3 संबंधों: निशान साहिब, सिख धर्म की आलोचना, खंडा।
निशान साहिब
निशान साहिब या निशान साहब सिखों का पवित्र त्रिकोणीय ध्वज है। यह पर्चम कपास या रेशम के कपड़े का बना होता है, इसके सिरे पर एक रेशम की लटकन होती है। इसे हर गुरुद्वारे के बाहर, एक ऊंचे ध्वजडंड पर फ़ैहराया जाता है। परंपरानुसार निशान साहब को फ़ैहरा रहे डंड में ध्वजकलश(ध्वजडंड का शिखर) के रूप में एक दोधारी खंडा (तलवार) होता है, एवं स्वयं ही डंड को पूरी तरह कपड़े से लिपेटा जाता है। झंडे के केंद्र में एक खंडा चिह्न (☬) होता है। निशान साहिब खालसा पंथ का पारंपरागक प्रतीक है। काफ़ी ऊंचाई पर फ़ैहराए जाने के कारण निशान साहिब को दूर से ही देखा जा सकता है। किसी भी जगह पर इसके फहरने का दृष्य, उस मौहल्ले में खालसा पंथ की मौजूदगी का प्रतीक माना जाता है। हर बैसाखी पर इसे नीचे उतार लिया जाता है और एक नए पर्चम से बदल दिया जाता है। .
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सिख धर्म की आलोचना
सिख धर्म की आलोचना अक्सर अन्य धर्मों या सिद्धांतों के मानने वालों के द्वारा की गई है। .
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खंडा
खंडा शब्द का बोध इनमें से किसी भी विशयों से हो सकता है।.
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