लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

छतरपुर

सूची छतरपुर

छतरपुर भारत के मध्य प्रदेश प्रांत का एक शहर है। विश्व प्रसिद्ध खजुराहो के मंदिर इसी जिले में हैं। छतरपुर नगर, उत्तर-भारत मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत में स्थित है। इसकी पूर्वी सीमा के पास से सिंघारी नदी बहती है। आरंभ में पन्ना सरदारों द्वारा शासित इस नगर पर 18वीं शताब्दी में कुंवर सोन सिंह का अधिकार हो गया। यह चारों ओर से पहाड़ों से घिरा है और वृक्षों, तालाबों तथा नदियों की बहुतायत के कारण अत्यंत दर्शनीय स्थल है। राव सागर, प्रताप सागर और किशोर सागर यहाँ के तीन महत्त्वपूर्ण तालाब हैं। छतरपुर का एक देशी राज्य था जो अब एक जिला हैं। इसमें मुख्यत: मैदानी भाग था। जिले की समुद्रतट से औसत ऊँचाई ६०० फुट है। केन यहाँ की प्रमुख नदी है। उर्मल और कुतुरी उसकी सहायता नदियाँ हैं। यहाँ पुरातत्व की दृष्टि से महत्व के स्थानों में खुजराहो, १८वीं सदी की इमारतें, छतरपुर से १० मील पश्चिम स्थित राजगढ़ के पास एक किले के अवशेष एवं चंदेलों द्वारा निर्मित अनेक तालाब हैं। कोदो, तिल, जौ, बाजरा, चना, गेहूँ तथा कपास यहाँ के मुख्य कृषिपदार्थ हैं। छतरपुर नगर छतरपुर जिले का प्रधान कार्यालय है। यह बाँदा-सागर-सड़क पर स्थित है। पहले नगर तीन ओर से दीवालों से घिरा था। नगर के केंद्र में रामहल तथा अन्य कई अच्छे मकान हैं। यहाँ एक स्नातकोत्तर डिग्री कालेज तथा कुछ स्कूल हैं। ताँबे के बर्तन, लकड़ी के सामान तथा साबुन निर्माण यहाँ के उद्योगों में प्रमुख हैं। समुद्र की सतह से ऊँचाई १,००० फुट है। नगर के कई तालाबों में रानी ताल प्रमुख हैं। .

22 संबंधों: चित्रकूट, नवगाँव, पुरुषोत्तम दास टंडन, पुष्पेन्द्र नाथ पाठक, बाबू गुलाबराय, बुन्देलखण्ड, बुंदेलखंड एकीकृत पार्टी, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार, भारत के शहरों की सूची, मध्य प्रदेश, मध्य प्रदेश के शहरों की सूची, मराठा राजवंश एवं राज्यो की सूची, रसनिधि, सतना, सागर ज़िला, वियोगी हरि, वीरेन्द्र खरे 'अकेला', खजुराहो, खजुराहो स्मारक समूह, कुँवर विक्रम सिंह, छतरपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र

चित्रकूट

चित्रकूट धाम मंदाकिनी नदी के किनारे पर बसा भारत के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों में एक है। उत्तर प्रदेश में 38.2 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला शांत और सुन्दर चित्रकूट प्रकृति और ईश्वर की अनुपम देन है। चारों ओर से विन्ध्य पर्वत श्रृंखलाओं और वनों से घिरे चित्रकूट को अनेक आश्चर्यो की पहाड़ी कहा जाता है। मंदाकिनी नदी के किनार बने अनेक घाट और मंदिर में पूरे साल श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। माना जाता है कि भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ अपने वनवास के चौदह वर्षो में ग्यारह वर्ष चित्रकूट में ही बिताए थे। इसी स्थान पर ऋषि अत्रि और सती अनसुइया ने ध्यान लगाया था। ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने चित्रकूट में ही सती अनसुइया के घर जन्म लिया था। .

नई!!: छतरपुर और चित्रकूट · और देखें »

नवगाँव

नौगांव नगर मध्य भारत के उत्तरी मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर ज़िले में स्थित है। नौगांव झांसी, सतना, श्रीनगर, बलदेवगढ़ और महाराजपुर जैसे अन्य केंद्रों से सड़क मार्ग से भलीभांती जुड़ा है। नौगांव एक महत्त्वपूर्ण नागरिक केंद्र तथा सैनिक छावनी है। नौगांव अंग्रेज़ों के शासनकाल में बुंदेलखंड एजेंसी का ब्रिटिश मुख्यालय भी था। नौगांव एक प्रमुख कृषि वितरण केंद्र है और नौगांव रसायन व औषधि संयंत्र यथा एक शराब कारख़ाना स्थित है। नौगांव नगर में एक अस्पताल, सरकारी पॉलीटेक्निक संस्थान, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय और अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए एक महाविद्यालय स्थित है। और साथ ही यहाँ अब गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज खुल गया है। श्रेणी:महाराष्ट्र के शहर.

नई!!: छतरपुर और नवगाँव · और देखें »

पुरुषोत्तम दास टंडन

पुरूषोत्तम दास टंडन (१ अगस्त १८८२ - १ जुलाई, १९६२) भारत के स्वतन्त्रता सेनानी थे। हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा के पद पर प्रतिष्ठित करवाने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। वे भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के अग्रणी पंक्ति के नेता तो थे ही, समर्पित राजनयिक, हिन्दी के अनन्य सेवक, कर्मठ पत्रकार, तेजस्वी वक्ता और समाज सुधारक भी थे। हिन्दी को भारत की राजभाषा का स्थान दिलवाने के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान किया। १९५० में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने। उन्हें भारत के राजनैतिक और सामाजिक जीवन में नयी चेतना, नयी लहर, नयी क्रान्ति पैदा करने वाला कर्मयोगी कहा गया। वे जन सामान्य में राजर्षि (संधि विच्छेदः राजा+ऋषि.

नई!!: छतरपुर और पुरुषोत्तम दास टंडन · और देखें »

पुष्पेन्द्र नाथ पाठक

पुष्पेन्द्र नाथ पाठक मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य हैं। वो मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव, २०१३ के लिए चुने गये। .

नई!!: छतरपुर और पुष्पेन्द्र नाथ पाठक · और देखें »

बाबू गुलाबराय

बाबू गुलाबराय (१७ जनवरी १८८८ - १३ अप्रैल १९६३) हिन्दी के आलोचक तथा निबन्धकार थे।। .

नई!!: छतरपुर और बाबू गुलाबराय · और देखें »

बुन्देलखण्ड

बुन्देलखण्ड मध्य भारत का एक प्राचीन क्षेत्र है।इसका प्राचीन नाम जेजाकभुक्ति है.

नई!!: छतरपुर और बुन्देलखण्ड · और देखें »

बुंदेलखंड एकीकृत पार्टी

बुंदेलखंड एकीकृत पार्टी भारत निर्वाचन आयोग से पंजीकृत एक राजनीतिक दल है। इसका कार्य क्षेत्र उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश का वह हिस्सा है जो भौगोलिक तौर से बुंदेलखंड में आता है।भारत की यह पार्टी पृथक बुन्देलखंड राज्य के लिए सतत रूप से संघर्ष रत है। इस मांग को लेकर ही संजय पाण्डेय के नेत्रत्व में पार्टी ने कई धरने प्रदर्शन किये। मध्य प्रदेश विधान सभा चुनावों में भी पार्टी ने भाग लिया। छतरपुर विधान सभा से वकील राजा प्रजापति पार्टी के उम्मीदवार थे। .

नई!!: छतरपुर और बुंदेलखंड एकीकृत पार्टी · और देखें »

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संजाल भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची भारतीय राजमार्ग के क्षेत्र में एक व्यापक सूची देता है, द्वारा अनुरक्षित सड़कों के एक वर्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। ये लंबे मुख्य में दूरी roadways हैं भारत और के अत्यधिक उपयोग का मतलब है एक परिवहन भारत में। वे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा भारतीय अर्थव्यवस्था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 laned (प्रत्येक दिशा में एक), के बारे में 65,000 किमी की एक कुल, जिनमें से 5,840 किमी बदल सकता है गठन में "स्वर्ण Chathuspatha" या स्वर्णिम चतुर्भुज, एक प्रतिष्ठित परियोजना राजग सरकार द्वारा शुरू की श्री अटल बिहारी वाजपेयी.

नई!!: छतरपुर और भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार · और देखें »

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .

नई!!: छतरपुर और भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार · और देखें »

भारत के शहरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

नई!!: छतरपुर और भारत के शहरों की सूची · और देखें »

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है, इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश १ नवंबर, २००० तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटा कर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। हाल के वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर हो गया है। खनिज संसाधनों से समृद्ध, मध्य प्रदेश हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है। अपने क्षेत्र की 30% से अधिक वन क्षेत्र के अधीन है। इसके पर्यटन उद्योग में काफी वृद्धि हुई है। राज्य में वर्ष 2010-11 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीत लिया। .

नई!!: छतरपुर और मध्य प्रदेश · और देखें »

मध्य प्रदेश के शहरों की सूची

1.

नई!!: छतरपुर और मध्य प्रदेश के शहरों की सूची · और देखें »

मराठा राजवंश एवं राज्यो की सूची

मराठा साम्राज्य का ध्वज मराठा राजवंश एवं राज्यो की सूची .

नई!!: छतरपुर और मराठा राजवंश एवं राज्यो की सूची · और देखें »

रसनिधि

दतिया राज्य के बरौनी क्षेत्र के जमींदार पृथ्वीसिंह, 'रसनिधि' नाम से काव्यरचना करते थे। इनका रचनाकाल संवत् १६६० से १७१७ तक माना जाता है। इनका सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ 'रतनहजारा' है जो बिहारी सतसई को आदर्श मानकर लिखा गया प्रतीत होता है। बिहारी की दोहापद्धति का अनुकरण करते समय रसनिधि कहीं-कहीं ज्यों का त्यों भाव ही अपने दोहे में लिख गए हैं। रतनहजारा के अतिरिक्त विष्णुपदकीर्तन, बारहमासी, रसनिधिसागर, गीतिसंग्रह, अरिल्ल और माँझ, हिंडोला भी इनकी रचनाएँ बताई जाती हैं। इनके दोहों का एक संग्रह छतरपुर के श्री जगन्नाथप्रसाद ने प्रकाशित किया है। रसनिधि प्रेमी स्वभाव के रसिक कवि थे। इन्होंने रीतिबद्ध काव्य न लिखकर फारसी शायरी की शैली पर प्रेम की विविध दशाओं और चेष्टाओं का वर्णन किया है। फारसी के प्रभाव से इन्होंने प्रेमदशाओं में व्यापकता प्राप्त की किंतु भाषा और अभिव्यंजना की दृष्टि से इनका काव्य अधिक सफल नहीं हो सका। शब्दों का असंतुलित प्रयोग तथा भावों की अभिव्यक्ति में शालीनता का अभाव खटकनेवाला बन गया है। हाँ, प्रेम की सरस उक्तियों में रसनिधि को कहीं कहीं अच्छी सफलता मिली है। वस्तुत: जहाँ इनका प्रेम स्वाभाविक रूप से व्यक्त हुआ है वहाँ इनके दोहे बड़े सुंदर बन पड़े हैं। श्रेणी:हिन्दी कवि.

नई!!: छतरपुर और रसनिधि · और देखें »

सतना

सतना भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। .

नई!!: छतरपुर और सतना · और देखें »

सागर ज़िला

सागर जिले में प्रमुख रूप से धसान, बेबस, बीना, बामनेर और सुनार नदियां निकलती हैं। इसके अलावा कड़ान, देहार, गधेरी व कुछ अन्य छोटी बरसाती नदियां भी हैं। अन्य प्राकृतिक संसाधनों के मामले में सागर जिले को समृद्ध नहीं कहा जा सकता लेकिन वास्तव में जो भी संसाधन उपलब्ध हैं, उनका बुद्धिमत्तापूर्ण दोहन बाकी है। कृषि उत्पादन में सागर जिले के कुछ क्षेत्रों की अच्छी पहचान हैं। खुरई तहसील में उन्नत किस्म के गेहूं का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है। अक्षांश - 23.10 से 24.27 उत्तर देशांतर - 78.5 से 79.21 पूर्व औसत वर्षा - 1252 मि.मी.

नई!!: छतरपुर और सागर ज़िला · और देखें »

वियोगी हरि

सं.-वियोगी हरि (1895-1988 ई.) प्रसिद्ध गांधीवादी एवं हिन्दी के साहित्यकार थे। ये आधुनिक ब्रजभाषा के प्रमुख कवि, हिंदी के सफल गद्यकार तथा समाज-सेवी संत थे। "वीर-सतसई" पर इन्हें मंगलाप्रसाद पारितोषिक मिला था। उन्होंने अनेक ग्रंथों का संपादन, प्राचीन कविताओं का संग्रह तथा संतों की वाणियों का संकलन किया। कविता, नाटक, गद्यगीत, निबंध तथा बालोपयोगी पुस्तकें भी लिखी हैं। वे हरिजन सेवक संघ, गाँधी स्मारक निधि तथा भूदान आंदोलन में सक्रिय रहे। .

नई!!: छतरपुर और वियोगी हरि · और देखें »

वीरेन्द्र खरे 'अकेला'

‘अकेला’ जी ने सन्-1990 से ग़ज़ल-गीत लेखन की यात्रा शुरू की जो अनवरत जारी है। ग़ज़ल संग्रह ‘शेष बची चौथाई रात’(1999-अयन प्रकाशन, दिल्ली) के प्रकाशन ने ग़ज़ल के क्षेत्र में उन्हें स्थापित किया और राष्ट्रीय ख्याति दिलाई। दूसरे ग़ज़ल-गीत संग्रह ‘सुब्ह की दस्तक’(2006-सार्थक प्रकाशन दिल्ली) एवं तीसरे ग़ज़ल संग्रह ‘अंगारों पर शबनम’ (2012-अयन प्रकाशन, दिल्ली) ने उनकी साहित्यिक पहचान को और पुख़्तगी देते हुए उन्हें देश के प्रथम पंक्ति के हिन्दी ग़ज़लकारों के बीच खड़ा कर दिया है। प्रकाशित कृतियों के अलावा ‘अकेला’ जी की बहुत सी रचनाएं वसुधा, वागर्थ, कथादेश, महकता आँचल, सृजन-पथ, राष्ट्रधर्म, कादम्बिनी जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में भी समय-समय पर प्रकाशित होकर प्रशंसित होती रही हैं। उन्होंने कवि-सम्मेलनों, मुशायरों, काव्य-गोष्ठियों तथा आकाशवाणी के माध्यम से भी काफी लोकप्रियता हासिल की है। देश की अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा उन्हें पुरस्कृत एवं सम्मानित भी किया गया है। अपनी ग़ज़लों के तीखे तेवरों के कारण वीरेन्द्र खरे ‘अकेला’ बुन्देलखण्ड के दुष्यंत कुमार कहे जाते हैं। उनकी ग़ज़लों में जीवन की सच्ची-तपती-सुलगती आग पूरी तेजस्विता के साथ विद्यमान है। वे देश और समाज में व्याप्त दुख-दर्दों, अभावों, असफलताओं, विसंगतियों और छल-छद्मों को अनूठे अंदाज़ में पेश कर अपने पाठकों में विपरीत परिस्थितियों से लड़ने का हौसला भर देते हैं। वीरेन्द्र खरे ‘अकेला’ ने हिन्दी ग़ज़ल को नए विषय, नई सोच, नए प्रतीक और सम्यक शिल्पगत कसावट देकर इस विधा की उल्लेखनीय सेवा की है और इस क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान क़ायम की है। लेखन के अलावा ‘अकेला’ जी एक रंगकर्मी के रूप में भी सक्रिय रहे हैं। वे भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की ज़िला इकाई-छतरपुर के लम्बे समय से पदाधिकारी हैं और क़िस्सा कल्पनापुर का, ख़ूबसूरत बहू बाजीराव मस्तानी तथा महाबली छत्रसाल आदि नाटकों में महत्त्वपूर्ण भूमिकाएँ अभिनीत कर चुके हैं। ग़ज़ल-संग्रह 'शेष बची चौथाई रात' पर अभियान जबलपुर द्वारा 'हिन्दी भूषण' अलंकरण। मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन एवं बुंदेलखंड हिंदी साहित्य-संस्कृति मंच सागर द्वारा कपूर चंद वैसाखिया 'तहलका ' सम्मान अ०भा० साहित्य संगम, उदयपुर द्वारा काव्य कृति ‘सुबह की दस्तक’ पर राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान के अन्तर्गत 'काव्य-कौस्तुभ' सम्मान तथा लायन्स क्लब द्वारा ‘छतरपुर गौरव’ सम्मान।.

नई!!: छतरपुर और वीरेन्द्र खरे 'अकेला' · और देखें »

खजुराहो

खजुराहो भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है जो अपने प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिये विश्वविख्यात है। यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। खजुराहो को प्राचीन काल में खजूरपुरा और खजूर वाहिका के नाम से भी जाना जाता था। यहां बहुत बड़ी संख्या में प्राचीन हिन्दू और जैन मंदिर हैं। मंदिरों का शहर खजुराहो पूरे विश्व में मुड़े हुए पत्थरों से निर्मित मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है जो कि देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं। भारत के अलावा दुनिया भर के आगन्तुक और पर्यटक प्रेम के इस अप्रतिम सौंदर्य के प्रतीक को देखने के लिए निरंतर आते रहते है। हिन्दू कला और संस्कृति को शिल्पियों ने इस शहर के पत्थरों पर मध्यकाल में उत्कीर्ण किया था। संभोग की विभिन्न कलाओं को इन मंदिरों में बेहद खूबसूरती के उभारा गया है। .

नई!!: छतरपुर और खजुराहो · और देखें »

खजुराहो स्मारक समूह

खजुराहो स्मारक समूह जो कि एक हिन्दू और जैन धर्म के स्मारकों का एक समूह है जिसके स्मारक भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के छतरपुर क्षेत्र में देखने को मिलते है। ये स्मारक दक्षिण-पूर्व झांसी से लगभग १७५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्मारक समूह यूनेस्को विश्व धरोहर में भारत का एक धरोहर क्षेत्र गिना जाता है। यहाँ के मन्दिर जो कि नगारा वास्तुकला से स्थापित किये गए जिसमें ज्यादातर मूर्तियाँ कामुक कला की है अर्थात् अधिकतर मूर्तियाँ नग्न अवस्था में स्थापित है। खहुराहो के ज्यादातर मन्दिर चन्देल राजवंश के समय ९५० और १०५० ईस्वी के मध्य बनाए गए थे। एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार खजुराहो में कुल ८५ मन्दिर है जो कि १२वीं शताब्दी में स्थापित किये गए जो २० वर्ग किलोमीटर के घेराव में फैले हुए है। वर्तमान में इनमें से, केवल २५ मन्दिर ही बच हैं जो ६वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं। UNESCO World Heritage Site विभिन्न जीवित मन्दिरों में से, कन्दारिया महादेव मंदिर जो प्राचीन भारतीय कला के जटिल विवरण, प्रतीकवाद और अभिव्यक्ति के साथ प्रचुरता से सजाया गया है।Devangana Desai (2005), Khajuraho, Oxford University Press, Sixth Print, ISBN 978-0-19-565643-5 खजुराहो स्मारक समूह के मन्दिरों को एक साथ बनाया गया था, लेकिन इस क्षेत्र में हिन्दू और जैन के बीच विभिन्न धार्मिक विचारों के लिए स्वीकृति और सम्मान की परंपरा का सुझाव देते हुए, दो धर्मों, हिन्दू धर्म और जैन धर्म को समर्पित किया गया था।James Fergusson, History of Indian and Eastern Architecture,  Updated by James Burgess and R. Phene Spiers (1910), Volume II, John Murray, London .

नई!!: छतरपुर और खजुराहो स्मारक समूह · और देखें »

कुँवर विक्रम सिंह

कुँवर विक्रम सिंह (नाती राजा)छतरपुर के शाही परिवार अंतर्गत आता है.

नई!!: छतरपुर और कुँवर विक्रम सिंह · और देखें »

छतरपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र

छतरपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, २३० विधानसभा, का एक निर्वाचन क्षेत्र है.

नई!!: छतरपुर और छतरपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »