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कोझिकोड

सूची कोझिकोड

दक्षिण भारत के केरल राज्य में अरब सागर के दक्षिण पश्चिम तट पर कोष़िक्कोड या कालीकट स्थित है। इसके पश्चिम में विस्तृत और शांत अरब सागर फैला हुआ है और पूर्व में वयनाड की पहाड़ियों इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। यहां की हरियाली, शांत वातावरण, ऐतिहासिक इमारतें, वन्य जीव अभयारण्य, नदियां, पहाड़ियां आदि को देख बड़ी संख्या में पर्यटकों बरबस ही यहां खींचे चले आते है। .

62 संबंधों: चौदहवीं लोकसभा, टीपू सुल्तान, एझावा, एमए यूसुफ अली, एस॰ के॰ पोत्ताकट, डाटदार पुल, डेनिश भारत, तेय्यम, द गेटवे होटल्स एंड रिसॉर्ट्स, दसलाखी नगर, दीनदयाल उपाध्याय, नेहरू कप अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल प्रतियोगिता, पालक्कड़ दुर्ग, पी एस वारियर, फ्रांसीसी भारत, भारत में दशलक्ष-अधिक शहरी संकुलनों की सूची, भारत में यूरोपीय आगमन, भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची, भारत में विश्वविद्यालयों की सूची, भारत का भूगोल, भारत का विदेश व्यापार, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार, भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, भारत के हवाई अड्डे, भारत के ज़िले, भारतीय प्रबन्धन संस्थान, भारतीय प्रबंध संस्थान, कोज़ीकोड, भारतीय प्राणि सर्वेक्षण, मदुरई, मध्यकालीन भारत, मध्यकालीन केरल, मामूट्टी, मालाबार, मुथप्पन मंदिर, मोहनलाल (अभिनेता), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कालीकट, राष्ट्रीय राजमार्ग १७, राष्ट्रीय राजमार्ग २१२, राष्ट्रीय राजमार्ग २१३, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, रघु कुमार, श्रीलक्ष्मी सुरेश, श्वेता मेनन, सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत, सेंट मैरीस फोरॉना चर्च एटूर, हलवा, वर्गीज कुरियन, वास्को द गामा, वैकम मुहम्मद बशीर, वी के कृष्ण मेनन, ..., गुरुवायुर, इंदु मेनन, कलरीपायट्टु, कालीकट अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, कैलिको, के के मुहम्मद, केरल, केरल के जिले, केरला साहित्योत्सव, कोच्चि, कोझिकोड ज़िला, अन्ना राजम मल्होत्रा सूचकांक विस्तार (12 अधिक) »

चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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टीपू सुल्तान

टीपू सुल्तान टीपू सुल्तान (1750 - 1799) कर्नाटक (ಟಿಪ್ಪು ಸುಲ್ತಾನ್, سلطان فتح علی خان ٹیپو) भारत के तत्कालीन मैसूर राज्य के शासक थे। .

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एझावा

ईळवा (ഈഴവര്‍) केरल के हिन्दू समुदायों के बीच में सबसे बड़ा समूह है। उन्हें प्राचीन तमिल चेर राजवंश के विलावर संस्थापकों का वंशज माना जाता है, जिनका कभी दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों पर शासन हुआ करता था। मालाबार में उन्हें थिय्या कहा जाता है, जबकि तुलु नाडू में वे बिल्लवा नाम से जाने जाते हैं। उन्हें पहले 'ईलवर' नाम से जाना जाता था। वे आयुर्वेद के वैद्य, योद्धा, कलारी प्रशिक्षणकर्ता, सैनिक, किसान, खेत मजदूर, सिद्ध चिकित्सक और व्यापारी हुआ करते थे। कुछ लोग कपड़ा बनाने, शराब के व्यापार और ताड़ी निकालने के कामों में भी शामिल थे। इझाथु मन्नानर जैसे एझावा (थिय्या) राजवंशों का भी केरल में अस्तित्व है। इस समुदाय के अंतर्गत का योद्धा वर्गए.

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एमए यूसुफ अली

एमए यूसुफ अली से एक भारतीय व्यापारी है Nattika में त्रिशूर जिले के केरल.

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एस॰ के॰ पोत्ताकट

ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता। .

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डाटदार पुल

डाटदार पुल (Arc Bridge) डाटदार पुल या चाप सेतु (arch bridge) ऐसा पुल होता है जिसमें दोनो सिरों पर सहारा देने वाले स्तम्भों के उपर एक चापनुमा संरचना होती है। .

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डेनिश भारत

डेनिश भारत, भारत में डेनमार्क के पूर्व उपनिवेशवादी के लिए शब्द है। डेनमार्क के शहर सहित, 225 वर्षों से भारत में औपनिवेशिक संपत्ति आयोजित त्रन्क़ुएबर वर्तमान में तमिलनाडु राज्य, श्रीरामपुर वर्तमान में पश्चिम बंगाल और निकोबार द्वीप समूह, भारत की वर्तमान हिस्सा केंद्र शासित प्रदेश की अंडमान और निकोबार द्वीप समूह। भारत में डेनिश उपस्थिति वे सैन्य और न ही मर्केंटाइल खतरा न तो मुद्रित सह प्रमुख यूरोपीय शक्तियों को थोड़ा महत्व का था। डेनिश भारत में वेंचर्स, कहीं सह, आम तौर पर और डोमिना करने में सक्षम नहीं पूंजीकृत अंडर या व्यापार मार्गों पर एकाधिकार गया पुर्तगाल, हॉलैंड और ब्रिटेन की कंपनियां शामिल हैं। सकता है कि एक ही रास्ते में सभी बाधाओं के खिलाफ हालांकि वे अपने औपनिवेशिक की सम्पत्ति से जुड़े हुए करने में कामयाब रहे और समय पर, के बीच युद्ध का लाभ ट्रैकिंग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में मूल्यवान आला बाहर उत्कीर्ण देश और तटस्थ ध्वज के तहत बड़ा विदेशी व्यापार की पेशकश की। इस कारण से उनकी उपस्थिति फ्रांस के साथ उनके गठबंधन के नेतृत्व में जब 1845, जब तक सहन कर रहा था कॉलोनी के ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंप दिया जा रहा है हार। .

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तेय्यम

तेय्यम (तेय्याट्टम अथवा तिरा), केरल के उत्तर मलबार इलाके की एक प्रमुख पूजा अनुष्ठान है। यह अनुष्ठान, मुख्य रूप में कोलत -नाड इलाके मे (वर्तमान प्रदेश - कासर्गोड, कण्णूर जिलाएँ, वयनाड जिले की मानन्थवाडि तालूका, कोष़िक्कोड जिला के वडकरा और कोइलाण्डि तालूका) और कर्णाटक के कोडगु और तुलु नाडु इलाके में एक जीते-जागते पंथ के रूप मे हज़ारों साल पुरानी रीति और विधिओं से निष्पादित किया जाता है। तेय्यम के निष्पादक समाज की निछ्ली जातियों के सदस्य होते हैं और उनकी इस कलारूप में खास योगदान है। इन इलाकों के लोग, तेय्यम को भगवान के प्रतिरूप मानते हैं और इनसे आशीर्वाद लेते है। तुलु नाडु इलाके मे इसको भूत- कोल कह्ते हैं। .

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द गेटवे होटल्स एंड रिसॉर्ट्स

गेटवे होटल्स एंड रिसॉर्ट्स दक्षिण एशिया का एक अत्याधुनिक, पूर्ण सेवा प्रदान करने मध्य बाजार होटल और रिजॉर्ट श्रृंखला है। गेटवे होटल्स का स्वामित्व इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड के पास हैं और यह टाटा समूह का एक हिस्सा है। .

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दसलाखी नगर

जो शहर मोटे अक्षरों में लिखे हैं वो अपने राज्य या केंद्रशासित प्रदेश की राजधानी भी हैं .

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दीनदयाल उपाध्याय

पण्डित दीनदयाल उपाध्याय (जन्म: २५ सितम्बर १९१६–११ फ़रवरी १९६८) चिन्तक और संगठनकर्ता थे। वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद जैसी प्रगतिशील विचारधारा दी। उपाध्यायजी नितान्त सरल और सौम्य स्वभाव के व्यक्ति थे। राजनीति के अतिरिक्त साहित्य में भी उनकी गहरी अभिरुचि थी। उनके हिंदी और अंग्रेजी के लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते थे। केवल एक बैठक में ही उन्होंने चन्द्रगुप्त नाटक लिख डाला था। .

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नेहरू कप अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल प्रतियोगिता

नेहरू कप अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल प्रतियोगिता अखिल भारतीय फ़ुटबॉल महासंघ द्वारा आयोजित फ़ुटबॉल प्रतियोगिता हैं। इसका आयोजन 1982 में शुरू किया गया था, मगर 1998 से 2007 तक इसका आयोजन रोक दिया गया था। .

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पालक्कड़ दुर्ग

पलक्कड़ किला (टीपू सुल्तान के किले के रूप में भी जाना जाता है) केरल राज्य के पालक्कड़ जिले में स्थित राज्य के सबसे अच्छे संरक्षित किलों में से एक है। यह किला मैसूर के शेर, राजा टीपू सुल्तान के साहस और बहादुरी का भी प्रतीक है, इसलिए इसे टीपू के नाम से जोड़ा जाता है। इतिहासकारों के अनुसार पलक्कड़ का राजा कोज़ीकोड़ के शासक ज़मोरीन का हितैषी हुआ करता था। १८वीं शताब्दी के आरम्भ में उन्होंने ज़मोरिन से अलग होने का निर्णय लिया और स्वतंत्र हो गए। तब ज़मोरीन ने पलक्कड़ पर आक्रमण किया जिससे बचने हेतु सहायता मांगने के लिए हैदर अली के पास आए। तब हैदर अली मौके का लाभ उठाया और उस सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान को इस सहायता के एवज में स्वयं अधिकृत कर लिया। इसके बाद १७६६ में हैदर अली ने इसका पुनर्निर्माण भी करवाया। १७८४ में ग्यारह दिनों के युद्ध के बाद किले को कर्नल फुलरटन के मातहत सेना द्वारा ब्रिटिश अधिकार में ले लिया गया। इसके बाद कोज़िकोड के ज़मोरीन के सैनिकों ने किले पर आक्रमण कर उसे अपने अधिकार में ले लिया कब्ज़ा कर लिया, किन्तु १७९० में अंग्रेजों ने इसे पुनः ले लिया और फिर से किले को पुनर्निर्मित किया। टीपू सुल्तान ने १७९९ में अंग्रेजों के साथ एक मुठभेड़ में वीरगति पायी और तभी से उसके नाम पर जाना जाने लगा। .

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पी एस वारियर

वैद्यरत्नम पी एस वारियर वैद्यरत्नम पन्नियिनपल्ली सनकुन्नी वार्यर (P. S. Warrier; 1869 - 1944) भारत के आयुर्वेदाचार्य थे। उन्होने आयुर्वैदिक चिकित्सा पद्धति के पुनर्जागरण का अभियान चलाया। उन्होंने आयुर्वेद की शिक्षा और औषधि निर्माण को आधुनिक, सेकुलर और वैज्ञानिक रूप दिया। आज केरल का सबसे बड़ा ब्रांड केरल-आयुर्वेद इन्हीं वैद्य पी.एस.

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फ्रांसीसी भारत

फ्रांसीसी भारत 17 वीं सदी के दूसरे आधे में भारत में फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा स्थापित फ्रांसीसी प्रतिष्ठानों के लिए एक आम नाम है और आधिकारिक तौर पर एस्तब्लिसेमेन्त फ्रन्से द्दे इन्द्दए (फ़्रान्सीसी:Établissements français de l'Inde) रूप में जाना जाता, सीधा फ्रेंच शासन 1816 शुरू हुआ और 1954 तक जारी रहा जब प्रदेशों नए स्वतंत्र भारत में शामिल कर लिया गया। उनके शासक क्षेत्रों पॉन्डिचेरी, कराईकल, यानम, माहे और चन्दननगर थे। फ्रांसीसी भारत मे भारतीय शहरों में बनाए रखा कई सहायक व्यापार स्टेशन (लॉज) शामिल थे। कुल क्षेत्र 510 km2 (200 वर्ग मील) था, जिनमें से 293 km2 (113 वर्ग मील) पॉन्डिचेरी का क्षेत्र था। 1936 में, उपनिवेश की आबादी कुल 2,98,851 निवासिया थी, जिनमें से 63% (1,87,870) पॉन्डिचेरी के क्षेत्र में निवास करती थी। .

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भारत में दशलक्ष-अधिक शहरी संकुलनों की सूची

भारत दक्षिण एशिया में एक देश है। भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार, वह सातवाँ सबसे बड़ा देश है, और १.२ अरब से अधिक लोगों के साथ, वह दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत में उनतीस राज्य और सात संघ राज्यक्षेत्र हैं। वह विश्व की जनसंख्या के १७.५ प्रतिशत का घर हैं। .

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भारत में यूरोपीय आगमन

१५०१ से १७३९ के बीच भारत में यूरोपीय बस्तियाँ भारत के सामुद्रिक रास्तों की खोज 15वीं सदी के अन्त में हुई जिसके बाद यूरोपीयों का भारत आना आरंभ हुआ। यद्यपि यूरोपीय लोग भारत के अलावा भी बहुत स्थानों पर अपने उपनिवेश बनाने में सफल हुए पर इनमें से कइयों का मुख्य आकर्षण भारत ही था। सत्रहवीं शताब्दी के अंत तक यूरोपीय कई एशियाई स्थानों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके थे और अठारहवीं सदी के उत्तरार्ध में वे कई जगहों पर अधिकार भी कर लिए थे। किन्तु उन्नासवीं सदी में जाकर ही अंग्रेजों का भारत पर एकाधिकार हो पाया था। भारत की समृद्धि को देखकर पश्चिमी देशों में भारत के साथ व्यापार करने की इच्छा पहले से थी। यूरोपीय नाविकों द्वारा सामुद्रिक मार्गों का पता लगाना इन्हीं लालसाओं का परिणाम था। तेरहवीं सदी के आसपास मुसलमानों का अधिपत्य भूमध्य सागर और उसके पूरब के क्षेत्रों पर हो गया था और इस कारण यूरोपी देशों को भारतीय माल की आपूर्ति ठप्प पड़ गई। उस पर भी इटली के वेनिस नगर में चुंगी देना उनको रास नहीं आता था। कोलंबस भारत का पता लगाने अमरीका पहुँच गया और सन् 1487-88 में पेडरा द कोविल्हम नाम का एक पुर्तगाली नाविक पहली बार भारत के तट पर मालाबार पहुँचा। भारत पहुचने वालों में पुर्तगाली सबसे पहले थे इसके बाद डच आए और डचों ने पुर्तगालियों से कई लड़ाईयाँ लड़ीं। भारत के अलावा श्रीलंका में भी डचों ने पुर्तगालियों को खडेड़ दिया। पर डचों का मुख्य आकर्षण भारत न होकर दक्षिण पूर्व एशिया के देश थे। अतः उन्हें अंग्रेजों ने पराजित किया जो मुख्यतः भारत से अधिकार करना चाहते थे। आरंभ में तो इन यूरोपीय देशों का मुख्य काम व्यापार ही था पर भारत की राजनैतिक स्थिति को देखकर उन्होंने यहाँ साम्राज्यवादी और औपनिवेशिक नीतियाँ अपनानी आरंभ की। .

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भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची

इस लेख में भारत के सर्वोच्च सौ महानगरीय क्षेत्रों की सूची (२००८ अनुसार) है। इन सौ महानगरों की संयुक्त जनसंख्या राष्ट्र की कुल जनसंख्या का सातवां भाग बनाती है। .

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भारत में विश्वविद्यालयों की सूची

यहाँ भारत में विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है। भारत में सार्वजनिक और निजी, दोनों विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कई भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित हैं। इनके अलावा निजी विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं, जो विभिन्न निकायों और समितियों द्वारा समर्थित हैं। शीर्ष दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों में से अधिकांश भारत में स्थित हैं। .

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भारत का भूगोल

भारत का भूगोल या भारत का भौगोलिक स्वरूप से आशय भारत में भौगोलिक तत्वों के वितरण और इसके प्रतिरूप से है जो लगभग हर दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। दक्षिण एशिया के तीन प्रायद्वीपों में से मध्यवर्ती प्रायद्वीप पर स्थित यह देश अपने ३२,८७,२६३ वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। साथ ही लगभग १.३ अरब जनसंख्या के साथ यह पूरे विश्व में चीन के बाद दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भी है। भारत की भौगोलिक संरचना में लगभग सभी प्रकार के स्थलरूप पाए जाते हैं। एक ओर इसके उत्तर में विशाल हिमालय की पर्वतमालायें हैं तो दूसरी ओर और दक्षिण में विस्तृत हिंद महासागर, एक ओर ऊँचा-नीचा और कटा-फटा दक्कन का पठार है तो वहीं विशाल और समतल सिन्धु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान भी, थार के विस्तृत मरुस्थल में जहाँ विविध मरुस्थलीय स्थलरुप पाए जाते हैं तो दूसरी ओर समुद्र तटीय भाग भी हैं। कर्क रेखा इसके लगभग बीच से गुजरती है और यहाँ लगभग हर प्रकार की जलवायु भी पायी जाती है। मिट्टी, वनस्पति और प्राकृतिक संसाधनो की दृष्टि से भी भारत में काफ़ी भौगोलिक विविधता है। प्राकृतिक विविधता ने यहाँ की नृजातीय विविधता और जनसंख्या के असमान वितरण के साथ मिलकर इसे आर्थिक, सामजिक और सांस्कृतिक विविधता प्रदान की है। इन सबके बावजूद यहाँ की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक एकता इसे एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करती है। हिमालय द्वारा उत्तर में सुरक्षित और लगभग ७ हज़ार किलोमीटर लम्बी समुद्री सीमा के साथ हिन्द महासागर के उत्तरी शीर्ष पर स्थित भारत का भू-राजनैतिक महत्व भी बहुत बढ़ जाता है और इसे एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित करता है। .

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भारत का विदेश व्यापार

भारत के विदेश व्यापार के अन्तर्गत भारत से होने वाले सभी निर्यात एवं विदेशों से भारत में आयातित सभी सामानों से है। विदेश व्यापार, भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की देखरेख में होता है। .

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भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .

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भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

यह सूचियों भारत के सबसे बड़े शहरों पर है। .

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भारत के हवाई अड्डे

यह सूची भारत के हवाई यातायात है। .

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भारत के ज़िले

तालुकों में बंटे हैं ज़िला भारतीय राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश का प्रशासनिक हिस्सा होता है। जिले फिर उप-भागों में या सीधे तालुकों में बंटे होते हैं। जिले के अधिकारियों की गिनती में निम्न आते हैं.

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भारतीय प्रबन्धन संस्थान

भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आई आई एम) भारत के सर्वोत्तम प्रबंधन संस्थान हैं। प्रबन्धन की शिक्षा के अतिरिक्त ये अनुसंधान व सलाह (कांसल्टेंसी) का कार्य भी करते हैं। वर्तमान में ६ भारतीय प्रबन्धन संस्थान हैं जो बंगलुरू, अहमदाबाद, कोलकाता, लखनऊ, इन्दौर तथा कोझीकोड में स्थित हैं। ये प्रबन्धन में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा की उपाधि प्रदान करते हैं जो एम बी ए के समतुल्य है। इन संस्थानों में प्रवेश अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा कामन ऐडमिशन टेस्ट (सी ए टी) के आधार पर होता है। यह परीक्षा दुनिया की सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी परिक्षाओं में से है। .

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भारतीय प्रबंध संस्थान, कोज़ीकोड

भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोज़ीकोड के अलावा पांच अन्य स्थानों में स्थित है। यह प्रबंधन शिक्षा का उच्च श्रेणी का संस्थान है। इन्हें सम्मिलित रूप से भारतीय प्रबंधन संस्थान कहा जाता है। श्रेणी:भारतीय प्रबंधन संस्थान श्रेणी:कोज़ीकोड.

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भारतीय प्राणि सर्वेक्षण

भारतीय प्राणि सर्वेक्षण (जूलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया / जेडएसआई) पर्यावरण और वन मंत्रालय का एक अधीनस्थ संगठन है। इसकी स्थापना १९१६ में की गयी थी ताकि पशुवर्ग संबंधी असाधारण विविधता के धनी भारतीय उपमहाद्वीप के प्राणियों के बारे में हमारा ज्ञानभण्डार बढ़ सके। इसका मुख्यालय कोलकाता में है और इसके 16 क्षेत्रीय स्टेशन देश के विभिन्न भौगोलिक स्थानों में स्थित है। सबसे पहले १८७५ में कोलकाता के भारतीय संग्रहालय में प्राणि प्रभाग स्थापित किया गया। .

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मदुरई

मदुरै या मदुरई (மதுரை एवं), दक्षिण भारत के तमिल नाडु राज्य के मदुरई जिले का मुख्यालय नगर है। यह भारतीय प्रायद्वीप के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक है।फ्रॉमर्स इण्डिया, द्वारा: पिप्पा देब्र्यून, कीथ बैन, नीलोफर वेंकटरमन, शोनार जोशी इस शहर को अपने प्राचीन मंदिरों के लिये जाना जाता है। इस शहर को कई अन्य नामों से बुलाते हैं, जैसे कूडल मानगर, तुंगानगर (कभी ना सोने वाली नगरी), मल्लिगई मानगर (मोगरे की नगरी) था पूर्व का एथेंस। यह वैगई नदी के किनारे स्थित है। लगभग २५०० वर्ष पुराना यह स्थान तमिल नाडु राज्य का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और व्यावसायिक केंद्र है। यहां का मुख्य आकर्षण मीनाक्षी मंदिर है जिसके ऊंचे गोपुरम और दुर्लभ मूर्तिशिल्प श्रद्धालुओं और सैलानियों को आकर्षित करते हैं। इस कारणं इसे मंदिरों का शहर भी कहते हैं। मदुरै एक समय में तमिल शिक्षा का मुख्य केंद्र था और आज भी यहां शुद्ध तमिल बोली जाती है। यहाँ शिक्षा का प्रबंध उत्तम है। यह नगर जिले का व्यापारिक, औद्योगिक तथा धार्मिक केंद्र है। उद्योगों में सूत कातने, रँगने, मलमल बुनने, लकड़ी पर खुदाई का काम तथा पीतल का काम होता है। यहाँ की जनसंख्या ११ लाख ८ हजार ७५५ (२००४ अनुमानित) है। आधुनिक युग में यह प्रगति के पथ पर अग्रसर है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पाने में प्रयासरत है, किंतु अपनी समृद्ध परंपरा और संस्कृति को भी संरक्षित किए हुए है। इस शहर के प्राचीन यूनान एवं रोम की सभ्यताओं से ५५० ई.पू.

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मध्यकालीन भारत

मध्ययुगीन भारत, "प्राचीन भारत" और "आधुनिक भारत" के बीच भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की लंबी अवधि को दर्शाता है। अवधि की परिभाषाओं में व्यापक रूप से भिन्नता है, और आंशिक रूप से इस कारण से, कई इतिहासकार अब इस शब्द को प्रयोग करने से बचते है। अधिकतर प्रयोग होने वाले पहली परिभाषा में यूरोपीय मध्य युग कि तरह इस काल को छठी शताब्दी से लेकर सोलहवीं शताब्दी तक माना जाता है। इसे दो अवधियों में विभाजित किया जा सकता है: 'प्रारंभिक मध्ययुगीन काल' 6वीं से लेकर 13वीं शताब्दी तक और 'गत मध्यकालीन काल' जो 13वीं से 16वीं शताब्दी तक चली, और 1526 में मुगल साम्राज्य की शुरुआत के साथ समाप्त हो गई। 16वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक चले मुगल काल को अक्सर "प्रारंभिक आधुनिक काल" के रूप में जाना जाता है, लेकिन कभी-कभी इसे "गत मध्ययुगीन" काल में भी शामिल कर लिया जाता है। एक वैकल्पिक परिभाषा में, जिसे हाल के लेखकों के प्रयोग में देखा जा सकता है, मध्यकालीन काल की शुरुआत को आगे बढ़ा कर 10वीं या 12वीं सदी बताया जाता है। और इस काल के अंत को 18वीं शताब्दी तक धकेल दिया गया है, अत: इस अवधि को प्रभावी रूप से मुस्लिम वर्चस्व (उत्तर भारत) से ब्रिटिश भारत की शुरुआत के बीच का माना जा सकता है। अत: 8वीं शताब्दी से 11वीं शताब्दी के अवधि को "प्रारंभिक मध्ययुगीन काल" कहा जायेगा। .

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मध्यकालीन केरल

केरल का मध्य कालीन इतिहास भी स्वर्ण रहा। कुलशेखर साम्राज्य के पतन काल अर्थात् 12 वीं सदी से लेकर यूरोपीय औपनिवेशिक राज्य के आधिपत्य जमने के काल अर्थात् 17 वीं सदी तक का काल केरलीय इतिहास में मध्यकाल के नाम से जाना जाता है। यही वह काल था - अनेक रियासतों में बंटा हुआ केरल पश्चिम के अधीन हो गया। इस अवधि में केरल का सामाजिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण परिवर्तन और विकास हुआ। .

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मामूट्टी

मामूट्टी (मलयालम: മമ്മൂട്ടി) (जन्म नाम मोहम्मद कुट्टी, जन्म - 7 सितंबर,1948) एक पुरस्कृत भारतीय अभिनेता हैं जो मुख्य रूप से मलयालम सिनेमा में अभिनय करते हैं। अपने पच्चीस वर्षों से भी अधिक के कैरियर के दौरान, उन्होंने शीर्ष अभिनेता के रूप में 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है और ^ MusicIndiaOnLine.com. 11 अप्रैल 2007.

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मालाबार

मालाबार केरल राज्य में अवस्थित पश्चिमी घाट और अरब सागर के बीच भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिम तट के समानांतर एक संकीर्ण तटवर्ती क्षेत्र है। जब स्‍वतंत्र भारत में छोटी रियासतों का विलय हुआ तब त्रावनकोर तथा कोचीन रियासतों को मिलाकर १ जुलाई, १९४९ को त्रावनकोर-कोचीन राज्य बना दिया गया, किंतु मालाबार मद्रास प्रांत के अधीन रहा। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ के तहत त्रावनकोर-कोचीन राज्य तथा मालाबार को मिलाकर १ नवंबर, १९५६ को केरल राज्य बनाया गया। केरल के अधिकांश द्वीप जो त्रावणकोर-मालाबार राज्य में आते थे, अब एर्नाकुलम जिले में आते हैं। मालाबार क्षेत्र के अंतर्गत पर्वतों का अत्यधिक आर्द्र क्षेत्र आता है। वनीय वनस्पति में प्रचुर होने के साथ-साथ इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसलों, जैसे नारियल, सुपारी, काली मिर्च, कॉफी और चाय, रबड़ तथा काजू का उत्‍पादन किया जाता है। मालाबार क्षेत्र केरल का बड़ा व्यावसायिक क्षेत्र माना जाता है। यहाँ उच्चकोटि के कागज का भी निर्माण होता है। यहां पर एशिया की सबसे मशहूर प्लाईवुड फैक्टरी भी स्थित है। इसके अलावा यहां के निकटवर्ती स्थानों पर फूलों के उत्पादन तथा उनके निर्यात के प्रमुख केंद्र भी स्थित हैं। हस्तकला की वस्तुओं तथा बीड़ी आदि का उत्पादन भी मालाबार में काफी होता है। मालाबार तट पर बसे हुए कण्णूर नगर में पयंबलम, मुझापूलंगड तथा मियामी जैसे सुंदर बीच हैं जो अभी पर्यटकों में अधिक प्रसिद्ध नहीं हैं, अतएव शांत वातावरण बनाए हुए हैं। यहां पायथल मलै नामक आकर्षक पर्वतीय स्थल भी है। निकट ही यहां का सर्प उद्यान है जहां पर अनेक प्रकार के सांपों का प्रदर्शन किया गया है। इस स्थान पर सर्पदंश चिकित्सा केंद्र भी बना है। मालाबार में मलावलतम नदी के किनारे पर परासनी कडायू का प्रसिद्ध मंदिर है, जो केवल हिंदू ही नहीं बल्कि अन्य सभी जातियों के लिए भी समान रूप से खुला है। यह मुथप्पन भगवान का मंदिर माना जाता है जो शिकारियों के देवता हैं। इसीलिए इस मंदिर में कांसे के बने हुए कुत्तों की मूर्तियां हैं। यहां ताड़ी तथा मांस का प्रसाद मिलता है तथा यहां के पुजारी दलित वर्ग के होते हैं। केरल की अधिकांश मुस्लिम आबादी, जिन्हें मप्पिला कहते हैं इसी क्षेत्र में निवास करती हैं। मालाबार के हिन्दुओं में गुड़ी पड़वा उत्सव का विशेष महत्त्व है। मालाबार क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति तथा प्रदूषण रहित वातावरण को देख कर मन खुश हो जाता है। वास्को डा गामा की यात्रा के ५०० वर्ष पूरे होने के कारण यह स्थान विश्व प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है। मालाबार में कालीकट से १६ कि॰मी॰ दूर कापड़ बीच है, जहां २१ मई, १४९८ को वास्को दा गामा ने पहला कदम भारत की भूमि पर रखा था। प्रभासाक्षी पर .

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मुथप्पन मंदिर

मुथप्पन मंदिर अथवा परस्सीनिकडवु मुथप्पन केरल के कन्नूर जिले में तालीपरम्बा से लगभग 10 किलोमीटर दूर वलपत्तनम नदी के किनारे पर स्थित एक हिन्दू मंदिर है। मंदिर के प्रमुख देवता श्री मुथप्पन हैं, इन्हें तिरुवप्पन और वेल्लत्तम के पात्रों के रूप में दो अलग-अलग पात्रों से अभिव्यक्त किया जाता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार इष्टदेव यहाँ के लोकदेवता हैं और ये वेदिक देव नहीं माने जाते लेकिन कुछ लोग इन्हें विष्णु अथवा शिव से भी जोड़ते हैं। .

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मोहनलाल (अभिनेता)

मोहनलाल विश्वनाथन नायर (जन्म 21 मई 1960), एक नाम मोहनलाल या लाल के नाम से जाने जाने वाले, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध भारतीय फिल्म अभिनेता और निर्माता हैं, जो मलयालम सिनेमा का सब सबसे बड़ा नाम है।മോഹന്‍ലാല്‍ चार बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रहे मोहनलाल ने दो सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार, एक विशेष जूरी पुरस्कार और एक सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार (निर्माता के रूप में) जीता। 2001 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया। सन 2009 में भारतीय प्रादेशिक सेना द्वारा उन्हें मानद लेफ्टिनेंट कर्नल का पद दिया गया,Lt.Col.

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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कालीकट

राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, कालीकट, केरल की स्थापना १९६१ में की गई थी और २६ जून २००२ को इसे राष्‍ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दर्जा प्रदान किया गया है। इस संस्थान में आठ विभाग हैं। यह संस्थान सिविल इंजीनियरी, रसायन इंजीनियरी, विद्युत तथा इलैक्ट्रॉनिकी इंजीनियरी, इलैक्ट्रॉनिकी तथा संचार इंजीनियरी, अभियांत्रिकी इंजीनियरी, उत्पादन इंजीनियरी तथा प्रबंधन, कम्प्यूटर विज्ञान तथा इंजीनियरी, सूचना प्रौद्योगिकी में चार वर्षीय अवर स्नातक पाठयक्रम और वी.आर्क.

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राष्ट्रीय राजमार्ग १७

१२६९ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग मुंबई को एरनाकुलम से जोड़ता है। इसका रूट पानवेल - महद - खेड - चिपलुन - संगमेश्वर - सावंतवाडी - पणजी - करवर - मैंगलोर - कन्नूर - कोज़ीकोड - फेरोख - कुतीपुरम - पुडु - पोनानी - चौघाट - कन्नूर - इदपल्ली (राष्ट्रीय राजमार्ग 47 के पास) है। ्यह मुख्यत: अरब सागर के समानांतर चलता है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय राजमार्ग २१२

२५० किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग दक्षिण भारत में कोज़ीकोड को मैसूर के रास्ते कोलेगल से जोड़ता है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग श्रेणी:कर्नाटक के पहाड़ी दर्रे.

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राष्ट्रीय राजमार्ग २१३

१३० किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग पालघाट को कोज़ीकोड से जोड़ता है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.

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राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (रा.इ.सू.प्रौ.सं./) (पूर्वतन डीओईएसीसी सोसाइटी), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डी ई आई टी वाई), संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक स्वायत्त वैज्ञानिक संस्था है। इसकी स्थापना सूचना, इलेक्ट्रॉनिकी एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईइसीटी) के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास तथा संबंधित कार्यकलाप करने के लिए की गई थी। रा.इ.सू.प्रौ.सं.

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रघु कुमार

right रघु कुमार (या रेघु कुमार) एक भारतीय संगीत रचयिता थे। उनका जन्म १९ जुलाई १९५३ को केरल के कालीकट के प्रमुख पूथेरी परिवार में हुआ। उनका २० फ़रवरी २०१४ को चेन्नई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। .

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श्रीलक्ष्मी सुरेश

श्रीलक्ष्मी सुरेश (जन्म 1998) कोझिकोड, केरल, भारत की वेब डिजाइनर हैं। वो मुख्यतः भारत में वेब डिजाइनिंग के लिए जानी जाती हैं जिसे २००६ में मीडिया कवरेज प्राप्त हुई। .

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श्वेता मेनन

श्वेता मेनन (ശ്വേത_മേനോൻ; 23 अप्रैल को चंडीगढ़ में जन्मी) एक प्रसिद्ध भारतीय मॉडल, टेलीविजन एंकर और अभिनेत्री है जिसने कई सौंदर्य पुरस्कार जीते हैं और जिसकी झोली में कई भाषाओं में 40 से अधिक फिल्में है। .

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सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत

सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत जिसे 'एन आई टी सूरत' के नाम से भी जाना जाता है, प्रौद्योगिकी एवम अभियांत्रिकी का राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। यह भारत के लगभग तीस राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एन आई टी) में से एक है। इसे भारत सरकार ने १९६१ में स्थापित किया था। इसकी संगठनात्मक संरचना एवम स्नातक प्रवेश प्रक्रिया शेष सभी एन आई टी की तरह ही है। संस्थान में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, विज्ञान मानविकी और प्रबंधन में स्नातक, पूर्व स्नातक एवम डॉक्टरेट के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। .

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सेंट मैरीस फोरॉना चर्च एटूर

सेंट मैरीस फोरॉना चर्च एटूर(St. Mary's Forane Church Edoor) उत्तरी मालाबार के एक प्रसिद्ध मैरिएन तीर्थ-स्थल और सबसे पुराने चर्चोँ में से एक है। यह कण्णूर जिले के पूर्वी शहर इरिट्टी में स्थित है। यह तालाश्शेरी Archdiocese के सेंट मैरी के नाम पर स्थापित हुआ पहला चर्च है। यह इरिट्टी का मुख्य शहर से लगभग 6.5 किलोमीटर दूरी में स्थित है। .

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हलवा

पिस्ता के साथ बाल्कन शैली में ताहिनी आधारित हलवा हलवा (या हलावा, हलेवेह, हेलवा, हलवाह, हालवा, हेलावा, हेलवा, हलवा, अलुवा, चालवा, चलवा) कई प्रकार की घनी, मीठी मिठाई को संदर्भित करता है, जिसे पूरे मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया, मध्य एशिया, पश्चिम एशिया, उत्तरी अफ्रीका, अफ्रीका का सींग, बाल्कन, पूर्वी यूरोप, माल्टा और यहूदी जगत में खाने के लिए पेश किया जाता है। शब्द हलवा (अरबी हलवा حلوى से) का प्रयोग दो प्रकार की मिठाई के वर्णन के लिए किया जाता है.

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वर्गीज कुरियन

डॉ॰ वर्गीज़ कुरियन (26 नवम्बर 1921 - 9 सितंबर 2012) एक प्रसिद्ध भारतीय सामाजिक उद्यमी थे और 'फादर ऑफ़ द वाइट रेवोलुशन' के नाम से अपने 'बिलियन लीटर आईडिया' (ऑपरेशन फ्लड) - विश्व का सबसे बड़ा कृषि विकास कार्यक्रम - के लिए आज भी मशहूर हैं। इस ऑपरेशन ने 1998 में भारत को अमरीका से भी ज़यादा तरक्की दी और दूध -अपूर्ण देश से दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बना दिया| डेयरी खेती भारत की सबसे बड़ी आत्मनिर्भर उद्योग बन गयी। उन्होंने पदभार संभालकर भारत को खाद्य तेलों के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता दी। उन्होंने लगभग 30 संस्थाओं कि स्थापना की (AMUL, GCMMF, IRMA, NDDB) जो किसानों द्वारा प्रबंधित हैं और पेशेवरों द्वारा चलाये जा रहे हैं। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (GCMMF), का संस्थापक अध्यक्ष होने के नाते डॉ॰ कुरियन अमूल इंडिया के उत्पादों के सृजन के लिए ज़िम्मेदार थे। अमूल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी की उन्होंने प्रमुख दुग्ध उत्पादक राष्ट्रों मैं गाय के बजाय भैंस के दूध का पाउडर उपलब्ध करवाया| डॉ॰ कुरियन की अमूल से जुडी उपलब्धियों के परिणाम स्वरुप तब प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हें 1965 में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड का संस्थापक अध्यक्ष नियुक्त किया तांकि वे राष्ट्रव्यापी अमूल के "आनंद मॉडल" को दोहरा सकें.

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वास्को द गामा

डॉम वास्को द गामा (पुर्तगाली: Vasco da Gama) (लगभग १४६० या १४६९ - २४ दिसंबर, १५२४) एक पुर्तगाली अन्वेषक, यूरोपीय खोज युग के सबसे सफल खोजकर्ताओं में से एक और यूरोप से भारत सीधी यात्रा करने वाले जहाज़ों का कमांडर था, जो केप ऑफ गुड होप, अफ्रीका के दक्षिणी कोने से होते हुए भारत पहुँचा। वह जहाज़ द्वारा तीन बार भारत आया। उसकी जन्म की सही तिथि तो अज्ञात है लेकिन यह कहा जाता है कि वह १४९० के दशक में साइन, पुर्तगाल में एक योद्धा था। वास्को को भारत का (समुद्री रास्तों द्वारा) अन्वेषक के अलावे अरब सागर का महत्वपूर्ण नौसेनानी और ईसाई धर्म के रक्षक के रूप में भी जाना जाता है। उसकी प्रथम और बाद की यात्राओं के दौरान लिखे गए घटना क्रम को सोलहवीं सदी के अफ्रीका और केरल के जनजीवन का महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है। .

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वैकम मुहम्मद बशीर

वैकम मुहम्मद बशीर (१९१०) मलयालम के वरिष्ठ साहित्यकार हैं। अनर्थ निमिष, जन्मदिन, मूर्खों का स्वर्ग, मेरे दादा का हाथी आदि उनकी २५ से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे साहित्य अकादमी के वरिष्ठ पदों पर भी रह चुके हैं। .

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वी के कृष्ण मेनन

वेंङालिल कृष्णन कृष्ण मेनोन (വി., ३ मई १८९६ - ६ अक्टूबर १९७४), जिन्हें सामान्यतः कृष्ण मेनोन कहा जाता है, एक भारतीय राष्ट्रवादी, राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, तथा सन् १९५७ से १९६२ तक भारत के रक्षा मंत्री थे। .

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गुरुवायुर

गुरुवायुर (ഗുരുവായൂർ)(जिसे गुरुवायूर भी लिखा जाता है और कभी-कभी गुरुवयुनकेरे के नाम से भी जाना जाता है) भारत के केरल राज्य के थ्रिसुर जनपद के अंतर्गत आने वाली नगरपालिका तथा एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थस्थल है। यह थ्रिसुर नगर के उत्तरपश्चिम में 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। .

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इंदु मेनन

इंदु मेनन एक भारतीय साहित्यिक, उपन्यासकार, लघु कथालेखक, पटकथालेखक और समाजशास्त्री हैं। वह साहित्यिक क्षेत्र में है। .

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कलरीपायट्टु

कलरीपायट्टु (मलयालमകളരിപയറ്റ്) दक्षिणी राज्य केरल से व्युत्पन्न भारत की एक युद्ध कला है। संभवतः सबसे पुरानी अस्तित्ववान युद्ध पद्धतियों में से एक, ये केरल में और तमिलनाडु व कर्नाटक से सटे भागों में साथ ही पूर्वोत्तर श्रीलंका और मलेशिया के मलयाली समुदाय के बीच प्रचलित है। इसका अभ्यास मुख्य रूप से केरल की योद्धा जातियों जैसे नायर, एज्हावा द्वारा, किया जाता था.

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कालीकट अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

Cकालीकट अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, को करीपुर एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह करीपुर, मल्लप्पुरम जिले, केरल में कोज़ीकोड (कालीकट) के निकट स्थित है। यह विमानक्षेत्र कालीकट रेलवे स्टेशन से दूर मंजेरी नामक कस्बे में स्थित है। इसका निकटतम रेलवे स्टेशन है फेरोक। यातायात के नज़र में यह भारत का बारहवां (१२वां) व्यस्ततम विमानक्षेत्र है। और कार्गो के हिसाब से ग्यारहवां व्यस्ततम विमानक्षेत्र है। कालीकट विमानक्षेत्र केरल में स्थित तीन में से एक अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। इसे अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र का स्तर २ फरवरी, २००६ को मिला था। उसके बाद से ही यहां की मूल अवसंरचना को अन्तर्राष्ट्रीय यातायात के लिए उपयुक्त करने की मुहिम जारी है। .

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कैलिको

कैलिको का नमूना मूलत: भारत के कालीकट नाम पर वहाँ से इंग्लैंड जानेवाले सूती वस्त्र को कैलिको कहते थे। अब साधारण बुनावट के सफेद सूती कपड़े को इंग्लैंड में कैलिको कहते हैं। कैलिको में अंतर्गत महीन से महीन मलमल से लेकर मोटे से मोटे मारकीन तक संमिलित है। साधारणत: कैलिको उन्हीं कपड़ों को कहते हैं जिनमें ताना और बाना एक मोटाई के रहते हैं। उसकी बुनावट में बाने को प्रत्येक धागा (सूत्र) ताने के धागों को एकांतरत: ऊपर चढ़कर और नीचे से होकर पार करता है। यदि ताने के धागों पर विचार किया जाए तो पता चलेगा कि ताने का प्रत्येक धागा भी बाने के धागों को एकातंरत: ऊपर चढ़कर और नीचे से होकर पार करता है। बदले बाने को ताने की अपेक्षा मोटा रखने से पॉपलिन नामक कपड़ा बनता है। बाने की अपेक्षा ताने को पर्याप्त मोटा रखने से रेप्प नामक कपड़ा बनता है, जो कुरसी की गद्दी आदि बनाने के काम आता है। अमरीका में कैलिको का अर्थ छींट माना जाता है। वहाँ स्त्रियों को परिहास में कैलिको कहते है, क्योंकि वे बहुधा छींट पहनती हैं। कैलिको.

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के के मुहम्मद

"के के मुहम्मद" एक प्रसिद्ध भारतीय पुरातत्वविद् है। वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर) थे, और वर्तमान में आगा खान संस्कृति ट्रस्ट में पुरातात्विक परियोजना निदेशक के रूप में सेवा दे रहे हैं। .

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केरल

केरल (मलयालम: കേരളം, केरळम्) भारत का एक प्रान्त है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम) है। मलयालम (മലയാളം, मलयाळम्) यहां की मुख्य भाषा है। हिन्दुओं तथा मुसलमानों के अलावा यहां ईसाई भी बड़ी संख्या में रहते हैं। भारत की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर अरब सागर और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य एक खूबसूरत भूभाग स्थित है, जिसे केरल के नाम से जाना जाता है। इस राज्य का क्षेत्रफल 38863 वर्ग किलोमीटर है और यहाँ मलयालम भाषा बोली जाती है। अपनी संस्कृति और भाषा-वैशिष्ट्य के कारण पहचाने जाने वाले भारत के दक्षिण में स्थित चार राज्यों में केरल प्रमुख स्थान रखता है। इसके प्रमुख पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक हैं। पुदुच्चेरी (पांडिचेरि) राज्य का मय्यष़ि (माहि) नाम से जाता जाने वाला भूभाग भी केरल राज्य के अन्तर्गत स्थित है। अरब सागर में स्थित केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का भी भाषा और संस्कृति की दृष्टि से केरल के साथ अटूट संबन्ध है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं। जुलाई 1949 में तिरुवितांकूर और कोच्चिन रियासतों को जोड़कर 'तिरुकोच्चि' राज्य का गठन किया गया। उस समय मलाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। नवंबर 1956 में तिरुकोच्चि के साथ मलाबार को भी जोड़ा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई। इस प्रकार 'ऐक्य केरलम' के गठन के द्वारा इस भूभाग की जनता की दीर्घकालीन अभिलाषा पूर्ण हुई। * केरल में शिशुओं की मृत्यु दर भारत के राज्यों में सबसे कम है और स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है (2001 की जनगणना के आधार पर)।.

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केरल के जिले

केरल में 14 जिले हैं.

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केरला साहित्योत्सव

केरला साहित्योत्सव या केरला लिटरेचर फेस्टिवल (के. एल. एफ) एक वार्षिक साहित्योत्सव है जो हर साल कोषीकोड के समुद्र तट में मनाया जाता है। डी सी कीषकेमुरी फाउंडेशन और अन्य संगठनों की सहायता से के.

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कोच्चि

कोच्चि, जिसे कोचीन भी कहा जाता था, लक्षद्वीप सागर के दक्षिण-पश्चिम तटरेखा पर स्थित एक बड़ा बंदरगाह शहर है, जो भारतीय राज्य केरल के एर्नाकुलम जिले का एक भाग है। कोच्चि को काफ़ी समय से प्रायः एर्नाकुलम भी कहा जाता है, जिसका अर्थ नगर का मुख्यभूमि भाग इंगित करता है। कोच्चि नगर निगम के अधीनस्थ (जनसंख्या ६,०१,५७४) ये राज्य का दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला शहर है। ये कोच्चि महानगरीय क्षेत्र के विस्तार सहित (जनसंख्या २१ लाख) केरल राज्य का सबसे बड़ा शहरी आबादी क्षेत्र है। कोच्चि नगर ग्रेटर कोच्चि क्षेत्र का ही एक भाग है, और इसे भारत सरकार द्वारा द्वितीय दर्जे वाला शहर वर्गीकृत किया गया है। नगर की देख-रेख व अनुरक्षण दायित्त्व १९६७ में स्थापित हुआ कोच्चि नगर निगम देखता है। इसके अलावा पूरे क्षेत्र के सर्वांगीण विकास का भार ग्रेटर कोचीन डवलपमेंट अथॉरिटी (GCDA) एवं गोश्री आईलैण्ड डवलपमेंट अथॉरिटी (GIDA) पर है। कोच्चि १४वीं शताब्दी से ही भारत की पश्चिमी तटरेखा का मसालों का व्यापार केन्द्र रहा है और इसे अरब सागर की रानी के नाम से जाना जाता था। १५०३ में यहां पुर्तगालियों का आधिपत्य हुआ और यह उपनिवेशीय भारत की प्रथम यूरोपीय कालोनी बना और १५३० में गोवा के चुने जाने तक ये पुर्तगालियों का यहां का प्रधान शक्ति केन्द्र रहा था।क्कालांतर में कोच्चि राज्य के रजवाड़े में परिवर्तित होने के क्साथ ही ये डच एवं ब्रिटिश के नियन्त्रण में आ गया। आज केरल में कुल अन्तर्देशीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन संख्या में प्रथम स्थान बनाये हुए है। नीलसन कम्पनी के आउटलुक ट्रैवलर पत्रिका के लिये किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार कोच्चि आज भी भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक आकर्षणों में छठवें स्थान पर बना हुआ है। मैकिन्से ग्लोबल संस्थान द्वारा किये गए एक शोध के अनुसार, कोच्चि २०२५ तक के विश्व के सकल घरेलु उत्पाद में ५०% योगदान देने वाले ४४० उभरते हुए शहरों में से एक था। भारतीय नौसेना के दक्षिणी नौसैनिक कमान का केन्द्र तथा भारतीय तटरक्षक का राज्य मुख्यालय भी इसी शहर में स्थित है, जिसमें एयर स्क्वैड्रन ७४७ नाम की एक वायु टुकड़ी भी जुड़ी है। नगर के वाणिज्यिक सागरीय गतिविधियों से सम्बन्धित सुविधाओं में कोच्चि बंदरगाह, अन्तर्राष्ट्रीय कण्टेनर ट्रांस्शिपमेण्ट टर्मिनल, कोचीन शिपयार्ड, कोच्चि रिफ़ाइनरीज़ का अपतटीय (ऑफ़शोर) सिंगल बॉय मूरिंग (एस.पी.एम), एवं कोच्चि मैरीना भी हैं। कोच्चि में ही कोचीन विनिमय एक्स्चेंज, इंटरनेशनल पॅपर एक्स्चेंज भी स्थित हैं, तथा हिन्दुस्तान मशीन टूल्स (एच.एम.टी), सायबर सिटी, एवं किन्फ़्रा हाई-टेक पाक एवं बड़ी रासायनिक निर्माणियां जैसे फ़र्टिलाइज़र्स एण्ड कैमिकल्स त्रावणकौर (फ़ैक्ट), त्रावणकौर कोचीन कैमिकल्स (टीसीसी), इण्डियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड (आई.आर.ई.एल), हिन्दुस्तान ऑर्गैनिक कैमिकल्स लिमिटेड (एच.ओ.सी.एल) कोच्चि रिफ़ाइनरीज़ के साथ साथ ही कई विद्युत कंपनियां जैसे टी.ई.एल.के एवं औद्योगिक पार्क भी बने हैं जिनमें कोचीन एपेशल इकॉनोमिक ज़ोन एवं इन्फ़ोपार्क कोच्चि प्रमुख हैं। कोच्चि में ही प्रमुख राज्य न्यायपीठ केरल एवं लक्षद्वीप उच्च न्यायालय एवं कोचीन युनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी भी स्थापित हैं। इसी नगर में केरल का नेशनल लॉ स्कूल, नेशनल युनिवर्सिटी ऑफ़ एडवांस्ड लीगल स्टडीज़ को भी स्थान मिला है। .

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कोझिकोड ज़िला

कोझीकोड भारतीय राज्य केरल का एक जिला है। पहले इसे कालीकट कहते थे। क्षेत्रफल - 2344 वर्ग कि.मी। जनसंख्या - 28,79,131 (2001 जनगणना)। कोझिकोड जिले कन्नूर जिले और माउ में पांडिचेरी राज्य के उत्तर में, पूर्व में वायनाड, और दक्षिण में मलप्पुरम स्थित है। अरब सागर पश्चिम में है। यह अक्षांश ११ ° ०८' एन और ११ डिग्री ५०' एन के बीच है और ७५ डिग्री ३० डिग्री सेल्सियस और ८० डिग्री लंबा है। २००१ में जिला को चार तालुकाओं में विभाजित किया गया था: कोझिकोड, वातकरा, कोयलींडी और तैमरासरी। २०११ की जनगणना में १२ ब्लॉक पंचायतें हैं: बालससेरी, चेलन्नूर, कोदुवली, कोझीकोड, कुन्नमंगलम, कुन्नुमल, मेलेडी, पंथालीयनी, पेरामबा, थोडन्नूर, थूनी, और वातकरा। कोझीकोड जिला एक बार शक्तिशाली ज़मोरींस की राजधानी थी और एक प्रमुख व्यापार और वाणिज्य केंद्र था, कोझीकोड मालाबार का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र था। आज, हरे भरे ग्रामीण इलाकों, शांत समुद्र तटों, ऐतिहासिक स्थलों, वन्यजीव अभयारण्य, नदियों, पहाड़ियों, एक अनूठी संस्कृति और गर्मजोशीपूर्ण माहौल है, कोझिकोड एक लोकप्रिय गंतव्य है। शास्त्रीय प्राचीन काल और मध्य युग के दौरान, पूर्वी मसालों के प्रमुख व्यापारिक बिंदु के रूप में कोज़िकोड को अपनी भूमिका के लिए "मसाले का शहर" भी कहा जाता था। जिला एक प्रसिद्ध कपास-बुनाई केंद्र भी था, जिसे केलिको कपड़ा नाम दिया गया था। एशिया, अफ्रीका और मध्य-पूर्व के कई राज्यों के साथ व्यापार कोज़िकोड एक लोकप्रिय व्यापारिक केंद्र बना। .

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अन्ना राजम मल्होत्रा

अन्ना राजम मल्होत्रा (जन्म: 1927) भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला हैं। वे 1951 बैच की आई॰ ए॰ एस॰ अधिकारी हैं। ये महाराष्ट्र से हैं। अन्ना का जन्म एर्नाकुलम में हुआ। पहले कालीकट और बाद में मद्रास में शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात उन्होने 1951 में भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण की और भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। 1951 में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित आर एन बनर्जी और चार आईसीएस अधिकारियों के शामिल साक्षात्कार बोर्ड में उन्हें काफी हतोत्साहित किया गया और उन्हें विदेश सेवा और केन्द्रीय सेवाओं को चुनने हेतु कहा गया, किन्तु उन्होने बिना हतोत्साहित हुये मद्रास काडर चुना और पहले प्रयास में ही उसी वर्ष उनका चयन हुआ। उनका प्रारंभिक नाम अन्ना जॉर्ज है। उन्हें १९८९ में भारत सरकार द्वारा प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हेतु पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। .

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