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छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय

सूची छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर, उत्तर प्रदेश में स्थित एक विश्वविद्यालय है। यह पहले कानपुर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था। यह भारत एवं उत्तर प्रदेश के अन्य उत्कृष्ट विश्वविद्यालयो में से एक है। कानपुर विश्वविद्यालय की स्थापना १९६६ में आगरा विश्वविद्यालय से सम्बद्द विश्वविद्यालयों के विभाजन से हुई। अब इसमे १५ जिलों के १७० कॉलेज सम्बद्द है। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने कानपुर विश्वविद्यालय का नाम १८८४ से १९२२ के बीच कोल्हापुर के राजा शाहू चतुर्थ (जिन्हे छत्रपति शाहू जी महाराज के रूप में भी जाना जाता था) के नाम पर महाराजा के बाद दिए गए नाम छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय रख दिया। तब से कानपुर विश्वविद्यालय आधिकारिक तौर पर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है। .

19 संबंधों: चौधरी चरण सिंह पी॰जी॰ कालेज, चौधरी चरण सिंह विधि महाविद्यालय, निज़ाम सिद्दिक़ी, पंचायत राज राजकीय महिला महाविद्यालय, इटावा, राधेश्याम गुप्ता, राम नाथ कोविन्द, रूपसिह चंदेल, रेणु खाटोर, शिवपाल सिंह यादव, श्याम चरण गुप्ता, सुमन राजे, सैफ़ई, जनता कालेज, बकेवर (इटावा), विनय कटियार, गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज, इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय, कर्म क्षेत्र पी॰जी॰ कालेज, अटल बिहारी वाजपेयी, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय

चौधरी चरण सिंह पी॰जी॰ कालेज

चौधरी चरण सिंह पी॰जी॰ कालेज, हेंवरा(सैफई), इटावा या चौधरी चरण सिंह डिग्री कॉलेज में विज्ञान, कला, वाणिज्य, कंप्यूटर, प्रबंधन, शिक्षा और शारीरिक शिक्षा संकायों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होती है। यह कॉलेज सैफई विकास खंड के हेंवरा गाँव में स्थित है जो सैफई गाँव का पड़ोसी गाँव है। यह कॉलेज छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (पूर्व में कानपुर विश्वविद्यालय) से संबद्ध है। .

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चौधरी चरण सिंह विधि महाविद्यालय

चौधरी चरण सिंह विधि महाविद्यालय, हैंवरा (सैफई), इटावा, उत्तर प्रदेश मे एक विधि महाविद्यालय है। यह छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (पूर्व में कानपुर विश्वविद्यालय) से संबद्ध है तथा यहा एलएलबी की पढ़ाई होती है। .

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निज़ाम सिद्दिक़ी

निज़ाम सिद्दिक़ी भारतीय उर्दू भाषा के विख्यात समालोचक एवं लेखक हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना माबाद-ए-जदिदिआत से नये अहेद की तखलिकि़यात तक के लिये उन्हें सन् २०१६ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) से सम्मानित किया गया। सिद्दिक़ी उर्दू भाषा के साथ हिन्दी, अरबी, फ्रेंच, अंग्रेज़ी और फारसी साहित्य में भी रुची रखते हैं। उनकी प्राथमिक शिक्षा इलाहाबाद में हुई और फिर कानपुर विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन और पेास्ट ग्रैजुएशन पूरा किया। बतौर समालोचक उनकी तीन किताबे छपी हैं और लेखक के रूप में उन्होंने सात पुस्तकोंका प्रकाशन किया हैं। .

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पंचायत राज राजकीय महिला महाविद्यालय, इटावा

पंचायत राज राजकीय महिला महाविद्यालय, इटावा, उत्तर प्रदेश के इटावा शहर में स्थित एक राजकीय महिला महाविद्यालय है। यहां बीए, बीकॉम और एमए के पाठ्यक्रम की पढ़ाई होती है। यह महाविद्यालय कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से सम्बन्ध है।.

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राधेश्याम गुप्ता

राधेश्याम गुप्ता राधेश्याम गुप्ता उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ राजनेता हैं। वें उत्तर प्रदेश के संस्थागत वित्त मंत्री व कानून मंत्री रह चुके हैं। .

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राम नाथ कोविन्द

रामनाथ कोविन्द (जन्म: १ अक्टूबर १९४५) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो २० जुलाई २०१७ को भारत के १४वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। २५ जुलाई २०१७ को उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर ने भारत के राष्ट्रपति के पद की शपथ दिलायी।https://plus.google.com/107807291734419802285/posts/Vkif7q6AG7r वे राज्यसभा सदस्य तथा बिहार राज्य के राज्यपाल रह चुके हैं। .

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रूपसिह चंदेल

रूपसिह चंदेल (जन्म: १२ मार्च १९५१) हिन्दी कवि और लेखक हैं। १२ मार्च १९५१ को कानपुर के गाँव नौगवां (गौतम) में जन्मे वरिष्ठ कथाकार रूपसिंह चन्देल कानपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिन्दी), पी-एच.डी.

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रेणु खाटोर

रेणु खाटोर (Renu Khator; जन्म: 29 जून, 1955) अमेरिका में डैलस के फेडरल रिजर्व बैंक के निदेशक बोर्ड की प्रमुख है। इसके पूर्व वे अमेरिका के ह्यूस्टन विश्वविद्यालय की प्रमुख तथा यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन सिस्टम्स की कुलाधिपति रह चुकी हैं, जिसके अंतर्गत वे ह्यूस्टन के अधीन चार विश्वविद्यालयों की प्रशासनिक प्रमुख का कार्यभार सँभाल रही थीं। इस विश्वविद्यालय में 56 हजार से ज्यादा छात्र अध्ययन करते हैं। वे किसी भी प्रतिष्ठित अमेरिकी विश्वविद्यालय में इतना बड़ा पद पाने वाली पहली भारतवंशी महिला हैं। इसके पहले उन्हें 2003 में साउथ फ्लोरिडा विश्वविद्यालय का प्रोवोस्ट और सीनियर वाइस प्रेसीडेंट नियुक्त किया गया था। वे उत्तर प्रदेश के फरुखाबाद से 1974 में अट्ठारह वर्ष की उम्र में अमेरिका आई थीं। वे यूएच सिस्टम की पहली महिला चांसलर रहीं और पहली ऐसी भारतीय प्रवासी हैं जिन्होंने अमेरिका के इस समग्र शोध विश्वविद्यालय का नेतृत्व किया है। .

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शिवपाल सिंह यादव

शिवपाल सिंह यादव (जन्म: 6 अप्रैल 1955, सैफई, इटावा जिला) भारत के एक राजनेता हैं। सन् 1955 को बसंत पंचमी के पावन दिन में पिता सुघर सिंह तथा माता मूर्ति देवी के कनिष्ठ पुत्र के रूप में जन्मे शिवपाल सिंह यादव को मानवता के प्रति उदात्त भाव विरासत में मिला। उन्होंने जनसंघर्षों में भाग लेना और नेतृत्व करना अपने नेता व अग्रज मुलायम सिंह यादव जी से सीखा। इनके पिता स्वर्गीय सुधर सिंह अत्यंत सरल हृदय एवं कर्मठ किसान थे एवं माता स्वर्गीय श्रीमती मूर्ती देवी एक कुशल गृहणी थी। वे समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। मार्च 2017 में सम्पन्न हुए उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में वे इटावा जिले के जसवन्तनगर विधान सभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गये। ये मायावती सरकार के कार्यकाल में 5 मार्च 2012 तक प्रतिपक्ष के नेता भी रहे। शिक्षा: शिवपाल सिंह यादव ने गांव की प्राथमिक पाठशाला से पूर्व माध्यमिक शिक्षा उत्तम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसके पश्चात् हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की शिक्षा के लिए जैन इण्टर काॅलेज, करहल, मैनपुरी में प्रवेश लिया। जहाँ से उन्होंने सन् 1972 में हाईस्कूल तथा सन् 1974 में इण्टरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। तत्पश्चात् शिवपाल सिंह यादव ने स्नातक की पढ़ाई सन् 1976 में के०के०डिग्री कालेज इटावा (कानपुर विश्वविद्यालय) तथा सन् 1977 में लखनऊ विश्वविद्यालय से बी०पी०एड० शिक्षा प्राप्त की। परिवार: शिवपाल सिंह यादव का विवाह 23-मई-1981 को हुआ। इनकी पत्नी का नाम सरला यादव है। शिवपाल सिंह यादव की एक पुत्री डाॅ० अनुभा यादव तथा एक पुत्र आदित्य यादव है। जीवन: सामाजिक व राजनीतिक गतिविधियों में वे बाल्यकाल से ही सक्रिय रहे। क्षेत्र में घूम-घूमकर मरीजों को अस्पताल पहुँचाना, थाना-कचहरी में गरीबों को न्याय दिलाने के लिए प्रयास करना व सोशलिस्ट पार्टी के कार्यक्रमों में भाग लेना उनका प्रिय शगल था। वे नेताजी के चुनावों में पर्चें बाँटने से लेकर बूथ-समन्वयक तक की जिम्मेदारी उठाते रहे। मधु लिमये, बाबू कपिलदेव, चौधरी चरण सिंह, जनेश्वर मिश्र जी जैसे बड़े नेताओं के आगमन पर उनकी सभा करवाने की भी जिम्मेदारी भी शिवपाल जी के ही कंधे पर होती थी। वे 1988 से 1991 और पुनः 1993 में जिला सहकारी बैंक, इटावा के अध्यक्ष चुने गये। 1995 से लेकर 1996 तक इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहे। इसी बीच 1994 से 1998 के अंतराल में उत्तरप्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के भी अध्यक्ष का दायित्व संभाला। तेरहवीं विधानसभा में वे जसवन्तनगर से विधानसभा का चुनाव लड़े और ऐतिहासिक मतों से जीते। इसी वर्ष वे समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव बनाये गये। उन्होंने संगठन को मजबूत बनाने के लिए अनिर्वचनीय मेहनत की। पूरे उत्तर प्रदेश को कदमों से नाप दिया। उनकी लोकप्रियता और स्वीकारिता बढ़ती चली गयी। प्रमुख महासचिव के रूप में उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को नया आयाम दिया। प्रदेश अध्यक्ष रामशरण दास जी की अस्वस्थता को देखते हुए 01 नवम्बर, 2007 को मेरठ अधिवेशन में शिवपाल जी को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया। रामशरण दास जी के महाप्रयाण के पश्चात् 6 जनवरी, 2009 को वे पूर्णकालिक प्रदेश अध्यक्ष बने। शिवपाल जी ने सपा को और अधिक प्रखर बनाया। नेताजी और जनेश्वर जी के मार्गदर्शन और उनकी अगुवाई में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में स्थापित हुई। वे मई 2009 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे फिर उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विरोधी दल की भूमिका दी गई। बसपा की बहुमत की सरकार के समक्ष नेता विरोधी दल की जिम्मेदारी तलवार की धार पर चलने जैसा था। उन्होंने इस दायित्व को संभाला और विपक्ष तथा आम जनता के प्रतिकार के स्वर को ऊँचा रखा। वरिष्ठ नेता आजम खान की वापसी के दिन उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देने में एक पल का भी विलम्ब नहीं किया, जो दर्शाता है कि उन्हें पद से अधिक सिद्धान्त और दलहित प्रिय है। बाढ़-सूखा, भूकम्प जैसी आपदाओं में जाकर मदद करने वालों में शिवपाल आगे खड़े रहते हैं। उन्होंने कई बार गिरफ्तारी दी, पुलिसिया उत्पीड़न को झेला, आम कार्यकर्ताओं के रक्षा कवच बने। यही कारण है कि सोलहवीं विधानसभा में समाजवादी पार्टी के चुनाव निशान पर साठ फीसदी से अधिक मतों से जीतने वाले एक मात्र विधायक हैं। उन्होंने समय-समय पर कभी डा0 लोहिया, कभी अशफाक उल्ला खान, कभी चन्द्रशेखर आजाद तो कभी मधु लिमये की जयन्ती और अन्य अवसरों पर लेख लिखकर, छोटी-छोटी पुस्तकें प्रकाशित कर बँटवाकर नई पीढ़ी को गौरवमयी इतिहास से अवगत कराने का कार्य किया है। उनके अब तक दर्जनों लेख दैनिक जागरण, अमर उजाला, राष्ट्रीय सहारा, जनाग्रह (बंगलुरू), डेली न्यूज एक्टिविस्ट, जन संदेश, कैनविज टाइम्स समेत कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने डा0 लोहिया के कई ऐतिहासिक उद्बोधनों यथा ’’द्रौपदी व सावित्री’’ दो कटघरे आदि को प्रकाशित कर बँटवाया और समाजवादी पार्टी में पढ़ने-लिखने की परम्परा को प्रोत्साहन दिया। वे साहित्यकारों का काफी सम्मान करते हैं। गोपालदास ’’नीरज’’ उदय प्रताप सिंह जैसे साहित्यकार व कवि उन्हें काफी स्नेह करते हैं, जिससे उनकी साहित्यिक अभिरूचि का पता चलता है। विपक्ष के दौरान उन्होंने जन संघर्षों व सामूहिक प्रतिकार के प्रत्येक रण में सेनानी की भूमिका निभाई। कई बार जेल गये, आन्दोलनों में चोटिल हुए पर जब भी आन्दोलन की घोषणा होती, शिवपाल सिंह यादव प्रथम पंक्ति में खड़े दिखते। समाजवादी पार्टी की 2012 में पुनः सरकार बनने के बाद उन्हें लोक निर्माण, सिंचाई, सहकारिता मंत्री की जिम्मेदारी दी गयी, इन विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कई बड़े अधिकारियों व अभियन्ताओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की, एक अखबार ने उन्हें ’’कार्यवाही मिनिस्टर’’ तक की संज्ञा दे दी। उनका इतिहास समाजवादी पार्टी का इतिहास है, जन-संघर्षों व सक्रिय करूणा का जीवन-दर्शन है। .

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श्याम चरण गुप्ता

श्याम चरण गुप्ता (जन्म:९ फ़रवरी १९४५) एक प्रख्यात राजनीतिज्ञ एवं उद्योगपति है। श्याम चरण उत्तर प्रदेश के बाँदा लोकसभा क्षेत्र से २००४ में सांसद निर्वाचित हुए तथा १६ मई २०१४ से इलाहबाद के वर्तमान सांसद है। वे श्याम ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज के संस्थापक एवं सी.एम.डी.

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सुमन राजे

सुमन राजे हिंदी साहित्य से जुड़ी लेखिका, कवयित्री, और इतिहासकार हैं। .

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सैफ़ई

सैफ़ई (अंग्रेजी: Saifai), उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में स्थित एक कस्बा है। यह इटावा जिले की एक तहसील और विकास खंड भी है। यह मुलायम सिंह यादव, समाजवादी पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष, निवर्तमान रक्षा मंत्री और निवर्तमान मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश का जन्मस्थान भी है। .

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जनता कालेज, बकेवर (इटावा)

जनता कालेज, बकेवर (इटावा), छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (पूर्व में कानपुर विश्वविद्यालय) से संबद्ध है तथा बकेवर (इटावा) (उत्तर प्रदेश) में स्थित है। श्रेणी:उत्तर प्रदेश के विद्यालय.

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विनय कटियार

विनय कटियार (जन्म: ११ नवम्बर १९५४, कानपुर) भारतीय राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी के एक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है। .

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गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज

गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्थित, एक मेडिकल कॉलेज है। इस कालेज का नाम गणेश शंकर विद्यार्थी के नाम पर रखा गया है, जो कानपुर के एक प्रमुख पत्रकार तथा स्वतंत्रता सेनानी थे। यह कालेज कानपुर विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त है जिसे अब छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय भी कहते हैं। .

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इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय

इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय(अंग्रेजी: Allahabad State University), उत्तर प्रदेश सरकार द्वार 17 जून 2016 को इलाहाबाद मे स्थापित किया गया एक विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय के प्रथम सत्र का प्रारम्भ 2016-17 मे इलाहाबाद, कौशाम्बी, फतेहपुर और प्रतापगढ़ के 462 सम्बद्ध काॅलेजो मे हुआ। इलाहाबाद, कौशाम्बी, फतेहपुर और प्रतापगढ़ के वे कालेज जो पूर्व मे छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर तथा डाॅ॰ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद से सम्बद्ध थे अब इस नए स्थापित इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के अंतर्गत आ गए है। विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति के अनुसार "यह विश्वविद्यालय रेजीडेन्शियल कम एफिलिएटिंग विश्वविद्यालय होगा। प्रथम चरण में इस विश्वविद्यालय में ह्यूमैनिटीज, सोशल साइंसेज, इण्टरनेशनल स्टडीज, काॅमर्स और मैनेजमेण्ट आदि विषयों की पढ़ाई छात्र-छात्राओं को उपलब्ध होगी।" .

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कर्म क्षेत्र पी॰जी॰ कालेज

कर्म क्षेत्र पी॰जी॰ कालेज, इटावा या के॰के॰पी॰जी॰ कॉलेज में विज्ञान, कला, वाणिज्य संकायों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होती है। यह कॉलेज इटावा, उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह कॉलेज छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (पूर्व में कानपुर विश्वविद्यालय) से संबद्ध है। .

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अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpeyee), (जन्म: २५ दिसंबर, १९२४) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वे पहले १६ मई से १ जून १९९६ तथा फिर १९ मार्च १९९८ से २२ मई २००४ तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे हिन्दी कवि, पत्रकार व प्रखर वक्ता भी हैं। वे भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले महापुरुषों में से एक हैं और १९६८ से १९७३ तक उसके अध्यक्ष भी रहे। वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया। वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे। कभी किसी दल ने आनाकानी नहीं की। इससे उनकी नेतृत्व क्षमता का पता चलता है। सम्प्रति वे राजनीति से संन्यास ले चुके हैं और नई दिल्ली में ६-ए कृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते हैं। .

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छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर, उत्तर प्रदेश में स्थित एक विश्वविद्यालय है। यह पहले कानपुर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था। यह भारत एवं उत्तर प्रदेश के अन्य उत्कृष्ट विश्वविद्यालयो में से एक है। कानपुर विश्वविद्यालय की स्थापना १९६६ में आगरा विश्वविद्यालय से सम्बद्द विश्वविद्यालयों के विभाजन से हुई। अब इसमे १५ जिलों के १७० कॉलेज सम्बद्द है। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने कानपुर विश्वविद्यालय का नाम १८८४ से १९२२ के बीच कोल्हापुर के राजा शाहू चतुर्थ (जिन्हे छत्रपति शाहू जी महाराज के रूप में भी जाना जाता था) के नाम पर महाराजा के बाद दिए गए नाम छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय रख दिया। तब से कानपुर विश्वविद्यालय आधिकारिक तौर पर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है। .

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