5 संबंधों: ऊष्मा, ऊष्मामापी, ऊष्मारसायन, तापमापी, क्रिस्टलता।
ऊष्मा
इस उपशाखा में ऊष्मा ताप और उनके प्रभाव का वर्णन किया जाता है। प्राय: सभी द्रव्यों का आयतन तापवृद्धि से बढ़ जाता है। इसी गुण का उपयोग करते हुए तापमापी बनाए जाते हैं। ऊष्मा या ऊष्मीय ऊर्जा ऊर्जा का एक रूप है जो ताप के कारण होता है। ऊर्जा के अन्य रूपों की तरह ऊष्मा का भी प्रवाह होता है। किसी पदार्थ के गर्म या ठंढे होने के कारण उसमें जो ऊर्जा होती है उसे उसकी ऊष्मीय ऊर्जा कहते हैं। अन्य ऊर्जा की तरह इसका मात्रक भी जूल (Joule) होता है पर इसे कैलोरी (Calorie) में भी व्यक्त करते हैं। .
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ऊष्मामापी
ऊष्मामापी की संरचना: 1. तापमापी2. विडोलक (stirrer) 3. ढक्कन 4. अन्दर वाला पात्र 5. बाहरी पात्र 6. ऊष्मा के कुचालक के बने सपोर्ट (आधार) ऊष्मामापी या कैलोरीमीटर एक वैज्ञानिक उपकरण है जो ऊष्मामिति में सहायक है। इसका उपयोग रासायनिक अभिक्रियाओं की ऊष्मा मापने, या भौतिक परिवर्तनों की ऊष्मा मापने या ऊष्मा धारिता मापने के लिये किया जाता है। डिफरेंशियल स्कैनिंग कैलोरीमीटर, आइसोथर्मल माइक्रोकैलोरीमीटर, टाइट्रेशन कैलोरीमीटर तथा त्वरित दर कैलोरीमीटर आदि प्रमुख ऊष्मामापी हैं। किसी धातु के एक बर्तन में निश्चित द्रव्यमान का जल भरकर तथा एक तापमापी लगाकर दहन कक्ष के ऊपर लगा देने से एक सरल ऊष्मामापी बन जाता है। में आता है। .
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ऊष्मारसायन
संसार का प्रथम हिम-कैलोरीमीटर (ice-calorimeter) उष्मागतिकी एवं भौतिक रसायन में उष्मारसायन (thermochemistry) वह विद्या है जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में उत्पन्न या शोषित की गयी उर्जा का अध्ययन करती है। उष्मारसायन में प्राय: उर्जा के शोषण या उत्सर्जन के परिणामस्वरूप होने वाले भौतिक परिवर्तन (जैसे गलन, क्वथन, फेज परिवर्तन (phase transition) आदि) का भी अध्ययन शामिल है। इसके साथ-साथ उष्मा धारिता, ज्वलन की उष्मा, निर्माण की उष्मा (heat of formation), इन्थाल्पी एवं मुक्त उर्जा (free energy) की गणना भी की जाती है। .
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तापमापी
|एक चिकित्सकीय तापमापी '''तापमापी''' तापमापी या थर्मामीटर वह युक्ति है जो ताप या 'ताप की प्रवणता' को मापने के काम आती है। 'तापमिति' (Thermometry) भौतिकी की उस शाखा का नाम है, जिसमें तापमापन की विधियों पर विचार किया जाता है। तापमापी अनेक सिद्धान्तों के आधार पर निर्मित किये जा सकते हैं। द्रवों का आयतन ताप ग्रहण कर बढ़ जाता है तथा आयतन में होने वाली यह वृद्धि तापक्रम के समानुपाती होता है। साधारण थर्मामीटर इसी सिद्धान्त पर काम करते हैं। .
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क्रिस्टलता
क्रिस्टलता (crystallinity) किसी ठोस पदार्थ में ढांचे की सुव्यवस्था के माप को कहते हैं। क्रिस्टलों में परमाणु या अणु एक नियत व आवर्ती क्रम में सज्जित होते हैं। क्रिस्टलता काष्ठा (degree of crystallinity) का पदार्थ की कठोरता, घनत्व, पारदर्शिता और विसरण के गुणों पर भारी प्रभाव पड़ता है। .
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