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चाकमय कल्प

सूची चाकमय कल्प

खटी कल्प का कल्पित दृष्य चाकमय कल्प या खटी कल्प या क्रिटेशस कल्प (Cretaceous Period) पृथ्वी के तृतीय भौमिक महाकल्प का एक कल्प है। यह कल्प लगभग 14.5 करोड़ वर्ष पूर्व शुरू हुआ था और लगभग 6.5 करोड़ वर्ष पूर्व तक रहा। .

6 संबंधों: चिकशुलूब क्रेटर, टेरोसोर, भूवैज्ञानिक समय-मान, वाइटेसिए, क्रीटेशस-पैलियोजीन विलुप्ति घटना, के-पीजी सीमा

चिकशुलूब क्रेटर

युकातान प्रायद्वीप पर चिकशुलूब क्रेटर (लाल रंग का गोला) आधा ज़मीन पर और आधा मेक्सिको की खाड़ी में डूबा हुआ है चिकशुलूब क्रेटर (Chicxulub crater) मेक्सिको के युकातान प्रायद्वीप के नीचे दबा हुआ एक प्रहार क्रेटर है। इस क्रेटर का केन्द्र चिकशुलूब नामक मेक्सिकी शहर के समीप स्थित है जिस पर क्रेटर का नाम पड़ा। यह आधा तो ज़मीन पर और आधा मेक्सिको की खाड़ी में डूबा हुआ है। इसका व्यास (डायामीटर) १८० किमी और गहराई क़रीब २० किमी है। इतने बड़े आकार के कारण यह पृथ्वी पर मौजूद सबसे बड़े प्रहार क्रेटरों में गिना जाता है। अनुमान लगाया गया है कि जिस क्षुद्रग्रह के प्रहार से यह बना वह कम-से-कम १० किमी व्यास के आकार का रहा होगा। यहाँ की स्थानीय राख व पत्थर की जाँच से अंदाज़ा लगाया गया है कि इसे बनाने वाला प्रहार आज से लगभग ६.६ करोड़ साल पूर्व गुज़रा। क्रेटर की ६.६ करोड़ वर्षों की अनुमानित आयु ठीक उस समय से मिलती है जब चाकमय कल्प (Cretaceous Period, क्रीटेशस काल) ख़त्म हुआ और पैलियोजीन कल्प (Paleogene Period) शुरू हुआ। यह के-पीजी सीमा से भी मेल खाता है जो क्रीटेशस कल्प और पैलियोजीन कल्प की भुविज्ञानिक सीमा है। इन सुराग़ों के कारण चिकशुलूब क्रेटर को क्रीटेशस-पैलियोजीन विलुप्ति घटना से सम्बन्धित माना जाता है जिसमें विश्व भर के डायनासोर मारे गये और पृथ्वी की उस समय की लगभग ७५% वनस्पति व जानवर जातियाँ हमेशा के लिये विलुप्त हो गई। .

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टेरोसोर

टेरोसोर​ (यूनानी: πτερόσαυρος, प्तेरोसोररोस, अर्थ: 'उड़ती गिरगिट'; अंग्रेज़ी: Pterosaur) उड़ने वाले सरीसृपों (रेपटाइलों) की एक श्रेणी थी। जीववैज्ञानिक श्रेणीकरण की दृष्टि से यह प्राणी टेरोसोररिया (Pterosauria) नामक गण या क्लेड के सदस्य थे। पृथ्वी पर टेरोसोर​ ट्राइऐसिक युग के अंत से लेकर क्रीटेशियस​ युग के अंत तक जीवित थे (यानि आज से २१ करोड़ और ६.५ करोड़ वर्ष पहले के बीच के काल में) और उसके बाद इनकी विलुप्ति हो गई। यह पृथ्वी पर अपनी शक्ति से उड़ सकने वाले सर्वप्रथम रज्जुकी (रीढ़ की हड्डी वाले) प्राणी थे। इनके पंख खाल और मांसपेशी से बने होते थे। टेरोसोरों की भिन्न जातियों के आकर बहुत भिन्न थे। कुछ तो बहुत छोटे थे (२५ सेमी का पंख विस्तार) जबकि कुछ १६ मीटर (५२ फ़ुट​) का पंख विस्तार रखने वाले भीमकाय जीव थे। वैसे तो जीवविज्ञान में क़ायदे से टेरोसोर​ डायनासोरों की श्रेणी से अलग हैं लेकिन समकालीन होने के नाते और सरीसृप होने के नाते इन्हें अक्सर डायनासोर ही समझा जाता है।, Martin Lockley, pp.

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भूवैज्ञानिक समय-मान

यह घड़ी भूवैज्ञानिक काल के प्रमुख ईकाइयों के के साथ-साथ पृथ्वी के जन्म से लेकर आज तक की प्रमुख घटनाओं को भी दिखा रही है। भूवैज्ञानिक समय-मान (geologic time scale) कालानुक्रमिक मापन की एक प्रणाली है जो स्तरिकी (stratigraphy) को समय के साथ जोड़ती है। यह एक स्तरिक सारणी (stratigraphic table) है। भूवैज्ञानिक, जीवाश्मवैज्ञानिक तथा पृथ्वी का अध्ययन करने वाले अन्य वैज्ञानिक इसका प्रयोग धरती के सम्पूर्ण इतिहास में हुई सभी घटनाओं का समय अनुमान करने के लिये करते हैं। जिस प्रकार चट्टानो के अधिक पुराने स्तर नीचे होते हैं तथा अपेक्षाकृत नये स्तर उपर होते हैं, उसी प्रकार इस सारणी में पुराने काल और घटनाएँ नीचे हैं जबकि नवीन घटनाएँ उपर (पहले) दी गई हैं। विकिरणमितीय प्रमाणों (radiomeric evidence) से पता चलता है पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 अरब वर्ष है। .

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वाइटेसिए

वाइटेसिए (Vitaceae) सपुष्पक द्विबीजपत्री वनस्पतियों का एक जीववैज्ञानिक कुल है, जिसमें १४ वंश और अनुमानित ९१० जातियाँ आती हैं, जिनमें अंगूरबेल शामिल है। कुल का नाम वाइटिस वंश से उत्पन्न हुआ है। सन् २००९ से वाइटेसिए कुल को अकेले अपने अलग वाइटालेस (Vitales) जीववैज्ञानिक गण में श्रेणीकृत करा गया है। .

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क्रीटेशस-पैलियोजीन विलुप्ति घटना

एक क्षुद्रग्रह के पृथ्वी पर प्रहार का काल्पनिक चित्रण अमेरिका में मिला यह पत्थर के-टी सीमा साफ़​ दर्शाता है - बीच की पतली परत में पत्थर के ऊपरी व निचले हिस्सों से १००० गुना अधिक मात्रा में इरिडियम है क्रीटेशस-पैलियोजीन विलुप्ति घटना (Cretaceous–Paleogene extinction event), जिसे क्रीटेशस-टरश्यरी विलुप्ति (Cretaceous–Tertiary extinction) भी कहते हैं, आज से लगभग ६.६ करोड़ साल पूर्व गुज़रा वह घटनाक्रम है जिसमें बहुत तेज़ी से पृथ्वी की तीन-चौथाई वनस्पति व जानवर जातियाँ हमेशा के लिये विलुप्त हो गई। सूक्ष्म रूप से इसे "के-टी विलुप्ति" (K–T extinction) या "के-पीजी विलुप्ति" (K–Pg extinction) भी कहा जाता है। इस घटना के साथ पृथ्वी के प्राकृतिक​ इतिहास के मध्यजीवी महाकल्प (Mesozoic Era, मीसोज़ोइक महाकल्प) का चाकमय कल्प (Cretaceous Period, क्रीटेशस काल) नामक अंतिम चरण ख़त्म हुआ और नूतनजीव महाकल्प (Cenozoic Era, सीनोज़ोइक महाकल्प) आरम्भ हुआ, जो कि आज तक जारी है। .

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के-पीजी सीमा

के-टी सीमा पर अक्सर पत्थर का रंग अचानक बदल जाता है - इन चट्टानों में के-टी सीमा के नीचे हल्के और उसके ऊपर गाढ़े रंग का पत्थर है कनाडा में इस चट्टान पर के-टी सीमा स्पष्ट दिख रही है के-पीजी सीमा (K–Pg boundary) या के-टी सीमा (K–T boundary) पृथ्वी पर मौजूद एक पतली भूवैज्ञानिक​ परत है। यह सीमा मध्यजीवी महाकल्प (Mesozoic Era, मीसोज़ोइक महाकल्प) के चाकमय कल्प (Cretaceous Period, क्रीटेशस काल) नामक अंतिम चरण के अंत और नूतनजीव महाकल्प (Cenozoic Era, सीनोज़ोइक महाकल्प) के पैलियोजीन कल्प (Paleogene Period) नामक प्रथम चरण की शुरुआत की संकेतक है। के-पीजी सीमा क्रीटेशस-पैलियोजीन विलुप्ति घटना के साथ सम्बन्धित मानी जाती है जिसमें विश्व भर के डायनासोर मारे गये और पृथ्वी की उस समय की लगभग ७५% वनस्पति व जानवर जातियाँ हमेशा के लिये विलुप्त हो गई। इस सीमा की आयु आज से लगभग ६.६ करोड़ वर्ष पूर्व निर्धारित की गई है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

खटी कल्प, क्रिटेशस कल्प, क्रीटैशस कल्प, क्रीटेशियस​ युग

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