लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

जीनोम परियोजना

सूची जीनोम परियोजना

जीनोमिक्स का चित्रण जीनोम परियोजना वह वैज्ञानिक परियोजना है, जिसका लक्ष्य किसी प्राणी के संपूर्ण जीनोम अनुक्रम का पता करना है। जीन हमारे जीवन की कुंजी है। हम वैसे ही दिखते या करते हैं, जो काफी अंश तक हमारे देह में छिपे सूक्ष्म जीन तय करते हैं। यही नहीं, जीन मानव इतिहास और भविष्य की ओर भी संकेत करते हैं। जीन वैज्ञानिकों का मानना है, कि यदि एक बार मानव जाति के समस्त जीनों की संरचना का पता लग जये, तो मनुष्य की जीन-कुण्डली के आधार पर, उसके जीवन की समस्त जैविक घटनाओं और दैहिक लक्षणों की भविष्यवाणी करना संभव हो जायेगा। यद्यपि यह कोई आसान काम नहीं है, क्योंकि मानव शरीर में हजारों लाखों जीवित कोशिकएं होतीं हैं। जीनों के इस विशाल समूह को जीनोम कहते हैं। आज से लगभग 136 वर्ष पूर्व, बोहेमियन भिक्षुक ग्रेगर जॉन मेंडल ने मटर के दानों पर किये अपने प्रयोगों को प्रकाशित किया था, जिसमें अनुवांशिकी के अध्ययन का एक नया युग आरंभ हुआ था। इन्हीं लेखों से कालांतर में आनुवांशिकी के नियम बनाए गए। उन्होंने इसमें एक नयी अनुवांशिकीय इकाई का नाम जीन रखा, तथा इसके पृथक होने के नियमों का गठन किया। थॉमस हंट मॉर्गन ने १९१० में ड्रोसोफिला (फलमक्खी) के ऊपर शोधकार्य करते हुए, यह सिद्ध किया, कि जीन गुणसूत्र में, एक सीधी पंक्ति में सजे हुए रहते हैं, तथा कौन सा जीन गुणसूत्र में किस जगह पर है, इसका भी पता लगाया जा सकता है। हर्मन मुलर ने १९२६ में खोज की, कि ड्रोसोफिला के जीन में एक्सरे से अनुवांशिकीय परिवर्तन हो जाता है, जिसे उत्परिवर्तन भी कहते हैं। सन १९४४ में यह प्रमाणित हुआ कि प्रोटीन नहीं, वरन डी एन ए ही जीन होता है। सन १९५३ में वॉटसन और क्रिक ने डी एन ए की संरचना का पता लगाया और बतया, कि यह दो तंतुओं से बना हुआ घुमावदार सीढ़ीनुमा, या दोहरी कुंडलिनी के आकार का होता है। .

10 संबंधों: चिंपैंजी, डी एन ए अंगुली छापन, परियोजना, प्राणी, फ्रांसिस कोलेंस, महापरियोजना, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस, मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान, होमो सेपियन्स, होमो इरेक्टस

चिंपैंजी

चिंपैंजी जिसे आम बोलचाल की भाषा में कभी-कभी चिम्प भी कहा जाता है, पैन जीनस (वंश) के वानरों (एप) की दो वर्तमान प्रजातियों का सामान्य नाम है। कांगो नदी दोनों प्रजातियों के मूल निवास स्थान के बीच सीमा का काम करती है.

नई!!: जीनोम परियोजना और चिंपैंजी · और देखें »

डी एन ए अंगुली छापन

VNTR अलेले लंबाई 6 लोगों में. डीएनए फिंगरप्रिंटिंग तकनीक का उपयोग आपराधिक मामलों की गुत्थियां सुलझाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही मातृत्व, पितृत्व या व्यक्तिगत पहचान को निर्धारित करने के लिए इसका प्रयोग होता है।। हिन्दुस्तान लाइव। १९ जनवरी २०१० वर्तमान में पहचान ढूंढने के तरीकों में अंगुल छापन (फिंगरप्रिंटिंग) सबसे बेहतर मानी जाती है। जीव जंतुओं, मनुष्यों में विशेष संरचनायुक्त वह रसायन जो उसे विशिष्ट पहचान प्रदान करता है, उसे डीएनए (डाई राइबो न्यूक्लिक एसिड) कहते हैं। इस पद्धति में किसी व्यक्ति के जैविक अंशो जैसे- रक्त, बाल, लार, वीर्य या दूसरे कोशिका-स्नोतों के द्वारा उसके डीएनए की पहचान की जाती है। डीएनए फिंगरप्रिंट विशिष्ट डीएनए क्रम का प्रयोग करता है, जिसे माइक्रोसेटेलाइट कहा जाता है। माइक्रोसेटेलाइट डीएनए के छोटे टुकड़े होते हैं। शरीर के कुछ हिस्सों में इनकी संख्या अलग-अलग होती है। .

नई!!: जीनोम परियोजना और डी एन ए अंगुली छापन · और देखें »

परियोजना

किसी व्यापार, विज्ञान या इंजीनियरिंग में किसी विशेष लक्ष्य की प्राप्ति हेतु जो विस्तृत कार्य-योजना बनायी और कार्यान्वित की जाती है उसे परियोजना (project) कहते हैं। इसके अन्तर्गत पूरे कार्य को छोटे-छोटे कार्यों के रूप में विभक्त करके उनका समयबद्ध क्रम प्रस्तुत किया जाता है। कौन सा काम कब आरम्भ होगा; कब समाप्त हो जायेगा; कितना धन और अन्य संसाधन लगेगा; समाप्ति पर मिलने वाला परिणाम क्या है; आदि का उल्लेख किया जाता है। परियोजना में कार्य की समयसीमा (डेडलाइन) तय करना जरूरी है। इसके साथ ही हर परियोजना के लिये एक निश्चित राशि (बजट) निर्धारित होता है। .

नई!!: जीनोम परियोजना और परियोजना · और देखें »

प्राणी

प्राणी या जंतु या जानवर 'ऐनिमेलिया' (Animalia) या मेटाज़ोआ (Metazoa) जगत के बहुकोशिकीय और सुकेंद्रिक जीवों का एक मुख्य समूह है। पैदा होने के बाद जैसे-जैसे कोई प्राणी बड़ा होता है उसकी शारीरिक योजना निर्धारित रूप से विकसित होती जाती है, हालांकि कुछ प्राणी जीवन में आगे जाकर कायान्तरण (metamorphosis) की प्रकिया से गुज़रते हैं। अधिकांश जंतु गतिशील होते हैं, अर्थात अपने आप और स्वतंत्र रूप से गति कर सकते हैं। ज्यादातर जंतु परपोषी भी होते हैं, अर्थात वे जीने के लिए दूसरे जंतु पर निर्भर रहते हैं। अधिकतम ज्ञात जंतु संघ 542 करोड़ साल पहले कैम्ब्रियन विस्फोट के दौरान जीवाश्म रिकॉर्ड में समुद्री प्रजातियों के रूप में प्रकट हुए। .

नई!!: जीनोम परियोजना और प्राणी · और देखें »

फ्रांसिस कोलेंस

फ्रांसिस एस कॉलिन्स (जन्म 14 अप्रैल, 1950), एम.डी., पी.एच.डी, एक अमेरिकी चिकित्सक, जेनेटिसिस्ट थे, जिन्हें उनके जीन संबंधी रोगों पर महान खिज कार्य के लिए याद किया जाता है। इसके साथ ही वे मानव जीनोम परियोजना के अध्यक्ष भि थे। वे नेशनल ह्यूमन जीनोम रिसर्च इन्स्टीट्यूट के निदेशक भी रहे हैं। .

नई!!: जीनोम परियोजना और फ्रांसिस कोलेंस · और देखें »

महापरियोजना

ऐसी परियोजना को महापरियोजना या मेगाप्रोजेक्ट (megaproject) कहते हैं जिसमें अत्यन्त बड़े स्तर निवेश (investment) करने की जरूरत पड़ती है। प्राय: एक बिलियन अमेरिकी डालर से भी अधिक खर्च वाले परियोजनाओं को महापरियोजना की श्रेणी में रखा जाता है। इन पर जनता का बहुत ध्यान भी आकर्षित होता है क्योंकि इनका आम जनता, पर्यावरण एवं देश की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ने की सम्भावना रहती है। दूसरे शब्दों में महापरियोजना उस पहल (इनिशिएटिव) को कहते हैं जिनमें कुछ भौतिक चीज बनने वाली हो, जो बहुत खर्चीली हो और जो सार्वजनिक हो। पुल, सुरंग, राजमार्ग, रेलपथ, हवाई अड्डे, समुद्री पत्तन, उर्जा संयंत्र, बांध, विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ), तेल एवं प्राकृतिक गैस निकालना, वायु-अन्तरिक्ष परियोजना, अस्त्र-प्रणाली परियोजना आदि महापरियोजना की श्रेणी में आ सकतीं हैं। .

नई!!: जीनोम परियोजना और महापरियोजना · और देखें »

माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस

माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस रोग पैदा करने वाला एक जीवाणु है, इससे तपेदिक या क्षय रोग होता है। इसकी खोज सर्वप्रथम रॉबर्ट कोच ने 1882 में किया था। यह एक खतरनाक जीवाणु है जो स्तनधारी जीवों के फेफड़ों के प्रभावित करता है। जीनोम परियोजना के अन्तर्गत इसके जीनोम अनुक्रम का पता 1998 में लगा लिया गया है। .

नई!!: जीनोम परियोजना और माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस · और देखें »

मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान

मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (मैसाचुसेट्स इन्स्टिट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी - एमआईटी) (Massachusetts Institute of Technology) कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में स्थित एक निजी शोध विश्वविद्यालय है। एमआईटी में 32 शैक्षणिक विभागों से युक्त पांच विद्यालय और एक महाविद्यालय है, जिसमें वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी अनुसंधान पर विशेष जोर दिया जाता है। एमआईटी दो निजी भूमि अनुदान विश्वविद्यालयों में से एक है और वह समुद्री-अनुदान और अंतरिक्ष-अनुदान विश्वविद्यालय भी है। विलियम बार्टन रोजर्स द्वारा 1861 में संयुक्त राज्य अमेरिका के औद्योगिकीकरण की जरुरतो को ध्यान में रख कर स्थापित किए गए इस विश्वविद्यालय ने यूरोपीय विश्वविद्यालय प्रतिमान को अपनाया और इसमें प्रारंभ से ही प्रयोगशाला शिक्षा पर जोर दिया गया। इसका मौजूदा परिसर 1916 में खुला, जो चार्ल्स नदी घाटी के उत्तरी किनारे पर फैला हुआ है। एमआईटी शोधकर्ता द्वितीय विश्वयुद्ध और शीतयुद्ध के दौरान सुरक्षा अनुसंधान के संबंध में कम्प्यूटर, रडार और इनर्टिअल (inertial) मार्गदर्शन रचने के प्रयत्नो में जुड़े हुए थे। पिछले 60 वर्षों में, एमआईटी के शिक्षात्मक कार्यक्रम भौतिक विज्ञान और अभियांत्रिकी से परे अर्थशास्त्र, दर्शन, भाषा विज्ञान, राजनीति विज्ञान और प्रबंधन जैसे सामाजिक विज्ञान तक भी विस्तरीत हुए है। एमआईटी में वर्ष 2009-2010 के पतझड़ के सत्र के लिए अवरस्नातक स्तर पर 4,232 और स्नातक स्तर पर 6,152 छात्रों को प्रवेश दिया गया है। इसमें करीबन 1,009 संकाय सदस्यों को रोजगार प्रदान किया है। इसकी बंदोबस्ती और अनुसंधान पर वार्षिक व्यय अन्य किसी भी अमेरिकी विश्वविद्यालयो में से सबसे अधिक है। अब तक 75 नोबल पुरस्कार विजेता, 47 राष्ट्रीय विज्ञान पदक प्रापक और 31 मैकआर्थर अध्येता इस विश्वविद्यालय के साथ वर्तमान या भूतपूर्व समय में सम्बद्ध रहे है। एमआईटी के पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित कंपनियों का एकत्रित राजस्व विश्व की सबसे बड़ी सत्तरहवीं अर्थव्यवस्था है। इंजिनीयर्स द्वारा 33 खेल प्रायोजित है, जिनमें से ज्यादातर NCAA श्रेणी III के न्यू इंग्लैंड महिला और पुरुषों के व्यायामी सम्मेलन में भाग लेते है, श्रेणी I के नौकायन कार्यक्रम EARC और EAWRC प्रतिस्पर्धा के भाग है। .

नई!!: जीनोम परियोजना और मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान · और देखें »

होमो सेपियन्स

होमो सेपियन्स/आधुनिक मानव स्तनपायी सर्वाहारी प्रधान जंतुओं की एक जाति, जो बात करने, अमूर्त्त सोचने, ऊर्ध्व चलने तथा परिश्रम के साधन बनाने योग्य है। मनुष्य की तात्विक प्रवीणताएँ हैं: तापीय संसाधन के द्वारा खाना बनाना और कपडों का उपयोग। मनुष्य प्राणी जगत का सर्वाधिक विकसित जीव है। जैव विवर्तन के फलस्वरूप मनुष्य ने जीव के सर्वोत्तम गुणों को पाया है। मनुष्य अपने साथ-साथ प्राकृतिक परिवेश को भी अपने अनुकूल बनाने की क्षमता रखता है। अपने इसी गुण के कारण हम मनुष्यों नें प्रकृति के साथ काफी खिलवाड़ किया है। आधुनिक मानव अफ़्रीका में 2 लाख साल पहले, सबके पूर्वज अफ़्रीकी थे। होमो इरेक्टस के बाद विकास दो शाखाओं में विभक्त हो गया। पहली शाखा का निएंडरथल मानव में अंत हो गया और दूसरी शाखा क्रोमैग्नॉन मानव अवस्था से गुजरकर वर्तमान मनुष्य तक पहुंच पाई है। संपूर्ण मानव विकास मस्तिष्क की वृद्धि पर ही केंद्रित है। यद्यपि मस्तिष्क की वृद्धि स्तनी वर्ग के अन्य बहुत से जंतुसमूहों में भी हुई, तथापि कुछ अज्ञात कारणों से यह वृद्धि प्राइमेटों में सबसे अधिक हुई। संभवत: उनका वृक्षीय जीवन मस्तिष्क की वृद्धि के अन्य कारणों में से एक हो सकता है। .

नई!!: जीनोम परियोजना और होमो सेपियन्स · और देखें »

होमो इरेक्टस

होमो इरेक्टस (जिसका अर्थ है "सीधा आदमी") होमिनिड की एक विलुप्त प्रजाति है जो प्लीस्तोसीन भूवैज्ञानिक युग के अधिकतर समय के दौरान रहता था। इसका प्रारंभिक जीवाश्म सबूत 19 लाख साल पहले और सबसे हाल का 70,000 साल पहले का है। यह आम तौर पर माना जाता है कि होमो इरेक्टस की उत्पत्ति अफ्रीका में हुई और वहां से वह फैला है, पलायन करते हुए पूरे यूरेशिया में सुदूर जॉर्जिया, भारत, श्रीलंका, चीन और इंडोनेशिया तक। होमो इरेक्टस के वर्गीकरण, वंश, और उसकी संतान के ऊपर बहस अभी भी जारी है। .

नई!!: जीनोम परियोजना और होमो इरेक्टस · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

मानव जीनोम परियोजना, मानव जीम परियोजना, ह्यूमन जीनोम परियोजना

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »