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क्रूसेड

सूची क्रूसेड

'''एन्टिओक का कब्जा''', प्रथम क्रूसयुद्ध के समय के मध्ययुगीय चित्रकर्म से लिया गया यूरोप के ईसाइयों ने 1095 और 1291 के बीच अपने धर्म की पवित्र भूमि फिलिस्तीन और उसकी राजधानी जेरूसलम में स्थित ईसा की समाधि का गिरजाघर मुसलमानों से छीनने और अपने अधिकार में करने के प्रयास में जो युद्ध किए उनको सलीबी युद्ध, ईसाई धर्मयुद्ध, क्रूसेड (crusades) अथवा क्रूश युद्ध कहा जाता है। इतिहासकार ऐसे सात क्रूश युद्ध मानते हैं। .

26 संबंधों: चन्द्रकान्त राजू, तुर्की का इतिहास, धार्मिक क्रांति, धिम्मी, न्यायाधिकरण (इनक्विज़िशन), पश्चिमी संस्कृति, पोप कॅलिक्स्टस तृतीय, फोर्ड के बोल्डविन, यूनानी भाषा, यूरोप का इतिहास, लेबनान, सलाउद्दीन, जाँ फ्रॉइसार, जिहाद, ईसाई धर्म का इतिहास, वाणिज्यिक क्रांति, विश्वमारी, खोज का युग, ऑर्डर ऑफ़ चिवैलरी, इस्लाम, इस्लामी आतंकवाद, इस्लामी अक्षरांकन, इंग्लैंड का इतिहास, अंग्रेजी साहित्य, अंग्रेजी कविता, २७ नवम्बर

चन्द्रकान्त राजू

चन्द्रकान्त राजू (जन्म 7 मार्च 1954) भारत के कम्प्यूटर विज्ञानी, गणितज्ञ, भौतिकशास्त्री, शिक्षाशास्त्री, दार्शनिक एवं बहुज्ञ अनुसंधानकर्ता हैं। सम्प्रति वे नयी दिल्ली के सभ्यता अध्ययन केन्द्र (Centre for Studies in Civilizations) से जुड़े हुए हैं। भारत के प्रथम सुपरकम्प्यूटर 'परम' (1988-91) में उनका उल्लेखनीय एवं प्रमुख योगदान रहा। .

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तुर्की का इतिहास

तेरहवीं शताब्दी का एक मंगोल तीरबाज तुर्की के इतिहास को तुर्क जाति के इतिहास और उससे पूर्व के इतिहास के दो अध्यायों में देखा जा सकता है। सातवीं से बारहवीं सदी के बीच में मध्य एशिया से तुर्कों की कई शाखाएँ यहाँ आकर बसीं। इससे पहले यहाँ से पश्चिम में आर्य (यवन, हेलेनिक) और पूर्व में कॉकेशियाइ जातियों का बसाव रहा था। तुर्की में ईसा के लगभग ७५०० वर्ष पहले मानव बसाव के प्रमाण यहां मिले हैं। हिट्टी साम्राज्य की स्थापना १९००-१३०० ईसा पूर्व में हुई थी। १२५० ईस्वी पूर्व ट्रॉय की लड़ाई में यवनों (ग्रीक) ने ट्रॉय शहर को नेस्तनाबूत कर दिया और आसपास के इलाकों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। १२०० ईसापूर्व से तटीय क्षेत्रों में यवनों का आगमन आरंभ हो गया। छठी सदी ईसापूर्व में फ़ारस के शाह साईरस ने अनातोलिया पर अपना अधिकार जमा लिया। इसके करीब २०० वर्षों के पश्चात ३३४ इस्वीपूर्व में सिकन्दर ने फ़ारसियों को हराकर इसपर अपना अधिकार किया। बाद में सिकन्दर अफ़गानिस्तान होते हुए भारत तक पहुंच गया था। इसापूर्व १३० इस्वी में अनातोलिया रोमन साम्राज्य का अंग बना। ईसा के पचास वर्ष बाद संत पॉल ने ईसाई धर्म का प्रचार किया और सन ३१३ में रोमन साम्राज्य ने ईसाई धर्म को अपना लिया। इसके कुछ वर्षों के अन्दर ही कान्स्टेंटाईन साम्राज्य का अलगाव हुआ और कान्स्टेंटिनोपल इसकी राजधनी बनाई गई। छठी सदी में बिजेन्टाईन साम्राज्य अपने चरम पर था पर १०० वर्षों के भीतर मुस्लिम अरबों ने इसपर अपना अधिकार जमा लिया। बारहवी सदी में धर्मयुद्धों में फंसे रहने के बाद बिजेन्टाईन साम्राज्य का पतन आरंभ हो गया। सन १२८८ में ऑटोमन साम्राज्य का उदय हुआ और सन् १४५३ में कस्तुनतुनिया का पतन। इस घटना ने यूरोप में पुनर्जागरण लाने में अपना महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। .

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धार्मिक क्रांति

कोइ भी धर्म बुरा नहीं होता, लेकिन बिचौलियों (पंडितों आदि) के भग्वान और भक्त के बीच में आ जाने से वह हितकारी नहीं रह पाता हें | धार्मिक क्रांति मुख्यतः इन्ही बिचौलियों या पंडितों आदि के शूरु किए आडम्बरो और अमान्वीय क्रत्यों के विरुध एक आन्दोलन होता हैं। .

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धिम्मी

इस्लाम में धिम्मी (dhimmi (अरबी: ذمي‎, समूह में أهل الذمة अह्ल अल-धिम्माह; ओटोमान तुर्की एवं उर्दू में जिम्मी) उस व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को कहते हैं जो मुसलमान नहीं है और शरियत कानून के अनुसार चलने वाले किसी राज्य की प्रजा है। इस्लाम के अनुसार इन्हें जीवित रहने के लिये कर (टैक्स) देना अनिवार्य है जिसे जजिया कहा जाता है। धिम्मी को मुसलमानों की तुलना में बहुत कम सामाजिक और कानूनी अधिकार प्राप्त होते हैं। लेकिन यदि धिम्मी इस्लाम स्वीकार कर ले तो उसको लगभग पूरा अधिकार मिल जाता है। .

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न्यायाधिकरण (इनक्विज़िशन)

सन् १४९५ के आसपास हुए एक आटो-डा-फे (auto-da-fé) का आधुनिक चित्रण काथलिक गिरजे (Catholic church) के इतिहास में इनक्विज़िशन (Inquisition) का पर्याप्त महत्वपूर्ण स्थान है। 'एनक्विज़िशन' का अर्थ है जाँच पड़ताल। इस न्यायाधिकरण (ट्राइब्यूनल) की स्थापना इस उद्देश्य से हुई थी कि काथलिक धर्म के सिद्धान्तों से भटकनेवालों का पता लग जाए और उनको दंड दिलाने के लिए सरकार के सुपुर्द किया जाए। इस संस्था के तीन रूप हैं: .

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पश्चिमी संस्कृति

पश्चिमी संस्कृति (जिसे कभी-कभी पश्चिमी सभ्यता या यूरोपीय सभ्यता के समान माना जाता है), यूरोपीय मूल की संस्कृतियों को सन्दर्भित करती है। यूनानियों के साथ शुरू होने वाली पश्चिमी संस्कृति का विस्तार और सुदृढ़ीकरण रोमनों द्वारा हुआ, पंद्रहवी सदी के पुनर्जागरण एवं सुधार के माध्यम से इसका सुधार और इसका आधुनिकीकरण हुआ और सोलहवीं सदी से लेकर बीसवीं सदी तक जीवन और शिक्षा के यूरोपीय तरीकों का प्रसार करने वाले उत्तरोत्तर यूरोपीय साम्राज्यों द्वारा इसका वैश्वीकरण हुआ। दर्शन, मध्ययुगीन मतवाद एवं रहस्यवाद, ईसाई एवं धर्मनिरपेक्ष मानवतावाद की एक जटिल श्रृंखला के साथ यूरोपीय संस्कृति का विकास हुआ। ज्ञानोदय, प्रकृतिवाद, स्वच्छंदतावाद (रोमेन्टिसिज्म), विज्ञान, लोकतंत्र और समाजवाद के प्रयोगों के साथ परिवर्तन एवं निर्माण के एक लंबे युग के माध्यम से तर्कसंगत विचारधारा विकसित हुई.

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पोप कॅलिक्स्टस तृतीय

पोप कॅलिक्स्टस तृतीय या कॅलिक्स्टस तृतीय (Pope Callixtus III; 31 दिसम्बर 1378 – 6 अगस्त 1458) 8 अप्रैल 1455 से 1458 में अपनी मृत्यु तक पोप थे, जो कि रोमन कैथोलिक गिरजाघर के राजाध्यक्ष होता है। ये ऐसे अंतिम पोप थे जिन्होंने चुनाव के पश्चात 'कॅलिक्स्टस' नाम ग्रहण किया। चुनाव से पूर्व इनका नाम अल्फोंस डी बोर्हा था। पश्चिमी मतभेद के दौरान कॅलिक्स्टस ने प्रतिपोप बेनेडिक्ट तृतीय का समर्थन किया था और 1429 में प्रतिपोप क्लेमेंट अष्टम को पोप मार्टिन पंचम के आधीन करने में ये प्रेरक शक्ति थे। अपने कैरियर की शुरुआती इन्होंने येइडा विश्विद्यालय में कानून के प्राध्यापक के रूप में गुजरा। इसके पश्चात ये आरागोन के महाराज की सेवा में राजनयिक बन गए। पोप यूजीन चतुर्थ की आरागोन के महाराज अल्फोंसो पंचम के साथ संधि कराने के पश्चात ये कार्डिनल बने व 1455 के पापल सम्मेलन में पोप चुने गए। धार्मिक रूप से ये बहुत कट्टर थे। पोप के पद पर रहते हुए इन्होंने कई विवादित व नवीन आदेश जारी किए थे, जिनमें से अफ्रीकियो और काफ़िरो को गुलाम बनाने का बुल जारी करना व दोपहर को गिरजाघर के घंटे बजाना कुछ प्रमुख हैं। कैथोलिक गिरजाघर की गतिविधियों में इन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को काफ़ी समर्थन किया व उन्हें लाभ भी पहुँचाया और शायद इन्ही की वजह से इनके एक भतीजे आगे चल कर पोप अलेक्जेंडर छठे बने। जोन ऑफ़ आर्क की मृत्यु के 24 साल बाद एक मुकदमे के पश्चात कॅलिक्स्टस ने उन्हें निर्दोष घोषित किया था। .

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फोर्ड के बोल्डविन

फोर्ड के बोल्डविन (कभी-कभी सिर्फ बोल्डविन 1125 - 19 नवम्बर 1190) 1185 से लेकर 1190 के बीच कैंटबरी के आर्कबिशप थे। एक पादरी के बेटे, बोल्डविन ने बोलोन्या, इटली में कैनन कानून और धर्मशास्त्र का अध्ययन किया और इंग्लैंड वापस लौटने व एक्सॅटर के बिशप का उत्तरोत्तर पद ग्रहण करने से पहले पोप यूजीन तृतीय के भतीजे के लिए अनुशिक्षक का कार्य किया।Holdsworth "" Oxford Dictionary of National Biography Bartlett England Under the Norman and Angevin Kings p. 509Barlow Thomas Becket p. 37 बोल्डविन की मृत्यु क्रूसेड में भाग लेते हुए पवित्र भूमि (ईसाई धर्म के अनुसार वर्तमान जॉर्डन नदी और भूमध्य सागर के बीच का संपूर्ण क्षेत्र) में हुई। बोल्डविन के अपने पादरी के साथ लंबे समय तक चले विवाद के कारण एक कालक्रमक ने इनका विवरण एक ऎसे व्यक्तित्व के रूप में की जिसने ईसाई धर्म को सलाउद्दीन से भी अधिक क्षति पहुँचाई थी।Gillingham Richard I pp.

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यूनानी भाषा

यूनानी या ग्रीक (Ελληνικά या Ελληνική γλώσσα), हिन्द-यूरोपीय (भारोपीय) भाषा परिवार की स्वतंत्र शाखा है, जो ग्रीक (यूनानी) लोगों द्वारा बोली जाती है। दक्षिण बाल्कन से निकली इस भाषा का अन्य भारोपीय भाषा की तुलना में सबसे लंबा इतिहास है, जो लेखन इतिहास के 34 शताब्दियों में फैला हुआ है। अपने प्राचीन रूप में यह प्राचीन यूनानी साहित्य और ईसाईयों के बाइबल के न्यू टेस्टामेंट की भाषा है। आधुनिक स्वरूप में यह यूनान और साइप्रस की आधिकारिक भाषा है और करीबन 2 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। लेखन में यूनानी अक्षरों का उपयोग किया जाता है। यूनानी भाषा के दो ख़ास मतलब हो सकते हैं.

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यूरोप का इतिहास

एक '''सामी''' परिवार यूरोप में मानव ईसापूर्व 35,000 के आसपास आया। इसके बाद ७००० इस्वी पूर्व से संगठित बसाव यानि बस्तियों के प्रमाण मिलते हैं। काँस्य युगीन सभ्यता (३००० ईसा पूर्व) के समय यहाँ कुछ अधिक बसाव नहीं हुआ - भ़ासकर मिस्र, इराक, चीन और भारतीय सभ्यता के मुकाबले। लेकिन ५०० ईसापूर्व से रोमन और यूनानी साम्राज्यों का उदय हुआ जिसने यूरोप की संस्कृति को बहुत प्रभावित किया। सैन्य, कला और चिंतन के मामले में यूनानियों ने यूरोप के एक कोने में होते हुए भी पूरे यूरोप और बाद में विश्वभर में अपना प्रभाव जमाया। आज यूरोप के देश यूरोपीय संघ के सदस्य हैं जो एक मुद्रा यूरो चलाता है। मध्यकाल में यूरोप छोटे राज्यों में विभक्त हो गया था। विज्ञान और शोध के मामले में धार्मिक मान्यताओं ने अपना प्रभाव बना रखा था। पंद्रहवीं सदी के बाद यह पुनः विकसित हुआ। सैनिक इतिहास का एक छोटा ब्यौरा नीचे लिखा है, कृपया वहाँ देखें। यूरोप के इतिहास को समझने के लिए दक्षिणी (रोम, यूनान और स्पेन), पूर्वी (यानि स्लाविक) और उत्तरी क्षेत्र जिसनें जर्मन मूल की नौर्ड और वाइकिंग तथा केल्ट और गॉल को समझना आवश्यक है। .

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लेबनान

लेबनॉन, आधिकारिक रूप से लुबनॉन गणराज्य, पश्चिमी एशिया में भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित एक देश है। इसके उत्तर और पूर्व में सीरिया और दक्षिण में इसराइल स्थित है। भूमध्य बेसिन और अरब के भीतरी भाग के बीच में सेतु बने इस देश का इतिहास समृद्ध और मिश्रित है। यह भूमि फ़ीनिसियनों की अति-प्राचीन (2500 ईसापूर्व - 539 ईसापूर्व) संस्कृति का स्थल थी जहाँ से लेखन कला के विकास की कड़ी जुड़ी है। इसके बाद फ़ारसी, यूनानी, रोमन, अरब और उस्मानी तुर्कों के कब्जे में रहने के बाद यह फ्रांस के शासन में भी रहा। इसी ऐतिहासिक वजह से देश की धार्मिक और जातीय विविधता इसकी अनूठी सांस्कृतिक पहचान बनाती है। यहाँ 60 प्रतिशत लोग मुस्लिम हैं जिनमें शिया और सुन्नी का लगभग समान हिस्सा है और लगभग 38 प्रतिशत ईसाई। 1943 में फ्रांस से स्वतंत्रता मिलने के बाद यहाँ एक गृहयुद्ध चला था और 2006 में इसराइल के साथ एक युद्ध। यहाँ एक विशेष प्राकर की गणतांत्रिक सरकार का शासन है जिसमें राष्ट्रपति एक ईसाई होता है, प्रधान मंत्री एक सुन्नी मुस्लिम, निव्राचित प्रतिनिधियों की सभा का अध्यक्ष एक शिया मुस्लिम और उप प्रधान मंत्री एक ग्रीक परंपरावादी धर्म का होता है। अरबी यहाँ की सबसे बोले जाने वाली और सांवैधानिक भाषा है। .

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सलाउद्दीन

सलाउद्दीन: अंग्रेजी An-Nasir Salah ad-Din Yusuf ibn Ayyub (अरबी सलाउद्दीन युसुफ इब्न अय्युब) जन्म: 1138, निधन 4 मार्च 1193 बारहवीं शताब्दी का एक कुर्द मुस्लिम योद्धा था, जो समकालीन उतरी इराक का रहने वाला था।उस समय के देश (शाम) सीरिया और मिस्त्र का शासक था सीरिया और मिस्त्र के सुल्तान नुरुद्दीन जंगी की मृत्यु के बाद उसके दो भाई शासन करने लगे,लेकिन जब एक के बाद दोनों भाइयो की मृत्यु हो गई तो अब नुरुद्दीन जंगी का सबसे बफादार और करीबी सलाउद्दीन को शासक बनाया गया। सलाउद्दीन ने ११८७ में जब येरुशलम पर विजय प्राप्त करी तो पोप के आह्वाहन पर इंग्लैंड का बादशाह रिचर्ड दा लाइन हार्ट (Richard the Lionheart) फ्रांस का बादशाह और जर्मनी का बादशाह फेडरिक (Frederick Barbarossa) की सेना ने हमला किया लेकिन सलुद्दीन ने अलग अलग युध्दो में फेडरिक की सेनाओ को पराजित किया। वह जितना बड़ा योद्धा था, उतना ही बड़ा और कुशल शासक था।इसके साथ ही न्यायप्रिय और रहम दिल भी था।यही कारण है कि यूरोप के इतिहासकार भी उसके सम्मान और महानता में प्रसंशा करते है।एक बार जब इंग्लैंड के शासक रिचर्ड ने मुसलमानों से अकरा का किला जीत लिया और मुस्लिम सेना ने किले को घेर लिया और युद्ध आरंभ हो गया,उसी समय रिचर्ड बीमार पड़ गया और कोई अच्छा हकीम (वेध)नहीं मिल रहा था,तब सलाउद्दीन ने अपना हकीम को दवाइयों के साथ रिचर्ड के पास भेजा और उसका इलाज करवाया। इस्लामी इतिहासकार तो यह तक कह देते हैं कि इस्लामी रशीदुन खलीफाओँ के बाद इतना कुशल शासक चरित्रवान और योद्धा कोई नहीं हूआ। बारहवीं सदी के अंत में उसके अभियानों के बाद ईसाई-मुस्लिम द्वंद्व में एक निर्णायक मोड़ आया और जेरुशलम के आसपास कब्जा करने आए यूरोपी ईसाईयों का सफाया हो गया। क्रूसेड युध्दो में ईसाईयों को हराने के बावजूद उसकी यूरोप में छवि एक कुशल योद्धा तथा विनम्र सैनिक की तरह है। सन् १८९८ में जर्मनी के राजा विलहेल्म द्वितीय ने सलाउद्दीन की कब्र को सजाने के लिए पैसे भी दिए थे। उसकी मृत्यु के समय उसके पास कुछ दिरहम मात्र ही थे,क्योंकि वह अपनी आय को लोगो की भलाई के लिए खर्च कर देता था। उसकी मृत्यु के समय क्रिया-कर्म भी उसके मित्रो ने मिलके करबाया। सलाउद्दीन की प्रसिद्धी इस बात से की जा सकती है कि फिलिस्तीन में बच्चे उसके शोर्य का गान करते हूए कहते हैं - " नाह नू उल मुसलमीन,कुल्लू नस सलाउद्दीन" इसका अर्थ है कि हम मुसलमानों के बेटे है और हममे सब सलाउद्दीन है। .

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जाँ फ्रॉइसार

जाँ फ्रॉइसार (Jean Froissart; लगभग १३३८–१४१० ई.) एक मध्यकालीन फ्रांसीसी लेखक तथा दरबारी इतिहासकार था। उसके द्वारा रचित इतिहास, शताब्दियों तक १४वीं शताब्दी में इंग्लैण्ड और फ्रांस के शौर्यपूर्ण उदय की गाथा बने रहे। उसके द्वारा रचित इतिहास सौ वर्षीय युद्ध के पूर्वार्ध के लिये एक महत्वपूर्ण स्रोत है। आरंभ में वह एक व्यापारी के यहाँ नौकरी किया करता था। बाद में ज्ञान प्राप्त करने की लगन पैदा हुई और उसने नौकरी छोड़ दी। पढ़े लिखों के बीच उसका उठना बैठना आरंभ हो गया। कविता से प्रेम उसे शुरू ही से था, यहाँ बढ़ावा मिला और वह कविता करने लगा। दुनिया घूमने की चाह पैदा हुई और १८ वर्ष की अवस्था में इंग्लैंड पहुंचकर रानी फिलिप्पा के राजदरबारियों में सम्मिलित हो गया। वहाँ उसकी प्रशंसा में कविताएँ लिखीं। भ्रमण करने की इच्छा हुई। १३६० में फ्रांस में था। १३६१ में पाँच वर्ष की अनुपस्थिति के बाद फिर इंग्लैंड पहुँचा। रानी फिलिप्पा से प्रोत्साहन पाकर स्कॉटलैंड का भ्रमण किया। १३६६ में 'ब्लैंक प्रिंस' के साथ फ्रांस गया। १३६८ में इटली में भ्रमण किया। यूरोप के कई एक राजदरबारों में रहा। इस प्रकार उसने अपनी 'क्रॉनिकल्स' (Chronicles) नामक पुस्तक के लिए सामग्री एकत्र की। इस पुस्तक में इसने १३२६ से १४०० ई. तक के युद्धों का वर्णन किया है। उसके कई भाग हैं जो समय समय पर अलग अलग लिखे गए। उसने लड़ाई के संबंध में जो लिखा सो है ही, लेकिन भौगोलिक संबंध में भी इस पुस्तक की महत्ता बढ़ जाती है। जिन जिन देशों में वह फिरा, उनका पूर्ण रूप से वर्णन किया है। उसकी पुस्तक के अंतिम भाग में क्रूसेड का भी वर्णन है। श्रेणी:इतिहासकार.

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जिहाद

जिहाद (अंग्रेजी: / dhhːd / अरबी: جهاد जिहाद) एक अरबी शब्द है जिसका शाब्दिक मतलब विशेष रूप से प्रशंसनीय उद्देश्य के साथ प्रयास करना या संघर्ष करना है। इसके इस्लामी संदर्भ में अर्थ के बहुत से रंग हैं, जैसे कि किसी के बुराई झुकाव के खिलाफ संघर्ष, अविश्वासियों को बदलने का प्रयास, या समाज के नैतिक भरोसे की ओर से प्रयास, इस्लामिक विद्वानों ने आमतौर पर रक्षात्मक युद्ध के साथ सैन्य जिहाद को समानता प्रदान की है। सूफी और धार्मिक मंडल में, आध्यात्मिक और नैतिक जिहाद को पारंपरिक रूप से अधिक जिहाद के नाम पर बल दिया गया है। इस शब्द ने आतंकवादी समूहों द्वारा अपने उपयोग के द्वारा हाल के दशकों में अतिरिक्त ध्यान आकर्षित किया है। इस्लाम में इसकी बड़ी अहमियत है। दो तरह के जेहाद बताए गए हैं। एक है जेहाद अल अकबर यानी बड़ा जेहाद और दूसरा है जेहाद अल असग़र यानी छोटा जेहाद.

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ईसाई धर्म का इतिहास

चर्च (Church) शब्द यूनानी विशेषण का अपभ्रंश है जिसका शाब्दिक अर्थ है "प्रभु का"। वास्तव में चर्च (और गिरजा भी) दो अर्थों में प्रयुक्त है; एक तो प्रभु का भवन अर्थात् गिरजाघर तथा दूसरा, ईसाइयों का संगठन। चर्च के अतिरिक्त 'कलीसिया' शब्द भी चलता है। यह यूनानी बाइबिल के 'एक्लेसिया' शब्द का विकृत रूप है; बाइबिल में इसका अर्थ है - किसी स्थानविशेष अथवा विश्व भर के ईसाइयों का समुदाय। बाद में यह शब्द गिरजाघर के लिये भी प्रयुक्त होने लगा। यहाँ पर संस्था के अर्थ में चर्च पर विचार किया जायगा। .

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वाणिज्यिक क्रांति

विश्व के आर्थिक इतिहास में वाणिज्यिक क्रांति (Commercial Revolution) उस अवधि को कहते हैं जिसमें आर्थिक प्रसार, उपनिवेशवाद और व्यापारवाद (mercantilism) का जोर रहा। यह अवधि लगभग सोलहवीं शती से आरम्भ होकर अट्ठारहवीं शती के आरम्भ तक मानी जाती है। इसके बाद की अवधि में औद्योगिक क्रान्ति हुई। .

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विश्वमारी

विश्वमारी (यूनानी (ग्रीक) शब्द πᾶν पैन "सब" + δῆμος डेमोस "लोग" से), संक्रामक रोगों की एक महामारी है जो मानव आबादी के माध्यम से एक विशाल क्षेत्र, उदाहरण के लिए, एक महाद्वीप, या यहां तक कि दुनिया भर में भी फ़ैल रहा है। एक व्यापक स्थानिक रोग जो इस दृष्टि से स्थिर होता है कि इससे कितने लोग बीमार हो रहे हैं, एक विश्वमारी नहीं है। इसके अलावा, फ्लू विश्वमारियों में मौसमी फ्लू को तब तक शामिल नहीं किया जाता है जब तक मौसम का फ्लू एक विश्वमारी न हो। सम्पूर्ण इतिहास में चेचक और तपेदिक जैसी असंख्य विश्वमारियों का विवरण मिलता है। अधिक हाल की विश्वमारियों में एचआईवी (HIV) विश्वमारी और 2009 की फ्लू विश्वमारी शामिल है। .

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खोज का युग

खोज युग अथवा खोजयात्राओं का युग वह समय था जब १५वीं शती -१७वीं शती के प्रारंभ तक यूरोपीय देशों ने व्यापार की खोज में समुद्र के रास्ते दुनिया के अनेक नए हिस्सों की खोज की। इस व्यावसायिक खोज का प्रमुख लक्ष्य सोना, चाँदी और मसालों की प्राप्ति था। धर्मयुद्धों के बाद यूरोप के नाविकों को जरुशलम जैसे तीर्थ स्थल तथा मसालों, मोतियों, रंगों जैसी चीज़ों के लिए अरब व्यापारियों की दया पर निर्भर रहना पड़ता था जो ईसाई यूरोपियों से मनचाहा दाम वसूल करते थे। इससे परेशान होकर पुर्तगालियों ने मोरक्को जैसे मूर अफ्रीक़ी तटों पर 1420 ईस्वी में आक्रमण करना शुरु किया। इसके बाद पूरब की तरफ व्यापार का रास्ता ढूढने के लिए उन्हें अफ्रीका के पश्चिमी तट पर नौवहन कर नए रास्तों पर निकलना पड़ा। इससे अन्वेषणों का एक नया दौर आरंभ हुआ। पुर्तगाली राजकुमार हेनरी इनमें सबसे सफल हुआ। .

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ऑर्डर ऑफ़ चिवैलरी

होरेशियो नेलसन अपने सभी पदकों के साथ ऑर्डर ऑफ़ चिवैलरी या चिवैलरिक ऑर्डर यूरोपीय देशों में सम्मान, संस्था या नाइट का समाज होता है। यह ऐतिहासिक तौर पर क्रूसेड (लगभग 1099 -1291) के मूल कैथोलिक सैन्य ऑर्डर (समूह) के दौरान या उससे प्रेरणा लेकर स्थापित किये गए थे। यह शौर्य की मध्ययुगीन आदर्शों के ऊपर स्थापित अवधारणा थी। 15वीं शताब्दी के दौरान, चिवैलरिक ऑर्डर के वंशवादी ऑर्डर, एक अधिक रूढ़िवादी फैशन में बनने लगे। इन संस्थाओं ने बदले में ऑर्डर ऑफ़ मेरिट जैसे आधुनिक सम्मान को जन्म दिया। .

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इस्लाम

इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .

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इस्लामी आतंकवाद

अपने को 'मुसलमान' कहने वाले चरमपंथियों द्वारा किये गये आतंक को इस्लामी आतंकवाद कहते हैं। ये तथाकथित मुसलमान भांति-भांति के राजनीतिक तथा/या मजहबी उद्देश्यों की पूर्ति के लिये आतंक फैलाते हैं। इस्लामी आतंकवाद मध्य पूर्व, अफ्रीका, यूरोप, दक्षिणपूर्व एशिया, भारत एवं अमेरिका में बहुत दिनों से मौजूद है। आतंकी संगठनों में ओसामा बिन लादेन द्वारा स्थापित अल कायदा नामक सैनिक संगठन कुख्यात है। .

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इस्लामी अक्षरांकन

इसलामी अक्षरांकन, या अरबिक अक्षरांकन, एक ऐसी कला है जो क़लम से हस्ताक्षरों से सुंदर रूप में अक्षरांकन करना। यह खास तौर से अरबी अक्षरों को लिखने में उपयोगित है, जो कि इस्लामी संस्कृती का अंग माना जाता है। और यह अक्षरांकन फ़ारसी अक्षरांकन से लिया गया है। Chapman, Caroline (2012).

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इंग्लैंड का इतिहास

हेनरी सप्तम् .

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अंग्रेजी साहित्य

अंग्रेजी साहित्य के प्राचीन एवं अर्वाचीन काल कई आयामों में विभक्त किए जा सकते हैं। यह विभाजन केवल अध्ययन की सुविधा के लिए किया जाता है; इससे अंग्रेजी साहित्य प्रवाह को अक्षुण्णता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। प्राचीन युग के अंग्रेजी साहित्य के तीन स्पष्ट आयाम है: ऐंग्लो-सैक्सन; नार्मन विजय से चॉसर तक; चॉसर से अंग्रेजी पुनर्जागरण काल तक। .

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अंग्रेजी कविता

इंग्लैंड में इटली, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी के काफी बाद आने के कारण यहाँ का पुनर्जागरण इन देशों, विशेषतः इटली, से अत्यधिक प्रभावित हुआ। पुनर्जागरण के प्रथम दो कवियों में सर टॉमस वायट (1503-42) और अर्ल ऑव सरे (1517-47) हैं। वायलट ने पेत्रार्क के आधार पर अंग्रेजी में सॉनेट लिखे और इटली से अनेक छंद उधार लिए। सरे ने सॉनेट के अतिरिक्त इटली से अतुकांत छंद लिया। इन कवियों ने प्राचीन यूनानी साहित्य और पेत्रार्क इत्यादि को पैस्टरल कविता की रूढ़ियों को अंग्रेजी में आत्मसात् किया तथा अनेक सुंदर और तरल गीत लिखे। इस तरह उन्होंने एलिज़ाबेथ के शासनकाल के अनेक बड़े कवियों के लिए जमीन तैयार की। इनमें सबसे पहले एडमंड स्पेंसर (1552-99) और सर फिलिप सिडनी उल्लेखनीय हैं। मृत्यु के बाद प्रकाशित सिडनी की रचना फ़ ऐसट्रोफेल ऐंड स्टेलाफ़ (1591) ने कथाबद्ध सॉनेट की परंपरा को जन्म दिया। इसके पश्चात् तो ऐसे सॉनेटों की एक परंपरा चल निकली और डेनियल, लॉज, ड्रेटन, स्पेंसर, शेक्सपियर और अन्य कवियों ने इसे अपनाया। इनमें रूढ़ियों के कारण वास्तविक और काल्पनिक प्रेमी-प्रेमिकाओं का भेद करना आसान नहीं, लेकिन सिडनी और कई अन्य कवियों, जैसे ड्रेटन, स्पेंसर और शेक्सपियर का प्रेम केवल वायवी प्रेम नहीं है। सिडनी ने लिखाः फूलफ़, सेड माइ म्यूज टु मीफ़, लुक इन दाइ हार्ट ऐंड राइट.

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२७ नवम्बर

27 नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 331वॉ (लीप वर्ष मे 332 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 34 दिन बाकी है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

धर्म युद्ध, सलेबी जंग, सलीबी युद्ध, ईसाई धर्मयुद्ध, क्रूस युद्ध, क्रूसयुद्ध

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