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छिंदवाड़ा ज़िला

सूची छिंदवाड़ा ज़िला

छिंदवाड़ा भारतीय राज्य मध्य प्रदेश का एक जिला है। इस क्षेत्र में छिन्द (ताड़) के पेड़ बहुतायत में हैँ, इसीलिये इसका नाम छिन्दवाड़ा पड़ा। एक समय यहाँ शेरों की बहुतायत थी, इसलिए इसे पहले 'सिन्हवाडा' भी कहा जाता था|.

14 संबंधों: चौरई, डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व, पेँच नदी, पेंच राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश के ज़िले, मुल्ताई, लीलाधर मंडलोई, शक्कर नदी, सिवनी ज़िला, जबलपुर संभाग, वर्धा नदी, कन्हान नदी, कोरकू भाषा

चौरई

कोई विवरण नहीं।

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डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय

डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय भारत के मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। इसको सागर विश्वविद्यालय के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना डॉ॰ हरिसिंह गौर ने १८ जुलाई १९४६ को अपनी निजी पूंजी से की थी। अपनी स्थापना के समय यह भारत का १८वाँ विश्वविद्यालय था। किसी एक व्यक्ति के दान से स्थापित होने वाला यह देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है। वर्ष १९८३ में इसका नाम डॉ॰ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय कर दिया गया। २७ मार्च २००८ से इसे केन्द्रीय विश्वविद्यालय की श्रेणी प्रदान की गई है। .

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पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व

पचमढ़ी घाटी में पचमढ़ी बायोस्फियर रिजर्व। पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व एक गैर-उपयोग संरक्षण क्षेत्र है यह मध्य भारत के सतपुड़ा रेंज में स्थित है। इस संरक्षण क्षेत्र को 1999 में भारत सरकार द्वारा बनाया गया था। यूनेस्को ने 2009 में इसे बायोस्फीयर रिजर्व नामित किया था। .

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पेँच नदी

पेंच नदी भारत में मध्यप्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा जिला की तहसील जुन्नारदेव से लगे सतपुड़ा पर्वत श्रेणी के दक्षिण पठार से इसका उद्गम होता है दक्षिण - पूर्वी सीमा पर इसमें तीव्र मोड़ आता है और यह दक्षिण की ओर मुड़ जाती हैँ। नदी का बहाव तेज होने के कारण बरसात के समय यह नदी उग्र रूप धारण कर लेती हैँ जिससे यह एक बडी नदीयो के समान इसकी भव्यता देखते ही बनती है कुलबेहरा नदी इसकी सहायक नदी हैँ। पेंच नदी परासिया, छिंदवाडा, माचागोरा बाँध से होते हुए झिलमीली, चाँद पहुचती है चाँद से कुछ किलोमीटर की दूरी पर कुलबेहरा नदी पेंच नदी से मिल जाती हैँ इन दोनो नदीयो के संगम से पेंच नदी का आकार ओर बड़ जाता हैँ आगे यह नदी सिवनी जिला के पेंच राष्ट्रीय उद्यान से होते हुए महाराष्ट्र नागपुर के तोतलाडोह बाँध से होते हुये यह नदी कन्हान नदी में मिल जाती है कन्हान, पेंच तथा बावनथडी वैनगंगा नदी की सहायक नदी है। यह नदी आगे जाकर गोदावरी नदी मे मिल जाती हैँ। इस प्रकार इस नदी पर 2 बाँध बने हुये हैँ। .

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पेंच राष्ट्रीय उद्यान

पेंच राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। यह मध्य प्रदेश के सिवनी और छिन्दवाड़ा जिलों में स्थित है। .

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मध्य प्रदेश के ज़िले

मध्य प्रदेश में कुल 51 जिले हैं जिनकी सूची निम्न हैं:-.

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मुल्ताई

मुलताई भारत के मध्य प्रदेश राज्य में बैतूल जिले का एक शहर है मुल्ताई पुण्य सलिला मां ताप्ती नदी का उद्गम स्थल है इसके निकट प्रभात पट्टन और बेतुल प्रमुख शहर है। यह मुल्ताई मध्य-प्रदेश.

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लीलाधर मंडलोई

लीलाधर मंडलोई हिन्दी भाषा के लेखक और कवि हैं। मुख्य रूप से इनकी पहचान एक कवि के रूप में है हालाँकि इन्होंने विविध विधाओं में लेखन कार्य किया है। .

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शक्कर नदी

यह नर्मदा की सहायक नदी है इसका उद्गम छिंदवाड़ा ज़िला की अमरवाड़ा तहसील के 18 किलोमीटर उत्तर में हैँ। यह उद्गम से निकलकर सतपुड़ा महाखण्ड कोयला क्षेत्र में बहते हुए अन्त में उत्तर में नर्मदा नदी में मिल जाती हैँ। श्रेणी:भारत की नदियाँ श्रेणी:मध्य प्रदेश की नदियाँ.

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सिवनी ज़िला

सिवनी जिले का गठन 1 नवम्बर 1956 में प्राथमिक रूप से जनजातीय बहुल जिले के रूप में किया गया। सिवनी जिले का नाम सेओना नामक वृक्ष के नाम पर किया गया। यह वृक्ष इस जिले में बहुतायत में पाया जाता है। इस वृक्ष का उपयोग ढोलक बनाने में किया जाता है। यह जिला सतपुड़ा पर्वत के उत्तर-दक्षिण में स्थित हैं।यह जिला इमारती लकड़ी का मुख्य स्रोत है। सागौन इस जिले में मुख्य रूप से पाया जाता है। सिवनी जिला मुख्यालय नागपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 और जबलपुर नागपुर के बीच स्थित है। जिले का कुल क्षेत्रफल 8758 वर्ग कि.मी..

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जबलपुर संभाग

जबलपुर संभाग  एक प्रशासनिक भौगोलिक इकाई है मध्य प्रदेश राज्य मे। जबलपुर के प्रशासनिक मुख्यालय है विभाजन.

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वर्धा नदी

मध्यप्रदेश के बैतूल जिला की मुल्ताई तहसील के वर्धन शीखर (811 मीटर ऊँचाई से इसका उद्गम होता हैँ। गहरे चट्टानी क्षेत्र में इसका प्रवाह तेज होता है यह नदी लगभग 13 किलोमीटर तक यह छिंदवाड़ा ज़िला की दक्षिणी सीमा बनाती हैँ। इसके बाद यह नदी महाराष्ट्र राज्य में प्रवेश करती है इस नदी की कुल लम्बाई 525 किलोमीटर तथा अपवाह क्षेत्र 24087 वर्ग किलोमीटर हैँ अंत में यह नदी वैनगंगा नदी में मिल जाती हैं। श्रेणी:भारत की नदियाँ श्रेणी:मध्य प्रदेश की नदियाँ.

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कन्हान नदी

यह वैनगंगा के दाएँ तट पर संगम करने वाली प्रमुख सहायक नदीयोँ में से एक हैँ। यह छिंदवाड़ा ज़िला के सौँसर तहसील के पश्चिमी पठार से निकलती है और देवगढ़ के सुप्रसिध्द किले के पास से बहते हुए नागपुर के उत्तरी क्षेत्र में प्रवेश करती हैँ फिर भण्डारा जिले में पहुँचती हैँ। भण्डरा शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर गोड़ीपरी के निकट वैनगंगा नदी में मिल जाती हैँ। श्रेणी:भारत की नदियाँ श्रेणी:मध्य प्रदेश की नदियाँ.

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कोरकू भाषा

कोरकू (Korku) भारत के मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र राज्यों में बोली जाने वाली ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार की मुण्डा शाखा की एक भाषा है। इसे कोरकू समुदाय के लोग बोलते हैं, जो भारतीय संविधान के तहत एक अनुसूचित जनताति हैं। कोरकूभाषियों के आसपास गोंडी भाषा बोलने वाले बसते हैं, जिनकी संख्या अधिक है। ऐतिहासिक रूप से कोरकू लोगों का निहाली भाषा बोलने वालों के साथ सम्बन्ध रहा है, जो कोरकू बोलने वालों के गावों के भीतर ही विशेष हिस्सों में रहते हैं। .

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छिन्दवाड़ा जिला, छिंदवाड़ा जिला

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