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गुणनखण्ड

सूची गुणनखण्ड

किसी वस्तु (जैसे - संख्या, बहुपद या मैट्रिक्स) को अन्य वस्तुओं के गुणनफल (product) के रूप में तोडने की क्रिया को गणित में गुणनखण्ड (factorization या factorisation) कहते हैं। किसी वस्तु के गुणनखण्डों को परस्पर गुणा करने पर वह मूल वस्तु पुनः प्राप्त हो जाती है। उदाहरण के लिये: १५ .

12 संबंधों: द्विघाती अवशेष, प्रारम्भिक बीजगणित, प्रॉब्लम (कंप्यूटर विज्ञान), बहुपद, मिलियन, शेषफल प्रमेय, शोर का अल्गोरिद्म, विभाजन (गणित), क्वाण्टम कम्प्यूटर, अभाज्य संख्या, उल्लेखनीय सर्वसमिकाएँ, १७२९ (संख्या)

द्विघाती अवशेष

संख्या सिद्धान्त में किसी पूर्णांक q को मापांक n का द्विघाती अवशेष (quadratic residue modulo n) कहते हैं यदि निम्नलिखित सम्बन्ध सत्य हो- जहाँ x कोई पूर्णांक है। इसके विपरीत यदि उपरोक्त सम्बन्ध x के किसी भी मान के लिए सत्य न हो तो q को मापांक n का द्विघात अनावशेष (nonresidue) कहते हैं। द्विघात अवशेष मूलतः संख्या सिद्धान्त की मॉड्युलर गणित नामक शाखा की संकल्पना (कांसेप्ट) थी। आजकल द्विघात अवशेषों का उपयोग ध्वनि इंजीनियरी, बीज-लेखन (क्रिप्टोग्राफी) तथा बहुत बड़ी संख्याओं के गुणनखण्ड निकालने में होता है। विषम अभाज्य n के लिए (n-1)/2 द्विघात अवशेष और इतने ही द्विघात अनावशेष होंगे। श्रेणी:संख्या सिद्धान्त.

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प्रारम्भिक बीजगणित

प्रारम्भिक बीजगणित (Elementary algebra) से आशय उस बीजगणित से है जो उन विद्यार्थियों को सिखाया जाता है जिनको गणित में केवल अंकगणित की कुछ जानकारी हो। बीजगणित एवं अंकगणित में सबसे बड़ा अन्तर यह है कि बीजगणित में अंकों के साथ-साथ चरों (variables) का भी प्रयोग किया जाता है (जैसे क, ख, ग, य, र, ल, a, b, x, y आदि)6 .

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प्रॉब्लम (कंप्यूटर विज्ञान)

"क्या पूर्णांक n एक अभाज्य पूर्णांक है?".

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बहुपद

7 घात वाले एक बहुपद का कार्तीय निरेशांक प्रणाली में ग्राफ प्रारंभिक बीजगणित में धन (+) और ऋण (-) चिह्नों से संबंद्ध कई पदों के व्यंजक (expression) को बहुपद (Polynomial) कहते हैं, यथा (3a+2b-5c).

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मिलियन

एक मिलियन (1,000,000) या एक हजार हजार, 999,999 के बाद और 1,000,001 से पहले की प्राकृत संख्या है। यह नाम इतालवी से व्युत्पन्न हुआ है, जहां 1,000 के लिए माइले (mille) और 1,000,000 के लिए मिलियोन (milione), "एक बड़ा हजार" का इस्तेमाल होता है। वैज्ञानिक संकेतन में इसे या सिर्फ 106 के रूप में लिखा जाता है। SI इकाइयों का व्यवहार करते समय SI उपसर्ग मेगा का इस्तेमाल करके भी भौतिक राशियों को व्यक्त किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, 1 मेगावाट 1,000,000 वाट के बराबर होता है। "मिलियन" शब्द छोटे पैमाने और लंबे पैमाने की संख्या पद्धति में सामान्य है, जो बड़ी संख्याओं से भिन्न होते हैं और दोनों पद्धतियों में इसके अलग-अलग नाम होते हैं। मिलियन का इस्तेमाल कभी-कभी अंग्रेजी भाषा में किसी बहुत बड़ी संख्या की उपमा के रूप में होता है, जैसे "नेवर इन ए मिलियन इयर्स" (लाखों वर्षों में कभी नहीं) और "यू'आर वन इन ए मिलियन" (तुम लाखों में एक हो), या एक अतिशयोक्ति के रूप में, जैसे "आई'हैव वॉक्ड ए मिलियन माइल्स" (मैं लाखों मील चल चुका हूं).

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शेषफल प्रमेय

बीजगणित में बहुपदी शेषफल प्रमेय, बहुपदी दीर्घ भाजन (polynomial long division) का एक अनुप्रयोग है। इस प्रमेय के अनुसार, किसी रेखीय भाजक (divisor) x-a\, से किसी बहुपद f(x)\, को भाग करने पर शेष r\, का मान f(a) के बराबर होता है। .

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शोर का अल्गोरिद्म

शोर का अल्गोरिद्म पूर्णांकों के गुणनखण्ड के लिए एक क्वांटम अल्गोरिद्म (क्वांटम कंप्यूटर पर चलने वाला अल्गोरिद्म) है जो पोलीनोमिअल टाइम में उत्तर दे देता है (कंप्यूटर विज्ञान में पोलीनोमिअल टाइम में उत्तर देने वाले अल्गोरिद्मों को तेज माना जाता है)। इसके विपरीत, गैर-क्वांटम कंप्यूटर पर पोलीनोमिअल टाइम में पूर्णांकों का गुणनखण्ड करने के लिए कोई भी अल्गोरिद्म ज्ञात नहीं है। .

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विभाजन (गणित)

'''20 ÷ 4 .

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क्वाण्टम कम्प्यूटर

प्रमात्रा संगणक (quantum computer) ऐसा संगणक है जो अपने कार्य के लिये अध्यारोपण एवं प्रमात्रा उलझाव (entanglement) जैसी प्रमात्रा यांत्रिक परिघटनाओं (quantum mechanical phenomena) का सीधे उपयोग करता है। प्रमात्रा अभिकलन (quantum computation) का मूल आधार यह है कि प्रमात्रा गुणों का उपयोग आंकड़ों के निरूपण एवं उन पर संक्रियाएँ करने के लिये किया जा सकता है। ब्लॉक् गोला (Bloch sphere), क्युबिट को निरूपित करता है। क्युबिट प्रमात्रा संगणक का आधारभूत रचना-खंड है। प्रमात्रा संगणक ट्रांसिस्टर पर आधारित परंपरागत संगणकों से भिन्न होते हैं। इसका सैद्धान्तिक प्रादर्श है- प्रमात्रा टूरिंग मशीन, जिसे सार्वत्रिक प्रमात्रा संगणक भी कहा जाता है। प्रमात्रा संगणकों की सैद्धान्तिक समानता, नॉन-डिटर्मिनिस्टिक तथा प्रायिकता आधारित ऑटोमैटन के साथ है। ऐसी समानता का उदाहरण है- एक से ज्यादा अवस्थाओं में एक साथ रह पाने की क्षमता। यद्यपि प्रमात्रा अभिकलन अभी अपनी शैशवावस्था में ही है, परन्तु ऐसे प्रयोग किये जा चुके हैं, जिनमें बहुत मामूली संख्या में क्युबिटों (प्रमात्रा बिटों) पर प्रमात्रा अभिकलन की संक्रियाएँ संपन्न की गयी हैं। प्रायोगिक तथा सैद्धान्तिक दोनों प्रकार के अनुसंधान जारी हैं। बहुत सी राष्ट्रीय सरकारें तथा सैन्य वित्तपोषक एजेन्सियाँ भी प्रमात्रा अभिकलन पर अनुसंधान को संबल देती हैं, ताकि नागरिक तथा राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों से (जैसे- कूटविश्लेषण (क्रिप्टैनालिसिस्)) प्रमात्रा संगणक का विकास किया जा सके। .

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अभाज्य संख्या

वे १ से बड़ी प्राकृतिक संख्याएँ, जो स्वयं और १ के अतिरिक्त और किसी प्राकृतिक संख्या से विभाजित नहीं होतीं, उन्हें अभाज्य संख्या कहते हैं। वे १ से बड़ी प्राकृतिक संख्याएँ जो अभाज्य संख्याँ (whole number) नहीं हैं उन्हें भाज्य संख्या कहते है। अभाज्य संख्याओं की संख्या अनन्त है जिसे ३०० ईसापूर्व यूक्लिड ने प्रदर्शित कर दिया था। १ को परिभाषा के अनुसार अभाज्य नहीं माना जाता है। प्रथम २५ अभाज्य संख्याएं नीचे दी गयीं हैं- 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, 23, 29, 31, 37, 41, 43, 47, 53, 59, 61, 67, 71, 73, 79, 83, 89, 97 अभाजय संख्याओं का महत्व यह है कि किसी भी अशून्य प्राकृतिक संख्या के गुणनखण्ड को केवल अभाज्य संख्याओं के द्वारा व्यक्त किया जा सकता है और यह गुणनखण्ड एकमेव (unique) होता है। इसे अंकगणित का मौलिक प्रमेय कहा जाता है। .

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उल्लेखनीय सर्वसमिकाएँ

यहाँ कुछ प्रमुख गुणनफल दिये गये हैं जिनके प्रयोग से गुणनखण्ड एवं अन्य कार्यों में बहुत सुविधा होती है। .

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१७२९ (संख्या)

संख्या 1729 को रामानुजन संख्या या हार्डी-रामानुजन संख्या कहा जाता है। यह वह संख्या है जिसे दो संख्याओं के घनों के योग के बराबर लिखा जा सकता है। इस प्रकार का गुण रखने वाली बहुत ही कम अन्य संख्याएँ हैं। श्रीनिवास रामानुजन् एक प्रकार से संख्याओं के जादूगर थे। संख्याओं के साथ उनका गहरा संबंध था। हम कह सकते हैं कि वे संख्याओं के साथ खेलते थे। श्रीनिवास रामानुजन जब इंग्लैंड में थे तो अक्सर बीमार रहते थे। उनके परामर्शदाता जी.एच.

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