लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

चमगादड़

सूची चमगादड़

चमगादड़ चमगादड़ आकाश में उड़ने वाला एक स्तनधारी प्राणी है, जो अपनी १००० से भी अधिक प्रजातियों के साथ स्तनधारियों के दूसरे सबसे बडे़ कुल का निर्माण करता है। ये पूर्ण रूप से निशाचर होते हैं और पेड़ों की डाली अथवा अँधेरी गुफाओं के अन्दर उल्टा लटके रहते हैं। इनको दो समूहों मे विभाजित किया जाता है, पहला समूह फलभक्षी बडे़ चमगादड़ का होता है, जो देख कर और सूंघ कर अपना भोजन ढूंढते हैं जबकि दूसरा समूह् कीटभक्षी छोटे चमगादड़ का होता है, जो प्रतिध्वनि द्वारा स्थिति निर्धारण विधि के द्वारा अपना भोजन तलाशते हैं। यह एकमात्र ऐसा स्तनधारी है जो उड़ सकता है तथा रात में भी उड़ सकता है। इसके अग्रबाहु पंख मे परिवर्तित हो गये हैं जो देखने में झिल्ली (पेटाजियम) के समान लगते हैं। त्वचा की यह झिल्ली गरदन से लेकर हाथ की अँगुलियों तथा शरीर के पार्श्वभाग से होती हुई पूँछ तक चली जाती है एवं पंख का निर्माण करती है। पिछली टाँगें पतली, छोटी और नखयुक्त होती हैं। इसके शरीर पर बाल कम ही होते हैं। सिर के दोनों ओर बड़े-बड़े कर्णपल्लव पाये जाते हैं। चमगादड़ के पंखो का आकार २.९ सेण्टीमीटर से लेकर १५०० सेण्टीमीटर तक तथा इनका वजन २ ग्राम से १२०० ग्राम तक होता है। चमगादड़ उलटे लटकते हैं क्यों कि उल्टे लटके रहने से वे बड़ी आसानी से उड़ान भर सकते हैं। पक्षियों की तरह वे ज़मीन से उड़ान नहीं भर पाते, क्योंकि उनके पंख भरपूर उठान नहीं देते और उनके पिछले पैर इतने छोटे और अविकसित होते हैं कि वो दौड़ कर गति नहीं पकड़ पाते। चमगादड़ आमतौर पर अंधेरी गुफ़ाओं में दिनभर आराम करते हैं, सोते हैं और रात को ही निकलते हैं। ये सोते हुए गिर क्यों नहीं जाते इसका कारण ये है कि चमगादड़ के पैरों की नसें इस तरह व्यवस्थित हैं, कि उनका वज़न ही उनके पंजों को मज़बूती के साथ पकड़ने में मदद करता है। .

19 संबंधों: चमगादड़ गण, डिएगो गार्सिया, ध्वनिकी, निशाचरता, नीलगिरी (यूकलिप्टस), पशुजन्यरोग, पिशाच, प्रचलित गलत धारणाओं की सूची, प्राणी उड़ान और पाल-उड़ान, बैंकसिया, रेबीज़, लेम्बोर्गिनी मर्सिएलेगो, सालिम अली, हाथियों की बुद्धिमत्ता, वन्य जीव, वर्षावन, विटामिन सी, खारे पानी के मगरमच्छ, उष्णकटिबंधीय वर्षा-वन

चमगादड़ गण

भारतीय उड़नलोमड़ी (''Pteropus giganteus'') चमगादड़ गण या काइरॉप्टेरा (Chiroptera) स्तनधारी (mammalia) वर्ग का एक गण है, जिसके अंतर्गत सभी प्रकार के चमगादड़ निहित हैं। इस वर्ग के जंतु अन्य स्तनियों से बिल्कुल भिन्न मालूम पड़ते हैं और इसके सभी सदस्यों में उड़ने की शक्ति पाई जाती है। उड्डयन के लिये इनकी अग्रभुजाएँ पंखों में परिवर्तित हो गई हैं। यद्यपि ये जंतु हवा में बहुत ऊपर तक उड़ते हैं, पर चिड़ियों से भिन्न हैं। देखने में इनकी मुखाकृति चूहे जैसी मालूम होती है। इनके कान होते हैं। चिड़ियों की भाँति ये अंडे नहीं वरन् बच्चे देते हैं और बच्चों को दूध पिलाते हैं। .

नई!!: चमगादड़ और चमगादड़ गण · और देखें »

डिएगो गार्सिया

डिएगो गार्सिया एक उष्णकटिबंधीय, पदचिह्न-आकार का मूंगे का प्रवालद्वीप (एटोल) है जो भूमध्य रेखा के दक्षिण में मध्य हिंद महासागर में सात डिग्री, छब्बीस मिनट दक्षिण अक्षांश (भूमध्य रेखा के दक्षिण में) पर स्थित है। यह ब्रिटिश हिंद महासागरीय क्षेत्र का हिस्सा है और इसकी अवस्थिति 72°23' पूर्व देशांतर में है। यह एटोल अफ्रीकी तट के लगभग पूर्व में और भारत के दक्षिण सिरे से दक्षिण में है (चित्र 2.3).

नई!!: चमगादड़ और डिएगो गार्सिया · और देखें »

ध्वनिकी

सिरिया में बसरा स्थित रोमकालीन नाट्यशाला: ध्वनिकी के सिद्धान्तों का प्राचीन काल से ही उपयोग होता आ रहा है। ध्वनिकी (Acoustics) भौतिकी की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत ध्वनि तरंगो, अपश्रव्य तरंगों एवं पराश्रव्य तरंगों सहित ठोस, द्रव एवं गैसों में संचारित होने वाली सभी प्रकार की यांत्रिक तरंगों का अध्ययन किया जाता है। ध्वनि की उत्पत्ति द्रव्यपिंडों के दोलन द्वारा होती है। इस दोलन से वायु की दाब एवं घनत्व में प्रत्यावर्ती (alternating) परिर्वतन होने लगते हैं, जो अपने स्रोत से एक विशेष वेग के साथ आगे बढ़ते हैं। इनको ही ध्वनि की तरंग कहा जाता है। जब ये तरंगें कान के परदे से टकराती हैं, तब ध्वनि-संवेदन होता है। इन तरंगों की विशेषता यह है कि इनमें परावर्तन, अपवर्तन (refraction) तथा विवर्तन (diffraction) हो सकता है। प्रति सेकंड दोलन संख्या को आवृति (frequency) कहते हैं। मनुष्य का कान एक सीमित परास की आवृतियों को ही सुन सकता है, किंतु आजकल ऐसी तरंगें भी उत्पन्न की जा सकती है जिसका कान के परदे पर कोई असर नहीं होता। कान की सीमा से अधिक परास की आवृतियों की ध्वनि को पराश्रव्य तरंगें कहते हैं। बहुत से जानवर, जैसे चमगादड़, पराश्रव्य ध्वनि सुन सकते हैं। आधुनिक समय में श्रव्य तथा पराश्रव्य दोनों प्रकार की ध्वनियों की आवृतियों को एक बड़ी सीमा के भीतर उत्पन्न किया, पहचाना और मापा जा सकता है। .

नई!!: चमगादड़ और ध्वनिकी · और देखें »

निशाचरता

उल्लू एक निशाचरी प्राणी है निशाचरता कुछ जानवरों की रात को सक्रीय रहने की प्रवृति को कहते हैं। निशाचरी जीवों में उल्लू, चमगादड़ और रैकून जैसे प्राणी शामिल हैं। कुछ निशाचरी जानवरों में दिन और रात दोनों में साफ़ देखने की क्षमता होती है लेकिन कुछ की आँखें अँधेरे में ही ठीक से काम करती हैं और दिन के वक़्त चौंधिया जाती हैं। .

नई!!: चमगादड़ और निशाचरता · और देखें »

नीलगिरी (यूकलिप्टस)

नीलगिरी मर्टल परिवार, मर्टसिया प्रजाति के पुष्पित पेड़ों (और कुछ झाडि़यां) की एक भिन्न प्रजाति है। इस प्रजाति के सदस्य ऑस्ट्रेलिया के फूलदार वृक्षों में प्रमुख हैं। नीलगिरी की 700 से अधिक प्रजातियों में से ज्यादातर ऑस्ट्रेलिया मूल की हैं और इनमें से कुछ बहुत ही अल्प संख्या में न्यू गिनी और इंडोनेशिया के संलग्न हिस्से और सुदूर उत्तर में फिलपिंस द्वीप-समूहों में पाये जाते हैं। इसकी केवल 15 प्रजातियां ऑस्ट्रेलिया के बाहर पायी जाती हैं और केवल 9 प्रजातियां ऑस्ट्रेलिया में नहीं होतीं.

नई!!: चमगादड़ और नीलगिरी (यूकलिप्टस) · और देखें »

पशुजन्यरोग

ज़ूनोसिस या ज़ूनोस कोई भी ऐसा संक्रामक रोग है जो (कुछ उदाहरणों में, एक निश्चित परिमाण द्वारा) गैर मानुषिक जानवरों, घरेलू और जंगली दोनों ही, से मनुष्यों में या मनुष्यों से गैर मानुषिक जानवरों में संक्रमित हो सकता है (मनुष्यों से जानवरों में संक्रमित होने पर इसे रिवर्स ज़ुनिसिस या एन्थ्रोपोनोसिस कहते हैं).

नई!!: चमगादड़ और पशुजन्यरोग · और देखें »

पिशाच

फिलिप बर्न-जोन्स द्वारा पिशाच, 1897 पिशाच कल्पित प्राणी है जो जीवित प्राणियों के जीवन-सार खाकर जीवित रहते हैं आमतौर पर उनका खून पीकर.

नई!!: चमगादड़ और पिशाच · और देखें »

प्रचलित गलत धारणाओं की सूची

यहाँ पर उन धारणाओं का विवरण दिया गया है जो जनसाधारण में व्यापक रूप से प्रचलित हैं किन्तु गहराई से विचार करने पर पता चलता है कि उनमें त्रुटि है। .

नई!!: चमगादड़ और प्रचलित गलत धारणाओं की सूची · और देखें »

प्राणी उड़ान और पाल-उड़ान

पृथ्वी पर बहुत से प्राणियों में उड़ान और पाल-उड़ान की क्षमता है जिससे वे धरातल या समुद्रतल से उठकर वायु में यातायात कर सकते हैं। कुछ में पंख मारकर ऊर्जा के व्यय से उड़ान की क्षमता होती है जबकि अन्यों में पाल-उड़ान (ग्लाइडिंग) द्वारा स्थान-से-स्थान बिना अधिक ऊर्जा ख़र्च करे जाने की क्षमता होती है। पृथ्वी पर क्रम-विकास से चार बिलकुल अलग ज्ञात अवसरों पर उड़ने की क्षमता विकसित हुई है: कीटों में, पक्षियों में, चमगादड़ों में और टेरोसोरों में। पाल-उड़ान की क्षमता इस से कई अधिक बार स्वतंत्र रूप से प्राणियों में विकसित हुई है और अक्सर प्राणियों को एक वृक्ष से दूसरे वृक्ष तक जाने में सहायक रही है। यह विशेष रूप से बोर्नियो जैसे स्थानों में देखा गया है जहाँ के वनों में पेड़ों के बीच अधिक दूरी होती है। .

नई!!: चमगादड़ और प्राणी उड़ान और पाल-उड़ान · और देखें »

बैंकसिया

बैंकसिया (Banksia) लगभग १७० जातियों वाला बनफूलों और उद्यानों में लगाने के लिये लोकप्रिय फूलदार पौधों का एक वंश है जिसकी जातियाँ ऑस्ट्रेलिया में पाई जाती हैं। यह वंश प्रोटियेसीए नामक कुल का सदस्य है। यह अपने विशेष तिनकेदार फूलों और शंकुओं से आसानी से पहचाना जा सकता है। इसकी जातियाँ छोटी झाड़ों से लेकर ३० मीटर लम्बें वृक्षों तक के रूप में मिलती हैं। वे ऑस्ट्रेलिया के वर्षावनों से लेकर अर्ध-शुष्क इलाक़ों तक में पाई जाती हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तानों में पनप नहीं पाती।, Don Burke, pp.

नई!!: चमगादड़ और बैंकसिया · और देखें »

रेबीज़

रेबीज़ (अलर्क, जलांतक) एक विषाणु जनित बीमारी है जिस के कारण अत्यंत तेज इन्सेफेलाइटिस (मस्तिष्क का सूजन) इंसानों एवं अन्य गर्म रक्तयुक्त जानवरों में हो जाता है। प्रारंभिक लक्षणों में बुखार और एक्सपोजर के स्थल पर झुनझुनी शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों के बाद निम्नलिखित एक या कई लक्षण होते हैं: हिंसक गतिविधि, अनियंत्रित उत्तेजना, पानी से डर, शरीर के अंगों को हिलाने में असमर्थता, भ्रम, और होश खो देना। लक्षण प्रकट होने के बाद, रेबीज़ का परिणाम लगभग हमेशा मौत है। रोग संक्रमण और लक्षणों की शुरुआत के बीच की अवधि आमतौर पर एक से तीन महीने होती है। तथापि, यह समय अवधि एक सप्ताह से कम से लेकर एक वर्ष से अधिक तक में बदल सकती है। यह समय अवधि उस दूरी पर निर्भर करता है जिसे विषाणु के लिए केंद्रीय स्नायुतंत्र तक पहुँचने के लिए तय करना आवश्यक है। .

नई!!: चमगादड़ और रेबीज़ · और देखें »

लेम्बोर्गिनी मर्सिएलेगो

लेम्बोर्गिनी मर्सिएलेगो एक उच्च-प्रदर्शन, दो दरवाजे, दो सीटों वाली एक स्पोर्ट कार है, जिसे 2001 और 2010 के बीच इतालवी गाड़ी निर्माता लेम्बोर्गिनी द्वारा उत्पादित किया गया। अक्सर एक सुपरकार के रूप में संदर्भित की जाने वाली यह कार, निर्माता कंपनी की कतार में सर्वोत्कृष्ट थी। मर्सिएलेगो को 2001 में एक कूप के रूप में 2002 के मॉडल वर्ष के लिए शुरू किया गया, जो लेम्बोर्गिनी श्रृखला में प्रसिद्ध डायब्लो सुपर कार के बाद आया। यह कार, गाड़ी निर्माता के ग्यारह वर्षों में पहली नई डिजाइन थी और साथ ही साथ यह जर्मन गाड़ी निर्माता VW के स्वामित्व में बनी पहली कार थी। इसे पेरु में जन्मे बेल्जियाई लुक डोनकरवोक द्वारा स्वरूपित किया गया था, जो 1998 से 2005 तक लेम्बोर्गिनी के डिजाइन प्रमुख थे। इस कार का एक रोडस्टर संस्करण 2004 में शुरू किया गया, जिसके बाद अद्यतन एल.पी.

नई!!: चमगादड़ और लेम्बोर्गिनी मर्सिएलेगो · और देखें »

सालिम अली

सालिम मुईनुद्दीन अब्दुल अली (12 नवम्बर 1896 - 27 जुलाई 1987) एक भारतीय पक्षी विज्ञानी और प्रकृतिवादी थे। उन्हें "भारत के बर्डमैन" के रूप में जाना जाता है, सालिम अली भारत के ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारत भर में व्यवस्थित रूप से पक्षी सर्वेक्षण का आयोजन किया और पक्षियों पर लिखी उनकी किताबों ने भारत में पक्षी-विज्ञान के विकास में काफी मदद की है। 1976 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से उन्हें सम्मानित किया गया। 1947 के बाद वे बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के प्रमुख व्यक्ति बने और संस्था की खातिर सरकारी सहायता के लिए उन्होंने अपने प्रभावित किया और भरतपुर पक्षी अभयारण्य (केवलादेव नेशनल पार्क) के निर्माण और एक बाँध परियोजना को रुकवाने पर उन्होंने काफी जोर दिया जो कि साइलेंट वेली नेशनल पार्क के लिए एक खतरा थी। .

नई!!: चमगादड़ और सालिम अली · और देखें »

हाथियों की बुद्धिमत्ता

मानव, पायलट व्हेल और हाथी का दिमाग पैमाने पर (1)-प्रमस्तिष्क (सेरीब्रम) (1 क)-टेम्पोरल लोब और (2)-सेरिबैलम (अनुमस्तिष्क) हाथी दुनिया की सबसे बुद्धिमान प्रजातियों में से एक हैं। 5 किलोग्राम से अधिक वज़न का हाथी का मस्तिष्क (दिमाग) किसी भी स्थलीय जानवर की तुलना में बड़ा होता है। हालांकि सबसे बड़े आकार की व्हेल के शरीर का वज़न एक प्रारूपिक हाथी की तुलना में 20 गुना अधिक होता है, व्हेल के मस्तिष्क का वज़न एक हाथी के मस्तिष्क की तुलना में दोगुना होता है। सरंचना और जटिलता के आधार पर हाथी का मस्तिष्क मनुष्य के मस्तिष्क से समानता रखता है- जैसे एक हाथी के वल्कुट (cortex) में उतने ही न्यूरोन (तंत्रिका कोशिकाएं) होते हैं, जितने की मानव मस्तिष्क में, जो संसृत विकास (convergent evolution) को दर्शाता है। हाथी कई प्रकार के व्यवहार प्रदर्शित करते हैं, इनमें दुःख, सीखना, मातृत्व, अनुकरण (मिमिक्री या नक़ल करना), कला, खेल, हास्य, परोपकारिता, उपकरणों का उपयोग, करुणा और सहयोग इत्यादि भावनाएं शामिल हैं। इन व्यवहारों में आत्म जागरूकता, स्मृति और संभवतया भाषा भी शामिल हो सकती है। इनमें अत्यधिक बुद्धिमान प्रजातियों के वे सभी गुण पाए जाते हैं जिन्हें केटाशियन और प्राइमेट्स के समतुल्य माना जाता है। हाथियों की उच्च बुद्धिमत्ता और प्रबल पारिवारिक संबंधों के कारण, कुछ शोधकर्ता तर्क देते हैं कि मनुष्यों के लिए उन्हें चुनना नैतिक रूप से गलत है। अरस्तू ने एक बार कहा था कि हाथी "वे जानवर हैं जो मन और बुद्धि की दृष्टि से सभी अन्य जानवरों को पीछे छोड़ देते हैं".

नई!!: चमगादड़ और हाथियों की बुद्धिमत्ता · और देखें »

वन्य जीव

गिलहरियाँ अक्सर वनों से बाहर शहरों में रहती हैं, लेकिन जंगली जीव ही समझी जाती हैं बाघ एक प्रमुख वन्य जीव है जंगली जीव हर उस वृक्ष, पौधे, जानवर और अन्य जीव को कहते हैं जिसे मानवों द्वारा पालतू न बनाया गया हो। जंगली जीव दुनिया के सभी परितंत्रों (ईकोसिस्टम​) में पाए जाते हैं, जिनमें रेगिस्तान, वन, घासभूमि, मैदान, पर्वत और शहरी क्षेत्र सभी शामिल हैं।, Dilys Roe, IIED, 2002, ISBN 978-1-84369-215-7,...

नई!!: चमगादड़ और वन्य जीव · और देखें »

वर्षावन

ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में डैनट्री वर्षावन. क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में केर्न्स के पास डैनट्री वर्षावन. न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया में इल्लावारा ब्रश के भाग। वर्षावन वे जंगल हैं, जिनमें प्रचुर मात्रा में वर्षा होती है अर्थात जहां न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 1750-2000 मि॰मी॰ (68-78 इंच) के बीच है। मानसूनी कम दबाव का क्षेत्र जिसे वैकल्पिक रूप से अंतर-उष्णकटिबंधीय संसृति क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, की पृथ्वी पर वर्षावनों के निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका है। विश्व के पशु-पौधों की सभी प्रजातियों का कुल 40 से 75% इन्हीं वर्षावनों का मूल प्रवासी है। यह अनुमान लगाया गया है कि पौधों, कीटों और सूक्ष्मजीवों की कई लाख प्रजातियां अभी तक खोजी नहीं गई हैं। उष्णकटिबंधीय वर्षावनों को पृथ्वी के आभूषण और संसार की सबसे बड़ी औषधशाला कहा गया है, क्योंकि एक चौथाई प्राकृतिक औषधियों की खोज यहीं हुई है। विश्व के कुल ऑक्सीजन प्राप्ति का 28% वर्षावनों से ही मिलता है, इसे अक्सर कार्बन डाई ऑक्साइड से प्रकाश संष्लेषण के द्वारा प्रसंस्करण कर जैविक अधिग्रहण के माध्यम से कार्बन के रूप में भंडारण करने वाले ऑक्सीजन उत्पादन के रूप में गलत समझ लिया जाता है। भूमि स्तर पर सूर्य का प्रकाश न पहुंच पाने के कारण वर्षावनों के कई क्षेत्रों में बड़े वृक्षों के नीचे छोटे पौधे और झाड़ियां बहुत कम उग पाती हैं। इस से जंगल में चल पाना संभव हो जाता है। यदि पत्तों के वितानावरण को काट दिया जाए या हलका कर दिया जाए, तो नीचे की जमीन जल्दी ही घनी उलझी हुई बेलों, झाड़ियों और छोटे-छोटे पेड़ों से भर जाएगी, जिसे जंगल कहा जाता है। दो प्रकार के वर्षावन होते हैं, उष्णकटिबंधीय वर्षावन तथा समशीतोष्ण वर्षावन। .

नई!!: चमगादड़ और वर्षावन · और देखें »

विटामिन सी

विटामिन सी या एल-एस्कॉर्बिक अम्ल मानव एवं विभिन्न अन्य पशु प्रजातियों के लिये अत्यंत आवश्यक पोषक तत्त्व है। ये विटामिन रूप में कार्य करता है। कई प्रकार की उपापचयी अभिक्रियाओं हेतु एस्कॉर्बेट (एस्कॉर्बिक अम्ल का एक आयन) सभी पादपों व पशुओं में आवश्यक होता है। ये लगभग सभी जीवों द्वारा आंतरिक प्रणाली द्वारा निर्मित किया जाता है (सिवाय कुछ विशेष प्रजातियों के) जिनमें स्तनपायी समूह जैसे चमगादड़, एक या दो प्रधान प्राइमेट सबऑर्डर, ऐन्थ्रोपोएडिया (वानर, वनमानुष एवं मानव) आते हैं। इसका निर्माण गिनी शूकर एवं पक्षियों एवं मछलियों की कुछ प्रजातियों में नहीं होता है। जो भी प्रजातियां इसका निर्माण आंतरिक रूप से नहीं कर पातीं, उन्हें ये आहार रूप में वांछित होता है। इस विटामिन की कमी से मानवों में स्कर्वी नामक रोग हो जाता है।। हिन्दुस्ताण लाइव। २८ मार्च २०१० इसे व्यापक रूप से खाद्य पूर्क रूप में प्रयोग किया जाता है। .

नई!!: चमगादड़ और विटामिन सी · और देखें »

खारे पानी के मगरमच्छ

कायर्न्स, क्वींसलैंड के बाहर खारे पानी के मगरमच्छ खारे पानी का मगरमच्छ या एस्टूएराइन क्रोकोडाइल (estuarine crocodile) (क्रोकोडिलस पोरोसस) सबसे बड़े आकार का जीवित सरीसृप है। यह उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, भारत के पूर्वी तट और दक्षिण-पूर्वी एशिया के उपयुक्त आवास स्थानों में पाया जाता है। .

नई!!: चमगादड़ और खारे पानी के मगरमच्छ · और देखें »

उष्णकटिबंधीय वर्षा-वन

ब्राजील में अमेज़न वर्षावन का एक क्षेत्र. दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन में धरती पर प्रजातियों की सबसे बड़ी विविधता है। उष्णकटिबंधीय वर्षा-वन एक ऐसा क्षेत्र होता है जो भूमध्य रेखा के दक्षिण या उत्तर में लगभग 28 डिग्री के भीतर होता है। वे एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, मेक्सिको और प्रशांत द्वीपों पर पाए जाते हैं। विश्व वन्यजीव निधि के बायोम वर्गीकरण के भीतर उष्णकटिबंधीय वर्षावन को उष्णकटिबंधीय आर्द्र वन (या उष्णकटिबंधीय नम चौड़े पत्ते के वन) का एक प्रकार माना जाता है और उन्हें विषुवतीय सदाबहार तराई वन के रूप में भी निर्दिष्ट किया जा सकता है। इस जलवायु क्षेत्र में न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा और के बीच होती है। औसत मासिक तापमान वर्ष के सभी महीनों के दौरान से ऊपर होता है। धरती पर रहने वाले सभी पशुओं और पौधों की प्रजातियों की आधी संख्या इन वर्षावनों में रहती है। मिशिगन विश्वविद्यालय के रीजेण्ट.

नई!!: चमगादड़ और उष्णकटिबंधीय वर्षा-वन · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

चमगादड़ों, चमगादङ

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »