9 संबंधों: चिन राज्य, फ़लाम भाषा, मिज़ो लोग, म्हार भाषा, मेघालय, सगाइंग मण्डल, हाखा चिन भाषा, कार्बी भाषा, कुकी-चिन-नागा भाषाएँ।
चिन राज्य
चिन राज्य (बर्मी: ချင်းပြည်နယ်) बर्मा के मध्य-पश्चिम में स्थित एक राज्य है। इसके उत्तर में भारत का मणिपुर राज्य, पश्चिम में भारत का मीज़ोरम राज्य और दक्षिण-पश्चिम में बांग्लादेश है। .
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फ़लाम भाषा
फ़लाम (Falam) एक कुकी-चिन भाषा है जो भारत के पूर्वोत्तर भाग और उसके पड़ोस में बर्मा के चिन राज्य में बोली जाती है। इसका हाखा चिन भाषा से सम्बन्ध है। .
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मिज़ो लोग
मिज़ो पूर्वोत्तरी भारत, पश्चिमी बर्मा व पूर्वी बांग्लादेश में जड़े रखने वाला एक जातीय समूह है। वे मिज़ो भाषा और कुकी भाषा-परिवार की कुछ अन्य भाषाओं के मातृभाषी हैं। वर्तमानकाल में मिज़ो समुदाय पूर्ण भारत के लगभग सभी मुख्य नगरों में पाये जाते हैं। अधिकांश मिज़ो ईसाई मत के अनुयायी हैं हालांकि उनकी कुछ परम्परागत आस्थाएँ भी हैं। मिज़ो लोगों का साक्षरता दर ९१% है, जो भारत के सभी समुदायों में सबसे ऊँची श्रेणी पर है। .
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म्हार भाषा
म्हार भाषा (जो भाषा के नाम का सही उच्चारण है) या ह्मार भाषा (Hmar language) तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की कुकी भाषा शाखा की मिज़ो उपशाखा की एक भाषा है। इसे बोलने वाले भी ह्मार लोग कहलाते हैं। ह्मार पूर्वोत्तरी भारत में मिज़ोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, असम व मेघालय में बिखरे समुदायों में बसे हुए हैं, लेकिन इतने विशाल भूक्षेत्र में फैले होने के बावजूद इनकी ह्मार उपभाषाएँ आपस में बख़ूबी बोली-समझी जा सकती हैं। कुछ हद तक यह अन्य कुकी भाषाओं को बोलने वालों के साथ भी समझी जा सकती है। बांग्लादेश के चटगाँव पहाड़ी क्षेत्र में भी कुछ ह्मार बोलने वाले रहते हैं। .
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मेघालय
मेघालय पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है। इसका अर्थ है बादलों का घर। २०१६ के अनुसार यहां की जनसंख्या ३२,११,४७४ है। मेघालय का विस्तार २२,४३० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में है, जिसका लम्बाई से चौडाई अनुपात लगभग ३:१ का है। IBEF, India (2013) राज्य का दक्षिणी छोर मयमनसिंह एवं सिलहट बांग्लादेशी विभागों से लगता है, पश्चिमी ओर रंगपुर बांग्लादेशी भाग तथा उत्तर एवं पूर्वी ओर भारतीय राज्य असम से घिरा हुआ है। राज्य की राजधानी शिलांग है। भारत में ब्रिटिश राज के समय तत्कालीन ब्रिटिश शाही अधिकारियों द्वारा इसे "पूर्व का स्काटलैण्ड" की संज्ञा दी थी।Arnold P. Kaminsky and Roger D. Long (2011), India Today: An Encyclopedia of Life in the Republic,, pp.
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सगाइंग मण्डल
सगाइंग मण्डल (बर्मी: စစ်ကိုင်းတိုင်းဒေသကြီး) बर्मा के पश्चिमोत्तर में स्थित एक प्रशासनिक मण्डल है। इसकी पश्चिमी सीमाएँ भारत के अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड व मणिपुर राज्यों से लगतीं हैं। .
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हाखा चिन भाषा
हाखा चिन (Hakha Chin), जिसे लई (Lai), बौन्गशे (Baungshe) और पावी (Pawi) भी कहते हैं। इसके मातृभाषी अधिकतर भारत के मिज़ोरम राज्य में और बर्मा के चिन राज्य में रहते हैं। लई बोलने वाले कम संख्या में बंग्लादेश के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में भी मिलते हैं। वैसे तो बर्मा के चिन राज्य में औपचारिक रूप से कोई राजभाषा नहीं है लेकिन अधिकतर लोग वहाँ आपस में लई ही बोलते हैं और प्रान्तीय राजधानी हाखा में भी लई ही बोली जाती है। यह काफ़ी हद तक मिज़ो भाषा से भी सम्बन्धित है।, Ethnologue, 1983, 1991, 1996, 2000, access date August 9, 2008 .
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कार्बी भाषा
कार्बी भाषा (असमिया: কাৰ্বি, अंग्रेज़ी: Karbi), जो मिकिर भाषा और आरलेंग भाषा भी कहलाया करती थी, पूर्वोत्तर भारत में असम, मेघालय व अरुणाचल प्रदेश राज्यों में कार्बी समुदाय द्वारा बोली जाने वाली एक भाषा है। यह तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की सदस्या है लेकिन इस विशाल परिवार के अंदर इसका आगे का वर्गीकरण अस्पष्ट है। इसे अधिकतर असमिया लिपि में लिखा जाता है, हालांकि कुछ हद तक रोमन लिपि भी प्रयोगित है। इसकी एक प्रमुख उपभाषा है, आम्री, जो साधारण कार्बी बोली से काफ़ी अलग है और कभी-कभी एक भिन्न भाषा भी मानी जाती है। .
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कुकी-चिन-नागा भाषाएँ
कुकी-चिन-नागा भाषाएँ (Kuki-Chin–Naga) भारत के मिज़ो व नागा लोग तथा बर्मा के चिन लोग द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं का एक समूह है। यह सभी तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की सदस्य हैं लेकिन इनका आपसी सम्बन्ध अभी ज्ञात नहीं है। मिज़ो भाषा सर्वाधिक मातृभाषी रखने वाली कुकी-चिन-नागा भाषा है और भारत में सन् 2001 में इसके 6,74,756 वक्ता थे। इसके अलावा थाडो भाषा (1,50,000 वक्ता) और आओ शाखा की मोंगसेन आओ (1,40,000 वक्ता) भी एक लाख से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती हैं। .
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