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खड़गपुर

सूची खड़गपुर

खड़गपुर भारत के पश्चिम बंगाल प्रान्त के पश्चिम मिदनापुर जिले में स्थित एक कस्बा है। खड़गपुर को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के पहले परिसर के लिए चुना गया था। वर्तमान समय में यहां कई औद्योगिक ईकाईयां भी स्थापित हैं।.

16 संबंधों: भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार, भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची, भारत में विश्वविद्यालयों की सूची, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर, भारतीय शिक्षा का इतिहास, भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इतिहास, भारतीय विज्ञान संस्थान, भारतीय इतिहास की समयरेखा, भिखारी ठाकुर, स्वतन्त्रता के बाद भारत का संक्षिप्त इतिहास, ज्ञानचन्द्र घोष, कलाईकुंड एयर फ़ोर्स स्टेशन, १८ अगस्त, १९५१

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संजाल भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची भारतीय राजमार्ग के क्षेत्र में एक व्यापक सूची देता है, द्वारा अनुरक्षित सड़कों के एक वर्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। ये लंबे मुख्य में दूरी roadways हैं भारत और के अत्यधिक उपयोग का मतलब है एक परिवहन भारत में। वे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा भारतीय अर्थव्यवस्था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 laned (प्रत्येक दिशा में एक), के बारे में 65,000 किमी की एक कुल, जिनमें से 5,840 किमी बदल सकता है गठन में "स्वर्ण Chathuspatha" या स्वर्णिम चतुर्भुज, एक प्रतिष्ठित परियोजना राजग सरकार द्वारा शुरू की श्री अटल बिहारी वाजपेयी.

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भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची

इस लेख में भारत के सर्वोच्च सौ महानगरीय क्षेत्रों की सूची (२००८ अनुसार) है। इन सौ महानगरों की संयुक्त जनसंख्या राष्ट्र की कुल जनसंख्या का सातवां भाग बनाती है। .

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भारत में विश्वविद्यालयों की सूची

यहाँ भारत में विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है। भारत में सार्वजनिक और निजी, दोनों विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कई भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित हैं। इनके अलावा निजी विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं, जो विभिन्न निकायों और समितियों द्वारा समर्थित हैं। शीर्ष दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों में से अधिकांश भारत में स्थित हैं। .

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भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भारत के 23 तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं। ये संस्थान भारत सरकार द्वारा स्थापित किये गये "राष्ट्रीय महत्व के संस्थान" हैं। 2018 तक, सभी 23 आईआईटी में स्नातक कार्यक्रमों के लिए सीटों की कुल संख्या 11,279 है। .

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर भारत सरकार द्बारा १९५१ में स्थापित अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) और प्रौद्योगिकी -उन्मुख एक स्वायत्त उच्च शिक्षा संस्थान है। सात आईआईटी में यह सबसे पुरानी है। भारत सरकार ने इसे आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान माना है और इसकी गणना भारत के सर्वोत्तम इंजीनियरिंग संस्थानों में होती है। आई आई टी खड़गपुर को विभिन्न इंजीनियरिंग शिक्षा सर्वेक्षणों जैसे कि इंडिया टुडे और आउटलुक में सर्वोच्च इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक का स्थान दिया गया है। १९४७ में भारत की स्वाधीनता के बाद आई आई टी खड़गपुर की स्थापना उच्च कोटि के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को प्रसिक्षित करने के लिए हुई थी। इसका संस्थागत ढांचा दूसरी IITओं की ही तरह है और इसकी प्रवेश की विधि भी बाकी IITओं के साथ ही होती है। आई आई टी खड़गपुर के छात्रों को अनौपचारिक तौर पर केजीपिअन् (KGPians) कहा जाता है। सभी IITओं में इसका कैम्पस क्षेत्रफल सबसे ज्यादा (२१०० एकड़) है और साथ ही विभाग और छात्रों की संख्या भी सर्वाधिक है। आई आई टी खड़गपुर, इल्लुमिनेशन, रंगोली, क्षितिज और स्प्रिन्ग्फेस्ट जैसे अपने वार्षिक उत्सवों के कारण जाना जाता है। .

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भारतीय शिक्षा का इतिहास

शिक्षा का केन्द्र: तक्षशिला का बौद्ध मठ भारतीय शिक्षा का इतिहास भारतीय सभ्यता का भी इतिहास है। भारतीय समाज के विकास और उसमें होने वाले परिवर्तनों की रूपरेखा में शिक्षा की जगह और उसकी भूमिका को भी निरंतर विकासशील पाते हैं। सूत्रकाल तथा लोकायत के बीच शिक्षा की सार्वजनिक प्रणाली के पश्चात हम बौद्धकालीन शिक्षा को निरंतर भौतिक तथा सामाजिक प्रतिबद्धता से परिपूर्ण होते देखते हैं। बौद्धकाल में स्त्रियों और शूद्रों को भी शिक्षा की मुख्य धारा में सम्मिलित किया गया। प्राचीन भारत में जिस शिक्षा व्यवस्था का निर्माण किया गया था वह समकालीन विश्व की शिक्षा व्यवस्था से समुन्नत व उत्कृष्ट थी लेकिन कालान्तर में भारतीय शिक्षा का व्यवस्था ह्रास हुआ। विदेशियों ने यहाँ की शिक्षा व्यवस्था को उस अनुपात में विकसित नहीं किया, जिस अनुपात में होना चाहिये था। अपने संक्रमण काल में भारतीय शिक्षा को कई चुनौतियों व समस्याओं का सामना करना पड़ा। आज भी ये चुनौतियाँ व समस्याएँ हमारे सामने हैं जिनसे दो-दो हाथ करना है। १८५० तक भारत में गुरुकुल की प्रथा चलती आ रही थी परन्तु मकोले द्वारा अंग्रेजी शिक्षा के संक्रमण के कारण भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था का अंत हुआ और भारत में कई गुरुकुल तोड़े गए और उनके स्थान पर कान्वेंट और पब्लिक स्कूल खोले गए। .

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भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इतिहास

भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विकास-यात्रा प्रागैतिहासिक काल से आरम्भ होती है। भारत का अतीत ज्ञान से परिपूर्ण था और भारतीय संसार का नेतृत्व करते थे। सबसे प्राचीन वैज्ञानिक एवं तकनीकी मानवीय क्रियाकलाप मेहरगढ़ में पाये गये हैं जो अब पाकिस्तान में है। सिन्धु घाटी की सभ्यता से होते हुए यह यात्रा राज्यों एवं साम्राज्यों तक आती है। यह यात्रा मध्यकालीन भारत में भी आगे बढ़ती रही; ब्रिटिश राज में भी भारत में विज्ञान एवं तकनीकी की पर्याप्त प्रगति हुई तथा स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है। सन् २००९ में चन्द्रमा पर यान भेजकर एवं वहाँ पानी की प्राप्ति का नया खोज करके इस क्षेत्र में भारत ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज की है। चार शताब्दियों पूर्व प्रारंभ हुई पश्चिमी विज्ञान व प्रौद्योगिकी संबंधी क्रांति में भारत क्यों शामिल नहीं हो पाया ? इसके अनेक कारणों में मौखिक शिक्षा पद्धति, लिखित पांडुलिपियों का अभाव आदि हैं। .

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भारतीय विज्ञान संस्थान

भारतीय विज्ञान संस्थान का प्रशासकीय भवन भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science) भारत का वैज्ञानिक अनुसंधान और उच्च शिक्षा के लिये अग्रगण्य शिक्षा संस्थान है। यह बंगलुरु में स्थित है। इस संस्थान की गणना भारत के इस तरह के उष्कृष्टतम संस्थानों में होती है। संस्थान ने प्रगत संगणन, अंतरिक्ष, तथा नाभिकीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया है।  2016 तक यह संस्थान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 250 संस्थानों में से एक था .

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भारतीय इतिहास की समयरेखा

पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं भारत एक साझा इतिहास के भागीदार हैं इसलिए भारतीय इतिहास की इस समय रेखा में सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की झलक है। .

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भिखारी ठाकुर

भोजपुरी के अमर कलाकार '''भिखारी ठाकुर''' भिखारी ठाकुर (१८ दिसम्बर १८८७ - १० जुलाई सन १९७१) भोजपुरी के समर्थ लोक कलाकार, रंगकर्मी लोक जागरण के सन्देश वाहक, लोक गीत तथा भजन कीर्तन के अनन्य साधक थे। वे बहु आयामी प्रतिभा के व्यक्ति थे। वे भोजपुरी गीतों एवं नाटकों की रचना एवं अपने सामाजिक कार्यों के लिये प्रसिद्ध हैं। वे एक महान लोक कलाकार थे जिन्हें 'भोजपुरी का शेक्शपीयर' कहा जाता है। वे एक ही साथ कवि, गीतकार, नाटककार, नाट्य निर्देशक, लोक संगीतकार और अभिनेता थे। भिखारी ठाकुर की मातृभाषा भोजपुरी थी और उन्होंने भोजपुरी को ही अपने काव्य और नाटक की भाषा बनाया। .

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स्वतन्त्रता के बाद भारत का संक्षिप्त इतिहास

कोई विवरण नहीं।

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ज्ञानचन्द्र घोष

ज्ञानचंद्र घोष (1894 - 1959 ई) भारत के एक अग्रगण्य वैज्ञानिक थे। .

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कलाईकुंड एयर फ़ोर्स स्टेशन

Kalaikunda Air Force Station is an Indian Air Force Base near Kharagpur, located in the Midnapore West district of the state of West Bengal.

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१८ अगस्त

18 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 230वॉ (लीप वर्ष में 231 वॉ) दिन है। साल में अभी और 135 दिन बाकी है। .

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१९५१

१९५१ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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