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चेन्नई का इतिहास

सूची चेन्नई का इतिहास

पार्क टाउन, चेन्नई स्थित विक्टोरिया पब्लिक हॉल - चेन्नई में ब्रिटिश स्थापत्य कला के सबसे उत्कृष्ट नमूनों में से एक चेन्नई एवं आस-पास का क्षेत्र पहली सदी से ही महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक, सैनिक, एवं आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र रहा है। यह दक्षिण भारत के बहुत से महत्त्वपूर्ण राजवंशों यथा, पल्लव, चोल, पांड्य, एवं विजयनगर इत्यादि का केन्द्र बिन्दु रहा है। मयलापुर शहर जो अब चेन्नई शहर का हिस्सा है, पल्लवों के जमाने में एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह हुआ करता था। आधुनिक काल में पुर्तगालियों ने १५२२ में यहाँ आने के बाद एक और बंदरगाह बनाया जिसे साओ तोमे कहा गया। पुर्तगालियों ने अपना बसेरा आज के चेन्नई के उत्तर में पुलीकट नामक स्थान पर बसाया और वहीं डच इस्ट इंडिया कंपनी की नींव रखी। २२ अगस्त १६३९, को संत फ्रांसिस दिवस के मौके पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने विजयनगर के राजा पेडा वेंकट राय से कोरोमंडल तट चंद्रगिरी में कुछ जमीन खरीदी। इस इलाके में दमरेला वेंकटपति, जो इस इलाके के नायक थे, उनका शासन था। उन्होंने ब्रितानी व्यापारियों को वहाँ एक फैक्ट्री एवं गोदाम बनाने की अनुमति दी। एक वर्ष वाद, ब्रितानी व्यापारियों ने सेंट जॉर्ज किला बनवाया जो बाद में औपनिवेशिक गतिविधियों का केन्द्र बिन्दु बन गया। १७४६ में, मद्रास एवं सेंट जॉर्ज के किले पर फ्रासिंसी फौजों ने अपना कब्जा जमा लिया। बाद में ब्रितानी कंपनी का इस क्षेत्र पर नियंत्रण पुनः १७४९ में एक्स ला चैपल संधि (१७४८) की बदौलत हुआ। इस क्षेत्र को फ्रांसिसियों एवं मैसूर के सुल्तान हैदर अली के हमलों से बचाने के लिए इस पूरे क्षेत्र की किलेबंदी कर दी गयी। अठारहवीं सदी के अंत होते-होते ब्रिटिशों ने लगभग पूरे आधुनिक तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक के हिस्सों को अपने अधीन कर लिया एवं मद्रास प्रेसिडेंसी की स्थापना की जिसकी राजधानी मद्रास घोषित की गयी। ब्रिटिशों की हुकुमत के अधीन चेन्नई शहर एक महत्त्वपूर्ण आधुनिक शहरी क्षेत्र एवं जलसेना केन्द्र बनकर उभरा। .

2 संबंधों: मद्रास स्टेट, मयलापुर

मद्रास स्टेट

मद्रास स्टेट भारत के वर्तमान राज्य तमिल नाडु को २६ जनवरी, १९५० से १९६८ तक बुलाया जाने वाला नाम था। मूल रूप में इस राज्य में वर्तमान आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र, उत्तरी केरल (मालाबार) और कर्नाटक से बेल्लारी, दक्षिण कन्नड़ आदि क्षेत्र आते थे। इस राज्य को १९५६ में वर्तमान स्थिति में घटा दिया गया था। १९५३ में इस राज्य का भाषा कारण विभाजन किया गया। राज्य पुनर्संगठन अधिनियम, १९५६ के अन्तर्गत केरल और मैसूर राज्यों को इससे अलग निकाल लिया गया था। १९६८ में इसे तमिल नाडु क वर्तमान नाम मिला। इन्हें भी देखें: चेन्नई का इतिहास, मद्रास प्रेसिडेंसी श्रेणी:चेन्नई का इतिहास श्रेणी:तमिल नाडु का इतिहास श्रेणी:भारत का इतिहास.

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मयलापुर

मयलापुर (மயிலாப்பூர்) दक्षिण भारतीय चेन्नई शहर का सांस्कृतिक केन्द्र है। यह चेन्नई के दक्षिण ओर स्थित है। यहां तमिल नाडु का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र और शहर का पुरातनतम भाग भी है। मयलापुर सड़कों और एम आर टी एस के द्वारा भली-भांति जुड़ा हुआ है। यहां सातवीं शताब्दी का प्रसिद्ध कपालीश्वर मंदिर, कचहरी और रामकृष्ण मठ है। मयलापुर में पेड़ों की कतारों वाली सुंदर सड़कें हैं। मयलापुर का नाम तमिल भाषा के शब्द मायिल से व्युत्पन्न है। मायिल का अर्थ मयूर है, जो हिन्दू भगवान मुरुगन का वाहन है।Saints, Goddesses and Kings By Susan Bayly कपालीश्वर मंदिर का निर्माण पल्लव राजवंश के राजा ने सातवीं शताब्दी में करवाया था। मंदिर के सरोवर का सूर्योदय कालीन दृश्य कपालीश्वर मंदिर, मयलापुर में पल्लव राजवंश के राजाओं ने ७वीं शताब्दी में बनवाय थ। .

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