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कैंडिला

सूची कैंडिला

फ़ोटोप्टिक (कल) और स्कोप्टिकhttp://www.cvrl.org/database/text/lum/scvl.htm CIE Scotopic luminosity curve (1951) (हरा) ल्यूमिनॊसिटि फ़ंक्शन। फ़ोटोप्टिक में CIE 1931 मानकhttp://www.cvrl.org/database/text/cmfs/ciexyz31.htm CIE (1931) 2-deg color matching functions (ठोस), Judd-Vos 1978 सूधारा डाटाhttp://www.cvrl.org/database/text/lum/vljv.htm Judd-Vos modified CIE 2-deg photopic luminosity curve (1978) (डैश्ड) और शार्प, स्टॊक्मैन, जाग्ला & जाग्ले 2005 डाटाhttp://www.cvrl.org/database/text/lum/ssvl2.htm Sharpe, Stockman, Jagla & Jägle (2005) 2-deg V*(l) luminous efficiency function (डॊटेड). क्षैतिज अक्ष पर तरंग्दैर्घ्य है nm में। कैंडिला (/-ˈdiːlə/, प्रतीक: cd) दीप्त तीव्रता SI इकाई है। यह एक मूल इकाई भी है। या: .

6 संबंधों: एम्पियर, दीप्त तीव्रता, धूम्र संसूचक, भौतिक राशियों की सूची, सेंटीमीटर-ग्राम-सैकिण्ड इकाई प्रणाली, अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली

एम्पियर

विद्युत धारा को गैल्वैनोमीटर के द्वारा मापा जा सकता है। वैसे इसको मापने का सही उपकरण है एम्मीटर एम्पीयर, लघु रूप में amp, (चिन्ह: A) विद्युत धारा, या विद्युत आवेश की मात्रा प्रति सैकण्ड; की इकाई है। एम्पीयर SI मूल इकाई है और इसका नाम विद्युतचुम्बकत्व को खोजने वाले वैज्ञानिक आंद्रे-मैरी एम्पीयर के नाम पर्रखा गया है। .

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दीप्त तीव्रता

प्रकाशमिति में में, प्रकाश स्रोत से दिशा विशेष में, इकाई ठोस कोण में, निकलने वाली तरंग-दैर्घ्य-भारित शक्ति को दीप्त तीव्रता (ल्युमिनस इन्टेन्सिटी) कहते हैं। यह प्रकाशीय सूत्र (luminosity function) पर आधारित है, जो की एक मानवीय आँख की संवेदनशीलता का एक मानकीकृत प्रतिरूप है। इसकी SI इकाई कैंडिला (cd) है। श्रेणी:भौतिक मात्राएं श्रेणी:प्रकाश श्रेणी:फोटोमेट्री.

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धूम्र संसूचक

स्मोक डिटेक्टर (धुएं का पता लगाने वाला यंत्र) एक उपकरण है जो ख़ास तौर पर आग के सूचक के रूप में धुएं का पता लगाता है। व्यावसायिक, औद्योगिक और बड़े पैमाने पर उपयोग होने वाले आवासीय उपकरण आग लगने की चेतावनी देने वाली एक प्रणाली को संकेत देते हैं, जबकि घरेलू डिटेक्टर, जिन्हें स्मोक अलार्म (धुएं की चेतावनी देने वाला उपकरण कहा जाता है), आम तौर पर डिटेक्टर से ही स्थानीय रूप से सुनाई और/या दिखाई देने वाली चेतावनी देते हैं। स्मोक डिटेक्टर को ख़ास तौर पर डिस्क के आकार वाले प्लास्टिक के एक घेरे में रखा जाता है जिसका व्यास लगभग एवं मोटाई लगभग होती है। अधिकांश स्मोक डिटेक्टर या तो प्रकाशीय (ऑप्टिकल) पहचान (विद्युतप्रकाशीय) या भौतिक प्रक्रिया (आयनीकरण) के द्वारा काम करते हैं, जबकि अन्य डिटेक्टर धुएं के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिए पहचान की दोनों विधियों का उपयोग करते हैं। संवेदनशील अलार्म का उपयोग शौचालयों एवं विद्यालयों जैसे धूम्रपान प्रतिबंधित क्षेत्रों में इसका पता लगाने और इस प्रकार उसे रोकने में किया जा सकता है। बड़े व्यावसायिक, औद्योगिक और आवासीय इमारतों में आमतौर पर स्मोक डिटेक्टरों को एक आग की चेतावनी देने वाली एक केंद्रीय प्रणाली से ऊर्जा मिलती है, जिसे बैटरी बैकअप वाली इमारत की बिजली से ऊर्जा प्राप्त होती है। हालांकि, कई एकाकी परिवार और छोटे एकाधिक परिवार वाले आवासों में, स्मोक (धुंआ) अलार्म को अक्सर केवल एक बार प्रयोग किये जाने योग्य एकल बैटरी द्वारा संचालित किया जाता है। .

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भौतिक राशियों की सूची

यह भौतिक राशियों की सूची है। श्रेणी:भौतिक इकाई.

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सेंटीमीटर-ग्राम-सैकिण्ड इकाई प्रणाली

। सेन्टीमीटर मापने का टेपसेंटीमीटर-ग्राम-सैकिण्ड इकाई प्रणाली (CGS) भौतिक इकाइयों के मापन की प्रणाली है। यह या~ंत्रिक इकाइयों हेतु सर्वदा समान है, पर्म्तु कई विद्युत इकाइयाँ जुडी़ हैं। इसका स्थान बाद में MKS इकाई प्रणाली ने ले लिया था, जिसमें मीटर, किलोग्राम सैकिण्ड प्रयोग होते थे,। वह भी बाद में अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली से बदली गयी। इस नयी प्रणाली में MKS प्रणाली की ही इकैयाँ थी, जिनके साथ साथ एम्पीयर, मोल, कैण्डेला और कैल्विन शामिल थे। .

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अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली

अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली (संक्षेप में SI; फ्रेंच Le Système International d'unités का संक्षिप्त रूप), मीटरी पद्धति का आधुनिक रूप है। इसे सामान्य रूप में दशमलव एवं दस के गुणांकों में बनाया गया है। यह विज्ञान एवं वाणिज्य के क्षेत्र में विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली प्रणाली है। पुरानी मेट्रिक प्रणाली में कई इकाइयों के समूह प्रयोग किए जाते थे। SI को 1960 में पुरानी मीटर-किलोग्राम-सैकण्ड यानी (MKS) प्रणाली से विकसित किया गया था, बजाय सेंटीमीटर-ग्राम-सैकण्ड प्रणाली की, जिसमें कई कठिनाइयाँ थीं। SI प्रणाली स्थिर नहीं रहती, वरन इसमें निरंतर विकास होते रहते हैं, परंतु इकाइयां अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों के द्वारा ही बनाई और बदली जाती हैं। यह प्रणाली लगभग विश्वव्यापक स्तर पर लागू है और अधिकांश देश इसके अलावा अन्य इकाइयों की आधिकारिक परिभाषाएं भी नहीं समझते हैं। परंतु इसके अपवाद संयुक्त राज्य अमरीका और ब्रिटेन हैं, जहाँ अभी भी गैर-SI इकाइयों उनकी पुरानी प्रणालियाँ लागू हैं।भारत मॆं यह प्रणाली 1 अप्रैल, 1957 मॆं लागू हुई। इसके साथ ही यहां नया पैसा भी लागू हुआ, जो कि स्वयं दशमलव प्रणाली पर आधारित था। इस प्रणाली में कई नई नामकरण की गई इकाइयाँ लागू हुई। इस प्रणाली में सात मूल इकाइयाँ (मीटर, किलोग्राम, सैकण्ड, एम्पीयर, कैल्विन, मोल, कैन्डेला, कूलम्ब) और अन्य कई व्युत्पन्न इकाइयाँ हैं। कुछ वैज्ञानिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में एस आई प्रणाली के साथ अन्य इकाइयाँ भी प्रयोग में लाई जाती हैं। SI उपसर्गों के माध्यम से बहुत छोटी और बहुत बड़ी मात्राओं को व्यक्त करने में सरलता होती है। तीन राष्ट्रों ने आधिकारिक रूप से इस प्रणाली को अपनी पूर्ण या प्राथमिक मापन प्रणाली स्वीकार्य नहीं किया है। ये राष्ट्र हैं: लाइबेरिया, म्याँमार और संयुक्त राज्य अमरीका। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

कैण्डेला, कैन्डेला, कॅण्डेला

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