8 संबंधों: चौथ का बरवाड़ा, बगीना, भगवतगढ़, मांगरोल, बौंली, मीन भगवान का मन्दिर, राजस्थान, सिरोही गाँव, खींप, ग्राम पंचायत झोंपड़ा, सवाई माधोपुर।
चौथ का बरवाड़ा
चौथ का बरवाड़ा राजस्थान राज्य में सवाई माधोपुर जिले का एक छोटा सा शहर है और इसी नाम से तहसील मुख्यालय है। यह शहर राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र में आता है एवं इस शहर का विधान सभा क्षेत्र खण्डार लगता है। यहाँ का चौथ माता का मंदिर पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है ! चौथ का बरवाड़ा शहर अरावली पर्वत श़ृंखला की गोद में बसा हुआ मीणा व गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है ! बरवाड़ा के नाम से मशहूर यह छोटा सा शहर संवत 1451 में चौथ माता के नाम पर चौथ का बरवाड़ा के नाम से प्रसिद्ध हो गया जो वर्तमान तक बना हुआ है ! चौथ माता मंदिर के अलावा इस शहर में मीन भगवान का भव्य मंदिर है ! वहीं चौथ माता ट्रस्ट धर्मशाला सभी धर्मावलंबियों के लिए ठहरने का महत्वपूर्ण स्थान है ! चौथ का बरवाड़ा तहसील में पड़ने वाले बड़े गाँव इस प्रकार है:- चौथ का बरवाड़ा भगवतगढ़ शिवाड़ झोंपड़ा ईसरदा सारसोपआदि.
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बगीना
बगीना गांव राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के अंतर्गत ग्राम पंचायत झोंपड़ा में पड़ता है।.
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भगवतगढ़
यह शहर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले से 25 किलोमीटर दूर स्थित है, जो कि खण्डार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। चौथ का बरवाड़ा के बाद खण्डार विधानसभा क्षेत्र का द्वितीय सबसे बड़ा कस्बा भगवतगढ़ है। यहाँ के अरणेश्वर महादेव के सप्त कुंड पिकनिक मनाने के लिए बहुत खूबसूरत जगह है, यहाँ पर श्री केशवराय जी भगवान का भी प्रसिद्ध मंदिर है। भगवतगढ़ कसबे के चारो कोनो पर चार बावड़ियां व् चार ही बालाजी के मंदिर स्थित हैं, जो कि अपने आप में अनूठा है। भगवतगढ़ शहर सवाई माधोपुर जिले का प्राचीन काल से सैठाना क्षेत्र रहा है, यहाँ पर भगवतगढ़ का किला है, जिसके कारण ही इस शहर का नाम भगवतगढ़ पड़ा है। यह कस्बा टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। भगवतगढ़ शहर सवाई माधोपुर जिले की चौथ का बरवाड़ा पंचायत समिति व तहसील का दूसरा सबसे बड़ा शहर तो है ही साथ में सबसे प्राचीन शहर भी यही है। भगवतगढ़ क्षेत्र के आसपास के गाँवों में झोंपड़ा, लोरवाड़ा, बंधा, जटवाड़ा, जौंला आदि मुख्य गाँव है। भगवतगढ़ शहर से सबसे अधिक जरूरते पूरी करने वाले गाँवों में झोंपड़ा गाँव मुख्य है, झोंपड़ा गाँव के अलावा सिरोही, बंधा, लोरवाड़ा, जटवाड़ा, जौंला, क्यावड़, आदलवाड़ा, गिरधरपुरा, त्रिलोकपुरा, सहरावता, राठौद, कराड़ी, दोबड़ा आदि गाँव आते हैं। .
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मांगरोल, बौंली
गांव राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के अंतर्गत आने वाला मांगरोल गांव एक छोटा सा गांव है। गांव की तहसील बौंली लगती है वही ग्राम पंचायत व पोस्ट मुख्यालय पीपलवाड़ा लगता है। मांगरोल गांव में सबसे अधिक आबादी मीणा जनजाति की है जो कि महर गौत्र से संबंधित है। मीणा जनजाति का महर गौत्र मीणा समाज का महत्व पूर्ण गौत्र है। इसी गौत्र के मीणाओं ने राजस्थान के लोकदेवता वीर तेजाजी महाराज को बुरी तरह से घायल कर दिया था लेकिन तेजाजी महाराज ने महर गौत्र के मीणों पर विजय पाई थी। .
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मीन भगवान का मन्दिर, राजस्थान
भारत के राजस्थान प्रांत में भगवान मीनेष अर्थात मत्स्यावतार को समर्पित यह मंदिर सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा कस्बें में स्थित है। चौथ का बरवाड़ा क्षेत्र के मीणा समाज के सहयोग से बना यह भव्य मंदिर साधारण नहीं बल्कि तमाम आधुनिक सुविधाओं से लैस है। भगवान मीनेष के इस मंदिर का 108 फीट ऊँचा गुम्बद लोगों का मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। आम-तौर पर सरसों की तूड़ी को अनुपयोगी समझकर जला दिया जाता है, लेकिन सवाई माधोपुर जिले में चौथ का बरवाड़ा क्षेत्र के मीणा समाज ने इस सरसों की तूड़ी को बेचकर इसका उपयोग मंदिर निर्माण कार्य में किया। मीन भगवान मन्दिर सवाई माधोपुर प्रथम बार इस क्षेत्र के मीणा समाज के लोगों ने सरसों की तूड़ी बेचकर 7 करोड़ रुपये इकट्ठे किये और मीणा समाज के ग्रामीणों की मुहिम रंग लाई और मंदिर का निर्माण शुरू हो गया। चौथ का बरवाड़ा क्षेत्र के मीणों ने धीरे धीरे मंदिर को बनाना शुरू किया और आज यह मंदिर इतना आलीशान बन गया कि मंदिर को देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है। यह मंदिर पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड तो है ही साथ ही साथ सीसीटीवी कैमरों से लैस ये मंदिर लोगों का प्रमुख आस्था केन्द्र भी बन गया है। यह मंदिर मीणा जनजाति का राजस्थान में सबसे सुंदर, सबसे बड़ा एवं आधुनिक सुविधाओं से लैस भगवान मीनेष का प्रमुख मंदिर है, जो अब तक का सबसे विशाल मीन मंदिर माना जाता है, चौथ का बरवाड़ा में स्थित ये मंदिर मीणा जनजाति की एकता व अखंडता का जीता-जागता उदाहरण है। सवाई माधोपुर जिले में मीणा महापंचायतों की रूपरेखा इसी मंदिर से तय की जाती है। .
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सिरोही गाँव
सिरोही गाँव भारतीय राज्य राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले की चौथ का बरवाड़ा तहसील में झोपड़ा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाला एक छोटा सा गाँव है, जो गलवा नदी के पास में बसा हुआ है। .
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खींप
खींप जिसका वानस्पतिक नाम (लेप्टाडेनिया पाइरोटेकनिका/Leptadenia pyrotechnica) होता है यह एक रेगिस्तानी आयुर्वेदिक अर्थात एक प्रकार की घास होती है जो विशेष रूप से राजस्थान के रेगिस्तानी हिस्सों में ही पाई जाती है इसे पंजाबी में खीप कहते हैं खींप का कूटने से में जो पानी निकलता है वो पानी अर्थात इसका रस शरीर के लिए काफी नुकसानदेह होता है इससे शरीर पर खुजली हो जाती है राजस्थान में खींप के सूखने के पश्चात झोंपड़ा बनाने में तथा झाड़ू बनाने में काफी हद तक प्रयोग किया जाता है। .
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ग्राम पंचायत झोंपड़ा, सवाई माधोपुर
झोंपड़ा गाँव राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर जिले की चौथ का बरवाड़ा तहसील में आने वाली प्रमुख ग्राम पंचायत है ! ग्राम पंचायत का सबसे बड़ा गाँव झोंपड़ा है जिसमें मीणा जनजाति का नारेड़ा गोत्र मुख्य रूप से निवास करता हैं। ग्राम पंचायत में झोंपड़ा, बगीना, सिरोही, नाहीखुर्द एवं झड़कुंड गाँव शामिल है। झोंपड़ा ग्राम पंचायत की कुल जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 5184 है और ग्राम पंचायत में कुल घरों की संख्या 1080 है। ग्राम पंचायत की सबसे बड़ी नदी बनास नदी है वहीं पंचायत की सबसे लम्बी घाटी चढ़ाई बगीना गाँव में बनास नदी पर पड़ती है। ग्राम पंचायत का सबसे विशाल एवं प्राचीन वृक्ष धंड की पीपली है जो झोंपड़ा, बगीना एवं जगमोंदा गाँवों से लगभग बराबर दूरी पर पड़ती है। .
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