7 संबंधों: चन्देल, भारत का संक्षिप्त इतिहास (स्वतंत्रता-पूर्व), लग़मान प्रान्त, हिन्दुओं का उत्पीड़न, जयपाल (बहुविकल्पी), जैन मुनि, आनन्दपाल।
चन्देल
खजुराहो का कंदरीय महादेव मंदिर चन्देल वंश मध्यकालीन भारत का प्रसिद्ध राजवंश, जिसने 08वीं से 12वीं शताब्दी तक स्वतंत्र रूप से यमुना और नर्मदा के बीच, बुंदेलखंड तथा उत्तर प्रदेश के दक्षिणी-पश्चिमी भाग पर राज किया। चंदेल वंश के शासकों का बुंदेलखंड के इतिहास में विशेष योगदान रहा है। उन्होंने लगभग चार शताब्दियों तक बुंदेलखंड पर शासन किया। चन्देल शासक न केवल महान विजेता तथा सफल शासक थे, अपितु कला के प्रसार तथा संरक्षण में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। चंदेलों का शासनकाल आमतौर पर बुंदेलखंड के शांति और समृद्धि के काल के रूप में याद किया जाता है। चंदेलकालीन स्थापत्य कला ने समूचे विश्व को प्रभावित किया उस दौरान वास्तुकला तथा मूर्तिकला अपने उत्कर्ष पर थी। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं खजुराहो के मंदिर। .
नई!!: जयपाल और चन्देल · और देखें »
भारत का संक्षिप्त इतिहास (स्वतंत्रता-पूर्व)
कोई विवरण नहीं।
नई!!: जयपाल और भारत का संक्षिप्त इतिहास (स्वतंत्रता-पूर्व) · और देखें »
लग़मान प्रान्त
लग़मान प्रान्त का एक नज़ारा लग़मान (पश्तो:, अंग्रेजी: Laghman) अफ़्ग़ानिस्तान का एक प्रांत है जो उस देश के पूर्व में स्थित है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल ३,८४३ वर्ग किमी है और इसकी आबादी सन् २००८ में लगभग ३.८ लाख अनुमानित की गई थी।, Central Intelligence Agency (सी आइ ए), Accessed 27 दिसम्बर 2011 इस प्रान्त की राजधानी मेहतर लाम शहर है। इस प्रान्त में पश्तून लोगों की बहुसंख्या है और वे कुल जनसँख्या का ५८% हैं। यहाँ नूरिस्तानी लोग और पाशाई लोग भी रहते हैं और कम संख्या में फ़ारसी-भाषी ताजिक लोगों के भी समुदाय हैं। लग़मान में अरामाई भाषा में लिखी अशोक के आदेश वाली दो शिलाएँ भी मौजूद हैं।, Niharranjan Ray, Brajadulal Chattopadhyaya, Orient Blackswan, 2000, ISBN 978-81-250-1871-1,...
नई!!: जयपाल और लग़मान प्रान्त · और देखें »
हिन्दुओं का उत्पीड़न
हिन्दुओं का उत्पीडन हिन्दुओं के शोषण, जबरन धर्मपरिवर्तन, सामूहिक नरसहांर, गुलाम बनाने तथा उनके धर्मस्थलो, शिक्षणस्थलों के विनाश के सन्दर्भ में है। मुख्यतः भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा मलेशिया आदि देशों में हिन्दुओं को उत्पीडन से गुजरना पड़ा था। आज भी भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ हिस्सो में ये स्थिति देखने में आ रही है। .
नई!!: जयपाल और हिन्दुओं का उत्पीड़न · और देखें »
जयपाल (बहुविकल्पी)
*(१) जयपाल - काबुल शाही राजवंश का प्रसिद्ध शासक जिसने 964 से 1001 ई तक शासन किया।.
नई!!: जयपाल और जयपाल (बहुविकल्पी) · और देखें »
जैन मुनि
आचार्य भूतबली जी की प्रतिमा आचार्य विद्यासागर पिच्छी, कमंडल, शास्त्र जैन मुनि जैन धर्म में संन्यास धर्म का पालन करने वाले व्यक्तियों के लिए किया जाता हैं। जैन मुनि के लिए निर्ग्रन्थ शब्द का प्रयोग भी किया जाता हैं। मुनि शब्द का प्रयोग पुरुष संन्यासियों के लिए किया जाता हैं और आर्यिका शब्द का प्रयोग स्त्री संन्यासियों के लिए किया जाता हैं।Cort, John E. (2001).
नई!!: जयपाल और जैन मुनि · और देखें »
आनन्दपाल
आनन्दपाल या अनन्तपाल खटाणा राजवंश का तीसरा और अन्तिम शासक था। उसका शासन १००१ ई से १०१० ई तक रहा। वह जयपाल का पुत था जिसका राज्य लघमान से कश्मीर तथा सरहिन्द से मुल्तान तक विस्तृत था। पेशावर इसके राज्य के केन्द्र में था। आनन्दपाल के राज्य का अधिकांश भाग सुबुकदीन तथा उसके बेटे महमूद ने जीत लिया। श्रेणी:भारत का इतिहास.
नई!!: जयपाल और आनन्दपाल · और देखें »