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गुजरात

सूची गुजरात

गुजरात (गुजराती:ગુજરાત)() पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा जो अन्तर्राष्ट्रीय सीमा भी है, पाकिस्तान से लगी है। राजस्थान और मध्य प्रदेश इसके क्रमशः उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में स्थित राज्य हैं। महाराष्ट्र इसके दक्षिण में है। अरब सागर इसकी पश्चिमी-दक्षिणी सीमा बनाता है। इसकी दक्षिणी सीमा पर दादर एवं नगर-हवेली हैं। इस राज्य की राजधानी गांधीनगर है। गांधीनगर, राज्य के प्रमुख व्यवसायिक केन्द्र अहमदाबाद के समीप स्थित है। गुजरात का क्षेत्रफल १,९६,०७७ किलोमीटर है। गुजरात, भारत का अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है। कच्छ, सौराष्ट्र, काठियावाड, हालार, पांचाल, गोहिलवाड, झालावाड और गुजरात उसके प्रादेशिक सांस्कृतिक अंग हैं। इनकी लोक संस्कृति और साहित्य का अनुबन्ध राजस्थान, सिंध और पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के साथ है। विशाल सागर तट वाले इस राज्य में इतिहास युग के आरम्भ होने से पूर्व ही अनेक विदेशी जातियाँ थल और समुद्र मार्ग से आकर स्थायी रूप से बसी हुई हैं। इसके उपरांत गुजरात में अट्ठाइस आदिवासी जातियां हैं। जन-समाज के ऐसे वैविध्य के कारण इस प्रदेश को भाँति-भाँति की लोक संस्कृतियों का लाभ मिला है। .

1140 संबंधों: चना मसाला, चाँचई (धारी), चाँदगढ (अमरेली), चाँपाथल (अमरेली), चाडीया (अमरेली), चाणोद, चारण (जाति), चालुक्य राजवंश, चित्तल (अमरेली), चिंकारा, चिकन धानसआक, चिकन फार्चा, चंद्रलेखा (नर्तकी), चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान, चकली, चक्करगढ (अमरेली), चौदहवीं लोकसभा, चेतेश्वर पुजारा, चोला फाली, चीतल, टाटा पावर, टिप्पनी, टिंडोरो नू शाक, टैंगो चार्ली (2005 फ़िल्म), टेरी - ऊर्जा और संसाधन संस्थान, टॉडगढ, टीवी स्वामित्व के आधार पर भारत के राज्य, टींबला (अमरेली), टींबा (अमरेली), टीकाकरण कवरेज के आधार पर भारत के राज्य, एच॰आई॰वी जागरुकता के आधार पर भारत के राज्य, एन्टरप्रेन्योर डवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, एम सी छागला, एमए यूसुफ अली, एयर मार्शल एम एम इंजीनियर, एशियाई सिंह, एस सी जमीर, एस्सार रिफाइनरी, एजाज़ खान, एकनाथ वसंत चिटनिस, एकसदनीयता, एकी आन्दोलन, झाबुआ ज़िला, झाला, झकोलिया, ठाणे ज़िला, डच इस्ट इंडिया कंपनी, डांडियारास, डांग जिला, डाक सूचक संख्या, ..., डीडी गिरनार, ढंकगिरि, ढोलरवा (अमरेली), ढोकला, तपेदिक उपचार, तबूली, तमन्ना (धारावाहिक), तरवडा (अमरेली), तरकतलाव (अमरेली), तात्या टोपे, ताप्ती नदी, तापी जिला, तारापुरी पेटियो, तारक मेहता, तारक मेहता का उल्टा चश्मा, तंजानिया में भारतीय लोग, त्रिनेत्र गणेश, रणथम्भौर, त्रिपुर सुंदरी मंदिर, बांसवाड़ा, त्रिभुवनदास कृषिभाई पटेल, त्रिशंकु तारामंडल, त्रेवटी दाल, तैमूरलंग, तेली, तेजाजी, तीन द्वार, अहमदाबाद, थार मरुस्थल, थेपला, थोरडी (अमरेली), द गेटवे होटल्स एंड रिसॉर्ट्स, दमन और दीव, दर्शना जरदोश, दलपतराम, दलसुख दह्याभाई मलवानिया, दलिया सीरा, दशहरा, दसलाखी नगर, दही (योगहर्ट या योगर्ट), दहींडा (अमरेली), दादरा और नगर हवेली, दादूदयाल, दाबेली, दायभाग, दारा शूकोह, दाल ढोकली, दाल परांठा, दाल हलवा, दाहोद जिला, दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना, दिल्ली सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन, दिल्ली विश्‍वविद्यालय के भूतपूर्व छात्रों की सूची, दिलीप पटेल, दिलीप जोशी, दिशा वकानी, दिवालीबेन भील, दिव्य भास्कर, दिगम्बर, दक्षिण गुजरात की आदिवासी होली, दुर्गा पूजा, दुर्गाचार्य, द्रुतमार्ग (भारत), द्वादश ज्योतिर्लिंग, द्वारिका पीठ, द्वारिकाधीश मंदिर, द्वारका, द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध, दूधपाक, देशभूषण, देव जोशी, देवनागरी, देवनागरी का इतिहास, देवभूमि द्वारका जिला, देवराजीया (अमरेली), देवलीया (अमरेली), देवसिंह चौहान, देवजीभाई गोविंदभाई फतेपारा, दोहद लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, दीपसिंह शंकरसिंह राठोड, दीपक नृत्य, दीव किला, धरोई बाँध योजना, धान उत्पादन की मेडागास्कर विधि, धानुक जाति, धारी, धारी तहसील, धंधुका, ध्रांगधरा, ध्रांगध्रा रियासत, ध्रोल राज्य, धौथड़, धोड़, धोलावीरा, धोलका, धीरूभाई अम्बानी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी संस्थान, धीरूभाई अंबानी, नडियाद, नदियों पर बसे भारतीय शहर, नयन मोंगिया, नया खीजडीया (अमरेली), नरहरि परीख, नर्मदा नदी, नर्मदा जिला, नर्मदा घाटी परियोजना, नरेन्द्र मोदी, नानाभाई भट्ट (लोकभारती), नान्देज, नाम की व्युत्पत्ति के आधार पर भारत के राज्य, नायकी देवी, नारन भाई काछड़ीया, नारायण देसाई, नारायण सरोवर, नारायण साईं, नागभट्ट द्वितीय, नागभट्ट प्रथम, नागर, नागर शैली, नागरी लिपि, नागा साधु, नागार्जुन (रसायनशास्त्री), नागेश्वर मंदिर, द्वारका, नितिनभाई पटेल, निरमा, निर्धनता दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, निर्मल चंद्र विज, निलोफर चक्रवात, नवरात्रि, नवल किशोर शर्मा, नवसारी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, नवसारी 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इतिहास, पंचमहल लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, पंचमहाल जिला, पंचायत समिति (ब्लॉक), पंजाबी साहित्य, पंकज उधास, पुणे जंक्शन रेलवे स्टेशन, पुस्तक:भारत, पुस्तकालय का इतिहास, प्याज, प्रतापगढ़, राजस्थान, प्रद्युम्न कृष्ण काव, प्रबन्ध (संस्कृत), प्रबलसागर, प्रभातसिंह प्रतापसिंह चौहान, प्रस्तर मूर्तिकला, प्राची देसाई, प्रायद्वीप, प्राकृत साहित्य, प्रजनन दर के आधार पर भारत के राज्य, प्रवीण तोगड़िया, प्रीती सेनगुप्ता, प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान, पृथ्वी शॉ, पृथ्वीराज चौहान, पूनमबेन मादाम, पूर्णा वन्यजीव अभयारण्य, पूर्णिमा अरविंद पाकवास, पूर्णिया, पेयजल उपलब्धता के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, पोरबन्दर, पोरबन्दर बन्दरगाह, पोरबंदर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, पोरबंदर जिला, पोंगल, पीठवाजाल (अमरेली), पीपललग (अमरेली), पीपा क्षत्रिय, पीपावाव बंदरगाह, फतेपुर (अमरेली), फ़ारुख़ शेख़, फाफड़ा, फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस, बड़ा गरमली (धारी), बड़ोदरा, बडा भंडारीया (अमरेली), बडा माचीयाला (अमरेली), बडा माँडवडा (अमरेली), बडा गोखरवाला (अमरेली), बडा आँकडीया (अमरेली), बनासकांठा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, बनासकांठा जिला, बप्पा रावल, बलवंतराय मेहता, बहादुर शाह, गुजरात, बाटी, बाणमाता जी, बादाम पाक, बाबरा, बाबरी मस्जिद, बाबा बालकनाथ, बाबापुर (अमरेली), बाबू बजरंगी, बारडोली, बारडोली लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, बारडोली सत्याग्रह, बारहसिंगा, बाल पोषाहार के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, बाळासाहेब गंगाधर खेर, बासुंदी, बाजीराव मस्तानी (फ़िल्म), बावड़ी, बांटवा माणावदर, बांसवाड़ा, बांसवाड़ा जिला, बांसकाठा, बिट्टा सौर ऊर्जा संयंत्र, बजड़ी, बगसरा, बगोदरा, बंबई प्रेसीडेंसी, बक्षीपुर (अमरेली), ब्रह्मगुप्त, ब्राह्मणवाड़ा, ब्रिटिश राज, ब्रिटिश राज के दौरान भारत में प्रमुख अकाल की समयरेखा, ब्रज कुमार नेहरू, ब्रजभाषा साहित्य, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, बेट द्वारका, बेरोज़गारी की दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, बेक्ड पॉम्फ्रेट, बॉम्बे राज्य, बोटाद, बोटाद जिला, बीना, बीघा, बीकानेरी भुजिया, भड़ौच, भडोच का गुर्जर राज्य, भबई, भरूच लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, भरूच जिला, भारत, भारत में दशलक्ष-अधिक शहरी संकुलनों की सूची, भारत में धर्म, भारत में परमाणु ऊर्जा, भारत में पवन ऊर्जा, भारत में मौत की सज़ा, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की राजमार्ग संख्या अनुसार सूची, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार, भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची, भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची, भारत में सांस्कृतिक विविधता, भारत में संचार, भारत में सूर्य मंदिरों की सूची, भारत में हिन्दू धर्म, भारत में विमानक्षेत्रों की सूची, भारत में विश्वविद्यालयों की सूची, भारत में आए भूकम्पों की सूची, भारत में इस्लाम, भारत का प्रधानमन्त्री, भारत का भूगोल, भारत के चार धाम, भारत के तेल शोधनागारों की सूची, भारत के निजी विश्वविद्यालयों की सूची, भारत के प्रथम, भारत के प्रधान मंत्रियों की सूची, भारत के प्रमुख सागर-तटों की सूची, भारत के प्रशासनिक विभाग, भारत के प्राचीन विश्वविद्यालय, भारत के बायोस्फीयर रिजर्व, भारत के मानित विश्वविद्यालय, भारत के राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की सूची, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार, भारत के राष्ट्रीय उद्यान, भारत के राज्य (सकल घरेलू उत्पाद के अनुसार), भारत के राज्य (कर राजस्व के अनुसार), भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश, भारत के राज्य और संघ क्षेत्र और उनके दो वर्ण वाले कोड, भारत के राज्यकीय पुष्पों की सूची, भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की राजधानियाँ, भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की स्थापना तिथि अनुसार सूची, भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची जनसंख्या अनुसार, भारत के शहरों की सूची, भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, भारत के हवाई अड्डे, भारत के जल प्रपात, भारत के ज़िले, भारत के विश्व धरोहर स्थल, भारत के अभयारण्य, भारत के उच्च न्यायालयों की सूची, भारत की संस्कृति, भारत २०१०, भारत-पाकिस्तान सीमा, भारतमाला परियोजना, भारती एयरटेल, भारती शियाल, भारतीय नाम, भारतीय नैयायिक, भारतीय पत्थरों पर फारसी शिलालेख, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय प्रबन्धन संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना, भारतीय राज्य पशुओं की सूची, भारतीय राज्य पक्षियों की सूची, भारतीय राज्यों के प्रतीक, भारतीय राज्यों के राज्यपालों की सूची, भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूची, भारतीय लोक कला मण्डल, भारतीय लोकसंगीत, भारतीय शिल्प, भारतीय सिन्धु विद्यापीठ, भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्रियों की सूची, भारतीय वस्त्र, भारतीय वाहन पंजीकरण पट्ट, भारतीय विधायिकाओं के वर्तमान अध्यक्षों की सूची, भारतीय आम चुनाव, 2014, भारतीय आम चुनाव, 2014 के लिए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण, भारतीय आम चुनाव, २००९, भारतीय इतिहास तिथिक्रम, भारतीय इतिहास की समयरेखा, भारतीय क्रिकेट टीम, भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2008, भाल प्रदेश, भालका, भावनगर, भावनगर बन्दरगाह, भावनगर रियासत, भावनगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, भावनगर जिला, भागवत पुराण, भाकड़ा, भुज, भुज रुद्र माता वायुसेना बेस, भूचर मोरी, भूरे दालचीनी वाले चावल, भोयानी तीर्थ, भीनमाल, भीमराव आंबेडकर के नाम पर दिए जाने वाले पुरस्कार, भील, मठ, मठिया, मणिबेन पटेल, मणिलाल गांधी, मदर इण्डिया, मध्य प्रदेश, मनसुख भाई वसावा, मनुभाई राजाराम पंचोली, मनोज जोशी, मनोज खंडेरिया, ममुआरा, मराठा, मराठी भाषा, मलिक काफूर, मलूकदास, मसाला पूरी, मसाला सुपारी, महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, महात्मा गांधी, महात्मा गांधी सम्मान, महादेव देसाईं, महाभारत, महाराणा कुम्भा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों की सूची, महाराज सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय, महाशिवरात्रि, महिला सुरक्षा के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, महेसाणा जिला, महीसागर जिला, माँगवापाल (अमरेली), मादक पेय, माधव सिंह सोलंकी, मानसरोवर (कथासंग्रह), मानव तस्करी की घटनाओं के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूची, मानव गोहिल, मानेसर, मानेक चौक, अहमदाबाद, मारवाड़ी भाषा, मारुति सुजुकी, मालदीव, मालवण (अमरेली), माळीला (अमरेली), माही नदी, मांडवी लोकसभा क्षेत्र, मांडवी, गुजरात, मिनलदेवी, मिश्री, मंडन सूत्रधार, मकर संक्रान्ति, मकाजी मेघपर, मकई ना भर्ता, मक्का (अनाज), मुम्बई, मुग़ल वास्तुकला, मुंबई समाचार, मुंबई का इतिहास, मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, मुकेश अंबानी, मौसम्बी, मृणालिनी साराभाई, मृदा, मृदा संरक्षण, मैत्रक राजवंश, मेडी (अमरेली), मेदिनी राय (राजपूत राजा), मेरुतुङ्ग, मेहसाना, मेहसाना लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, मोडासा, मोढेरा, मोढेरा सूर्य मंदिर, मोणपुर (अमरेली), मोदी, मोरबी, मोरबी जिला, मोहन भागवत, मोहन कुन्दरिया, मोहम्मद बुरहानुद्दीन, मोहम्मद मांकड, मीडिया की पहुँच के आधार पर भारत के राज्य, युसूफ पठान, युगाण्डा से भारतीयों का निष्कासन, योगेश्वर, रँगपुर (अमरेली), रणथम्भोर दुर्ग, रणजी ट्रॉफी 2017-18, रणजीतराम महेता, रमनलाल नीलकण्ठ हास्य पारितोषिक, रमनलाल सी मेहता, रमेश भाई ओझा, रहीम, राँढीया (अमरेली), राठवा, राठी गोवंश, रानी की वाव, राम नाथ कोविन्द, राम सुतार, रामदरश मिश्र, रामसिंहभाई राठवा, रायोलाइट, राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड, राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल, राष्ट्रीय बाल श्री सम्मान, राष्ट्रीय राजमार्ग १४, राष्ट्रीय राजमार्ग १५, राष्ट्रीय राजमार्ग २२८, राष्ट्रीय राजमार्ग ६, राष्ट्रीय राजमार्ग ८, राष्ट्रीय राजमार्ग ८ए, राष्ट्रीय राजमार्ग ८डी, राष्ट्रीय राजमार्ग ८बी, राष्ट्रीय राजमार्ग ८सी, राष्ट्रीय राजमार्ग ८ई, राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल, राजदीप सरदेसाई, राजपुताना, राजपूत, राजपीपला, राजभवन (गुजरात), राजस्थली (अमरेली), राजस्थान, राजस्थान में जौहर और साके, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम, राजस्थानी भाषा और साहित्य, राजा धच, राजा रवि वर्मा, राजकोट, राजकोट लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, राजकोट जिला, राज्य पुनर्गठन आयोग, राजेन्द्रसिंहजी जड़ेजा, राजेश चुडासमा, राजेश काव, रावण हत्था, रावो, रिंगन नू ओलू, रविन्द्र जडेजा, रविशङ्कर महाराज, रवे, रंजनबेन भट्‌ट, रुद्र महालय, रुद्रावतार, रैबारी, रोहित शर्मा, रीकडीया (अमरेली), लल्लू लाल, लाठी तहसील, लापालिया (अमरेली), लापासरी, लालावदर (अमरेली), लालकृष्ण आडवाणी, लास्या, लिसान उद-दावत, लिंगानुपात के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, लखपत, लगनशाला स्ट्यू, लगानो सास, लक्ष्मणराव इनामदार, लक्ष्मी विलास महल, लूणी नदी, लेंटिना ओ ठक्कर, लो कॉस्ट स्टैंडर्ड थेराप्यूटिक्स, लोथल, लोक सभा, लोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूची, लोकगाथा, लीलाधर वाघेला, लीलवा नु भात, लीलीया, शँभुपरा (अमरेली), शबरी धाम, शमाप्रसाद रूपशंकर वसवदा, शहरी भूमि सीलिंग अधिनियम, शारदा मुखर्जी, शाह ई आलम, शिवानी, शक, श्यामजी कृष्ण वर्मा, श्री तरंग तीर्थ, श्री नाथजीदादा की जग्या - दाणीधार, श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, श्रीपाद दामोदर सतवलेकर, श्रीमद राजचन्द्र, श्रीलंका क्रिकेट टीम का भारत दौरा 2014-15, श्रीखंड, शेडुभार (अमरेली), शेफाली ज़ारीवाला, शेव्रोले, सचिन–जिगर, सणोसरा (अमरेली), सफेद दाग, सबसे सघन आबादी वाले शहर, समुद्री राष्ट्रीय उद्यान, कच्छ की खाड़ी, सम्माँ राजवंश, सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी, सरँभडा (अमरेली), सरदार पटेल विश्वविद्यालय, सरदार सरोवर परियोजना, सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम, वलसाड, सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम, अहमदाबाद, सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत, सरस्वती नदी, सरस्वतीचन्द्र (उपन्यास), सरसों, सरसों का तेल, साँगाडेरी (अमरेली), साड़ी, साधारण नमक, सानंद, सानोदा (ता. दहेगाम), साबरमती नदी, साबरमती आश्रम, साबरकांठा जिला, साबरकंठा, साबरकंठा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, सारस (पक्षी), साल्सेट द्वीप, साली बोटी, साजीयावदर (अमरेली), सावरकुंडला, सांझी पर्व, साक्षरता दर के आधार पर भारत के राज्य, सिदी, सिन्धु-गंगा के मैदान, सिन्धी भाषा, सिमी, सिसोदिया (राजवंश), सिविल विमानक्षेत्र हारनी, सिंधिया, सिंधु घाटी सभ्यता, सिंह (पशु), सिंहल साहित्य, सविता आंबेडकर, संदेश दैनिक, संस्थागत प्रसव के आधार पर भारत के राज्यों की सूची, संजीव कुमार, संग्राम पदक, सुतार फेणी, सुनीता विलियम्स, सुपद्मव्याकरण, सुरगपुरा (अमरेली), सुरकोटाडा, सुरेन्द्र सिंह बघेल, सुरेन्द्रनगर, सुरेन्द्रनगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, सुरेन्द्रनगर जिला, सुरेश मेहता, सुल्तान अहमद शाह, सुखलालजी सांघवी, सुंधा माता, सुकावनी, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, स्थापित ऊर्जा उत्पादन क्षमता के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र, स्मृति मंधाना, स्मृति ईरानी, स्वतन्त्रता के बाद भारत का संक्षिप्त इतिहास, स्वतंत्र पार्टी, स्वदेश (हिन्दी समाचारपत्र), स्वर्णिम गुजरात स्पोर्ट्स युनिवर्सिटी, स्वामिनारायण, स्वामी दयानन्द सरस्वती, स्‍वतंत्रता दिवस (भारत), सौराष्ट्र, सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, सूनवाली, सूरत, सूरत थानी, सूरत लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, सूरत जिला, सूरत विमानक्षेत्र, सूरजकुण्ड हस्तशिल्प मेला, सूर्य ग्रहण, सेंट जेवियर्स हाई स्कूल, लोयोला हॉल, अहमदाबाद, सोनल मानसिंह, सोनारीया (अमरेली), सोनगढ़, सोमनाथ मन्दिर, सी आर पाटिल, हठीसिंह परिवार, हमारी देवरानी, हरमीत देसाई, हरसौंठ, हरिभाई चौधरी, हरियाणा का केंद्रीय विश्वविद्यालय, हरिजन आन्दोलन, हर्षल पटेल, हरीपुरा (अमरेली), हल्वासन, हसमुख अधिया, हाफूस (आम), हार्दिक पटेल, हार्दिक पांड्या, हाल की घटनाएँ दिसंबर २००७, हालार, हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार, हिन्दुओं का उत्पीड़न, हिन्दी, 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पद्म भूषण धारक, १९९९ में पद्म भूषण धारक, २ सितम्बर, २००१ में पद्म भूषण धारक, २००४ में पद्म भूषण धारक, २००९ में पद्म भूषण धारक, २०१५ भारतीय स्वाइन फ्लू का प्रकोप, २०१७ अमरनाथ यात्रा आक्रमण, 2002 की गुजरात हिंसा, 2014 भारत - पाकिस्तान बाढ़, 2015 गुजरात बाढ़, 2017 दक्षिण एशिया बाढ़, 2017 गुजरात बाढ़, 2017 इस्तानबुल नाईट क्लब हमला सूचकांक विस्तार (1090 अधिक) »

चना मसाला

छोले कुल्चे उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध व्यंजन है। चना मसाला बनाने में प्रयुक्त सामग्री चना मसाला भारतीय खाने की एक प्रसिद्ध सब्जी है। इसमें मुख्य सामग्री काबुली चना है। यह तेज मसाले की चटपटी सब्जी होती है। यह दक्षिण एशिया पर्यन्त मिलती है, जिसमें यह उत्तर भारत में सबसे प्रचलित है। .

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चाँचई (धारी)

चाँचई (ચાંચઇ.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। चाँचई गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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चाँदगढ (अमरेली)

चाँदगढ (ચાંદગઢ.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। चाँदगढ गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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चाँपाथल (अमरेली)

चाँपाथल (ચાંપાથળ.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। चाँपाथल गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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चाडीया (अमरेली)

चाडीया (ચાડીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। चाडीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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चाणोद

चाणोद पश्चिम भारतीय राज्य गुजरात के वलसाड जिले का एक कस्बा है। .

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चारण (जाति)

चरण एक जाति है को सिंध, राजस्थान और गुजरात में निवास करती है। .

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चालुक्य राजवंश

चालुक्य प्राचीन भारत का एक प्रसिद्ध क्षत्रिय राजवंश है। इनकी राजधानी बादामी (वातापि) थी। अपने महत्तम विस्तार के समय (सातवीं सदी) यह वर्तमान समय के संपूर्ण कर्नाटक, पश्चिमी महाराष्ट्र, दक्षिणी मध्य प्रदेश, तटीय दक्षिणी गुजरात तथा पश्चिमी आंध्र प्रदेश में फैला हुआ था। .

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चित्तल (अमरेली)

चित्तल (ચિત્તલ.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। चित्तल गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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चिंकारा

चिंकारा दक्षिण एशिया में पाया जाने वाला एक प्रकार का गज़ॅल है। यह भारत, बांग्लादेश के घास के मैदानों और मरुभूमि में तथा ईरान और पाकिस्तान के कुछ इलाकों में पाया जाता है। इसकी ऊँचाई कन्धे तक ६५ से.मी.

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चिकन धानसआक

चिकन धानसआक एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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चिकन फार्चा

चिकन फार्चा एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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चंद्रलेखा (नर्तकी)

चंद्रलेखा भारत की एक नर्तक और कोरियोग्राफर थी जिनका पूरा नाम चंद्रलेखा प्रभुदास पटेल था, जिनका जन्म ६ दिसंबर १९२८ को हुआ था और मृत्यु ३० दिसंबर २००६ को। वह भरतनाट्यम को मार्शल आर्ट्स जैसे कलारिपैयट्टू की फ्यूज़िंग की एक बेहतरीन प्रतिपादक थी। वह एक अज्ञेयवादी डॉक्टर पिता और महाराष्ट्र के वाडा में एक धर्माभिमानी हिंदू माता के घर पैदा हुई थी। उन्होंने अपने बचपन को गुजरात और महाराष्ट्र में बिताया। २००४ में संगीत नाटक अकादमी, संगीत नाटक अकादमी के लिए भारत की नेशनल एकेडमी, नृत्य और ड्रामा का सर्वोच्च पुरस्कार उन्हें प्रदान किया गया था। हाई स्कूल पूरा करने के बाद, चंद्रलेखा ने कानून का अध्ययन किया, परन्तु इसके बजाय नृत्य सीखने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी। उन्होंने दसी अट्टम जो की दक्षिणी भारत के मंदिर नर्तकियों द्वारा किया जाता है, उसका अधयन्न किया। वह अपनी नृत्य शिक्षा में बालासरस्वती और रूक्मिणी देवी अरुंडेल से भी प्रभावित थीं। परन्तु उनकी कोरियोग्राफी से पता चलता है कि वह अपने पूर्व अभ्यास से ज्यादा प्रभावित थी। चंद्रलेखा शिरिरा नामक नृत्य प्रारुप में अपने कुख्यात योगदान के लिए जानी जाती है। उन्होंने कई अन्य पुरुस्कार भी प्राप्त किए हैं.

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चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान

चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान एक युनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जो कि भारत में स्थित है। इसे इस सूची में सन 2004 में सम्मिलित किया गया था। यहां वृहत स्तर पर उत्खनित पुरातात्विक, ऐतिहासिक एवं जीवित सांस्कइतिक धरोहर सम्पत्ति की बहुतायत है, जो कि एक प्रभावशाली भूखण्ड में सिमटी हुई है। इसमें प्रागैतिहासिक चैकोलिथिक स्थल, एक प्राचीन हिन्दू राज्य की राजधानी का एक महल व किला व सोलहवीं शताब्दी के गुजरात प्रदेश की राजधानी के अवशेष हैं। यहां अन्य पदांकों सहित, किले, प्रासाद, धार्मिक इमारतें, आवासीय अहाते, कृषि चिह्न व जल आपूर्ति निर्माण कार्य के आठवीं शताब्दी से लेकर चौदहवीं शताब्दी तक के अनेक स्थल हैं। जामी मस्जिद की मीनारें पावागढ़ पहाड़ी के शिखर पर बना कालिका माता मंदिर, अति पावन स्थल माना जाता है। यहां वर्ष पर्यन्त बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यह स्थल एकमात्र पूर्ण एवं अपरिवर्तित इस्लामिक मुगल-पूर्व नगर है। इस शहर पर वास्तुकार करण ग्रोवर द्वारा बहुत ध्यान दिया गया है, जिन्होंने काफी समय व प्रयास किये हैं, इस शहर को पुनर्स्थापित व सुधार करने हेतु। साथ ही इस भारतीय विरासत के पुनर्स्थापन में काफी योगदान भी दिया है। चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क में अनेकों स्मारक स्थित है जिनमे से 38 स्मारकों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के दायरे में लिया गया हैं। सर्वेक्षण में धरोहर का संरक्षण तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयत्न किये जा रहे हैं साथ ही साथ पर्यावरण के संरक्षण का कार्य भी किया जा रहा है। thumb .

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चकली

चकली एक गुजरात व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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चक्करगढ (अमरेली)

चक्करगढ (ચક્કરગઢ.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। चक्करगढ गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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चेतेश्वर पुजारा

चेतेश्वर अरविंद पुजारा (जन्म: २५ जनवरी १९८८, राजकोट, गुजरात) एक भारतीय टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी हैं। पुजारा एक दाँये हाथ के बल्लेबाज हैं, जो घरेलू क्रिकेट में सौराष्ट्र और इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरू की ओर से खेलते हैं। टेस्ट क्रिकेट में पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ २०१० की घरेलू शृंखला के दूसरे क्रिकेट टेस्ट मैच में पदार्पण किया। घायल वी वी एस लक्ष्मण के स्थानापन्न के तौर पर शामिल पुजारा पहली पारी में केवल तीन गेंदों का सामना कर एक चौके की सहायता से चार रन बनाकर आउट हो गये। पुजारा ऐसे पाँचवें भारतीय बल्लेबाज़ हैं जिसने अपनी पहले ही मैच में चौथी पारी में अर्द्धशतक बनाया। चेतेश्वर पुजारा का टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक स्कोर २०६ है। ये अब तक अपने टेस्ट क्रिकेट कैरियर में कुल २ दोहरे शतक लगा चुके हैंजो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। .

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चोला फाली

चोला फाली एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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चीतल

चीतल, या चीतल मृग, या चित्तिदार हिरन हिरन के कुल का एक प्राणी है, जो कि श्री लंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, भारत में पाया जाता है। पाकिस्तान के भी कुछ इलाकों में भी बहुत कम पाया जाता है। अपनी प्रजाति का यह एकमात्र जीवित प्राणी है। .

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टाटा पावर

टाटा पावर टाटा घराने की एक कम्पनी है जो निजी क्षेत्र में विद्युत का उत्पादन, संप्रेषण एवं वितरण का काम करती है। बिजली वितरण के क्षेत्र में तो यह पहले से कार्यरत थी लेकिन बिजली उत्पादने के क्षेत्र में इसकी विस्तार की महत्वाकांक्षी योजना है। जमशेदपुर के छोटागोविंदपुर से लगे जोजोबेड़ा में प्रायोगिक तौर पर बिजली के उत्पादन के बाद पहले चरण में धनबाद के मैथन, गुजरात के मुनरा व उड़ीसा के कटक (नारजमाथापुर) में नयी यूनिट लगा रही है। .

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टिप्पनी

टिप्पनी गुजरात का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:गुजरात के लोक नृत्य.

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टिंडोरो नू शाक

टिंडोरो नू शाक एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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टैंगो चार्ली (2005 फ़िल्म)

टैंगो चार्ली (अंग्रेजी; Tango Charlie) वर्ष २००५ की हिंदी भाषा में बनी, युद्ध आधारित फ़िल्म है जिसका लेखन एवं निर्देशन मणि शंकर ने किया है। फ़िल्म में कई अदाकर जैसे अजय देवगन, बाॅबी द्योल, संजय दत्त, सुनील शेट्टी, तनीषा, नंदना सेन, तथा सुदेश बैरी आदि शामिल है। फ़िल्म का सार तरुण चौहान (द्योल) नामक अर्द्धसैनिक से भारतीय सीमा सुरक्षा बल में बतौर नव नियुक्त सिपाही के तथाकथित युद्ध में कठोर अनुभवों पर केंद्रित है। फ़िल्म में प्रस्तुत किया गया है कि सच्चे सिपाही जन्म नहीं लेते, बस बन जाते हैं। फ़िल्म में भारत के विभिन्न भागों में पनपते आंतरिक द्रोह एवं अतिवाद को दिखाया गया है, तथा बीबीसी पत्रकार जसप्रीत पांडोहर के वर्णन में यह "यह भारत में फैले आतंकवाद, हिंसा और उनसे जुझते लोगों की वीरता को जानने का नया रुचिकर अध्याय खोलती है।" अंग्रेजी अखबार द हिन्दू ने फ़िल्म के विषय में लिखते है "इस कठोर विषय को सामना करने के लिए पर्याप्त साहस की जरूरत है" तथा "यह एक साहसिक कदम है जहाँ भारतीय पत्रकारिता जाने से बचती है।" .

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टेरी - ऊर्जा और संसाधन संस्थान

ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान, जो आमतौर पर टेरी के नाम से जाना जाता है (पूर्व में टाटा ऊर्जा अनुसंधान संस्थान), १९७४ में स्थापित, ऊर्जा, पर्यावरण और टिकाऊ विकास के क्षेत्रों में अनुसंधान गतिविधियों पर केंद्रित नई दिल्ली में आधारित शोध संस्थान है। .

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टॉडगढ

अजमेर जि‍ले के अंन्‍ति‍म छोर में अरावली पर्वत श्रृंखला में मन मोहक दर्शनीय पर्यटक स्‍थल टॉडगढ़ बसा हुआ है जि‍सके चारो और एवं आस पास सुगंन्‍धि‍त मनोहारी हरि‍याली समेटे हुए पहाडि‍या एवं वन अभ्‍यारण्य है। क्षेत्र का क्षेत्रफल 7902 हैक्‍टेयर है जि‍नमें वन क्षेत्र 3534 हैक्‍टेयर, पहाडि‍या 2153 हैक्‍टेयर, काश्‍त योग्‍य 640 हैक्‍टेयर है। टॉडगढ़ को राजस्‍थान का मि‍नी माउण्‍ट आबू भी कहते हैं, क्‍यों कि‍ यहां की जलवायु माउण्‍ट आबू से काफी मि‍लती है व माउण्‍ट आबू से मात्र 5 मीटर समुद्र तल से नीचा हैं। टॉडगढ़ का पुराना नाम बरसा वाडा था। जि‍से बरसा नाम के गुर्जर जाति‍ के व्‍यक्‍ति‍ ने बसाया था। बरसा गुर्जर ने तहसील भवन के पीछे देव नारायण मंदि‍र की स्‍थापना की जो आज भी स्‍थि‍त है। यहां आस पास के लोग बहादुर थें एवं अंग्रेजी शासन काल में कि‍सी के वश में नही आ रहे थे, तब ई.स. 1821 में नसीराबाद छावनी से कर्नल जेम्‍स टॉड पोलि‍टि‍कल ऐजेन्‍ट (अंग्रेज सरकार) हाथि‍यो पर तोपे लाद कर इन लोगो को नि‍यंत्रण करने हेतु आये। यह कि‍सी भी राजा या राणा के अधीन नही रहा कि‍न्‍तु मेवाड़ के महाराणा भीम सि‍ह ने इसका नाम कर्नल टॉड के नाम पर टॉडगढ़ रख दि‍या तथा भीम जो वर्तमान में राजसमंद जि‍ले में हैं टॉडगढ़ से 14कि‍मी दूर उत्‍तर पूर्व में स्‍थि‍त है, का पुराना नाम मडला था जि‍सका नाम भीम रख दि‍या। 1857 ई.स. में भारत की आजादी के लि‍ये हुए आंदोलन के दौरान ईग्‍लेण्‍ड स्‍थि‍त ब्रि‍टिश सरकार ने भारतीय सेना में कार्यरत सैनि‍को को धर्म परि‍वर्तित करने एवं ईसाई बनाने हेतु इग्‍लेण्‍ड से ईसाई पादरि‍यो का एक दल जि‍समें डॉक्‍टर, नर्स, आदि‍ थें ये दल जल मार्ग से बम्‍बई उतरकर माउण्‍ट आबू होता हुआ ब्‍यावर तथा टॉडगढ़ आया। धर्म परि‍वर्तन के वि‍रोध में टॉडगढ़ तथा ब्‍यावर में भारी वि‍रोध हुआ जि‍ससे दल वि‍भाजि‍त होकर ब्‍यावर नसीराबाद, तथा टॉडगढ़ में अलग अलग वि‍भक्‍त हो गया। टॉडगढ़ में इस दल ने वि‍लि‍यम रॉब नाम ईसाई पादरी के नेतृत्‍व में ईसाई धर्म प्रचार करना प्रारम्‍भ कि‍या। शाम सुबह नजदीक की बस्‍ति‍यो में धर्म परि‍वर्तन के लि‍ये जाते तथा दि‍न को चर्च एवं पादरी हाउस/टॉड बंगला (प्रज्ञा शि‍खर) का निर्माण कार्य करवाया। सन् 1863 में राजस्‍थान का दूसरा चर्च ग्राम टॉडगढ़ की पहाडी पर गि‍रजा घर बनाया और दक्षि‍ण की और स्‍थि‍त दूसरी पहाडी पर अपने रहने के लि‍ये बंगला बनाया जि‍समें गि‍रजा घर के लि‍ये राज्‍य सरकार द्वारा राशि‍ स्‍वीकृत की है। पश्‍चि‍म में पाली जि‍ला की सीमा प्रारम्‍भ, समाप्‍त पूर्व उत्‍तर व दक्षि‍ण में राजसमंद जि‍ला समाप्‍ति‍ के छोर से आच्‍छादि‍त पहाडि‍या प्राकृति‍क दृश्‍य सब सुन्‍दरता अपने आप में समेटे हुए है। प्रथम वि‍श्‍वयुद्ध के दौरान टॉडगढ़ क्षेत्र से 2600 लोग (सैनि‍क) लडने के लि‍ये गये उनमें से 124 लागे (सैनि‍क) शहीद हो गये जि‍नकी याद में ब्रि‍टि‍श शासन द्वारा पेंशनर की पेंशन के सहयोग से एक ईमारत बनवाई “फतेह जंग अजीम” जि‍से वि‍क्‍ट्री मेमोरि‍यल धर्मशाला काहा जाता है। (जि‍समें लगे शि‍लालेख में इसका हवाला है।) प्राचीन स्‍थि‍ति‍ में कुम्‍भा की कला व मीरा की भक्‍ति‍ का केन्‍द्र मेवाड रण बांकुरे राठौडो का मरूस्‍थलीय मारवाड। मेवाड और मारवाड के मध्‍य अरावली की दुर्गम उपत्‍यकाओं में हरीति‍मायुक्‍त अजमेर- मेरवाडा के संबोधन से प्रख्‍यात नवसर से दि‍वेर के बीच अजमेर जि‍ले का शि‍रोमणी कस्‍बा हैं। इति‍हासकार कर्नल जेम्‍स टॉड “राजपूताना का इति‍हास” (ANNALS ANTIQUITIAS OF RAJASTHAN) के रचि‍यता की कर्मभूमि‍ बाबा मेषसनाथ व भाउनाथ की तपोभूमि‍ क्रान्‍ति‍कारी बीर राजूडा रावत, वि‍जय सि‍ह पथि‍क, व राव गोपाल सिंह खरवा के गौरव का प्रतीक, पवि‍त्र दुधालेश्‍वर महादेव की उपासनीय पृश्ष्‍ठभूमि‍ यही नही बहुत कुछ छुपा रहस्‍य हैं टॉडगढ़ ! .

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टीवी स्वामित्व के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची घरों में टीवी की उपलब्धता के आधार पर है। यह जानकारी एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण व्यापक-पैमाने, बहु-दौरीय सर्वेक्षण है जो अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आई॰आई॰पी॰एस), मुंबई द्वारा कराया जाता है जो परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

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टींबला (अमरेली)

टींबला (ટીંબલા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। टींबला गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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टींबा (अमरेली)

टींबा (ટીંબા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। टींबा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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टीकाकरण कवरेज के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची उस प्रतिशतानुसार जिसमें १२-२३ महीनों के बच्चों को सभी सुझावित टीके दिए गए। यह जानकारी एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण व्यापक-पैमाने, बहु-दौरीय सर्वेक्षण है जो अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आई॰आई॰पी॰एस), मुंबई द्वारा कराया जाता है जो परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

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एच॰आई॰वी जागरुकता के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची राज्यों में एच॰आई॰वी जागरुकता के आधार पर है। यह जानकारी एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण व्यापक-पैमाने, बहु-दौरीय सर्वेक्षण है जो अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आई॰आई॰पी॰एस), मुंबई द्वारा कराया जाता है जो परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

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एन्टरप्रेन्योर डवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया

एन्टरप्रेन्योर डवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (ई.डी.आई. या ई.डी.आई.आई) एक अलाभ संस्था है, जिसकी स्थापना भारत में उद्यमिता को उत्साहित करने हेतु की गयी है। इसका मुख्यालय गुजरात के अहमदाबाद में स्थित है। इसकी स्थापना १९८३ में भारतीय औद्योगिक विकास बैंक, भारतीय औद्योगिक वित्त निगम, इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया, (आई सी आई सी आई) एवं भारतीय स्टेट बैंक की स्पॉन्सरशिप से हुई थी। यह संस्थान अहमदाबाद विमानक्षेत्र के निकट गांधीनगर जिला, गुजरात में स्थित है। .

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एम सी छागला

महोम्मेदाली करीम चागला (एम.सी.छागला) (30 सितंबर 1900-9 फ़रवरी 1981) एक प्रसिद्ध भारतीय न्यायधीश, राजनयिक तथा कैबिनेट मंत्री थे, जिन्होनें 1948 से 1958 तक बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा की थी। .

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एमए यूसुफ अली

एमए यूसुफ अली से एक भारतीय व्यापारी है Nattika में त्रिशूर जिले के केरल.

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एयर मार्शल एम एम इंजीनियर

एयर मार्शल एम एम इंजीनियर को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७२ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये गुजरात से हैं। श्रेणी:१९७२ पद्म भूषण श्रेणी:1921 में जन्मे लोग श्रेणी:१९९७ में निधन.

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एशियाई सिंह

वयस्क भारतीय सिंह एशियाई सिंह (वैज्ञानिक नाम: Panthera leo persica), शेर की एक प्रजाति है जो केवल भारत के गुजरात राज्य में पायी जाती है। इसलिये इसे 'भारतीय शेर' भी कहते हैं। शेर की एक प्रजाति है। एशियाई सिंहों की संख्या बहुत कम बची है और यह लुप्तप्राय प्रजाति की श्रेणी में रखी गयी है। .

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एस सी जमीर

एस सी जमीर (जन्म: 17 अक्टूबर 1931) एक भारतीय राजनेता हैं, जो उड़ीसा के वर्तमान राज्यपाल हैं। इसके पूर्व वे नागालैंड के मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा के राज्यपाल रह चुके हैं। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संलग्न हैं।, PTI (द हिन्दू), 19 जुलाई 2008.

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एस्सार रिफाइनरी

एस्सार रिफाइनरी वाडीनार, गुजरात, भारत में एक तेल शोधक कारखाना है। इसका स्वामित्व और संचालन एस्सार ऑयल द्वारा किया जाता है। यह दुनिया में सबसे बड़े एकल स्थान रिफाइनरियों मे से एक है। .

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एजाज़ खान

एजाज़ खान एक भारतीय बॉलीवुड फ़िल्म अभिनेता हैं। इन्होने अपने अभिनय की शुरुआत एक, रक्त्र चरित्र आदि फिल्मों से की थी। .

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एकनाथ वसंत चिटनिस

एकनाथ वसंत चिटनिस को भारत सरकार द्वारा विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में सन १९८५ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये गुजरात से हैं। श्रेणी:१९८५ पद्म भूषण.

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एकसदनीयता

सरकारी व्यवथाओं में एकसदनीयता (unicameralism) उस विधि को कहते हैं जिसमें विधायिका (legislature) में एक सदन हो। उदाहरण के लिये भारत के गुजरात राज्य में एक-सदन की विधान सभा ही है (यानि विधान परिषद है ही नहीं)। राष्ट्रीय स्तर पर भारत में द्विसदनीयता (bicameralism) है क्योंकि भारतीय संसद में लोक सभा व राज्य सभा को अलग रखा गया है, लेकिन फ़िलिपीन्स जैसे कुछ देशों में एकसदनीय संसदें हैं। .

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एकी आन्दोलन

1917 ई. में भीलों व गरासियों ने मिलकर दमनकारी नीति व बेगार के विरुद्ध महाराणा को पत्र लिखा। इसका कोई परिणाम नहीं निकालता देखकर 1921 में बिजौलिया के किसान आन्दोलन से प्रभावित होकर भीलों ने पुनः महाराणा को शिकायत की। इन सभी अहिंसात्मक प्रयासों को जब कोई परिणाम नहीं निकला तो भोमट के खालसा क्षेत्र के भीलों ने लगाने व बेगार चुकाने से इनकार कर दिया। 1921 ई में मोतीलाल तेजावत ने इस आन्दोलन को नेतृतव प्रदान किया। इस आन्दोलन को जनजातियों में राजनितिक जागरण का प्रतिक माना जाता है। यह आन्दोलन भोमट क्षेत्र के अतिरिक्त सिरोही व गुजरात राज्यों में भी फैला।.

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झाबुआ ज़िला

झाबुआ जिला, मध्य प्रदेश का एक जिला है। इसका मुख्यालय झाबुआ है। पश्चिमी मध्य प्रदेश में स्थित झबुआ जिला गुजरात के वडोदरा, राजस्थान के बांसवाड़ा और मध्य प्रदेश के धार व रतलाम जिलों से घिरा है। 16वीं शताब्दी में स्थापित यह जिला बहादुर सागर झील के किनारे बसा हुआ है। 6782 वर्ग किलोमीटर में फैला झबुआ मूलत: आदिवासी जिला है। यहां मुख्यत: भील और भीलालस आदिवासी जातियां रहती हैं। यह जिला आदिवासी हस्तशिल्प खासकर बांस से बनी वस्तुओं, गुडियों, आभूषणों और अन्य बहुत-सी वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध है। नर्मदा यहां से बहने वाली प्रमुख नदी है। भाभरा, देवाझिरी, काठीवाड़ा, लक्ष्मणी ग्राम, मलवई और अमखुट यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। झबुआ इंदौर से लगभग 150 किलोमीटर दूर है। .

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झाला

झाला (अंग्रेजी: Jhala (clan)) भारतवर्ष में हिन्दू धर्म को मानने वाली एक महान राजपूत वर्ण की जाति है जो मुख्यत: गुजरात और राजस्थान में पायी जाती है। श्रेणी:आधार श्रेणी:जाति.

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झकोलिया

झकोलिया गुजरात का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:गुजरात के लोक नृत्य.

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ठाणे ज़िला

ठाणे ज़िला (ठाणे जिल्हा) भारत के दक्षिणी-पश्चिमी भाग में स्थित महाराष्ट्र के ३६ ज़िलों में से एक ज़िला है। ज़िले का पूर्वी भाग पहाड़ी है, जहाँ प्रमुख रूप से जनजातीय समुदायों का निवास है। पश्चिमी हिस्से में इन पहाड़ियों ने नदी घाटी को विकसित किया है। ये घाटियां तटीय क्षेत्रों में मिल गयी हैं, जहां उगने वाले चावल और फलों के लिए घोलवाद विख्यात है। मछली पालन यहाँ का मुख्य व्यवसाय है। उल्हास नदी के मुहाने के दक्षिण और उल्हास घाटी के ऊपरी हिस्से में जिले के कुछ प्रमुख शहर स्थित है, जो भीड़ और कोलाहल से भरे हैं। ये हैं भिवंडी (हथकरघों के लिए प्रसिद्ध), कल्याण (रेलवे जंक्शन), उल्हासनगर (परवासी सिंधियों की आवादी), अंबरनाथ (रसायन उत्पादन के लिए प्रसिद्ध), वसई (समुद्र तट पर बसे होने व किले के लिए प्रसिद्ध), पालघर (फलों के लिए प्रसिद्ध), तारापुर (भारत का पहला परमाणु विद्युत केंद्र) और दहानु (एक शैक्षणिक केंद्र) आदि। .

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डच इस्ट इंडिया कंपनी

वेरऐनिख़्डे ऑव्स्टिडिस्ख़े कोम्पाख़्नी, वीओसी (डच: Verenigde Oostindische Compagnie, VOC) या अंग्रेज़ीकरण यूनाइटेड ईस्ट इंडिया कंपनी नीदरलैंड की एक व्यापारिक कंपनी है जिसकी स्थापना 1602 में की गई और इसे 21 वर्षों तक मनमाने रूप से व्यापार करने की छूट दी गई। भारत आने वाली यह सब से पहली यूरोपीय कंपनी थी। .

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डांडियारास

डांडियारास गुजरात का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:गुजरात के लोक नृत्य.

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डांग जिला

दक्षिणी गुजरात के जिले डांग भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय आहवा है। इस जिले का क्षेत्रफल 1764 वर्ग किमी तथा जनसंख्या 2,26,769 (२०११ की जनगणना के अनुसार) है। यह क्षेत्र पश्चिमी घाट की उत्तरी दिशा में है। इसके उत्तर और पश्चिम में तापी, नवसारी, वलसाड तथा दक्षिण और पूर्व में नंदुरबार तथा नासिक जिले हैं। इनका केंद्रीय नगर अहवा है। पर्वतीय सँकरा क्षेत्र होने के कारण यहाँ रागी तथा अन्य धान उत्पन्न होते हैं। पहले यह गुजरात की छोटी-छोटी देशी रियासतों के समूह में था। १९४९ ई. में बंबई राज्य में इसका विलय हुआ और १९६० ई. में गुजरात राज्य बनने पर यह उसमें सम्मिलित हो पाया। इस जिले में ७२ प्रतिशत आदिवासी हैं। शबरीधाम, सापुतारा, महाल, डोन, पंपा सरोवर, पूर्णा वन्यजीव अभयारण्य यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल है। .

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डाक सूचक संख्या

डाक सूचक संख्या या पोस्टल इंडेक्स नंबर (लघुरूप: पिन नंबर) एक ऐसी प्रणाली है जिसके माध्यम से किसी स्थान विशेष को एक विशिष्ट सांख्यिक पहचान प्रदान की जाती है। भारत में पिन कोड में ६ अंकों की संख्या होती है और इन्हें भारतीय डाक विभाग द्वारा छांटा जाता है। पिन प्रणाली को १५ अगस्त १९७२ को आरंभ किया गया था। .

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डीडी गिरनार

डीडी-गिरनार या डीडी गुजराती / डीडी-11 भारत के राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन का एक गुजराती भाषा का चैनल है। यह गुजरात राज्य में अहमदाबाद में दूरदर्शन केन्द्र (सेंटर) में स्टूडियो से प्रसारित होता है। .

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ढंकगिरि

ढंकगिरि गुजरात के प्रसिद्ध प्राचीन नगर वल्लभीपुर के निकट स्थित जैन तीर्थ स्थान है। ढंकगिरि, 'शत्रुंजय पर्वत' का ही एक नाम है। सातवाहन के गुरु और पादलिप्त सूर के शिष्य सिद्ध नागार्जुन ढंकागिरि में रहकर रसविद्या या 'अलकीमिया' की साधना किया करते थे। इस तथ्य का उल्लेख जैन ग्रंथ 'विविध तीर्थ कल्प' में है- .

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ढोलरवा (अमरेली)

ढोलरवा (ઢોલરવા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। ढोलरवा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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ढोकला

ढोकला एक पारम्परिक गुजराती वयंजन है। यह मुख्यत: चावल और चने के दानों का बना होता है। इसे नाश्ते में, मुख्य भोजन मे, भोजन में अलग से या फिर हल्के-फुल्के खाने की तरह खाया जा सकता है। खमन ढोकला इसका एक प्रसिद्ध अवतरण है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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तपेदिक उपचार

विभिन्न फार्मास्युटिकल तपेदिक उपचार उनकी क्रिया तपेदिक उपचार शब्द का उपयोग संक्रामक रोग तपेदिक (क्षय या टीबी) के चिकित्सकीय उपचार के लिए किया जाता है। अगर सक्रिय तपेदिक का उपचार न किया जाये, हर तीन में से लगभग दो रोगियों की मृत्यु हो जाती है। तपेदिक के जिन रोगियों का उपयुक्त उपचार किया जाता है, उनमें मृत्यु दर केवल 5 प्रतिशत होती है। टीबी के लिए मानक उपचार में आइसोनियाज़िड, रिफाम्पिसिन (इसे संयुक्त राज्य अमेरिका में रिफाम्पिन के नाम से भी जाना जाता है), पायराज़ीनामाईड और एथेमब्युटोल का उपयोग दो महीने के लिए किया जाता है, इसके बाद केवल आइसोनियाज़िड और रिफाम्पिसिन का उपयोग चार महीने के लिए किया जाता है। छह महीने बाद ऐसा माना जाता है कि रोगी का उपचार पूरा हो गया है। (हालांकि अभी भी 2 से 3 प्रतिशत मामलों में रोग के फिर से होने की संभावना होती है).

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तबूली

तबूली एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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तमन्ना (धारावाहिक)

तमन्ना भारतीय हिन्दी धारावाहिक है, जिसका प्रसारण स्टार प्लस पर 1 फरवरी 2016 से सोमवार से शनिवार रात 10 बजे होता है। यह धारावाहिक सुमित संभाल लेगा के स्थान पर प्रसारित होगा। यह कहानी जामनगर, गुजरात की है, लेकिन इसे मुंबई में बनाया जा रहा है। .

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तरवडा (अमरेली)

तरवडा (તરવડા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। तरवडा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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तरकतलाव (अमरेली)

तरकतलाव (તરકતળાવ.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। तरकतलाव गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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तात्या टोपे

तात्या टोपे (1814 - 18 अप्रैल 1859) भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के एक प्रमुख सेनानायक थे। सन १८५७ के महान विद्रोह में उनकी भूमिका सबसे महत्त्वपूर्ण, प्रेरणादायक और बेजोड़ थी। सन् सत्तावन के विद्रोह की शुरुआत १० मई को मेरठ से हुई थी। जल्दी ही क्रांति की चिन्गारी समूचे उत्तर भारत में फैल गयी। विदेशी सत्ता का खूनी पंजा मोडने के लिए भारतीय जनता ने जबरदस्त संघर्ष किया। उसने अपने खून से त्याग और बलिदान की अमर गाथा लिखी। उस रक्तरंजित और गौरवशाली इतिहास के मंच से झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहब पेशवा, राव साहब, बहादुरशाह जफर आदि के विदा हो जाने के बाद करीब एक साल बाद तक तात्या विद्रोहियों की कमान संभाले रहे।nice and thanks .

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ताप्ती नदी

ताप्ती (संस्कृत: तापी, मराठी: तापी; गुजराती: તાપ્તી) पश्चिमी भारत की प्रसिद्ध नदी है। यह मध्य प्रदेश राज्य के बैतूल जिले के मुलताई से निकलकर सतपुड़ा पर्वतप्रक्षेपों के मध्य से पश्चिम की ओर बहती हुई महाराष्ट्र के खानदेश के पठार एवं सूरत के मैदान को पार करती और अरब सागर में गिरती है। नदी का उद्गगम् स्थल मुल्ताई है। यह भारत की उन मुख्य नदियों में है जो पूर्व से पश्चिम की तरफ बहती हैं, अन्य दो हैं - नर्मदा नदी और माही नदी। यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर लगभग 740 किलोमीटर की दूरी तक बहती है और खम्बात की खाड़ी में जाकर मिलती है। सूरत बन्दरगाह इसी नदी के मुहाने पर स्थित है। इसकी प्रधान उपनदी का नाम पूर्णा है। इस नदी को सूर्यपुत्री भी कहा जाता है।   समुद्र के समीप इसकी ३२ मील की लंबाई में ज्वार आता है, किंतु छोटे जहाज इसमें चल सकते हैं। पुर्तगालियों एवं अंग्रेजों के इतिहास में इसके मुहाने पर स्थित स्वाली बंदरगाह का बड़ा महत्व है। गाद जमने के कारण अब यह बंदरगाह उजाड़ हो गया है। .

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तापी जिला

तापी जिला भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय व्यारा है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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तारापुरी पेटियो

तारापुरी पेटियो एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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तारक मेहता

तारक मेहता एक भारतीय लेखक थे। यह मुख्यतः दुनिया ने उंधा चश्मा नामक गुजराती भाषा में एक लेख लिखने के कारण जाने जाते हैं। उन्होंने कई प्रकार के हास्य कहानी आदि का गुजराती में अनुवाद किया। इनका साप्ताहिक लेख पहली बार मार्च 1971 में चित्रलेखा नामक एक साप्ताहिक अखबार में आया। इस वर्ष यह 80 पुस्तकों को प्रकाशित किए। जिसमें 3 पुस्तक उनके दिव्य भास्कर नामक अखबार में छापे जाने वाले लेख पर आधारित थे। 2008 में असित कुमार मोदी ने इस कहानी पर तारक मेहता का उल्टा चश्मा धारावाहिक बनाया, जो सब टीवी पर प्रसारित होता है। इस कहानी में एक तारक मेहता का भी किरदार है। इस किरदार को शैलेश लोधा निभा रहे हैं। .

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तारक मेहता का उल्टा चश्मा

तारक मेहता का उल्टा चश्मा भारतीय हिन्दी धारावाहिक है, जिसका प्रसारण सब टीवी पर 28 जुलाई 2008 से सोमवार से शुक्रवार रात 8.30 बजे होता है। इसका निर्माण नीला असित मोदी और असित कुमार मोदी ने किया है। यह सब टीवी में सबसे अधिक देखा जाने वाला कार्यक्रम है। यह कहानी तारक मेहता के "दुनिया ने ऊन्धा चश्मा" पर आधारित है, जो एक गुजराती साप्ताहिक अखबार चित्रलेखा के लिए लिखते थे। .

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तंजानिया में भारतीय लोग

वर्तमान समय में तंजानिया में ५० हजार से अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं। उनमें से बहुत से लोग व्यवसायी हैं जिनके हाथों में तंजानिया की अर्थव्यवस्था का एक अच्छा-खासा हिसा है। तंजानिया में भारतीयों के आने का इतिहास १९वीं शताब्दी से शुरू होता है जब गुजराती व्यवसायी वहाँ पहुँचे थे। धीरे-धीरे जंजीबार का सारा व्यापार उनके हाथ में आ गया। उस काल में निर्मित अनेकों भवन आज भी स्टोन टाउन में बचे हुए हैं जो इस द्वीप का व्यापार का केन्द्र था। .

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त्रिनेत्र गणेश, रणथम्भौर

यह मंदिर भारत के राजस्थान प्रांत में सवाई माधोपुर जिले में स्थित है, जो कि विश्व धरोहर में शामिल रणथंभोर दुर्ग के भीतर बना हुआ है। अरावली और विन्ध्याचल पहाड़ियों के बीच स्थित रणथम्भौर दुर्ग में विराजे रणतभंवर के लाड़ले त्रिनेत्र गणेश के मेले की बात ही कुछ निराली है। यह मंदिर प्रकृति व आस्था का अनूठा संगम है। भारत के कोने-कोने से लाखों की तादाद में दर्शनार्थी यहाँ पर भगवान त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन हेतु आते हैं और कई मनौतियां माँगते हैं, जिन्हें भगवान त्रिनेत्र गणेश पूरी करते हैं। इस गणेश मंदिर का निर्माण महाराजा हम्मीरदेव चौहान ने करवाया था लेकिन मंदिर के अंदर भगवान गणेश की प्रतिमा स्वयंभू है। इस मंदिर में भगवान गणेश त्रिनेत्र रूप में विराजमान है जिसमें तीसरा नेत्र ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। पूरी दुनिया में यह एक ही मंदिर है जहाँ भगवान गणेश जी अपने पूर्ण परिवार, दो पत्नी- रिद्दि और सिद्दि एवं दो पुत्र- शुभ और लाभ, के साथ विराजमान है। भारत में चार स्वयंभू गणेश मंदिर माने जाते है, जिनमें रणथम्भौर स्थित त्रिनेत्र गणेश जी प्रथम है। इस मंदिर के अलावा सिद्दपुर गणेश मंदिर गुजरात, अवंतिका गणेश मंदिर उज्जैन एवं सिद्दपुर सिहोर मंदिर मध्यप्रदेश में स्थित है। कहाँ जाता है कि महाराजा विक्रमादित्य जिन्होंने विक्रम संवत् की गणना शुरू की प्रत्येक बुधवार उज्जैन से चलकर रणथम्भौर स्थित त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन हेतु नियमित जाते थे, उन्होंने ही उन्हें स्वप्न दर्शन दे सिद्दपुर सीहोर के गणेश जी की स्थापना करवायी थी। .

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त्रिपुर सुंदरी मंदिर, बांसवाड़ा

राजस्थान में बांसवाड़ा से लगभग 14 किलोमीटर दूर तलवाड़ा ग्राम से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर ऊंची रौल श्रृखलाओं के नीचे सघन हरियाली की गोद में उमराई के छोटे से ग्राम में माताबाढ़ी में प्रतिष्ठित है मां त्रिपुरा सुंदरी। कहा जाता है कि मंदिर के आस-पास पहले कभी तीन दुर्ग थे। शक्तिपुरी, शिवपुरी तथा विष्णुपुरी नामक इन तीन पुरियों में स्थित होने के कारण देवी का नाम त्रिपुरा सुन्दरी पड़ा। .

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त्रिभुवनदास कृषिभाई पटेल

त्रिभुवनदास कृषिभाई पटेल को समाज सेवा के क्षेत्र में सन १९६४ में भारत सरकार द्वारा, पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। ये गुजरात राज्य से हैं। .

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त्रिशंकु तारामंडल

त्रिशंकु (क्रक्स) तारामंडल त्रिशंकु तारामंडल त्रिशंकु या क्रक्स (अंग्रेज़ी: Crux) तारामंडल अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची का सब से छोटा तारामंडल है। अंग्रेज़ी में इसे कभी-कभी "सदर्न क्रॉस" (Southern cross, दक्षिणी काँटा) के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत में सर्दियों और बसंत के मौसम में गुजरात से दक्षिणी क्षेत्रों में देखा जा सकता है, लेकिन उत्तर भारत से नहीं। पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध (हेमिसफ़ेयर) से यह किसी भी मौसम में देखा जा सकता है। .

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त्रेवटी दाल

त्रेवटी दाल एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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तैमूरलंग

तैमूर लंग (अर्थात तैमूर लंगड़ा) (जिसे 'तिमूर' (8 अप्रैल 1336 – 18 फ़रवरी 1405) चौदहवी शताब्दी का एक शासक था जिसने महान तैमूरी राजवंश की स्थापना की थी। उसका राज्य पश्चिम एशिया से लेकर मध्य एशिया होते हुए भारत तक फैला था। उसकी गणना संसार के महान्‌ और निष्ठुर विजेताओं में की जाती है। वह बरलस तुर्क खानदान में पैदा हुआ था। उसका पिता तुरगाई बरलस तुर्कों का नेता था। भारत के मुग़ल साम्राज्य का संस्थापक बाबर तिमूर का ही वंशज था। .

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तेली

तेली परंपरागत रूप से भारत, पाकिस्तान और नेपाल में तेल पेरने और बेचने वाली जाति है। सदस्य या तो हिंदू या मुस्लिम हो सकते हैं; मुस्लिम तेली को रोशंदर या तेली मलिक कहते हैं। महाराष्ट्र के यहूदी समुदाय (जिसे बैन इज़राइल कहा जाता है) शीलवीर तेली नामक तेली जाति में एक उप-समूह के रूप में भी जाना जाता था, अर्थात् शबात पर काम करने से उनके यहूदी परंपरा के विरूद्ध अर्थात् शनिवार के तेल प्रदाताओं। .

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तेजाजी

तेजाजी राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात प्रान्तों में लोकदेवता के रूप में पूजे जाते हैं। किसान वर्ग अपनी खेती की खुशहाली के लिये तेजाजी को पूजता है। तेजाजी के वंशज मध्यभारत के खिलचीपुर से आकर मारवाड़ में बसे थे। नागवंश के धवलराव अर्थात धौलाराव के नाम पर धौल्या गौत्र शुरू हुआ। तेजाजी के बुजुर्ग उदयराज ने खड़नाल पर कब्जा कर अपनी राजधानी बनाया। खड़नाल परगने में 24 गांव थे। तेजाजी ने ग्यारवीं शदी में गायों की डाकुओं से रक्षा करने में अपने प्राण दांव पर लगा दिये थे। वे खड़नाल गाँव के निवासी थे। भादो शुक्ला दशमी को तेजाजी का पूजन होता है। तेजाजी का भारत के जाटों में महत्वपूर्ण स्थान है। तेजाजी सत्यवादी और दिये हुये वचन पर अटल थे। उन्होंने अपने आत्म - बलिदान तथा सदाचारी जीवन से अमरत्व प्राप्त किया था। उन्होंने अपने धार्मिक विचारों से जनसाधारण को सद्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया और जनसेवा के कारण निष्ठा अर्जित की। जात - पांत की बुराइयों पर रोक लगाई। शुद्रों को मंदिरों में प्रवेश दिलाया। पुरोहितों के आडंबरों का विरोध किया। तेजाजी के मंदिरों में निम्न वर्गों के लोग पुजारी का काम करते हैं। समाज सुधार का इतना पुराना कोई और उदाहरण नहीं है। उन्होंने जनसाधारण के हृदय में सनातन धर्म के प्रति लुप्त विश्वास को पुन: जागृत किया। इस प्रकार तेजाजी ने अपने सद्कार्यों एवं प्रवचनों से जन - साधारण में नवचेतना जागृत की, लोगों की जात - पांत में आस्था कम हो गई। कर्म,शक्ति,भक्ति व् वैराग्य का एक साथ समायोजन दुनियां में सिर्फ वीर तेजाजी के जीवन में ही देखने को मिलता हैं। .

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तीन द्वार, अहमदाबाद

तीन दरवाजा, तीन द्वार या त्रण दरवाजा (ત્રણ દરવાજા) भारत देश में गुजरात राज्य मेंअहमदाबाद महानगर में स्थित भद्र किल्ले का ऐतिहासीक प्रवेशद्वार है। ईस्वीसन १४१५ में इस प्रवेशद्वर का निर्माण हुआ था। इस द्वार से ऐतिहासीक घटनाएँ भी जुड़ी हैं। अहमदाबाद महानगर निगम के चिह्न में भी इस प्रवेश्द्वार का समावेश किया गया है। .

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थार मरुस्थल

थार मरुस्थल का दृष्य थार मरुस्थल भारत के उत्तरपश्चिम में तथा पाकिस्तान के दक्षिणपूर्व में स्थितहै। यह अधिकांश तो राजस्थान में स्थित है परन्तु कुछ भाग हरियाणा, पंजाब,गुजरात और पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों में भी फैला है। अरावली पहाड़ी के पश्चिमी किनारे पर थार मरुस्थल स्थित है। यह मरुस्थल बालू के टिब्बों से ढँका हुआ एक तरंगित मैदान है। .

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थेपला

थेपला एक गुजरात व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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थोरडी (अमरेली)

थोरडी (થોરડી.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। थोरडी गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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द गेटवे होटल्स एंड रिसॉर्ट्स

गेटवे होटल्स एंड रिसॉर्ट्स दक्षिण एशिया का एक अत्याधुनिक, पूर्ण सेवा प्रदान करने मध्य बाजार होटल और रिजॉर्ट श्रृंखला है। गेटवे होटल्स का स्वामित्व इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड के पास हैं और यह टाटा समूह का एक हिस्सा है। .

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दमन और दीव

Diu दमन और दीव मुंबई के समीप अरब सागर में स्थित द्वीप समूह हैं जो भारत का एक केन्द्र शासित प्रान्त है। यहाँ की राजधानी दमन है। .

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दर्शना जरदोश

दर्शना जरदोश भारत की सोलहवीं लोकसभा में महिला सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की सूरत सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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दलपतराम

दलपतराम दह्याभाई त्रिवेदी (દલપતરામ ડાહ્યાભાઈ ત્રવાડી) (1820-1898) गुजराती के प्रसिद्ध कवि थे। उनके पुत्र नानालाल दलपतराम कवि भी एक कवि थे। श्रेणी:गुजराती साहित्यकार.

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दलसुख दह्याभाई मलवानिया

दलसुख दह्याभाई मलवानिया भारत सरकार ने १९९२ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये गुजरात से हैं। श्रेणी:१९९२ पद्म भूषण.

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दलिया सीरा

दलित सीरा राजस्थान और गुजरात का एक मीठा पकवान या मिठाई है। यह पके हुए गेहूं के साथ तैयार किया जाता है, जिसे सिर्फ दलिया भी कहा जाता है। .

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दशहरा

दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिये इस दशमी को 'विजयादशमी' के नाम से जाना जाता है (दशहरा .

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दसलाखी नगर

जो शहर मोटे अक्षरों में लिखे हैं वो अपने राज्य या केंद्रशासित प्रदेश की राजधानी भी हैं .

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दही (योगहर्ट या योगर्ट)

तुर्की दही एक तुर्की ठंडा भूख बढ़ाने वाला दही का किस्म दही (Yoghurt) एक दुग्ध-उत्पाद है जिसे दूध के जीवाण्विक किण्वन के द्वारा बनाया जाता है। लैक्टोज के किण्वन से लैक्टिक अम्ल बनता है, जो दूध के प्रोटीन पर कार्य करके इसे दही की बनावट और दही की लाक्षणिक खटास देता है। सोय दही, दही का एक गैर-डेयरी विकल्प है जिसे सोय दूध से बनाया जाता है। लोग कम से कम 4,500 साल से दही-बना रहे हैं-और खा रहे हैं। आज यह दुनिया भर में भोजन का एक आम घटक है। यह एक पोषक खाद्य है जो स्वास्थ्य के लिए अद्वितीय रूप से लाभकारी है। यह पोषण की दृष्टि से प्रोटीन, कैल्सियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन B6 और विटामिन B12 में समृद्ध है। .

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दहींडा (अमरेली)

दहींडा (દહીંડા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। दहींडा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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दादरा और नगर हवेली

दादरा और नगर हवेली (દાદરા અને નગર હવેલી, दादरा आणि नगर हवेली, Dadrá e Nagar Aveli) भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश हैं। यह दक्षिणी भारत में महाराष्ट्र और गुजरात के बीच स्तिथ है, हालाँकि दादरा, जो कि इस प्रदेश कि एक तालुका है, कुछ किलोमीटर दूर गुजरात में स्तिथ एक विदेशी अन्तः क्षेत्र है। सिलवासा इस प्रदेश की राजधानी है। यह क्षेत्र दमन से १० से ३० किलोमीटर दूर है। http://www.dnh.nic.in, "Dadra and Nagar Haveli government website" इस प्रदेश पर १७७९ तक '''मराठाओं''' का और फिर १९५४ तक पुर्तगाली साम्राज्य का साशन था। इस संघ को भारत में ११ अगस्त १९६१ में शामिल किया गया।http://bharat.gov.in/knowindia/state_uts.php?id.

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दादूदयाल

दादूदयाल (1544-1603 ई.) हिन्दी के भक्तिकाल में ज्ञानाश्रयी शाखा के प्रमुख सन्त कवि थे। इनके 52 पट्टशिष्य थे, जिनमें गरीबदास, सुंदरदास, रज्जब और बखना मुख्य हैं। दादू के नाम से 'दादू पंथ' चल पडा। ये अत्यधिक दयालु थे। इस कारण इनका नाम 'दादू दयाल' पड गया। दादू हिन्दी, गुजराती, राजस्थानी आदि कई भाषाओं के ज्ञाता थे। इन्होंने शबद और साखी लिखीं। इनकी रचना प्रेमभावपूर्ण है। जात-पाँत के निराकरण, हिन्दू-मुसलमानों की एकता आदि विषयों पर इनके पद तर्क-प्रेरित न होकर हृदय-प्रेरित हैं। .

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दाबेली

दाबेली, कच्छी दाबेली या ड़बल रोटी पश्विम भारत का एक लोकप्रिय व्यंजन है। यह व्यंजन दिखने में बर्गर जैसा लगता है लेकिन इसका स्वाद खट्टा, मीठा, तीखा और नमकीन हैं। इसका उद्गम गुजरात के कच्छ जिले में हुआ था। .

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दायभाग

दायभाग जीमूतवाहनकृत एक प्राचीन हिन्दू धर्मग्रंथ है जिसके मत का प्रचार बंगाल में है। 'दायभाग' शाब्दिक अर्थ है, पैतृक धन का विभाग अर्थात् बाप दादे या संबंधी की संपत्ति के पुत्रों, पौत्रों या संबंधियों में बाँटे जाने की व्यवस्था। बपौती या वरासत की मिलाकियत को वारिसों या हकदारों में बाँटने का कायदा कानून। .

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दारा शूकोह

दारा शूकोह (जन्म 20 मार्च 1615 - हत्या 10 सितंबर 1659) मुमताज़ महल के गर्भ से उत्पन्न मुग़ल सम्राट शाहजहाँ का ज्येष्ठ पुत्र तथा औरंगज़ेब का बड़ा भाई। .

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दाल ढोकली

दाल ढोकली एक गुजरात व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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दाल परांठा

दाल परांठा एक गुजरात व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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दाल हलवा

दाल हलवा राजस्थान और गुजरात का एक मीठा या मिठाई पकवान है। यह पके हुए गेहूं के साथ तैयार किया जाता है, जिसे दलिया भी कहा जाता है। .

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दाहोद जिला

दहोद भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना

दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा (The Delhi-Mumbai Industrial Corridor) भारत सरकार द्वारा प्रायोजित औद्योगिक-विकास की विशाल परियोजना है। एक विशाल औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की यह एक महत्वाकांक्षी योजना है जो छः राज्यों को समेटे हुए हैं। इस परियोजना के पूरा होने पर अधोसंरचना एवं उद्योग का अत्यधिक प्रसार हो जायेगा तथा रेल, सड़क, बंदरगाह एवं हवाई यातायात की व्यापक वृद्धि हो जायेगी। इसके तहत भारत एवं जापान ने परियोजना विकास निधि स्थापित करने का निर्णय लिया है जो आरम्भ में १००० करोड़ रूपये की होगी। दोनो सरकारें समान मात्रा में योगदान करेंगी। .

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दिल्ली सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन

दिल्ली सराय रोहिल्ला, भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित एक रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्टेशन का कोड DEE है। इस स्टेशन का प्रबंधन उत्तर रेलवे ज़ोन के दिल्ली मण्डल द्वारा किया जाता है। दिल्ली से हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जाने वाली बहुत सी गाड़ियां यहां रुकती हैं। लगभग २० रेलगाड़ियां जिनमें दुरंतो और वातानुकूलित रेलगाड़ियां भी शामिल हैं इसी स्टेशन से शुरु होती हैं। यह स्टेशन मुख्यतः मीटर गेज की रेलवे लाइन के लिए निश्चित था। यह स्टेशन अन्य बड़े स्टेशन जैसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, दिल्ली जंक्शन रेलवे स्टेशन और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन की तुलना में अपेक्षाकृत छोटा भी है। यह जगह मुगल काल में यात्रियों के लिए सराय रूप में प्रयोग होती थी। .

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दिल्ली विश्‍वविद्यालय के भूतपूर्व छात्रों की सूची

दिल्ली विश्‍वविद्यालय एक सार्वजनिक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है जो भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। विश्‍वविद्यालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता तथा इसके कुलपति का पद भारत के उपराष्ट्रपति के पास होता है। दिल्ली विश्वविद्यालय के दो परिसर हैं जो दिल्ली के उत्तरी और दक्षिणी भाग में स्थित हैं और जिन्हें क्रमश: उत्तरी परिसर और दक्षिणी परिसर कहा जाता है। विश्‍वविद्यालय की स्थापना सन् 1922 में केन्द्रीय विधान सभा द्वारा पारित किए गए बिल के द्वारा हुई थी। इसके संस्थापक उपकुलपति हरिसिंह गौर थे। दिल्ली विश्‍वविद्यालय लगातार भारत के उच्च क्रमांकन विश्वविद्यालयों में से एक रहा है। .

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दिलीप पटेल

दिलीप पटेल भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की आनन्द सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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दिलीप जोशी

दिलीप जोशी (जन्म 26 मई 1968) एक भारतीय टेलीविजन एवं फ़िल्म अभिनेता हैं। वो विभिन्न धारावाहिकों फ़िल्मों में काम कर चुके हैं। वो सामान्यतः हास्य रस के कलाकार हैं। वर्तमान में वो तारक मेहता का उल्टा चश्मा में जेठालाल का अभिनय कर रहे हैं। .

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दिशा वकानी

दिशा वकानी (गुजराती:દિશા વકાની) एक भारतीय अभिनेत्री तथा हास्य कलाकार है। इनका जन्म गुजरात में हुआ था। दिशा वकानी ने अपने कैरियर की शुरुआत जोधा अकबर फिल्म से की। .

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दिवालीबेन भील

दीवालीबेन पुंजभाई भील (2 जून, 1943 - 19 मई, 2016) गुजरात की लोकगायिका थीं। उन्होंने कई तरह के लोक गीतों, गरबा और गुजराती फिल्म में गायन किया था। गुजरात की लोक गायिकी में उनका अनुठा योगदान रहा है, उनके गाए गीत आज भी प्रदेश के महिला पुरुष गुनगुनाते हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें वर्ष 1990 में पद्मश्री से सम्मानित किया था। .

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दिव्य भास्कर

दिव्य भास्‍कर एक गुजराती दैनिक समाचारपत्र है। २३ जून २००३ को इसे दिव्य भास्कर नाम से प्रकाशित किया गया। .

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दिगम्बर

गोम्मटेश्वर बाहुबली (श्रवणबेळगोळ में) दिगम्बर जैन धर्म के दो सम्प्रदायों में से एक है। दूसरा सम्प्रदाय है - श्वेताम्बर। दिगम्बर.

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दक्षिण गुजरात की आदिवासी होली

गुजरात की आदिवासी महिलादक्षिणी गुजरात के धरमपुर एवं कपराडा क्षेत्रों में कुंकणा, वारली, धोडिया, नायका आदि आदिवासियों द्वारा होली कुछ अलग रूप से मनायी जाती है। धरमपुर के आदिवासियों के लिए फागुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला होलिका महोत्सव साल का सबसे बड़ा उत्सव है। फागुन शुक्ल प्रतिपदा से इस त्योहार की तैयारी का प्रारंभ हो जाता है। दिहाड़ी के लिए दूर गये आदिवासी अपने वतन आ पहुँचते हैं। दूर नौकरी करने गये लोग भी इस दिन अवश्य अपने घर पहुँचते हैं। जिनकी राह उनके संबंधी ही नहीं, मुहल्ले के सभी लोग देखते हैं। खावला, पीवला और नाचुला (खाने, पीने और नाचने) के लिए प्रिय ये आदिवासी होली के त्योहार के दिनों में चिंता, दुःख, दर्द और दुश्मनी को भूलकर गीत गाकर तथा तारपुं, पावी, कांहली, ढोल-मंजीरा आदि वाद्यों की मस्ती में झूमने लगते हैं तब तो ऐसा समाँ बँधता है कि मानो उनके नृत्य को देखने के लिए देवता धरती पर उतर आये हो। दक्षिणी गुजरात के हरेक गाँवों में होली मनायी जाती है। होली के गीत गाये जाते हैं। गीतों द्वारा देवियों को त्योहार के समय उपस्थित रहने के लिए विनती की जाती है। स्त्री-पुरूष एक-दूसरे की कमर में हाथ डाल कर गोलाकार घूमते हुए नाचते हुए गीत गाते हैं। यह त्योहार फागुन कृष्ण पंचमी तक मनाया जाता है। गाँवों में लगने वाले हाटो में खजूर की खूब बिक्री होती है। होली के त्योहार के सप्ताह पहले से ही इसकी तैयारी शुरू हो जाती है। इसके लिए लकड़ी से भवानी, रणचंडी, अंबे माता, दस शिरों वाला रावण आदि देवी-देवताओं के चेहरे-मोहरे तथा वेशभूषा की विधिवत पूजा-अर्चना करने के बाद उसे पहन कर होली का पर्व अनोखे रूप में मनाया जाता है। वे ढोल-नगाड़ों, तूर, तारपुं, कांहळी, पावी (बाँसुरी), माँदल, चंग (बाँस से बना एक छोटा वांजित्र, जिसे लड़कियाँ होली के दिनों में बजाती रहती हैं।) आदि के साथ नाचते-कूदते-गाते हुए एक गाँव से दूसरे गाँव घूमते हुए, अबीर-गुलाल के रंगों की वर्षा करते हुए थाली लेकर फगुआ माँगते हैं। कुछ आदिवासी लकड़ी के घोडे पर सवारी करते हुए या स्त्री की वेशभूषा पहनकर आदिवासी शैली में नाचते-गाते हैं। किन्तु अब तो इनका ये नज़ारा गाँवों मे लगने वाले हाटों में ही देखने को मिलता है। गाँवों में होली दो रूपों में- छोटी और बड़ी के रूप में मनायी जाती है। छोटी और बड़ी-दोनों के स्थल अलग-अलग होते हैं। छोटी होली, बड़ी होली के अगले दिन मनायी जाती है। यह गाँव में दो-तीन स्थानों पर मनायी जाती है। होली के लिए सामान्य रूप से खजूरी के तने की लकड़ी, लंबे बाँस और पलाश के फूलों और शिंगी भरी डाली का प्रयोग किया जाता है। जिसे एक गड्ढा खोदकर खड़ा कर दिया जाता है, जिसे मुहूर्त करना कहते हैं। पहले होली की, गाँव के ओझा एवं बुजुर्गों द्वारा पूजा की जाती है। पूजा में नारियल, चावल, फूल, अगरबत्ती, खजूर, हड्डा (चीनी से बनाई जाने वाली एक मिठाई), मालपुआ आदि का उपयोग होता है। उस समय गाए जाने वाले गीतों में सुख-समृद्धि का कामना की जाती है। लंबे बाँस की चोटी पर वाटी (सूखा नारियल) और हड्डा, खजूर आदि लटकाये जाते हैं। होली जलाने के पहले पुरूष और बच्चे पाँच फेरे लगाते हैं। उसके बाद होली को जलाया जाता है। जलती होली को पूर्व में गिराया जाता है। मान्यता है कि होली अगर जलते हुए पूरब दिशा में गिरती है तो सारा साल सुख-शांति से बीतेगा और वर्षा अच्छी होगी। बाँस की चोटी पर लटकाई गई सामग्री को पाने के लिए युवाओं में जंग-सा छिड़ता है। क्योंकि मान्यता है कि सामग्री के पाने वाले की शादी इसी साल हो जाती है। लंबे बाँस को पानेवाला युवा दौड़ते हुए होली के फेरे लेता है। कुछ लोग होली की मनौती रखते हैं। मनौती में आम, करौंदे आदि को न खाने की प्रतिज्ञा लेते हैं और होली के दिन होली माता को पहले अपनी मनौती के अनुसार आम-करौंदे अर्पित करते हैं और उसके बाद ही स्वयं भोग करते हैं। उपर्युक्त विधि के बाद गाँव के लड़के-लड़कियाँ हरेक घर से चावल या नागली का आटा माँगकर लाते हैं और वहीं रोटी पकाकर साथ में मिलकर आनंद से खाते हैं। स्त्रियाँ देर तक गीत गाती रहती हैं तो छोटे बच्चे खेल खेलते रहते हैं तो युवा लड़के-लड़कियाँ ढोल-नगाड़ों, तूर, तारपुं, कांहळी, पावी (बाँसुरी), माँदल, मंजीरा आदि के ताल पर उल्लास-उमंग में मुक्तता से नाचते-गाते रहते हैं। युवा इसी समय अपने जीवन-साथी का चुनाव भी कर लेते हैं। पूर्णिमा का यह होलिकोत्सव फागुन के कृष्ण पक्ष की पंचमी तक मनाया जाता है। होली के दूसरे दिन तो रास्ते सुनसान होते हैं क्योंकि हरेक जगह पर गाँव के बच्चे से लेकर बूढ़े तक के लोग आने-जाने वाले से फगुआ माँगते हैं और फगुआ न देने पर उन पर रंगों की वर्षा करते हैं। फगुआ पंचमी तक माँगा जाता है। इस तिथि तक सभी आदिवासी काम-काज पर नहीं जाते। पंचमी के बाद ही वे अपने अपने काम पर लौटते हैं। आदिवासियों में होली के बाद ही शादी का मौसम शुरू होता है। .

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दुर्गा पूजा

दूर्गा पूजा (দুর্গাপূজা अथवा দুৰ্গা পূজা अथवा ଦୁର୍ଗା ପୂଜା, सुनें:, "माँ दूर्गा की पूजा"), जिसे दुर्गोत्सव (দুর্গোৎসব अथवा ଦୁର୍ଗୋତ୍ସବ, सुनें:, "दुर्गा का उत्सव" के नाम से भी जाना जाता है) अथवा शरदोत्सव दक्षिण एशिया में मनाया जाने वाला एक वार्षिक हिन्दू पर्व है जिसमें हिन्दू देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। इसमें छः दिनों को महालय, षष्ठी, महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी और विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। दुर्गा पूजा को मनाये जाने की तिथियाँ पारम्परिक हिन्दू पंचांग के अनुसार आता है तथा इस पर्व से सम्बंधित पखवाड़े को देवी पक्ष, देवी पखवाड़ा के नाम से जाना जाता है। दुर्गा पूजा का पर्व हिन्दू देवी दुर्गा की बुराई के प्रतीक राक्षस महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है। अतः दुर्गा पूजा का पर्व बुराई पर भलाई की विजय के रूप में भी माना जाता है। दुर्गा पूजा भारतीय राज्यों असम, बिहार, झारखण्ड, मणिपुर, ओडिशा, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में व्यापक रूप से मनाया जाता है जहाँ इस समय पांच-दिन की वार्षिक छुट्टी रहती है। बंगाली हिन्दू और आसामी हिन्दुओं का बाहुल्य वाले क्षेत्रों पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा में यह वर्ष का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। यह न केवल सबसे बड़ा हिन्दू उत्सव है बल्कि यह बंगाली हिन्दू समाज में सामाजिक-सांस्कृतिक रूप से सबसे महत्त्वपूर्ण उत्सव भी है। पश्चिमी भारत के अतिरिक्त दुर्गा पूजा का उत्सव दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, कश्मीर, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में भी मनाया जाता है। दुर्गा पूजा का उत्सव 91% हिन्दू आबादी वाले नेपाल और 8% हिन्दू आबादी वाले बांग्लादेश में भी बड़े त्यौंहार के रूप में मनाया जाता है। वर्तमान में विभिन्न प्रवासी आसामी और बंगाली सांस्कृतिक संगठन, संयुक्त राज्य अमेरीका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैण्ड, सिंगापुर और कुवैत सहित विभिन्न देशों में आयोजित करवाते हैं। वर्ष 2006 में ब्रिटिश संग्रहालय में विश्वाल दुर्गापूजा का उत्सव आयोजित किया गया। दुर्गा पूजा की ख्याति ब्रिटिश राज में बंगाल और भूतपूर्व असम में धीरे-धीरे बढ़ी। हिन्दू सुधारकों ने दुर्गा को भारत में पहचान दिलाई और इसे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों का प्रतीक भी बनाया। .

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दुर्गाचार्य

इनका जाने माने ग्रन्थ। दुर्गाचार्य यास्क (ल. ईसा पूर्व सप्तम शताब्दी) द्वारा प्रणीत वेदांत ग्रंथ निरुक्त के वृत्तिकार हैं। इनका समय लगभग १३वीं शताब्दी ई. माना गया है। वेद एवं वेदांगों के व्याख्याकारों में दुर्गाचार्य का प्रमुख स्थान है। यदि इनकी वृत्ति उपलब्ध न होती तो निरुक्त जैस गहन वेदांग का समझना कठिन हो जाता। इन्होंने निरुक्त की विषद एवं विस्तृत व्याख्या की है। इससे उसकी तत्कालीन स्थिति का पता चलता है। वृत्तिकार ने अपनी वृत्ति में प्राचीन टीकाकारों की व्याख्या की ओर संकेत किया है। वृत्ति में स्थान पर नूतन पाठ प्रस्तुत करने तथा विविध पाठांतरों पर समालोचनात्मक प्रकाश डालने में दुर्गाचार्य ने अपनी विश्लेषणात्मक बुद्धि का परिचय दिया है। इस प्रकार इनकी वृत्ति इनके समय में प्राप्त निरुक्त ग्रंथ के समालोचनात्मक संस्करण के रूप को भी प्रस्तुत करती है। दुर्गाचार्य वेदों के महान मर्मज्ञ थे। इनके प्रगाढ़ पांडित्य का परिचय हमें निरुक्त में उद्धृत वेदमंत्रों की विशद व्याख्या से प्राप्त होता है। मंत्र में आए हुए एक एक शब्द का इन्होंने विद्वत्तापूर्ण विश्लेषण किया है। कहीं कहीं गहन मंत्रों की व्याख्या में इन्हें कठिनाई का भी सामना करना पड़ा। .

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द्रुतमार्ग (भारत)

दिल्ली-गुड़गाँव द्रुतमार्ग का एक दृश्यभारत में कार्यरत कुल द्रुतमार्गों की लम्बाई लगभग १४५५ किलोमीटर है। द्रुतमार्ग, जिन्हे द्रुतगामी मार्ग या एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है, भारतीय सड़क नेटवर्क में सबसे उच्च वर्ग की सड़कें होती है। वे छह या आठ लेन के नियंत्रित-प्रवेश राजमार्ग हैं जहां प्रवेश और निकास छोटी सड़कों के उपयोग द्वारा नियंत्रित किया जाता है। वर्तमान में, भारत में लगभग १,४५५.४ किमी द्रुतमार्ग परिचालन में हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (भारत सरकार) का उद्देश्य इस द्रुतमार्ग नेटवर्क का विस्तार करके २०२२ तक अतिरिक्त १८,६३६ किलोमीटर (११,५८० मील) द्रुत्मार्ग जोड़ने का है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत संचालित राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे प्राधिकरण, द्रुतमार्गों के निर्माण और रखरखाव का प्रभारी होगा। दुनिया भर के मुकाबले भारत में द्रुतमार्गों का घनत्व बहुत ही कम है। .

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द्वादश ज्योतिर्लिंग

हिन्दू धर्म में पुराणों के अनुसार शिवजी जहाँ-जहाँ स्वयं प्रगट हुए उन बारह स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है। ये संख्या में १२ है। सौराष्ट्र प्रदेश (काठियावाड़) में श्रीसोमनाथ, श्रीशैल पर श्रीमल्लिकार्जुन, उज्जयिनी (उज्जैन) में श्रीमहाकाल, ॐकारेश्वर अथवा अमलेश्वर, परली में वैद्यनाथ, डाकिनी नामक स्थान में श्रीभीमशंकर, सेतुबंध पर श्री रामेश्वर, दारुकावन में श्रीनागेश्वर, वाराणसी (काशी) में श्री विश्वनाथ, गौतमी (गोदावरी) के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर, हिमालय पर केदारखंड में श्रीकेदारनाथ और शिवालय में श्रीघुश्मेश्वर। हिंदुओं में मान्यता है कि जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल और संध्या के समय इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों का किया हुआ पाप इन लिंगों के स्मरण मात्र से मिट जाता है। .

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द्वारिका पीठ

द्वारकाधीश मन्दिर द्वारका पीठ भारत के गुजरात प्रदेश के सुमुद्रतटिय्य नगर द्वारका में स्थित एक मठ है जिसकी स्थापना आदि शंकराचार्य ने ८वीं शताब्दी में की थी। श्रेणी:भारत के प्रसिद्ध मंदिर.

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द्वारिकाधीश मंदिर

द्वारिकाधीश मंदिर भारत के गुजरात राज्य के द्वारिका में स्थित श्री कृष्ण का प्रमुख मंदिर है। हिन्दुओं के पवित्र चार धाम में से यह एक धाम है जो पश्चिम दिशा में स्थित है। .

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द्वारका

द्वारका गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में स्थित एक नगर तथा हिन्दू तीर्थस्थल है। यह हिन्दुओं के साथ सर्वाधिक पवित्र तीर्थों में से एक तथा चार धामों में से एक है। यह सात पुरियों में एक पुरी है। जिले का नाम द्वारका पुरी से रखा गया है जीसकी रचना २०१३ में की गई थी। यह नगरी भारत के पश्चिम में समुन्द्र के किनारे पर बसी है। हिन्दू धर्मग्रन्थों के अनुसार, भगवान कॄष्ण ने इसे बसाया था। यह श्रीकृष्ण की कर्मभूमि है। धुनिक द्वारका एक शहर है। कस्बे के एक हिस्से के चारों ओर चहारदीवारी खिंची है इसके भीतर ही सारे बड़े-बड़े मन्दिर है। काफी समय से जाने-माने शोधकर्ताओं ने पुराणों में वर्णित द्वारिका के रहस्य का पता लगाने का प्रयास किया, लेकिन वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित कोई भी अध्ययन कार्य अभी तक पूरा नहीं किया गया है। 2005 में द्वारिका के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान में भारतीय नौसेना ने भी मदद की।अभियान के दौरान समुद्र की गहराई में कटे-छटे पत्थर मिले और यहां से लगभग 200 अन्य नमूने भी एकत्र किए, लेकिन आज तक यह तय नहीं हो पाया कि यह वही नगरी है अथवा नहीं जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने बसाया था। आज भी यहां वैज्ञानिक स्कूबा डायविंग के जरिए समंदर की गहराइयों में कैद इस रहस्य को सुलझाने में लगे हैं। कृष्ण मथुरा में उत्पन्न हुए, लले, पर राज उन्होने द्वा ही किया। यहीं बैठकर उन्होने सारे देश की बागडोर अपने हाथ में संभाली। पांड़वों को सहारा दिया। धर्म की जीत कराई और, शिशुपाल और दुर्योधन जैसे अधर्मी राजाओं को मिटाया। द्वारका उस जमाने में राजधानी बन गई थीं। बड़े-बड़े राजा यहां आते थे और बहुत-से मामले में भगवान कृष्ण की सलाह लेते थे। इस जगह का धार्मिक महत्व तो है ही, रहस्य भी कम नहीं है। कहा जाता है कि कृष्ण की मृत्यु के साथ उनकी बसाई हुई यह नगरी समुद्र में डूब गई। आज भी यहां उस नगरी के अवशेष मौजूद हैं। द्वारका का विहंगम दृष्य .

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द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध

द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध पंजाब के सिख प्रशासित क्षेत्रों वाले राज्य तथा अंग्रेजों के ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच 1848-49 के बीच लड़ा गया था। इसके परिणाम स्वरूप सिख राज्य का संपूर्ण हिस्सा अंग्रेजी राज का अंग बन गया। .

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दूधपाक

दूधपाक एक प्रकार का पकवान है जो दूध, बादाम तथा चीनी से बनाया जाता है। श्रेणी:भारतीय मिठाइयाँ.

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देशभूषण

आचार्य देशभूषण एक Digambara जैन आचार्य 20 वीं सदी के हैं, जो रचना का अनुवाद और कई कन्नड़ शास्त्रों करने के लिए हिंदी.

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देव जोशी

देव जोशी एक भारतीय बाल कलाकार अभिनेता है जिनका जन्म गुजरात, भारत में 27 नवम्बर 2000 को हुआ था। इनके पिता दुष्यन्त जोशी है जबकि माता का नाम देवांगना जोशी है। ये मुख्यतः सब टीवी पर चलने वाले बाल वीर धारावाहिक के लिए जाने जाते हैं। इन्होने अब तक लगभग 20 गुजरती फिल्मों में तथा कई विज्ञापनों में भी काम किया है। .

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देवनागरी

'''देवनागरी''' में लिखी ऋग्वेद की पाण्डुलिपि देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरिरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, डोगरी, नेपाली, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली उपभाषाएँ), तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया की एक ट्राम पर देवनागरी लिपि .

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देवनागरी का इतिहास

देवनागरी लिपि की जड़ें प्राचीन ब्राह्मी परिवार में हैं। गुजरात के कुछ शिलालेखों की लिपि, जो प्रथम शताब्दी से चौथी शताब्दी के बीच के हैं, नागरी लिपि से बहुत मेल खाती है। ७वीं शताब्दी और उसके बाद नागरी का प्रयोग लगातार देखा जा सकता है। .

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देवभूमि द्वारका जिला

देवभूमि द्वारका जिला (દેવભૂમિ દ્વારકા જિલ્લો) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में स्थित राज्य के ३३ जिलों में से एक जिला है। जिले का नाम कृष्ण की कर्मभूमि द्वारका से पड़ा है। जिले का मुख्यालय खंभाळिया है। १५ अगस्त २०१३ को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जामनगर जिला का विभाजन करके देवभूमि द्वारका को नया जिला बनाने की घोषणा की थी। द्वारका जिला कच्छ की खाड़ी और अरबी समुद्र के तट पर बसा है। द्वारका हिन्दू धर्म के प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है। यहाँ से हिन्दू धर्म में पवित्र माने जाने वाली गोमती नदी पसार होती है। द्वारकाधीश का जगत मन्दिर प्रमुख दर्शनीय स्थल है। .

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देवराजीया (अमरेली)

देवराजीया (દેવરાજીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। देवराजीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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देवलीया (अमरेली)

देवलीया (દેવળીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। देवलीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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देवसिंह चौहान

देवसिंह चौहान भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की खेडा सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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देवजीभाई गोविंदभाई फतेपारा

देवजीभाई गोविंदभाई फतेपारा भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की सुरेन्द्रनगर सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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दोहद लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

दोहद लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। दोहद, मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य की सीमा पर बसा होने से इसका नाम दोहद हैं। मुग़ल बादशाह औरंगजेब का जन्म स्थल भी दोहद हैं, दोहद में अंग्रेजो के समय में बनाया गया रेल कारखाना हैं श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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दीपसिंह शंकरसिंह राठोड

दीपसिंह शंकरसिंह राठोड भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की साबरकंठा सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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दीपक नृत्य

दीपक नृत्य गुजरात का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:गुजरात के लोक नृत्य.

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दीव किला

दीव किला, जिसे स्थानीय रूप से पुर्तगाली किला भी कहा जाता है, भारत के पश्चिमी सागरतट पर दमन और दीव केन्द्र शासित प्रदेश के दीव क्षेत्र में है। दीव शहर किले के पश्चिमी छोर पर स्थित है। यह किला यहाँ पर पुर्तगाली उपनिवेशी काल के दौरान बनाया गया था। इसका निर्माण सन् १५३५ में आरम्भ हुआ जब उस समय के गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने मुग़ल साम्राज्य के बादशाह हुमायूँ द्वारा इस क्षेत्र को अपने अधीन कर लेने के प्रयासों से बचने के लिये पुर्तगालियों के साथ रक्षा-सन्धि कर ली। सन् १५४६ तक इस किले को अधिक मज़बूत करने का काम लगातार चलता रहा। १५३७ से किले और दीव शहर पर पुर्तगाली नियंत्रण आरम्भ हो गया और यह ४२४ वर्षों तक रहा, जो विश्व में किसी भी स्थान के लिये सबसे लम्बा उपनिवेशी राजकाल था। दिसम्बर १९६१ में भारत सरकार ने "ऑपरेशन विजय" नामक सैन्य कार्यवाई में यहाँ पुर्तगाली राज अन्त कर के इस क्षेत्र का फिर से भारत में विलय कर लिया और उस समय की गोवा, दमन और दीव केन्द्र शासित प्रदेश का भाग बनाया। गोवा को राज्य का दर्जा मिलने के बाद दमन और दीव केन्द्र शासित प्रदेश के रूप में संगठित करे गये। .

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धरोई बाँध योजना

धरोई बाँध योजना भारत की एक प्रमुख जल योजना हैं। साबरमती नदी पश्चिम भारत के गुजरात राज्य की एक प्रमुख नदी है, जिसके तट पर अहमदाबाद शहर बसा है। धरोई बाँध योजना इस साबरमती नदी के ऊपर बनाई गई है। श्रेणी:भारत की नदियाँ.

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धान उत्पादन की मेडागास्कर विधि

'''श्री विधि''' से तैयार धान का खेत: खेत की मिट्टी नम है किन्तु इसमें पानी नहीं लगाया गया है। मेडागास्कर विधि धान उत्पादन की एक तकनीक है जिसके द्वारा पानी के बहुत कम प्रयोग से भी धान का बहुत अच्छा उत्पादन सम्भव होता है। इसे सघन धान प्रनाली (System of Rice Intensification-SRI या श्री पद्धति) के नाम से भी जाना जाता है। जहां पारंपरिक तकनीक में धान के पौधों को पानी से लबालब भरे खेतों में उगाया जाता है, वहीं मेडागास्कर तकनीक में पौधों की जड़ों में नमी बरकरार रखना ही पर्याप्त होता है, लेकिन सिंचाई के पुख्ता इंतजाम जरूरी हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर फसल की सिंचाई की जा सके। सामान्यत: जमीन पर दरारें उभरने पर ही दोबारा सिंचाई करनी होती है। इस तकनीक से धान की खेती में जहां भूमि, श्रम, पूंजी और पानी कम लगता है, वहीं उत्पादन 300 प्रतिशत तक ज्यादा मिलता है। इस पद्धति में प्रचलित किस्मों का ही उपयोग कर उत्पादकता बढाई जा सकती है। कैरिबियन देश मेडागास्कर में 1983 में फादर हेनरी डी लाउलेनी ने इस तकनीक का आविष्कार किया था। .

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धानुक जाति

धानुक (अंग्रेजी: Dhanuk), एक जातीय समूह है जिसके सदस्य बांग्लादेश, भारत और नेपाल में पाए जाते हैं। भारत में धानुक दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, बिहार, त्रिपुरा, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में पाए जाते हैं। उन्हें पिछड़े जाति का दर्जा प्रदान किया गया है । नेपाल मे वे सप्तरी, सिरहा और धनुषा के तराई जिलों में बसे हुए हैं। वे या तो क्षत्रिय या एक अल्पसंख्यक स्वदेशी लोग हैं। पूर्वी तराई के धानुक मंडल के रूप में भी जाना जाता है । और पश्चिमी तराई के धानुक 'पटेल' कहलाते हैं। बिहार में धानुक जसवाल कुर्मी के रूप में भी जाना जाता है। पूरे बिहार में इनके उपनाम सिंह, महतो, मंडल, राय, पटेल, विश्वास इत्यादि हैं। दोनों देशों में धानुक हिन्दू हैं, और इस तरह के भोजपुरी और अवधी के रूप में हिंदी के विभिन्न बोलियों, बोलते हैं। परंपरा के अनुसार, 'धनुक' संस्कृत शब्द 'धनुषकः' से लिया गया है जिसका अर्थ है धनुषधारी। धानुक जा‍ति‍ के लोग राजा महाराजा काल मे उनकी अग्रिम पंक्ति में धनुर्धर थे जो पहला आक्रमण करते थे किसी भी युद्ध मे, क्योंकि इनकी निशानेबाजी सभी जातियों में सबसे अच्छी थी। धानुक जो धनुष्क से उद्धरित हुआ है इसका मतलब ही धनुष चलाने वाला होता है जिसका उल्लेख मालिक मुहम्मद जायसी की किताब पद्मावत में भी उल्लेख है। आशीर्वादी लाल श्रीवास्तव की किताब दिल्ली सल्तनत में भी इसी बात का उल्लेख है। .

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धारी, धारी तहसील

धारी गाँव भारत देश में गुजरात प्रान्त में सौराष्ट्र एवम काठियावाड़ विस्तार में स्थित अमरेली जिले में धारी तहसील का वहीवटी मुख्यालय है। धारी की जनसंख्या ३५००० है। यह गाँव गीर का जंगल एवम एशियाटीक सिंहो के आवास के लीए गुजरात में प्रख्यात है। धारी गीर पूर्व वन विभाग का मुख्य कार्यालय धारी में है। यहाँ पे हिंसक वन्य प्रानीओ का भी निवास है। मुख्य व्यवसाय प्रवासन, खेती एवम पशुपालन है। .

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धंधुका

धंधुका गुजरात प्रान्त का एक शहर है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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ध्रांगधरा

ध्रांगधरा या धांगध्रा नगर भारत में गुजरात के सुरेंद्रनगर नामक जिले में अहमदाबाद से ७५ मील पश्चिम में स्थित प्रसिद्ध नगर और रेलवे का जंकशन है। यहाँ पर कपास, नमक, ज्वार, बाजरा, इमारती पत्थर आदि का व्यापार होता है। कॉस्टिक सोडा, सोडा ऐश, सोडियम बाइ कार्बोनेट जैसे रासायनिक पदार्थों का भी यहाँ निर्माण किया जाता है। कपास से बिनौला निकालने तथा सूती वस्त्र बनाने के कारखाने भी हैं। यह कसीदाकारी की कला के लिए प्रसिद्ध है। १७३० ई. में स्थापित ध्रांगधरा देशी रियासत की यह राजधानी थी। इस रियासत का क्षेत्रफल १, १६७ वर्ग मील है। राज्यों के पुनर्गठन के समय रियासत गुजरात में सम्मिलित की गई। .

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ध्रांगध्रा रियासत

ध्रांगध्रा रियासत भारत में ब्रितानी शासनकाल में एक देशी रियासत थी। ध्रांगध्रा नगर (सुरेन्द्रनगर जिला, गुजरात) इसकी राजधानी थी। .

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ध्रोल राज्य

ध्रोल रियासत, ब्रिटिश भारत के बॉम्बे प्रेसीडेंसी की काठियावाड़ एजेंसी और बाद में, भारत गणराज्य के काठियावाड़ और सौराष्ट्र एजेंसी का एक शाही राज्य था। ध्रोल, ब्रिटिशकालीन भारत के उन ५६२ शाही रियासतों में से एक था, जिनके शाशकों को क्षेत्रीय स्वायत्तता प्राप्त थी। ध्रोल रियासत को ब्रिटिश ताज द्वारा ९-तोपी सलामी रियासत होने का सम्मान प्राप्त था। इस रियासत की राजधानी था काठियावाड़ के ऐतिहासिक हालार क्षेत्र में अवस्थित ध्रोल नगर। .

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धौथड़

धौथड़ एक जाट क़बीला है, जो गोजरानवाला जिला, पाकिस्तान में पाया जाता है। इस जाती का सिख शाखा भारत के विभाजन के समय भारत पंजाब और हरियाणा चली गई थी। पाकिस्तान में धौथड़ सियालकोट, गुजरात, हाफ़िज़ आबाद, मंडी बहाउालदीन और साहीवाल के जिलों में पाए जाते हैं। जबकि भारत में धौथड़ करनाल और कपरखला के जिलों में आबाद हैं। .

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धोड़

धोड़ गुजरात प्रान्त का एक शहर है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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धोलावीरा

धोलावीरा का परिष्कृत जल रिज़रवायर। गुजरात में कच्छ प्रदेश के उतरीय विभाग खडीर में धोलावीरा गांव के पास पांच हजार साल पहले विश्व का यह प्राचीन महानगर था। उस जमाने में लगभग ५०,००० लोग यहाँ रहते थे। ४,००० साल पहले इस महानगर के पतन की शुरुआत हुई। सन १४५० में वापस यहां मानव बसाहट शुरु हुई। पुरातत्त्व विभाग का यह एक अति महत्त्व का स्थान २३.५२ उत्तर अक्षांश और ७०.१३ पूर्व देशांतर पर स्थित है। यहाँ उत्तर से मनसर और दक्षिण से मनहर छोटी नदी से पानी जमा होता था। हड़प्पा संस्कृति के इस नगर की जानकारी १९६० में हुई और १९९० तक इसकी खुदाई चलती रही। हड़प्पा, मोहन जोदडो, गनेरीवाला, राखीगढ, धोलावीरा तथा लोथल ये छः पुराने महानगर पुरातन संस्कृति के नगर है। जिसमें धोलावीरा और लोथल भारत में स्थित है। इस जगह का खनन पुरातत्त्व विभाग के डॉ॰ आर.

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धोलका

धोलका, भारतीय राज्य गुजरात के अहमदाबाद जिले में स्थित एक नगर और नगरपालिका है। इसकी औसत ऊँचाई है। धोलका को भारत की सबसे पुरानी नगरपालिका माना जाता है। .

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धीरूभाई अम्बानी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी संस्थान

धीरूभाई अम्बानी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी संस्थान (Dhirubhai Ambani Institute of Information and Communication Technology (DA-IICT)) गुजरात के गांधीनगर में स्थित एक प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है। इसका नाम भारत के महान उद्योगी तथा रिलाएंस समूह के संस्थापक धीरूभाई अंबानी के नाम पर रखा गया है। इसका संचालन धीरूभाई अंबानी ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। .

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धीरूभाई अंबानी

धीरजलाल हीरालाल अंबानी (२८ दिसम्बर, १९३३, - ६ जुलाई, २००२) जिन्हें धीरुभाई भी कहा जाता है) भारत के एक चिथड़े से धनी व्यावसायिक टाइकून बनने की कहानी है जिन्होनें रिलायंस उद्योग की स्थापना मुम्बई में अपने चचेरे भाई के साथ की। कई लोग अंबानी के अभूतपूर्व/उल्लेखनीय विकास के लिए अन्तरंग पूंजीवाद और सत्तारूढ़ राजनीतिज्ञों तक उनकी पहुँच को मानते हैं क्योंकि ये उपलब्धि अति दमनकारी व्यावसायिक वातावरण में पसंदीदा वर्ताव द्वारा प्राप्त की गई थी। (लाइसेंस राज ने भारतीयों को दबाया। १९९० तक भारतीय व्यवसाय का गला घोंट दिया और उन्हीं को राजनीतिज्ञों ने लाइसेंस प्रदत्त किया जो की उनके इष्ट थे, जिसने प्रतियोगिता के कोई आसार नहीं छोड़े)। अंबानी ने अपनी कंपनी रिलायंस को १९७७ में सार्वजानिक क्षेत्र में सम्मिलित किया और २००७ तक परिवार (बेटे अनिल और मुकेश) की सयुंक्त धनराशी १०० अरब डॉलर थी, जिसने अम्बानियों को विश्व के धनी परिवारों में से एक बना दिया। .

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नडियाद

नडियाद (गुजराती:નડીયાદ) गुजरात के खेड़ा जिले का मुख्य शहर है। यहां का संतराम मंदीर के समाजसेवी कार्य सारे चरोतर में प्रशंसापात्र है। नडीयाद के आसपास चिकोरी का खेत उत्पाद होता है वह कोफ़ी के बदलें लोग वापरते हैं। .

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नदियों पर बसे भारतीय शहर

नदियों के तट पर बसे भारतीय शहरों की सूची श्रेणी:भारत के नगर.

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नयन मोंगिया

नयन रामलाल मोंगिया का जन्म 19 दिसम्बर १९६९ को बड़ौदा में हुआ था। वे पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं। वह दाहिने हाथ के बल्लेबाज और विकेटकीपर थे। .

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नया खीजडीया (अमरेली)

नया खीजडीया (નવા ખીજડીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। तरवडा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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नरहरि परीख

नरहरि द्वारकादास परीख (નરહરિ દ્રારકાદાસ પરીખ) भारत के एक लेखक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और समाजसुधारक थे। गांधीजी के कार्यों और व्यक्तित्व से प्रभावित होकर उन्होने अपना सारा जीवन गांधीजी से जुड़े संस्थानों के साथ बिताया। .

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नर्मदा नदी

'''नर्मदा''' और भारत की अन्य नदियाँ नर्मदा नदी का प्रवाह क्षेत्र नर्मदा, जिसे रेवा के नाम से भी जाना जाता है, मध्य भारत की एक नदी और भारतीय उपमहाद्वीप की पांचवीं सबसे लंबी नदी है। यह गोदावरी नदी और कृष्णा नदी के बाद भारत के अंदर बहने वाली तीसरी सबसे लंबी नदी है। मध्य प्रदेश राज्य में इसके विशाल योगदान के कारण इसे "मध्य प्रदेश की जीवन रेखा" भी कहा जाता है। यह उत्तर और दक्षिण भारत के बीच एक पारंपरिक सीमा की तरह कार्य करती है। यह अपने उद्गम से पश्चिम की ओर 1,221 किमी (815.2 मील) चल कर खंभात की खाड़ी, अरब सागर में जा मिलती है। नर्मदा मध्य भारत के मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। महाकाल पर्वत के अमरकण्टक शिखर से नर्मदा नदी की उत्पत्ति हुई है। इसकी लम्बाई प्रायः 1310 किलोमीटर है। यह नदी पश्चिम की तरफ जाकर खम्बात की खाड़ी में गिरती है। इस नदी के किनारे बसा शहर जबलपुर उल्लेखनीय है। इस नदी के मुहाने पर डेल्टा नहीं है। जबलपुर के निकट भेड़ाघाट का नर्मदा जलप्रपात काफी प्रसिद्ध है। इस नदी के किनारे अमरकंटक, नेमावर, गुरुकृपा आश्रम झीकोली, शुक्लतीर्थ आदि प्रसिद्ध तीर्थस्थान हैं जहाँ काफी दूर-दूर से यात्री आते रहते हैं। नर्मदा नदी को ही उत्तरी और दक्षिणी भारत की सीमारेखा माना जाता है। .

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नर्मदा जिला

नर्मदा भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय राजपीपला है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व .

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नर्मदा घाटी परियोजना

गुजरात और मध्य प्रदेश की राज्य सरकारों ने सरदार सरोवर परियोजना (SSP) और नर्मदा सागर परियोजना (NSP) की 1979 नींव रखी। इन राज्यो के अनुसार इस परियोजना से 1.9 करोड़ हेक्टेयर में सिंचाई, 1,450 मेगावाट बिजली (गुजरात) और 0.14 लाख हेक्टेयर में सिंचाई, 1,000 मेगावाट बिजली (म.प.) क्रमशः उत्पन्न होगी। इतने सुस्पष्ट लाभ के बावजूद सरदार सरोवर परियोजना भारत और दुनिया भर में में सबसे अधिक विवादास्पद परियोजना है। सभी विवादों में सबसे मुख्य मुद्दा, विस्थापित किये गए परिवारों की संख्या है क्योंकि बांध बनने के समय के रिपोर्ट में 6,147 परिवारों को विस्थापित बताया गया था, जबकि 1990 के एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार लगभग 40,245 परिवारो को विस्थापित होना पड़ा था। न केवल विस्थापित लोगों की बड़ी संख्या विवादास्पद रही बल्कि, पर्यावरण के विनाश के पहलुओं ने भी लोगो का ध्यान आकर्षित किया। इस परियोजना का वहाँ के आस-पास की परिस्थितिकी पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ा हैं लगभग 13385.45 हेक्टेयर वन जलमग्न हो चुके हैं। सरकार और पर्यावरणविद में जारी मतभेद और संघर्ष के बीच नर्मदा बचाओ आंदोलन का गठन किया गया जिसने आगे चल कर अपनी ज़मीन के लिए संघर्ष कर रहे परिवारों की मदद की। श्रेणी:भारत की नदी घाटी परियोजनाएं श्रेणी:भारत का भूगोल.

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नरेन्द्र मोदी

नरेन्द्र दामोदरदास मोदी (નરેંદ્ર દામોદરદાસ મોદી Narendra Damodardas Modi; जन्म: 17 सितम्बर 1950) भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री हैं। भारत के राष्‍ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमन्त्री पद की शपथ दिलायी। वे स्वतन्त्र भारत के 15वें प्रधानमन्त्री हैं तथा इस पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं। वडनगर के एक गुजराती परिवार में पैदा हुए, मोदी ने अपने बचपन में चाय बेचने में अपने पिता की मदद की, और बाद में अपना खुद का स्टाल चलाया। आठ साल की उम्र में वे आरएसएस से  जुड़े, जिसके साथ एक लंबे समय तक सम्बंधित रहे । स्नातक होने के बाद उन्होंने अपने घर छोड़ दिया। मोदी ने दो साल तक भारत भर में यात्रा की, और कई धार्मिक केंद्रों का दौरा किया। गुजरात लौटने के बाद और 1969 या 1970 में अहमदाबाद चले गए। 1971 में वह आरएसएस के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। 1975  में देश भर में आपातकाल की स्थिति के दौरान उन्हें कुछ समय के लिए छिपना पड़ा। 1985 में वे बीजेपी से जुड़े और 2001 तक पार्टी पदानुक्रम के भीतर कई पदों पर कार्य किया, जहाँ से वे धीरे धीरे वे सचिव के पद पर पहुंचे।   गुजरात भूकंप २००१, (भुज में भूकंप) के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के असफल स्वास्थ्य और ख़राब सार्वजनिक छवि के कारण नरेंद्र मोदी को 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। मोदी जल्द ही विधायी विधानसभा के लिए चुने गए। 2002 के गुजरात दंगों में उनके प्रशासन को कठोर माना गया है, की आलोचना भी हुई।  हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) को अभियोजन पक्ष की कार्यवाही शुरू करने के लिए कोई है। मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी नीतियों को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए । उनके नेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। एक सांसद के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी एवं अपने गृहराज्य गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से जीत दर्ज़ की। इससे पूर्व वे गुजरात राज्य के 14वें मुख्यमन्त्री रहे। उन्हें उनके काम के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) मुख्यमन्त्री चुना। गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त नरेन्द्र मोदी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से हैं।। माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी वे सबसे ज्यादा फॉलोअर वाले भारतीय नेता हैं। उन्हें 'नमो' नाम से भी जाना जाता है। टाइम पत्रिका ने मोदी को पर्सन ऑफ़ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया है। अटल बिहारी वाजपेयी की तरह नरेन्द्र मोदी एक राजनेता और कवि हैं। वे गुजराती भाषा के अलावा हिन्दी में भी देशप्रेम से ओतप्रोत कविताएँ लिखते हैं। .

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नानाभाई भट्ट (लोकभारती)

नरसिंह प्रसाद कालिदास (जिन्हें नानाभाई भट्ट के नाम से जाना जाता है।) प्रख्यात शिक्षाविद्, विचारक, स्वतंत्रता सेनानी और एक रचनात्मक लेखक थे। उनका जन्म ११ नवम्बर १८८२ को भावनगर में हुआ। नानाभाई, गिजुभाई बधेका और हरभाई त्रिवेदी के समकालीन और भावनगर की मशहूर त्रिमूर्ति थे जिन्होंने भारत में शिक्षा सुधार, ग्रामीण विकास और बाल शिक्षा के क्षेत्र में महान प्रेरणा और दृष्टि छोड़ी। नानाभाई भट्ट दक्षिणमूर्ति विद्यार्थी भवन/दक्षिणार्थी विनय मंदिर - भावनगर, ग्राम दक्षिणामूर्ति - अम्बाला और सिहोर ब्लॉक सनोसारा स्थित लोकभारती, भावनगर जैसी प्रतिष्ठित और अद्वितीय शैक्षिक संस्थानों के संस्थापक रहे। .

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नान्देज

नान्देज (ते. दस्क्रोइ) भारत देश के पश्चिम भाग मे स्थित गुजरात राज्य के मध्य भाग मे अहमदाबाद जिल्ले के कुल ११ तालुका मे से एक दस्क्रोइ मे बसा गाव है। नान्देज गाव के लोगो का मुख्य व्यवसाय खेती, खेत मजदूरी, और पशुपालन है। इस गाव मे मुख्यरूप से गेहु, बाजरा, कपास, रेंड़ी और सब्जी जैसे पाक की खेती होती है। इस गाव मे प्राथमिक विद्यालय, पंचायत घर, आंगनवाड़ी और दुध बिक्री केन्द्र जैसी सुविधाएं उप्लब्ध है।  श्रेणी:गुजरात के गाँव श्रेणी:आधार.

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नाम की व्युत्पत्ति के आधार पर भारत के राज्य

भारतीय गणराज्य का १९४७ में राज्यों के संघ के रूप में गठन हुआ। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ के अनुसार राज्यीय सीमाओं को भाषाई आधार पर पुनर्व्यवस्थित किया गया, इसलिए कई राज्यों के नाम उनकी भाषाओं के अनुसार हैं और आमतौर पर तमिल नाडु (तमिल) और कर्णाटक (कन्नड़) को छोड़कर, इन नामों की उत्पत्ति संस्कृत से होती है। तथापि अन्य राज्यों के नाम उनकी भौगोलिक स्थिति, विशेष इतिहास या जनसंख्याओं और औपनिवेशिक प्रभावों पर पड़े हैं। .

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नायकी देवी

नायकी देवी चालुक्य वंश की महारानी थी, जिसने ११७८ ई. में मोहम्मद ग़ोरी को परास्त किया था। .

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नारन भाई काछड़ीया

कछाड़िया नारनभाई भीखाभाई भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की अमरेली सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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नारायण देसाई

नारायण देसाई (24 दिसम्बर 1924 - 15 मार्च 2015) एक प्रख्यात गाँधीवादी थे। वे गाँधीजी के निजी सचिव और उनके जीवनीकार महादेव देसाई के पुत्र थे। नारायण देसाई भूदान आंदोलन और सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन से जुड़े रहे थे और उन्हें "गाँधी कथा" के लिये जाना जाता है जो उन्होंने 2004 में शुरू की थी। .

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नारायण सरोवर

नारायण सरोवर नारायण सरोवर गुजरात के कच्छ जिले के लखपत तालुका में स्थित हिन्दुओं का एक तीर्थस्थान है। प्राचीन कोटेश्वर मन्दिर यहाँ से ४ किमी की दूरी पर है। श्रीमद्भागवत में वर्णित पाँच पवित्र सरोवरों में से एक है। Encyclopaedia of tourism resources in India, Volume 2 By Manohar Sajnani 'नारायण सरोवर' का अर्थ है - 'विष्णु का सरोवर'। यहां सिंधु नदी का सागर से संगम होता है। इसी संगम के तट पर पवित्र नारायण सरोवर है। यह सनातन-धर्मियों के पांच पवित्र सरोवरों में से एक है। अन्य सरोवर हैं- मानसरोवर, विन्दु सरोवर, पुष्कर सरोवर और पंपा सरोवर। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु इन पवित्र सरोवरों में डुबकी लगाते हैं। नारायण सरोवर में कार्तिक पूर्णिमा से तीन दिन का भव्य मेला आयोजित होता है। इसमें उत्तर भारत के सभी सम्प्रदायों के साधु-संन्यासी और अन्य भक्त शामिल होते हैं। इस पवित्र सरोवर में अनेक प्राचीन सन्त-महात्माओं के आने के प्रसंग मिलते हैं। आद्य शंकराचार्य भी यहां आए थे। चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी इस सरोवर की चर्चा अपनी पुस्तक 'सीयूकी' में की है। .

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नारायण साईं

नारायण साईं (जन्म: 29 जनवरी 1972, नारायण सिरुमलानी/हरपलानी) एक भारतीय अध्यात्मिक प्रवचनकर्ता हैं। वे वर्तमान में सूरत के लाजपोर जेल में एक साधिका का बलात्कार के विचाराधीन मामले में बंद हैं। वे आसाराम बापू के इकलौते पुत्र है। .

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नागभट्ट द्वितीय

नागभट्ट द्वितीय (805-833), अपने पिता वत्सराज से गद्दी प्राप्त कर गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के चौथे राजा बने। उनकी माता का नाम सुन्दरीदेवी था। नागभट्ट द्वितीय को परमभट्टारक, महाराजाधिराज और कन्नौज विजय के बाद 'परमेश्वर' की उपाधि दी गई थी। शाकम्भरी के चाहमानों ने गुर्जरों की अधिनता स्वीकार कर ली और उस समय के चाहमान प्रमुख गुवक ने अपनी बहन कलावती का विवाह नागभट्ट से करा दिया। निस्संदेह नागभट्ट द्वितीय गुर्जर प्रतीहार वंश का एक शक्तिशाली शासक था। चन्द्रप्रभासुरि कृत प्रभावकचरित के अन्तर्गत बप्पभट्टिचरित में नागभट्ट के ग्वालियर के भव्य दरबार का वर्णन मिलता हैं। उसके दरबार के नवरत्नों मे से एक जैन आचार्य बप्पभट्टिसुरि के कहने से नागभट्ट ने ग्वालियर में जैन प्रतिमाएं स्थापित करवायी थी। पं० गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा के अनुसार जिस नाहड़राव प्रतिहार ने पुष्कर सरोवर (अजमेर) का निर्माण कराया था, वो असल में नागभट्ट द्वितीय ही था। .

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नागभट्ट प्रथम

नागभट्ट प्रथम (मृत्यु ७८० ई) गुर्जर प्रतिहार राजवंश का प्रथम राजा था। इसे 'हरिश्चन्द्र' के नाम से भी जाना जाता था। पुष्यभूति साम्राज्य के हर्षवर्धन के बाद पश्चिमी भारत पर उसका शासन था। उसकी राजधानी कन्नौज थी। उसने सिन्ध के अरबों को पराजित किया और काठियावाड़, मालवा, गुजरात तथा राजस्थान के अनेक क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया था। नागभट्ट प्रथम राष्ट्रकूट नरेश दन्तिदुर्ग से पराजित हो गया। कुचामन किले का निर्माण नागभट्ट प्रतिहार ने करवाया था। .

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नागर

नागर या नागर ब्रहामण भारतीय मूल के धर्मो में वर्ण व्यवस्था के अनुसार ब्राह्मणो की एक ज्ञाति है। नागरो को ब्राह्मणो में सब से श्रेष्ठ माना जाता है। भारत में गुजरात, काश्मीर, मध्यप्रदेश इत्यादि राज्यो में नागर समुदाय की बस्ती ज्यादा है। नागर समुदाय के लोग कलम, कड़छी और बरछी में निपुण होते है एसा माना जाता है। नागरो के बारे में वेद व्यास द्वारा लिखित स्कन्दपुराण के नागरखंड में प्राचीन उल्लेख मिलता है। इसके अनुसार भगवान शिव ने उमा से विवाह के लिए नागरों को उत्पन्न किया था तथा इसके पश्चात प्रसन्न होकर उत्सव मनाने के लिए इन्हें हाटकेश्वर नाम का स्थान वरदान के रूप में दिया था। नागर ब्राह्मण के मूल स्थान के आधार पर ही उन्हें जाना जाने लगा जैसे वडनगर के वडनगरा ब्राह्मण विसनगर के विसनगरा, प्रशनिपुर के प्रशनोरा (राजस्थान) जो अब भावनगर तथा गुजरात के अन्य प्रान्तों में बस गए, क्रशनोर के क्रशनोरा तथा शतपद के शठोदरा आदि छ प्रकार के नामो से नागर ब्राह्मणो को जाना जाता है। एक कथा के अनुसार एक ब्राह्मण पुत्र क्रथ एक बार घूमते- घूमते नागलोक के नागतीर्थ में पहुँच गया। वहां उसका मुकाबला नाग लोक के राजकुमार रुदाल से हो गया, इसमें नाग कुमार मारा गया। इससे नाग राज को क्रोध आ गया और उसने पुत्र की हत्या करने वाले कुल का समूल नाश करने की प्रतिज्ञा कर ली। उसने गाँव पर चढ़ाई कर दी जो आज वडनगर के नाम से जाना जाता है, वहीँ ब्राह्मण कुमार क्रथ अपने परिवार तथा अन्य कुटुंब के साथ रहता था। इसमें बहुत सारे ब्राह्मण परिवार मारे गए और बचे हुए लोगों ने भाग कर एक संत मुनि त्रिजट के पास शरण ली।त्रिजट ने उन्हें भगवान शिव की आराधना करने को कहा। बाह्मणों ने पूरे मन और भक्ति भाव से भगवान शिव की तपस्या की। भगवान शिव प्रसन्न हो गए पर चूंकि नाग भी शिव के भक्त थे अतः शिव ने नागों का अहित करने में अपनी असमर्थता व्यक्त की परन्तु ब्राह्मणों को सर्पों के विष से बचने की शक्ति प्रदान कर दी। ब्राह्मण अपने गाँव को लौट गए और तब से इन्हें ना-गर (जिस पर अगर अर्थात विष का प्रभाव ना पड़ता हो) कहा जाने लगा। इसीलिए नागर समुदाय सारे ब्राह्मणों में सबसे अधिक श्रद्धेय तथा पवित्र भी माने जाते हैं क्योकि वे अपने ह्रदय में कोई बुराई (विष) उत्पन्न नहीं होने देते हैं। हाटकेश्वर मन्दिर -.......गुजरात के पुरा ग्रंथो में उल्लेख मिलता है कि वडनगर (चमत्कारपूर) की भूमि राजा द्वारा आभार -चिह्न के रूप में नागरो को भेंट किया था। राजा को एक हिरन को मारकर स्वयम व् अपने पुत्रो को खिलने कर्ण गल्य्त्व मुनि द्वारा एक अभिशाप के कारण जो श्वेत कुश्त हो गया राजा ने नागर सभा से करुना की याचना की, कृनाव्र्ट धरी नागर ने राजा के कष्टों का जड़ी बूटियों और प्राकृतिक दवाओं...के अपने ज्ञान की मदद से इलाज किया गया। राजा चमत्कारपूर (देश जहाँ वडनगर स्थित है) देश नागरो को दान में देना चाह, परन्तु अपनी करुना का मूल्य न लगाने के कारण राजा का इनाम स्वीकार नहीं किया ! नागर ब्राह्मण के 72 परिवार उच्च सिद्धांतों, के थे जिन्होंने दान स्वीकार नहीं किया राजा चमत्कार की रानी से अनुनय के बाद छह परिवारों ने उपहार स्वीकार कर लिया, परन्तु 66 परिवार जिन्होंने रजा का उपहार स्वीकार नहीं किया अपना देश त्याग चले गए और उनके वंशज साठ गाडियों में अपना कुनबा लेकर चले थे इसीसे सठोत्रा गोत्र के कहलाये ! आज भी वे अपने त्याग ओर आदर्शो के कारण श्रद्धेय हैं। ! एक अन्य किवदन्...ती जो की नागर समाज के तीर्थ पुरोहितो की पोथी के अनुसार यह है कि गुजरात के तत्कालीन नवाब नासिर-उद-दीन (महमूद शाह) ई.स. 1537- 1554 के लगभग धर्म परिवर्तन, मुस्लिम वंश में कन्या देना एवं जागीर और सरकारी कामकाज में गैर मुस्लिमों की बेदखली से क्षुब्ध हो गुजरात छोड़ कर मालवा और राजस्थान की और पलायन किया, साठ बैलगाड़ी में अपना सब कुछ वही छोड़ रात ही रात एकसाथ पलायन करने से साठोत्रा कहलाये ! कहते है यात्रा में एक दिन जिस स्थान से मालवा और राजस्थान के दोराहे पर कन्थाल और कालीसिंध के तट पर जिस बैलगाड़ी में अपने साथ अपने इष्ट व् कुलदेव भगवान हाटकेश्वर का चलायमान शिवलिंग स्वरूप (जिसे वडनगर के प्राचीन व् स्वयम्भू हाटकेश्वर मंदिर में उत्सव एवं शोभायात्राओ में नगर में निकला जाता था) को रात्रि विश्राम के बाद प्रात: सभी चलने को उद्यत हुए तो जिस बैलगाड़ी में भगवान हाटकेश्वर मुर्तिस्वरूप विराजमान थे बहुत कोशिश के बाद भी आगे नहीं चला पाए, प्रभु की इच्छा जान सभी नागर जन वही अपने इष्ट देव की पूजन करने लगे! संयोगवश उसी रात महाराणा उदयसिंग को स्वप्न में भगवान हाटकेश्वर के दर्शन हुए और आज्ञा दी की तुम्हारे राज्य की सीमा पर मेरे प्रिय जन भूखे है जाकर उन ब्रहामणों को अन्न आदि दो, महाराणा ने तुरंत अपने स्थानीय प्रतिनिधि को सूचित किया, जब महाराणा उदयसिंग के प्रतिनिधी ने अपने दूतो को आज्ञा दी ओर उन्होंने नागर जनों को भोजन अन्न व् गाये देना चाहा तो उन सभी ने कहा जब तक हमारे इष्ट देव को स्थापित नहीं कर देते तब तक अन्न नहीं लेंगे, जब महाराणा उदयसिंग को पता लगा तो उन्होंने सभी नागर को राजभटट की उपाधी दी!तथा राजपुरोहित को भेज कर सोयत कलां में शिवलिंग स्थापित करवाकर गो, भूमि और भोजन आदि की व्यवस्था की ! प्रति वर्ष हाटकेश्वर जयंती पर इसी स्थान पर सभी एकत्र होकर परस्पर मिलेंगे ऐसा विमर्श कर तथा यहाँ मन्दिर स्थान पर एक स्वजन को पूजन में नियुक्त कर, यही से सभी नागर जन अपनी अपनी आजीविका की तलाश में आगे बढ़े, आज उन्ही पुण्य श्लोक पूर्वजो और अपने इष्ट व् कुलदेव भगवान हाटकेश्वर की कृपा से आज हम सब पूर्णत:कुशल मंगल है! भगवान् हाटकेश्वर सदा अपनी करूणा कृपा हम सब पर बनाये रखें! श्रेणी:ब्राह्मण.

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नागर शैली

नागर शैली उत्तर भारतीय हिन्दू स्थापत्य कला की तीन में से एक शैली है। इस नागर शैली के अंग खजुराहो के मन्दिर नागर शैली में निर्मित हैं।शैली का प्रसार हिमालय से लेकर विंध्य पर्वत माला तक देखा जा सकता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार नागर शैली के मंदिरों की पहचान आधार से लेकर सर्वोच्च अंश तक इसका चतुष्कोण होना है। विकसित नागर मंदिर में गर्भगृह, उसके समक्ष क्रमशः अन्तराल, मण्डप तथा अर्द्धमण्डप प्राप्त होते हैं। एक ही अक्ष पर एक दूसरे से संलग्न इन भागों का निर्माण किया जाता है। .

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नागरी लिपि

नागरी लिपि से ही देवनागरी, नंदिनागरी आदि लिपियों का विकास हुआ है। इसका पहले प्राकृत और संस्कृत भाषा को लिखने में उपयोग किया जाता था। कई बार 'नागरी लिपि' का अर्थ 'देवनागरी लिपि' भी लगाया जाता है। नागरी लिपि का विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ है। कुछ अनुसन्धानों से पता चला कि नागरी लिपि का विकास प्राचीन भारत में पहली से चौथी शताब्दी में गुजरात में हुआ था। सातवीं शताब्दी में यह लिपि आमतौर पर उपयोग की जाती थी और कई शताब्दियों के पश्चात इसके स्थान पर देवनागरी और नंदिनागरी का उपयोग होने लगा। .

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नागा साधु

पशुपतिनाथ मन्दिर, नेपाल में एक नागा साधु नागा साधु हिन्दू धर्मावलम्बी साधु हैं जो कि नग्न रहने तथा युद्ध कला में माहिर होने के लिये प्रसिद्ध हैं। ये विभिन्न अखाड़ों में रहते हैं जिनकी परम्परा जगद्गुरु आदिशंकराचार्य द्वारा की गयी थी। .

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नागार्जुन (रसायनशास्त्री)

नागार्जुन भारत के धातुकर्मी एवं रसायनज्ञ (alchemist) थे। उन्होने रसरत्नाकर नामक रसग्रंथ की रचना की। शायद अपने समय मे किसी व्यक्ति को लेकर इतनी कहानियां नहीं गढ़ी गई थी जितनी नागार्जुन के बारे में। कहा जाता है कि देवी-देवताओँ के साथ उनका सम्पर्क था जिससे उनके पास अप धातुओं को सोने में बदलने की शक्ति आ गई थी। और वह अमृत बना सकते थे। वह प्रसिद्ध थे और लोग उन्हें सराहना और भय मिश्रित दृष्टि से देखते थे। .

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नागेश्वर मंदिर, द्वारका

नागेश्वर मन्दिर एक प्रसिद्द मन्दिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह द्वारका, गुजरात के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। यह शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हिन्दू धर्म के अनुसार नागेश्वर अर्थात नागों का ईश्वर होता है। यह विष आदि से बचाव का सांकेतिक भी है। रुद्र संहिता में इन भगवान को दारुकावने नागेशं कहा गया है। भगवान्‌ शिव का यह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग गुजरात प्रांत में द्वारका पुरी से लगभग 17 मील की दूरी पर स्थित है। इस पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन की शास्त्रों में बड़ी महिमा बताई गई है। कहा गया है कि जो श्रद्धापूर्वक इसकी उत्पत्ति और माहात्म्य की कथा सुनेगा वह सारे पापों से छुटकारा पाकर समस्त सुखों का भोग करता हुआ अंत में भगवान्‌ शिव के परम पवित्र दिव्य धाम को प्राप्त होगा। एतद् यः श्रृणुयान्नित्यं नागेशोद्भवमादरात्‌। सर्वान्‌ कामानियाद् धीमान्‌ महापातकनाशनम्‌॥ .

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नितिनभाई पटेल

नितिनभाई पटेेल एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं गुजरात के उप मुख्यमंत्री है| वे भारतीय जनता पार्टी केे राजनेता है| .

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निरमा

निरमा कई कम्पनियों का समूह है जिनका मुख्यालय अहमदाबाद में है। यह समूह सौंदर्य प्रसाधन (कॉस्मेटिक्स), साबुन, नमक सहित अनेकों उत्पाद बनाता है। गुजरात के प्रमुख व्यवसायी, उद्यमी एवं मानवप्रेमी श्री कर्सनभाई पटेल ने अकेले के दम पर इसे आरम्भ किया था। सम्प्रति निरमा समूह में १४००० कर्मचारी हैं और इस समूह का कारोबार २५०० करोड़ का है। .

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निर्धनता दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों को 16 सितम्बर 2013 की स्थिति तक निर्धनता की दर के आधार पर क्रमित करती है। यह सूची भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रकाशित 2013 के वार्षिक प्रतिवेदन से संकलित की गई है। क्रम-स्थान प्रतिशत में निर्धनता सीमा से नीचे रह रहे लोगों की गणना अनुसार दिया गया है और ऍम.आर.पी.

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निर्मल चंद्र विज

जनरल निर्मल चंद्र विज पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम (जन्म ३ जनवरी १९४३, जम्मू) भारतीय सेना के 21 वें सेना प्रमुख थे। वे १ जनवरी २००३ से ३१ जनवरी २००५ तक सेनाध्यक्ष रहे । .

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निलोफर चक्रवात

नीलोफर की छवि २५ अक्टूबर २०१४ के समय नीलोफर, अक्टूबर २०१४ में दक्षिण हिंद महासागर में बना एक चक्रवाती तूफान है। यह हुदहुद चक्रवात से कम गति का है। मौसम विभाग के अनुसार यह गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश को प्रभावित कर सकता है। इसके नाम का सुझाव पाकिस्तान ने दिया था। .

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नवरात्रि

नवरात्रि एक हिंदू पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'नौ रातें'। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। पौष, चैत्र,आषाढ,अश्विन प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों - महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दुर्गा का मतलब जीवन के दुख कॊ हटानेवाली होता है। नवरात्रि एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्योहार है जिसे पूरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है। नौ देवियाँ है:-.

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नवल किशोर शर्मा

नवल किशोर शर्मा गुजरात के पुर्वतन राज्यपाल। .

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नवसारी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

नवसारी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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नवसारी जिला

नवसारी भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला तथा जिले का मुख्यालय है। नवसारी पूर्णा नदी पर सूरत से १७ मील दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित प्रसिद्ध नगर है। यहाँ पर कपास, ज्वार, बाजरा तथा इमारती लकड़ी का व्यापार होता है। सूती और रेशमी वस्त्रों के कुटीर तथा भारी उद्योग हैं। लकड़ी पर खुदाई करके कलात्मक वस्तुएँ बनाई जाती हैं। पीतल एवं ताँबे के बरतन तथा सामान, चमड़े के समान, तेल इंजिन, फिरकी (bobbins), साबुन, इत्र, तथा धातु की वस्तुएँ भी यहाँ बनाई जाती हैं। भारतीय पारसियों का यह केंद्र है, उनका एक कालेज भी यहाँ है। पहले यह बड़ोदा राज्य में था, किंतु सन् १९४९ में राज्य के विलय के बाद इसे सूरत जिले में मिला दिया गया और अब स्वयं जिला बन गया है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

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नवानगर रियासत

नवानगर, सौराष्ट्र के ऐतिहासिक हालार क्षेत्र में अवस्थित एक देसी राज्य था। यह कच्छ की खाड़ी के दक्षिणी तट पर स्थित था जिसके केन्द्र में वर्त्तमान जामनगर था। इसकी स्थापना सन १५४० ईस्वी में हुई थी, और यह राज्य भारत के स्वतन्त्र होने तक विद्यमान था। वर्ष १९४८ में, आधिकारिक रूप से भारतीय संघ में अधिग्रहित कर लिया गया। इसकी राजधानी नवानगर थी, जिसे वर्तमान समय में जामनगर के नाम से जाना जाता है। नवानगर रियासत के कुल भूभाग का क्षेत्रफल था और १९०१ की जनगणना के अनुसार इसकी कुल जनसंख्या ३,३६,७७९ थी। नवानगर राज्य पर, जडेजा गोत्र के हिन्दू राजपूत वंश का राज था, जिन्हें "जाम साहब" की उपाधि से संबोधित किया जाता था। नवानगर और कच्छ राज्य के राजकुटुंब एक ही वंश के थे। ब्रिटिश संरक्षणाधीन काल में नवानगर के जाम साहब को १५ तोपों की सलामी का सम्मान प्राप्त था। ब्रिटिश राज में नवानगर, बॉम्बे प्रेसिडेंसी के काठियावाड़ एजेंसी का हिस्सा था। नवानगर में एक मुक्‍ता मात्स्यकालय (मोती समुपयोजनागार) थी, जो नवानगर की धन का सबसे बड़ा स्रोत था। इसके अलावा, नवानगर राज्य ने भारत में क्रिकेट को प्रसिद्ध करने में अहन भूमिका थी, जिसका श्रेय जाम साहब रणजीतसिंहजी जडेजा को जाता है, जो स्वयं भी एक प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी थे। रणजीतसिंहजी नवानगर के तमाम जाम साहबों में सबसे प्रसिद्ध थे, उन्हें विशेष तौर पर, भारत में क्रिकेट के विकास में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। .

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नवानगर के जाम साहब

नवानगर रियासत का शाही कुलंक, जिसपर "''श्रीजामीजयति''"(''जाम की जय हो!'') का ध्येय प्रदर्शित है। नवानगर के महाराज जाम साहब, काठियावाड़, वर्त्तमान गुजरात राज्य में स्थित नवानगर रियासत के एकराटिय शाशक का पद था, जिन्हें जाम साहब के नाम से संबोधित किया जाता था। .

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नवजीवन ट्रस्ट

'लोकमान्य का स्वर्गवास' शीर्षक से नवजीवन का मुख्य समाचार नवजीवन ट्रस्ट भारत के अहमदाबाद (गुजरात) स्थित पुस्तकों के प्रकाशक हैं। इसकी स्थापना सन १९२९ में महात्मा गांधी ने की थी। नवजीवन ने अब तक हिन्दी, गुजराती, अंग्रेजी एवं अन्य भाषाओं में कोई ८०० पुस्तकें प्रकाशित की है। अभी हाल में ही (दिसम्बर २००८) इन पुस्तकों से नवजीवन ट्रस्ट का कॉपीराइट समाप्त हुआ है। .

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नंदवंशी

नंदवंशी शब्द नन्द या नंदगोप नामक प्रसिद्ध पौराणिक चरित्र के वंशजों का परिचायक है। हरिवंश पुराण के अनुसार - नन्द "पावन ग्वाल" नाम से परिभाषित गोपालक या गोप जाति के मुखिया थे। वासुदेव नवजात कृष्ण के जन्म की रात को ही पालन पोषण हेतु नन्द को सौंप कर आए थे। .

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न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड

न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (अंग्रेजी: Nuclear Power Corporation of India Limited (NPCIL)), भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। सितंबर 1987 में कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत इस कंपनी को सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी के तौर पर पंजीकृत किया गया था। इस कंपनी का उद्देश्य परमाणु ऊर्जा अधिनियम-1962 के तहत भारत सरकार की योजनाएं और कार्यक्रमों के अनुसरण में बिजली का उत्पादन करने हेतु परमाणु बिजली घर का परिचालन तथा नाभिकीय शक्ति परियोजनाएं कार्यान्वित करना है। एनपीसीआईएल, परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के साथ ज्ञापन पत्र हस्ताक्षरित करनेवाली कंपनी है। वर्तमान में एनपीसीआईएल 4120 एमडब्ल्युई की कुल संस्थापित क्षमता के साथ 17 नाभिकीय उर्जा संयंत्र का प्रचालन कर रहा है जिसमें 5 रिएक्टर निर्माणाधीन है; दोनों की कुल क्षमता 2660 एमडब्ल्युई है। एनपीसीएल को 285 रिएक्टर वर्ष से अधिक वर्ष सुरक्षित तरीके से न्युक्लियर पावर प्लांट का प्रचालन करने का अनुभव प्राप्त है। “पहले संरक्षा फिर उत्पादन” के आदर्श के साथ एनपीसीआईएल अपने प्लांट का परिचालन करता है। एनपीसीआईएल ने एक्स योजना (2002 - 2007) में करीबन 90 अरब युनिट बिज़ली का उत्पादन किया है जोकि तय किये गये लक्ष्य से 10% अधिक था और 1300 एमडब्ल्युई क्षमता के लक्ष्य के समक्ष 1180 एमडब्ल्युई का लक्ष्य प्राप्त किया जिससे जाहिर है कि तय किये गये क्षमता से 91% अधिक बढोत्तरी की है। सरकार द्वारा निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में आने की अनुमति देने के फैसले के बाद से निगम अपने कर्मचारियों को निजी कंपनियों द्वारा प्रलोभन दिये जाने की समस्या से जूझ रहा है। .

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नौतम भट्ट

भारतीय विज्ञान डॉ नौतम भट्ट (१९०९ - २००५) भारत के एक रक्षा वैज्ञानिक थे। उन्होने भारत को रक्षा-सामग्री के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अग्‍नि, पृथ्वी, त्रिशूल, नाग, ब्रह्मोस, धनुष, तेजस, ध्रुव, पिनाका, अर्जुन, लक्ष्य, निशान्त, इन्द्र, अभय, राजेन्द्र, भीम, मैसूर, विभुति, कोरा, सूर्य आदि भारतीय शस्त्रों के विकास में उनका अद्वितीय योगदान रहा। उन्हें भारत के रक्षा अनुसंधान की नीव रखने वाला वैज्ञानिक माना जाता है। .

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नूर अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोफिल्म केन्द्र

नूर अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोफिल्म केन्द्र, इस्लामिक गणराज्य ईरान नई दिल्ली, के कल्चर हाउस में स्थित है। नूर अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोफिल्म केन्द्र पुरानी पाण्डुलिपि की मरम्मत, उनकी माइक्रोफिल्म व तस्वीर तैयार करना व मुद्रित पृष्ठों को प्रकाशित करना, जैसे कार्यो में लिप्त रहा है। मेहदी ख्वाजा पीरी द्वारा किये गए प्रयासों के परिणाम स्वरूप 1985 में इस सेंटर को स्थापित किया गया था। केन्द्र की शैक्षिक व सांस्कृतिक गतिविधियों की शुरुआत अल्लामा क़ाज़ी नूरुल्लाह शुस्तरी की पुण्यतिथि (बरसी) के साथ हुई। वह अपने समय के विधिवेत्ता होने के साथ-साथ एक विद्वान, मोहद्दिस, धर्मशास्त्री, कवि व साहित्यिक व्यक्ति भी थे। उन्हें शहीद-ए-सालिस से भी जाना जाता है। इस महान व्यक्ति की याद में नूर अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोफिल्म केन्द्र का नाम रखा गया। .

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नेहा मेहता

नेहा मेहता भारतीय अभिनेत्री हैं। यह मुख्यतः तारक मेहता का उल्टा चश्मा में अंजलि मेहता के किरदार के लिए जानी जाती हैं। इसके अलावा यह स्टार प्लस के धारावाहिक भाभी में मुख्य किरदार के लिए भी जानी जाती हैं। .

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नीरज वोरा

नीरज वोरा (22 जनवरी 1963 - 14 दिसंबर 2017), एक भारतीय फिल्म निर्देशक, लेखक, अभिनेता और संगीतकार थे। उन्होंने बॉलीवुड में आमिर खान की फिल्म रंगीला के लिए एक लेखक के रूप में अपना काम किया था। 2000 में उनकी पहली निर्देशित फिल्म खिलाड़ी 420 आई थी। बाद में 2006 में उन्होंने "फिर हेरा फेरी" फिल्म की पट्कथा और निर्देशन दोनो किया था। अक्टूबर 2016 में एक मस्तिष्क आघात के कारण वो कोमा में चले गये। कोमा में जाने से पहले वो "हेरा फेरी 3" पर काम कर रहे थे। दिसंबर 2017 में उनका निधन हो गया। .

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नीरव मोदी

नीरव मोदी एक भारतीय व्यापारी है, जो २०१० में स्थापित 'नीरव मोदी ग्लोबल डायमंड जेवेलरी हाउस' का संस्थापक है। उसकी इस कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है। नीरव मोदी 'क्रिस्टी' और 'सोथेबीस कैटलॉग' पत्रिकाओं के कवर पर प्रदर्शित होने वाला पहला भारतीय जोहरी हैं। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में $१.८ बिलियन के एक धोखाधड़ी मामले में फिलहाल उस पर जांच चल रही है।नीरव मोदी को भारत सरकार ने 11000 करोड रु फ़्रॉड केस में भगोड़ा घोषित किया है।सीबीआई ने अहमदनगर की फैक्ट्री जप्त करली है .

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पटौला साड़ी

पटौला साड़ी, हथकरघे से बनी एक प्रकार की साड़ी है। इसे दोनों तरफ से बनाया जाता है। यह काफी महीन काम है। पूरी तरह सिल्क से बनी इस साड़ी को वेजिटेबल डाई या फिर कलर डाई किया जाता है। यह काम करीब सात सौ साल पुराना है। हथकरघे से बनी इस साड़ी को बनाने में करीब एक साल लग जाता है। यह साड़ी मार्केट में भी नहीं मिलती। पटोला साड़ियां बनाने के लिए रेशम के धागों पर डिजाइन के मुताबिक वेजीटेबल और केमिकल कलर से रंगाई की जाती है। फिर हैंडलूम पर बुनाई का काम होता है। पूरी साड़ी की बुनाई में एक धागा डिजाइन के अनुसार विभिन्न रंगों के रूप में पिरोया जाता है। यही कला क्रास धागे में भी अपनाई जाती है। इस कार्य में ज्यादा मेहनत की जरूरत होती है। अलग-अलग रेज की साड़ियों को दो बुनकर कम से कम 15 से 20 दिन और अधिकतम एक वर्ष में पूरा कर पाते है। इन साड़ियों की कीमत भी बुनकरों के परिश्रम व माल की लागत के हिसाब से पांच हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक होती है। सस्ती साड़ियों में केवल एक साइड के बाने में बुनाई की जाती है, जबकि महंगी साड़ी के ताने-बाने में दोनों तरफ के धागों पर डिजाइन कर बुनाई की जाती है। दोनों साइड वाली महंगी साड़ियां 80 हजार रुपये से दो लाख रुपये तक की लागत में तैयार हो पाती है। डबल इकत पटौला साड़ी के रूप में जानी जाने वाली यह बुनकरी कला अब लुप्त होने के कगार पर है। मुगल काल के समय गुजरात में इस कला को लगभग 250 परिवारों ने अपनाया था। लागत के हिसाब से बाजार में कीमत न मिल पाना इस कला के सिमटने का प्रमुख कारण है। श्रेणी:वस्त्र.

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पटेल जयश्रीबेन कनुभाई

पटेल जयश्रीबेन कनुभाई भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की मेहसाणा सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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पणिहारी नृत्य

पणिहारी नृत्य गुजरात का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:गुजरात के लोक नृत्य.

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पत्रानी माची

पत्रानी माची एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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पद्म श्री पुरस्कार (१९५४-५९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९५४ से १९५९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९६०-६९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९५४ से १९५९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९७४ से १९७९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९८०–१९८९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९८४ से १९८९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९९०–१९९९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९८४ से १९८९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पद्म श्री पुरस्कार (२०००–२००९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। सन् २००० से २००९ तक विजेताओं की सूची निम्न है: .

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पद्म विभूषण धारकों की सूची

यह भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से अलंकृत किए गए लोगों की सूची है: .

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पद्मश्री पुरस्कार (२०१०–२०१९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। सन् २०१० से २०१९ तक विजेताओं की सूची निम्न है: .

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परिवार के आकार के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची प्रत्येक राज्य में प्रति घर, सदस्य संख्या के आधार पर है। यह जानकारी एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण व्यापक-पैमाने, बहु-दौरीय सर्वेक्षण है जो अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आई॰आई॰पी॰एस), मुंबई द्वारा कराया जाता है जो परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

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परिकल्पना सम्मान

परिकल्पना सम्मान हिन्दी ब्लॉगिंग का एक ऐसा वृहद सम्मान है, जिसे बहुचर्चित तकनीकी ब्लॉगर रवि रतलामी ने हिन्दी ब्लॉगिंग का ऑस्कर कहा है। यह सम्मान प्रत्येक वर्ष आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन में देशविदेश से आए हिन्दी के चिरपरिचित ब्लॉगर्स की उपस्थिति में प्रदान किया जाता है। .

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परजानिया

परजानिया गुजरात के दंगों पर आधारित एक हिन्दी फ़िल्म है।.

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परवीन बॉबी

परवीन बॉबी (जन्म: 4 अप्रैल, 1949; निधन: 20 जनवरी, 2005) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं, जिन्हें 1970 के दशक के शीर्ष नायकों के साथ ग्लैमरस भूमिकाएं निभाने के लिए याद किया जाता है। उन्होने 1970 और 1980 की ब्लोकबस्टर फिल्मों मे भी काम किया है, जैसे दीवार, नमक हलाल, अमर अकबर एन्थोनी और शान। उन्हें भारत की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में एक माना जाता है। .

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पश्चिम गंग वंश

पश्चिम गंग वंश (३५०-१००० ई.) (ಪಶ್ಚಿಮ ಗಂಗ ಸಂಸ್ಥಾನ) प्राचीन कर्नाटक का एक राजवंश था। ये पूर्वी गंग वंश से अलग थे। पूर्वी गंग जिन्होंने बाद के वर्षों में ओडिशा पर राज्य किया। आम धारण के अनुसार पश्चिम गंग वंश ने शसन तब संभाला जब पल्लव वंश के पतन उपरांत बहुत से स्वतंत्र शासक उठ खड़े हुए थे। इसका एक कारण समुद्रगुप्त से युद्ध भी रहे थे। इस वंश ने ३५० ई से ५५० ई तक सार्वभौम राज किया था। इनकी राजधानी पहले कोलार रही जो समय के साथ बदल कर आधुनिक युग के मैसूर जिला में कावेरी नदी के तट पर तालकाड स्थानांतरित हो गयी थी। .

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पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र

;पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर- West Zone Cultural Centre (WZCC) Udaipur भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के संस्कृति विभाग के अन्तर्गत एक महत्वाकांक्षी परियोजना कें अंतर्गत 1985-86 में निम्नांकित सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किए गए थे- 1.

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पश्चिमी भारत

पश्चिमी भारत क्षेत्र में भारत के महाराष्ट्र, गोआ और गुजरात राज्य तथा दादरा एवं नगर हवेली एवं दमन एवं दीव केन्द्र शासित प्रदेश आते हैं। यह क्षेत्र उच्चस्तरीय औद्योगिक तथा आवासित है।.

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पश्चिमी भारत सनदी लेखाकार विद्यार्थी संघ

पश्चिमी भारत सनदी लेखाकार विद्यार्थी संघ (Western India Chartered Accountants Students Association), विकासा (WICASA) के रूप में संक्षेपाक्षरित, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान के पश्चिमी भारत क्षेत्रीय परिषद का विद्यार्थी अंग हैं। .

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पश्चिमी घाट

भारत की प्रमुख पर्वत-शृंखलाएँ; इसमें पश्चिमी तट के लगभग समान्तर जो पर्वत-श्रेणी है, वही ''''पश्चिमी घाट'''' कहलाती है। भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पर्वत शृंखला को पश्चिमी घाट या सह्याद्रि कहते हैं। दक्‍कनी पठार के पश्चिमी किनारे के साथ-साथ यह पर्वतीय शृंखला उत्‍तर से दक्षिण की तरफ 1600 किलोमीटर लम्‍बी है। विश्‍व में जैविकीय विवधता के लिए यह बहुत महत्‍वपूर्ण है और इस दृष्टि से विश्‍व में इसका 8वां स्थान है। यह गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से शुरू होती है और महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल से होते हुए कन्याकुमारी में समाप्‍त हो जाती है। वर्ष 2012 में यूनेस्को ने पश्चिमी घाट क्षेत्र के 39 स्‍थानों को विश्व धरोहर स्‍थल घोषित किया है।" पश्चिमी घाट का संस्कृत नाम सह्याद्रि पर्वत है। यह पर्वतश्रेणी महाराष्ट्र में कुंदाइबारी दर्रे से आरंभ होकर, तट के समांतर, सागरतट से ३० किमी से लेकर १०० किमी के अंतर से लगभग ४,००० फुट तक ऊँची दक्षिण की ओर जाती है। यह श्रेणी कोंकण के निम्न प्रदेश एवं लगभग २,००० फुट ऊँचे दकन के पठार को एक दूसरे से विभक्त करती है। इसपर कई इतिहासप्रसिद्ध किले बने हैं। कुंदाईबारी दर्रा भरुच तथा दकन पठार के बीच व्यापार का मुख्य मार्ग है। इससे कई बड़ी बड़ी नदियाँ निकलकर पूर्व की ओर बहती हैं। इसमें थाल घाट, भोर घाट, पाल घाट तीन प्रसिद्ध दर्रे हैं। थाल घाट से होकर बंबई-आगरा-मार्ग जाता है। कलसूबाई चोटी सबसे ऊँची (५,४२७ फुट) चोटी है। भोर घाट से बंबई-पूना मार्ग गुजरता है। इन दर्रो के अलावा जरसोपा, कोल्लुर, होसंगादी, आगुंबी, बूँध, मंजराबाद एवं विसाली आदि दर्रे हैं। अंत में दक्षिण में जाकर यह श्रेणी पूर्वी घाट पहाड़ से नीलगिरि के पठार के रूप में मिल जाती है। इसी पठार पर पहाड़ी सैरगाह ओत्तकमंदु स्थित है, जो सागरतल से ७,००० फुट की ऊँचाई पर बसा है। नीलगिरि पठार के दक्षिण में प्रसिद्ध दर्रा पालघाट है। यह दर्रा २५ किमी चौड़ा तथा सगरतल से १,००० फुट ऊँचा है। केरल-मद्रास का संबंध इसी दर्रे से है। इस दर्रे के दक्षिण में यह श्रेणी पुन: ऊँची हाकर अन्नाईमलाई पहाड़ी के रूप में चलती है। पाल घाट के दक्षिण में श्रेणी की पूर्वी पश्चिमी दोनों ढालें खड़ी हैं। पश्चिमी घाट में सुंदर सुंदर दृश्य देखने को मिलती हैं। जंगलों में शिकार भी खेला जाता है। प्राचीन समय से यातायात की बाधा के कारण इस श्रेणी के पूर्व एवं पश्चिम के भागों के लोगों की बोली, रहन सहन आदि में बड़ा अंतर है। यहाँ कई जंगली जातियाँ भी रहती हैं। पश्चिमी घाट का उपग्रह से लिया गया चित्र .

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पश्चिमी आंचलिक परिषद

जोनल परिषदों का भारत पश्चिमी आंचलिक परिषद में एक आंचलिक परिषद। इस परिषद मे दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल है। .

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पाटण जिला

पाटन भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

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पाटण, गुजरात

पाटण का '''सहस्रलिंग तालाव''' (एक हजार लिंग वाला तालाब) पाटण भारत के गुजरात प्रदेश का जिला एवं जिला-मुख्यालय है। यह एक प्राचीन नगर है जिसकी स्थापना ७४५ ई में वनराज छावडा ने की थी। राजा ने इसका नाम 'अन्हिलपुर पाटण' या 'अन्हिलवाड़ पाटन' रखा था। यह मध्यकाल में गुजरात की राजधानी हुआ करता था। इस नगर में बहुत से ऐतिहास स्थल हैं जिनमें हिन्दू एवं जैन मन्दिर, रानी की वाव आदि प्रसिद्ध हैं। पाटण का प्राचीन नाम 'अन्हिलपुर' है। प्राचीन काल में इसे मुसलमानों ने खंडहर बना दिया था, उन्हीं खंडहरों पर पुन: नवीन पाटन ने प्रगति की है। महाराज भीम की रानी उद्यामती का बनवाया भवन खंडहर अवस्था में अब भी विद्यमान है। नगर के दक्षिण में एक प्रसिद्ध खान सरोवर है। एक जैन मंदिर में वनराजा की मूर्ति भी दर्शनीय है। नवीन पाटन मराठा लोगों के प्रयास का फल है। यह सरस्वती नदी से डेढ किमी की दूरी पर है। जैन मंदिरों की संख्या यहाँ एक सौ से भी अधिक है, पर ये विशेष कलात्मक नहीं हैं। खादी के व्यवसाय में इधर काफी उन्नति हुई है। .

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पाटन लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

पाटन लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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पाटीदार आरक्षण आंदोलन

जुलाई 2015 में शुरू, पाटीदार समुदाय के लोगों ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के दर्जे की मांग के लिए गुजरात राज्य भर में सार्वजनिक प्रदर्शनों को अंजाम दिया। .

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पाठक संख्या के अनुसार भारत में समाचार पत्रों की सूची

यह भारतीय पाठक सर्वेक्षण (आई॰आर॰एस॰) पर आधारित पाठक संख्या के अनुसार भारत में समाचार पत्रों की एक सूची है। .

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पाणीया (अमरेली)

पाणीया (પાણીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है।पाणीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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पानीपत का तृतीय युद्ध

पानीपत का तृतीय युद्ध अहमद शाह अब्दाली और मराठों के बीच हुआ। पानीपत की तीसरी लड़ाई (95.5 किमी) उत्तर में मराठा साम्राज्य और अफगानिस्तान के अहमद शाह अब्दाली, दो भारतीय मुस्लिम राजा Rohilla अफगान दोआब और अवध के नवाब Shuja-उद-Daula (दिल्ली के सहयोगी दलों) के एक गठबंधन के साथ अहमद शाह अब्दाली के एक उत्तरी अभियान बल के बीच पर 14 जनवरी 1761, पानीपत, के बारे में 60 मील की दूरी पर हुआ। लड़ाई018 वीं सदी में सबसे बड़े, लड़ाई में से एक माना जाता है और एक ही दिन में एक क्लासिक गठन दो सेनाओं के बीच लड़ाई की रिपोर्ट में मौत की शायद सबसे बड़ी संख्या है। मुग़ल राज का अंत (१६८०-१७७०) में शुरु हो गया था, जब मुगलों के ज्यादातर भू भागों पर मराठाओं का अाधिपत्य हो गया था। गुजरात और मालवा के बाद बाजी राव ने १७३७ में दिल्ली पर मुगलों को हराकर अपने अधीन कर लिया था और दक्षिण दिल्ली के ज्यादातर भागों पर अपने मराठाओं का राज था। बाजी राव के पुत्र बाला जी बाजी राव ने बाद में पंजाब को भी जीतकर अपने अधीन करके मराठाओं की विजय पताका उत्तर भारत में फैला दी थी। पंजाब विजय ने १७५८ में अफगानिस्तान के दुर्रानी शासकों से टकराव को अनिवार्य कर दिया था। १७५९ में दुर्रानी शासक अहमद शाह अब्दाली ने कुछ पसतून कबीलो के सरदारों और भारत में अवध के नवाबों से मिलकर गंगा के दोआब क्षेत्र में मराठाओं से युद्ध के लिए सेना एकत्रित की। इसमें रोहलिआ अफगान ने भी उसकी सहायता की। पानीपत का तीसरा युद्ध इस तरह सम्मिलित इस्लामिक सेना और मराठाओं के बीच लड़ा गया। अवध के नवाब ने इसे इस्लामिक सेना का नाम दिया और बाकी मुसल्मानों को भी इस्लाम के नाम पर इकट्ठा किया। जबकि मराठा सेना ने अन्य हिन्दू राजाओं से सहायता की उम्मीद की १४ जनवरी १७६१ को हुए इस युद्ध में भूखे ही युद्ध में पहुँचे मराठाओं को सुरवती विजय के बाद हार का मुख देखना पड़ा.

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पारसी फ्राइड मछली

पारसी फ्राइड मछली एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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पार्थिव पटेल

पार्थिव अजय पटेल (जन्म 9 मार्च 1985 अहमदाबाद, गुजरात) एक भारतीय क्रिकेटर, विकेटकीपर-बल्लेबाज और भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के पूर्व सदस्य हैं। वह एक बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और 160 सेमी के साथ काफी छोटे कद के हैं। जनवरी २०१८ में इन्हें २०१८ इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में इन्हें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने खरीदा है। .

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पालनपुर

पालनपुर भारत के गुजरात प्रान्त का एक शहर है। पालनपुर नगर पश्चिमी पश्चिम-मध्य भारत के गुजरात राज्य में स्थित है। पालनपुर अरावली श्रृंखला और काठियावाड़ प्रायद्वीप के बीच की निम्नभूमि पर स्थित है। भूतपूर्व पालनपुर रियासत की राजधानी रहा यह नगर अब कृषि उत्पादों के व्यापार व प्रसंस्करण का केंद्र तथा सड़क व रेल जंक्शन हैं। पालनपुर अपने हस्तशिल्प के लिए भी विख्यात है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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पालिया

पालिया अथवा खंभी पश्चिमी भारत के कई क्षेत्रों में पाई जाने वाली विशिष्ठ स्मारकीय समाधी संरचना है, जिसे मुख्यतः महान व्यक्तोयों की मृत्यु पर उनके सम्मान व उनके समाधी के तौरपर खड़ा किये जाता था। ये संरचनाएँ अधिकांशतः शिल्पकृति स्तंभ या पत्थरों के रूप में होती हैं, हालाँकि, कई पालियाँ, अधिक सुसम्पन्न रूप में भी हो सकती हैं। पालीयों को पश्चिमी भारत के कई क्षेत्रों में पाया जा सकता है, विशेषतः गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में, एवं सिंध में भी। इन प्रस्तरकृत संरचनाओं पर विभिन्न चिंन्ह, शैलचित्र एवं शिलालेख पाये जाते है। पालियाँ कई तरह की, और कई आकृतियों की हो सकती है, और ये युद्धवीरों, महान नाविकों, सतियाँ एवं पशुओं को भी समर्पित हो सकते हैं, और अधिकांश ऐसी पालियाँ, प्रचलित लोक कथाओं का विषय भी होती हैं। .

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पालीताना

पालीताना भारत के गुजरात राज्य के भावनगर ज़िले में स्थित नगर हैं, जो जैन धर्म का विशाल तीर्थस्थान भी है। यह भावनगर शहर से ५० कि.मी दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। कानूनी रूप से, यह दुनिया का एकमात्र शाकाहारी शहर हैं। पालीताना शत्रुंजय नदी के तट पर शत्रुंजय पर्वत की तलहटी में स्थित जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ है। जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध पलीताना में पर्वत शिखर पर भव्य 863 जैन मंदिर हैं। .

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पाषाण खान

एक परित्यक्त खादान इमारती पत्थरों को खोदकर निकालने की क्रिया को आखनन (quarrying) कहते हैं। इस स्थान को जहाँ से पत्थर निकाले जाते हैं, खादान या 'पाषाण खान' (quarry/क्वैरी) कहते हैं। पाषाण खान साधारणतया खुले स्थान में ही बनाई जाती है। .

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पाकिस्तान का इतिहास

पाकिस्तान शब्द का जन्म सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली के द्वारा हुआ। इसके पहले सन् 1930 में शायर मुहम्मद इक़बाल ने भारत के उत्तर-पश्चिमी चार प्रान्तों -सिन्ध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद)- को मिलाकर एक अलग राष्ट्र का मांग की थी। 1947 अगस्त में भारत के विभाजन के फलस्वरूप पाकिस्तान का जन्म हुआ। उस समय पाकिस्तान में वर्तमान पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों सम्मिलित थे। सन् 1971 में भारत के साथ हुए युद्ध में पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा (जिसे उस समय तक पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था) बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र हो गया। आज का पाकिस्तानी भूभाग कई संस्कृतियों का गवाह रहा है। आज के पाकिस्तानी भूभाग में ईसा के 3000 साल पहले सिन्धुघाटी सभ्यता का जन्म हुआ। यह 1500 ईसापूर्व के आसपास नष्ट हो गई और 1200 ईसापूर्व के आसपास आर्यों की एक शाखा भारत आई। ईसापूर्व सन् 543 में यह फारस के हखामनी शासकों के साम्राज्य का अंग बना। सिकन्दर ने 330 ईसापूर्व के आसपास हखामनी शासक दारा तृतीय को हराकर उसके सम्पूर्ण साम्राज्य पर कब्जा कर लिया। उसके साम्राज्य को उसके सेनापतियों ने बाँट लिया और इस क्षेत्र मे एक अभूतपूर्व यूनानी-बैक्टियन संस्कृति का अंग बना। इसके बाद यह मौर्य साम्राज्य का अंग बना। इसके बाद शक (सीथियनों की भारतीय शाखा) और फिर कुषाणों की शाखा यहाँ आई। सन् 712 में फारस के एक अरब सेनापति मुहम्मद-बिन-क़ासिम ने सिन्ध के नरेश को हरा दिया। इसके बाद यहाँ इस्लाम का आगमन हुआ। इस क्षेत्र पर गजनवियों का अधिकार बारहवीं सदी में हुआ और 1206 में यह दिल्ली सल्तनत का अंग बन गया। सन् 1526 में दिल्ली की सत्ता पर मुगलों का अधिकार हो गया और 1857 के बाद यहाँ अंग्रेजों का शासन आया। 14 अगस्त 1947 को यह स्वतंत्र हुआ। .

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पंचमहल लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

पंचमहल लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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पंचमहाल जिला

पंचमहाल जिला, पूर्वी गुजरात का एक जिला है। पंचमहाल नाम पंच यानि कि पाँच और महल से पडा है। ग्वालियर के सिंधिया घराने ने इन जिलों को ब्रिटिश हुकूमत के हवाले किया था। 2001 में इस जिले की जनसंख्या 20,25,277 थी। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ इस जिले में अमेरिकी ऑटोमोबाइल कम्पनी जेनरल मोटर्स (जीएम) का कारखाना भी है। .

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पंचायत समिति (ब्लॉक)

पंचायत समिति तहसील (तालुक) के रूप में भारत में सरकार की स्थानीय इकाई होती है। यह उस तहसील के सभी गाँवों पर सामान रूप से कार्य करता है और इसको प्रशासनिक ब्लॉक भी कहते हैं। यह ग्राम पंचायत और जिला परिषद के मध्य की कड़ी होती है। इस संस्था का विभिन्न राज्यों में भिन्न नाम हैं। उदाहरण के लिए आंध्र प्रदेश में इसे मंडल प्रजा परिषद्, गुजरात में तालुका पंचायत और कर्नाटक में मंडल पंचायत के नाम से जाना जाता है। .

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पंजाबी साहित्य

पंजाबी साहित्य का आरंभ कब से होता है, इस विषय में विद्वानों का मतैक्य नहीं है। फरीद को पंजाबी का आदि कवि कहा जाता है; किंतु यदि इस बात को स्वीकार किया जाय कि जिन फरीद की बाणी "आदि ग्रंथ" में संगृहीत है वे फरीद सानी ही थे तो कहना पड़ेगा कि 16वीं शती से पहले का पंजाबी साहित्य उपलब्ध नहीं है। इस दृष्टि से गुरु नानक को ही पंजाबी का आदि कवि मानना होगा। "आदि ग्रंथ" पंजाबी का आदि ग्रंथ है। इसमें सात गुरुओं और 16 भक्तों की वाणियाँ संगृहीत हैं। पदों की कुल संख्या 3384 है। गुरु नानक की रचनाओं में सर्वप्रसिद्ध "जपुजी" है; इसके अतिरिक्त "आसा दी वार," "सोहिला" और "रहिरास" तथा लगभग 500 फुटकर पद और है। भाव और अभिव्यक्ति एवं कला और संगीत की दृष्टि से यह बाणी अत्यंत सुंदर और प्रभावपूर्ण है। भक्ति में "सिमरन" और जीवन में "सेवा" नानक की वाणी के दो प्रमुख स्वर हैं। परवर्ती सिक्ख गुरुओं ने गुरु नानक के भावों की प्राय: अनुकृति और व्याख्या की है। गुरु रामदास (1534-1581 ई.) की कविता में काव्यगुण अधिक है। गुरु अर्जुनदेव (1561-1606 ई.) की वाणी में ज्ञान और विचार की प्रधानता है। "आदि" ग्रंथ में सबसे अधिक पद (1000 से कुछ ऊपर) इन्हीं के हैं। यह बात विशेषत: उल्लेखनीय है कि पूरे ग्रंथ में कुल मिलाकर 350-400 पद पंजाबी के होंगे। गुरु गोविंदसिंह के "दशम ग्रंथ" में भी "चंडी दी वार" एकमात्र पंजाबी की कृति है, जो सिरखंडी छंद में रचना है। इसमें दुर्गा देवी और दैत्यों के युद्ध का वर्णन है। सिक्ख गुरुओं के अतिरिक्त भाई गुरुदास (1558-1637 ई.) की वाणी को गुरुमत साहित्य के अंतर्गत मान्यता दी जाती है। उनके कवित्त और सवैए ब्रजभाषा में हैं, वारें और गीत शुद्ध साहित्यिक पंजाबी में हैं। सूफी कवियों में फरीद के बाद लुत्फ अली का नाम आता है। इनकी रचना "सैफलमलूक" संवेदना, वैराग्य भावना और सरसता के लिए बहुत प्रसिद्ध है। परवर्ती सूफियों पर इसका बहुत अधिक प्रभाव रहा है। प्रेम, विरह और वैराग्य से भरे शाह हुसेन लाहौरी (1538-1599 ई.) के गीत बड़े प्रभावोत्पादक और कवित्वपूर्ण हैं। इनकी काफियों में निरपेक्ष प्रेम का स्वर है। इस्लाम की शरअ से विद्रोह करनेवाला दूसरा कवि सुल्तान बाहू (1629-1690 ई.) हुआ है। इसने अपनी "सीहर्फियों" में अहंकार के त्याग, गुरु की कृपा और सहायता, अंतर्निरीक्षण और आत्मचिंतन पर बल दिया है और उस दुनिया में रहने की आकांक्षा प्रकट की है जहाँ "मैं" और "मेरे" का बखेड़ा नहीं है। शाह शरफ की काफियों में रूपकों द्वारा इश्क हकीकी के रहस्य समझाए गए हैं। पंजाबी सूफी साहित्य के प्रसिद्धतम कवि बुल्लेशाह कसूरी प्रेम, साधना और मिलन के साधक हैं। उनकी कविता की सबे बड़ी विशेषता है भाषा का ओज और प्रभाव। अली हैदर (1690-1785 ई.) की सीहफिंयाँ और काफियाँ कुछ दुरूह और दार्शनिक होने के कारण सर्वप्रिय नहीं हैं। परवर्ती सूफियों में वजीद, फरीद (1720-90 ई.), गुलाम जीलानी (1749-1819), हाशिम (1753-1823), बहादुर (1750-1850 ई.) आदि प्रसिद्ध हैं। पंजाबी सूफी साहत्य प्राय: गेय मुक्तक काव्य है। इस युग का लौकिक साहित्य विशेषतया वारों और शृंगाररसप्रधान किस्सों के रूप में उपलब्ध है। हीर राँझा का किस्सा सबसे अधिक पुरातन और प्रसिद्ध है। सबसे श्रेष्ठ रचना बारिस शाह (1738-1798 ई.) की "हीर" है। वारिस शाह बड़े अनुभवी, प्रतिभाशाली और बहुज्ञ कवि थे। भाषा पर उनका पूर्ण अधिकार था। "मिरजा साहिबाँ" की प्रेमकथा को भी कई कवियों ने काव्यबद्ध किया, पर सबसे पुरातन और उत्तम किस्सा जहाँगीर और शाहजहाँ के राज्यकाल में पीलू ने लिखा। पीलू के बाद हाफिज बरखुरदार ने भी मिरजासाहिबाँ का किस्सा लिखा। उसने "यूसूफ-जुलेखा" और "सस्सी पुन्नू" की प्रेमकथाएँ भी लिखीं। सस्सी और पुन्नू बिलोचिस्तन के एवं जुलेखा और यूसुफ मिस्र के थे। हाशिम (1753-1823 ई.) की "सस्सी" इस नाम के किस्सों में सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसके अतिरिक्त उनकी "सोहनी महीवाल," "शीरीं फरहाद" और "लैला मजनूँ" प्रबंध कृतियाँ हैं। पिछले दो किस्से फारसी से लिए गए हैं और "सोहनी महीवाल" गुजरात (पंजाब) की लोकवार्ता से। भावों की सूक्ष्म अभिव्यक्ति के लिए हाशिम अद्वितीय है। अहमदयार (1768-1845) ने 40 किस्से लिखे, जिनमें "हीर राँझा," "सस्सी पुन्नू," "कामरूप", "राजबीबी," "चंदरबदन" उच्च कोटि के हैं। इनके काव्य की विशेषता है वैचित्र्यपूर्ण घटनाओं का तारतम्य, संयत वर्णन एवं आलंकारिक भाषा शैली: किंतु विषय की मैलिकता कम है। अमामबख्श की कृतियों में "बहराम गोर" उत्तम काव्य के अंतर्गत गिना जाता है। इसी समय का एक और कवि कादरयार हुआ है। उसकी प्रसिद्धि "पूरनभगत" और "राजा रसालू" के किस्सों के कारण है। पूरन और रसालू दोनों स्यालकोट के राजा शालिवाहन के पुत्र थे। पंजाबी का वीर साहित्य बहुत समृद्ध है। इसके अंतर्गत गुरु गोविंदसिंह की "चंडी दी वार" शिरोमणि रचना है। नजाबत की "नादरशाह दी हीर" और शाह मुहम्मद (1782-1862 ई.) की अपने आश्रयदाता महाराजा रणजीतसिंह की कथा भी उल्लेखनीय है। मुकबल (1696 ई.) का "जगनामा", जिसमें हसन हुसैन और यजीद के युद्धों का मार्मिक वर्णन है, शिया मुसलमानों में बड़े चाव से पढ़ा जाता है। प्रारंभिक काल का पंजाबी गद्य साहित्य महापुरुषों की जन्मसाखियों, गोष्ठों और टीकाओं के रूप में प्राप्त होता है। भाई बालाकृत गुरु नानक की जन्मसाखी (1535 ई.) सबसे प्राचीन है। बाद में सेवासिंह (1588 ई.) और मनीसिंह (1737 ई.) ने भी गुरुनानक का जीवनचरित लिखा। भाई मनीसिंह की "ग्यान रतनावली" पंजाबी गद्य की उत्तम कृति है। उन्हीं की एक दूसरी गद्यरचना "भगत रतनावली" है जिसमें पहले पाँच गुरुओं के समकालीन कुछ प्रेमी भक्तों की कथाएँ है। इनके अतिरिक्त "पारसभाग," "भरथरी", "मैनावत," हजरत मुहम्मद साहब, कबीर और रविदास की जीवनियाँ, "सतयुग कथा," "पकी रोटी," "गीतासार", "लवकुश संवाद," "जपु परमार्थ" "सिंहासनबत्तीसी" और "विवेक" आदि छोटी बड़ी गद्यकृतियाँ उल्लेखनीय हैं। अमृता प्रीतम आधुनिक पंजाबी साहित्य मुख्यत: सिक्खों की देन हैं और उसमें सिक्खपन का अधिक स्थान मिला है। किंतु जीवन की एकांगिता रहते हुए भी साहित्य प्राय: लौकिक है। इस युग के आदि कवि भाई वीरसिंह (1872-1957 ई.) माने जाते हैं। उनका "राण सूरतसिंह" (1915) 35 सर्गों का अतुकांत प्रबंध काव्य है। इसका उद्देश्य सिक्ख सिद्धांतों की प्रतिष्ठा है। उनकी "लहराँ दे हार" रहस्यवादी रचना है। "मटक हुलारे" में प्रकृतिचित्रण और "बिजलियाँ दे हार" में देशप्रेम मिलता है। प्रो॰ पूर्ण सिंह (1882-1932 ई.) की कविता में वेदांती बौद्ध और पाश्चात्य विचारों का गूढ़ प्रभाव है। इनके विचारों और अलंकारों में अपनी मौलिकता भी स्पष्टत: लक्षित होती है। धनीराम चात्रिक (जन्म 1876 ई.) यथार्थवादी किंतु निराशावादी कवि हैं। उनके "भरथरी हरि" और "नल दमयंती" में शैली और विचारधारा पुरानी है, बाद की कविताओं में शहरी जीवन का चित्रण मौलिक ढंग से हुआ है। पंजाबी काव्य को नए मोड़ देनेवाले कवियों में प्रो॰ मोहनसिंह (जन्म 1905 ई.) सर्वविदित हैं। ईश्वर, जीवन, प्रेम, समाज और प्रकृति के प्रति उनकी नवीन और मौलिक दृष्टि है। "सावे पत्तर" "कसुंभड़े" में वे शरीरवादी और मानववादी हैं तो "अधवाटे" में समाजवादी और छायावादी बनकर आए हैं। मोहनसिंह गीतकार भी है और शैलीकार भी। काव्य में उन्होंने कई नए प्रयोग चलाए हैं। अमृता प्रीतम (जन्म 1909) के अनेक कवितासंग्रह प्रकाशित हैं। ये बड़ी सफल गीतकार हैं। इनकी कविता की प्रेरक शक्ति प्रेम है जो अब मानव प्रेम में परिवर्तित होता जा रहा है। गोपालसिंह दर्दी का "हनेरे सवेरे" काव्य संग्रह उल्लेखनीय है। वे समाज के पापों का चित्रण करने में दक्ष हैं। .

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पंकज उधास

पंकज उधास (जन्म 17 मई 1951) भारत के एक गज़ल गायक हैं। भारतीय संगीत उद्योग में उनको तलत अजीज़ और जगजीत सिंह जैसे अन्य संगीतकारों के साथ इस शैली को लोकप्रिय संगीत के दायरे में लाने का श्रेय दिया जाता है। उधास को फिल्म नाम में गायकी से प्रसिद्धि मिली, जिसमें उनका एक गीत चिठ्ठी आई है काफी लोकप्रिय हुआ था। उसके बाद से उन्होंने कई फिल्मों के लिए एक पार्श्व गायक के रूप में अपनी आवाज दी है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कई एल्बम भी रिकॉर्ड किये हैं और एक कुशल गज़ल गायक के रूप में पूरी दुनिया में अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। २००६ में पंकज उधास को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। .

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पुणे जंक्शन रेलवे स्टेशन

पुणे जंक्शन रेलवे स्टेशन पुणे शहर का रेलवे स्टेशन है। याहासे उत्त्तर भारत, राजस्थान, गुजरात के लिये गादिया निकलती है। मुम्बई से दक्षिण भारत जानेवाली सारी गाडिया याहापे रुखती है। आनेवाले कुच सालोमे पुणे से अहमदाबाद जने वाली बुलेट ट्रन भी होगी। इस स्टेशनको ६ प्लटफोर्म है और २ फूटब्रिज है। देक्कन ओडीसी बोलके एक पर्यटन गाडी भी इस स्टेशन पे एक दिन केलिए रुखती है। पुणे से लोनावला लोकल सेवा है। याहासे अहमदाबाद, दिल्ली और हावडा को दुरोनतो गाडिया जाती है। करनाटक समपर्क क्रान्ती ये गाडि पुणे को दिल्ली और बंगलौर से जोडती है। पुणे से सिकंदराबाद जानेवाली शताबदी भी इस साल सुरु होगी। .

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पुस्तक:भारत

;मुख्य लेख;नामोत्पत्ति;इतिहास;सरकार;भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश;भूगोल्;अर्थव्यवस्था श्रेणी:विकिपीडिया पुस्तकें श्रेणी:विकिपीडिया पुस्तकें (भारत).

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पुस्तकालय का इतिहास

आधुनिक भारत में पुस्तकालयों का विकास बड़ी धीमी गति से हुआ है। हमारा देश परतंत्र था और विदेशी शासन के कारण शिक्षा एवं पुस्तकालयों की ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया गया। इसी से पुस्तकालय आंदोलन का स्वरूप राष्ट्रीय नहीं था और न इस आंदोलन को कोई कानूनी सहायता ही प्राप्त थीं। बड़ौदा राज्य का योगदान इस दिशा में प्रशंसनीय रहा है। यहाँ पर 1910 ई. में पुस्तकालय आंदोलन प्रारंभ किया गया। राज्य में एक पुस्तकालय विभाग खोला गया और पुस्तकालयों चार श्रेणियों में विभक्त किया गया- जिला पुस्तकालय, तहसील पुस्तकालय, नगर पुस्तकालय, एवं ग्राम पुस्तकालय आदि। पूरे राज्य में इनका जाल बिछा दिया गया था। भारत में सर्वप्रथम चल पुस्तकालय की स्थापना भी बड़ौदा राज्य में ही हुई। श्री डब्ल्यू.

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प्याज

हरीप्याज प्याज प्याज़ एक वनस्पति है जिसका कन्द सब्ज़ी के रूप में प्रयोग किया जाता है। भारत में महाराष्ट्र में प्याज़ की खेती सबसे ज्यादा होती है। यहाँ साल मे दो बार प्याज़ की फ़सल होती है - एक नवम्बर में और दूसरी मई के महीने के क़रीब होती है। प्याज़ भारत से कई देशों में निर्यात होता है, जैसे कि नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, इत्यादि। प्याज़ की फ़सल कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल मध्य प्रदेश जैसी जगहों पर अलग-अलग समय पर तैयार होती है। विश्व में प्याज 1,789 हजार हेक्टर क्षेत्रफल में उगाई जाती हैं, जिससे 25,387 हजार मी.

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प्रतापगढ़, राजस्थान

प्रतापगढ़, क्षेत्रफल में भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान के ३३वें जिले प्रतापगढ़ जिले का मुख्यालय है। प्राकृतिक संपदा का धनी कभी इसे 'कान्ठल प्रदेश' कहा गया। यह नया जिला अपने कुछ प्राचीन और पौराणिक सन्दर्भों से जुड़े स्थानों के लिए दर्शनीय है, यद्यपि इसके सुविचारित विकास के लिए वन विभाग और पर्यटन विभाग ने कोई बहुत उल्लेखनीय योगदान अब तक नहीं किया है। .

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प्रद्युम्न कृष्ण काव

प्रद्युम्न कृष्ण काव का जन्म स्थान प्रद्युम्न कृष्ण काव प्लाज्मा भौतिक विज्ञानी एवं प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक हैं। उनका जन्म १५ जनवरी १९४८ को श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर), भारत में हुआ। उन्होंने अपनी मैट्रीक परीक्षा पंजाब विश्वविद्यालय से (१९५८) और स्नातोकत्तर आगरा विश्वविद्यालय से १९६४ में उत्तीर्ण की। उन्होंने अपनी पीएचडी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से १९६६ में पूर्ण की। उनके पीएचडी पर्यवेक्षक प्रो॰ एम एस सोढ़ा थे और उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से प्रथम पीएचडी पूर्ण करने का गौरव प्राप्त किया। उन्हे भारत के नागरीक पुरस्कार के रूप में १९८५ में पद्म श्री और १९८६ में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से नवाजा गया। .

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प्रबन्ध (संस्कृत)

प्रबन्ध, मध्यकालीन संस्कृत साहित्य की एक विधा थी। इनमें प्रसिद्ध व्यक्तियों के जीवन के अर्ध-ऐतिहासिक विवरण हैं। इनकी रचना १३ शताब्दी के बाद के काल में मुख्यतः गुजरात और मालवा के जैन विद्वानों ने किया। प्रबन्धों की भाषा बोलचाल की संस्कृत है जिसमें स्थानीय बोलियों का भी पुट है। .

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प्रबलसागर

मुनि श्री 108 प्रबल सागर जी महाराज एक दिगम्बर साधु द्वारा शुरू आचार्य Pushpadantsagar.

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प्रभातसिंह प्रतापसिंह चौहान

प्रभातसिंह प्रतापसिंह चौहान भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की पंचमहल सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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प्रस्तर मूर्तिकला

पत्थर की मूर्तियाँ प्रागैतिहासिक काल से ही अनेक कारणों से बनाई जा रही हैं। पत्थर की मूर्तियाँ केवल सुंदरता का ही नहीं, बलकी और भी बहुत चीज़ों का प्रतीक है। इस बात को इस लेख में समझाया गया है। और यह भी दिखाया है कि सालों से विकास करती यह कला अत्यंत आकर्शक और महत्वपूर्ण है। पत्थर की मूर्तियाँ पत्थर को तीन आयमों में काटने से बनती हैं। इनकी आधारभूत संकलपना एक ही होने पर भी हमें लाखों तरह की रचनाएँ देखने को मिलती हैं। यह एक प्राचीन कला है जिसमें प्राकृतिक पत्थर को नियंत्रित रीति से काटा जाता हैं। कलाकार अपनी क्शमता को पथ्थर को काटने में दिखाता हैं, जैसे वह उसकी कुशलता का प्रतीक हो। सुबह शाम, दिन रात एक करके वे पत्थर को विभिन्न आकृतियों में काँट कर, उसको एक मूर्ती का रूप देता हैं। .

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प्राची देसाई

प्राची देसाई एक भारतीय टेलीविजन अभिनेत्री हैं। उन्होंने रॉक ऑन!!, वन्स अपॉन ए टाईम इन मुम्बई, बोल बच्चन, आय मी और मैं जैसी फ़िल्मों में काम किया, जहाँ उन्हे अच्छी समालोचना एवं वाणिज्यिक सराहना मिली। उन्होंने अपना काम बनी वालिया की इंडियन सोप ऑपेरा "कसम से" से आरम्भ किया और उससे प्रसिद्धि पाई। प्राची भारत में न्यूट्रोजेना का चेहरा, पृष्ठांकक, प्रवक्ता और ब्रांड एंबेसडर हैं वो गोआ पर्यटन की भी ब्रांड एंबेसडर हैं। .

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प्रायद्वीप

क्रोशिया में एक छोटा सा प्रायद्वीपप्रायद्वीप (संस्कृत: प्रायद्वीप; प्राय.

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प्राकृत साहित्य

मध्ययुगीन प्राकृतों का गद्य-पद्यात्मक साहित्य विशाल मात्रा में उपलब्ध है। सबसे प्राचीन वह अर्धमागधी साहित्य है जिसमें जैन धार्मिक ग्रंथ रचे गए हैं तथा जिन्हें समष्टि रूप से जैनागम या जैनश्रुतांग कहा जाता है। इस साहित्य की प्राचीन परंपरा यह है कि अंतिम जैन तीर्थंकर महावीर का विदेह प्रदेश में जन्म लगभग 600 ई. पूर्व हुआ। उन्होंने 30 वर्ष की अवस्था में मुनि दीक्षा ले ली और 12 वर्ष तप और ध्यान करके कैवल्यज्ञान प्राप्त किया। तत्पश्चात् उन्होने अपना धर्मोपदेश सर्वप्रथम राजगृह में और फिर अन्य नाना स्थानों में देकर जैन धर्म का प्रचार किया। उनके उपदेशों को उनके जीवनकाल में ही उनके शिष्यों ने 12 अंगों में संकलित किया। उनके नाम हैं- इन अंगों की भाषा वही अर्धमागधी प्राकृत है जिसमें महावीर ने अपने उपदेश दिए। संभवत: यह आगम उस समय लिपिबद्ध नहीं किया गया एवं गुरु-शिष्य परंपरा से मौखिक रूप में प्रचलित रहा और यही उसके श्रुतांग कहलाने की सार्थकता है। महावीर का निर्वाण 72 वर्ष की अवस्था में ई. पू.

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प्रजनन दर के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची प्रति महिला पर होने बाले बच्चों के आधार पर है। इस अध्ययनानुसार सात भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश, गोआ, तमिल नाडु, हिमाचल प्रदेश, केरल, पंजाब और सिक्किम अब भारत के जनसंख्या विस्फोट में भागीदार नहीं हैं। वस्तुतः यदि जनसंख्या प्रजनन दर की यही प्रवृत्ति जारी रहती है तो आंध्र प्रदेश, गोआ, तमिल नाडु, हिमाचल प्रदेश और केरल की जनसंख्या में आने वाले दशकों में गिरावट आएगी। रोचक रूप से, दक्षिण भारत के चारों राज्यों, आंध्र प्रदेश, तमिल नाडु, केरल और कर्णाटक में जन्म दर निर्णायक २ बहुत कम है कर्णाटक को छोड़कर जहाँ भी यह दर २.१ ही है। यह जानकारी एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण व्यापक-पैमाने, बहु-दौरीय सर्वेक्षण है जो अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आई॰आई॰पी॰एस), मुंबई द्वारा कराया जाता है जो परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

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प्रवीण तोगड़िया

प्रवीण तोगड़िया अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष है । वे पेशे से एक विख्यात कैंसर सर्जन है। उन्हें १९७९ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंस्वेकों का मुख्य मार्गदर्शक केवल २२ वर्ष की उम्र में चुना गया। उन्हें उनके उत्तेजक और गर्म बयानों के लिए जाना जाता है। हिंदुत्व की व्याख्या का ये उदहारण समेत सटीक विवरण देते है। ये सौराष्ट्र के पटेल है, किसान के बेटे है, ये अहमदाबाद में पढाई के लिए आये थे। ये चाल में रहते थे पर पढाई में हमेशा अव्वल आते थे। बचपन में एक बार उन्हें सोमनाथ मंदिर में जाने का अवसर प्राप्त हुआ (सोमनाथ के पुनरुद्धार से पहले), जब उन्होंने सोमनाथ के ध्वस्त अवशेष देखे तो उनके जीवन की दिशा ही बदल गयी और वे हिन्दुतत्व के पुनरुद्दार में लग गए। ये युवा अवस्था में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। रामेश्वर पालीवाल, एक आरएसएस प्रचारक संघ के मार्गदर्शन मे युवा तोगड़िया ने स्वयं सेवक के रूप में अपना जीवन शुरू किया। विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्मो में व्यस्त रहने के बावजूद भी ये महीने में एक सप्ताह रोगियों की जाँच के लिए देते है। तोगडिया के मुताबिक हिन्दू मजबूत और सैन्य स्थिति में होने के बावजूद सभी धर्मो को सामान दृष्टि से देखता है। .

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प्रीती सेनगुप्ता

प्रीती सेनगुप्ता (પ્રીતિ સેનગુપ્તા) एक गुजराती कवयित्री व लेखिका है। उन्होंने 2006 में कुमार स्वर्ण चन्द्रक पुरस्कार प्राप्त किया। उन्होंने कई किताबे लिखी।.

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प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान

प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान (Institute for Plasma Research (IPR)) भारत में प्लाज्मा से सम्बन्धित अनुसंधान का स्वायत्त संस्थान है। यह गुजरात के गांधीनगर में स्थित है। इस संस्थान को वित्तपोषण (फण्डिंग) मुख्यत: भारत के परमाणु उर्जा विभाग से मिलती है। यह संस्थान मौलिक प्लाज़्मा भौतिकी, चुम्बकीय परिसीमित तापीय प्लाज़्मा तथा औद्योगिक प्रयोग के लिए प्लाज़्मा तकनीकों जैसे प्लाज़्मा विज्ञान के विभिन्न पक्षों पर अनुसंधान करने वाली एक स्वायत भौतिकी अनुसंधान संस्थान है। मौलिक अनुसंधान के अतिरिक्त संस्थान में अभी स्थिर अवस्था सुपरंडिक्टिंग टोकामॉक (SST-1) के निर्माण की प्रक्रिया प्रगति पर है। प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान देश का एकमात्र संस्थान है जो पदार्थ की प्लाज्मा अवस्था के विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं के अध्ययन एवं प्लाज्मा पर आधारित तकनीकों के विकास के लिए सम्पूर्ण रूप से समर्पित है। इस संस्थान की स्थापना भारत सरकार के वैज्ञानिक एवं तकनीकी विभाग द्वारा सन 1986 में की गई थी, लेकिन सन 1996 से यह परमाणु उर्जा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में एक स्वायत संस्थान के रूप में कार्यरत है। ईटर- अंतर्राष्टीय ताप नाभिकीय प्रायोगिक रिएक्टर, एक अंतर्राष्टीय संगठन द्वारा निर्मित किया जा रहा है। इस संगठन के सहयोगी सदस्य देश यूरोपीय संघ, चीन, जापान, भारत, सोवियत संघ, कोरिया गणराज्य तथा संयुक्त राज्य अमेरिका हैं। ईटर द्वारा नाभिकीय संलयन से उर्जा के नये स्रोत की खोज की जायेगी। इसका मुख्य उद्देश्य आरोपित उर्जा से लगभग दस गुना उर्जा उत्पन करना है। भारत ईटर मशीन निर्माण और संचालन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। भारतीय प्लाज्मा परिषद एवं राष्टीय संलयन कार्यक्रम के तत्वावधान में प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान, गांधीनगर में आयोजित इस सम्मेलन का लक्ष्य एकदम स्पष्ट था कि परमाणु उर्जा विभाग की विभिन्न इकाइयों एवं भारत के अन्य प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को अपने विचार हिन्दी में प्रकट करने के लिए मंच प्रदान करना था जो सफल रहा। यह सम्मेलन निश्चित रूप से प्लाज्मा संस्थान के वैज्ञानिको को दीर्घकालीन संयुक्त उद्यम तथा नये वैज्ञानिक सहयोग स्थापित करने को प्रेरित करेगा। .

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पृथ्वी शॉ

पृथ्वी शॉ (जन्म 9 नवंबर 1999) एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी और भारतीय अंडर-१९ क्रिकेट टीम के कप्तान हैं जो मुंबई में मध्य आय समूह (एमआईजी) क्रिकेट क्लब के लिए खेलते हैं और रिजवी स्प्रिंगफील्ड हाई स्कूल के कप्तान भी हैं। नवंबर 2013 में उन्होंने 1901 के बाद किसी भी संगठित रूप से किसी भी बल्लेबाज के ओर से एलीट डिवीजन मैच में 546 रन बनाये थे, लेकिन बाद में इनका रिकॉर्ड प्रणव धनवाड़े ने तोड़ दिया हैं। इन्होंने अपनी कप्तानी में भारतीय अंडर-१९ क्रिकेट टीम को २०१७-१८ अंडर-१९ क्रिकेट विश्व कप जीताया है। ये एक दाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के ऑफ स्पिन गेंदबाज हैं, जिनकी क्षमता एक ऑलराउंडर की भी मान सकते हैं, इस प्रकार इनकी सचिन तेंदुलकर के साथ लगातार तुलना की है। शॉ को अब पूर्व रूप से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए पूरा दर्जा दिया गया है। शॉ ने एसजी के साथ ३६ लाख रुपये का सौदा अर्जित किया है, जो कि सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गजों ने भी समर्थन किया है। इनकी कप्तानी में भारतीय अंडर-१९ क्रिकेट टीम ने २०१८ अंडर-१९ क्रिकेट विश्व कप जीता है और साथ ही ये सबसे कम उम्र के विश्व कप जीताने वाले कप्तान भी बन गए है। .

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पृथ्वीराज चौहान

पृथ्वीराज चौहान (भारतेश्वरः पृथ्वीराजः, Prithviraj Chavhan) (सन् 1178-1192) चौहान वंश के हिंदू क्षत्रिय राजा थे, जो उत्तर भारत में १२ वीं सदी के उत्तरार्ध में अजमेर (अजयमेरु) और दिल्ली पर राज्य करते थे। वे भारतेश्वर, पृथ्वीराजतृतीय, हिन्दूसम्राट्, सपादलक्षेश्वर, राय पिथौरा इत्यादि नाम से प्रसिद्ध हैं। भारत के अन्तिम हिन्दूराजा के रूप में प्रसिद्ध पृथ्वीराज १२३५ विक्रम संवत्सर में पंद्रह वर्ष (१५) की आयु में राज्य सिंहासन पर आरूढ हुए। पृथ्वीराज की तेरह रानीयाँ थी। उन में से संयोगिता प्रसिद्धतम मानी जाती है। पृथ्वीराज ने दिग्विजय अभियान में ११७७ वर्ष में भादानक देशीय को, ११८२ वर्ष में जेजाकभुक्ति शासक को और ११८३ वर्ष में चालुक्य वंशीय शासक को पराजित किया। इन्हीं वर्षों में भारत के उत्तरभाग में घोरी (ग़ोरी) नामक गौमांस भक्षण करने वाला योद्धा अपने शासन और धर्म के विस्तार की कामना से अनेक जनपदों को छल से या बल से पराजित कर रहा था। उसकी शासन विस्तार की और धर्म विस्तार की नीत के फलस्वरूप ११७५ वर्ष से पृथ्वीराज का घोरी के साथ सङ्घर्ष आरंभ हुआ। उसके पश्चात् अनेक लघु और मध्यम युद्ध पृथ्वीराज के और घोरी के मध्य हुए।विभिन्न ग्रन्थों में जो युद्ध सङ्ख्याएं मिलती है, वे सङ्ख्या ७, १७, २१ और २८ हैं। सभी युद्धों में पृथ्वीराज ने घोरी को बन्दी बनाया और उसको छोड़ दिया। परन्तु अन्तिम बार नरायन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज की पराजय के पश्चात् घोरी ने पृथ्वीराज को बन्दी बनाया और कुछ दिनों तक 'इस्लाम्'-धर्म का अङ्गीकार करवाने का प्रयास करता रहा। उस प्रयोस में पृथ्वीराज को शारीरक पीडाएँ दी गई। शरीरिक यातना देने के समय घोरी ने पृथ्वीराज को अन्धा कर दिया। अन्ध पृथ्वीराज ने शब्दवेध बाण से घोरी की हत्या करके अपनी पराजय का प्रतिशोध लेना चाहा। परन्तु देशद्रोह के कारण उनकी वो योजना भी विफल हो गई। एवं जब पृथ्वीराज के निश्चय को परिवर्तित करने में घोरी अक्षम हुआ, तब उसने अन्ध पृथ्वीराज की हत्या कर दी। अर्थात्, धर्म ही ऐसा मित्र है, जो मरणोत्तर भी साथ चलता है। अन्य सभी वस्तुएं शरीर के साथ ही नष्ट हो जाती हैं। इतिहासविद् डॉ.

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पूनमबेन मादाम

पूनमबेन मादाम भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की जामनगर सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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पूर्णा वन्यजीव अभयारण्य

मुख्य केन्द्र (महाल गांव) से पूर्णा नदी का दृश्य पूर्णा वन्यजीव अभयारण्य (Purna Wildlife Sanctuary) भारत देश के गुजरात राज्य के दक्षिण भाग में व्यारा, तापी जिला और आहवा, डांग जिला के बीच स्थित है। यह अभयारण्य जुलाई १९९० में घोषित किया गया था। ईस अभयारण्य का नामकरण यहां से बहती हुई पूर्णा नदी के नाम से किया गया है। .

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पूर्णिमा अरविंद पाकवास

पूर्णिमा अरविंद पाकवास को भारत सरकार द्वारा सन २००४ में समाज सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये गुजरात राज्य से हैं। श्रेणी:२००४ पद्म भूषण.

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पूर्णिया

पूर्णिया भारत के बिहार प्रान्त का एक जिला एवं जिला मुख्यालय है। यहाँ से नेपाल तथा पूर्वोत्तर भारत जाने का रास्ता है। एन एच 31 जो कि इस्ट-वेस्ट कोरीडर का हिस्सा है उत्तर भारत को आसाम, सिक्कीम, मेघालय, अरुणाचल, त्रिपुरा, नागालैंड, मणीपुर, मिजोरम तथा भुटान से जोड‍़ता है। पूर्णिया पूर्वोत्तर बिहार का सबसे बड़ा नगर है। यह नगर स्वास्थ्य सेवा, मोटर पार्ट, अनाज और किराना मंडी के कारण पूरे पूर्वी भारत में विख्यात है। मुगल काल से ही पूर्णिया प्रशासनिक दृष्टीकोण से महत्वपूर्ण स्थान रहा है, अंग्रजी हुकूमत के दौर में भी यहां से आस-पास के इलाकों पर नियंत्रण किया जाता था। वर्तमान में पूर्णिया प्रमंडलीय मुख्यालय है जिसके अंत्रगत पूर्णिया, कटीहार, अररिया और किशनगंज जिले आते हैं। पूर्णिया, सौरा नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित नगर है। यहाँ कारागृह तथा कार्यालयों की इमारतें अच्छी हालत में हैं। कंबल, चटाइयाँ और सरसों के तेल पेरने आदि का काम होता है तथा यहाँ की उत्पादित वस्तुएँ यहीं खप जाती हैं। .

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पेयजल उपलब्धता के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

इस सूची में भारत के राज्य और केन्द्र-शासित प्रदेश पीने योग्य जल की उपलब्धता के आधार पर क्रमबद्ध हैं। यह सूची भारत सरकार द्वारा प्रकाशित 2011 भारत की जनगणना प्रतिवेदन से ली गई है। इस सूची में क्रम-स्थिति प्रतिशत के आधार पर है। इस सूची में पंजाब 97.6% घरों तक पीने योग्य जल की उपलब्धता के साथ सबसे ऊपर है जबकि बिहार 33.5% के साथ सबसे नीचे। राष्ट्रीय औसत 85.5% है। .

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पोरबन्दर

पोरबन्दर गुजरात का एक शहर है। पोरबन्दर बहुत ही पुराना बंदरगाह हुआ करता था। पोरबन्दर में गुजरात का सबसे आछा समुंद्र किनारा है। पोरबंदर गुजरात राज्य के दक्षिण छोर पर अरब सागर से घिरा हुआ है। पोरबंदर का निर्माण जूनागढ़ से हुआ था। पोरबंदर महात्मा गाँधीजी का जन्म स्थान है इसलिए स्वाभाविक रूप से पोरबंदर में उनके जीवन से जुड़े कई स्थान हैं जो आज दर्शनीय स्थलों में बदल चुके हैं। 10वीं शताब्दी में पोरबंदर को पौरावेलाकुल कहा जाता था और बाद में इसे सुदामापुरी भी कहा गया। .

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पोरबन्दर बन्दरगाह

पोरबन्दर शहर का एक दृश्य पोरबन्दर बन्दरगाह गुजरात का एक महत्वपूर्ण बन्दरगाह है। इसका अधिकतर व्यापार पूर्वी अफ्रीका से होता है। वर्षा के दिनों में यह बन्दरगाह बन्द रहता है। यहां से नमक और सीमेण्ट का निर्यात और कोयला, खजूर तथा मशीनों का आयात होता है। श्रेणी:बन्दरगाह.

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पोरबंदर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

पोरबंदर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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पोरबंदर जिला

पोरबन्दर भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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पोंगल

पोंगल (तमिळ - பொங்கல்) तमिल हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह प्रति वर्ष १४-१५ जनवरी को मनाया जाता है। इसकी तुलना नवान्न से की जा सकती है जो फसल की कटाई का उत्सव होता है (शस्योत्सव)। पोंगल का तमिल में अर्थ उफान या विप्लव होता है। पारम्परिक रूप से ये सम्पन्नता को समर्पित त्यौहार है जिसमें समृद्धि लाने के लिए वर्षा, धूप तथा खेतिहर मवेशियों की आराधना की जाती है। इस पर्व का इतिहास कम से कम १००० साल पुराना है तथा इसे तमिळनाडु के अलावा देश के अन्य भागों, श्रीलंका, मलेशिया, मॉरिशस, अमेरिका, कनाडा, सिंगापुर तथा अन्य कई स्थानों पर रहने वाले तमिलों द्वारा उत्साह से मनाया जाता है। तमिलनाडु के प्रायः सभी सरकारी संस्थानों में इस दिन अवकाश रहता है। .

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पीठवाजाल (अमरेली)

पीठवाजाल (પીઠવાજાળ.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। पीठवाजाल गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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पीपललग (अमरेली)

पीपललग (પીપળલગ.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। पीपललग गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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पीपा क्षत्रिय

पीपा क्षत्रिय राजपूत मूलतः राजस्थान तथा भारत के अन्य राज्यों जैसे की गुजरात और मध्य प्रदेश इत्यादि के निवासी हैं। पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज के अनुसार उनका उद्भव राजपूत (प्रथम उच्चतम जाति / योद्धा) या क्षत्रिय वर्ण से ही हैं। राजा प्रताप राव खींची चौहान को जगतगुरु रामानंद संप्रदाय के रामानंद जी ने अपना शिष्य बनाया था जब से उनका नाम संत पीपा हो गया संत पीपा राजपाट त्याग करके धर्म की रक्षा के लिए संत बन गए थे और पीपा जी के अनुयाई राजपूत राजाओं ने पीपाजी महाराज को अपना गुरु माना वही समुदाय आज विख्यात है पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज के के नाम से यह समुदाय राजपूतों का अहिंसक समुदाय है धर्म की रक्षा के लिए राजपूत राजाओं ने राजपाट को त्याग कर के अहिंसक जीवन यापन करने का मार्ग को चुना और आज भी यह समुदाय किसी भी प्रकार का हिंसा का कार्य नहीं करता है मांस एवं मदिरा का उपयोग यह राजपूत समुदाय जो पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज के नाम से विख्यात है यह लोग नहीं करते यह अहिंसक राजपूत हैं .

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पीपावाव बंदरगाह

पीपावाव भारत देश में गुजरात प्रान्त में सौराष्ट्र एवम काठियावाड़ विस्तार में स्थित अमरेली जिले के राजुला के पास आया हुआ देश का सर्वप्रथम खानगी बंदरगाह है। .

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फतेपुर (अमरेली)

फतेपुर (ફતેપુર.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। फतेपुर गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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फ़ारुख़ शेख़

फ़ारुख़ शेख़ (२५ मार्च १९४८ - २७ दिसम्बर २०१३) एक भारतीय अभिनेता, समाज-सेवी और एक टेलीविजन प्रस्तोता थे। उन्हें ७० और ८० के दशक की फ़िल्मों में अभिनय के कारण प्रसिद्धि मिली। वो सामान्यतः एक कला सिनेमा में अपने कार्य के लिए प्रसिद्ध थे जिसे समानांतर सिनेमा भी कहा जाता है। उन्होंने सत्यजित राय और ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में भी काम किया। .

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फाफड़ा

फाफड़ा एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस

बॉम्बे, बरोडा एण्ड सेंट्रल इंडिया रेलवे द्वारा सन् 1906 में शुरु की गयी फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस, भारत की मध्यम दूरी की तीव्रतम रेलगाड़ी है। इस रेलगाड़ी का संचालन महाराष्ट्र के मुंबई सेंट्रल और गुजरात के सूरत स्टेशनों के मध्य, पश्चिम रेलवे द्वारा किया जाता है। यह रेलगाड़ी मुख्यत: दैनिक रूप से दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों और कारोबारियों के बीच बहुत लोकप्रिय है। इस रेलगाड़ी को एक सप्ताहांत विशेष के तौर पर शुरू किया गया था लेकिन आज इसका संचालन दैनिक रूप से किया जाता है। यह रेलगाड़ी 263 किलोमीटर की दूरी तय करती है और मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख स्टेशन हैं; अंधेरी, बोरीवली, पालघर, दहानु, वापी और वलसाड। .

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बड़ा गरमली (धारी)

बड़ा गरमली (મોટી ગરમલી.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। बड़ा गरमली गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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बड़ोदरा

बड़ोदरा गुजरात राज्य का तीसरा सबसे अधिक जनसन्ख्या वाला शहर है। यह एक शहर है जहा का महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय अपने सुंदर स्थापत्य के लिए जाना जाता है। वड़ोदरा गुजरात का एक महत्त्वपूर्ण नगर है। वड़ोदरा शहर, वडोदरा ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय, पूर्वी-मध्य गुजरात राज्य, पश्चिम भारत, अहमदाबाद के दक्षिण-पूर्व में विश्वामित्र नदी के तट पर स्थित है। वडोदरा को बड़ौदा भी कहते हैं। इसका सबसे पुराना उल्लेख 812 ई. के अधिकारदान या राजपत्र में है, जिसमें इसे वादपद्रक बताया गया है। यह अंकोत्तका शहर से संबद्ध बस्ती थी। इस क्षेत्र को जैनियों से छीनने वाले दोर राजपूत राजा चंदन के नाम पर शायद इसे चंदनवाटी के नाम से भी जाना जाता था। समय-समय पर इस शहर के नए नामकरण होते रहे, जैसे वारावती, वातपत्रक, बड़ौदा और 1971 में वडोदरा। .

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बडा भंडारीया (अमरेली)

बडा भंडारीया (મોટા ભંડારીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। बड़ा भंडारीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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बडा माचीयाला (अमरेली)

बडा माचीयाला (મોટા માચીયાળા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। बडा माचीयाला गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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बडा माँडवडा (अमरेली)

बडा माँडवडा (મોટા માંડવડા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। छोटा माँडवडा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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बडा गोखरवाला (अमरेली)

बडा गोखरवाला (મોટા ગોખરવાળા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। बड़ा गोखरवाला गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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बडा आँकडीया (अमरेली)

बडा आँकडीया (મોટા આંકડીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। बड़ा आँकडीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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बनासकांठा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

बनासकांठा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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बनासकांठा जिला

बनासकांठा भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय पालनपुर है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - 02737 जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

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बप्पा रावल

बप्पा रावल (713-810) मेवाड़ राज्य के संस्थापक राजा थे। .

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बलवंतराय मेहता

बलवंतराय मेहता (19 फरवरी 1900 - 19 सितम्बर 1965) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और गुजरात के दूसरे मुख्य मंत्री थे। यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी भाग लिए थे। लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की दिशा में उनके योगदान के लिए उन्हें पंचायती राज का वास्तुकार माना जाता है। .

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बहादुर शाह, गुजरात

बहादुर शाह गुजरात का सुल्तान था। इसने १५२६-१५३५ और फ़िर दोबारा १५३६-१५३७ तक गुजरात सल्तनत पर राज्य किया। श्रेणी:गुजरात के शासक श्रेणी:गुजरात का इतिहास.

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बाटी

दाल, बाटी और श्रीखंड बाटी उत्तर भारत का एक खाद्य है। यह मालवा, गुजरात और राजस्थान में खाई जाती है। श्रेणी:खाद्य पदार्थ.

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बाणमाता जी

बाणमाता बाणमाता जी मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश की कुलदेवी है। बाणमाता जी का मन्दिर चित्तौडगढ में स्थित है।बाणमाता गुजरात से चित्तौड़गढ़ लाई गई थी .

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बादाम पाक

बादाम पाक एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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बाबरा

बाबरा भारत देश में गुजरात प्रान्त में सौराष्ट्र विस्तार में स्थित अमरेली जिले का एक महत्वपूर्ण तहसील है। बाबरा शहर ये तहसील का मुख्यालय है। .

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बाबरी मस्जिद

बाबरी मस्जिद उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद ज़िले के अयोध्या शहर में रामकोट पहाड़ी ("राम का किला") पर एक मस्जिद थी। रैली के आयोजकों द्वारा मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचाने देने की भारत के सर्वोच्च न्यायालय से वचनबद्धता के बावजूद, 1992 में 150,000 लोगों की एक हिंसक रैली.

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बाबा बालकनाथ

बाबा बालकनाथ जी हिन्दू आराध्य हैं, जिनको उत्तर-भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली में बहुत श्रद्धा से पूजा जाता है, इनके पूजनीय स्थल को “दयोटसिद्ध” के नाम से जाना जाता है, यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के चकमोह गाँव की पहाड़ी के उच्च शिखर में स्थित है। मंदिर में पहाडी के बीच एक प्राकॄतिक गुफा है, ऐसी मान्यता है, कि यही स्थान बाबाजी का आवास स्थान था। मंदिर में बाबाजी की एक मूर्ति स्थित है, भक्तगण बाबाजी की वेदी में “ रोट” चढाते हैं, “ रोट ” को आटे और चीनी/गुड को घी में मिलाकर बनाया जाता है। यहाँ पर बाबाजी को बकरा भी चढ़ाया जाता है, जो कि उनके प्रेम का प्रतीक है, यहाँ पर बकरे की बलि नहीं चढ़ाई जाती बल्कि उनका पालन पोषण करा जाता है। बाबाजी की गुफा में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबन्ध है, लेकिन उनके दर्शन के लिए गुफा के बिलकुल सामने एक ऊँचा चबूतरा बनाया गया है, जहाँ से महिलाएँ उनके दूर से दर्शन कर सकती हैं। मंदिर से करीब छहः कि॰मी॰ आगे एक स्थान “शाहतलाई” स्थित है, ऐसी मान्यता है, कि इसी जगह बाबाजी “ध्यानयोग” किया करते थे। .

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बाबापुर (अमरेली)

बाबापुर (બાબાપુર.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। बाबापुर गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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बाबू बजरंगी

बाबू भाई पटेल, उर्फ़ बाबू बजरंगी, वीएचपी नेता और बजरंग दल के गुजरात-विंग के नेता हैं। 28 फ़रवरी 2002 को जब नरोदा पाटिया इलाके को घेर कर 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी, आरोप है कि भीड़ का नेतृत्व कोडनानी ने किया था और बाबू बजरंगी भी उसमें शामिल थे। नरोदा पाटिया दंगों के मामले में एक विशेष अदालत ने माया कोडनानी को 28 वर्ष की कैद और बाबू बजरंगी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। .

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बारडोली

बारडोली (બારડોલી) भारत के गुजरात राज्य का एक शहर है। .

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बारडोली लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

बारडोली लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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बारडोली सत्याग्रह

बारडोली सत्याग्रह में सरदार पटेल और महात्मा गांधी बारडोली के किसानों के साथ सरदार पटेल बारडोली सत्याग्रह, भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौरान वर्ष 1928 में गुजरात में हुआ यह एक प्रमुख किसान आंदोलन था जिसका नेतृत्व वल्लभ भाई पटेल ने किया था। उस समय प्रांतीय सरकार ने किसानों के लगान में तीस प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी थी। पटेल ने इस लगान वृद्धि का जमकर विरोध किया। सरकार ने इस सत्याग्रह आंदोलन को कुचलने के लिए कठोर कदम उठाए, पर अंतत: विवश होकर उसे किसानों की मांगों को मानना पड़ा। एक न्यायिक अधिकारी बूमफील्ड और एक राजस्व अधिकारी मैक्सवेल ने संपूर्ण मामलों की जांच कर 22 प्रतिशत लगान वृद्धि को गलत ठहराते हुए इसे घटाकर 6.03 प्रतिशत कर दिया। इस सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की। किसान संघर्ष एवं राष्ट्रीय स्वाधीनता संग्राम के अंर्तसबंधों की व्याख्या बारदोली किसान संघर्ष के संदर्भ में करते हुए गांधीजी ने कहा कि इस तरह का हर संघर्ष, हर कोशिश हमें स्वराज के करीब पहुंचा रही है और हम सबको स्वराज की मंजिल तक पहुंचाने में ये संघर्ष सीधे स्वराज के लिए संघर्ष से कहीं ज्यादा सहायक सिद्ध हो सकते हैं। .

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बारहसिंगा

बारहसिंगा या दलदल का मृग (Rucervus duvaucelii) हिरन, या हरिण, या हिरण की एक जाति है जो कि उत्तरी और मध्य भारत में, दक्षिणी-पश्चिम नेपाल में पाया जाता है। यह पाकिस्तान तथा बांग्लादेश में विलुप्त हो गया है। बारहसिंगा का सबसे विलक्षण अंग है उसके सींग। वयस्क नर में इसकी सींग की १०-१४ शाखाएँ होती हैं, हालांकि कुछ की तो २० तक की शाखाएँ पायी गई हैं। इसका नाम इन्ही शाखाओं की वजह से पड़ा है जिसका अर्थ होता है बारह सींग वाला।Prater, S. H. (1948) The book of Indian animals.

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बाल पोषाहार के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

भारत के राज्यों यह सूची बाल पूरक पोषण कार्यक्रम के प्रभावी कवरेज की स्थिति के आधार पर है। इस सूची के आँकड़े योजना आयोग द्वारा प्रकाशित 2011 समेकित बाल विकास सेवा मूल्यांकन रिपोर्ट से लिए गए हैं। .

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बाळासाहेब गंगाधर खेर

बाळासाहेब गंगाधर खेर (२४ अगस्त १८८८ - ८ मार्च १९५७) बॉम्बे राज्य के पहले मुख्यमन्त्री थे (१५ अगस्त १९४७ से २१ अप्रैल १९५२ तक)। तब बॉम्बे राज्य में वर्तमान के महाराष्ट्र और गुजरात राज्य शामिल थे। १९५४ में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। .

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बासुंदी

बासुंदी एक गुजराती व्यंजन और भारतीय मिठाई है जो महाराष्ट्र राज्य में भी बहुत लोकप्रिय है।.

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बाजीराव मस्तानी (फ़िल्म)

'बाजीराव मस्तानी' एक भारतीय ऐतिहासिक (मराठा युग) रोमांस फ़िल्म है जिसका निर्देशन और निर्माण संजय लीला भंसाली ने किया है। फ़िल्म मराठा साम्राज्य के पेशवा बाजीराव और उसकी दूसरी पत्नी मस्तानी के बारे में बताती है। रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण ने ये दोनों मुख्य किरदार निभाए हैं, प्रियंका चोपड़ा ने बाजीराव की पहली पत्नी का व तन्वी आज़मी ने बाजीराव की माँ का किरदार निभाया है। बाजीराव मस्तानी १८ दिसम्बर २०१५ को रिलीज़ हुई है। .

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बावड़ी

बावड़ी श्रेणी:सिंचाई श्रेणी:भारतीय वास्तुशास्त्र श्रेणी:भारत में जल प्रबंधन श्रेणी:भारतीय स्थापत्य कला श्रेणी:बावड़ी.

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बांटवा माणावदर

बांटवा माणावदर (गुजराती: બાંટવામાણાવદર, अंग्रेज़ी: Bantva Manavadar) भारत में ब्रिटिश राज के काल में एक रियासत थी। यह गुजरात के काठियावाड़ प्रायद्वीप पर स्थित थी। इस रियासत का क्षेत्रफल लगभग ५७४ वर्ग किमी था और इसके २६ गाँवों में सन् १९४१ में लगभग २६,२०९ लोगों की आबादी थी, जो मुख्य रूप से हिन्दू थी। .

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बांसवाड़ा

बांसवाड़ा भारतीय राज्य राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित एक शहर है। यह गुजरात और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों की सीमा के निकट है। बांसवाड़ा की स्‍थापना वाहिया चरपोटा ने की थी, जो एक भील राजा था। वाहिया को बांसिया के नाम से भी जाना जाता हैा बांसवाडा के राजा बां‍सिया के नाम पर ही इसका नाम बांसवाड़ा पड़ा। इसे "सौ द्वीपों का नगर" भी कहते हैं क्योंकि यहाँ से होकर बहने वाली माही नदी में अनेकानेक से द्वीप हैं। बांसवाड़ा के आसपास का क्षेत्र अन्य क्षेत्रों की तुलना में समतल और उपजाऊ है, माही बांसवाड़ा की प्रमुख नदी है। मक्का, गेहूँ और चना बांसवाड़ा की प्रमुख फ़सलें हैं। बांसवाड़ा में लोह-अयस्क, सीसा, जस्ता, चांदी और मैंगनीज पाया जाता है। इस क्षेत्र का गठन 1530 में बांसवाड़ा रजवाड़े के रूप में किया गया था और बांसवाड़ा शहर इसकी राजधानी था। 1948 में राजस्थान राज्य में विलय होने से पहले यह मूल डूंगरपुर राज्य का एक भाग था। .

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बांसवाड़ा जिला

बासंवाडा जिला राजस्थान के दक्षिणी भाग मे गुजरात/मध्य प्रदेश की सीमा से लगता हुआ जिला है। इसे राजस्थान का चेरापूंजी भी कहा जाता है। यहा का मुख्य आकर्षण माही नदी है, जो मध्य प्रदेश से होती हुई माही बांध तक आती हॆ, माही नदी बासंवाडा जिला की जीवन वाहिनी हॆ। यहां पे मुख्यतः वागडी भाषा बोली जाती हॆ, जिले के प्रमुख कस्बे कुशलगढ़, परतापुर, बागीदौरा, घाटोल, अरथुना हॆ.

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बांसकाठा

बांसकाठा गुजरात प्रान्त का एक शहर है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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बिट्टा सौर ऊर्जा संयंत्र

बिट्टा सौर ऊर्जा संयंत्र (Bitta Solar Power Plant) ४० मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयन्त्र है जो गुजरात के बिट्टा गाँव में स्थित है। इसकी स्थापना २०१२ के आरम्भ में हुई थी। .

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बजड़ी

बाजरा फसल फल रूप में लगे बाजरे के दाने अथवा सीटे (''Pennisetum glaucum'') बाजरा एक प्रमुख फसल है। एक प्रकार की बड़ी घास जिसकी बालियों में हरे रंग के छोटे छोटे दाने लगते हैं। इन दानों की गिनती मोटे अन्नों में होती है। प्रायाः सारे उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी भारत में लोग इसे खाते हैं। बाजरा मोटे अन्नों में सबसे अधिक उगाया जाने वाला अनाज है। इसे अफ्रीका और भारतीय उपमहाद्वीप में प्रागेतिहासिक काल से उगाया जाता रहा है, यद्यपि इसका मूल अफ्रीका में माना गया है। भारत में इसे बाद में प्रस्तुत किया गया था। भारत में इसे इसा पूर्व २००० वर्ष से उगाये जाने के प्रमाण मिलते है। इसका मतलब है कि यह अफ्रीका में इससे पहले ही उगाया जाने लगा था। यह पश्चिमी अफ्रीका के सहल क्षेत्र से निकल कर फैला है। बाजरे की विशेषता है सूखा प्रभावित क्षेत्र में भी उग जाना, तथा ऊँचा तापक्रम झेल जाना। यह अम्लीयता को भी झेल जाता है। यही कारण है कि यह उन क्षेत्रों में उगाया जाता है जहां मक्का या गेहूँ नही उगाये जा सकते। आज विश्व भर में बाजरा २६०,००० वर्ग किलोमीटर में उगाया जाता है। मोटे अन्न उत्पादन का आधा भाग बाजरा होता है। इस अनाज की खेती बहुत सी बातों में ज्वार की खेती से मिलती जुलती होती है। यह खरीफ की फसल है और प्रायः ज्वार के कुछ पीछे वर्षा ऋतु में बोई और उससे कुछ पहले अर्थात् जाड़े के आरंभ में काटी जाती हैं। इसके खेतों में खाद देने या सिंचाई करने की विशेष आवश्यकता नहीं होती। इसके लिये पहले तीन चार बार जमीन जोत दी जाती है और तब बीज बो दिए जाते हैं। एकाध बार निराई करना अवश्य आवश्यक होता है। इसके लिये किसी बहुत अच्छी जमीन की आवश्यकता नहीं होती और यह साधारण से साधारण जमीन में भी प्रायः अच्छी तरह होता है। यहाँ तक कि राजस्थान की बलुई भूमि में भी यह अधिकता से होता है। गुजरात आदि देशों में तो अच्छी करारी रूई बोने से पहले जमीन तयार करने के लिय इसे बोते हैं। बाजरे के दानों का आटा पीसकर और उसकी रोटी बनाकर खाई जाती है। इसकी रोटी बहुत ही बलवर्धक और पुष्टिकारक मानी जाती है। कुछ लोग दानों को यों ही उबालकर और उसमें नमक मिर्च आदि डालकर खाते हैं। इस रूप में इसे 'खिचड़ी' कहते हैं। कहीं कहीं लोग इसे पशुओं के चारे के लिये ही वोते हैं। वैद्यक में यह वादि, गरम, रूखा, अग्निदीपक पित्त को कुपित करनेवाला, देर में पचनेवाला, कांतिजनक, बलवर्धक और स्त्रियों के काम को बढा़नेवाला माना गया है। .

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बगसरा

बगसरा भारत देश में गुजरात प्रान्त में सौराष्ट्र एवम काठियावाड़ विस्तार में स्थित अमरेली जिले में बगसरा तहसील का वहीवटी मुख्यालय है। बगसरा भारत के राष्ट्रीय शायर झवेरचंद मेघानी की कर्मभूमि के रूप में देशभर में प्रख्यात है। गॉल्ड प्लेटिंग आभूषनो के लीए भी बगसरा पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। .

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बगोदरा

बगोदरा (गुजराती: બગોદરા), भारत के राज्य गुजरात के अहमदाबाद जिले के बावला तालुका में स्थित एक गांव है। बगोदरा अपने तालुक नगर बावला से 27.59 किमी की दूरी पर स्थित है। बगोदरा की दूरी अहमदाबाद शहर से 60.04 किमी और गुजरात की राजधानी गांधीनगर से 80 किमी है। बावला तालुका में इस गांव के समीप स्थित अन्य गाँव हैं: अदरोदा, बल्दाना, भायला, चियादा, देवढोलेरा, धनवदा, ढेढल, दुर्गी, गंगद, हसननगर, जुवल रूपवती, आदि। .

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बंबई प्रेसीडेंसी

बंबई प्रेसीडेंसी, १९०९, उत्तरी भाग बंबई प्रेसीडेंसी, १९०९, दक्षिणी भाग बंबई प्रेसीडेंसी ब्रिटिश भारत का एक पूर्व-प्रान्त था। इसकी स्थापना १७वीं शताब्दी में हुई थी। इसे १८४३ से १९३६ तक 'बॉम्बे और सिन्ध' तथा 'बॉम्बे प्रोविन्स' कहा जाता था। इसका मुख्यालय मुम्बई था। अपने सबसे बड़े आकार में इस प्रेसिडेन्सी के अन्तर्गत कोंकण, वर्तमान महाराष्ट्र के नासिक तथा पुणे मण्डल, वर्तमान गुजरात के अहमदाबाद, आणन्द, भरूच गांधीनगर, खेड़ा, पंचमहल और सूरत जिले, वर्तमान कर्नाटक के बगलकोट, बेलागवी, बीजापुर, धारवाड़, गडग, हावेरी तथा उत्तर कन्नडा जिले, पाकिस्तान का वर्तमान सिन्ध प्रान्त, तथा यमन का अडेन कॉलोनी आते थे। श्रेणी:मुम्बई का इतिहास श्रेणी:ब्रिटिशकालीन भारत श्रेणी:भारत का इतिहास.

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बक्षीपुर (अमरेली)

बक्षीपुर (બક્ષીપુર.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। बक्षीपुर गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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ब्रह्मगुप्त

ब्रह्मगुप्त का प्रमेय, इसके अनुसार ''AF'' .

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ब्राह्मणवाड़ा

ब्राह्मणवाड़ा भारत के गुजरात राज्य के महसाणा जिला में ऊंजा तहसील का कस्बा है। ये भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पत्नी जसोदाबेन मोदी जन्म स्थान है। .

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ब्रिटिश राज

ब्रिटिश राज 1858 और 1947 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश द्वारा शासन था। क्षेत्र जो सीधे ब्रिटेन के नियंत्रण में था जिसे आम तौर पर समकालीन उपयोग में "इंडिया" कहा जाता था‌- उसमें वो क्षेत्र शामिल थे जिन पर ब्रिटेन का सीधा प्रशासन था (समकालीन, "ब्रिटिश इंडिया") और वो रियासतें जिन पर व्यक्तिगत शासक राज करते थे पर उन पर ब्रिटिश क्राउन की सर्वोपरिता थी। .

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ब्रिटिश राज के दौरान भारत में प्रमुख अकाल की समयरेखा

१८७६-७८ का बड़ा अकाल ये ब्रिटिश राज के दौरान भारत में प्रमुख अकालों की समयसरेखा है। ये सन् १७६५ से १९४७ तक का कालखन्ड दर्शाती है। बक्सर के युद्ध के बाद ब्रिटिशोंको १७६५ में बंगाल प्रेसीडेंसी की दिवानी मिली और १७८४ में निजामत जिससे वो सिधा प्रशासन करने लगे। १९४७ में ब्रिटिश राज खतम हो कर भारत के भारतीय अधिराज्य और पाकिस्तान अधिराज्य एसे दो विभाग हुए। .

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ब्रज कुमार नेहरू

ब्रज कुमार नेहरू, आयसीएस (4 सितम्बर 1909 – 31 अक्टूबर 2001) एक भारतीय राजनयिक और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय राजदूत (1961-1968) थे। वो भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के चचेरे भाई बृजलाल और रामेश्वरी नेहरू के पुत्र थे। .

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ब्रजभाषा साहित्य

ब्रजभाषा विक्रम की १३वीं शताब्दी से लेकर २०वीं शताब्दी तक भारत के मध्यदेश की मुख्य साहित्यिक भाषा एवं साथ ही साथ समस्त भारत की साहित्यिक भाषा थी। विभिन्न स्थानीय भाषाई समन्वय के साथ समस्त भारत में विस्तृत रूप से प्रयुक्त होने वाली हिन्दी का पूर्व रूप यह ‘ब्रजभाषा‘ अपने विशुद्ध रूप में यह आज भी आगरा, धौलपुर, मथुरा और अलीगढ़ जिलों में बोली जाती है जिसे हम 'केंद्रीय ब्रजभाषा' के नाम से भी पुकार सकते हैं। ब्रजभाषा में ही प्रारम्भ में हिन्दी-काव्य की रचना हुई। सभी भक्त कवियों, रीतिकालीन कवियों ने अपनी रचनाएं इसी भाषा में लिखी हैं जिनमें प्रमुख हैं सूरदास, रहीम, रसखान, केशव, घनानन्द, बिहारी, इत्यादि। हिन्दी फिल्मों के गीतों में भी बृज के शब्दों का प्रमुखता से प्रयोग किया गया है। वस्तुतः उस काल में हिन्दी का अर्थ ही ब्रजभाषा से लिया जाता था | .

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बैंक ऑफ़ बड़ौदा

बैंक ऑफ़ बड़ौदा भारत का सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है। भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नैश्नल बैंक के बाद यह इस क्षेत्र का तीसरा सबसे बड़ा बैंक है। बैंऑब की कुल परिसंपत्ति १,७८५ अरब रू है, ३,००० शाखाओं और कार्यालयों का तंत्र है और लगभग १,०००+ एटीएम हैं। इसकी बैंकिंग सेवाओं में बैंकिंग उत्पाद और वित्तीय सेवाओं से लेकर कंपनीयों और फुटकर ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करना है। बड़ौदा के महाराज सयाजीराव गाइकवाड़ तृतीय ने इस बैंक की स्थापना २० जुलाई, १९०८ को गुजरात के देशी राज्य बड़ौदा में की थी। इस बैंक का अन्य १३ प्रमुख वाणिज्यिक बैंको के साथ १९ जुलाई, १९६९ को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। .

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बेट द्वारका

बेट द्वारका या शंखोद्धार कच्छ की खाड़ी में स्थित एक द्वीप है। यह द्वीप समुद्रतट पर स्थित ओखा से ३ किमी की दूरी पर है। इसकी लम्बाई (उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व तक) लगभग १३ किमी है तथा औसत चौड़ाई ४ किमी है। द्वारका यहाँ से ३० किमी दक्षिण में स्थित है। श्रेणी:हिन्दू तीर्थ स्थल श्रेणी:गुजरात का भूगोल श्रेणी:गुजरात में पर्यटन आकर्षण.

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बेरोज़गारी की दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

यह सूची भारत के प्रमुख राज्यों को बेरोज़गारी दर के आधार पर सूचीबद्ध करती है। यह सूची भारत सरकार के सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मन्त्रालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (ऍन०ऍस०ऍस०) प्रतिवेदन से संकलित है। कुछ पूर्वोत्तर राज्यों और अन्य छोटे राज्यों के आँकड़े अनुपलब्ध हैं। .

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बेक्ड पॉम्फ्रेट

बेक्ड पॉम्फ्रेट एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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बॉम्बे राज्य

बॉम्बे प्रेसिडेंसी, १९०९ - उत्तरी भाग बॉम्बे प्रेसिडेंसी, १९०९ - दक्षिणी भाग बॉम्बे राज्य भारत का एक पूर्व राज्य था। इसे १ मई, १९६० में विभाजित कर गुजरात और महाराष्ट्र बना दिया गया था। श्रेणी:भारत के ऐतिहासिक क्षेत्र श्रेणी:गुजरात का इतिहास श्रेणी:महाराष्ट्र का इतिहास श्रेणी:मुंबई का इतिहास.

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बोटाद

बोटाद गुजरात राज्य का एक शहर है। इस शहर में नवरचित बोटाद जिला का मुख्यालय स्थित है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर श्रेणी:गुजरात के नगर.

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बोटाद जिला

बोटाद जिला (બોટાદ જિલ્લો.) भारत देश के गुजरात प्रान्त में सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित, राज्य के ३३ जिलों में से एक महत्वपूर्ण जिला है। जिसका मुख्यालय बोटाद है। २०१३ में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विवेकानंद विकास यात्रा के दौरान भावनगर जिला और अहमदाबाद जिले का विभाजन करके नये बोटाद जिले की घोषणा की थी। भावनगर और अहमदाबाद के दो-दो तहसील जोड़के ४ तहसीलों का नया जिला बनाया गया था। जिले में ३ नगरपालिका है। .

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बीना

कोई विवरण नहीं।

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बीघा

बीघा भारत के कुछ हिस्सों तथा नेपाल एवं बांग्लादेश में जमीन की माप करने का पारम्परिक पैमाना है जिसका प्रयोग अब भी किया जाता है। भारतीय राज्य बंगाल, बिहार, गुजरात, असम इत्यादि में इसका प्रयोग होता है। बीघा हिन्दू लम्बाई गणना में क्षेत्रफ़ल मापने की इकाई है। एक बीघा १५०० से २५ऊ वर्ग मीटर तक होता है,.

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बीकानेरी भुजिया

बीकानेरी भुजिया यह राजस्थान के बीकानेर के नाम से जुड़ी हुई है। यह एक बेसन के बारीक सेव या जवे जैसे बनाकर खाद्य तेल में तले जाने पर बनती है। इसमें बेसन के अलावा मूंग, मोठ मटर आदि के आटे भी मिलाए जाते हैं। साथ ही कई मसाले भी डाले जाते हैं। यह सिर्फ बीकानेर ही नहीं बल्कि राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार तथा पश्चिम बंगाल में भी बहुत लोकप्रिय है। .

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भड़ौच

भड़ौच गुजरात प्रान्त का एक शहर है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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भडोच का गुर्जर राज्य

आधुनिक गुजरात राज्य का नाम गुर्जर जाति के नाम पर पड़ा हैं। गुजरात शब्द की उत्पत्ति गुर्जरत्रा शब्द से हुई हैं जिसका अर्थ हैं- वह (भूमि) जोकि गुर्जरों के नियंत्रण में हैं। गुजरात से पहले यह क्षेत्र लाट, सौराष्ट्र और काठियावाड के नाम से जाना जाता था| भडोच का गुर्जर राज्य नक्शा भडोच के गुर्जरों का कालक्रम निम्नवत हैं सबसे पहले गुर्जर जाति ने छठी शताब्दी के अंत में आधुनिक गुजरात के दक्षिणी इलाके में एक राज्य की स्थापना की। हेन सांग (629-647 ई.) ने इस राज्य का नाम भडोच बताया हैं। भडोच के गुर्जरों के विषय में हमें दक्षिणी गुजरात से प्राप्त नौ तत्कालीन ताम्रपत्रों से चलता हैं। इन ताम्रपत्रो में उन्होंने खुद को गुर्जर नृपति वंश का होना बताया हैं। इस राज्य का केन्द्र नर्मदा और माही नदी के बीच स्थित आधुनिक भडोच जिला था, हालाकि अपने उत्कर्ष काल में यह राज्य उत्तर में खेडा जिले तक तथा दक्षिण में ताप्ती नदी तक फैला था। गौरी शंकर ओझा के अनुसार इस राज्य में भडोच जिला, सूरत जिले के ओरपाड ‘चोरासी’ और बारदोली तालुक्के, आस-पास के बडोदा के इलाके, रेवा कांठा और सचीन के इलाके होने चाहिए| इस राज्य की राजधानी नंदीपुरी थी| भडोच की पूर्वी दरवाज़े के दो मील उत्तर में नंदिपुरी नामक किला हैं, जिसकी पहचान डा.

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भबई

भबई गुजरात का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:गुजरात के लोक नृत्य.

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भरूच लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

भरूच लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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भरूच जिला

भरुच भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। इस जिले का मुख्यालय भरुच शहर में है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत में दशलक्ष-अधिक शहरी संकुलनों की सूची

भारत दक्षिण एशिया में एक देश है। भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार, वह सातवाँ सबसे बड़ा देश है, और १.२ अरब से अधिक लोगों के साथ, वह दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत में उनतीस राज्य और सात संघ राज्यक्षेत्र हैं। वह विश्व की जनसंख्या के १७.५ प्रतिशत का घर हैं। .

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भारत में धर्म

तवांग में गौतम बुद्ध की एक प्रतिमा. बैंगलोर में शिव की एक प्रतिमा. कर्नाटक में जैन ईश्वरदूत (या जिन) बाहुबली की एक प्रतिमा. 2 में स्थित, भारत, दिल्ली में एक लोकप्रिय पूजा के बहाई हॉउस. भारत एक ऐसा देश है जहां धार्मिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता को कानून तथा समाज, दोनों द्वारा मान्यता प्रदान की गयी है। भारत के पूर्ण इतिहास के दौरान धर्म का यहां की संस्कृति में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। भारत विश्व की चार प्रमुख धार्मिक परम्पराओं का जन्मस्थान है - हिंदू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म तथा सिक्ख धर्म.

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भारत में परमाणु ऊर्जा

भारतीय विद्युत उत्पादन एवं आपूर्ति के क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा एक निश्चित एवं निर्णायक भूमिका है। किसी भी राष्ट्र के सम्पूर्ण विकास के लिए विद्युत की पर्याप्त तथा अबाधित आपूर्ति का होना आवश्यक है। विकासशील देश होने के कारण भारत की सम्पूर्ण विद्युत आवश्यकताओं का एक बड़ा भाग गैर पारम्परिक स्रोतों से पूरा किया जाता है क्योंकि पारम्परिक स्रोतों द्वारा बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा सकता। भारत ने नाभिकीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। इसका श्रेय डॉ॰ होमी भाभा द्वारा प्रारंभ किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों को जाता है जिन्होंने भारतीय नाभिकीय कार्यक्रम की कल्पना करते हुए इसकी आधारशिला रखी। तब से ही परमाणु ऊर्जा विभाग परिवार के समर्पित वेज्ञानिकों तथा इंजीनियरों द्वारा बड़ी सतर्कता के साथ इसे आगे बढ़ाया गया है। भारत में गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में परमाणु बिजली केंद्र है। ये केंद्र केंद्र सरकार के अधीन हैं।वर्तमान में (अप्रैल 2015 से जेनुअरी 2016 तक) कुल बिजली उत्पादन में नाभिकीय ऊर्जा का भाग 30869 मिलियन यूनिट है जो कि लगभग 3.3% है। वर्तमान में कुल स्थापित क्षमता 5780 मेगावाट है, तथा 2022 तक 13480 मेगावाट बिजली के उत्पादन की संभावना है, यदि वर्तमान में सभी निर्माणाधीन और कुछ नए प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से पूरा कर लिया जाता है। 1983 में गठित परमाणु ऊर्जा विनियामक बोर्ड (एईआरबी) भारत में परमाणु ऊर्जा के लिए नियामक संस्था है। नाभिकीय विज्ञान अनुसंधान बोर्ड (बीआरएनएस) के द्वारा अनुसंधान और विकास संबंधी गतिविधियां की जाती हैं। .

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भारत में पवन ऊर्जा

भारत में पवन ऊर्जा का विकास 1990 के दशक में शुरू हुआ और पिछले कुछ वर्षों में इसमें काफी वृद्धि हुई है। हालांकि डेनमार्क, या अमेरिका की तुलना में अपेक्षाकृत नवागन्तुक के रूप में भारत में पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता दुनिया में पांचवें स्थान पर है। "विश्व पवन ऊर्जा रिपोर्ट 2008" रिपोर्ट यथा 31 अक्टूबर 2009, भारत में स्थापित पवन ऊर्जा की क्षमता 11806.69 मेगावाट थी, जो मुख्य रूप से तमिलनाडु (4900.765 मेगावाट) http://www.tn.gov.in/policynotes/pdf/energy.pdf, महाराष्ट्र (1945.25 मेगावाट), गुजरात (1580.61 मेगावाट), कर्नाटक (1350.23 मेगावाट) राजस्थान (745.5 मेगावाट), मध्य प्रदेश (212.8 मेगावाट), आन्ध्र प्रदेश (132.45 मेगावाट), केरल (46.5 मेगावाट), ओडिशा (2MW), पश्चिम बंगाल (1.1 मेगावाट) और अन्य राज्यों (3.20 मेगावाट) http://www.indianwindpower.com/installed_wind_capacity.php में फैली हुई थी। ऐसा अनुमान है कि 6,000 मेगावाट की अतिरिक्त पवन ऊर्जा को वर्ष 2012 तक भारत में स्थापित किया जाएगा। भारत में स्थापित कुल ऊर्जा क्षमता का 6% पवन ऊर्जा से प्राप्त होता है और देश की ऊर्जा का 1% इससे उत्पन्न होता है। http://www.peopleandplanet.net/doc.php?id.

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भारत में मौत की सज़ा

भारत में मौत की सज़ा कुछ गंभीर अपराधों के लिए दी जाती है।Majumder, Sanjoy.

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भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की राजमार्ग संख्या अनुसार सूची

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची इस प्रकार से है। इसे राज्य, राजमार्ग संख्या, कुल लंबाई इत्यादि किसी भी क्रम से चुना व छांटा जा सकता है। .

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भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संजाल भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची भारतीय राजमार्ग के क्षेत्र में एक व्यापक सूची देता है, द्वारा अनुरक्षित सड़कों के एक वर्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। ये लंबे मुख्य में दूरी roadways हैं भारत और के अत्यधिक उपयोग का मतलब है एक परिवहन भारत में। वे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा भारतीय अर्थव्यवस्था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 laned (प्रत्येक दिशा में एक), के बारे में 65,000 किमी की एक कुल, जिनमें से 5,840 किमी बदल सकता है गठन में "स्वर्ण Chathuspatha" या स्वर्णिम चतुर्भुज, एक प्रतिष्ठित परियोजना राजग सरकार द्वारा शुरू की श्री अटल बिहारी वाजपेयी.

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भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची

शिकोहाबाद तहसील के ग्राम नगला भाट में श्री मुकुट सिंह यादव जो ग्राम पंचायत रूपसपुर से प्रधान भी रहे हैं उनके तीन पुत्र हैं गजेंद्र यादव नगेन्द्र यादव पुष्पेंद्र यादव प्रधान जी का जन्म सन १९५० में हुआ था उन्होंने अपना सारा जीवन ग़रीबों के लिए क़ुर्बान कर दिया था और वो ५ भाईओ में सबसे छोटे थे और अपने परिवार को बाँधे रखा ११ मार्च २०१५ को उनका देहावसान हो गया ! वो आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा हैं इस लेख में भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची है। भारत में रेलवे स्टेशनों की कुल संख्या 7,000 और 8,500 के बीच अनुमानित है। भारतीय रेलवे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने के साथ दुनिया में चौथा सबसे बड़ा नियोक्ता है। सूची तस्वीर गैलरी निम्नानुसार है। .

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भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची

इस लेख में भारत के सर्वोच्च सौ महानगरीय क्षेत्रों की सूची (२००८ अनुसार) है। इन सौ महानगरों की संयुक्त जनसंख्या राष्ट्र की कुल जनसंख्या का सातवां भाग बनाती है। .

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भारत में सांस्कृतिक विविधता

अंगूठाकार .

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भारत में संचार

भारतीय दूरसंचार उद्योग दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता दूरसंचार उद्योग है, जिसके पास अगस्त 2010http://www.trai.gov.in/WriteReadData/trai/upload/PressReleases/767/August_Press_release.pdf तक 706.37 मिलियन टेलीफोन (लैंडलाइन्स और मोबाइल) ग्राहक तथा 670.60 मिलियन मोबाइल फोन कनेक्शन्स हैं। वायरलेस कनेक्शन्स की संख्या के आधार पर यह दूरसंचार नेटवर्क मुहैया करने वाले देशों में चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारतीय मोबाइल ग्राहक आधार आकार में कारक के रूप में एक सौ से अधिक बढ़ी है, 2001 में देश में ग्राहकों की संख्या लगभग 5 मिलियन थी, जो अगस्त 2010 में बढ़कर 670.60 मिलियन हो गयी है। चूंकि दूरसंचार उद्योग दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2013 तक भारत में 1.159 बिलियन मोबाइल उपभोक्ता हो जायेंगे.

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भारत में सूर्य मंदिरों की सूची

यह सूची भारत में सूर्य - मंदिरों की है:- कोणार्क में सूर्य देव कोणार्क, पुरी मोधेरा, गुजरात मार्तंड, कश्मीर.

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भारत में हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म भारत का सबसे बड़ा और मूल धार्मिक समूह है और भारत की 79.8% जनसंख्या (96.8 करोड़) इस धर्म की अनुयाई है। भारत में वैदिक संस्कृति का उद्गम २००० से १५०० ईसा पूर्व में हुआ था। जिसके फलस्वरूप हिन्दू धर्म को, वैदिक धर्म का क्रमानुयायी माना जाता है, जिसका भारतीय इतिहास पर गहन प्रभाव रहा है। स्वयं इण्डिया नाम भी यूनानी के Ἰνδία (इण्डस) से निकला है, जो स्वयं भी प्राचीन फ़ारसी शब्द हिन्दू से निकला, जो संस्कृत से सिन्धु से निकला, जो इस क्षेत्र में बहने वाली सिन्धु नदी के लिए प्रयुक्त किया गया था। भारत का एक अन्य प्रचलित नाम हिन्दुस्तान है, अर्थात "हिन्दुओं की भूमि"। .

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भारत में विमानक्षेत्रों की सूची

यह सूची भारत के विमानक्षेत्रों की है। भारत में विमानक्षेत्रों और बंदरगाहों को दर्शाता हुआ मानचित्र .

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भारत में विश्वविद्यालयों की सूची

यहाँ भारत में विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है। भारत में सार्वजनिक और निजी, दोनों विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कई भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित हैं। इनके अलावा निजी विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं, जो विभिन्न निकायों और समितियों द्वारा समर्थित हैं। शीर्ष दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों में से अधिकांश भारत में स्थित हैं। .

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भारत में आए भूकम्पों की सूची

भारतीय उपमहाद्वीप के भूकम्पों का एक इतिहास है। भारतीय प्लेट एशिया के भीतर 49 मिलीमीटर प्रतिवर्ष.

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भारत में इस्लाम

भारतीय गणतंत्र में हिन्दू धर्म के बाद इस्लाम दूसरा सर्वाधिक प्रचलित धर्म है, जो देश की जनसंख्या का 14.2% है (2011 की जनगणना के अनुसार 17.2 करोड़)। भारत में इस्लाम का आगमन करीब 7वीं शताब्दी में अरब के व्यापारियों के आने से हुआ था (629 ईसवी सन्‌) और तब से यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक अभिन्न अंग बन गया है। वर्षों से, सम्पूर्ण भारत में हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का एक अद्भुत मिलन होता आया है और भारत के आर्थिक उदय और सांस्कृतिक प्रभुत्व में मुसलमानों ने महती भूमिका निभाई है। हालांकि कुछ इतिहासकार ये दावा करते हैं कि मुसलमानों के शासनकाल में हिंदुओं पर क्रूरता किए गए। मंदिरों को तोड़ा गया। जबरन धर्मपरिवर्तन करा कर मुसलमान बनाया गया। ऐसा भी कहा जाता है कि एक मुसलमान शासक टीपू शुल्तान खुद ये दावा करता था कि उसने चार लाख हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाया था। न्यूयॉर्क टाइम्स, प्रकाशित: 11 दिसम्बर 1992 विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां सरकार हज यात्रा के लिए विमान के किराया में सब्सिडी देती थी और २००७ के अनुसार प्रति यात्री 47454 खर्च करती थी। हालांकि 2018 से रियायत हटा ली गयी है। .

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भारत का प्रधानमन्त्री

भारत गणराज्य के प्रधानमन्त्री (सामान्य वर्तनी:प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है। सैद्धांतिकरूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिकरूप में, शासनतंत्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति पर निहित करता है। तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग अपने अधीनस्थ अधकारियों की सलाह पर करेगा। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमन्त्री को दी गयी है। संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्रीपद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है तथा सभी नीतिगत निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्रीपरिषद के मध्य संपर्कसूत्र भी वही हैं। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है। संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है। प्रधानमन्त्री, लोकसभा में बहुमत-धारी दल का नेता होता है, और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जबतक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो। संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को सरकारी तंत्र पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था। उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था। इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ में, संविधान के परवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। .

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भारत का भूगोल

भारत का भूगोल या भारत का भौगोलिक स्वरूप से आशय भारत में भौगोलिक तत्वों के वितरण और इसके प्रतिरूप से है जो लगभग हर दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। दक्षिण एशिया के तीन प्रायद्वीपों में से मध्यवर्ती प्रायद्वीप पर स्थित यह देश अपने ३२,८७,२६३ वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। साथ ही लगभग १.३ अरब जनसंख्या के साथ यह पूरे विश्व में चीन के बाद दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भी है। भारत की भौगोलिक संरचना में लगभग सभी प्रकार के स्थलरूप पाए जाते हैं। एक ओर इसके उत्तर में विशाल हिमालय की पर्वतमालायें हैं तो दूसरी ओर और दक्षिण में विस्तृत हिंद महासागर, एक ओर ऊँचा-नीचा और कटा-फटा दक्कन का पठार है तो वहीं विशाल और समतल सिन्धु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान भी, थार के विस्तृत मरुस्थल में जहाँ विविध मरुस्थलीय स्थलरुप पाए जाते हैं तो दूसरी ओर समुद्र तटीय भाग भी हैं। कर्क रेखा इसके लगभग बीच से गुजरती है और यहाँ लगभग हर प्रकार की जलवायु भी पायी जाती है। मिट्टी, वनस्पति और प्राकृतिक संसाधनो की दृष्टि से भी भारत में काफ़ी भौगोलिक विविधता है। प्राकृतिक विविधता ने यहाँ की नृजातीय विविधता और जनसंख्या के असमान वितरण के साथ मिलकर इसे आर्थिक, सामजिक और सांस्कृतिक विविधता प्रदान की है। इन सबके बावजूद यहाँ की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक एकता इसे एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करती है। हिमालय द्वारा उत्तर में सुरक्षित और लगभग ७ हज़ार किलोमीटर लम्बी समुद्री सीमा के साथ हिन्द महासागर के उत्तरी शीर्ष पर स्थित भारत का भू-राजनैतिक महत्व भी बहुत बढ़ जाता है और इसे एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित करता है। .

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भारत के चार धाम

भारतीय धर्मग्रंथों में बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम की चर्चा चार धाम के रूप में की गई है।.

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भारत के तेल शोधनागारों की सूची

भारत में कुल मिलाकर २३ तेल शोधनागार है। दिसंबर २०१७ के अनुसार इन सब की मिलाकर कुल क्षमता २४७.६ एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) है। .

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भारत के निजी विश्वविद्यालयों की सूची

भारत में उच्च शिक्षा प्रणाली के अन्तर्गत सार्वजनिक और निजी दोनों प्रकार के विश्वविद्यालय सम्मिलित हैं। सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को भारत के केन्द्रीय सरकार तथा राज्य सरकारों से सहायता मिलती है जबकि निजी विश्वविद्यालय विभिन्न निजी संस्थाओं एवं सोसायटी के द्वारा संचालित होते हैं। भारत में विश्वविद्यालयों की मान्यता विश्वविद्यालय अनुदान आयोग देता है। .

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भारत के प्रथम

यहाँ पर भारत के उन व्यक्तियों, समूहों और संस्थाओं का संकलन है जो किसी श्रेणी में प्रथम हैं/थे।.

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भारत के प्रधान मंत्रियों की सूची

भारत के प्रधानमंत्री भारत गणराज्य की सरकार के मुखिया हैं। भारत के प्रधानमंत्री, का पद, भारत के शासनप्रमुख (शासनाध्यक्ष) का पद है। संविधान के अनुसार, वह भारत सरकार के मुखिया, भारत के राष्ट्रपति, का मुख्य सलाहकार, मंत्रिपरिषद का मुखिया, तथा लोकसभा में बहुमत वाले दल का नेता होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का नेतृत्व करता है। भारत की राजनैतिक प्रणाली में, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल में का वरिष्ठ सदस्य होता है। .

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भारत के प्रमुख सागर-तटों की सूची

सेरेनिटी बीच पेरादाईस बीच कराईकल बीच माहे बीच श्रेणी:भारत.

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भारत के प्रशासनिक विभाग

प्रशासनिक दृष्टि से भारत राज्यों या प्रान्तों में विभक्त है; राज्य, जनपदों (या जिलों) में विभक्त हैं, जिले तहसील (तालुक या मण्डल) में विभक्त हैं। यह विभाजन और नीचे तक गया है। .

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भारत के प्राचीन विश्वविद्यालय

भारतीय उपमहाद्वीप में कई स्थान अत्यंत पुराने शिक्षण केन्द्र रहे हैं:-.

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भारत के बायोस्फीयर रिजर्व

भारत सरकार ने देश भर में १८ बायोस्फीयर भंडार स्थापित किए हैं। ये बायोस्फीयर भंडार भौगोलिक रूप से जीव जंतुओं के प्राकृतिक भू-भाग की रक्षा करते हैं और अकसर आर्थिक उपयोगों के लिए स्थापित बफर जोनों के साथ एक या ज्यादा राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य को संरक्षित रखने का काम करते हैं। संरक्षण न केवल संरक्षित क्षेत्र के वनस्पतियों और जीवों के लिए दिया जाता है, बल्कि इन क्षेत्रों में रहने वाले मानव समुदायों को भी दिया जाता है। .

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भारत के मानित विश्वविद्यालय

भारत में उच्च शिक्षा संस्थान निजी व सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में हैं। सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को सरकार (केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा) द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त होती है जबकि निजी विश्वविद्यालय विभिन्न संस्थाओं या समितियों द्वारा संचालित होते हैं। .

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भारत के राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की सूची

भारत में, राष्ट्रीय महत्व के स्मारक, भारत में स्थित वे ऐतिहासिक, प्राचीन अथवा पुरातात्विक संरचनाएँ, स्थल या स्थान हैं, जोकि, प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 किए अधीन, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के माध्यम से भारत की संघीय सरकार या राज्य सरकारों द्वारा संरक्षिक होती हैं। ऐसे स्मारकों को "राष्ट्रीय महत्व का स्मारक" होने के मापदंड, प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 द्वारा परिभाषित किये गए हैं। ऐसे स्मारकों को इस अधिनियम के मापदंडों पर खरा उतरने पर, एक वैधिक प्रक्रिया के तहत पहले "राष्ट्रीय महत्व" का घोषित किया जाता है, और फिर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के संसाक्षणाधीन कर दिया जाता है, ताकि उनकी ऐतिहासिक महत्व क्व मद्देनज़र, उनकी उचित देखभाल की जा सके। वर्त्तमान समय में, राष्ट्रीय महत्व के कुल 3650 से अधिक प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष देश भर में विद्यमान हैं। ये स्मारक विभिन्न अवधियों से संबंधित है जो प्रागैतिहासिक अवधि से उपनिवेशी काल तक के हैं, जोकि विभिन्न भूगोलीय स्थितियों में स्थित हैं। इनमें मंदिर, मस्जिद, मकबरे, चर्च, कब्रिस्तान, किले, महल, सीढ़ीदार, कुएं, शैलकृत गुफाएं, दीर्घकालिक वास्तुकला तथा साथ ही प्राचीन टीले तथा प्राचीन आवास के अवशेषों का प्रतिनिधित्व करने वाले स्थल शामिल हैं। इन स्मारकों तथा स्थलों का रखरखाव तथा परिरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विभिन्न मंडलों द्वारा किया जाता है जो पूरे देश में फैले हुए हैं। .

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भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .

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भारत के राष्ट्रीय उद्यान

नीचे दी गयी सूची भारत के राष्ट्रीय उद्यानों की है। 1936 में भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान था- हेली नेशनल पार्क, जिसे अब जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। १९७० तक भारत में केवल ५ राष्ट्रीय उद्यान थे। १९८० के दशक में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अलावा वन्य जीवों की सुरक्षार्थ कई अन्य वैधानिक प्रावधान लागू हुए.

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भारत के राज्य (सकल घरेलू उत्पाद के अनुसार)

यह भारत के राज्यों और संघ शासित क्षेत्र की वित्तीय वर्ष 2010 मे सकल घरेलू उत्पाद के अनुसार एक सूची है। .

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भारत के राज्य (कर राजस्व के अनुसार)

यह भारत के राज्यों की उनकी कर राजस्व के अनुसार सूचि है। यह तेरहवें वित्त आयोग द्वारा किया गया है। श्रेणी:भारत के राज्य.

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भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश

भारत राज्यों का एक संघ है। इसमें उन्तीस राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश पुनः जिलों और अन्य क्षेत्रों में बांटे गए हैं।.

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भारत के राज्य और संघ क्षेत्र और उनके दो वर्ण वाले कोड

यह सूची भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों के संक्षिप्त नामानुसार (रोमन में) है। .

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भारत के राज्यकीय पुष्पों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की राजधानियाँ

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों की राजधानियों की है। भारत में कुल 29 राज्य और 7 केन्द्र-शासित प्रदेश हैं। सभी राज्यों और दो केन्द्र-शासित प्रदेशों, दिल्ली और पौण्डिचेरी, में चुनी हुई सरकारें और विधानसभाएँ होती हैं, जो वॅस्टमिन्स्टर प्रतिमान पर आधारित हैं। अन्य पाँच केन्द्र-शासित प्रदेशों पर देश की केन्द्र सरकार का शासन होता है। 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अन्तर्गत राज्यों का निर्माण भाषाई आधार पर किया गया था, और तबसे यह व्यवस्था लगभग अपरिवर्तित रही है। प्रत्येक राज्य और केन्द्र-शासित प्रदेश प्रशासनिक इकाईयों में बँटा होता है। नीचे दी गई सूची में राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों की विभिन्न प्रकार की राजधानियाँ सूचीबद्ध हैं। प्रशासनिक राजधानी वह होती है जहाँ कार्यकारी सरकार के कार्यालय स्थित होते हैं, वैधानिक राजधानी वह है जहाँ से राज्य विधानसभा संचालित होती है, और न्यायपालिका राजधानी वह है जहाँ उस राज्य या राज्यक्षेत्र का उच्च न्यायालय स्थित होता है। .

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भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की स्थापना तिथि अनुसार सूची

भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की स्थापना तिथि अनुसार सूची में भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश अपनी स्थापना तिथि के साथ दिए गए हैं। .

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भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची जनसंख्या अनुसार

भारत का जनसंख्या घनत्व मानचित्र पर भारत एक संघ है, जो २9 राज्यों एवं सात केन्द्र शासित प्रदेशों से बना है। यहां की २००८ की अनुमानित जनसंख्या 1 अरब 13 करोड़ के साथ भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक जनाकीर्ण देश बन गया है। इससे पहले इस सूछी में बस चीन ही आता है। भारत में विश्व की कुल भूमि का २.४% भाग ही आता है। किंतु इस २.४% भूमि में विश्व की जनसंख्या का १६.९% भाग रहता है। भारत के गांगेय-जमुनी मैदानी क्षेत्रों में विश्व का सबसे बड़ा ऐल्यूवियम बहुल उपत्यका क्षेत्र आता है। यही क्षेत्र विश्व के सबसे घने आवासित क्षेत्रों में से एक है। यहां के दक्खिन पठार के पूर्वी और पश्चिमी तटीय क्षेत्र भी भारत के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में आते हैं। पश्चिमी राजस्थान में थार मरुस्थल विश्व का सबसे घनी आबादी वाला मरुस्थल है। हिमालय के साथ साथ उत्तरी और पूर्वोत्तरी राज्यों में शीत-शुष्क मरुस्थल हैं, जिनके साथ उपत्यका घाटियां हैं। इन राज्यों में अदम्य आवासीय स्थितियों के कारण अपेक्षाकृत कम घनत्व है। .

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भारत के शहरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

यह सूचियों भारत के सबसे बड़े शहरों पर है। .

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भारत के हवाई अड्डे

यह सूची भारत के हवाई यातायात है। .

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भारत के जल प्रपात

कर्नाटक का जोग प्रपात भारत के जल प्रपातों की राज्यवार सूची .

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भारत के ज़िले

तालुकों में बंटे हैं ज़िला भारतीय राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश का प्रशासनिक हिस्सा होता है। जिले फिर उप-भागों में या सीधे तालुकों में बंटे होते हैं। जिले के अधिकारियों की गिनती में निम्न आते हैं.

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भारत के विश्व धरोहर स्थल

यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किए गए भारतीय सांस्‍कृतिक और प्राकृतिक स्‍थलों की सूची - .

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भारत के अभयारण्य

भारत में 500 से अधिक प्राणी अभयारण्य हैं, जिन्हें वन्य जीवन अभयारण्य (IUCN श्रेणी IV सुरक्षित क्षेत्र) कहा जाता है। इनमें से 28 बाघ अभयारण्य बाघ परियोजना द्वारा संचालित हैं, जो बाघ-संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ वन्य अभयारण्यों को पक्षी-अभयारण्य कहा जाता रहा है, (जैसे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान) जब तक कि उन्हें राष्ट्रीय उद्यान का दर्ज़ा नहीं मिल गया। कई राष्ट्रीय उद्यान पहले वन्य जीवन अभयारण्य ही थे। कुछ वन्य जीवन अभयारण्य संरक्षण हेतु राष्ट्रीय महत्व रखते हैं, अपनी कुछ मुख्य प्राणी प्रजातियों के कारण। अतः उन्हें राष्ट्रीय वन्य जीवन अभयारण्य कहा जाता है, जैसे.

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भारत के उच्च न्यायालयों की सूची

भारतीय उच्च न्यायालय भारत के उच्च न्यायालय हैं। भारत में कुल २४ उच्च न्यायालय है जिनका अधिकार क्षेत्र कोई राज्य विशेष या राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के एक समूह होता हैं। उदाहरण के लिए, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, पंजाब और हरियाणा राज्यों के साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को भी अपने अधिकार क्षेत्र में रखता हैं। उच्च न्यायालय भारतीय संविधान के अनुच्छेद २१४, अध्याय ५ भाग ६ के अंतर्गत स्थापित किए गए हैं। न्यायिक प्रणाली के भाग के रूप में, उच्च न्यायालय राज्य विधायिकाओं और अधिकारी के संस्था से स्वतंत्र हैं .

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भारत की संस्कृति

कृष्णा के रूप में नृत्य करते है भारत उपमहाद्वीप की क्षेत्रीय सांस्कृतिक सीमाओं और क्षेत्रों की स्थिरता और ऐतिहासिक स्थायित्व को प्रदर्शित करता हुआ मानचित्र भारत की संस्कृति बहुआयामी है जिसमें भारत का महान इतिहास, विलक्षण भूगोल और सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान बनी और आगे चलकर वैदिक युग में विकसित हुई, बौद्ध धर्म एवं स्वर्ण युग की शुरुआत और उसके अस्तगमन के साथ फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इसमें समावेश है। पिछली पाँच सहस्राब्दियों से अधिक समय से भारत के रीति-रिवाज़, भाषाएँ, प्रथाएँ और परंपराएँ इसके एक-दूसरे से परस्पर संबंधों में महान विविधताओं का एक अद्वितीय उदाहरण देती हैं। भारत कई धार्मिक प्रणालियों, जैसे कि हिन्दू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म जैसे धर्मों का जनक है। इस मिश्रण से भारत में उत्पन्न हुए विभिन्न धर्म और परम्पराओं ने विश्व के अलग-अलग हिस्सों को भी बहुत प्रभावित किया है। .

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भारत २०१०

इन्हें भी देखें 2014 भारत 2014 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2014 साहित्य संगीत कला 2014 खेल जगत 2014 .

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भारत-पाकिस्तान सीमा

भारत और पाकिस्तान सीमा, अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के रूप में भारत और पाकिस्तान के बीच एक अंतरराष्ट्रीय सीमा है, जो भारतीय राज्यों को पाकिस्तान के चार प्रांतों से अलग करती है। यह सीमा उत्तर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) से, जो पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित कश्मीर को भारतीय कश्मीर से अलग करती है, वाघा तक तक जाती है, जो कि पंजाब प्रांत और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत को पूर्व में विभाजित करती है। दक्षिण में शून्य बिंदु, भारत के गुजरात और राजस्थान को पाकिस्तान के सिंध प्रांत से अलग करता है। 1947 में रैडक्लिफ लाइन के आधार पर तैयार किया गया और बनाया गया सीमा, जो पाकिस्तान और भारत को एक दूसरे से विभाजित करती है, विभिन्न शहरी इलाकों से लेकर निर्जन रेगिस्तान के विभिन्न इलाकों से होकर जाती है। आगे चल कर यह सीमा अरब समुद्र में, पाकिस्तान के मनोरा द्वीप से मुंबई के हार्बर के मार्ग पर चलती हुई दक्षिण पूर्व तक जाती है। भारत और पाकिस्तान सीमा पर स्वतंत्रता के बाद से, दोनो देश के बीच कई संघर्ष और युद्ध देख चुका है, और यह दुनिया की सबसे जटिल सीमाओं में से एक है। पीबीएस द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार सीमा की कुल लंबाई 2,900 किमी (1,800 मील) है। यह 2011 में विदेश नीति में लिखे गए लेख के आधार पर, दुनिया की सबसे खतरनाक सीमाओं में से एक है। भारत द्वारा लगभग 50 हजार खम्बों पर 150,000 तेज रोशनी वाले बल्ब स्थापित किये जाने के कारण रात में इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है। .

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भारतमाला परियोजना

भारतमाला परियोजना(Bharatmala Project) एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना हैं। इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा तो अब तक अधूरे हैं। इसमें सीमा और अंतर्राष्‍ट्रीय संयोजकता वाले विकास परियोजना को शामिल किया गया है। बंदरगाहों और सड़क, राष्ट्रीय गलियारों (नेशनल कॉरिडोर्स) को ज्यादा बेहतर बनाना और राष्ट्रीय गलियारों को विकसित करना भी इस परियोजना में शामिल है। इसके अलावा पिछडे इलाकों, धार्मिक और पर्यटक स्थल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाएंगे। चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के बीच संयोजकता बेहतर की जाएगी। सड़कों के विस्तार एवं विकास के लिए बने, 10 लाख करोड़ रुपये के भारतमाला परियोजना, में कई प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) जिसें 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा लॉन्च किया था, सहित सभी मौजूदा राजमार्ग परियोजनाओं को इसमें समाहित कर लिया जायेगा। यह परियोजना गुजरात और राजस्थान से शुरू होकर, पंजाब की ओर चलेगी और फिर पूरे हिमालयी राज्यों - जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड - और तराई इलाकों के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमाओं को कवर करेगी और पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम में भारत-म्यांमार की सीमा तक जायेगी। आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों सहित दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी प्रदान करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। सरकार के मुताबिक योजना के पूरा होने पर, भारतमाला के तहत राजमार्ग की कुल लंबाई 51,000 किलोमीटर होगी। इसके पहले चरण में 29,000 किलोमीटर का विकास 5,5 खरब के परिव्यय के साथ किया जाएगा। .

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भारती एयरटेल

भारती एयरटेल, जिसे पहले भारती टेलीवंचर उद्यम लिमिटेड (BTVL) के नाम से जाना जाता था, अब भारत की दूरसंचार व्यवसाय आॅपरेटरों की सबसे बड़ी कंपनी है जिसके जुलाई २००८ तक ६९.४ करोड़ उपभोक्ता थे। यह फिक्स्ड लाइन सेवा तथा ब्रॉडबैंड सेवाएँ भी प्रदान करती हैं। यह अपनी दूरसंचार सेवाएँ एयरटेल के ब्रांड तले प्रदान करती है और इसका नेतृत्व सुनील मित्तल (Sunil Mittal) करते हैं। यह कंपनी १४ सर्किलों में डीएसएल पर टेलीफोन सेवा तथा इंटरनेट की पहुंच भी उपलब्ध कराती है। यह कंपनी लंबी दूरी वाली राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं के साथ अपने मोबाइल, ब्रॉडबैंड तथा टेलीफोन सेवाओं की पूरक सेवाएँ का कार्य करती है। कंपनी के पास चैन्नई में पनडुब्बी केबल लैंडिंग स्टेशन भी है जो चेन्नई और सिंगापुर को जोड़ने वाली पनडुब्बी केबल को जोड़ता है। कंपनी अपने कॉरपोरेट ग्राहकों को देश में फाइबर आप्टिक बैकबोन द्वारा अंत:दर अंत: आंकड़े तथा उद्यम सेवाएं प्रदान कराती है, इसके अलावा फिक्स्ड लाइन एवं मोबाइल सर्किलों, वीसेट, आईएसपी तथा गेटवे एवं लैंडिंग स्टेशनों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बैंडविड्थ की पहुँच हेतु अंतिम मील तक संबंध जोड़ने का कार्य करती है। एयरटेल भारत में भारती एयरटेल द्वारा संचालित दूरसंचार सेवाओं की एक ब्रांड है। भारत में ग्राहकों की संख्या की दृष्टि से एयरटेल सेल्यूलर सेवा की सबसे बड़ी कंपनी है। भारती एयरटेल के पास एयरटेल ब्रांड का स्वामित्व है और अपने ब्रांड नाम एयरटेल मोबाइल सर्विसेज के नाम से जीएसएम (GSM) प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए निम्नलिखित सेवाएं उपलब्ध कराती है: ब्राडबैंड तथा दूरसंचार सेवाएं, स्थिर लाइन इंटरनेट कनेक्टीविटी (डीएसएल तथा बंधक लाइन), लंबी दूरी की सेवाएं एवं उद्यम सेवाएं (कॉरपोरेट के दूरसंचार परामर्श).

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भारती शियाल

भारती शियाल भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की भावनगर सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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भारतीय नाम

भारतीय पारिवारिक नाम अनेक प्रकार की प्रणालियों व नामकरण पद्धतियों पर आधारित होते हैं, जो एक से दूसरे क्षेत्र के अनुसार बदलतीं रहती हैं। नामों पर धर्म व जाति का प्रभाव भी होता है और वे धर्म या महाकाव्यों से लिये हुए हो सकते हैं। भारत के लोग विविध प्रकार की भाषाएं बोलते हैं और भारत में विश्व के लगभग प्रत्येक प्रमुख धर्म के अनुयायी मौजूद हैं। यह विविधता नामों व नामकरण की शैलियों में सूक्ष्म, अक्सर भ्रामक, अंतर उत्पन्न करती है। उदाहरण के लिये, पारिवारिक नाम की अवधारणा तमिलनाडु में व्यापक रूप से मौजूद नहीं थी। कई भारतीयों के लिये, उनके जन्म का नाम, उनके औपचारिक नाम से भिन्न होता है; जन्म का नाम किसी ऐसे वर्ण से प्रारंभ होता है, जो उस व्यक्ति की जन्म-कुंडली के आधार पर उसके लिये शुभ हो। कुछ बच्चों को एक नाम दिया जाता है (दिया गया नाम).

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भारतीय नैयायिक

न्याय दर्शन के विद्वान नैयायिक कहलाते हैं। ब्राह्मण न्याय (वैदिक न्याय), जैन न्याय और बौद्ध न्याय के अत्यंत सुप्रसिद्ध नैयायिक विद्वानों में निम्नलिखित हैं: .

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भारतीय पत्थरों पर फारसी शिलालेख

भारतीय पत्थरों पर फारसी शिलालेख डॉ॰ अली असगर हिकमत शिराज़ी की बहुमूल्य पुस्तकों में से एक है जो साल 1956 और 1958 में प्रकाशित हुई थी। .

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भारतीय पुलिस सेवा

भारतीय पुलिस सेवा, जिसे आम बोलचाल में भारतीय पुलिस या आईपीएस, के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार के अखिल भारतीय सेवा के एक अंग के रूप में कार्य करता है, जिसके अन्य दो अंग भारतीय प्रशासनिक सेवा या आईएएस और भारतीय वन सेवा या आईएफएस हैं जो ब्रिटिश प्रशासन के अंतर्गत इंपीरियल पुलिस के नाम से जाना जाता था। .

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भारतीय प्रबन्धन संस्थान

भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आई आई एम) भारत के सर्वोत्तम प्रबंधन संस्थान हैं। प्रबन्धन की शिक्षा के अतिरिक्त ये अनुसंधान व सलाह (कांसल्टेंसी) का कार्य भी करते हैं। वर्तमान में ६ भारतीय प्रबन्धन संस्थान हैं जो बंगलुरू, अहमदाबाद, कोलकाता, लखनऊ, इन्दौर तथा कोझीकोड में स्थित हैं। ये प्रबन्धन में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा की उपाधि प्रदान करते हैं जो एम बी ए के समतुल्य है। इन संस्थानों में प्रवेश अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा कामन ऐडमिशन टेस्ट (सी ए टी) के आधार पर होता है। यह परीक्षा दुनिया की सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी परिक्षाओं में से है। .

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना, बिहार का एकमात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान है जो उन आठ भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों में से एक है, जिसे केंद्र सरकार ने वर्ष 2008- 2009 के मध्य स्थापित किया था। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का परिसर पटना शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित बिहटा में स्थित है।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना का परिसर राजधानी पटना से 25 किलोमीटर दूर बिहटा नामक स्थान पर लगभग 500 एकड़ भूमि पर निर्मित किया गया है। .

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भारतीय राज्य पशुओं की सूची

भारत, आधिकारिक भारत गणराज्य एक दक्षिण एशियाई देश है। यह २९ राज्यों और ७ केन्द्र शासित प्रदेशों से मिलकर बना है। सभी भारतीय अपनी स्वयं की सरकार रखते हैं और केन्द्रशासित प्रदेश केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। अधिकतर अन्य देशों की तरह भारत में भी राष्ट्रीय प्रतीक पाये जाते हैं। राष्ट्रीय प्रतीकों के अतिरिक्त सभी भारतीय राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश अपनेखुद की राज्य मोहर और प्रतीक रखते हैं जिसमें राज्य पशु, पक्षी, पेड़, फूल आदि शामिल हैं। भारत के सभी राज्य पशुओं की सूची निचे दी गयी है। .

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भारतीय राज्य पक्षियों की सूची

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के आधिकारिक पक्षियों की है: .

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भारतीय राज्यों के प्रतीक

निम्न दीर्घाओं में भारत के 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के आधिकारिक प्रतीक प्रदर्शित हैं: .

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भारतीय राज्यों के राज्यपालों की सूची

भारत गणराज्य में राज्यपाल २९ राज्यों में राज्य प्रमुख का संवैधानिक पद होता है। राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति पाँच वर्ष के लिए करते हैं और वे राष्ट्रपति की मर्जी पर पद पर रहते हैं। राज्यपाल राज्य सरकार का विधित मुखिया होता है जिसकी कार्यकारी कार्रवाई राज्यपाल के नाम पर सम्पन्न होती है। .

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भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूची

भारत गणराज्य में उन्तीस राज्यों और दो केन्द्र-शासित प्रदेशों (दिल्ली और पुद्दुचेरी) की प्रत्येक सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री कहलाता है। भारत के संविधान के अनुसार राज्य स्तर पर राज्यपाल क़ानूनन मुखिया होता है लेकिन वास्तव में कार्यकारी प्राधिकारी मुख्यमंत्री ही होता है। राज्य विधान सभा चुनावों के बाद राज्यपाल सामान्यतः सरकार बनाने के लिए बहुमत वाले दल (अथवा गठबंधन) को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करता है। राज्यपाल, मुख्यमंत्री को नियुक्त करता है जिसकी कैबिनेट विधानसभा के लिए सामूहिक रूप से जिम्मेदार होती है। यदि विधानसभा में विश्वासमत प्राप्त हो तो मुख्यमंत्री का कार्यकाल सामान्यतः अधिकतम पाँच वर्ष का होता है; इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री के कार्यकाल की संख्याओं की कोई सीमा नहीं होती। वर्तमान में पदस्थ इकत्तीस में से तीन, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, जम्मू और कश्मीर में महबूबा मुफ़्ती और राजस्थान में वसुंधरा राजे महिला हैं। दिसम्बर 1994 से (समय के लिए), सिक्किम के पवन कुमार चामलिंग सबसे लम्बे समय से पदस्थ मुख्यमंत्री हैं। पंजाब के अमरिन्दर सिंह (जन्म 1942) सबसे वृद्ध मुख्यमंत्री हैं जबकि अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू (जन्म 1979) सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। भारतीय जनता पार्टी के चौदह पदस्थ, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पाँच पदस्थ तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के दो है; इसके अतिरिक्त किसी भी अन्य दल के पदस्थ मुख्यमंत्रियों की संख्या एक से अधिक नहीं है। .

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भारतीय लोक कला मण्डल

भारतीय लोक कला मण्डल (Bharatiya Lok Kala Mandal) एक सांस्कृतिक आधारित कला मण्डल है जो भारतीय राज्य राजस्थान के उदयपुर ज़िले में स्थित है। यहां राज्य में लोक कला, संस्कृति, गीत और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के त्योहारों का अध्ययन कर सकते हैं। इसको १९५२ में देवीलाल समार द्वारा स्थापित किया गया। .

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भारतीय लोकसंगीत

भारतीय लोकसंगीत भी भारतीय संस्कृति की भांति अत्यन्त विविधतापूर्ण है। पूरे भारत में लोकसंगीत के अनेक रूप विद्यमान हैं, जैसे भांगड़ा, लावणी, डंडिया, राजस्थानी आदि। .

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भारतीय शिल्प

बीकानेर के जूनागढ़ दुर्ग के 'फूल महल' में स्थित एक झूला प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक भारत के कालक्रम में शिल्पकार को बहुआयामी भूमिका का निर्वाह करने वाले व्यक्ति के रूप में देखा जा सकता है। शिल्पकार शिल्पवस्तुओं के निर्माता और विक्रेता के अलावा समाज में डिजाइनर, सर्जक, अन्वेषक और समस्याएं हल करने वाले व्यक्ति के रूप में भी कई भूमिकाएं निभाता है। अतः शिल्पकार केवल एक वस्तु निर्माता ही नहीं होता और शिल्पवस्तु (क्राफ्ट) केवल एक सुंदर वस्तु ही नहीं होती बल्कि इसका सृजन एक विशेष कार्य के लिए, ग्राहक की आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए किया जाता है। वस्तुतः शिल्पकार एक समस्या समाधानकर्ता के रूप में कुशल भूमिका निभाता है (विशेषतः ग्रामीण भारत में)। उदाहरण के लिए, उपभोक्ता या ग्राहक शिल्पकार से कह सकते हैं कि वह एक ऐसा प्याला बनाये, जिसे वे आसानी से पकड़ सकें और उससे गर्म पेय पी सकें। इस संबंध में शिल्पकार कुम्हार कप के हैंडल को इस तरह से डिजाइन करेगा कि उसे आसानी से पकड़ा जा सके और कप को इस प्रकार का आकार देगा कि न तो वह बहुत भारी हो और न ही बहुत बड़ा। इस तरह स्पष्ट है कि ग्राहक शिल्पकार को एक समस्या को हल करने के लिए देता है कि वह गर्म पेय के लिए कप बनाये। शिल्पकार जिस जीवंतता (vividity) के साथ कार्य करता है, वह उसे एक सांस्कृतिक प्राणी और सौन्दर्योपासक (वस्तु की सुंदरता की उपासना एवं आराधना करने वाला) बना देती है। विभिन्न वस्तु एवं उत्पाद का निर्माण उसके लिए एक साधना हो जाती है। अपनी इसी साधना को इन्द्रधनुषी आभा प्रदान करने में वह लगा रहता है। गहराई से देखें तो शिल्पकार द्वारा निर्मित उत्पाद उपयोगिता, सौन्दर्य, अंतसंपर्कों को बढ़ावा देने का उपादान (Tool) होता है। शिल्पकार कुम्हार की विशिष्टता उत्पाद की कलाकारी और सजावट नहीं बल्कि ग्राहक की समस्याओं हेतु उपयुक्त एवं कल्पनाशील हल ढूँढने में शिल्पकार का कौशल है। ऐसे में ग्राहक की जिम्मेदारी भी बनती है कि वह शिल्पकार को प्रोत्साहित करे जिससे वह हर समय नयी और उत्साहजनक वस्तु का सृजन एवं उत्पादन करे। इस दृष्टि से ग्राहक और शिल्पकार के मध्य संबंध और उपयोगी अंतसंपर्क ही शिल्पकला के सर्वोत्तम विकास में सहायक है। .

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भारतीय सिन्धु विद्यापीठ

भारतीय सिन्धु विद्यापीठ या इण्डियन इंस्टीटयूट ऑफ सिन्धोलॉजी (I.I.S.) सिन्धी भाषा, साहित्य, संस्कृति, कला और शिक्षा के क्षेत्र में उन्नत अध्ययन एवं शोध का केन्द्र है। यह गुजरात के कच्छ के आदिपुर में स्थित है। इसकी स्थापना अक्टूबर, १९८९ में की गयी थी। सिन्धी समाज की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखना एवं उसका निरन्तर विकास करना ही इस संस्थान का प्रमुख लक्ष्य है। सिन्धोलॉजी में प्राचीन सिंधी साहित्य, कला संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन के कार्य अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहे जाते हैं। नारायण श्याम, शेख अयाज समान सिन्धी विद्वानों की आवाज में भी रचनाएं संरक्षित है। साथ ही पाठकों के लिए उपलब्ध करवाई गई हैं। .

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भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .

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भारतीय जनता पार्टी

भारतीय जनता पार्टी (संक्षेप में, भाजपा) भारत के दो प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक हैं, जिसमें दूसरा दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है। यह राष्ट्रीय संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व के मामले में देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और प्राथमिक सदस्यता के मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा दल है।.

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भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्रियों की सूची

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसद सदस्यों की संख्या के आधार पर भारतीय गणराज्य की राजनैतिक प्रणाली का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है। 1980 में स्थापित भाजपा, राजनीतिक विचारधारा के स्तर पर, सामान्यतः एक दक्षिणपंथी दल माना जाता है।, वह प्राथमिक सदस्यता की दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा दल है।, 17 राज्यों में 42 भाजपा नेता मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हो चुके है, जिनमें से पन्द्रह निवर्तमान हैं। उनतीस राज्यों और दो ​​केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली और पुडुचेरी) में से प्रत्येक का शासनाध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है। भारतीय संविधान के अनुसार, राज्य स्तर पर, राज्यपाल विधिवत् प्रधान होता है, किंतु वस्तुतः कार्यकारी अधिकार मुख्यमंत्री के पास होते हैं। विधानसभा के चुनावों के बाद, राज्यपाल अधिकांशतः सरकार बनाने के लिए विधानसभा सदस्यों की बहुसंख्यता वाले दल (या गठबंधन) को आमंत्रित करता है। राज्यपाल मुख्यमंत्री को नियुक्त करता है जिसका मंत्रिपरिषद विधानसभा के प्रति समूह्य-उत्तरदायी होता हैं। अगर उसके पास विधानसभा का विश्वास है तो एक मुख्यमंत्री की अवधि सामान्यतः अधिकतम पांच वर्ष की होती है। 42 भाजपा मुख्यमंत्रियों में से पन्द्रह निवर्तमान है—अरुणाचल प्रदेश में पेमा खांडू, असम में सर्बानंद सोनोवाल, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड में त्रिवेन्द्र सिंह रावत, गुजरात में विजय रूपाणी, गोवा में मनोहर पर्रीकर, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह, झारखंड में रघुवर दास, मणिपुर में एन बीरेन सिँह, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडणवीस, राजस्थान में वसुंधरा राजे, हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर, हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर तथा त्रिपुरा में बिप्लब कुमार देब। भाजपा मुख्यमंत्रियों में से चार महिलाएँ रही हैं—दिल्ली में सुषमा स्वराज, गुजरात में आनंदीबेन पटेल, मध्य प्रदेश में उमा भारती और राजस्थान में वसुंधरा राजे। दिसंबर 2003 से कार्यरत (के लिए), रमन सिंह भाजपा के सबसे लम्बे समय तक सेवारत मुख्यमंत्री है। मुख्यमंत्री के रूप में कर्नाटक के बी॰ एस॰ येदियुरप्पा का पहला कार्यकाल केवल नौ दिनों तक चला, जो भाजपा मुख्यमंत्रियों के बीच में सबसे कम अवधि का कार्यकाल है; तथापि, सभी कार्यकालों के कुल को ध्यान में लेते हुए, सुषमा स्वराज 52 दिन की सबसे कम अवधि के लिए मुख्यमंत्री रहीं। राजस्थान के भैरों सिंह शेखावत भाजपा के पहले मुख्यमंत्री थे। उन्होंने 4 मार्च 1990 को राजस्थान का मुख्यमंत्री का पद संभाला। बहरहाल कुछ भाजपा नेता जनता पार्टी (जपा) के सदस्य होते हुए पहले से ही मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित हो चुके थे; जपा राजनीतिक दलों का एक मिश्रण था जिसमें भाजपा का पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ भी शामिल था। उत्तराखण्ड और गुजरात में भाजपा के पांच मुख्यमंत्री रहे है, जबकि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भाजपा के चार मुख्यमंत्री रहे हैं; कर्नाटक, झारखंड, और दिल्ली में तीन भाजपा मुख्यमंत्री रहे हैं। .

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भारतीय वस्त्र

भारत में जातीयता, भूगोल, जलवायु और क्षेत्र की सांस्कृतिक परंपराओं के आधार पर भिन्न-भिन्न प्रकार के वस्त्र धारण किये जाते हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से, पुरुष और महिला कपड़े सरल लंगोट से विकसित किया गया है, और लॉइन्क्लॉथ विस्तृत परिधान के लिए शरीर को कवर करने के लिए न केवल लेकिन यह भी उत्सव के मौकों के साथ ही अनुष्ठान और नृत्य प्रदर्शन पर दैनिक पहनने में इस्तेमाल किया। शहरी क्षेत्रों में, पश्चिमी कपड़े आम और समान रूप से सभी सामाजिक स्तर के लोगों द्वारा पहना जाता है। भारत के एक महान विविधता वीव, फाइबर, रंग और कपड़े की सामग्री के संदर्भ में भी है। रंग कोड के धर्म और रस्म संबंध पर आधारित कपड़ों में पीछा कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, हिंदू देवियों शोक, पारसी और ईसाई शादियों के लिए सफेद पहनते हैं, जबकि इंगित करने के लिए सफेद कपड़े पहनते हैं। भारत में कपड़े भी भारतीय कढ़ाई की विस्तृत विविधता शामिल हैं। .

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भारतीय वाहन पंजीकरण पट्ट

भारत के द्वि-वर्ण राज्य कूट भारत में सभी मोटरचालित वाहनों को एक पंजीकरण संख्या (या लाइसेंस नम्बर) दिया जाता है। लाइसेंस पट्ट को नामपट्ट भी कहते हैं। यह संख्या सभी प्रदेशों में जिला स्तर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) द्वारा दिया जाता है। यह चालन अनुज्ञप्‍ति पट्ट वाहन के आगे और पश्च दिशा में लगाया जाता है। नियमानुसार सभी पट्टियाँ लातिन वर्णों सहित आधुनिक भारतीय अंक प्रणाली में होने चाहिए। .

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भारतीय विधायिकाओं के वर्तमान अध्यक्षों की सूची

भारत गणराज्य में भारतीय विधायिकाओँ का मुखिया अध्यक्ष होता है। .

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भारतीय आम चुनाव, 2014

भारत में सोलहवीं लोक सभा के लिए आम चुनाव ७ अप्रैल से १२ मई २०१४ तक ९ चरणों में हुए। मतगणना १६ मई को हुई। इसके लिए भारत की सभी संसदीय क्षेत्रों में वोट डाले गये। वर्तमान में पंद्रहवी लोक सभा का कार्यकाल ३१ मई २०१४ को ख़त्म हो रहा है। ये चुनाव अब तक के इतिहास में सबसे लंबा कार्यक्रम वाला चुनाव था। यह पहली बार होगा, जब देश में ९ चरणों में लोकसभा चुनाव हुए। निर्वाचन आयोग के अनुसार ८१.४५ करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। सभी नौ चरणों में औसत मतदान ६६.३८% के आसपास रहा जो भारतीय आम चुनाव के इतिहास में सबसे उच्चतम है। चुनाव के परिणाम १६ मई को घोषित किये गये। ३३६ सीटों के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सबसे बड़ा दल और २८२ सीटों के साथ भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने ५९ सीटों पर और कांग्रेस ने ४४ सीटों पर जीत हासिल की।, Election Commission of India बीजेपी ने केवल 31.0% वोट जीते, जो आजादी के बाद से भारत में बहुमत वाली सरकार बनाने के लिए पार्टी का सबसे कम हिस्सा है, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का संयुक्त वोट हिस्सा 38.5% था। 1984 के आम चुनाव के बाद बीजेपी और उसके सहयोगियों ने सबसे बड़ी बहुमत वाली सरकार बनाने का अधिकार जीता, और यह चुनाव पहली बार हुआ जब पार्टी ने अन्य पार्टियों के समर्थन के बिना शासन करने के लिए पर्याप्त सीटें जीती हैं। आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी की सबसे खराब हार थी। भारत में आधिकारिक विपक्षी दल बनने के लिए, एक पार्टी को लोकसभा में 10% सीटें (54 सीटें) हासिल करनी होंगी; हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस नंबर को हासिल करने में असमर्थ थी। इस तथ्य के कारण, भारत एक आधिकारिक विपक्षी पार्टी के बिना बना हुआ है। .

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भारतीय आम चुनाव, 2014 के लिए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण

भारतीय आम चुनाव, 2014 के लिए विभिन्न संस्थाओं द्वारा सर्वेक्षण कराए जा रहे हैं जिससे भारत के मतदान के मिजाज़ का पता चलता है। इन्ही चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों को इस लेख में शामिल किया जा रहा है। सभी चुनाव पूर्व सर्वेक्षण जनवरी 2013 से लेकर अब तक के हैं। .

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भारतीय आम चुनाव, २००९

२००९ के भारतीय आम चुनाव विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में पंद्रहवीं लोकसभा के लिए पांच चरणों में (१६ अप्रैल २२/२३ अप्रैल ३० अप्रैल ७ मई और १३ मई २००९) को संपन्न हुए। १६ मई को मतगणना व चुनाव परिणामों की घोषणा हुई। २००९ में लोकसभा के साथ-साथ आंध्रप्रदेश, उड़ीसा और सिक्किम विधानसभा के लिए भी चुनाव कराए गए। १६ मई को मतगणना हुई। शुरूआती रूझानों में कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने ढाई सौ से भी ज्यादा बढ़त हासिल कर ली जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपनी हार मान ली। भारत के संविधान के अनुसार, सामान्य स्थिति में प्रति पांच वर्ष में लोकसभा चुनाव होता है। १४वें लोकसभा का कार्यकाल १ जून २००९ को समाप्त हुआ। भारत में चुनाव चुनाव आयोग संपन्न कराता है। चुनाव आयोग के अनुसार, 2009 के लोकसभा चुनाव में 71.3 करोड़ लोग मतदान के लिए योग्य हैं। यह संख्या २००४ के लोकसभा की अपेक्षा ४ करोड़ ३० लाख ज्यादा है। .

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भारतीय इतिहास तिथिक्रम

भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं तिथिक्रम में।;भारत के इतिहास के कुछ कालखण्ड.

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भारतीय इतिहास की समयरेखा

पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं भारत एक साझा इतिहास के भागीदार हैं इसलिए भारतीय इतिहास की इस समय रेखा में सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की झलक है। .

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भारतीय क्रिकेट टीम

भारतीय क्रिकेट टीम भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम है। भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा संचालित भारतीय क्रिकेट टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की पूर्णकालिक सदस्य है। भारतीय टीम दो बार क्रिकेट विश्वकप (१९८३ और २०११) अपने नाम कर चुकी है। वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री हैं। .

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भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2008

14 नवम्बर 2008 को प्रगति मैदान, नई दिल्ली में 28वें भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का उद्घाटन करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति श्री मो. हामिद अंसारी। 14 नवम्बर 2008 को प्रगति मैदान, नई दिल्ली में 28वें भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का उद्घाटन हुआ। .

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भाल प्रदेश

भाल प्रदेश, भारतीय राज्य गुजरात, के दो जिलों भावनगर (गुजराती: ભાવનગર) और अहमदाबाद (गुजराती: અમદાવાદ) की राजनीतिक सीमाओं में फैला क्षेत्र है। भाल नाम संभवत: संस्कृत शब्द भाल (गुजराती: ભાલ; हिन्दी: भाल) से जिसका अर्थ माथा होता है, से उत्पन्न हुआ है। इस क्षेत्र को यह नाम शायद इसलिए दिया गया है क्योंकि लगभग यह पूरा क्षेत्र समतल है और, इसकी मिट्टी में किसी भी प्रकार के पत्थर, कंकड़ या बजरी का आभाव है। .

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भालका

भालका तीर्थ गुजरात के सौराष्ट्र के प्रभास क्षेत्र में वेरावल नगर में स्थित है। .

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भावनगर

भावनगर गुजरात राज्य का एक शहर है। भावनगर शहर, भावनगर ज़िले का मुख्यालय है और गुजरात राज्य के पश्चिमी भारत में स्थित है। भावनगर गुजरात राज्य, उत्तर में अहमदाबाद ज़िले के पूर्व में खम्भात की खाड़ी, दक्षिण में सुरेन्द्रनगर ज़िले और पश्चिम में जुनागढ़ ज़िले से घिरा हुआ है। भावनगर दक्षिणपूर्वी काठियावाड़ और सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। शासकीय राज्यों की राजधानी भावनगर अनेकों तालाबों और मंदिरों का घर कहा जाता था। .

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भावनगर बन्दरगाह

भावनगर बन्दरगाह गुजरात में खम्भात की खाड़ी के ऊपर पश्चिम की ओर स्थित भारत का एक प्रमुख बन्दरगाह है। जहाज इस बन्दरगाह से लगभग 12 किलोमीटर दूरी पर ठहरते हैं और माल नावों द्वारा बन्दरगाह पर लाया जाता है। श्रेणी:बन्दरगाह.

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भावनगर रियासत

भावनगर रियासत ब्रिटिश भारत के समय में वर्तमान गुजरात राज्य के काठियावाड़ विस्तार में स्थित एक रियासत थी। सूर्यवंशी गोहिल राजाओं का ये रियासत पे शासन था। इसलिए ये विस्तार आज भी गोहिलवाड़ से जाना जाता है। गोहिल राजपूतो को मारवाड़ में तीव्र स्पर्धा का सामना करना पड़ा इसलिए वह मारवाड़ छोड़कर गुजरात में आये थे। गोहिल शासको ने गुजरात (तब के समय में गुजरात राज्य का अस्तित्व नहीं था) में ईस्वी सन ११९४ में सेजकपुर में सत्ता स्थापित की। यहाँ से आगे बढ़कर १९५४ में राणपुर, १३०९ में उमराला और ई°स° १५७० में सिंहोर में राजधानी स्थापित की। १७२२-१७२३ में कंथा जी कड़ानी और पीपला जी गायकवाड़ की राहबरी तले गोहीलो की उस समय की राजधानी सिंहोर पर आक्रमण हुआ जिसमें गोहिलो को पराजय का सामना करना पड़ा। पराजय का मुख्य कार्ण सिंहोर की भौगोलिक स्थिति को माना गया और १७२३ में सिंहोर से ३० किमी दूर वडवा गाँव के पास समुद्र के किनारे विक्रम संवत १७७९ में वैशाख सुद-३ के दिन महाराजा भावसिंह गोहिल ने भावनगर रियासत की स्थापना की थी। महाराजा भावसिंह के नाम से रियासत का नाम भावनगर रखा गया। १८०७ में ब्रिटिश शासन आया। समुदी व्यापार में अनुकूता और व्यूहात्मक अगत्यता को मध्ये नजर रखते हुए ये स्थल पसंद किया गया था। भावनगर रियासत के भौगोलिक विस्तार को बढ़ाने में वखतसिंह गोहिल का बड़ा योगदान हैं। .

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भावनगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

भावनगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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भावनगर जिला

भावनगर भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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भागवत पुराण

सन १५०० में लिखित एक भागवत पुराण मे यशोदा कृष्ण को स्नान कराते हुए भागवत पुराण (Bhaagwat Puraana) हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद्भागवतम् (Shrimadbhaagwatam) या केवल भागवतम् (Bhaagwatam) भी कहते हैं। इसका मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है, जिसमें कृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरुपण भी किया गया है। परंपरागत तौर पर इस पुराण का रचयिता वेद व्यास को माना जाता है। श्रीमद्भागवत भारतीय वाङ्मय का मुकुटमणि है। भगवान शुकदेव द्वारा महाराज परीक्षित को सुनाया गया भक्तिमार्ग तो मानो सोपान ही है। इसके प्रत्येक श्लोक में श्रीकृष्ण-प्रेम की सुगन्धि है। इसमें साधन-ज्ञान, सिद्धज्ञान, साधन-भक्ति, सिद्धा-भक्ति, मर्यादा-मार्ग, अनुग्रह-मार्ग, द्वैत, अद्वैत समन्वय के साथ प्रेरणादायी विविध उपाख्यानों का अद्भुत संग्रह है। .

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भाकड़ा

भाकड़ा एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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भुज

भुज भारत के गुजरात प्रांत का एक प्रमुख शहर है। भुज शहर की स्थापना 1548 में राव खेंगारजी ने की थी। राव लखपतिजी के शासनकाल में निर्मित आइना महल स्थापत्य कला का एक सुंदर नमूना है, जिसे अब संग्रहालय में बदल दिया गया है। २००१ में ईस ईलाके में भयनकार भूकंप आया था। .

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भुज रुद्र माता वायुसेना बेस

भुज रुद्र माता वायु सेना बेस भारतीय वायुसेना का एक बेस है और गुजरात के भुज नामक शहर के भुज विमानक्षेत्र की उड़ानपट्टी का प्रयोग करता है। यह वायु सेना की दक्षिणी पश्चिम कमान का एक भाग है। .

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भूचर मोरी

भूचर मोरी, गुजरात के ध्रोल नगर से २ किमी दूर स्थित एक ऐतिहासिक पठार है। यह राजकोट से लगभग ५० किमी दूर स्थित है। यह स्थान भूचर मोरी की लड़ाई और उस लड़ाई को समर्पित स्मारक के लिए जाना जाता है, जो सौराष्ट्र में लड़ी गयी सबसे बड़ी लड़ाई थी। भूचर मोरी की लड़ाई, मुग़ल साम्राज्य और काठियावाड़ी रियासतों की संयुक्त सेना के बीच इसी पठार पर लड़ा गया था। उसमें मुग़ल साम्राज्य की जीत हुई थी। यहाँ आज भी हर साल भूचर मोरी की लड़ाई की याद में जुलाई-अगस्त के दौरान आयोजन होते हैं, और मेले भी आयोजित होते हैं। .

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भूरे दालचीनी वाले चावल

भूरे दालचीनी वाले चावल एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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भोयानी तीर्थ

गुजरात के महसाना के निकट भोयानी गांव में स्थित जैन तीर्थस्थल भगवान मल्लीनाथ की सफेद मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। पदमासन मुद्रा में स्थापित इस मूर्ति की ऊंचाई लगभग 1 मीटर है। मंदिर परिसर में तीन खूबसूरत गोपुरों को देखा जा सकता है। इसके निकट ही पदमावती देवी को समर्पित परिसर भी अति सुंदर है। इतिहास में उल्लेख है कि इसे पदमावती नगर के नाम से जाना जाता है। मंदिर में स्थापित मूल प्रतिमा खेद में कुंआ खोदते हुए मिली थी। हर साल माघ के महीने में यहां एक उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। श्रेणी:महसाना जिले के जैन तीर्थ.

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भीनमाल

भीनमाल (English:Bhinmal) राजस्थान राज्य के जालौर जिलान्तर्गत भारत का एक ऐतिहसिक शहर है। यहाँ से आशापुरी माताजी तीर्थ स्थल मोदरान स्टेशन भीनमाल के पास स्थित है जिसकी यहां से दूरी 28 किलोमीटर है। शहर प्राचीनकाल में 'श्रीमाल' नगर के नाम से जाना जाता था। "श्रीमाल पुराण" व हिंदू मान्यताओ के अनुसार विष्णु भार्या महालक्ष्मी द्वारा इस नगर को बसाया गया था। इस प्रचलित जनश्रुति के कारण इसे 'श्री' का नगर अर्थात 'श्रीमाल' नगर कहा गया। प्राचीनकाल में गुजरात राज्य की राजधानी रहा भीनमाल संस्कृत साहित्य के प्रकाण्ड विद्वान महाकवि माघ एवँ खगोलविज्ञानी व गणीतज्ञ ब्रह्मगुप्त की जन्मभूमि है। यह शहर जैन धर्म का विख्यात तीर्थ है। .

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भीमराव आंबेडकर के नाम पर दिए जाने वाले पुरस्कार

बाबासाहेब आम्बेडकर नाम से प्रसिद्ध भीमराव आम्बेडकर के नाम पर कई पुरस्कार दिए जाते हैं। यह अधिकतर पुरस्कार सामाजिक क्षेत्र संबंधि हैं। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं। .

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भील

भील मध्य भारत की एक जनजाति है। भील जनजाति के लोग भील भाषा बोलते है। भील, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और राजस्थान में एक अनुसूचित जनजाति है, अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिम भी भील पूर्वजों के वंशज हैं। भील त्रिपुरा और पाकिस्तान के सिन्ध के थारपरकअर जिले में भी बसे हुये हैं। .

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मठ

मठ मठ का अर्थ ऐसे संस्थानो से है जहां इसके गुरू अपने शिष्यों को शिक्षा, उपदेश इत्यादि प्रदान करता है। ये गुरू प्रायः धर्म गुरु होते है ऐर दी गई शिक्षा मुख्यतः आध्यात्मिक होती है पर ऐसा हमेशा नही होता। एक मठ में इन कार्यो के अतिरिक्त सामाजिक सेवा, साहित्य इत्यादि से सम्बन्धित कार्य भी होते हैं। मठ एक ऐसा शब्द है जिसके बहुधार्मिक अर्थ हैं।बौद्ध मठों को विहार कहते है। ईसाई धर्म में इन्हें मॉनेट्री, प्रायरी, चार्टरहाउस, एब्बे इत्यादि नामों से जाना जाता है। .

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मठिया

मठिया एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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मणिबेन पटेल

मणिबेन वल्लभभाई पटेल (મણિબેન પટેલ, Maniben Patel) ने भारत की स्वतन्त्रा के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समार्पित कर दिया। परन्तु स्वतन्त्र भारत में अपने वृद्धावस्थाकाल में उनके पास धन, मान, आवश्यकवस्तुओं का अभाव था। भारत की स्वन्त्रता के लिए जितने आन्दोलन लोहपुरुष ने किए हैं, उन सब में से अधिकतम आन्दोलनों में मणिबेन का महद्योगदान रहा है। सत्याग्रहों में कठोरपरिश्रम के पश्चात् कारागार में भी उन्होंने कारावास की कठोरपीडा सही हैं। राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित वो महिला अविवाहिता रह कर आजीवन भारत के हित के लिए चिन्तन करती रही। .

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मणिलाल गांधी

मणिलाल मोहनदास गाँधी (28 अक्तूबर1892 – 4 अप्रैल 1956) महात्मा गाँधी और कस्तूरबा गाँधी का चार में से दूसरा पुत्र था। वे इंग्लिश और गुजराती में छपने वाले इंडियन ओपिनयन के संपादक थे। वे 1917 में दक्षिण अफ्रीका से भारत आए थे पर वापस लौट गए। उनकी शादी सुशीला मशरुवाला से 1927 में हुई। उनकी दो पुत्रियां सीता (1928) और इला (1940) और एक पुत्र अरुण (1934) है। .

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मदर इण्डिया

मदर इण्डिया (Mother India, مدر انڈیا) १९५७ में बनी भारतीय फ़िल्म है जिसे महबूब ख़ान द्वारा लिखा और निर्देशित किया गया है। फ़िल्म में नर्गिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और राज कुमार मुख्य भूमिका में हैं। फ़िल्म महबूब ख़ान द्वारा निर्मित औरत (१९४०) का रीमेक है। यह गरीबी से पीड़ित गाँव में रहने वाली औरत राधा की कहानी है जो कई मुश्किलों का सामना करते हुए अपने बच्चों का पालन पोषण करने और बुरे जागीरदार से बचने की मेहनत करती है। उसकी मेहनत और लगन के बावजूद वह एक देवी-स्वरूप उदाहरण पेश करती है व भारतीय नारी की परिभाषा स्थापित करती है और फिर भी अंत में भले के लिए अपने गुण्डे बेटे को स्वयं मार देती है। वह आज़ादी के बाद के भारत को सबके सामने रखती है। यह फ़िल्म अबतक बनी सबसे बड़ी बॉक्स ऑफिस हिट भारतीय फ़िल्मों में गिनी जाती है और अब तक की भारत की सबसे बढ़िया फ़िल्म गिनी जाती है। इसे १९५८ में तीसरी सर्वश्रेष्ठ फीचर फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया था। मदर इण्डिया क़िस्मत (१९४३), मुग़ल-ए-आज़म (१९६०) और शोले (१९७५) के साथ उन चुनिन्दा फ़िल्मों में आती है जिन्हें आज भी लोग देखना पसंद करते हैं और यह हिन्दी सांस्कृतिक फ़िल्मों की श्रेणी में विराजमान है। यह फ़िल्म भारत की ओर से पहली बार अकादमी पुरस्कारों के लिए भेजी गई फ़िल्म थी। .

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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है, इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश १ नवंबर, २००० तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटा कर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। हाल के वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर हो गया है। खनिज संसाधनों से समृद्ध, मध्य प्रदेश हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है। अपने क्षेत्र की 30% से अधिक वन क्षेत्र के अधीन है। इसके पर्यटन उद्योग में काफी वृद्धि हुई है। राज्य में वर्ष 2010-11 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीत लिया। .

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मनसुख भाई वसावा

मनसुख भाई वसावा भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की भरूच सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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मनुभाई राजाराम पंचोली

मनुभाई राजाराम पंचोली को भारत सरकार द्वारा सन १९९१ में सार्वजनिक उपक्रम के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये गुजरात से हैं। श्रेणी:१९९१ पद्म भूषण.

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मनोज जोशी

मनोज जोशी हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इन्होने अपना करियर मराठी थिएटर से आरम्भ किया था,साथ ही साथ इन्होने अपना योग्यदान गुजराती एवं हिन्दी थिएटर् में भी दिया। सन १९९८ से अब तक इन्होने ६० से अधिक फ़िल्मो में अभिनय किया है, जिनमें अधिकतर हास्य अभिनय है। इन्होने चाणक्य, एक महल हो सपनो का,राउ (मराथी),सग दिल,कभी सौतन कभी सहेली जैसे टी वी नाटक में भी अभिनय किया है। सिनेमा जगत में इन्होने अपनी शुरुआत फ़िल्म सरफ़रोश से की। जिसमें इन्होंने SI बाजू की भूमिका निभायी। हंगामा, हलचल, धूम, भागम भाग, फिर हेरा फेरी, चुप चुप के, भूल भूलैया और बिल्लू बार्बर जैसी कई फ़िल्मों में इन्होने अपना अभिनय दिया है। .

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मनोज खंडेरिया

मनोज खंडेरिया (जन्म: जुलाइ ६, १९४३ निधन: अक्तूबर २७, २००३) गुजराती भाषा के जानेमाने गज़लकार और कवि थे। श्रेणी:गुजराती साहित्यकार श्रेणी:गुजराती लोग श्रेणी:२००३ में निधन श्रेणी:1943 में जन्मे लोग.

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ममुआरा

ममुआरा (गुजराती भाषा: મમુઆરા) भारतीय राज्य गुजरात के कच्छ जिले के भुज तालुका का एक गाँव है। यह भुज से पूर्व में तथा कच्छ से दक्षिण में स्थित है। श्रेणी:गुजरात के गाँव.

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मराठा

मराठा (पुरातन रूप से मरहट्टा या मारहट्टा के रूप में लिप्यंतरित) भारत में जातियों का एक समूह मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य में रहता है। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के मुताबिक, "मराठा, भारत के इतिहास के बहादुर लोग हैं, इतिहास में प्रचलित हैं और हिंदू धर्म के विजेता हैं।" वे मुख्यतः भारतीय राज्य महाराष्ट्र में रहते हैं। ब्रिटिश राज काल के एक अप्रशिक्षित नृवंशविद वैज्ञानिक रॉबर्ट वाणे रसेल, जो वैदिक साहित्य पर बड़े पैमाने पर अपने शोध का आधार था, ने लिखा कि मराठों को 96 विभिन्न कुलों में विभाजित किया जाता है, जिसे 96 कुलि मराठों या 'शाहनु कुले', के रूप में जाना जाता है, जो की क्षत्रिय है मराठी, में शाहन्नौ का मतलब है 96। सूचियों का सामान्य निकाय अक्सर एक-दूसरे के साथ महान विचरण होता है। .

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मराठी भाषा

मराठी भारत के महाराष्ट्र प्रांत में बोली जानेवाली सबसे मुख्य भाषा है। भाषाई परिवार के स्तर पर यह एक आर्य भाषा है जिसका विकास संस्कृत से अपभ्रंश तक का सफर पूरा होने के बाद आरंभ हुआ। मराठी भारत की प्रमुख भाषओं में से एक है। यह महाराष्ट्र और गोवा में राजभाषा है तथा पश्चिम भारत की सह-राजभाषा हैं। मातृभाषियों कि संख्या के आधार पर मराठी विश्व में पंद्रहवें और भारत में चौथे स्थान पर है। इसे बोलने वालों की कुल संख्या लगभग ९ करोड़ है। यह भाषा 900 ईसवी से प्रचलन में है और यह भी हिन्दी के समान संस्कृत आधारित भाषा है। .

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मलिक काफूर

मलिक काफूर (१३१६ में निधन), जिसे ताज अल-दिन इज्ज अल-द्वा के नाम से भी जाना जाता है, दिल्ली सल्तनत शासक अलाउद्दीन खिलजी के एक प्रमुख अनौपचारिक दास/गुलाम-जनरल था। इसे अलाउद्दीन के जनरल नुसरत खान द्वारा गुजरात १२९९ के आक्रमण के दौरान लाया गया। अलाउद्दीन की सेना के कमांडर के रूप में, काफुर ने १३०६ में मंगोल आक्रमणकारियों को हराया था। इसके बाद, इन्होंने यादव (१३०८), काकतीय (१३१०), होसैलस (१३११) और पांड्या (१३११) के खिलाफ भारत के दक्षिणी भाग में एक अभियान की श्रृंखला का नेतृत्व किया था। इन अभियानों के दौरान, इन्होंने दिल्ली सल्तनत के लिए बड़ी संख्या में खजाने, हाथी और घोड़े प्राप्त किए थे। १३१३-१३१५ के दौरान, काफूर देवगिरी के अलाउद्दीन के गवर्नर के रूप में कार्यरत थे। १३१५ में जब अलाउद्दीन गंभीर रूप से बीमार हो गए, तब उन्हें दिल्ली वापस बुला लिया गया और उन्हें नाइब (वायसरॉय) के रूप में रखा गया। अलाउद्दीन की मृत्यु के बाद, उन्होंने अलाउद्दीन के बेटे शिहाबुद्दीन ओमार की सत्ता को हड़पने की कोशिश की। इसके बाद ये गद्दी पर बैठ गए और उनकी सत्ता लगभग एक महीने तक चली, और बाद में अलाउद्दीन के पूर्व अंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी। तत्पश्चात अलाउद्दीन के बड़े बेटे, मुबारक शाह शासक के रूप में सफल हुए, हालांकि बाद में सत्ता का त्याग कर दिया। .

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मलूकदास

मलूकदास (संo १६३१ की वैशाख बदी ५ - सं. १७३९ वैशाख बदी १४) एक सन्त कवि थे। उनका जन्म, संo १६३१ की वैशाख बदी ५ को, कड़ा (जिo इलाहाबाद) के कक्कड़ खत्री सुंदरदास के घर हुआ था। इनका पूर्वनाम 'मल्लु' था और इनके तीन भाइयों के नाम क्रमश: हरिश्चंद्र, शृंगार तथा रामचंद्र थे। इनकी 'परिचई' के लेखक तथा इनके भांजे एवं शिष्य मथुरादास के अनुसार इनके पितामह जहरमल थे और इनके प्रपितामह का नाम वेणीराम था। उनका कहना है कि मल्लू अपने बचपन से ही अत्यंत उदार एवं कोमल हृदय के थे तथा इनमें भक्तों के लक्षण पाए जाने लगे थे। यह बात इनके माता पिता पसंद नहीं करते थे और जीविकोपार्जन की ओर प्रवृत्त करने के उद्देश्य से, उन्होंने इन्हें केवल बेचने का काम सौंपा था परंतु इसमें उन्हें सफलता नहीं मिल सकी और बहुधा मंगतों को दिए जानेवाले कंबल आदि का हाल सुनकर उन्हें और भी क्लेश होने लगा। बालक मल्लू को दी गई किसी शिक्षा का विवरण हमें उपलब्ध नहीं है और ऐसा अनुमान किया जाता है कि ये अधिक शिक्षित न रहे होंगे। कहते हैं, इनके प्रथम गुरु कोई पुरुषोत्तम थे जो देवनाथ के पुत्र थे और पीछे इन्होंने मुरारिस्वामी से दीक्षा ग्रहण की जिनके विषय में इन्होंने स्वयं भी कहा है, मुझे मुरारि जी सतगुरु मिल गए जिन्होंने मेरे ऊपर विश्वास की छाप लगा दी, (सुखसागर पृo १९२)। अभी तक पाए गए संकेतों के आधार पर कहा जा सकता है कि इनका विवाह संभवत: १२ वर्ष की अवस्था के अनंतर ही हुआ होगा। इनकी पत्नी का नाम ज्ञात नहीं। इनके देशभ्रमण की चर्चा करते समय केवल पुरी, दिल्ली एवं कालपी जैसे स्थानों के ही नाम विशेष रूप से लिए जाते हैं और अनुमान किया जाता है कि यह पर्यटन कार्य भी इन्होंने अधिकतर उस समय किया होगा जब ये वृद्ध हो चले थे तथा जब ये अपने मत का उपदेश भी देने लगे थे। सं.

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मसाला पूरी

मसाला पूरी एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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मसाला सुपारी

मसाला सुपारी एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ

महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी में स्थित एक विश्वविद्यालय है। पहले इसे केवल काशी विद्यापीठ के नाम से ही जाना जाता था किन्तु बाद में इसे भारत के महान नेता महात्मा गाँधी को पुनः समर्पित किया गया और उनका नाम इसके साथ जोड़ दिया गया (११ जुलाई १९९५)। इस विश्वविद्यालय में स्नातक, परास्नातक एवं अनुसंधान स्तर की शिक्षा उपलब्ध है। विश्वविद्यालय ने देश के प्रतिष्ठित पत्रिका इंडिया टुडे के सर्वे में देश भर में 13वां स्थान अर्जित किया। .

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महात्मा गांधी

मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ - ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले १९१५ में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।। उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी याद किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने ६ जुलाई १९४४ को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। प्रति वर्ष २ अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। सबसे पहले गान्धी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना शुरू किया। १९१५ में उनकी भारत वापसी हुई। उसके बाद उन्होंने यहाँ के किसानों, मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिये एकजुट किया। १९२१ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्‍यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये। इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में १९३० में नमक सत्याग्रह और इसके बाद १९४२ में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की। उन्होंने साबरमती आश्रम में अपना जीवन गुजारा और परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे। उन्होंने सादा शाकाहारी भोजन खाया और आत्मशुद्धि के लिये लम्बे-लम्बे उपवास रखे। .

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महात्मा गांधी सम्मान

महात्मा गांधी सम्मान, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 125वें जन्म वर्ष की पावन स्मृति में गांधी विचार दर्शन के अनुरूप समाज में रचनात्मक पहल, साम्प्रदायिक सद्भाव एवं सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश शासन ने वर्ष 1995 में स्थापित किया है। गांधी सम्मान का मूल प्रयोजन गांधी जी की विचारधारा के अनुसार अहिंसक उपायों द्वारा सामाजिक और आथिर्क क्रांति के क्षेत्र में संस्थागत साधना को सम्मानित और प्रोत्साहित करना है। .

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महादेव देसाईं

महादेव देसाईं (गुजराती: મહાદેવ દેસાઈ) (१ जनवरी १८९२ - १५ अगस्त १९४२) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी एवं राष्ट्रवादी लेखक थे। किन्तु उनकी प्रसिद्धि इस कारण से ज्यादा है कि वे लम्बे समय (लगभग २५ वर्ष) तक गांधीजी के निज सचिव रहे। .

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महाभारत

महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति वर्ग में आता है। कभी कभी केवल "भारत" कहा जाने वाला यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं। विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। इस ग्रन्थ को हिन्दू धर्म में पंचम वेद माना जाता है। यद्यपि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह ग्रंथ प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में लगभग १,१०,००० श्लोक हैं, जो यूनानी काव्यों इलियड और ओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक हैं। हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है। इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने अपने इस अनुपम काव्य में वेदों, वेदांगों और उपनिषदों के गुह्यतम रहस्यों का निरुपण किया हैं। इसके अतिरिक्त इस काव्य में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या तथा धर्मशास्त्र का भी विस्तार से वर्णन किया गया हैं। .

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महाराणा कुम्भा

महाराणा कुम्भा महल महराणा कुम्भा या महाराणा कुम्भकर्ण (मृत्यु १४६८ ई.) सन १४३३ से १४६८ तक मेवाड़ के राजा थे। महाराणा कुंभकर्ण का भारत के राजाओं में बहुत ऊँचा स्थान है। उनसे पूर्व राजपूत केवल अपनी स्वतंत्रता की जहाँ-तहाँ रक्षा कर सके थे। कुंभकर्ण ने मुसलमानों को अपने-अपने स्थानों पर हराकर राजपूती राजनीति को एक नया रूप दिया। इतिहास में ये 'राणा कुंभा' के नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं। महाराणा कुंभा राजस्थान के शासकों में सर्वश्रेष्ठ थे। मेवाड़ के आसपास जो उद्धत राज्य थे, उन पर उन्होंने अपना आधिपत्य स्थापित किया। 35 वर्ष की अल्पायु में उनके द्वारा बनवाए गए बत्तीस दुर्गों में चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, अचलगढ़ जहां सशक्त स्थापत्य में शीर्षस्थ हैं, वहीं इन पर्वत-दुर्गों में चमत्कृत करने वाले देवालय भी हैं। उनकी विजयों का गुणगान करता विश्वविख्यात विजय स्तंभ भारत की अमूल्य धरोहर है। कुंभा का इतिहास केवल युद्धों में विजय तक सीमित नहीं थी बल्कि उनकी शक्ति और संगठन क्षमता के साथ-साथ उनकी रचनात्मकता भी आश्चर्यजनक थी। ‘संगीत राज’ उनकी महान रचना है जिसे साहित्य का कीर्ति स्तंभ माना जाता है। .

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों की सूची

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र, एक पश्चिमी भारतीय राज्य, के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। भारत के संविधान के अनुसार, राज्यपाल एक राज्य का न्यायपालक है, परन्तु वास्तविक कार्यकारी प्राधिकारी मुख्यमंत्री के होता है। महाराष्ट्र विधान सभा के चुनाव के बाद राज्य के गवर्नर आम तौर पर सरकार बनाने के लिए बहुमत सीट वाले पार्टी (या गठबंधन) को आमंत्रित करते है। राज्यपाल मुख्यमंत्री को नियुक्त करते है, जिनका मंत्रिमंडल सामूहिक रूप से विधानसभा के लिए जिम्मेदार है। यह देखते हुए कि उन्हें विधानसभा का विश्वास है, मुख्यमंत्री का कार्यकाल पांच साल के लिए होता है। यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री थे। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के थे, जैसा कि ज्यादातर कार्यालयधारक थे। ३१ अक्टूबर २०१४ से देवेन्द्र फड़नवीस वर्तमान विद्यमान हैं, जो कि भारतीय जनता पार्टी से सबसे पहले मुख्यमंत्री हैं। .

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महाराज सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय

सयाजीराव गायकवाड विश्वविद्यालय गुजरात, भारत का एक विश्वविद्यालय है। यह बड़ौदा में स्थित है। .

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महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि (बोलचाल में शिवरात्रि) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग (जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है) के उदय से हुआ। अधिक तर लोग यह मान्यता रखते है कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवि पार्वति के साथ हुआ था। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि की सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। कश्मीर शैव मत में इस त्यौहार को हर-रात्रि और बोलचाल में 'हेराथ' या 'हेरथ' भी जाता है। .

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महिला सुरक्षा के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को महिला सुरक्षा के मामले में 2012 की स्थिति अनुसार क्रमित करती है। यह सूची भारत सरकार के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा 2012 में प्रकाशित भारत में अपराध प्रतिवेदन से संकलित की गई है। रैंक महिलाओं पर हुए प्रहार की दर के आधार पर दी गई है। प्रहार दर प्रति एक लाख महिलाओं पर महिला की लाजभंग करने के इरादे से (भारतीय दण्ड संहिता की धारा 314) उस पर किए गए आरोपित प्रहारों की घटनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। कम प्रहार दर वाले राज्य या केन्द्र-शासित प्रदेश को महिलाओं के अधिक सुरक्षित समझा जाता है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आँकड़ो के अनुसार जम्मू और कश्मीर, केरल, और उड़ीसा महिलाओं पर हुए प्रहारों की दर के आधार पर सबसे ऊपर है और पाँच सर्वाधिक सुरक्षित राज्य हैं बिहार, नागालैण्ड, झारखण्ड, गुजरात और पंजाब। .

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महेसाणा जिला

मेहसाना भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय मेहसाना शहर है। अहमदाबाद से 74 किलोमीटर दूर स्थित मेहसाना जिला गुजरात के सबसे बड़े जिलों में एक है। मेहसाना लगभग 900 साल पुराने सूर्य मंदिर के लिए बहुत प्रसिद्ध है। 9027 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला यह जिला लोहे और स्टील के सबसे बड़े बाजारों में है। यहां स्थित तरंगा, मोदहरा, पाटन, संकेश्वर और महुडी जैन मंदिरों के लिए लोकप्रिय है। जिले का वाडनगर हडकेश्वर मंदिर के लिए चिर्चित है। थोल वन्यजीव अभयारण्य अहमदाबाद से 40 किलोमीटर दूर स्थित अन्य प्रमुख दर्शनीय स्थल है। जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की विविध प्रजातियां यहां देखी जा सकती हैं। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

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महीसागर जिला

महीसागर जिला भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय लुणावाडा है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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माँगवापाल (अमरेली)

माँगवापाल (માંગવાપાળ.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। माँगवापाल गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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मादक पेय

किसी बार में कच्चा मादक पेय पदार्थ (स्प्रिट्स). मादक पेय इथेनॉल (जिसे आमतौर पर अल्कोहल कहा जाता है) युक्त एक पेय है। मादक पेयों को सामान्यतः तीन सामान्य वर्गों में विभाजित किया जाता है: बीयर, वाइन और स्प्रिट्स.

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माधव सिंह सोलंकी

माधव सिंह सोलंकी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दल के नेता हैं और भारत के पूर्व विदेश मंत्री रह चुके हैं।वे चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे है। उन्हें केएचएएम सिद्धांत के लिए जाना जाता है जिसके कारण वह १९८० के दशक में गुजरात में सत्ता में आया थे। .

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मानसरोवर (कथासंग्रह)

मानसरोवर कथासंग्रह मुरारी बापु द्वारा की हुई कथाओं का एक संग्रह ग्रन्थ है। इस प्रकारशन गुजरात के महुआ से होता है। रामायण को देश विदेश में जाकर सुनाने के क्रम में मानसरोवर में मुरारी बापु द्वारा जो रामकथा हुई वो इस ग्रन्थ में मुद्रित है। श्रेणी:हिन्दू ग्रन्थ श्रेणी:सभी आधार लेख श्रेणी:आधार.

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मानव तस्करी की घटनाओं के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूची

इस सूची में भारत के राज्य और केन्द्र-शासित प्रदेश 2012 में मानव तस्करी की घटनाओं के आधार पर क्रमित हैं, और अपराध-सिद्धि पर आधारित है। यह सूची भारत सरकार के राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा प्रकाशित 2012 भारत में अपराध प्रतिवेदन से संकलित की गई है। इस प्रतिवेदन के अनुसार मानव तस्करी की घटनाओं के मामले में तीन अग्रणी राज्य हैं उत्तर प्रदेश, तमिल नाडु और केरल। .

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मानव गोहिल

मानव गोहिल एक भारतीय अभिनेता हैं। .

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मानेसर

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का मानचित्र मानेसर भारत के हरियाणा राज्य के गुड़गांव जिले का एक तेजी से उभरता औद्योगिक शहर है, साथ ही यह दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर (NCR) का एक हिस्सा भी है। यह एक सुशुप्त गाँव से भारत के एक सर्वाधिक तेजी से उभरते टाउनशिप में परिवर्तित हो चुका है। यह एनसीआर (NCR) से एक शीघ्र जुड़नेवाला क्षेत्र है। कुछ विकासकों ने मानेसर के साथ एक नया उपनाम जोड़कर इसे 'नया गुड़गांव' का नाम दिया है। राजनीतिक संवेदनशीलता के केन्द्र - दिल्ली से इसकी निकटता के कारण सरकार ने यहाँ राष्ट्रीय महत्त्व के कुछ संस्थानों जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (और इसका प्रशिक्षण केंद्र), राष्ट्रीय बम डेटा केंद्र और राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र के मुख्यालयों की स्थापना की स्थापना की है। आसपास के स्थानों से 100,000 से अधिक लोग काम करने के लिए मानेसर जाते हैं। गुड़गांव-मानेसर मास्टर प्लान के अनुमान के अनुसार 2021 तक यहाँ की जनसंख्या 37,00,000 हो जाएगी.

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मानेक चौक, अहमदाबाद

मानेक चौक की सुबह। मानेक चौक भारत में गुजरात के मुख्य शहर अहमदाबाद का पुराना शहर क्षेत्र है। यह ऐतिहासिक इमारतो से घिरा हुआ है। सुबह में यह सब्जियों के बाजार में, दोपहर में मुद्रा बाजार और रात में भोजनालयों का बाजार बन जाता है। .

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मारवाड़ी भाषा

राजस्थान में मारवाड़ी बोलने वाले इलाक़े मारवाड़ी राजस्थान में बोली जाने वाली एक क्षेत्रीय भाषा है। यह राजस्थान की एक मुख्य भाषाओं में से एक है। मारवाड़ी गुजरात, हरियाणा और पूर्वी पाकिस्तान में भी बोली जाती है। इसकी मुख्य लिपि देवनागरी है। इसकी कई उप-बोलियाँ भी है। मारवाड़ी की ख़ुद की लिपि जिसे मोड़िया लिपि भी हैं। परन्तु इस लिपि के विकास में राजपुताने राजरस्थान के राजा-महाराजा (वर्तमान में राजस्थान राज्य) व राजस्थान सरकार ने कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। पिछले ४०-५० सालों से इस भाषा के विकास पर बातें तो बहुत होती रही है पर कार्य के मामले में कोई विशेष प्रगति नहीं दिखी। इन दिनों सन् 2011 से कोलकाता के श्री शम्भु चौधरी इस दिशा में काफी कार्य किया है। राजस्थानी भाषा कि लिपि के संदर्भ में यह गलत प्रचार किया जाता रहा कि इसकी लिपि देवनागरी है जबकि राजस्थान के पुराने दस्तावेजों से पता चलता है कि इसकी लिपि मोड़िया है। उस लिपि को महाजनी भी कहा जाता है। हांलाकि मोड़िया लिपि को भी महाजनी लिपि कहा जाता हैं। कुछ लोग मोड़ी लिपि को ही मोड़िया लिपि मानते रहे। जब इसके विस्तार में देखा गया तो दोनों लिपि में काफी अन्तर है। .

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मारुति सुजुकी

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड सामान्यत: मारुति और इसके पूर्व में मारुति उद्योग लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। यह संगठन भारत में मोटर निर्माता है। यह जापानी मोटरगाडी एवं मोटरसाईकिल निर्माता सुजुकी की एक सहायक कंपनी है। नवंबर २०१२ तक, भारतीय यात्री कार बाज़ार में इस कंपनी की हिस्सेदारी ३७% की थी। मारुति सुजुकी प्रवेश स्तर से कारों की पुरी शृंखलाओं के निर्माता एवं विक्रेता रह चुके हैं। प्रवेश स्तर ऑल्टो से हैचबैक रिट्ज़, ए स्टार, स्विफ्ट, वैगन आर, ज़ेन और सेडान वर्ग में डिज़ायर, किज़ाषी (Kizashi) तथा 'सी' वर्ग में ईको, ओम्नी एवं अन्य आवश्यकताओं वाले कार जैसे सुजुकी अरटीगा और स्पोर्टस यूटिलिटी वाहन ग्रांड विटारा के लिये मारुति सुजुकी देश भर में प्रसिध्द है। कंपनी का मुख्यालय नेलसन मंडेला रोड, नई दिल्ली में स्थित है। फरवरी २०१२ के अंत तक कंपनी अपनी एक करोड़ करें बेच चुकी है।http://archive.indianexpress.com/news/maruti-suzuki-sales-cross-1-cr-mark/909976/ .

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मालदीव

मालदीव या (Dhivehi: ދ ި ވ ެ ހ ި ރ ާ އ ް ޖ ެ Dhivehi Raa'je) या मालदीव द्वीप समूह, आधिकारिक तौर पर मालदीव गणराज्य, हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप देश है, जो मिनिकॉय आईलेंड और चागोस अर्किपेलेगो के बीच 26 प्रवाल द्वीपों की एक दोहरी चेन, जिसका फेलाव भारत के लक्षद्वीप टापू की उत्तर-दक्षिण दिशा में है, से बना है। यह लक्षद्वीप सागर में स्थित है, श्री लंका की दक्षिण-पश्चिमी दिशा से करीब सात सौ किलोमीटर (435 mi) पर.

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मालवण (अमरेली)

मालवण (માલવણ.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। मालवण गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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माळीला (अमरेली)

माळीला (માળીલા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। माळीला गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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माही नदी

माही नदी पश्चिमी भारत की एक प्रमुख नदी हैं। माही का उद्गम मध्यप्रदेश के धार जिला के समीप मिन्डा ग्राम की विंध्याचल पर्वत श्रेणी से हुआ है। यह दक्षिणी अरावली में जयसमन्द झील से प्रारम्भ होती है। यह मध्य प्रदेश के धार, झाबुआ और रतलाम जिलों तथा गुजरात राजस्थान राज्य से होती हुई खंभात की खाड़ी द्वारा अरब सागर में गिरती है। इसकी दक्षिणी-पूर्वी शाखा बांसवाड़ा जिले से विपरीत दिशा में आकर मिलती है। इस पर माही बजाज सागर एवं कडाणा बाँध बनाये गए हैं। यह खम्भात की खाड़ी में गिरती है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 472 किलोमीटर है। यह भारत की एकमात्र ऐसी नदी है जो कर्क रेखा को दो बार काटती है। यह भारत की पवीत्र नदियो मे से एक हे। .

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मांडवी लोकसभा क्षेत्र

मांडवी गुजरात प्रान्त का एक शहर है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:शहर श्रेणी:गुजरात के शहर श्रेणी:भारत के नगर.

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मांडवी, गुजरात

मांडवी गुजरात के गिनेचुने समुद्र तटों में से एक है। सागरतटीय सुन्दरता के अलावा मांडवी की संस्कृति भी यहाँ का एक आकर्षण है। यह संस्कृति शेष गुजरात से एकदम अलग है। यहाँ जनजीवन में कच्छ संस्कृति का प्रभाव है। यही कारण है कि मांडवी की यात्रा कच्छ की यात्रा के बिना अधूरी मानी जाती है। दरअसल, कच्छ गुजरात का एक ज़िला है और कच्छ का रण इस धरती को प्रकृति का एक अद्वितीय उपहार है। .

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मिनलदेवी

मिनलदेवी गुजरात के राजा कर्णदेव सोलंकी की पत्नी थी। कर्णदेव की मृत्यु पश्चात वह वारिस बालक सिद्धराज की तरफ से गुजरात का शासन कुछ समय के लिए किया। श्रेणी:गुजरात का इतिहास.

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मिश्री

मिश्री या मिसरी शक्कर के क्रिस्टलों का एक रूप है, जिसे भारत व पाकिस्तान में एक मिष्ठान्न के रूप में प्रयोग किया जाता है, अथवा दूध को मीठा करने में प्रयोग किया जाता है। .

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मंडन सूत्रधार

मंडन, महाराणा कुंभा (1433-1468 ई0) के प्रधान सूत्रधार (वास्तुविद) तथा मूर्तिशास्त्री थे। वह वास्तुशास्त्र के प्रकांड पण्डित तथा शास्त्रप्रणेता थे। इन्होंने पूर्वप्रचलित शिल्पशास्त्रीय मान्यताओं का पर्याप्त अध्ययन किया था। इनकी कृतियों में मत्स्यपुराण से लेकर अपराजितपृच्छा और हेमाद्रि तथा गोपाल के संकलनों का प्रभाव था। मंडन सूत्रधार केवल शास्त्रज्ञ ही न था, अपितु उसे वास्तुशास्त्र का प्रयोगात्मक अनुभव भी था। कुंभलगढ़ का दुर्ग, जिसका निर्माण उसने 1458 ई0 के लगभग किया, उसकी वास्तुशास्त्रीय प्रतिभा का साक्षी है। यहाँ से मिली मातृकाओं और चतुर्विंशति वर्ग के विष्णु की कुछ मूर्तियों का निर्माण भी संभवत: इसी के द्वारा या इसी की देखरेख में हुआ। मंडन, मेदपाट (मेवाड़) का रहनेवाला था। इसके पिता का नाम 'षेत' या 'क्षेत्र' था जो संभवत: गुजराती था और कुंभा के शासन के पूर्व ही गुजरात से जाकर मेवाड़ में बस गया था। .

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मकर संक्रान्ति

मकर संक्रान्ति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रान्ति पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है, इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। एक दिन का अंतर लौंद वर्ष के ३६६ दिन का होने ही वजह से होता है | मकर संक्रान्ति उत्तरायण से भिन्न है। मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं, यह भ्रान्ति गलत है कि उत्तरायण भी इसी दिन होता है । उत्तरायण का प्रारंभ २१ या २२ दिसम्बर को होता है | लगभग १८०० वर्ष पूर्व यह स्थिति उत्तरायण की स्थिति के साथ ही होती थी, संभव है की इसी वजह से इसको व उत्तरायण को कुछ स्थानों पर एक ही समझा जाता है | तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। .

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मकाजी मेघपर

मकाजी मेघपर,सौराष्ट्र के जामनगर जिले़ की कालावड तहसील का एक गाँव है। इस गाँव की स्थापना सन् १७५४ में ध्रोल राज्य के कुंवर श्री मकनजी जाडेजा द्वारा की गई थी। यहाँ की आबादी में मुख्यतः जाडेजा राजपुत है, साथ में पटेल, ब्राह्मण और शुद्रो की भी बस्ती है। यहाँ के लोगो का मुख्य व्यवसाय खेती एवं पशुपालन है। .

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मकई ना भर्ता

मकई ना भर्ता एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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मक्का (अनाज)

मक्का विभिन्न रंग और आकार के दानों वाली मकई की सूखी (पकी) बालियाँ भुट्टा सेंकते हुए ''Zea mays 'Ottofile giallo Tortonese''' मक्का (वानस्पतिक नाम: Zea mays) एक प्रमुख खाद्य फसल हैं, जो मोटे अनाजो की श्रेणी में आता है। इसे भुट्टे की शक्ल में भी खाया जाता है। भारत के अधिकांश मैदानी भागों से लेकर २७०० मीटर उँचाई वाले पहाडी क्षेत्रों तक मक्का सफलतापूर्वक उगाया जाता है। इसे सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाया जा सकता है तथा बलुई, दोमट मिट्टी मक्का की खेती के लिये बेहतर समझी जाती है। मक्का एक ऐसा खाद्यान्न है जो मोटे अनाज की श्रेणी में आता तो है परंतु इसकी पैदावार पिछले दशक में भारत में एक महत्त्वपूर्ण फसल के रूप में मोड़ ले चुकी है क्योंकि यह फसल सभी मोटे व प्रमुख खाद्दानो की बढ़ोत्तरी दर में सबसे अग्रणी है। आज जब गेहूँ और धान मे उपज बढ़ाना कठिन होता जा रहा है, मक्का पैदावार के नये मानक प्रस्तुत कर रही है जो इस समय बढ्कर 5.98 तक पहुँच चुका है। यह फसल भारत की भूमि पर १६०० ई० के अन्त में ही पैदा करना शुरू की गई और आज भारत संसार के प्रमुख उत्पादक देशों में शामिल है। जितनी प्रकार की मक्का भारत में उत्पन्न की जाती है, शायद ही किसी अन्य देश में उतनी प्रकार की मक्का उत्पादित की जा रही है। हाँ यह बात और है कि भारत मक्का के उपयोगो मे काफी पिछडा हुआ है। जबकि अमरीका में यह एक पूर्णतया औद्याोगिक फसल के रूप में उत्पादित की जाती है और इससे विविध औद्याोगिक पदार्थ बनाऐ जाते है। भारत में मक्का का महत्त्व एक केवल खाद्यान्न की फसल के रूप मे जाना जाता है। सयुक्त राज्य अमरीका मे मक्का का अधिकतम उपयोग स्टार्च बनाने के लिये किया जाता है। भारत में मक्का की खेती जिन राज्यों में व्यापक रूप से की जाती है वे हैं - आन्ध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि। इनमे से राजस्थान में मक्का का सर्वाधिक क्षेत्रफल है व आन्ध्रा में सर्वाधिक उत्पादन होता है। परन्तु मक्का का महत्व जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पूर्वोत्तर राज्यों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, महाराष्ट्र, गुजरात व झारखण्ड में भी काफी अधिक है। .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुग़ल वास्तुकला

मुगल वास्तुकला, जो कि भारतीय, इस्लामी एवं फारसी वास्तुकला का मिश्रण है, एक विशेष शैली, जो कि मुगल भारत में 16वीं 17वीं एवं 18वीं सदी में लाए|मुगल वास्तुकला का चरम ताजमहल है। .

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मुंबई समाचार

मुंबई समाचार (Gujarati:મુંબઈ સમાચાર) भारत में प्रकाशित होने वाला गुजराती भाषा का एशिया के सब से पुराने वर्तमानपत्रों में से एक और गुजराती का प्रथम समाचार पत्र (अखबार) है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। इस्वीसन १८२२ में इसके प्रकाशन की शरुआत हुई थी। अहमदाबाद, वड़ोदरा, बंगलौर और नयी दिल्ली में इसकी शाखाएँ हैं। ये भारत सरकार के समाचारपत्रों के पंजीयक कार्यालय द्वारा आरएनआई क्रमांक से पंजीकृत है। .

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मुंबई का इतिहास

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मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर

मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (Mumbai–Ahmedabad high-speed rail corridor) पश्चिमी भारत में मुंबई, महाराष्ट्र और अहमदाबाद, गुजरात के शहरों को जोड़ने वाली प्रस्तावित उच्च गति रेल लाइन है। यह भारत की पहली उच्च गति वाली रेल लाइन होगी। कॉरिडोर का निर्माण 2018 के अंत तक शुरू होगा और 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। | .

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मुकेश अंबानी

मुकेश अंबानी (जन्म 19 अप्रैल 1957 को यमन में) एक भारतीय व्यवसायी हैं और फ़ोर्ब्स सूची के अनुसार अगस्त 2016 में लगभग 22.2 अरब डॉलर की निजी सम्पत्ती के साथ दुनिया के छत्तीसवें सबसे अमीर आदमी हैं। वे रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक और कंपनी के सबसे बड़े शेयर धारक हैं। यह भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी तथा फोर्च्यून ५०० कंपनी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज में उनकी व्यक्तिगत हिस्सेदारी 48 % है। उनकी संपत्ति का मूल्य (फोर्ब्स के अनुसार) 22.2 अरब अमेरिकी डॉलर है, जिस से वे भारत के सबसे अमीर आदमी साबित होते हैं। मुकेश और उनके छोटे भाई अनिल रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक स्वर्गीय धीरू भाई अम्बानी के बेटे हैं। मुकेश इंडियन प्रीमियर लीग की टीम मुंबई इंडियंस के मालिक भी हैं। .

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मौसम्बी

मौसम्बी मौसंबी (Citrus limetta) एक फल है। यह नींबू जाति का ही फल है परन्तु नींबू से अनेक गुना लाभदायक है। मौसमी का फल नांरगी के बराबर आकार का होता है। मुम्बई और गुजरात में इसे मुसम्मी या मौसमी कहते हैं। उत्तर प्रदेश मे इसे 'मीठा नींबू' कहते हैं। मौसमी का रस साबुन, शराब तथा अन्य पेयों में डाला जाता है। इसके छिलके से निकाला हुआ तेल जल्दी उड़ जाता है। इसलिए इसके तेल को जैतून के तेल के साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है। मौसमी का उपयोग पोषक आहार के रूप में होता है। मौसमी की तीन किस्में-नेवल, जुमैका और माल्टा हैं। मौसमी की कलम लगाने से आजकल इसकी अनेक उपजातियां हैं। नेवल किस्म अमेरिका में उत्तम मानी जाती है। माल्टा का छिलका व रस लाल रंग का होता है। मौसमी के फल एक-आधा महीना तक बिना बिगड़े ज्यों-के-त्यों बने रहते हैं। मौसंबी का रस मौसंबी के विभिन्न प्रकार .

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मृणालिनी साराभाई

मृणालिनी साराभाई भारत सरकार ने १९९२ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये गुजरात से हैं। श्रेणी:१९९२ पद्म भूषण.

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मृदा

पृथ्वी ऊपरी सतह पर मोटे, मध्यम और बारीक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को मृदा (मिट्टी / soil) कहते हैं। ऊपरी सतह पर से मिट्टी हटाने पर प्राय: चट्टान (शैल) पाई जाती है। कभी कभी थोड़ी गहराई पर ही चट्टान मिल जाती है। 'मृदा विज्ञान' (Pedology) भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें मृदा के निर्माण, उसकी विशेषताओं एवं धरातल पर उसके वितरण का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता हैं। पृथऽवी की ऊपरी सतह के कणों को ही (छोटे या बडे) soil कहा जाता है .

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मृदा संरक्षण

मृदा संरक्षण (Soil conservation) से तात्पर्य उन विधियों से है, जो मृदा को अपने स्थान से हटने से रोकते हैं। संसार के विभिन्न क्षेत्रों में मृदा अपरदन को रोकने के लिए भिन्न-भिन्न विधियाँ अपनाई गई हैं। मृदा संरक्षण की विधियाँ हैं - वनों की रक्षा, वृक्षारोपण, बंध बनाना, भूमि उद्धार, बाढ़ नियंत्रण, अत्यधिक चराई पर रोक, पट्टीदार व सीढ़ीदार कृषि, समोच्चरेखीय जुताई तथा शस्यार्वतन। मृदा एक बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन है। यह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से विभिन्न प्रकार के जीवों का भरण-पोषण करती है। इसके अतिरिक्त, मृदा-निर्माण एक बहुत ही धीमी प्रक्रिया है। मृदा अपरदन की प्रक्रिया ने प्रकृति के इस अनूठे उपहार को केवल नष्ट ही नहीं किया है अपितु अनेक प्रकार की समस्याएँ भी पैदा कर दी है। मृदा अपरदन से बाढ़ें आती हैं। इन बाढ़ों से सड़कों व रेलमार्गों, पुलों, जल विद्युत परियोजनाओं, जलापूति और पम्पिंग केन्द्रों को काफी हानि पहुँचती है। .

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मैत्रक राजवंश

मैत्रक राजवंश ने ४७५ ई से ७६७ ई के मध्य गुजरात पर शासन किया। इस वंश का संस्थापक सेनापति भटार्क था जो गुप्त साम्राज्य के अधीन सौराष्ट्र उपखण्ड का राज्यपाल था। श्रेणी:भारत के राजवंश.

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मेडी (अमरेली)

मेडी (મેડી.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। मेडी गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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मेदिनी राय (राजपूत राजा)

मेदिनी राय चदेंरी राज्य का राजपूतत शासक था। महमूद द्वितीय ने उसे अपने दरबार में मंत्री नियुक्त कर दिया। मेदिनी राय ने उत्तरदायित्व के पदों पर हिंदुओ को नियुक्त किया। दरबार में अपना प्रभाव घटते देख कर मालवा के दरबारियों ने उसके विरुद्ध सुल्तान के कान भरे तथा गुजरात के सुल्तान मुजफ्फर शाह की सहायता से मेदिनी राय को पदच्युत करवा दिया। मेदिनी राय ने चित्तौड़ के राणा सांगा की सहायता से सुल्तान महमूद पर आक्रमण कर दिया और उसे हरा दिया। राजपूतों ने महमूद को पकड़ कर अपने सरदारों के संमुख उपस्थित किया। बाद में राणा सांगा ने वंशानुगत राजपूतोचित दयालुता के कारण महमूद को क्षमा कर दिया तथा मेदिनी राय की सहमति से उसका राज्य उसे वापस लौटा दिया। श्रेणी:भारत का इतिहास श्रेणी:भारत के राजा.

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मेरुतुङ्ग

मेरुतुंग १४वीं शताब्दी के एक भारतीय लेखक थे। उन्होंने संवत १३६१ में प्रबन्धचिन्तामणि नामक ग्रन्थ की रचना की। यह एक ऐतिहासिक महत्त्व की गद्य रचना है जिसमें इतिहास-प्रसिद्ध विद्वानों, कवियों और आचार्यों से सम्बद्ध घटनाओं का अलंकृत गद्यशैली में वर्णन किया गया है। गुजरात के प्राचीन ऐतिहासिक साहित्यिक साधनों मे यह ग्रन्थ सबसे अधिक उपयोगी सिद्ध हुआ है। इसमें वनराज द्वारा पाटण की स्थापना से लेकर वस्तुपाल द्वारा संघटित यात्राओ का वर्णन है। प्रबन्धचिन्तामणि में अपने समय की प्रचलित लगभग सभी कथाओं का परिचय मिलता है। मेरुतुंग द्वारा रचित अन्य ग्रन्थ 'विचारश्रेणी' है जिसमें सुरिगण की पट्टावली के साथ-साथ चावडा, सोलंकी और बघेल वंश के नृपतियों का तिथिक्रम भी दिया गया है। .

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मेहसाना

मेहसाणा गुजरात प्रान्त का एक शहर है। यह महसाना जिला का मुख्यालय है। अहमदाबाद से 74 किलोमीटर दूर स्थित मेहसाना जिला गुजरात के सबसे बड़े जिलों में एक है। मेहसाना लगभग 900 साल पुराने सूर्य मंदिर के लिए बहुत प्रसिद्ध है। 9027 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला यह जिला लोहे और स्टील के सबसे बड़े बाजारों में है। यहां स्थित तरंगा, मोदहरा, पाटन, संकेश्वर और महुडी जैन मंदिरों के लिए लोकप्रिय है। जिले का वाडनगर हडकेश्वर मंदिर के लिए चिर्चित है। थोल वन्यजीव अभयारण्य अहमदाबाद से 40 किलोमीटर दूर स्थित अन्य प्रमुख दर्शनीय स्थल है। जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की विविध प्रजातियां यहां देखी जा सकती हैं। .

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मेहसाना लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

मेहसाना लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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मोडासा

मोडासा गुजरात प्रान्त का एक शहर है। ईस शहरमें नवरचित अरवल्ली जिला का मुख्यालय है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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मोढेरा

मोढेरा गुजरात में पाटन के पास एक छोटा सा कस्बा है। Image:Boys_in_the_Stepped_Tank_Modhera.JPG| Image:Massive_Pillors.JPG| Image:Sun_Temple_Modhera.JPG| Image:Lonely_Pillors_Modhera.JPG| श्रेणी:गुजरात के शहर.

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मोढेरा सूर्य मंदिर

मोढेरा सूर्य मंदिर गुजरात के पाटन नामक स्थान से ३० किलोमीटर दक्षिण की ओर “मोढेरा” नामक गाँव में प्रतीष्ठित है। यह सूर्य मन्दिर भारतवर्ष में विलक्षण स्थापत्य एवम् शिल्प कला का बेजोड़ उदाहरण है। सन् १०२६ ई. में सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम द्वारा इस मन्दिर का निर्माण किया गया था। वर्तमान समय में इस मन्दिर में पूजा करना निषेध है। कहा जाता है कि अलाउद्दीन खिलजी ने मंदिर को तोड़ कर खंडित कर दिया था। .

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मोणपुर (अमरेली)

मोणपुर (મોણપુર.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। मोणपुर गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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मोदी

मोदी भारत में एक उपनाम हैं। यह सामान्यतः उत्तर और पश्चिम भारतीय राज्य हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, झारखण्ड और गुजरात में पाया जाता हैं। मोदी अधिकतर बनिया जाति से सम्बंधित हैं। .

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मोरबी

मोरबी या मोरवी गुजरात राज्य के मोरबी के अन्तर्गत आता है। यह राजकोट से मात्र 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मच्छू नदी के तट पर स्थित है। राजकोट से रेल और सड़क द्वारा जुड़ा है। यहाँ गुजरात विश्वविद्यालय से संबद्ध एक टेक्निकल इंस्टिट्यूट है, जिसकी स्थापना 1951 ई. में हुई थी। भारत के स्वतंत्र होने से पहले यह देशी राज्य पूर्वी कठियावाड़ सबएजेंसी के अधिकार में था। इसका क्षेत्रफल 822 वर्ग मील था। यहाँ के शासक (पदवी ठाकुर) जदेजा राजपूत थे और अपने को कच्छ के राव का वंशज मानते थे। फरवरी 15, 1948 ई. में यह सौराष्ट्र में मिला दिया गया। अब यह क्षेत्र गुजरात राज्य में है। मयूरध्वज मोरबी के राजा थे। 1978 में आई बाढ़ के कारण मोरबी निर्जन हो गया था। इसके सभी एतिहासिक स्मारकों को बाढ ने जर्जर कर दिया था। लेकिन अब मोरबी ने एक बार फिर टाईल्स और घडी बनाने के कारखाने के बल पर अपने को खड़ा कर लिया है। मोरबी प्राचीन जडेजा राजपूतों की राजधानी था। मच्छु नदी के किनारे बसा मोरबी गुजरात का एक सुन्दर शहर है। मध्‍य काल में भारी मात्रा में बारिश होने के कारण मच्छु बांध टूट गया था। आज भी मोरबी में होने वाली भारी तबाही की भविष्यवाणी को व्यक्त करने वाले लोक गीत इस राज्य के चारणों द्वारा सुने जा सकते है। वर्तमान मोरबी का नगर विन्‍यास वाघ जी का देन है। उन्‍होंने 1879 से 1948 ई. तक यहां शासन किया था। वाघ जी ने एक शासक, प्रबंधक और रक्षक की तरह सदा आम जन के कल्याण को अपने मन-मस्तिष्क में रखकर शासन किया। सर वाघ जी ने अपने अन्य समकालीन शासको की तरह सड़कों और सात मील लम्बे वढ़वाड तथा मोरबी को जोडने वाले रेलमार्ग का निर्माण करवाया। उन्‍होंने नमक और कपडे़ का निर्यात करने के लिए दो छोटे बंदरगाहों नवलखा और ववानिया का भी निर्माण करवाया। मोरबी का रेलवे स्टेशन स्थापत्य शैली का सुन्दर उदाहरण है जिसमें भारतीय और यूरोपीय स्थापत्य कला का अनूठा संगम देखने को मिलता है। .

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मोरबी जिला

मोरबी जिला भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय मोरबी है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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मोहन भागवत

मोहन मधुकर भागवत (जन्म: 11 सितम्बर 1950, चन्द्रपुर महाराष्ट्र) एक पशु चिकित्सक और 2009 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक हैं। उन्हें एक व्यावहारिक नेता के रूप में देखा जाता है। के एस सुदर्शन ने अपनी सेवानिवृत्ति पर उन्हें अपने उत्तराधिकारी के रूप में चुना था।मोहन भागवत: 30 से अधिक वर्षों से एक पशु चिकित्सक और संघ के प्रचारक, 21 मार्च 2009, टाइम्स ऑफ इंडिया, .

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मोहन कुन्दरिया

मोहन कुन्दरिया भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की राजकोट सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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मोहम्मद बुरहानुद्दीन

सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन (محمد برھان الدین) (अबुल-क़ाइद जोहर मोहम्म्द बुरहानुद्दीन) (६ मार्च १९१५ – १७ जनवरी २०१४) दाऊदी बोहरा के ५२ वें दाई-उल-मुत्लक़ (दाऊदी बोहरा समुदाय के ५२वें धर्मगुरु) थे। दाऊदी बोहरा समुदाय इस्लाम के शिया समुदाय का एक पंथ है। .

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मोहम्मद मांकड

मोहम्मद मांकड (गुजराती: મોહમ્મદ માંકડ, जन्म: 13 फ़रवरी 1928) गुजराती भाषा के जाने माने साहित्यकार हैं। उनका जन्म गुजरात में भावनगर जिले के पलियाड गाँव में हुआ था। उनके अनेक गुजराती उपन्यास और कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। गुजरात सरकार व अन्य संस्थाओं की ओर से उन्हें पुरस्कृत व सम्मानित भी किया जा चुका है। .

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मीडिया की पहुँच के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची लोगों तक मीडिया की पहुँच के आधार पर है। यह जानकारी एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण व्यापक-पैमाने, बहु-दौरीय सर्वेक्षण है जो अन्तर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आई॰आई॰पी॰एस), मुंबई द्वारा कराया जाता है जो परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

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युसूफ पठान

युसूफ पठान एक भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी खिलाड़ी है जो मुख्य रूप से बल्लेबाजी ऑलराउंडर है। पठान दाहिने हाथ सर बल्लेबाजी और दाहिने ही हाथ से ऑफ़ब्रेक गेंदबाजी करते है। इंडियन प्रीमियर लीग में इन्होंने राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए अपने कैरियर की शुरुआत की थी जबकि ज्यादातर क्रिकेट कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए ही खेला और २०१८ इंडियन प्रीमियर लीग में इन्हें सनराइजर्स हैदराबाद में अपनी टीम में शामिल कर दिया। .

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युगाण्डा से भारतीयों का निष्कासन

युगाण्डा पूर्वी अफ़्रीका में स्थित एक देश है जहाँ 1970 के दशक के शुरुआती वर्षों से पहले भारतीय मूल की अच्छी-ख़ासी आबादी रहती थी। ये भारतीय ब्रिटिश नागरिकता के साथ युगाण्डा में रहते थे और तब के राष्ट्रपति ईदी अमीन के 4 अगस्त 1972 को दिए आदेश पर मजबूरन युगाण्डा छोड़ना पड़ा था। चूँकि इन भारतीयों के पूर्वज विभाजन से पहले वहाँ बसे थे इसलिए इनमें पाकिस्तानी और बांग्लादेशी भी शामिल थे। अमीन के निष्कासन आदेश के बाद लगभग आधे भारतीयों ने ब्रिटेन में शरण ली और बाक़ी अमेरिका, कनाडा और भारत चले गए। .

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योगेश्वर

योगेश्वरजी (१५ अगस्त १९२१ - १८ मार्च १९८४) बीसवीं सदी में गुजरात में उत्पन्न संत, योगी, दार्शनिक और साहित्यकार थे। हिमालय में जाकर कड़ी तपस्या करने के बाद समाज को आध्यात्म के मार्ग पर चलने के लिए उन्होंने मार्गदर्शन दिया। .

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रँगपुर (अमरेली)

रँगपुर (રંગપુર.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। रँगपुर गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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रणथम्भोर दुर्ग

रणथंभोर दुर्ग दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग के सवाई माधोपुर रेल्वे स्टेशन से १३ कि॰मी॰ दूर रन और थंभ नाम की पहाडियों के बीच समुद्रतल से ४८१ मीटर ऊंचाई पर १२ कि॰मी॰ की परिधि में बना एक दुर्ग है। दुर्ग के तीनो और पहाडों में प्राकृतिक खाई बनी है जो इस किले की सुरक्षा को मजबूत कर अजेय बनाती है। यूनेस्को की विरासत संबंधी वैश्विक समिति की 36वीं बैठक में 21 जून 2013 को रणथंभोर को विश्व धरोहर घोषित किया गया। यह राजस्थान का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। .

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रणजी ट्रॉफी 2017-18

2017-18 रणजी ट्रॉफी को रणजी ट्रॉफी का 84 वां सत्र होना है, जो भारत में प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट का प्रीमियर है। पिछला सत्र तटस्थ स्थानों पर खेला गया था इस सीज़न के लिए, घरेलू कप्तानों के साथ तटस्थ स्थल परीक्षण के बाद लोकप्रिय नहीं होने के बाद भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) घर और दूर स्थानों पर जुड़ने के लिए वापस जाने पर सहमत हुए। हालांकि, टूर्नामेंट के नाक आउट चरण को तटस्थ स्थानों पर खेला जाना जारी रहेगा। पिछली सीज़न से दूसरे बदलाव तीन से चार से समूह की संख्या में वृद्धि होगी, साथ ही ग्रुप स्टेज में छह फाटकर्स खेलने वाले प्रत्येक टीम के साथ। प्रत्येक समूह की शीर्ष दो टीमें क्वार्टर फाइनल में प्रगति करेगी। सीजन 6 अक्टूबर 2017 को शुरू करने के लिए निर्धारित है, 7 दिसंबर 2017 को क्वार्टर फाइनल के साथ, 17 दिसंबर 2017 को सेमीफाइनल, और फाइनल 29 दिसंबर 2017 से 2 जनवरी 2018 तक आयोजित किया गया। गुजरात पिछली चैंपियन हैं। .

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रणजीतराम महेता

रणजीतराम महेता (25 अक्टूबर 1881 - 4 जून 1917) जानेमाने गुजराती लेखक थे।.

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रमनलाल नीलकण्ठ हास्य पारितोषिक

रमनलाल नीलकण्ठ हास्य पारितोषिक, गुजरात का एक साहित्यिक सम्मान है जो प्रसिद्ध गुजराती साहित्यकार रमनभाई नीलकण्ठ के नाम से दिया जाता है। इसकी स्थापना सन २०१६ में हुई थी। यह पुरस्कार गुजराती हास्य साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए गुजरात साहित्य अकादमी तथा गुजरात सरकार द्वारा दिया जाता है। पुरकार के रूप में स्मृतिचिह्न, शाल तथा एक लाख रूपए की नकद राशि प्रदान की जाती है। .

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रमनलाल सी मेहता

रमनलाल सी मेहता (३१ अक्टूबर १९१८ – १८ अक्टूबर २०१४) को सन २००९ में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये गुजरात राज्य से हैं। १८ अक्टूबर २०१४ को उनका निधन हो गया। .

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रमेश भाई ओझा

रमेश भाई ओझा एक आध्यात्मिक हिन्दू धर्मोपदेशक हैं, जो वेदान्त दर्शन पर धाराप्रवाह व्याख्यान देते हैं। उनकी रामकथा सुनने भारी संख्या में श्रोता पहुँचते हैं। गुजरात के देवका में पैदा हुए रमेश भाई ने अपनी जन्मभूमि में देवका विद्यापीठ की स्थापना की है। इस विद्यापीठ में भारतीय गुरुकुल परम्परा के अनुसार शिक्षा दी जाती है। .

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रहीम

अब्दुल रहीम ख़ान-ए-ख़ाना या सिर्फ रहीम, एक मध्यकालीन कवि, सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, एवं विद्वान थे। वे भारतीय सामासिक संस्कृति के अनन्य आराधक तथा सभी संप्रदायों के प्रति समादर भाव के सत्यनिष्ठ साधक थे। उनका व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न था। वे एक ही साथ कलम और तलवार के धनी थे और मानव प्रेम के सूत्रधार थे। जन्म से एक मुसलमान होते हुए भी हिंदू जीवन के अंतर्मन में बैठकर रहीम ने जो मार्मिक तथ्य अंकित किये थे, उनकी विशाल हृदयता का परिचय देती हैं। हिंदू देवी-देवताओं, पर्वों, धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं का जहाँ भी आपके द्वारा उल्लेख किया गया है, पूरी जानकारी एवं ईमानदारी के साथ किया गया है। आप जीवन भर हिंदू जीवन को भारतीय जीवन का यथार्थ मानते रहे। रहीम ने काव्य में रामायण, महाभारत, पुराण तथा गीता जैसे ग्रंथों के कथानकों को उदाहरण के लिए चुना है और लौकिक जीवन व्यवहार पक्ष को उसके द्वारा समझाने का प्रयत्न किया है, जो भारतीय सांस्कृति की वर झलक को पेश करता है। .

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राँढीया (अमरेली)

राँढीया (રાંઢીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। राँढीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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राठवा

श्रेणी:भारत की जनजातियाँ.

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राठी गोवंश

राठी गाय राठी बैल राठी गोवंश राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी भागों (गंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर) में पाए जाते हैं। इस नस्ल की गाय अत्यधिक दूध देने के लिये प्रसिद्ध है। गुजरात राज्य में भी राठी गाय बहुत पाली जाती है। वयस्क राठी गाय का वजन लगभग 280 - 300 किलोग्राम और बैल का 350-350 किलोग्राम होता है। राठी पशु की त्वचा भूरा व सफेद या काला व सफेद रंगों का मिश्रण होती है और अत्यन्त आकर्षक लगती है। भारतीय गायों में राठी नस्ल एक महत्वपूर्ण दुधारू नस्ल है। यह गाय प्रतिदन 6 -8 लीटर दूध देती है। कहीं–कहीं इसे 15 लीटर तक दूध देते हुए देखा गया है। राठी नस्ल के बैल बहुत मेहनती होते हैं। इस नस्ल के बैल गरम मौसम में भी लगातार 10 घंटे तक काम करतें हैं। ये रेगिस्तान में भरी-भरकम सामान खींचकर चल सकतें हैं। .

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रानी की वाव

'''रानी की वाव''' का ऊपर से लिया गया चित्र रानी की वाव भारत के गुजरात राज्य के पाटण में स्थित प्रसिद्ध बावड़ी (सीढ़ीदार कुआँ) है। 22 जून 2014 को इसे यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में सम्मिलित किया गया। पाटण को पहले 'अन्हिलपुर' के नाम से जाना जाता था, जो गुजरात की पूर्व राजधानी थी। कहते हैं कि रानी की वाव (बावड़ी) वर्ष 1063 में सोलंकी शासन के राजा भीमदेव प्रथम की प्रेमिल स्‍मृति में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने बनवाया था। रानी उदयमति जूनागढ़ के चूड़ासमा शासक रा' खेंगार की पुत्री थीं। सोलंकी राजवंश के संस्‍थापक मूलराज थे। सीढ़ी युक्‍त बावड़ी में कभी सरस्वती नदी के जल के कारण गाद भर गया था। यह वाव 64 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा तथा 27 मीटर गहरा है। यह भारत में अपनी तरह का अनूठा वाव है। वाव के खंभे सोलंकी वंश और उनके वास्तुकला के चमत्कार के समय में ले जाते हैं। वाव की दीवारों और स्तंभों पर अधिकांश नक्काशियां, राम, वामन, महिषासुरमर्दिनी, कल्कि, आदि जैसे अवतारों के विभिन्न रूपों में भगवान विष्णु को समर्पित हैं। 'रानी की वाव' को विश्व विरासत की नई सूची में शामिल किए जाने का औपचारिक ऐलान कर दिया गया है। 11वीं सदी में निर्मित इस वाव को यूनेस्को की विश्व विरासत समिति ने भारत में स्थित सभी बावड़ी या वाव (स्टेपवेल) की रानी का भी खिताब दिया है। इसे जल प्रबंधन प्रणाली में भूजल संसाधनों के उपयोग की तकनीक का बेहतरीन उदाहरण माना है। 11वीं सदी का भारतीय भूमिगत वास्तु संरचना का अनूठे प्रकार का सबसे विकसित एवं व्यापक उदाहरण है यह, जो भारत में वाव निर्माण के विकास की गाथा दर्शाता है। सात मंजिला यह वाव मारू-गुर्जर शैली का साक्ष्य है। ये करीब सात शताब्दी तक सरस्वती नदी के लापता होने के बाद गाद में दबी हुई थी। इसे भारतीय पुरातत्व सर्वे ने वापस खोजा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सायआर्क और स्कॉटिस टेन के सहयोग से वाव के दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन भी कर लिया है। .

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राम नाथ कोविन्द

रामनाथ कोविन्द (जन्म: १ अक्टूबर १९४५) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो २० जुलाई २०१७ को भारत के १४वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। २५ जुलाई २०१७ को उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर ने भारत के राष्ट्रपति के पद की शपथ दिलायी।https://plus.google.com/107807291734419802285/posts/Vkif7q6AG7r वे राज्यसभा सदस्य तथा बिहार राज्य के राज्यपाल रह चुके हैं। .

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राम सुतार

राम सुतार (अंग्रेजी: Ram Vanji Sutar, जन्म: 19 फ़रवरी 1925) भारत के एक सुप्रसिद्ध मूर्तिकार हैं। महाराष्ट्र में जन्मे इस शिल्पकार का पूरा नाम राम वनजी सुतार है। आपने कई महापुरुषों की बहुत विशाल मूर्तियाँ बनायीं और उनके माध्यम से प्रचुर मात्रा में नाम और नामा दोनों कमाया। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमन्त्रित्व काल में भारत सरकार ने आपकी कलात्मक शिल्प साधना को सम्मानित करते हुए 1999 में पद्मश्री से अलंकृत किया। .

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रामदरश मिश्र

डॉ॰ रामदरश मिश्र (जन्म: १५ अगस्त, १९२४) हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। ये जितने समर्थ कवि हैं उतने ही समर्थ उपन्यासकार और कहानीकार भी। इनकी लंबी साहित्य-यात्रा समय के कई मोड़ों से गुजरी है और नित्य नूतनता की छवि को प्राप्त होती गई है। ये किसी वाद के कृत्रिम दबाव में नहीं आये बल्कि उन्होंने अपनी वस्तु और शिल्प दोनों को सहज ही परिवर्तित होने दिया। अपने परिवेशगत अनुभवों एवं सोच को सृजन में उतारते हुए, उन्होंने गाँव की मिट्टी, सादगी और मूल्यधर्मिता अपनी रचनाओं में व्याप्त होने दिया जो उनके व्यक्तित्व की पहचान भी है। गीत, नई कविता, छोटी कविता, लंबी कविता यानी कि कविता की कई शैलियों में उनकी सर्जनात्मक प्रतिभा ने अपनी प्रभावशाली अभिव्यक्ति के साथ-साथ गजल में भी उन्होंने अपनी सार्थक उपस्थिति रेखांकित की। इसके अतिरक्त उपन्यास, कहानी, संस्मरण, यात्रावृत्तांत, डायरी, निबंध आदि सभी विधाओं में उनका साहित्यिक योगदान बहुमूल्य है। .

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रामसिंहभाई राठवा

रामसिंहभाई राठवा भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की छोटा उदयपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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रायोलाइट

एक पोर्फिरी रायोलाइट शैल रायोलाइट (Rhyolite) एक आग्नेय शैल है। .

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राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान

राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (National Institute of Design / NID) भारत का प्रमुख डिजाइन संस्थान है। यह गुजरात के अहमदाबाद नगर में स्थित है। यह एक स्वायत्त संस्थान है। 'बिजनेस वीक' ने इसे विश्व के सर्वोत्कृष्ठ डिजाइन स्कूलों में शामिल किया है और इसका स्थान वर्नक्रमानुसार ३२वाँ दिया है। राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) की स्थापना १९६१ में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत एक स्वायत्रशासी संस्थान के रूप में की गई जो डिजाइन शिक्षा, व्यावहारिक शोध, प्रशिक्षण, डिजाइन परामर्शी सेवाएं और बाहय कार्यक्रमों के क्षेत्र में बहुविषयक अग्रणी संस्थान के रूप में अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान प्राप्त की है। एनआईडी १२वीं स्तर के विद्यार्थियों के लिए चार वर्षीय डिजाइन में स्नातक डिप्लोमा कार्यक्रम (जीडीपीडी) तथा उन्नत कला/आर्किटेक्चर/प्रौद्योगिकी/इंजीनियरिंग इत्यादि में स्नातकों के लिए दो ढाई-वर्षीय डिजाइन में परा स्नातक कार्यक्रम (पीजीडीपीडी) अपने तीन कैंपसों (अहमदाबाद/गांधीनगर/बैंगलुरू) में कुल १६ डिजाइन डोमेनों में विशिष्टता के साथ चलाता है। एनआईडी का डिजाइन परामर्श सेवाएं तथा बाह्य कार्यक्रम छात्रों को उनके अध्ययन के दौरान डिजाइनों के अभ्यास के अवसर को प्रदान करता है। एनआईडी उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोगों के लिए डिजाइन तथा डिजाइन प्रबंधन कार्यक्रम में अल्प समय में टेलरमेड अनाज्ञयता कार्यक्रम भी प्रदान करता है। .

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राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड

राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड, भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। इसका मुख्यालय गुजरात के आनन्द शहर में है तथा क्षेत्रीय कार्यालय देश के विभिन्न नगरों में फैले हुए हैं। राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की स्थापना उत्पादकों के स्वामित्व और उनके द्वारा नियंत्रित संगठनों को प्रोत्साहित करने और उन्हें आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से की गई थी। राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के कार्यक्रम और गतिविधियों का उद्देश्य कृषक सहकारी संस्थाओं को सुदृढ़ करना तथा उन राष्ट्रीय नीतियों का समर्थन करना है जो ऐसी संस्थाओं के विकास केअनुकूल हैं। .

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राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल

राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर), भोपाल स्थित एक शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान है। एनआईटीटीटीआर मुख्य रूप से मांग आधारित गुणवत्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से सक्षम मानव संसाधन के विकास, शोध अध्ययन, अधिगम संसाधन का विकास, तकनीकी संस्थाओं, उद्योग एवं कम्युनिटी के लिए मांग आधारित पाठ्‌यक्रम के विकास के लिए जिम्मेदार है। यह संस्थान इन तकनीकी संस्थाओं के शिक्षकों और स्टॉफ के सदस्यों के उत्थान के लिए एवं तकनीकी शिक्षकों को मजबूती प्रदान करने के लिए निरन्तर कार्यरत है। इस प्रकार एन.आई.टी.टी.टी.आर.

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राष्ट्रीय बाल श्री सम्मान

राष्ट्रीय बाल श्री सम्मान, ०९ से १६ वर्ष के आयु वर्ग के रचनात्मक बच्चों के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदत्त सम्मान है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (भारत सरकार) के स्वायत्त निकाय द्वारा राष्ट्रीय बाल भवन द्वारा दिए जाने वाले सम्मान में एक पट्टिका, एक प्रमाण पत्र शैक्षिक संसाधन और नकद पुरस्कार सम्मिलित हैं। राष्ट्रीय बाल श्री सम्मान प्रायः नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। बालश्री सम्मान भारत के ३ राष्ट्रपति पुरस्कारों में से एक है, बाल श्री देश का सर्वोच्च बाल पुरस्कार हैं। .

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राष्ट्रीय राजमार्ग १४

४५० किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग बीवार, राजस्थान को राधापुर, गुजरात से जोड़ता है। इसका रूट बीवार - सिरोही - राधापुर है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय राजमार्ग १५

१५२६ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग पठानकोट, पंजाब को समाखियाली, गुजरात (काँदला) के पास) से जोड़ता है। इसका रूट पठानकोट - अमृतसर - भटिंडा - गंगानगर - बीकानेर - जैसलमेर - बाड़मेर - समाखियाली है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय राजमार्ग २२८

३७४ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग गुजरात प्रदेश में साबरमती आश्रम से निकलकर दाँडी तक जाता है। इसका रूट साबरमती आश्रम - नादियाड - आनंद - सूरत, गुजरात - नवसारी -दाँडी है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय राजमार्ग ६

१९४९ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग हजीरा से निकलकर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकत्ता तक जाता है। इसका रूट हजीरा - धुले - नागपुर - रायपुर - संबलपुर - बहाराघोड़ा - कोलकत्ता है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय राजमार्ग ८

१४२८ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग दिल्ली को मुंबई से जोड़ता है। इसका रूट दिल्ली - जयपुर – अजमेर – उदयपुर – अहमदाबाद – वडोदरा - मुंबई है। दिल्ली-मुंबई को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे-8 के आसपास तो अनेक जगह हैं। दिल्ली से 48 कि॰मी॰ दूर सुल्तानपुर बर्ड सेंक्चुरी में प्रवासी पक्षियों को निहारने के साथ आधुनिक सुविधाओं से युक्त हेरिटेज विलेज मानेसर में ठहर कर सुकून की सांस ले सकते हैं। यहां ठहरने के लिए विश्व की सबसे बड़ी होटल श्रृंखला बेस्ट वैस्टर्न का रिजॉर्ट भी है। इसके अलावा गुड़गांव से एक अलग मार्ग पकड़कर 60 कि॰मी॰ दूर पटौदी जा सकते हैं, जहां प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी नवाब मंसूर अली खान पटौदी का पुश्तैनी आवास हेरिटेज होटल के रूप में स्वागत को तैयार है। गुड़गांव से ही एक हाईवे अलवर के लिए निकलता है। इस मार्ग पर दमदमा झील और सोहना जैसी मिनी सैरगाहें भी हैं। राजमार्ग-8 पर ही आगे बहरोड़ से पहले एक मार्ग नीमराना की ओर जाता है, जहां सैलानी ऐतिहासिक इमारत में ठहरने का लुत्फ उठा सकते हैं। वहां का नीमराना फोर्ट विश्वप्रसिद्ध हेरिटेज होटल है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय राजमार्ग ८ए

४७३ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग अहमदाबाद को माँडवी से जोड़ता है। इसका रूट अहमदाबाद – लिंबड़ी - भारतीय राजमार्ग श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय राजमार्ग ८डी

१२७ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग जेतपुर को सोमनाथ से जोड़ता है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय राजमार्ग ८बी

२०६ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग बामनबोर को पोरबंदर से जोड़ता है। इसका रूट बामनबोर - राजकोट – पोरबंदर है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय राजमार्ग ८सी

४६ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग चिलोड़ा को सरखेज से जोड़ता है। इसका रूट चिलोड़ा - गाँधीनगर – सरखेज है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय राजमार्ग ८ई

२२० किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग सोमनाथ को भावनगर से जोड़ता है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल

भारत में एनडीआरएफ की उपस्थिति राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और नागरिक सुरक्षा एक पुलिस बल है जिसका निर्माण डिज़ास्टर मैनेज़मेंट ऐक्ट २००५ के कानून के तहत किसी आपातकाल या आपदा के समय विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता के साथ संगठित हो कर प्रभावितों और हताहतों के भले के लिए काम करना है।: खंड 44-45   भारत में आपदा प्रबंधन की शीर्ष संस्था एनडीएमए यानि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एथॉरिटी है जिसका मुखिया प्रधानमंत्री होता है।  भारत के संघीय ढाँचे में आपदा प्रबंधन का जिम्मा राज्य सरकार के कंधे पर होता है। केंद्र में गृह मंत्रालय, भारत सरकार सभी राज्य इकाईयों में समन्वय का काम करती है। बेहद गंभीर आपदाओं में केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वो प्रभावित राज्य के आग्रह पर सैन्य बल, एनडीआरएफ़, वैज्ञानिक उपकरण, आर्थिक मदद, केंद्रीय पैरामिलिट्री बल व अन्य तमाम तरह की विशाल स्तर की मदद राज्य में भेजे। .

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राजदीप सरदेसाई

राजदीप सरदेसाई (राजदीप सरदेसाई) (जन्म 24 मई 1965) एक भारतीय पत्रकार, राजनीतिक टीकाकार एवं समाचार प्रस्तुतकर्ता हैं। .

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राजपुताना

राजस्थान पहले राजपुताना के रूप में जाना जाता था। 1909 का ब्रिटिशकालीन नक्शा मौजूदा राजस्थान के ज़िलों का मानचित्र राजपुताना जिसे रजवाड़ा भी कहा जाता है। राजपूतों की राजनीतिक सत्ता आयी तथा ब्रिटिशकाल में यह राजपुताना (राजपूतों का देश) नाम से जाने जाना लगा। इस प्रदेश का आधुनिक नाम राजस्थान है, जो उत्तर भारत के पश्चिमी भाग में अरावली की पहाड़ियों के दोनों ओर फैला हुआ है। इसका अधिकांश भाग मरुस्थल है। यहाँ वर्षा अत्यल्प और वह भी विभिन्न क्षेत्रों में असमान रूप से होती है। यह मुख्यत: वर्तमान राजस्थान राज्य की भूतपूर्व रियासतों का समूह है, जो भारत का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। .

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राजपूत

राजपूत उत्तर भारत का एक क्षत्रिय कुल माना जाता है।जो कि राजपुत्र का अपभ्रंश है। राजस्थान को ब्रिटिशकाल मे राजपूताना भी कहा गया है। पुराने समय में आर्य जाति में केवल चार वर्णों की व्यवस्था थी। राजपूत काल में प्राचीन वर्ण व्यवस्था समाप्त हो गयी थी तथा वर्ण के स्थान पर कई जातियाँ व उप जातियाँ बन गईं थीं। कवि चंदबरदाई के कथनानुसार राजपूतों की 36 जातियाँ थी। उस समय में क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत सूर्यवंश और चंद्रवंश के राजघरानों का बहुत विस्तार हुआ। .

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राजपीपला

राजपीपला गुजरात प्रान्त का एक शहर है। ईस शहरमें नर्मदा जिला का मुख्यालय है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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राजभवन (गुजरात)

राजभवन गाँधीनगर भारत के गुजरात राज्य के राज्यपाल का आधिकारिक आवास है। यह राज्य की राजधानी गाँधीनगर में स्थित है। ओम प्रकाश कोहली गुजरात के वर्तमान राज्यपाल हैं। .

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राजस्थली (अमरेली)

राजस्थली (રાજસ્થળી.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। राजस्थली गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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राजस्थान

राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .

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राजस्थान में जौहर और साके

जौहर का एक काल्पनिक दृश्य प्राचीन काल में राजस्थान में बहुत बार साके और कई बार जौहर हुए हैं। जौहर पुराने समय में भारत में राजपूत स्त्रियों द्वारा की Kaushik Roy (2012), Hinduism and the Ethics of Warfare in South Asia: From Antiquity to the Present, Cambridge University Press, ISBN-978-1107017368, pages 182-184जाने वाली क्रिया थी। जब युद्ध में हार निश्चित हो जाती थी तो पुरुष मृत्युपर्यन्त युद्ध हेतु तैयार होकर वीरगति प्राप्त करने निकल जाते थे तथा स्त्रियाँ जौहर कर लेती थीं अर्थात जौहर कुंड में आग लगाकर खुद भी उसमें कूद जाती थी। जौहर कर लेने का कारण युद्ध में हार होने पर शत्रु राजा द्वारा हरण किये जाने का भय होता था। .

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राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम

राजस्थान राज्य का सबसे बड़ा इंटरसिटी बस परिवहन राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम है इसका मुख्यालय जयपुर राजस्थान में हैं। .

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राजस्थानी भाषा और साहित्य

राजस्थानी आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं में से एक है, जिसका वास्तविक क्षेत्र वर्तमान राजस्थान प्रांत तक ही सीमित न होकर मध्यप्रदेश के कतिपय पूर्वी तथा दक्षिणी भाग में और पाकिस्तान के वहावलपुर जिले तथा दूसरे पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी सीमा प्रदेशों में भी है। .

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राजा धच

राजा धज या रोर कुमार या राय दियाच (सिन्धी भाषा: راجاراءِ ڏياچ‎), सिन्धु राज्य का एक व्यक्ति था जिसकी कथा सिन्ध में आज भी चाव से सुनी-सुनायी जाती है। उसने सोरठ नामक अत्यन्त सुन्दर स्त्री का हरण किया था। राजा धज की कथा आज भी हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और सिन्ध में बहुत प्रचलित हैं। यह अविस्मरणीय रोमांस एक वास्तविक इतिहास पर आधारित है जो सिंध में रोड़ी सख्खर की स्थापना से प्रचलित हैं। जो इस कहानी के नायक हैं। रोड़ी की स्थापना के बाद धज रोड़ कुमार ने रोड़ राजवंश की स्थापना की जिसने ४५० ई॰पू॰ सिंध पर अगले हज़ार वर्षों तक शासन किया। .

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राजा रवि वर्मा

राजा रवि वर्मा की कलाकृति- '''ग्वालिन''' राजा रवि वर्मा (१८४८ - १९०६) भारत के विख्यात चित्रकार थे। उन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता हिंदू महाकाव्यों और धर्मग्रन्थों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्‍तेमाल उनके चित्रों में दिखता हैं। वडोदरा (गुजरात) स्थित लक्ष्मीविलास महल के संग्रहालय में उनके चित्रों का बहुत बड़ा संग्रह है। .

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राजकोट

राजकोट(Rajkot) भारत के गुजरात प्रान्त का एक प्रमुख शहर है। राजकोट नगर गुजरात राज्य, भारत में स्थित है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की क्रीड़ास्थली राजकोट, कभी सौराष्ट्र की राजधानी रहा था। महात्मा गाँधी के पिता करमचंद गाँधी सौराष्ट्र के दीवान थे। यहीं से गाँधी जी ने अपना बचपन संवारा तथा अपनी जिन्दगी के प्रारम्भिक दिन राजकोट की गलियों में ही व्यतीत किये। गाँधी जी ने यहीं से हिन्दुस्तानियों व अंग्रेज़ों के रहन-सहन के अंतर को क़रीब से देखा। मोहनदास करमचंद गाँधी ने उच्च स्कूल तत्कालीन अलफ्रंट हाई स्कूल में अपनी शिक्षा ग्रहण की थी। गाँधीजी की इस नगरी में पर्यटकों के लिए काबा गाँधीना देलो (गाँधी जी का निवास स्थान) जिसमें आज बाल मन्दिर स्कूल चल रहा है, राजकुमारी उद्यान, जबूली उद्यान, वारसन संग्रहालय, रामकृष्ण आश्रम, लालपरी झील, अजी डेम, रंजीत विलास पैलेस, सरकारी दुग्ध डेरी आदि दर्शनीय स्थल हैं। राजकोट में मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय पतंग मेला बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करता है। .

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राजकोट लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

राजकोट लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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राजकोट जिला

राजकोट भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय राजकोट है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - 0281 जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

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राज्य पुनर्गठन आयोग

वर्ष १९५१ में भारत के प्रशासनिक प्रभाग भारत के स्वतंत्र होने के बाद भारत सरकार ने अंग्रेजी राज के दिनों के 'राज्यों' को भाषायी आधार पर पुनर्गठित करने के लिये राज्य पुनर्गठन आयोग (States Reorganisation Commission) की स्थापना की। 1950 के दशक में बने पहले राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश में राज्यों के बंटवारे का आधार भाषाई था। इसके पीछे तर्क दिया गया कि स्वतंत्रता आंदोलन में यह बात उठी थी कि जनतंत्र में प्रशासन को आम लोगों की भाषा में काम करना चाहिए, ताकि प्रशासन लोगों के नजदीक आ सके। .

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राजेन्द्रसिंहजी जड़ेजा

जनरल महाराज श्री राजेन्द्रसिंहजी, डीएसओ (15 जून 1899 – 1 जनवरी 1964), जिन्हें कुमार श्री राजेन्द्रसिंहजी और के॰एस॰ राजेन्द्रसिंहजी, भारतीय थलसेना के प्रथम थलसेनाध्यक्ष और फ़ील्ड मार्शल के एम करिअप्पा के बाद द्वितीय भारतीय थे जो भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर इन चीफ और भारतीय थलसेना प्रमुख बने। .

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राजेश चुडासमा

राजेश चुडासमा भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की जूनागढ़ सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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राजेश काव

राजेश काव (जन्म: १८ मार्च, १९७९ में गुजरात) एक भारतीय है आवाज अभिनेता, जो हिंदी बोलती है। वह सबसे अच्छा जाना जाता है होने के लिए, तीसरे स्थायी और फाइनल हिंदी डबिंग से अधिक आवाज आर्टिस्ट के लिए की भूमिका डैनियल रैडक्लिफ के रूप में हैरी पॉटर में पिछले तीन हैरी पॉटर फ़िल्मों, यह से पर पारित किया गया था के बाद अमी त्रिवेदी के भाई करण त्रिवेदी। .

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रावण हत्था

रावण हत्था एक भारतीय वाद्य यंत्र है। यह एक प्राचीन मुड़ा हुआ वायलिन है, जो भारत और श्रीलंका के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में लोकप्रिय है। यह एक प्राचीन भारतीय तानेवाला संगीत वाद्ययंत्र है जिस पर पश्चिमी वाद्य संगीत वाद्य जैसे वायलिन और वायला बाद में आधारित थे। .

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रावो

रावो एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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रिंगन नू ओलू

रिंगन नू ओलू एक गुजरात व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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रविन्द्र जडेजा

रविन्द्रसिन्ह अनिरुद्धसिन्ह जडेजा (जन्म 6 दिसम्बर 1988 नवागम-खेड़, सौराष्ट्र में) एक भारतीय क्रिकेटर हैं। वे प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सौराष्ट्र का और भारतीय प्रीमियर लीग में गुजरात लॉयन्स का प्रतिनिधित्व करते हैं वे 2008 में मलेशिया में विश्व कप की विजयी भारतीय U-19 क्रिकेट टीम का भी हिस्सा थे। जडेजा एक बाएं हाथ से खेलनेवाले मध्य क्रम के बल्लेबाज हैं और धीमी गति से बाएं हाथ के प्राचीन शैली के गेंदबाज हैं। .

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रविशङ्कर महाराज

रविशङ्कर महाराज गुजरात राज्य के खेडा जिले के समाजसेवी थे। उन्होंने वात्रक नदी के आसपास के गाँवो में लोगों का जीवन सुधारने का, डाकुओं को पुनः मुख्यधारा में लाने का, अन्धश्रद्धा निवारण आदि कार्य किये थे। रविशङ्कर महाराज ने भारत के स्वतन्त्रता सङ्ग्राम मे भाग लिया था। वे आर्य समाज से प्रभावित हुए थे। वो सन १९१५ मे महात्मा गांधी से मिले थे। .

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रवे

रवे एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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रंजनबेन भट्‌ट

रंजनबेन भट्‌ट भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की वडोदरा सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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रुद्र महालय

रुद्रमहालय (अर्थ: रुद्र का विशाल घर) गुजरात के पाटण जिले के सिद्धपुर में स्थित एक ध्वस्त मन्दिर परिसर है। इसका निर्माण ९४३ ई में मूलराज ने आरम्भ कराया था तथा ११४० ई में जयसिंह सिद्धराज ने इसे पूरा कराया। इस मन्दिर को पहले अलाउद्दीन खिलजी ने तोड़ा तथा बाद में अहमद शाह प्रथम ने। श्रेणी:भारत के प्राचीन मंदिर.

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रुद्रावतार

रुद्रावतार भगवान् शिव (रूद्र) के अवतारों को कहा जाता है। शास्त्र अनुसार महादेव के २८ अवतार हुए थे उनमें भी १० प्रमुख है । .

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रैबारी

रबारी, रैबारी राईका, गोपालक एव देसाई के नाम से जानेवाली  यह एक अति प्राचीन क्षत्रिय जाती है। जिसके मूल सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़े हुए हैं खेती और पशुपालन भारतीय लोगो का मुख्य व्यवसाय रहा है।  इस जाती के लोग भी इसी  व्यवसाई से जुड़े हुए लोग है।  रैबारी उत्तर भारत की एक प्रमुख एव प्राचीन जनजाति है।  इन्हें अहीर जाति के एक शाखा माना जाता है.

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रोहित शर्मा

रोहित गुरूनाथ शर्मा (Rohit Sharma) (जन्म: ३० अप्रैल १९८७) एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी है। इनका जन्म नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। रोहित मुख्य रूप से सलामी बल्लेबाज के रूप में जाने जाते हैं। रोहित टेस्ट क्रिकेट, वनडे और ट्वेन्टी-ट्वेन्टी के अलावा इंडियन प्रीमियर लीग में भी खेलते है इसके अतिरिक्त मुम्बई इंडियन्स टीम के कप्तान भी है। वर्तमान में वे भारतीय वनडे टीम के उप कप्तान भी है। उन्होंने अपने टेस्ट कैरियर की शुरुआत वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के खिलाफ ०९ नवम्बर २०१३ को कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर खेलकर की थी उस मैच में रोहित ने १७७ रनों की पारी खेली थी, उन्होंने १०८ वनडे मैचों के बाद टेस्ट मैच खेला था। जबकि एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर की शुरुआत २३ जून २००७ को आयरलैण्ड क्रिकेट टीम के खिलाफ की थी। इनके अलावा रोहित ने अपने ट्वेन्टी-ट्वेन्टी में अपना पहला मैच १९ सितम्बर २००७ को इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था। १३ नवम्बर २०१४ को कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर श्रीलंकाई टीम के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए २६४ रनों की पारी खेलकर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक मैच में सबसे ज्यादा रन अर्थात सर्वोच्च स्कोर बनाकर नया कीर्तिमान कायम किया है। रोहित शर्मा एक दिवसीय क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा दोहरे शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी है। इन्होंने वनडे में तीन दोहरे शतक लगाये है जो अभी तक किसी बल्लेबाज ने नहीं लगाए है। फ़ोर्ब्स इंडिया २०१५ के भारत के १०० शीर्ष प्रसिद्ध व्यक्तियों में शर्मा को ८वाँ स्थान मिला। महेंद्र सिंह धोनी और गौतम गंभीर के बाद अपनी टीम को आईपीएल खिताब दिलाने वाले तीसरे कप्तान हैं। .

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रीकडीया (अमरेली)

रीकडीया (રીકડીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। रीकडीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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लल्लू लाल

लल्लू लाल (१७६३ - १८३५) हिन्दी गद्य के चार प्रमुख स्तम्भों- (इंशा अल्ला खाँ, सदल मिश्र, मुंशी सदासुखलाल, लल्लू लाल) में से एक हैं। इनका लिखा हुआ ग्रंथ 'प्रेमसागर' है। लल्लू लाल का जन्म सन् १७६३ ई० में उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ। इनके पूर्वज गुजरात से आकर आगरा में बस गये थे। लल्लू लाल आजीविका के लिये अनेक शहरों में घूमते हुये अन्त में कलकत्ता पहुँचे। ये बहुत अच्छे तैराक थे। एक बार तैरते समय इन्होंने एक अँग्रेज को डूबने से बचाया था। बाद में उस अँग्रेज ने इनकी बहुत सहायता की। उसने इन्हें फोर्ट विलियम कालेज में हिन्दी पढ़ाने तथा हिन्दी ग्रंथों की रचना का कार्य दिलवाया। प्रेमसागर इनके द्वारा लिखी गई पुस्तक है जो कि प्रारम्भिक हिन्दी खड़ीबोली का नमूना है। १८३५ ई० में कलकत्ता में इनका निधन हो गया। .

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लाठी तहसील

लाठी भारत देश में गुजरात प्रान्त में सौराष्ट्र विस्तार में स्थित अमरेली जिले का एक शहर है और लाठी तहसील का मुख्यालय है। .

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लापालिया (अमरेली)

लापालिया (લાપાળિયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। लापालिया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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लापासरी

लापासरी भारत देश के गुजरात राज्य कें राजकोट जिला के राजकोट तालुकमें आया हुआ गाँव है। इस गाँव में क्षत्रिय राजपूत जाति के लोग ज्यादा रहते हैं। यहाँ क मुख्य रोजगार खेती है। इस गाँव में १ से ७ कक्षा तक पढने के लिए पाठशाला भी है। यह गाँव राजकोट शहर से केवल ६ किलोमीटर की दुरी पे पक्की सड़क से जुडा हुआ है। लापासरी गाँव में पीने और खेती के लिए पानी की भी अच्छी सुविधा है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के गाँव.

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लालावदर (अमरेली)

लालावदर (લાલાવદર.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। लालावदर गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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लालकृष्ण आडवाणी

लालकृष्ण आडवाणी, (जन्म: 8 नवम्बर 1927) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। भारतीय जनता पार्टी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में उनका योगदान सर्वोपरि कहा जा सकता है। वे कई बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। जनवरी २००८ में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एन डी ए) ने लोकसभा चुनावों को आडवाणी के नेतृत्व में लड़ने तथा जीत होने पर उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा की थी। भारतीय जनता पार्टी के जिन नामों को पूरी पार्टी को खड़ा करने और उसे राष्ट्रीय स्तर तक लाने का श्रेय जाता है उसमें सबसे आगे की पंक्ति का नाम है लालकृष्ण आडवाणी। लालकृष्ण आडवाणी कभी पार्टी के कर्णधार कहे गए, कभी लौह पुरुष और कभी पार्टी का असली चेहरा। कुल मिलाकर पार्टी के आजतक के इतिहास का अहम अध्याय हैं लालकृष्ण आडवाणी। .

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लास्या

लास्या गुजरात का परिद्ध लोक नृत्य है। श्रेणी:गुजरात के लोक नृत्य.

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लिसान उद-दावत

लिसान उद-दावत (لسان الدعوة, दावत की भाषा) गुजराती भाषा की एक उपभाषा है। यह भाषा मुख्यतः इस्माइली शिया बिरादरी के आलवी और तायबी बोहराओं द्वारा बोली जाती है। मानक गुजराती से भिन्न, लिसान उद-दावत में अरबी और फ़ारसी के शब्द ज़्यादा हैं और यह भाषा अरबी लिपि में लिखी जाती है। यह मूलतः अनुष्ठान हेतु प्रयुक्त भाषा है, लेकिन 1330 में वडोदरा से सईदना जिवाभाई फ़ख़रुद्दीन ने स्थानीय भाषा के रूप में इसका प्रचार किया था। .

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लिंगानुपात के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

यह सूची में भारत के राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों को 2011 की जनगणना में लिगांनुपात के अनुसार क्रमवार करती है। इसके साथ ही 2001 की जनगणना के आँकड़े भी दिए गए है। इस सूची में लिंगानुपात का अर्थ है प्रति एक हज़ार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या। इस सूची में पूरी जनसंख्या के लिए लिंगानुपात दिया गया है। .

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लखपत

लखपत कोरी क्रीक के मुहाने पर स्थित गुजरात राज्य के कच्छ जिले में एक कम आबादी वाला शहर और उप जिला है। शहर 7 कि.मी.

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लगनशाला स्ट्यू

लगनशाला स्ट्यू एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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लगानो सास

लगानो सास एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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लक्ष्मणराव इनामदार

लक्ष्मणराव इनामदार (१९१७ -- १९८४) गुजरात के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रारम्भिक नेताओं में से एक तथा सहकार भारती के संस्थापक थे। वे 'वकील साहब' नाम से अधिक प्रसिद्ध थे।.

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लक्ष्मी विलास महल

लक्ष्मीविलास महल लक्ष्मी विलास महल बड़ोदरा में स्थित है। महाराजा पैलेस वास्तव में बड़ोदरा, गुजरात, भारत में महलों की एक श्रृंखला को संदर्भित करता है, क्योंकि गायकवाड़ एक प्रसिद्ध मराठा परिवार है, बड़ोदरा राज्य पर शासन करना शुरू कर दिया। पहले एक सरकार की इमारत थी जिसे सरकार वाडा के रूप में जाना जाता था। पुरानी शास्त्रीय शैली में बनाया गया नज़ारबाग पैलेस के लिए यह इमारत वास्तव में एक महल नहीं थी। इसके बाद, लुक्शमी विलास पैलेस, इंडो-सरैसेनिक रिवाइवल आर्किटेक्चर की एक असाधारण इमारत, १८९० में जीपीबी १८०००० की लागत से महाराजा सयाजीराव गायकवाड ३ द्वारा निर्मित किया गया था। यह अब तक का सबसे बड़ा निजी आवास बिका हुआ है और बकिंघम पैलेस के आकार का चार गुना है। निर्माण के समय में यह सबसे आधुनिक सुविधाओं जैसे एलीवेटर और इंटीरियर को बड़े यूरोपीय देश के घर की याद दिलाती है। यह शाही परिवार का निवास है, जो बड़ौदा के निवासियों द्वारा उच्च सम्मान में आयोजित किया जाता है। .

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लूणी नदी

लूनी नदी भारत की एकमात्र अन्तर्वाही नदी हैं। यह नदी अरावली पर्वत के निकट आनासागर से उत्पन्न होकर दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में प्रवाहित होते हुए कच्छ के रन में जाकर मिलती है। .

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लेंटिना ओ ठक्कर

लेंटिना ओ ठक्कर नागालैण्ड की एक समाजसेविका हैं जिन्हें भारत सरकार ने २०१८ में उनके सामाजिक सेवा के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया। वे दशकों से पहाड़ियों में गांधी की विचारधारा का प्रसार कर रहीं हैं। वे नागालैण्ड में 'गांधीवादी दादी' के नाम से प्रसिद्ध हैं। 86 साल की लेंटिना ओ ठक्कर का चेहरा उनके संघर्ष की दास्तां बताने के लिए काफी है। नागा हिल्स जिले में मोकोकचुंग जिले के मरेंकोंग गांव में जन्मी लेंटिना शुरुआत से ही समाज से आगे रहीं। इसके साथ ही वह अपने गांव में सातवीं कक्षा तक पहुंचने वाली पहली लड़की थी। ये अपना गांव (चुचुइमलांग) की पहली महिला हैं, जिन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की। लेंटीना ए ठक्कर अभी 86 साल की है आैर ये स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नटवर ठक्कर की पत्नी है। वे एेसी पहली महिला है, जिन्होंने गांधीवादी विचारों से प्रभावित होकर 1950 में असम की राजधानी गुवाहाटी स्थित कस्तूरबा गांधी आश्रम से शिक्षा ली है। लेंटिना ने ना सिर्फ राज्य में गांधीवादी विचारधारा को जीवित रखने का काम किया है बल्कि समाज में महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए भी काम किया है। उनके द्वारा निर्मित आश्रम में महिलाओं को शिक्षित करने के साथ-साथ उन्हें पढाई और तकनीकी का भी ज्ञान प्रदान किया जाता है। टाटा समाज विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) ने लेंटिना द्वारा निर्मित आश्रम में शिक्षा केंद्र का स्थापित किया है जिसका उद्घाटन सन्स 2015 में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने किया था। यह संस्थान लोगों को सामाजिक उद्यमिता और मानव विकास में मास्टर डिग्री प्रदान करता है। श्रेणी:२०१८ में पद्मश्री से सम्मानित.

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लो कॉस्ट स्टैंडर्ड थेराप्यूटिक्स

लो कॉस्ट स्टैंडर्ड थेराप्यूटिक्स (Low Cost Standard Therapeutics / LOCOST) लाभ-निरपेक्ष सार्वजनिक धर्मार्थ न्यास (ट्रस्ट) है जो गुजरात के वडोदरा में पंजीकृत है। यह भारत के गावों एवं शहरों के गरीबों के लिये काम करने वाली संस्थाओं/लोगों के लिये आवश्यक दवायें बनाती है और उचित (कम) मूल्य पर उपलब्ध कराती है। इसकी स्थापना १९८३ में हुई थी। यह ६० से अधिक आवश्यक दवाएं ८० रूपों (द्रव, कैप्सूल, टैब्लेट) में बनाती है। इसकी अपनी ही निर्माण कम्पनी है। इसके अलावा यह दवा उपभोक्ताओं एवं चिकित्सकों को दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में शिक्षित भी करती है। यह जन सामान्य के लिये 'अपनु स्वास्थ्य' नामक एक मासिक पत्रिका भी निकालती है। इसके अलावा इसने 'ह्वेयर देयर इज नो डॉक्टर' (गुजराती में) तथा 'आम व्यक्ति के लिये औषधि' (एकलव्य के साथ मिलकर, हिन्दी में)नामक पुस्तकें भी प्रकाशित की हैं। यह संस्था राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर अच्छे औषधि नीति की वकालत भी करती है। इनके प्रयासों से कई हानिकारक और विसंगतिपूर्ण दवाओं के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबन्ध लगा है। .

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लोथल

लोथल लोथल (गुजराती: લોથલ), प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के शहरों में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण शहर है। लगभग 2400 ईसापूर्व पुराना यह शहर भारत के राज्य गुजरात के भाल क्षेत्र में स्थित है और इसकी खोज सन 1954 में हुई थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस शहर की खुदाई 13 फ़रवरी 1955 से लेकर 19 मई 1956 के मध्य की थी। लोथल, अहमदाबाद जिले के धोलका तालुका के गाँव सरागवाला के निकट स्थित है। अहमदाबाद-भावनगर रेलवे लाइन के स्टेशन लोथल भुरखी से यह दक्षिण पूर्व दिशा में 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लोथल अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर और धोलका शहरों से पक्की सड़क द्वारा जुड़ा है जिनमें से सबसे करीबी शहर धोलका और बगोदरा हैं। लोथल गोदी जो कि विश्व की प्राचीनतम ज्ञात गोदी है, सिंध में स्थित हड़प्पा के शहरों और सौराष्ट्र प्रायद्वीप के बीच बहने वाली साबरमती नदी की प्राचीन धारा के द्वारा शहर से जुड़ी थी, जो इन स्थानों के मध्य एक व्यापार मार्ग था। उस समय इसके आसपास का कच्छ का मरुस्थल, अरब सागर का एक हिस्सा था। प्राचीन समय में यह एक महत्वपूर्ण और संपन्न व्यापार केंद्र था जहाँ से मोती, जवाहरात और कीमती गहने पश्चिम एशिया और अफ्रीका के सुदूर कोनों तक भेजे जाते थे। मनकों को बनाने की तकनीक और उपकरणों का समुचित विकास हो चुका था और यहाँ का धातु विज्ञान पिछले 4000 साल से भी अधिक से समय की कसौटी पर खरा उतरा था। 1961 में भारतीय पुराततव सर्वेक्षण ने खुदाई का कार्य फिर से शुरु किया और टीले के पूर्वी और पश्चिमी पक्षों की खुदाई के दौरान उन वाहिकाओं और नालों को खोद निकाला जो नदी के द्वारा गोदी से जुड़े थे। प्रमुख खोजों में एक टीला, एक नगर, एक बाज़ार स्थल और एक गोदी शामिल है। उत्खनन स्थल के पास ही एक पुरात्तत्व संग्रहालय स्थित हैं जिसमें सिंधु घाटी से प्राप्त वस्तुएं प्रदर्शित की गयी हैं। .

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लोक सभा

लोक सभा, भारतीय संसद का निचला सदन है। भारतीय संसद का ऊपरी सदन राज्य सभा है। लोक सभा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर लोगों द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों से गठित होती है। भारतीय संविधान के अनुसार सदन में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 तक हो सकती है, जिसमें से 530 सदस्य विभिन्न राज्यों का और 20 सदस्य तक केन्द्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। सदन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने की स्थिति में भारत का राष्ट्रपति यदि चाहे तो आंग्ल-भारतीय समुदाय के दो प्रतिनिधियों को लोकसभा के लिए मनोनीत कर सकता है। लोकसभा की कार्यावधि 5 वर्ष है परंतु इसे समय से पूर्व भंग किया जा सकता है .

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लोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूची

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों को लोकसभा सीटों के आधार पर क्रमित करती है। इस सूची में निर्वाचन क्षेत्रों के प्रकार परिसीमन आदेश 2008 के आधार पर विभाजित हैं। .

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लोकगाथा

लोकगाथा या कथात्मक गीत, अंग्रेजी में 'बैलेड' (Ballad) शब्द से अभिहित हैं। इस की व्युत्पत्ति लैटिन के 'वेप्लेर' शब्द से है जिसका अर्थ है 'नृत्य करना'। कालांतर में इसका प्रयोग केवल लोकगाथाओं के लिए किया जाने लगा। अंग्रेजी साहित्यकार इसकी ओर अधिक आकृष्ट हुए और यह अंग्रेजी साहित्य का लोकप्रिय काव्यरूप ही बन गया। लोकगाथा की परिभाषा करते हुए विभिन्न विद्वानों ने भिन्न भिन्न विचार प्रकट किए हैं। किंतु परिभाषाओं में कुछ सर्वसामान्य तत्व विद्यमान हैं। इस विषय में कुछ प्रमुख विद्वानों के विचार ये हैं - जी.एन.

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लीलाधर वाघेला

लीलाधर वाघेला भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की पाटन सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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लीलवा नु भात

लीलवा नु भात एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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लीलीया

लीलीया भारत देश में गुजरात प्रान्त में सौराष्ट्र विस्तार में स्थित अमरेली जिले का महत्वपूर्ण तहसील है। लीलीया गाँव ये तहसील का मुख्यालय है। .

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शँभुपरा (अमरेली)

शँभुपरा (શંભુપરા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। शँभुपरा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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शबरी धाम

शबरी धाम दक्षिण-पश्चिम गुजरात के डांग जिले के आहवा से 33 किलोमीटर और सापुतारा से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर सुबीर गांव के पास स्थित है। माना जाता है कि शबरी धाम वही जगह है जहां शबरी और भगवान राम की मुलाकात हुई थी। शबरी धाम अब एक धार्मिक पर्यटन स्थल में परिवर्तित होता जा रहा है। यहां से कुछ ही किलोमाटर की दूरी पर पम्पा सरोवर है। ऐसा माना जाता है कि यह वही स्थान है जहां हनुमान की तरह शबरी ने भी स्नान किया था। घने जंगल को वही दण्डकारण्य माना जाता है जहां से 14 साल के वनवास के दौरान राम, लक्ष्मण और सीता गुजरे थे। यहाँ के जनजातीय लोगों की लोककथाएं भगवान राम, सीता और लक्ष्मण से भरी हुई हैं। रामायण के अनुसार शबरी ने भगवान राम को जंगली बेर खिलाए थे लेकिन इससे पहले उन्होंने इन बेरों को चखकर यह सुनिश्चित कर लिया था कि ये मीठे हैं या नहीं। यहां एक छोटी सी पहाड़ी पर एक छोटा सा मंदिर बना हुआ है और लोगों का मानना है कि शबरी यहीं रहती थीं। यहां मंदिर के आसपास छोटे-छोटे बेर के पेड़ दिखते हैं। मंदिर में रामायण से जुड़ी और खासतौर पर रामायण के शबरी प्रसंग से जुड़ी तस्वीरें बनी हुई हैं। यहां 'शबरी कुम्भ' आयोजित होत है। .

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शमाप्रसाद रूपशंकर वसवदा

शमाप्रसाद रूपशंकर वसवदा को समाज सेवा के क्षेत्र में सन १९६८ में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये गुजरात राज्य से हैं। श्रेणी:१९६८ पद्म भूषण.

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शहरी भूमि सीलिंग अधिनियम

शहरी भूमि सीलिंग अधिनियम भारत में १९७६ में पारित किया गया था। यह अधिनियम शहरी विकास पर एक बड़ी बाधा है, अतः कई राज्यों ने इसे हटा दिया है, जैसे कि गुजरात और महाराष्ट्र| हालांकि, वहाँ अभी भी भवनों के लिए भूमि की निकासी के लिए आवश्यक प्रक्रिया में काफी भ्रम की स्थिति है, क्योंकि कानून के निरस्त होने का जमीनी तोर पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। महाराष्ट्र सरकार ने आम लोगों के लिए कम लागत के आवास उपलब्ध कराने के लिए इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत जमीन के बड़े हिस्सों को खरीदा है। निरस्त की पूर्व शर्त के अनुसार राज्य सरकारों को जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत अनुदान करना था, जिसका इस्तेमाल प्रमुख बुनियादी विकास परियोजनाओं के लिए होगा। श्रेणी:भारत के प्रमुख अधिनियम.

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शारदा मुखर्जी

शारदा मुखर्जी (जन्म 24 फ़रवरी 1919)) आंध्र प्रदेश और गुजरात की राज्यपाल रह चुकी हैं। .

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शाह ई आलम

शाह ई आलम मुगल काल के दौरान अहमदाबाद, गुजरात, भारत में रहने वाले एक प्रमुख मुस्लिम धार्मिक शिक्षक थे। .

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शिवानी

शिवानी हिन्दी की एक प्रसिद्ध उपन्यासकार थीं। इनका वास्तविक नाम गौरा पन्त था किन्तु ये शिवानी नाम से लेखन करती थीं। इनका जन्म १७ अक्टूबर १९२३ को विजयदशमी के दिन राजकोट, गुजरात मे हुआ था। इनकी शिक्षा शन्तिनिकेतन में हुई! साठ और सत्तर के दशक में, इनकी लिखी कहानियां और उपन्यास हिन्दी पाठकों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हुए और आज भी लोग उन्हें बहुत चाव से पढ़ते हैं। शिवानी का निधन 2003 ई० मे हुआ। उनकी लिखी कृतियों मे कृष्णकली, भैरवी,आमादेर शन्तिनिकेतन,विषकन्या चौदह फेरे आदि प्रमुख हैं। हिंदी साहित्य जगत में शिवानी एक ऐसी श्ख्सियत रहीं जिनकी हिंदी, संस्कृत, गुजराती, बंगाली, उर्दू तथा अंग्रेजी पर अच्छी पकड रही और जो अपनी कृतियों में उत्तर भारत के कुमाऊं क्षेत्र के आसपास की लोक संस्कृति की झलक दिखलाने और किरदारों के बेमिसाल चरित्र चित्रण करने के लिए जानी गई। महज 12 वर्ष की उम्र में पहली कहानी प्रकाशित होने से लेकर 21 मार्च 2003 को उनके निधन तक उनका लेखन निरंतर जारी रहा। उनकी अधिकतर कहानियां और उपन्यास नारी प्रधान रहे। इसमें उन्होंने नायिका के सौंदर्य और उसके चरित्र का वर्णन बडे दिलचस्प अंदाज में किया कहानी के क्षेत्र में पाठकों और लेखकों की रुचि निर्मित करने तथा कहानी को केंद्रीय विधा के रूप में विकसित करने का श्रेय शिवानी को जाता है।वह कुछ इस तरह लिखती थीं कि लोगों की उसे पढने को लेकर जिज्ञासा पैदा होती थी। उनकी भाषा शैली कुछ-कुछ महादेवी वर्मा जैसी रही पर उनके लेखन में एक लोकप्रिय किस्म का मसविदा था। उनकी कृतियों से यह झलकता है कि उन्होंने अपने समय के यथार्थ को बदलने की कोशिश नहीं की।शिवानी की कृतियों में चरित्र चित्रण में एक तरह का आवेग दिखाई देता है। वह चरित्र को शब्दों में कुछ इस तरह पिरोकर पेश करती थीं जैसे पाठकों की आंखों के सामने राजारवि वर्मा का कोई खूबसूरत चित्र तैर जाए। उन्होंने संस्कृत निष्ठ हिंदी का इस्तेमाल किया। जब शिवानी का उपन्यास कृष्णकली में प्रकाशित हो रहा था तो हर जगह इसकी चर्चा होती थी। मैंने उनके जैसी भाषा शैली और किसी की लेखनी में नहीं देखी। उनके उपन्यास ऐसे हैं जिन्हें पढकर यह एहसास होता था कि वे खत्म ही न हों। उपन्यास का कोई भी अंश उसकी कहानी में पूरी तरह डुबो देता था। भारतवर्ष के हिंदी साहित्य के इतिहास का बहुत प्यारा पन्ना थीं। अपने समकालीन साहित्यकारों की तुलना में वह काफी सहज और सादगी से भरी थीं। उनका साहित्य के क्षेत्र में योगदान बडा है परिचय जन्म: 17 अक्टूबर 1923, राजकोट (गुजरात) भाषा: हिंदी विधाएँ: उपन्यास, कहानी, संस्मरण, यात्रा वृत्तांत, आत्मकथा मुख्य कृतियाँ उपन्यास: कृष्णकली, कालिंदी, अतिथि, पूतों वाली, चल खुसरों घर आपने, श्मशान चंपा, मायापुरी, कैंजा, गेंदा, भैरवी, स्वयंसिद्धा, विषकन्या, रति विलाप, आकाश कहानी संग्रह: शिवानी की श्रेष्ठ कहानियाँ, शिवानी की मशहूर कहानियाँ, झरोखा, मृण्माला की हँसी संस्मरण: अमादेर शांति निकेतन, समृति कलश, वातायन, जालक यात्रा वृतांत: चरैवैति, यात्रिक आत्मकथा: सुनहुँ तात यह अमर कहानी .

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शक

सरमतिया मध्य एशिया का भौतिक मानचित्र, पश्चिमोत्तर में कॉकस से लेकर पूर्वोत्तर में मंगोलिया तक स्किथियों के सोने के अवशेष, बैक्ट्रिया की तिलिया तेपे पुरातन-स्थल से ३०० ईसापूर्व में मध्य एशिया के पज़ियरिक क्षेत्र से शक (स्किथी) घुड़सवार शक प्राचीन मध्य एशिया में रहने वाली स्किथी लोगों की एक जनजाति या जनजातियों का समूह था। इनकी सही नस्ल की पहचान करना कठिन रहा है क्योंकि प्राचीन भारतीय, ईरानी, यूनानी और चीनी स्रोत इनका अलग-अलग विवरण देते हैं। फिर भी अधिकतर इतिहासकार मानते हैं कि 'सभी शक स्किथी थे, लेकिन सभी स्किथी शक नहीं थे', यानि 'शक' स्किथी समुदाय के अन्दर के कुछ हिस्सों का जाति नाम था। स्किथी विश्व के भाग होने के नाते शक एक प्राचीन ईरानी भाषा-परिवार की बोली बोलते थे और इनका अन्य स्किथी-सरमती लोगों से सम्बन्ध था। शकों का भारत के इतिहास पर गहरा असर रहा है क्योंकि यह युएझ़ी लोगों के दबाव से भारतीय उपमहाद्वीप में घुस आये और उन्होंने यहाँ एक बड़ा साम्राज्य बनाया। आधुनिक भारतीय राष्ट्रीय कैलंडर 'शक संवत' कहलाता है। बहुत से इतिहासकार इनके दक्षिण एशियाई साम्राज्य को 'शकास्तान' कहने लगे हैं, जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, सिंध, ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा और अफ़्ग़ानिस्तान शामिल थे।, Vesta Sarkhosh Curtis, Sarah Stewart, I.B.Tauris, 2007, ISBN 978-1-84511-406-0,...

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श्यामजी कृष्ण वर्मा

Nizil Shah) श्यामजी कृष्ण वर्मा (जन्म: 4 अक्टूबर 1857 - मृत्यु: 30 मार्च 1930) क्रान्तिकारी गतिविधियों के माध्यम से भारत की आजादी के संकल्प को गतिशील करने वाले अध्यवसायी एवं कई क्रान्तिकारियों के प्रेरणास्रोत थे। वे पहले भारतीय थे, जिन्हें ऑक्सफोर्ड से एम॰ए॰ और बार-ऐट-ला की उपाधियाँ मिलीं थीं। पुणे में दिये गये उनके संस्कृत के भाषण से प्रभावित होकर मोनियर विलियम्स ने वर्माजी को ऑक्सफोर्ड में संस्कृत का सहायक प्रोफेसर बना दिया था। उन्होंने लन्दन में इण्डिया हाउस की स्थापना की जो इंग्लैण्ड जाकर पढ़ने वाले छात्रों के परस्पर मिलन एवं विविध विचार-विमर्श का एक प्रमुख केन्द्र था। .

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श्री तरंग तीर्थ

श्री तरंग तीर्थ या तरंगा मंदिरश्री तरंग तीर्थ नामक इस जैन मंदिर का निर्माण १९२१ में गुजरात के शासक कुमारपाल ने करवाया था। यह कुछ तीर्थों में से एक है जहां श्वेतांबर और दिगंबर दोनों की यात्रा है। अपने शिक्षक आचार्य हेमचंद्र की सलाह के तहत, चोलुक्य राजा कुमारपाल ने ११२१ में सबसे पुराने मंदिर का निर्माण किया था। अजितनाथ का २.७५ मीटर संगमरमर की मूर्ति केंद्रीय मूर्ति है। श्वेतांबर परिसर में सभी १४ मंदिर हैं। लेकिन तारांगा पहाड़ी में पांच अन्य दिगंबर संबद्ध मंदिर भी हैं। जगह ऐतिहासिक रूप से बौद्ध धर्म के साथ भी जुड़ी हुई थी। यह जगह प्राचीन काल में तवतूर, तारावार नगर, तरंगिरी और तरनगढ़ आदि के रूप में भी जाना जाता था। आचार्य श्री सोमप्रभू श्रृद्ध ने "कुमारपाल प्रतिबोध" नामक एक पवित्र पुस्तक लिखी। उन्होंने श्री बप्पपुराचार्य की सलाह के अनुसार जैन धर्म को स्वीकार करने के बाद वीएनएस (प्रथम) के ६ वें शताब्दी के दौरान राजा वत्सराय के इस शासक के शासक द्वारा श्रीशक्तिधिष्ठ्री श्री सिध्ददैयिका देवी के मंदिर की स्थापना के बारे में बताया था। दोनों श्वेतांबर और दिगंबर के लिए धर्मशाला, भोजांशाल सुविधाओं के साथ उपलब्ध हैं। श्रेणी:मन्दिर .

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श्री नाथजीदादा की जग्या - दाणीधार

श्रेणी:हिन्दू धर्म.

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श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय

श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय (શ્રી સોમનાથ સંસ્કૃત વિશ્વવિદ્યાલય, Shree Somnath Sanskrit University) गुजरातराज्य के सौराष्ट्र विभाग में गीर-सोमनाथ जीले में स्थित एक विश्वविद्यालय है। वो गुजरात राज्य का एकमात्र संस्कृत विश्वविद्यालय है। “पूर्णता गौरवाय” ये विश्वविद्यालस्य का ध्येयसूत्र है। इस विश्वविद्यालय का व्याप सम्पूर्ण गुजरातराज्य में है। अतः वह सम्पूर्ण राज्य में कहीं भी संशोधन केन्द्र और शैक्षणिक केन्द्र का प्रस्थपन कर सकता है। सम्पूर्ण राज्य में पैंतीस से अधिक (३५+) महाविद्यालय इस विश्वविद्याल के अंगभूत हैं। .

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श्रीपाद दामोदर सतवलेकर

वेदमूर्ति श्रीपाद दामोदर सातवलेकर (19 सितंबर 1867 - 31 जुलाई 1968) वेदों का गहन अध्ययन करनेवाले शीर्षस्थ विद्वान् थे। उन्हें 'साहित्य एवं शिक्षा' के क्षेत्र में सन् 1968 में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। .

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श्रीमद राजचन्द्र

श्रीमद राजचन्द्र, जन्म रायचन्दभाई रावजीभाई मेहता, एक जैन कवि, दार्शनिक और विद्वान थे। उन्हें मुख्यतः उनके जैनधर्म शिक्षण और महात्मा गांधी के आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में जाना जाता है। .

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श्रीलंका क्रिकेट टीम का भारत दौरा 2014-15

वेतन विवाद के कारण वेस्ट इंडीज के भारत दौरे के परित्याग होने के बाद श्रीलंका क्रिकेट टीम ने भारत को 30 अक्टूबर से 16 नवंबर 2014 तक पांच वनडे के लिए खेले। भारत ने एकदिवसीय श्रृंखला में 5-0 से सीरीज जीती और अपने चौथे व्हॉइट वाश से हराया। यह श्रीलंका के पहले 0-5 से हार गया है। चौथे एकदिवसीय मैच में, भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा ने 264 रन बनाकर एक वनडे में सर्वाधिक स्कोर के लिए एक नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने इस पारी में 33 चौके लगाए जो एक विश्व रिकॉर्ड भी है। .

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श्रीखंड

श्रीखंड एक भारतीय मिठाई है जिसे टंगी हुई दही और चीनी से बनाया जाता है। यह मुख्यत: गुजरात और महाराष्ट्र में लोकप्रिय है और इन दोनों राज्यों के प्रमुख मिष्ठानों में से एक है। .

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शेडुभार (अमरेली)

शेडुभार (શેડુભાર.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। शेडुभार गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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शेफाली ज़ारीवाला

शेफाली जरिवाला (जन्म २४ नवंबर १९८२) एक भारतीय अभिनेत्री है, जो कई अंग्रेजी और हिंदी संगीत वीडियो और बॉलीवुड फिल्मों में प्रदर्शित हुई है। वह २००२ के म्यूजिक वीडियो कांता लागा में दिखाई दी, जिसके बाद वह "थोंग लड़की" के नाम से जाने लगीं। वह २००४ में एक बॉलीवुड फिल्म 'मुझसे शादी करोगी' में अभिनय किया था। फिर वह नृत्य रिएलिटी शो नच बलिए ५ में अपने प्रेमी के साथ दिखाई दीं। .

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शेव्रोले

शेव्रोले, प्रचलित छोटे रूप मे जिसे शेवी और औपचारिक रूप में जनरल मोटर्स कंपनी की शेव्रोले डिविज़न भी कहा जाता है, एक उत्पादक कंपनी जनरल मोटर्स (GM) की एक अमरीकी मोटर-गाड़ी उत्पादक एवं सेवा प्रदाता कंपनी है। लुई शेव्रोले एवं जनरल मोटर्स कंपनी के एक बेदखल संस्थापक विलियम सी डुरैंट ने इस कंपनी को ३ नवंबर, १९११ को शेव्रोले मोटर-कार कंपनी के रूप में आरम्भ किया था। डुरैंट ने शेव्रोले मोटर-कार कंपनी को जनरल मोटर्स में नियंत्रण भागीदारी प्राप्त करने हेतु किया था। ऐसा २ मई, १९१८ में उलट विलय होने पर जनरल मोटर के अध्यक्ष पर उनके पुनरासीन होने पर संभव हुआ था। डुरैंट की १९१९ में दोबारा बेदखली होने पर, अल्फ़्रेड स्लोआन ने स्थान लिया जिसने अपने अभियान (मैक्सिम) "a car for every purse and purpose," द्वारा जनरल मोटर्स कंपनी में शेव्रोले ब्राण्ड को वॉल्युम लीडर बनाया। इसके लिये उन्होंने मुख्यधार के वाहनों को हेनरॊ फ़ोर्ड के १९१९ में मॉडल टी से स्पर्धा कर उसे संयुक्त राज्य की १९२९ की सर्वाधिक बिकने वाली कार के स्तर तक पहुंचाया। शेव्रोले ब्राण्ड के वाहन विश्व भर में अधिकांश वाहन बाजारों में क्रय-विक्रय किये जाते हैं। इसका अपवाद ओशनिया क्षेत्र है, जहां जी.एम का प्रतिनिदित्व उनकी सहायक होल्डन कंपनी करती है। वर्ष २००५ में शेव्रोले का यूरोप में पुनरागमन हुआ, जब ये दक्षिण कोरिया की जी.एम दाएवू के द्वारा वाहन व्यापार में संलग्न हुए। तब इनकी टैगलाइन रही "Daewoo has grown up enough to become Chevrolet" (अर्थात दाएवू शेव्रोले बनने लायक बड़ी हो गई है)। यह प्रयास जी.एम द्वारा शेव्रोले को वैश्विक ब्राण्ड बनाने हेतु किय गया था। शेव्रोले यूरोप के पुनरागमन के पीछे जी.एम का उद्देश्य शेव्रोले को मुख्यधारा वैल्यु ब्राण्ड बनाना था, जब्कि जी.एम के पुराने यूरोपीय ब्राण्ड वाहक जर्मनी के ओपल एवं इंग्लैण्ड के वॉक्सहॉल को बाजार में अलग स्थान मिला। हालांकि २०१३ के अंत तक जी.एम ने अपनी एस ब्राण्ड को यूरोप से वापस ले लिया, सिवाय कैमारो और कॉर्वेट्ट के जो २०१६ तक जारी रहेंगे। राष्ट्रमण्डल मुक्त देशों एवं रूस में शेव्रोले वाहनों की बिक्री जारी रहेगी।२०११ में जी.एम के दाएवू को पूर्णतया अधिकृत कर लेने के बाद उसे जी.एम कोरिया बना दिया गया। दाएवू की अंतिम गाड़ी दक्शःइण कोरिया में बंद कर दी गई और उसके उत्तराधिकारी अब शेव्रोले बन गए। उत्तरी अमेरिका में, शेव्रोले वृहत संख्या एवं विविधता में वाहन व्यापार करता है, जिसमें सम-कॉम्पैक्ट मोटरगाड़ियों से लेकर मध्यम-भार क्षमता वाले व्यापारिक ट्रक तक आते हैं। शेव्रोले के प्रसिद्धि आदि के कारण इसे संसार भर में शेव्रोले, शेवी या शेव पर्यायों से भी बोला जाता है। .

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सचिन–जिगर

सचिन–जिगर (पूर्ण नाम;सचिन सांघवी और जिगर सरैया) एक भारतीय जोड़ी गायक,संगीत निर्देशक,व्यवसायी और रिकॉर्ड निर्देशक है जो बॉलीवुड तथा गुजराती सिनेमा में कार्य करते हैं। सचिन का जन्म १४ जून १९८० में हुआ था जबकि जिगर का जन्म १२ अप्रैल १९८५ में हुआ था। इन्हें बचपन से ही संगीत से लगाव था। .

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सणोसरा (अमरेली)

सणोसरा (સણોસરા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। सणोसरा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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सफेद दाग

सफेद दाग के रोगी के हाथ सफेद दाग (Leukoderma / ल्यूकोडर्मा) एक त्‍वचा रोग है। इस रोग से ग्रसि‍त लोगों के बदन पर अलग-अलग स्‍थानों पर अलग-अलग आकार के सफेद दाग आ जाते हैं। वि‍श्‍व में एक से दो प्रति‍शत लोग इस रोग से प्रभावि‍त हैं, लेकि‍न भारत में इस रोग के शि‍कार लोगों का प्रति‍शत चार से पांच है। राजस्‍थान और गुजरात के कुछ भागों में पांच से आठ प्रति‍शत लोग इस रोग से ग्रस्‍त हैं। शरीर पर सफेद दाग आ जाने को लोग एक कलंक के रूप में देखने लगते हैं और कुछ लोग भ्रम-वश इसे कुष्‍ठ रोग मान बैठते हैं। इस रोग से प्रभावि‍त लोग ज्‍यादातर हताशा में रहते हैं और उन्‍हें लगता है कि ‍समाज ने उन्‍हें बहि‍ष्‍कृत कि‍या हुआ है। इस रोग के एलोपैथी और अन्‍य चि‍कि‍त्‍सा-पद्धति‍यों में इलाज हैं। शल्‍यचि‍कि‍त्‍सा से भी इसका इलाज कि‍या जाता है, लेकि‍न ये सभी इलाज इस रोग को पूरी तरह ठीक करने के लि‍ए संतोषजनक नहीं हैं। इसके अलावा इन चि‍कि‍त्‍सा-पद्धति‍यों से इलाज बहुत महंगा है और उतना कारगर भी नहीं है। रोगि‍यों को इलाज के दौरान फफोले और जलन पैदा होती है। इस कारण बहुत से रोगी इलाज बीच में ही छोड़ देते हैं। डि‍बेर के वैज्ञानि‍कों ने इस रोग के कारणों पर ध्‍यान केंद्रि‍त कि‍या है और हि‍मालय की जड़ी-बूटि‍यों पर व्‍यापक वैज्ञानि‍क अनुसंधान करके एक समग्र सूत्र तैयार कि‍या है। इसके परि‍णामस्‍वरूप एक सुरक्षि‍त और कारगर उत्‍पाद ल्‍यूकोस्‍कि‍न वि‍कसि‍त कि‍या जा सका है। इलाज की दृष्‍टि‍से ल्‍यूकोस्‍कि‍न बहुत प्रभावी है और यह शरीर के प्रभावि‍त स्‍थान पर त्‍वचा के रंग को सामान्‍य बना देता है। इससे रोगी का मानसि‍क तनाव समाप्‍त हो जाता है और उसके अंदर आत्‍मवि‍श्‍वास बढ़ जाता है। .

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सबसे सघन आबादी वाले शहर

FE-India-Map-2014.jpg भारत के घनी आबादी वाले शहरों भारत के सबसे घनी आबादी वाले शहरों की सूची .

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समुद्री राष्ट्रीय उद्यान, कच्छ की खाड़ी

समुद्री राष्ट्रीय उद्यान, कच्छ की खाड़ी भारत के गुजरात राज्य में स्थित भारत का सर्वप्रथम समुद्री राष्ट्रीय उद्यान है जो १९८२ में स्थापित किया गया था। श्रेणी:राष्ट्रीय उद्यान, भारत श्रेणी:भारत के अभयारण्य श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय उद्यान.

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सम्माँ राजवंश

सम्माँ राजवंश (सिन्धी:, सम्मन जो राज) या सम्मा राजवंश (अंग्रेज़ी: Samma Dynasty) 1335 ईसवी से 1520 ईसवी काल में सिंध तथा बलोचिस्तान व पंजाब के कुछ हिस्सों में राज करने वाला एक राजपूत वंश था। उनकी राजधानी ठठ्ठा शहर था। वे स्वयं को श्रीकृष्ण का वंशज बताते थे। इस वंश की स्थापना जाम उनड़​ (Jam Unar) ने करी जो श्रीकृष्ण के बाद की 95वीं पीढ़ी के थे। बाद में इन राजाओं ने इस्लाम में धर्म-परिवर्तन कर लिया। उन्होंने सिंध में कुछ महान पुरातन-स्थल छोड़े हैं जिनमें ठठ्ठा का शाही समाधि-क्षेत्र शामिल है। इस राजवंश के बाद सिंध में अरग़ून​ राजवंश का क़ब्ज़ा हो गया।, James Tod, pp.

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सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी

सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी भारत में ट्वेंटी-20 क्रिकेट घरेलू चैंपियनशिप, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा आयोजित रणजी ट्रॉफी से टीमों के बीच था। 2008-09 सत्र में इस ट्रॉफी के लिए उद्घाटन सत्र था। यह एक प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेटर के नाम पर है, सय्यद मुश्ताक अली। जून 2016 में बीसीसीआई ने घोषणा की है कि चैम्पियनशिप खत्म कर दिया है और एक जोनल आधारित प्रतियोगिता के साथ प्रतिस्थापित किया जाएगा। .

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सरँभडा (अमरेली)

सरँभडा (સરંભડા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। सरँभडा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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सरदार पटेल विश्वविद्यालय

सरदार पटेल विश्वविद्यालय भारत के गुजरात राज्य में स्थित विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना १९५५ में की गयी थी। .

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सरदार सरोवर परियोजना

सरदार सरोवर बांध सरदार सरोवर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। यह नर्मदा नदी पर बना 800 मीटर ऊँचा है। नर्मदा नदी पर बनने वाले 30 बांधों में सरदार सरोवर और महेश्वर दो सबसे बड़ी बांध परियोजनाएं हैं और इनका लगातार विरोध होता रहा है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाक़ों में पानी पहुंचाना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना है लेकिन ये परियोजनाएं अपनी अनुमानित लागत से काफ़ी ऊपर चली गई हैं। .

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सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम, वलसाड

सरदार पटेल स्टेडियम, गुजरात के वलसाड में स्थित एक क्रिकेट स्टेडियम है, जो की गुजरात क्रिकेट टीम के गृह-मैदानों में से एक है। इसे रन्जी ट्रॉफी जैसे घरेलु प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए अक्सर इस्तेमाल किया जाता है। बलसर ज़िला क्रिकेट एसोसिएशन इसका मालिक है, जो गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अंतर्गत है। इसे वर्त्तमान स्थिति अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए उपयोग नहीं किया जाता है। .

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सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम, अहमदाबाद

सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम, अहमदाबाद, गुजरात राज्य, के नवरंगपुर इलाके में स्थित एक खेल स्टेडियम है। इसे स्पोर्ट्स क्लब ऑफ़ गुजरात स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है। इस स्टेडियम को भारत में खेल गया सबसे पहला वनडे इंटरनैशनल क्रिकेट मैच की मेज़बानी करने का गौरव प्राप्त है। इस स्तदुम ने कई अंतर्राष्ट्रीय एवं घरेलु क्रिकेट मैचों की मेज़बानी की है। १९८२ में, मोंटेरा में इस्सी नाम के नए स्टेडियम के उद्घाटन के बाद से इससे अब किस्सी भी अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए नहीं उपयोग किया जाता है। यह स्टेडियम, रंजी ट्राफी की गुजरात क्रिकेट टीम की गृहभूमिओं में से एक है। इसमें, डे-नाईट मैचों के लिए, फ्लड लाइट जैसे सुविधाएं भी विद्यमान हैं, और घरेलु प्रतियोगिताएं यहाँ आये दिन आयोजित होती रहती हैं। अहमदाबाद नगर निगम इस खेल भूमि की अधिष्ठाता है। हालाँकि यह मुख्यतः क्रिकेट स्तदुम है, परंतु गुजरात सरकार द्वारा आयोजित अन्य कई कार्यक्रम यहाँ आयोजित किये जाते रहे हैं। .

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सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

सरदार वल्लभ भाई पटेल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र भारत का आठवां व्यस्ततम विमानक्षेत्र है जहां से प्रतिदिन औसत २५० विमान आवागमन करते हैं। यह विमानक्षेत्र भारत के गुजरात राज्य के दो प्रमुख शहरों – अहमदाबाद एवं राजधानी गांधीनगर को सेवा देता है। विमानक्षेत्र अहमदाबाद रेलवे स्टेशन से लगभग दूर स्थित है। इसका नाम राज्य और भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर रखा हुआ है। विमानक्षेत्र क्षेत्र में फ़ैला विस्तृत है और इसकी उड़ानपट्टी लंबाई की है। अहमदाबाद विमानक्षेत्र अहमदाबाद में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VAAH और IATA कोड है AMD। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित हाँ है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक हाँ है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 9000 फी.

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सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत

सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत जिसे 'एन आई टी सूरत' के नाम से भी जाना जाता है, प्रौद्योगिकी एवम अभियांत्रिकी का राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। यह भारत के लगभग तीस राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एन आई टी) में से एक है। इसे भारत सरकार ने १९६१ में स्थापित किया था। इसकी संगठनात्मक संरचना एवम स्नातक प्रवेश प्रक्रिया शेष सभी एन आई टी की तरह ही है। संस्थान में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, विज्ञान मानविकी और प्रबंधन में स्नातक, पूर्व स्नातक एवम डॉक्टरेट के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। .

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सरस्वती नदी

सरस्वती एक पौराणिक नदी जिसकी चर्चा वेदों में भी है। ऋग्वेद (२ ४१ १६-१८) में सरस्वती का अन्नवती तथा उदकवती के रूप में वर्णन आया है। यह नदी सर्वदा जल से भरी रहती थी और इसके किनारे अन्न की प्रचुर उत्पत्ति होती थी। कहते हैं, यह नदी पंजाब में सिरमूरराज्य के पर्वतीय भाग से निकलकर अंबाला तथा कुरुक्षेत्र होती हुई कर्नाल जिला और पटियाला राज्य में प्रविष्ट होकर सिरसा जिले की दृशद्वती (कांगार) नदी में मिल गई थी। प्राचीन काल में इस सम्मिलित नदी ने राजपूताना के अनेक स्थलों को जलसिक्त कर दिया था। यह भी कहा जाता है कि प्रयाग के निकट तक आकार यह गंगा तथा यमुना में मिलकर त्रिवेणी बन गई थी। कालांतर में यह इन सब स्थानों से तिरोहित हो गई, फिर भी लोगों की धारणा है कि प्रयाग में वह अब भी अंत:सलिला होकर बहती है। मनुसंहिता से स्पष्ट है कि सरस्वती और दृषद्वती के बीच का भूभाग ही ब्रह्मावर्त कहलाता था। .

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सरस्वतीचन्द्र (उपन्यास)

सरस्वतीचन्द्र गोवर्धनराम माधवराम त्रिपाठी द्वारा रचित एक प्रसिद्ध गुजराती उपन्यास है। जो 19 वीं सदी की पृष्ठभूमि में लिखा गया है। ये उपन्यास गुजरात में अत्यंत लोकप्रिय है। ये उपन्यास 15 साल की अवधि में लिखा गया था और १९८७ से १९०२ तक चार भाग में प्रसिद्ध हुआ था। 1968 में जारी हिंदी फिल्म सरस्वतीचंद्र ये उपन्यास पर आधारित थी। उपन्यास की कहानी दो गुजराती ब्राह्मण परिवारों पर आधारित है। लक्ष्मीनंदन का परिवार बंबई में बसा है, उनका भरा पूरा व्यापार है और वे बहुत अमीर है। सरस्वतीचंद्र लक्ष्मीनंदन और चंद्रलक्ष्मी के पुत्र हैं। वह अत्यंत विद्वान हैं जो योग्यता से एक बैरिस्टर है और संस्कृत और अंग्रेज़ी साहित्य के ज्ञाता हैं। वे अपने पिता के व्यवसाय में सफलतापूर्वक योगदान दे रहे हैं। उनका भविष्य उज्ज्वल है। दूसरा परिवार, विद्याचतुर का है, जो रत्नानगरी के (काल्पनिक) साम्राज्य के राजा मणिराज की अदालत के विद्वान प्रधान मंत्री हैं। उन्हें और उनकी गुणवती पत्नी गुणसुंदरी की दो बेटियां हैं, कुमुदसंदरी (बड़ी) और कुसुमसुंदरी। सरस्वतीचंद्र की मां का देहावसान होता है, और लक्ष्मीनंदन दुबारा विवाह करते हैं। सौतेली माँ गुमान अत्यंत धूर्त महिला है और वह अपने सौतेले पुत्र को नापसंद करती हैं तथा संदेह की दृष्टि से देखती हैं। इस बीच, सरस्वतीचंद्र और कुमुदुसुरी शादी की तैयारियां चल रही हैं, जिसके कारण वे एक-दूसरे को देखे बिना ही पत्र व्यवहार करते हैं तथा उनमें प्रेम पनप उठता है। सरस्वती चन्द्र कुमुद सुंदरी के ज्ञान और गुणों की ओर आकर्षित हो जाते हैं। इन्हीं घटनाओं के मध्य सरस्वतीचंद्र के घर का वातावरण बिगड़ता हैं, जब उसे पता लगता है कि उनके पिता को भी उस पर संदेह है कि वह उनकी संपत्ति पर कुदृष्टि रखता है और वह अपने घर छोड़ने का फैसला करता है। उनका सबसे अच्छा मित्र, चंद्रकांत, उसे रोकने की पूरी कोशिश करता है, लेकिन सरस्वतीचंद्र उसकी बात नहीं मानता और अपना घर छोड़ देता है। इस प्रकार वह न केवल घर और धन का त्याग करता है, बल्कि कुमुद को भी छोड़ देता है। वह समुद्र के रास्ते से (काल्पनिक) सुवर्णपुर के लिए निकल पड़ता है जब तक वह वहां पहुंचता है, तब तक कुमुद पहले से ही बुद्धिधन के उन्मत्त पुत्र प्रमदधन से ब्याही जा चुकी हैं, और बुद्धिधन सुवर्णपुर के प्रधान मंत्री बनने की तैयारी में है। .

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सरसों

भारतीय सरसों के पीले फूल सरसों क्रूसीफेरी (ब्रैसीकेसी) कुल का द्विबीजपत्री, एकवर्षीय शाक जातीय पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका कम्प्रेसटिस है। पौधे की ऊँचाई १ से ३ फुट होती है। इसके तने में शाखा-प्रशाखा होते हैं। प्रत्येक पर्व सन्धियों पर एक सामान्य पत्ती लगी रहती है। पत्तियाँ सरल, एकान्त आपाती, बीणकार होती हैं जिनके किनारे अनियमित, शीर्ष नुकीले, शिराविन्यास जालिकावत होते हैं। इसमें पीले रंग के सम्पूर्ण फूल लगते हैं जो तने और शाखाओं के ऊपरी भाग में स्थित होते हैं। फूलों में ओवरी सुपीरियर, लम्बी, चपटी और छोटी वर्तिकावाली होती है। फलियाँ पकने पर फट जाती हैं और बीज जमीन पर गिर जाते हैं। प्रत्येक फली में ८-१० बीज होते हैं। उपजाति के आधार पर बीज काले अथवा पीले रंग के होते हैं। इसकी उपज के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त है। सामान्यतः यह दिसम्बर में बोई जाती है और मार्च-अप्रैल में इसकी कटाई होती है। भारत में इसकी खेती पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और गुजरात में अधिक होती है। .

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सरसों का तेल

सरसों का तेल सरसों के तेल शब्द का इस्तेमाल तीन भिन्न प्रकार के तेलों के लिए किया जाता है जो सरसों के बीज से बने होते हैं।.

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साँगाडेरी (अमरेली)

साँगाडेरी (સાંગાડેરી.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। साँगाडेरी गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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साड़ी

साड़ी एक सबसे सुंदर पारंपरिक पोशाक है भारतीय। दैनिक दिनचर्या साड़ी में भारत के उत्तर से एक घरेलू भारतीय महिला, अच्छी तरह से बाँधी एवं पहनी हुई बाएँ साड़ी (कुछ इलाकों में सारी कहा जाता है) भारतीय स्त्री का मुख्य परिधान है। यह शायद विश्व की सबसे लंबी और पुराने परिधानों में से गिना जाता है। यह लगभग 5 से 6 गज लम्बी बिना सिली हुए कपड़े का टुकड़ा होता है जो ब्लाउज या चोली और साया के ऊपर लपेटकर पहना जाता है। .

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साधारण नमक

नमक (Common Salt) से साधारणतया भोजन में प्रयुक्त होने वाले नमक का बोध होता है। रासायनिक दृष्टि से यह सोडियम क्लोराइड (NaCl) है जिसका क्रिस्टल पारदर्शक एवं घनाकार होता है। शुद्ध नमक रंगहीन होता है, किंतु लोहमय अपद्रव्यों के कारण इसका रंग पीला या लाल हो जाता है। समुद्र के खारापन के लिये उसमें मुख्यत: सोडियम क्लोराइड की उपस्थिति कारण होती है। भौमिकी में लवण को हैलाइट (Halite) कहते हैं। .

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सानंद

सानंद गुजरात राज्य के अहमदाबाद जिले में एक शहर और नगर पालिका है। यह गुजरात के ऑटोमोबाइल केंद्र के रूप में जाना जाता है। सानंद वाघेला वंश द्वारा शासित एक छोटा सा रियासत राज्य था। सानंद के महाराज जयवंत सिंह वाघेला एक संगीत विजेता थे। १९४६ में, उन्होंने पंडित जसराज को आमंत्रित किया था। .

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सानोदा (ता. दहेगाम)

साणोदा (गुजराती: સાણોદા (તા. દહેગામ)) भारत देश के पश्चिम भाग में गुजरात राज्य के मध्य भाग में गाँधीनगर ज़िले के कुल 4 (चार) तालुको में दहेगाम तालुका का एक महत्वपूर्ण गाँव है। खेती, खेतमजदूरी और पशुपालन सानोदा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय हैं। साणोदा गाँव में गेहूँ, बाजरा, कपास, अरंडी और सब्ज़ियों की फ़सल उगाँईं जाती हैं। साणोदा गाँव में प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, साणोदा बैंक ऑफ़ इंडिया, पँचायतघर, आँगनवाडी, प्राथमिक आरोग्य केन्द्र और डेरी जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। गाँव में मुख्य प्रवेश द्वार, सहकारी सेवा मंडल, साणोदा भक्त सेवा समाज, पानी कि टाँकी। साणोदा गाँव कि नज़दीक खारी नदी हैं। .

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साबरमती नदी

साबरमती नदी भारत की एक प्रमुख नदी है। इस नदी का उद्गम राजस्थान के उदयपुर जिले में अरावली पर्वतमालाओं से होता है, और फिर राजस्थान और गुजरात में दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर बहते हुए ३७१ किलोमीटर का सफर तय करने के बाद यह अरब सागर की खंभात की खाड़ी में गिर जाती है। नदी की लम्बाई राजस्थान में ४८ किलोमीटर, और गुजरात में ३२३ किलोमीटर है। साबरमती गुजरात की प्रमुख नदी है; इसके तट पर राज्य के अहमदाबाद और गांधीनगर जैसे प्रमुख नगर बसे हैं, और धरोई बाँध योजना द्वारा साबरमती नदी के जल का प्रयोग गुजरात में सिंचाई और विद्युत् उत्पादन के लिए होता है। .

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साबरमती आश्रम

साबरमती आश्रम साबरमती आश्रम भारत के गुजरात राज्य अहमदाबाद जिले के प्रशासनिक केंद्र अहमदाबाद के समीप साबरमती नदी के किनारे स्थित है। सत्याग्रह आश्रम की स्थापना सन् 1917 में अहमदाबाद के कोचरब नामक स्थान में महात्मा गांधी द्वारा हुई थी। सन् 1917 में यह आश्रम साबरमती नदी के किनारे वर्तमान स्थान पर स्थानांतरित हुआ और तब से साबरमती आश्रम कहलाने लगा। आश्रम के वर्तमान स्थान के संबंध में इतिहासकारों का मत है कि पौराणिक दधीचि ऋषि का आश्रम भी यही पर था। .

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साबरकांठा जिला

सबरकाँठा भारतीय राज्य गुजरात का एक उत्तरी-पूर्वी जिला है। इस जिले के पूर्व और पूर्व-उत्तर में राजस्थान राज्य है तथा उत्तर में बनासकाँठा, पश्चिम में महेसाणा, पश्चिम-दक्षिण में अहमदाबाद और दक्षिणपूर्व में पंचमहल जिले हैं। ब्रिटिश शासनकाल में साबरकाँठा नामक राजनीतिक एजेंसी थी, जिसके अंतर्गत ४६ राज्य ऐसे थे जिन्हें न्याय करने के बहुत कम अधिकार प्राप्त थे और १३ तालुके ऐसे थे जिन्हें न्याय करने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं था। इस जिले का प्रशासनिक केंद्र हिम्मतनगर है।जिले के अधिकांश निवासी भील एवं अन्य आदिवासी हैं। भारत के स्वतंत्र होने के बाद इस जिले में हरना नदी तथा हथमाटी नदी पर बाँध बनाए गए हैं। .

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साबरकंठा

साबरकंठा गुजरात प्रान्त का एक शहर है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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साबरकंठा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

साबरकंठा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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सारस (पक्षी)

सारस विश्व का सबसे विशाल उड़ने वाला पक्षी है। इस पक्षी को क्रौंच के नाम से भी जानते हैं। पूरे विश्व में भारतवर्ष में इस पक्षी की सबसे अधिक संख्या पाई जाती है। सबसे बड़ा पक्षी होने के अतिरिक्त इस पक्षी की कुछ अन्य विशेषताएं इसे विशेष महत्व देती हैं। उत्तर प्रदेश के इस राजकीय पक्षी को मुख्यतः गंगा के मैदानी भागों और भारत के उत्तरी और उत्तर पूर्वी और इसी प्रकार के समान जलवायु वाले अन्य भागों में देखा जा सकता है। भारत में पाये जाने वाला सारस पक्षी यहां के स्थाई प्रवासी होते हैं और एक ही भौगोलिक क्षेत्र में रहना पसंद करते हैं। सारस पक्षी का अपना विशिष्ट सांस्कृतिक महत्व भी है। विश्व के प्रथम ग्रंथ रामायण की प्रथम कविता का श्रेय सारस पक्षी को जाता है। रामायण का आरंभ एक प्रणयरत सारस-युगल के वर्णन से होता है। प्रातःकाल की बेला में महर्षि वाल्मीकि इसके द्रष्टा हैं तभी एक आखेटक द्वारा इस जोड़े में से एक की हत्या कर दी जाती है। जोड़े का दूसरा पक्षी इसके वियोग में प्राण दे देता है। ऋषि उस आखेटक को श्राप देते हैं। अर्थात्, हे निषाद! तुझे निरंतर कभी शांति न मिले। तूने इस क्रौंच के जोड़े में से एक की जो काम से मोहित हो रहा था, बिना किसी अपराध के हत्या कर डाली। .

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साल्सेट द्वीप

साल्सेट द्वीप भारत के महाराष्ट्र प्रदेश में पश्चिमी तट पर स्थित एक द्वीप है। मुंबई का महानगर (भूतपूर्व बंबई) और ठाणे शहर इस द्वीप पर स्थित हैं, जिससे यह केन्या के मिजिंगो द्वीप, हांगकांग, चीन के ऐप ली चाऊ और मालदीव के माले द्वीप के बाद विश्व का 7वां सबसे घनी बस्ती वाला और 13वां सर्वाधिक जनसंख्या वाला द्वीप बन गया है। .

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साली बोटी

साली बोटी एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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साजीयावदर (अमरेली)

साजीयावदर (સાજીયાવદર.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। साजीयावदर गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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सावरकुंडला

सावरकुंडला भारत देश में गुजरात प्रान्त में सौराष्ट्र विस्तार में स्थित अमरेली जिले का महत्वपूर्ण तहसील है। सावरकुंडला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भी है। .

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सांझी पर्व

'सांझी पर्व' मालवा व निमाड़ अंचल का प्रमुख पर्व है, साँझी, राजस्‍थान, गुजरात, ब्रजप्रदेश, मालवा, निमाड़ तथा अन्‍य कई क्ष्‍ोत्रों में कुवांरी कन्याओं द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार है जो भाद्रपद की पूर्णिमा से अश्विन मास की अमावस्या तक अर्थात पूरे श्राद्ध पक्ष में सोलह दिनों तक मनाया जाता है। सांझे का त्‍यौहार कुंवारी कन्‍याएं अत्‍यन्‍त उत्‍साह और हर्ष से मनाती हैं। घर के बाहर, दरवाजे पर दीवारों पर कुंवारी गाय का गोबर लेकर लड़कियां विभिन्‍न आकृतियां बनाती हैं। उन्‍हें फूल पत्तों, मालीपन्‍ना सिन्‍दूर आदि से सजाती हैं और संध्‍या समय उनका पूजन करती हैं। .

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साक्षरता दर के आधार पर भारत के राज्य

यह सूची भारत के राज्यों की साक्षरता दर के आधार पर है। यह सूची एन॰एफ॰एच॰एस-३ से संकलित की गई थी। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एन॰एफ॰एच॰एस-३) एक बड़े पैमाने का सर्वेक्षण है जो स्वास्थ्य और जन-कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा नामित अंतर्राष्ट्रीय जन-संख्य विज्ञान संस्थान, मुम्बई द्वारा किया जाता है। एन॰एफ॰एच॰एस-३ ११ अक्टूबर २००७ को जारी किया गया था और पूरा सर्वेक्षण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है। .

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सिदी

गिर (गुजरात) के सिदी लोक नर्तक सिदी या शीदि भारत और पाकिस्तान का एक मानव समुदाय है जिसका मूल अफ्रीका है। भारत में ये मुख्यतः गुजरात में रहते हैं। कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश में भी इनका अस्तित्व है। .

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सिन्धु-गंगा के मैदान

सिन्धु-गंगा मैदान का योजनामूलक मानचित्र सिन्धु-गंगा का मैदान, जिसे उत्तरी मैदानी क्षेत्र तथा उत्तर भारतीय नदी क्षेत्र भी कहा जाता है, एक विशाल एवं उपजाऊ मैदानी इलाका है। इसमें उत्तरी तथा पूर्वी भारत का अधिकांश भाग, पाकिस्तान के सर्वाधिक आबादी वाले भू-भाग, दक्षिणी नेपाल के कुछ भू-भाग तथा लगभग पूरा बांग्लादेश शामिल है। इस क्षेत्र का यह नाम इसे सींचने वाली सिन्धु तथा गंगा नामक दो नदियों के नाम पर पड़ा है। खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी होने के कारण इस इलाके में जनसंख्या का घनत्व बहुत अधिक है। 7,00,000 वर्ग किमी (2,70,000 वर्ग मील) जगह पर लगभग 1 अरब लोगों (या लगभग पूरी दुनिया की आबादी का 1/7वां हिस्सा) का घर होने के कारण यह मैदानी इलाका धरती की सर्वाधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में से एक है। सिन्धु-गंगा के मैदानों पर स्थित बड़े शहरों में अहमदाबाद, लुधियाना, अमृतसर, चंडीगढ़, दिल्ली, जयपुर, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, कोलकाता, ढाका, लाहौर, फैसलाबाद, रावलपिंडी, इस्लामाबाद, मुल्तान, हैदराबाद और कराची शामिल है। इस क्षेत्र में, यह परिभाषित करना कठिन है कि एक महानगर कहां शुरू होता है और कहां समाप्त होता है। सिन्धु-गंगा के मैदान के उत्तरी छोर पर अचानक उठने वाले हिमालय के पर्वत हैं, जो इसकी कई नदियों को जल प्रदान करते हैं तथा दो नदियों के मिलन के कारण पूरे क्षेत्र में इकट्ठी होने वाली उपजाऊ जलोढ़ मिटटी के स्रोत हैं। इस मैदानी इलाके के दक्षिणी छोर पर विंध्य और सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाएं तथा छोटा नागपुर का पठार स्थित है। पश्चिम में ईरानी पठार स्थित है। .

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सिन्धी भाषा

सिंधी भारत के पश्चिमी हिस्से और मुख्य रूप से गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। इसका संबंध भाषाई परिवार के स्तर पर आर्य भाषा परिवार से है जिसमें संस्कृत समेत हिन्दी, पंजाबी और गुजराती भाषाएँ शामिल हैं। अनेक मान्य विद्वानों के मतानुसार, आधुनिक भारतीय भाषाओं में, सिन्धी, बोली के रूप में संस्कृत के सर्वाधिक निकट है। सिन्धी के लगभग ७० प्रतिशत शब्द संस्कृत मूल के हैं। सिंधी भाषा सिंध प्रदेश की आधुनिक भारतीय-आर्य भाषा जिसका संबंध पैशाची नाम की प्राकृत और व्राचड नाम की अपभ्रंश से जोड़ा जाता है। इन दोनों नामों से विदित होता है कि सिंधी के मूल में अनार्य तत्व पहले से विद्यमान थे, भले ही वे आर्य प्रभावों के कारण गौण हो गए हों। सिंधी के पश्चिम में बलोची, उत्तर में लहँदी, पूर्व में मारवाड़ी और दक्षिण में गुजराती का क्षेत्र है। यह बात उल्लेखनीय है कि इस्लामी शासनकाल में सिंध और मुलतान (लहँदीभाषी) एक प्रांत रहा है और 1843 से 1936 ई. तक सिन्ध, बम्बई प्रांत का एक भाग होने के नाते गुजराती के विशेष संपर्क में रहा है। पाकिस्तान में सिंधी भाषा नस्तालिक (यानि अरबी लिपि) में लिखी जाती है जबकि भारत में इसके लिये देवनागरी और नस्तालिक दोनो प्रयोग किये जाते हैं। .

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सिमी

सिमी (SIMI) या स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया भारत में प्रतिबंधित एक संगठन है। इसका गठन 25 अप्रैल 1977 को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ है। इसके अनुसार इनका ध्येय 'पश्चिमी भौतिकवादी सांस्कृतिक प्रभाव को एक इस्लामिक समाज में रूपांतरित करना है'। कई लोगों और भारत सरकार की मान्यता है कि सिमी आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। सिमी भारत में आतंकवादी गतिविधियों में अपनी भागीदारी के लिए 2002 में भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि, अगस्त 2008 में, एक विशेष न्यायाधिकरण में सिमी पर प्रतिबंध हटा लिया। ये प्रतिबंध बाद में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 6 अगस्त 2008 को बहाल किया गया। सिमी को अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट 1967 (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित किया गया था। सिमी 2019 तक प्रतिबंधित है। इस संगठन की उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में मजबूत उपस्थिति है। कई जानकारों का मानना है कि प्रतिबंध लगने के बाद सिमी इंडियन मुजाहिदीन नाम से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है। - नवभारत टाइम्स - 31 अक्टूबर 2016 .

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सिसोदिया (राजवंश)

सिसोदिया एक राजपूत जाति के लोगो की उप जाति है, जो कि मूल रूप से राजस्थान में और अनय राज्यो मे निवास करती है| सिसोदिया एक वीरता सूचक जाति है| जिसमे कई वीर राजा हुए जैसे महाराणा प्रताप आदि| .

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सिविल विमानक्षेत्र हारनी

वडोदरा विमानक्षेत्र या सिविल विमानक्षेत्र हारनी गुजरात के बड़ौदा शहर के केन्द्र से उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित एक नागर विमानक्षेत्र है। यह बड़ौदा के उपनगर हारनी में स्थित है। अब तक अन्तर्देशीय रहा बड़ौदा विमानक्षेत्र वर्तमान में निर्माणाधीन टर्मिनल के पूर्ण होकर प्रचालन में आते ही अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र बन जायेगा। अभी यहां का अन्तर्देशीय टर्मिनल अपनी छत पर बने गुम्बदों एवं अपनी मिश्रित गुजराती एवं वास्त शैलियों के कारण अन्य विमानक्षेत्र भवनों से भिन्न है। यह टर्मिनल अभी छोटा है एवं बड़ी संख्या में यात्री मात्रा वहन नहीं कर पाता है। टर्मिनल की क्षमता वृद्धि करने एवं इसे अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र बनाने हेतु यहां एक नया एकीकृत टर्मिनल भवन निर्माण करने का निर्णय लिया गया था। नये टर्मिनल भवन के लिये अभिकल्पना करने हेतु एक अन्तर्राष्ट्रीय वास्तु अभिकल्पना प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी। परिणामस्वरूप संयुक्त राज्य आधारित भारत के एक कन्सॉर्टियम जेन्स्लर, फ़्रेडरिक श्वार्ट्ज़ आर्किटेक्ट्स एण्ड क्रियेटिव ग्रुप द्वारा यह प्रतियोगिता जीती गयी एवं नये टर्मिनल भवन के रूपांकन का ठेका मिला। .

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सिंधिया

सिंधिया भारत में एक शाही मराठा वंश है। इस वंश मे ग्वालियर राज्य के १८वीं और १९वीं शताब्दी में शासक शामिल है। .

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सिंधु घाटी सभ्यता

सिंधु घाटी सभ्यता अपने शुरुआती काल में, 3250-2750 ईसापूर्व सिंधु घाटी सभ्यता (3300 ईसापूर्व से 1700 ईसापूर्व तक,परिपक्व काल: 2600 ई.पू. से 1900 ई.पू.) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता है। जो मुख्य रूप से दक्षिण एशिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में, जो आज तक उत्तर पूर्व अफगानिस्तान,पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम और उत्तर भारत में फैली है। प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की प्राचीन सभ्यता के साथ, यह प्राचीन दुनिया की सभ्यताओं के तीन शुरुआती कालक्रमों में से एक थी, और इन तीन में से, सबसे व्यापक तथा सबसे चर्चित। सम्मानित पत्रिका नेचर में प्रकाशित शोध के अनुसार यह सभ्यता कम से कम 8000 वर्ष पुरानी है। यह हड़प्पा सभ्यता और 'सिंधु-सरस्वती सभ्यता' के नाम से भी जानी जाती है। इसका विकास सिंधु और घघ्घर/हकड़ा (प्राचीन सरस्वती) के किनारे हुआ। मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी और हड़प्पा इसके प्रमुख केन्द्र थे। दिसम्बर २०१४ में भिर्दाना को सिंधु घाटी सभ्यता का अब तक का खोजा गया सबसे प्राचीन नगर माना गया है। ब्रिटिश काल में हुई खुदाइयों के आधार पर पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकारों का अनुमान है कि यह अत्यंत विकसित सभ्यता थी और ये शहर अनेक बार बसे और उजड़े हैं। 7वी शताब्दी में पहली बार जब लोगो ने पंजाब प्रांत में ईटो के लिए मिट्टी की खुदाई की तब उन्हें वहां से बनी बनाई इटे मिली जिसे लोगो ने भगवान का चमत्कार माना और उनका उपयोग घर बनाने में किया उसके बाद 1826 में चार्ल्स मैसेन ने पहली बार इस पुरानी सभ्यता को खोजा। कनिंघम ने 1856 में इस सभ्यता के बारे में सर्वेक्षण किया। 1856 में कराची से लाहौर के मध्य रेलवे लाइन के निर्माण के दौरान बर्टन बंधुओं द्वारा हड़प्पा स्थल की सूचना सरकार को दी। इसी क्रम में 1861 में एलेक्जेंडर कनिंघम के निर्देशन में भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की। 1904 में लार्ड कर्जन द्वारा जॉन मार्शल को भारतीय पुरातात्विक विभाग (ASI) का महानिदेशक बनाया गया। फ्लीट ने इस पुरानी सभ्यता के बारे में एक लेख लिखा। १९२१ में दयाराम साहनी ने हड़प्पा का उत्खनन किया। इस प्रकार इस सभ्यता का नाम हड़प्पा सभ्यता रखा गया व दयाराम साहनी को इसका खोजकर्ता माना गया। यह सभ्यता सिन्धु नदी घाटी में फैली हुई थी इसलिए इसका नाम सिन्धु घाटी सभ्यता रखा गया। प्रथम बार नगरों के उदय के कारण इसे प्रथम नगरीकरण भी कहा जाता है। प्रथम बार कांस्य के प्रयोग के कारण इसे कांस्य सभ्यता भी कहा जाता है। सिन्धु घाटी सभ्यता के १४०० केन्द्रों को खोजा जा सका है जिसमें से ९२५ केन्द्र भारत में है। ८० प्रतिशत स्थल सरस्वती नदी और उसकी सहायक नदियों के आस-पास है। अभी तक कुल खोजों में से ३ प्रतिशत स्थलों का ही उत्खनन हो पाया है। .

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सिंह (पशु)

सिंह (पेन्थेरा लियो) पेन्थेरा वंश की चार बड़ी बिल्लियों में से एक है और फेलिडे परिवार का सदस्य है। यह बाघ के बाद दूसरी सबसे बड़ी सजीव बिल्ली है, जिसके कुछ नरों का वजन २५० किलोग्राम से अधिक होता है। जंगली सिंह वर्तमान में उप सहारा अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं। इसकी तेजी से विलुप्त होती बची खुची जनसंख्या उत्तर पश्चिमी भारत में पाई जाती है, ये ऐतिहासिक समय में उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिमी एशिया से गायब हो गए थे। प्लेइस्तोसेन के अंतिम समय तक, जो लगभग १०,००० वर्ष् पहले था, सिंह मानव के बाद सबसे अधिक व्यापक रूप से फैला हुआ बड़ा स्तनधारी, भूमि पर रहने वाला जानवर था। वे अफ्रीका के अधिकांश भाग में, पश्चिमी यूरोप से भारत तक अधिकांश यूरेशिया में और युकोन से पेरू तक अमेरिका में पाए जाते थे। सिंह जंगल में १०-१४ वर्ष तक रहते हैं, जबकि वे कैद मे २० वर्ष से भी अधिक जीवित रह सकते हैं। जंगल में, नर कभी-कभी ही दस वर्ष से अधिक जीवित रह पाते हैं, क्योंकि प्रतिद्वंद्वियों के साथ झगड़े में अक्सर उन्हें चोट पहुंचती है। वे आम तौर पर सवाना और चारागाह में रहते हैं, हालांकि वे झाड़ी या जंगल में भी रह सकते हैं। अन्य बिल्लियों की तुलना में सिंह आम तौर पर सामाजिक नहीं होते हैं। सिंहों के एक समूह जिसे अंग्रेजी मे प्राइड कहॉ जाता में सम्बन्धी मादाएं, बच्चे और छोटी संख्या में नर होते हैं। मादा सिंहों का समूह प्रारूपिक रूप से एक साथ शिकार करता है, जो अधिकांशतया बड़े अनग्युलेट पर शिकार करते हैं। सिंह शीर्ष का और कीस्टोन शिकारी है, हालांकि वे अवसर लगने पर मृतजीवी की तरह भी भोजन प्राप्त कर सकते हैं। सिंह आमतौर पर चयनात्मक रूप से मानव का शिकार नहीं करते हैं, फिर भी कुछ सिंहों को नर-भक्षी बनते हुए देखा गया है, जो मानव शिकार का भक्षण करना चाहते हैं। सिंह एक संवेदनशील प्रजाति है, इसकी अफ्रीकी रेंज में पिछले दो दशकों में इसकी आबादी में संभवतः ३० से ५० प्रतिशत की अपरिवर्तनीय गिरावट देखी गयी है। ^ डाटाबेस प्रवेश में एस बात का एक लंबा औचित्य सम्मिलित है कि यह प्रजाति संवेदनशील क्यों है। क्यों इस प्रजाति की दुर्दशा का एक भी सम्मिलित है सिंहों की संख्या नामित सरंक्षित क्षेत्रों और राष्ट्रीय उद्यानों के बहार अस्थिर है। हालांकि इस गिरावट का कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है, आवास की क्षति और मानव के साथ संघर्ष इसके सबसे बड़े कारण हैं। सिंहों को रोमन युग से पिंजरे में रखा जाता रहा है, यह एक मुख्य प्रजाति रही है जिसे अठारहवीं शताब्दी के अंत से पूरी दुनिया में चिडिया घर में प्रदर्शन के लिए रखा जाता रहा है। खतरे में आ गयी एशियाई उप प्रजातियों के लिए पूरी दुनिया के चिड़ियाघर प्रजनन कार्यक्रमों में सहयोग कर रहे हैं। दृश्य रूप से, एक नर सिंह अति विशिष्ट होता है और सरलता से अपने अयाल (गले पर बाल) द्वारा पहचाना जा सकता है। सिंह, विशेष रूप से नर सिंह का चेहरा, मानव संस्कृति में सबसे व्यापक ज्ञात जंतु प्रतीकों में से एक है। उच्च पाषाण काल की अवधि से ही इसके वर्णन मिलते हैं, जिनमें लॉसकाक्स और चौवेत गुफाओं की व नक्काशियां और चित्रकारियां सम्मिलित हैं, सभी प्राचीन और मध्य युगीन संस्कृतियों में इनके प्रमाण मिलते हैं, जहां ये ऐतिहासिक रूप से पाए गए। राष्ट्रीय ध्वजों पर, समकालीन फिल्मों और साहित्य में चित्रकला में, मूर्तिकला में और साहित्य में इसका व्यापक वर्णन पाया जाता है। .

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सिंहल साहित्य

उत्तर भारत की एक से अधिक भाषाओं से मिलती-जुलती सिंहल भाषा का विकास उन शिलालेखों की भाषा से हुआ है जो ई. पू.

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सविता आंबेडकर

सविता भीमराव आंबेडकर (जन्म: शारदा कबीर; 27 जनवरी 1909 — मृत्यु: 29 मई, 2003) भारतीय समाजसेविका, डॉक्टर तथा भीमराव आंबेडकर की दूसरी पत्नी थीं। आंबेडकरवादी लोग उन्हें आदर से माई या माईसाहब कहते है, जिसका मराठी भाषा में अर्थ 'माता' है। .

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संदेश दैनिक

संदेश (Gujarati:સંદેશ) भारत में प्रकाशित होने वाला गुजराती भाषा का प्रमुख समाचारपत्र है। इसका मुख्यालय अहमदाबाद में है। इस्वीसन १९२३ में इसके प्रकाशन की शरुआत हुई थी।Jeffrey, Robin.

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संस्थागत प्रसव के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

इस सूची में भारत के राज्य प्रतिशत में अस्पताल में जन्में शिशुओं के आधार पर है। इस सूची के आँकड़े राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 से लिए गए हैं। श्रेणी:भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से संबंधित सूचियाँ.

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संजीव कुमार

संजीव कुमार (मूल नाम: हरीभाई जरीवाला; जन्म: 9 जुलाई 1938, मृत्यु: 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फ़िल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फ़िल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नयी रात फ़िल्म में नौ रोल किये थे। कोशिश फ़िल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फ़िल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया। उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुँवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1984 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1984 तक पूरे पच्चीस साल तक वे लगातार फ़िल्मों में सक्रिय रहे। उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फ़िल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा। .

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संग्राम पदक

संग्राम पदक, पाकिस्तान के साथ 1971-72 के युद्ध के दौरान सेवा के लिए दिया गया था। जम्मू और कश्मीर, पंजाब, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल,असम, मेघालय,मिजोरम, त्रिपुरा के परिचालन क्षेत्रों में सेना, अर्धसैनिक बलों, पुलिस और नागरिकों की सेवा करने वाले सभी कर्मियों को पदक दिया जा सकता है। 3 दिसंबर 1 9 71 और 20 दिसंबर 1 9 72 (दोनों तारीखें समावेशी) के बीच ये पदक दिया गया था। पुलिस और अर्धसैनिक बलों के लिए सम्मानित पदक,ज्यादातर मामलों में, आधिकारिक रूप से निर्मित और जारी नहीं किए गए थे। इसके बजाय, स्वतंत्र निर्माताओं द्वारा स्थानीय स्तर पर बनाया गया था। पुलिस या तो इन्हे दुकानों से खरीद सकते हैं या बटालियन उन्हें खरीद सकते हैं और उन्हें विजेता कांस्टेबलों को दे सकते हैं। .

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सुतार फेणी

सुतार फेणी एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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सुनीता विलियम्स

सुनीता विलियम्स (जन्म: १९ सितंबर, १९६५ यूक्लिड, ओहायो में) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के माध्यम से अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला है। यह भारत के गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखती है। इन्होंने एक महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में १९५ दिनों तक अंतरिक्ष में रहने का विश्व किर्तिमान स्थापित किया है। उनके पिता दीपक पाण्डया अमेरिका में एक डॉक्टर हैं। .

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सुपद्मव्याकरण

सुपद्मव्याकरण, आचार्य पद्मनाभदत्त द्वारा रचित एक संस्कृत व्याकरण ग्रन्थ है। पाणिनि के उत्तरवर्ती वैयाकरणों में आचार्य पद्मनाभदत्त का महत्त्वपूर्ण स्थान है।सुपद्मव्याकरण पाणिनीय अष्टाध्यायी के अनुकरण पर रचित एक लक्षण ग्रन्थ है। यह व्याकरण बंगाली वर्णमाला के अक्षरों में, विशेषकर बंगाल निवासियों के भाषाषाज्ञान के लिए लिखा है। पद्मनाभदत्त ने बंग प्रान्तीयों के लिए संस्कृत व्याकरण की जटिलता को दूर करके, सुगम्य बनाने के लिए बंगाली लिपि में सुपद्मव्याकरण की रचना की। उनका प्रमुख उद्देश्य संस्कृत व्याकरण का स्पष्ट तथा सरलतम ढंग से ज्ञान कराना तथा भाषा के विकास में आए नए-नए शब्दों का संस्कृतिकरण करना था, जो आज भाषा वैज्ञानिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। उन्होने सुपद्मव्याकरण के अलावा प्रयोगदीपिका, उणादिवृत्ति, धातुकौमुदी, यङलुगादिवृत्ति, परिभाषावृत्ति आदि अन्य व्याकरणिक ग्रन्थ भी रचे। .

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सुरगपुरा (अमरेली)

सुरगपुरा (સુરગપુરા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। सुरगपुरा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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सुरकोटाडा

सुरकोटाडा गुजरात में स्थित एक पुरातात्विक स्थल है। यह स्थल सिन्धु घाटी की सभ्यता से सम्बन्धित है। Cf.

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सुरेन्द्र सिंह बघेल

सुरेन्द्र सिंह बघेल (जन्म 17 मार्च, 1977) एक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता से कुक्षी निर्वाचन क्षेत्र के मध्य प्रदेश.

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सुरेन्द्रनगर

सुरेंद्रनगर गुजरात प्रान्त का एक शहर है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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सुरेन्द्रनगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

सुरेन्द्रनगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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सुरेन्द्रनगर जिला

सुरेन्द्रनगर भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (200 1 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - ०२७५२ जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

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सुरेश मेहता

सुरेश मेहता 1995 से 1996 के मध्य भारतीय राज्य गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे कच्छ से ताल्लुक रखते हैं तथा 2007 तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजनेता रहे। बाद में वे गुजरात परिवर्तन पार्टी शामिल हुए। उन्होंने फरवरी, 2014 में गुजरात परिवर्तन पार्टी का भाजपा में विलय का विरोध किया और पार्टी छोड़ दी। .

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सुल्तान अहमद शाह

अहमद शाह गुजरात के मुज़्जफरीद वंश का सुल्तान था, जिसने 1411 से लेकर 1442 में अपनी मृत्यु तक यहाँ राज किया था। अहमदशाह के नाम के उपर से अहमदाबाद नाम पडॉ॰.

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सुखलालजी सांघवी

पण्डित सुखलाल संघवी (1880–1978) जैन विद्वान एवं दार्शनिक थे। वे जैन धर्म के स्थानकवासी सम्प्रदाय से सम्बन्धित थे। Preface p. vi इनके द्वारा रचित एक दार्शनिक निबंध दर्शन अने चिंतन के लिये उन्हें सन् १९५८ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (गुजराती) से सम्मानित किया गया। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७४ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। सोलह वर्ष की अल्पायु में ही चेचक के कारण सुखलालजी की आँखें चलीं गयीं। इसके बावजूद भी उन्होने अपने दृढ संकल्प और लगन से जैन न्याय में विद्वता प्राप्त की और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर नियुक्त हुए। पॉल दुंदास (Paul Dundas) उनको जैन दर्शन के सर्वश्रेष्ठ आधुनिक व्याख्याताओं में एक मानते हैं। .

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सुंधा माता

हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा के दौरान किसी कारणवश मूर्ति के खंड होने पर उसकी आराधना नहीं होती है, लेकिन राजस्थान में एक पर्वत ऐसा भी है जहाँ खंडित मूर्तियों को रखना पवित्र माना जाता है। विभिन्न राज्यों से सुंधा माता के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु अपने साथ खंडित देवी मूर्तियाँ साथ लाते है। इन प्रतिमाओं को पहाड़ की शिलाओं के नीचे जहाँ उचित समझते है, वहीं रख कर चले जाते हैं। .

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सुकावनी

सुकावनी एक गुजरात व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 182 मीटर (597 फीट) ऊँचा गुजरात सरकार द्वारा प्रस्तावित भारत के प्रथम उप प्रधानमन्त्री तथा प्रथम गृहमन्त्री सरदार पटेल का स्मारक है। गुजरात के मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2013 को सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर इस विशालकाय मूर्ति के निर्माण का शिलान्यास किया। यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से 3.2 किमी की दूरी पर साधू बेट नामक स्थान पर है जो कि नर्मदा नदी पर एक टापू है। यह स्थान भारतीय राज्य गुजरात के भरूच के निकट नर्मदा जिले में है। वर्तमान में विश्व की सबसे ऊँची स्टैच्यू या मूर्ती 152 मीटर की चीन में स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध है। उससे कम दुसरी ऊँची मूर्ति भी तथागत बुद्ध की ही है जिसकी उँचाई 120 मीटर है। बुद्ध की यह मूर्ति सन् 2008 में म्याँमार सरकार ने बनवायी थी। और विश्व की तिसरी सबसे ऊँची मूर्ती भी जापान में भगवान बुद्ध की हैं, इस बुद्ध मुर्ती की ऊँचाई 116 मीटर हैं। .

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स्थापित ऊर्जा उत्पादन क्षमता के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र

भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की यह सूची स्थापित ऊर्जा उत्पादन क्षमता के आधार पर है जो ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आँकड़ों (३ अप्रैल २००६) के अनुसार है। सभी आँकड़े मेगावॉट (१० लाख वॉट) में हैं। नोट: निजी उत्पादको द्वारा संचालित संयंत्र उपयोगिता में पंजीकृत नहीं हैं इसलिए उनके द्वारा उत्पादित ऊर्जा इसमें सम्मिलित नहीं कि गई है। .

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स्मृति मंधाना

स्मृति मंधाना एक भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी है, जों भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए खेलती है। यह मुख्य रूप से दाहिने हाथ से बल्लेबाजी करती है जिन्होंने २०१७ के महिला क्रिकेट विश्व कप में दो शतक भी लगाये थे। इनका जन्म मुंबई, महाराष्ट्र में १८ जुलाई १९९६ को हुआ था। .

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स्मृति ईरानी

स्मृति ज़ुबिन ईरानी (स्मृति मल्होत्रा, पंजाबी में ਸਮ੍ਰਿਤੀ ਜੁਬੀਨ ਇਰਾਨੀ,जन्म: 23 मार्च 1976) एक भारतीय टेलीविज़न अभिनेत्री, महिला राजनीतिज्ञ और भारत सरकार के अंतर्गत कपड़ा मंत्री हैं और इससे पूर्व वे मानव संसाधन विकास मंत्री रह चुकी हैं। .

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स्वतन्त्रता के बाद भारत का संक्षिप्त इतिहास

कोई विवरण नहीं।

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स्वतंत्र पार्टी

स्वतंत्र पार्टी का ध्वज स्वतंत्र पार्टी, भारत का एक राजनैतिक दल था जिसकी स्थापना चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने अगस्त, १९५९ में की थी। इस दल ने जवाहरलाल नेहरू की समाजवादी नीति का विरोध किया और तथाकथित "लाइसेंस-परमिट राज" को समाप्त कर मुक्त अर्थव्यवस्था की वकालत की। भारत की उस समय की स्थिति ऐसी थी कि दुर्भाग्य से इसे जमींदारों और उद्योगपतियों की हितैषी पार्टी माना गया। स्वतंत्र पार्टी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में अच्छी सफलता प्राप्त की थी लेकिन पीलू मोदी की अध्यक्षता वाली इस पार्टी के भारतीय लोकदल में विलय के साथ इसका अस्तित्व खत्म हो गया। .

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स्वदेश (हिन्दी समाचारपत्र)

स्वदेश राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत हिन्दी का दैनिक समाचार पत्र है। यह इन्दौर, ग्वालियर, भोपाल सहित कई नगरों से प्रकाशित होता है। ग्वालियर से प्रकाशन शुरू करने वाले 'दैनिक स्वदेश' छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर; मध्य प्रदेश के इन्दौर, भोपाल, सागर, जबलपुर, सतना; महाराष्ट्र के नागपुर संस्करण अभी प्रकाशित हो रहे हैं। अखबार को गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से शुभारम्भ करने की सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गयी हैं। .

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स्वर्णिम गुजरात स्पोर्ट्स युनिवर्सिटी

स्वर्णिम गुजरात स्पोर्ट्स युनिवर्सिटी अथवा स्वर्णिम गुजरात क्रीड़ा विश्वविद्यालय अथवा स्वर्णिम गुजरात खेल विश्वविद्यालय, भारत के गुजरात राज्य में स्थित एक विश्वविद्यालय है। यह तमिल नाडु फिजिकल एजुकेशन एण्ड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की तरह स्थापित भारत का दूसरा क्रीड़ा विश्वविद्यालय (स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी) है। .

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स्वामिनारायण

घनश्याम पाण्डे या स्वामिनारायण या सहजानन्द स्वामी (२ अप्रैल १७८१ - १ जून १८३०), हिंदू धर्म के स्वामिनारायण संप्रदाय के संस्थापक थे। स्वामिनारायण संप्रदाय को मानने वाले उन्हे भगवान मानते हैं। भागवत पुराण और स्कंद पुराण स्वामिनारायण के अवतार का संकेत है। | स्वामिनारायण की शिक्षापत्री स्वामिनारायण सम्प्रदाय का मूल ग्रन्थ है। .

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स्वामी दयानन्द सरस्वती

स्वामी दयानन्द सरस्वती महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती (१८२४-१८८३) आधुनिक भारत के महान चिन्तक, समाज-सुधारक व देशभक्त थे। उनका बचपन का नाम 'मूलशंकर' था। उन्होंने ने 1874 में एक महान आर्य सुधारक संगठन - आर्य समाज की स्थापना की। वे एक संन्यासी तथा एक महान चिंतक थे। उन्होंने वेदों की सत्ता को सदा सर्वोपरि माना। स्वामीजी ने कर्म सिद्धान्त, पुनर्जन्म, ब्रह्मचर्य तथा सन्यास को अपने दर्शन के चार स्तम्भ बनाया। उन्होने ही सबसे पहले १८७६ में 'स्वराज्य' का नारा दिया जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने आगे बढ़ाया। स्वामी दयानन्द के विचारों से प्रभावित महापुरुषों की संख्या असंख्य है, इनमें प्रमुख नाम हैं- मादाम भिकाजी कामा, पण्डित लेखराम आर्य, स्वामी श्रद्धानन्द, पण्डित गुरुदत्त विद्यार्थी, श्यामजी कृष्ण वर्मा, विनायक दामोदर सावरकर, लाला हरदयाल, मदनलाल ढींगरा, राम प्रसाद 'बिस्मिल', महादेव गोविंद रानडे, महात्मा हंसराज, लाला लाजपत राय इत्यादि। स्वामी दयानन्द के प्रमुख अनुयायियों में लाला हंसराज ने १८८६ में लाहौर में 'दयानन्द एंग्लो वैदिक कॉलेज' की स्थापना की तथा स्वामी श्रद्धानन्द ने १९०१ में हरिद्वार के निकट कांगड़ी में गुरुकुल की स्थापना की। .

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स्‍वतंत्रता दिवस (भारत)

भारत का स्वतंत्रता दिवस (अंग्रेज़ी: Independence Day of India, हिंदी:इंडिपेंडेंस डे ऑफ़ इंडिया) हर वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है। सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्‍वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। 15 अगस्त 1947 के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने, दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। महात्मा गाँधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लोगों ने काफी हद तक अहिंसक प्रतिरोध और सविनय अवज्ञा आंदोलनों में हिस्सा लिया। स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित किया गया, जिसमें भारत और पाकिस्तान का उदय हुआ। विभाजन के बाद दोनों देशों में हिंसक दंगे भड़क गए और सांप्रदायिक हिंसा की अनेक घटनाएं हुईं। विभाजन के कारण मनुष्य जाति के इतिहास में इतनी ज्यादा संख्या में लोगों का विस्थापन कभी नहीं हुआ। यह संख्या तकरीबन 1.45 करोड़ थी। 1951 की विस्थापित जनगणना के अनुसार विभाजन के एकदम बाद 72,26,000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गये और 72,49,000 हिन्दू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत आए। इस दिन को झंडा फहराने के समारोह, परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। भारतीय इस दिन अपनी पोशाक, सामान, घरों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर इस उत्सव को मनाते हैं और परिवार व दोस्तों के साथ देशभक्ति फिल्में देखते हैं, देशभक्ति के गीत सुनते हैं। - archive.india.gov.in .

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सौराष्ट्र

सौराष्ट्र भारत के गुजरात प्रान्त का एक उपक्षेत्र है जो ज्यादातर अर्धमरुस्थलीय है। सौराष्ट्र, वर्तमान काठियावाड़-प्रदेश, जो प्रायद्वीपीय क्षेत्र है। महाभारत के समय द्वारिकापुरी इसी क्षेत्र में स्थित थी। सुराष्ट्र या सौराष्ट्र को सहदेव ने अपनी दिग्विजय यात्रा के प्रसंग में विजित किया था। विष्णुपुराण में अपरान्त के साथ सौराष्ट्र का उल्लेख है। विष्णुपुराण में सौराष्ट्र में शूद्रों का राज्य बताया गया है, 'सौराष्ट्र विषयांश्च शूद्राद्याभोक्ष्यन्ति'। .

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सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम

सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, यह भी के रूप में खांदेरी क्रिकेट स्टेडियम (शेर की मांद में जाना जाता है, क्योंकि नई आईपीएल टीम यहाँ पर आधारित) के एक क्रिकेट स्टेडियम में है राजकोट, भारत। यह गुजरात का पहला सौर ऊर्जा संचालित स्टेडियम है। .

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सूनवाली

सूनवाली एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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सूरत

सूरत गुजरात प्रान्त का एक प्रमुख शहर है। यह शहर सूरत जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। तापी नदी सूरत शहर के मध्य से होकर गुजरती है। सूरत मुख्यत: कपड़ा उद्योग और डायमंड कटिंग और पोलिशिंग के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए इस शहर को सिल्क सिटी और डायमंड सिटी के नाम से भी जाना जाता है। .

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सूरत थानी

सूरत थानी (สุราษฎร์ธานี) दक्षिणी थाईलैंड में स्थित सूरत थानी प्रान्त के अम्फोए म्युआंग सूरत थानी ज़िले का एक नगर है। यह थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से 651 कि॰मी॰ दक्षिण में स्थित है। यह सूरत थानी प्रान्त की राजधानी भी है। 2009 की जनगणना अनुसार नगर की जनसंख्या 128,179 है तथा क्षेत्रफल 68.97 वर्ग कि॰ मी॰ है। नगर का जनघनत्व 1,858.47 प्रति वर्ग कि॰ मी॰ है। यह नगर थाईलैंड की खाड़ी के किनारे तापी नदी के मुहाने पर बसा है। यहाँ पर कोई मुख्य पर्यटक आकर्षण केन्द्र नहीं हैं। यहाँ पर क्षेत्रीय वाणिज्यिक केन्द्र है जहाँ से रबर और नारियल का व्यापार होता है। .

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सूरत लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

सूरत लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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सूरत जिला

सूरत भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय सूरत है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या -4993910 (2011 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - 0261 जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई -20 मीटर अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

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सूरत विमानक्षेत्र

सूरत विमानक्षेत्र गुजरात राज्य के दक्षिण भाग में स्थित सबसे बडे नगर सुरत शहर में स्थित हवाईअड्डा है। श्रेणी:भारत में विमानक्षेत्र.

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सूरजकुण्ड हस्तशिल्प मेला

उत्तराखंड राज के थीम पर बना बद्रीनाथ मंदिर की तरह का मेले का प्रवेशद्वार सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला, भारत की एवं शिल्पियों की हस्तकला का १५ दिन चलने वाला मेला लोगों को ग्रामीण माहौल और ग्रामीण संस्कृति का परिचय देता है। यह मेला हरियाणा राज्य के फरीदाबाद शहर के दिल्ली के निकटवर्ती सीमा से लगे सूरजकुंड क्षेत्र में प्रतिवर्ष लगता है। यह मेला लगभग ढाई दशक से आयोजित होता आ रहा है। वर्तमान में इस मेले में हस्तशिल्पी और हथकरघा कारीगरों के अलावा विविध अंचलों की वस्त्र परंपरा, लोक कला, लोक व्यंजनों के अतिरिक्त लोक संगीत और लोक नृत्यों का भी संगम होता है।। हिन्दुस्तान लाइव। २८ जनवरी २०१० इस मेले में हर वर्ष किसी एक राज्य को थीम बना कर उसकी कला, संस्कृति, सामाजिक परिवेश और परंपराओं को प्रदर्शित किया जाता है। वर्ष २०१० में राजस्थान थीम राज्य है। इसे दूसरी बार यह गौरव प्राप्त हुआ है। मेले में लगे स्टॉल हर क्षेत्र की कला से परिचित कराते हैं। सार्क देशों एवं थाईलैंड, तजाकिस्तान और मिस्र के कलाशिल्पी भी यहां आते हैं। पश्चिम बंगाल और असम के बांस और बेंत की वस्तुएं, पूर्वोत्तर राज्यों के वस्त्र, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश से लोहे व अन्य धातु की वस्तुएं, उड़ीसा एवं तमिलनाडु के अनोखे हस्तशिल्प, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और कश्मीर के आकर्षक परिधान और शिल्प, सिक्किम की थंका चित्रकला, मुरादाबाद के पीतल के बर्तन और शो पीस, दक्षिण भारत के रोजवुड और चंदन की लकड़ी के हस्तशिल्प भी यहां प्रदर्शित हैं। यहां अनेक राज्यों के खास व्यंजनों के साथ ही विदेशी खानपान का स्वाद भी मिलता है। मेला परिसर में चौपाल और नाट्यशाला नामक खुले मंच पर सारे दिन विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार अपनी अनूठी प्रस्तुतियों से समा बांधते हैं। शाम के समय विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। दर्शक भगोरिया डांस, बीन डांस, बिहू, भांगड़ा, चरकुला डांस, कालबेलिया नृत्य, पंथी नृत्य, संबलपुरी नृत्य और सिद्घी गोमा नृत्य आदि का आनंद लेते हैं। विदेशों की सांस्कृतिक मंडलियां भी प्रस्तुति देती हैं। .

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सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण एक तरह का ग्रहण है जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता है तथा पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण अथवा आंशिक रूप से चन्द्रमा द्वारा आच्छादित होता है। भौतिक विज्ञान की दृष्टि से जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, उसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है और चाँद पृथ्वी की। कभी-कभी चाँद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है। फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है जिससे धरती पर साया फैल जाता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह घटना सदा सर्वदा अमावस्या को ही होती है। .

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सेंट जेवियर्स हाई स्कूल, लोयोला हॉल, अहमदाबाद

सेंट जेवियर्स हाई स्कूल, लोयोला हॉल, अहमदाबाद, भारत की स्थापना 1956 में सोसाइटी ऑफ जीसस ने की थी। इसमें बारहवीं कक्षा के माध्यम से किंडरगार्टन शामिल है और 2006 में सह-शैक्षिक बन गया.

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सोनल मानसिंह

सोनल मानसिंह भारत सरकार ने १९९२ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये दिल्ली से हैं। सोनल मानसिंह (जन्म ३० अप्रैल, १९४४) एक भारतीय शास्त्रीय नर्तक और गुरु भरतनाट्यम और ओडिसी नृत्य शैली हैं; जो अन्य भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली में भी कुशल है। सोनल मानसिंह का जन्म मुंबई में हुआ, तीन बच्चों में से तीन अरविंद और पूर्णिमा पाकवास, गुजरात के एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और २००४ में पद्म विभूषण विजेता थे। उनके दादा एक स्वतंत्रता सेनानी मंगल दास पाकवास थे, और भारत के पहले पांच गवर्नरों में से एक था।। उन्होंने चार साल की उम्र में मणिपुरी नृत्य, नागपुर के एक शिक्षक से अपनी बड़ी बहन के साथ सीखना शुरू कर दिया, फिर सात साल की उम्र में उन्होंने पांडानल्लुर स्कूल के विभिन्न गुरूओं से भरतनाट्यम सीखना शुरू किया, बॉम्बे में कुमार जयकर सहित। उन्होंने भारतीय विद्या भवन और बीए से संस्कृत में "प्रवीण" और "कोविद" डिग्री दी है। एलफिन्स्टन कॉलेज, बॉम्बे से जर्मन साहित्य में(ऑनर्स)डिग्री हालांकि, १८ साल की उम्र में, अपने परिवार के विरोध के बावजूद, वह १८ साल की उम्र में, प्रोफेसर अमेरिकी कृष्ण राव और चंद्रभागा देवी से भरतनाट्यम जानने के लिए, मैलेपुर गौरी अम्मल और बाद में १९६५ में गुरु केलूचरण महापात्रा से ओडिसी सीखना शुरू किया। .

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सोनारीया (अमरेली)

सोनारीया (સોનારીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। सोनारीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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सोनगढ़

सोनगढ़ भारत के गुजरात राज्य में तापी जिले स्थित एक तालुका है। .

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सोमनाथ मन्दिर

सोमनाथ मन्दिर भूमंडल में दक्षिण एशिया स्थित भारतवर्ष के पश्चिमी छोर पर गुजरात नामक प्रदेश स्थित, अत्यन्त प्राचीन व ऐतिहासिक सूर्य मन्दिर का नाम है। यह भारतीय इतिहास तथा हिन्दुओं के चुनिन्दा और महत्वपूर्ण मन्दिरों में से एक है। इसे आज भी भारत के १२ ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में माना व जाना जाता है। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था, जिसका उल्लेख ऋग्वेद में स्पष्ट है। यह मंदिर हिंदू धर्म के उत्थान-पतन के इतिहास का प्रतीक रहा है। अत्यंत वैभवशाली होने के कारण इतिहास में कई बार यह मंदिर तोड़ा तथा पुनर्निर्मित किया गया। वर्तमान भवन के पुनर्निर्माण का आरंभ भारत की स्वतंत्रता के पश्चात् लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने करवाया और पहली दिसंबर 1995 को भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया। सोमनाथ मंदिर विश्व प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थल है। मंदिर प्रांगण में रात साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक एक घंटे का साउंड एंड लाइट शो चलता है, जिसमें सोमनाथ मंदिर के इतिहास का बड़ा ही सुंदर सचित्र वर्णन किया जाता है। लोककथाओं के अनुसार यहीं श्रीकृष्ण ने देहत्याग किया था। इस कारण इस क्षेत्र का और भी महत्व बढ़ गया। सोमनाथजी के मंदिर की व्यवस्था और संचालन का कार्य सोमनाथ ट्रस्ट के अधीन है। सरकार ने ट्रस्ट को जमीन, बाग-बगीचे देकर आय का प्रबन्ध किया है। यह तीर्थ पितृगणों के श्राद्ध, नारायण बलि आदि कर्मो के लिए भी प्रसिद्ध है। चैत्र, भाद्रपद, कार्तिक माह में यहां श्राद्ध करने का विशेष महत्व बताया गया है। इन तीन महीनों में यहां श्रद्धालुओं की बडी भीड़ लगती है। इसके अलावा यहां तीन नदियों हिरण, कपिला और सरस्वती का महासंगम होता है। इस त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्व है। .

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सी आर पाटिल

सी आर पाटिल भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की नवसारी सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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हठीसिंह परिवार

हठीसिंह परिवार अहमदाबाद, गुजरात का एक पुराना जैन परिवार है। अहमदाबाद के कई मंदिर और धर्मार्थ संस्थाओं की स्थापना या निर्माण इस व्यापारिक परिवार ने करवाई है। जवाहरलाल नेहरू की बहन, कृष्णा हठीसिंह, का विवाह इस परिवार में हुआ था। श्रेणी:गुजरात के लोग.

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हमारी देवरानी

हमारी देवरानी भारतीय हिन्दी धारावाहिक है, जिसका प्रसारण स्टार प्लस पर 26 मई 2008 से 3 फरवरी 2012 तक हुआ। यह धारावाहिक दो संस्करण में बना। जिसमें कुल 951 प्रकरण शामिल है। इसका निर्माण सोभना देसाई ने किया है। इसके निर्देशक पवन साहू, विक्रम लभे, स्वप्निल महालिंग, सूरज राव और प्रवीण सुडान रहे हैं। .

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हरमीत देसाई

हरमीत देसाई (जन्म: १९ जुलाई १९९३) एक भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं। वह सूरत, गुजरात से हैं। उन्होंने गोल्ड कोस्ट में आयोजित हुए 2018 राष्ट्रमण्डल खेलों की टीम स्पर्धा में अचंत शरत कमल, एंथोनी अमलराज, साथियान गणानाशेखरन तथा सनिल शेट्टी के साथ स्वर्ण तथा सनिल शेट्टी के साथ पुरुष युगल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। .

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हरसौंठ

हरसौंठ हरसौंठ (जिप्सम) (Ca SO4, 2H2o) एक तहदार खनिज है जिसे 'सैलैनाइट' भी कहते हैं। रासायनिक संरचना की दृष्टि से यह कैल्सियम का सल्फेट है, जिसमें जल के भी दो अणु रहते हैं। गरम करने से जल के अणु निकल जाते हैं और यह अजल हो जाता है। आकृति में यह दानेदार संगमर्मर सदृश होता है। ऐसे हरसौंठ को सेलेनाइट या सेलखड़ी (अलाबास्टर) कहते हैं। नमक की खानों में नमक के साथा हरसौंठ भी मिला रहता है। समुद्र के पानी में भी हरसौंठ रहता है। समुद्री पानी को सुखाने पर जो लवण प्राप्त होते हैं उनमें हरसौंठ के मणिभ पाए जाते हैं। .

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हरिभाई चौधरी

हरिभाई चौधरी भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की बनासकांठा सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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हरियाणा का केंद्रीय विश्वविद्यालय

केन्द्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा का गेट  हरियाणा का केन्द्रीय विश्वविद्यालय जनत पाली गांव, महेंद्रगढ़ जिले हरियाणा, भारत, में है, जो ५०० एकड़ (२.० कि.मी.२) में संसद के एक अधिनियम: "केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, २००९" के माध्यम से भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा का प्रादेशिक क्षेत्राधिकार पूरे हरियाणा के लिए है। १ मार्च, २०१४ को विश्वविद्यालय में पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया था। विश्वविद्यालय को अब अपने स्थायी परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया है जो कि महेन्द्रगढ़ से दूर, महेन्द्रगढ़-भिवानी सड़क पर जनत पाली गाँव महेन्द्रगढ़ में है। इससे पहले विश्वविद्यालय का कार्य अपने अस्थायी परिसर में राजकीय शिक्षा महाविद्यालय नारनौल से चल रहा था। इस विश्वविद्यालय को भगवान कृष्ण का नाम दिया जायेग। .

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हरिजन आन्दोलन

हिंदू समाज में जिन जातियों या वर्गों के साथ अस्पृश्यता का व्यवहार किया जाता था और आज भी कुछ हद तक वैसा ही विषम व्यवहार कहीं कहीं पर सुनने और देखने में आता है, उनको अस्पृश्य, अंत्यज या दलित नाम से पुकारते थे। यह देखकर कि ये सारे ही नाम अपमानजनक हैं, सन् 1932 के अंत में गुजरात के एक अंत्यज ने ही महात्मा गांधी को एक गुजराती भजन का हवाला देकर लिखा कि अंत्यजों को "हरिजन" जैसा सुंदर नाम क्यों न दिया जाए। उस भजन में हरिजन ऐसे व्यक्ति को कहा गया है, जिसका सहायक संसार में, सिवाय एक हरि के, कोई दूसरा नहीं है। गांधी जी ने यह नाम पसंद कर लिया और यह प्रचलित हो गया। .

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हर्षल पटेल

हर्षल विक्रम पटेल (जन्म, २३ नवंबर १९९०, सानंद, गुजरात) एक भारतीय प्रथम श्रेणी क्रिकेट के खिलाड़ी हैं जो मुख्य रूप से तेज गेंदबाजी करते है। दाहिने हाथ के तेज गेंदबाज, हर्षल पटेल ने २००८-०९ अंडर-१९ वीनू मांकड ट्रॉफी में ११ की प्रभावशाली औसत से २३ विकेट लिए थे। बाद में उन्होंने २००९-१० में गुजरात के लिए अपने एक दिवसीय क्रिकेट की शुरुआत की थी। ये २०१२ से २०१७ तक इंडियन प्रीमियर लीग में ये विराट कोहली की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम में खेल रहे थे लेकिन २०१८ इंडियन प्रीमियर लीग में इन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स ने अपनी टीम में शामिल किया था। .

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हरीपुरा (अमरेली)

हरीपुरा (હરીપુરા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। हरीपुरा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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हल्वासन

हल्वासन एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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हसमुख अधिया

हसमुख अधिया भारत के वित्त सचिव हैं | वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में गुजरात कैडर के 1981 बैच के अधिकारी हैं | .

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हाफूस (आम)

पुआल के बीच हाफूस आम हापुस आम का वृक्ष जिसमें फूल लगे हुए हैं हाफूस (अंग्रेजी में Alphanso अलफांसो, मराठी में हापुस, गुजराती में हाफुस (હાફુસ) और कन्नड़ में आपूस (ಆಪೂಸ್), आम की एक किस्म है जिसे मिठास, सुगंध और स्वाद के मामले में अक्सर आमों की सबसे अच्छी किस्मों में से एक माना जाता है। यूरोपीय भाषाओं में इसका नाम अलफांसो, अफोंसो दि अल्बूकर्क (पुर्तगाली: Afonso de Albuquerque) के सम्मान में रखा गया है। पकने के बाद इसे लगभग एक सप्ताह तक रखा जा सकता है और इसका यह गुण इसका निर्यात सुगम बनाता है। कीमत के मामले में यह आम भारत के सबसे महंगे आमों में से एक है और इसे मुख्यत: पश्चिम भारत में ही उगाया जाता है। इसका मौसम अप्रैल से मई के मध्य होता है और प्रत्येक आम का वजन 150 ग्राम से 300 ग्राम के मध्य होता है। .

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हार्दिक पटेल

हार्दिक पटेल गुजरात में पटेल समुदाय द्वारा ओबीसी दर्जे की मांग को लेकर जारी आरक्षण आंदोलन के युवा नेता हैं। (अब इन्होंने कांग्रेस का साथ देना सही समझ कर उनसे हाथ मिला लिया है अब ये भी कांगेस के समर्थक हो गए है)यह ओबीसी दर्जे में पटेल समुदाय को जोड़कर सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण चाहते हैं। जो अब इन्हें कांग्रेस सरकार देगी अगर कांग्रेस सरकार चुनाव जीत अपनी सत्ता वापस कायम कर पाती है तो। पटेल बी-काम पारित है। .

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हार्दिक पांड्या

हार्दिक हिमांशु पण्ड्या, जो कि भारतीय क्रिकेट का एक उभरता सितारा है, का जन्म ११ अक्टूबर १९९३ में सूरत, गुजरात में हुआ था, एक हरफनमौला क्रिकेट खिलाड़ी हैं। ये भारतीय क्रिकेट टीम, बड़ौदा क्रिकेट टीम तथा मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हैं। पण्ड्या दाएँ हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज तथा दाएँ हाथ के मध्यक्रम बल्लेबाज हैं। इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत २६ जनवरी २०१६ को ट्वेन्टी ट्वेन्टी के साथ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ की थी। गौरतलब है कि चैंपियन ट्रॉफी २०१७ ई. के भारत पाक फाइनल मैच में पांड्या ने अपनी बल्लेबाजी के दम पर पाक गेंदबाजों को परेशानी में डाल दिया था और हार्दिक की इस जबरदस्त पारी का हिंदुस्तान ने "हार्दिक" स्वागत किया। .

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हाल की घटनाएँ दिसंबर २००७

* रविवार, 30 दिसंबर, 2007: बेनजीर भुट्टो के 19 वर्षीय पुत्र बिलावल को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का अध्यक्ष और उनके पति आसिफ अली जरदारी को सह-अध्यक्ष बनाया गया। -->.

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हालार

हालार, गुजरात में, कच्छ की खाड़ी के समुद्र तट पर स्थित, सौराष्ट्र का एक ऐतिहासिक क्षेत्र है, जो वर्त्तमान गुजरात के पश्चिमी छोर पर, पूर्व शाही रियासत नवानगर (वर्तमान में जामनगर) के इर्द-गिर्द स्थित था। 1901 में, इस क्षेत्र की जनसंख्या 7,64,992 थी और इसका क्षेत्रफल 19,365 वर्ग किलोमीटर था। .

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हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार

हिन्द - यूरोपीय भाषाओं देश बोल रही हूँ. गाढ़े हरे रंग के देश में जो बहुमत भाषा हिन्द - यूरोपीय परिवार हैं, लाइट ग्रीन एक देश वह जिसका आधिकारिक भाषा हिंद- यूरोपीय है, लेकिन अल्पसंख्यकों में है। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा-परिवार संसार का सबसे बड़ा भाषा परिवार (यानी कि सम्बंधित भाषाओं का समूह) हैं। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा परिवार में विश्व की सैंकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ सम्मिलित हैं। आधुनिक हिन्द यूरोपीय भाषाओं में से कुछ हैं: हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, फ़्रांसिसी, जर्मन, पुर्तगाली, स्पैनिश, डच, फ़ारसी, बांग्ला, पंजाबी, रूसी, इत्यादि। ये सभी भाषाएँ एक ही आदिम भाषा से निकली है, उसे आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा का नाम दे सकता है। यह संस्कृत से बहुत मिलती-जुलती थी, जैसे कि वह सांस्कृत का ही आदिम रूप हो। .

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हिन्दुओं का उत्पीड़न

हिन्दुओं का उत्पीडन हिन्दुओं के शोषण, जबरन धर्मपरिवर्तन, सामूहिक नरसहांर, गुलाम बनाने तथा उनके धर्मस्थलो, शिक्षणस्थलों के विनाश के सन्दर्भ में है। मुख्यतः भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा मलेशिया आदि देशों में हिन्दुओं को उत्पीडन से गुजरना पड़ा था। आज भी भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ हिस्सो में ये स्थिति देखने में आ रही है। .

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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हिन्दी भाषियों की संख्या के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

मानक हिंदी भारत में आधिकारिक राज्य भाषा है और जनसंख्या का बहुमत हिंदी की कुछ किस्म बोलते हैं।। हिन्दी भाषियों की संख्या के आधार पर भारत के राज्यों की सूची जनसंख्या और प्रतिशत दोनों आधारित है। इसका संदर्भ भारत की २००१ के आधार पर है। इस सूची में भारत के सभी राज्य हैं। श्रेणी:हिन्दी श्रेणी:भारत की जनगणना.

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हिन्दी साहित्य का इतिहास

हिन्दी साहित्य पर यदि समुचित परिप्रेक्ष्य में विचार किया जाए तो स्पष्ट होता है कि हिन्दी साहित्य का इतिहास अत्यंत विस्तृत व प्राचीन है। सुप्रसिद्ध भाषा वैज्ञानिक डॉ० हरदेव बाहरी के शब्दों में, हिन्दी साहित्य का इतिहास वस्तुतः वैदिक काल से आरम्भ होता है। यह कहना ही ठीक होगा कि वैदिक भाषा ही हिन्दी है। इस भाषा का दुर्भाग्य रहा है कि युग-युग में इसका नाम परिवर्तित होता रहा है। कभी 'वैदिक', कभी 'संस्कृत', कभी 'प्राकृत', कभी 'अपभ्रंश' और अब - हिन्दी। आलोचक कह सकते हैं कि 'वैदिक संस्कृत' और 'हिन्दी' में तो जमीन-आसमान का अन्तर है। पर ध्यान देने योग्य है कि हिब्रू, रूसी, चीनी, जर्मन और तमिल आदि जिन भाषाओं को 'बहुत पुरानी' बताया जाता है, उनके भी प्राचीन और वर्तमान रूपों में जमीन-आसमान का अन्तर है; पर लोगों ने उन भाषाओं के नाम नहीं बदले और उनके परिवर्तित स्वरूपों को 'प्राचीन', 'मध्यकालीन', 'आधुनिक' आदि कहा गया, जबकि 'हिन्दी' के सन्दर्भ में प्रत्येक युग की भाषा का नया नाम रखा जाता रहा। हिन्दी भाषा के उद्भव और विकास के सम्बन्ध में प्रचलित धारणाओं पर विचार करते समय हमारे सामने हिन्दी भाषा की उत्पत्ति का प्रश्न दसवीं शताब्दी के आसपास की प्राकृताभास भाषा तथा अपभ्रंश भाषाओं की ओर जाता है। अपभ्रंश शब्द की व्युत्पत्ति और जैन रचनाकारों की अपभ्रंश कृतियों का हिन्दी से सम्बन्ध स्थापित करने के लिए जो तर्क और प्रमाण हिन्दी साहित्य के इतिहास ग्रन्थों में प्रस्तुत किये गये हैं उन पर विचार करना भी आवश्यक है। सामान्यतः प्राकृत की अन्तिम अपभ्रंश-अवस्था से ही हिन्दी साहित्य का आविर्भाव स्वीकार किया जाता है। उस समय अपभ्रंश के कई रूप थे और उनमें सातवीं-आठवीं शताब्दी से ही पद्य-रचना प्रारम्भ हो गयी थी। साहित्य की दृष्टि से पद्यबद्ध जो रचनाएँ मिलती हैं वे दोहा रूप में ही हैं और उनके विषय, धर्म, नीति, उपदेश आदि प्रमुख हैं। राजाश्रित कवि और चारण नीति, शृंगार, शौर्य, पराक्रम आदि के वर्णन से अपनी साहित्य-रुचि का परिचय दिया करते थे। यह रचना-परम्परा आगे चलकर शौरसेनी अपभ्रंश या 'प्राकृताभास हिन्दी' में कई वर्षों तक चलती रही। पुरानी अपभ्रंश भाषा और बोलचाल की देशी भाषा का प्रयोग निरन्तर बढ़ता गया। इस भाषा को विद्यापति ने देसी भाषा कहा है, किन्तु यह निर्णय करना सरल नहीं है कि हिन्दी शब्द का प्रयोग इस भाषा के लिए कब और किस देश में प्रारम्भ हुआ। हाँ, इतना अवश्य कहा जा सकता है कि प्रारम्भ में हिन्दी शब्द का प्रयोग विदेशी मुसलमानों ने किया था। इस शब्द से उनका तात्पर्य 'भारतीय भाषा' का था। .

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हिमेश रेशमिया

हिमेश रेशमिया (जन्म: 23 जुलाई 1973) एक गायक, संगीतकार, गीतकार, अभिनेता तथा फिल्म निर्माता हैं, जो प्रमुखतः हिन्दी फ़िल्मों में कार्यरत हैं। वर्ष 1998 में आयी प्यार किया तो डरना क्या से बॉलीवुड फिल्मों में एक संगीतकार के रूप में पदार्पण करने वाले हिमेश ने अगले कुछ वर्षों में हेलो ब्रदर (1999), कुरुक्षेत्र (2000), जोड़ी नम्बर वन (2001) और हमराज़ (2002) जैसी फिल्मों में संगीत दिया; हमराज़ के लिए उन्हें उनका पहला फ़िल्मफेयर नामांकन मिला था। इसके बाद 2003 में उन्होंने तेरे नाम फिल्म में संगीत दिया, जिसकी संगीत एल्बम उस वर्ष की सर्वाधिक बिकने वाली एल्बम थी, और इसके लिए उन्हें फ़िल्मफेयर, स्क्रीन तथा स्टार गिल्ड समेत कई पुरस्कारों के लिए नामांकन प्राप्त हुए। तेरे नाम ने उन्हें बॉलीवुड में एक सफल संगीतकार के रूप में स्थापित किया, और फिर 2004 में उन्होंने रन, टार्ज़न, ऐतराज़ और दिल मांगे मोर जैसी फिल्मों में संगीत दिया। .

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हिंदू धर्म में कर्म

कर्म हिंदू धर्म की वह अवधारणा है, जो एक प्रणाली के माध्यम से कार्य-कारण के सिद्धांत की व्याख्या करती है, जहां पिछले हितकर कार्यों का हितकर प्रभाव और हानिकर कार्यों का हानिकर प्रभाव प्राप्त होता है, जो पुनर्जन्म का एक चक्र बनाते हुए आत्मा के जीवन में पुन: अवतरण या पुनर्जन्म की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं की एक प्रणाली की रचना करती है। कहा जाता है कि कार्य-कारण सिद्धांत न केवल भौतिक दुनिया में लागू होता है, बल्कि हमारे विचारों, शब्दों, कार्यों और उन कार्यों पर भी लागू होता है जो हमारे निर्देशों पर दूसरे किया करते हैं। परमहंस स्वामी महेश्वराआनंद, मानव में छिपी शक्ति, इबेरा वरलैग, पृष्ठ 23, ISBN 3-85052-197-4 जब पुनर्जन्म का चक्र समाप्त हो जाता है, तब कहा जाता है कि उस व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है, या संसार से मुक्ति मिलती है। सभी पुनर्जन्म मानव योनि में ही नहीं होते हैं। कहते हैं कि पृथ्वी पर जन्म और मृत्यु का चक्र 84 लाख योनियों में चलता रहता है, लेकिन केवल मानव योनि में ही इस चक्र से बाहर निकलना संभव है।परमहंस स्वामी महेश्वराआनंद, मानव में छिपी शक्ति, इबेरा वरलैग, पृष्ठ 24, ISBN 3-85052-197-4 .

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हैली शाह

हैली शाह (जन्म: 7 जनवरी 1996) एक भारतीय टीवी अभिनेत्री है। उन्होंने अपने अभिनय के करियर की शुरूआत 8वीं कक्षा से की। उनके करियर की शुरूआत स्टार प्लस के गुलाल शो से हुई। फिर उन्होंने लाइफ ओके के अलक्ष्मी ― हमारी सुपर बहू नामक टीवी शो में अलक्ष्मी के रूप में फीमेल लीड की भूमिका निभाई। तात्पश्चात् उन्होंने खेलती है ज़िन्दगी आँख मिचोली में अमी की भूमिका निभाई। फिर वे सोनी पल के टीवी शो खुशियों की गुल्लक आशि में नज़र आई। .

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हूबेई

चीन में हूबेई प्रांत (लाल रंग में) हूबेई (湖北, Hubei) जनवादी गणराज्य चीन के मध्य भाग में स्थित एक प्रांत है। हूबेई का अर्थ 'झील से उत्तर' होता है, जो इस प्रांत की दोंगतिंग झील से उत्तर की स्थिति पर पड़ा है। हुबेई की राजधानी वूहान (武汉, Wuhan) शहर है। चीनी इतिहास के चिन राजवंश काल में हुबेई के पूर्वी भाग में 'अ' (鄂) नामक प्रान्त होता था जिस वजह से हुबेई को चीनी भावचित्रों में संक्षिप्त रूप से '鄂' (अ, È) लिखा जाता है। यहाँ प्राचीनकाल में शक्तिशाली चू राज्य भी स्थित था इसलिए इसे लोक-संस्कृति में 'चू' (楚, Chu) भी बोला जाता है। हूबेई का क्षेत्रफल १,८५,९०० वर्ग किमी है, यानि भारत के कर्नाटक राज्य से ज़रा कम। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ५,७२,३७,७४० थी, यानि भारत के गुजरात राज्य से ज़रा कम। इस प्रान्त के पश्चिमी इलाक़े के वुदांग पहाड़ों (武当山, Wudang Shan, वुदांग शान) में बहुत से ऐतिहासिक ताओधर्मी मठ हैं, जिनमें से कुछ में कंग-फ़ू जैसी युद्ध कलाएँ सिखाई जाती थीं। हूबेई का मौसम अच्छा माना जाता है: न ज़्यादा गर्म और न अधिक सर्द। सर्दियों में बर्फ़ कभी-कभार ही पड़ती है। प्रान्त में हान चीनी लोग बहुसंख्य हैं, हालांकि दक्षिण-पश्चिमी भाग में मियाओ लोगों की ह्मोंग जाति और तुजिया लोगों के समुदाय रहते हैं।, David Leffman, Martin Zatko, Penguin, 2011, ISBN 978-1-4053-8908-2,...

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हेमचन्द्राचार्य

ताड़पत्र-प्रति पर आधारित '''हेमचन्द्राचार्य''' की छवि आचार्य हेमचन्द्र (1145-1229) महान गुरु, समाज-सुधारक, धर्माचार्य, गणितज्ञ एवं अद्भुत प्रतिभाशाली मनीषी थे। भारतीय चिंतन, साहित्य और साधना के क्षेत्रमें उनका नाम अत्यंत महत्वपूर्ण है। साहित्य, दर्शन, योग, व्याकरण, काव्यशास्त्र, वाड्मयके सभी अंड्गो पर नवीन साहित्यकी सृष्टि तथा नये पंथको आलोकित किया। संस्कृत एवं प्राकृत पर उनका समान अधिकार था। संस्कृत के मध्यकालीन कोशकारों में हेमचंद्र का नाम विशेष महत्व रखता है। वे महापंडित थे और 'कालिकालसर्वज्ञ' कहे जाते थे। वे कवि थे, काव्यशास्त्र के आचार्य थे, योगशास्त्रमर्मज्ञ थे, जैनधर्म और दर्शन के प्रकांड विद्वान् थे, टीकाकार थे और महान कोशकार भी थे। वे जहाँ एक ओर नानाशास्त्रपारंगत आचार्य थे वहीं दूसरी ओर नाना भाषाओं के मर्मज्ञ, उनके व्याकरणकार एवं अनेकभाषाकोशकार भी थे। समस्त गुर्जरभूमिको अहिंसामय बना दिया। आचार्य हेमचंद्र को पाकर गुजरात अज्ञान, धार्मिक रुढियों एवं अंधविश्र्वासों से मुक्त हो कीर्ति का कैलास एवं धर्मका महान केन्द्र बन गया। अनुकूल परिस्थिति में कलिकाल सर्वज्ञ आचार्य हेमचंद्र सर्वजनहिताय एवं सर्वापदेशाय पृथ्वी पर अवतरित हुए। १२वीं शताब्दी में पाटलिपुत्र, कान्यकुब्ज, वलभी, उज्जयिनी, काशी इत्यादि समृद्धिशाली नगरों की उदात्त स्वर्णिम परम्परामें गुजरात के अणहिलपुर ने भी गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त किया। .

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हेमचन्द्राचार्य संस्कृत पाठशाला

हेमचन्द्राचार्य संस्कृत पाठशाला, गुजरात के अहमदाबाद में स्थित एक प्रसिद्ध संस्कृत पाठशाला है। अहमदाबाद के रामनगर-साबरमति में स्थित यह पाठशाला एक ऐसा ‘ गुरुकुलम ’ है जहां विविध विषयक ज्ञान-विज्ञान-गणित-साहित्य के साथ-साथ वैदिक गणित, आयुर्वेद, ज्योतिष, धर्मविज्ञान तथा संगीत कला, चित्रकला, नृत्यकला, नाट्यकला और गायन-वादन-अभिनयन सहित पुरुषों के जीवनोपयोगी 72 कलाओं की उत्कृष्ट शिक्षा दी जाती है। इतना ही नहीं, योग, व्यायाम, ध्यान, कुश्ती, मलखम्ब आदि विविध शारीरिक क्रियाओं और भारतीय खेलों को भी प्रशिक्षण दिया जाता है। .

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हेमंत चौहान

हेमंत चौहान गुजराती भाषा के जानेमाने भजनिक एवं लोकगायक है। ९ अक्तूबर २०१२ को उन्हें वर्ष २०११ के अकादमी रत्व एवोर्ड से सम्मानित किया गया था। गुजराती भजन, गरबा इत्यादि गुजरात की लोकागायकी में उनका अनुठा योगदान रहा हैं। श्रोताओं को प्रत्येक शब्द समझ में आए इस तरह के उच्चारण के साथ गाना ये उनकी विशेषता है। पंखीडा ओ पंखीडा, विणेला मोती, हे मानव विश्वास करी ले, तु रंगाई जा रंगमां इत्यादि गुजराती गीत लोकप्रिय हुए हैं।हिंदी भजनो में भी उन्होंने अपना स्वर दिया हैं जिसमें कहत कबीर-१ और २, प्रदीप भजन (सुर मन्दिर) उल्लेखनीय हैं। भजन, गरबा, गीतों के अलावा, उन्होंने स्वयं के कुछ एलबम में संगीत भी दिया है। संतवानी और अन्य गीतों में गायकी के साथ हारमोनियम,गिटार और तानपुरा आदि  काफी आसानी से बजा लेते हैं। भारत भवन, भोपाल मेंगुजरात महोत्सव मेंफ़रवरी 2017 में स्वर देते हुए। .

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जनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र

भारत उनतीस राज्यों और सात केन्द्र शासित प्रदेशों का एक संघ है। सन् 2009 में, लगभग 1.15 अरब की जनसंख्या के साथ भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत के पास विश्व की कुल भूक्षेत्र का 2.4% भाग है, लेकिन यह विश्व की 17% जनसंख्या का निवास स्थान है। गंगा के मैदानी क्षेत्र विश्व के सबसे विशाल उपजाऊ फैलावों में से एक हैं और यह विश्व के सबसे सघन बसे क्षेत्रों में से एक है। दक्कन के पठार के पूर्वी और पश्चिमी तटीय क्षेत्र भी विश्व के सबसे सघन क्षेत्रों में हैं। पश्चिमी राजस्थान में स्थित थार मरुस्थल विश्व के सबसे सघन मरुस्थलों में से एक है। उत्तर और उत्तर-पूर्व में हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं में बसे राज्यों में ठंडे शुष्क मरुस्थल और उपजाऊ घाटियां हैं। कठिन संरचना के कारण इन राज्यों में देश के अन्य भागों की तुलना में जनसंख्या घनत्व कम है। .

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जब हैरी मेट सेजल

जब हैरी मेट सेजल एक आगामी हिंदी रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्म है जिसका लेखन एवं निर्देशन इम्तियाज़ अली द्वारा किया गया है। फ़िल्म में शाहरुख़ खान, अनुष्का शर्मा मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फ़िल्म रब ने बना दी जोड़ी (2008) और जब तक है जान (2012) के बाद तीसरी फिल्म है जिसमें शाहरुख़ खान और अनुष्का शर्मा साथ काम कर रहे हैं। फ़िल्म 4 अगस्त 2017 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी। .

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जय सोनी

जय सोनी एक भारतीय अभिनेता हैं। इन्होंने अपने अभिनय की शुरुआत दिल मांगे मोर नामक फ़िल्म के एक छोटे से किरदार से की थी। .

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जयप्रकाश नारायण

जयप्रकाश नारायण (11 अक्टूबर, 1902 - 8 अक्टूबर, 1979) (संक्षेप में जेपी) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। इन्दिरा गांधी को पदच्युत करने के लिये उन्होने 'सम्पूर्ण क्रांति' नामक आन्दोलन चलाया। वे समाज-सेवक थे, जिन्हें 'लोकनायक' के नाम से भी जाना जाता है। 1999 में उन्हें मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मनित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें समाजसेवा के लिए १९६५ में मैगससे पुरस्कार प्रदान किया गया था। पटना के हवाई अड्डे का नाम उनके नाम पर रखा गया है। दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल 'लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल' भी उनके नाम पर है। .

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जयसिंह सिद्धराज

गुजरात के चालुक्य नरेश कर्ण और मयणल्लदेवी का पुत्र जयसिंह सिद्धराज (1094-1143 ई) कई अर्थों में उस वंश का सर्वश्रेष्ठ सम्राट् था। सिद्धराज उसका विरुद था। उसका जन्म 1094 ई. में हुआ था। पिता की मृत्यु के समय वह अल्पवयस्क था अतएव उसकी माता मयणल्लदेवी ने कई वर्षों तक अभिभाविका के रूप में शासन किया था। वयस्क होने और शासनसूत्र सँभालने के पश्चात् जयसिंह ने अपना ध्यान समीपवर्ती राज्यों की विजय की ओर दिया। अनेक युद्धों के अनंतर ही वह सौराष्ट्र के आभीर शासक नवघण अथवा खंगार को पराजित कर सका। विजित प्रदेश के शासन के लिए उसने सज्जन नाम के अधिकारी को प्रांतपाल नियुक्त किया किंतु संभवत: जयसिंह का अधिकार चिरस्थायी नहीं हो पाया। जयसिंह ने चालुक्यों के पुराने शत्रु नाडोल के चाहमान वंश के आशाराज को अधीनता स्वीकार करने और सामंत के रूप में शासन करने के लिए बाध्य किया। उसने उत्तर में शाकंभरी के चाहमान राज्य पर भी आक्रमण किया और उसकी राजधानी पर अधिकार कर लिया। किंतु एक कुशलनीतिज्ञ के समान उसने अपने पक्ष को शक्तिशाली बनाने के लिए अपनी पुत्री का विवाह चाहमान नरेश अर्णोराज के साथ कर दिया और अर्णोराज को सामंत के रूप में शासन करने दिया। मालव के परमार नरेश नरवर्मन् के विरुद्ध उसे आशाराज और अर्णोराज से सहायता प्राप्त हुई थी। दीर्घकालीन युद्ध के पश्चात् नरवर्मन् बंदी हुआ लेकिन जयसिंह ने बाद में उसे मुक्त कर दिया। नरवर्मन् के पुत्र यशोवर्मन् ने भी युद्ध को चालू रखा। अंत में विजय फिर भी जयसिंह की ही हुई। बंदी यशोवर्मन् को कुछ समय तक कारागार में रहना पड़ा। इस विजय के उपलक्ष में जयसिंह ने अवंतिनाथ का विरुद धारण किया और अंवतिमंडल के शासन के लिए महादेव को नियुक्त किया। किंतु जयसिंह के राज्यकाल के अंतिम वर्षों में यशोवर्मन् के पुत्र जयवर्मन् ने मालवा राज्य के कुछ भाग को स्वतंत्र कर लिया था। जयसिंह ने भिनमाल के परमारवंशीय सोमेश्वर को अपने राज्य के कुछ भाग को स्वतंत्र कर लिया था। जयसिह ने भिनमाल के परमारवंशीय सोमेश्वर को अपने राज्य पर पुनः अधिकार प्राप्त करने में सहायता की थी और संभवत: उसके साथ पूर्वी पंजाब पर आक्रमण किया था। जयसिंह को चंदेल नरेश मदनवर्मन् के विरुद्ध कोई उल्लेखनीय सफलता नहीं प्राप्त हो सकी। संभवत: मालव में मदनवर्मन् की सफलताओं से आशांकित होकर ही उसने त्रिपुरी के कलचुरि और गहड़वालों से मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए। कल्याण के पश्चिमी चालुक्य वंश के विक्रमादित्य षष्ठ ने नर्मदा के उत्तर में और लाट तथा गुर्जर पर कई विजयों का उल्लेख किय है। किंतु ये क्षणिक अभियान मात्र रहे होंगे और चालुक्य राज्य पर इनका कोई भी प्रभाव नहीं था। अपने एक अभिलेख में जयसिंह ने पेर्मार्दि पर अपनी विजय का उल्लेख किया है किंतु संभावना है कि पराजित नरेश कोई साधारण राजा था, प्रसिद्ध चालुक्य नरेश नहीं। जयसिंह को सिंधुराज पर विजय का भी श्रेय दिया गया है जो सिंध का कोई स्थानीय मुस्लिम सामंत रहा होगा। जयसिंह ने बर्बरक को भी पराजित किया जो संभवत: गुजरात में रहनेवाली किसी अनार्य जाति का व्यक्ति था और सिद्धपुर के साधुओं को त्रास देता था। अपनी विजयों के फलस्वरूप जयसिंह ने चालुक्य साम्राज्य की सीमाओं का जो विस्तार किया वह उस वंश के अन्य किसी भी शासक के समय में सम्भव नहीं हुआ। उत्तर में उसका अधिकार जोधपुर और जयपुर तक तथा पश्चिम में भिलसा तक फैला हुआ था। काठियावाड़ और कच्छ भी उसके राज्य में सम्मिलित थे। जयसिंह पुत्रहीन था। इस कारण उसके जीवन के अंतिम वर्ष दुःखपूर्ण थे। उसकी मृत्यु के बाद सिंहासन उसके पितृव्य क्षेमराज के प्रपौत्र कुमारपाल को मिला। किन्तु क्षेमराज औरस पुत्र नहीं था, इसलिए जयसिंह ने अपने मंत्री उदयन के पुत्र बाहड को अपना दत्तक पुत्र बनाया था। रुद्र महालय मन्दिर के भग्नावशेष अपनी विजयों से अधिक जयसिंह अपने सांस्कृतिक कृत्यों के कारण स्मरणीय है। जयसिंह ने कवियों और विद्वानों को प्रश्रय देकर गुजरात को शिक्षा और साहित्य के केंद्र के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया। इन साहित्यकारों में से रामचंद्र, आचार्य जयमंगल, यशःचन्द्र और वर्धमान के नाम उल्लेखनीय हैं। श्रीपाल को उसने कवीन्द्र की उपाधि दी थी और उसे अपना भाई कहता था। लेकिन इन सभी से अधिक विद्वान् और प्रसिद्ध तथा जयसिंह का विशेष प्रिय और स्नेहपात्र जिसकी बहुमुखी प्रतिभा के कारण अन्य समकालीन विद्वानों का महत्व चमक नहीं पाया, जैन पंडित हेमचंद्र था। अपने व्याकरण ग्रंथ सिद्धहेमचंद्र के द्वारा उसने सिद्धराज का नाम अमर कर दिया है। जयसिह शैवमतावलंबी था। मेरुत्तुंग के अनुसार उसने अपना माता के कहने पर बाहुलोड में यात्रियों से लिया जानेवाला कर समाप्त कर दिया। लेकिन धार्मिक मामले में उसकी नीति उदार और समदर्शी थी। उसके समकालीन अधिकांश विद्वान् जैन थे। किंतु इनको संरक्षण देने में उसका जैनियों के प्रति कोई पक्षपात नहीं था। एक बार उसने ईश्वर और धर्म के विषय में सत्य को जानने के लिए विभिन्न मतों के आचार्यों से पूछा किन्तु अंत में हेमचंद्र के प्रभाव में सदाचार के मार्ग को ही सर्वश्रेष्ठ समझा। इस्लाम के प्रति भी उसकी नीति उदार थी। उसकी सर्वप्रमुख कृति सिद्धपुर में रुद्रमहालय का मंदिर था जो अपने विस्तार के लिय भारत के मंदिरों में प्रसिद्ध है। उसने सहस्रलिंग झील भी निर्मित की और उसके समीप एक कीर्तिस्तम्भ बनवाया। सरस्वती के तटपर उसने दशावतार नारायण का मंदिर भी बनवाया था। .

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जलाराम

गुजरात के एक मंदिर में स्थापित जलाराम बापा की मूर्ति संत श्री जलाराम बापा (જલારામ) एक हिन्दु संत थे। वे राम-भक्त थे। वे 'बापा' के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म १७९९ मे गुजरात के राजकोट जिले के वीरपुर गाँव में हुआ था। .

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जलजीवड़ी (धारी)

जलजीवड़ी (જળજીવડી.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। जलजीवड़ी गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव का सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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जशवंतगढ (अमरेली)

जशवंतगढ (જશવંતગઢ.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। जशवंतगढ गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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जसदण

जसदण, गुजरात के राजकोट जिले का एक नगर है जो राजकोट-भानगढ़ मार्ग पर आकोट से ६ किमी उत्तर-पूर्व में स्थित है। यह जसदण राज्य की राजधानी था। श्रेणी:गुजरात के नगर.

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जसदण राज्य

जजरान या जसदण ब्रितानी भारत में भूतपूर्व काठियावाड़ पोलिटिकल ऐजेंसी (बंबई) का एक राज्य (रियासत) था। इसमें ५६ गाँव थे। भारत द्वारा स्वतंत्रताप्राप्ति (१९४७) के बाद १५ फरवरी १९४८ को इसे वर्तमान गुजरात राज्य में दिया गया। इसकी राजधानी जसदण थी जो राजकोट-भानगढ़ मार्ग पर आकोट से ६ किमी मील उत्तर-पूर्व में स्थित है। .

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जसप्रीत बुमराह

जसप्रीत जसबीरसिंह बुमराह (जन्म अहमदाबाद, गुजरात, भारत में 6 दिसंबर 1993) एक भारतीय दाएँ हाथ के तेज मध्यम गेंदबाज है, और अपने अलग बॉलिंग एक्शन के लिए प्रसिद्ध भी है जो गुजरात और मुंबई इंडियंस के लिए क्रिकेट खेलते हैं। बुमराह ने 4 अप्रैल 2013 को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 3/32 ले कर, मुंबई इंडियंस के लिए एक सफल इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत की। जनवरी 2016 में वह घायल मोहम्मद शमी की जगह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी श्रृंखला के लिए भारत की ट्वेंटी -20 अंतरराष्ट्रीय टीम में जोड़ा गया है। .

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जसवंतसिंह सुमनभाई भाभोर

जसवंतसिंह सुमनभाई भाभोर भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की दाहोद सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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जसु पटेल

जसुभाई मोतीभाई पटेल (26 नवम्बर 1924, अहमदाबाद, गुजरात – 12 दिसम्बर 1992, अहमदाबाद) ऑफ़-स्पिनर थे जो भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलते थे। उनको प्रसिद्धि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच से मिली जिसमें उन्होंने १४ विकेट लिए। उन्हें १९६० में भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया। .

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ज़ाफ़रान पुलाव

ज़ाफ़रान पुलाव एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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जाफराबाद

जाफराबाद भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र एवम काठियावाड़ प्रदेश में स्थित अमरेली जीले में जाफराबाद तहसील का वहीवटी मुख्यालय है। भारत का प्रतिष्ठित बंदरगाह पीपावाव ये तहसील में है। पीपावाव में भारत का सब से बडा संरक्षण शिपयार्ड भी है जहां युद्धपोत का निर्माण होता है। ये तहसील के विस्तार में अरबी समुद्र फैला हुआ है। ये तहसील में एक द्रीप भी है, जो पौराणिक काल में सिंहलद्रीप के नाम से प्रसिद्ध था। अभी शियालबेट के नाम से जाना जाता है। ये प्रवासीओ के लीए आकर्षन का केन्द्र है। .

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जाम जोधपुर

जाम जोधपुर में एक शहर और एक नगर पालिका में जामनगर जिले में भारतीय राज्य की गुजरात.

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जामनगर

जामनगर गुजरात का एक शहर है। यह अरब सागर से लगा कच्छ की खाड़ी के दक्षिण में स्थित है। जामनगर में आधुनिकता व प्राचीनता का समावेश देखा जा सकता है। .

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जामनगर तेल शोधनागार

जामनगर तेल शोधनागार भारते में एक ग़ैर-सरकारी क्षेत्रक तेल शोधनागार है। रिलायन्स इण्डस्ट्रीज इस के मलाकी है और गुजरात राज्य के जामनगर में ये स्थीत है। कुल क्षमता के अनुसार, ये दुनिया का सबसे बड़ा शोधनागार है और ७५०० एकड पर फैला हुआ है। .

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जामनगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

जामनगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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जामनगर जिला

जामनगर भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जामनगर जिला, भारत के गुजरात राज्य में स्थित है। जामनगर यहाँ का मुख्य शहर, महानगरपालिका और प्रशासकीय केंद्र है। महाराजा कुमार श्री रणजीतसिंह के समय में इस जिले को ' नवानगर ' नाम से जाना जाता था। यह जिला कच्छ की खाड़ी के दक्षिण में स्थित है। रिलायंस इंडस्ट्रिज, भारत की सबसे बड़ी खनन क्षेत्र की कंपनी द्वारा जामनगर के निकट मोटी खावडी गाँव में विश्व की सबसे बड़ी रिफायनरी स्थापित करने के बाद जामनगर का महत्त्व बहुत बढ़ गया है। इसके उपरांत एस्सार ऑइल की रिफायनरी भी इस जिले स्थापित की गई। जामनगर का नाम पीतल की वस्तुओं को बनाने में विश्व प्रसिद्द है। यहाँ पीतल उद्योग सन् १९६० में शुरू हुआ था। जामनगर में पीतल के कई कारखानें है जिसमे उत्पादित वस्तुएं भारत अन्य राज्यों के अलावा विदेशों में भी निर्यात की जाती है। इस जिले का प्रमुख धार्मिक स्थल द्वारिका है जिसमे भगवान श्री द्वारिकाधीश का मंदिर है। .

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जालौर

जालौर राजस्थान राज्य का एक एतिहसिक शहर है। यह शहर प्राचीनकाल में 'जाबालिपुर' के नाम से जाना जाता था। जालौर जिला मुख्यालय यहाँ स्थित है। लूनी नदी की उपनदी सुकरी के दक्षिण में स्थित जालौर राजस्थान का ऐतिहासिक जिला है। पहलें बहुत बड़ी रियासतों मे ऐक थी। जालौर रियासत, चित्तौड़गढ़ रियासत के बाद मे अपना स्थान रखती थी। पच्चीमी राजस्थान (राजपुताना) मे प्रमुख रियासत थी। .

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जालीया (अमरेली)

जालीया (જાળીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। जालीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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जिनप्रभ सूरि

जिनप्रभ सूरि ईसवी सन् की १४वीं शताब्दी में एक असाधारण प्रतिभाशाली जैन आचार्य हो गए हैं। मुगल बादशाह अकबर के दरबार में जो स्थान जगद्गुरु हीरविजय सूरि को प्राप्त था, वही स्थान तुगलक सुलतान मुहम्मदशाह के दरबार में जिनप्रभ सूरि का था। जिनप्रभ सूरि लघु खरतर गच्छ के प्रवर्तक जिनसिंह सूरि के प्रधान शिष्य थे। संस्कृत, प्राकृत और अपभ्रंश में विविध विषयों पर इन्होंने महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे हैं। प्रतिदिन किसी अभिनव काव्य की रचना करने के पश्चात् ही आहारग्रहण करने का उनका नियम था। उनके जीवनकाल में बघेला वंश का अंत, गुजरात का मुसलमान बादशाहों के अधिकार में चला जाना, दिल्ली में मुगल सल्तनत का आरंभ आदि अनेक रोमांचकारी ऐतिहासिक घटनाएँ घटी थीं। जिनप्रभ सूरि को भ्रमण का बहुत शौक था तथा गुजरात, राजस्थान, मालवा, मध्यप्रदेश, बरार, दक्षिण, कर्णाटक, तेलंगाना, बिहार, अवध, उत्तर प्रदेश और पंजाब आदि स्थानों की यात्राएँ इन्होंने की थीं। अपने विविध तीर्थकाल में इस भ्रमण का विस्तृत वृतांत जिनप्रभ सूरि संकलित किया है। इस वृत्तांत के अनुसार विक्रम संवत् १२५ (११९९ ई.) में सुलतान अलाउद्दीन के छोटे भाई उल्लू खाँ (अलफ खाँ) ने दिल्ली से गुजरात पर आक्रमण किया। उस समय चित्तौड़ के नरेश समरसिंह ने उल्लू खाँ को दंड देकर मेवाड़ की रक्षा की। विविध तीर्थकल्प में बनारस के मणिकणिंकाघाट तथा देववाराणसी, राजधानी वाराणसी, मदन वाराणसी और विजयवाराणसी का उल्लेख है। राजधानी वाराणसी में यवन रहते थे। आजकल का मदनपुरा ही मदन वाराणसी हो सकता है। श्रेणी:जैन आचार्य.

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जिनेश्वर सूरि

जिनेश्वरसूरि चंद्रकुलीय वर्धमान सूरि के प्रतिभाशाली शिष्य थे। ये खरतर गच्छ के संस्थापक थे और सन् १०२३ में विद्यमान थे। जैन आगम ग्रंथों के टीकाकार अभयदेव सूरि, सुर सुंदरी कथा के कर्ता धनेश्वरसूरि तथा महावीरचरित के कर्ता गुणचंद्रमणि उनके शिष्य-प्रशिष्यों में गिने जाते हैं। .

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जिया माणेक

जिया माणेक एक भारतीय अभिनेत्री हैं। यह अपने अभिनय की शुरुआत स्टार प्लस के धारावाहिक साथ निभाना साथिया से किया। इसके बाद यह सब टीवी के धारावाहिक जीनी और जूजू में जीनी नामक एक मुख्य भूमिका में काम किया। यह दोनों ही धारावाहिक में मुख्य किरदार में ही थीं। .

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जिग्नेश मेवाणी

जिग्नेश मेवाणी जिग्नेश मेवाणी गुजरात, एक भारतीय राजनीतिज्ञ है। वह वडगाम निर्वाचन क्षेत्र में गुजरात विधान सभा के एक सदस्य है। उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता और वकील के रूप में काम किया है। उन्होंने 2016 में गुजरात में भारतीय जाति वर्गीकरण में 'नीच जातियों' के रूप में माने जाते दलितों के हितों के लिए नेतृत्व किया था। .

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जुनागढ़ रियासत

जूनागढ़ 1948 तक एक रियासत था, जिसपर बाबी राजवंश का शासन था। एकीकरण के दौरान भारतीय संघ में जनमत द्वारा शामिल कर लिया गया। .

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जैन धर्म का इतिहास

उदयगिरि की रानी गुम्फा जैन धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला प्राचीन धर्म और दर्शन है। जैन अर्थात् कर्मों का नाश करनेवाले 'जिन भगवान' के अनुयायी। सिन्धु घाटी से मिले जैन अवशेष जैन धर्म को सबसे प्राचीन धर्म का दर्जा देते है। http://www.umich.edu/~umjains/jainismsimplified/chapter20.html  संभेद्रिखर, राजगिर, पावापुरी, गिरनार, शत्रुंजय, श्रवणबेलगोला आदि जैनों के प्रसिद्ध तीर्थ हैं। पर्यूषण या दशलाक्षणी, दिवाली और रक्षाबंधन इनके मुख्य त्योहार हैं। अहमदाबाद, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बंगाल आदि के अनेक जैन आजकल भारत के अग्रगण्य उद्योगपति और व्यापारियों में गिने जाते हैं। जैन धर्म का उद्भव की स्थिति अस्पष्ट है। जैन ग्रंथो के अनुसार धर्म वस्तु का स्वाभाव समझाता है, इसलिए जब से सृष्टि है तब से धर्म है, और जब तक सृष्टि है, तब तक धर्म रहेगा, अर्थात् जैन धर्म सदा से अस्तित्व में था और सदा रहेगा। इतिहासकारो द्वारा Helmuth von Glasenapp,Shridhar B. Shrotri.

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जैन समुदाय

भारतीय जैन श्रमण परम्परा के अंतिम प्रत्यक्ष प्रतिनिधि हैं। जैन जैन धर्म के अनुयायी हैं जो धार्मिक निष्ठा के उन चौबीस प्रवर्तकों द्वारा बताया गया जिन्हें तीर्थंकर कहा जाता है। .

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जूनागढ़

जूनागढ एक नगर, भारत के गुजरात प्रान्त में एक नगर पालिका एवं जनपद मुख्यालय है। यह शहर गिरनार पहाड़ियों के निचले हिस्से पर स्थित है। मंदिरों की भूमि जूनागढ़ गिरनार हिल की गोद में बसा हुआ है। यह मुस्लिम शासक बाबी नवाब के राज्य जूनागढ़ की राजधानी था। गुजराती भाषा में जूनागढ़ का अर्थ होता है प्राचीन किला। इस पर कई वंशों ने शासन किया। यहां समय-समय पर हिंदू, बौद्ध, जैन और मुस्लिम, इन चार प्रमुख धर्मों का प्रभाव रहा है। विभिन्न राजनीतिक और धार्मिक शाक्तियों के समन्वय के कारण जूनागढ़ बहुमूल्य संस्कृति का धनी रहा है। इसका उदाहरण है जूनागढ़ की अनोखी स्थापत्य कला, जिसकी झलक जूनागढ़ में आज भी देखी जा सकती है। जूनागढ़ दो भागों में विभक्‍त है। एक मुख्‍य शहर है जिसके चारो ओर दीवारों से किलेबन्‍दी की गई है। दूसरा पश्‍िचम में है जिसे अपरकोट कहा जाता है। अपरकोट एक प्राचीन दुर्ग है जो शहर से बहुत ऊपर स्थित है। यह किला मौर्य और गुप्त शासकों के लिए बहुत मजबूत साबित हुआ क्योंकि इस किले ने विशिष्ट स्थान पर स्थित होने और दुर्गम राह के कारण पिछले 1000 वर्षो से लगभग 16 आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया। अपरकोट का प्रवेशद्वार हिंदू तोरण स्थापत्य कला का अच्छा नमूना है। बौद्ध गुफा और बाबा प्यारा की गुफा (दूसरी शताब्दी), अड़ी-काड़ी वाव, नवघन कुआं और जामी मस्जिद यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल है। .

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जूनागढ़ बौद्ध गुफ़ाएँ

जूनागढ़ बौद्ध गुफ़ाएँ भारत के गुजरात राज्य के जूनागढ़ ज़िले में स्थित एक पुरातत्व स्थल है। यह वास्तव में प्राकृतिक गुफ़ाएँ न होकर, शिलाओं में काटकर बनाएँ गए कक्षों के तीन समूहों का गुट है। इन कक्षों का निर्माण मौर्य राजवंश के सम्राट अशोक महान के काल से लेकर पहली से चौथी शताब्दी ईसवी तक जारी रहा और इनमें बौद्ध भिक्षु निवास करा करते थे। .

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जूनागढ़ लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

जूनागढ़ लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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जूनागढ़ जिला

जूनागढ़ भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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जे भुधारदास भोजक

जे भुधारदास भोजक को कला के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा, सन १९७१ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये गुजरात राज्य से हैं। श्रेणी:१९७१ पद्म भूषण.

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जे.सी. कुमारप्पा

गांधीवादी अर्थशास्त्री जेसी कुमारप्पा जे सी कुमारप्पा (४ जनवरी १८९२ - ३० जनवरी १९६०) भारत के एक अर्थशास्त्री थे। उनका मूल नाम 'जोसेफ चेल्लादुरई कॉर्नेलिअस' (Joseph Chelladurai Cornelius) था। वे महात्मा गांधी के निकट सहयोगी रहे। वे ग्राम-विकास सम्बन्धी आर्थिक सिद्धान्तों के अग्रदूत थे। उन्होने गांधीवाद पर आधारित आर्थिक सिद्धान्तों का विकास किया। जे सी कुमारप्पा को भारत में गाँधीवादी अर्थशास्त्र का प्रथम गुरु माना जाता है। अपने जीवनकाल में कुमारप्पा ने गाँधीवादी अर्थशास्त्र से जुड़े विषयों पर न केवल विशद लेखन किया बल्कि एक पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में भारत के दूरस्थ स्थानों में अनेक आर्थिक सर्वेक्षण करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था के कायाकल्प के लिए सार्थक कार्यनीति का प्रतिपादन भी किया। कुमारप्पा का अर्थशास्त्र स्वतंत्र भारत के हर व्यक्ति के लिए आर्थिक स्वायत्तता एवं सर्वांगीण विकास के अवसर देने के उसूल पर आधारित था। भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और इसके प्राकृतिक स्वरूप को उन्नत करने के हिमायती कुमारप्पा ऐसे बिरले अर्थशास्त्री थे जो पर्यावरण संरक्षण को औद्योगिक-वाणिज्यिक उन्नति से कहीं अधिक लाभप्रद मानते थे। गाँधी के आर्थिक दर्शन से कांग्रेस पार्टी में उनके अपने सहयोगी भी पूर्णतः सहमत नहीं थे। इसीलिए स्वतंत्र भारत की आर्थिक नीतियों और गाँधीवादी आर्थिक नीतियों के बीच कोई समानता नहीं रही। परिणास्वरूप स्वतंत्र भारत ने पाश्चात्य अर्थव्यस्था के नमूने के अंधानुकरण की होड़ में कुमारप्पा को जल्दी ही विस्मृत कर दिया। .

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जेट कनेक्ट

जेट कनेक्ट के रूप में संचालित जेटलाइट (पूर्व नाम: एयर सहारा) मुंबई, भारत में आधारित एक वायुसेवा थी। रीडिफ.कॉम, 16 अप्रैल 2007 इसे पहले जेट एयर वेज़ कनेक्ट के नाम से जाना जाता था, जेट लाईट इंडिया लिमिटेड का एक व्यावसायिक नाम है। यह मुंबई में स्थित एक विमानन सेवा है जिस पर की जेट एयरवेज का मालिकाना हक़ है। यह विमान सेवा भारत के सभी मेट्रोपोल शहरों को जोड़ने के लिए नियमित उड़ान सेवाएँ प्रदान करती है। .

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जॉर्ज जोसफ

जॉर्ज जोसफ को सन १९९९ में भारत सरकार ने विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये गुजरात राज्य से हैं। श्रेणी:१९९९ पद्म भूषण.

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जोधपुर जिला

जोधपुर जिला भारत के राजस्थान राज्य का एक ज़िला है। इसका मुख्यालय जोधपुर नगर में है जो कि राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। जोधपुर सूर्य नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यह अपनी महान सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक धरोहर के लिये पूरे संसार में मशहूर है। अपने महलों और किलों के कारण यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन चुका है। तनावड़ा जोधपुर शहर पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा शहर है, इसकी स्थापना राव जोधा ने सन १४५९ में की थी। .

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जीवन प्रत्याशा के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

भारत का जीवन प्रत्याशा मानचित्र यह सूची जन्म के समय जीवन प्रत्याशा के आधार पर क्रमित है। इस सूची के आँकड़े 2011 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम भारत द्वारा प्रकाशित मानव विकास सूचकांक प्रतिवेदन से लिए गए हैं। इस प्रतिवेदन के आँकड़े वर्ष 2002 से 2006 के लिए हैं। 2004 में केरल की जन्म के समय जीवन प्रत्याशा सर्वाधिक थी। पूर्वोत्तर राज्यों के लिए आँकड़े अनुपलब्ध थे। .

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ईरान का इतिहास

सुसा में दारुश (दारा) के महल के बाहर बने "अमर सेनानी"। यह उपाधि कुछ चुनिन्दा सैनिकों को दी जाती थी जो महल रक्षा तथा साम्राज्य विस्तार में प्रमुख माने जाते थे। ईरान का पुराना नाम फ़ारस है और इसका इतिहास बहुत ही नाटकीय रहा है जिसमें इसके पड़ोस के क्षेत्र भी शामिल रहे हैं। इरानी इतिहास में साम्राज्यों की कहानी ईसा के ६०० साल पहले के हख़ामनी शासकों से शुरु होती है। इनके द्वारा पश्चिम एशिया तथा मिस्र पर ईसापूर्व 530 के दशक में हुई विजय से लेकर अठारहवीं सदी में नादिरशाह के भारत पर आक्रमण करने के बीच में कई साम्राज्यों ने फ़ारस पर शासन किया। इनमें से कुछ फ़ारसी सांस्कृतिक क्षेत्र के थे तो कुछ बाहरी। फारसी सास्कृतिक प्रभाव वाले क्षेत्रों में आधुनिक ईरान के अलावा इराक का दक्षिणी भाग, अज़रबैजान, पश्चिमी अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान का दक्षिणी भाग और पूर्वी तुर्की भी शामिल हैं। ये सब वो क्षेत्र हैं जहाँ कभी फारसी सासकों ने राज किया था और जिसके कारण उनपर फारसी संस्कृति का प्रभाव पड़ा था। सातवीं सदी में ईरान में इस्लाम आया। इससे पहले ईरान में जरदोश्त के धर्म के अनुयायी रहते थे। ईरान शिया इस्लाम का केन्द्र माना जाता है। कुछ लोगों ने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया तो उन्हें यातनाएं दी गई। इनमें से कुछ लोग भाग कर भारत के गुजरात तट पर आ गए। ये आज भी भारत में रहते हैं और इन्हें पारसी कहा जाता है। सूफ़ीवाद का जन्म और विकास ईरान और संबंधित क्षेत्रों में ११वीं सदी के आसपास हुआ। ईरान की शिया जनता पर दमिश्क और बग़दाद के सुन्नी ख़लीफ़ाओं का शासन कोई ९०० साल तक रहा जिसका असर आज के अरब-ईरान रिश्तों पर भी देखा जा सकता है। सोलहवीं सदी के आरंभ में सफ़वी वंश के तुर्क मूल लोगों के सत्ता में आने के बाद ही शिया लोग सत्ता में आ सके। इसके बाद भी देश पर सुन्नियों का शासन हुआ और उन शासकों में नादिर शाह तथा कुछ अफ़ग़ान शासक शामिल हैं। औपनिवेशक दौर में ईरान पर किसी यूरोपीय शक्ति ने सीधा शासन तो नहीं किया पर अंग्रेज़ों तथा रूसियों के बीच ईरान के व्यापार में दखल पड़ा। १९७९ की इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान की राजनैतिक स्थिति में बहुत उतार-चढ़ाव आता रहा है। ईराक के साथ युद्ध ने भी देश को इस्लामिक जगत में एक अलग जगह पर ला खड़ा किया है। २३ जनवरी २००८ .

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ईशा शरवानी

ईशा शरवानी (जन्म: 29 सितंबर 1985) हिन्दी फ़िल्मों की अभिनेत्री और भारतीय समकालीन डांसर हैं। .

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ईश्वरभाई परमार

ईश्वरभाई रमनभाई परमार (जन्म १ मार्च १९७१) एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान गुजरात सरकार में सामाजिक न्याय, पिछड़ा वर्ग विकास मंत्री हैं| वे सुरत के बारडोली विधानसभा क्षैत्र से विधायक हैं तथा भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं| वे २०१२ और २०१७ के विधानसभा चुनाव में चुने गए। .

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ईश्वरीया (अमरेली)

ईश्वरीया (ઇશ્વરીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। ईश्वरीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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घरों मे बिजली उपलब्धता के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची उस क्रम में है जितने घरों में बिजली बिजली उपलब्ध है (प्रतिशत में)। निम्नलिखिन जानकारी वर्ष 2001 और 2011 के डेटा पर आधारित जो कि 2011 भारतीय जनगणना के दौरान प्रकाशित की गयी थी। .

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घंबू तीर्थ

घंबू तीर्थ महसाना, गुजरात में स्थित है। यह लोकप्रिय जैन तीर्थस्थल मेहसाना के घंबू में स्थित है। गंबीरा पार्श्‍वनाथ को समर्पित यहां का प्रमुख प्रमुख आकर्षण है। यहां तीर्थ यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। हर साल हजारों की तादाद में सैलानियों का यहां आगमन होता है। श्रेणी:महसाना जिले के जैन तीर्थ.

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घुड़खर अभयारण्य

घुड़खर अभयारण्य में घुड़खर घुड़खर अभयारण्य (Indian Wild Ass Sanctuary) गुजरात के लघु कच्छ रण में स्थित है। यह ४९५४ वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और भारत का सबसे बड़ा अभयारण्य है। यह 'खर', 'गधेरा' या 'घुड़खर' (जंगली गधा) के लिये प्रसिद्ध है। .

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वड़नगर

वड़नगर भारत देश में गुजरात राज्य के महसाणा जिला का एक नगर है। यह नगर भारतीय रेलमार्ग व सड़क मार्ग से जुड़ा है। यह भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जन्म स्थान है। .

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वडेरा (अमरेली)

वडेरा (વડેરા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। वडेरा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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वडोदरा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

वडोदरा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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वडोदरा जिला

वड़ोदड़ा भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय बड़ोदरा है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - ०२६५ जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

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वधावन

वधावन भारत के गुजरात राज्य के सुरेन्द्रनगर जिले का एक शहर है। वर्ष २००१ की जनगणना के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या ६१,७३९ है, जिसमें ५२% पुरुष एवं ४८% महिलाएं हैं। २००६ के अनुमान के अनुसार १,०९,५३,५१,९९५ है।- गेटमैप.कॉम पर यह राष्ट्रीय औसत ५९.५% से काफ़ी अहिक है। पुरुष साक्षरता दर ७८% एवं महिला दर ६३% है। वधावन की कुल जनसंक्या का १२% ६ वर्शः की आयु से नीचे का है। .

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वरसडा (अमरेली)

वरसडा (વરસડા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। वरसडा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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वरुशिका मेहता

वरुशिका मेहता एक भारतीय टेलीविजन अभिनेत्री और पेशेवर नर्तक है। वह १८ फरवरी १९९४ को अहमदाबाद, गुजरात, भारत में गुजराती परिवार में और मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में पैदा हुई थी। उसने तलोनी कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक किया था। मेहता ने युवा नृत्य आधारित नृत्य शो दिल डोस्ती डांस में शेरोन राय प्रकाश के साथ टेलीविज़न में पहली शुरुआत की, शंतनु माहेश्वरी के सामने एक पेशेवर नर्तक के रूप में। बाद में उन्होंने ये हैं आशिकी के दो एपिसोड चित्रित किए जिसमें एक प्रकरण में उन्होंने शक्तानु माहेश्वरी के साथ रुकसर मलिक का किरदार निभाया और दूसरे में उन्होंने ट्विंकल की भूमिका निभाई। इसके अलावा उन्होंने प्यार तूने क्या किया और फियर फाइल्स जैसे टेलीविजन शो पर काम किया। २०१५ में उन्होंने ट्विस्ट वाला लव के पांच एपिसोड के लिए अमृता प्रसाद के रूप में अभिनय किया। और २०१५ के अंत में उन्होंने सतरंगी ससुराला में एक निर्दोष और शर्मीली लड़की कैरा के रूप में आईं। २०१६ में उन्होंने वास्तविक यात्रा आधारित शो देसी एक्सप्लोरर्स जॉर्डन की मेजबानी की और उन्होंने २०१६ में ही स्टार प्लस के शो इश्कबाज़ में इशना का किरदार निभाया। .

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वर्घिस क्यूरियन

वर्घिस क्यूरियन को उद्योग एवं व्यापार के क्षेत्र में सन १९६६ में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये गुजरात से हैं। श्रेणी:१९६६ पद्म भूषण.

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वर्गीज कुरियन

डॉ॰ वर्गीज़ कुरियन (26 नवम्बर 1921 - 9 सितंबर 2012) एक प्रसिद्ध भारतीय सामाजिक उद्यमी थे और 'फादर ऑफ़ द वाइट रेवोलुशन' के नाम से अपने 'बिलियन लीटर आईडिया' (ऑपरेशन फ्लड) - विश्व का सबसे बड़ा कृषि विकास कार्यक्रम - के लिए आज भी मशहूर हैं। इस ऑपरेशन ने 1998 में भारत को अमरीका से भी ज़यादा तरक्की दी और दूध -अपूर्ण देश से दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बना दिया| डेयरी खेती भारत की सबसे बड़ी आत्मनिर्भर उद्योग बन गयी। उन्होंने पदभार संभालकर भारत को खाद्य तेलों के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता दी। उन्होंने लगभग 30 संस्थाओं कि स्थापना की (AMUL, GCMMF, IRMA, NDDB) जो किसानों द्वारा प्रबंधित हैं और पेशेवरों द्वारा चलाये जा रहे हैं। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (GCMMF), का संस्थापक अध्यक्ष होने के नाते डॉ॰ कुरियन अमूल इंडिया के उत्पादों के सृजन के लिए ज़िम्मेदार थे। अमूल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी की उन्होंने प्रमुख दुग्ध उत्पादक राष्ट्रों मैं गाय के बजाय भैंस के दूध का पाउडर उपलब्ध करवाया| डॉ॰ कुरियन की अमूल से जुडी उपलब्धियों के परिणाम स्वरुप तब प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हें 1965 में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड का संस्थापक अध्यक्ष नियुक्त किया तांकि वे राष्ट्रव्यापी अमूल के "आनंद मॉडल" को दोहरा सकें.

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वलसाड

वलसाड(વલસાડ) गुजरात प्रान्त का एक शहर है, जो अरब सागर के नजदीक, राज्य के दक्षिण भाग में स्थित है। यह शहर पश्चिम रेल्वे के सुरत-मुंबई रेलपथ और राष्ट्रिय धोरीमार्ग-८ पर स्थित है। ईस शहरमें वलसाड जिला का मुख्यालय है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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वलसाड लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

वलसाड लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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वलसाड जिला

वलसाड भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय वलसाड है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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वल्लभ भाई पटेल

श्रेणी: सरदार वल्लभ भाई पटेल (સરદાર વલ્લભભાઈ પટેલ; 31 अक्टूबर, 1875 - 15 दिसंबर, 1950) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है। .

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वल्लभसूरी

आचार्य विजय वल्लभ सूरी एक जैन संन्यासी थे। उन्होंने पंजाब केसरी के नाम से भी जाना जाता है। वो विजयानन्दसूरी के एक शिष्य थे। उन्होंने लोगों के लिए धार्मिक और सामाजिक कार्य किये। उन्होंने सक्रिय रूप से पंजाब में कार्य किया। .

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वल्लभीपुर

बल्लभीपुर प्राचीन भारत का एक नगर है, जो पाँचवीं से आठवीं शताब्दी तक मैत्रक वंश की राजधानी रहा। यह पश्चिमी भारत के सौराष्ट्र में और बाद में गुजरात राज्य, भावनगर के बंदरगाह के पश्चिमोत्तर में खम्भात की खाड़ी के मुहाने पर स्थित था। .

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वली मुहम्मद वली

वाली मुहम्मद वाली (1667-1707) (उर्दू: ولی محمد ولی, जिसे वाली डेक्कानी, उर्दू भी कहा जाता है: ولی دکنی, वाली गुजराती और वाली औरंगाबाद, भारत के शास्त्रीय उर्दू कवि थे। उन्हें उर्दू कविता के पिता के रूप में जाना जाता है, पहली स्थापित कवि होने के कारण उर्दू भाषा में गज़ल बनाते हैं और एक दिवान संकलित (गज़लों का संग्रह जहां पूरे वर्णमाला का प्रयोग अंतिम पत्र के रूप में कम से कम एक बार किया जाता है कविता पैटर्न को परिभाषित करने के लिए)। वाली से पहले, दक्षिण एशियाई गज़ल फारसी में रचित थे, लगभग साददी, जामी और खक्कानी जैसे मूल फारसी मास्टर्स से विचार और शैली में दोहराया जा रहा था। वाली ने न केवल एक भारतीय भाषा का उपयोग किया, बल्कि अपने गजलों में भारतीय विषयों, मुहावरे और इमेजरी का उपयोग किया। ऐसा कहा जाता है कि 1700 में दिल्ली की उनकी यात्रा के साथ, उर्दू गज़लों के उनके दिव्य के साथ उत्तर की साहित्यिक मंडलियों में एक लहर पैदा हुई, जो उन्हें ज़ौक, सौदा और मीर जैसे ताकतवर बनाने के लिए प्रेरित करती थीं । .

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वली सोंगो

वली सोंगो (9 संत या सरदार) इंडोनेशिया के जावा के ९ व्यक्तियों को कहा जाता है जो आग्नेय एशिया में इस्लाम लाने के लिए जाने जाते हैं। इनमें से कुछ गुजरात, कुछ अरब, कुछ फ़ारस (ईरान) और समरकंद से यहाँ पंद्रहवीं सदी के आसपास यहाँ आए थे। श्रेणी:इण्डोनेशिया का इतिहास.

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वसावा परभुभाई नागरभाई

वसावा परभुभाई नागरभाई भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की बारडोली सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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वाँकीया (अमरेली)

वाँकीया (વાંકીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। वाँकीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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वापी

वापी गुजरात (भारत) के वलसाड जिले में स्थित एक शहर और नगर पालिका है। यह दमन गंगा नदी के तट पर दक्षिणी गुजरात में स्थित है। वापी पारडी तालुका प्रशासन के अंतर्गत आता है। वापी रासायनिक उध्योग के सन्दर्भ मे प्रसिद्ध है| यहा उत्तर मे वलसाड, पष्चिम मे दमण, पुर्व मे दादरा तथा नगर हवेली और दक्षिण मे ऊमरगाव स्थित है| यहा एसीया खन्ड का सबसे वीस्त्रुत लघु तथा मध्यम ओध्योगिक क्षेत्र है, जिनमे रासायणिक उध्योग का बडा दबदबा है| पि॰हले दशको के ओध्योगिक विकास अन्तर्गत दमण-वपी तथा दादरा तथा नगर हवेली मे नाम मात्र पयमाना रह गया है| ईस शहर को नाम पास ही मे स्थित जल वाव से मीला | शहर के दक्षिण मे दमणगंगा नदि अप्ने पैर पसारे हुए है, तथा उत्तर मे सुक्ष्म जलवाहिनिया है | .

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वार्ली (वार्ली)

वार्ली या वर्ली भारत के मूल निवासी हैं जो अधिकतर महाराष्ट्र के पालघर जिले के डहाणू और तलासरी तालुकों तथा नाशिक और धुले जिलों, गुजरात के वलसाड जिले और दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव के संघ क्षेत्रों में रहते हैं। उनकी मौखिक परंपरा से हमें पता चलता है कि खेती के स्थानांतरण के लिए भूमि की खोज में दक्षिण की ओर सह्याद्री (पश्चिमी घाट के रूप में भी जाना जाता है) की तलहटी में चले गए। .

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वाहनों के घनत्व के आधार पर भारत के राज्य

यह सूची भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों में वर्ष 2011-2012 में प्रति 1,000 लोगों पर पंजीकृत वाहनों की है। यह सूची सड़क परिवहन और राजमार्ग मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित सड़क परिवहन वार्षिकी 2011-2012 से ली गई है। .

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वांसदा राष्ट्रीय उद्यान

वांसदा राष्ट्रीय उद़्यान का प्रवेशद्वार वांसदा राष्ट्रीय उद्यान भारत के गुजरात राज्य के नवसारी ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जो सन् १९७९ में स्थापित किया गया था। राष्ट्रीय उद्यान स्थापित होने से पहले यह क्षेत्र वांसदा के महाराजा का निजि इलाका था। इसी कारण से इस उद्यान का नाम भी वांसदा राष्ट्रीय उद्यान पड़ा। .

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वाकाटक

नन्दिवर्धन दुर्ग के भग्नावशेष वाकाटक शब्द का प्रयोग प्राचीन भारत के एक राजवंश के लिए किया जाता है जिसने तीसरी सदी के मध्य से छठी सदी तक शासन किया था। उस वंश को इस नाम से क्यों संबंधित किया गया, इस प्रश्न का सही उत्तर देना कठिन है। स्यात्‌ वकाट नाम का मध्यभारत में कोई स्थान रहा हो, जहाँ पर शासन करनेवाला वंश वाकाटक कहलाया। अतएव प्रथम राजा को अजंता लेख में "वाकाटक वंशकेतु:" कहा गया है। इस राजवंश का शासन मध्यप्रदेश के अधिक भूभाग तथा प्राचीन बरार (आंध्र प्रदेश) पर विस्तृत था, जिसके सर्वप्रथम शासक विन्ध्यशक्ति का नाम वायुपुराण तथा अजंतालेख मे मिलता है। संभवत: विंध्य पर्वतीय भाग पर शासन करने के कारण प्रथम राजा 'विंध्यशक्ति' की पदवी से विभूषित किया गया। इस नरेश का प्रामाणिक इतिवृत्त उपस्थित करना कठिन है, क्योंकि विंध्यशक्ति का कोई अभिलेख या सिक्का अभी तक उपलब्ध नहीं हो सका। तीसरी सदी के मध्य में सातवाहन राज्य की अवनति हो जाने से विंध्यशक्ति को अवसर मिल गया तो भी उसका यश स्थायी न रह सका। उसके पुत्र प्रथम प्रवरसेन ने वंश की प्रतिष्ठा को अमर बना दिया। अभिलेखों के अध्ययन से पता चलता है कि प्रथम प्रवरसेन ने दक्षिण में राज्यविस्तार के उपलक्ष में चार अश्वमेध किए और सम्राट् की पदवी धारण की। प्रवरसेन के समकालीन शक्तिशाली नरेश के अभाव में वाकाटक राज्य आंध्रप्रदेश तथा मध्यभारत में विस्तृत हो गया। बघेलखंड के अधीनस्थ शासक व्याघ्रराज का उल्लेख समुद्रगुप्त के स्तंभलेख में भी आया है। संभवत: प्रवरसेन ने चौथी सदी के प्रथम चरण में पूर्वदक्षिण भारत, मालवा, गुजरात, काठियावाड़ पर अधिकार कर लिया था परंतु इसकी पुष्टि के लिए सबल प्रमाण नहीं मिलते। यह तो निश्चित है कि प्रवरसेन का प्रभाव दक्षिण में तक फैल गया था। परंतु कितने भाग पर वह सीधा शासन करता रहा, यह स्पष्ट नहीं है। यह कहना सर्वथा उचित होगा कि वाकाटक राज्य को साम्राज्य के रूप में परिणत करना उसी का कार्य था। प्रथम प्रवरसेन ने वैदिक यज्ञों से इसकी पुष्टि की है। चौथी सदी के मध्य में उसका पौत्र प्रथम रुद्रसेन राज्य का उत्तराधिकारी हुआ, क्योंकि प्रवरसेन का ज्येष्ठ पुत्र गोतमीपुत्र पहले ही मर चुका था। मानसर में प्रवरसेन द्वितीय द्वारा निर्मित प्रवरेश्वर शिव मन्दिर के भग्नावशेष वाकाटक वंश के तीसरे शासक महाराज रुद्रसेन प्रथम का इतिहास अत्यंत विवादास्पद माना जाता है। प्रारंभ में वह आपत्तियों तथा निर्बलता के कारण अपनी स्थिति को सबल न बना सका। कुछ विद्वान्‌ यह मानते हैं कि उसके पितृव्य साम्राज्य को विभाजित कर शासन करना चाहते थे, किन्तु पितृव्य सर्वसेन के अतिरिक्त किसी का वृत्तांत प्राप्य नहीं है। वाकाटक राज्य के दक्षिण-पश्चिम भाग में सर्वसेन ने अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया था जहाँ (बरार तथा आंध्र प्रदेश का उत्तरी-पश्चिमी भूभाग) उसके वंशज पाँचवी सदी तक राज्य करते रहे। इस प्रसंग में यह मान लेना सही होगा कि उसके नाना भारशिव महाराज भवनाग ने रुद्रसेन प्रथम की विषम परिस्थिति में सहायता की, जिसके फलस्वरूप रुद्रसेन अपनी सत्ता को दृढ़ कर सका। (चंपक ताम्रपत्र का. इ., इ. भा. ३, पृ. २२६) इस वाकाटक राजा के विनाश के संबंध में कुछ लोगों की असत्य धारण बनी हुई है कि गुप्तवंश के उत्थान से रुद्रसेन प्रथम नष्ट हो गया। गुप्त सम्राट् समुद्रगुप्त ने कौशांबी के युद्ध में वाकाटक नरेश रुद्रसेन प्रथम को मार डाला (अ. भ. ओ. रि. इ., भा. ४, पृ. ३०-४०, अथवा उत्तरी भारत की दिग्विजय में उसे श्रीहत कर दिया। इस कथन की प्रामाणिकता समुद्रगुप्त की प्रयागप्रशस्ति में उल्लिखित पराजित नरेश रुद्रदेव से सिद्ध करते हैं। प्रशस्ति के विश्लेषण से यह समीकरण कदापि युक्तियुक्त नहीं है कि रुद्रदेव तथा वाकाटक महाराज प्रथम रुद्रसेन एक ही व्यक्ति थे। वाकाटकनरेश से समुद्रगुप्त का कहीं सामना न हो सका। अतएव पराजित या श्रीहत होने का प्रश्न ही नहीं उठता। इसके विपरीत यह कहना उचित होगा कि गुप्त सम्राट् ने वाकाटक वंश से मैत्री कर ली। वाकाटक अभिलेखों के आधार पर यह विचार व्यक्त करना सत्य है कि इस वंश की श्री कई पीढ़ियों तक अक्षुण्ण बनी रही। कोष, सेना तथा प्रतिष्ठा की अभिवृद्धि पिछले सौ वर्षों से होती रही (मानकोष दण्ड साधनसंतान पुत्र पौत्रिण: ए. इ., भा. ३, पृ. २६१) इसके पुत्र पृथ्वीषेण प्रथम ने कुंतल पर विजय कर दक्षिण भारत में वाकाटक वंश को शक्तिशाली बनाया। उसके महत्वपूर्ण स्थान के कारण ही गुप्त सम्राट् द्वितीय चंद्रगुप्त को (ई. स. ३८० के समीप) अपनी पुत्री का विवाह युवराज रुद्रसेन से करना पड़ा था। इस वैवाहिक संबंध के कारण गुप्त प्रभाव दक्षिण भारत में अत्यधिक हो गया। फलत: द्वितीय रुद्रसेन ने सिंहासनारूढ़ होने पर अपने श्वसुर का कठियावाड़ विजय के अभियान में साथ दिया था। द्वितीय रुद्रसेन की अकाल मृत्यु के कारण उसकी पत्नी प्रभावती गुप्ता अप्राप्तवयस्क पुत्रों की संरक्षिका के रूप में शासन करने लगी। वाकाटक शासन का शुभचिंतक बनकर द्वितीय चंद्रगुप्त ने सक्रिय सहयोग भी दिया। पाटलिपुत्र से सहकारी कर्मचारी नियुक्त किए गए। यही कारण था कि प्रभावती गुप्ता के पूनाताम्रपत्र में गुप्तवंशावली ही उल्लिखित हुई है। कालांतर में युवराज दामोदरसेन द्वितीय प्रवरसेन के नाम से सिंहासन पर बैठा, किंतु इस वंश के लेख यह बतलाते हैं कि प्रवरसेन से द्वितीय पृथ्वीषेण पर्यंत किसी प्रकार का रण अभियान न हो सका। पाँचवी सदी के अंत में राजसत्ता वेणीमशाखा (सर्वसेन के वंशज) के शासक हरिषेण के हाथ में गई, जिसे अजंता लेख में कुंतल, अवंति, लाट, कोशल, कलिंग तथा आंध्र देशों का विजेता कहा गया है (इंडियन कल्चर, भा. ७, पृ. ३७२) उसे उत्तराधिकारियों की निर्बलता के कारण वाकाटक वंश विनष्ट हो गया। अजन्ता गुफाओं में शैल को काटकर निर्मित बौद्ध बिहार एवं चैत्य वाकाटक साम्राज्य के वत्सगुल्म शाखा के राजाओं के संरक्षण में बने थे। अभिलेखों के अध्ययन से ज्ञात होता है कि दक्षिण भारत में वाकाटक राज्य वैभवशाली, सबल तथा गौरवपूर्ण रहा है। सांस्कृतिक उत्थान में भी इस वंश ने हाथ बटाया था। प्राकृत काव्यों में "सेतुबंध" तथा "हरिविजय काव्य" क्रमश: प्रवरसेन द्वितीय और सर्वसेन की रचना माने जाते हैं। वैसे प्राकृत काव्य तथा सुभाषित को "वैदर्भी शैली" का नाम दिया गया है। वाकाटकनरेश वैदिक धर्म के अनुयायी थे, इसीलिए अनेक यज्ञों का विवरण लेखों में मिलता है। कला के क्षेत्र में भी इसका कार्य प्रशंसनीय रहा है। अजंता की चित्रकला को वाकाटक काल में अधिक प्रोत्साहन मिला, जो संसार में अद्वितीय भित्तिचित्र माना गया है। नाचना का मंदिर भी इसी युग में निर्मित हुआ और उसी वास्तुकला का अनुकरण कर उदयगिरि, देवगढ़ एवं अजंता में गुहानिर्माण हुआ था। समस्त विषयों के अनुशीलन से पता चलता है कि वाकाटक नरेशों ने राज्य की अपेक्षा सांस्कृतिक उत्थान में विशेष अनुराग प्रदर्शित किया। यही इस वश की विशेषता है। .

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विट्ठल

विट्ठल, विठोबा, या पाण्डुरंग एक हिन्दू देवता हैं जिनकी पूजा मुख्यतः महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, तेलंगाना, तथा आन्ध्र प्रदेश में होती हैं। उन्हें आम तौर पर भगवान विष्णु या उनके अवतार, कृष्ण की अभिव्यक्ति माना जाता हैं। विट्ठल अक्सर एक सावले युवा लड़के के रूप में चित्रित किए जाता है, एक ईंट खडे और दोनो हाथ कमर पर रखे; कभी-कभी उनकी पत्नी रखुमाई भी साथ होती हैं। .

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विट्ठल भाई पटेल

विट्ठल भाई पटेल विट्ठल भाई पटेल (१८७१ - १९३३) भारत के प्रख्यात विधानवेत्ता, वक्तृत्वकला के आचार्य और भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के देश-विदेश में प्रचारक, प्रवर्तक थे। वे सरदार वल्लभ भाई पटेल के बड़े भाई थे। .

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विट्ठलभाई रादरिया

विट्ठलभाई रादरिया भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की पोरबंदर सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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विठ्ठलपुर (अमरेली)

विठ्ठलपुर (વિઠ્ઠલપુર.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। विठ्ठलपुर गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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विनोद चावड़ा

विनोद चावड़ा भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की कच्छ सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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विनोद भट्ट

विनोद भट्ट (14 जनवरी 1938 और 23 मई 2018), भारत से गुजरात के एक गुजराती के हास्य व्यंग्य लेखक और जीवनी लेखक थे। उनका जन्म 1938 में गांधीनगर के नादोल गांव में हुआ था। उन्होंने साहित्य की विविध विधाओं में 45 किताबें लिखीं। वे गुजराती साहित्य परिषद के (वर्ष 1996 से 1997 के बीच) अध्यक्ष भी रहे हैं। .

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विपुल अमृतलाल शाह

विपुल अमृतलाल शाह या विपुल शाह भारतीय फिल्मों और धारावाहिकों के निर्माता और निर्देशक हैं। इन्होंने अपने इस सफर की शुरुआत गुजराती थिएटर से शुरू किया था, जिन्हें अच्छे खासे दर्शक मिलते थे। इन्होंने गुजराती फिल्मों में दरिया-छोरु नाम के फिल्म से अपनी शुरुआत की, जो लगभग नब्बे के दशक में प्रदर्शित हुआ था। 2010 तक इन्होंने पाँच हिन्दी फिल्मों का निर्देशन किया था, जिसमें से चार में अक्षय कुमार थे। .

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विजय रूपाणी

विजय रूपाणी (जन्म 2 अगस्त 1956) एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। वे राजकोट पश्चिम से गुजरात विधानसभा के सदस्य हैं। वे पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भी हैं|ये जैन धर्म के अनुयाई हैं। .

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विजय स्तम्भ

मोटे अक्षरचित्तौड़गढ़ का विजय स्तम्भ विजय स्तम्भ भारत के राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित एक स्तम्भ या टॉवर है। इसे मेवाड़ नरेश राणा कुम्भा ने महमूद खिलजी के नेतृत्व वाली मालवा और गुजरात की सेनाओं पर विजय के स्मारक के रूप में सन् १४४२ और १४४९ के मध्य बनवाया था। यह राजस्थान पुलिस ओर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का प्रतीक चिन्ह है। इसे भारतीय मूर्तिकला का विश्वकोश और हिन्दू देवी देवताओं का अजायबघर कहते हैं। वास्तुकार:- जैता व उसके पुत्र नापा,पुंजा । .

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विजय हजारे

विजय सैमुअल हज़ारे (११ मार्च १९१५ – १८ दिसम्बर २००४) भारतीय राज्य महाराष्ट्र से भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी थे। वो १९५१ से १९५३ के मध्य भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे। उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को टेस्ट-क्रिकेट में प्रथम सफलता दिलाई। सन् १९६० में उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया। उनका १८ दिसम्बर २००४ को निधन हो गया। .

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विजयशंकर व्यास

प्राध्यापक विजयशंकर व्यास (जन्म: २१ अगस्त १९३१) एक कृषि-अर्थशास्त्री हैं जिन्हें अर्थशास्त्र में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने सन् 2005 पद्मभूषण से सम्मानित किया। राजस्थान में ग्रामीण अर्थशास्त्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म्भुषण का सम्मान प्राप्त करने वाले एकमात्र अर्थशास्त्री है। .

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विवेकानन्द केन्द्र

विवेकानन्द केंद्र, स्वामी विवेकानन्द के सिद्धान्तों को प्रसारित करने के उद्देश्य से स्थापित एक हिन्दू आध्यात्मिक संस्था है। महान विचारक स्वामी विवेकानंद को आदर्श मानकर उनके बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लेकर संगठन की स्थापना की गयी। सन १९७२ में एकनाथ जी रानाडे ने इसकी स्थापना की। केन्द्र मानता है कि ईश्वर प्रत्येक मनुष्य में है और उसे जगाकर देश निर्माण में उपयोग किया जा सकता है। .

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विक्रम ए साराभाई समुदाय विज्ञान केंद्र

विक्रम ए साराभाई समुदाय विज्ञान केन्द्र (VASCSC) जिसे साधारणतया स्थानीय लोग सीएससी भी कहते हैं, की स्थापना १९६० के दशक में गुजरात के अहमदाबाद शहर में भारतीय अन्तरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई द्वारा की गयी थी। यह केन्द्र विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं जनसाधारण के बीच विज्ञान एवं गणित के प्रचलन, प्रसिद्धि हेतु गठित किया गया था। इसका उद्देश्य उत्साह जागृत करना, विज्ञान एवं वैज्ञानिक तरीकों के सिद्धान्तों को उजागर कर लोगों की उनमें रुचि जगाना है। इसके अलावा ये विज्ञान की शिक्षा के नये तरीके षित करने तथा पुराने तरीकों के सुधार की दिशा में भी कार्यशील रहते हैं। यह शहर में स्थित गुजरात विश्वविद्यालय के सामने ही स्थित है। यह संस्थान सभी लोगों के लिये समान रूप से खुला है। .

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वजुभाई वाला

वजुभाई वाला (जन्म: 23 जनवरी 1939) एक भारतीय राजनेता हैं। वर्तमान में वे कर्नाटक के राज्यपाल हैं। इसके पूर्व वे गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष थे। .

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वंगी बटाटा भाजी

वंगी बटाटा भाजी एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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व्यारा

व्यारा गुजरात प्रान्त का एक शहर है। ईस शहरमें नवरचित तापी जिला का मुख्यालय है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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वेणीवदर (अमरेली)

वेणीवदर (વેણીવદર.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। वेणीवदर गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकल कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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वेरावल

वेरावल का बीच वेरावल (गुजराती:વેરાવળ) गीर-सोमनाथ जिले का एक शहर है। यह गुजरात में स्थित है। यह शहर प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर से मात्र ६ कि॰मी॰ की दूरी पर है। Veraval Beach .

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वी एल मेहता

वी एल मेहता को सार्वजनिक उपक्रम क्षेत्र में पद्म भूषण से १९५४ में सम्मानित किया गया। ये गुजरात राज्य से हैं। श्रेणी:१९५४ पद्म भूषण.

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वीनू हिम्मतलाल माँकड़

वीनू हिम्मतलाल मन्कद को खेल के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७३ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये गुजरात से हैं। .

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वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय

वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय गुजरात के सूरत नगर में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। पहले इसका नाम 'दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय' था जिसे २००४ में गुजराती के महान कवि नर्मद के नाम पर रखा गया। इसकी स्थापना १९६७ में हुई थी। श्रेणी:भारत के विश्वविद्यालय.

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वीर मेघमाया

वीर मेघमाया गुजरात के पाटण स्थित सरोवर मे पानी आये इसके लिये अपना बलिदान दिया था। गुजरात के धोलका गांव के अपने माता पिता के एक मात्र पुत्र थे ।वीर मेघमाया गुजरात राज्य के धोलका तहेसील के रनोडा गाँव में 12वीं सदी में जन्म हुआ था, तब गुजरात का पाटनगर पाटण था।12 वीं सदी में पाटन राज्य का राजा सिध्धराज सोलंकी था। धोलका गांव सोलंकी वंश के साम्राज्य का एक छोटा गांव था । सिद्धराज सोलंकी के राज मे प्रजा को पीने की पानी की काफी दिक्कते हुआ करती थी, उस समय पाटन राज्य में लगातार तिन साल से बारिश नही हो रही थी। पूरा पाटन पानी सेे तरस रहा था। इस बात से व्यथित होकर महाराज सिद्धराज जयसिंह ने अपनी राजधानी अणहिलपुर पाटण मे एक बडा सरोवर बनाने की इच्छा बनाइ। बडा सरोवर बनाने की मंशा से सिद्धराज जयसिंह ने अपनी राज्य सभा मे अपनी बात को रख्खा जिसे मंत्रीमंडल ने पारित कर दिया। प्रस्ताव के पारित होने के बाद सिद्धराज जयसिंह ने मजदूरो को बुलाकर यह सरोवर बनाने की कारवाइ शुरु की। नये बनने वाले सरोवर का नाम सहस्त्रलिंग सरोवर रखा। उस सरोवर में पानी नही आने की वजह से वीर मेघमाया ने अपना बलिदान दिया। .

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वीरचन्द गाँधी

वीरचन्द गाँधी (25 अगस्त 1864 - 7 अगस्त 1901) उन्नीसवीं सदी के एक जैन विद्वान थे, जो शिकागो के उस प्रसिद्ध धर्म-सम्मेलन में जैन-प्रतिनिधि बन कर गए थे जिससे स्वामी विवेकानन्द को ख्याति मिली थी। वीरचन्द गाँधी ने अहिंसा के सिद्धान्त को बहुत महत्वपूर्ण बताया था। .

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वीरांगना मैना गुर्जरी

कोई विवरण नहीं।

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खटिक

खटिक, भारत एवं पाकिस्तान में पायी जाने वाली एक जाति है। भारत में ये पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में पायी जाती है। पाकिस्तान में ये पंजाब प्रान्त में पाये जाते हैं। भारत के अधिकांश खटिक हिन्दू हैं जबकि पाकिस्तान के अधिकांश मुसलमान। हिन्दू खटिक अनुसूचित जाति के हैं जबकि मुसलमान खटिक अनुसूचित जाति में सम्मिलित किये जाने के लिये प्रयत्न कर रहे। समझा जाता है कि 'खटिक' शब्द के मूल में संस्कृत 'खट्टिक' शब्द है जिसका अर्थ कसाई अथवा व्याध (बहेलिया) होता है। किन्तु उत्तर प्रदेश और बिहार के खटिक खेती करते और तरकारी तथा फल बेचने का कार्य करते हैं। महाराष्ट्र में संखार, बकरकसाव, चलनमहाराव एवं ओर चराव नामक इसकी उपजातियाँ कही जाती हैं। बकरकसाव मांस बेचने का काम करते हैं। श्रेणी:जाति.

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खडखंभालीया (अमरेली)

खडखंभालीया(ખડખંભાળીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। खडखंभालीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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खतरगच्छ

खरतरगच्छ जैन संप्रदाय का एक पंथ है। इस गच्छ की उपलब्ध पट्टावली के अनुसार महावीर के प्रथम शिष्य गौतम हुए। जिनेश्वर सूरि रचित कथाकोषप्रकरण की प्रस्तावना में इस गच्छ के संबंध में बताया गया है कि जिनेश्वर सूरि के एक प्रशिष्य जिनबल्लभ सूरि नामक आचार्य थे। इनका समय १११२ से ११५४ ई. है। इनका जिनदत्त सूरि नामक एक पट्टधर था। ये दोनों ही प्रकांड पंडित और चरित्रवान् थे। इन लोगों के प्रभाव से मारवाड़, मेवाड़, बागड़, सिंध, दिल्ली एवं गुजरात प्रदेश के अनेक लोगों ने जैन धर्म की दीक्षा ली। उन लोगों ने इन स्थानों पर अपने पक्ष के अनेक जिन मंदिर और जैन उपाश्रय बनवाए और अपने पक्ष को विधिपक्ष नाम दिया। उनके शिष्यों ने जो जिन मंदिर बनवाए वे विधि चैत्य कहलाए। यही विधि पक्ष कालांतर में खरतरगच्छ कहा जाने लगा और यही नाम आज भी प्रचलित है। इस गच्छ में अनेक गंभीर एवं प्रभावशाली आचार्य हुए हैं। उन्होंने भाषा, साहित्य, इतिहास, दर्शन, ज्योतिष, वैद्यक आदि विषयों पर संस्कृत, प्राकृत अपभ्रंश एवं देश भाषा में हजारों ग्रंथ लिखे। उनके ये ग्रंथ केवल जैन धर्म की दृष्टि से ही महत्व के नहीं हैं, वरन समस्त भारतीय संस्कृति के गौरव माने जाते हैं। श्रेणी:जैन धर्म.

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खमण

खमण एक गुजरात व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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खमण ढोकला

खमण ढोकला एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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खमण ककड़ी

खमण ककड़ी एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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खरतरगच्छ

खरतरगच्छ जैन संप्रदाय का एक पंथ है। इस गच्छ की उपलब्ध पट्टावली के अनुसार महावीर के प्रथम शिष्य गौतम हुए। जिनेश्वर सूरि रचित कथाकोषप्रकरण की प्रस्तावना में इस गच्छ के संबंध में बताया गया है कि जिनेश्वर सूरि के एक प्रशिष्य जिनबल्लभ सूरि नामक आचार्य थे। इनका समय १११२ से ११५४ ई. है। इनका जिनदत्त सूरि नामक एक पट्टधर थे। ये दोनों ही प्रकांड पंडित और चरित्रवान् थे। इन लोगों के प्रभाव से मारवाड़, मेवाड़, बागड़, सिंध, दिल्ली एवं गुजरात प्रदेश के अनेक लोगों ने जैन धर्म की दीक्षा ली। उन लोगों ने इन स्थानों पर अपने पक्ष के अनेक जिन मंदिर और जैन उपाश्रय बनवाए और अपने पक्ष को विधिपक्ष नाम दिया। उनके शिष्यों ने जो जिन मंदिर बनवाए वे विधि चैत्य कहलाए। यही विधि पक्ष कालांतर में खरतरगच्छ कहा जाने लगा और यही नाम आज भी प्रचलित है। इस गच्छ में अनेक गंभीर एवं प्रभावशाली आचार्य हुए हैं। उन्होंने भाषा, साहित्य, इतिहास, दर्शन, ज्योतिष, वैद्यक आदि विषयों पर संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश एवं देश भाषा में हजारों ग्रंथ लिखे। उनके ये ग्रंथ केवल जैन धर्म की दृष्टि से ही महत्व के नहीं हैं, वरन समस्त भारतीय संस्कृति के गौरव माने जाते हें। श्रेणी:जैन धर्म.

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खरमोर

खरमोर खरमोर (वैज्ञानिक नाम: Sypheotides indicus; अंग्रेजी: Lesser Florican) एक बड़े आकार का लम्बी टाँगों वाला भारतीय पक्षी है। इसे 'चीनीमोर' या 'केरमोर' भी कहते हैं। यह मुख्यतः उत्तर-पश्चिमी महाराष्ट्र, नासिक, अहमदनगर से लेकर पश्चिमी घाट तक के भारतीय क्षेत्र में पाया जाता है किन्तु वर्षा ऋतु में यह मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात तक फैल जाता है। कभी कभार यह दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ पश्चिमी भागों तक भी पहुँच जाता है। पर भारत के बाहर यह पक्षी अनजाना है। भारत में रतलाम, सरदारपुर सहित कई स्थानों पर खरमोर के अभयारण्य हैं। नर और मादा बहुत कुछ एक से ही होते हैं। इसके सिर, गर्दन और नीचे का भाग काला और ऊपरी हिस्सा हलका सफेद और तीर सदृश काले चित्तियों से भरा रहता है। कान के पीछे कुछ पंख बढ़े हुए रहते हैं। प्रणय ऋतु में नर बहुत चमकीला काले रंग का हो जाता है और सिर पर एक सुंदर कलँगी निकल आती है। मादा नर से कुछ बड़ी होती है। नर का जाड़ों में और मादा का पूरे वर्ष ऊपरी और बगल का भाग काले चिह्नों युक्त हलका बादामी रहता है। इस पक्षी को ऊबड़ खाबड़ और झाड़ियों से भरे मैदान बहुत पसंद हैं; जाड़ों में इसे खेतों में भी देखा जा सकता है। इसका मुख्य भोजन घासपात, जंगली फल, पौधों की जड़ें, नए कल्ले एवं कीड़े मकोड़े हैं। अन्य क्षेत्रीय नाम: .

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खाड़ी

अरब सागर की दो खाड़ियाँ गुजरात से लगती हैं: खम्भात की खाड़ी और कच्छ की खाड़ी खाड़ी समुद्री पानी के ऐसे जलाशय को कहते हैं जो किसी ओर से सागर या महासागर से तो जुड़ी हो लेकिन जिसके इर्द-गिर्द काफ़ी हद तक धरती का घेरा हो। ध्यान दें कि समुद्री तट में छोटे-से मोड़ को यह दर्जा नहीं दिया जाता और केवल महत्वपूर्ण क्षेत्रफल वाले जलाशयों को ही 'खाड़ी' बुलाया जाता है।, pp.

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खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी)(Khadi and Village Industries Commission), संसद के 'खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम 1956' के तहत भारत सरकार द्वारा निर्मित एक वैधानिक निकाय है। यह भारत में खादी और ग्रामोद्योग से संबंधित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय (भारत सरकार) के अन्दर आने वाली एक शीर्ष संस्था है, जिसका मुख्य उद्देश्य है - "ग्रामीण इलाकों में खादी एवं ग्रामोद्योगों की स्थापना और विकास करने के लिए योजना बनाना, प्रचार करना, सुविधाएं और सहायता प्रदान करना है, जिसमें वह आवश्यकतानुसार ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कार्यरत अन्य एजेंसियों की सहायता भी ले सकती है।".

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खारा पपीता

खारा पपीता एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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खारी खीजडीया (अमरेली)

खारी खीजडीया (ખારી ખીજડીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। खारी खीजडीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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खाखाड़ा

खाखाड़ा एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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खांभा

खांभा भारत देश में गुजरात प्रान्त में सौराष्ट्र विस्तार में स्थित अमरेली जिले का एक महत्वपूर्ण तहसील है। खांभा ये तहसील का मुख्यालय है। .

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खिचा (धारी)

खिचा (ખીચા.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। खिचा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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खिजड़ा मंदिर

खिजड़ा मंदिर, प्रणामी संप्रदाय का मंदिर है। यह गुजरात के जामनगर में स्थित है। यह मंदिर दो 400 वर्ष पुराने पवित्र वृक्षों पर बनाया गया है। संप्रदाय का नाम 'प्रणाम' शब्‍द से बना है, जो प्रत्‍येक मानव में दिव्‍यता को मान्‍यता देता है और दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करते हुए उस दिव्‍य ईश्‍वरीय तत्‍व के प्रति सम्‍मान प्रकट करता है। .

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खजूर णा घूघरा

खजूर णा घूघरा एक गुजरात व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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खंभात

खंभात नगर, (गुजराती:ખંભાત) पूर्व-मध्य गुजरात के आनन्द जिले की एक नगरपालिका है। यह खंभात की खाड़ी के उत्तर में, माही नदी के मुहाने पर स्थित एक प्राचीन नगर है। टॉलमी नामक विद्वान ने भी इसका उल्लेख किया है। प्रथम शती में यह महत्वपूर्ण सागर पत्तन था। १५वीं शताब्दी में खंभात पश्चिमी भारत के हिंदू राजा की राजधानी था। जेनरल गेडार्ड ने १७०० ई. में इस नगर को अधिकृत कर लिया था, किंतु १७८३ ई. में यह पुन: मराठों को लौटा दिया गया। १८०३ ई. के बाद से यह अंग्रेजी राज्य के अंतर्गत रहा। नगर के दक्षिण-पूर्व में प्राचीन जैन मंदिर के भग्नावशेष विस्तृत प्रदेश में मिलते हैं। प्राचीन काल में रेशम, सोने का समान और छींट यहाँ के प्रमुख व्यापार थे। कपास प्रधान निर्यात थी। किन्तु नदियों के निक्षेपण से पत्तन पर पानी छिछला होता गया और अब यह जलयानों के रुकने योग्य नहीं रहा। फलत: निकटवर्ती नगरों का व्यापारिक महत्व खंभात की अपेक्षा अधिक बढ़ गया और अब यह एक नगर मात्र रह गया है। .

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खंभात की खाड़ी

खंभात की खाड़ी (पूर्व नाम: कैंबे की खाड़ी) अरब सागर स्थित एक तिकोनी आकृति की खाड़ी है। यह दक्षिणी ओर से अरब सागर में खुलती है। यह भारतीय राज्य गुजरात के सागर तट, पश्चिमी भारत के शहर मुंबई और काठियावाड़ प्रायद्वीप के मध्य स्थित है और उसे पूर्व और पश्चिमी, दो भागों में बांटती है। केन्द्र शासित प्रदेश दमन और दीव के निकट इसका मुहाना लगभग १९० किलोमीटर चौड़ा है, जो तीव्रता सहित २४ किमी तक संकरा हो जाता है। इस खाड़ी में साबरमती, माही, नर्मदा और ताप्ती सहित कई नदियों का विलय होता है। दक्षिण दिशा से दक्षिण पश्चिमी मानसून के सापेक्ष इसकी आकृति और इसकी अवस्थिति, इसकी लगभग १०-१५ मीटर ऊँची उठती और प्रवेश करती लहरों की ६-७ नॉट्स की द्रुत गति के कारण है। इसे शैवाल और रेतीले तट नौपरिवहन के लिए दुर्गम बनाते हैं साथ ही खाड़ी में स्थित सभी बंदरगाहों को लहरों व नदियों में बाढ़ द्वारा लाई गई गाद का बाहुल्य मिलता है। गुजरात से ४ बड़ी, ५ मध्यम, २५ छोटी एवं ५ मरुस्थलीय नदियां खाड़ी में गिरती हैं एवं खाड़ी में प्रतिवर्ष ७१,००० घन मि.मी जल विसर्जित करती हैं। खाड़ी की पूर्व में भरुच नामक भारत का एक प्राचीनतम बंदरगाह शहर एवं सूरत हैं, जो भारत और यूरोप के बीच का आरंभिक वाणिज्यिक संपर्क स्थल के रूप में प्रसिद्ध रहे हैं। ये शहर इसके मुहाने पर स्थित हैं। हालांकि इस खाड़ी में स्थित बंदरगाहों का महत्त्व स्थानीय लोगों हेतु ही है, फिर भी यहाँ पर खनिज तेल के लिये किये गए खोज प्रयासों ने, विशेषकर भरुच के निकट, खाड़ी के मुहाने और बॉम्बे हाई के अपतटीय क्षेत्रों में वाणिज्यिक पुनरुत्थान हुआ है। वर्ष २००० में भारत के तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, डॉ॰ मुरली मनोहर जोशी ने जल के नीचे बड़े स्तर पर मानव-निर्मित ढांचों के मिलने की घोषणा की थी। यद्यपि खाड़ी पर स्थित बंदरगाहों का महत्त्व स्थानीय मात्र ही है, लेकिन यहाँ पर तेल के मिलने और खोज प्रयासों ने, विशेषकर भरुच के निकट, खाड़ी के मुहाने और बॉम्बे हाई के अपतटीय क्षेत्रों में वाणिज्यिक पुनरुत्थान हुआ है। खंभात की खाड़ी में तृतीय कल्प (Tertiary) के निक्षेप मिलते हैं। भूगर्भिक क्रियाओं का प्रभाव इस क्षेत्र पर रहा है, अत: यहाँ अनेक भ्रंश (Faults) पाए जाते हैं। बाद के युग में यह क्षेत्र ऊपर की ओर उठ गया। तटीय क्षेत्र में नदियों की पुरानी घाटियाँ तथा झीलें आज भी दृष्टिगत होती हैं। नर्मदा, ताप्ती, माही, साबरमती तथा काठियावाड की अन्य नदियों के वेगवान निक्षेपण के कारण विस्तृत तटीय क्षेत्र दलदल से परिपूर्ण हो गए हैं और खाड़ी के बीच कुछ द्वीप बन गए हैं। .

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खंभालिया (धारी)

खंभालिया (ખંભાળિયા.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। खंभालिया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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खेड़ा

सुनहरी पत्तियों की भूमि कहा जाने वाला गुजरात का खेडा 7194 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह गुजरात का सबसे बड़ा तम्बाकू उत्पादक है। इस प्राचीन बस्ती की स्थापना पांचवीं शताब्दी में हुई थी। अंग्रेजों ने यहां 1803 में मिल्रिटी गैरीसन विकसित किया। खेडा के जैन मंदिर खूबसूरत नक्काशी और कारीगरी के लिए प्रसिद्ध हैं। साथ ही 1822 में बना एक चर्च और 19वीं शताब्दी का टॉउन हॉल भी यहां देखा जा सकता है। खंभात यहां का जाना माना ऐतिहासिक स्थल है जो मिठाइयों और पत्थर की खूबसूरत कारीगरी के लिए विख्यात है। डाकोर यहां का प्रमुख तीर्थस्थल है। .

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खेड़ा सत्याग्रह

गांधीजी खेड़ा सत्याग्रह गुजरात के खेड़ा जिले में किसानों का अंग्रेज सरकार की कर-वसूली के विरुद्ध एक सत्याग्रह (आन्दोलन) था। यह महात्मा गांधी की प्रेरणा से वल्लभ भाई पटेल एवं अन्य नेताओं की अगुवाई में हुआ था। इस सत्याग्रह के फलस्वरूप गुजरात के जनजीवन में एक नया तेज और उत्साह उत्पन्न हुआ और आत्मविश्वास जागा। यह सत्याग्रह यद्यपि साधारण सा था तथापि भारतीय चेतना के इतिहास में इसका महत्व चंपारन के सत्याग्रह से कम नहीं है। .

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खेड़ा जिला

खेड़ा भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय खेड़ा है। क्षेत्रफल - 3943 वर्ग कि.मी.

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खेडा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

खेडा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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खो-खो

खो-खो खेल खो-खो एक भारतीय मैदानी खेल है। इस खेल में मैदान के दोनो ओर दो खम्भों के अतिरिक्त किसी अन्य साधन की जरूरत नहीं पड़ती। यह एक अनूठा स्वदेशी खेल है, जो युवाओं में ओज और स्वस्थ संघर्षशील जोश भरने वाला है। यह खेल पीछा करने वाले और प्रतिरक्षक, दोनों में अत्यधिक तंदुरुस्ती, कौशल, गति और ऊर्जा की माँग करता है। खो-खो किसी भी तरह की सतह पर खेला जा सकता है। .

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खोपरा पाक

खोपरा पाक एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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खीसरी (धारी)

खीसरी (ખીસરી.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। खीसरी गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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खीजडीया रादडीया (अमरेली)

खीजडीया रादडीया (ખીજડીયા રાદડીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। खीजडीया रादडीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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गच्छ

गच्छ समुदाय भारत में श्रीपूज्य जैन Acharya के परिवार दीक्षित समुदाय है। गच्छ, श्रीपुज्य जैन आचार्य का परिवार अथवा एक श्रीपुज्य से दीक्षित यति समुदाय। प्रत्येक गच्छ की गुरु परंपरा को गच्छावली अथवा पट्टावली कहते हैं। इस समय जैन धर्म में चौरासी गच्छ जैन धर्म में ८४ गछ ही होते है जो भगवान महावीर स्वामी के समय से ही निर्धारित है और इन गच्छों का संचालन यति परंपरा के आचार्य यानि की श्रीपुज्य जी करते थे। इसमें सभी गच्छों के अलग अलग श्रीपुज्य होते हैं और उनके सम्प्रदाय में दीक्षित सभी साधू 'यति' कहलाते हैं। यति परम्परा जैन धर्म में दीक्षित सबसे पुराणी परम्परा है जो भगवान ऋषभ देव स्वामी के समय से चली आरही है।जब भगवान ऋषभ देव जी को पारना करना था तब सब किसी ने उनको धन माया भेट दी मगर उन्होंने किसी से ये सब स्वीकार नहीं किया। तब श्रेणिक राजा ने उनको गन्ने के रस को बोहरा कर पारना करवाया तभी से ही यति भगवन्तो को गौचरी बोहराने की परम्परा चली आ रही। फिर भगवान महावीर स्वामी से चतुर्विध संघ का चलन हुआ जिसमे जैन साधू /यति - साध्वी/यतिनिया श्रावक/ श्राविका को एक दुसरे का पूरक मान कर संघ की स्थापना की और ८४ गच्छो का निर्माण किया। ये ८४ गच्छ सिर्फ यति सम्प्रदाय के लिए ही था लेकिन कालांतर में यति प्रथा से अलग हुए या निकले गए साधुओं ने अपने अपने नए सम्प्रदाय का निर्माण किया और इन गच्छो के नामों का उपयोग करने लगे। पूर्व में जितने भी आगम- श्लोक- पूजाएँ और ग्रन्थ लिखे गए है वे सब जो आज जैन धर्म में हम पढ़ रहे है वो यति भगवन्तो की देन है। वर्तमान में यति परम्परा में कम ही लोग इसलिए दीक्षित होते हैं क्योंकि इस परम्परा में दीक्षित होने के लिए साधना-तप-त्याग-ब्रह्मचर्य-अस्तेय-का होना जरुरी है। समय के साथ इस साधू परम्परा में कमी आई और सब इस नयी सरल परम्परा में दीक्षित होने लगे और यति परम्परा जो जैन धर्म की रक्षा करने वाली और आज के इस शुद्ध और सात्विक परम्परा की जनक परम्परा है धीरे धीरे कम हो रही है। इस परम्परा में अंतिम दीक्षित यति कुमार विजय हैं जिनकी दीक्षा गुजरात के वडोदरा के वाल्वोद गाँव में हुई है। श्रेणी:जैन धर्म.

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गढ़ीया चावंड (धारी)

गढ़ीया चावंड (ગઢીયા ચાવંડ.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। गढ़ीया चावंड गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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गढ़ीया(धारी)

गढ़ीया (ગઢીયા.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। गढ़ीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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गणेश नारायणदास देवी

आदिवासी संग्रहालय तेजगढ़ में प्रदर्शित कुछ कलात्मक वस्तुएँ जनजातीय अकादमी संग्रहालय में प्रदर्शित जनजातीय हस्तशिल्प गणेश नारायणदास देवी (जन्म:१९५०) प्रसिद्ध साहित्यिक आलोचक एवं भाषा अनुसन्धान एवं प्रकाशन केन्द्र, वडोदरा के संस्थापक निदेशक हैं। वे पहले सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय, वडोदरा के अंग्रेजी के प्राध्यापक थे। डॉ॰ गणेश और उनकी पत्नी सुरेखा देवी 'भाषा' नामक गैर राजनीतिक ट्रस्ट संचालित करते हैं, जो गुजरात के जनजातीय क्षेत्रों में विशेष रूप से सक्रिय हैं। डॉ॰ गणेश का प्रबल दावा है कि भारत से 'लोक' की जुबान काटने की सुनियोजित साजिश रची जा रही है। 'भाषा' इसी के विरूद्ध एक अभियान है। भारत की लुप्त होती भाषाओं पर व्यापक सर्वेक्षण, संवर्धन और संरक्षण तथा दस्तावेजीकरण करने का उन्होंने स्वेच्छा से बीड़ा उठाया है। इसी सर्वेक्षण के माध्यम से उनका कहना है कि हिन्दी आम धारणा को तोड़ती हुई तेजी से आगे बढ़ रही है। २०१० उनके नेतृत्व में पीपल्स लिंग्विटिक सर्वे ऑफ इण्डिया ने भारत की ७८० जीवित भाषाओं का सर्वेक्षण प्रकाशित किया। श्री गणेश देवी को साहि‍त्‍य एवं शि‍क्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। .

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गणेशोत्सव

गणेशोत्सव के अवसर पर गणेश की प्रतिमा के पास बैठी हुई हिन्दी फिल्मों की नायिका शिल्पा शेट्टी गणेशोत्सव (गणेश + उत्सव) हिन्दुओं का एक उत्सव है। वैसे तो यह कमोबेश पूरे भारत में मनाया जाता है, किन्तु महाराष्ट्र का गणेशोत्सव विशेष रूप से प्रसिद्ध है। महाराष्ट्र में भी पुणे का गणेशोत्सव जगत्प्रसिद्ध है। यह उत्सव, हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी (चार तारीख से चौदह तारीख तक) तक दस दिनों तक चलता है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी भी कहते हैं। गणेश की प्रतिष्ठा सम्पूर्ण भारत में समान रूप में व्याप्त है। महाराष्ट्र इसे मंगलकारी देवता के रूप में व मंगलपूर्ति के नाम से पूजता है। दक्षिण भारत में इनकी विशेष लोकप्रियता ‘कला शिरोमणि’ के रूप में है। मैसूर तथा तंजौर के मंदिरों में गणेश की नृत्य-मुद्रा में अनेक मनमोहक प्रतिमाएं हैं। गणेश हिन्दुओं के आदि आराध्य देव है। हिन्दू धर्म में गणेश को एक विशष्टि स्थान प्राप्त है। कोई भी धार्मिक उत्सव हो, यज्ञ, पूजन इत्यादि सत्कर्म हो या फिर विवाहोत्सव हो, निर्विध्न कार्य सम्पन्न हो इसलिए शुभ के रूप में गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। महाराष्ट्र में सात वाहन, राष्ट्रकूट, चालुक्य आदि राजाओं ने गणेशोत्सव की प्रथमा चलायी थी। छत्रपति शिवाजी महाराज भ गपश की उपासना करते थे। .

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गब्बर पर्वत

गब्बर पर्वत भारत के गुजरात में बनासकांठा जिला स्थित एक छोटा सा पहाड़ी टीला है। यह प्रसिद्ध तीर्थ अम्बाजी से मात्र ५ कि.मी की दूरी पर गुजरात एवं राजस्थान की सीमा पर स्थित है। यहीं से अरासुर पर्वत पर अरावली पर्वत से दक्षिण पश्चिम दिशा में पवित्र वैदिक नदी सरस्वती का उद्गम भी होता है। इस स्थल की सागर सतह से ऊंचाई ४८० मी यानि १६०० फ़ीट है एवं क्षेत्रफ़ल 8.33 कि.मी2 (5 वर्ग मील) है। यह प्राचीन पौराणिक ५१ शक्तिपीठों में से एक गिना जाता है। पुराणों के अनुसार यहाम सती शव का हृदय भाग गिरा था। इसका संदर्भ तंत्र चूड़ामणि में भी मिलता है। .

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गरबा

गरबा गुजरात का प्रसिद्ध लोकनृत्य है। यह नाम संस्कृत के गर्भ-द्वीप से है। .

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गरमली (धारी)

गरमली (ગરમલી.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। गरमली गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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गरासिया

गरासिया, भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं। .

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ग़ोर प्रान्त

अफ़्ग़ानिस्तान का ग़ोर प्रान्त (लाल रंग में) ग़ोर प्रान्त में स्थित जाम मीनार (मीनार-ए-जाम) ग़ोर (पश्तो:, अंग्रेजी: Ghor) अफ़्ग़ानिस्तान का एक प्रांत है जो उस देश के मध्य भाग में स्थित है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल ३६,४७९ वर्ग किमी है और इसकी आबादी सन् २००६ में लगभग ६.३ लाख अनुमानित की गई थी।, Central Intelligence Agency (सी आइ ए), Accessed 27 दिसम्बर 2011 इस प्रान्त की राजधानी चग़चरान शहर है। ग़ोर क्षेत्र में बौद्ध धर्म और हिन्दु धर्म प्रचलित था। हरी रूद (हरी नदी) के किनारे पहाड़ी चट्टान में तराशकर बनाया गया एक बौद्ध मठ मिला है। सन् १०१० में महमूद ग़ज़नी ने ग़ोर पर आक्रमण किया और उसपर क़ब्ज़ा कर लिया। उसके बाद उसने यहाँ के निवासियों में इस्लामीकरण की नीति अपनाई। १३वीं शताब्दी तक ग़ज़नी की अधिकाँश जनता मुस्लिम बन चुकी थी, हालांकि एक अल्पसंख्यक हिन्दु समुदाय यहाँ जारी रहा। १२वीं और १३वीं शताब्दी में ग़ोर पर केन्द्रित ग़ोरी राजवंश ने एक बड़ा साम्राज्य चलाया जो दिल्ली से लेकर पूर्वी ईरान तक विस्तृत था। विश्व-प्रसिद्ध जाम मीनार इसी राजवंश ने ग़ोर प्रान्त में बनवाई। बाद में दिल्ली का क़ुतब मीनार उसी मीनार से प्रेरित होकर बनाया गया था।, Karl J. Khandalavala, Saryu Doshi, Marg Publications, 1983,...

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गाँधी टोपी

गांधी टोपी अमूमन खादी से बनाई जाती है और आगे और पीछे से जुड़ीं हुई होती है, तथा उसका मध्य भाग फुला हुआ होता है। इस प्रकार की टोपी के साथ महात्मा गांधी का नाम जोड़कर इसे गांधी टोपी कहा जाता है। परंतु गाँधीजी ने इस टोपी का आविष्कार नहीं किया था। .

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गाँधीनगर

गाँधीनगर भारत के गुजरात प्रान्त की राजधानी है। यह भारत का दूसरा ऐसा शहर है जीसे पूरी तरह आयोजन से बसाया गया हे। इसे 'हरित नगर' (ग्रीन सीटी) कहा जाता है। सचिवालय और मंत्रियों के निवास भी यहाँ पर हैं। महात्मा गाँधी की याद में इस शहर का नाम 'गांधीनगर' रखा गया है। यहाँ के अधिकांश लोग सरकारी एवं प्राइवेट नौकरी करते हैं। यहाँ के लोग काफी शांत हैं। गांधीनगर अहमदाबाद शहर से 35 किलोमीटर पूर्वोत्तर में साबरमती नदी के दाएँ तट पर स्थित है। साबरमती नदी के पश्चिमी तट पर स्थित गुजरात की राजधानी गांधीनगर का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के नाम पर रखा गया है। 649 वर्ग किलोमीटर में फैले गांधीनगर को चंडीगढ़ के बाद भारत का दूसरा नियोजित शहर माना जाता है। चंडीगढ़ को डिज़ाइन करने वाले फ्रेंच वास्तुशिल्प ली कोरबुसियन ने इस शहर को भी डिज़ाइन किया था। .

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गावडका (अमरेली)

गावडका (ગાવડકા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। गावडका गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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गांठिया

गांठिया एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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गांधीधाम

गांधीधाम, गुजरात के कच्छ जिले का एक नगर है। इस नगर की स्थापना १९५० में सिन्ध से आये हुए शरणार्थियों को बसाने के लिये की गयी थी। यह नगर कच्छ जनपद की आर्थिक राजधानी है और गुजरात में तेजी से विकसित हो रहा नगर है। यह गुजरात का १८वाँ सबसे बड़ा नगर है। श्रेणी:गुजरात के नगर.

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गांधीधाम-पुरी एक्सप्रेस

गांधीधाम-पुरी एक्सप्रेस गुजरात और ओडिशा के बीच एक सुपर फास्ट रेल सेवा है। इस रेलगाड़ी की घोषणा 2011 के रेल बजट में की गयी थी और इसने अपना परिचालन 14 नवम्बर, 2011से शुरू किया। यह ट्रेन देश के पूर्व और पश्चिम के किनारो को आपस में जोड़ती है। यह गुजरात के लोगों को जगन्नाथ महाप्रभु के दर्शन एवं ओडिशा के लोगों को बापू के राज्य का दर्शन कराती है। यह भारतीय रेल के पश्चिम रेलवे ज़ोन के अंतर्गत पड़ता है। यह एक साप्ताहिक ट्रेन है जो एवं गाँधीधाम से हर शुक्रवार एवं सोमवार को पुरी से खुलती है। यह ट्रेन अपनी यात्रा के दौरान 2283 किलोमीटर की दूरी तय करती है एवं करीबन 42 घंटे का सफ़र तय करती हैं। .

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गांधीनगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

गांधीनगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। .

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गांधीनगर जिला

गांधीनगर भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

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गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य

गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य भारत में गुजरात में स्थित राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यप्राणी अभयारण्य है। एशिया में सिंहों के एकमात्र निवास स्थान के लिए जाना जाता है। गिर अभयारण्य 1424 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है जिसमें, २५८ वर्ग किलोमीटर में राष्ट्रीय उद्यान और ११५३ वर्ग किलोमीटर वन्यप्राणियों के लिए आरक्षित अभयारण्य विस्तार है। इसके अतिरिक्त पास में ही मितीयाला वन्यजीव अभयारण्य है जो १८.२२ किलोमीटर में फैला हुआ है। ये दोनों आरक्षित विस्तार गुजरात में जूनागढ़, अमरेली और गिर सोमनाथ जिले के भाग है। सिंहदर्शन के लिए ये उद्यान एवं अभयारण्य विश्व में प्रवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। विश्व में सिंहों की कम हो रही संख्या की समस्या से निपटने और एशियाटिक सिंहों के रक्षण हेतु सिंहों के एकमेव निवासस्थान समान इस विस्तार को आरक्षित घोषित किया गया था। विश्व में अफ़्रीका के बाद इसी विस्तार में सिंह बचे हैं। .

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गिर सोमनाथ जिला

गीर सोमनाथ ज़िला भारत में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र प्रान्त में स्थित एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय वेरावल है। गीर का सुविख्यात जंगल और अती प्राचीन सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से ज़िले का नाम गीर सोमनाथ पड़ा है। अगस्त २०१३ में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सात नये ज़िले कि घोषणा की गई थी। गीर सोमनाथ ज़िला जूनागढ ज़िले से बनाया गया है। गीर का जंगल और सोमनाथ मंदिर के कारण ये विस्तार पूरे भारत में मशहूर है। .

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गिर वन्यजीव अभ्यारण्य

गिर वन्यजीव अभयारण्य भारत के गुजरात राज्य में लगभग 1424 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह जंगल शेरों के लिये मसहूर है इसके अतरिक्त इस वन्य अभयारण्य में अधिसंख्‍य मात्रा में पुष्प और जीव-जन्तुओं की प्रजातियां मिलती है। यहां स्तनधारियों की 30 प्रजातियां, सरीसृप वर्ग की 20 प्रजातियां और कीडों- मकोडों तथा पक्षियों की भी बहुत सी प्रजातियां पाई जाती है। दक्षिणी अफ्रीका के अलावा विश्‍व का यही ऐसा एकलौता स्थान है जहां शेरों को अपने प्राकृतिक आवास में रहते हुए देखा जा सकता है। जंगल के शेर के लिए अंतिम आश्रय के रूप में गिर का जंगल, भारत के महत्वपूर्ण वन्य अभयारण्यों में से एक है। गिर के जंगल को सन् 1969 में वन्य जीव अभयारण्य बनाया गया और 6 वर्षों बाद इसका 140.4 वर्ग किलोमीटर में विस्तार करके इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में स्थापित कर दिया गया। यह अभ्‍यारण्‍य अब लगभग 258.71 वर्ग किलोमीटर तक विस्तृत हो चुका है। वन्य जीवों को सरक्षंण प्रदान करने के प्रयास से अब शेरों की संख्या बढकर 312 हो गई है। सूखें पताड़ वाले वृक्षों, कांटेदार झाड़ियों के अलावा हरे-भरे पेड़ों से समृद्ध गिर का जंगल नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां के मुख्य वृक्षों में सागवान, शीशम, बबूल, बेर, जामुन, बील आदि है। भारत के सबसे बड़े कद का हिरण, सांभर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा और बारहसिंगा भी यहां देखा जा सकता है साथ ही यहां भालू और बड़ी पूंछ वाले लंगूर भी भारी मात्रा में पाए जाते है। कुछ ही लोग जानते होंगे कि गिर भारत का एक अच्छा पक्षी अभयारण्य भी है। यहां फलगी वाला बाज, कठफोडवा, एरीओल, जंगली मैना और पैराडाइज फलाईकेचर भी देखा जा सकता है। साथ ही यह अधोलिया, वालडेरा, रतनघुना और पीपलिया आदि पक्षियों को भी देखने के लिए उपयुक्त स्थान है। इस जंगल में मगरमच्छों के लिए फॉर्म का विकास किया जा रहा है जो यहां के आकर्षण को ओर भी बढा देगा। दर्शकों के लिए गिर वन्य अभयारण्य मध्य अक्टूबर महीने से लेकर मध्य जून तक खोला जाता है लेकिन मानसून के मौसम में इसे बन्द कर दिया जाता है। .

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गिरनार

भारत के गुजरात राज्य के जूनागढ़ जिले स्थित पहाड़ियाँ गिरनार नाम से जानी जाती हैं। यह जैनों का सिद्ध क्षेत्र है यहाँ से नारायण श्री कृष्ण के सबसे बड़े भ्राता तीर्थंकर भगवन देवादिदेव 1008 नेमीनाथ भगवान ने मोक्ष प्राप्त किया जिनके पाँचवी टोंक पर चरण है यह अहमदाबाद से 327 किलोमीटर की दूरी पर जूनागढ़ के १० मील पूर्व भवनाथ में स्थित हैं। यह एक पवित्र स्थान है जो जैन एवं हिंदू घर्माबलंबियों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ है। हरे-भरे गिर वन के बीच पर्वत-शृंखला धार्मिक गतिविधि के केंद्र के रूप में कार्य करती है। इन पहाड़ियों की औसत ऊँचाई 3,500 फुट है पर चोटियों की संख्या अधिक है। इनमें जैन तीर्थंकर नेमिनाथ, अंबामाता, गोरखनाथ, औघड़ सीखर, गुरू दत्तात्रेय और कालका प्रमुख हैं। सर्वोच्च चोटी 3,666 फुट ऊँची है। .

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गंगवाल बस स्टैंड

गंगवाल अंतर-राज्य बस टर्मिनस या गंगवाल बस स्टैंड इंदौर से एक है सबसे पुरानी और सबसे बड़ी में से एक इंटर स्टेट बस टर्मिनल है.

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गुप्त राजवंश

गुप्त राज्य लगभग ५०० ई इस काल की अजन्ता चित्रकला गुप्त राजवंश या गुप्त वंश प्राचीन भारत के प्रमुख राजवंशों में से एक था। मौर्य वंश के पतन के बाद दीर्घकाल तक भारत में राजनीतिक एकता स्थापित नहीं रही। कुषाण एवं सातवाहनों ने राजनीतिक एकता लाने का प्रयास किया। मौर्योत्तर काल के उपरान्त तीसरी शताब्दी इ. में तीन राजवंशो का उदय हुआ जिसमें मध्य भारत में नाग शक्‍ति, दक्षिण में बाकाटक तथा पूर्वी में गुप्त वंश प्रमुख हैं। मौर्य वंश के पतन के पश्चात नष्ट हुई राजनीतिक एकता को पुनस्थापित करने का श्रेय गुप्त वंश को है। गुप्त साम्राज्य की नींव तीसरी शताब्दी के चौथे दशक में तथा उत्थान चौथी शताब्दी की शुरुआत में हुआ। गुप्त वंश का प्रारम्भिक राज्य आधुनिक उत्तर प्रदेश और बिहार में था। गुप्त वंश पर सबसे ज्यादा रिसर्च करने वाले इतिहासकार डॉ जयसवाल ने इन्हें जाट बताया है।इसके अलावा तेजराम शर्माhttps://books.google.co.in/books?id.

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गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी

गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी या गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरीज लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और लक्ष्मी नारायण मित्तल समूह की कंपनी मित्तल एनर्जी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड-सिंगापुर की संयुक्त उद्यम कंपनी एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी लिमिटेड (HMEL), द्वारा स्थापित एक तेल परिशोधिका है। यह परिशोधिका (रिफाइनरी), भारत के राज्य पंजाब के भटिंडा जिले के एक गांव फुल्लोखेड़ी में स्थित है। इस परिशोधिका के लिए बिछाई गयी कच्चे तेल की पाइपलाइन की लंबाई लगभग 1014 किलोमीटर है जो गुजरात के मुन्द्रा से शुरु होकर भटिंडा तक आती है। इसके लिए गुजरात के मुन्द्रा में सागरतट से लगभग छह किलोमीटर दूर (अन्दर) एक कच्चे तेल का टर्मिनल स्थापित किया गया है और इसकी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक 165 मेगावाट का कैप्टिव बिजली संयंत्र भी स्थापित किया गया है। गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी परियोजना पंजाब में किसी भी स्थान पर किया गया सबसे बड़ा एकल निवेश है। यह राज्य में स्थापित की जाने वाली पहली तेल और गैस परियोजना है। यह परिशोधिका यूरो-IV उत्सर्जन मानदंडों के अनुरूप पेट्रोलियम उत्पादों का उत्पादन करेगी। इस परिशोधिका का लोकार्पण २८ अप्रैल २०१२ को भारत के प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह द्वारा किया गया। .

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गुर्जर

सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति:भारत उपवन, अक्षरधाम मन्दिर, नई दिल्ली गुर्जर समाज, प्राचीन एवं प्रतिष्ठित समाज में से एक है। यह समुदाय गुज्जर, गूजर, गोजर, गुर्जर, गूर्जर और वीर गुर्जर नाम से भी जाना जाता है। गुर्जर मुख्यत: उत्तर भारत, पाकिस्तान और अफ़्ग़ानिस्तान में बसे हैं। इस जाति का नाम अफ़्ग़ानिस्तान के राष्ट्रगान में भी आता है। गुर्जरों के ऐतिहासिक प्रभाव के कारण उत्तर भारत और पाकिस्तान के बहुत से स्थान गुर्जर जाति के नाम पर रखे गए हैं, जैसे कि भारत का गुजरात राज्य, पाकिस्तानी पंजाब का गुजरात ज़िला और गुजराँवाला ज़िला और रावलपिंडी ज़िले का गूजर ख़ान शहर।; आधुनिक स्थिति प्राचीन काल में युद्ध कला में निपुण रहे गुर्जर मुख्य रूप से खेती और पशुपालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। गुर्जर अच्छे योद्धा माने जाते थे और इसीलिए भारतीय सेना में अभी भी इनकी अच्छी ख़ासी संख्या है| गुर्जर महाराष्ट्र (जलगाँव जिला), दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में फैले हुए हैं। राजस्थान में सारे गुर्जर हिंदू हैं। सामान्यत: गुर्जर हिन्दू, सिख, मुस्लिम आदि सभी धर्मो में देखे जा सकते हैं। मुस्लिम तथा सिख गुर्जर, हिन्दू गुर्जरो से ही परिवर्तित हुए थे। पाकिस्तान में गुजरावालां, फैसलाबाद और लाहौर के आसपास इनकी अच्छी ख़ासी संख्या है। .

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गुर्जरत्रा

आधुनिक गुजरात राज्य का नाम गुर्जर जाति के नाम पर पड़ा हैं| गुजरात शब्द की उत्पत्ति गुर्जरत्रा शब्द से हुई हैं जिसका अर्थ हैं- वह (भूमि) जोकि गुर्जरों के नियंत्रण में हैं| गुजरात से पहले यह क्षेत्र लाट, सौराष्ट्र और काठियावाड के नाम से जाना जाता था गुर्जर जाति ने अनेक स्थानों को अपना नाम दिया। गुर्जर जाति के आधिपत्य के कारण आधुनिक राजस्थान सातवीं शताब्दी में गुर्जर देश कहलाता था।हर्ष वर्धन (606-647 ई.) के दरबारी कवि बाणभट्ट ने हर्ष-चरित नामक ग्रन्थ में हर्ष के पिता प्रभाकरवर्धन का गुर्जरों के राजा के साथ संघर्ष का ज़िक्र किया हैं। संभवतः उसका संघर्ष गुर्जर देश के गुर्जरों के साथ हुआ था| अतः गुर्जर छठी शताब्दी के अंत तक गुर्जर देश (आधुनिक राजस्थान) में स्थापित हो चुके थे। हेन सांग ने 641 ई. में सी-यू-की नामक पुस्तक में गुर्जर देश का वर्णन किया हैं। हेन सांग ने मालवा के बाद ओचलि, कच्छ, वलभी, आनंदपुर, सुराष्ट्र और गुर्जर देश का वर्णन किया हैं। गुर्जर देश के विषय में उसने लिखा हैं कि ‘वल्लभी के देश से 1800 ली (300 मील) के करीब उत्तर में जाने पर गुर्जर राज्य में पहुँचते हैं| यह देश करीब 5000 ली (833 मील) के घेरे में हैं। उसकी राजधानी भीनमाल 33 ली (5 मील) के घेरे में हैं। ज़मीन की पैदावार और रीत-भांत सुराष्ट्र वालो से मिलती हुई हैं। आबादी घनी हैं लोग धनाढ्य और संपन्न हैं। वे बहुधा नास्तिक हैं, (अर्थात बौद्ध धर्म को नहीं मानने वाले हैं)। बौद्ध धर्म के अनुयाई थोड़े ही हैं। यहाँ एक संघाराम (बौद्ध मठ) हैं, जिसमे 100 श्रवण (बौद्ध साधु) रहते हैं, जो हीन यान और सर्वास्तिवाद निकाय के मानने वाले हैं। यहाँ कई दहाई देव मंदिर हैं, जिनमे भिन्न संप्रदायों के लोग रहते हैं। राजा क्षत्रिय जाति का हैं। वह २० वर्ष का हैं। वह बुद्धिमान और साहसी हैं। उसकी बौद्ध धर्म पर दृढ आस्था हैं और वह बुधिमानो का बाद आदर करता हैं।भीनमाल के रहने वाले ज्योत्षी ब्रह्मगुप्त ने शक संवत 550 (628 ई.) में अर्थात हेन सांग के वह आने के 13 वर्ष पूर्व ब्रह्मस्फुट नामक ग्रन्थ लिखा जिसमे उसने वहाँ के राजा का नाम गुर्जर सम्राट व्याघ्रमुख चपराना और उसके वंश का नाम चप (चपराना, चापोत्कट, चावडा) बताया हैं| हेन सांग के समय भीनमाल का राजा व्याघ्रमुख अथवा उसका पुत्र रहा होगा। भीनमाल का इतिहास गुर्जरों का नाता कुषाण सम्राट कनिष्क से जोड़ता हैं। प्राचीन भीनमाल नगर में सूर्य देवता के प्रसिद्ध जगस्वामी मन्दिर का निर्माण काश्मीर के राजा कनक (सम्राट कनिष्क) ने कराया था। मारवाड़ एवं उत्तरी गुजरात कनिष्क के साम्राज्य का हिस्सा रहे थे। भीनमाल के जगस्वामी मन्दिर के अतिरिक्त कनिष्क ने वहाँ ‘करडा’नामक झील का निर्माण भी कराया था। भीनमाल से सात कोस पूर्व ने कनकावती नामक नगर बसाने का श्रेय भी कनिष्क को दिया जाता है। कहते है कि भिनमाल के वर्तमान निवासी देवड़ा/देवरा लोग एवं श्रीमाली ब्राहमण, कनक के साथ ही काश्मीर से आए थे। देवड़ा/देवरा, लोगों का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि उन्होंने जगस्वामी सूर्य मन्दिर बनाया था। राजा कनक से सम्बन्धित होने के कारण उन्हें सम्राट कनिष्क की देवपुत्र उपाधि से जोड़ना गलत नहीं होगा। सातवी शताब्दी में यही भीनमाल नगर गुर्जर देश की राजधानी बना। ए. कनिघंम ने आर्केलोजिकल सर्वे रिपोर्ट 1864 में कुषाणों की पहचान आधुनिक गुर्जरों से की है और उसने माना है कि गुर्जरों के कसाना गौत्र के लोग कुषाणों के वर्तमान प्रतिनिधि है गुर्जर देश से गुर्जरों ने पूर्व और दक्षिण की तरफ अपना विस्तार किया| 580 ई के लगभग दद्दा गुर्जर I ने दक्षिणी गुजरात के भडोच इलाके में एक राज्य की स्थापना कर ली थी| अपने अधिकांश शासन काल के दौरान भडोच के गुर्जर वल्लभी के मैत्रको के सामंत रहे। भगवान जी लाल इंद्र के अनुसार वल्लभी के मैत्रक भी गुर्जर थे| गुर्जर मालवा होते हुए दक्षिणी गुजरात पहुंचे और भडोच में एक शाखा को वह छोड़ते हुए समुन्द्र के रास्ते वल्लभी पहुंचे। मैत्रको के अतरिक्त चावडा यानि चप (चपराना) गुर्जर भी छठी शताब्दी में समुन्द्र के रास्ते ही गुजरात पहुंचे थे। गुजरात में चावडा सबसे पहले बेट-सोमनाथ इलाके में आकर बसे| छठी शताब्दी के अंत तक चालुक्यो ने दक्कन में वातापी राज्य की स्थापना कर ली थी| होर्नले के अनुसार वो हूण गुर्जर समूह के थे| मंदसोर के यशोधर्मन और हूणों के बीच मालवा में युद्ध लगभग 530 ई. में हुआ था। होर्नले का मत हैं कि यशोधर्मन से मालवा में पराजित होने के बाद हूणों की एक शाखा नर्मदा के पार दक्कन की तरफ चली गई| जिन्होने चालुक्यो के नेतृत्व वातापी राज्य की स्थापना की। वी.

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गुलाबी मैना

गुलाबी मैना या गुलाबी सारिका स्टर्निडी परिवार का एक पक्षी है जिसमें मैना भी शामिल है। इसके अन्य नाम हैं तिल्यर या तेलियर और कन्नड़ भाषा में इसके मधुर गीत के कारण इसे मधुसारिका भी कहते हैं। २४ मई २००४ को भारत डाक-तार विभाग ने इस पक्षी पर एक डाक टिकट भी जारी किया। .

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गुलाम मोहम्मद शेख

गुलाम मोहम्मद शेख (जन्म 1937 सुरेंद्रनगर, गुजरात) अन्तर्राष्ट्रीय रूप से प्रसिद्ध चित्रकार, लेखक एवं कला समालोचक हैं। 1983 में कला के प्रति उनके योगदान के लिए उन्हें प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी अतियथार्थवादी कविताओं के संग्रह अथवा ' को महत्वपूर्ण समीक्षात्मक प्रशंसा प्राप्त हुई है। उन्होंने घर जतन शीर्षक नामक एक गद्य श्रृंखला भी लिखी है और क्षितिज के कई विशिष्ट अंकों का सम्पादन भी किया है। .

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गुजरात में जैन धर्म

जैन धर्म एक धर्म और दर्शन है जो गुजरात में बहुत महत्व रखता है। धर्म अनुयायीयों का विश्वास है कि उनके २२वें तीर्थकर (जैन धर्म के भगवान) को यहाँ मोक्ष की प्राप्ती हुई थी। बहुत से अन्य साधुओं का निर्वाण भी यहाँ हुआ; विशेष रूप से पवित्र गिरनार और सत्रुंजय पर्वत। .

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गुजरात लॉयन्स

गुजरात लॉयन्स एक क्रिकेट फ्रेंचाइज है जो राजकोट,गुजरात पर आधारित है और केवल २ संस्करणों के लिए इसे इंडियन प्रीमियर लीग में चयनित किया गया था। २०१६ इंडियन प्रीमियर लीग संस्करण में दो टीमों पर २ सालों के लिए प्रतिबंधित किया गया था इसके बदले दो नई टीमें खेलेंगी। जिसमें गुजरात लॉयन्स एक है। टीम का नेतृत्व भारतीय क्रिकेट टीम के सुरेश रैना. ने किया था। .

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गुजरात समाचार

गुजरात समाचार गुजरात का एक प्रमुख गुजराती दैनिक समाचार पत्र है| इसका मुख्य कार्यालय अहमदाबाद में है और इसकी एक शाखा सूरत में भी है| इस समाचार पत्र के संस्करण गुजरात के सभी मुख्य शहरों (अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट, भावनगर) के अलावा मुंबई एवं न्यू यार्क से प्रकाशित होतें हैं| .

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गुजरात स्थानीय प्रशासनिक चुनाव २०१५

गुजरात स्थानीय प्रशासनिक चूनाव २०१५ के अंतर्गत गुजरात में दिसंबर में नगर निकाय और पंचायत के चूनाव हुए थे। ६ महानगर पालिका, ५६ नगरपालिका, ३१ ज़िला पंचायत और २३० तालुका पंचायतों के चूनाव हुए थे। पाटीदार अनामत आंदोलन के चलते भाजपा को बड़े पैमाने पर हार का सामना करना पड़ा था। .

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गुजरात ज़िला

पाकिस्तानी पंजाब प्रांत में गुजरात ज़िला (लाल रंग में) गुजरात (उर्दू:, अंग्रेज़ी: Gujrat) पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक ज़िला है। गुजरात ज़िले की राजधानी गुजरात शहर है। इस ज़िले की तीन तहसीलें हैं - गुजरात, खारियाँ और सराय आलमगीर। यह ज़िला पाकिस्तानी पंजाब प्रान्त के पूर्वोत्तर में स्थित है। इसकी सीमाएँ पूर्वोत्तर में पाक-अधिकृत कश्मीर के मीरपुर ज़िले से, पश्चिमोत्तर में झेलम नदी से जो इसे झेलम ज़िले से अलग करती है, पूर्व और दक्षिण पूर्व में चेनाब नदी से जो इसे गुजराँवाला ज़िले से और सियालकोट ज़िले से अलग करती है और पश्चिम में मंडी बहाउद्दीन ज़िले से लगतीं हैं। कृपया ध्यान देन कि एक ही नाम होने के बावजूद पाकिस्तानी पंजाब के गुजरात ज़िले का भारत के गुजरात राज्य से कोई लेना-देना नहीं है। .

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गुजरात विद्यापीठ

गुजरात विद्यापीठ का प्रतीक चिह्न गुजरात विद्यापीठ की स्थापना महात्मा गांधी ने १८ अक्टूबर सन् १९२० में की थी। यह गुजरात के अहमदाबाद नगर में स्थित है। इसकी स्थापना का उद्देश्य भारतीय युवकों को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराना था। गंधीजी इस बात को अच्छी तरह समझते थे कि मैकाले द्वारा रची गयी ब्रिटेन की औपनिवेशिक शिक्षा नीति का उद्देश्य दमनकारी ब्रिटिश साम्राज्य के लिये मानव संसाधन (क्लर्क?) तैयार करना है। उस शिक्षा नीति के विरुद्ध गांधीजी ने राष्ट्रीय पुनर्निर्माण व हिन्द स्वराज के लिये युवकों को तैयार करने के उद्देश्य से इस विद्यापीठ की स्थापना की। गांधीजी आजीवन इसके कुलाधिपति रहे। प्राध्यापक ए टी गिडवानी इसके प्रथम उपकुलपति रहे। गांधीजी के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल, डा राजेन्द्र प्रसाद, मोरार जी देसाई आदि ने इसके कुलपति पद को सुशोभित किया। सन् १९६३ में भारत सरकार ने इसे मानद विश्वविद्यालय का दर्जा दिया। .

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गुजरात विधान सभा

गुजरात विधान सभा भारतीय राज्य गुजरात की एकसदनीय विधानसभा हैं। ये गुजरात के राजधानी गाँधीनगर में स्थित हैं। .

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गुजरात विधानसभा चुनाव, 2017

गुजरात विधानसभा चुनाव, 2017 9 तथा 14 दिसम्बर 2017 को दो चरणों में सम्पन्न होंगे। सबसे अधिक सीटें जीतने वाला दल या गठबंधन का नेता ही गुजरात राज्य का अगला मुख्यमन्त्री होगा। .

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गुजरात विश्वविद्यालय

गुजरात विश्वविद्यालय राज्यव्यापी संस्थान है जिससे भारत के गुजरात राज्य के कई प्रतिष्ठित कॉलेज सम्बद्ध (affiliated) हैं। इसे राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं मान्यता परिषद (एनएएसी) (National Assessment and Accreditation Council (NAAC)) द्वारा बी++ रैंकिंग दी गई है। यह भारत के सबसे श्रेष्ठ और बहुमुखी उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक है। इसके अलावा, यह अपने कैंपस (परिसर) के 2,24,000 से अधिक छात्रों और विभिन्न संबद्ध कॉलेजों के साथ उपमहाद्वीप की सबसे बड़ी विश्वविद्यालय प्रणालियों में से एक है। यह विशेष रूप से अपनी चिकित्सा, इंजीनियरिंग व टैक्नोलॉजी, फार्मेसी, वाणिज्य और प्रबंधन कॉलेजों के लिए प्रसिद्ध है। विश्वविद्यालय पोर्ट मैनेजमैंट, नैनो प्रौद्योगिकी, टिशु कल्चर में क्षेत्रीय/विशेष कार्यक्रम चलाता है। .

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गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय

गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय भारत के गुजरात राज्य के जामनगर में स्थित एक आयुर्वेद विश्वविद्यालय है। भारत और विश्व दोनों में यह अपने तरह का पहला विधिमान्य विश्वविद्यालय है जो केवल आयुर्वेद के अध्ययन एवं अनुसंधान को समर्पित है। .

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गुजरात का इतिहास

गुजरात, अखंड भारत का एक भौगोलिक क्षेत्र है जहां इतिहास के आरंभ होने के पूर्व से ही लोग निवास करते आ रहे हैं, यह सिद्ध हो चुका है। इस प्रदेश के पश्चिम में विशाल सागर तट है। इस तट पर आकर जो लोग बसे उनके आदिपुरुष अफ्रीका के पूर्वी किनारे से आए होंगे, ऐसा अनुमान किया जाता है। इस अनुमान का आधार यह है कि जब हिमालय का सृजन हुआ, उस दौरान भारत के पश्चिमी भाग से अफ्रीका का भू-खंड अलग हो गया। इस भौगोलिक नवसृजन की प्रक्रिया को ध्यान में रखा जाए तो इस संभावना को नकारा नहीं जा सकता कि आदिमानव समूह, जो अफ्रीका में बसता था वही वर्तमान सौराष्ट्र कहे जाने वाले भू-भाग में भी बसा हुआ था। नक्शे को ध्यान से देखने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि ये दोनों भू-खंड एक दूसरे से अलग हुए हैं और उनके बीच का भाग अरब सागर बना है। विश्व में सिंहों की आबादी गुजरात के सौराष्ट्र स्थित गिर के जंगल और अफ्रीका के जंगल-केवल इन दो जगहों में ही पाई जाती है। इन दोनों—अफ्रीका के सिंह और गिरि के भारतीय सिंह में जो अंतर है, वह पर्यावरण की भिन्नता के साथ सामंजस्य बैठाने के कारण है आया है। सिंहों पर अध्ययन करनेवाले प्राणि वैज्ञानिकों का मानना है कि एशियन लायन और अफ्रीकन लायन का विकास किसी एक ही मूल से हुआ है। इस तरह गुजरात का इतिहास, उसकी भूमि और उस पर लोगों की बनावट अत्यंत प्राचीन है और यह हिमालय के सृजन की भौगोलिक प्रक्रिया से पहले की है। इसके बाद पाषाण युग के प्रगैतिहासिक काल के ताम्र व कांस्य युग तक के कालखंड तथा ईसा पूर्व 322 से सन् 1304 तक की समयावधि के कालखंड हैं। इन कालखंडों में यहाँ अनेक जातियों का आगमन हुआ। वे यहाँ आईं और आकर बस गईं। नृवंश-शास्त्रियों की खोजों के अनुसार सत्तर से बाइस लाख वर्ष पहले गुजरात में जो लोग रहते थे, वे नीग्रो या निग्रिटो जाति के थे। इसका प्रमाण यह है कि उनके अस्थि-पिंजर हमें सौराष्ट्र क्षेत्र में मिले हैं, जिनके सिर लंबे, कद साधारण, कपाल उभरा हुआ और भौहें तथा होंठ लटके हुए हैं। इसके बाद पौराणिक साहित्य तथा उसके पहले के वेदकालीन साहित्य में गुजरात-सौराष्ट्र के भू-प्रदेश और उस पर रहनेवालों के अनेक उल्लेख मिलते हैं। ऐतिहासिक युग के आरंभ के साथ ही विविध जातियों के आगमन और यहां बस जाने का भी इतिहास भी मिलता है। इस प्रकार गुजरात और उसके निवासियों का इतिहास अत्यंत प्राचीन और जीवंत है, जो पृथ्वी के पटल पर हिमालय जैसे भू-भौगोलिक परिवर्तन से पहले ही आरंभ हो चुका था। .

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गुजरात के मुख्यमंत्रियों की सूची

गुजरात के मुख्यमंत्रियों की क्रमवार सूची ** resumed office श्रेणी:गुजरात की राजनीति श्रेणी:गुजरात श्रेणी:मुख्यमंत्री श्रेणी:भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सूचियाँ.

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गुजरात के राज्यपालों की सूची

गुजरात के राज्यपाल उत्तर-पुर्व भारत के गुजरात राज्य के सरकार के संवैधानिक प्रमुख हैं। राज्यपाल को पांच साल की अवधि के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है, और राष्ट्रपति के इच्छा के अनुसार कार्यालय का कार्यकाल होता है। भारत के संविधान के मुताबिक, गुजरात के राज्यपाल राज्य के न्यायपालिक है, लेकिन वास्तविक कार्यकारी प्राधिकारी गुजरात के मुख्यमंत्री है। भारत का संविधान राज्यपाल को अपने स्वयं के विवेक पर कार्य करने का अधिकार देता है; जैसे कि मंत्रालय को युक्त करने या खारिज करने की क्षमता, राष्ट्रपति के शासन की सिफारिश करना, या राष्ट्रपति की सहमति के लिए कोई विधेयक आरक्षित करना। .

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गुजरात के ज़िले

गुजरात के ज़िले। भारत के गुजरात राज्य में ३३ ज़िले है। Dave, Kapil (૭ ઓક્ટોબર ૨૦૧૨).

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गुजरात उच्च न्यायालय

गुजरात उच्च न्यायालय गुजरात उच्च न्यायालय गुजरात राज्य का उच्च न्यायालय है। यह 1 मई 1960 को बंबई राज्य से राज्य विभाजन के बाद बंबई-organsisation अधिनियम, 1960 के तहत पुन: स्थापित किया गया था। न्यायालय का मुख्यालय अहमदाबाद में है। न्यायालय ने 42 के एक न्यायाधीश को मंजूरी दी ताकत है। .

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गुजराती भाषा

गुजराती भारत की एक भाषा है जो गुजरात राज्य, दीव और मुंबई में बोली जाती है। गुजराती साहित्य भारतीय भाषाओं के सबसे अधिक समृद्ध साहित्य में से है। भारत की दूसरी भाषाओं की तरह गुजराती भाषा का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है। वहीं इसके कई शब्द ब्रजभाषा के हैं ऐसा भी माना जाता है की इसका जन्म ब्रजभाषा में से भी हुआ अर्थात संस्कृत और ब्रजभाषा के मिले जुले शब्दों से गुजरातीे भाषा का जन्म हुआ। दूसरे राज्य एवं विदेशों में भी गुजराती बोलने वाले लोग निवास करते हैं। जिन में पाकिस्तान, अमेरिका, यु.के., केन्या, सिंगापुर, अफ्रिका, ऑस्ट्रेलीया मुख्य है। भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मातृभाषा गुजराती थी। गुजराती बोलने वाले भारत के दूसरे महानुभावों में पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मुहम्मद अली जिन्ना, महर्षि दयानंद सरस्वती, मोरारजी देसाई, नरेन्द्र मोदी, धीरु भाई अंबानी भी सम्मिलित है। .

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गुजराती साहित्य

गुजराती भाषा आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं में से एक है और इसका विकास शौरसेनी प्राकृत के परवर्ती रूप 'नागर अपभ्रंश' से हुआ है। गुजराती भाषा का क्षेत्र गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ के अतिरिक्त महाराष्ट्र का सीमावर्ती प्रदेश तथा राजस्थान का दक्षिण पश्चिमी भाग भी है। सौराष्ट्री तथा कच्छी इसकी अन्य प्रमुख बोलियाँ हैं। हेमचंद्र सूरि ने अपने ग्रंथों में जिस अपभ्रंश का संकेत किया है, उसका परवर्ती रूप 'गुर्जर अपभ्रंश' के नाम से प्रसिद्ध है और इसमें अनेक साहित्यिक कृतियाँ मिलती हैं। इस अपभ्रंश का क्षेत्र मूलत: गुजरात और पश्चिमी राजस्थान था और इस दृष्टि से पश्चिमी राजस्थानी अथवा मारवाड़ी, गुजराती भाषा से घनिष्ठतया संबद्ध है। गुजराती साहित्य में दो युग माने जाते हैं-.

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गुजराती कढ़ी

गुजराती कढ़ी एक गुजरात व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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गुग्गुल

गुग्गुल या 'गुग्गल' एक वृक्ष है। इससे प्राप्त राल जैसे पदार्थ को भी 'गुग्गल' कहा जाता है। भारत में इस जाति के दो प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं। एक को कॉमिफ़ोरा मुकुल (Commiphora mukul) तथा दूसरे को कॉ.

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गुंडा

गुंडा एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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ग्राम पंचायत झोंपड़ा, सवाई माधोपुर

झोंपड़ा गाँव राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर जिले की चौथ का बरवाड़ा तहसील में आने वाली प्रमुख ग्राम पंचायत है ! ग्राम पंचायत का सबसे बड़ा गाँव झोंपड़ा है जिसमें मीणा जनजाति का नारेड़ा गोत्र मुख्य रूप से निवास करता हैं। ग्राम पंचायत में झोंपड़ा, बगीना, सिरोही, नाहीखुर्द एवं झड़कुंड गाँव शामिल है। झोंपड़ा ग्राम पंचायत की कुल जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 5184 है और ग्राम पंचायत में कुल घरों की संख्या 1080 है। ग्राम पंचायत की सबसे बड़ी नदी बनास नदी है वहीं पंचायत की सबसे लम्बी घाटी चढ़ाई बगीना गाँव में बनास नदी पर पड़ती है। ग्राम पंचायत का सबसे विशाल एवं प्राचीन वृक्ष धंड की पीपली है जो झोंपड़ा, बगीना एवं जगमोंदा गाँवों से लगभग बराबर दूरी पर पड़ती है। .

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गौतम अदाणी

गौतम अदाणी (गुजराती:ગૌતમ અદાણી; जन्म 24 जून 1962) एक भारतीय उद्यमी और स्वयं निर्मित अरबपति है जो अदानी समूह के अध्यक्ष हैं। अदानी समूह कोयला व्यापार, कोयला खनन, तेल एवं गैस खोज, बंदरगाहों, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक, बिजली उत्पादन एवं पारेषण और गैस वितरण में फैले कारोबार को सम्भालने वाला विश्व स्तर का एकीकृत बुनियादी ढ़ाँचा है। 33 वर्षों के व्यापार अनुभव के के साथ, गौतम अदाणी प्रथम पीढ़ी के उद्यमी हैं जिन्होंने अपेक्षाकृत लघु समय में $8 अरब का पेशेवर कारोबारी साम्राज्य आदानी समूह का नेतृत्व करने वाले एक मामूली पृष्ठभूमि के व्यक्ति हैं। उन्हें व्यापार-परिवहन एवं परिवहन सम्बंधी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विश्व भर के 100 सबसे प्रभावशाली व्यवसायियों में गिना जाता है। .

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गृह स्वामित्व के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

भारत के राज्यों की यह सूची प्रतिशत में परिवारों द्वारा उनके घरों के स्वामित्व की है जो 2001 की जनगणना पर आधारित है। श्रेणी:भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से संबंधित सूचियाँ.

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गेटवे टेक्नोलैब्स

गेटवे टेक्नोलैब्स (अंग्रेज़ी: Gateway TechnoLabs) एक बहुराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी है जिसका मुख्यालय अहमदाबाद, भारत में स्थित है। कंपनी का सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट केंद्र ऐम्स्टर्डैम, नीदरलैण्ड में स्थित है। .

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गोएयर

गो-एयर(GoAir) भारत की कम कीमत वाली विमान सेवा है। मई २०१३ के शेयर गणना के अनुसार यह भारत की पांचवी सबसे बड़ी विमानन सेवा है। इस सेवा का प्रारंभ नवम्बर २००५ से शुरू हुआ। यह २१ शहरों में दिन भर की १०० तथा सप्ताह की ७५० उड़ानों द्वारा घरेलू विमानन सेवा प्रदान करता है। इस पर वाडिया समूह का स्वामित्व है। .

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गोडावण

राजस्थान का राज्य-पक्षी: गोडावण गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड; वैज्ञानिक नाम: Ardeotis nigriceps) एक बड़े आकार का पक्षी है जो भारत के राजस्थान तथा सीमावर्ती पाकिस्तान में पाया जाता है। उड़ने वाली पक्षियों में यह सबसे अधिक वजनी पक्षियों में है। बड़े आकार के कारण यह शुतुरमुर्ग जैसा प्रतीत होता है। यह राजस्थान का राज्य पक्षी है। सोहन चिड़िया, हुकना, गुरायिन आदि इसके अन्य नाम हैं। यह पक्षी भारत और पाकिस्तान के शुष्क एवं अर्ध-शुष्क घास के मैदानों में पाया जाता है। पहले यह पक्षी भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा एवं तमिलनाडु राज्यों के घास के मैदानों में व्यापक रूप से पाया जाता था। किंतु अब यह पक्षी कम जनसंख्या के साथ राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और संभवतः मध्य प्रदेश राज्यों में पाया जाता है। IUCN की संकटग्रस्त प्रजातियों पर प्रकाशित होने वाली लाल डाटा पुस्तिका में इसे 'गंभीर रूप से संकटग्रस्त' श्रेणी में तथा भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 में रखा गया है। इस विशाल पक्षी को बचाने के लिए राजस्थान सरकार ने एक प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट का विज्ञापन "मेरी उड़ान न रोकें" जैसे मार्मिक वाक्यांश से किया गया है। भारत सरकार के वन्यजीव निवास के समन्वित विकास के तहत किये जा रहे 'प्रजाति रिकवरी कार्यक्रम (Species Recovery Programme)' के अंतर्गत चयनित 17 प्रजातियों में गोडावण भी सम्मिलित है। यह जैसलमेर के मरू उद्यान, सोरसन (बारां) व अजमेर के शोकलिया क्षेत्र में पाया जाता है। यह पक्षी अत्यंत ही शर्मिला है और सघन घास में रहना इसका स्वभाव है। यह पक्षी 'सोन चिरैया', 'सोहन चिडिया' तथा 'शर्मिला पक्षी' के उपनामों से भी प्रसिद्ध है। गोडावण का अस्तित्व वर्तमान में खतरे में है तथा इनकी बहुत कम संख्या ही बची हुई है अर्थात यह प्रजाति विलुप्ति की कगार पर है। यह सर्वाहारी पक्षी है। इसकी खाद्य आदतों में गेहूँ, ज्वार, बाजरा आदि अनाजों का भक्षण करना शामिल है किंतु इसका प्रमुख खाद्य टिड्डे आदि कीट है। यह साँप, छिपकली, बिच्छू आदि भी खाता है। यह पक्षी बेर के फल भी पसंद करता है। राजस्थान में अवस्थित राष्ट्रीय मरु उद्यान में गोडावण की घटती संख्या को बढ़ाने के लिये आगामी प्रजनन काल में सुरक्षा के समुचित प्रबंध किए गए हैं।; राष्ट्रीय मरु उद्यान (डेज़र्ट नेशनल पार्क) 3162 वर्ग किमी.

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गोधरा

गोधरा भारत के गुजरात प्रांत का एक शहर है। 2001 भारत की जनगणना के रूप में, गोधरा 121,852 की आबादी थी। गोधरा का नाम सहसा तब सामने आया जब वहाँ 27 फ़रवरी 2002 को रेलवे स्टेशन पर साबरमती ट्रेन के एस-6 कोच में भीड़ द्वारा आग लगाए जाने के बाद 59 कारसेवकों की मौत हो गई। इसके परिणामस्वरूप पूरे गुजरात में साम्प्रदायिक दंगे होना शुरू हो गये। .

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गोधरा काण्ड

27 फ़रवरी 2002 को गुजरात में स्थित गोधरा शहर में एक रेलगाड़ी में आग लगने से 59 यात्री मारे गए जिनमें अधिकांश लोग हिन्दू बिरादरी से थे। इस घटना का इलज़ाम मुख्य रूप से मुस्लमानों पर लगाया गया जिसके नतीजा में गुजरात में 2002 के दंगे हुए। केन्द्रीय भारतीय सरकार द्वारा नियुक्त एक जाँच कमीशन का ख़्याल था कि आग दुर्घटना थी लेकिन आगे चलकर यह कमीशन असंवैधानिक घोषित किया गया था। लेकिन भारत सरकार द्वारा नियुक्त की गई अन्य जाँच कमीशनों ने घटना की असल पर निश्चित रूप से कोई रोशनी नहीं डाल सकी। हालांकि ग्यारह साल बाद भारत की एक अदालत ने मुसलमान बिरादरी के 31 लोगों को इस घटना के लिए दोषी ठहराया। .

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गोपालग्राम (धारी)

गोपालग्राम (ગોપાલગ્રામ.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। गोपालग्राम गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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गोरक्षकों द्वारा हिंसा

भारत में गोरक्षकों द्वारा गुंडागर्दी एक ज्वलंत सामजिक समस्या है | पिछले कुछ वर्षों में गोरक्षकों ने कई निर्दोष लोगों की हत्या कर दी है | २०१६ में गोरक्षकों द्वारा निर्दोष दलितों की पिटाई के बाद माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने गोराक्षसों द्वारा हिंसा की आलोचना की | परन्तु इसके बाद भी गोरक्षकों ने अपने उपद्रव को जारी रखा | .

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गोजरी भाषा

गोजरी या गूजरी एक हिन्द-आर्य भाषा है जो उत्तर भारत व पाकिस्तान में गुर्जर समुदाय के कई सदस्यों द्वारा बोली जाती है। भारत में यह भाषा राजस्थान,हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, उत्तराखण्ड और पंजाब राज्यों में बोली जाती है। पाकिस्तान में यह पाक-अधिकृत कश्मीर और पंजाब (पाकिस्तान) में बोली जाती है। इस भाषा का मूल ढांचा और गहरी शब्दावली दोनों राजस्थानी भाषा की है लेकिन स्थानानुसार इसमें कई पंजाबी, डोगरी, कश्मीरी, गुजराती, हिन्दको और पश्तो प्रभाव देखे जाते हैं। जम्मू-कश्मीर राज्य में इसे आधिकारिक दर्जा प्राप्त है। .

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गोवा

right गोवा या गोआ (कोंकणी: गोंय), क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने खूबसूरत समुंदर के किनारों और मशहूर स्थापत्य के लिये जाना जाता है। गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था। पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया और दिसंबर 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौंपा गया। .

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गोविंदपुर (धारी)

गोविंदपुर (ગોવિંદપુર.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। गोविंदपुर गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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गोंडी भाषा

स्वस्थ्य एवं टीकाकरण सम्बंधित जानकारी गोंडी भाषा में गोंडी भाषा भारत के मध्य प्रदेश के मुख्यतः शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, छत्तीसगढ़*छत्तीसगढ़ बस्तर संभाग की मुख्यभाषा छत्तीसगढ़ीहै, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात आदि में बोली जाने वाली भाषा है। यह दक्षिण-केन्द्रीय द्रविण भाषा है। इसके बोलने वालों की संख्या लगभग २० लाख है जो मुख्यतः गोंड हैं। लगभग आधे गोंडी लोग अभी भी यह भाषा बोलते हैं। गोंडी भाषा में समृद्ध लोकसाहित्य, जैसे विवाह-गीत एवं कहावतें, हैं। .

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गीरीया (अमरेली)

गीरीया (ગીરીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। गीरीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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गीगासण (धारी)

गीगासण (ગીગાસણ.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। गीगासण गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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गींदड़ (लोकनृत्य)

गिंदड् गींदड़ राजस्थान के शेखावाटी अंचल का ए॰ प्रसिद्ध लोकनृत्य है। इसका आयोजन होली के पर्व पर किया जाता है। यह गुजरात के गरबा नृत्य से काफी हद तक मिलता-जुलता है। इसमे गरबा की तरह ही कई पुरूष अपने दोनो हाथों में लकड़ी की डंडियाँ लेकर अपने आगे व पीछे के साथियों की डंडियों के साथ चोट करते हुए॰गोल घेरे में चलते हुए॰आगे बढ़ते हैं। घेरे के केन्द्र में ए॰ ऊँचा मचान (ए॰-दो आदमियों के बैठने लायक जगह, जो कि सामान्यतः चार बल्लियों को आयताकार रूप में रखते हुए॰उनके ऊपर कोई लकड़ी या कपड़ा बाँधकर बना ली जाती है।) बनाया जाता है। घेरे के केन्द्र पर ए॰ ऊँचा झँडा भी लगाया जाता है जो कि मचान के केन्द्र से भी निकलता हुआ ऊपर तक जाता है। मचान पर बैठा हुआ व्यक्ति नगाड़ा बजाता है। घेरे में अंदर की खाली जगह में कुछ लोग चंग (ढपली जैसा ही वाद्य परन्तु आकार में ढपली से बड़ा होता है, इसे स्थानीय भाषा में 'ढप' या 'चंग' के नाम से जाना जाता है।) बजाते हुए॰ए॰ं विशेष प्रकार लोकगीत (इन लोकगीतों को स्थानील क्षेत्रों में 'धमाल' के नाम से ही जाना जाता है) गाते हुए॰घूमते हैं। इस तरह नगाड़े, चंग, धमाल व डंडियों की ए॰ ताल में मिलती हुई ध्वनियों से जो समां बंधता है वो किसी को भी मदमस्त करने के लिए॰काफी होता है और सभी उपस्थित लोग आनन्द से झूम ऊठते हैं। गींदड़ को कहीं-कहीं गींदड़ी के नाम से भी पुकारा जाता है। .

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ओम प्रकाश कोहली

ओम प्रकाश कोहली भारतीय लोकतंत्र की उपरी प्रतिनिधि सभा राज्यसभा के पूर्व सदस्य तथा गुजरात के राज्यपाल हैं। वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े राजनीतिज्ञ हैं। वे 1994 से 2000 तक राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। उन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष के उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है और दिल्ली के हंसराज कॉलेज तथा देशबंधु कॉलेज में व्याख्याता के पद पर 37 साल से अधिक वर्षों तक सेवा की हैं। वर्ष 1999-2000 के दौरान उन्हें भाजपा की दिल्ली यूनिट का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वे आपातकाल के दौरान मीसा के तहत गिरफ्तार भी हुये थे। दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी में स्नातकोत्तर कोहली शिक्षाविद और राजनेता होने के साथ-साथ एक लेखक भी हैं। उन्होने 'राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर', 'शिक्षा नीति' और 'भक्तिकाल के संतो की सामाजिक चेतना' आदि पुस्तकें लिखी है। .

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ओसामण

ओसामण एक गुजरात व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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ओखा बन्दरगाह

ओखा बन्दरगाह गुजरात का मुख्य बन्दरगाह है। यह सौराष्ट्र की उत्तरी-पश्चिमी सीमा पर स्थित है। इसका मार्ग टेड़ा-मेड़ा है। यहां से तिलहन, नमक तथा सीमेंट निर्यात किया जाता है तथा विदेशों से कोयला, पेट्रोलियम, रासायनिक पदार्थ, मशीनें आयात किये जाते हैं। श्रेणी:बन्दरगाह.

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ओंकारनाथ ठाकुर

ओंकारनाथ ठाकुर (1897–1967) भारत के शिक्षाशास्त्री, संगीतज्ञ एवं हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीतकार थे। उनका सम्बन्ध ग्वालियर घराने से था। उन्होने वाराणसी में महामना पं॰ मदनमोहन मालवीय के आग्रह पर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में संगीत के आचार्य पद की गरिमा में वृद्धि की। वे तत्कालीन संगीत परिदृष्य के सबसे आकर्षक व्यक्तित्व थे। पचास और साठ के दशक में पण्डितजी की महफ़िलों का जलवा पूरे देश के मंचों पर छाया रहा। पं॰ ओंकारनाथ ठाकुर की गायकी में रंजकता का समावेश तो था ही, वे शास्त्र के अलावा भी अपनी गायकी में ऐसे रंग उड़ेलते थे कि एक सामान्य श्रोता भी उनकी कलाकारी का मुरीद हो जाता। उनका गाया वंदेमातरम या 'मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो' सुनने पर एक रूहानी अनुभूति होती है। .

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औरंगज़ेब

अबुल मुज़फ़्फ़र मुहिउद्दीन मुहम्मद औरंगज़ेब आलमगीर (3 नवम्बर १६१८ – ३ मार्च १७०७) जिसे आमतौर पर औरंगज़ेब या आलमगीर (प्रजा द्वारा दिया हुआ शाही नाम जिसका अर्थ होता है विश्व विजेता) के नाम से जाना जाता था भारत पर राज्य करने वाला छठा मुग़ल शासक था। उसका शासन १६५८ से लेकर १७०७ में उसकी मृत्यु होने तक चला। औरंगज़ेब ने भारतीय उपमहाद्वीप पर आधी सदी से भी ज्यादा समय तक राज्य किया। वो अकबर के बाद सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाला मुग़ल शासक था। अपने जीवनकाल में उसने दक्षिणी भारत में मुग़ल साम्राज्य का विस्तार करने का भरसक प्रयास किया पर उसकी मृत्यु के पश्चात मुग़ल साम्राज्य सिकुड़ने लगा। औरंगज़ेब के शासन में मुग़ल साम्राज्य अपने विस्तार के चरमोत्कर्ष पर पहुंचा। वो अपने समय का शायद सबसे धनी और शातिशाली व्यक्ति था जिसने अपने जीवनकाल में दक्षिण भारत में प्राप्त विजयों के जरिये मुग़ल साम्राज्य को साढ़े बारह लाख वर्ग मील में फैलाया और १५ करोड़ लोगों पर शासन किया जो की दुनिया की आबादी का १/४ था। औरंगज़ेब ने पूरे साम्राज्य पर फ़तवा-ए-आलमगीरी (शरियत या इस्लामी क़ानून पर आधारित) लागू किया और कुछ समय के लिए ग़ैर-मुस्लिमों पर अतिरिक्त कर भी लगाया। ग़ैर-मुसलमान जनता पर शरियत लागू करने वाला वो पहला मुसलमान शासक था। मुग़ल शासनकाल में उनके शासन काल में उसके दरबारियों में सबसे ज्यादा हिन्दु थे। और सिखों के गुरु तेग़ बहादुर को दाराशिकोह के साथ मिलकर बग़ावत के जुर्म में मृत्युदंड दिया गया था। .

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आचार्यकुलम

आचार्यकुलम गुरुकुल पद्धति पर आधारित गुरुकुल शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा पद्धति का एक आवासीय शैक्षणिक संस्थान है, जो भारत देश के उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार में स्थित है। इसका उद्घाटन 26 अप्रैल 2014 को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा हुआ। यह संस्थान भारतीय योग-गुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा संयुक्त रूप से संचालित है। .

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आणंद

आणंद भारत के गुजरात प्रान्त का एक शहर है। आणंद का प्राचीन नाम आनंदपुर था। .

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आणंद जिला

आनन्द भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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आदि बद्री (हरियाणा)

आदि बद्री हरियाणा के यमुनानगर ज़िले में स्थित वनक्षेत्र है। यह स्थान पौराणिक महत्व रखने वाली, लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी का उद्गम स्थल है। .

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आदि शंकराचार्य

आदि शंकराचार्य अद्वैत वेदांत के प्रणेता, मूर्तिपूजा के पुरस्कर्ता, पंचायतन पूजा के प्रवर्तक है। उपनिषदों और वेदांतसूत्रों पर लिखी हुई इनकी टीकाएँ बहुत प्रसिद्ध हैं। इन्होंने भारतवर्ष में चार मठों की स्थापना की थी जो अभी तक बहुत प्रसिद्ध और पवित्र माने जाते हैं और जिनके प्रबंधक तथा गद्दी के अधिकारी 'शंकराचार्य' कहे जाते हैं। वे चारों स्थान ये हैं- (१) बदरिकाश्रम, (२) शृंगेरी पीठ, (३) द्वारिका पीठ और (४) शारदा पीठ। इन्होंने अनेक विधर्मियों को भी अपने धर्म में दीक्षित किया था। ये शंकर के अवतार माने जाते हैं। इन्होंने ब्रह्मसूत्रों की बड़ी ही विशद और रोचक व्याख्या की है। उनके विचारोपदेश आत्मा और परमात्मा की एकरूपता पर आधारित हैं जिसके अनुसार परमात्मा एक ही समय में सगुण और निर्गुण दोनों ही स्वरूपों में रहता है। स्मार्त संप्रदाय में आदि शंकराचार्य को शिव का अवतार माना जाता है। इन्होंने ईश, केन, कठ, प्रश्न, मुण्डक, मांडूक्य, ऐतरेय, तैत्तिरीय, बृहदारण्यक और छान्दोग्योपनिषद् पर भाष्य लिखा। वेदों में लिखे ज्ञान को एकमात्र ईश्वर को संबोधित समझा और उसका प्रचार तथा वार्ता पूरे भारत में की। उस समय वेदों की समझ के बारे में मतभेद होने पर उत्पन्न चार्वाक, जैन और बौद्धमतों को शास्त्रार्थों द्वारा खण्डित किया और भारत में चार कोनों पर ज्योति, गोवर्धन, शृंगेरी एवं द्वारिका आदि चार मठों की स्थापना की। कलियुग के प्रथम चरण में विलुप्त तथा विकृत वैदिक ज्ञानविज्ञान को उद्भासित और विशुद्ध कर वैदिक वाङ्मय को दार्शनिक, व्यावहारिक, वैज्ञानिक धरातल पर समृद्ध करने वाले एवं राजर्षि सुधन्वा को सार्वभौम सम्राट ख्यापित करने वाले चतुराम्नाय-चतुष्पीठ संस्थापक नित्य तथा नैमित्तिक युग्मावतार श्रीशिवस्वरुप भगवत्पाद शंकराचार्य की अमोघदृष्टि तथा अद्भुत कृति सर्वथा स्तुत्य है। कलियुग की अपेक्षा त्रेता में तथा त्रेता की अपेक्षा द्वापर में, द्वापर की अपेक्षा कलि में मनुष्यों की प्रज्ञाशक्ति तथा प्राणशक्ति एवं धर्म औेर आध्यात्म का ह्रास सुनिश्चित है। यही कारण है कि कृतयुग में शिवावतार भगवान दक्षिणामूर्ति ने केवल मौन व्याख्यान से शिष्यों के संशयों का निवारण किय‍ा। त्रेता में ब्रह्मा, विष्णु औऱ शिव अवतार भगवान दत्तात्रेय ने सूत्रात्मक वाक्यों के द्वारा अनुगतों का उद्धार किया। द्वापर में नारायणावतार भगवान कृष्णद्वैपायन वेदव्यास ने वेदों का विभाग कर महाभारत तथा पुराणादि की एवं ब्रह्मसूत्रों की संरचनाकर एवं शुक लोमहर्षणादि कथाव्यासों को प्रशिक्षितकर धर्म तथा अध्यात्म को उज्जीवित रखा। कलियुग में भगवत्पाद श्रीमद् शंकराचार्य ने भाष्य, प्रकरण तथा स्तोत्रग्रन्थों की संरचना कर, विधर्मियों-पन्थायियों एवं मीमांसकादि से शास्त्रार्थ, परकायप्रवेशकर, नारदकुण्ड से अर्चाविग्रह श्री बदरीनाथ एवं भूगर्भ से अर्चाविग्रह श्रीजगन्नाथ दारुब्रह्म को प्रकटकर तथा प्रस्थापित कर, सुधन्वा सार्वभौम को राजसिंहासन समर्पित कर एवं चतुराम्नाय - चतुष्पीठों की स्थापना कर अहर्निश अथक परिश्रम के द्वारा धर्म और आध्यात्म को उज्जीवित तथा प्रतिष्ठित किया। व्यासपीठ के पोषक राजपीठ के परिपालक धर्माचार्यों को श्रीभगवत्पाद ने नीतिशास्त्र, कुलाचार तथा श्रौत-स्मार्त कर्म, उपासना तथा ज्ञानकाण्ड के यथायोग्य प्रचार-प्रसार की भावना से अपने अधिकार क्षेत्र में परिभ्रमण का उपदेश दिया। उन्होंने धर्मराज्य की स्थापना के लिये व्यासपीठ तथा राजपीठ में सद्भावपूर्ण सम्वाद के माध्यम से सामंजस्य बनाये रखने की प्रेरणा प्रदान की। ब्रह्मतेज तथा क्षात्रबल के साहचर्य से सर्वसुमंगल कालयोग की सिद्धि को सुनिश्चित मानकर कालगर्भित तथा कालातीतदर्शी आचार्य शंकर ने व्यासपीठ तथा राजपीठ का शोधनकर दोनों में सैद्धान्तिक सामंजस्य साधा। .

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आदिपुर

आदिपुर, गुजरात के कच्छ जिले का एक कस्बा है। यह गांधीधाम से ५ किमी दूरी पर स्थित है। श्रेणी:गुजरात के नगर.

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आदिवासी (भारतीय)

उडी़सा के जनजातीय कुटिया कोंध समूह की एक महिलाआदिवासी शब्द दो शब्दों आदि और वासी से मिल कर बना है और इसका अर्थ मूल निवासी होता है। भारत की जनसंख्या का 8.6% (10 करोड़) जितना एक बड़ा हिस्सा आदिवासियों का है। पुरातन लेखों में आदिवासियों को अत्विका और वनवासी भी कहा गया है (संस्कृत ग्रंथों में)। संविधान में आदिवासियों के लिए अनुसूचित जनजाति पद का उपयोग किया गया है। भारत के प्रमुख आदिवासी समुदायों में,((धनुहार/धनवार)),संथाल, गोंड, मुंडा, खड़िया, हो, बोडो, भील, खासी, सहरिया, गरासिया, मीणा, उरांव, बिरहोर आदि हैं। महात्मा गांधी ने आदिवासियों को गिरिजन (पहाड़ पर रहने वाले लोग) कह कर पुकारा है। जिस पर वामपंथी मानविज्ञानियों ने सवाल उठाया है कि क्‍या मैदान में रहने वालों को मैदानी कहा जाता है? आदिवासी को दक्षिणपंथी लोग वनवासी या जंगली कहकर पुकारते हैं। इस तरह के नामों के पीछे बुनियादी रूप से यह धारणा काम कर रही होती है कि आदिवासी देश के मूल निवासी हैं या नहीं तथा आर्य यहीं के मूल निवासी हैं या बाहर से आए हैं? जबकि निश्चित रूप से आदिवासी ही भारत के मूलनिवासी हैं। आमतौर पर आदिवासियों को भारत में जनजातीय लोगों के रूप में जाना जाता है। आदिवासी मुख्य रूप से भारतीय राज्यों उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यक है जबकि भारतीय पूर्वोत्तर राज्यों में यह बहुसंख्यक हैं, जैसे मिजोरम। भारत सरकार ने इन्हें भारत के संविधान की पांचवी अनुसूची में " अनुसूचित जनजातियों " के रूप में मान्यता दी है। अक्सर इन्हें अनुसूचित जातियों के साथ एक ही श्रेणी " अनुसूचित जातियों और जनजातियों " में रखा जाता है जो कुछ सकारात्मक कार्रवाई के उपायों के लिए पात्र है। आदिवासी नृत्य आदिवासियों का अपना धर्म है। ये प्रकृति पूजक हैं और जंगल, पहाड़, नदियों एवं सूर्य की आराधना करते हैं। आधुनिक काल में जबरन बाह्य संपर्क में आने के फलस्वरूप इन्होंने हिंदू, ईसाई एवं इस्लाम धर्म को भी अपनाया है। अंग्रेजी राज के दौरान बड़ी संख्या में ये ईसाई बने तो आजादी के बाद इनके हिूंदकरण का प्रयास तेजी से हुआ है। परंतु आज ये स्वयं की धार्मिक पहचान के लिए संगठित हो रहे हैं और भारत सरकार से जनगणना में अपने लिए अलग से धार्मिक कोड की मांग कर रहे हैं। भारत में 1871 से लेकर 1941 तक की जनगणना में आदिवासी को अन्‍य धमों से अलग धर्म में गिना गया है, जिसे Aborgines, Aborigional, Animist, Triabal Religion, Tribes आदि कहा गया है। आदिवासी की गणना अलग ग्रुप में की गई है, लेकीन 1951 की जनगणना से आदिवासी को Schedule Tribe बना कर अलग गिनती करना बन्‍द कर दिया गया है। माना जाता है कि हिंदुओं के देव भगवान शिव भी मूल रूप से एक आदिवासी देवता थे लेकिन आर्यों ने भी उन्हें देवता के रूप में स्वीकार कर लिया। भारत में आदिवासियों को दो वर्गों में अधिसूचित किया गया है- अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित आदिम जनजाति। बहुत से छोटे आदिवासी समूह आधुनिकीकरण के कारण हो रहे पारिस्थितिकी पतन के प्रति काफी संवेदनशील हैं। व्यवसायिक वानिकी और गहन कृषि दोनों ही उन जंगलों के लिए विनाशकारी साबित हुए हैं जो कई शताब्दियों से आदिवासियों के जीवन यापन का स्रोत रहे थे। .

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आदिवासी भाषाएँ

भारत में सभी आदिवासी समुदायों की अपनी विशिष्ट भाषा है। भाषाविज्ञानियों ने भारत के सभी आदिवासी भाषाओं को मुख्यतः तीन भाषा परिवारों में रखा है। द्रविड़ आस्ट्रिक और चीनी-तिब्बती। लेकिन कुछ आदिवासी भाषाएं भारोपीय भाषा परिवार के अंतर्गत भी आती हैं। आदिवासी भाषाओं में ‘भीली’ बोलने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है जबकि दूसरे नंबर पर ‘गोंडी’ भाषा और तीसरे नंबर पर ‘संताली’ भाषा है। भारत की 114 मुख्य भाषाओं में से 22 को ही संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है। इनमें हाल-फिलहाल शामिल की गयी संताली और बोड़ो ही मात्र आदिवासी भाषाएं हैं। अनुसूची में शामिल संताली (0.62), सिंधी, नेपाली, बोड़ो (सभी 0.25), मिताइ (0.15), डोगरी और संस्कृत भाषाएं एक प्रतिशत से भी कम लोगों द्वारा बोली जाती हैं। जबकि भीली (0.67), गोंडी (0.25), टुलु (0.19) और कुड़ुख 0.17 प्रतिशत लोगों द्वारा व्यवहार में लाए जाने के बाद भी आठवीं अनुसूची में दर्ज नहीं की गयी हैं। (जनगणना 2001) भारतीय राज्यों में एकमात्र झारखण्ड में ही 5 आदिवासी भाषाओं - संताली, मुण्डारी, हो, कुड़ुख और खड़िया - को 2011 में द्वितीय राज्यभाषा का दर्जा प्रदान किया गया है। .

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आनन्द लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

आनन्द लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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आनंद लोकसभा क्षेत्र

आणंद गुजरात प्रान्त का एक शहर है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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आनंदीबेन पटेल

आनंदीबेन पटेल (આનંદીબેન પટેલ; जन्म: 21 नवम्बर 1941) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो मध्य प्रदेश की राज्यपाल तथा गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। वे 1998 से गुजरात की विधायक हैं। वे 1987 से भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी हैं और गुजरात सरकार में सड़क और भवन निर्माण, राजस्व, शहरी विकास और शहरी आवास, आपदा प्रबंधन और वित्त आदि महत्वपूर्ण विभागों की काबीना मंत्री का दायित्व निभा चुकी हैं। दि इंडियन एक्सप्रेस के द्वारा वर्ष-2014 के शीर्ष 100 प्रभावशाली भारतीयों में उन्हें सूचीबद्ध किया गया है। वे गुजरात की राजनीति में "लौह महिला" के रूप में जानी जाती हैं।जनवरी2017 में वे मध्यप्रदेश की राज्यपाल नियुक्त हुई। .

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आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी, संक्षेप में आप, सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल एवं अन्ना हजारे के लोकपाल आंदोलन से जुड़े बहुत से सहयोगियों द्वारा गठित एक भारतीय राजनीतिक दल है। इसके गठन की आधिकारिक घोषणा २६ नवम्बर २०१२ को भारतीय संविधान अधिनियम की ६३ वीं वर्षगाँठ के अवसर पर जंतर मंतर, दिल्ली में की गयी थी। सन् २०११ में इंडिया अगेंस्ट करपशन नामक संगठन ने अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए जन लोकपाल आंदोलन के दौरान भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा जनहित की उपेक्षा के खिलाफ़ आवाज़ उठाई। अन्ना भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल आंदोलन को राजनीति से अलग रखना चाहते थे, जबकि अरविन्द केजरीवाल और उनके सहयोगियों की यह राय थी कि पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा जाये। इसी उद्देश्य के तहत पार्टी पहली बार दिसम्बर २०१३ में दिल्ली विधानसभा चुनाव में झाड़ू चुनाव चिन्ह के साथ चुनावी मैदान में उतरी। पार्टी ने चुनाव में २८ सीटों पर जीत दर्ज की और कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बनायी। अरविन्द केजरीवाल ने २८ दिसम्बर २०१३ को दिल्ली के ७वें मुख्य मन्त्री पद की शपथ ली। ४९ दिनों के बाद १४ फ़रवरी २०१४ को विधान सभा द्वारा जन लोकपाल विधेयक प्रस्तुत करने के प्रस्ताव को समर्थन न मिल पाने के कारण अरविंद केजरीवाल की सरकार ने त्यागपत्र दे दिया। .

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आर्थिक भौमिकी

आर्थिक भौमिकी, भौमिकी की वह शाखा है जो पृथ्वी की खनिज संपत्ति के संबंध में बृहत्‌ ज्ञान कराती है। पृथ्वी से उत्पन्न समस्त धातुओं, पत्थर, कोयला, भूतैल (पेट्रोलियम) तथा अन्य अधातु खनिजों का अध्ययन तथा उनका आर्थिक विवेचन आर्थिक भौमिकी द्वारा ही होता है। प्रत्येक देश की समृद्धि वहाँ की खनिज संपत्ति पर बहुत कुछ निर्भर रहती है और इस दृष्टि से आर्थिकी भौतिकी का अध्ययन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। यद्यपि भारतवर्ष प्राचीन समय से ही अपनी खनिज संपत्ति के लिए प्रसिद्ध रहा है, तथापि कुछ कारणों से यह देश अत्यंत समृद्ध नहीं कहा जा सकता। भारत में आर्थिक खनिज पाए जाते हैं जिनमें से लगभग १६ खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इनमें विशेष कर लौह अयस्क, मैंगनीज़, अभ्रक, बॉक्साइट, इल्मेनाइट, पत्थर के कोयले जिप्सम, चूना पत्थर (लाइम स्टोन), सिलीमेनाइट, कायनाइट, कुरबिंद (कोरंडम), मैग्नेसाइट, मत्तिकाओं आदि के विशाल भांडार हैं, किंतु साथ ही साथ सीसा, तांबा, जस्ता, रांगा, गंधक तथा मूतैल आदि अत्यंत न्यून मात्रा में हैं। भूतैल का उत्पादन तो इतना अल्प है कि देश की आंतरिक खपत का केवल सात प्रतिशत ही उससे पूरा हो पाता है। इस्पात उत्पादन के लिए सारे आवश्यक खनिज पर्याप्त किए जाते हैं उनमें इन धातुओं के अभाव के कारण कुछ हल्की धातुएं, जैसे ऐल्युमिनियम इत्यादि तथा उनकी मिश्र धातुएँ उपयोग में लाई जा सकती है। .

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आर्थिक मुक्ति के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

इस सूची में भारत के राज्य 2013 में आर्थिक मुक्ति के आधर पर क्रमबद्ध किए गए हैं। यह सूची यूऍस कैटो संस्थान, फ़्रॅडरिक नॉमन संस्थापन और इण्डिकस ऐनालेटिक्स (जो कि एक अग्रणी भारतीय आर्थिक अनुसन्धान फ़र्म है) द्वारा प्रकाशित होने वाली वार्षिक रिपोर्ट से ली गई है। 2013 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में गुजरात में सर्वाधिक आर्थिक मुक्ति है जबकि सबसे निचले पायदान पर बिहार है। .

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आशका गोरडिया

आशका गोरडिया (जन्म 27 नवम्बर 1985) अहमदाबाद,गुजरात,भारत) एक भारतीय टेलीविज़न अभिनेत्री है। इनको कई फैशन सम्बन्धित आयोजनों में प्रदर्शन करते हुए देखा गया है। इन्होंने कई हिंदी धारावाहिकों में कार्य किया है। इन्होंने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरूआत कुसुम नामक धारावाहिक (2003-05) में कुमुद के किरदार से की। फिर इन्हें २०१२ में आए धारावाहिक लागी तुझसे लगन से सफलता मिली। फिर वे बिग बॉस के ६ठें संस्करण में नज़र आईं। .

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आसाराम

आसाराम (पूरा नाम: आसूमल थाऊमल सिरुमलानी अथवा आसूमल सिरूमलानी, जन्म: 17 अप्रैल 1941, नवाबशाह जिला, सिंध प्रान्त) भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय, आध्यात्मिक सन्त हैं जो अपने शिष्यों को एक सच्चिदानन्द ईश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते हैं। उन्हें उनके भक्त प्राय: बापू के नाम से सम्बोधित करते हैं। आसाराम 450 से अधिक छोटे-बड़े आश्रमों के संचालक हैं। उनके शिष्यों की संख्या करोड़ों में है। आसाराम सामान्यतः विवादों से जुड़े रहे हैं जैसे आपराधिक मामलों में उनके खिलाफ दायर याचिकाएँ, उनके आश्रम द्वारा अतिक्रमण, 2012 दिल्ली दुष्कर्म पर उनकी टिप्पणी एवं 2013 में नाबालिग लड़की का कथित यौन शोषण। उन पर लगे आरोपों की आँच उनके बेटे नारायण साईं तक भी पहुची। न्यायालय ने उन्हें 5 साल तक न्यायिक हिरासत में रखने के बाद 25 अप्रैल को नाबालिग से रेप के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा का निर्णय लिया है। फ़िलहाल आसाराम जोधपुर जेल की सलाखों के पीछे कैद हैं। यौन छेडछाड का यह मामला 20 अगस्त 2013 को प्रकाश में आया जब एक एफ आई आर दिल्ली के कमला नगर थाने में रात 2 बजे दर्ज हुई। घटना जोधपुर के मड़ई में स्थित फार्म हाउस में 16 अगस्त की बताई जाती है। एफ़ आई आर में लड़की ने आरोप लगाया है बापू ने रात उसे कमरे में बुलाया व 1 घंटे तक व यौन छेड़छाड़ की। लड़की उत्तरप्रदेश के शाहजहा पुर की निवासी है जो 12 व्ही में छिंदवाड़ा में आश्रम के कन्या छात्रा वास में पड़ती थी। .

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आहवा

दक्षिणी गुजरात के जिले का मानचित्र आहवा भारत देश के पश्चिम भाग के गुजरात राज्य के डांग जिले में स्थित एक नगर है। यह डांग जिला का मुख्य मथक है। .

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आजवा

आजवा गुजरात के वडोदरा नगर के १५ किमी पूर्व में स्थित एक जलाशय है। श्रेणी:भारत के जलाशय.

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आंचलिक परिषद

भारत के आंचलिक परिषद आंचलिक परिषदों हैं सलाहकार समूहों जो भारत के राज्यों से बने हुए हैं। ये परिषदों राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए बनाया गया थे। पंच परिषदों 1956 में स्थापित हुए थे। पूर्वोत्तर आंचलिक परिषदों 1972 में स्थापित हो गया था।.

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आंबरडी (धारी)

आंबरडी (આંબરડી.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। आंबरडी गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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आंबेमोहर

आंबेमोहर भारत में महाराष्ट्र राज्य की बासमती चावल की एक किस्म है। यह जल्दी पकने वाला चावल होता है, जो कि काफी मुलायम होने के कारण आसानी से टूट जाता है व पकने पर आपस में चिपक भी जाता है। यह अपनी आम के बौर जैसी तेज खुश्बू, जो पकने पर आती है, के लिए प्रसिद्ध है। यह गुजरात की सुरती कोलम किस्म से मिलता जुलता है। सुरती कोलम किस्म भी मुलायम व खुश्बूदार होती है। .

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आइएसओ 3166-2:आइएन

कोई विवरण नहीं।

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आइडिया सेल्युलर

आइडिया सेल्युलर भारत के विभिन्न राज्यों में एक वायरलेस टेलीफोन सेवाओं को संचालित करने वाली एक कंपनी है। इसका शुभारंभ १९९५ में टाटा, आदित्य बिड़ला समूह और एटी एंड टी के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में हुआ था जब "विंग्स सेलुलर" जो मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश पश्चिम और राजस्थान में सक्रिय थी का विलय कर दिया गया। आरम्भ में जीएसएम क्षेत्र में यह बहुत ही सीमित थी, लेकिन २००४ में एस्कोटेल के अधिग्रहण से आइडिया वास्तव में एक अखिल भारतीय सेवा प्रदाता बन गया जिसकी उपस्थिति महाराष्ट्र, गोआ, गुजरात, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश (पूर्व और पश्चिम), हरियाणा, केरल, राजस्थान और दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत सहित) में थी। कंपनी के आउटलेट "Idea n' U" बैनर के अधीन हैं। यह प्रीपेड ग्राहकों के लिए लचीले टैरिफ की योजना उपलब्ध करने वाली प्रथम कंपनी है। यह नगरीय क्षेत्रों में जीपीआरएस सेवाएं भी प्रदान करती है। आइडिया सेलुलर ने "सर्वश्रेष्ठ बिलिंग और ग्राहक सेवा समाधान" के लिए लगातार २ वर्षों तक जीएसएम एसोसिएशन पुरस्कार जीता। .

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इडर के प्रताप सिंह

लेफ्टिनेंट जनरल प्रताप सिंह (22 अक्टूबर 1845 – 4 सितम्बर 1922) इडर राज्य (गुजरात) के महाराजा तथा ब्रितानी भारतीय सेना के अधिकारी थे। १९०२ से १९११ तक वे अहमदनगर (हिम्मतनगर) के महाराजा भी थे। प्रताप सिंह का जन्म 21 अक्टूबर 1845 को हुआ था। वह जोधपुर के तख्त सिंह (1819 -13 फरवरी 1873) जोधपुर के महाराजा के तीसरे बेटे थे और उनकी पहली पत्नी, गुलाब कुंवरजी माजी थीं, और उनके शुरुआती जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी है। उन्होंने जयपुर के महाराजा राम सिंह के अधीन प्रशासनिक प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसके भाई महाराजा जसवंत सिंह जोधपुर ने उन्हें अपने राज्य में आमंत्रित किया। .

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इन्दिरा गांधी

युवा इन्दिरा नेहरू औरमहात्मा गांधी एक अनशन के दौरान इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी (जन्म उपनाम: नेहरू) (19 नवंबर 1917-31 अक्टूबर 1984) वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। .

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इला रमेश भट्ट

इला रमेश भट्ट (जन्म - ७ सितंबर १९३३) भारत की एक प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्होंने भारत की महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया। 1972 में सेल्फ-एम्पलॉयड वीमन एसोसिएशन (सेवा) नामक महिला व्यापार संघ की स्थापना की थी। 12 लाख से अधिक महिलाएं इसकी सदस्य हैं। इसी तरह उन्होंने 1974 में सेवा को-ऑपरेटिव बैंक की स्थापना की थी। उन्हें 13 मई २०१० को 2010 के निवानो शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्तमान में वे भारतीय रिज़र्व बैंक के केन्द्रीय बोर्ड की एक निदेशक भी हैं। भारत के पहले मज़दूर संगठन कपड़ा कामगार संघ के महिला प्रकोष्ठ के नेतृत्व से 1968 में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करने वाली इला भट्ट ने अनौपचारिक क्षेत्र में श्रम करने वाली ग़रीब स्त्रियों को सम्पूर्ण रोज़गार दिलाने स्वयंसेवी का के किये गये संस्थानीकरण की कोशिशों में अनूठा स्थान है। सेल्फ़ इम्पलॉयड वुमॅन एसोसिएशन (सेवा) की शुरुआत इला भट्ट ने 1971 में केवल सात सदस्यों के साथ की थी। आज इसके साथ तेरह लाख से ज़्यादा स्त्रियाँ जुड़ी हैं। यह संगठन अनपढ़ कामगार महिलाओं का अपना बैंक चलाता है जिसके ज़रिये औरतों को स्वरोज़गार के लिए पूँजी मुहैया करायी जाती है। यह नारी आंदोलन, मज़दूर आंदोलन और सहकारिता आंदोलन का एक संगम है। .

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इस्लामी वास्तुकला

ताज महल इस्लामिक वास्तुकला की एक अनुपम कृति इस्लामी वास्तुकला एक प्रकार की वास्तु कला है जो की इस्लाम धर्म से प्रभावित है और इस्लामिक शासको एवं सरकारों द्वारा दुनिया भर में प्रचारित की गयी। .

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इंडियन प्रीमियर लीग

इंडियन प्रीमियर लीग (संक्षिप्त में IPL) भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालित ट्वेन्टी ट्वेन्टी प्रतियोगिता है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के भारत में एक पेशेवर ट्वेन्टी ट्वेन्टी क्रिकेट लीग भारतीय शहरों का प्रतिनिधित्व मताधिकार टीमों द्वारा हर साल चुनाव लड़ा है। लीग, 2007 में भारत (बीसीसीआई) के सदस्य ललित मोदी ने क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा स्थापित किया गया, अप्रैल और हर साल के मई के ऊपर निर्धारित है। 2016 में आईपीएल का टाइटल प्रायोजक विवो इलेक्ट्रॉनिक्स, इस प्रकार लीग को आधिकारिक तौर पर विवो इंडियन प्रीमियर लीग के रूप में जाना जाता है। आईसीसी भविष्य यात्रा कार्यक्रम में एक विशेष विंडो है। आईपीएल दुनिया में सबसे-भाग लिया क्रिकेट लीग है और सभी खेल लीग के बीच छठे स्थान पर है। 2010 में आईपीएल बन गया दुनिया में पहली बार खेल के आयोजन यूट्यूब पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। आईपीएल की ब्रांड वैल्यू अमेरिकी मूल्यांकन, गूंथा हुआ आटा और फेल्प्स के एक प्रभाग द्वारा अमेरिका में 2015 में 3.5 अरब $ होने का अनुमान था। बीसीसीआई के मुताबिक, 2015 आईपीएल सीजन भारतीय अर्थव्यवस्था के जीडीपी में 11.5 लाख ₹ (अमेरिका $ 182 मिलियन) का योगदान दिया। 13 टीमों को लीग के पहले सत्र के बाद से प्रतिस्पर्धा करने के लिए है, छह में कम से कम एक बार खिताब जीत लिया है। जबकि राजस्थान रॉयल्स, डेक्कन चार्जर्स और सनराइजर्स हैदराबाद एक बार जीत लिया है तथा मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स तीन बार और कोलकाता नाइट राइडर्स, ने दो बार जीत लिया है। चेन्नई सुपर किंग्स मौजूदा चैंपियन 2018 के मौसम जीत चुके हैं। 2014 तक इस टूर्नामेंट में शीर्ष तीन टीमों को चैंपियंस लीग ट्वेंटी20 के लिए क्वालीफाई किया। हालांकि, चैंपियंस लीग ट्वेंटी20 2015 में बंद किया गया था और तब से मृत हो गया है। .

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इंद्रनील सेनगुप्ता

इंद्रनील सेनगुप्ता (जन्म 8 सितम्बर, 1974) एक भारतीय फिल्म अभिऩेता और मॉडल है। श्रेणी:भारतीय टेलिविज़न अभिनेता श्रेणी:1974 में जन्मे लोग श्रेणी:जीवित लोग श्रेणी:मॉडल श्रेणी:भारतीय फ़िल्म अभिनेता.

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इंद्रजीत सिंहजी

कुमार श्री इंद्रजीत सिंहजी माधवसिंहजी (१५ जून १९३७ - १२ मार्च २०११) एक भारतीय क्रिकेट टीम के टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी थे जिन्होंने भारत के लिए १९६४ से १९६९ तक विकेट-कीपर बल्लेबाज के तौर पर चार टेस्ट मैच खेले थे। इंद्रजीत सिंहजी ने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जीवन में ६ टेस्ट मैच खेले जबकि घरेलू क्रिकेट में प्रथम श्रेणी क्रिकेट प्रारूप में ९० मैच खेले थे। इन्होंने २ अक्तूबर १९६४ को ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला था। जबकि अंतिम मैच साल १९६९ में न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था। कुल ४ टेस्ट मैचों में इन्होंने महज ५१ ही रन बनाये थे। .

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इंगोराळा (धारी)

इंगोराळा (ઇંગોરાળા.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। इंगोराळा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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इक्यावन

इक्यावन एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है, जिसे स्टार प्लस पर प्रसारित किया जाता है और हॉटस्टार पर स्ट्रीम किया जाता है। यह 13 नवंबर 2017 को प्रीमियर हुआ। इस शो में प्रमुख भूमिकाओं में नामिश तनेजा और प्राची तेहलान हैं। यह शो अहमदाबाद में स्थापित है, और सुजाना घई द्वारा निर्मित है। .

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कच्छ

कच्छ गुजरात प्रान्त का एक जिला है। गुजरात यात्रा कच्छ जिले के भ्रमण के बिना अधूरी मानी जाती है। पर्यटकों को लुभाने के लिए यहां बहुत कुछ है। जिले का मुख्यालय है भुज। जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष कच्छ महोत्सव आयोजित किया जाता है। 45652 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले गुजरात के इस सबसे बड़े जिले का अधिकांश हिस्सा रेतीला और दलदली है। जखाऊ, कांडला और मुन्द्रा यहां के मुख्‍य बंदरगाह हैं। जिले में अनेक ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर, मस्जिद, हिल स्टेशन आदि पर्यटन स्थलों को देखा जा सकता है। मिलें अवशेषों के आधार पर कच्छ प्राचीन सिन्धु संस्कृति का हिस्सा माना जाता है। सन १२७० में कच्छ एक स्वतंत्र प्रदेश था। सन १८१५ में यह ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन हुआ। रजवाड़े के रूप में कच्छ के तत्कालीन महाराजा ने ब्रिटिश सत्ता स्वीकार कर ली। सन १९४७ में भारत की स्वतंत्रता के बाद कच्छ तत्कालीन ' महागुजरात ' राज्य का जिला बना। सन १९५० में कच्छ भारत का एक राज्य बना। १ नवम्बर सन १९५६ को यह मुंबई राज्य के अंतर्गत आया। सन १९६० में भाषा के आधार पर मुंबई राज्य का महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजन हो गया तथा कच्छ गुजरात का एक हिस्सा बन गया। सन १९४७ में भारत के विभाजन के पश्चात सिंध और कराची में स्थित बंदरगाह पाकिस्तान के अंतर्गत चला गया। स्वतंत्र भारत की सरकार ने कच्छ के कंडला में नवीन बंदरगाह विकसित करने का निर्णय लिया। कंडला बंदरगाह पश्चिम भारत का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। इतिहास में १६ जून सन १८१५ का दिन कच्छ के पहले भूकंप के रूप में दर्ज है। २६ जनवरी २००१ में आया प्रचंड भूकंप का केंद्र कच्छ जिले के अंजार में था। कच्छ के १८५ वर्ष के दर्ज भूस्तरीयशास्त्र के इतिहास में यह सबसे बड़ा भूकंप था। .

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कच्छ लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

कच्छ लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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कच्छ जिला

कच्छ जिला भारत के पश्चिम में स्थित गुजरात राज्य का क्षेत्रफल का दृष्टि से सबसे बड़ा जिला है| इसका क्षेत्रफल - 45,612 वर्ग कि॰मी॰ है| ऐसा माना जाता है कि कच्छ नाम, जिले के कछुएं जैसी आकृति के कारण पड़ा है | प्राचीन महानगर धोलावीरा, जहां पुरातन सिन्धु संस्कृति विकसित हुई थी, कच्छ जिलें में स्थित है | कच्छ में प्रायः कच्छी बोली व गुजराती भाषा का प्रयोग होता है | ૧૨૩ .

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कच्छ का रण

कच्छ का रन कच्छ का रन तथा महान कच्छ का रन गुजरात प्रांत में कच्छ जिले के उत्तर तथा पूर्व में फैला हुआ एक नमकीन दलदल का वीरान प्रदेश है। यह लगभग 23,300 वर्ग कि॰मी॰ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह समुद्र का ही एक सँकरा अंग है जो भूचाल के कारण संभवत: अपने मौलिक तल को ऊपर उभड़ आया है और परिणामस्वरूप समुद्र से पृथक हो गया है। सिकंदर महान्‌ के समय यह नौगम्य झील था। उत्तरी रन, जो लगभग 257 कि॰मी॰ में फैला हुआ है। पूर्वी रन अपेक्षाकृत छोटा है। इसका क्षेत्रफल लगभग 5,178 वर्ग कि॰मी॰ है। मार्च से अक्टूबर मास तक यह क्षेत्र अगम्य हो जाता है। सन्‌ 1819 ई. के भूकंप में उत्तरी रन का मध्य भाग किनारों की अपेक्षा अधिक ऊपर उभड़ गया। इसके परिणामस्वरूप मध्य भाग सूखा तथा किनारे पानी, कीचड़ तथा दलदल से भरे हैं। ग्रीष्म काल में दलदल सूखने पर लवण के श्वेत कण सूर्य के प्रकाश में चमकने लगते हैं। नाम "रण" हिन्दी शब्द से आता है (रण) अर्थ "रेगिस्तान" है। कच्छ के रन की पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से मिलती है। 9 अप्रैल 1965 को पाकिस्तान ने अचानक आक्रमण करके इसके एक भाग पर कब्जा कर लिया। भारतीय सैनिकों ने अपना क्षेत्र वापस लेने के लिए कार्रवाई की तो युद्ध छिड़ गया। लेकिन ब्रिटेन के हस्तक्षेप से युद्ध विराम हुआ और मामला फैसले के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले जाया गया। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय (19 फ़रवरी 1968) के अनुसार कच्छ के रन का लगभग एक तिहाई भाग पाकिस्तान को वापस मिल गया। .

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कच्छ की खाड़ी

कच्छ की खाड़ी गुजरात राज्य के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में कच्छ जिला और जामनगर जिले के मध्य स्थित है। इस खाड़ी के पश्चिम में अरब सागर स्थित है। वैसे यह खाड़ी अरब सागर का ही एक हिस्सा है। गुजरात की पश्चिमी सीमा में १६०० कि.

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कच्छी घोड़ी नृत्य

कच्छी घोड़ी नृत्य भारतीय राज्य राजस्थान का एक लोकनृत्य है। यह राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र से आरम्भ हुआ नृत्य है। यह केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि भारत के अन्य भागों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात आदि में भी प्रसिद्ध है। इसमें नर्तक नकली घोड़ों पर सवारी करते है। इसका प्रदर्शन सामाजिक एवं व्यावसायिक दोनों तरह से होता है। यह नृत्य दूल्हा पक्ष के बारातियों के मनोरंजन करने के लिए व अन्य खुशी अवसरों पर भी प्रदर्शित किया जाता है। .

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कथीरवदर (धारी)

कथीरवदर (કથીરવદર.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। कथीरवदर गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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कन्या भ्रूण हत्या

कन्या भ्रूण हत्या जन्म से पहले लड़कियों को मार डालने की क्रिया है। .

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कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी

कन्हैयालाल मुंशी कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी (२९ दिसंबर, १८८७ - ८ फरवरी, १९७१) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राजनेता, गुजराती एवं हिन्दी के ख्यातिनाम साहित्यकार तथा शिक्षाविद थे। उन्होने भारतीय विद्या भवन की स्थापना की। .

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कपड़वंज

कपड़वंज गुजरात प्रान्त का एक शहर है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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कमला देवी

कमला देवी गुजरात के राजा कर्णदेव द्वितीय की रानी थी। 1297 ई. में कर्णदेव द्वितीय को अलाउद्दीन खिलजी की फ़ौज द्वारा पराजय का सामना करना पड़ा। कर्णदेव द्वितीय गुजरात से भाग निकला और उसने देवगिरि के राजा रामचन्द्र देव के यहाँ शरण ली। युद्ध में हार के फलस्वरूप रानी कमला देवी अपनी पुत्री देवल देवी को लेकर भाग निकली। वह ज़्यादा समय तक स्वयं को नहीं बचा सकी और मुसलमान सैनिकों द्वारा पकड़ ली गई। कमला देवी को अलाउद्दीन ख़िलजी के हरमख़ाने में भेज दिया गया। बाद के दिनों में अलाउद्दीन ख़िलजी ने उससे विवाह कर लिया और वह "मल्लिकाजहाँ" के नाम से जानी गई। श्रेणी:भारत का इतिहास.

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कमला बेनीवाल

कमला बेनीवाल (जन्‍म: 12 जनवरी 1927) मिज़ोरम की वर्तमान राज्‍यपाल हैं। ये त्रिपुरा और गुजरात की पूर्व राज्‍यपाल रह चुकी हैं और भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की सबसे वरिष्‍ठ राजनेता हैं। ये लंबे समय तक राजस्‍थान कांग्रेस राज्‍य सरकार में कई महत्‍वपूर्ण मंत्री पद संभाल चुकी हैं। .

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कमलेश नागरकोटी

कमलेश नागरकोटी (जन्म २८ दिसंबर १९९९) एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है उन्होंने २६ फरवरी २०१७ को २०१६-१७ की विजय हजारे ट्रॉफी में राजस्थान के लिए अपनी लिस्ट ए क्रिकेट की शुरुआत की थी। दो दिन बाद, उन्होंने पहली बार राजस्थान के लिए लिस्ट ए क्रिकेट में हैट्रिक ली थी, यह हैट्रिक इन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में गुजरात के ली हैं। इसके बाद इन्हें दिसंबर २०१७ में, 2018 आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में मौका दिया हैं। बाड़मेर, राजस्थान का यह इतनी कम उम्र का गेंदबाज आज १४९ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से भी ज्यादा तेज गेंद फेंकता है इस कारण यह अब दुनिया भर में लोकप्रिय हो गए हैं। .

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कमी (धारी)

कमी (કમી.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। कमी गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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कमीगढ (अमरेली)

कमीगढ (કમીગઢ.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। कमीगढ गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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कर राजस्व के आधार पर भारत के राज्य

यह भारत के राज्यों की अपनी सरकार के कर राजस्वानुसार सूची है (इसमें केन्द्र सरकार के कर पूल का योगदान सम्मिलित नहीं है) जो वर्ष २००५ के लिए है। यह सूची बारहवें वित्त आयोग द्वारा जारी कि जाती है। सारे आँकड़े अरब रूपयों में हैं। संघ क्षेत्रों के लिए डाटा उपलब्ध नहीं है। .

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करमदड़ी (धारी)

करमदड़ी (કરમદડી.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। करमदड़ी गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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कर्षण घावरी

कर्षण घावरी (Karsan Devjibhai Ghavri) (जन्म २८ फ़रवरी १९५१, राजकोट, गुजरात) एक पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है इन्होंने १९७४ से १९८१ अपने क्रिकेट कैरियर में कुल ३९ टेस्ट मैच तथा १९ वनडे मैच खेले। इन्होंने १९७५ क्रिकेट विश्व कप तथा १९७९ क्रिकेट विश्व कप में भी खेले थे। .

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करेण (धारी)

करेण (કરેણ.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। करेण गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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करोंदा

करोंदा का पौधा करोंदा एक झाड़ी नुमा पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम कैरिसा कैरेंडस (Carissa carandus) है। करोंदा फलों का उपयोग सब्जी और अचार बनाने में किया जाता है। यह पौधा भारत में राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हिमालय के क्षेत्रों में पाया जाता है। यह नेपाल और अफगानिस्तान में भी पाया जाता है। करोंदा फल यह पौधा बीज से अगस्त या सितम्बर में १.५ मीटर की दूरी पर लगाया जाता है। कटिंग या बडिंग से भी लगाया जा सकता है। दो साल के पौधे में फल आने लगते हैं। फूल आना मार्च के महीने में शुरू होता है और जुलाई से सितम्बर के बीच फल पक जाता है। .

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करीना कपूर

करीना कपूर (जन्म: २१ सितम्बर १९८०) बॉलीवुड फिल्मों में काम करने वाली एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं। कपूर फ़िल्म परिवार में जन्मी करीना ने अभिनय की शुरुआत साल २००० में रिलीज़ हुई फ़िल्म रिफ्युज़ी के साथ की। इस फ़िल्म में अपने अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू यानि उस साल अपने अभिनय जीवन की शुरुआत करने वाली अभिनेत्रियों में से सर्वश्रेष्ठ अभिनत्री का पुरस्कार भी मिला। साल २००१ में, अपनी दूसरी फ़िल्म मुझे कुछ कहना है रिलीज़ होने के साथ ही, कपूर को अपनी पहली व्यावसायिक सफलता मिली। इसके बाद इसी साल आई करन जौहर की नाटक से भरपूर फ़िल्म कभी खुशी कभी ग़म में भी करीना नज़र आयीं। ये फ़िल्म उस साल विदेशों में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली भारतीय फ़िल्म बन गई और साथ ही करीना के लिए ये तब तक की सबसे बड़ी व्यावसायिक सफलता थी। २००२ और २००३ में लगातार कई फिल्मों की असफलता और एक जैसी भूमिकाएं करने की वजह से करीना को समीक्षालों से काफ़ी नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं, उसके बाद करीना ने एक जैसी भूमिकाओं या टाईपकास्ट (typecast) से बचने के लिए ज्यादा मेहनत वाली और कठिन भूमिकाएं लेना शुरू कर दिया। फ़िल्म चमेली (Chameli) में देह व्यापार करने वाली एक लड़की की भूमिका ने उनके करियर की दिशा बदल दी। इस फ़िल्म में अपने अभिनय के लिए उन्हें फ़िल्मफेयर स्पेशल परफोर्मेंस अवार्ड या फ़िल्मफेयर विशिष्ट प्रदर्शन पुरस्कार (Filmfare Special Performance Award) भी मिला। इसके बाद, फ़िल्म समीक्षकों द्वारा बहुप्रशंसित फिल्मों देव और ओंकारा में अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर समारोह में आलोचकों की दृष्टि से दो सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार (Critics Awards for Best Actress) भी मिले। २००४ और २००६ के बीच अभिनय के क्षेत्र में इतनी अलग-अलग तरह की भूमिकाएं करने के बाद उन्हें बहुमुखी प्रतिभा की धनी अभिनेत्री के रूप में जाना जाने लगा। वर्ष २००७ में, कपूर ने व्यावसायिक दृष्टि से बेहद सफल रही कॉमेडी-रोमांस फ़िल्म जब वी मेट में अपने प्रदर्शन के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार जीता.बॉक्स ऑफिस पर कमाई करने के मामले में भले ही उनकी फिल्मों का प्रदर्शन काफी अलग अलग रहा हो लेकिन करीना ख़ुद को हिन्दी फ़िल्म उद्योग में आज कल की अग्रणी फ़िल्म अभिनेत्री के रूप में स्थापित करने में सफल रही हैं। .

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कलापी

कलापी नाम से सुप्रसिद्ध सुर सिंह तख्त सिंह गोहिल (સુરસિંહજી તખ્તસિંહજી ગોહિલ.) (१८७४-१९००) गुजराती भाषा के जानेमाने राजवी कवि थे। कलापी का जन्म गुजरात प्रान्त में अमरेली जिले के लाठी शहर में हुआ था। कलापी लाठी के राजा थे। गुजराती साहित्य में कलापी का योगदान महत्वपूर्ण है। .

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कल्पसर परियोजना

खंभात की खाड़ी, जहां कल्पसर परियोजना मूर्त रूप लेगी गुजरात(भारत) राज्य के दक्षिणी भाग में ज्वारीय शक्ति पैदा करने तथा पीने, सिंचाई और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए ताजा पानी की एक विशाल जलाशय की स्थापना के लिए खंभात की खाड़ी के पार कल्पसर परियोजना (Kalpasar Project) अंतर्गत एक बांध के निर्माण की परिकल्पना की गई है। इस बाँध के ऊपर एक दस लेन सड़क का लिंक भी बनाया जाएगा जो सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के बीच की दूरी को बहुत कम कर देगा। .

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कल्याणजी विट्ठलभाई मेहता

कल्याणजी विट्ठलभाई मेहता को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६७ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये गुजरात राज्य से हैं। मेहता, कल्याणजी विट्ठलभाई.

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कल्हण गोत्र

कल्हन या कल्हण चन्द्रवंशी जाटों की एक गोत्र है जो पंजाब और गुजरात में पायी जाती है। .

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कस्तूरबा गांधी

कस्तूरबा गांधी (1869-1944), महात्मा गांधी की पत्नी जो भारत में बा के नाम से विख्यात है। कस्तूरबा गाँधी का जन्म 11 अप्रैल सन 1869 ई. में महात्मा गाँधी की तरह काठियावाड़ के पोरबंदर नगर में हुआ था। इस प्रकार कस्तूरबा गाँधी आयु में गाँधी जी से 6 मास बड़ी थीं। कस्तूरबा गाँधी के पिता 'गोकुलदास मकनजी' साधारण स्थिति के व्यापारी थे। गोकुलदास मकनजी की कस्तूरबा तीसरी संतान थीं। उस जमाने में कोई लड़कियों को पढ़ाता तो था नहीं, विवाह भी अल्पवय में ही कर दिया जाता था। इसलिए कस्तूरबा भी बचपन में निरक्षर थीं और सात साल की अवस्था में 6 साल के मोहनदास के साथ उनकी सगाई कर दी गई। तेरह साल की आयु में उन दोनों का विवाह हो गया। बापू ने उन पर आरंभ से ही अंकुश रखने का प्रयास किया और चाहा कि कस्तूरबा बिना उनसे अनुमति लिए कहीं न जाएं, किंतु वे उन्हें जितना दबाते उतना ही वे आज़ादी लेती और जहाँ चाहतीं चली जातीं। .

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कस्तूरभाई लालभाई

कस्तूरभाई लालभाई को उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६९ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये गुजरात से हैं। लालभाई, कस्तूरभाई.

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काठमा (अमरेली)

काठमा (કાઠમા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। काठमा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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काठियाबाद

काठियाबाद गुजरात का एक गाँव है। काठियाबाद.

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काथरोटा (धारी)

काथरोटा (કાથરોટા.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। काथरोटा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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कार्निवल

कोलोन, जर्मनी में रोसेनमोंटाग परेड में कार्निवल झांकियां. कार्निवल एक उत्सव का मौसम है जो लेंट से ठीक पहले पड़ता है; मुख्य कार्यक्रम आमतौर फरवरी के दौरान होते हैं। कार्निवल में आमतौर पर एक सार्वजनिक समारोह या परेड शामिल होता है जिसमें सर्कस के तत्त्व, मुखौटे और सार्वजनिक खुली पार्टियां की जाती हैं। समारोह के दौरान लोग अक्सर सजते संवरते हैं या बहुरुपिया बनते हैं, जो दैनिक जीवन के पलटाव को दर्शाता है। कार्निवल एक त्योहार है जिसे पारंपरिक रूप से रोमन कैथोलिक में आयोजित किया जाता है और एक हद तक पूर्वी रूढ़िवादी समाजों में भी.

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काशीनाथ नारायण दीक्षित

काशीनाथ नारायण दीक्षित (२१ अक्टूबर १८८९ - १३ अगस्त १९४६) भारतीय पुरातत्व के विद्वान थे। आपने मोहन जोदड़ो तथा पहाड़पुर के पुराताविक उत्खनन कार्य का निर्देशन किया। वे पुरातत्व के तीनों अंगों - लिपि, अभिलेख तथा मुद्राशास्त्र के विशेषज्ञ थे। आपने भारतीय संग्रहालयों का अखिल भारतीय संघ स्थापित कराया। .

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कांगसा (धारी)

कांगसा (કાંગસા.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। कांगसा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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कांकरीया झील

कांकरीया झील गुजरात की सबसे बडी झील है। इसकी परिधी करीब 2.25 किलोमिटर की है। कांकरीया झील अहमदाबाद के दक्षिण में स्थित मणीनगर उपनगरीय इलाके में आई हुई है। कांकरीया झील का निर्माण सुल्तान अहमद शाह ने करवया था। झील के मध्य में नगीना वाडी नामक उपवन है। काँकरिया झील भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर में स्थित सबसे बड़ी झील है। काँकरिया झील को 'क़ुतुबु हौज' और 'हौज-ए-क़ुतुबु' के नाम से भी जाना जाता था। सुल्तान क़ुतुबुद्दीन ने काँकरिया झील का निर्माण 15वीं शताब्दी में शुरु किया और 1451 ईस्वी में स्थापित हुई। लगभग डेढ़ कि॰मी॰ परिधि में फैली इस झील के मध्य नगीनावाड़ी महल स्थित है। काँकरिया झील के मध्य में बहुत ही सुंदर द्वीप महल है। यहाँ मुग़ल काल के दौरान नूरजहाँ और जहांगीर अक्सर घूमने जाया करते थे। काँकरिया झील पर्यटकों के बीच में बहुत प्रसिद्ध है और यहाँ नौका विहार का भी उत्तम प्रबंध है। काँकरिया झील के चारों ओर बहुत ही ख़ूबसूरत बगीचे है और इसी झील के निकट बाल वाटिका, चिड़ियाघर आदि स्थित हैं। शाही बाग़ महल, शाह आलम का रोज़ा, केलिको टेक्सटाईल संग्रहालय, श्रेयांस लोक-कला संग्रहालय आदि शहर के अन्य प्रमुख पर्यटन आकर्षण है। सबसे बड़ी झील है। काँकरिया झील को 'क़ुतुबु हौज' और 'हौज-ए-क़ुतुबु' के नाम से भी जाना जाता था। सुल्तान क़ुतुबुद्दीन ने काँकरिया झील का निर्माण 15वीं शताब्दी में शुरु किया और 1451 ईस्वी में स्थापित हुई rehan khan लगभग डेढ़ कि॰मी॰ परिधि में फैली इस झील के मध्य नगीनावाड़ी महल स्थित है। काँकरिया झील के मध्य में बहुत ही सुंदर द्वीप महल है। यहाँ मुग़ल काल के दौरान नूरजहाँ और जहांगीर अक्सर घूमने जाया करते थे। काँकरिया झील पर्यटकों के बीच में बहुत प्रसिद्ध है और यहाँ नौका विहार का भी उत्तम प्रबंध है। काँकरिया झील के चारों ओर बहुत ही ख़ूबसूरत बगीचे है और इसी झील के निकट बाल वाटिका, चिड़ियाघर आदि स्थित हैं। शाही बाग़ महल, शाह आलम का रोज़ा, केलिको टेक्सटाईल संग्रहालय, श्रेयांस लोक-कला संग्रहालय आदि शहर के अन्य प्रमुख पर्यटन आकर्षण है। झील, कांकरीया श्रेणी:अहमदाबाद श्रेणी:गुजरात में पर्यटन आकर्षण.

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काकरापार परमाणु ऊर्जा संयन्त्र

काकरापार परमाणु ऊर्जा संयन्त्र, भारत का एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र है जो गुजरात के व्यारा नगर के समीप स्थित है। यहाँ पर 220 मेगावाट क्षमता के दो परमाणु रिएक्टर हैं, जो दाबित भारी जल रिएक्टर हैं। इसकी पहली ईकाई (KAPS-1) ३ सितम्बर १९९२ में क्रान्तिक (क्रिटिकल) हुई थी। हो गयी थी तथा मैइ १९९३ से वाणिज्यिक स्तर पर विद्युत उत्पादन आरम्भ हो गया था। दूसरी ईकाई (KAPS-2) जनवरी १९९५ में क्रांतिक हुई और १ सितम्बर १९९५ से वाणिज्यिक स्तर पर विद्युत उत्पादन आरम्भ हो गया। वर्ष २००३ में काण्डू ओनर्स ग्रुप (CANDU Owners Group (COG)) ने इस संयन्त्र को सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाला दाबित जल रिएक्टर घोषित किया था। .

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काका कालेलकर

काका कालेलकर (1885 - 21 अगस्त 1981) के नाम से विख्यात दत्तात्रेय बालकृष्ण कालेलकर भारत के प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री, पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। काकासाहेब कालेलकर ने गुजराती और हिन्दी में साहित्यरचना की। उन्होने हिन्दी की महान सेवा की। उनके द्वारा रचित जीवन–व्यवस्था नामक निबन्ध–संग्रह के लिये उन्हें सन् 1965 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे साबरमती आश्रम के सदस्य थे और अहमदाबाद में गुजरात विद्यापीठ की स्थापना में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। गांधी जी के निकटतम सहयोगी होने का कारण ही वे 'काका' के नाम से जाने गए। वे सर्वोदय पत्रिका के संपादक भी रहे। 1930 में पूना का यरवदा जेल में गांधी जी के साथ उन्होंने महत्वपूर्ण समय बिताया। .

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किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी

किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की अहमदाबाद पश्चिम सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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कंडला

कंडला भारत के गुजरात प्रान्त में कच्छ जिले में स्थित देश का सब से बड़ा बंदरगाह है। आयात-निर्यात से पूरे विश्व के साथ जुड़ा हुआ है। कंडला बंदरगाह का प्रशासन कंडला पोर्ट ट्रस्ट के हाथ में है जिसका पूरा नियंत्रण भारत सरकार के जहाजरानी मंत्रालय के हाथ है।।कंडला का नाम बदल कर अब दीनदयाल बंदरगाह कर दिया गया है। .

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कुतुब-उद-दीन ऐबक

कुतुबुद्दीन एबक का लाहौर में मकबरा कुतुबुद्दीन ऐबक (फारसी: قطب الدین ایبک) मध्य कालीन भारत में एक शासक, दिल्ली सल्तनत का पहला सुल्तान एवं गुलाम वंश का स्थापक था। उसने केवल चार वर्ष (1206 – 1210) ही शासन किया। वह एक बहुत ही प्रतिभाशाली सैनिक था जो दास बनकर पहले ग़ोरी साम्राज्य के सुल्तान मुहम्मद ग़ोरी के सैन्य अभियानों का सहायक बना और फिर दिल्ली का सुल्तान। .

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कुबडा (धारी)

कुबडा (કુબડા.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। कुबडा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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कुमारपाल

श्री तरंग तीर्थ या तरंगा मंदिर जिसका निर्माण कुमारपाल ने करवायाकुमारपाल चौलुक्य (सोलंकी) राजवंश का राजा था। इनके राज्य की राजधानी गुजरात के अनहिलवाडा (आधुनिक काल में सिद्धपुर पाटण) में थी। कुछ विद्वानों के अनुसार इनका जन्म विक्रम संवत ११४९ में, राज्याभिषेक ११९९ में और मृत्यु १२३० में हुई। ईस्वी संवत के अनुसार उनका राज्य ११३० से ११४० माना जाता है। तदनुसार उनके जन्म का समय ईसा के पश्चात ११४२ से ११७२ तक सिद्ध किया गया है। पालवंश के राजा भारतीय संस्कृति, साहित्य और कला के विकास के लिए जाने जाते हैं। इस परंपरा का पालन करते हुए कुमारपाल ने भी शास्त्रों के उद्वार के लिये अनेक पुस्तक भंडारों की स्थापना की, हजारों मंदिरों का जीर्णोद्धार किया और नये मंदिर बनवाकर भूमि को अलंकृत किया। उसको वीरावल के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धारकर्ता भी माना गया है। उसने जिन मंदिरों का निर्माण किया उनमें १२२१ में निर्मित गुजरात का तरंगा मंदिर, भगवान शांतिनाथ का मंदिर तथा श्री तलज तीर्थ प्रसिद्ध है। यही नहीं हथकरघा तथा अन्य हस्तकलाओं का भी कुमारपाल ने बहुत सम्मान और विकास किया। कुमारपाल के प्रयत्नों से पाटण पटोला (रेशम से बुना हुआ विशेष कपड़ा तथा साड़ियाँ) का सबसे बड़ा केन्द्र बना और यह कपड़ा विश्वभर में अपनी रंगीन सुंदरता के कारण जाना गया। अनेक प्रसिद्ध ग्रंथ लिखे गए और गुजरात जैन धर्म, शिक्षा और संस्कृति का प्रमुख केन्द्र बन गया। उसने पशुवध इत्यादि बंद करवा के गुजरात को अहिंसक राज्य घोषित किया। उसकी धर्म परायणता की गाथाएँ आज भी अनेक जैन-मंदिरों की आरती और मंगलदीवो में आदर के साथ गाई जाती हैं। कुमारपाल चरित संग्रह नामक ग्रंथ में लिखा गया है कि वह अद्वितीय विजेता और वीर राजा था। उनकी आज्ञा उत्तर में तुर्कस्थान, पूर्व में गंगा नदी, दक्षिण में विंद्याचल और पर्श्विम में समुद्र पर्यत के देशों तक थी। राजस्थान इतिहास के लेखक कर्नल टॉड ने लिखा है- 'महाराजा की आज्ञा पृथ्वी के सब राजाओं ने अपने मस्तक पर चढाई।' (वेस्टर्न इण्डिया - टॉड) वह जैन धर्म के प्रसिद्ध आचार्य हेमचंद्र का शिष्य था वह जैन धर्म के प्रति गहरी आस्था रखता था और जीवों के प्रति दयालु तथा सत्यवादी था। इस परंपरा के अनुसार उसने अपनी धर्मपत्नी महारानी मोपलदेवी की मृत्यु के बाद आजन्म ब्रह्मचर्य व्रत पालन किया तथा जीवन में कभी भी मद्यपान अथवा मांस का भक्षण नहीं किया। मृत्यु के समय उसकी अवस्था ८० वर्ष थी। .

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कुंकावाव

कुंकावाव भारत देश में गुजरात प्रान्त में सौराष्ट्र एवम काठियावाड़ विस्तार में स्थित अमरेली जिले का एक महत्वपूर्ण तहसील है। जीस का मुख्यालय वडीया में है। .

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क्रान्ति-तीर्थ

हाईगेट लन्दन का इण्डिया हाउस, जिसकी अनुकृति बनाकर क्रान्ति तीर्थ में रखी गयी है। क्रान्ति-तीर्थ गुजरात का एक सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह कच्छ के माण्डवी जिले में माण्डवी नगर से 3 किलोमीटर दूर माण्डवी धारबुदी मार्ग पर स्थित है। श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा यूनाइटेड किंगडम में बीसवी शताब्दी के प्रारम्भ में स्थापित हाईगेट लन्दन के ऐतिहासिक इण्डिया हाउस की अनुकृति इस पर्यटन स्थल में विशेष रूप से दर्शनीय है। गुजरात के मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 13 दिसम्बर 2010 को राष्ट्र को समर्पित इस क्रान्ति-तीर्थ को देखने दूर-दूर से पर्यटक गुजरात आते हैं। गुजरात सरकार का पर्यटन विभाग इसकी देखरेख करता है। .

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क्रुणाल पांड्या

कृणाल हिमांशु पण्ड्या (जन्म; २४ मार्च १९९१, अहमदाबाद, गुजरात) एक भारतीय घरेलू क्रिकेट खिलाड़ी हैं जो बड़ौदा क्रिकेट टीम के लिए खेलते हैं। वे इंडियन प्रीमियर लीग में २०१६ से अब तक मुम्बई इंडियन्स टीम के लिए खेलते हैं। ये एक हरफनमौला क्रिकेट खिलाड़ी है। क्रुणाल के भाई हार्दिक पंड्या जो कि भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर में खेलते हैं। .

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क्रोमा

क्रोमा (Cromā) उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और ड्यूरेबल्स के लिए एक भारतीय खुदरा श्रृंखला है। टाटा समूह की कंपनी इनफिनिटी रिटेल भारत में क्रोमा स्टोर चलाती है। अभी भारत मे ४२ क्रोमा और ५ क्रोमा जि़प स्टोर चल रहे है। स्टोर (मुंबई, पुणे, औरंगाबाद) महाराष्ट्र, गुजरात (अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, वडोदरा), दिल्ली एनसीआर, कर्नाटक (बंगलोर), तमिलनाडु (चेन्नई) और आंध्र प्रदेश (हैदराबाद) राज्यों में फैले हुए हैं। क्रोमा जि़प स्टोर पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए है और मोबाइल उपभोक्ता के लिए है। पहला ज़िप स्टोर २२ जून २००७ को मुंबई के घरेलू हवाई अड्डे पर खोला गया था। क्रोमा ८ श्रेणियों में ६००० उत्पादों को पेश करती है। .

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क्षेत्रफल के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र

श्रेणी:भारत का भूगोल श्रेणी:भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से संबंधित सूचियाँ.

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कृष्ण मृग राष्ट्रीय उद्यान

कृष्ण मृग राष्ट्रीय उद्यान भारत के गुजरात राज्य में भावनगर ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। इसकी स्थापना सन् १९७६ में की गई थी। यह गुजरात के शहर भावनगर से ७२ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय उद्यान श्रेणी:भारत के अभयारण्य श्रेणी:राष्ट्रीय उद्यान, भारत.

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कृष्ण कुमार यादव

कृष्ण कुमार यादव (अंग्रेज़ी: Krishna Kumar Yadav, जन्म:10 अगस्त 1977) 2001 बैच के भारतीय डाक सेवा के अधिकारी हैं। साथ हीं सामाजिक, साहित्यिक और समसामयिक मुद्दों से सम्बंधित विषयों पर प्रमुखता से लेखन करने वाले वे साहित्यकार, विचारक और ब्लॉगर भी हैं। उनकी विभिन्न विधाओं में सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वर्तमान में वे राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर में निदेशक डाक सेवाएँ पद पर कार्यरत हैं। .

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कृष्णदास

कृष्णदास हिन्दी के भक्तिकाल के अष्टछाप के कवि थे। उनका जन्म १४९५ ई. के आसपास गुजरात में चिलोतरा ग्राम के एक कुनबी पाटिल परिवार में हुआ था। बचपन से ही प्रकृत्ति बड़ी सात्विक थी। जब वे १२-१३ वर्ष के थे तो उन्होंने अपने पिता को चोरी करते देखा और उन्हें गिरफ्तार करा दिया फलत: वे पाटिल पद से हटा दिए गए। इस कारण पिता ने उन्हें घर से निकाल दिया। वे भ्रमण करते हुए ब्रज पहुँचे। उन्हीं दिनों नवीन मंदिर में श्रीनाथ जी की मूर्ति की प्रतिष्ठा करने की तैयारी हो रही थी। श्रीनाथ जी के दर्शन से वे बहुत प्रभावित हुए और वल्लभाचार्य से उनके संप्रदाय की दीक्षा ली। उनकी असाधारण बुद्धिमत्ता, व्यवहार कुशलता और संघटन योयता से प्रभावित होकर वल्लभाचार्य ने उन्हें भेटिया (भेंट संग्रह करनेवाला) के पद पर नियुक्त किया और फिर शीघ्र उन्हें श्रीनाथ जी के मंदिर का अधिकारी बना दिया। उन्होंने अपने इस उत्तरदायित्व का बड़ी योग्यता से निर्वाह किया। कृष्णदास को सांप्रदायिक सिद्धांतों का अच्छा ज्ञान था जिसके कारण वे अपने संप्रदाय के अग्रगण्य लोगों में माने जाते थे। उन्होंने समय-समय पर कृष्ण लीला प्रसंगों पर पद रचना की जिनकी संख्या लगभग २५० है जो राग कल्पद्रुम, राग रत्नाकर तथा संप्रदाय के कीर्तन संग्रहों में उपलब्ध हैं। १५७५ और १५८१ ई. के बची किसी समय उनका देहावासन हुआ। श्रेणी:गुजरात के लोग.

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कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ

कृष्ण राज वाडियार चतुर्थ (4 जून 1884 - 3 अगस्त 1940 ನಾಲ್ವಡಿ ಕೃಷ್ಣರಾಜ ಒಡೆಯರು बेंगलोर पैलेस), नलवडी कृष्ण राज वाडियार ನಾಲ್ವಡಿ ಕೃಷ್ಣರಾಜ ಒಡೆಯರು के नाम से भी लोकप्रिय थे, वे 1902 से लेकर 1940 में अपनी मृत्यु तक राजसी शहर मैसूर के सत्तारूढ़ महाराजा थे। जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था तब भी वे भारतीय राज्यों के यशस्वी शासकों में गिने जाते थे। अपनी मौत के समय, वे विश्व के सर्वाधिक धनी लोगों में गिने जाते थे, जिनके पास 1940 में $400 अरब डॉलर की व्यक्तिगत संपत्ति थी जो 2010 की कीमतों के अनुसार $56 बिलियन डॉलर के बराबर होगी.

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कृष्णा सोबती

कृष्णा सोबती (१८ फ़रवरी १९२५, गुजरात (अब पाकिस्तान में)) हिन्दी की कल्पितार्थ (फिक्शन) एवं निबन्ध लेखिका हैं। उन्हें १९८० में साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा १९९६ में साहित्य अकादमी अध्येतावृत्ति से सम्मानित किया गया था। अपनी संयमित अभिव्यक्ति और सुथरी रचनात्मकता के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने हिंदी की कथा भाषा को विलक्षण ताज़गी़ दी है। उनके भाषा संस्कार के घनत्व, जीवन्त प्रांजलता और संप्रेषण ने हमारे समय के कई पेचीदा सत्य उजागर किए हैं। .

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कैरा

कैरा गुजरात प्रान्त का एक शहर है। कैरा कैरा.

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कैलाशपति मिश्र

कैलाशपति मिश्र (5 अक्टूबर 1923 – 3 नवम्बर 2012) भारत के एक राजनेता थे। वे भारतीय जनता पार्टी के नेता थे। वे गुजरात के भूतपूर्व राज्यपाल थे तथा कुछ समय के लिए राजस्थान के भी राज्यपाल रहे। .

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के एम चांडी

के एम चांडी (6 अगस्त 1921 – 7 सितम्बर 1998) मध्य प्रदेश, गुजरात तथा पॉन्डिचेरी राज्यों के पूर्व राज्यपाल है। .

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केतन मेहता

केतन मेहता हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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केराला (धारी)

केराला (કેરાળા.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। केराला गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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केराला (अमरेली)

केराला (કેરાળા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। केराला गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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केरी नो रास

केरी नो रास एक गुजराती व्यंजन है। रास, केरी नो रास, केरी नो.

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केरीयाचाड (अमरेली)

केरीयाचाड (કેરીયાચાડ.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। केरीयाचाड गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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केरीयानागस (अमरेली)

केरीयानागस (કેરીયાનાગસ.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। केरीयानागस गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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केशवराम काशीराम शास्त्री

केशवराम काशीराम शास्त्री (जन्म:28 जुलाई 1905; मृत्यु:9 सितम्बर 2006) विश्व हिन्दू परिषद के वह संस्थापक सदस्य थे। वे एक जानमाने साहित्यकार और इतिहासकार थे। महामहर्षि पू.

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केशुभाई पटेल

केशुभाई पटेल (કેશુભાઇ પટેલ; जन्म: १९२८) मार्च 1995 से अक्टूबर 1995 तक भारत के गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे। वे राज्य में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारीयों मे से एक थे, परंतु अगस्त २०१२ में उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और तत्पश्चात् २०१२ गुजरात विधानसभा के चुनावों में भाग लेने हेतु एक नए राजनैतिक दल "गुजरात परिवर्तन पार्टी" की शुरुआत की। वह 1980 के दशक से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य हैं। उन्होंने पहले 2012 में बीजेपी छोड़ी और गुजरात परिवर्तन पार्टी का गठन किया, जिसका बाद में भारतीय जनता पार्टी के साथ विलय कर दिया। वह 2012 के विधानसभा चुनाव में विसावदर से चुने गए थे परन्तु बाद में अस्वस्थ होने के कारण 2014 में इस्तीफा दे दिया था। .

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केशोद विमानक्षेत्र

केशोद विमानक्षेत्र गुजरात राज्य के सौराष्ट्र प्राँत में जुनागढ जिले के केशोद नगर में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VAKS और IATA कोड है IXK। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक हाँ है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 4500 फी.

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केकय

केकय (जिसे कैकेय, कैकस या कैकेयस नाम से भी जाना जाता है) एक प्राचीन राज्य था, जो अविभाजित पंजाब से उत्तर पश्चिम दिशा में गांधा और व्यास नदी के बसा था। यहां के अधिकांश निवासी केकय जनपद के क्षत्रीय थे। अतः कैकेयस कहलाते थे। कैकेय लोग प्रायः मद्र देश, उशीनर देश या शिवि प्रदेश के लोगों के संबंध में रहते थे और सभी संयुक्त रूप से वाहिका देश में आते थे। ये वर्णन पाणिनि के अनुसार है। केकय देश का उल्लेख रामायण में भी आता है। राजा दशरथ की सबसे छोटी रानी कैकेयी और उसकी दासी मंथरा केकय देश की ही थी। .

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के॰ जी॰ सुब्रमण्यम

के॰ जी॰ सुब्रमण्यम(15 फरवरी 1924- 29 जून 2016), एक भारतीय मूर्तिकार और भित्ति चित्रकार थे। वे भारतीय आधुनिक कला के प्रणेताओं में शामिल रहे हैं। उन्होंने भित्ति चित्र टेराकोटा और कई तरह के खिलौने भी बनाए। उन्होंने सत्तर के दशक में कई तरह के नए प्रयोग शुरू किये जिसमें कांच के पत्रक पर रिवर्स चित्रकला प्रमुख रूप से शामिल थे। उन्होंने बच्चों के लिए कई किताबें भी लिखीं। उन्हें वर्ष 2012 में पद्म विभूषण, 2006 में पद्मभूषण तथा 1975 में पद्मश्री से सम्मानित किया। 29 जून, 2016 में उनका बड़ोदरा, गुजरात में निधन हो गया। .

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के॰सी॰ पटेल

के॰सी॰ पटेल भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने गुजरात की वलसाड सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया। .

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कोटडा (धारी)

कोटडा (કોટડા.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। कोटडा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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कोटवालिया

कोटवालिया गुजरात की एक जनजाति है को भील जनजाति की एक शाखा है। इस जनजाति का सम्बन्ध बांस के कार्य करने वाले से जोड़ा जाता है तथा विटोलिया, बरोडिया और बंसफोड़िया को भी कोटवालिया का ही भाग माना जाता है। भील जनजाति मुख्यतः दो संवर्गो में बंटी है- उजले भील और मैले भील। मैले भील बड़वी, बसावा, गामीत, कोटवालिया, चौधरी तथा काथुड़ गोत्र समूहों में विभक्त हैं। गोत्रों समूहों के नाम मिथकों, स्थान, व्यवसाय आदि के आधार पर उद्भुत है। पुनः कोटवालिया जनजाति पांच गोत्रों में विभक्त हैं- कोटवालिया, बरंगिया, बरोड़िया, बंसफोड़िया तथा वीटोलिया। ये गोत्र वंशों में और वंश कई परिवारों में विभक्त हैं। ये वर्तमान समय में गोत्र अंतर्विवाह तथा परिवार व वंश वहिर्विवाह के नियम का अनुपालन करते हैं। .

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कोटेश्वर

कोटेश्वर गुजरात के कच्छ ज़िले में स्थित एक प्राचीन बन्दरगाह एवम सुप्रसिद्ध यात्राधाम है। सिन्धु नदी और सागर का जहाँ संगम होता है इस सागर के तट पर स्थित ये स्थल पवित्र यात्राधाम नारायण सरोवर से ४ किमी की दूरी पर है। गुजरात की कच्छ से जूड़ने वाली भारतीय सीमा का ये अंतिम स्थान है। यहाँ से समुद्र में पड़ोशी राष्ट्र पाकिस्तान की सीमा का प्रारंभ हो जाता है। युवानच्वांग के यात्रा वृतांत में जिस 'ए-शिफाली' नगर का उल्लेख कच्छ की राजधानी के रूप में हुआ है। सम्भवतः वह कोटेश्वर नामक वर्तमान स्थान ही है। अति प्राचीन तीर्थस्थल नारायणसर यहाँ से दो मील की दूरी पर स्थित है। महाप्रभु वल्लभाचार्य इस स्थल पर 16वीं शताब्दी में आये थे। कोटेश्वर में कोटेश्वर नामक शिवमन्दिर भी है। .

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कोठा पिपरीया (धारी)

कोठा पिपरीया (કોઠા પીપરીયા.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। कोठा पिपरीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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कोल्मिनो पेटियो

कोल्मिनो पेटियो एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना.

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कोली

https://en.m.wikipedia.org/wiki/Koliya.

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कीनियाई भारतीय

कीनियाई भारतीय कीनिया के वो नागरिक हैं जिन के पूर्वज दक्षिण एशियाई राष्ट्र भारत के मूल निवासी थे। शुरुआत में अधिकतर भारतीयों को गिरमिटिया मजदूरों के तौर पर कीनिया लाया गया था। वर्तमान समय में हजारों कीनियाई अपनी पैतृक जड़ें भारत से जुड़ी पाते हैं। ये मुख्यतः देश की राजधानी नैरोबी और दूसरे सबसे बड़े शहर मोम्बासा के प्रमुख शहरी क्षेत्रों में और कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। 1963 में देश को ब्रटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई, परन्तु इसके पश्चात भारतीयों को वहाँ नस्लीय उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीयों की कानूनी स्थिति में समय के साथ-साथ सुधार आया है। .

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कीर्ति स्तम्भ

चित्तौड़गढ़ स्थित '''कीर्ति स्तम्भ कीर्ति स्तम्भ एक स्तम्भ या मीनार है जो राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है। इसे भगेरवाल जैन व्यापारी जीजाजी कथोड़ ने बारहवीं शताब्दी में बनवाया था। यह २२ मीटर ऊँची है। यह सात मंजिला है। इसमें ५४ चरणों वाली सीढ़ी है। इसमें जैन पन्थ से सम्बन्धित चित्र भरे पड़े हैं। कीर्तिस्तम्भ, विजय स्तम्भ से भी अधिक पुराना है। .

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अचल कुमार ज्योति

अचल कुमार ज्योति (जन्म: २३ जनवरी १९५३) भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त है। दिनाँक ०६ जून २०१७ को मुख्य चुनाव आयुक्त के पद का कार्यभार ग्रहण किया। ज्योति 7 मई 2015 को तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में नियुक्त किया गया था। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1975 बैच के गुजरात राज्य के अधिकारी हैं। 03जुलाई 2017 को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त हुए http://www.punjabkesari.in/national/news/akal-kumar-jyoti-will-be-the-new-chief-election-commissioner-of-the-country-640801 06 जुलाई 2017 को कार्यभार ग्रहण करेंगे http://www.punjabkesari.in/national/news/akal-kumar-jyoti-will-be-the-new-chief-election-commissioner-of-the-country-640801 ज्योति को भारत का 21वां मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नियुक्त किया गया है। .

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अडाणी पॉवर

आडाणी पॉवर लिमिटेड (Adani Power Limited), आडाणी समूह की कम्पनी है जो विद्युत ऊर्जा के उत्पादन से सम्बन्धित परियोजनाएँ लगाती है। इसका मुख्यालय गुजरात के अहमदाबाद में है। श्रेणी:भारत की शक्ति उत्पादक कम्पनियाँ.

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अडालज वाव

अडालज की बावड़ी का कुएँ वाला भाग अडालज की बावड़ी (गुजराती: अडालजनी वाव) एक सीढ़ीदार कुँआ (बावड़ी) है जो गुजरात के अडालज नामक गाँव में है। दूर-दराज से बड़ी संख्या में लोग इस कुएं को देखने आते रहते हैं। वास्तव में यह एक बड़े भवन के रूप में निर्मित है। भारत में इस तरह के कई सीड़ीनुमा कूप हैं अडालज गाँव गांधीनगर जिले के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और गांधीनगर से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर है। यह छोटा सा गाँव प्राचीन काल में 'दांडई देश' नाम से जाना जाता था। .

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अनार

अनार अनार (वानस्पतिक नाम-प्यूनिका ग्रेनेटम) एक फल हैं, यह लाल रंग का होता है। इसमें सैकड़ों लाल रंग के छोटे पर रसीले दाने होते हैं। अनार दुनिया के गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह एक महत्त्वपूर्ण फल है। भारत में अनार के पेड़ अधिकतर महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पाए जाते हैं। सबसे पहले अनार के बारे में रोमन भाषियों ने पता लगाया था। रोम के निवासी अनार को ज्यादा बीज वाला सेब कहते थे। भारत में अनार को कई नामों में जाना जाता है। बांग्ला भाषा में अनार को बेदाना कहते हैं, हिन्दी में अनार, संस्कृत में दाडिम और तमिल में मादुलई कहा जाता है। अनार के पेड़ सुंदर व छोटे आकार के होते हैं। इस पेड़ पर फल आने से पहले लाल रंग का बडा फूल लगता है, जो हरी पत्तियों के साथ बहुत ही खूबसूरत दिखता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह फल लगभग ३०० साल पुराना है। यहूदी धर्म में अनार को जननक्षमता का सूचक माना जाता है, जबकि भारत में अनार अपने स्वास्थ्य सम्ब्न्धी गुण के कारण लोकप्रिय है। .

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अपराध दर के आधार पर भारत के राज्यों की सूची

भारत के राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों की यह सूची 2012 में घटित संज्ञेय अपराध दर के आधार पर है और यह दर्शाति है कि प्रत्येक राज्य में प्रति 1,00,000 लोगों पर कितने संज्ञेय अपराध घटित हुए। यह आँकड़े राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो द्वारा प्रकाशित 2012 भारत में अपराध रिपोर्ट से लिए गए हैं। इस सूची के अनुसार केरल में सर्वाधिक 455.8 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए जबकि नागालैण्ड सबसे कम अपराध दर वाला प्रदेश है। .

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अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प

2015 नेपाल भूकम्प क्षणिक परिमाण परिमाप पर 7.8 या 8.1 तीव्रता का भूकम्प था जो 25 अप्रैल 2015 सुबह 11:56 स्थानीय समय में घटित हुआ था। भूकम्प का अधिकेन्द्र लामजुंग, नेपाल से 38 कि॰मी॰ दूर था। भूकम्प के अधिकेन्द्र की गहराई लगभग 15 कि॰मी॰ नीचे थी। बचाव और राहत कार्य जारी हैं। भूकंप में कई महत्वपूर्ण प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर व अन्य इमारतें भी नष्ट हुईं हैं। 1934 के बाद पहली बार नेपाल में इतना प्रचंड तीव्रता वाला भूकम्प आया है जिससे 8000 से अधिक मौते हुई हैं और 2000 से अधिक घायल हुए हैं। भूकंप के झटके चीन, भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी महसूस किये गये। नेपाल के साथ-साथ चीन, भारत और बांग्लादेश में भी लगभग 250 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भूकम्प की वजह से एवरेस्ट पर्वत पर हिमस्खलन आ गया जिससे 17 पर्वतारोहियों के मृत्यु हो गई। काठमांडू घाटी में यूनेस्को विश्व धरोहर समेत कई प्राचीन एतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुचाँ है। 18वीं सदी में निर्मित धरहरा मीनार पूरी तरह से नष्ट हो गयी, अकेले इस मीनार के मलबे से 200 से ज्यादा शव निकाले गये। भूकम्प के बाद के झटके 12 मई 2015 तक भारत, नेपाल, चीन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान व पडोसी देशों में महसूस किये जाते रहे। .

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अब्द

अब्द का अर्थ वर्ष है। यह वर्ष, संवत्‌ एवं सन्‌ के अर्थ में आजकल प्रचलित है क्योंकि हिंदी में इस शब्द का प्रयोग सापेक्षिक दृष्टि से कम हो गया है। शताब्दी, सहस्राब्दी, ख्रिष्टाब्द आदि शब्द इसी से बने हैं। अनेक वीरों, महापुरुषों, संप्रदायों एवं घटनाओं के जीवन और इतिहास के आरंभ की स्मृति में अनेक अब्द या संवत्‌ या सन्‌ संसार में चलाए गए हैं, यथा, १. सप्तर्षि संवत् - सप्तर्षि (सात तारों) की कल्पित गति के साथ इसका संबंध माना गया है। इसे लौकिक, शास्त्र, पहाड़ी या कच्चा संवत्‌ भी कहते हैं। इसमें २४ वर्ष जोड़ने से सप्तर्षि-संवत्‌-चक्र का वर्तमान वर्ष आता है। २. कलियुग संवत् - इसे 'महाभारत सम्वत' या 'युधिष्ठिर संवत्‌' कहते हैं। ज्योतिष ग्रंथों में इसका उपयोग होता है। शिलालेखों में भी इसका उपयोग हुआ है। ई.॰ईपू॰ ३१०२ से इसका आरंभ होता है। वि॰सं॰ में ३०४४ एवं श.सं.

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अब्दुल सत्तार इदी

अब्दुल सत्तार इदी अब्दुल सत्तर इदी पाकिस्तान के सुप्रसिद्ध मानवतावादी एवं इदी फाउण्डेशन के अध्यक्ष थे। इदी फाउन्डेशन पाकिस्तान एवं विश्व के अन्य देशों में कार्यरत है। उनकी पत्नी बेगम बिलकिस इदी, बिलकिस इदी फाउन्डेशन की अध्यक्षा हैं। पति-पत्नी को सम्मिलित रूप से सन् १९८६ का रमन मैगसेसे पुरस्कार समाज-सेवा के लिये प्रदान किया गया था। उन्हे लेनिन शान्ति पुरस्कार एवं बलजन पुरस्कार भी मिले हैं। गिनीज विश्व कीर्तिमान के अनुसार इदी फाउन्डेशन के पास संसार की सबसे बड़ी निजी एम्बुलेंस सेवा हैं। .

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अब्बास-मस्तान

अब्बास और मस्तान बर्मावाला दो भाई हैं जो बॉलीवुड में थ्रिलर और ऐक्शन फिल्मों के निर्देशन (डायरेक्शन) के लिए जाने जाते हैं। ये प्रायः अपनी फिल्मों में अक्षय कुमार, बॉबी देओल, अक्षय खन्ना, बिपाशा बसु व करीना कपूर आदि को कास्ट करते हैं। इन दोनों ने बॉलीवुड की कुछ महान फ़िल्में डायरेक्ट की हैं जैसे: खिलाड़ी, बाज़ीगर, सोल्जर, अजनबी, बादशाह, ऐतराज़, हमराज़, 36 चाइना टाउन, रेस और रेस 2.

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अबोटी

आबोटी, गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र की ब्राह्मणों की एक उपजाति है। ‘‘गुजरात के ब्राह्मणों का इतिहास’’ में डो। शिवप्रसाद राजगोर द्वारा प्रकाशित इस सुप्रसिध्‍ध पुस्‍तिकामें ‘‘अबोटी ब्राह्मिनो’’ की उत्‍पत्ति के बारेमें विवरण करते हुए पेज नंबर ५१२ से ५१७ पर लिखते हैं कि गुजरातमें सांप्रदायिक तौर से सूर्य उपासनाकी शुरूआत दूसरी शताब्‍दीमें हुई। ‘‘प्रभास’’ नामक स्‍थल पर सूर्यपूजा होती थी जिसका प्रमाण महाभारत के वनपर्वमें पाया जाता है। प्रभासको ‘‘भास्करक्षेत्र’’ के नामसे भी जाना जाता है। ‘‘भास्कर’’ का अर्थ होता है सूर्य और ‘‘प्रभास’’ मतलबकी अतिप्रकाशित। इस प्रकार से ये दोनो ही शब्‍द सूर्यपूजा को सूचित करते है। सूर्यपूजा ईरान से भारत में आई, इसबारे में भविष्‍य पुराणमें एक कहानी है। इस कहानी के अनुसार श्री कृष्ण और जाम्‍बवती के पुत्र सांखने चंद्रभागा (चिनाब) नदी के तट पर सूर्यमंदिर बनवाया था। उस स्‍थल के निवासी ब्राह्मिनोने पूजा करनेसे इन्‍कार किया तब सांख द्विपसे सूर्यपूजक ‘‘मग’’ ब्राह्मिनोको निमंत्रित करने की सलाह उन्‍हे प्राप्‍त हुई। इन ‘‘मग’’ ब्राह्मिनो की उत्‍पत्ति के बारे में माना जाता है की सूर्य को सुजीह्व मिहिर गौत्र की ब्राह्मिन कन्‍या निभुक्षा से प्‍यार था और उन्ही से एक पुत्र ‘‘जरदस्त’’ या ‘‘जरशब्द’’ हुआ। माना जाता है की ये मग ब्राह्मिन उन्‍ही के वंशज है। सौराष्‍ट्र में सूर्यपूजा दरायस के वकत से, यानि कि वायव्‍य सरहदी विस्‍तार उनके शासनमें था तब से अर्थात पाँचवी शताब्दी से प्रचलित थी ऐसी मान्‍यता है। बाइबलमें ‘‘मगी’’ या ‘‘मेगी’’ शब्‍द का प्रमाण पाया जाता है ओर वर्तमान अबोटी ब्राह्मिन इन्‍ही मग ब्राह्मिनो (सूर्यपूजको) के वंशज है। इस प्रकार से भारत वर्ष में मग ब्राह्मिनो को सांब लेकर आया। उपर्युकत वार्तानुसार सूर्य का प्रथम मंदिर ‘‘मूलस्थान’’ या ‘‘मूलतान’’ में चँद्रभागा के तट पर था। तत् पश्चात् पुरे उत्तर-पश्चिम भारतमें सूर्यपूजा का फैलावा हुआ। द्वारिका से पाँच मिल दूर चँद्रभागा नाम की छोटीसी झील है। जीसके तट पर सांब-लक्ष्‍मणजी के मंदिर आज भी प्रसिध्‍ध है। ध्रासणवेलका सूर्यमंदिर ‘‘मग मंदिर’’के नामसे जगमशहुर है। पींडतारक क्षेत्र के मुनियोंका अपमान करने के कारण सांब को कुष्‍ठरोग हुआ था। इस रोग के उपचार हेतु साँबने ईरान से मगब्राह्मिनोको बुलवाया था। अंत में सूर्यउपासना से सांब का कुष्‍ठरोग दूर हुआ। वर्तमान समयमेंभी अबोटी ब्राह्मिनोमें ‘‘शामजी’’ नाम अधिक प्रचलित है। जो की उन लोगों का सांब के साथ विशेष रिश्‍ता सूचित करता है। भिन्‍नमाल के जगतस्‍वामि मंदिर के स्‍तंभलेखमें ’’अंगभोग’’ में मिली राशिका बंटवारा कैसे करना? इस विषय पर विशेष विवरण पाया जाता है। इस टीप्‍पणीमें अबोटी एवं व्‍यास भट्टजी को मंदिर के खास व्‍यकित के तौर पर कुछ दान देने का प्रमाण मिलता है। इस मंदिर का निमार्ण सन ६४४ में हुआ और उनका पुन:निमार्ण सन ८८९ में किया गया। मंदिरमें जो स्‍तंभालेख है वो १३वीं शताब्दीका माना जाता है। जिसके आधार से यह कहा जा सकता है की अबोटी ब्राह्मिन मारवाडमें सूर्यनारायण के पूजारी थे। एक कथा अनूसार वज्नाभ के साथ आये मग ब्राह्मिन मथुरा गये और वहां से वे मारवाड पहुंचे। तत् पश्चात् वल्‍लभ संप्रदाय के प्रागट्य पर वे द्वारिका आये। श्री कल्‍याणराय जोषी द्वारिकाके बारेमें लीखी अपनी किताबमें लिखते हैं कि श्रीमाल में से श्रीमाली, सेवक, भोजक इत्‍यादी के साथ अबोटी ब्राह्मिनभी गुजरात में आये। कइ विद्वान ये मानते है की अबोटी ब्राह्मिन मुलत: श्रीमाल के सेवक ज्ञाति की उपशाखा है। जब की एन्थोवन नामक संशोधक अबोटी ब्राह्मीनो को श्रीमालीका एक हिस्‍सा मानते है। ‘‘अबोटी ब्राह्मिनोत्‍पति’’ पुस्‍तिका के लेखक स्‍व। वल्‍लभराय मकनजी पुरोहीत वालखिल्‍य पूरानका प्रमाण देते हुए लिखते हैं कि शिव-पार्वती के विवाह समारोह में मा पार्वती के अदभूत रूपको देखकर ब्रह्माजी मोहित हो गये और उनका विर्य स्‍खलन हो कर के रेत में गीरा। जीससे ८८१२८ अ-योनिज ऋषियोंकी उत्‍पत्ति हुइ जो ‘‘वालखिल्य’’ नामसे प्रचलित हुए। श्री कृष्‍णवंशज वज्रनाभने द्वारिकामें श्री जगदीशमंदिर के पुन:निमार्ण के अवसर पर जम्‍बुद्विप से ब्राह्मिनो को बुलाकर के लाने के लीए गरूडजीको विनती की। गरूडजी इन ब्राह्मिनो को अपनी चोंच पर बीठाकर के लाए अत: वे ‘‘अबोटी’’नाम से प्रचलित हुए। श्री लाभशंकर पुरोहीत जो स्‍वंय अबोटी ब्राह्मीन ज्ञातिके ही है वे मानते है की सौराष्‍ट्रमें अबोटी ब्राह्मीनो का बसेरा प्राचिन काल से है। वे मानते है की अबोटी ब्राह्मिन यादवों के पुरोहीत थे। लेकीन द्वारिका के विनाश के बाद वे उस स्‍थल से चले गये होंगे। श्री पुरोहीत कहते है की अबोटी ब्राह्मिन श्री कृष्‍णपूजा में अत्‍यधिक विश्वास रखते थे अत:वे ‘‘वैश्नव’’ हैं। अबोटी ब्राह्मिनोमें सूर्यपत्नि रन्‍नादेवी की भक्तिभी विशेष पायी जाती हैं। बोम्बे गेझीटीयर के वोल्युम ९ वें में यह विवरण लिखा गया है की अबोटी ब्राह्मीनो के आदीपुरूष वाल्‍मिकीजी के छोटेभाइ थे। और द्वारिकानगरी में भगवान श्री कृष्‍णने जब यज्ञ करवाया तब गरूडजी अन्‍य ब्राह्मिनोके अतरिकत अबोटी ब्राह्मीनों को भी अपने साथ द्वारिका लाये। कई विद्वान ये मानते हे की ‘‘अजोटी ब्राह्मिन’’ ही अबोटी ब्राह्मिन है की जो आध्‍यात्‍मिक अयाचक याज्ञवल्‍कय ऋषिके वंशज है। समय बितने के साथ वे ‘‘अबोटी ब्राह्मिन’’ नाम से प्रचलित हुए। ‘‘अबोटी’’ शब्‍द को समझाते हुए ये विद्वान लिखते है की ये ब्राह्मिन स्‍नान, पूजा, वंदना एवं आध्‍यात्‍मिक क्रियायें ‘‘अबोट’’(पवित्र वस्‍त्र) पहनकर करते थे। अत: इन्हें ‘‘अबोटी ब्राह्मिन’’ नामसे प्रसिध्‍धी मिली। विद्वानो एवं संशोधकों का एक मत ऐसा भी है की ‘‘मगब्राह्मिन’’ अपने आपको ‘‘अबोटी’’ कहलवाते थे। इस बात को समझाते हुए वे कहते है की इन ब्राह्मिनोने विधर्मी लोगों के सामने न झुककर स्‍वधर्मको ही सच्‍चा मानते हुए ‘‘अ-बोट’’(पवित्र) रहेना पसंद कीया। इससे ये मग ब्राह्मिन ‘‘अबोटी मग ब्राह्मिन’’ नामसे पहेचाने जाने लगे। समय के साथ साथ इस नामसे कीसी कारण ‘‘मग’’ शब्‍द का अपभ्रंश हो कर ‘‘अबोटी मग ब्राह्मिन’’ के बदले में ‘‘अबोटी ब्राह्मिन’’ के नाम से प्रचलित हुए।‘‘ब्राह्मीनों का इतिहास’’ पुस्‍तक की प्रस्‍तावनामें डो। श्री के। का। शास्‍त्री अबोटी ब्राह्मीनों को मग ब्राह्मिन के वंशज करार देते हुए लिखते है कि यह मत कतई असंभव नहीं है। इस पुस्‍तकमें इन ब्राह्मिनो की चर्चा के साथ भारतवर्षमें सूर्यपूजा के विकास की अतिमहत्‍वपुर्ण बात भी बुन ली गइ है। इस पूजा का फैलावा करनेवाले ये मग अबोटी ब्राह्मिन ही है और वही श्री द्वारिकाधीश मंदिर के मुख्‍य पूजारी भी थे। इनके इष्‍टदेव भगवान द्वारिकाधीश है। वर्तमान समयमें भी द्वारिकानगरीमें भगवान द्वारीकाधीश के मंदिरमें ध्‍वजारोहण की पवित्रविधी अबोटी ब्राह्मीन के त्रिवेदी परिवार के लोंग निभाते चले आ रहे हैं। श्रेणी:भारत की मानव जातियाँ श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अमर उपाध्याय

अमर उपाध्याय एक भारतीय फिल्म और धारावाहिक अभिनेता हैं। इन्होंने स्टार प्लस के धारावाहिक क्योंकि सास भी कभी बहू थी में मिहिर वीरानी नामक किरदार निभाया था। .

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अमरापुर वरुडी (अमरेली)

अमरापुर वरुडी (અમરાપુર વરુડી.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। अमरापुर वरुडी गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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अमरेली

अमरेली (અમરેલી.) भारत देश में गुजरात प्रान्त में स्थित सौराष्ट्र भाग के अमरेली जिले का मुख्य शहर है। गुजरात के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ॰ जीवराज महेता का जन्म ये शहर में हुआ था। .

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अमरेली लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

अमरेली लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अमरेली जिला

अमरेली (અમરેલી જિલ્લો) भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय अमरेली है। मुहफली, कपास और गेहूँ की खेती के लीए ये जिला पूरे गुजरात में मशहूर है। पीपावाव बंदरगाह ये जिले में स्थित है। राजुला में देश का सब से बडा सिमेन्ट प्लान्ट है। जिले के कुछ भाग में एशिया का प्रख्यात गीर का जंगल फैला हुआ है। यहा पे एशियाटीक सिंह और हिंसक वन्य प्रानीओ की भी बसती है।२०१५ की सिंहगणना के अनुसार अमरेली जिले में १७४ सिंह का निवास है। .

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अमित शाह

अमित शाह (जन्म: 22 अक्टूबर 1964) एक भारतीय राजनेता और भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष हैं। उन्हें दोबारा भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष चुना गया है। वे भारत के गुजरात राज्य के गृहमंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के महासचिव रह चुके हैं। इन्हें कुछ लोग भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य के नाम से भी पुकारते हैं। वे संसद के वरिष्ठ सभागृह राज्यसभा के सदस्य है। .

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अम्बामाता मन्दिर

अम्बामाता मन्दिर एक हिन्दू मन्दिर है जो भारतीय राज्य राजस्थान के उदयपुर जिले में है। यह उदयपुर ज़िले का एक मुख्य मन्दिर है इस मन्दिर का निर्माण महाराणा राज सिंह ने करवाया था। यह माना जाता है कि महाराणा राज सिंह प्रथम देवी के निर्देश पर इस मंदिर का निर्माण करवाया था। .

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अम्बाजी

कोई विवरण नहीं।

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अम्बाजी मंदिर, गुजरात

अम्बाजी माता मन्दिर (गुजराती:અમ્બાજી માતા મન્દિર) भारत में माँ शक्ति के ५१ शक्तिपीठों में से एक प्रधान पीठ है। यह पालनपुर से लगभग ६५ कि॰मी॰, आबू पर्वत से ४५ कि॰मी॰, आबू रोड से २० किमी, श्री अमीरगढ़ से ४२ कि॰मी॰, कडियाद्रा से ५० कि॰मी॰ दूरी पर गुजरात-राजस्थान सीमा पर अरासुर पर्वत पर स्थित है। अरासुरी अम्बाजी मन्दिर में कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है, केवल पवित्र श्रीयंत्र की पूजा मुख्य आराध्य रूप में की जाती है। इस यंत्र को कोई भी सीधे आंखों से देख नहीं सकता एवं इसकी फ़ोटोग्राफ़ी का भी निषेध है। मां अम्बाजी की मूल पीठस्थल कस्बे में गब्बर पर्वत के शिखर पर है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां तीर्थयात्रा करने वर्ष पर्यन्त आते रहते हैं, विशेषकर पूर्णिमा के दिन। भदर्वी पूर्णिमा के दिन यहाँ बड़ा मेला लगता है। देश भर से भक्तगण यहां मां की पूजा अर्चना हेतु आते हैं, विशेषकर जुलाई माह में। इस समय पूरे अम्बाजी कस्बे को दीपावली की तरह प्रकाश से सजाया जाता है। माना जाता है कि ये मन्दिर लगभग बारह सौ वर्ष से अधिक प्राचीन है। इस मंदिर का शिखर १०३ फ़ीट ऊंचा है और इस पर ३५८ स्वर्ण कलश स्थापित हैं। इस मेले में एक अनुमान के अनुसार २००८ में २५ लाख यात्री पहुंचने की संभावना थी। .

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अम्बकल्या

अम्बकल्या एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अमृतपुर (धारी)

अमृतपुर (અમૃતપુર.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। अमृतपुर गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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अमृता पटेल

अमृता पटेल को सन २००१ में भारत सरकार ने उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये गुजरात से हैं। श्रेणी:२००१ पद्म भूषण.

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अमूल

आनंद में अमूल का कारखाना अमूल भारत का एक दुग्ध सहकारी आन्दोलन है जिसका मूल आणंद (गुजरात) में है। यह एक ब्रान्ड नाम है जो गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड नाम की सहकारी संस्था के प्रबन्धन में चलता है। गुजरात के लगभग २६ लाख दुग्ध उत्पाद दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड के अंशधारी (मालिक) हैं। अमूल, संस्कृत के अमूल्य का अपभ्रंश है; अमूल्य का अर्थ है- जिसका मूल्य न लगाया जा सके। अमूल, गुजरात के आणंद मेम स्थित है। यह किसी सहकारी आन्दोलन की दीर्घ अवधि में सफलता का एक श्रेष्ठ उदाहरण है। यह विकासशील देशों में सहकारी उपलब्धि के श्रेष्ठतम उघरणों में से एक है। अमूल ने भारत में श्वेत क्रान्ति की नींव रखी जिससे भारत संसार का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बन गया है। अमूल ने ग्रामीण विकास का एक सम्यक मॉडल प्रस्तुत किया है। अमूल (आणंद सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ), की स्थापना १४ दिसंबर, १९४६ मे एक डेयरी यानि दुग्ध उत्पाद के सहकारी आंदोलन के रूप में हुई थी। जो जल्द ही घर घर मे स्थापित एक ब्रांड बन गया जिसे गुजरात सहकारी दुग्ध वितरण संघ के द्वारा प्रचारित और प्रसारित किया गया। अमूल के प्रमुख उत्पाद हैं: दूध, दूध के पाउडर, मक्खन (बटर), घी, चीज, दही, चॉकलेट, श्रीखण्ड, आइस क्रीम, पनीर, गुलाब जामुन, न्यूट्रामूल आदि। .

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अरावली

अरावली पर्वत श्रंखला की तुलना अमेरिका के अल्पेशियन पर्वतो से की जाती है अरावली भारत के पश्चिमी भाग राजस्थान में स्थित एक पर्वतमाला है। भारत की भौगोलिक संरचना में अरावली प्राचीनतम पर्वत है। यह संसार की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला है जो राजस्थान को उत्तर से दक्षिण दो भागों में बांटती है। अरावली का सर्वोच्च पर्वत शिखर सिरोही जिले में गुरुशिखर (1722 /1727 मी.) है, जो माउंट आबू में है। अरावली पर्वत श्रंखला की कुल लम्बाई गुजरात से दिल्ली तक ६९२ किलीमीटर है, अरावली पर्वत श्रंखला का लगभग ८० % विस्तार राजस्थान में है, दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन रायशेला पहाड़ी पर बना हुआ है जो अरावली का की भाग है, अरावली की औसत ऊंचाई ९३० मीटर है तथा अरावली के दक्षिण की ऊंचाई व चौड़ाई सर्वाधिक है, अरावली या अर्वली उत्तर भारतीय पर्वतमाला है। राजस्थान राज्य के पूर्वोत्तर क्षेत्र से गुज़रती 550 किलोमीटर लम्बी इस पर्वतमाला की कुछ चट्टानी पहाड़ियाँ दिल्ली के दक्षिण हिस्से तक चली गई हैं। शिखरों एवं कटकों की श्रृखलाएँ, जिनका फैलाव 10 से 100 किलोमीटर है, सामान्यत: 300 से 900 मीटर ऊँची हैं। यह पर्वतमाला, दो भागों में विभाजित है- सांभर-सिरोही पर्वतमाला- जिसमें माउण्ट आबू के गुरु शिखर (अरावली पर्वतमाला का शिखर, ऊँचाई 1,722 मीटर) सहित अधिकतर ऊँचे पर्वत हैं। सांभर-खेतरी पर्वतमाला- जिसमें तीन विच्छिन्न कटकीय क्षेत्र आते हैं। अरावली पर्वतमाला प्राकृतिक संसाधनों (एवं खनिज़) से परिपूर्ण है और पश्चिमी मरुस्थल के विस्तार को रोकने का कार्य करती है। यह अनेक प्रमुख नदियों- बाना, लूनी, साखी एवं साबरमती का उदगम स्थल है। इस पर्वतमाला में केवल दक्षिणी क्षेत्र में सघन वन हैं, अन्यथा अधिकांश क्षेत्रों में यह विरल, रेतीली एवं पथरीली (गुलाबी रंग के स्फ़टिक) है। अरावली की अन्य उच्च चोटियां:- १ गुरु शिखर - सिरोही (1722 m) २ सेर - सिरोही (1597m) ३ दिलवाडा - सिरोही(इसे हाल ही में जोड़ा गया है, इसी पर्वत पर प्रसिद्ध जैन मंदिर स्थित हैं).

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अरवल्ली जिला

अरवल्ली जिला (અરવલ્લી જિલ્લો) भरत देश में गुजरात राज्य के ३३ जिले में से एक महत्वपूर्ण जिला है। जिले का मुख्यालय मोडासा है। अरवल्ली की पहाड़ी श्रृंखला से जिले का नाम अरवल्ली पड़ा है। १५ अगस्त २०१३ को गुजरात के तत्कालिन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साबरकांठा जिले का विभाजन करके नये अरवल्ली जिले की घोषणा की थी। .

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अर्थव्यवस्था के आकार के आधार पर भारत के राज्य

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के सकल घरेलू उत्पाद के आकार पर आधारित है। .

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अरोड़ा

अरोड़ा (पंजाबी: ਅਰੋੜਾ) या अरोरा पंजाब मूल का समुदाय/जाति है। अधिकांश अरोड़ा हिन्दू है और खत्री के साथ वह पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तानी पंजाब) के मुख्य हिन्दू समूह है। इनका मुख्य पेशा व्यापार हुआ करता था और दक्षिणी-पश्चिम पंजाब के सराइकी भाषी समाज में इनका काफी प्रभाव था। चेनाब के आसपास बसे अरोड़ा की जीविका कृषि पर आधारित थी। हालांकि अरोड़ा एक उच्च जाति है लेकिन उसे खत्री से नीचा माना जाता है। दोनों समुदाय एक दूसरे के काफी निकट हैं और दोनों समुदायों के बीच शादियां भी अब होती हैं। अरोड़ा का भाटिया और सूद से भी करीब का रिश्ता है। 1947 में भारत के विभाजन तथा इसकी आज़ादी से पहले अरोड़ा समुदाय मुख्य रूप से पश्चिमी पंजाब (अब पाकिस्तान) में सिन्धु नदी तथा इसकी सहायक नदियों के तटों; उत्तर-पश्चिम के सीमावर्ती राज्यों (एनडब्ल्यूएफपी) सहित भारतीय पंजाब के मालवा क्षेत्र; सिंध क्षेत्र में (मुख्य रूप से सिन्धी अरोड़ा पर पंजाबी तथा मुल्तानी बोलने वाले अरोड़ा समुदाय भी हैं); राजस्थान में (जोधपुरी तथा नागौरी अरोड़ा/खत्रियों के रूप में); तथा गुजरात में बसा हुआ था। पंजाब के उत्तरी पोटोहर तथा माझा क्षेत्रों में खत्रियों की संख्या अधिक थी। भारत में आजादी तथा विभाजन के बाद, अरोड़ा मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, जम्मू, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, गुजरात तथा देश के अन्य भागों में रहते हैं। विभाजन के बाद, अरोड़ा भारत और पाकिस्तान के कई हिस्सों के साथ पूरी दुनिया में चले गए। .

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अलांग

अलांग गुजरात (भारत) के भावनगर जिले में स्थित एक शहर है। पिछले तीन दशकों में ये जहाज तोड़ने के लिए दुनिया का सबसे बडा केंद्र बन गया है। .

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अल्पभार जनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य

भारत के राज्यों की यह सूची सामान्य से कम बॉडी मास इंडेक्स (BMI) वाले लोगों के प्रतिशतानुसार है। .

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अशोक के अभिलेख

अशोक के शिलालेख पूरे भारतीय उपमहाद्वीप और अफ़्ग़ानिस्तान में मिलें हैं ब्रिटिश संग्राहलय में छठे शिलालेख का एक हिस्सा अरामाई का द्विभाषीय शिलालेख सारनाथ के स्तम्भ पर ब्राह्मी लिपि में शिलालेख मौर्य राजवंश के सम्राट अशोक द्वारा प्रवर्तित कुल ३३ अभिलेख प्राप्त हुए हैं जिन्हें अशोक ने स्तंभों, चट्टानों और गुफ़ाओं की दीवारों में अपने २६९ ईसापूर्व से २३१ ईसापूर्व चलने वाले शासनकाल में खुदवाए। ये आधुनिक बंगलादेश, भारत, अफ़्ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और नेपाल में जगह-जगह पर मिलते हैं और बौद्ध धर्म के अस्तित्व के सबसे प्राचीन प्रमाणों में से हैं। इन शिलालेखों के अनुसार अशोक के बौद्ध धर्म फैलाने के प्रयास भूमध्य सागर के क्षेत्र तक सक्रिय थे और सम्राट मिस्र और यूनान तक की राजनैतिक परिस्थितियों से भलीभाँति परिचित थे। इनमें बौद्ध धर्म की बारीकियों पर ज़ोर कम और मनुष्यों को आदर्श जीवन जीने की सीखें अधिक मिलती हैं। पूर्वी क्षेत्रों में यह आदेश प्राचीन मगधी भाषा में ब्राह्मी लिपि के प्रयोग से लिखे गए थे। पश्चिमी क्षेत्रों के शिलालेखों में खरोष्ठी लिपि का प्रयोग किया गया। एक शिलालेख में यूनानी भाषा प्रयोग की गई है, जबकि एक अन्य में यूनानी और अरामाई भाषा में द्विभाषीय आदेश दर्ज है। इन शिलालेखों में सम्राट अपने आप को "प्रियदर्शी" (प्राकृत में "पियदस्सी") और देवानाम्प्रिय (यानि देवों को प्रिय, प्राकृत में "देवानम्पिय") की उपाधि से बुलाते हैं। .

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असूंदी

असूंदी एक गुजराती व्यंजन है। असूंदी असूंदी.

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अहमद तिमोल

अहमद तिमोल (3 नवंबर 1941 - 27 अक्टूबर 1971) भारतीय मूल के दक्षिण अफ़्रीकी रंगभेद विरोधी कार्यकर्ता और अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस के सदस्य थे। .

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अहमद पटेल

कोई विवरण नहीं।

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अहमदाबाद

अहमदाबाद (અમદાવાદ अमदावाद) गुजरात प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है। भारतवर्ष में यह नगर का सातवें स्थान पर है। इक्क्यावन लाख की जनसंख्या वाला ये शहर, साबरमती नदी के किनारे बसा हुआ है। १९७० में गांधीनगर में राजधानी स्थानांतरित होने से पहले अहमदाबाद ही गुजरात की राजधानी हुआ करता था। अहमदाबाद को कर्णावती के नाम से भी जाना जाता है। इस शहार की बुनियाद सन १४११ में डाली गयी थी। शहर का नाम सुलतान अहमद शाह पर पड़ा था। .

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अहमदाबाद पश्चिम लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

अहमदाबाद पश्चिम लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। क्षेत्र, अहमदाबाद पश्चिम लोक सभा निर्वाचन श्रेणी:अहमदाबाद.

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अहमदाबाद पूर्व लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

अहमदाबाद पूर्व लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। क्षेत्र, अहमदाबाद पूर्व लोक सभा निर्वाचन श्रेणी:अहमदाबाद.

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अहमदाबाद में पर्यटन

अहमदाबाद, स्थानीय भाषा में अम्दावाद, भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात का एक महत्वपूर्ण नगर है। यह भारत का सातवाँ सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र और गुजरात राज्य की पूर्व राजनैतिक राजधानी भी रहा है। राज्य के व्यावसायिक गतिविधियों का मुख्य केंद्र होने के कारण यह शहर गुजरात में एक खास स्थान रखता है। ६५ लाख से अधिक की आबादी के साथ यह वर्तमान में यह गुजरात का सबसे बड़ा और पूरे देश में छठा सबसे बड़ा नगर है। साबरमती नदी के तट पर बसा यह नगर गुजरात की राजनैतिक राजधानी गाँधीनगर से ३० किलोमीटर की दूरी पर है। अहमदाबाद का तापमान भारत के दूसरे अन्य भागों से अधिक गर्म और अधिक शुष्क होता है। अर्ध शुष्क वातावरण वाले गुजरात में ग्रीष्म, वर्षा और शीत यही तीन प्रकार के मौसम होते हैं। ग्रीष्मकाल की अवधि मार्च से लेकर जून के अंत तक रहती है। इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान ४३ °सेल्सीयस (१०९ °फॉरेहाइट) से २४ °°सेल्सीयस (७५°फॉरेहाइट) के मध्य ही रहता है। इसके बाद अक्तूबर तक मानसून का समय होता है जिस दौरान औसतन ३१ इंच अथवा ८०० मिलीमीटर वर्षा होती है। पूरे साल में यह एकमात्र समय होता जब यहाँ के वातावरण में नमी होती है। शीत ऋतु सामान्यतः नवंबर से शुरू हो फ़रवरी तक रहती है। इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः ३० °सेल्सीयस (८५ °फॉरेहाइट) से 13 °°सेल्सीयस (५५°फॉरेहाइट) के बीच पाया जाता है। मई १८ और १९ २०१६ अहमदाबाद के अबतक के सबसे गर्म दिन थे जब तापमान ५० °°सेल्सीयस (१२२°फॉरेहाइट) से भी अधिक हो गया था। .

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अहमदाबाद जिला

मध्य गुजरात के जिले अहमदाबाद भारत देश में गुजरात प्रान्त में स्थित एक महत्वपूर्ण जिला है। जिले का मुख्यालय साबरमती के तट पर स्थित गुजरात का सबसे बडा और भारत में सातवे क्रम का सब से बडा शहर अहमदाबाद है। शहर में लाल दरवाजा विस्तार में जिला पंचायत भवन में जिले का मुख्यालय कार्यरत है। ईस्वी सन २००१ की जनगणना के मुताबित अहमदाबाद जिले की जनसंख्या ५८,१६,५१९ थी, जिन में ८०.१८℅ शहरी है। अहमदाबाद जिले की उत्तर दिशा में महेसाणा, साबरकांठा और गांधीनगर जिले, पूर्व में खेड़ा जिला, दक्षिण में खंभात का अखात और पश्विम में सुरेन्द्रनगर जिला स्थित है। अहमदाबाद जिले के तहसील .

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अहमदाबाद का ऐतिहासिक शहर

अहमदाबाद का ऐतिहासिक नगर या पुराना अहमदाबाद, भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद नगर का ही एक भाग है। इसकी स्थापना अहमद शाह प्रथम ने १४११ में गुजरात सल्तनत के रूप में की थी। तब से यह गुजरात सल्तनत की एवं कालान्तर के महत्त्वपूर्ण राजनैतिक एवं गुजरात के वाणिज्यिक केन्द्र की राजधानी बना रहा। वर्तमान में भी घना एवं संकुल होने के बाद भी आधुनिक अहमदाबाद नगर का हृदय केन्द्र बना हुआ है। इसे जुलाई २०१७ में यूनेस्को ने विष्व धरोहर स्थल घोषित किया था। .

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अहीर (आभीर) वंश के राजा, सरदार व कुलीन प्रशासक

अहीर ('आभीर' शब्द से व्युत्पन्न) एक भारतीय जातीय समुदाय है, जो कि 'यादव' नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यादव व अहीर शब्द एक दूसरे के पर्यायवाची माने गए हैं। अब तक की खोजों के अनुसार अहीर, आभीर अथवा यदुवंश का इतिहास भगवान विष्णु, अत्री, चन्द्र, तारा,बुध, इला, पुरुरवा-उर्वशी इत्यादि से सम्बद्ध है। तमिल भाषा के एक- दो विद्वानों को छोडकर शेष सभी भारतीय विद्वान इस बात से सहमत हैं कि अहीर शब्द संस्कृत के आभीर शब्द का तद्भव रूप है। प्राकृत-हिन्दी शब्दकोश के अनुसार भी अहिर, अहीर, आभीर व ग्वाला समानार्थी शब्द हैं। हिन्दी क्षेत्रों में अहीर, ग्वाला तथा यादव शब्द प्रायः परस्पर पर्यायवाची रूप में प्रयुक्त होते हैं। Quote: Ahir: Caste title of North Indian non-elite 'peasant'-pastoralists, known also as Yadav." Quote: "As far back as is known, the Yadava were called Gowalla (or one of its variants, Goalla, Goyalla, Gopa, Goala), a name derived from Hindi gai or go, which means "cow" and walla which is roughly translated as 'he who does'." वे कई अन्य नामो से भी जाने जाते हैं, जैसे कि गवली, घोसी या घोषी अहीर, तथा बुंदेलखंड में दौवा अहीर। ओडिशा में गौड व गौर के नाम से जाने जाते है, छत्तिशगड में राउत व रावत के नाम से जाने जाते है। अहीरों को विभिन्न रूपों से एक जाति, एक वंश, एक समुदाय, एक प्रजाति या नस्ल तथा एक प्राचीन आदिम जाति के रूप में उल्लेखित किया गया है। उन्होंने भारत व नेपाल के अनेक भागों पर राज किया है। .

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अजीत सिंह (मारवाड़)

अजीत सिंह (जन्म: २४ जून १७२४ लाहौर, पाकिस्तान) राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र के शासक थे। वे महाराजा जसवंत सिंह के पुत्र थे।अजीत सिंह के जन्म से पहले ही उसके पिता की मृत्यु हो चुकी थी। कुछ समय पश्चात अजीत सिंह को दिल्ली लाया गया, जहाँ पर मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब उन्हें मुस्लिम बना लेना चाहता था।राठौड़ सरदार दुर्गादास ने बड़े साहस के साथ अजीत सिंह को दिल्ली से निकाल कर मारवाड़ लाया। .

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अघोर पंथ

अघोर पंथ, अघोर मत या अघोरियों का संप्रदाय, हिंदू धर्म का एक संप्रदाय है। इसका पालन करने वालों को 'अघोरी' कहते हैं। इसके प्रवर्त्तक स्वयं अघोरनाथ शिव माने जाते हैं। रुद्र की मूर्ति को श्वेताश्वतरोपनिषद (३-५) में अघोरा वा मंगलमयी कहा गया है और उनका अघोर मंत्र भी प्रसिद्ध है। विदेशों में, विशेषकर ईरान में, भी ऐसे पुराने मतों का पता चलता है तथा पश्चिम के कुछ विद्वानों ने उनकी चर्चा भी की है। हेनरी बालफोर की खोजों से विदित हुआ है कि इस पंथ के अनुयायी अपने मत को गुरु गोरखनाथ द्वारा प्रवर्तित मानते हैं, किंतु इसके प्रमुख प्रचारक मोतीनाथ हुए जिनके विषय में अभी तक अधिक पता नहीं चल सका है। इसकी तीन शाखाएँ (१) औघर, (२) सरभंगी तथा (३) घुरे नामों से प्रसिद्ध हैं जिनमें से पहली में कल्लूसिंह वा कालूराम हुए जो बाबा किनाराम के गुरु थे। कुछ लोग इस पंथ को गुरु गोरखनाथ के भी पहले से प्रचलित बतलाते हैं और इसका संबंध शैव मत के पाशुपत अथवा कालामुख संप्रदाय के साथ जोड़ते हैं। बाबा किनाराम अघोरी वर्तमान बनारस जिले के समगढ़ गाँव में उत्पन्न हुए थे और बाल्यकाल से ही विरक्त भाव में रहते थे। इन्होंने पहले बाबा शिवाराम वैष्णव से दीक्षा ली थी, किंतु वे फिर गिरनार के किसी महात्मा द्वारा भी प्रभावित हो गए। उस महात्मा को प्राय गुरु दत्तात्रेय समझा जाता है जिनकी ओर इन्होंने स्वयं भी कुछ संकेत किए हैं। अंत में ये काशी के बाबा कालूराम के शिष्य हो गए और उनके अनंतर कृमिकुंड पर रहकर इस पंथ के प्रचार में समय देने लगे। बाबा किनाराम ने विवेकसार, गीतावली, रामगीता आदि की रचना की। इनमें से प्रथम को इन्होंने उज्जैन में शिप्रा के किनारे बैठकर लिखा था। इनका देहांत सन् १८२६ में हुआ। बाबा किनाराम ने इस पंथ के प्रचारार्थ रामगढ़, देवल, हरिहरपुर तथा कृमिकुंड पर क्रमश चार मठों की स्थापना की जिनमें से चौथा प्रधान केंद्र है। इस पंथ को साधारणतः 'औघढ़पंथ' भी कहते हैं। ‘विवेकसार’ इस पंथ का एक प्रमुख ग्रंथ है जिसमें बाबा किनाराम ने आत्माराम की वंदना और अपने आत्मानुभव की चर्चा की है। उसके अनुसार सत्य वा निरंजन है जो सर्वत्र व्यापक और व्याप्य रूपों में वर्तमान है और जिसका अस्तित्व सहज रूप है। ग्रंथ में उन अंगों का भी वर्णन है जिनमें से प्रथम तीन में सृष्टिरहस्य, कायापरिचय, पिंडब्रह्मांड, अनाहतनाद एवं निरंजन का विवरण है; अगले तीन में योग साधना, निरालंब की स्थिति, आत्मविचार, सहज समाधि आदि की चर्चा की गई है तथा शेष दो में संपूर्ण विश्व के ही आत्मस्वरूप होने और आत्मस्थिति के लिए दया, विवेक आदि के अनुसार चलने के विषय में कहा गया है। इसके अनुयायियों में सभी जाति के लोग, (यहाँ तक कि मुसलमान भी), हैं। विलियम क्रुक ने अघोरपंथ के सर्वप्रथम प्रचलित होने का स्थान राजपुताने के आबू पर्वत को बतलाया है, किंतु इसके प्रचार का पता नेपाल, गुजरात एवं समरकंद जैसे दूर स्थानों तक भी चलता है और इसके अनुयायियों की संख्या भी कम नहीं है। जो लोग अपने को 'अघोरी' वा 'औगढ़' बतलाकर इस पंथ से अपना संबंध जोड़ते हैं उनमें अधिकतर शवसाधना करना, मुर्दे का मांस खाना, उसकी खोपड़ी में मदिरा पान करना तथा घिनौनी वस्तुओं का व्यवहार करना भी दीख पड़ता है जो कदाचित् कापालिकों का प्रभाव हो। इनके मदिरा आदि सेवन का संबंध गुरु दत्तात्रेय के साथ भी जोड़ा जाता है जिनका मदकलश के साथ उत्पन्न होना भी कहा गया है। अघोरी कुछ बातों में उन बेकनफटे जोगी औघड़ों से भी मिलते-जुलते हैं जो नाथपंथ के प्रारंभिक साधकों में गिने जाते हैं और जिनका अघोर पंथ के साथ कोई भी संबंध नहीं है। इनमें निर्वाणी और गृहस्थ दोनों ही होते हैं और इनकी वेशभूषा में भी सादे अथवा रंगीन कपड़े होने का कोई कड़ा नियम नहीं है। अघोरियों के सिर पर जटा, गले में स्फटिक की माला तथा कमर में घाँघरा और हाथ में त्रिशूल रहता है जिससे दर्शकों को भय लगता है। अघोर पन्थ की 'घुरे' नाम की शाखा के प्रचार क्षेत्र का पता नहीं चलता किंतु 'सरभंगी' शाखा का अस्तित्व विशेषकर चंपारन जिले में दीखता है जहाँ पर भिनकराम, टेकमनराम, भीखनराम, सदानंद बाबा एवं बालखंड बाबा जैसे अनेक आचार्य हो चुके हैं। इनमें से कई की रचनाएँ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं और उनसे इस शाखा की विचारधारा पर भी बहुत प्रकाश पड़ता है। .

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अविनाश सचदेव

अविनाश सचदेव एक भारतीय अभिनेता हैं। .

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अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ

अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक बीसवीं शती के प्रारंभ में भारतीय प्रगतिशील लेखकों का एस समूह था। यह लेखक समूह अपने लेखन से सामाजिक समानता का समर्थक करता था और कुरीतियों अन्याय व पिछड़ेपन का विरोध करता था। इसकी स्थापना १९३५ में लंदन में हुई। इसके प्रणेता सज्जाद ज़हीर थे। १९३५ के अंत तक लंदन से अपनी शिक्षा समाप्त करके सज्जाद ज़हीर भारत लौटे। यहाँ आने से पूर्व वे अलीगढ़ में डॉ॰ अशरफ, इलाहबाद में अहमद अली, मुम्बई में कन्हैया लाल मुंशी, बनारस में प्रेमचंद, कलकत्ता में प्रो॰ हीरन मुखर्जी और अमृतसर में रशीद जहाँ को घोषणापत्र की प्रतियाँ भेज चुके थे। वे भारतीय अतीत की गौरवपूर्ण संस्कृति से उसका मानव प्रेम, उसकी यथार्थ प्रियता और उसका सौन्दर्य तत्व लेने के पक्ष में थे लेकिन वे प्राचीन दौर के अंधविश्वासों और धार्मिक साम्प्रदायिकता के ज़हरीले प्रभाव को समाप्त करना चाहते थे। उनका विचार था कि ये साम्राज्यवाद और जागीरदारी की सैद्धांतिक बुनियादें हैं। इलाहाबाद पहुंचकर सज्जाद ज़हीर अहमद अली से मिले जो विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी के प्रवक्ता थे। अहमद अली ने उन्हें प्रो॰एजाज़ हुसैन, रघुपति सहाय फिराक, एहतिशाम हुसैन तथा विकार अजीम से मिलवाया.

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अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन

अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन मराठी भाषा के लेखकों का वार्षिक साहित्यिक सम्मेलन है।प्रथम मराठी साहित्य सम्मेलन १८७८ ई में पुणे में हुआ था जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति महादेव गोविंद रानडे ने की थी। .

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अगरिया

अगरिया, भारत की एक जनजाति है। अगरिया लोग मुख्यत: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पाये जाते हैं। इनमें से मिर्जापुर के आसपास पाये जाने वाले अगरिया लोग अंग्रेजी राज के समय लोहे के खनन एवं उसे पिघलाकर धातु बनाने का काम किया करते थे। ये लोग अगरिया भाषा के साथ-साथ हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भी बोलते हैं। गुजरात में भी 'अगरिया' नाम से एक जनजातीय समूह पाया जाता है जो नमक बनाने का काम करते हैं। अन्य अगरिया लोगों से इनका कोई सम्बन्ध है या नहीं, यह पता नहीं है। .

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अगलोड तीर्थ

गुजरात के महसाना में अगलोड स्थित यह चर्चित जैन तीर्थस्थल 151 सेमी.

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अग्रहरि

अग्रहरि या अग्रहरी एक भारतीय उपनाम हैं। यह उपनाम वैश्य समुदाय द्वारा इस्तेमाल किया जाता हैं जो अपने आप को पौराणिक सूर्यवंशी सम्राट महाराजा अग्रसेन (४२५० ई.पू. से ६३७ ईसवी) के वंशज मानते हैं। .

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अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र

अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (Space Application Centre / SAC / सैक) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के प्रमुख केंद्रों में से एक हैं। यह अपने तरह का एक विशिष्ट केंद्र है जहाँ पेलोड विकसित करने से लेकर सामाजिक उपयोग तक की विभिन्न विधाओं पर कार्य किया जाता हैं। यह इसरो के उपग्रह संचार, नौसंचालन एवं सुदूर संवेदन के उपयोग संबंधी कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने के लिए उत्तरदायी हैं। यह भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद में स्थित है। .

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अकबर

जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर (१५ अक्तूबर, १५४२-२७ अक्तूबर, १६०५) तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। अकबर को अकबर-ऐ-आज़म (अर्थात अकबर महान), शहंशाह अकबर, महाबली शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है। अंतरण करने वाले के अनुसार बादशाह अकबर की जन्म तिथि हुमायुंनामा के अनुसार, रज्जब के चौथे दिन, ९४९ हिज़री, तदनुसार १४ अक्टूबर १५४२ को थी। सम्राट अकबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूं एवं हमीदा बानो का पुत्र था। बाबर का वंश तैमूर और मंगोल नेता चंगेज खां से संबंधित था अर्थात उसके वंशज तैमूर लंग के खानदान से थे और मातृपक्ष का संबंध चंगेज खां से था। अकबर के शासन के अंत तक १६०५ में मुगल साम्राज्य में उत्तरी और मध्य भारत के अधिकाश भाग सम्मिलित थे और उस समय के सर्वाधिक शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक था। बादशाहों में अकबर ही एक ऐसा बादशाह था, जिसे हिन्दू मुस्लिम दोनों वर्गों का बराबर प्यार और सम्मान मिला। उसने हिन्दू-मुस्लिम संप्रदायों के बीच की दूरियां कम करने के लिए दीन-ए-इलाही नामक धर्म की स्थापना की। उसका दरबार सबके लिए हर समय खुला रहता था। उसके दरबार में मुस्लिम सरदारों की अपेक्षा हिन्दू सरदार अधिक थे। अकबर ने हिन्दुओं पर लगने वाला जज़िया ही नहीं समाप्त किया, बल्कि ऐसे अनेक कार्य किए जिनके कारण हिन्दू और मुस्लिम दोनों उसके प्रशंसक बने। अकबर मात्र तेरह वर्ष की आयु में अपने पिता नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायुं की मृत्यु उपरांत दिल्ली की राजगद्दी पर बैठा था। अपने शासन काल में उसने शक्तिशाली पश्तून वंशज शेरशाह सूरी के आक्रमण बिल्कुल बंद करवा दिये थे, साथ ही पानीपत के द्वितीय युद्ध में नवघोषित हिन्दू राजा हेमू को पराजित किया था। अपने साम्राज्य के गठन करने और उत्तरी और मध्य भारत के सभी क्षेत्रों को एकछत्र अधिकार में लाने में अकबर को दो दशक लग गये थे। उसका प्रभाव लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर था और इस क्षेत्र के एक बड़े भूभाग पर सम्राट के रूप में उसने शासन किया। सम्राट के रूप में अकबर ने शक्तिशाली और बहुल हिन्दू राजपूत राजाओं से राजनयिक संबंध बनाये और उनके यहाँ विवाह भी किये। अकबर के शासन का प्रभाव देश की कला एवं संस्कृति पर भी पड़ा। उसने चित्रकारी आदि ललित कलाओं में काफ़ी रुचि दिखाई और उसके प्रासाद की भित्तियाँ सुंदर चित्रों व नमूनों से भरी पड़ी थीं। मुगल चित्रकारी का विकास करने के साथ साथ ही उसने यूरोपीय शैली का भी स्वागत किया। उसे साहित्य में भी रुचि थी और उसने अनेक संस्कृत पाण्डुलिपियों व ग्रन्थों का फारसी में तथा फारसी ग्रन्थों का संस्कृत व हिन्दी में अनुवाद भी करवाया था। अनेक फारसी संस्कृति से जुड़े चित्रों को अपने दरबार की दीवारों पर भी बनवाया। अपने आरंभिक शासन काल में अकबर की हिन्दुओं के प्रति सहिष्णुता नहीं थी, किन्तु समय के साथ-साथ उसने अपने आप को बदला और हिन्दुओं सहित अन्य धर्मों में बहुत रुचि दिखायी। उसने हिन्दू राजपूत राजकुमारियों से वैवाहिक संबंध भी बनाये। अकबर के दरबार में अनेक हिन्दू दरबारी, सैन्य अधिकारी व सामंत थे। उसने धार्मिक चर्चाओं व वाद-विवाद कार्यक्रमों की अनोखी शृंखला आरंभ की थी, जिसमें मुस्लिम आलिम लोगों की जैन, सिख, हिन्दु, चार्वाक, नास्तिक, यहूदी, पुर्तगाली एवं कैथोलिक ईसाई धर्मशस्त्रियों से चर्चाएं हुआ करती थीं। उसके मन में इन धार्मिक नेताओं के प्रति आदर भाव था, जिसपर उसकी निजि धार्मिक भावनाओं का किंचित भी प्रभाव नहीं पड़ता था। उसने आगे चलकर एक नये धर्म दीन-ए-इलाही की भी स्थापना की, जिसमें विश्व के सभी प्रधान धर्मों की नीतियों व शिक्षाओं का समावेश था। दुर्भाग्यवश ये धर्म अकबर की मृत्यु के साथ ही समाप्त होता चला गया। इतने बड़े सम्राट की मृत्यु होने पर उसकी अंत्येष्टि बिना किसी संस्कार के जल्दी ही कर दी गयी। परम्परानुसार दुर्ग में दीवार तोड़कर एक मार्ग बनवाया गया तथा उसका शव चुपचाप सिकंदरा के मकबरे में दफना दिया गया। .

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अक्षय पात्र फाउण्डेशन

अक्षय पात्र फाउण्डेशन, भारत की एक अशासकीय संस्था है जो देश के 7 राज्यों में 6500 स्कूलों में लगभग 12 लाख स्कूली छात्रों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराती है। इस संस्था का नाम दिसम्बर, २००९ में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अंकित किया गया है तथा सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उसे सीएनबीसी ने सम्मानित किया है। .

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अक्षर पटेल

अक्षर पटेल (अंग्रेजी:Axar Patel) (जन्म:20 जनवरी 1994) एक भारतीय क्रिकेटर हैं। ये घरेलू क्रिकेट गुजरात क्रिकेट टीम के लिए एक हरफनमौला के रूप में खेलते हैं ' ये एक बाएं हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ स्पिन गेंदबाज हैं ' इन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 15 जून 2014 को अपने वनडे कैरियर की शुरुआत की ' 2014 में ये इंडियन प्रीमियर लीग में किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से खेले थे और 2015 में भी किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से खेले थे ' अक्षर पटेल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में आयोजित 2015 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारत की 15 सदस्यीय टीम में चुने गये थे। इन्होंने अपने ट्वेन्टी-ट्वेन्टी क्रिकेट कैरियर की शुरुआत १७ जुलाई २०१५ को ज़िम्बाब्वे क्रिकेट टीम के खिलाफ खेलकर थी। .

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अक्षरधाम मंदिर, गांधीनगर

अक्षरधाम मंदिर गुजरात की राजधानी गांधीनगर स्थित विशाल मंदिर है। यहाँ मंदिर स्वामीनारायण सम्प्रदाय द्वारा निर्मित है। .

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अकूरी

अकूरी एक पारसी व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना श्रेणी:पारसी खाना श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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उच्चतम बिन्दु के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र

यह सूची भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों के उच्चतम बिन्दु के आधार पर है। .

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उत्तर प्रदेश के लोकनृत्य

लोकनृत्य में उत्तर प्रदेश के प्रत्येक अंचल की अपनी विशिष्ट पहचान है। समृद्ध विरासत की विविधता को संजोये हुए ये आंगिक कलारूप लोक संस्कृति के प्रमुख वाहक हैं। .

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उत्तर भारत बाढ़ २०१३

जून 2013 में, उत्तर भारत में भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा हो गयी। इससे प्रभावित अन्य राज्य हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश हैं। बाढ़ के कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ और बहुत से लोग बाढ़ में बह गए और हजारों लोग बेघर हो गये। इस भयानक आपदा में 5000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, .

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उत्तरी हिंद महासागर के चक्रवाती तूफान

नीचे उत्तरी हिंद महासागर के चक्रवाती तूफान की सूची है। डिप्रेशन और डीप डिप्रेशन इसमें शामिल नहीं किये गए है। १९९९ की उड़ीसा चक्रवाती तूफान, ९१२ मिलिबार की केंद्रीय दबाव के साथ, इसमें सबसे शक्तिशाली है। .

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उदयसुंदरी कथा

उदयसुंदरी कथा सोड्ढल कृत एक कथात्मक गद्यकाव्य। कुछ विद्वानों ने इसे चंपूकाव्य कहा है लेकिन लेखक ने स्वयं अपनी कृति को गद्यकाव्य माना है तथा बाणभट्ट के गद्य को अपने लिए आदर्श बताया है। यह ठीक है, लेकिन एक तो उनकी संख्या उतनी नहीं जितनी चंपूकाव्य में अपेक्षित होती है, दूसरे बाद के साहित्याचार्यो द्वारा निर्धारित कथा के समस्त लक्षण भी उक्त कृति पर पूरी तरह घट जाते हैं। संपूर्ण रचना आठ उच्छ्‌वासों में रची गई है इसमें नागराज शिखंडतिलक की आत्मजा उदयसुंदरी के साथ प्रतिष्ठान नरेश मलयवाहन के प्रेम ओर विवाह की काल्पनिक कथा का आलंकारिक एवं अतिशयोक्ति पूर्ण समायोजन किया गया है। उदयसुंदरी कथा के प्रथम उच्छ्‌वास में लेखक ने अपना और अपने परिवार का परिचय दिया है जिसके अनुसार वह गुजरात के वालभ कायस्थकुलोत्पन्न सूर का पुत्र था और उसकी माता का नाम पद्यावती था। उसे कोंकण के चित्तराज, नागर्जुन तथा मुंमणिराज इत्यादि नरेशों का संरक्षण मिला था जिनकी राजधानी स्थानक (बंबई के समीप आधुनिक थाना नामक स्थान) थी। उदयसुंदरी कथा का रचनाकाल विद्वानों ने सन्‌ १००० ई निश्चित किया है, परंतु लेखक ने कृति के प्रथम उच्छ्‌वास में चूँकि गुजरात के लाट नरेश वत्सराज के संरक्षण में रहने का उल्लेख भी किया है, इसलिए हो सकता है कि उक्त कृति की रचना सन्‌ १०२६-१०५० ई के बीच हुई हो। इस रचना का विशेष महत्व इसलिए भी है कि कवि ने अपने और अपने वंश के परिचय के साथ साथ बाण, कुमारदास, भास आदि अपने पूर्वकवियों तथा लेखकों के संबंध में भी २५ छंद दिए हैं। .

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उदवाड़ा

उदवाड़ा, गुजरात का एक नगर है जहाँ स्थित पारसियों का आतश बहराम प्रसिद्ध है। .

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उना (गुजरात)

उना (या उन्नतनगर) गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के गिर सोमनाथ जिला का एक नगर है। .

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उमाशंकर जोशी

उमाशंकर जोशी एक गुजराती साहित्यकार हैं। इन्हें 1967 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इनके द्वारा रचित एक समालोचना कविनी श्रद्धा के लिये उन्हें सन् १९७३ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (गुजराती) से सम्मानित किया गया। .

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उंधियू

उंधियू एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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उछलिया

उछलिया भारत के महाराष्ट्र राज्य की एक जाति है। इस जाति के लोगों को 'भामता' या 'गाँठचोर' भी कहते हैं। ये महाराष्ट्री-मिश्रित तेलुगु बोलते हैं। इसी से कुछ विद्वान् इनको मूल तेलुगु प्रांत मानते हैं। लेकिन इनके रीति-रिवाज, मान्यताओं और शारीरिक बनावट से समाजशास्त्री इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि ये उत्तर भारत से आए हैं और राजपूतों की संतान हैं। बरार, गुजरात और पश्चिम भारत में भी उछलिया जाति के लोग काफी संख्या में मिलते हैं। अनेक रूप बनाए ये सैकड़ों कोस तक लोगों को ठगते घूमते हैं। सेंध लगाने या डाका डालने से ये दूर रहते हैं क्योंकि ऐसा करने पर इन्हें जातिबहिष्कृत कर दिया जाता है। संतानोत्पत्ति पर ये सट्बाई की पूजा करते हैं और मुंडन संस्कार के समय इनके यहाँ जातिभोज देने का विधान है। बालविवाह का प्रचलन है और विवाह के समय वरपक्ष की ओर से कन्यापक्ष को कुछ रुपए दिए जाते हैं। मृतकों को जलाया जाता है। श्रेणी:भारत की मानव जातियाँ.

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छतड़ीया (धारी)

छतड़ीया (છતડીયા.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। छतड़ीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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छूंदो

छूंदो एक गुजराती व्यंजन है। श्रेणी:पश्चिम भारत का खाना श्रेणी:गुजराती खाना.

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छोटा भंडारीया (अमरेली)

छोटा भंडारीया (નાના ભંડારીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। छोटा भंडारीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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छोटा माचीयाला (अमरेली)

छोटा माचीयाला (નાના માચીયાળા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। छोटा माचीयाला गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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छोटा माँडवडा (अमरेली)

छोटा माँडवडा (નાના માંડવડા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। छोटा माँडवडा गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूँगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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छोटा गरमली (धारी)

छोटा गरमली (નાની ગરમલી.) भारत देश में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ प्रान्त में अमरेली ज़िले के ११ तहसील में से एक धारी तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। छोटा गरमली गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजदूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहाँ पे गेहूँ, मूंगफली, तल, बाजरा, जीरा, अनाज, सेम, सब्जी, अल्फला इत्यादि की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ हैं। गाँव से सबसे नज़दीकी शहर अमरेली है। यहाँ पे शेर, तेंदुआ जैसे हिंसक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं। .

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छोटा गोखरवाला (अमरेली)

छोटा गोखरवाला (નાના ગોખરવાળા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। छोटा गोखरवाला गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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छोटा आँकडीया (अमरेली)

छोटा आँकडीया (નાના આંકડીયા.) भारत देश में गुजरात प्रान्त के सौराष्ट्र विस्तार में अमरेली जिले के ११ तहसील में से एक अमरेली तहसील का महत्वपूर्ण गाँव है। छोटा आँकडीया गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती, खेतमजूरी, पशुपालन और रत्नकला कारीगरी है। यहा पे गेहूँ, मुहफली, तल, अनाज, कठोल, सब्जी इत्यादी की खेती होती है। गाँव में विद्यालय, पंचायत घर जैसी सुविधाएँ है। गाँव से सबसे नजदीकी शहर अमरेली है। .

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छोटा उदयपुर

छोटा उदयपुर गुजरात प्रान्त का एक शहर है। ईस शहरमें नवरचित छोटा उदेपुर जिला का मुख्यालय है। श्रेणी:गुजरात श्रेणी:गुजरात के शहर.

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छोटा उदयपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

छोटा उदयपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र भारत के गुजरात राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है। श्रेणी:गुजरात के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र.

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छोटा उदयपुर जिला

छोटा उदेपुर जिला भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय छोटा उदयपुर है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

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१ई+११ मी॰²

क्यूबा का क्षेत्रफल लगभग १,००,००० कि.मी२ है। विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के परिमाण के क्रम समझने हेतु यहां १,००,००० वर्ग कि.मी से १०,००,००० वर्ग कि.मी के क्षेत्र दिये गए हैं।.

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१५वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची

१५वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची अकारादि क्रम से राज्यश: इस लेख में नीचे दी गयी है। ये सभी सांसद भारतीय संसद की १५वीं लोक सभा के लिए अप्रैल - मई, २००९ में हुए आम चुनावों में निर्वाचित हुए थे। .

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१५७३

१५७३ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची

१६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची राज्यश: इस लेख में दी गयी है। ये सभी सांसद भारतीय संसद की १६वीं लोक सभा के लिए अप्रैल – मई, २०१४ में हुए आम चुनावों में निर्वाचित हुए। इन सांसदों में ५८ प्रतिशत सांसद (३१५ सांसद) ऐसे हैं जो पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुये हैं। .

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१८६९ का राजपूताना अकाल

१८६९ का राजपूताना अकाल जिसे ग्रेट राजपूताना अकाल भी कहा जाता है इसके अलावा हम इस अकाल को बुंदेलखंड अकाल भी कह सकते हैं 'ये अकाल १८६९ में पड़ा था ' इसमें १९६.००० वर्ग मील (७७०,००० किलोमीटर) प्रभावित हुए थे तथा उस वक्त की जनसंख्या लगभग ४४,५००,००० जिसमें मुख्य रूप से राजपूताना,अजमेर,भारत प्रभावित हुआ था ' इनके अलावा गुजरात,उत्तरी डेक्कन ज़िले,जबलपुर संभाग,आगरा और बुंदेलखंड संभाग और पंजाब का हिसार संभाग भी काफी प्रभावित हुए थे ' .

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१९५४ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

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१९६४ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

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१९६६ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

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१९६७ में पद्म भूषण धारक

पद्म भूषण पदक श्रेणी:पद्म भूषण.

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१९६८ में पद्म भूषण धारक

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१९६९ में पद्म भूषण धारक

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१९७१ में पद्म भूषण धारक

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१९७२ में पद्म भूषण धारक

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१९७३ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण श्रेणी:1973.

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१९७४ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

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१९८५ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

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१९८६ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

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१९९१ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

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१९९२ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

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१९९९ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

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२ सितम्बर

२ सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २४५वाँ (लीप वर्ष मे २४६वाँ) दिन है। वर्ष मे अभी और १२० दिन बाकी है। .

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२००१ में पद्म भूषण धारक

पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च सम्मान है, यह तस्वीर उन कुछ लोगो की है जिन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। श्रेणी:पद्म भूषण.

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२००४ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

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२००९ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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२०१५ भारतीय स्वाइन फ्लू का प्रकोप

२०१५ भारतीय स्वाइन फ्लू का प्रकोप यह २००९ महामारी H1N1 वायरस से संदर्भित हैं यह भारत में मार्च 2015 में आया था जिसमें गुजरात,राजस्थान और अब दिल्ली भी चपेट में है पिछले साल भारत में स्वाइन फ्लू के 933 केस आये थे जिसमें 218 लोगों की जानें गई थी ' .

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२०१७ अमरनाथ यात्रा आक्रमण

उत्तर भारत के जम्मू एवं कश्मीर राज्य में स्थित हिन्दू तीर्थ गुफ़ा अमरनाथ की श्रावण यात्रा को जा रहे श्रद्धालुओं के जत्थे पर १० जुलाई २०१७ को आतंकवादियों ने आक्रमण (हमला) किया था। इस्लामी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के द्वारा किये गये इस आतंकी आक्रमण (हमले) में ७ श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई थी। भारत का आरोप है कि, इस आक्रमण में लश्कर ए तैयबा का आतंकी इस्माइल मुख्य आरोपी है। परन्तु पाकिस्तान में स्थित इस्लामिक आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा ने इस आक्रमण का दायित्व स्वीकार नहीं किया। १० जुलाई २०१७ दिनांक और तदनुसार श्रावण मास के प्रथम सोमवार को अनन्तनाग ज़िले में ये आक्रमण किया गया था। अमरनाथ भारत, नेपाल और दुनियाभर में निवास करने वालें हिन्दू धर्म के लोगों का प्रमुख यात्रा स्थल है। भारत में श्रावण मास के दिन और विशेषतः श्रावण के सोमवार के दिन हिन्दू धर्म में भगवान शिव जी के दर्शन करने का विशेष महत्त्व होता है। २०१७ में सोमवार के दिन ही श्रावण मास की शुरूआत हुई थी और प्रथम दिन ही यात्रियों पर ये आक्रमण किया गया था। .

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2002 की गुजरात हिंसा

2002 की गुजरात हिंसा भारत के गुजरात के पश्चिमी हिस्सों में फ़रवरी और मार्च 2002 में होने वाले सांप्रदायिक हत्याकांड तब शुरू हुआ जब 27 फ़रवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर साबरमती ट्रेन में आग से अयोध्या से लौट रहे हिन्दुत्व से जुड़े 59 हिंदु मारे गए। यह घटना स्टेशन पर किसी मुसलमान रहने वाले के साथ कारसेवकों के झगड़े के बाद घटी बताई जाती है। कहा जाता है कि मुसलमान एक ग्रुप ने ट्रेन के विशेष डिब्बे को निशाना बनाकर आग लगाई। द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, 28 सितम्बर 2008.

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2014 भारत - पाकिस्तान बाढ़

सितम्बर 2014 में, मूसलाधार मानसूनी वर्षा के कारण भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर ने अर्ध शताब्दी की सबसे भयानक बाढ़ आई। यह केवल जम्मू और कश्मीर तक ही सीमित नहीं थी अपितु पाकिस्तान नियंत्रण वाले आज़ाद कश्मीर, गिलगित-बल्तिस्तान व पंजाब प्रान्तों में भी इसका व्यापक असर दिखा। 8 सितम्बर 2014 तक, भारत में लगभग 200 लोगों तथा पाकिस्तान में 190 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। भारत के गृह मंत्रालय के अनुसार 450 गाँव जल समाधि ले चुके हैं। .

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2015 गुजरात बाढ़

thumb भारी वर्षा के चलते भारतीय राज्य गुजरात में बाढ़ आ गई थी। बाढ़ 23 जून 2015 को भारी वर्षा के कारण आई थी तथा इसका प्रभाव 26 जून तक रहा। बाढ़ में 90 से भी अधिक लोगों की जानें गई। इस बाढ़ में "गिर फोरेस्ट नेशनल पार्क" भी इसकी चपेट में आया है इससे जानवरों को भी हानि पहुँची है। बाढ़ में अमरेली ज़िले में सबसे ज्यादा 26 से ज्यादा लोगों की जानें गई। .

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2017 दक्षिण एशिया बाढ़

राहत कार्य में जुटा भारतीय वायुसेना का हेलिकाप्टर 2017 में अत्यधिक मानसून की बारिश के कारण दक्षिण एशियाई देशों भारत, नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान में 4.1 करोड़ लोग विस्थापित हुए। कई हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हो गई। अकेले भारत में 600 लोगों की और कुल 1,200 लोगों की मौत हो गई। .

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2017 गुजरात बाढ़

वायुसेना का हेलीकॉप्टर राहत कार्य में जुटा जुलाई 2017 में भारी वर्षा के कारण भारत के राज्य गुजरात में बाढ़ जैसे हालात हो गए। इसमें 70 से ज्यादा लोग मारे गए। 25,000 लोगों को भारतीय वायुसेना और एनडीआरएफ ने सुरक्षित जगह पहुँचाया। मुख्य रूप से बनासकांठा जिला और पाटण जिला इस बाढ़ से प्रभावित रहा। गुजरात से सटे राज्य राजस्थान में भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए: जहां 11 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। .

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2017 इस्तानबुल नाईट क्लब हमला

1 जनवरी 2017 को इस्तानबुल, तुर्की में एक मास शूटिंग हुई जिसमें लगभग 35 लोग मारे गए। तुर्की के शहर इस्तानबुल में एक प्रसिद्ध नाइट क्लब में नए साल की पार्टी के दौरान एक बंदूकधारी ने हमला कर दिया। शहर के गवर्नर वासिप साहिन के अनुसार हमलावर ने नाइट क्लब में घुसने से पहले बाहर एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक की हत्या कर दी।जिस वक्त हमला हुआ, नाइट क्लब में करीब 700 लोग मौजूद थे। - देशबंधु - 1 जनवरी 2017 हमले में दो भारतीय के मरने की सूचना भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर दी। - एनडीटीवी - 1 जनवरी 2017 .

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गुजरात राज्य, गुजरातराज्य, गुजराट

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