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जगदलपुर

सूची जगदलपुर

जगदलपुर छत्तीसगढ़ प्रान्त के बस्तर जिले का एक प्रमुख शहर है। यह इस जिले का मुख्यालय भी है। यहाँ का तापमान सामान्यतः कम होता है, यहाँ अनेक दर्शनीय स्थल हैं। जगदलपुर चारों ओर से पहाड़ियों एवं घने जंगलों से घिरा है। काकतिया राजा जिसे पाण्डुओ का वंशज कहा जाता है ने जगदलपुर को अपनी अंतिम राजधानी बनाया एवं इसे विकसित किया। जगदलपुर का नाम पूर्व में जगतुगुड़ा था। जगदलपुर को चैराहों का शहर भी कहा जाता है। यह बहुत ही खूबसूरत तरीके से बसाया गया है। यहाँ विभिन्न संस्कृतियों का संगम है। यहाँ जगन्नाथ पीठ का भव्य मंदिर एवं देवी दंतेश्वरी का मंदिर है। जगदलपुर का दशहरा बहुत मशहूर है, जिसकी भव्यता देखते ही बनती है। इसे देखने के लिए देश विदेश से अनेक पर्यटक आते हैं। .

20 संबंधों: चित्रधारा, चित्रकोट जलप्रपात, तोकापाल, तीरथगढ, तीरथगढ़ जलप्रपात, प्रवीर चंद्र भंज देव, फाउंडेशन प्रयास, बस्तर, बस्तर जिला, बस्तर विश्वविद्यालय, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार, भारत के राष्ट्रीय उद्यान, भारत के शहरों की सूची, राष्ट्रीय राजमार्ग १६, सरगीपाल, सुकमा, सोनी सोरी, इंद्रावती नदी, इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान, छत्तीसगढ़ के धार्मिक स्थल

चित्रधारा

चित्रधारा भारत के छत्तीसगढ़ प्रदेश में स्थित एक जलप्रपात है। मावलीभाठा जगदलपुर के पास यह जलप्रपात स्थित है। श्रेणी:छत्तीसगढ़ श्रेणी:भारत के जल प्रपात.

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चित्रकोट जलप्रपात

चित्रकोट जलप्रपात जलप्रपात चित्रकोट जलप्रपात भारत के छत्तीसगढ़ प्रदेश में स्थित एक जलप्रपात है। इस जल प्रपात की ऊँचाई 90 फुट है। जगदलपुर से 39 किमी दूर इन्द्रावती नदी पर यह जलप्रपात बनता है। समीक्षकों ने इस प्रपात को आनन्द और आतंक का मिलाप माना है। 90 फुट ऊपर से इन्द्रावती की ओजस्विन धारा गर्जना करते हुये गिरती है। इसके बहाव में इन्द्रधनुष का मनोरम दृश्य, आल्हादकारी है। यह बस्तर संभाग का सबसे प्रमुख जलप्रपात माना जाता है। जगदलपुर से समीप होने के कारण यह एक प्रमुख पिकनिक स्पाट के रूप में भी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है। अपने घोडे की नाल समान मुख के कारण इस जाल प्रपात को भारत का निआग्रा भी कहा जाता है। श्रेणी:छत्तीसगढ़ श्रेणी:भारत के जल प्रपात.

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तोकापाल

तोकापाल यह छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले में स्थित एक गाव है जो जगदलपुर शहर से २० किलो मीटर दुरी पर स्थित है। तोकापाल का चित्र जिसमे दुरी का उल्लेख है .

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तीरथगढ

तीरथगढ भारत के छत्तीसगढ़ प्रदेश मे स्थित एक जलप्रपात है। इस जल प्रपात की ऊँचाई 60 फुट है। जगदलपुर से 39 किलोमीटर दूर मुनगा-बहार नदी, 168 मीटर की चौड़ाई समें 6 मीटर नीचे गिरकर मनोहारी रमणीय प्रपात में परिवर्तित होकर नीचे 20 मीटर गहरे जलकुण्ड में एक टापू का निर्माण करती है। इस टापू में विभिन्न प्रकार के मनमोहक दृश्य, अमूल्य वनस्तपतियां, भगवान शिव व पार्वती के ऐतिहासिक मंदिर सैनानियों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं। श्रेणी:भारत के जल प्रपात श्रेणी:छत्तीसगढ़.

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तीरथगढ़ जलप्रपात

तीरथगढ जलप्रपात तीरथगढ़ के झरने छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में कांगेर घाटी पर स्थित कई झरने है।.

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प्रवीर चंद्र भंज देव

प्रवीर चंद्र भंज देव (२५ जून १९२९ -- २५ मार्च १९६६) प्रथम ओड़िया शासक तथा बस्तर के २०वें महाराजा थे। वे जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए संघर्ष करते रहे। १९६६ में मध्य प्रदेश की सरकार ने उन्हें मार डाला । अविभाजित मध्य प्रदेश में वे १९५७ में जगदलपुर विधान सभा से चुने गये थे। राजा प्रवीर चंद भंजदेव का ग्रामीणों से आत्मीय संबंध था, इसलिए आज भी ग्रामीण उनकी तस्वीरों को अपने घरों में मां दंतेश्वरी के साथ रखना पसंद करते हैं। वे बस्तर के अन्तिम काकतीय राजा थे। उनकी शिक्षा रायपुर के राजकुमार महाविद्यालय में हुई थी। २८ अक्टूबर १९३६ को उनका राज्याभिषेक हुआ था। .

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फाउंडेशन प्रयास

फाउंडेशन प्रयास संस्थान .

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बस्तर

बस्तर छत्तीसगढ़ प्रान्त का एक जिला है। ख़ूबसूरत जंगलों और आदिवासी संस्कृति में रंगा ज़िला बस्तर, प्रदेश‌ की सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर जाना जाता है। 39114 वर्ग किलोमीटर में फैला ये ज़िला एक समय केरल जैसे राज्य और बेल्जियम, इज़राइल जैसे देशॊ से बड़ा था। ज़िले का संचालन व्यवस्थित रूप से हो सके इसके लिए 1998में इसमें से दो अलग ज़िले कांकेर और दंतेवाड़ा बनाए गए। बस्तर का ज़िला मुख्यालय जगदलपुर, राजधानी रायपुर से 305 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ज़िले की करीब 70 प्रतिषत आबादी गौंड, मारिया-मुरिया, ध्रुव और हलबा जाति की है। उड़ीसा से शुरू होकर दंतेवाड़ा की भद्रकाली नदी में समाहित होने वाली करीब 240 किलोमीटर लंबी इंद्रावती नदी बस्तर के लोगों के लिए आस्था और भक्ति की प्रतीक है। इंद्रावती नदी के मुहाने पर बसा जगदलपुर एक प्रमुख सांस्कृतिक एवं हस्तशिल्प केन्द्र है। यहां मौजूद मानव विज्ञान संग्रहालय में बस्तर के आदिवासियों की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं मनोरंजन से संबंधित वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। डांसिंग कैक्टस कला केन्द्र, बस्तर के विख्यात कला संसार की अनुपम भेंट है। यहां एक प्रशिक्षण संस्थान भी है। पर्यटन स्थल - बस्तर महल, दलपत सागर, चित्रकोट जलप्रपात, तीरथगढ़ जलप्रपात, कुटुमसर और कैलाश गुफ़ा,और एक ग्रिन गुफा मिला है। .

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बस्तर जिला

बस्तर भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ का एक जिला है। जिले का प्रशासनीक मुख्यालय जगदलपुर है। यहां की कुल आबादी का लगभग 70% भाग जनजातीय है। इसके उत्तर में दुर्ग, उत्तर-पूर्व में रायपुर, पश्चिम में चांदा, पूर्व में कोरापुट तथा दक्षिण में पूर्वी गोदावरी जिले हैं। यह पहले एक देशी रियासत था। इसका अधिकांश भाग कृषि के अयोग्य है। यहाँ जंगल अधिक हैं जिनमें गोंड एवं अन्य आदिवासी जातियाँ निवास करती हैं। जगंलों में टीक तथा साल के पेड़ प्रमुख हैं। यहाँ की स्थानांतरित कृषि में धान तथा कुछ मात्रा में ज्वार, बाजरा पैदा कर लिया जाता है। इंद्रावती यहाँ की प्रमुख नदी है। चित्राकट में कई झरने भी हैं। जगदलपुर, बीजापुर, कांकेर, कोंडागाँव, भानु प्रतापपुर आदि प्रमुख नगर हैं। यहाँ के आदिवासी जंगलों में लकड़ियाँ, लाख, मोम, शहद, चमड़ा साफ करने तथा रँगने के पदार्थ आदि इकट्ठे करते रहते हैं। खनिज पदार्थों में लोहा, अभ्रक महत्वपूर्ण हैं। .

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बस्तर विश्वविद्यालय

बस्तर विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ प्रान्त के बस्तर जिले में जगदलपुर नामक शहर में स्थित एक विश्वविद्यालय है।, आधिकारिक जालस्थल। इसका निर्माण २ सितम्बर २००८ को राज्य सरकार छत्तीसगढ़ ने छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम १९७३ के अन्तर्गत (१९७३ के २२वें) किया गया।, निर्माण समबन्धित जानकारी .

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भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .

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भारत के राष्ट्रीय उद्यान

नीचे दी गयी सूची भारत के राष्ट्रीय उद्यानों की है। 1936 में भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान था- हेली नेशनल पार्क, जिसे अब जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। १९७० तक भारत में केवल ५ राष्ट्रीय उद्यान थे। १९८० के दशक में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अलावा वन्य जीवों की सुरक्षार्थ कई अन्य वैधानिक प्रावधान लागू हुए.

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भारत के शहरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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राष्ट्रीय राजमार्ग १६

४६० किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग निज़ामाबाद को जगदलपुर से जोड़ता है। इसका रूट निज़ामाबाद - माँचेरल - भोपालपतनम - जगदलपुर है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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सरगीपाल

यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले मैं है जो की एक गाव है एव यह जगदलपुर से लगा हुआ है.

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सुकमा

सुकमा भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ के दक्षिण पूर्व में उड़ीसा की सीमा से लगा एक जिला है। यह जिला नक्सलवाद की समस्या से जूझ रहा है। .

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सोनी सोरी

सोनी सोरी (जन्म: १९७५ ई॰) छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थित जबेली गाँव की एक आदिवासी विद्यालय शिक्षिका हैं।सन् 2011 में पुलिस द्वारा यह इल्जाम लगाया गया कि वे नक्सलियों को सूचनाएं उपलब्ध करवाती हैं। सोनी सोरी को दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया और छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंप दिया गया। कोर्ट में पेशी से पहले इन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में रखा गया, जहां छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा उन्हें नंगा किया गया और बिजली के झटके लगाए गए। थर्ड डिग्री टार्चर की वजह से कोर्ट में पहले दिन पेशी के दौरान वे चल भी नहीं पा रहीं थीं। बाद में सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतंत्र जाँच करवाए जाने पर उनके यौनांग में तीन पत्थर पाए गए। सोनी सोरी को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया। ढाई साल की यातनापूर्ण कैद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें स्थाई जमानत प्रदान कर दी। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा लगाए गए आठ आरोपों में सात झूठे निकले जबकि एक में उन्हें जमानत मिल गई। वर्तमान में सोनी सोरी छत्तीसगढ़ के आदिवासियों पर हो रहे क्रूर हमलों का विरोध कर आदिवासियों को न्याय दिलाने की दिशा में काम कर रही हैं। बस्तर में फर्जी मुठभेड़ों, आदिवासियों महिलाओं के साथ सुरक्षाकर्मियों द्वारा बलात्कार समेत तमाम आदिवासी उत्पीडऩ के मुद्दों को सोनी सोरी ने राष्ट्रीय स्तर पर उठाया है, जिससे वह छत्तीसगढ़ पुलिस और प्रशासन के निशाने पर हैं। पिछले दो दशकों से बस्तर के आदिवासी, पुलिस और नक्सलियों के बीच पिस रहे हैं। कभी पुलिस द्वारा तो कभी नक्सलियों द्वारा आदिवासियों को मारने की खबरें अक्सर प्रकाश में आती रहती हैं। भय के कारण हजारो आदिवासी बस्तर छोडऩे पर मजबूर हो गए हैं। बस्तर एक युद्धक्षेत्र बन गया है, जहां पुलिस और नक्सलियों की गोलियां चलती हैं और मरता है सिर्फ आदिवासी। बस्तर में आदिवासियों के लिए जो भी कुछ करता है, वह पुलिस और प्रशासन के निशाने पर आ जाता है। शायद यहीं कारण है कि सोनी सोरी भी निशाने पर हैं। .

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इंद्रावती नदी

इंद्रावती नदी (ఇంద్రావతి నది) मध्य भारत की एक बड़ी नदी है और गोदावरी नदी की सहायक नदी है। इस नदी नदी का उदगम स्थान उड़ीसा के कालाहन्डी जिले के रामपुर थूयामूल में है। नदी की कुल लम्बाई है। यह नदी प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ राज्य के में प्रवाहित होती है। दन्तेवाडा जिले के भद्रकाली में इंद्रावती नदी और गोदावरी नदी का सगंम होता है। अपनी पथरीले तल के कारण इसमे नौकायन संभव नहीं है। इसकी कई सहायक नदियां हैं, जिनमें पामेर और चिंटा नदियां प्रमुख हैं। इंद्रावती नदी बस्तर के लोगों के लिए आस्था और भक्ति की प्रतीक है। इस नदी के मुहाने पर बसा है छत्तीसगढ़ का शहर जगदलपुर। यह एक प्रमुख सांस्कृतिक एवं हस्तशिल्प केन्द्र है। यहीं पर मानव विज्ञान संग्रहालय भी स्थित है, जहां बस्तर के आदिवासियों की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं मनोरंजन से संबंधित वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। डांसिंग कैक्टस कला केन्द्र, बस्तर के विख्यात कला संसार की अनुपम भेंट है। यहां एक प्रशिक्षण संस्थान भी है। इसके अलावा इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान इंद्रावती नदी के किनारे बसा हुआ है। उद्यान का कुल क्षेत्रफल २७९९ वर्ग किमी है। जगदलपुर के निकट मात्र ४० किमी की दूरी पर स्थित चित्रकोट जलप्रपात स्थित है। अपने घोडे की नाल समान मुख के कारण इस जाल प्रपात को भारत का निआग्रा भी कहा जाता है। यह भारत का सबसे बड़ा जल-प्रपात है। यहां इंद्रावती नदी ९० फुट की उंचाई से प्रपात रूप में गिरती है। यहां मछली पकड़ने, नाव चलाने और तैराकी की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। यह जलप्रपात कनाडा के नियाग्रा जलप्रपात के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा जलप्रपात माना जाता है। यहां से १० किमी की दूरी पर नारायणपाल मंदिर स्थित है। .

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इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह इंद्रावती नदी के किनारे बसा हुआ है जिससे इसको अपना नाम मिला है। यह दुर्लभ जंगली भैंसे, की अंतिम आबादी वाली जगहों में से एक है। इसका कुल क्षेत्रफल २७९९ वर्ग कि॰मी॰ है। .

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छत्तीसगढ़ के धार्मिक स्थल

छत्तीसगढ़ में बहुत से पर्यटन स्थल हैं। इनमें ढ़ेरों धार्मिक महत्व के हैं। .

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