जहाजपुर भीलवाड़ा जिले में (ध्रुवीय निर्देशांक: 25°37'7"N 75°16'32"E) स्थित बूंदी और शाहपुरा, तथा टोंक जिले के कस्बे देवली के निकट राजस्थान का एक प्राचीन क़स्बा है, जो उदयपुर से 96 मील (लगभग 153.6 कि.मी.) की दूरी पर उत्तर-पूर्व में स्थित है। किंवदंती के अनुसार जहाजपुर के दुर्ग का निर्माण मूलत: महान मौर्य सम्राट अशोक के पौत्र सम्प्रति ने किया था जो जैन धर्म का अनुयायी था। यह दुर्ग हाडोती बूंदी और मेवाड़ के भूभाग की एक गिरिद्वार की तरह रक्षा करता था। दसवीं शती में राणा कुंभा ने जहाजपुर के क़िले का पुन:निर्माण करवाया था। जहाजपुर में अनेक प्राचीन जैन मंदिरों के खंडहर मिले हैं। यह एक नगरपालिका और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र भी है।यह इलाक़ा खनिज संपदा से परिपूर्ण है .
महाराजा सूरजमल (१७०७-१७६३) भरतपुर राज्य के दूरदर्शी हरयाणा में 'दांगी' भी उन्हीं की शाखा है। मराठों के पतन के बाद महाराजा सूरजमल ने गाजियाबाद, रोहतक, झज्जर के इलाके भी जीते। 1763 में फरुखनगर पर भी कब्जा किया। वीरों की सेज युद्धभूमि ही है। 25 दिसम्बर 1763 को नवाब नजीबुदौला के साथ युद्ध में महाराज सूरजमल वीरगति को प्राप्त हुए। .