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कोनिया क्षेत्र

सूची कोनिया क्षेत्र

कोनिया क्षेत्र (अंग्रेजी: Konia Kshetra) जिला मुख्यालय ज्ञानपुर से तकरीबन 45 किमी की दूरी पर स्थित तीन तरफ से गंगा की धाराओं से घिरा हुआ इलाका है। इस स्थान पर छेछुआ-भुर्रा गाँव के पास गंगा का धारा प्रवाह मुड़ गया है। गंगा नदी द्वारा तीनों दिशाओं से घिरे होने की वजह से यह क्षेत्र एकदम कोने में हो गया है। सम्भवत: इसीलिए इस क्षेत्र का नाम कोनिया क्षेत्र पड़ गया। यह क्षेत्र संत रविदास नगर जिले के अन्तर्गत आता है। .

4 संबंधों: बाबा गंगेश्वरनाथ धाम, बुधिराम दुबे महिला महाविद्यालय, संत रविदास नगर जिला, इटहरा

बाबा गंगेश्वरनाथ धाम

बाबा गंगेश्वर नाथ धाम मंदिर गंगा नदी से तीनो दिशाओं से घिरे कोनिया क्षेत्र के इटहरा गाँव में स्थित है यह भगवान शिव का मंदिर है, पश्चिम वाहिनी गंगा के सम्मुख होने के कारण इस मंदिर को बाबा गंगेश्वर नाथ कहा गया है। इस मंदिर का निर्माण कार्य बिसेन राजपूतो ने तत्कालीन काशी नरेश की सहायता से लगभग 2५० वर्ष पूर्व इ. सन १७५० में कराया था। शिवलाल सिंह इटहरा गाँव के निवासी थे, वे बिसेन राजपूतो से संबाधित थे। बहुत ही धार्मिक प्रवृति होने के कारण इस मंदिर का शिलान्यास शिवलाल सिंह के द्वारा कराया गया। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। यहाँ पर महाशिवरात्रि पर्व के दिन मेला लगता है और महाशिवरात्रि पर्व बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए थे। इस संबंध में एक पौराणिक कथा भी है। उसके अनुसार- भगवान विष्णु की नाभि से कमल निकला और उस पर ब्रह्माजी प्रकट हुए। ब्रह्माजी सृष्टि के सर्जक हैं और विष्णु पालक। दोनों में यह विवाद हुआ कि हम दोनों में श्रेष्ठ कौन है? उनका यह विवाद जब बढऩे लगा तो तभी वहां एक अद्भुत ज्योतिर्लिंग प्रकट हुआ। उस ज्योतिर्लिंग को वे समझ नहीं सके और उन्होंने उसके छोर का पता लगाने का प्रयास किया, परंतु सफल नहीं हो पाए। जब दोनों देवता निराश हो गए तब उस ज्योतिर्लिंग ने अपना परिचय देते हुए कहां कि मैं शिव हूं। मैं ही आप दोनों को उत्पन्न किया है। तब विष्णु तथा ब्रह्मा ने भगवान शिव की महत्ता को स्वीकार किया और उसी दिन से शिवलिंग की पूजा की जाने लगी। शिवलिंग का आकार दीपक की लौ की तरह लंबाकार है इसलिए इसे ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। एक मान्यता यह भी है कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ही शिव-पार्वती का विवाह हुआ था इसलिए महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। .

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बुधिराम दुबे महिला महाविद्यालय

बुधिराम दुबे महिला महाविद्यालय एक महिला डिग्री कॉलेज है जो इटहरा गाँव में स्थित हैं। इसकी स्थापना २०११ में हुई थी। कलकल निनादिनी, पतितपावनी तृरावेष्टितमां गंगा के पावन भूभाग पर अवस्थित इस महाविद्यालय को कोनिया क्षेत्र का प्रथम महाविद्यालय होने का गौरव प्राप्त हुआ। महाविद्यालय में एक अच्छा पुस्तकालय है जिसमें पर्याप्त मात्रा सम्बन्धित विषयों की पाठ्य पुस्तक उपलब्ध है। महाविद्यालय में शिक्षाशास्त्र के लिए एक प्रयोगशाला भी है जिसमें छात्रायें सम्बन्धित विषय की अच्छी जानकारी प्राप्त कर सकती है। यह महाविद्यालय महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ से संबद्ध है। .

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संत रविदास नगर जिला

भदोही ज़िला भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक ज़िला है। जिले का मुख्यालय ज्ञानपुर में है। पहले यह वाराणसी जिले में था।भदोही ज़िला इलाहाबाद और वाराणसी के बीच मे स्थित है| यहा का कालीन उद्योग विश्व प्रसिद्ध है और कृषी के बाद दूसरा प्रमुख रोजगार का श्रोत है| .

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इटहरा

इटहरा एक गाँव है और ये उत्तर प्रदेश के संत रविदास नगर जिला के डीघ मंडल में स्थित है यह जिला मुख्यालय से करीब ३५ किलोमीटर दूर है, ये गाँव गंगा नदी से तीनो दिशाओं से घिरी हुई है। प्रसिद्ध मंदिर बाबा गंगेश्वरनाथ धाम इसी गाँव में है। ये गाँव बहुत ही विकसित गाँव था। कोनिया क्षेत्र में मात्र इसी गाँव में बाजार हुआ करता था, कोनिया क्षेत्र के लोग यही से खरीदारी करते थे। इसे आज भी सरकारी तौर पर ग्रामीण बाजार का दर्जा प्राप्त है। धीरे धीरे गाँव की जनसँख्या में वृद्धि हुई और लोग रोजगार की तलाश में बाहर जाने लगे जैसे मुंबई, दिल्ली, कोलकाता,सूरत और बचे हुए लोग भी गाँव की पुरानी बस्ती से बाहर अपना घर बनाने लगे जिससे इस गाँव का दायरा लगभग ३ किलोमीटर से ज्यादा हो गया। आज ये गाँव ३ किलोमीटर के दायरे से ज्यादा में बसा हुआ है। इस गाँव में सबसे बड़ी संख्या में बिसेन राजपूत है क्योंकि ये गाँव इन्ही के द्वारा बसाया गया था। उसके बाद बड़ी संख्या में क्रमश: ब्राह्मण, पासी, चमार,यादव मौजूद है। कायस्थ, बनिया, नाई, कुम्हार, कहार, मुसलमान, पुष्पाकर (माली), चौरसिया (बरई),धोबी, तेली (गुप्ता),मुसहर जाति ये जातियां भी इस गाँव में मौजूद है। सामाजिक तौर पर ये गाँव आज भी काफी विकसित है। इस गाँव में एक इंटर कॉलेज और एक महिला महाविद्यालय भी है। "गंग सकल मुद मंगल मुला। गाँव इटहरा सुर सरि तिरा।।" .

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