लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

चैत्य

सूची चैत्य

एलोरा (गुफा संख्या. १०) - अष्टभुजाकार स्तम्भों वाला चैत्य अजन्ता का चैत्य संख्या १९ अजन्ता गुफा संख्या २६ का चैत्य हाल एक चैत्य एक बौद्ध या जैन मंदिर है जिसमे एक स्तूप समाहित होता है। भारतीय वास्तुकला से संबंधित आधुनिक ग्रंथों में, शब्द चैत्यगृह उन पूजा या प्रार्थना स्थलों के लिए प्रयुक्त किया जाता है जहाँ एक स्तूप उपस्थित होता है। चैत्य की वास्तुकला और स्तंभ और मेहराब वाली रोमन डिजाइन अवधारणा मे समानताएँ दिखती हैं। .

13 संबंधों: प्योंगचांग काउण्टी, बराबर गुफाएँ, बौद्ध धर्म के तीर्थ स्थल, भारतीय शैलकर्तित स्थापत्य, भारतीय स्थापत्यकला, महापरिनिब्बाण सुत्त, ये धर्मा हेतु, सेन्सो-जी, हाई फोंग, हिन्दू मंदिर स्थापत्य, हवा में खड़ा मंदिर, जूनागढ़ बौद्ध गुफ़ाएँ, कान्हेरी गुफाएँ

प्योंगचांग काउण्टी

प्योंगचांग(पूरा, प्योंगचांग-गन) दक्षिण कोरिया का एक प्रशासनिक विभाग है जो कि तेबैक पर्वत क्षेत्र में बसा है। यह देश के गंगवोन-डो प्रान्त के अन्तर्गत आता है। यह बहुत से बौद्ध मंदिरो का घर है जिसमे वोल्जेओंग्सा भी शामिल है। यह दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल से 180 किमी दूर है तथा यहाँ से एक्सप्रेस-वे तथा हाई स्पीड रेलगाड़ियों द्वारा जुड़ा है। वर्तमान में यह नगर 2018 शीतकालीन ओलम्पिक तथा 2018 शीतकालीन पैरालम्पिक खेलों का आयोजन कर रहा है। प्योंगचांग का ध्येय वाक्य 'हैप्पी700 प्योंगचांग' इसकी समुद्र तल से औसत ऊँचाई 700 मीटर होने के कारण लिया गया है। .

नई!!: चैत्य और प्योंगचांग काउण्टी · और देखें »

बराबर गुफाएँ

बराबर गुफाएं भारत में चट्टानों को काटकर बनायी गयी सबसे पुरानी गुफाएं हैं जिनमें से ज्यादातर का संबंध मौर्य काल (322-185 ईसा पूर्व) से है और कुछ में अशोक के शिलालेखों को देखा जा सकता है; ये गुफाएं भारत के बिहार राज्य के जहानाबाद जिले में गया से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। ये गुफाएं बराबर (चार गुफाएं) और नागार्जुनी (तीन गुफाएं) की जुड़वां पहाड़ियों में स्थित हैं - 1.6 किमी दूर स्थित नागार्जुनी पहाड़ी की गुफाओं को कभी-कभी नागार्जुनी गुफाएं मान लिया जाता है। चट्टानों को काटकर बनाए गए ये कक्ष अशोक (आर. 273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व) और उनके पुत्र दशरथ के मौर्य काल ब्रिटिश लाइब्रेरी.

नई!!: चैत्य और बराबर गुफाएँ · और देखें »

बौद्ध धर्म के तीर्थ स्थल

विश्व में बौद्ध धर्म के बहुत से तीर्थ स्थल हैं। इनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार से हैं:- विहार, पगोडा, स्तूप, चैत्य, गुफा, बुद्ध मुर्ती एवं अन्य। .

नई!!: चैत्य और बौद्ध धर्म के तीर्थ स्थल · और देखें »

भारतीय शैलकर्तित स्थापत्य

अजन्ता की गुफा संख्या-९ का चैत्य (५वीं शताब्दी) भारतीय शैलकर्तित स्थापत्य (Indian rock-cut architecture) विश्व में पाये जाने वाले अन्य शैलकर्तित स्थापत्यों की तुलना में बहुत अधिक विविधता लिए हुए और संख्या में बहुत अधिक है। शैलकर्तित स्थापत्य, कठोर प्राकृतिक शैलों को काट-काटकर बनाये गये मंदिरों, भवनों आदि को कहते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में पाये जाने वाले शैलकर्तित स्थापत्य मुख्यतः धार्मिक स्थापत्य है। महाबलिपुरम का गंगावतरण शैल श्रेणी:भारतीय स्थापत्य.

नई!!: चैत्य और भारतीय शैलकर्तित स्थापत्य · और देखें »

भारतीय स्थापत्यकला

सांची का स्तूप अजन्ता गुफा २६ का चैत्य भारत के स्थापत्य की जड़ें यहाँ के इतिहास, दर्शन एवं संस्कृति में निहित हैं। भारत की वास्तुकला यहाँ की परम्परागत एवं बाहरी प्रभावों का मिश्रण है। भारतीय वास्तु की विशेषता यहाँ की दीवारों के उत्कृष्ट और प्रचुर अलंकरण में है। भित्तिचित्रों और मूर्तियों की योजना, जिसमें अलंकरण के अतिरिक्त अपने विषय के गंभीर भाव भी व्यक्त होते हैं, भवन को बाहर से कभी कभी पूर्णतया लपेट लेती है। इनमें वास्तु का जीवन से संबंध क्या, वास्तव में आध्यात्मिक जीवन ही अंकित है। न्यूनाधिक उभार में उत्कीर्ण अपने अलौकिक कृत्यों में लगे हुए देश भर के देवी देवता, तथा युगों पुराना पौराणिक गाथाएँ, मूर्तिकला को प्रतीक बनाकर दर्शकों के सम्मुख अत्यंत रोचक कथाओं और मनोहर चित्रों की एक पुस्तक सी खोल देती हैं। 'वास्तु' शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत के 'वस्' धातु से हुई है जिसका अर्थ 'बसना' होता है। चूंकि बसने के लिये भवन की आवश्यकता होती है अतः 'वास्तु' का अर्थ 'रहने हेतु भवन' है। 'वस्' धातु से ही वास, आवास, निवास, बसति, बस्ती आदि शब्द बने हैं। .

नई!!: चैत्य और भारतीय स्थापत्यकला · और देखें »

महापरिनिब्बाण सुत्त

महापरिनिब्बाण सुत्त (संस्कृत: महापरिनिर्वाण सूत्र) थेरवाद बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के सुत्तपिटक का प्रथम निकाय दीघनिकाय का १६वाँ सूत्र है। यह महात्मा बुद्ध के देहान्त व परिनिर्वाण से सम्बन्धित है और त्रिपिटक का सबसे लम्बा सूत्र है। अपने विस्तृत विवरण के कारण इसे भगवान बुद्ध की मृत्यु के बारे में जानकारी का प्राथमिक स्रोत माना जाता है। .

नई!!: चैत्य और महापरिनिब्बाण सुत्त · और देखें »

ये धर्मा हेतु

ये धर्मा हेतु एक प्रसिद्ध संस्कृत मन्त्र है जो प्राचीन काल में बहुत प्रचलित थ। यह चैत्यों, मूर्तियों, आदि में प्रायः मिलता है। यह मन्त्र निम्नलिखित है- अर्थ: जो घटनाएँ हेतु से उत्पन्न होतीं हैं, तथागत ने उन घटनाओं के हेतु (कारण) बताये हैं और उनका जो निरोध (रोकने का उपाय) है उसे भी बताया है- ऐसा महाश्रमण कहते हैं। श्रेणी:बौद्ध मन्त्र.

नई!!: चैत्य और ये धर्मा हेतु · और देखें »

सेन्सो-जी

सेन्सो-जी (金龍山浅草寺 Sensō-ji), एक प्राचीन बौद्ध मंदिर है जो असुकुसा, टोक्यो, जापान में स्थित हैं। यह टोक्यो का सबसे पुराना और महत्वपूर्ण मंदिर हैं। पूर्व में बौद्ध धर्म के तेंदई संप्रदाय से जुड़ा यह मन्दिर, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह स्वतंत्र हो गया। मंदिर के समीप पांच मंजिला पैगोड़ा, शिंतो मंदिर, असकुसा मंदिर के साथ-साथ कई पारंपरिक सामान कि दुकानें नाकाइज-डोरी स्थित हैं। सेन्सो-जी कैनन मंदिर दया की बौद्ध देवी, गुनाईन को समर्पित हैं, और दुनिया में सबसे अधिक यात्रा किये जाने वाला आध्यात्मिक स्थल हैं, जहाँ सालाना 30 मिलियन से अधिक आगंतुक आते हैँ। नए साल में आगंतुकों की संख्या के लिए यह जापान में शीर्ष 10 मंदिरों में से एक हैं। .

नई!!: चैत्य और सेन्सो-जी · और देखें »

हाई फोंग

हाई फोंग या हैफोंग, वियतनाम के उत्तरी भाग में दूसरा सबसे बड़ा और एक प्रमुख औद्योगिक शहर है। हाई फोंग, वियतनाम के उत्तरी तट में प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था, संस्कृति, चिकित्सा, शिक्षा, विज्ञान और व्यापार का केंद्र भी है। इसके अलावा, यह शहरी आबादी के मामले में वियतनाम का तीसरा सबसे बड़ा शहर है(2016 में 2,190,788 जनसंख्या के साथ)। हाई फोंग शहर एक बंदरगाह प्रांत के रूप में फ्रांसीसी औपनिवेशिक साम्राज्य के दौरान 1887 में स्थापित हुआ था। 1888 में, फ्रेंच तीसरे गणराज्य के अध्यक्ष सादी कार्नेट ने हाई फोंग शहर के स्थापना की घोषणा की थी। 1954 से 1975 तक हाई फोंग उत्तर वियतनाम के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री शहर के रूप में था और यह 1976 से हनोई और हो ची मिन्ह शहर की तरह प्रत्यक्ष-नियंत्रित नगर पालिकाओं में से एक बन गया। .

नई!!: चैत्य और हाई फोंग · और देखें »

हिन्दू मंदिर स्थापत्य

अंकोरवाट मंदिर (कम्बोडिया) भारतीय स्थापत्य में हिन्दू मन्दिर का विशेष स्थान है। हिन्दू मंदिर में अन्दर एक गर्भगृह होता है जिसमें मुख्य देवता की मूर्ति स्थापित होती है। गर्भगृह के ऊपर टॉवर-नुमा रचना होती है जिसे शिखर (या, विमान) कहते हैं। मन्दिर के गर्भगृह के चारों ओर परिक्रमा के लिये स्थान होता है। इसके अलावा मंदिर में सभा के लिये कक्ष हो सकता है। .

नई!!: चैत्य और हिन्दू मंदिर स्थापत्य · और देखें »

हवा में खड़ा मंदिर

हवा में खड़ा मंदिर हवा में खड़ा मंदिर, जिसे हवा में मठ या शुआन खोंग सः उत्तरी चीन के शानसी प्रांत में हंग पहाड़ी की एक खड़ी चट्टान में (जमीन के तल से 75 मीटर या 246 फुट ऊपर) बनाया गया एक मंदिर है। इस मंदिर से निकटतम नगर ताथोंग है, जो इसके उत्तर-पश्चिम में 64.23 किमी दूर है। ताथोंग में युनकांग गुफाओं के अलावा, हवा में खड़ा मंदिर ऐतिहासिक स्थलों और मुख्य पर्यटक आकर्षणों में से एक है। यह चीन में अब तक सुरक्षित एकमात्र बौद्ध, ताओ और कन्फ्युशियस धर्मों की मिश्रित शैली से बना अदभुत मंदिर है। इसकी संरचना चट्टानों में किए गए छेद में फिट ओक में रखे हुए के समान है। इसकी मुख्य सहायक संरचना अन्दर छिपी हुई है। दिसम्बर 2010 में टाइम पत्रिका ने इसे दुनिया की दस सबसे अजीब खतरनाक इमारतों में शामिल किया। .

नई!!: चैत्य और हवा में खड़ा मंदिर · और देखें »

जूनागढ़ बौद्ध गुफ़ाएँ

जूनागढ़ बौद्ध गुफ़ाएँ भारत के गुजरात राज्य के जूनागढ़ ज़िले में स्थित एक पुरातत्व स्थल है। यह वास्तव में प्राकृतिक गुफ़ाएँ न होकर, शिलाओं में काटकर बनाएँ गए कक्षों के तीन समूहों का गुट है। इन कक्षों का निर्माण मौर्य राजवंश के सम्राट अशोक महान के काल से लेकर पहली से चौथी शताब्दी ईसवी तक जारी रहा और इनमें बौद्ध भिक्षु निवास करा करते थे। .

नई!!: चैत्य और जूनागढ़ बौद्ध गुफ़ाएँ · और देखें »

कान्हेरी गुफाएँ

कान्हेरी गुफाएँ मुंबई शहर के पश्चिमी क्षेत्र में बसे में बोरीवली के उत्तर में स्थित हैं। ये संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के परिसर में ही स्थित हैं और मुख्य उद्यान से ६ कि.मी.

नई!!: चैत्य और कान्हेरी गुफाएँ · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

बौद्ध मंदिर

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »