का दृश्य, मिस्र में लक्सर और असवान के बीच. यह पृथ्वी पर सबसे लंबी नदियों की सूची है। इसमें 1,000 किलोमीटर से अधिक वाले नदी तंत्र शामिल हैं। .

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लूलूसर

लूलूसर या लालूसर (दोनों नाम प्रचलित हैं) पाकिस्तान के उत्तरी भाग में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के मानसेहरा ज़िले की काग़ान घाटी में स्थित एक पर्वतीय झील और पर्वतों का समूह है। ३,४१० मीटर (११,१९० फ़ुट) की ऊँचाई पर स्थित यह झील कुनहार नदी का मूल स्रोत है। यह एक बड़ा पर्यटक-आकर्षण है। .

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लेगोस

लेगोस (Lagos, योरुबा: Èkó, एको) पश्चिमी अफ़्रीका के नाइजीरिया देश का सबसे बड़ा शहर है। लेगोस राज्य की सरकार के अनुसार सन् २०१३ में इस शहर की आबादी १ करोड़ ७५ लाख थी।http://www.lagosstate.gov.ng/pagelinks.php?p.

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लोनार झील

लूनार झील लोनार झील महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में स्थित एक खारे पानी की झील है। इसका निर्माण एक उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने के कारण हुआ था। स्मिथसोनियन संस्था, संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण, सागर विश्वविद्यालय और भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला ने इस स्थल का व्यापक अध्ययन किया है। जैविक नाइट्रोजन यौगिकीकरण इस झील में 2007 में खोजा गया था। .

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लोकटक झील

लोकटक झील भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित मणिपुर राज्य की एक झील है। यह अपनी सतह पर तैरते हुए वनस्पति और मिट्टी से बने द्वीपों के लिये प्रसिद्ध है, जिन्हें "कुंदी" कहा जाता है। झील का कुल क्षेत्रफल लगभग २८० वर्ग किमी है। झील पर सबसे बड़ा तैरता द्वीप "केयबुल लामजाओ" कहलाता है और इसका क्षेत्रफल ४० वर्ग किमी है। यह संगइ हिरण का अंतिम घर है जो एक विलुप्तप्राय जाति है। इस फुमदी को केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान के नाम से भारत सरकार ने एक संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया है और यह विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है। लोकताक झील मणिपुर के लिये बहुत आर्थिक व सांस्कृतिक महत्व रखती है। इसका जल विद्युत उत्पादन, पीने और सिंचाई के लिये प्रयोग होता है। इसमें मछलियाँ भी पकड़ी जाती हैं। .

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शिवसर

शिवसर झील शिवसर झील (अर्थ: शंकर का तालाब) बल्तिस्तान में स्थित एक झील है। यह 4,142 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसकी लम्बाई लगभग 2.3 किमी तथा चौड़ाई 1.8 किमी है। औसत गहराई 40 मीटर है। श्रेणी:झीलें.

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सन्निहित सरोवर

सन्निहित सरोवर सन्निहित सरोवर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित एक पवित्र सरोवर है। यह कुरूक्षेत्र में कैथल मार्ग पर श्री कृष्ण संग्रहालय के पास स्थित है। कहा जाता है कि यहाँ पर महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने सभी दिवंगतों की मुक्ति के लिए पिंड-दान आदि कार्य किया था। यहाँ एक विशाल सरोवर का निर्माण किया गया है जिसके चारों ओर रात्रि के लिए प्रकाश व्यवस्था भी की गई है। सन्निहित सरोवर के बारे में मान्यता है कि यहीं सात सरस्वती नदियाँ मिलती हैं। इस सरोवर के जल में अमावस्या को स्नान करना पुण्यकारी माना जाता है। श्रेणी:हिन्दू तीर्थ स्थल श्रेणी:कुरुक्षेत्र.

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सरोविज्ञान

सरोविज्ञान (Limnology) नदियों, झीलों, तालाबों, जलप्रपातों, आर्द्रभूमिओं, पानी के चशमों और भूमिगत अन्य ऐसे जल-समूहों का अध्ययन है जो समुद्र से अलग हैं। यह शब्द 'सरोवर' से लिया गया है लेकिन ध्यान दें कि यह केवल सरोवरों ही का अध्ययन नहीं है। विज्ञान की इस शाखा में इन जलसमूहों को जीववौज्ञानिक, रासायनिक, भौतिक और भूवैज्ञानिक दृष्टि से समझा जाता है। .

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सारस (पक्षी)

सारस विश्व का सबसे विशाल उड़ने वाला पक्षी है। इस पक्षी को क्रौंच के नाम से भी जानते हैं। पूरे विश्व में भारतवर्ष में इस पक्षी की सबसे अधिक संख्या पाई जाती है। सबसे बड़ा पक्षी होने के अतिरिक्त इस पक्षी की कुछ अन्य विशेषताएं इसे विशेष महत्व देती हैं। उत्तर प्रदेश के इस राजकीय पक्षी को मुख्यतः गंगा के मैदानी भागों और भारत के उत्तरी और उत्तर पूर्वी और इसी प्रकार के समान जलवायु वाले अन्य भागों में देखा जा सकता है। भारत में पाये जाने वाला सारस पक्षी यहां के स्थाई प्रवासी होते हैं और एक ही भौगोलिक क्षेत्र में रहना पसंद करते हैं। सारस पक्षी का अपना विशिष्ट सांस्कृतिक महत्व भी है। विश्व के प्रथम ग्रंथ रामायण की प्रथम कविता का श्रेय सारस पक्षी को जाता है। रामायण का आरंभ एक प्रणयरत सारस-युगल के वर्णन से होता है। प्रातःकाल की बेला में महर्षि वाल्मीकि इसके द्रष्टा हैं तभी एक आखेटक द्वारा इस जोड़े में से एक की हत्या कर दी जाती है। जोड़े का दूसरा पक्षी इसके वियोग में प्राण दे देता है। ऋषि उस आखेटक को श्राप देते हैं। अर्थात्, हे निषाद! तुझे निरंतर कभी शांति न मिले। तूने इस क्रौंच के जोड़े में से एक की जो काम से मोहित हो रहा था, बिना किसी अपराध के हत्या कर डाली। .

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सागर झील (लाखा बंजारा झील)

सागर झील (लाखा बंजारा झील) का मनोरम दश्‍य .

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सवाई माधोपुर

सवाई माधोपुर भारत के राजस्थान का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। यह जिला रणथम्‍भौर राष्‍ट्रीय उद्यान के लिए जाना जाता है, जो बाघों के लिए प्रसिद्ध है। सवाई माधोपुर जिले में निम्‍न तहसीलें हैं- गंगापुर सिटी, सवाई माधोपुर, चौथ का बरवाड़ा, बौंली, मलारना डूंगर, वजीरपुर, बामनवास और खण्डार.

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सुखना झील

सुखना झील भारत के चण्डीगढ़ नगर में हिमालय की शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में स्थित एक सरोवर है। यह झील 1958 में 3 किमी² क्षेत्र में बरसाती झील सुखना खाड (चोअ) को बाँध कर बनाई गई थी। पहले इसमें सीधा बरसाती पानी गिरता था और इस कारण बहुत सी गार इसमें जमा हो जाती थी। इसको रोकने के लिए 25.42 किमी² ज़मीन ग्रहण करके उसमे जंगल लगाया गया। 1974 में इसमें चोअ के पानी को दूसरी तरफ मोड़ दिया गया और झील में साफ़ पानी भरने का प्रबंध कर लिया गया। .

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स्वरूप सागर झील

स्वरूप सागर (Swaroop Sagar Lake) एक छोटी सी झील है जो भारत के राजस्थान के उदयपुर ज़िले में स्थित है। यह झील पिछोला झील और रंगसागर झील से जुड़ी हुई है। .

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सैफ़-उल-मुलूक झील

सैफ़-उल-मुलूक झील (अंग्रेज़ी: Lake Saiful Muluk, उर्दु: جھیل سیف الملوک) पाकिस्तान के उत्तरी भाग में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के मानसेहरा ज़िले की काग़ान घाटी में स्थित एक पर्वतीय झील है। यह समुद्रतल से ३,२२४ मीटर (१०,५७८ फ़ुट) की ऊँचाई पर वृक्षरेखा से भी अधिक ऊँचाई पर स्थित है, और पाकिस्तान की सबसे ऊँची झील है। .

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सूरजकुण्ड

सूरजकुंड हरियाणा में फरीदाबाद जिला स्थित है। यह अपने हस्तशिल्प-मेला के लिये प्रसिद्ध है। .

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सेन्ट्रार्चिडाए

सेन्ट्रार्चिडाए (Centrarchidae), जिन्हें सूरजमीन (sunfish) भी कहते हैं, हड्डीदार मछलियों के पर्सिफ़ोर्मेज़ गण का एक विस्तृत कुल है जो उत्तर अमेरिका में मीठे पानी (नदियों व झीलों) में रहती हैं। इस गण में ३७ ज्ञात जातियाँ हैं। इनकी औसत लम्बाई २० - ३० सेंटीमीटर होती है, हालांकि कालीधारी सूरजमीन (black-banded sunfish) केवल ८ सेमी और बड़ीमुख बैस (largemouth bass) १ मीटर तक पाई गई है। प्रजनन में मादा के अण्डे देने के बाद नर अपनी दुम से रेत में गड्ढा बनाकर उसमें अण्डे डालता है और फिर उनकी रखवाली करता है। .

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हट्टियाँ बाला

हट्टियाँ बाला (अंग्रेज़ी: Hattian Bala, उर्दु: ہٹیاں بالا) आज़ाद कश्मीर के हट्टियाँ बाला ज़िले में स्थित एक शहर है। ७ अक्तूबर २००५ में हुए कश्मीर भूकम्प में यहाँ एक ज़बरदस्त भूस्खलन हुआ था, जिसके कारण यहाँ एक स्थान पर पानी रुकने से एक झील बन गई। भूकम्प के लिये एक अन्य शब्द "ज़लज़ला" है जिस कारणवश इसका नाम "ज़लज़ाल झील" पड़ गया। .

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हिमानीगत झील

हिमानीगत झील (subglacial lake) ऐसी झील होती है जो किसी हिमानी (ग्लेशियर), हिमचादर या बर्फ़ की टोपी के नीचे स्थित हो। इसके ऊपर बर्फ़ की एक मोटी तह होती है जिसके भीतर बंद एक अंदरूनी भाग द्रव पानी से भरा होता है। पृथ्वी पर ऐसी कई झीलें हैं और अंटार्कटिका की वोस्तोक झील सबसे बड़ी ज्ञात हिमानीगत झील है। .

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हिलसा, बिहार

हिलसा (Hilsa, ہِلسا) भारत के बिहार राज्य स्थित नालंदा जिले के अंतर्गत एक अनुमंडल है। यह बिहार की राजधानी पटना के लगभग 45 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह अनेक स्वाधीनता सेनानीयों की जन्मभूमि और भारतीय स्वतंत्रता के संघर्ष के दौर में एक प्रमुख केंद्र रहा है। .

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हुडको झील

हुडको झील जमशेदपुर में छोटा गोविंदपुर और टेल्को कालोनी के बीच स्थित टाटा मोटर्स द्वारा निर्मित एक कृत्रिम झील है। कंपनी द्वारा इस क्षेत्र को एक पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित किया गया है। श्रेणी:भारत की झीलें श्रेणी:जमशेदपुर श्रेणी:पर्यटन श्रेणी:झारखंड.

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जमशेदपुर

जमशेदपुर जिसका दूसरा नाम टाटानगर भी है, भारत के झारखंड राज्य का एक शहर है। यह झारखंड के दक्षिणी हिस्से में स्थित पूर्वी सिंहभूम जिले का हिस्सा है। जमशेदपुर की स्थापना को पारसी व्यवसायी जमशेदजी नौशरवान जी टाटा के नाम से जोड़ा जाता है। १९०७ में टाटा आयरन ऐंड स्टील कंपनी (टिस्को) की स्थापना से इस शहर की बुनियाद पड़ी। इससे पहले यह साकची नामक एक आदिवासी गाँव हुआ करता था। यहाँ की मिट्टी काली होने के कारण यहाँ पहला रेलवे-स्टेशन कालीमाटी के नाम से बना जिसे बाद में बदलकर टाटानगर कर दिया गया। खनिज पदार्थों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता और खड़कई तथा सुवर्णरेखा नदी के आसानी से उपलब्ध पानी, तथा कोलकाता से नजदीकी के कारण यहाँ आज के आधुनिक शहर का पहला बीज बोया गया। जमशेदपुर आज भारत के सबसे प्रगतिशील औद्योगिक नगरों में से एक है। टाटा घराने की कई कंपनियों के उत्पादन इकाई जैसे टिस्को, टाटा मोटर्स, टिस्कॉन, टिन्पलेट, टिमकन, ट्यूब डिवीजन, इत्यादि यहाँ कार्यरत है। .

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जल निकाय

जल निकाय (अंग्रेजी:Body of water अथवा Waterbody) पृथ्वी की सतह पर जल के एकत्रित स्वरूप को कहते हैं। यह महासागर, सागर अथवा छोटे तालाबों एवं कुंडों के रूप में हो सकते हैं। इनमें सतह पर प्रवाहमान जल के रूप में स्थित नदियों और नालों इत्यादि को भी शामिल किया जाता है। .

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जल निकासी

न्यू साउथ वेल्स में एक सिडनी नाली की अत्यंत गहराई में किसी क्षेत्र की सतह या उप-सतह के पानी को प्राकृतिक या कृत्रिम ढंग से हटाना जल निकासी कहलाता है। कृषि भूमि के उत्पादन को सुधारने या पानी की आपूर्ति के प्रबंधन के लिए जल निकासी की आवश्यकता पड़ती है। .

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जल प्रदूषण

जल प्रदूषण, से अभिप्राय जल निकायों जैसे कि, झीलों, नदियों, समुद्रों और भूजल के पानी के संदूषित होने से है। जल प्रदूषण, इन जल निकायों के पादपों और जीवों को प्रभावित करता है और सर्वदा यह प्रभाव न सिर्फ इन जीवों या पादपों के लिए अपितु संपूर्ण जैविक तंत्र के लिए विनाशकारी होता है। जल प्रदूषण का मुख्य कारण मानव या जानवरों की जैविक या फिर औद्योगिक क्रियाओं के फलस्वरूप पैदा हुये प्रदूषकों को बिना किसी समुचित उपचार के सीधे जल धारायों में विसर्जित कर दिया जाना है। .

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जल महल

जलमहल राजस्थान (भारत) की राजधानी जयपुर के मानसागर झील के मध्‍य स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक महल है। अरावली पहाडिय़ों के गर्भ में स्थित यह महल झील के बीचों बीच होने के कारण 'आई बॉल' भी कहा जाता है। इसे 'रोमांटिक महल' के नाम से भी जाना जाता था। जयसिंह द्वारा निर्मित यह महल मध्‍यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्‍त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है। जलमहल अब पक्षी अभ्‍यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है। यहाँ की नर्सरी में 1 लाख से अधिक वृक्ष लगे हैं जहाँ राजस्थान के सबसे ऊँचे पेड़ पाए जाते हैं। .

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जल सर्वेक्षण

निजी सर्वेक्षण पोत-नेप्च्यून जल सर्वेक्षण या हाइड्रोग्राफिक सर्वे सागर का वैज्ञानिक मानचित्र होता है, जिसमें सागर की गहराई, उसकी आकृति, उसका तल, उसमें किस दिशा से और कितनी धाराएं बहती हैं, का ज्ञान होता है। इसके साथ ही उसमें आने वाले ज्वारों का समय और परिमाण भी पता लगाया जाता है। झीलों और नदियों का जल सर्वेक्षण केवल उस स्थिति में किया जाता है जब उनमें जहाज चलते हों। इससे अभियांत्रिकी और नौवहन के काम में सहायता मिलती है। जल सर्वेक्षण में पानी की वर्तमान मात्र और रिजर्वायर के के बारे में जानकारी मिलती है। जल सर्वेक्षण सागर की तह में होने वाले दैनिक परिवर्तनों के और इसके अंदर के रहस्यों के ज्ञान हेतु किया जाता है। इस सर्वेक्षण की सहायता से समुद्र में मौजूद खनिजों, धातुओं, गैस आदि के भंडार पता लगाने में मदद मिलती है। साथ-साथ ही समुद्र के भीतर केबल, पाइपलाइन बिछाने, ड्रेजिंग जैसे कार्यो के लिए उसमें लगातार होने वाले परिवर्तनों के बारे में जानकारी करना बेहद आवश्यक हो जाता है। भारत में पहली बार नौसैनिक जल सर्वेक्षण विभाग, जो मैरीन सर्वे ऑफ इंडिया के नियंत्रण में था, की स्थापना १७७० में ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी। १८७४ में कैप्टन डुंडस टेलर ने मेरीन सर्वे ऑफ इंडिया को कोलकाता में स्थापित किया। १९४७ में भारत की स्वतंत्रता उपरान्त इस विभाग को मेरीन सर्वे ऑफ इंडिया के अन्तर्गत्त कर दिया गया। इसके बाद इसे १९५४ में देहरादून में स्थापित किया गया और इसका नाम नौसैनिक जल सर्वेक्षण कार्यालय (नेवल हाइड्रोग्राफिक ऑफिस) कर दिया गया। इसके बाद में १९९६ में इसका नाम नेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑफिस कर दिया गया। नेशनल हाइड्रोग्राफिक सर्वे मार्च १९९९ में आईएसओ ९००२ का स्तर प्रदान किया गया। .

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जल संसाधन

जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव के लिए उपयोगी हों या जिनके उपयोग की संभावना हो। पानी के उपयोगों में शामिल हैं कृषि, औद्योगिक, घरेलू, मनोरंजन हेतु और पर्यावरणीय गतिविधियों में। वस्तुतः इन सभी मानवीय उपयोगों में से ज्यादातर में ताजे जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर पानी की कुल उपलब्ध मात्रा अथवा भण्डार को जलमण्डल कहते हैं। पृथ्वी के इस जलमण्डल का ९७.५% भाग समुद्रों में खारे जल के रूप में है और केवल २.५% ही मीठा पानी है, उसका भी दो तिहाई हिस्सा हिमनद और ध्रुवीय क्षेत्रों में हिम चादरों और हिम टोपियों के रूप में जमा है। शेष पिघला हुआ मीठा पानी मुख्यतः जल के रूप में पाया जाता है, जिस का केवल एक छोटा सा भाग भूमि के ऊपर धरातलीय जल के रूप में या हवा में वायुमण्डलीय जल के रूप में है। मीठा पानी एक नवीकरणीय संसाधन है क्योंकि जल चक्र में प्राकृतिक रूप से इसका शुद्धीकरण होता रहता है, फिर भी विश्व के स्वच्छ पानी की पर्याप्तता लगातार गिर रही है दुनिया के कई हिस्सों में पानी की मांग पहले से ही आपूर्ति से अधिक है और जैसे-जैसे विश्व में जनसंख्या में अभूतपूर्व दर से वृद्धि हो रही हैं, निकट भविष्य मैं इस असंतुलन का अनुभव बढ़ने की उम्मीद है। पानी के प्रयोक्ताओं के लिए जल संसाधनों के आवंटन के लिए फ्रेमवर्क (जहाँ इस तरह की एक फ्रेमवर्क मौजूद है) जल अधिकार के रूप में जाना जाता है। आज जल संसाधन की कमी, इसके अवनयन और इससे संबंधित तनाव और संघर्ष विश्वराजनीति और राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। जल विवाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण विषय बन चुके हैं। .

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जलपाश

इंग्लैंड में एक जलपाशजलपाश किसी नदी अथवा झील के जलमार्ग में, जल के विभिन्न स्तरों के बीच नौकाओं को ऊपर उठाने और नीचे उतारने की एक युक्ति है। जलपाश का खास गुण इसका स्थिर कक्ष है जिसमें जलस्तर घटाया या बढ़ाया जा सकता है। जलपाश की स्थापना उन नदियों या झीलों में की जाती है जहां जलस्तर एकाएक परिवर्तित होता है। ऐसा किसी जलप्रपात या बांध की उपस्थिति के कारण हो सकता है। जलपाश का उपयोग कर किसी भी नदी को आसानी से नौगम्य बनाया जा सकता है, साथ ही असमान स्तरों वाली भूमि पर नहरों का निर्माण किया जा सकता है। .

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जसवंत थड़ा

जोधपुर दुर्ग मेहरानगढ़ के पास ही सफ़ेद संगमरमर का एक स्मारक बना है जिसे जसवंत थड़ा कहते हैं। इसे सन 1899 में जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह जी (द्वितीय)(1888-1895) की यादगार में उनके उत्तराधिकारी महाराजा सरदार सिंह जी ने बनवाया था। यह स्थान जोधपुर राजपरिवार के सदस्यों के दाह संस्कार के लिये सुरक्षित रखा गया है। इससे पहले राजपरिवार के सदस्यों का दाह संस्कार मंडोर में हुआ करता था। इस विशाल स्मारक में संगमरमर की कुछ ऐसी शिलाएँ भी दिवारों में लगी है जिनमे सूर्य की किरणे आर-पार जाती हैं। इस स्मारक के लिये जोधपुर से 250 कि, मी, दूर मकराना से संगमरमर का पत्थर लाया गया था। स्मारक के पास ही एक छोटी सी झील है जो स्मारक के सौंदर्य को और बढा देती है इस झील का निर्माण महाराजा अभय सिंह जी (1724-1749) ने करवाया था। जसवंत थड़े के पास ही महाराजा सुमेर सिह जी, महाराजा सरदार सिंह जी, महाराजा उम्मेद सिंह जी व महाराजा हनवन्त सिंह जी के स्मारक बने हुए हैं। इस स्मारक को बनाने में 2,84,678 रूपए का खर्च आया था। .

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ज़्यूरिख़

frames जूरिक या ज़्यूरिख़ (जर्मन: Zürich त्सुरिख़्) स्विट्ज़रलैंड का सबसे बड़ा शहर है। साथ ही यह शहर स्विट्ज़रलैंड की राजधानी भी है। यह शहर स्विट्ज़रलैंड का व्यवसाय एवं संस्कृति का मुख्य केन्द्र है और इसे दुनिया के ग्लोबल शहरों में से एक माना जाता है। २००६ एवं २००७ में हुए कई सर्वों के अनुसार इसे सबसे बेहतरीन जीवन गुणवत्ता का शहर माना गया है। यह स्विट्सरलैंड के ज़ूरिक उपमंडल की राजधानी तथा इस देश का सर्वप्रमुख औद्योगिक, व्यापारिक, शैल्पिक और बैंकों के व्यापार का नगर है। यह स्विट्सरलैंड का सबसे घना और रमणीक नगर है। इसका अधिकांश भाग झील को सुखाकर बनाया गया है। प्राचीन भाग अब भी सघन है, लेकिन नए भाग में चौड़ी सड़कें तथा सुंदर भवन हैं। लिम्मत नदी इस नगर को दो भागों में बाँटती है, लघु नगर एवं बृहत्‌ नगर। ये दोनों भाग 11 पुलों द्वारा एक दूसरे से संबद्ध हैं। झील के समीप असंख्य बल्ली आवासगृह हैं। यहाँ कई प्राचीन भवन दर्शनीय हैं, जिनमें सबसे सुंदर ग्रास मूंस्टर या प्रापस्ती गिरजाघर लिम्मत नदी के दाएँ किनारे पर है। इस गिरजाघर की दीवारों पर 24 लौकिक धर्मनियम लिखे हैं। इसके समीप ही बालिकाओं का विद्यालय है, जहाँ 12वीं और 13वीं शताब्दी के रोमन वास्तुकला के अवशेष हैं। लिम्मत के बाएँ किनारे पर ज़ूरिक का दूसरा बड़ा गिरजाघर फ्राऊ मूस्टर (आब्ती) 12वीं शताब्दी का है। सेंट पीटर गिरजाघर सबसे पुराना है। इनके अतिरिक्त और कई गिरजाघर हैं। सेंट्रल पुस्तकालय में 1916 ईo में सात लाख पुस्तकें थीं, जहाँ प्रसिद्ध समाजसुधारक तथा उपदेशक ज्विंगली, बुर्लिगर, लेडी जेन और शीलर आदि के पत्र भी सुरक्षित हैं। यहाँ प्राचीन अभिलेखों का भंडार है तथा यहाँ सन्‌ 1885 में स्थापित ज्विंगली की प्रतिमा है। नवीन भवनों में राष्ट्रीय संग्रहालय सबसे भव्य है, जिसमें स्विट्सरलैंड के सभी कालों एवं कलाओं का अद्भूत संग्रह है। ज़ूरिक शिक्षा का प्रसिद्ध केंद्र है। यहाँ विश्वविद्यालय, प्राविधिक संस्थान तथा अन्य विद्यालय हैं। यहाँ का वानस्पतिक बाग संसार के प्रसिद्ध वानस्पतिक बागों में से एक है। इस नगर में रेशमी एवं सूती वस्त्र, मशीनों के पुर्जे, मोमबत्ती, साबुन, सुर्ती, छींट का कपड़ा (calico), कागज तथा चमड़े की वस्तुएँ बनाने के उद्योग हैं। श्रेणी:ज़्यूरिख़ कैन्टन श्रेणी:स्विट्ज़रलैंड के शहर.

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ज्वालामुखीय झील

क्रेटर लेक अमेरिका में स्थित एक ज्वालामुखीय झील है। यह उसका अंतरिक्ष से देखा गया एक दृश्य है। ज्वालामुखीय झील ऐसी झील को कहा जाता है जो किसी ज्वालामुखी के मुख में पानी भर जाने से बन जाती हो। ज्वालामुखीय झीलें जीवित या मृत ज्वालामुखी दोनों में बन सकती हैं। आम तौर से इनमे पानी वर्षा या हिमपात से भर जाता है। यदि किसी जीवित ज्वालामुखी में झील बनी हो और वह ज्वालामुखी फटना शुरू हो जाये, तो ऐसी झीलें तेज़ी से उबल कर ख़ाली हो जातीं हैं। इण्डोनेशिया में स्थित तोबा झील विश्व की सबसे बड़ी ज्वालामुखीय झील है। .

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जोधपुर

जोधपुर भारत के राज्य राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। इसकी जनसंख्या १० लाख के पार हो जाने के बाद इसे राजस्थान का दूसरा "महानगर " घोषित कर दिया गया था। यह यहां के ऐतिहासिक रजवाड़े मारवाड़ की इसी नाम की राजधानी भी हुआ करता था। जोधपुर थार के रेगिस्तान के बीच अपने ढेरों शानदार महलों, दुर्गों और मन्दिरों वाला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। वर्ष पर्यन्त चमकते सूर्य वाले मौसम के कारण इसे "सूर्य नगरी" भी कहा जाता है। यहां स्थित मेहरानगढ़ दुर्ग को घेरे हुए हजारों नीले मकानों के कारण इसे "नीली नगरी" के नाम से भी जाना जाता था। यहां के पुराने शहर का अधिकांश भाग इस दुर्ग को घेरे हुए बसा है, जिसकी प्रहरी दीवार में कई द्वार बने हुए हैं, हालांकि पिछले कुछ दशकों में इस दीवार के बाहर भी नगर का वृहत प्रसार हुआ है। जोधपुर की भौगोलिक स्थिति राजस्थान के भौगोलिक केन्द्र के निकट ही है, जिसके कारण ये नगर पर्यटकों के लिये राज्य भर में भ्रमण के लिये उपयुक्त आधार केन्द्र का कार्य करता है। वर्ष २०१४ के विश्व के अति विशेष आवास स्थानों (मोस्ट एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी प्लेसेज़ ऑफ़ द वर्ल्ड) की सूची में प्रथम स्थान पाया था। एक तमिल फ़िल्म, आई, जो कि अब तक की भारतीय सिनेमा की सबसे महंगी फ़िल्मशोगी, की शूटिंग भी यहां हुई थी। .

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जोरम

यह जूरा पर्वत से जेनेवा झील तक रात्रि में चलने वाली शीतल एवं शुष्क हैं। श्रेणी:स्थानीय पवन.

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जीवाश्म ईंधन

कोल, एक प्रकार का जीवाश्म ईंधन है। जीवाश्म ईंधन एक प्रकार का कई वर्षों पहले बना प्राकृतिक ईंधन है। यह लगभग 65 करोड़ वर्ष पूर्व जीवों के जल कर उच्च दाब और ताप में दबने से हुई है। यह ईंधन पेट्रोल, डीजल, घासलेट आदि के रूप में होता है। इसका उपयोग वाहन चलाने, खाना पकाने, रोशनी करने आदि में किया जाता है। .

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ईरी झील

ईरी झील एवं दूसरी महान संयुक्त झीलें ईरी झील (Lake Erie), उत्तरी अमरीका की पाँच बड़ी झीलों में से चौथी सबसे बड़ी झील है। विश्व में यह दसवीं सबसे बड़ी झिल है। उत्तरी अमेरिका की झीलों में यह सबसे दक्षिणावली है तथा ह्यूरन तथा ओंटेरियो झीलों के मध्य स्थित है। इसके उत्तरी किनारे पर कनाड़ा की सीमा, दक्षिण-पूर्व में न्यूयार्क, पेनसिलवेनिया तथा ओहायो, पश्चिम में मिचिगन तथा ओहायो राज्यों की सीमा पड़ती है। इसकी अधिकतम लंबाई उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तक २४५ मील, औसत चौड़ाई ५० मील (२८ से ५८ मील तक) तथा क्षेत्रफल ९,६०० वर्ग मील है। यह झील समुद्र की सतह से ५७३ फुट की उँचाई पर तथा ह्यूरन झील की सतह से ८ फुट नीचे है। इसके जल की अधिकतम गहराई २१० फुट, औसत गहराई १०० फुट है। इसमें डिट्रॉयट नदी मिलती है तथा ओंटेरियो झील को छोड़कर अन्य सभी बड़ी झीलों का जल इसमें आता है। इसके सिवाय उत्तर से ग्रैंड नदी, पश्चिम से मॉमी, संडस्की एवं ह्यूरन तथा दक्षिण से कुयाहोगा नदियाँ मिलती हैं। ईरी के जल का निकास नायागरा नदी के द्वारा होता है जो ओंटेरियो झील में गिरती है। ईरो झील बड़ी झीलों में से सबसे छिछली और यातायात के लिए भयावह है क्योंकि नायागरा जलप्रपात दिन प्रति पीछे की ओर हटता जा रहा है। इस झील का व्यापारिक महत्व नहरों के निकल जाने से बहुत बढ़ गया है, जो पूर्व से पश्चिम जाने का मुख्य साधन हैं। नायागरा जलप्रपात के पास अटलांटिक सागर से सीधे आने में जलप्रपात के कारण जो असुविधा थी उसको वेलंड नहर दूर कर देती है। ईरी के तट पर सुंदर बंदरगाहों में बफैलो, ईरी, क्लीवलैंड, संडस्की तथा टोलेडो प्रमुख हैं, परंतु बड़े जहाजों के लिए उपयुक्त नहीं है। श्रेणी:उत्तर अमेरिका की झीलें श्रेणी:झीलें श्रेणी:विश्व की झीलें.

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वस्त्रापुर झील

वस्त्रापुर झील पश्चीमी अहमदाबाद में स्थित मानव निर्मित झील है। इस झील का निर्माण अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण ने करवाया था। इस झील में अमूमन नर्मदा नदी का पानी डाला जाता है। श्रेणी:अहमदाबाद.

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वाटर स्कीइंग

वाटर स्कीइंग पानी के ऊपर सतह के एक खेल है जिसमें व्यक्ति स्की की सहायता से पानी पर चलते रहता हैं एवं उसे नाव के पीछे से खीचा जा रहा होता हैं। इस नाव में एक केबल लगा रहता हैं जो खीचने में मदद करता हैं। इस खेल के लिए पानी का समतल (चिकना) होना, खीचने के लिए एक नाव (जिसपर रस्सी लगी रहती हैं), एक या दो स्की, तीन लोग (राज्य नौका विहार कानूनों पर निर्भर करता है) और एक निजी तैरने वाली डिवाइस, आवश्यक चीजें हैं। इसके अलावा खिलाड़ी के पास ऊपरी और निचले शरीर की मांशपेशियों में में पर्याप्त ताकत एवं अच्छा संतुलन होना चाहिए। स्कीइंग एक मजेदार खेल है एवं यह सभी उम्र के लोगों को आनंद देता है। पानी पर स्की करने के लिए कोई न्यूनतम आयु का होना आवश्यक नहीं है। .

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विश्व धरोहर

यूनेस्को की विश्व विरासत समिति का लोगो युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है। अब तक (2006 तक) पूरी दुनिया में लगभग 830 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है जिसमें 644 सांस्कृतिक, 24 मिले-जुले और 138 अन्य स्थल हैं। प्रत्येक विरासत स्थल उस देश विशेष की संपत्ति होती है, जिस देश में वह स्थल स्थित हो; परंतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हित भी इसी में होता है कि वे आनेवाली पीढियों के लिए और मानवता के हित के लिए इनका संरक्षण करें। बल्कि पूरे विश्व समुदाय को इसके संरक्षण की जिम्मेवारी होती है। .

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वोरार्लबर्ग

वोरार्लबर्ग, ऑस्ट्रिया का सुदूर पश्चिमी संघीय राज्य (भूमि) है। हालांकि क्षेत्र (वियेना सबसे छोटा है) और जनसंख्या (बरगेंलैंड आबादी में कम है) के मामले में यह दूसरा सबसे छोटा है, यह तीन देशों की सरहद है: जर्मनी (लेक कोंसटैंस के माध्यम से बावेरिया और बाडेन-वुर्टेमबर्ग), स्विट्जरलैंड (ग्राऊबनडेन और सेंट गालेन) और लीकटेंस्टीन.

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वोल्टा झील

वोल्टा झील अफ्रीका के घाना देश में स्थित एक मानव निर्मित झील है। यह अकोसोम्बो बाँध के द्वारा सफ़ेद वोल्टा नदी और काली वोल्टा नदियों के पानी को रोककर बनाया गया जलाशय है जो अपने 8,502 km² (3,275 वर्ग मील) क्षेत्रफल के साथ विश्व का सतही क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जलाशय या मानव निर्मित झील है। इसकी जलधारण क्षमता 153,000,000,000 cubic m है। .

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वोल्टा नदी

वोल्टा नदी पश्चिमी अफ़्रीका में बहने वाली एक नदी है। यह बुर्कीना फ़ासो देश में आरम्भ होती है, जहाँ इसकी तीन उपनदियाँ - श्वेत वोल्टा, लाल वोल्टा और काली वोल्टा - अलग-अलग चलती हैं। यह तीनो फिर घाना देश में प्रवेश करती हैं, जहाँ पहले श्वेत और लाल वोल्टा का संगम होता है और फिर काली वोल्टा इस नदी में मिलती है। आगे चलकर इसका पानी एक झील बनाता है, जिसका नाम वोल्टा झील है। वोल्टा नदी पर लगे आकोसोम्बो बांध द्वारा बनी यह झील विश्व की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है और इसका क्षेत्रफल लगभग 8,502 वर्ग किमी है (तुलना के लिए यह भारत के सिक्किम राज्य से बड़ा है)। इस बांध से जलविद्युत बनाई जाती है। झील से दक्षिण में उभरकर यह गिनी की खाड़ी में विलय हो जाती है जो अटलांटिक महासागर की एक खाड़ी है। .

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वीर मेघमाया

वीर मेघमाया गुजरात के पाटण स्थित सरोवर मे पानी आये इसके लिये अपना बलिदान दिया था। गुजरात के धोलका गांव के अपने माता पिता के एक मात्र पुत्र थे ।वीर मेघमाया गुजरात राज्य के धोलका तहेसील के रनोडा गाँव में 12वीं सदी में जन्म हुआ था, तब गुजरात का पाटनगर पाटण था।12 वीं सदी में पाटन राज्य का राजा सिध्धराज सोलंकी था। धोलका गांव सोलंकी वंश के साम्राज्य का एक छोटा गांव था । सिद्धराज सोलंकी के राज मे प्रजा को पीने की पानी की काफी दिक्कते हुआ करती थी, उस समय पाटन राज्य में लगातार तिन साल से बारिश नही हो रही थी। पूरा पाटन पानी सेे तरस रहा था। इस बात से व्यथित होकर महाराज सिद्धराज जयसिंह ने अपनी राजधानी अणहिलपुर पाटण मे एक बडा सरोवर बनाने की इच्छा बनाइ। बडा सरोवर बनाने की मंशा से सिद्धराज जयसिंह ने अपनी राज्य सभा मे अपनी बात को रख्खा जिसे मंत्रीमंडल ने पारित कर दिया। प्रस्ताव के पारित होने के बाद सिद्धराज जयसिंह ने मजदूरो को बुलाकर यह सरोवर बनाने की कारवाइ शुरु की। नये बनने वाले सरोवर का नाम सहस्त्रलिंग सरोवर रखा। उस सरोवर में पानी नही आने की वजह से वीर मेघमाया ने अपना बलिदान दिया। .

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गनोगा झील

गनोगा झील संयुक्त राज्य अमेरिका के पेन्सिलवेनिया में एक प्राकृतिक झील है।Ricketts, pp.

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गजनेर झील

गजनेर झील जो कि राजस्थान के बीकानेर ज़िले से ३२ किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटी सी झील है । यह लगभग ०.४ किलोमीटर लम्बी और १८३ अथवा २७४ मीटर चौड़ी है। .

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ग्राम पंचायत झोंपड़ा, सवाई माधोपुर

झोंपड़ा गाँव राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर जिले की चौथ का बरवाड़ा तहसील में आने वाली प्रमुख ग्राम पंचायत है ! ग्राम पंचायत का सबसे बड़ा गाँव झोंपड़ा है जिसमें मीणा जनजाति का नारेड़ा गोत्र मुख्य रूप से निवास करता हैं। ग्राम पंचायत में झोंपड़ा, बगीना, सिरोही, नाहीखुर्द एवं झड़कुंड गाँव शामिल है। झोंपड़ा ग्राम पंचायत की कुल जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 5184 है और ग्राम पंचायत में कुल घरों की संख्या 1080 है। ग्राम पंचायत की सबसे बड़ी नदी बनास नदी है वहीं पंचायत की सबसे लम्बी घाटी चढ़ाई बगीना गाँव में बनास नदी पर पड़ती है। ग्राम पंचायत का सबसे विशाल एवं प्राचीन वृक्ष धंड की पीपली है जो झोंपड़ा, बगीना एवं जगमोंदा गाँवों से लगभग बराबर दूरी पर पड़ती है। .

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गूगल धरती

गूगल अर्थ वास्तविक भूमंडल (virtual globe) चित्रण का एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे प्रारम्भ में अर्थ व्यूअर नाम दिया गया, तथा इसे कीहोल, इंक (Keyhole, Inc) द्वारा तैयार किया गया है, जो 2004 में गूगल द्वारा अधिगृहीत की गई एक कंपनी है। यह कार्यक्रम उपग्रह चित्रावली (satellite imagery), हवाई छायांकन (aerial photography) तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) त्रि आयामी (3D) भूमंडल से प्राप्त चित्रों का अध्यारोपण (superimposition) करते हुए धरती का चित्रण करता है। यह तीन विभिन्न अनुज्ञप्तियों के अधीन उपलब्ध है: गूगल अर्थ, सीमित कार्यात्मकता के साथ एक मुक्त संस्करण; गूगल अर्थ प्लस ($ २० प्रति वर्ष), जो अतिरिक्त विशेषताओं से युक्त है तथा गूगल अर्थ प्रो ($ ४०० प्रति वर्ष), जो कि वाणिज्यिक कार्यों में उपयोग हेतु तैयार किया गया है। २००६ में इस उत्पाद का नाम बदलकर गूगल अर्थ कर दिया गया, जो कि वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट विन्डोज़ (Microsoft Windows) २००० (2000), एक्स पी अथवा विस्ता, मैक ओएस एक्स (Mac OS X) १०.३.९ तथा उससे अधिक, लिनुक्स(१२ जून, २००६ को जारी) तथा फ्री BSD (FreeBSD) से युक्त निजी कंप्यूटरों (personal computer) पर उपयोग के लिए उपलब्ध है। गूगल अर्थ फायरफॉक्स, आई ई 6 (IE6) अथवा आई ई 7 (IE7) के लिए एक ब्राउज़र प्लगइन (02 जून, 2008 को जारी) के रूप में भी उपलब्ध है। एक अद्यतन कीहोल आधारित क्लाइंट को जारी करने के साथ, गूगल ने अपने वेब आधारित प्रतिचित्रण सॉफ़्टवेयर में अर्थ डेटाबेस की चित्रावली भी शामिल की है। वर्ष २००६ के मध्य जनता के लिए गूगल अर्थ जारी होने के साथ २००६ तथा २००७ के बीच आभासी भूमंडल (virtual globes) पर मीडिया कवरेज में दस गुना से भी अधिक की वृद्धि हुई तथा भूस्थानिक (geospatial) तकनीकों तथा अनुप्रयोगों में जनता की रूचि बढ़ गई। .

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ओण्टारियो झील

ओण्टारियो झील (गहरे नीले में) एवं दूसरी विशाल झीलें ओण्टारियो झील एक झील है। यह झील कनाडा-संराअमेरिका की सीमा पर स्थित विशाल झीलों में से एक है। इस झील के उत्तर में कनाडा का ओण्टारियो प्रान्त है और दक्षिण में ओण्टरियो का नियाग्रा प्रायद्वीप और संराअमेरिका का न्यूयॉर्क राज्य। सभी विशाल झीलों में से इस झील का क्षेत्रफल सबसे कम है और यह एकमात्र झील है जो मिशिगन की सीमा से नहीं लगती। श्रेणी:झीलें श्रेणी:विश्व की झीलें श्रेणी:उत्तर अमेरिका की झीलें.

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आँसू झील

आँसू झील (अंग्रेज़ी: Lake Ansoo, उर्दु: آنسو جھیل) पाकिस्तान के उत्तरी भाग में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के मानसेहरा ज़िले की काग़ान घाटी में स्थित एक पर्वतीय झील है। यह प्रसिद्ध सैफ़-उल-मुलूक झील के पास स्थित है। इसका नाम अपने "आँसू" जैसे आकार पर पड़ा है। .

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आइस रेसिंग (बर्फ दौड़)

बर्फ पर एक वोक्सवैगन बीटल रेसिंग आइस रेसिंग (बर्फ दौड़) एक प्रकार की रेसिंग है जिसमें कारों, मोटरसाइकिलों, स्नोमोबाइलों और अन्य मोटर चालित वाहनों को उपयोग में लाया जाता है। बर्फ रेसिंग पूरी तरह से जमी हुई झील या नदियों पर अथवा सावधानी पूर्वक तैयार की गई जमी हुई भूखंड पर होती हैं। प्राकृतिक बर्फ के लिए ठंड के मौसम की आवश्यकता होती है, जो आमतौर पर कनाडा, उत्तरी अमेरिका और उत्तरी यूरोप के उच्च अक्षांशों पर पाया जाता है, हालांकि कुछ सीमित इनडोर प्रतियोगिताएं गर्मियों में भी आयोजित की जाती हैं, विशेषकर बर्फ हॉकी रिंक (केवल मोटरसाइकिल और एटीवी)। उत्तरी अमेरिका में ट्रैक व्यापक रूप से 1/4 मील (~400 मी) अण्डाकार लंबी से लेकर कई मील लंबी सड़क दौड़ के लिए डिजाइन की हुई हैं। .

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इन्ले झील

इन्ले झील इन्ले झील बर्मा के शान राज्य मे स्थित एक मीठे पानी की झील है। यह बर्मा की सबसे ऊंची और दुसरी सबसे बड़ी झील है। श्रेणी:म्यान्मार श्रेणी:शान राज्य श्रेणी:बर्मा की झीलें.

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इस्ला देल पेस्कादो

इस्ला देल पेस्कादो (स्पेनी: Isla del Pescado), जो इस्ला दे लोस पेस्कादोरेस (स्पेनी: Isla de los Pescadores) और कुहिरी (स्पेनी: Cujiri) के नामों से भी जाना जाता है, एक पहाड़ी भूमि का टुकड़ा है जो दक्षिण अमेरिका के बोलिविया देश में सालार दे उयुनी नामक नमक के मैदान के बीच में स्थित है। प्रागैतिहासिक काल में, जब यह मैदान एक झील हुआ करती थी, इस्ला देल पेस्कादो उस झील में एक द्वीप था। प्रशासनिक रूप से यह बोलिविया के पोतोसी विभाग में स्थित है।, David Atkinson, pp.

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इस्ला इन्काउआसी

इस्ला इन्काउआसी (स्पेनी: Isla Incahuasi) एक पहाड़ी भूमि का टुकड़ा है जो दक्षिण अमेरिका के बोलिविया देश में सालार दे उयुनी नामक नमक के मैदान के बीच में स्थित है। प्रागैतिहासिक काल में, जब यह मैदान एक झील हुआ करती थी, इस्ला इन्काउआसी उस झील में एक द्वीप था। प्रशासनिक रूप से यह बोलिविया के पोतोसी विभाग में स्थित है।, David Atkinson, pp.

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कश्मीर

ये लेख कश्मीर की वादी के बारे में है। इस राज्य का लेख देखने के लिये यहाँ जायें: जम्मू और कश्मीर। एडवर्ड मॉलीनक्स द्वारा बनाया श्रीनगर का दृश्य कश्मीर (कश्मीरी: (नस्तालीक़), कॅशीर) भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे उत्तरी भौगोलिक क्षेत्र है। कश्मीर एक मुस्लिमबहुल प्रदेश है। आज ये आतंकवाद से जूझ रहा है। इसकी मुख्य भाषा कश्मीरी है। जम्मू और कश्मीर के बाक़ी दो खण्ड हैं जम्मू और लद्दाख़। .

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कासूमीगौरा झील

कासूमीगौरा झील (霞ヶ浦) जापान की दूसरी सबसे बड़ी झील हैं, जो टोक्यो की उत्तर-पूर्व में 60 किमी दूर स्थित हैं। आधिकारिक तौर पर, कासूमीगौरा झील 167.63 किमी२ क्षेत्र में फैले जलक्षेत्र को दर्शाता हैं। व्यापक अर्थ में, कासूमीगौरा झील, झील के एक समूह को संदर्भित करता हैं, जिसमें निशिरा (西浦) और दो अन्य छोटे झील, किटौरा (北浦; 35.16 किमी२) और सोतोनासकौरा (外浪逆浦; 5.85 किमी२), और उनसे जुड़ने वाली नदियाँ आदि शामिल हैं। इस हिसाब से झील का कुल क्षेत्र 220 किमी२ हो जाता हैं।) झील के आसपास के लगभग 45% भूमि प्राकृतिक परिदृश्य हैं और 43.5% कृषि भूमि हैं। .

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कांकरीया झील

कांकरीया झील गुजरात की सबसे बडी झील है। इसकी परिधी करीब 2.25 किलोमिटर की है। कांकरीया झील अहमदाबाद के दक्षिण में स्थित मणीनगर उपनगरीय इलाके में आई हुई है। कांकरीया झील का निर्माण सुल्तान अहमद शाह ने करवया था। झील के मध्य में नगीना वाडी नामक उपवन है। काँकरिया झील भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर में स्थित सबसे बड़ी झील है। काँकरिया झील को 'क़ुतुबु हौज' और 'हौज-ए-क़ुतुबु' के नाम से भी जाना जाता था। सुल्तान क़ुतुबुद्दीन ने काँकरिया झील का निर्माण 15वीं शताब्दी में शुरु किया और 1451 ईस्वी में स्थापित हुई। लगभग डेढ़ कि॰मी॰ परिधि में फैली इस झील के मध्य नगीनावाड़ी महल स्थित है। काँकरिया झील के मध्य में बहुत ही सुंदर द्वीप महल है। यहाँ मुग़ल काल के दौरान नूरजहाँ और जहांगीर अक्सर घूमने जाया करते थे। काँकरिया झील पर्यटकों के बीच में बहुत प्रसिद्ध है और यहाँ नौका विहार का भी उत्तम प्रबंध है। काँकरिया झील के चारों ओर बहुत ही ख़ूबसूरत बगीचे है और इसी झील के निकट बाल वाटिका, चिड़ियाघर आदि स्थित हैं। शाही बाग़ महल, शाह आलम का रोज़ा, केलिको टेक्सटाईल संग्रहालय, श्रेयांस लोक-कला संग्रहालय आदि शहर के अन्य प्रमुख पर्यटन आकर्षण है। सबसे बड़ी झील है। काँकरिया झील को 'क़ुतुबु हौज' और 'हौज-ए-क़ुतुबु' के नाम से भी जाना जाता था। सुल्तान क़ुतुबुद्दीन ने काँकरिया झील का निर्माण 15वीं शताब्दी में शुरु किया और 1451 ईस्वी में स्थापित हुई rehan khan लगभग डेढ़ कि॰मी॰ परिधि में फैली इस झील के मध्य नगीनावाड़ी महल स्थित है। काँकरिया झील के मध्य में बहुत ही सुंदर द्वीप महल है। यहाँ मुग़ल काल के दौरान नूरजहाँ और जहांगीर अक्सर घूमने जाया करते थे। काँकरिया झील पर्यटकों के बीच में बहुत प्रसिद्ध है और यहाँ नौका विहार का भी उत्तम प्रबंध है। काँकरिया झील के चारों ओर बहुत ही ख़ूबसूरत बगीचे है और इसी झील के निकट बाल वाटिका, चिड़ियाघर आदि स्थित हैं। शाही बाग़ महल, शाह आलम का रोज़ा, केलिको टेक्सटाईल संग्रहालय, श्रेयांस लोक-कला संग्रहालय आदि शहर के अन्य प्रमुख पर्यटन आकर्षण है। झील, कांकरीया श्रेणी:अहमदाबाद श्रेणी:गुजरात में पर्यटन आकर्षण.

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कौसरनाग

कौसरनाग या विष्णुपाद जम्मू और कश्मीर के कुलगाम जिले के पीर पंजाल पर्वतश्रेणी में ऊंचाई पर स्थित एक झील है। यह झील लगभग ३ किमी लम्बी है। इसकी अधिकतम चौड़ाई लगभग १ किमी है।.

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कैरीबा झील

कैरीबा झील आयतन के हिसाब से विश्व की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील (जलाशय) है। .

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कैस्पियन सागर

कैस्पियन सागर (फ़ारसी:, दरया-ए-माज़ंदरान), एशिया की एक झील है जिसे अपने वृहत आकार के कारण सागर कहा जाता है। मध्य एशिया में स्थित यह झील क्षेत्रफल के हिसाब से विश्व की सबसे बड़ी झील है। इसका क्षेत्रफल ४,३०,००० वर्ग किलोमीटर तथा आयतन ७८,२०० घन किलोमीटर है। इसका कोई बाह्यगमन नहीं है और पानी सिर्फ़ वाष्पीकरण के द्वारा बाहर जाता है। ऐतिहासिक रूप से यह काला सागर के द्वारा बोस्फ़ोरस, ईजियन सागर और इस तरह भूमध्य सागर से जुड़ा हुआ माना जाता है जिसके कारण इसे ज्यरचना के आधार पर इसे झील कहना उचित नहीं है। इसका खारापन १.२ प्रतिशत है जो विश्व के सभी समुद्रों के कुल खारेपन का एक-तिहाई है। .

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केरल अनूपझीलें

केरल अनूपझीलें या केरल बैकवॉटर्स भारत के दक्षिण में स्थित केरल राज्य में अरब सागर से सामांतर कुछ दूरी पर स्थित खारी अनूप झीलों और झीलों की एक शृंखला है। इसमें प्राकृतिक और कृत्रिम नहरों द्वारा जुड़ी हुई पाँच बड़ी झीलें हैं जिनमें ३८ नदियाँ जल लाती हैं। यह केरल की उत्तर-दक्षिण लम्बाई के लगभग आधे भाग पर विस्तृत है। केरल अनूपझीलें पश्चिमी घाट से उतरती हुई नदियों के नदीमुखों के सामने समुद्री लहरों व ज्वार-भाटा के प्रभाव से बने बाधा द्वीपों के पीछे बन गई हैं। केरल अनूपझील क्षेत्र में नहरों, झीलों, नदियों और समुद्री क्षेत्रों पर विस्तृत ९०० किलोमीटर से अधिक जलमार्ग हैं। यहाँ जल के किनारे कई गाँव और नगर बसे हुए हैं जहाँ से पर्यटक इन अनूपझीलों का आनंद लेने आते हैं। भारत का राष्ट्रीय जलमार्ग ३ यहाँ कोल्लम से कोट्टापुरम तक २०५ किमी तय करता है और दक्षिणी केरल में तट के साथ-साथ समानांतर चलता है। यह माल-वहन और पर्यटन के लिये महत्वपूर्ण है।Ayub, Akber (ed), Kerala: Maps & More, Backwaters, 2006 edition 2007 reprint, pp.

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कोलायत झील

कोलायत झील जो कि भारतीय राज्य राजस्थान के बीकानेर ज़िले में स्थित एक झील है। इस झील.

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कोलेरू झील

कोलेरू झील एक मीठे पानी की झील है। यह आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित है। यह एक अण्डाकार छिछली झील है। वर्षा ऋतु में इसका क्षेत्रफल लगभग 160 वर्ग किलोमीटर हो जाता है। अब यह झील अनेक सोंतो द्वारा भरती जा रही है। .

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अति-खारी झील

अति-खारी झील (Hypersaline lake, हाइपरसैलाइन लेक) ऐसी झील को कहा जाता है जिसमें नमक की सान्द्रता (कॉन्सन्ट्रेशन) समुद्र से भी अधिक हो, यानि जिसका पानी समुद्र के पानी से भी अधिक खारा हो। मात्रा मापन के हिसाब से ३.५% से अधिक सान्द्रता (अर्थात ३५ ग्राम प्रति लीटर से अधिक) होने पर किसी झील को अति-खारी कहा जा सकता है। अति-खारी झीलों में आम जीवों का पनपना कठिन होता है लेकिन कुछ चरमपसंदी जीव इसमें फलते-फूलते हैं। दुनिया की सबसे खारी झील अंटार्कटिका में स्थित डॉन हुआन झील (Don Juan Pond) है जिसकी सान्द्रता ४४% से भी ऊपर है। नमकीन पानी को जमने के लिये शून्य से भी कम तापमान चाहिए होता है और इस अत्यधिक खारेपन के कारण अंटार्कटिका की यह झील -५०° सेन्टीग्रेड तक तापमान गिरने पर भी नहीं जमती।, Jamie Frater, pp.

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अपाम नपात

अपाम नपात प्राचीन हिन्दू धर्म के एक देवता हैं जिनका उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। वे नदियों, झीलों व अन्य स्वच्छ पानी के अधिदेवता हैं। आर्यों के इन प्राचीन देव की मान्यता प्राचीन ईरान के ज़रथुष्टी धर्म में भी है। संस्कृत व अवस्ताई भाषा दोनों में इनके नाम का अर्थ 'जल का पौत्र (पोता)' निकलता है। इनका वर्णन ऋग्वेद २:३५:३ में एक अग्निदेव के रूप में है जो जल से उभरते हैं। पारसी धार्मिक ग्रन्थ अवेस्ता में इनका ज़िक्र १९वे यश्त में आता है जिसमें इन्हें मानवों का कृतिकर्ता बताया गया है।, स्वामी ब्रह्म मुनि, स्वामी दयानंद सरस्वती, वैदिक पुस्तकालय, १९७५,...

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अफ़्रीका

अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .

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अरल सागर

1960 में झील का आकार, इस मानचित्र में वर्तमान देशों की राजनैतिक सीमाएं दिखाई गई हैं। वे देश जिनसे भूमि द्वारा विसर्जित पानी इसमें आता है पीले रंग में दिखाए गए हैं। अरल सागर या अराल सागर (कज़ाख़: Арал Теңізі, उज़बेक: Orol dengizi, रूसी: Аральскοе мοре, ताजिक/फ़ारसी: दरिय (ओचा)-ए-खवारज़्म) मध्य एशिया में स्थित एक झील है जिसके बड़े आकार के कारण इसे सागर कहा जाता है, पर अब दिनोदिन इसका आकार घटता जा रहा है। स्थानीय भाषाओं में इसका शाब्दिक अर्थ है 'द्वीपों की झील', जो इस झील में एक समय पर दिखने वाले लगभग १५०० टापुओं के आधार पर नामांकित थी। सन् १९६० में सोवियत प्रशासन ने इसमें विसर्जित होने वाली दो नदियों - आमू दरिया और सिर दरिया को मरुभूमि सिंचाई के लिए विमार्गित करने का निर्णय लिया, जिसके बाद से अरल सागर घटा और तीन अलग-अलग भागों में बंट गया। इसके फलस्वरूप आने वाले ४० सालों में अराल सागर का ९० प्रतिशत जल खत्म हो गया तथा ७४ प्रतिशत से अधिक सतह सिकुड़ गई और इसका आकार १९६० के इसके आकार का सिर्फ १० प्रतिशत ही रह गया है। .

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अंतर्वाह (जलविज्ञान)

जलविज्ञान के संदर्भ में, किसी जलनिकाय में जल का अंतर्वाह या अंत:प्रवाह उस निकाय के जल का स्रोत है। इसे किसी नियत समय या समय इकाई के दौरान जलनिकाय में आने वाले जल की औसत मात्रा (आयतन) के रूप में भी संदर्भित किया जा सकता है। यह बहिर्वाह का विपरीत है। सभी जलनिकायों में अंतर्वाह के एकाधिक स्रोत होते हैं, लेकिन अक्सर, कोई एक प्रवाह स्रोत अन्य स्रोतों की अपेक्षा अधिक प्रबल होता है, हालाँकि कई मामलों में, कोई एक विशेष प्रवाह स्रोत प्रबल ना होकर कई स्रोत प्रबल होते हैं। किसी झील के लिए, अंतर्वाह का स्रोत एक नदी या जलधारा हो सकती है जो इसी झील मे गिरती हो। अंतर्वाह का एक अन्य स्रोत वर्षण जैसे कि वर्षा भी हो सकता है। .

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अक्साई चिन झील

अक्साई चिन झील (अंग्रेज़ी: Aksai Chin Lake; चीनी: 阿克赛钦湖, Akesaiqin Hu, अकेसाईचिन हू) लद्दाख़ के अक्साई चिन क्षेत्र में स्थित एक बन्द जलसम्भर झील है। इस इलाक़े को भारत अपने जम्मू व कश्मीर राज्य का अभिन्न अंग मानता है, लेकिन इसपर चीन का नियंत्रण है जो इसे शिंजियांग प्रान्त के ख़ोतान विभाग के भाग के रूप में प्रशासित करता है। झील १५ किमी लम्बी और ६-८ किमी चौड़ी है और कुनलुन पर्वत शृंखला से दक्षिण में स्थित है। कारगिलिक (शिंजियांग) से ल्हात्से (तिब्बत) जाने वाला चीनी राष्ट्रीय राजमार्ग २१९ झील से लगभग २० किमी दक्षिण से गुज़रता है। .

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उत्तर एन्ना नाभिकीय ऊर्जा संयन्त्र

उत्तर एन्ना नाभिकीय ऊर्जा संयन्त्र उत्तर एन्ना नाभिकीय ऊर्जा संयन्त्र, संयुक्त राज्य अमेरिका के वर्जीनिया राज्य की लूज़िया काउण्टी में स्थित एक नाभिकीय ऊर्जा संयन्त्र है जो ४.४ किमी२ क्षेत्रफल पर फैला हुआ है। .

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उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

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उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था, भारत की दूसरी सबसे बड़ी राज्य अर्थव्यवस्था है। 2017-18 के बजट के अनुसार उत्तर प्रदेश का जीएसडीपी (राज्यों के सकल देशी उत्पाद) 14.46 लाख करोड़ (230 अरब अमेरिकी डॉलर) हैं। 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश की 22.3% आबादी शहरी है। महाराष्ट्र की शहरी आबादी 5,08,18,259 है, जबकि उत्तर प्रदेश की 4,44,95,063 है। राज्य में दस लाख से अधिक आबादी वाले 7 शहर हैं। 2000 में विभाजन के बाद, नया उत्तर प्रदेश राज्य, पुराने उत्तर प्रदेश राज्य के उत्पादन का लगभग 92% उत्पादन करता है। तेंदुलकर समिति के अनुसार 2011-12 में उत्तर प्रदेश की 29.43% जनसंख्या गरीब थी, जबकि रंगराजन समिति ने राज्य में इसी अवधि के लिए 39.8% गरीब की जानकारी दी थी। 10वीं पंचवर्षीय योजना (2002-2007) में राज्य का वार्षिक आर्थिक विकास दर 5.2% था। जोकि 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007-2012) में 7% वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर को छू लिया। लेकिन उसके बाद यह 2012-13 में 5.9% और 2013-14 में 5.1% तक गिर गया, हालांकि यह भारत में सबसे कम था। राज्य का कर्ज 2005 में सकल घरेलू उत्पाद का 67 प्रतिशत था। 2012 में, भारत को विप्रेषित धन में राज्य को सबसे अधिक प्राप्त हुआ था, जोकि केरल, तमिलनाडु और पंजाब के साथ 0.1 अरब डॉलर (3,42,884.05 करोड़ रुपये) का था। राज्य सरकार ने मेट्रो रेल परियोजना के लिए पांच शहरों मेरठ, आगरा, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी का चयन किया हुआ है। लखनऊ में मेट्रो का परिचालन कुछ मार्गो कि लिये आरम्भ हो चुका है, हालांकि अभी यह अपने शुरूआती स्थिति पर है। उत्तर प्रदेश एक कृषि राज्य है, जिसका 2013-14 में देश के कुल अनाज उत्पादन में 8.89% योगदान था। .

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उत्तराखण्ड की नदियाँ

उत्तराखण्ड की नदियाँ भारतीय संस्कृति में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। उत्तराखण्ड अनेक नदियों का उद्गम स्थल है। यहाँ की नदियाँ सिंचाई व जल विद्युत उत्पादन का प्रमुख संसाधन है। इन नदियों के किनारे अनेक धार्मिक व सांस्कृतिक केन्द्र स्थापित हैं। हिन्दुओं की अत्यन्त पवित्र नदी गंगा का उद्गम स्थल मुख्य हिमालय की दक्षिणी श्रेणियाँ हैं। गंगा का प्रारम्भ अलकनन्दा व भागीरथी नदियों से होता है। अलकनन्दा की सहायक नदी धौली, विष्णु गंगा तथा मंदाकिनी है। गंगा नदी, भागीरथी के रूप में गौमुख स्थान से २५ कि॰मी॰ लम्बे गंगोत्री हिमनद से निकलती है। भागीरथी व अलकनन्दा देव प्रयाग संगम करती है जिसके पश्चात वह गंगा के रूप में पहचानी जाती है। यमुना नदी का उद्गम क्षेत्र बन्दरपूँछ के पश्चिमी यमनोत्री हिमनद से है। इस नदी में होन्स, गिरी व आसन मुख्य सहायक हैं। राम गंगा का उद्गम स्थल तकलाकोट के उत्तर पश्चिम में माकचा चुंग हिमनद में मिल जाती है। सोंग नदी देहरादून के दक्षिण पूर्वी भाग में बहती हुई वीरभद्र के पास गंगा नदी में मिल जाती है। .

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उदयपुर

उदयपुर राजस्थान का एक नगर एवं पर्यटन स्थल है जो अपने इतिहास, संस्कृति एवम् अपने अाकर्षक स्थलों के लिये प्रसिद्ध है। इसे सन् 1559 में महाराणा उदय सिंह ने स्थापित किया था। अपनी झीलों के कारण यह शहर 'झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। उदयपुर शहर सिसोदिया राजवंश द्वारा ‌शासित मेवाड़ की राजधानी रहा है। .

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उमियम झील

उमियम झील भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय की राजधानी शिलांग से उत्तर दिशा में लगभग १५ किलोमीटर दूर पहाड़ों में स्थित एक जलाशय है। इसे आमतौर पर '''बारापानी झील''' भी कहा जाता है। इसका निर्माण १९६० के दशक के आरम्भ में उमियम नदी को बांधकर किया गया था। झील और बांध २२० वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है। .

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उव्स प्रांत

उव्स (मंगोल: Увс; अंग्रेज़ी: Uvs) मंगोलिया के पश्चिमोत्तर में स्थित उस देश का एक अइमग (यानि प्रांत) है। इस प्रांत की राजधानी उलानगोम (Улаангом, Ulaangom) शहर है। उव्स प्रांत का नाम मंगोलिया की सबसे बड़ी झील, उव्स झील, पर रखा गया है जो इस राज्य में आती है। इस प्रांत की उत्तरी सीमा रूस से लगती है और इसका क्षेत्र स्तेपी घासभूमि, गोबी रेगिस्तान और पर्वतीय क्षेत्र का मिश्रण है।, Michael Kohn, Lonely Planet, 2008, ISBN 978-1-74104-578-9 .

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१२ दिसम्बर

12 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 346वॉ (लीप वर्ष मे 347 वॉ) दिन है। साल में अभी और 19 दिन बाकी है। .

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१९९२

1992 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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