लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

गोमती नदी

सूची गोमती नदी

गोमती नदी भारत में इस नाम की तीन नदियाँ हैं।.

37 संबंधों: तोमर, धौतपाप, धोपाप, नदियों पर बसे भारतीय शहर, नैमिषारण्य, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश, बकुलाही नदी, बेगम हजरत महल पार्क, भारत के राष्‍ट्रीय चिन्ह, भारत की नदियों की सूची, मनकामेश्वर मंदिर, लखनऊ, मैरीन ड्राइव, लखनऊ, मोती महल, लखनऊ, राजस्थान की झीलें, लाल पुल, लखनऊ, लखनऊ, लखनऊ विश्वविद्यालय, शतरंज के खिलाड़ी (कहानी), सरयूपारीण ब्राह्मण, सिन्धु-गंगा के मैदान, सुल्तानपुर जिला, सोमनाथ मन्दिर, हनुमान सेतु मंदिर, हरदोई, जयसमंद, गढ़वाल कुमाऊं के मेले, गोमती नदी (उत्तर प्रदेश), आर्यावर्त, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, कुन्दमाला, कुशभवनपुर, कौसानी, केराकत, कॉल्विन तालुकेदार्स कालेज, उत्तर प्रदेश, उत्तरायणी मेला, बागेश्वर, उत्तराखण्ड

तोमर

एक भारतीय उपनाम। तोमर राजवंश - चंद्रवंशी पुरुवंशी कुरुवंशी | .

नई!!: गोमती नदी और तोमर · और देखें »

धौतपाप

यह तीर्थ मिश्रिख से १३ किलोमीटर दूर है जो गोमती तट पर अवस्थित है। इसके सम्बद्ध गाँव का नाम राजपति भी है। पुराणों के अनुसार यहाँ स्नान से हत्या के पाप तक से मनुष्य की शुद्धि हो जाती है। भगवान की ठाकुरबाड़ी, शिव एवं हनुमान मंदिर यहाँ मान्यताप्राप्त हैं। सबसे रोचक बात ये है कि धूतपाप/ धौतपाप में यहीं गोमती से धूतपापा नामक एक नदी मिलती है जिसका उल्लेख हिसटोरिकल ज्योग्राफी ऑफ़ एन्शेंट इण्डिया ग्रन्थ के पृष्ठ ३२ पर दर्ज है.

नई!!: गोमती नदी और धौतपाप · और देखें »

धोपाप

धोपाप, उत्तर प्रदेश के अवध प्रांत के सुल्तानपुर जनपद में आदि-गंगा गोमती नदी के तट पर स्थित एक प्रमुख धार्मिक तीर्थस्थल है, इसे "धोपाप धाम" के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि यह वही स्थान है जहां पर भगवान श्री राम ने लंकेश्वर रावण का वध करने के पश्चात महर्षि वशिष्ठ के आदेशानुसार स्नान करके स्वयं को "ब्रह्महत्या"के पाप से मुक्त किया था। लोगों का मानना है कि जो भी व्यक्ति गंगा दशहरे के अवसर पर यहां स्नान करता है, उसके सभी पाप आदिगंगा गोमती नदी में धुल जाते हैं। यहां एक विशाल मंदिर भी स्थित है। गंगा दशहरा के अवसर पर यहाँ राज्य के ही नहीं बल्कि भारत के अन्य प्रांतों से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और आदिगंगा गोमती में डुबकी लगाने के पश्चात पूजन-अर्चन करते हैं। श्रेणी:उत्तर प्रदेश के गाँव.

नई!!: गोमती नदी और धोपाप · और देखें »

नदियों पर बसे भारतीय शहर

नदियों के तट पर बसे भारतीय शहरों की सूची श्रेणी:भारत के नगर.

नई!!: गोमती नदी और नदियों पर बसे भारतीय शहर · और देखें »

नैमिषारण्य

नैमिषारण्य लखनऊ से ८० किमी दूर लखनऊ क्षेत्र के अर्न्तगत सीतापुर जिला में गोमती नदी के बाएँ तट पर स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ है। मार्कण्डेय पुराण में अनेक बार इसका उल्लेख ८८००० ऋषियों की तपःस्थली के रूप में आया है। वायु पुराणान्तर्गत माघ माहात्म्य तथा बृहद्धर्मपुराण, पूर्व-भाग के अनुसार इसके किसी गुप्त स्थल में आज भी ऋषियों का स्वाध्यायानुष्ठान चलता है। लोमहर्षण के पुत्र सौति उग्रश्रवा ने यहीं ऋषियों को पौराणिक कथाएं सुनायी थीं। वाराह पुराण के अनुसार यहां भगवान द्वारा निमिष मात्र में दानवों का संहार होने से यह 'नैमिषारण्य' कहलाया। वायु, कूर्म आदि पुराणों के अनुसार भगवान के मनोमय चक्र की नेमि (हाल) यहीं विशीर्ण हुई (गिरी) थी, अतएव यह नैमिषारण्य कहलाया। .

नई!!: गोमती नदी और नैमिषारण्य · और देखें »

प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश

प्रतापगढ़ भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है, इसे लोग बेल्हा भी कहते हैं, क्योंकि यहां बेल्हा देवी मंदिर है जो कि सई नदी के किनारे बना है। इस जिले को ऐतिहासिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जाता है। यहां के विधानसभा क्षेत्र पट्टी से ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं॰ जवाहर लाल नेहरू ने पदयात्रा के माध्यम से अपना राजनैतिक करियर शुरू किया था। इस धरती को रीतिकाल के श्रेष्ठ कवि आचार्य भिखारीदास और राष्ट्रीय कवि हरिवंश राय बच्चन की जन्मस्थली के नाम से भी जाना जाता है। यह जिला धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी कि जन्मभूमि और महात्मा बुद्ध की तपोस्थली है। .

नई!!: गोमती नदी और प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश · और देखें »

बकुलाही नदी

प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश में बहने वाली एक नदी है। उत्तर प्रदेश के कई ज़िले बकुलाही नदी के पावन तट पर बसे हुए है। यह रायबरेली जिले के भरतपुर झील से निकली है। .

नई!!: गोमती नदी और बकुलाही नदी · और देखें »

बेगम हजरत महल पार्क

बेगम हजरत महल पार्क लखनऊ के हृदय हज़रत गंज में गोमती नदी के हनुमान-सेतु पुल के ठीक सामने परिवर्तन चौक के बाद बना हुआ एक उद्यान है। इसमें खुर्शीद जैदी और सआदत अली का मकबरा बना हुआ है, जिसके आस-पास उद्यान विकसित क्या हुआ है। इस उद्यान का नाम बदल कर उर्मिला वाटिका कर दिय़ा गया था। श्रेणी:लखनऊ.

नई!!: गोमती नदी और बेगम हजरत महल पार्क · और देखें »

भारत के राष्‍ट्रीय चिन्ह

Indian Signs .

नई!!: गोमती नदी और भारत के राष्‍ट्रीय चिन्ह · और देखें »

भारत की नदियों की सूची

भारत में मुख्यतः चार नदी प्रणालियाँ है (अपवाह तंत्र) हैं। उत्तरी भारत में सिंधु, उत्तरी-मध्य भारत में गंगा, और उत्तर-पूर्व भारत में ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली है। प्रायद्वीपीय भारत में नर्मदा, कावेरी, महानदी, आदि नदियाँ विस्तृत नदी प्रणाली का निर्माण करती हैं। यहाँ भारत की नदियों की एक सूची दी जा रही है: .

नई!!: गोमती नदी और भारत की नदियों की सूची · और देखें »

मनकामेश्वर मंदिर, लखनऊ

मनकामेश्वर मंदिर, लखनऊ में डालीगंज में गोमती नदी के निकट स्थित शिव-पार्वती का एक मंदिर है। यह मंदिर बहुत पुराना है एवं इसकी बहुत मान्यता है। मंदिर में फर्श पर चांदी के सिक्के जड़े हुए हैं। श्रेणी:लखनऊ.

नई!!: गोमती नदी और मनकामेश्वर मंदिर, लखनऊ · और देखें »

मैरीन ड्राइव, लखनऊ

मैरीन ड्राइव लखनऊ में गोमती नदी के किनारे विकसित एक पर्यटन स्थल है। इसे मुंबई के मैरीन ड्राइव की तरह ही बनाया गया है। श्रेणी:लखनऊ के दर्शनीय स्थल.

नई!!: गोमती नदी और मैरीन ड्राइव, लखनऊ · और देखें »

मोती महल, लखनऊ

लखनऊ में गोमती नदी की सीमा पर बनी तीन इमारतों में मोती महल प्रमुख है। इसे सआदत अली खां ने बनवाया था। मुबारक मंजिल और शाह मंजिल अन्य दो इमारतें हैं। बालकनी से जानवरों की लड़ाई और उड़ते पक्षियों को देखने हेतु नवाबों के लिए इन इमारतों को बनवाया गया था। श्रेणी:लखनऊ के दर्शनीय स्थल.

नई!!: गोमती नदी और मोती महल, लखनऊ · और देखें »

राजस्थान की झीलें

प्राचीन काल से ही राजस्थान में अनेक प्राकृतिक झीलें विद्यमान है। मध्य काल तथा आधुनिक काल में रियासतों के राजाओं ने भी अनेक झीलों का निर्माण करवाया। राजस्थान में मीठे और खारे पानी की झीलें हैं जिनमें सर्वाधिक झीलें मीठे पानी की है। .

नई!!: गोमती नदी और राजस्थान की झीलें · और देखें »

लाल पुल, लखनऊ

लाल पुल, लखनऊ शहर में गोमती नदी पर एक पुल है। श्रेणी:लखनऊ.

नई!!: गोमती नदी और लाल पुल, लखनऊ · और देखें »

लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

नई!!: गोमती नदी और लखनऊ · और देखें »

लखनऊ विश्वविद्यालय

लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय भारत के प्रमुख शैक्षिक-संस्थानों में से एक है। यह लखनऊ के समृद्ध इतिहास को तो प्रकट करता ही है नगर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से भी एक है। इसका प्राचीन भवन मध्यकालीन भारतीय स्थापत्य का सुंदर उदाहरण है। इसमें पढ़ने और पढाने वाले अनेक शिक्षक और विद्यार्थी देश और विदेश में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके हैं। .

नई!!: गोमती नदी और लखनऊ विश्वविद्यालय · और देखें »

शतरंज के खिलाड़ी (कहानी)

शतरंज के खिलाड़ी मुंशी प्रेमचंद की हिन्दी कहानी है। इसकी रचना उन्होने अक्टूबर १९२४ में की थी और यह 'माधुरी' पत्रिका में छपी थी। 1977 में सत्यजीत राय ने इसी नाम से इस कहानी पर आधारित एक हिन्दी फिल्म बनायी। .

नई!!: गोमती नदी और शतरंज के खिलाड़ी (कहानी) · और देखें »

सरयूपारीण ब्राह्मण

सरयूपारीण ब्राह्मण या सरवरिया ब्राह्मण या सरयूपारी ब्राह्मण सरयू नदी के पूर्वी तरफ बसे हुए ब्राह्मणों को कहा जाता है। ऋग्वेद में मुख्य रूप से तीन नदियों का उल्लेख ही है। इनमे सरस्वती, सिंधु और सरयू नदी का ज़िक्र है। कई लोगो का मानना है कि सरयूपारीण ब्राह्मण उन्ही मूल कान्य्कुब्ज ब्राह्मणों का दल है जिन्होने भारतीय सभ्यता की नीव पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तरी बिहार में रखी। ये शुद्ध आर्यवंशी षट्कर्मा वेदपाठी आदिकालिक समूह है जो की आदिकाल से ही ब्राह्मण धर्म का अधिष्ठाता रहा है। .

नई!!: गोमती नदी और सरयूपारीण ब्राह्मण · और देखें »

सिन्धु-गंगा के मैदान

सिन्धु-गंगा मैदान का योजनामूलक मानचित्र सिन्धु-गंगा का मैदान, जिसे उत्तरी मैदानी क्षेत्र तथा उत्तर भारतीय नदी क्षेत्र भी कहा जाता है, एक विशाल एवं उपजाऊ मैदानी इलाका है। इसमें उत्तरी तथा पूर्वी भारत का अधिकांश भाग, पाकिस्तान के सर्वाधिक आबादी वाले भू-भाग, दक्षिणी नेपाल के कुछ भू-भाग तथा लगभग पूरा बांग्लादेश शामिल है। इस क्षेत्र का यह नाम इसे सींचने वाली सिन्धु तथा गंगा नामक दो नदियों के नाम पर पड़ा है। खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी होने के कारण इस इलाके में जनसंख्या का घनत्व बहुत अधिक है। 7,00,000 वर्ग किमी (2,70,000 वर्ग मील) जगह पर लगभग 1 अरब लोगों (या लगभग पूरी दुनिया की आबादी का 1/7वां हिस्सा) का घर होने के कारण यह मैदानी इलाका धरती की सर्वाधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में से एक है। सिन्धु-गंगा के मैदानों पर स्थित बड़े शहरों में अहमदाबाद, लुधियाना, अमृतसर, चंडीगढ़, दिल्ली, जयपुर, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, कोलकाता, ढाका, लाहौर, फैसलाबाद, रावलपिंडी, इस्लामाबाद, मुल्तान, हैदराबाद और कराची शामिल है। इस क्षेत्र में, यह परिभाषित करना कठिन है कि एक महानगर कहां शुरू होता है और कहां समाप्त होता है। सिन्धु-गंगा के मैदान के उत्तरी छोर पर अचानक उठने वाले हिमालय के पर्वत हैं, जो इसकी कई नदियों को जल प्रदान करते हैं तथा दो नदियों के मिलन के कारण पूरे क्षेत्र में इकट्ठी होने वाली उपजाऊ जलोढ़ मिटटी के स्रोत हैं। इस मैदानी इलाके के दक्षिणी छोर पर विंध्य और सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाएं तथा छोटा नागपुर का पठार स्थित है। पश्चिम में ईरानी पठार स्थित है। .

नई!!: गोमती नदी और सिन्धु-गंगा के मैदान · और देखें »

सुल्तानपुर जिला

उत्तर प्रदेश भारत देश का सर्वाधिक जिलों वाला राज्य है, जिसमें कुल 75 जिले हैं। आदिगंगा गोमती नदी के तट पर बसा सुल्तानपुर इसी राज्य का एक प्रमुख जिला है। यहाँ के लोग सामान्यत: वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर और लखनऊ जिलों में पढ़ाई करने जाते हैं। सुल्तानपुर जिले की स्थानीय बोलचाल की भाषा अवधी और खड़ी बोली है। .

नई!!: गोमती नदी और सुल्तानपुर जिला · और देखें »

सोमनाथ मन्दिर

सोमनाथ मन्दिर भूमंडल में दक्षिण एशिया स्थित भारतवर्ष के पश्चिमी छोर पर गुजरात नामक प्रदेश स्थित, अत्यन्त प्राचीन व ऐतिहासिक सूर्य मन्दिर का नाम है। यह भारतीय इतिहास तथा हिन्दुओं के चुनिन्दा और महत्वपूर्ण मन्दिरों में से एक है। इसे आज भी भारत के १२ ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में माना व जाना जाता है। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था, जिसका उल्लेख ऋग्वेद में स्पष्ट है। यह मंदिर हिंदू धर्म के उत्थान-पतन के इतिहास का प्रतीक रहा है। अत्यंत वैभवशाली होने के कारण इतिहास में कई बार यह मंदिर तोड़ा तथा पुनर्निर्मित किया गया। वर्तमान भवन के पुनर्निर्माण का आरंभ भारत की स्वतंत्रता के पश्चात् लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने करवाया और पहली दिसंबर 1995 को भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया। सोमनाथ मंदिर विश्व प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थल है। मंदिर प्रांगण में रात साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक एक घंटे का साउंड एंड लाइट शो चलता है, जिसमें सोमनाथ मंदिर के इतिहास का बड़ा ही सुंदर सचित्र वर्णन किया जाता है। लोककथाओं के अनुसार यहीं श्रीकृष्ण ने देहत्याग किया था। इस कारण इस क्षेत्र का और भी महत्व बढ़ गया। सोमनाथजी के मंदिर की व्यवस्था और संचालन का कार्य सोमनाथ ट्रस्ट के अधीन है। सरकार ने ट्रस्ट को जमीन, बाग-बगीचे देकर आय का प्रबन्ध किया है। यह तीर्थ पितृगणों के श्राद्ध, नारायण बलि आदि कर्मो के लिए भी प्रसिद्ध है। चैत्र, भाद्रपद, कार्तिक माह में यहां श्राद्ध करने का विशेष महत्व बताया गया है। इन तीन महीनों में यहां श्रद्धालुओं की बडी भीड़ लगती है। इसके अलावा यहां तीन नदियों हिरण, कपिला और सरस्वती का महासंगम होता है। इस त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्व है। .

नई!!: गोमती नदी और सोमनाथ मन्दिर · और देखें »

हनुमान सेतु मंदिर

मंदिर में स्थापित हनुमानजी की मूर्ति हनुमान सेतु मंदिर, लखनऊ में गोमती नदी के किनारे एक हनुमान मंदिर है। यह मंदिर नदी पर बने एक पुल के किनारे बना है। इस कारण यह पुल हनुमान सेतु एवं मंदिर हनुमान सेतु मंदिर कहलाता है। यह मंदिर नीम करौरी बाबा ने बनवाया है। इस मंदिर से लगा बाबा का भी एक मंदिर बना है। यह सेतु लखनऊ विश्वविद्यालय से हज़रतगंज को जोड़ता है। पहले इस स्थान पर मंकी ब्रिज हुआ करता था, जो १९७२ में आई गोमती नदी की बाढ़ में बह गया था। उस ही स्थान पर नया सेतु बना है। सेतु के किनारे ही लखनऊ विश्वविद्यालय का यूनियन भवन एवं केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआराई) की आवासीय कालोनी है। दूसरी ओर सेतु से उतरते ही परिवर्तन चौक है, जिसके दायीं ओर होटाल क्लार्क्स अवध एवं छतर मंजिल है। .

नई!!: गोमती नदी और हनुमान सेतु मंदिर · और देखें »

हरदोई

हरदोई भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की नगरपालिका और नगर है। यह हरदोई जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। .

नई!!: गोमती नदी और हरदोई · और देखें »

जयसमंद

ढेबर झील या जयसमंद झील पश्चिमोत्तर भारत के दक्षिण-मध्य राजस्थान राज्य के अरावली पर्वतमाला के दक्षिण-पूर्व में स्थित एक विशाल जलाशय है। यह राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। इस झील को एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील होने का गौरव प्राप्त है। यह उदयपुर जिला मुख्यालय से 51 कि॰मी॰ की दूरी पर दक्षिण-पूर्व की ओर उदयपुर-सलूम्बर मार्ग पर स्थित है। अपने प्राकृतिक परिवेश और बाँध की स्थापत्य कला की सुन्दरता से यह झील वर्षों से पर्यटकों के आकर्षण का महत्त्वपूर्ण स्थल बनी हुई है। यहां घूमने का सबसे उपयुक्त समय मानसून के समय है। झील के साथ वाले रोड पर केन से बने हुए घर बड़ा ही मनोरम दृश्य प्रस्तुत करते हैं। यह झील का सबसे सुन्दर दृष्य है। इसका निर्माण अलवर के महाराज जय सिंह ने 1910 में पिकनिक के लिए करवाया था। उन्होंने इस झील के बीच में एक टापू का निर्माण भी कराया था। .

नई!!: गोमती नदी और जयसमंद · और देखें »

गढ़वाल कुमाऊं के मेले

गढ़वाल - कुमाऊँ की संस्कृति यहाँ के मेलों में समाहित है। रंगीले कुमाऊँ के मेलों में ही यहाँ का सांस्कृतिक स्वरुप निखरता है। धर्म, संस्कृति और कला के व्यापक सामंजस्य के कारण इस अंचल में मनाये जाने वाले उत्सवों का स्वरुप बेहद कलात्मक होता है। छोटे-बड़े सभी पर्वों, आयोजनों और मेलों पर शिल्प की किसी न किसी विद्या का दर्शन अवश्य होता है। कुमाऊँनी भाषा में मेलों को कौतिक कहा जाता है। कुछ मेले देवताओं के सम्मान में आयोजित होते हैं तो कुछ व्यापारिक दृष्टि से अपना महत्व रखते हुए भी धार्मिक पक्ष को पुष्ट अवश्य करते है। पूरे अंचल में स्थान-स्थान पर पचास से अधिक मेले आयोजित होते हैं जिनमें यहाँ का लोक जीवन, लोक नृत्य, गीत एवं परम्पराओं की भागीदारी सुनिश्चित होती है। साथ ही यह धारणा भी पुष्टि होती है कि अन्य भागों में मेलों, उत्सवों का ताना बाना भले ही टूटा हो, यह अंचल तो आम जन की भागीदारी से मनाये जा रहे मेलों से निरन्तर समद्ध हो रहा है। मेला चारे जिस स्थान पर भी आयोजित हो रहा हो, उसका परिवेश कैसा भी हो, उसका परिवेश कैसा भी हो, अवसर ऐतिहासिक हो, सांस्कृतिक हो, धार्मिक हो या फिर अन्य कोई उल्लास से चहकते ग्रामीणों को आज भी अपनी संस्कृति, अपने लोग, अपना रंग, अपनी उमंग, अपना परिवार इन्हीं मेलों में वापस मिलते हैं। सुदूर अंचलों में तो बरसों का बिछोह लिये लोग मिलन का अवसर मेलों में ही तलाशते हैं। .

नई!!: गोमती नदी और गढ़वाल कुमाऊं के मेले · और देखें »

गोमती नदी (उत्तर प्रदेश)

गोमती उत्तर भारत में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। इसका उदगम पीलीभीत जिले में माधोटान्डा के पास होता है। इस नदी का बहाव उत्तर प्रदेश में ९०० कि.मी.

नई!!: गोमती नदी और गोमती नदी (उत्तर प्रदेश) · और देखें »

आर्यावर्त

आर्यावर्त प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में 'उत्तरी भारत' को आर्यावर्त (शाब्दिक अर्थ: आर्यों का निवासस्थान) कहा गया है। .

नई!!: गोमती नदी और आर्यावर्त · और देखें »

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय(अंग्रेजी: King George's Medical University), लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित एक आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय है। यह किंग जॉर्ज मेडिकल कालेज को विश्वविद्यालय में अपग्रेड कर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा १६ सितंबर, २००२ को स्थापित किया गया है। मूल महाविद्यालय की स्थापना १९११ में हुई थी। यह भारत एवं उत्तर प्रदेश के अन्य उत्कृष्ट आयुर्विज्ञान संस्थानों में से एक है। इसका परिसर शाहमीना मार्ग पर गोमती नदी के निकट चौक क्षेत्र में स्थित है। परिसर १००,०००वर्ग मीटर में फैला है एवं चारबाग रेलवे स्टेशन से ५ कि॰मी॰ दूर है। .

नई!!: गोमती नदी और किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय · और देखें »

कुन्दमाला

कुन्दमाला राम के उत्तर जीवन पर आधारित है जहां वे लोक अपवाद के कारण राम सीता का त्याग कर देते हैं। दिंनाग संस्कृत के एक प्रसिद्ध कवि थे। वे रामकथा पर आश्रित कुन्दमाला नामक नाटक के रचयिता माने जाते हैं। कुन्दमाला में प्राप्त आन्तरिक प्रमाणों से यह प्रतीत होता है कि कुन्दमाला के रचयिता कवि (दिंनाग) दक्षिण भारत अथवा श्रीलंका के निवासी थे। .

नई!!: गोमती नदी और कुन्दमाला · और देखें »

कुशभवनपुर

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले का प्राचीन नाम कुशभवनपुर था। पौराणिक मान्यतानुसार आज का सुल्तानपुर जिला पूर्व में गोमती नदी के तट पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान "श्री राम" के पुत्र कुश द्वारा बसाया गया कुशभवनपुर नाम का नगर था। खिलजी वंश के सुल्तान ने भरों को पराजित करके इस नगर को सुल्तानपुर नाम से बसाया।.

नई!!: गोमती नदी और कुशभवनपुर · और देखें »

कौसानी

कौसानी से दृश्यमान हिमालय पर्वतशृंखला कौसानी, गरुङ तहसील में भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत कुमाऊँ मण्डल के बागेश्वर जिले का एक गाँव है। भारत का खूबसूरत पर्वतीय पर्यटक स्‍थल कौसानी उत्तराखंड राज्‍य के अल्‍मोड़ा जिले से 53 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। यह बागेश्वर जिला में आता है। हिमालय की खूबसूरती के दर्शन कराता कौसानी पिंगनाथ चोटी पर बसा है। यहां से बर्फ से ढ़के नंदा देवी पर्वत की चोटी का नजारा बडा भव्‍य दिखाई देता हैं। कोसी और गोमती नदियों के बीच बसा कौसानी भारत का स्विट्जरलैंड कहलाता है। यहां के खूबसूरत प्राकृतिक नजारे, खेल और धार्मिक स्‍थल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। .

नई!!: गोमती नदी और कौसानी · और देखें »

केराकत

केराकत या किराकत उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी मण्डल के जौनपुर जिले में गोमती नदी के किनारे बसा हुआ एक शहर हैै। यह नगर पंचायत, तहसील मुख्यालय भी है तथा इसके नाम पर विधान सभा क्षेत्र का नाम भी केराकत विधानसभा क्षेत्र है। यह जौनपुर और औड़िहार से रेलमार्ग द्वारा जुड़ा है। यह के गाँव की जनसंख्या मुख्यतः कृषि और संबंधित आर्थिक गतिविधियों पर निर्भर करता है। शहर के आसपास के गांवों के रूप में बस्तियों की बड़ी संख्या हे जो शहर पर निर्भर है। शहर की एक प्रमुख विशेषता यह है कि गोमती नदी यहाँ यू-आकार में बहती है जो यहाँ की मिट्टी को उपजाऊ बनाती है। केराकत डाकघर भी है जिसका पिन कोड २२२१४२ है। इसकी स्थिती जौनपुर से २५ कि॰मी॰ पूर्व मे तथा वाराणसी से ४५ कि॰मी॰ दक्षिण में स्थित है। .

नई!!: गोमती नदी और केराकत · और देखें »

कॉल्विन तालुकेदार्स कालेज

कॉल्विन तालुकेदार्स कालेज लखनऊ में स्थित एक कालेज हैं। गोमती नदी के तट पर तकरीबन 80 एकड भूमि के विस्तार में फैले इस कालेज कॉल्विन तालुकेदार्स कालेज की स्थापना 11 मार्च 1891 को अवध और आगरा प्रान्त के मुख्य आयुक्त सर आक्लैन्ड काल्विन ने इसके मुख्य भवन की नींव रखी परन्तु वास्तव में यह विद्यालय वर्ष 1892 में प्रारंभ हो सका जब इसमें तत्कालीन रजवाडों और तालुकदार के पाल्यो ने दाखिला लिया। इसमें प्रवेश की एकमात्र तथा अंतिम शर्त राजघराने का पुत्र या पाल्य होना ही थी। यह संस्था विशुद्ध रूप से रजवाडों के पाल्यों को अंग्रजी माध्यम से शिक्षा दिलाने के लिये स्थापित की गयी थी अतः इसमें छात्रों की संख्या 50 से ऊपर न होती थी। जिस वर्ष इस की छात्र संख्या ने 100 का आंकडा छुआ उस दिन प्रसन्नतावश विद्यालय में एक दिन का अवकाश घोषित किया गया। .

नई!!: गोमती नदी और कॉल्विन तालुकेदार्स कालेज · और देखें »

उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

नई!!: गोमती नदी और उत्तर प्रदेश · और देखें »

उत्तरायणी मेला, बागेश्वर

उत्तरायणी मेला उत्तरांचल राज्य के बागेश्वर शहर में आयोजित होता है। तहसील व जनपद बागेश्वर के अन्तर्गत सरयू गोमती व सुष्प्त भागीरथी नदियों के पावन सगंम पर उत्तरायणी मेला बागेश्वर का भव्य आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन सगंम में स्नान करने से पाप कट जाते है बागेश्वर दो पर्वत शिखरों की उपत्यका में स्थित है इसके एक ओर नीलेश्वर तथा दूसरी ओर भीलेश्वर शिखर विद्यमान हैं बागेश्वर समुद्र तट से लगभग 960 मीटर की ऊचांई पर स्थित है। .

नई!!: गोमती नदी और उत्तरायणी मेला, बागेश्वर · और देखें »

उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

नई!!: गोमती नदी और उत्तराखण्ड · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

गोमती

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »