15 संबंधों: चिट्ठा, चिट्ठाजगत.इन, पंजाबी चिट्ठाजगत, बांग्ला चिट्ठाजगत, ब्लॉगर (सेवा), ब्लॉगिंग शब्दावली, ब्लॉगवाणी, भारतीय चिट्ठाजगत, मराठी चिट्ठाजगत, सबीर भाटिया, संस्कृत चिट्ठाजगत, हिन्दी चिट्ठाजगत, जाल पत्रिका, जाल-पत्रिका, गुजराती चिट्ठाजगत।
चिट्ठा
चिट्ठा (अंग्रेज़ी:ब्लॉग), बहुवचन: चिट्ठे (अंग्रेज़ी:ब्लॉग्स) एक प्रकार के व्यक्तिगत जालपृष्ठ (वेबसाइट) होते हैं जिन्हें दैनन्दिनी (डायरी) की तरह लिखा जाता है।। चिट्ठाजगत संकलक हर चिट्ठे में कुछ लेख, फोटो और बाहरी कड़ियाँ होती हैं। इनके विषय सामान्य भी हो सकते हैं और विशेष भी। चिट्ठा लिखने वाले को चिट्ठाकार (ब्लॉगर) तथा इस कार्य को चिट्ठाकारी अथवा चिट्ठाकारिता (ब्लॉगिंग) कहा जाता है। कई चिट्ठे किसी खास विषय से संबंधित होते हैं, व उस विषय से जुड़े समाचार, जानकारी या विचार आदि उपलब्ध कराते हैं। एक चिट्ठे में उस विषय से जुड़े पाठ, चित्र/मीडिया व अन्य चिट्ठों के लिंक्स मिल सकते हैं। चिट्ठों में पाठकों को अपनी टीका-टिप्पणियां देने की क्षमता उन्हें एक संवादात्मक (इंटरैक्टिव) प्रारूप प्रदन प्रदान करती है।। हिन्दुस्तान लाइव। अधिकतर चिट्ठे मुख्य तौर पर पाठ रूप में होते हैं, हालांकि कुछ कलाओं (आर्ट ब्लॉग्स), छायाचित्रों (फोटोग्राफ़ी ब्लॉग्स), वीडियो, संगीत (एमपी३ ब्लॉग्स) एवं ऑडियो (पॉडकास्टिंग) पर केन्द्रित भी होते हैं। अंग्रेजी शब्द ब्लॉग वेब लॉग (web log) शब्द का सूक्ष्म रूप है, इसे एक आरम्भिक ब्लॉगर द्वारा मजाक में वी ब्लॉग (We blog) की तरह प्रयोग किया गया था, बाद में इसका केवल 'ब्लॉग' (blog) शब्द रह गया तथा बाद में यह शब्द इण्टरनेट पर प्रचलित हो गया। हिन्दी शब्द 'चिट्ठा' पहले हिन्दी चिट्ठाकार आलोक कुमार द्वारा प्रतिपादित किया गया था जो कि अब इण्टरनेट पर हिन्दी दुनिया में प्रचलित हो गया है। यह शब्द अब गूगल द्वारा भी अपने शब्दकोश में शामिल किया जा चुका है। हिन्दी का पहला चिट्ठा नौ दो ग्यारह माना जाता है जिसे आलोक कुमार ने पोस्ट किया था। ब्लॉग के लिये चिट्ठा शब्द भी उन्हीं ने प्रदिपादित किया था जो कि अब इण्टरनेट पर इसके लिये प्रचलित हो चुका है। चिट्ठा बनाने के कई तरीके होते हैं, जिनमें सबसे सरल तरीका है, किसी अंतर्जाल पर किसी चिट्ठा वेसाइट जैसे या या आदि जैसे स्थलों में से किसी एक पर खाता खोल कर लिखना शुरू करना। एक अन्य प्रकार की चिट्ठेकारी सूक्ष्म चिट्ठाकारी कहलाती है। इसमें अति लघु आकार के पोस्ट्स होते हैं। दिसंबर २००७ तक, चिट्ठा सर्च इंजिन टेक्नोरैटी द्वारा ११२,०००,००० चिट्ठे ट्रैक किये जा रहे थे। आज के संगणक जगत में चिट्ठा का भारी चलन चल पड़ा है। कई प्रसिद्ध मशहूर हस्तियों के चिट्ठा लोग बड़े चाव से पढ़ते हैं और उन पर अपने विचार भी भेजते हैं। चिट्ठों पर लोग अपने पसंद के विषयों पर लिखते हैं और कई चिट्ठे विश्व भर में मशहूर होते हैं जिनका हवाला कई नीति-निर्धारण मुद्दों में किया जाता है। चिट्ठा का आरंभ १९९२ में लांच की गई पहली जालस्थल के साथ ही हो गया था। आगे चलकर १९९० के दशक के अंतिम वर्षो में जाकर चिट्ठाकारी ने जोर पकड़ा। आरंभिक चिट्ठा संगणक जगत संबंधी मूलभूत जानकारी के थे। लेकिन बाद में कई विषयों के चिट्ठा सामने आने लगे। वर्तमान समय में लेखन का हल्का सा भी शौक रखने वाला व्यक्ति अपना एक चिट्ठा बना सकता है, चूंकि यह निःशुल्क होता है और अपना लिखा पूरे विश्व के सामने तक पहुंचा सकता है। चिट्ठों पर राजनीतिक विचार, उत्पादों के विज्ञापन, शोधपत्र और शिक्षा का आदान-प्रदान भी किया जाता है। कई लोग चिट्ठों पर अपनी शिकायतें भी दर्ज कर के दूसरों को भेजते हैं। इन शिकायतों में दबी-छुपी भाषा से लेकर बेहद कर्कश भाषा तक प्रयोग की जाती है। वर्ष २००४ में चिट्ठा शब्द को मेरियम-वेबस्टर में आधिकारिक तौर पर सम्मिलित किया गया था। कई लोग अब चिट्ठों के माध्यम से ही एक दूसरे से संपर्क में रहने लग गए हैं। इस प्रकार एक तरह से चिट्ठाकारी या चिट्ठाकारी अब विश्व के साथ-साथ निजी संपर्क में रहने का माध्यम भी बन गया है। कई कंपनियां आपके चिट्ठों की सेवाओं को अत्यंत सरल बनाने के लिए कई सुविधाएं देने लग गई हैं। .
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चिट्ठाजगत.इन
चिट्ठाजगत.इन एक लोकप्रिय हिन्दी ब्लॉग यानि चिट्ठों की एक ऍग्रीगेटर सेवा है जो कि विभिन्न हिन्दी चिट्ठों पर प्रकाशित होने वाली पोस्टों को एक जगह पर दिखाती है। पाठक पंजीकृत ब्लॉग में चिट्ठाकारों द्वारा लिखे गये ताजा चिट्ठों की जानकारी व झलक पा सकते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें सर्च इंजन एवं डाइरॅक्ट्री भी निहित हैं। चिट्ठाजगत.इन की शुरुआत सन् 2007 में आलोक कुमार एवं डॉ॰ विपुल जैन द्वारा की गई। यह पीऍचपी में बनाया गया है। यह अनेक सुविधाएँ प्रदान करता है जिनमें निम्न शामिल हैं:-.
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पंजाबी चिट्ठाजगत
पंजाबी चिट्ठाजगत से आशय है पंजाबी भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। .
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बांग्ला चिट्ठाजगत
बांग्ला चिट्ठाजगत से आशय है बांग्ला भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। .
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ब्लॉगर (सेवा)
ब्लॉगर (पूर्व नाम: ब्लॉगस्पॉट) एक चिट्ठा होस्टिंग सेवा है जो गूगल ब्लॉगर प्रोग्राम के द्वारा उपलब्ध कराई जाती है, व जिसके द्वारा ब्लॉगर्स अपने नए ब्लॉग शीघ्र ही बना सकते हैं। इसकी मदद से डोमेन नेम और होस्टिंग जब तक ब्लॉगर चाहे निःशुल्क उपलब्ध रहती है। गूगल के एडसेंस कार्यक्रम के द्वारा ब्लोगर्स अपने ब्लॉग से आय भी कर सकते हैं।। हिन्दुस्तान लाईव। २२ अप्रैल २०१० यह सुविधा अन्य चिट्ठाकारी कार्यक्रमों पर निर्भर नहीं होती। एक ब्लॉग किसी भी कार्य के लिए प्रयोग किया जा सकता है, चाहे वह निजी दैनंदिनी के रूप में हो या व्यावसायिक कार्य के लिए या सामान्य रूप में अपने विचार दूसरों तक पहुंचाने के लिए ब्लॉग्गिंग का ज्यादा उपयोग किया जाता है। ब्लॉगस्पॉट का आरंभ १९९९ में एक होस्टिंग टूल के रूप में पायरा लैब्स ने की थी। सन् २००३ में इसे गूगल ने खरीद लिया था, और तब से यह इंटरनेट पर सबसे प्रसिद्ध शुल्करहित होस्टिंग वेबसाइट बनी हुई है। .
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ब्लॉगिंग शब्दावली
ब्लॉगिंग आज के ज़माने मे बहुत प्रसिद्ध है। यह चिट्ठाकारी (ब्लॉगिंग) सम्बन्धी शब्दों की एक सूची है। किसी अन्य हॉबी की तरह ब्लॉगिंग ने भी एक खास तरह की शब्दावली विकसित की है। निम्नलिखित कुछ सर्वाधिक प्रचलित शब्द एवं वाक्यांश हैं जिनमें से कुछ की व्युत्पत्ति भी दी गयी है। इनमें से अधिकतर अंग्रेजी मूल के हैं जबकि कुछ हिन्दी चिट्ठाजगत से उपजे हैं। .
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ब्लॉगवाणी
ब्लॉगवाणी हिन्दी ब्लॉग यानी चिट्ठों का एक ऍग्रीगेटर है जहाँ पाठक पंजीकृत ब्लॉग में चिट्ठाकारों द्वारा लिखे गये ताजा चिट्ठों की जानकारी व झलक पा सकते हैं। .
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भारतीय चिट्ठाजगत
भारतीय चिट्ठाजगत से आशय है भारतीयों या भारतवंशी चिट्ठाकारों द्वारा लिखे जाने वाले चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर चिट्ठाजगत का एक भाग है। .
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मराठी चिट्ठाजगत
मराठी चिट्ठाजगत से आशय है मराठी भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। .
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सबीर भाटिया
सबीर भाटिया (पंजाबी: ਸਬੀਰ ਭਾਟਿਯਾ हिन्दी: सबीर भाटिया (जन्म 30 दिसम्बर 1968) एक भारतीय अमेरिकी उद्यमी हैं जो हॉटमेल ईमेल सेवा के सह-स्थापक हैं। भाटिया के पास 200 मिलियन अमरीकी डालर की संपत्ति है। .
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संस्कृत चिट्ठाजगत
संस्कृत चिट्ठाजगत से आशय है संस्कृत भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय, जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। शास्त्री नित्यगोपाल कटारे संस्कृत भाषा के प्रथम चिट्ठाकार माने जाते हैं। उनका चिट्ठा संस्कृत का अब तक का प्रथम ज्ञात संस्कृत चिट्ठा है। आरम्भ में संस्कृत टाइपिंग की जटिलताओं के चलते काफी कम लोग संस्कृत में लिखते थे। धीरे-धीरे संस्कृत चिट्ठों की संख्या बढ़ने लगी। सन २००९ में संस्कृत चिट्ठों की संख्या कुछ बढ़ी। इसका कारण विविध ब्लॉगिंग सेवाओं में इण्डिक यूनिकोड का समर्थन आना, नए संस्कृत टंकण औजारों का आना आदि रहा। वर्तमान में सक्रिय-निष्क्रिय मिलाकर लगभग १५ के करीब संस्कृत चिट्ठे हैं। अधिकतर संस्कृत चिट्ठे संस्कृत भाषा के पठन-पाठन सम्बन्धी प्रकृति के हैं। आरंभिक समय में संस्कृत चिट्ठाकारों की कम संख्या को देखते हुए आरम्भिक चिट्ठाकारों ने इस माध्यम के प्रचार के लिये अनेक समुदाय बनाए ताकि संस्कृत चिट्ठाकारी का प्रचार किया जा सके। .
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हिन्दी चिट्ठाजगत
हिन्दी चिट्ठाकार समुदाय का प्रचलित लोगो हिन्दी चिट्ठाजगत से आशय है हिन्दी भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। .
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जाल पत्रिका
हिंदी चिट्ठे याने की जाल पत्रिका हिंदी मे लिखे ब्लॉग या 'चिट्ठे' है। हिंदी में कुछ चिट्ठे केवल कविताओं पर केन्द्रित हैं, कुछ संगीत शास्त्र, ज्योतिष, यात्राओं और फ़ोटोग्राफी पर भी हैं। कुछ चिट्ठों पर संगीत सुना भी जा सकता है और फ्लैश चलचित्र भी देखे जा सकते हैं। हिन्दी रचनाकारों के लिए तो यह सर्वोत्तम माध्यम है। अपनी कविता, कहानी, उपन्यास, व्यंग्य और ललित निबंध सब इस पर निरंतर लिखते हैं और लगातार प्रकाशित करते हैं, यानी चिट्ठाकारों की अपनी पत्रिका। जो साहित्य आंतरजालपर नियमित रूप से प्रकाशित होता हैं, उसे कहते हैं। इसी लिए हम ब्लॉग को जालपत्रिका कह सकते हैं, जो शायद अनियमित रूप से भी प्रकाशित हो सकता हैं। शंख बजे ज्यों ही ठण्डी के, मौसम ने यूं पलट खाया, शीतल हो उठा कण-कण धरती का, कोहरे ने बिगुल बजाया!! हीटर बने हैं भाग्य विधाता, चाय और कॉफी की चुस्की बना जीवनदाता, सुबह उठ के नहाने वक्त, बेचैनी से जी घबराता!! घर से बाहर निकलते ही, शरीर थरथराने लगता, लगता सूरज अासमां में आज, नहीं निकलने का वजह ढूढ़ता!! कोहरे के दस्तक के आतंक ने, सुबह होते ही हड़कंप मचाया, शंख बजे ज्यों ही ठण्डी के मौसम ने यूं पलटा खाया!! दुबक पड़े इंसान रजाईयों में, ठण्ड की मार से, कांप उठा कण-कण धरती का मौसम की चाल से!! बजी नया साल की शहनाईयां, और क्रिसमस के इंतज़ार में, झूम उठा पूरा धरती, अपने-अपने परिवार में!! शंख बजे ज्यों ही ठण्डी के, मौसम ने यूं ही पलट खाया, शीतल हो उठा कण-कण धरती का, कोहरे ने बिगुल बजाया!! .
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जाल-पत्रिका
या हिंदी चिट्ठे हिंदी मे लिखे ब्लॉग या 'चिट्ठे' है। हिंदी में कुछ चिट्ठे केवल कविताओं पर केन्द्रित हैं, कुछ संगीत शास्त्र, ज्योतिष, यात्राओं और फ़ोटोग्राफी पर भी हैं। कुछ चिट्ठों पर संगीत सुना भी जा सकता है और फ्लैश चलचित्र भी देखे जा सकते हैं। हिन्दी रचनाकारों के लिए तो यह सर्वोत्तम माध्यम है। अपनी कविता, कहानी, उपन्यास, व्यंग्य और ललित निबंध सब इस पर निरंतर लिखते हैं और लगातार प्रकाशित करते हैं, यानी चिट्ठाकारों की अपनी पत्रिका। मराठी में भी ब्लॉग को ही कहतें है। और जालपत्रिका (ब्लॉग) के लेखक को (ब्लॉगर) कहतें है। .
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गुजराती चिट्ठाजगत
गुजराती चिट्ठाजगत से आशय है गुजराती भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। .
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