7 संबंधों: दुपट्टा, पजामा, पगड़ी, लहँगा, शेरवानी, ग़रारा, कुर्ता।
दुपट्टा
अंगूठाकार दुपट्टा भारतीय परिधान सलवार कुरता का एक अभिन्न अंग है। सलवार कुर्ते के तीसरे वस्त्र को दुपट्टा कहा जाता है। दुपट्टा 'चुन्नी', 'ओढ़नी', 'शाल' एवं अन्य नामों से जाना जाता है। दुपट्टे का प्रयोग प्राचीन काल से घाघरे, साड़ी अथवा सलवार सूट के साथ किया जाता रहा है। ग्रामीण भारतीय महिलाएं दुपट्टे को सर पर इस तरह से ढकती हैं ताकि उनके सर व चेहरे का अधिकतर भाग दुपट्टे से ढका रहे। यह प्रथा भारत के उत्तरी हिस्सों में खास तौर पर देखने को मिलती है। नए ज़माने में दुपट्टे ने अलग रूप ले लिया है और बहुत से फैशन डिज़ाइनर दुपट्टे को परिवर्तित करके अंतर्राष्ट्रीय फैशन में इसे वरीयता दिला चुके हैं। दुपट्टा भारतीय एवं पाकिस्तानी फैशन में स्त्री एवं पुरुष दोनों के बीच लोकप्रिय है। हिन्दू और मुस्लिम विवाह में जहाँ एक और दुल्हन दुपट्टे से अपना सर ढकती है वहीँ दूसरी ओर दूल्हा दुपट्टे का प्रयोग शेरवानी के साथ करता है। .
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पजामा
पायजामा पायजामा या पैजामा या पाजामा कमर में बांधकर पैरों में पहना जाने वाला वस्त्र है जो थोडा ढ़ीला-ढ़ाला होता है। .
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पगड़ी
पगड़ी पहने हे एक सिख पगड़ी सिर पर बांधा जाने वाला परिधान या पहनावा है। पगड़ी धारण करना सिख लोगों के पाँच चिह्नों में से है। पगड़ी विश्व के अनेक समाजों में प्रचलित थी। भारत में भी पगड़ी का बहुत प्रचलन था और सभी वर्गों के लोग इसे धारण करते थे। अंग्रेजों के आगमन के बाद इसमें धीरे-धीरे कमी आयी। .
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लहँगा
लहंगा जो महिलाओं के लिए पोशाक होती है जो ज्यादातर भारतीय समाज में ही पहना जाता है। यह ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में पहना जाता है। आमतौर पर महिलाएँ कुर्ती के साथ लहंगा पहनती हैं। श्रेणी:परिधान श्रेणी:भारतीय पोशाक.
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शेरवानी
कोई विवरण नहीं।
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ग़रारा
लखनवी शादी ग़रारा उत्तरी भारत के हिन्दी बोलने वाले क्षेत्रों की मुसलमान औरतों द्वारा पहना जाने वाला एक रिवायती लखनवी लिबास है। यह लिबास कुर्ती, दुपट्टा और चौड़े पैंटों से बना हुआ है। घुटने के क्षेत्र, जिसे गोटा कहा जाता है, अक्सर ज़री और ज़रदोज़ी की कढ़ाई से सजाया जाता है। रिवायती ग़राराओं का प्रत्येक चरण 12 मीटर से अधिक कपड़ों, अक्सर रेशम ब्रोकैड, से बना हुआ है। उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र के नवाबों के ज़माने में ग़रारों की व्युत्पत्ति हुई। 19वीं सदी के उत्तरार्ध और 20वीं सदी की शुरुआत में, ग़रारा लिबास हिन्दी-उर्दू बोलने वाले क्षेत्रों की मुसलमान औरतों के दरम्यान रोज़मर्रा का लिबास था। हालांकि अब ये रोज़मर्रा पहनावे के रूप में नहीं पहने जाते हैं, फिर भी ये हिन्दी-उर्दू बोलने वाले क्षेत्रों की मुसलमान औरतों और पाकिस्तान और बांग्लादेश में उर्दू-भाषी आप्रवासियों के दरम्यान शादी के लिबास के रूप में लोकप्रिय हैं। .
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कुर्ता
220px कुर्ता या कुरता एक पारंपरिक भारतीय पोशाक है, यह एक लम्बी कमीज की तरह होता है जो घुटनों तक लंबा होता है और पजामा के साथ पहना जाता है जो या तो कुर्ते के रँग से मिलता जुलता होता है या सफेद होता है। कुरते को आम प्रयोग और खास मौकों दोनो के लिये इस्तेमाल किया जाता है हलाकि खास मौकों पर पहने जाने वाला कुर्ता आम तौर से ज्यादा फैशनेबल होते हैं। कुर्ते सूती, ऊनी और रेशमी सभी तरह के सामग्रियों में मिलते हैं। भारत और पड़ोसी देशों बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी कुर्ते की परंपरा रही है। कुर्ते के कई परिवर्धित रूप हैं जिनमें शेरवानी, पठानी सूट इत्यादि प्रमुख। औरतें भी कुर्तों का इस्तेमाल करती हैं किन्तु इन्हें आमतौर पर कुर्ती और अन्य नामों से पुकारा जाता है। .
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