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गणतन्त्र दिवस (भारत)

सूची गणतन्त्र दिवस (भारत)

गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई० एन० सी०) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, अन्य दो स्‍वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती हैं। .

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ऐ मेरे वतन के लोगों

ऐ मेरे वतन के लोगो एक हिन्दी देशभक्ति गीत है जिसे कवि प्रदीप ने लिखा था और जिसे सी॰ रामचंद्र ने संगीत दिया था। ये गीत १९६२ के चीनी आक्रमण के समय मारे गए भारतीय सैनिकों को समर्पित था। यह गीत तब मशहूर हुआ जब लता मंगेशकर ने इसे नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस के अवसर पर रामलीला मैदान में तत्कालीन प्रधानमंत्री पं॰ जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में गाया।। चीन से हुए युद्ध के बाद 27 जनवरी 1963 में डेल्ही नेशनल स्टेडियम में स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने दिया था। यह कहा जाता है इस गाने को सुनने के बाद नेहरु जी की ऑंखें भर आई थीं। .

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दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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दिल्ली की संस्कृति

दिल्ली हाट में प्रदर्शित परंपरागत पॉटरी उत्पाद। दिल्ली की संस्कृति यहां के लंबे इतिहास और भारत की राजधानी रूप में ऐतिहासिक स्थिति से पूर्ण प्रभावित रहा है। यह शहर में बने कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों से विदित है। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने दिल्ली शहर में लगभग १२०० धरोहर स्थल घोषित किए हैं, जो कि विश्व में किसी भी शहर से कहीं अधिक है। और इनमें से १७५ स्थल राष्ट्रीय धरोहर स्थल घोषित किए हैं। पुराना शहर वह स्थान है, जहां मुगलों और तुर्क शासकों ने कई स्थापत्य के नमूने खडए किए हैं, जैसे जामा मस्जिद (भारत की सबसे बड़ी मस्जिद) और लाल किला। दिल्ली में फिल्हाल तीन विश्व धरोहर स्थल हैं – लाल किला, कुतुब मीनार और हुमायुं का मकबरा। अन्य स्मारकों में इंडिया गेट, जंतर मंतर (१८वीं सदी की खगोलशास्त्रीय वेधशाला), पुराना किला (१६वीं सदी का किला).

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पद्म सम्मान

विशिष्ट सेवा के लिए दिया हुआ प्र्धान पुरस्कारे पद्म सम्मान भारत सरकार द्वारा शासकीय सेवकों व अन्य भारतीयों को किसी भी क्षेत्र में असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री नामक पद्म सम्मान (पुरस्कार) प्रदान किए जाते हैं। पद्म पुरस्कारों की सिफारिशें राज्य सरकारों/संघ राज्य प्रशासनों, केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों, उत्कृष्टता संस्थानों आदि से प्राप्त की जाती हैं, जिन पर पुरस्कार समिति द्वारा विचार किया जाता है। पुरस्कार समिति की सिफारिश के आधार पर और प्रधानमंत्री, गृहमंत्री तथा राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इन पद्म सम्मानों की घोषणा की जाती है। परन्तु इस बार सामान्य नागरिकों को ये सम्मान देने की प्रक्रिया में कुछ बदलाव किया गया है। प्रकार: नागरिकश्रेणी: सामान्यस्थापना: 1954 |- | पद्म भूषण | चित्र: pb1.jpg | चित्र: pb2.jpg | प्रदाता: भारत सरकारप्रकार: नागरिकश्रेणी: सामान्यस्थापना: 1954 |- | पद्म श्री | चित्र: ps2n.jpg | चित्र: ps1n.jpg | प्रदाता: भारत सरकारप्रकार: नागरिकश्रेणी: सामान्यस्थापना: 1954 |- |--> .

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परेड

परेड (parade) या मार्च (march) एक प्रकार का जुलूस होता है जिसमें चलने वाले अक्सर किसी विशेष वेशभूषा में संगठित ढंग से चलते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप व ब्रिटेन में 'परेड' आमतौर पर सैनिक दस्तों के जुलूस को ही कहते हैं, हलांकि यह ग़ैर-सैनिक लोगों की चाल को भी कहा जा सकता है। परेड के साथ-साथ अक्सर संगीत-वादय बजाने वाले और झांकियाँ या अन्य ध्यान आकर्षित करने वाली वस्तुएँ उठाए हुए लोग भी होते है। परेडों को गणतंत्र दिवस जैसे उत्सवों पर, संकटग्रस्त क्षेत्रों में जनता को आश्वासित करने के लिये, युद्धस्थिति में अधिकृत क्षेत्र में शत्रु का मनोबल तोड़ने के लिये और अन्य स्थितियों में आयोजित किया जाता है।, William Kornblum, pp.

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प्रतापगढ़, राजस्थान

प्रतापगढ़, क्षेत्रफल में भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान के ३३वें जिले प्रतापगढ़ जिले का मुख्यालय है। प्राकृतिक संपदा का धनी कभी इसे 'कान्ठल प्रदेश' कहा गया। यह नया जिला अपने कुछ प्राचीन और पौराणिक सन्दर्भों से जुड़े स्थानों के लिए दर्शनीय है, यद्यपि इसके सुविचारित विकास के लिए वन विभाग और पर्यटन विभाग ने कोई बहुत उल्लेखनीय योगदान अब तक नहीं किया है। .

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प्रेम लाल जोशी

डॉ॰ प्रेम लाल जोशी (जन्म: ४ फरवरी, १९५२) एक प्रख्यात भारतीय शिक्षकविद, विद्वान, लेखक एवं मल्टीमीडिया विश्वविद्यालय, मलेशिया में एकाउंटिंग के प्रोफ़ेसर हैं। वें सेण्टर फॉर एक्सीलेंस इन बिज़नेस परफॉरमेंस (CEBP) के अध्यक्ष हैं। वें इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एकाउंटिंग ऑडिटिंग एंड परफॉरमेंस इवैल्यूएशन (IJAAPE) के संस्थापक एवं मानद सम्पादक, एफ्रो एशियन जर्नल ऑफ फाइनेंस एंड एकाउंटिंग (AAJFA) के प्रबंध सम्पादक तथा इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फाइनेंस एंड एकाउंटिंग स्टडीज़, ऑस्ट्रेलिया के सहयोगी सम्पादक हैं। वें बजट और वित्तीय लेखा पर छह पुस्तकों के लेखक हैं। अपनी पुस्तकों के अतिरिक्त, इनके १०० से अधिक शोध पत्र विश्व के कई मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। .

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बन्ना सिंह

मानद कैप्टन बन्ना सिंह अथवा बाना सिंह परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय भूतपूर्व सैनिक हैं। आपको यह सम्मान वर्ष १९८७ में मिला था जब इन्होंने सियाचिन ग्लेशियर को पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त कराने के अभियान में अप्रतिम शौर्य का प्रदर्शन किया था। अलंकरण के समय आप नायब सूबेदार के पद पर थे जो बाद में क्रमशः सूबेदार, सूबेदार मेजर व मानद कैप्टन बने। भारत की गणतंत्र दिवस परेड का नेतृत्व व भारत के राष्ट्रपति को सर्वप्रथम सलामी देने का अधिकार आपके पास ही सुरक्षित है। पाकिस्तानी सेना के साथ भारतीय सेना की चार मुलाकातें युद्धभूमि में तो हुई हीं, कुछ और भी मोर्चे हैं, जहाँ हिन्दुस्तान के बहादुरों ने पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेर कर रख दिया। सियाचिन का मोर्चा भी इसी तरह का एक मोर्चा है, जिसमें जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री के आठवें दस्ते के नायब सूबेदार बाना सिंह को उनकी चतुराई, पराक्रम और साहस के लिए भारत सरकार द्वारा परमवीर चक्र दिया गया। .

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बीटिंग रिट्रीट

विजय चौक; यहीं पर प्रत्येक साल बीटिंग रिट्रीट का आयोजन होता है बीटिंग द रिट्रीट भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति का सूचक है। इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। यह सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस के पश्चात हर वर्ष 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। समारोह का स्थल रायसीना हिल्स और बगल का चौकोर स्थल (विजय चौक) होता है जो की राजपथ के अंत में राष्ट्रपति भवन के उत्तर और दक्षिण ब्लॉक द्वारा घिरे हुए हैं। बीटिंग द रिट्रीट गणतंत्र दिवस आयोजनों का आधिकारिक रूप से समापन घोषित करता है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत में सार्वजनिक अवकाश

भारत अनेकता में एकता वाला देश है जहाँ विविध और उत्कट संस्कृतियों वाले समाज के लोग रहते हैं। यहाँ पर स्‍वतंत्रता दिवस, गणतन्त्र दिवस और गांधी जयंती के रूप में तीन राष्ट्रीय अवकाश दिवश हैं। राज्य और क्षेत्र प्रचलित धार्मिक और भाषाई जनसांख्यिकी के आधार पर क्षेत्रिय त्यौंहार भी होते हैं। हिन्दू धर्म के दीपावली, गणेश चतुर्थी, होली एवं नवरात्रि, इस्लाम में ईद उल-फ़ित्र एवं ईद-उल-अज़हा, बौद्ध धर्म में बुद्ध जयंती एवं आंबेडकर जयंती, इसाई धर्म में क्रिसमिस एवं गुड फ़्राइडे जैसे त्यौंहार देशभर में लोकप्रिय हैं। .

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भारत का ध्वज

भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। इसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी।। भास्‍कर डॉट कॉम। १५ अगस्त २००९ इसे १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व २२ जुलाई, १९४७ को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया गया था।। भारत के राष्ट्रीय पोर्टल पर इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ हैं, जिनमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी है। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात ३:२ है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें २४ आरे होते हैं। इस चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है व रूप सारनाथ में स्थित अशोक स्तंभ के शेर के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले की तरह होता है। भारतीय राष्ट्रध्वज अपने आप मै ही भारत की निति को दर्शाता हुआ दिखाई देता है। आत्मरक्षा, शांति, समृद्धि और सदैव विकास की ओर अग्रसर। राष्ट्रीय झंडा निर्दिष्टीकरण के अनुसार झंडा खादीमें ही बनना चाहिए। यह एक विशेष प्रकार से हाथ से काते गए कपड़े से बनता है जो महात्मा गांधी द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था। इन सभी विशिष्टताओं को व्यापक रूप से भारत में सम्मान दिया जाता हैं भारतीय ध्वज संहिता के द्वारा इसके प्रदर्शन और प्रयोग पर विशेष नियंत्रण है। ध्वज का हेराल्डिक वर्णन इस प्रकार से होता है: .

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भारत का प्रधानमन्त्री

भारत गणराज्य के प्रधानमन्त्री (सामान्य वर्तनी:प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है। सैद्धांतिकरूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिकरूप में, शासनतंत्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति पर निहित करता है। तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग अपने अधीनस्थ अधकारियों की सलाह पर करेगा। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमन्त्री को दी गयी है। संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्रीपद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है तथा सभी नीतिगत निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्रीपरिषद के मध्य संपर्कसूत्र भी वही हैं। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है। संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है। प्रधानमन्त्री, लोकसभा में बहुमत-धारी दल का नेता होता है, और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जबतक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो। संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को सरकारी तंत्र पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था। उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था। इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ में, संविधान के परवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। .

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भारत का संविधान

भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। .

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भारत के राष्ट्रीय त्यौहार

राष्ट्रीय त्यौहार वे पर्व हैं जो किसी जाति विशेष के नहीं है, बल्कि संपूर्ण राष्ट्र के हैं इन्हें राष्ट्रीय पर्व भी कहा जाता है। ये राष्ट्रीय पर्व होने के साथ ही राष्ट्रीय अवकाश (नेशनल हॉलिडे) भी हैं। इसके अलावा शिक्षक दिवस (टीचर्स डे), बाल दिवस (चिल्ड्रन डे) भी राष्ट्रीय अवकाश हैं। .

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भारत की संस्कृति

कृष्णा के रूप में नृत्य करते है भारत उपमहाद्वीप की क्षेत्रीय सांस्कृतिक सीमाओं और क्षेत्रों की स्थिरता और ऐतिहासिक स्थायित्व को प्रदर्शित करता हुआ मानचित्र भारत की संस्कृति बहुआयामी है जिसमें भारत का महान इतिहास, विलक्षण भूगोल और सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान बनी और आगे चलकर वैदिक युग में विकसित हुई, बौद्ध धर्म एवं स्वर्ण युग की शुरुआत और उसके अस्तगमन के साथ फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इसमें समावेश है। पिछली पाँच सहस्राब्दियों से अधिक समय से भारत के रीति-रिवाज़, भाषाएँ, प्रथाएँ और परंपराएँ इसके एक-दूसरे से परस्पर संबंधों में महान विविधताओं का एक अद्वितीय उदाहरण देती हैं। भारत कई धार्मिक प्रणालियों, जैसे कि हिन्दू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म जैसे धर्मों का जनक है। इस मिश्रण से भारत में उत्पन्न हुए विभिन्न धर्म और परम्पराओं ने विश्व के अलग-अलग हिस्सों को भी बहुत प्रभावित किया है। .

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भारत २०१०

इन्हें भी देखें 2014 भारत 2014 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2014 साहित्य संगीत कला 2014 खेल जगत 2014 .

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मोहम्मद युनुस (अन्ना वीरता पदकधारक)

मोहम्मद युनुस भारत के प्रसिद्ध शहर चेन्नई में एक ई-कॉमर्स कंपनी "प्रोपो" (अंग्रेजी: PROPO) के सह-संस्थापक हैं। उनकी प्रसिद्धि का कारण 2015 में आने वाले भयंकर तूफान के दौरान सैकड़ों चेन्नई के निवासियों को किसी धर्म, समुदाय या जाति के भेदभाव के बिना जान बचाने का महान कार्य किया है जिसे वह एक नागरिक होने के कारण अपना नैतिक कर्तव्य समझकर अंजाम दिया था। .

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रतन नवल टाटा

रतन नवल टाटा (28 दिसंबर 1937, को मुम्बई, में जन्मे) टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया। 1971 में रतन टाटा को राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (नेल्को) का डाईरेक्टर-इन-चार्ज नियुक्त किया गया, एक कंपनी जो कि सख्त वित्तीय कठिनाई की स्थिति में थी। रतन ने सुझाव दिया कि कम्पनी को उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के बजाय उच्च-प्रौद्योगिकी उत्पादों के विकास में निवेश करना चाहिए जेआरडी नेल्को के ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन की वजह से अनिच्छुक थे, क्यों कि इसने पहले कभी नियमित रूप से लाभांश का भुगतान नहीं किया था। इसके अलावा, जब रतन ने कार्य भार संभाला, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स नेल्को की बाज़ार में हिस्सेदारी २% थी और घाटा बिक्री का ४०% था। फिर भी, जेआरडी ने रतन के सुझाव का अनुसरण किया। 1972 से 1975 तक, अंततः नेल्को ने अपनी बाज़ार में हिस्सेदारी २०% तक बढ़ा ली और अपना घाटा भी पूरा कर लिया। लेकिन 1975 में, भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने आपात स्थिति घोषित कर दी, जिसकी वजह से आर्थिक मंदी आ गई। इसके बाद 1977 में यूनियन की समस्यायें हुईं, इसलिए मांग के बढ़ जाने पर भी उत्पादन में सुधार नहीं हो पाया। अंततः, टाटा ने यूनियन की हड़ताल का सामना किया, सात माह के लिए तालाबंदी (lockout) कर दी गई। रतन ने हमेशा नेल्को की मौलिक दृढ़ता में विश्वास रखा, लेकिन उद्यम आगे और न रह सका। 1977 में रतन को Empress Mills सोंपा गया, यह टाटा नियंत्रित कपड़ा मिल थी। जब उन्होंने कम्पनी का कार्य भार संभाला, यह टाटा समुह की बीमार इकाइयों में से एक थी। रतन ने इसे संभाला और यहाँ तक की एक लाभांश की घोषणा कर दी। चूँकि कम श्रम गहन उद्यमों की प्रतियोगिता ने इम्प्रेस जैसी कई उन कंपनियों को अलाभकारी बना दिया, जिनकी श्रमिक संख्या बहुत ज्यादा थी और जिन्होंने आधुनिकीकरण पर बहुत कम खर्च किया था रतन के आग्रह पर, कुछ निवेश किया गया, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था। चूंकि मोटे और मध्यम सूती कपड़े के लिए बाजार प्रतिकूल था (जो कि एम्प्रेस का कुल उत्पादन था), एम्प्रेस को भारी नुकसान होने लगा। बॉम्बे हाउस, टाटा मुख्यालय, अन्य ग्रुप कंपनिओं से फंड को हटाकर ऐसे उपक्रम में लगाने का इच्छुक नहीं था, जिसे लंबे समय तक देखभाल की आवश्यकता हो। इसलिए, कुछ टाटा निर्देशकों, मुख्यतः नानी पालखीवाला (Nani Palkhivala) ने ये फैसला लिया कि टाटा को मिल समाप्त कर देनी चाहिए, जिसे अंत में 1986 में बंद कर दिया गया। रतन इस फैसले से बेहद निराश थे और बाद में हिन्दुस्तान टाईम्स के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया कि एम्प्रेस को मिल जारी रखने के लिए सिर्फ़ ५० लाख रुपये की जरुरत थी। वर्ष 1981 में, रतन टाटा इंडस्ट्री््ज और समूह की अन्य होल्डिंग कंपनियों के अध्यक्ष बनाए गए, जहाँ वे समूह के कार्यनीतिक विचार समूह को रूपांतरित करने के लिए उत्तरदायी तथा उच्च प्रौद्योगिकी व्यापारों में नए उद्यमों के प्रवर्तक थे। 1991 में उन्होंने जेआरडी से ग्रुप चेयर मेन का कार्य भार संभाला.

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रामस्वामी वेंकटरमण

रामस्वामी वेंकटरमण, (रामास्वामी वेंकटरमन, रामास्वामी वेंकटरामण या रामास्वामी वेंकटरमण)(४ दिसंबर १९१०-२७ जनवरी २००९) भारत के ८वें राष्ट्रपति थे। वे १९८७ से १९९२ तक इस पद पर रहे। राष्ट्रपति बनने के पहले वे ४ वर्षों तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे। मंगलवार को २७ जनवरी को लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। वे ९८ वर्ष के थे। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत देश भर के अनेक राजनेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने २:३० बजे दिल्ली में सेना के रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में अंतिम साँस ली। उन्हें मूत्राशय में संक्रमण (यूरोसेप्सिस) की शिकायत के बाद विगत १२ जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे साँस संबंधी बीमारी से भी पीड़ित थे। उनका कार्यकाल १९८७ से १९९२ तक रहा। राष्ट्रपति पद पर आसीन होने से पूर्व वेंकटरमन करीब चार साल तक देश के उपराष्ट्रपति भी रहे। .

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राष्ट्रीय दिवस

ब्राजील की स्वतन्त्रता मनाने के लिये ''आजादी या मौत'' नामक प्रसिद्ध पेंटिंग राष्ट्रीय दिवस किसी देश द्वारा घोषित वह दिन या तिथि होती है जिस दिन कोई भूभाग राष्ट्र के रूप में उदित हुआ। प्रायः इस दिन सार्वजनिक छुट्टी होती है। .

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

यह लेख भारत के एक सांस्कृतिक संगठन आर एस एस के बारे में है। अन्य प्रयोग हेतु आर एस एस देखें। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत का एक दक्षिणपंथी, हिन्दू राष्ट्रवादी, अर्धसैनिक, स्वयंसेवक संगठन हैं, जो व्यापक रूप से भारत के सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी का पैतृक संगठन माना जाता हैं। यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अपेक्षा संघ या आर.एस.एस. के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। बीबीसी के अनुसार संघ विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संस्थान है। .

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राष्‍ट्रीय चैनल

यह भारतीय टीवी दूरदर्शन के राष्‍ट्रीय चैनल हैं। इसमें (5): दूरदर्शन नेशनल, डीडी न्यूज़, डीडी भारती, डीडी स्पोर्ट्स और डीडी उर्दू ये पाँच चैनल आते हैं। डीडी-नेशनल पर ऐसे राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं जिनका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना तथा मन में एकता एवं भाई-चारे की भावना बैठाना है। यह चैनल दर्शकों की दृष्टि से देश का नम्बर एक चैनल है। डीडी-नेशनल पर मनोरंजन, सूचना एवं शिक्षा संबंधी कार्यक्रमों का स्वस्थ मिश्रण होता है। इस चैनल पर प्रात: 5.30 बजे से मध्य रात्रि तक स्थलीय मोड में सेवा उपलब्ध कराई जाती है। उपग्रह मोड में डीडी-नेशनल चौबीस घंटे उपलब्ध रहता है। लोक सेवा के इस मिश्रित चैनल के प्रसारण का समय इस ढंग से तैयार किया गया है कि यह विभिन्न समयों पर विभिन्न श्रेणी के दर्शकों की आवश्यकताओं को पूरा करता है। सभी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आयोजनों जैसे गणतंत्र दिवस परेड, स्वतंत्रता दिवस समारोहों राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधनों, संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण, संसद में होने वाली महत्वपूर्ण बहसों, रेलवे और आम बजट प्रस्तुत करने, लोकसभा और राज्यसभा के प्रश्न काल, चुनाव परिणाम और उनका विश्लेषण, शपथ ग्रहण समारोहों, राष्ट्रपति एवं प्रधान मंत्री की विदेश यात्राओं और विदेश से भारत आने वाले विशिष्ट व्यक्तियों की यात्राओं का डीडी-नेशनल पर सीधा प्रसारण किया जाता है। महत्वपूर्ण खेल-कूद आयोजनों जैसे ओलंपिक, एशियाई खेल, क्रिकेट टेस्ट मैचों और अन्तर्राष्ट्रीय एक दिवसीय मैचों, जिनमें भारत एवं अन्य महत्वपूर्ण खेल प्रतिद्वंदी भाग ले रहे हों, का भी सीधा प्रसारण किया जाता है। शिक्षा संबंधी कार्यक्रम इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), केंद्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी) और राज्य शिक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (एसआईईटी) जैसे विभिन्न स्रोतों से प्राप्त किए जाते हैं। इसके अलावा, टर्निंग प्वाइंट, प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम, टेरा क्विज और भूमि (पर्यावरण से संबंधित कार्यक्रम) जैसे प्रायोजित कार्यक्रम, महिलाओं, जनजातीय मामलों से जुड़े विषयों पर कार्यक्रम और लोक सेवा संबंधी अन्य कार्यक्रम भी नियमित आधार पर प्रसारित किए जाते हैं। .

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संविधान दिवस (भारत)

संविधान दिवस (26 नवम्बर) भारत गणराज्य का संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हुआ था। संविधान सभा के निर्मात्री समिति के अध्यक्ष डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवम्बर 2015 को संविधान दिवस मनाया गया। डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारत के महान संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवम्बर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया। गणतंत्र भारत में 26 जनवरी 1950 से संविधान अमल में लाया गया। आंबेडकरवादी और बौद्ध लोगों द्वारा कई दशकों पूर्व से ‘संविधान दिवस’ मनाया जाता है। भारत सरकार द्वारा पहली बार 2015 से डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के इस महान योगदान के रूप में 26 नवम्बर को "संविधान दिवस" मनाया गया। 26 नवंबर का दिन संविधान के महत्व का प्रसार करने और डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के विचारों और अवधारणाओं का प्रसार करने के लिए चुना गया था। .

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स्‍वतंत्रता दिवस (भारत)

भारत का स्वतंत्रता दिवस (अंग्रेज़ी: Independence Day of India, हिंदी:इंडिपेंडेंस डे ऑफ़ इंडिया) हर वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है। सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्‍वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। 15 अगस्त 1947 के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने, दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। महात्मा गाँधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लोगों ने काफी हद तक अहिंसक प्रतिरोध और सविनय अवज्ञा आंदोलनों में हिस्सा लिया। स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित किया गया, जिसमें भारत और पाकिस्तान का उदय हुआ। विभाजन के बाद दोनों देशों में हिंसक दंगे भड़क गए और सांप्रदायिक हिंसा की अनेक घटनाएं हुईं। विभाजन के कारण मनुष्य जाति के इतिहास में इतनी ज्यादा संख्या में लोगों का विस्थापन कभी नहीं हुआ। यह संख्या तकरीबन 1.45 करोड़ थी। 1951 की विस्थापित जनगणना के अनुसार विभाजन के एकदम बाद 72,26,000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गये और 72,49,000 हिन्दू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत आए। इस दिन को झंडा फहराने के समारोह, परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। भारतीय इस दिन अपनी पोशाक, सामान, घरों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर इस उत्सव को मनाते हैं और परिवार व दोस्तों के साथ देशभक्ति फिल्में देखते हैं, देशभक्ति के गीत सुनते हैं। - archive.india.gov.in .

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हाजीपुर

हाजीपुर (Hajipur) भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त के वैशाली जिला का मुख्यालय है। हाजीपुर भारत की संसदीय व्यवस्था के अन्तर्गत एक लोकसभा क्षेत्र भी है। 12 अक्टुबर 1972 को मुजफ्फरपुर से अलग होकर वैशाली के स्वतंत्र जिला बनने के बाद हाजीपुर इसका मुख्यालय बना। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावा आज यह शहर भारतीय रेल के पूर्व-मध्य रेलवे मुख्यालय है, इसकी स्थापना 8 सितम्बर 1996 को हुई थी।, राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। .

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हवलदार गजेन्द्र सिंह

गजेंद्र सिंह बिष्ट (1 9 72-28 नवंबर 2008) एक एनएसजी कमांडो और हवालदार (सर्जेंट) थे, जिनकी 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान मृत्यु हो गई थी। भारत के गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2009 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा अशोक चक्र पुरस्कार के साथ उनकी बहादुरी का सम्मान सम्मानित किया गया। .

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हुर्रियत काँफ़्रेंस

ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंसजम्मू और कश्मीर के 23 विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों का गठबंधन है। ये एक राजनीतिक मोर्चा है और कश्मीर के भारत से अलगाव की वकालत करता है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने एलान किया है कि वह जम्मू और कश्मीर राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में हिस्सा नहीं लेगी। हालांकि कई प्रमुख मुद्दों पर इस गठबंधन के सदस्यों के भीतर आम राय नहीं है और समय-समय पर इनके मतभेद खुलकर सामने आते हैं। बरसों तक अलग-थलग रहने के बाद हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने नवंबर 2000 में भारत सरकार के एक तरफ़ा युद्ध विराम के एलान के बाद भारत सरकार से संपर्क स्थापित करने के संकेत दिए थे। लेकिन दोनों पक्षों के अपने-अपने रुख़ पर अड़े रहने से ऐसा नहीं हो सका। .

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होशियार सिंह

मेजर (बाद में ब्रिगेडियर) होशियार सिंह दहिया (5 मई 1937 - 6 दिसम्बर 1998), परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक थे। इनका जन्म हरियाणा के सोनीपत जिले के सिसाणा गांव में हिंदू जाट परिवार में चौधरी हीरा सिंह के यहाँ हुआ था। उन्होंने भारतीय सेना में समर्पण के साथ सेवा की और ब्रिगेडियर के रूप में सेवानिवृत्त हुए। उन्हें भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। 6 दिसंबर 1998 को प्राकृतिक कारणों से उनका निधन हो गया। .

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वैशाली जिला

वैशाली (Vaishali) बिहार प्रान्त के तिरहुत प्रमंडल का एक जिला है। मुजफ्फरपुर से अलग होकर १२ अक्टुबर १९७२ को वैशाली एक अलग जिला बना। वैशाली जिले का मुख्यालय हाजीपुर में है। बज्जिका तथा हिन्दी यहाँ की मुख्य भाषा है। ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार वैशाली में ही विश्व का सबसे पहला गणतंत्र यानि "रिपब्लिक" कायम किया गया था। वैशाली जिला भगवान महावीर की जन्म स्थली होने के कारण जैन धर्म के मतावलम्बियों के लिए एक पवित्र नगरी है। भगवान बुद्ध का इस धरती पर तीन बार आगमन हुआ। भगवान बुद्ध के समय सोलह महाजनपदों में वैशाली का स्थान मगध के समान महत्त्वपूर्ण था। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावे आज यह जिला राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। .

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गणतन्त्र दिवस (भारत)

गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई० एन० सी०) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, अन्य दो स्‍वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती हैं। .

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गणराज्य

एक गणराज्य या गणतंत्र (रेस पब्लिका) सरकार का एक रूप है जिसमें देश को एक "सार्वजनिक मामला" माना जाता है, न कि शासकों की निजी संस्था या सम्पत्ति। एक गणराज्य के भीतर सत्ता के प्राथमिक पद विरासत में नहीं मिलते हैं। यह सरकार का एक रूप है जिसके अंतर्गत राज्य का प्रमुख राजा नहीं होता। गणराज्य की परिभाषा का विशेष रूप से सन्दर्भ सरकार के एक ऐसे रूप से है जिसमें व्यक्ति नागरिक निकाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और किसी संविधान के तहत विधि के नियम के अनुसार शक्ति का प्रयोग करते हैं, और जिसमें निर्वाचित राज्य के प्रमुख के साथ शक्तियों का पृथक्करण शामिल होता हैं, व जिस राज्य का सन्दर्भ संवैधानिक गणराज्य या प्रतिनिधि लोकतंत्र से हैं। 2017 तक, दुनिया के 206 सम्प्रभु राज्यों में से 159 अपने आधिकारिक नाम के हिस्से में "रिपब्लिक" शब्द का उपयोग करते हैं - निर्वाचित सरकारों के अर्थ से ये सभी गणराज्य नहीं हैं, ना ही निर्वाचित सरकार वाले सभी राष्ट्रों के नामों में "गणराज्य" शब्द का उपयोग किया गया हैं। भले राज्यप्रमुख अक्सर यह दावा करते हैं कि वे "शासितों की सहमति" से ही शासन करते हैं, नागरिकों को अपने स्वयं के नेताओं को चुनने की वास्तविक क्षमता को उपलब्ध कराने के असली उद्देश्य के बदले कुछ देशों में चुनाव "शो" के उद्देश्य से अधिक पाया गया है। गणराज्य (संस्कृत से; "गण": जनता, "राज्य": रियासत/देश) एक ऐसा देश होता है जहां के शासनतन्त्र में सैद्धान्तिक रूप से देश का सर्वोच्च पद पर आम जनता में से कोई भी व्यक्ति पदासीन हो सकता है। इस तरह के शासनतन्त्र को गणतन्त्र(संस्कृत; गण:पूरी जनता, तंत्र:प्रणाली; जनता द्वारा नियंत्रित प्रणाली) कहा जाता है। "लोकतंत्र" या "प्रजातंत्र" इससे अलग होता है। लोकतन्त्र वो शासनतन्त्र होता है जहाँ वास्तव में सामान्य जनता या उसके बहुमत की इच्छा से शासन चलता है। आज विश्व के अधिकान्श देश गणराज्य हैं और इसके साथ-साथ लोकतान्त्रिक भी। भारत स्वयः एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। .

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इण्डिया गेट

भारत की राजधानी नई दिल्ली का इण्डिया गेट इण्डिया गेट, (मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक कहा जाता है), नई दिल्ली के राजपथ पर स्थित ४३ मीटर ऊँचा विशाल द्वार है। यह स्वतन्त्र भारत का राष्ट्रीय स्मारक है, जिसे पूर्व में किंग्सवे कहा जाता था। इसका डिजाइन सर एडवर्ड लुटियन्स ने तैयार किया था। यह स्मारक पेरिस के आर्क डे ट्रॉयम्फ़ से प्रेरित है। इसे सन् १९३१ में बनाया गया था। मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के रूप में जाने वाले इस स्मारक का निर्माण अंग्रेज शासकों द्वारा उन ९०००० भारतीय सैनिकों की स्मृति में किया गया था जो ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर प्रथम विश्वयुद्ध और अफ़ग़ान युद्धों में शहीद हुए थे। यूनाइटेड किंगडम के कुछ सैनिकों और अधिकारियों सहित 13,300 सैनिकों के नाम, गेट पर उत्कीर्ण हैं। लाल और पीले बलुआ पत्थरों से बना हुआ यह स्मारक दर्शनीय है। जब इण्डिया गेट बनकर तैयार हुआ था तब इसके सामने जार्ज पंचम की एक मूर्ति लगी हुई थी। जिसे बाद में ब्रिटिश राज के समय की अन्य मूर्तियों के साथ कोरोनेशन पार्क में स्थापित कर दिया गया। अब जार्ज पंचम की मूर्ति की जगह प्रतीक के रूप में केवल एक छतरी भर रह गयी है। इण्डिया गेट के नीचे अमर जवान ज्योति भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात् इण्डिया गेट भारतीय सेना के अज्ञात सैनिकों के मकबरे की साइट मात्र बनकर रह गया है। इसकी मेहराब के नीचे अमर जवान ज्योति स्थापित कर दी गयी है। अनाम सैनिकों की स्मृति में यहाँ एक राइफ़ल के ऊपर सैनिक की टोपी सजा दी गयी है जिसके चारो कोनों पर सदैव एक ज्योति जलती रहती है। इस अमर जवान ज्योति पर प्रति वर्ष प्रधान मन्त्री व तीनों सेनाध्यक्ष पुष्प चक्र चढ़ाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इण्डिया गेट की दीवारों पर हजारों शहीद सैनिकों के नाम खुदे हैं और सबसे ऊपर अंग्रेजी में लिखा हैः दिल्ली की कई महत्वपूर्ण सड़कें इण्डिया गेट के कोनों से निकलती हैं। रात के समय यहाँ मेले जैसा माहौल होता है। .

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करम सिंह

लांस नायक करम सिंह (बाद में सूबेदार एवं मानद कैप्टन) (15 सितम्बर 1915 - 20 जनवरी 1993), परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले प्रथम जीवित भारतीय सैनिक थे। श्री सिंह 1941 में सेना में शामिल हुए थे और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा की ओर से भाग लिया था जिसमे उल्लेखनीय योगदान के कारण उन्हें ब्रिटिश भारत द्वारा मिलिट्री मैडल (एमएम) दिया गया। उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध 1947 में भी लड़ा था जिसमे टिथवाल के दक्षिण में स्थित रीछमार गली में एक अग्रेषित्त पोस्ट को बचाने में उनकी सराहनीय भूमिका के लिए सन 1948 में परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। वह 1947 में आजादी के बाद पहली बार भारतीय ध्वज को उठाने के लिए चुने गए पांच सैनिकों में से एक थे। सिंह बाद में सूबेदार के पद पर पहुंचे और सितंबर 1969 में उनकी सेवानिवृत्ति से पहले उन्हें मानद कैप्टन का दर्जा मिला। .

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कंवरपाल गुर्जर

कंवरपाल गुर्जर; जन्म: 08 मई 1960) हरियाणा के जिला(यमुनानगर), कंवरपाल, गाँव बहादुरपुर, पोस्ट ऑफिस खिजराबाद, तहसील छछरौली, जिला यमुनानगर। हरियाणा में भाजपा से (3 नवंबर, 2014) को 13वी विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में शपथ ग्रहण की। कंवरपाल हरियाणा के यमुनानगर जिले के रहने वाले है और 13वी विधानसभा में जगाधरी से विधायक है इनके नेतृत्व में हरियाणा सरकार में बहुत बहुमल्य मुद्दों पर बिल पास किये जा रहे हैं, अपने कार्य और कर्तव्य के प्रति कंवरपाल जी की सच्ची सेवा और धार्मिक कार्यो में निजी योगदान इनके धार्मिक सवभाव को दर्शाता है। अपनी सादगी और मिलनसार वर्ताव के कारण जनता में इतना फेमस शायद ही कोई और विधायक होगा, जिसने जनता से इतना प्यार प्राप्त किया हो, राजनीती और काजनीति का एक बहुत अच्छा उदहारण अगर कंवरपाल जी को कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। .

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अरुण खेतरपाल

सेकेण्ड लेफ्टिनेन्ट अरुण खेतरपाल, परमवीर चक्र (14 अक्टूबर 1950 – 16 दिसम्बर 1971), भारतीय सेना के एक अधिकारी थे जिन्हें दुश्मन के सामने बहादुरी के लिए भारत का सर्वोच्च सैन्य अलंकरण परमवीर चक्र मरणोपरान्त प्रदान किया गया था। खेतरपाल १९७१ के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अद्भुत पराक्रम दिखाते हुए वे वीरगति को प्राप्त हुए थे। .

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी जिसमें उन्होंने कहा: जिसके बाद 21 जून को " अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" घोषित किया गया। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को " अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है। .

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२६ जनवरी

26 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 26वाँ दिन है। साल में अभी और 339 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 340)।.

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1 गोरखा राइफल्स

1 गुरखा राइफल्स, भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है। यह एक गोरखा इंफेंट्री रेजिमेंट है जिसमें नेपाली मूल के गोरखा सैनिक शामिल हैं। मूल रूप से 1815 में ब्रिटिश भारतीय सेना के हिस्से के रूप में इसका गठन किया गया था, बाद में, प्रथम किंग जॉर्ज पंचम की खुद की गोरखा राइफल्स (मलऊन रेजिमेंट) के शीर्षक को अपना लिया गया। हालांकि, 1947 में, भारत की स्वतंत्रता के बाद, इसे भारतीय सेना को हस्तांतरित किया गया सेना और 1950 में जब भारत एक गणराज्य बन गया, तो इसका नाम 1 गोरखा राइफल्स (मलऊन रेजिमेंट) रखा गया। रेजिमेंट को काफी लंबा अनुभव है और आजादी से पहले कई औपनिवेशिक संघर्षों, साथ ही प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध सहित कई संघर्षों में भाग लिया है। 1947 के बाद से रेजिमेंट संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों का हिस्सा भी रही है व 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ अभियानों में भाग भी भाग लिया है। .

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4 गोरखा राइफल्स

4 गुरखा राइफल्स, भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है। यह एक गोरखा इंफेंट्री रेजिमेंट है जिसमें नेपाली मूल के गोरखा सैनिकों शामिल हैं। मूल रूप से 1815 में ब्रिटिश भारतीय सेना के हिस्से के रूप में इसका गठन किया गया था, 1947 में, भारत की स्वतंत्रता के बाद, इसे भारतीय सेना को हस्तांतरित किया गया सेना और 1950 में जब भारत एक गणराज्य बन गया, तो इसका नाम 1 गोरखा राइफल्स (मलऊन रेजिमेंट) रखा गया। रेजिमेंट को काफी लंबा अनुभव है और आजादी से पहले कई औपनिवेशिक संघर्षों, साथ ही प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध सहित कई संघर्ष में भाग लिया है। 1947 के बाद से रेजिमेंट संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों का हिस्से हिस्सा भी रही है व 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ अभियानों में भाग भी भाग लिया है।.

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26 जनवरी 1950, भारत में गणतन्त्र दिवस, साधारणतन्त्र दिवस (भारत), गणतन्त्र दिवस, गणतंत्र दिवस, गणतंत्र दिवस (भारत)

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