लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

चौधरी चरण सिंह

सूची चौधरी चरण सिंह

चौधरी चरण सिंह (२३ दिसम्बर १९०२ - २९ मई १९८७) भारत के पांचवें प्रधानमन्त्री थे। उन्होंने यह पद २८ जुलाई १९७९ से १४ जनवरी १९८० तक सम्भाला। चौधरी चरण सिंह ने अपना सम्पूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया। .

43 संबंधों: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, डॉ॰ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, तेवतिया, दिसम्बर, नानाजी देशमुख, पार्वती कृष्णन, प्रधानमंत्री (टीवी सीरीज), बिजनौर, भारत का प्रधानमन्त्री, भारत के प्रधान मंत्रियों की सूची, भारत के रक्षा मंत्री, भारत के रेल मंत्री, भारत के वित्त मंत्री, भारत के विदेश मंत्री, भारत के गृह मंत्री, भारत के उप प्रधानमंत्री, भारतीय चुनाव, भारतीय महापुरुषों के समाधिस्थलों की सूची, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय क्रांति दल, मोरारजी देसाई, यशवंतराव चव्हाण, राम प्रकाश गुप्ता, राष्ट्रीय लोक दल, राजघाट समाधि परिसर, रूप नाथ सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, सदन के नेता (लोक सभा), समाजवादी पार्टी, जनेश्वर मिश्र, जयप्रकाश नारायण, जयंत चौधरी, जाट, आपातकाल (भारत), आर्य समाज, इन्दिरा गांधी, अजीत सिंह (राजनीतिज्ञ), उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की सूची, १९७९, २० अगस्त, २३ दिसम्बर, २९ मई

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार स्थित एक विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना १९७० में हुई थी। यह विश्वविद्यालय एशिया के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है। इसका नाम भारत के सातवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर रखा गया है। पहले यह संस्थान पंजाब कृषि विश्वविद्यालय का हिसार में 'उपग्रह कैम्पस' था। हरियाणा राज्य के निर्माण के बाद यह स्वायत्त संस्थान घोषित किया गया। ३१ अक्टूबर १९९१ को इसका नामकरण चौधरी चरण सिंह के नाम पर किया गया। यह विश्वविद्यालय भारत के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में सर्वाधिक शोधपत्र प्रकाशित करता है। १९९७ में इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा सर्वश्रेष्ठ संस्थान का सम्मान दिया गया। भारत के हरित क्रांति तथा श्वेत क्रांति में इस विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय · और देखें »

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में स्थित है। इसकी स्थापना सन १९६५ में 'मेरठ विश्वविद्यालय' नाम से हुई थी। बाद में इसका नाम बदलकर भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर रख दिया गया। 222 एकड विशाल भू भाग पर फैला यह संस्थान इंटरनेट तथा वाईफाई से जुडा हुआ है। इसमें बीस यूजीसी प्रोग्राम तथा पैंतीस स्ववित्त पोषित विभाग पाठ्यक्रम हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चार लाख छात्र और 400 महाविद्यालय इससे जुडे हैं। इस विश्वविद्यालय में एक पृथक इंजीनियरिंग कॉलेज है, जिसमें इंजीनियरिंग की पांच शाखाओं में बीटेक किया जा सकता है। यह विश्वविद्यालय कृषि विज्ञान, मानविकी, समाज विज्ञान, पत्रकारिता, जनसंचार और मल्टी मीडिया तकनीक, भूविज्ञान, शारीरिक शिक्षा, ललित कला, विधि विज्ञान, व्यावाहारिक विज्ञान, गृह विज्ञान, प्रबंधन अध्ययन, भौगोलिक सूचना प्रणाली, सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग) आदि के क्षेत्र में स्ववित्त योजना के अन्तगर्त अनेक डिग्री पाठ्यक्रम संचालित करता है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय · और देखें »

डॉ॰ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय

डॉ॰ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, पूर्व नाम आगरा विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक नगर आगरा के सबसे प्राचीन संस्थानों में से एक है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और डॉ॰ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय · और देखें »

तेवतिया

एक एक जाट गोत्र है। इसके गोत्र के प्रसिद्ध व्यक्तियों में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह हैं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और तेवतिया · और देखें »

दिसम्बर

दिसंबर ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से वर्ष का बारहवां और आखिरी महीना है, साथ ही यह उन सात ग्रेगोरी महीनो में से एक है जिनमे 31 दिन होते हैं। लैटिन में, दिसेम (decem) का मतलब "दस" होता है। दिसम्बर भी रोमन कैलेंडर का दसवां महीना था जब तक कि मासविहीन सर्दियों की अवधि को जनवरी और फरवरी के बीच विभाजित नहीं कर दिया गया। दिसंबर से संबंधित फूल हॉली या नारसीसस है। दिसंबर के रत्न फीरोज़ा, लापीस लाजुली, जि़रकॉन, पुखराज (नीला), या टैन्जानाईट रहे हैं। दिसंबर माह में उत्तरी गोलार्द्ध में दिन के (सूर्य की रोशनी का समय) सबसे कम और दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे अधिक घंटे होते हैं। दिसंबर और सितम्बर सप्ताह के एक ही दिन से शुरू होते हैं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और दिसम्बर · और देखें »

नानाजी देशमुख

नानाजी देशमुख (जन्म: ११ अक्टूबर १९१६, चंडिकादास अमृतराव देशमुख - मृत्यु: २७ फ़रवरी २०१०) एक भारतीय समाजसेवी थे। वे पूर्व में भारतीय जनसंघ के नेता थे। १९७७ में जब जनता पार्टी की सरकार बनी, तो उन्हें मोरारजी-मन्त्रिमण्डल में शामिल किया गया परन्तु उन्होंने यह कहकर कि ६० वर्ष से अधिक आयु के लोग सरकार से बाहर रहकर समाज सेवा का कार्य करें, मन्त्री-पद ठुकरा दिया। वे जीवन पर्यन्त दीनदयाल शोध संस्थान के अन्तर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार हेतु कार्य करते रहे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया। अटलजी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिये पद्म विभूषण भी प्रदान किया। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और नानाजी देशमुख · और देखें »

पार्वती कृष्णन

पार्वती कृष्णन (15 मार्च 1919 – 20 फ़रवरी 2014) एक भारतीय राजनीतिज्ञा थीं। वो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की नेता थीं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और पार्वती कृष्णन · और देखें »

प्रधानमंत्री (टीवी सीरीज)

प्रधानमंत्री टीवी शो की 2013 में, शेखर कपूर ने एबीपी न्यूज़ पर मेजबानी की। इस कार्यक्रम में भारतीय की रियासतों के विलय से लेकर देश के अलग-अलग प्रधानमंत्री चुनने की पूरी कहानी है। यह 13 जुलाई, 2013 को प्रीमियर हुआ। इसका उद्देश्य भारतीय इतिहास के तथ्यों को कभी भी पहले कभी नहीं देखा गया है। साप्ताहिक कार्यक्रम भारत के इतिहास को 1 9 47 से वर्तमान दिन तक का इतिहास देता है। टीवी श्रृंखला प्रसिद्ध फिल्म निर्माता, अभिनेता और मेजबान शेखर कपूर द्वारा होस्ट की गई है और निर्देशित हैं पुनीत शर्मा। यह पिछले 65 वर्षों में 13 प्रधान मंत्रियों के कार्यकाल के दौरान देश में बदलाव पेश करने का एक अनूठा प्रयास है। प्रधानमंत्रियों ने हर शनिवार को 10 बजे प्रसारित किया। राखी पपिया जोशी और सोहन ठाकुर निर्देशक काट रहे हैं। श्रृंखला ने सलमा सुल्तान द्वारा दूरदर्शन पर इंदिरा गांधी की मौत के प्रसारण का प्रसारण प्रसारित किया। प्रारंभ में 23 एपिसोड के लिए संकल्पना की गयी, प्रधानमंत्रि को 4 जनवरी 2014 को प्रसारित अंतिम एपिसोड के साथ 26 एपिसोड में बढ़ा दिया गया था। इस शो को पहले आइडिया ऑफ़ इंडिया का अफवाह माना गया था। प्रधानमंत्रि अब बांग्ला में 14 दिसंबर 2013 को एबीपी आनंद पर फिर से प्रसारित किया गया है, जिसमें बंगाली अभिनेता धृतिमन चटर्जी द्वारा होस्ट किया गया है और एबीपी माहा पर मराठी भाषा में सिंहासन के नाम से दोबारा प्रसारण किया गया है और 23 नवम्बर 2013 को मराठी अभिनेता विक्रम गोखले द्वारा होस्ट किया गया। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और प्रधानमंत्री (टीवी सीरीज) · और देखें »

बिजनौर

बिजनौर भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। हिमालय की उपत्यका में स्थित बिजनौर को जहाँ एक ओर महाराजा दुष्यन्त, परमप्रतापी सम्राट भरत, परमसंत ऋषि कण्व और महात्मा विदुर की कर्मभूमि होने का गौरव प्राप्त है, वहीं आर्य जगत के प्रकाश स्तम्भ स्वामी श्रद्धानन्द, अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक डॉ॰ आत्माराम, भारत के प्रथम इंजीनियर राजा ज्वालाप्रसाद आदि की जन्मभूमि होने का सौभाग्य भी प्राप्त है। साहित्य के क्षेत्र में जनपद ने कई महत्त्वपूर्ण मानदंड स्थापित किए हैं। कालिदास का जन्म भले ही कहीं और हुआ हो, किंतु उन्होंने इस जनपद में बहने वाली मालिनी नदी को अपने प्रसिद्ध नाटक 'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' का आधार बनाया। अकबर के नवरत्नों में अबुल फ़जल और फैज़ी का पालन-पोषण बास्टा के पास हुआ। उर्दू साहित्य में भी जनपद बिजनौर का गौरवशाली स्थान रहा है। क़ायम चाँदपुरी को मिर्ज़ा ग़ालिब ने भी उस्ताद शायरों में शामिल किया है। नूर बिजनौरी जैसे विश्वप्रसिद्ध शायर इसी मिट्टी से पैदा हुए। महारनी विक्टोरिया के उस्ताद नवाब शाहमत अली भी मंडावर,बिजनौर के निवासी थे, जिन्होंने महारानी को फ़ारसी की पढ़ाया। संपादकाचार्य पं. रुद्रदत्त शर्मा, बिहारी सतसई की तुलनात्मक समीक्षा लिखने वाले पं. पद्मसिंह शर्मा और हिंदी-ग़ज़लों के शहंशाह दुष्यंत कुमार,विख्यात क्रांतिकारी चौधरी शिवचरण सिंह त्यागी, पैजनियां - भी बिजनौर की धरती की देन हैं। वर्तमान में महेन्‍द्र अश्‍क देश विदेश में उर्दू शायरी के लिए विख्‍यात हैं। धामपुर तहसील के अन्‍तर्गत ग्राम किवाड में पैदा हुए महेन्‍द्र अश्‍क आजकल नजीबाबाद में निवास कर रहे हैं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और बिजनौर · और देखें »

भारत का प्रधानमन्त्री

भारत गणराज्य के प्रधानमन्त्री (सामान्य वर्तनी:प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है। सैद्धांतिकरूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिकरूप में, शासनतंत्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति पर निहित करता है। तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग अपने अधीनस्थ अधकारियों की सलाह पर करेगा। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमन्त्री को दी गयी है। संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्रीपद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है तथा सभी नीतिगत निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्रीपरिषद के मध्य संपर्कसूत्र भी वही हैं। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है। संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है। प्रधानमन्त्री, लोकसभा में बहुमत-धारी दल का नेता होता है, और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जबतक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो। संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को सरकारी तंत्र पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था। उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था। इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ में, संविधान के परवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और भारत का प्रधानमन्त्री · और देखें »

भारत के प्रधान मंत्रियों की सूची

भारत के प्रधानमंत्री भारत गणराज्य की सरकार के मुखिया हैं। भारत के प्रधानमंत्री, का पद, भारत के शासनप्रमुख (शासनाध्यक्ष) का पद है। संविधान के अनुसार, वह भारत सरकार के मुखिया, भारत के राष्ट्रपति, का मुख्य सलाहकार, मंत्रिपरिषद का मुखिया, तथा लोकसभा में बहुमत वाले दल का नेता होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का नेतृत्व करता है। भारत की राजनैतिक प्रणाली में, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल में का वरिष्ठ सदस्य होता है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और भारत के प्रधान मंत्रियों की सूची · और देखें »

भारत के रक्षा मंत्री

भारत के रक्षा मंत्री या रक्षा मंत्री भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का कार्य करता है जो भारत की रक्षा तथा आंतरिक सुरक्षा बनाये रखता है। भारत के वर्तमान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण हैं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और भारत के रक्षा मंत्री · और देखें »

भारत के रेल मंत्री

भारत के रेल मंत्री जो रेल मंत्रालय, भारत के मंत्री हैं | .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और भारत के रेल मंत्री · और देखें »

भारत के वित्त मंत्री

भारत का वित्त मंत्री भारत सरकार में एक कैबिनेट मंत्री का दर्जा होता है। उसका काम देश का आम बजट तैयार करना होता है एवं वह देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य संचालक होता है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और भारत के वित्त मंत्री · और देखें »

भारत के विदेश मंत्री

भारत के विदेश मंत्री या विदेश मंत्री भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का कार्य करता है जो भारत के विदेश सम्बंधित नीतियोँ को बनाता है।98 98 .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और भारत के विदेश मंत्री · और देखें »

भारत के गृह मंत्री

भारत के गृह मंत्री या गृह मंत्री, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के प्रमुख को कहा जाता है। केन्द्रीय कैबिनेट के वरिष्ठतम पदों में से एक, गृह मंत्री की मुख्य जिम्मेदारी भारत की आंतरिक सुरक्षा से सम्बन्धित विषयों को देखना है। 26 मई 2014 से राजनाथ सिंह भारत के तीसवें गृह मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और भारत के गृह मंत्री · और देखें »

भारत के उप प्रधानमंत्री

भारत के उपप्रधानमंत्री का पद, तकनीकी रूप से एक एक संवैधानिक पद नहीं है, नाही संविधान में इसका कोई उल्लेख है। परंतु ऐतिहासिक रूप से, अनेक अवसरों पर विभिन्न सरकारों ने अपने किसी एक वरिष्ठ मंत्री को "उपप्रधानमंत्री" निर्दिष्ट किया है। इस पद को भरने की कोई संवैधानिक अनिवार्यता नहीं है, नाही यह पद किसी प्रकार की विशेष शक्तियाँ प्रदान करता हैं। आम तौर पर वित्तमंत्री या रक्षामंत्री जैसे वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को इस पद पर स्थापित किया जाता है, जिन्हें प्रधानमंत्री के बाद, सबसे वरिष्ठ माना जाता है। अमूमन इस पद का उपयोग, गठबंधन सरकारों में मज़बूती लाने हेतु किया जाता रहा है। इस पद के पहले धारक सरदार वल्लभभाई पटेल थे, जोकि जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में गृहमंत्री थे। कई अवसरों पर ऐसा होता रहा है की प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति में उपप्रधानमंत्री संसद या अन्य स्थानों पर उनके स्थान पर सर्कार का प्रतिनिधित्व करते हैं, एवं कैबिनेट की बैठकों की अध्यक्षता कर सकते हैं। भारत के उपप्रधानमंत्री भारतीय सरकार के मंत्रीमंडल के उपाध्यक्ष होते है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और भारत के उप प्रधानमंत्री · और देखें »

भारतीय चुनाव

चुनाव लोकतंत्र का आधार स्तम्भ हैं। आजादी के बाद से भारत में चुनावों ने एक लंबा रास्ता तय किया है। 1951-52 को हुए आम चुनावों में मतदाताओं की संख्या 17,32,12,343 थी, जो 2014 में बढ़कर 81,45,91,184 हो गई है। 2004 में, भारतीय चुनावों में 670 मिलियन मतदाताओं ने भाग लिया (यह संख्या दूसरे सबसे बड़े यूरोपीय संसदीय चुनावों के दोगुने से अधिक थी) और इसका घोषित खर्च 1989 के मुकाबले तीन गुना बढ़कर $300 मिलियन हो गया। इन चुनावों में दस लाख से अधिक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया गया। 2009 के चुनावों में 714 मिलियन मतदाताओं ने भाग लिया (अमेरिका और यूरोपीय संघ की संयुक्त संख्या से भी अधिक).

नई!!: चौधरी चरण सिंह और भारतीय चुनाव · और देखें »

भारतीय महापुरुषों के समाधिस्थलों की सूची

यह भारत के विख्यात लोगों के समाधिस्थलों की सूची है। यह एक मुक्त सूची है जिसे बढ़ाया जा सकता है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और भारतीय महापुरुषों के समाधिस्थलों की सूची · और देखें »

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, अधिकतर कांग्रेस के नाम से प्रख्यात, भारत के दो प्रमुख राजनैतिक दलों में से एक हैं, जिन में अन्य भारतीय जनता पार्टी हैं। कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में २८ दिसंबर १८८५ में हुई थी; इसके संस्थापकों में ए ओ ह्यूम (थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य), दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे। १९वी सदी के आखिर में और शुरूआती से लेकर मध्य २०वी सदी में, कांग्रेस भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में, अपने १.५ करोड़ से अधिक सदस्यों और ७ करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के साथ, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरोध में एक केन्द्रीय भागीदार बनी। १९४७ में आजादी के बाद, कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई। आज़ादी से लेकर २०१६ तक, १६ आम चुनावों में से, कांग्रेस ने ६ में पूर्ण बहुमत जीता हैं और ४ में सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व किया; अतः, कुल ४९ वर्षों तक वह केन्द्र सरकार का हिस्सा रही। भारत में, कांग्रेस के सात प्रधानमंत्री रह चुके हैं; पहले जवाहरलाल नेहरू (१९४७-१९६५) थे और हाल ही में मनमोहन सिंह (२००४-२०१४) थे। २०१४ के आम चुनाव में, कांग्रेस ने आज़ादी से अब तक का सबसे ख़राब आम चुनावी प्रदर्शन किया और ५४३ सदस्यीय लोक सभा में केवल ४४ सीट जीती। तब से लेकर अब तक कोंग्रेस कई विवादों में घिरी हुई है, कोंग्रेस द्वारा भारतीय आर्मी का मनोबल गिराने का देश में विरोध किया जा रहा है । http://www.allianceofdemocrats.org/index.php?option.

नई!!: चौधरी चरण सिंह और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस · और देखें »

भारतीय क्रांति दल

भारतीय क्रांति दल भारत का एक राजनैतिक दल था जिसकी स्थापना १९६७ में चौधरी चरण सिंह ने की थी। सन १९७७ के आम चुनावों के बाद यह दल जनता पार्टी में विलीन कर दिया गया। श्रेणी:भारत के राजनीतिक दल.

नई!!: चौधरी चरण सिंह और भारतीय क्रांति दल · और देखें »

मोरारजी देसाई

मोरारजी देसाई (29 फ़रवरी 1896 – 10 अप्रैल 1995) (गुजराती: મોરારજી રણછોડજી દેસાઈ) भारत के स्वाधीनता सेनानी और देश के छ्ठे प्रधानमंत्री (सन् 1977 से 79) थे। वह प्रथम प्रधानमंत्री थे जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बजाय अन्य दल से थे। वही एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न एवं पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया है। वह 81 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बने थे। इसके पूर्व कई बार उन्होंने प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की परंतु असफल रहे। लेकिन ऐसा नहीं हैं कि मोरारजी प्रधानमंत्री बनने के क़ाबिल नहीं थे। वस्तुत: वह दुर्भाग्यशाली रहे कि वरिष्ठतम नेता होने के बावज़ूद उन्हें पंडित नेहरू और लालबहादुर शास्त्री के निधन के बाद भी प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया। मोरारजी देसाई मार्च 1977 में देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल पूर्ण नहीं हो पाया। चौधरी चरण सिंह से मतभेदों के चलते उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और मोरारजी देसाई · और देखें »

यशवंतराव चव्हाण

यशवंतराव बलवंतराव चव्हाण (12 मार्च 1913 - 25 नवम्बर 1984) मुंबई राज्य के विभाजन के बाद महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री और भारत के पांचवें उप प्रधान मंत्री थे। वे एक मजबूत कांग्रेस नेता, स्वतंत्रता सेनानी, सहकारी नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक थे। उन्हें आम लोगों के नेता के रूप में जाना जाता था। उन्होंने अपने भाषणों और लेखों में दृढ़ता से समाजवादी लोकतंत्र की वकालत की और महाराष्ट्र में किसानों की बेहतरी के लिए सहकारी समितियों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और यशवंतराव चव्हाण · और देखें »

राम प्रकाश गुप्ता

राम प्रकाश गुप्ता राम प्रकाश गुप्ता (जन्म: २६ अक्टूबर १९२३- १ मई २००४) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के राज्यपाल थे। वह भारतीय जनता पार्टी के एक नेता हैं। इनका जन्म स्थान झाँसी है। वह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं जब चौधरी चरण सिंह ने १९६७ में गैर कांग्रेस दलों को एकीकृत करके सरकार बनायीं थी। वे १९७७ जनता पार्टी की सरकार में उद्योग मंत्री रहे चुके हैं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और राम प्रकाश गुप्ता · और देखें »

राष्ट्रीय लोक दल

राष्ट्रीय लोक दल भारत का एक राजनीतिक दल है जिसके अध्यक्ष एवं संस्थापक पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र अजीत सिंह हैं। चौधरी अजीत सिंह के पुत्र एवं जयंत चौधरी दल के मुख्य सचिव हैं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और राष्ट्रीय लोक दल · और देखें »

राजघाट समाधि परिसर

राज घाट में समाधिस्थल दिल्ली में यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर महात्मा गांधी की समाधि स्थित है। काले संगमरमर से बनी इस समाधि पर उनके अंतिम शब्द 'हे राम' उद्धृत हैं। अब यह एक सुन्दर उद्यान का रूप ले चुका है। यहां पर सुन्दर फव्वारे और अनेक प्रकार के पेड़ लगे हुए हैं। यहां पास ही शांति वन में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की समाधि भी है। भारत आने वाले विदेशी उच्चाधिकारी महात्मा गांधी को श्रद्धांजली देने के लिए राजघाट अवश्य आते हैं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और राजघाट समाधि परिसर · और देखें »

रूप नाथ सिंह यादव

रूप नाथ सिंह यादव जनता दल पार्टी से राजनेता थे, जो छ्ठे लोक (1977 से 1979) सभा में प्रतापगढ़ लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से चुन कर सांसद बने। वे एक वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भाग लिया और जेल भी गये। उत्तर प्रदेश के विधान सभा के लिए निर्वाचित होने के बाद रूप नाथ सिंह ने कानून का प्रक्टिस छोड़ दी। इसके बाद चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व में विधान सभा के दो बार सदस्य बनकर मंत्री परिषद में शामिल हुये और एक बार लोक सभा में चुने गये। उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य (1967-70) के दौरान स्थानीय स्वशासन के लिए कृषि और कैबिनेट मंत्री के लिए उप मंत्री के रूप में अपने राज्य की सेवा की। संसदीय के दौरान वेतन और संसद सदस्यों के भत्ते पर सदन और संयुक्त समिति की सहमति से संबंधी समिति के सदस्य थे। श्री यादव ने समाज के दलित और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए लगातार काम किया। रूप नाथ सिंह यादव की मृत्यु 83 वर्ष की आयु में, 13 फरवरी, 2001 को इलाहाबाद में हुई। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और रूप नाथ सिंह यादव · और देखें »

शिवपाल सिंह यादव

शिवपाल सिंह यादव (जन्म: 6 अप्रैल 1955, सैफई, इटावा जिला) भारत के एक राजनेता हैं। सन् 1955 को बसंत पंचमी के पावन दिन में पिता सुघर सिंह तथा माता मूर्ति देवी के कनिष्ठ पुत्र के रूप में जन्मे शिवपाल सिंह यादव को मानवता के प्रति उदात्त भाव विरासत में मिला। उन्होंने जनसंघर्षों में भाग लेना और नेतृत्व करना अपने नेता व अग्रज मुलायम सिंह यादव जी से सीखा। इनके पिता स्वर्गीय सुधर सिंह अत्यंत सरल हृदय एवं कर्मठ किसान थे एवं माता स्वर्गीय श्रीमती मूर्ती देवी एक कुशल गृहणी थी। वे समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। मार्च 2017 में सम्पन्न हुए उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में वे इटावा जिले के जसवन्तनगर विधान सभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गये। ये मायावती सरकार के कार्यकाल में 5 मार्च 2012 तक प्रतिपक्ष के नेता भी रहे। शिक्षा: शिवपाल सिंह यादव ने गांव की प्राथमिक पाठशाला से पूर्व माध्यमिक शिक्षा उत्तम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसके पश्चात् हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की शिक्षा के लिए जैन इण्टर काॅलेज, करहल, मैनपुरी में प्रवेश लिया। जहाँ से उन्होंने सन् 1972 में हाईस्कूल तथा सन् 1974 में इण्टरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। तत्पश्चात् शिवपाल सिंह यादव ने स्नातक की पढ़ाई सन् 1976 में के०के०डिग्री कालेज इटावा (कानपुर विश्वविद्यालय) तथा सन् 1977 में लखनऊ विश्वविद्यालय से बी०पी०एड० शिक्षा प्राप्त की। परिवार: शिवपाल सिंह यादव का विवाह 23-मई-1981 को हुआ। इनकी पत्नी का नाम सरला यादव है। शिवपाल सिंह यादव की एक पुत्री डाॅ० अनुभा यादव तथा एक पुत्र आदित्य यादव है। जीवन: सामाजिक व राजनीतिक गतिविधियों में वे बाल्यकाल से ही सक्रिय रहे। क्षेत्र में घूम-घूमकर मरीजों को अस्पताल पहुँचाना, थाना-कचहरी में गरीबों को न्याय दिलाने के लिए प्रयास करना व सोशलिस्ट पार्टी के कार्यक्रमों में भाग लेना उनका प्रिय शगल था। वे नेताजी के चुनावों में पर्चें बाँटने से लेकर बूथ-समन्वयक तक की जिम्मेदारी उठाते रहे। मधु लिमये, बाबू कपिलदेव, चौधरी चरण सिंह, जनेश्वर मिश्र जी जैसे बड़े नेताओं के आगमन पर उनकी सभा करवाने की भी जिम्मेदारी भी शिवपाल जी के ही कंधे पर होती थी। वे 1988 से 1991 और पुनः 1993 में जिला सहकारी बैंक, इटावा के अध्यक्ष चुने गये। 1995 से लेकर 1996 तक इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहे। इसी बीच 1994 से 1998 के अंतराल में उत्तरप्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के भी अध्यक्ष का दायित्व संभाला। तेरहवीं विधानसभा में वे जसवन्तनगर से विधानसभा का चुनाव लड़े और ऐतिहासिक मतों से जीते। इसी वर्ष वे समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव बनाये गये। उन्होंने संगठन को मजबूत बनाने के लिए अनिर्वचनीय मेहनत की। पूरे उत्तर प्रदेश को कदमों से नाप दिया। उनकी लोकप्रियता और स्वीकारिता बढ़ती चली गयी। प्रमुख महासचिव के रूप में उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को नया आयाम दिया। प्रदेश अध्यक्ष रामशरण दास जी की अस्वस्थता को देखते हुए 01 नवम्बर, 2007 को मेरठ अधिवेशन में शिवपाल जी को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया। रामशरण दास जी के महाप्रयाण के पश्चात् 6 जनवरी, 2009 को वे पूर्णकालिक प्रदेश अध्यक्ष बने। शिवपाल जी ने सपा को और अधिक प्रखर बनाया। नेताजी और जनेश्वर जी के मार्गदर्शन और उनकी अगुवाई में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में स्थापित हुई। वे मई 2009 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे फिर उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विरोधी दल की भूमिका दी गई। बसपा की बहुमत की सरकार के समक्ष नेता विरोधी दल की जिम्मेदारी तलवार की धार पर चलने जैसा था। उन्होंने इस दायित्व को संभाला और विपक्ष तथा आम जनता के प्रतिकार के स्वर को ऊँचा रखा। वरिष्ठ नेता आजम खान की वापसी के दिन उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देने में एक पल का भी विलम्ब नहीं किया, जो दर्शाता है कि उन्हें पद से अधिक सिद्धान्त और दलहित प्रिय है। बाढ़-सूखा, भूकम्प जैसी आपदाओं में जाकर मदद करने वालों में शिवपाल आगे खड़े रहते हैं। उन्होंने कई बार गिरफ्तारी दी, पुलिसिया उत्पीड़न को झेला, आम कार्यकर्ताओं के रक्षा कवच बने। यही कारण है कि सोलहवीं विधानसभा में समाजवादी पार्टी के चुनाव निशान पर साठ फीसदी से अधिक मतों से जीतने वाले एक मात्र विधायक हैं। उन्होंने समय-समय पर कभी डा0 लोहिया, कभी अशफाक उल्ला खान, कभी चन्द्रशेखर आजाद तो कभी मधु लिमये की जयन्ती और अन्य अवसरों पर लेख लिखकर, छोटी-छोटी पुस्तकें प्रकाशित कर बँटवाकर नई पीढ़ी को गौरवमयी इतिहास से अवगत कराने का कार्य किया है। उनके अब तक दर्जनों लेख दैनिक जागरण, अमर उजाला, राष्ट्रीय सहारा, जनाग्रह (बंगलुरू), डेली न्यूज एक्टिविस्ट, जन संदेश, कैनविज टाइम्स समेत कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने डा0 लोहिया के कई ऐतिहासिक उद्बोधनों यथा ’’द्रौपदी व सावित्री’’ दो कटघरे आदि को प्रकाशित कर बँटवाया और समाजवादी पार्टी में पढ़ने-लिखने की परम्परा को प्रोत्साहन दिया। वे साहित्यकारों का काफी सम्मान करते हैं। गोपालदास ’’नीरज’’ उदय प्रताप सिंह जैसे साहित्यकार व कवि उन्हें काफी स्नेह करते हैं, जिससे उनकी साहित्यिक अभिरूचि का पता चलता है। विपक्ष के दौरान उन्होंने जन संघर्षों व सामूहिक प्रतिकार के प्रत्येक रण में सेनानी की भूमिका निभाई। कई बार जेल गये, आन्दोलनों में चोटिल हुए पर जब भी आन्दोलन की घोषणा होती, शिवपाल सिंह यादव प्रथम पंक्ति में खड़े दिखते। समाजवादी पार्टी की 2012 में पुनः सरकार बनने के बाद उन्हें लोक निर्माण, सिंचाई, सहकारिता मंत्री की जिम्मेदारी दी गयी, इन विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कई बड़े अधिकारियों व अभियन्ताओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की, एक अखबार ने उन्हें ’’कार्यवाही मिनिस्टर’’ तक की संज्ञा दे दी। उनका इतिहास समाजवादी पार्टी का इतिहास है, जन-संघर्षों व सक्रिय करूणा का जीवन-दर्शन है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और शिवपाल सिंह यादव · और देखें »

सदन के नेता (लोक सभा)

लोक सभा के सदन के नेता भारत के लोक सभा के नेता होते है। आम तौर पर भारत का प्रधानमन्त्री ही लोक सभा के सदन के नेता होते है। पर अगर प्रधानमन्त्री लोक सभा के सदस्य न हो कर राज्य सभा के सदस्य हो तो वे लोक सभा के सदन के नेता का चुनाव कर सकते है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और सदन के नेता (लोक सभा) · और देखें »

समाजवादी पार्टी

समाजवादी पार्टी भारत का एक राजनीतिक दल है। यह भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में आधारित है। यह ४ अक्टूबर १९९२ को स्थापित किया गया था। समाजवादी पार्टी के संस्थापक व संरक्षक मुलायम सिंह यादव, उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री रह चुके है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और समाजवादी पार्टी · और देखें »

जनेश्वर मिश्र

पण्डित जनेश्वर मिश्र (5 अगस्त 1933 – 22 जनवरी 2010) समाजवादी पार्टी के एक राजनेता थे। समाजवादी विचारधारा के प्रति उनके दृढ निष्ठा के कारण वे 'छोटे लोहिया' के नाम से प्रसिद्ध थे। वे कई बार लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्होने मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चन्द्रशेखर, एच डी देवगौड़ा और इंद्रकुमार गुज़राल के मंत्रिमण्डलों में काम किया। सात बार केन्द्रीय मंत्री रहने के बाद भी उनके पास न अपनी गाड़ी थी और न ही बंगला। जनेश्वर मिश्र का जन्म ५ अगस्त 1933 को बलिया के शुभनथहीं के गांव में हुआ था। उनके पिता रंजीत मिश्र किसान थे। बलिया में प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद १९५३ में इलाहाबाद पहुंचे जो उनका कार्यक्षेत्र रहा। जनेश्वर को आजाद भारत के विकास की राह समाजवादी सपनों के साथ आगे बढ़ने में दिखी और समाजवादी आंदोलन में इतना पगे कि उन्हें लोग 'छोटे लोहिया' के तौर पर ही जानने लगे। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातक कला वर्ग में प्रवेश लेकर हिन्दू हास्टल में रहकर पढ़ाई शुरू की और जल्दी ही छात्र राजनीति से जुड़े। छात्रों के मुद्दे पर उन्होंने कई आंदोलन छेड़े जिसमें छात्रों ने उनका बढ-चढ़ कर साथ दिया। 1967 में उनका राजनैतिक सफर शुरू हुआ। वह जेल में थे तभी लोकसभा का चुनाव आ गया। छुन्नन गुरू व सालिगराम जायसवाल ने उन्हें फूलपुर से विजयलक्ष्मी पंडित के खिलाफ चुनाव लड़ाया। चुनाव सात दिन बाकी था तब उन्हें जेल से रिहा किया गया। चुनाव में जनेश्वर को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद विजय लक्ष्मी राजदूत बनीं। फूलपुर सीट पर 1969 में उपचुनाव हुआ तो जनेश्वर मिश्र सोशलिस्ट पार्टी से मैदान में उतरे और जीते। लोकसभा में पहुंचे तो राजनारायण ने 'छोटे लोहिया' का नाम दिया। वैसे इलाहाबाद में उनको लोग पहले ही छोटे लोहिया के नाम से पुकारने लगे थे। उन्होंने 1972 के चुनाव में यहीं से कमला बहुगुणा को और 1974 में इंदिरा गांधी के अधिवक्ता रहे सतीश चंद्र खरे को हराया। इसके बाद 1978 में जनता पार्टी के टिकट से इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे और विश्वनाथ प्रताप सिंह को पराजित किया। उसी समय वह पहली बार केन्द्रीय पेट्रोलियम, रसायन एवं उर्वरक मंत्री बने। इसके कुछ दिन बाद ही वह अस्वस्थ हो गये। स्वस्थ होने के बाद उन्हें विद्युत, परंपरागत ऊर्जा और खनन मंत्रालय दिया गया। चरण सिंह की सरकार में जहाजरानी व परिवहन मंत्री बने। 1984 में देवरिया के सलेमपुर संसदीय क्षेत्र से चंद्रशेखर से चुनाव हार गये। 1989 में जनता दल के टिकट पर इलाहाबाद से लडे़ और कमला बहुगुणा को हराया। इस बार संचार मंत्री बने। फिर चंद्रशेखर की सरकार में 1991 में रेलमंत्री और एचडी देवगौड़ा की सरकार में जल संसाधन तथा इंद्र कुमार गुजराल की सरकार में पेट्रोलियम मंत्री बनाये गये। 1992 से २०१० तक वह राज्यसभा के सदस्य रहे। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और जनेश्वर मिश्र · और देखें »

जयप्रकाश नारायण

जयप्रकाश नारायण (11 अक्टूबर, 1902 - 8 अक्टूबर, 1979) (संक्षेप में जेपी) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। इन्दिरा गांधी को पदच्युत करने के लिये उन्होने 'सम्पूर्ण क्रांति' नामक आन्दोलन चलाया। वे समाज-सेवक थे, जिन्हें 'लोकनायक' के नाम से भी जाना जाता है। 1999 में उन्हें मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मनित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें समाजसेवा के लिए १९६५ में मैगससे पुरस्कार प्रदान किया गया था। पटना के हवाई अड्डे का नाम उनके नाम पर रखा गया है। दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल 'लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल' भी उनके नाम पर है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और जयप्रकाश नारायण · और देखें »

जयंत चौधरी

जयन्त चौधरी (जन्म 27 दिसम्बर 1978) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वो राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जनरल सचिव और पंद्रहवी लोक सभा में उत्तर प्रदेश के मथुरा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रहे हैं। वो पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पौत्र एवं अजीत सिंह के पुत्र हैं। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स से स्नातक की। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और जयंत चौधरी · और देखें »

जाट

जाट उत्तरी भारत और पाकिस्तान की एक जाति है। वर्ष 2016 तक, जाट, भारत की कुल जनसंख्या का 0.1 प्रतिशत हैं । एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका के अनुसार, .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और जाट · और देखें »

आपातकाल (भारत)

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, जिन्होंने भारत के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करवाई। 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई। इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया और प्रेस पर प्रतिबंधित कर दिया गया। प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर नसबंदी अभियान चलाया गया। जयप्रकाश नारायण ने इसे 'भारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि' कहा था। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और आपातकाल (भारत) · और देखें »

आर्य समाज

आर्य समाज एक हिन्दू सुधार आंदोलन है जिसकी स्थापना स्वामी दयानन्द सरस्वती ने १८७५ में बंबई में मथुरा के स्वामी विरजानंद की प्रेरणा से की थी। यह आंदोलन पाश्चात्य प्रभावों की प्रतिक्रिया स्वरूप हिंदू धर्म में सुधार के लिए प्रारंभ हुआ था। आर्य समाज में शुद्ध वैदिक परम्परा में विश्वास करते थे तथा मूर्ति पूजा, अवतारवाद, बलि, झूठे कर्मकाण्ड व अंधविश्वासों को अस्वीकार करते थे। इसमें छुआछूत व जातिगत भेदभाव का विरोध किया तथा स्त्रियों व शूद्रों को भी यज्ञोपवीत धारण करने व वेद पढ़ने का अधिकार दिया था। स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा रचित सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रन्थ आर्य समाज का मूल ग्रन्थ है। आर्य समाज का आदर्श वाक्य है: कृण्वन्तो विश्वमार्यम्, जिसका अर्थ है - विश्व को आर्य बनाते चलो। प्रसिद्ध आर्य समाजी जनों में स्वामी दयानन्द सरस्वती, स्वामी श्रद्धानन्द, महात्मा हंसराज, लाला लाजपत राय, भाई परमानन्द, पंडित गुरुदत्त, स्वामी आनन्दबोध सरस्वती, स्वामी अछूतानन्द, चौधरी चरण सिंह, पंडित वन्देमातरम रामचन्द्र राव, बाबा रामदेव आदि आते हैं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और आर्य समाज · और देखें »

इन्दिरा गांधी

युवा इन्दिरा नेहरू औरमहात्मा गांधी एक अनशन के दौरान इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी (जन्म उपनाम: नेहरू) (19 नवंबर 1917-31 अक्टूबर 1984) वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और इन्दिरा गांधी · और देखें »

अजीत सिंह (राजनीतिज्ञ)

चौधरी अजीत सिंह एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं भारतीय राजनीति में प्रमुख राष्ट्रीय नेता हैं। वो पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र हैं। २०११ से वो केन्द्र की यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे हैं। वो राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष भी हैं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और अजीत सिंह (राजनीतिज्ञ) · और देखें »

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की सूची

उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री उत्तर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश का प्रमुख होता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की सूची यहाँ दी गई है। उत्तर प्रदेश में अब तक 20 व्यक्ति मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इन 20 व्यक्तियों के अतरिक्त, तीन व्यक्ति राज्य के कार्यकारी मुख्यमंत्री भी रहे हैं जिनका कार्यकाल बहुत छोटा है। वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी हैं जो कि 19 मार्च 2017 से इस पद पर आसीन हैं। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की सूची · और देखें »

१९७९

1979 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और १९७९ · और देखें »

२० अगस्त

20 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 232वॉ (लीप वर्ष में 233 वॉ) दिन है। साल में अभी और 133 दिन बाकी है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और २० अगस्त · और देखें »

२३ दिसम्बर

२३ दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५७वॉ (लीप वर्ष मे ३५८वॉ) दिन है। साल में अभी और ८ दिन बाकी है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और २३ दिसम्बर · और देखें »

२९ मई

२९ मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १४९वॉ (लीप वर्ष मे १५०वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २१६ दिन बाकी है। .

नई!!: चौधरी चरण सिंह और २९ मई · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

चरण सिंह, चौधारी चरण सिंह

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »