8 संबंधों: दिगंश, फलित ज्योतिष, मियामी, शिरोबिंदु, खगोलीय निर्देशांक पद्धति, गोलीय खगोलशास्त्र, क्षैतिज निर्देशांक प्रणाली, अधोबिंदु।
दिगंश
किसी वस्तु का दिगंश (ऐज़िमुथ) दर्शक से मानक दिशा और दर्शक से उस वस्तु की दो रेखाओं के बीच का कोण (ऐंगल) होता है - इस चित्र में मानक दिशा उत्तर (N) है और जिस वस्तु का दिगंश बताया जा रहा है वह एक तारा है दिगंश या ऐज़िमुथ (azimuth) किसी गोलीय निर्देशांक प्रणाली (spherical coordinate system) में एक विशेष कोण (ऐंगल) के माप का नाम है। उदाहरण के लिए, अगर धरती पर खड़े किसी दर्शक के लिए किसी तारे का दिगंश मापना हो तो खगोलीय निर्देशांक पद्धति के अनुसार यह किया जा सकता है। इसमें दर्शक को खगोलीय गोले के उत्तरी ध्रुव से जोड़ने वाली काल्पनिक रेखा मानक दिशा होती है। दर्शक का चारों ओर का क्षितिज एक समतल होता है, जिसमें यह मानक दिशा की रेखा भी विद्यमान होती है। दर्शक को तारे से जोड़ने वाली एक अन्य रेखा को लम्ब (परपेंडिक्युलर) के प्रयोग से इस समतल पर उतारा जाने से दर्शक और समतल पर उस तारे के नीचे वाले बिंदु के बीच एक दूसरी रेखा बनती है। इस रेखा और मानक दिशा की रखा के बीच का कोण ही दिगंश कहलाता है।, Kenneth Y. Jo, pp.
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फलित ज्योतिष
फलित ज्योतिष उस विद्या को कहते हैं जिसमें मनुष्य तथा पृथ्वी पर, ग्रहों और तारों के शुभ तथा अशुभ प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। ज्योतिष शब्द का यौगिक अर्थ ग्रह तथा नक्षत्रों से संबंध रखनेवाली विद्या है। इस शब्द से यद्यपि गणित (सिद्धांत) ज्योतिष का भी बोध होता है, तथापि साधारण लोग ज्योतिष विद्या से फलित विद्या का अर्थ ही लेते हैं। ग्रहों तथा तारों के रंग भिन्न-भिन्न प्रकार के दिखलाई पड़ते हैं, अतएव उनसे निकलनेवाली किरणों के भी भिन्न भिन्न प्रभाव हैं। इन्हीं किरणों के प्रभाव का भारत, बैबीलोनिया, खल्डिया, यूनान, मिस्र तथा चीन आदि देशों के विद्वानों ने प्राचीन काल से अध्ययन करके ग्रहों तथा तारों का स्वभाव ज्ञात किया। पृथ्वी सौर मंडल का एक ग्रह है। अतएव इसपर तथा इसके निवासियों पर मुख्यतया सूर्य तथा सौर मंडल के ग्रहों और चंद्रमा का ही विशेष प्रभाव पड़ता है। पृथ्वी विशेष कक्षा में चलती है जिसे क्रांतिवृत्त कहते हैं। पृथ्वी फलित ज्योतिष उस विद्या को कहते हैं जिसमें मनुष्य तथा पृथ्वी पर, ग्रहों और तारों के शुभ तथा अशुभ प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। ज्योतिष शब्द का यौगिक अर्थ ग्रह तथा नक्षत्रों से संबंध रखनेवाली विद्या है। इस शब्द से यद्यपि गणित (सिद्धांत) ज्योतिष का निवासियों को सूर्य इसी में चलता दिखलाई पड़ता है। इस कक्षा के इर्द गिर्द कुछ तारामंडल हैं, जिन्हें राशियाँ कहते हैं। इनकी संख्या है। मेष राशि का प्रारंभ विषुवत् तथा क्रांतिवृत्त के संपातबिंदु से होता है। अयन की गति के कारण यह बिंदु स्थिर नहीं है। पाश्चात्य ज्योतिष में विषुवत् तथा क्रातिवृत्त के वर्तमान संपात को आरंभबिंदु मानकर, 30-30 अंश की 12 राशियों की कल्पना की जाती है। भारतीय ज्योतिष में सूर्यसिद्धांत आदि ग्रंथों से आनेवाले संपात बिंदु ही मेष आदि की गणना की जाती है। इस प्रकार पाश्चात्य गणनाप्रणाली तथा भारतीय गणनाप्रणाली में लगभग 23 अंशों का अंतर पड़ जाता है। भारतीय प्रणाली निरयण प्रणाली है। फलित के विद्वानों का मत है कि इससे फलित में अंतर नहीं पड़ता, क्योंकि इस विद्या के लिये विभिन्न देशों के विद्वानों ने ग्रहों तथा तारों के प्रभावों का अध्ययन अपनी अपनी गणनाप्रणाली से किया है। भारत में 12 राशियों के 27 विभाग किए गए हैं, जिन्हें नक्षत्र कहते हैं। ये हैं अश्विनी, भरणी आदि। फल के विचार के लिये चंद्रमा के नक्षत्र का विशेष उपयोग किया जाता है। .
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मियामी
मियामी (या) दक्षिण-पूर्वी फ्लोरिडा में अटलांटिक तट पर स्थित एक प्रमुख शहर है। मियामी, फ्लोरिडा में सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत मियामी-डेड काउंटी की काउंटी सीट है। यह एक प्रमुख शहर है और दक्षिण फ्लोरिडा महानगरीय क्षेत्र का केंद्र है, जिसकी आबादी 2008 में 5,414,712 थी, जो रैंकिंग में अमेरिका की 7वीं सबसे बड़ी आबादी है। वर्ष 2000 की जनगणना में, मियामी का शहरीकृत क्षेत्र (जनगणना ब्यूरो द्वारा परिभाषित के अनुसार) अमेरिका का 5वाँ सबसे अधिक आबादी वाला शहरीकृत क्षेत्र था, जिसकी आबादी 4,919,036 थी। 2008 में, मियामी शहरीकृत क्षेत्र की जनसंख्या बढकर 5,232,342 हो गयी थी और यह न्युयॉर्क सिटी, लॉस एंजिल्स और शिकागो के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका का चौथा सबसे बड़ा शहरीकृत क्षेत्र बन गया था। वित्त, वाणिज्य, संस्कृति, मीडिया, फैशन, शिक्षा, फिल्म, प्रिंट मीडिया, मनोरंजन, कला और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में इसके विशेष महत्व के कारण मियामी एक सुप्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय शहर है। अमेरिका के प्रवेशद्वार के रूप में पहचाना जानेवाला, मियामी मनोरंजन, शिक्षा, मीडिया, संगीत, फैशन, फिल्म, संस्कृति, प्रिंट मीडिया और प्रदर्शन कला का एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र है। डाउनटाउन मियामी संयुक्त राज्य अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय बैंकों का सबसे बड़ा जमावड़ा होने के साथ-साथ अनेकों व्यावसायिक मुख्यालयों और टेलीविजन स्टूडियो का प्रमुख केंद्र भी है। इसके अतिरिक्त, महानगर के नाम पर बना बंदरगाह, पोर्ट ऑफ मियामी यात्रियों के आवागमन और क्रूज लाइंस, दोनों की दृष्टि से दुनिया का सबसे व्यस्त क्रूज शिप यात्री बंदरगाह है। .
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शिरोबिंदु
शिरोबिंदु (zenith) अधोबिंदु (nadir) से ठीक विपरीत दिशा में होता है शिरोबिंदु (अंग्रेजी: zenith, ज़ेनिथ) किसी स्थान के ठीक 'ऊपर' खगोलीय गोले पर स्थित काल्पनिक बिंदु को कहते हैं। इस परिभाषा में 'ऊपर' का मतलब वह दिशा जो गुरुत्वाकर्षण के बल से बिलकुल उल्टी तरफ़ हो। ध्यान दें कि शिरोबिंदु से विप्रीय दिशा के बिंदु को अधोबिंदु (nadir) कहते हैं।, William Millar, pp.
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खगोलीय निर्देशांक पद्धति
खगोलीय गोले पर एक तारे के तीन भिन्न खगोलीय निर्देशांक प्रणालियों में माप: भूमध्यीय प्रणाली (नीली), गैलेक्सीय प्रणाली (पीली) और क्रांतिवृत्तीय प्रणाली (लाल) खगोलीय निर्देशांक पद्धति (celestial coordinate system) ब्रह्माण्ड में किसी भी प्रकार की खगोलीय वस्तु (ग्रह, उपग्रह, तारा, गैलेक्सी, नीहारिका, वग़ैराह) का स्थान निर्धारित करने का एक तरीक़ा है। जहाँ तक मनुष्यों का अनुभव है पूरा ब्रह्माण्ड एक तीन आयामों (डायमेंशन) वाला दिक् (स्पेस) है। इसमें एक निर्देशांक पद्धति के ज़रिये किसी भी स्थान को अंकों के साथ बताया जा सकता है। .
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गोलीय खगोलशास्त्र
गोलीय खगोलशास्त्र (spherical astronomy) या स्थितीय खगोलशास्त्र (positional astronomy) खगोलशास्त्र की वह शाखा है जिसमें खगोलीय वस्तुओं का किसी विशेष समय, तिथि या पृथ्वी पर स्थित स्थान पर खगोलीय गोले में स्थान अनुमानित करा जाता है। यह अध्ययन की शाखा गोलीय ज्यामिति के सिद्धांतों व विधियों और खगोलमिति की मापन-कलाओं पर निर्भर है। ऐतिहासिक दृष्टि से गोलीय खगोलशास्त्र को पूरे खगोलशास्त्र की प्राचीनतम शाखा माना जा सकता है क्योंकि धार्मिक, ज्योतिष, समयानुमान और दिक्चालन (नैविगेशन) कार्यों के लिये मानव आकाश में तारों, तारामंडलों, ग्रहों, सूर्य व चंद्रमा की स्थिति को ग़ौर से जाँचता-समझता रहा है। अकाश में खगोलीय वस्तुओं के स्थानों को गणितीय रूप से समझने के विज्ञान को खगोलमिति (astronomy) कहते हैं। .
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क्षैतिज निर्देशांक प्रणाली
क्षैतिज निर्देशांक प्रणाली (horizontal coordinate system) एक खगोलीय निर्देशांक प्रणाली है जिसमें प्रेक्षक के स्थानीत क्षितिज को मौलिक समतल माना जाता है। इसे ऊँचाई (altitude) और दिगंश (azimuth) नामक दो राशियों द्वारा व्यक्त किया जाता है। .
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अधोबिंदु
अधोबिंदु (nadir) शिरोबिंदु (zenith) से ठीक विपरीत दिशा में होता है अधोबिंदु (अंग्रेजी: nadir, नादिर) किसी स्थान के ठीक 'नीचे' खगोलीय गोले पर स्थित काल्पनिक बिंदु को कहते हैं। इस परिभाषा में 'नीचे' का मतलब वह दिशा जिसमें गुरुत्वाकर्षण का बल खींच रहा हो। ध्यान दें कि अधोबिंदु से विप्रीय दिशा के बिंदु को शिरोबिंदु (zenith) कहते हैं।, William Millar, pp.
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