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ख़ंजर

सूची ख़ंजर

एक वाइकिंग ख़ंजर ख़ंजर या कटार (अंग्रेज़ी: dagger) एक लड़ने के लिए प्रयोग होने वाला चाकू होता है जिस से भोंककर या काटकर चोट पहुँचाई जाती है। ख़ंजरों का प्रयोग मानव इतिहास में बहुत पुराना है और उन्हें आज तक नज़दीकी लड़ाईयों में इस्तेमाल किया जाता है। बहुत सी संस्कृतियों में ख़ंजर रीति-रिवाज और वेशभूषा में शामिल हो गए हैं, मसलन भारतीय उपमहाद्वीप में सिख लोग हमेशा कृपाण रखते हैं और यमन की पारम्परिक वेशभूषा में पुरुष 'जन्बीया' नामक ख़ंजर पहनते हैं। ख़ंजर पाषाण युग से प्रयोग होते आये हैं और दुनिया के हर भाग में मिलते हैं।, pp.

1 संबंध: जुनापाणी के शिलावर्त

जुनापाणी के शिलावर्त

जुनापाणी के शिलावर्त भारत के महाराष्ट्र राज्य के नागपुर नगर के पास स्थित जुनापाणी शहर में महापाषाण शिलावर्त (बड़ी शिलाओं से ज़मीन पर बने गोले) हैं जो यहाँ प्रागैतिहासिक काल में बनाए गए थे। यहाँ पत्थरों के ऐसे ३०० चक्र मिले हैं। सन् १८७९ में इतिहासकार जे॰ ऍच॰ रिवॅट-कारनैक ने यहाँ खुदाई करके इनकी खोज की थी। इन शिलावर्तों में लोहे के ख़ंजर, कुल्हाड़े, फावड़े, कंगन, छल्ले, तराशने के पैने औज़ार और चिमटे (जो शायद कभी लकड़ी के दस्ते रखते थे) मिले हैं। यहाँ लाल और काली मट्टी के बर्तनों के टुकड़े भी मिले हैं जिनमें से कुछ पर काले रंग से डिज़ाईन बने हुए हैं। कुछ जगहों पर लोग भी दफ़न हैं और वहाँ केअर्न (पत्थरों की व्यवस्थित ढेरियाँ) बने हुए हैं। इतिहासकारों के अनुसार यह शिलावर्त शायद १००० ईसापूर्व काल में बने हों। कुछ पत्थरों पर प्यालों के चिह्न हैं और उन्हें दिशाओं के अनुसार खड़ा किया गया है जिस से यह सम्भावना बनती है कि इनका प्रयोग खगोल-जिज्ञासा से सम्बन्धित रहा हो। हालांकि बहुत से शिलावर्त पाषाण युग में बने होते हैं, अपनी निर्माण आयु के मुताबिक़ यह शिलावर्त लौह युग में बने थे। .

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