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खरगोन

सूची खरगोन

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9 संबंधों: चौदहवीं लोकसभा, बड़वानी ज़िला, बालकृष्ण पाटीदार, भगोरिया, मध्य प्रदेश, श्री हनुमान जी मंदिर उबदी, खरगोन ज़िला, इन्दौर रियासत, अरुण सुभाषचन्द्र यादव

चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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बड़वानी ज़िला

बड़वानी ज़िला भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िला मुख्यालय बड़वानी में है। ज़िले का क्षेत्रफल 5,427 किमी² तथा जनसंख्या 1,385,881 (2011 जनगणना) है। यह ज़िला मध्य प्रदेश के दक्षिण पश्चिम में स्थित है, नर्मदा नदी इसकी उत्तरी सीमा बनाती है। सेंधवा इसका प्रसिद्ध नगर है। यह कपास के लिये प्रसिद्ध है। यह एक तहसील भी है। जिले का सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है यहाँ के किले का ऐतिहासिक महत्व है। बड़वानी नगर से 8 किलोमीटर दूर सतपुड़ा की पहाड़ियों में भगवान ऋषभदेव की 84 फ़ीट की एक पत्थर से निर्मित प्रतिमा पहाड़ों से निकली है। जो बावनगजा के नाम से प्रसिद्ध है। तथा यहाँ पर धान उद्यान केंद्र है बड़वानी ज़िले की तहसील:- 1.

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बालकृष्ण पाटीदार

श्री बालकृष्ण पाटीदार का जन्म 5 अगस्त, 1953 को खरगोन जिले के टेमला ग्राम में हुआ। बाऊजी पाटीदार के पुत्र श्री बालकृष्ण पाटीदार मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त हैं। श्री पाटीदार का संबंध कृषि क्षेत्र से है। कृषि एवं समाज सेवा में भी पाटीदार की विशेष रूचि है। श्री पाटीदार विगत कई वर्षों से पाटीदार समाज के जिला अध्यक्ष हैं। वर्ष 1990-1993 में मध्यप्रदेश राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम के संचालक, वर्ष 1992-93 में कृषि उपज मंडी समिति खरगोन के अध्यक्ष, वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रहे हैं। वर्ष 2008 में तेरहवीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी बोर्ड के सदस्य रहे। श्री पाटीदार सन 2013 में बारहवीं विधानसभा के लिये खरगोन (185) निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए है। श्री पाटीदार को 3 फरवरी 2018 को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्री-मंडल में राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया है। .

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भगोरिया

भगोरिया एक उत्सव है जो होली का ही एक रूप है। यह मध्य प्रदेश के मालवा अंचल (धार, झाबुआ, खरगोन आदि) के आदिवासी इलाकों में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। भगोरिया के समय धार, झाबुआ, खरगोन आदि क्षेत्रों के हाट-बाजार मेले का रूप ले लेते हैं और हर तरफ फागुन और प्यार का रंग बिखरा नजर आता है। भगोरिया हाट-बाजारों में युवक-युवती बेहद सजधज कर अपने भावी जीवनसाथी को ढूँढने आते हैं। इनमें आपसी रजामंदी जाहिर करने का तरीका भी बेहद निराला होता है। सबसे पहले लड़का लड़की को पान खाने के लिए देता है। यदि लड़की पान खा ले तो हाँ समझी जाती है। इसके बाद लड़का लड़की को लेकर भगोरिया हाट से भाग जाता है और दोनों विवाह कर लेते हैं। इसी तरह यदि लड़का लड़की के गाल पर गुलाबी रंग लगा दे और जवाब में लड़की भी लड़के के गाल पर गुलाबी रंग मल दे तो भी रिश्ता तय माना जाता है। .

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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है, इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश १ नवंबर, २००० तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटा कर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। हाल के वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर हो गया है। खनिज संसाधनों से समृद्ध, मध्य प्रदेश हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है। अपने क्षेत्र की 30% से अधिक वन क्षेत्र के अधीन है। इसके पर्यटन उद्योग में काफी वृद्धि हुई है। राज्य में वर्ष 2010-11 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीत लिया। .

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श्री हनुमान जी मंदिर उबदी

मन्दिर स्थित हनुमानजी इतिहास - यह प्राचीन हनुमान मंदिर (अब जीर्णोद्धार द्वारा नवनिर्मित) मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के एक छोटे से ग्राम उबदी में स्थित है। प्राचीन काल में मंदिर का निर्माण गांव में तत्कालीन प्रमुख व्यक्तियों के निर्देशन में पूरे गांव के सहयोग से किया गया होगा, किन्तु इस तथ्य के साक्ष्य, पुराकालीन मंदिर निर्माण समिति और दानदाताओं का विस्तृत उल्लेख पूर्णरूप से प्राप्त नही है। तथापि यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जब इस प्राचीन गांव को बसाया गया होगा, उसी समय गांव के सर्वेसर्वा अथवा कर्ता-धर्ताओं ने मंदिर को मूर्तरूप दिया होगा और इसी विषय में गांव के वृद्ध नागरिकों से मंदिर से जुड़ी प्राचीन कहानियां भी सुनने को मिलती है। 80 के दशक में मन्दिर में हनुमान जी की प्राचीन मूर्ति को किसी असामाजिक तत्व द्वारा खण्डित कर दिए जाने पर गांव के नागरिक "महिमाराम कन्हैया पाटीदार जी" द्वारा मूर्ति दान स्वरूप प्रदान की गयी। गांव के समाजसेवी "श्री सीताराम पाटीदार(मामाजी)" के सतत प्रयासों और गांव के प्रबुद्ध व्यक्तियों के अटूट सहयोग से वर्षों पश्चात मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए वर्ष 2016 में आम नागरिकों को एकत्रित कर एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसके अनुसार प्राचीन मंदिर को तोड़कर एक नए भव्य मंदिर की योजना स्वीकृत की गयी। ग्रामवासियों के सहयोग से धनराशि एकत्र कर मंदिर निर्माण योजना का शुभारंभ किया गया और समिति में अलग-अलग पदाधिकारियों को अलग-अलग दायित्व सौंपे गए। लगभग 8 माह में बनकर तैयार पुनर्निर्मित मंदिर का उद्घाटन 30 जुलाई 2017, मिति श्रावण शुक्ल सप्तमी, विक्रम संवत 2074 को गोस्वामी तुलसीदास जयंती के पावन पर्व किया गया। मानचित्र - पुनर्निर्मित हनुमान मंदिर गांव के एकदम अंतिम छोर पर स्थित है। खरगोन - ठीकरी मार्ग पर गांव में स्थित शिवम मुखरंजन से दाहिने हाथ से गांव में प्रवेश करने वाली एक मुख्य गली सीधे हनुमान मंदिर तक पहुंचती है। दक्षिणमुखी इस मंदिर के पास ही ग्राम पंधानिया जाने के लिए एक संक्षिप्त मार्ग है। एक प्राचीन बावड़ी और बरगद के प्राचीन व विशाल वृक्ष मंदिर के बायीं ओर स्थित है। इस स्थान का प्राचीन काल में गांव के साथ बहुत ही महत्वपूर्ण सम्बंध रहा है। यह प्राचीन मंदिर, गांव के मध्य स्थित श्रीराम मंदिर से कुछ ही कदम की दुरी पर स्थित है। यह मंदिर गांव से ढलान वाली भूमि पर खड़ा है। मंदिर के गर्भगृह में संकतमोचन बजरंगबली की शिलाखण्ड पर उकेरी हुई मूर्ति स्थापित है। गर्भगृह के समक्ष ही बांयी ओर भगवान भोलेनाथ का एक छोटा मंदिर भी बनाया गया है। मंदिर से बाहर परिसर में दांयी ओर शीतला माता व छठी माता मंदिर का निर्माण भी पृथक रूप में किया गया है। निवासियों के अनुसार, यहां स्थित प्राचीन बावड़ी से मोट द्वारा पानी निकालकर पुरे गांव को पानी की आपूर्ति यहीं से की जाती थी। पुराने समय में विवाह जैसे अवसरों पर सहभोज का कार्यक्रम भी यहीं आयोजित किया जाता था। दानदाता - वैसे तो मंदिर निर्माण समिति की ओर से दानदाताओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त नही हुई है, किन्तु कुछ दानदाताओं के नाम ज्ञात है, जो निम्नलिखित है ―  1.

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खरगोन ज़िला

खरगोन भारत देश में मध्य प्रदेश राज्य का जिला है। इसका मुख्यालय खारगोन है। .

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इन्दौर रियासत

इन्दौर रियासत, जिसे होल्कर रियासत भी कहा जाता है, ब्रिटिश राज के दौरान भारत का एक मराठा रियासत था। उसके शासक होलकर राजवंश के थे और मध्य भारत एजेंसी के अधीन था। इन्दौर रियासत को 19 गन सैल्यूट (21 स्थानीय स्तर) प्राप्त था। इन्दौर रियासत, वर्तमान-भारतीय राज्य मध्य प्रदेश में स्थित था। रियासत की राजधानी इन्दौर शहर थी। रियासत का क्षेत्रफल 24,605 ​​किमी² था और 1931 में इसकी आबादी 1,325,089 थी; इन्दौर के अलावा अन्य महत्वपूर्ण शहरों में महेश्वर, रामपुरा, खरगोन, मेहदपुर, बड़वाह और भानपुर थे। यहाँ कुल 3,368 गांव भी थे। .

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अरुण सुभाषचन्द्र यादव

अरुण सुभाषचन्द्र यादव एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं 14वीं और 15वीं लोक सभा के सदस्य थे।  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं13 जनवरी 2014 से १ मई २०१८  मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (MPCC) के अध्यक्ष रह चुके हैं.

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