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जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली

सूची जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, भारत की राजधानी नयी दिल्ली में स्थित एक बहुउद्देशीय स्टेडियम है, जहां बड़े स्तर पर खेल स्पर्धायें और संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर स्थापित इस स्टेडियम का निर्माण सन १९८२ में नवम एशियाई खेलों के आयोजन के लिए करवाया गया था, साथ ही यह स्टेडियम ३ अक्टूबर से १४ अक्टूबर २०१०, तक होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी भी करेगा। इस स्टेडियम में भारतीय ओलंपिक संघ का मुख्यालय भी स्थित है। इस स्टेडियम में किसी खेल स्पर्धा के समय ६०,००० दर्शक बैठ सकते हैं, जबकि किसी संगीत कार्यक्रम के आयोजन के समय यह क्षमता बढकर १००,००० हो जाती है। .

18 संबंधों: दिल्ली डाइनेमोज़ एफ़सी, दिल्ली के स्टेडियम, बाईचुंग भूटिया, बैंगनी लाइन (दिल्ली मेट्रो), भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम, भारतीय क्रिकेट टीम, भारतीय क्रिकेट मैदानों की सूची, येलो लाइन (दिल्ली मेट्रो), लोधी मार्ग, लोधी कालोनी, सफदरजंग टर्मिनल, नई दिल्ली, सेवा नगर रेलवे स्टेशन, हुमायूँ का मकबरा, विश्व के प्रमुख खेल मैदान, वीर हकीकत राय अन्तर्राज्यीय बस अड्डा, दिल्ली, अनुराधा बिस्वाल, 1982 एशियाई खेल, 2010 राष्ट्रमण्डल खेल

दिल्ली डाइनेमोज़ एफ़सी

दिल्ली डाइनेमोज़ एफ़सी इंडियन सुपर लीग की एक टीम है। इसका स्वामित्व डैन नेटवर्क्स के पास है। .

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दिल्ली के स्टेडियम

यह सूची दिल्ली के स्टेडियम की है:-.

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बाईचुंग भूटिया

बाईचुंग भूटिया (जन्म 15 दिसंबर 1976) सिक्किम-भूटिया वंश के एक सेवानिवृत्त भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी हैं जो स्ट्राइकर के रूप में खेलते थे। भूटिया को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फुटबॉल का मशालदार माना जाता है। फुटबॉल में उनकी शूटिंग कौशल की वजह से उन्हें अक्सर सिक्किमी स्निपर नाम दिया जाता है। सुप्रसिद्ध भारतीय खिलाड़ी आइ॰ एम॰ विजयन ने भूटिया को "भारतीय फुटबॉल के लिए भगवान का उपहार" बताया। भाईचुंग भूटिया के बड़े भाई का नाम चेवांग भूटिया हैं, चेवांग और भाईचुंग दोनों बोर्डिंग स्कूल गए। भूटिया का 2004 में एक होटल पेशेवर से विवाह हुआ और २०१४ में उनका तलाक़ हो गया। भूटिया ने आई-लीग फुटबॉल टीम ईस्ट बंगाल क्लब में अपना करियर शुरू किया। जब उन्होंने 1999 में इंग्लिश क्लब बरी में शामिल हुए, वह यूरोपीय क्लब के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करने वाले पहले भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी बने और मोहम्मद सलीम के बाद यूरोप में पेशेवर रूप से खेलने वाले खिलाड़ी बने। बाद में मलेशियाई फुटबॉल क्लब पेराक एफ॰ए॰ के लिए खेले वो भी उधार पे। इस के साथ ही वो जे॰सी॰टी॰ मिल्स के लिए खेले,जो उनके कार्यकाल के दौरान एक बार लीग जीता; और मोहन बागान, जो अपने मूल भारत में उनकी दो कार्यावधि के दौरान एक बार लीग जीतने में नाकाम रहे थे। उनके अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल सम्मान में नेहरू कप, एलजी कप, एसएएफएफ चैम्पियनशिप तीन बार और एएफसी चैलेंज कप जीतना शामिल है। वह भारत के सबसे ज्यादा टोपी पाने वाले खिलाड़ी बार हैं, उनके नाम पर 104 अंतर्राष्ट्रीय कैप हैं, और नेहरू कप 2009 में उन्होंने अपनी 100 वीं अंतर्राष्ट्रीय कैप प्राप्त की। मैदान से बाहर, भूटिया, टेलीविजन कार्यक्रम झलक दिखला जा को जीतने के लिए जाने जाते हैं, जिसने उसके बाद उनके तब के क्लब मोहन बागान के साथ बहुत विवाद पैदा किया था और वो पहले भारतीय खिलाड़ी थे जिन्होंने तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन के समर्थन में ओलंपिक मशाल रिले का बहिष्कार किया। भारतीय फुटबॉल में अपने योगदान के सम्मान में भूटिया के नाम पर एक फुटबॉल स्टेडियम है, उन्होंने अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री जैसे कई पुरस्कार भी जीते हैं। अक्टूबर 2010 में, उन्होंने कार्लोस क्वियरोज और नाइकी द्वारा फुटबॉल के साथ साझेदारी में दिल्ली में बाईचुंग भूटिया फुटबॉल स्कूल की स्थापना की। अगस्त 2011 में, भूटिया ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की उनका विदाई मैच 10 जनवरी 2012 को दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में बायर्न म्युनिक के ख़िलाफ़ भारत की राष्ट्रीय टीम के साथ था। .

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बैंगनी लाइन (दिल्ली मेट्रो)

बैंगनी लाइन दिल्ली मेट्रो रेल की एक लाइन है। यह लाइन अक्टूबर ३ को मध्य दिल्ली में स्थित केंद्रीय सचिवालय और दक्षिण दिल्ली में स्थित सरिता विहार के बीच आरम्भ हुई थी। अक्टूबर तक इस लाइन को बदरपुर तक बढाया जायेगा। यह लाइन १५ किमी लम्बी है और इसपर कुल १३ मेट्रो स्टेशन है जो इस प्रकार हैं: .

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भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम

भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के द्वारा शासित है। 1948 से अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ फीफा द्वारा संबद्ध हो गयी। 1948 से भारतीय फुटबॉल महासंघ एशियाई फुटबॉल महासंघ के संस्थापक सदस्यों में है। भारतीय फुटबॉल टीम ने पहली और अंतिम बार 1950 में फीफा विश्व कप किया था परन्तु कुछ कारणों से वह इस प्रतियोगिता में हिस्सा न ले पाई। भारतीय टीम ने अब तक दो एशियाई खेलों में स्वर्ण तथा एएफसी एशिया कप में एक बार रजत जीता है। .

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भारतीय क्रिकेट टीम

भारतीय क्रिकेट टीम भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम है। भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा संचालित भारतीय क्रिकेट टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की पूर्णकालिक सदस्य है। भारतीय टीम दो बार क्रिकेट विश्वकप (१९८३ और २०११) अपने नाम कर चुकी है। वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री हैं। .

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भारतीय क्रिकेट मैदानों की सूची

भारत में क्रिकेट के कईमैदान है जहाँ पर क्रिकेट मैच खेले जाते हैं। भारत में लगभग हर राज्य में क्रिकेट का मैदान है। .

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येलो लाइन (दिल्ली मेट्रो)

right right दिल्ली की दिल्ली मैट्रो प्रणाली में 15 मैट्रो स्टेशन हैं, जो कि जहांगीरपुरी से केंद्रीय सचिवालय तक जाती है। इसके द्वारा तय की गई कुल दूरी है 17.36 कि.मी। यह लाइन पूर्णतया प्रचालन में है।.

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लोधी मार्ग

यह मार्ग दक्षिण-मध्य दिल्ली का एक प्रमुख मार्ग है। इस मार्ग पर दिल्ली के भूतपूर्व शासक खिलजी वँश के कई मकबरे हैं, जिन्हेँ बागोँ की शकल दे दी गई है, व अब लोधी बाग या लोधी गार्डन के नाम से प्रसिद्ध हैं। इन्हीँ के कारण इस मार्ग का यह नाम पङा। यह मार्ग सफदरजंग का मकबरा से लेकर निजामुद्दीन की दरगाह तक जाता है। .

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लोधी कालोनी

लोधी कालोनी दक्षिण मध्य दिल्ली में स्थित है। यहाँ केन्द्र सरकार के आवासीय इमारतें है। यह नैइ दिल्ली के प्राचीनतम क्ष्वेत्रों में आती है। यह दिल्ली मेट्रो रेल की दक्षिण विस्तार वाली येलो लाइन शाखा का एक प्रस्तावित स्टेशन भी है। .

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सफदरजंग टर्मिनल, नई दिल्ली

यह दिल्ली परिवहन निगम (डी.टी.सी.) द्वारा संचालित, व अनुबन्धित लोक परिवहन बसों उद्गम स्थान, अंतिम स्थान, व बारास्ता स्थान है, जिसे आम भाषा में बस स्टॉप य बस स्टैण्ड कहते हैं। इसकी निकटता सफदरजंग का मकबरा से होने के कारण इसका यह नामकरण हुआ। यह स्थान आई.एन.ए.कालोनी के एकदम पास है। .

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सेवा नगर रेलवे स्टेशन

सेवा नगर रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड: SWNR), दिल्ली में परिक्रमा सेवा रेलवे का एक रेलवे स्टेशन है। इसकी ऊंचाई है 215 मीटर। इसके निकटवर्ती क्षेत्र हैं:-.

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हुमायूँ का मकबरा

हुमायूँ का मकबरा इमारत परिसर मुगल वास्तुकला से प्रेरित मकबरा स्मारक है। यह नई दिल्ली के दीनापनाह अर्थात् पुराने किले के निकट निज़ामुद्दीन पूर्व क्षेत्र में मथुरा मार्ग के निकट स्थित है। गुलाम वंश के समय में यह भूमि किलोकरी किले में हुआ करती थी और नसीरुद्दीन (१२६८-१२८७) के पुत्र तत्कालीन सुल्तान केकूबाद की राजधानी हुआ करती थी। यहाँ मुख्य इमारत मुगल सम्राट हुमायूँ का मकबरा है और इसमें हुमायूँ की कब्र सहित कई अन्य राजसी लोगों की भी कब्रें हैं। यह समूह विश्व धरोहर घोषित है- अभिव्यक्ति। १७ अप्रैल २०१०।, एवं भारत में मुगल वास्तुकला का प्रथम उदाहरण है। इस मक़बरे में वही चारबाग शैली है, जिसने भविष्य में ताजमहल को जन्म दिया। यह मकबरा हुमायूँ की विधवा बेगम हमीदा बानो बेगम के आदेशानुसार १५६२ में बना था। इस भवन के वास्तुकार सैयद मुबारक इब्न मिराक घियाथुद्दीन एवं उसके पिता मिराक घुइयाथुद्दीन थे जिन्हें अफगानिस्तान के हेरात शहर से विशेष रूप से बुलवाया गया था। मुख्य इमारत लगभग आठ वर्षों में बनकर तैयार हुई और भारतीय उपमहाद्वीप में चारबाग शैली का प्रथम उदाहरण बनी। यहां सर्वप्रथम लाल बलुआ पत्थर का इतने बड़े स्तर पर प्रयोग हुआ था। १९९३ में इस इमारत समूह को युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। इस परिसर में मुख्य इमारत मुगल सम्राट हुमायूँ का मकबरा है। हुमायूँ की कब्र के अलावा उसकी बेगम हमीदा बानो तथा बाद के सम्राट शाहजहां के ज्येष्ठ पुत्र दारा शिकोह और कई उत्तराधिकारी मुगल सम्राट जहांदर शाह, फर्रुख्शियार, रफी उल-दर्जत, रफी उद-दौलत एवं आलमगीर द्वितीय आदि की कब्रें स्थित हैं। देल्ही थ्रु एजेज़। एस.आर.बख्शी। प्रकाशक:अनमोल प्रकाशन प्रा.लि.। १९९५।ISBN 81-7488-138-7। पृष्ठ:२९-३५ इस इमारत में मुगल स्थापत्य में एक बड़ा बदलाव दिखा, जिसका प्रमुख अंग चारबाग शैली के उद्यान थे। ऐसे उद्यान भारत में इससे पूर्व कभी नहीं दिखे थे और इसके बाद अनेक इमारतों का अभिन्न अंग बनते गये। ये मकबरा मुगलों द्वारा इससे पूर्व निर्मित हुमायुं के पिता बाबर के काबुल स्थित मकबरे बाग ए बाबर से एकदम भिन्न था। बाबर के साथ ही सम्राटों को बाग में बने मकबरों में दफ़्न करने की परंपरा आरंभ हुई थी। हिस्ट‘ओरिक गार्डन रिव्यु नंबर १३, लंदन:हिस्टॉरिक गार्डन फ़ाउडेशन, २००३ अपने पूर्वज तैमूर लंग के समरकंद (उज़्बेकिस्तान) में बने मकबरे पर आधारित ये इमारत भारत में आगे आने वाली मुगल स्थापत्य के मकबरों की प्रेरणा बना। ये स्थापत्य अपने चरम पर ताजमहल के साथ पहुंचा। .

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विश्व के प्रमुख खेल मैदान

यह सूची विश्व के प्रमुख खेल मैदानों (स्टेडियम) की है:-.

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वीर हकीकत राय अन्तर्राज्यीय बस अड्डा, दिल्ली

वीर हकीकत राय अन्तर्राज्यीय बस अड्डा, जिसे सराय काले खां आईएसबीटी भी कहा जाता है, दिल्ली में स्थित तीन अन्तर्राज्यीय बस अड्डों में से एक है। हरियाणा और राजस्थान राज्यों के कुछ हिस्सों के लिए बस सेवाएं सराय काले खां से संचालित की जाती हैं। कश्मीरी गेट आईएसबीटी में अव्यवस्था को कम करने के लिए ८० करोड़ रुपये की लागत से मार्च १९९६ में बस अड्डा परिसर का निर्माण शुरू हुआ था। जनवरी २००५ में यात्रियों की संख्या में हुई वृद्धि को देखते हुए स्टेशन का पुनर्विकास किया गया। भविष्य में इसे दिल्ली मेट्रो के प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन और निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से सीधे जोड़ा जाना भी प्रस्तावित है। यह स्टेशन हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के निकट स्थित है। सराय काले खान टर्मिनस से प्रमुखतः दिल्ली से दक्षिण की ओर जाने वाली बस सेवाएं चलती हैं। यह डीटीसी का बस डिपो भी है, और यहां से डीटीसी की मुद्रिका सेवा (रिंग रोड बस सेवा) और कई अन्य बसें विभिन्न मार्गों पर चलती हैं। बस अड्डे के निकट ही बारापुला एलिवेटेड सड़क है, जो कि सराय काले खान को लोधी मार्ग पर जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से जोड़ता है। इसे निर्माण के द्वितीय चरण के तहत सराय काले खान की ओर से मयूर विहार तक और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की ओर से आई एन ए कालोनी तक बढ़ाया जाना प्रस्तावित है। .

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अनुराधा बिस्वाल

अनुराधा बिस्वाल (जन्म १ जनवरी, १९७५) एक भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट हैं जोकि ओडिशा से हैं एवं १०० मीटर बाधा दौड़ में माहिर हैं। उनका वर्तमान राष्ट्रीय कीर्तिमान १०० मीटर बाधा दौड़ के लिए १३.३८ सेकंड है। अनुराधा ने ये कीर्तिमान २६ अगस्त २००२ के दौरान, नेहरू स्टेडियम दिल्ली में आयोजित डीडीए राजा भालेंद्र सिंह राष्ट्रीय सर्किट मीट के दौरान स्थापित किया। उन्होंने ३० जुलाई, २००० में  जकार्ता में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप के अपने १३.४० सेकंड के कीर्तिमान को और बेहतर किया।  उन्होंने जकार्ता में अपने प्रदर्शन के लिए एक कांस्य पदक जीता। वह इस समय भुवनेश्वर, ओडिशा में स्थित नालको के साथ कार्य कर रहीं हैं। .

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1982 एशियाई खेल

नौवें एशियाई खेल १९ नवम्बर से ४ दिसम्बर, १९८२ तक दिल्ली, भारत में आयोजित किए गए थे। दिल्ली में दूसरी बार इन खेलों का आयोजन किया गया था और इससे पूर्व १९५१ के अभिषेकात्मक एशियाई खेल भी यहाँ आयोजित किए गए थे। नई दिल्ली, बैंकाक के बाद ऐसा दूसरा नगर बना जिसने इन खेलों की एक से अधिक बार मेज़बानी की हो। दिल्ली के एशियाई खेल प्रथम एशियाड थे जो एशियाई ओलम्पिक परिषद (एओप) के संरक्षण में आयोजित हो रहे थे। एशियाई खेल संघ, जिसके न्यायाधिकार में प्रथम आठ एशियाई खेल आयोजित हुए थे, को भंग कर एओप बनाया गया। एशिया के ३३ देशों से कुल ४,५९५ खिलाड़ियों ने इन खेलों में भाग लिया। इन खेलों में प्रथमोप्रवेश खेल घुड़सवारी, गोल्फ, हैण्डबॉल, नौकायन और महिला हॉकी थे। इन खेलों से ही चीन का पदक तालिका में प्रभुत्व दिखाई देने लगा। जापान ने इससे पहले के खेलों में सर्वाधिक पदक जीते थे। चीन ने जापान को पदक तालिका में सर्वोच्च पद से अपदस्त कर खेलों की दुनिया में अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी। ९वें एशियाई खेलों की तैयारी में ही भारत में रंगीन टेलीविज़न बड़ी शान के साथ लाया गया, क्योंकि इन खेलों का रंगारंग प्रसारण किया जाना था। इन खेलों का शुभंकर अप्पू नामक एक शिशु हाथी था। वास्तविक जीवन में "कुट्टिनारायणन" नामक यह हाथी एक दुर्घटना में अपनी टाँग तुड़वा बैठा जब वह एक सैप्टिक टंकी में गिर गया और जिसके कारण अततः उसकी मृत्यु हो गई। कुट्टिनारायणन १४ मई, २००५ को मर गया। १९८६ के अगले एशियाई खेलों (१०वें) और १९८८ के २४वें ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों के मेज़बान दक्षिण कोरिया ने ४०६-सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल के साथ इन खेलों में भाग लिया, जिसमें एक पर्यवेक्षण दल भी था जो सुविधाओं, प्रबन्धन और प्रतियोगिताओं के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए आया था। .

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2010 राष्ट्रमण्डल खेल

2010 राष्ट्रमण्डल खेल उन्नीसवें राष्ट्रमंडल खेल थे जिनका आयोजन भारत की राजधानी नई दिल्ली में 3 से 14 अक्टूबर 2010 में किया गया। दिल्ली में इससे पहले 1951 और 1982 में एशियाई खेल भी आयोजित किए जा चुके हैं। उद्घाटन समारोह जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में हुआ। इन खेलों का आयोजन भारत में पहली बार तथा 1998 में कुआलालम्पुर, मलेशिया के बाद एशिया में दूसरी बार हुआ। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम, जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम, दिल्ली, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (दिल्ली)

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