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खो-खो

सूची खो-खो

खो-खो खेल खो-खो एक भारतीय मैदानी खेल है। इस खेल में मैदान के दोनो ओर दो खम्भों के अतिरिक्त किसी अन्य साधन की जरूरत नहीं पड़ती। यह एक अनूठा स्वदेशी खेल है, जो युवाओं में ओज और स्वस्थ संघर्षशील जोश भरने वाला है। यह खेल पीछा करने वाले और प्रतिरक्षक, दोनों में अत्यधिक तंदुरुस्ती, कौशल, गति और ऊर्जा की माँग करता है। खो-खो किसी भी तरह की सतह पर खेला जा सकता है। .

6 संबंधों: भारत में खेल, मध्य प्रदेश, लगोरी, वनस्थली विद्यापीठ, कर्नाटक, कर्नाटक में खेल

भारत में खेल

भारत में खेल प्राचीन काल से आधुनिक काल तक परिवर्तन की विभिन्न अवस्थाओं से गुजरे हैं। कबड्डी, शतरंज, खो-खो, कुश्ति, गिल्ली-डंडा, तीरंदाजी आदि परंपरागत खेलों के अलावा विभिन्न देशों के संपर्क में आने से भारत में क्रिकेट, जूडो, सूटिंग, टेनिस, बैडमिंटन आदि खेलों का भी खूब प्रचलन हुआ है। .

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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है, इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश १ नवंबर, २००० तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटा कर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। हाल के वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर हो गया है। खनिज संसाधनों से समृद्ध, मध्य प्रदेश हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है। अपने क्षेत्र की 30% से अधिक वन क्षेत्र के अधीन है। इसके पर्यटन उद्योग में काफी वृद्धि हुई है। राज्य में वर्ष 2010-11 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीत लिया। .

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लगोरी

लगोरी (अंग्रेजी:Lagori, dikori or lagoori) (राजस्थानी: सतोळ एक खेल है जो ज्यादातर १० से ज्यादा उम्र वाले ही खेलते हैं। लगोरी राजस्थान में तथा बैंगलोर,चेन्नई में काफी प्रसिद्ध है। राजस्थानी भाषा में इसे सतोळ या सतोलिया के नाम से जाना जाता है। इस खेल में ७ पत्थर के टुकड़े लिए जाते हैं।. .

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वनस्थली विद्यापीठ

वनस्थली विद्यापीठ महिला शिक्षा की राष्ट्रीय संस्था है जो राजस्थान के टोंक जिले की निवाई में स्थित है। जहॉ शिशु कक्षा से लेकर स्नातकोत्तर शिक्षण एंव अनुसंधान कार्य हो रहा है। विद्यापीठ को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम की धारा 3 के अधीन भारत सरकार द्वारा समविश्वविद्यालय घोषित किया गया है। विद्यापीठ भारतीय विश्वविद्यालय संघ तथा एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटीज का सदस्य है। वनस्थली का वातावरण स्वतंत्रता का वातावरण है। छात्राओं को अधिकतम स्वतन्त्रता दी जाती है और उनके व्यक्तित्व के निर्माण का प्रयास किया जाता है। जो छात्रा दो-चार वर्ष वनस्थली में पढ़ लेती है उसके व्यक्तित्व मे वनस्थली की झलक देखी जा सकती है। वनस्थली के विशाल पुस्तकालय में लगभग एक लाख पुस्तकें हैं जिनमें उच्चकोटि के अनेक दुर्लभ ग्रन्थ भी हैं। लगभग 750 पत्रिकाएँ नियमित रूप से आती हैं जिनमें उच्च स्तर की विदेशी पत्रिकाएँ भी हैं। क्षेत्रीय स्तर पर, राज्य के स्तर पर, तथा राष्ट्रीय स्तर पर भी वनस्थली की छात्राएँ खेलकूद के विभिन्न कार्यक्रमों में पुरस्कृत होती है। घुड़सवारी के प्रशिक्षण की यहाँ जो व्यवस्था है वह यही का एक विशिष्ट और सराहनीय पक्ष है। लगभग प्रतिवर्ष ही राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड तथा राजस्थान विश्वविद्यालय की मेरिट लिस्ट में यहाँ की छात्राएँ भी स्थान पाती हैं। वनस्थली का उच्च माध्यमिक विद्यालय देश का प्रथम 'गर्ल्स ऑटोनॉमस स्कूल' है। .

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कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कर्नाटक में खेल

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान, अनिल कुंबले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के लिये सर्वाधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी कर्नाटक का एक छोटा सा जिला कोडगु भारतीय हाकी टीम के लिये सर्वाधिक योगदान देता है। यहां से अनेक खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हॉकी में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। वार्षिक कोडव हॉकी उत्सव विश्व में सबसे बड़ा हॉकी टूर्नामेण्ट है। बंगलुरु शहर में महिला टेनिस संघ (डब्लु.टी.ए का एक टेनिस ईवेन्ट भी हुआ है, तथा १९९७ में शहर भारत के चतुर्थ राष्ट्रीय खेल सम्मेलन का भी मेजबान रहा है। इसी शहर में भारत के सर्वोच्च क्रीड़ा संस्थान, भारतीय खेल प्राधिकरण तथा नाइके टेनिस अकादमी भी स्थित हैं। अन्य राज्यों की तुलना में तैराकी के भी उच्च आनक भी कर्नाटक में ही मिलते हैं। राज्य का एक लोकप्रिय खेल क्रिकेट है। राज्य की क्रिकेट टीम छः बार रणजी ट्रॉफी जीत चुकी है और जीत के आंकड़ों में माट्र मुंबई क्रिकेट टीम से पीछे रही है। बंगलुरु स्थित चिन्नास्वामी स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों का आयोजन होता रहता है। साथ ही ये २००० में आरंभ हुई राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी का भी केन्द्र रहा है, जहां अकादमी भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को तैयार करती है। राज्य क्रिकेट टीम के कई प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी रहे हैं। १९९० के दशक में हुए एक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में यहीं के खिलाड़ियों का बाहुल्य रहा था। इस मैच में सुजीत सोमसुंदर, राहुल द्रविड़, जावागल श्रीनाथ, सुनील जोशी, अनिल कुंबले तथा व्यंकटेश प्रसाद आदि खिलाड़ी कर्नाटक से ही थे: Vijay Bharadwaj, Rahul Dravid, Javagal Srinath, Sunil Joshi, Anil Kumble and Venkatesh Prasad, all from Karnataka played in this match: कर्नाटक प्रीमियर लीग राज्य का एक अंतर्क्षेत्रीय ट्वेन्टी-ट्वेन्टी क्रिकेट टूर्नामेंट है। रॉयल चैलेन्जर्स बैंगलौर भारतीय प्रीमियर लीग का एक फ़्रैंचाइज़ी है जो बंगलुरु में ही स्थित है। राज्य के अंचलिक क्षेत्र्रों में खो खो, कबड्डी, चिन्नई डांडु तथा गोली आदि खेल खूब खेले जाते हैं। राज्य के उल्लेखनीय खिलाड़ियों में १९८० के ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप विजेता प्रकाश पादुकोन का नाम सम्मान से लिया जाता है। इनके अलावा पंकज आडवाणी भी उल्लेखनीय हैं, जिन्होंने २० वर्ष की आयु से ही बैडमिंटन स्पर्धाएं आरंभ कर दी थीं तथा तथा क्यू स्पोर्ट्स के तीन उपाधियां धारण की हैं, जिनमें २००३ की विश्व स्नूकर चैंपियनशिप एवं २००५ की विश्व बिलियर्ड्स चैंपियनशिप आती हैं। राज्य में साइकिलिंग स्पर्धाएं भी जोरों पर रही हैं। बीजापुर जिले के क्षेत्र से राष्ट्रीय स्तर के अग्रणी सायक्लिस्ट हुए हैं। मलेशिया में आयोजित हुए पर्लिस ओपन ’९९ में प्रेमलता सुरेबान भारतीय प्रतिनिधियों में से एक थीं। जिले की साइक्लिंग प्रतिभा को देखते हुए उनके उत्थान हेतु राज्य सरकार ने जिले में ४० लाख की लागत से यहां के बी.आर अंबेडकर स्टेडियम में सायक्लिंग ट्रैक बनवाया है। .

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खो खो, खोखो

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