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काला सागर

सूची काला सागर

नासा के वर्ल्ड विंड ग्लोब सॉफ्टवेयर द्वारा कृष्ण सागर का दृश्य कृष्ण सागर या काला सागर एक महाद्वीपीय समुद्र है जो दक्षिण-पूर्वी यूरोप, कॉकेशस और अनातोलिया के प्रायद्वीप (तुर्की) से घिरा है। अंध महासागर में यह भूमध्य और एजियन सागरों और विभिन्न जलडमरूमध्यों के माध्यम से जुड़ा हुआ है। इसमें बोस्पोरस की जलसंयोगी मारमरा सागर का नाम उल्लेखनीय है। कृष्ण सागर, 436,400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का जलाशय है, जिसकी अधिकतम गहराई 2212 मीटर है। इसमें समाहित जल का आयतन लगभग 5,47,000 घन किमी है। कृष्ण सागर पश्चिम में बुल्गारिया, रोमानिया, उत्तर-पूर्व में रूस और यूक्रेन, दक्षिण में तुर्की के बीच स्थित है। इसके पूर्व में जॉर्जिया तथा कॉकेशस की पर्वतमालाएँ हैं जो इसे कैस्पियन सागर से अलग करती हैं। पूर्व से पश्चिम की सबसे अधिक लंबाई लगभग 1175 किमी है। '''कृष्ण सागर''' का क्रीमिया गणराज्य के एक गांव से दृश्य इस तट के साथ लगे महत्वपूर्ण शहरों में शामिल हैं: कॉस्टैंटा (306000 550000 के एक मेट्रो के साथ), इस्तांबुल (11372613), ओडेसा (1001000), मंगालिया (41153), बुर्गास (229250), वार्ना (357752 416000 के एक मेट्रो के साथ), खेरसॉन (358000), सेवास्टॉपॉल (379200), याल्टा (80552), कर्च (158165), नोवोरोसीस्क (281400), सोची (328809), सूखुमी (43700), नैवोदारी (34669), पोती (47149), बातुमी (121806), ट्रैबज़ॉन (275137), सैमसन (439000) ओर्दू (190143) और जोंगूल्दाक (104276).

61 संबंधों: चरकस लोग, डैन्यूब नदी, तमन प्रायद्वीप, तुर्की, तुर्की का भूगोल, तुर्की के भौगोलिक क्षेत्र, निकोलस प्रथम, नीपर, पूर्वी समस्या, पूर्वी स्लाव लोग, पोलैंड, पोलैंड का इतिहास, पोंटिक-कैस्पियाई स्तेपी, बन्द जलसम्भर, बाल्टिक सागर, बाल्कन, बिलेसिक प्रांत, बुल्गारिया, बुल्गारिया का इतिहास, ब्लैक फॉरेस्ट (काला वन), बोस्पोरुस जलसन्धि, मरमरा सागर, मसागती लोग, महारानी काथरिन, युक्रेन, यूरोप, रूसी क्रांति, रोमानिया, लंबाई के आधार पर नदियों की सूची, सरमती लोग, सरकैशिया, सुनहरा उर्दू, स्ट्रूव जिओडेटिक आर्क, स्पार्टाकस, जनसंख्या, जहाज़ी नहर, जॉर्जिया, ईवान आईवाज़ोवस्की, वर्षावन, आनातोलिया, आर्मीनियाई भाषा, आज़ोव सागर, क़ुस्तुंतुनिया, कार्ल रिटर, काला सागर आर्थिक सहयोग, काकेशस पर्वत शृंखला, कज़ाख़ लोग, क्रीमिया, क्रीमिया का युद्ध, कैस्पियन सागर, ..., कूमान लोग, केल्टी भाषाएँ, कॉकस, कीवयाई रूस, अतिर​ऊ प्रांत, अबख़ाज़िया, उत्तरी रेशम मार्ग, १ई+११ मी॰², १९९०, २ सितम्बर, 2016 रूस के रक्षा मंत्रालय टुपोलेव टीयू 154 दुर्घटना सूचकांक विस्तार (11 अधिक) »

चरकस लोग

कुछ चरकस लोग चरकस या अदिगेय कॉकस क्षेत्र की एक जाती और समुदाय है, जो बहुत प्राचीनकाल से कॉकस के इलाक़े के निवासी हैं। चरकस लोगों की अपनी बोली है - चरकसी भाषा। यह लोग सुन्नी इस्लाम के अनुयायी हैं। दुनिया के लगभग आधे चरकस लोग तुर्की में रहते हैं। .

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डैन्यूब नदी

डैन्यूब नदी के मार्ग का नक़्शा डैन्यूब नदी (अंग्रेज़ी: Danube, जर्मन: Donau) मध्य यूरोप में बहने वाली एक नदी है। यह जर्मनी के काले वन के पहाड़ों में स्थित दोनाउएशिंगन कस्बे के पास शुतु होती और और फिर दक्षिण-पूर्व को बहती है। अपनी २,८७२ किमी (१,७८५ मील) की लम्बाई में यह चार मध्य और पूर्वी यूरोपीय देशों की राजधानियों से गुज़रती है और फिर युक्रेन और रोमानिया में एक डेल्टा (नदीमुख) बनाकर कृष्ण सागर में मिल जाती है। डैन्यूब दस देशों से गुज़रती है या उनकी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर स्थित है - जर्मनी, ऑस्ट्रिया, स्लोवेकिया, हंगरी, क्रोएशिया, सर्बिया, बुल्गारिया, मोल्दोवा, युक्रेन और रोमानिया। प्राचीन काल में कुछ अरसे के लिए यह रोमन साम्राज्य की सरहद होने के लिए भी प्रसिद्ध है। वोल्गा नदी के बाद डैन्यूब यूरोप की दूसरी सबसे लम्बी नदी है।, Jerome Delli Priscoli, Aaron T. Wolf, Cambridge University Press, 2009, ISBN 978-0-521-63216-4,...

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तमन प्रायद्वीप

१८७० ईसवी के आसपास बनाया गया रूसी भाषा में तमन प्रायद्वीप का नक़्शा तमन प्रायद्वीप (रूसी: Таманский полуостров, तमनस्कीय पोलूओस्त्रोव; अंग्रेज़ी: Taman Peninsula) रूस के क्रास्नोदार क्राय प्रशासनिक विभाग में स्थित एक प्रायद्वीप है। यह कॉकस क्षेत्र में स्थित है और इसके उत्तर में आज़ोव सागर, पश्चिम में केर्च जलडमरू तथा दक्षिण में कृष्ण सागर आता है। पश्चिम में केर्च जलडमरू के पार युक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र का पूर्वतम हिस्सा (जो केर्च प्रायद्वीप कहलाता है) स्थित है। तेम्रयुक (Темрю́к, Temryuk) इस प्रायद्वीप का सबसे बड़ा शहर है। .

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तुर्की

तुर्की (तुर्क भाषा: Türkiye उच्चारण: तुर्किया) यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है। इसकी मुख्य- और राजभाषा तुर्की भाषा है। ये दुनिया का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिर्पेक्ष है। ये एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। इसके एशियाई हिस्से को अनातोलिया और यूरोपीय हिस्से को थ्रेस कहते हैं। स्थिति: 39 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 36 डिग्री पूर्वी देशान्तर। इसका कुछ भाग यूरोप में तथा अधिकांश भाग एशिया में पड़ता है अत: इसे यूरोप एवं एशिया के बीच का 'पुल' कहा जाता है। इजीयन सागर (Aegean sea) के पतले जलखंड के बीच में आ जाने से इस पुल के दो भाग हो जाते हैं, जिन्हें साधारणतया यूरोपीय टर्की तथा एशियाई टर्की कहते हैं। टर्की के ये दोनों भाग बॉसपोरस के जलडमरूमध्य, मारमारा सागर तथा डारडनेल्ज द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं। टर्की गणतंत्र का कुल क्षेत्रफल 2,96,185 वर्ग मील है जिसमें यूरोपीय टर्की (पूर्वी थ्रैस) का क्षेत्रफल 9,068 वर्ग मील तथा एशियाई टर्की (ऐनाटोलिआ) का क्षेत्रफल 2,87,117 वर्ग मील है। इसके अंतर्गत 451 दलदली स्थल तथा 3,256 खारे पानी की झीलें हैं। पूर्व में रूस और ईरान, दक्षिण की ओर इराक, सीरिया तथा भूमध्यसागर, पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया और उत्तर में कालासागर इसकी राजनीतिक सीमा निर्धारित करते हैं। यूरोपीय टर्की - त्रिभुजाकर प्रायद्वीपी प्रदेश है जिसका शीर्षक पूर्व में बॉसपोरस के मुहाने पर है। उसके उत्तर तथा दक्षिण दोनों ओर पर्वतश्रेणियाँ फैली हुई हैं। मध्य में निचला मैदान मिलता है जिसमें होकर मारीत्सा और इरजिन नदियाँ बहती हैं। इसी भाग से होकर इस्तैस्म्यूल का संबंध पश्चिमी देशों से है। एशियाई टर्की - इसको हम तीन प्राकृतिक भागों में विभाजित कर सकते हैं: 1.

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तुर्की का भूगोल

तुर्की अनातोलिया (9 5%) और बाल्कन (5%),, बुल्गारिया और जॉर्जिया के बीच काला सागर के किनारे, और ग्रीस और सीरिया के बीच एजियन सागर और भूमध्य सागर के किनारे स्थित है। देश के भौगोलिक निर्देशांक इस प्राकार हैं: 39 डिग्री 00'उत्तर 35 डिग्री 00'पूर्व है। तुर्की का क्षेत्रफल 783,562 किमी 2 (302,535 वर्ग मील) है; भूमि: 770,760 किमी 2 (2 9 7,592 वर्ग मील), पानी: 9,820 किमी 2 (3,792 वर्ग मील)। तुर्की पश्चिम से पूर्व में 1,600 किमी (994 मील) से अधिक है, लेकिन आम तौर पर उत्तर से दक्षिण में 800 किमी (497 मील) से भी कम है। कुल क्षेत्रफल (लगभग 783,562 किमी 2 (302,535 वर्ग मील) में लगभग 756,816 किमी 2 (2 9 2,208) वर्ग मील) पश्चिमी एशिया (अनातोलिया) में और दक्षिणपूर्वी यूरोप (थ्रेस) में लगभग 23,764 किमी 2 (9,175 वर्ग मील) है। .

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तुर्की के भौगोलिक क्षेत्र

तुर्की के सात भौगोलिक क्षेत्र (तुर्की भाषा में) तुर्की का नक़्शा तुर्की को ७ क्षेत्रों में बांटा जाता है। इनकी परिभाषा १९४१ में तुर्की के प्रथम भूगोल सम्मलेन में की गई थी। इन क्षेत्रों का कोई प्रशासनिक महत्व नहीं है लेकिन भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक प्रयोगों में इन्हें इस्तेमाल किया जाता है। .

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निकोलस प्रथम

निकोलस प्रथम निकोलस प्रथम (रूसी: Николай I Павлович, निकोलाई पावलोविश; १७९६-१८५५): सन १८२५ से १८५५ तक रूस का ज़ार (सम्राट) था। .

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नीपर

युक्रेन के कीव में नीपर नदी नीपर नदी यूरोप की एक प्रमुख नदी है, जो रूस के सोमोलेंस्क नामक स्थान के पास से निकल कर रूस, बेलारूस और युक्रेन में बहने के बाद काला सागर मे गिरती है। यह बेलारूस और युक्रेन की सबसे लंबी नदी है और पूरे यूरोप की नदियों में लंबाई के मामले में इसका चौथा स्थान है। कुल और के बीच लंबाई वाली इस नदी के अपवाह बेसिन का आकार है। यह नदी, इसके ऊपर स्थित जलविद्युत केन्द्रों के लिए जानी जाती है। नीपर नदी एक महत्वपूर्ण जलमार्ग भी है। नीपर-बग नहर द्वारा यह यूरोप के अन्य नहरी जलमार्गों से भी जुड़ी है। जलमार्ग के रूप में इस नदी का महत्व बेलारूस और युक्रेन के लिए है। .

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पूर्वी समस्या

राजनय के इतिहास में पूर्वी समस्या या प्राच्य समस्या (Eastern Question) से आशय उस्मानी साम्राज्य के कमजोर होने पर यूरोप की महाशक्तियों के बीच उपजे रणनीतिक स्पर्धा एवं राजनैतिक स्थिति से है। १८वीं शताब्दी के अन्त से लेकर २०वीं शताब्दी के अन्त तक उस्मानी साम्राज्य राजनैतिक एवं आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा था। इसे 'यूरोप का रोगी' (sick man of Europe) कहते थे। 'पूर्वी समस्या' के अन्तर्गत एक-दूसरे से जुड़ी अनेकों समस्याएँ थीं, जैसे उस्मानी साम्राज्य की सैनिक पराजय, संस्थानों का दिवाला, उस्मानी साम्राज्य के राजनैतिक एवं आर्थिक आधुनीकरण का अभाव, प्रान्तों में सामाजिक-धार्मिक राष्ट्रीयता का उदय, तथा महाशक्तियों की आपसी प्रतिद्वन्द्विता। पूर्वी समस्या यूरोप के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित तुर्की साम्राज्य की ईसाई जनता की आजादी की समस्या थी। वस्तुतः पतनोन्मुख तुर्की साम्राज्य ने यूरोप के इतिहास में 19वीं शताब्दी में जिस समस्या को जन्म दिया उसे पूर्वी समस्या कहते हैं। यह बहुत ही जटिल, उलझी हुई तथा विभिन्न देशों के परस्पर विरोधी हितों से सम्बन्धित थी। इस समस्या ने प्रथम युद्ध की पृष्ठभूमि का कार्य किया। इतिहासकार सी.डी.

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पूर्वी स्लाव लोग

दक्षिण स्लाविक पूर्वी स्लाव (East Slavs) उन स्लाव लोगों को कहा जाता है जो पूर्वी स्लावी भाषाएँ बोलते हैं। यह शुरू में कीवियाई रूस (Kievan Rus') नामक मध्यकालीन राज्य के निवासी हुआ करते थे लेकिन १७वीं सदी तक रूसी, यूक्रेनी और बेलारूसी उपजातियों में बंट चुके थे। .

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पोलैंड

पोलैंड आधिकारिक रूप से पोलैंड गणराज्य एक मध्य यूरोप राष्ट्र है। पोलैंड पश्चिम में जर्मनी, दक्षिण में चेक गणराज्य और स्लोवाकिया, पूर्व में युक्रेन, बेलारूस और लिथुआनिया एवं उत्तर में बाल्टिक सागर व रूस के कालिनिनग्राद ओब्लास्ट के द्वारा घिरा हुआ है। पोलैंड का कुल क्षेत्रफ़ल ३ लगभग लाख वर्ग कि.मि. (1.20 लाख वर्ग मील) है, जिससे ये दुनिया का ६९वां व युरोप का ९वां विशालतम राष्ट्र बन जाता है। लगभग 4 करोड़ की जनसंख्या के साथ यह दुनिया का ३३वां सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाता है। एक राष्ट्र के रूप में पोलैंड की स्थापना को इसके शासक मिस्जको प्रथम द्वारा ९६६ इसवी में इसाई धर्म को राष्ट्रधर्म बनाने के साथ जोड़ कर देखा जाता है। तत्कालीन समय में पोलैंड का आकार वर्तमान पोलैंड के जैसा ही था। १०२५ में पोलैंड राजाओं के अधीन आया और १५६९ में पोलैंड ने लिथुआनिया के ग्रैंड डचि के साथ मिलकर पोलिश-लिथुआनियन कामनवेल्थ की स्थापना करते हुए एक लंबे रिश्ते की नींव डाली। ये कामनवेल्थ १७९५ में तोड़ दिया गया और पोलैंड को आस्ट्रिया, रूस और प्रुसिया के बीच बांट लिया गया। पोलैंड ने प्रथम विश्व युद्ध के बाद १९१८ में अपनी स्वाधीनता पुनः हसिल की मगर द्वितीय विश्वयुद्ध के समय फ़िर से पराधीन होकर नाजी जर्मनी और सोवियत संघ के अधीन चला गया। द्वितीय विश्वयुद्ध में पोलैंड ने अपने साठ लाख नागरिकों को खो दिया। कई साल बाद पोलैंड रूस से प्रभावित एक साम्यवादी गणराज्य के रूप में ईस्टर्न ब्लॉक में उभरा। १९८९ में साम्यवादी शासन का पतन हुआ और पोलैंड एक नये राष्ट्र के रूप में उभरा जिसे सांविधानिक तौर पे "तृतीय पोलिश गणतंत्र" कहा जाता है। पोलैंड एक स्वयंशासित स्वतंत्र राष्ट्र है जो कि सोलह अलग-अलग वोइवोदेशिप या राज्यों (पोलिश: वोयेवुद्ज़त्वो) को मिलाकर गठित हुआ है। पोलैंड यूरोपीय संघ, नाटो एवं ओ.ई.सि.डी का सदस्य राष्ट्र है। .

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पोलैंड का इतिहास

पोलैंड का इतिहास इसकी भूमि पर स्लाव जाति के आगमन से शुरू होता है। ये छठी-सातवीं शताब्दी में आये यहाँ स्थायी निवास बनाया और इसका विकास किया। पिआस्ट वंश (Piast dynasty) के समय में सन् 966 में यहाँ ईसाई धर्म फैला।.

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पोंटिक-कैस्पियाई स्तेपी

कृष्ण-कैस्पियाई स्तेपी (पोंटिक-कैस्पियाई स्तेपी) दरमियानी हरे-ख़ाकी रंग में है कृष्ण-कैस्पियाई स्तेपी या पोंटिक-कैस्पियाई स्तेपी (Pontic-Caspian steppe) कृष्ण सागर के उत्तर से कैस्पियन सागर के पूर्व के क्षेत्रों तक विस्तृत विशाल स्तेपी मैदानी क्षेत्र को कहते हैं। आधुनिक युग में यह पश्चिमी युक्रेन से रूस के दक्षिणी संघीय क्षेत्र और फिर रूस ही के वोल्गा संघीय क्षेत्र से होता हुआ पश्चिमी काज़ाख़स्तान तक फैला हुआ इलाक़ा है। प्राचीन काल में यह स्किथी लोगों और सरमती लोगों का क्षेत्र हुआ करता था। इस क्षेत्र में सदियों से बहुत से घुड़सवार ख़ानाबदोश क़बीले रहते चले आए हैं जिन्होनें समय-समय पर यूरोप, पश्चिमी एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप पर आक्रमण कर के क़ब्ज़ा जमाकर जातियों और देशों के इतिहास बदल दिए हैं। बहुत इतिहासकार मानते हैं कि यह विश्व का पहला इलाक़ा था जहाँ घोड़ों को पालतू बनाया गया।, Ralph D. Sawyer, Basic Books, 2011, ISBN 978-0-465-02145-1,...

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बन्द जलसम्भर

मंगोलिया का एक बंद जलसंभर जहाँ सारा बहता जल समुद्र की बजाय उएउएरेग नूर झील में आकर ठहर जाता है बंद जलसंभर या समावृत जलसंभर भूगोल में ऐसे जलसंभर क्षेत्र को कहा जाता है जिसमें वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी एकत्रित हो कर किसी नदी के ज़रिये समुद्र या महासागर में बहने की बजाय किसी सरोवर, दलदली क्षेत्र या शुष्क क्षेत्र में जाकर वहीँ रुक जाता है। आम तौर पर जो भी पानी धरती पर बारिश या हिमपात के कारण पड़ता है वो नदियों, नेहरों और झरनों के द्वारा ऊंचे इलाकों से निचले इलाकों की ओर बहता है। यह चलते पानी के समूह एक-दुसरे से संगम करते रहते हैं जब तक के एक ही बड़ी नदी न बन जाए। फिर यह नदी आगे चलकर किसी सागर में मिल जाती है। लेकिन जो क्षेत्र सागरों से ढलान, पहाड़ों या रेगिस्तानों की वजह से पृथक हैं वहाँ पर पानी सब से निचले स्थान पर पहुँच कर रुक जाता है। ऐसे स्थानों पर या तो झीलें बन जाती हैं या धरती पानी को सोख लेती है। दुनिया की सब से बड़ी झीलों में ऐसे ही बंद जलसंभारों की वजह से बनी हुई कुछ झीलें हैं, जैसे की अरल सागर और कैस्पियन सागर। .

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बाल्टिक सागर

बाल्टिक सागर का भौगोलिक मानचित्र बाल्टिक उत्तरी यूरोप का एक सागर है जो लगभग सभी ओर से जमीन से घिरा है। इसके उत्तर में स्कैडिनेवी प्रायद्वीप (स्वीडन), उत्तर-पूर्व में फ़िनलैंड, पूर्व में इस्टोनिया, लिथुआनिया, लाटविया, दक्षिण में पोलैंड तथा दक्षिण-पश्चिम में जर्मनी है। पश्चिम में डेनमार्क तथा छोटे द्वीप हैं जो इसे उत्तरी सागर तथा अटलांटिक महासागर से अलग करते हैं। जर्मानी भाषाओं, जैसे डच, डेनिश, फ़िन्नी में इसको पूर्वी सागर (Ostsee) के नाम से जाना जाता है। इसमें गौरतलब है कि यह फ़िनलैंड के पश्चिम में बसा हुआ है। यह एक छिछला सागर है जिसका पानी समुद्री जल से कम खारा है। कृत्रिम नहर द्वारा यह श्वेत सागर से जुड़ा हुआ है। फिनलैंड की खाड़ी, बोथ्निया की खाड़ी, रिगा की खाड़ी इत्यादि इसके स्थानीय निकाय हैं। इसकी औसत गहराई ५५ मीटर है तथा यह कोई १६०० किलोमीटर लम्बा है। .

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बाल्कन

दक्षिण-पूर्वी यूरोप का बाल्कन प्रायद्वीप बाल्कन या बाल्कन प्रायद्वीप दक्षिण-पूर्वी यूरोप का एक क्षेत्र है जो भौगोलिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि से अपना अलग पहचान बना चुका है। इसका कुल क्षेत्रफल 5,50,000 वर्ग किलोमीटर तथा जनसंख्या लगभग साढ़े 5 करोड़ है। इसे बाल्कन प्रायद्वीप भी कहा जाता है जिसका कारण इसकी भौगोलिक स्थिति है। दक्षिणी यूरोप का यह सबसे पूर्वी प्रायद्वीप है। यह तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है - इसके पूर्व में काला सागर, ईजियन सागर, मरमरा सागर, दक्षिण में भूमध्यसागर, पश्चिम में इयोनियन सागर तथा एड्रियाटिक सागर हैं तथा उत्तर में सावा, कूपा और डैन्यूब नदियाँ बहती हैं। इस प्रकार संपूर्ण अल्बानिया, यूनान, बुल्गारिया, यूगोस्लाविया और रोमानिया के कुछ भाग को बॉल्कन प्रायद्वीप कहा जाता है। इन छह देशों को 'बॉल्कन स्टेट' भी कहा जाता है। यह पहाड़ी क्षेत्र है तथा इसकी मुख्य पर्वतमालाएँ डिनैरिक ऐल्प्स, बॉल्कन पर्वत तथा रोड़ोषे पर्वत हैं। यहाँ की मुख्य नदियाँ मोरावा, वारदार, स्ट्रूमा (struma), मेस्ता तथा मैरित्सा हैं। जलवायु महाद्वीपीय है परंतु एड्रिऐटिक, इयोनियन तथा इजिऐन समुद्रों के तट पर रूमसागरीय जलवायु पाई जाती है, यह संपूर्ण क्षेत्र कृषिप्रधान है। इसके अलावा यहाँ पर लोहा, कोयला, मैंगनीज, ताँबा, जस्ता तथा सीस आदि के कीमती खनिज भी पाए जाते हैं। यहाँ पर अनेक मानव जातियाँ बसी हुई हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से यह कई बड़े संघर्षों तथा आन्दोलनों का केन्द्र रहा है। .

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बिलेसिक प्रांत

बिलेसिक (तुर्कः Bilecik) तुर्की के मध्यपूर्व में स्थित एक प्रांत है, जिसके पूर्व में बुर्सा, उत्तर में कोसेइलि और साकार्या, पश्चिम में बोलू, दक्षिणपूर्व में एस्किसेहिर और दक्षिण में कुताह्या है। इसका कुल क्षेत्रफल ४,३०७ किमी२ और जनसंख्या १,९८,८०९ है। प्रांत का अधिकतर भाग मरमारा क्षेत्र में है लेकिन गोल्पाज़ारि और सोगुत जिलो के कुछ पूर्वी भाग और इन्हिसार और येनिपज़र जिले काले सागर क्षेत्र में पड़ते हैं, दक्षिणपूर्व के छोटे भाग, बोज़ुयुक और सोगुत मध्य एनाटोलियाई क्षेत्र में हैं और बोज़ुयुक का दक्षिणपश्चिमी भाग एजियन क्षेत्र में पड़ता है। .

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बुल्गारिया

बुल्गारिया दक्षिण-पूर्व यूरोप में स्थित देश है, जिसकी राजधानी सोफ़िया है। देश की सीमाएं उत्तर में रोमानिया से, पश्चिम में सर्बिया और मेसेडोनिया से, दक्षिण में ग्रीस और तुर्की से मिलती हैं। पूर्व में देश की सीमाएं काला सागर निर्धारित करती है। कला और तकनीक के अलावा राजनैतिक दृष्टि से भी बुल्गारिया का वजूद पाँचवीं सदी से नजर आने लगता है। पहले बुल्गारियन साम्राज्य (632/681 - 1018) ने न केवल बाल्कन क्षेत्र बल्कि पूरे पूर्वी यूरोप को अनेक तरह से प्रभावित किया। बुल्गारियन साम्राज्य के पतन के बाद इसे ओटोमन शासन के अधीन कर दिया। 1877-78 में हुए रुस-तुर्की युद्ध ने बुल्गारिया राज्य को पुन: स्थापित करने में मदद की। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बुल्गारिया साम्यवादी राज्य और पूर्वी ब्लाक का हिस्सा बन गया। 1989 में क्रांति के बाद 1990 में साम्यवादियों का सत्ता से एकाधिकार समाप्त हो गया और देश संसदीय गणराज्य के रूप में आगे बढ़ने लगा। यह देश 2004 से नाटो का और 2007 से यूरोपियन यूनियन का सदस्य है। .

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बुल्गारिया का इतिहास

बुल्गारिया जो यूनान और इस्तांबुल के उत्तर में बसा है मानव बसाव की दृष्टि से बहुत पुराना है। मोंटाना के पास 6800 साल पुराना एक पट्टिकालेख पाया गया है जिसमें चार पंक्तियों में कुछ 24 चिह्न बने पाए गए हैं - इसको पढ़ पाना अभी संभव नहीं हुआ है पर इससे ये अनुमान लगता है कि यहाँ उस समय से मानव रहते होंगे। सन् 1972 में काला सागर के तट पर स्थित वार्ना में सोने का ख़ज़ाना पाया गया था जिसपर राजसी चिह्न बने थे जिससे ये अनुमान लगता है कि बहुत पुराने समय में भी यहाँ कोई राज्य या सत्ता रही होगी - हाँलांकि इस राज्य के जातीय मूल का पता नहीं चल पाया है। सामान्यतया थ्रेसियों को बुल्गारों का पूर्ववर्ती माना गया है। थ्रेस के लोगों ने ट्रॉय की लड़ाई (1200 ईसापूर्व के आसपास) में हिस्सा लिया था। इसके बाद 500 ईसापूर्व तक उनका एक साम्राज्य स्थापित हुआ था। सिकन्दर ने 332 ईसापूर्व में इसपर अधिकार कर लिया और 46 इस्वी में रोमनों ने। इसके बाद एशिया से कई समूहों का आगमन आरंभ हुआ। स्लाव जाति के लोगों ने 581 में बिज़ेन्टाइन के रोमन साम्राज्य के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर लिया। सन् 864 में बोरिस प्रथम ने परंपरावादी ईसाइयत को राजधर्म बनाया और सीरीलिक लिपि को अपना लिया। अरबों की सेनाओं को हरा दिया गया। सन् 1018 तक बुल्गार साम्राज्य का अंत बिज़ेन्टाइन आक्रमणों से हो गया। सन् 1185 से 1360 तक दूसरे बुल्गार साम्राज्य का राज्य रहा। उसके बाद उस्मानी (औटोमन) तुर्क लोगों ने इस पर अधिकार कर लिया। सन् 1877 में रूस ने ऑटोमन साम्राज्य पर हमला कर दिया और उन्हें हरा दिया। सन् 1878 में तीसरे बुल्गार साम्राज्य का उदय हुआ। 1980 में तुर्कों के ख़िलाफ़ चलाए गए अभियान में 30000 तुर्क बुल्गारिया छोड़कर तुर्की चले गए। इससे दो दशक पहले ग्रीस में भी ऐसा ही अभियान चला था। 1989 में वहाँ कम्युनिस्ट पार्टी की नरम शाखा का शासन स्थापित हुआ। श्रेणी:बुल्गारिया af:Bulgarye#Geskiedenis ast:Bulgaria#Hestoria be-x-old:Баўгарыя#Гісторыя br:Bulgaria#Istor bs:Bugarska#Historija el:Βουλγαρία#Ιστορία gl:Bulgaria - България#Historia li:Bölgarije#Historie sh:Bugarska#Istorija Bugarske wa:Bulgåreye#Istwere.

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ब्लैक फॉरेस्ट (काला वन)

हरे रंग में ब्लैक फॉरेस्ट को दिखाता हुआ जर्मनी का नक्शा. ब्लैक फॉरेस्ट (Schwarzwald), दक्षिण-पश्चिम जर्मनी के बादेन-वुर्टेमबर्ग में स्थित एक वनाच्छादित पर्वत श्रृंखला है। इसकी दक्षिणी और पश्चिमी सीमाओं पर राइन घाटी स्थित है। 1493 मीटर (4898 फीट) की ऊंचाई के साथ फेल्डबर्ग इसका सबसे उंचा शिखर है। लंबाई तथा चौड़ाई के साथ यह क्षेत्र लगभग पूरी तरह से आयताकार है। इसलिए इसका क्षेत्रफल लगभग है। श्वार्जवाल्ड नाम (अर्थात ब्लैक फॉरेस्ट) रोमनों द्वारा दिया गया है जो वहां स्थित घने जंगलों वाले पर्वत को सिल्वा निग्रा अर्थात "ब्लैक फॉरेस्ट" कहते थे क्योंकि उसके अंदर के घने शंकुवृक्षों के कारण वन में प्रकाश प्रवेश नहीं कर पाता था। .

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बोस्पोरुस जलसन्धि

यह विश्व की एक प्रमुख जलसन्धि हैं | .

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मरमरा सागर

मरमरा सागर (तुर्की: Marmara Denizi, अंग्रेज़ी: Sea of Marmara), जिसे मरमोरा सागर भी कहते हैं तुर्की की ज़मीन द्वारा लगभग पूरी तरह घिरा हुआ एक सागर है जिसके केवल दो मुख हैं - एक दार्दानेल्ज़ जलसन्धि द्वारा एजियाई सागर से जुड़ता है और दूसरा बोस्पोरुस जलसन्धि द्वारा कृष्ण सागर से। यह सागर तुर्की के यूरोपी और एशियाई भागों को अलग करता है।, Michael Kort, pp.

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मसागती लोग

मसागती (यूनानी: Μασσαγέται, अंग्रेज़ी: Massagetae) प्राचीनकाल में मध्य एशिया में बसने वाली ख़ानाबदोश क़बीलों की एक जनजाति थी। वे एक पूर्वी ईरानी भाषा बोला करते थे। उन्हें मुख्य-रूप से यूनानी इतिहासकार हेरोदोतस की लिखाईयों से जाना जाता है। सम्भव है कि वे स्किथी लोगों से सम्बन्धित हों।Karasulas, Antony.

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महारानी काथरिन

महारानी काथरिन येकातेरिना अलेक्जीवना या 'कैथरीन द्वितीय' (रूसी: Екатерина II Великая, Yekaterina II Velikaya; जर्मन: Katharina die Große; १७२९-१७९६) रूस की सबसे अधिक प्रसिद्ध तथा सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली रानी थी। उसने ९ जुलाई १७६२ से लेकर मृत्यु पर्यन्त (१७ नवम्बर १७९६ तक) शासन किया। उसका शासनकाल रूस का स्वर्णयुग कहलाता है। कैथरीन द्वितीय का जन्म प्रुसिया में हुआ था। उनका मूल नाम सोफी फ्रेदरिक आगस्त फॉन अन्हाल्ट जर्ब्स्त डॉर्नबर्ग (Sophie Friederike Auguste von Anhalt-Zerbst-Dornburg) था। तख्तापलट और तदुपरान्त उसके पति पीतर तृतीय की हत्या के बाद वह सत्ता में आयी। उसके शासनकाल में रूस को नवजीवन मिला तथा रूस भी यूरोप की एक महाशक्ति के रूप में जाना जाने लगा। .

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युक्रेन

युक्रेन पूर्वी यूरोप में स्थित एक देश है। इसकी सीमा पूर्व में रूस, उत्तर में बेलारूस, पोलैंड, स्लोवाकिया, पश्चिम में हंगरी, दक्षिणपश्चिम में रोमानिया और माल्दोवा और दक्षिण में काला सागर और अजोव सागर से मिलती है। देश की राजधानी होने के साथ-साथ सबसे बड़ा शहर भी कीव है। युक्रेन का आधुनिक इतिहास 9वीं शताब्दी से शुरू होता है, जब कीवियन रुस के नाम से एक बड़ा और शक्तिशाली राज्य बनकर यह खड़ा हुआ, लेकिन 12 वीं शताब्दी में यह महान उत्तरी लड़ाई के बाद क्षेत्रीय शक्तियों में विभाजित हो गया। 19वीं शताब्दी में इसका बड़ा हिस्सा रूसी साम्राज्य का और बाकी का हिस्सा आस्ट्रो-हंगेरियन नियंत्रण में आ गया। बीच के कुछ सालों के उथल-पुथल के बाद 1922 में सोवियत संघ के संस्थापक सदस्यों में से एक बना। 1945 में यूक्रेनियाई एसएसआर संयुक्त राष्ट्रसंघ का सह-संस्थापक सदस्य बना। सोवियत संघ के विघटन के बाद युक्रेन फिर से स्वतंत्र देश बना। .

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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रूसी क्रांति

सन १९१७ की रूस की क्रांति विश्व इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसके परिणामस्वरूप रूस से ज़ार के स्वेच्छाचारी शासन का अन्त हुआ तथा रूसी सोवियत संघात्मक समाजवादी गणराज्य (Russian Soviet Federative Socialist Republic) की स्थापना हुई। यह क्रान्ति दो भागों में हुई थी - मार्च १९१७ में, तथा अक्टूबर १९१७ में। पहली क्रांति के फलस्वरूप सम्राट को पद-त्याग के लिये विवश होना पड़ा तथा एक अस्थायी सरकार बनी। अक्टूबर की क्रान्ति के फलस्वरूप अस्थायी सरकार को हटाकर बोलसेविक सरकार (कम्युनिस्ट सरकार) की स्थापना की गयी। 1917 की रूसी क्रांति बीसवीं सदी के विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना रही। 1789 ई. में फ्रांस की राज्यक्रांति ने स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व की भावना का प्रचार कर यूरोप के जनजीवन को गहरे स्तर पर प्रभावित किया। रूसी क्रांति की व्यापकता अब तक की सभी राजनीतिक घटनाओं की तुलना में बहुत विस्तृत थी। इसने केवल निरंकुश, एकतंत्री, स्वेच्छाचारी, ज़ारशाही शासन का ही अंत नहीं किया बल्कि कुलीन जमींदारों, सामंतों, पूंजीपतियों आदि की आर्थिक और सामाजिक सत्ता को समाप्त करते हुए विश्व में मजदूर और किसानों की प्रथम सत्ता स्थापित की। मार्क्स द्वारा प्रतिपादित वैज्ञानिक समाजवाद की विचारधारा को मूर्त रूप पहली बार रूसी क्रांति ने प्रदान किया। इस क्रांति ने समाजवादी व्यवस्था को स्थापित कर स्वयं को इस व्यवस्था के जनक के रूप में स्थापित किया। यह विचारधारा 1917 के पश्चात इतनी शक्तिशाली हो गई कि 1950 तक लगभग आधा विश्व इसके अंतर्गत आ चुका था।क्रांति के बाद का विश्व इतिहास कुछ इस तरीके से गतिशील हुआ कि या तो वह इसके प्रसार के पक्ष में था अथवा इसके प्रसार के विरूद्ध। .

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रोमानिया

रोमानिया (प्राचीन: Rumania (रूमानिया), Roumania (रौमानिया);România) काले सागर की सीमा पर, कर्पेथियन चाप के बाहर और इसके भीतर, निचले डेन्यूब पर, बाल्कन प्रायद्वीप के उत्तर में, दक्षिणपूर्वी और मध्य यूरोप में स्थित एक देश है.

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लंबाई के आधार पर नदियों की सूची

एक जलपोत से नील नदी का दृश्य, मिस्र में लक्सर और असवान के बीच. यह पृथ्वी पर सबसे लंबी नदियों की सूची है। इसमें 1,000 किलोमीटर से अधिक वाले नदी तंत्र शामिल हैं। .

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सरमती लोग

सरमती लोग स्किथी लोगों के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में बसते थे सरमती लोग (लातिनी: Sarmatæ, फ़ारसी:, अंग्रेज़ी: Sarmatian) प्राचीनकाल में दक्षिणी रूस, युक्रेन और बाल्कन प्रदेश में बसने वाली एक जाति थी। सरमती ईरानी भाषाएँ बोलते थे और इस क्षेत्र में इनका प्रभाव पाँचवी शताब्दी ईसापूर्व से चौथी शताब्दी ईसवी तक रहा। यह स्किथी लोगों के पश्चिम में थे और उनसे सम्बंधित थे इसलिए कभी-कभी इन दोनों जातियों को इकट्ठे स्किथी-सरमती बुलाया जाता है। अपने चरम पर सरमती लोग पश्चिम में विस्चुला नदी से लेकर पूर्व में वोल्गा नदी, कृष्ण सागर और कैस्पियन सागर के छोरों तक और दक्षिण में कॉकस क्षेत्र तक फैले हुए थे। चौथी सदी ईसवी में गॉथ और हूण लोग इनके इलाक़ों में आ घुसे और सरमतियों की शक्ति घटती चली गई। मध्य काल में सरमतियों के वंशज अलान कहलाए जाने लगे और आधुनिक काल में यह ओसेती के नाम से जाने जाते हैं।, Richard Brzezinski, Mariusz Mielczarek, Osprey Publishing, 2002, ISBN 978-1-84176-485-6,...

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सरकैशिया

सरकैशिया (Circassia; रूसी: Черке́сия, अरबी: شيركاسيا‎) एक प्रदेश (क्षेत्र) तथा ऐतिहासिक देश है। यह उत्तरी काकेशस क्षेत्र में कृष्ण सागर के उत्तरी-पूर्वी किनारे पर स्थित है। यह काकेशियन लोगों का प्राचीन देश है। मध्य युग में सरकैशियावासी काकेशस पर्वतों में रहते थे। १०वीं से १३वीं शताब्दी तक सरकैशिया जार्जिया के शासन के अंतर्गत रहा, फिर कई शताब्दियों तक सरकैशिया स्वतंत्र रहा। सन् १८२९ ई. में सरकैशिया पर रूस का पूर्ण शासन कायम हुआ। फलस्वरूप लगभग पाँच लाख सरकैशियावासी टर्की और बल्गेरिया चले गए और अब केवल ९३,००० (१९५०) सरकैशियावासी रह गए हैं। इस क्षेत्र में निवास करनेवाली ही अन्य जातियों में रूसी और कॉकेशियाई जातियाँ हैं। उच्च वर्ग के सरकैशियावासी मुसलमान हैं। सरकैशियावासी स्त्रियाँ सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं और एक समय बादशाहों के हरम के लिए इनकी बड़ी चाह थी। श्रेणी:यूरोप के प्राचीन देश श्रेणी:एशिया के प्राचीन देश.

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सुनहरा उर्दू

सन् १३०० ईसवी में सुनहरा उर्दू साम्राज्य (हरे रंग में) सुनहरा उर्दू या सुनहरा झुण्ड (मंगोल: Зүчийн улс, ज़ुची-इन उल्स; अंग्रेज़ी: Golden Horde) एक मंगोल ख़ानत थी जो १३वीं सदी में मंगोल साम्राज्य के पश्चिमोत्तरी क्षेत्र में शुरू हुई थी और जिसे इतिहासकार मंगोल साम्राज्य का हिस्सा मानते हैं। इसे किपचक ख़ानत और जोची का उलुस भी कहा जाता था। यह ख़ानत १२४० के दशक में स्थापित हुई और सन् १५०२ तक चली। यह अपने बाद के काल में तुर्की प्रभाव में आकर एक तुर्की-मंगोल साम्राज्य बन चला था। इस साम्राज्य की नीव जोची ख़ान के पुत्र (और चंगेज़ ख़ान के पोते) बातु ख़ान ने रखी थी। अपने चरम पर इस ख़ानत में पूर्वी यूरोप का अधिकतर भाग और पूर्व में साइबेरिया में काफ़ी दूर तक का इलाक़ा शामिल था। दक्षिण में यह कृष्ण सागर के तट और कॉकस क्षेत्र तक विस्तृत थी। इसकी दक्षिण सीमाएँ इलख़ानी साम्राज्य नाम की एक अन्य मंगोल ख़ानत से लगती थीं।, David Morgan, John Wiley & Sons, 2007, ISBN 978-1-4051-3539-9,...

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स्ट्रूव जिओडेटिक आर्क

स्ट्रूव जियोडेटिक आर्क (Struve Geodetic Arc) नॉर्वे के हैमरफेस्ट से काला सागर तक फैले सर्वेक्षण त्रिकोणों की एक श्रृंखला है, जो दस देशों और 2,820 किमी से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है, इसकी सहायता से देशान्तर रेखा का पहला सटीक मापन किया गया था।Norwegian Directorate for Cultural Heritage,Dronningensg 13, P.O.Box 8196, Dep.

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स्पार्टाकस

स्पार्टाकस (Σπάρτακος, Spártakos, Spartacus) (लगभग. 109 ई.पू. - 71 ई.पू.) रोमन साम्राज्य के खिलाफ एक व्यापक दास विद्रोह में जिसे तीसरा दास युद्ध कहा जाता है, दासों का सबसे उल्लेखनीय नेता था। स्पार्टाकस के बारे में युद्ध की घटनाओं से परे ज्यादा कुछ ज्ञात नहीं है और उपलब्ध ऐतिहासिक विवरण कभी-कभी विरोधाभासी हो जाते हैं और हमेशा विश्वसनीय नहीं हो सकते। वह एक निपुण सैन्य नेता था। स्पार्टाकस के संघर्ष ने 19 वीं सदी के बाद से आधुनिक लेखकों के लिए नए मायने अख्तियार किये हैं, जिसे अभिजात वर्ग के दास मालिकों के खिलाफ पददलित लोगों द्वारा अपनी स्वतंत्रता हासिल करने के लिए लड़ी गई लड़ाई के रूप में देखा जाता है। स्पार्टाकस का विद्रोह कई आधुनिक राजनीतिक और साहित्यिक लेखकों के लिए प्रेरणादायक सिद्ध हुआ है, जिससे स्पार्टाकस प्राचीन और आधुनिक, दोनों संस्कृतियों में एक लोक नायक बन कर उभरा है। .

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जनसंख्या

1994 में विश्व की जनसंख्या का वितरण. विश्व की कुल जनसँख्या में एक अरब लोगों के जुड़ने में लगने वाला समय. (जिसमें भविष्य की गणना भी शामिल है) वैकल्पिक चार्ट भी देखें. जीव विज्ञान में, विशेष प्रजाति के अंत: जीव प्रजनन के संग्रह को जनसंख्या कहते हैं; समाजशास्त्र में इसे मनुष्यों का संग्रह कहते हैं। जनसँख्या के अन्दर आने वाला प्रत्येक व्यक्ति कुछ पहलू एक दुसरे से बांटते हैं जो कि सांख्यिकीय रूप से अलग हो सकता है, लेकिन अगर आमतौर पर देखें तो ये अंतर इतने अस्पष्ट होते हैं कि इनके आधार पर कोई निर्धारण नहीं किया जा सकता.

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जहाज़ी नहर

वर्तमान समय में पनामा नहर की वीथिकाएँ जहाज़ी नहर अथवा जलयान नहर (Ship canal) एक ऐसी नहर होती है जिसे जलयानों के आवागमन हेतु निर्मित किया जाता है। बहुधा ये नदियों अथवा झीलों से होकर बनाई जाती हैं। इनके बनाने के प्रमुख कारणों में.

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जॉर्जिया

right जॉर्जिया (საქართველო, "साखार्थ्वेलो") — पूर्वी यूरोप में स्थित एक देश है।यूरोपीय संघ,, 17 de julio 2014: "...pursuant to Article 49 of the Treaty on European Union, Georgia, Moldova and Ukraine – like any other European state – have a European perspective and may apply to become members of the Union provided that they adhere to the principles of democracy..."" ट्रांसकाकेशिया क्षेत्र के केंद्रवर्ती तथा पश्चिमी अंश में कृष्ण सागर के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। सन् 1991 तक यह जॉर्जियाई सोवियत समाजवादी गणतंत्र के रूप में सोवियत संघ के 15 गणतंत्रों में से एक था। जॉर्जिया की सीमा उत्तर में रूस से, पूर्व में अज़रबैजान से और दक्षिण में आर्मीनिया तथा तुर्की से मिलती है। .

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ईवान आईवाज़ोवस्की

ईवान कॉन्स्टेनटिनोविच आईवाज़ोवस्की (Ива́н Константи́нович Айвазо́вский, Հովհաննես Այվազովսկի Hovhannes Ayvazovski); 29 जुलाई 18172 मई 1900) एक रूसी प्रकृतवादी चित्रकार थे। उन्हें इतिहास के महानतम सामुद्रिक कलाकारों में से एक माना जाता है। बचपन में ईसाई बनने पर इनका नाम Hovhannes Aivazian रखा गया था। इनका जन्म काला सागर के तटीय शहर फिओदोसिया में एक आर्मेनियाई परिवार में हुआ था और ये जीवन भर मुख्यत: अपने मूल प्रांत क्रीमिया में ही रहे। इम्पीरियल अकादमी ऑफ आर्ट्स में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद ये यूरोप घूमने गये और १८४० में कुछ समय तक इटली में रहे। फ़िर वो रूस वापस आ गये और रूसी नौसेना में आधिकारिक चित्रकार की हैसियत से नौकरी करने लगे। आईज़ोवस्की के तत्कालीन रूसी साम्राज्य के सैन्य व राजनीतिक प्रबुद्ध जनों से अच्छे संबंध थे और वो अक्सर सैन्य सम्मेलनों में शामिल हुआ करते थे। शासक रोमानोव घराना उन्हें बहुत मानता था, उनके कार्यों को प्रायोजित करता था व साम्राज्य में उनका आजीवन बहुत सम्मान रहा। रूस में किसी अत्यंत ही मनोरम व खूबसुरत वस्तु या दृश्य की प्रशंसा करने के लिये एंटोन शेखोव द्वारा आईज़ोवस्की के सम्मान में कहा गया वाक्य यह तो आईज़ोवस्की के चित्रकारी के काबिल है ("worthy of Aivazovsky's brush") अभी भी प्रयोग किया जाता है। अपने काल के सर्वाधिक प्रसिद्ध रूसी कलाकारों में से एक आईज़ोवस्की रूस के बाहर भी उतने ही प्रचलित थे। संयुक्त राज्य अमेरिका व यूरोप में उनके कई सारे व्यक्तिगत प्रदर्शनियाँ लगीं जो बहुत सराही गयीं। अपने लगभग ६० वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने ६००० से ज्यादा चित्र बनाए, जिसकी वजह से उन्हें उस काल का सफलतम चित्रकार माना जाता है। उनके अधिकतर कार्य समुद्री दृश्य हैं, लेकिन उन्होंने युद्ध के दृश्य, आर्मेनियाई विषय-वस्तु और वर्णनात्मक चित्रांकन भी किए हैं। आईज़ोवस्की के अधिकतर कार्य रूसी, आर्मेनियाई व यूक्रेनी संग्रहालयों में रक्खे हैं। .

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वर्षावन

ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में डैनट्री वर्षावन. क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में केर्न्स के पास डैनट्री वर्षावन. न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया में इल्लावारा ब्रश के भाग। वर्षावन वे जंगल हैं, जिनमें प्रचुर मात्रा में वर्षा होती है अर्थात जहां न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 1750-2000 मि॰मी॰ (68-78 इंच) के बीच है। मानसूनी कम दबाव का क्षेत्र जिसे वैकल्पिक रूप से अंतर-उष्णकटिबंधीय संसृति क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, की पृथ्वी पर वर्षावनों के निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका है। विश्व के पशु-पौधों की सभी प्रजातियों का कुल 40 से 75% इन्हीं वर्षावनों का मूल प्रवासी है। यह अनुमान लगाया गया है कि पौधों, कीटों और सूक्ष्मजीवों की कई लाख प्रजातियां अभी तक खोजी नहीं गई हैं। उष्णकटिबंधीय वर्षावनों को पृथ्वी के आभूषण और संसार की सबसे बड़ी औषधशाला कहा गया है, क्योंकि एक चौथाई प्राकृतिक औषधियों की खोज यहीं हुई है। विश्व के कुल ऑक्सीजन प्राप्ति का 28% वर्षावनों से ही मिलता है, इसे अक्सर कार्बन डाई ऑक्साइड से प्रकाश संष्लेषण के द्वारा प्रसंस्करण कर जैविक अधिग्रहण के माध्यम से कार्बन के रूप में भंडारण करने वाले ऑक्सीजन उत्पादन के रूप में गलत समझ लिया जाता है। भूमि स्तर पर सूर्य का प्रकाश न पहुंच पाने के कारण वर्षावनों के कई क्षेत्रों में बड़े वृक्षों के नीचे छोटे पौधे और झाड़ियां बहुत कम उग पाती हैं। इस से जंगल में चल पाना संभव हो जाता है। यदि पत्तों के वितानावरण को काट दिया जाए या हलका कर दिया जाए, तो नीचे की जमीन जल्दी ही घनी उलझी हुई बेलों, झाड़ियों और छोटे-छोटे पेड़ों से भर जाएगी, जिसे जंगल कहा जाता है। दो प्रकार के वर्षावन होते हैं, उष्णकटिबंधीय वर्षावन तथा समशीतोष्ण वर्षावन। .

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आनातोलिया

आनातोलिया का भूस्वरूप आनातोलिया (तुर्की: Anadolu, यूनानी: Ανατολία) आज के तुर्की, खासकर इसके मध्य भाग को कहते हैं। इसका पूर्वी भाग ऐतिहासिक रूप से अर्मेनिया तथा कुर्दिस्तान का अंग रहा है। यह ईलाका एशिया माइनर के नाम से भी जाना जाता हैं। सामान्य रूप से माना जाता है कि काला सागर के दक्षिण का भूभाग अनातोलिया है। .

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आर्मीनियाई भाषा

ऐसे क्षेत्र जहां आर्मीनियाई बहुमत की भाषा है आर्मीनी भाषा (Armenian language) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की यह भाषा मेसोपोटैमिया तथा कॉकस की मध्यवर्ती घाटियों और काले सागर के दक्षिणी पूर्वी प्रदेश में बोली जाती है। यह प्रदेश आर्मीनी जार्जिया तथा अज़रबैजान (उत्तर-पश्चिमी ईरान) में पड़ता है। यह आर्मीनिया गनतंत्र की राजभाषा है। आर्मीनी भाषा को पूर्वी और पश्चिमी भागों में विभाजित करते हैं। गठन की दृष्टि से इसकी स्थिति ग्रीक और हिंद-ईरानी के बीच की है। पुराने समय में आर्मीनिया का ईरान से घनिष्ठ संबंध रहा है और ईरानी के प्राय: दो हजार शब्द आर्मीनी भाषा में मिलते हैं। इन्हीं कारणों से बहुत दिनों तक आर्मीनी को ईरानी की केवल एक शाखा मात्र समझा जाता था। पर अब इसकी स्वतंत्र सत्ता मान्य हो गई है। इसकी अपनी अनन्य लिपि है जिसकी खोज ४०५ ई में हुई थी। इस भाषा का व्यंजनसमूह मूल रूप से भारतीय और काकेशी समूह की जार्जी भाषा से मिलता जुलता है। प्‌ त्‌ क्‌ व्यंजनों का ब्‌ द् ग्‌ से परस्पर व्यत्यय हो गया है। उदाहरणार्थ, संस्कृत वश के लिए आर्मीनी में 'तस्न' शब्द है। संस्कृत पितृ के लिए आर्मीनी में ह्यर है। आदिम भारोपीय भाषा से यह भाषा काफी दूर जा पड़ी है। संस्कृत द्वि और त्रि के लिए आर्मीनी में एर्कु और एरेख शब्द हैं। इसी से दूरी का अनुमान हो सकता है। व्याकरणत्मक लिंग प्राचीन आर्मीनी में भी नहीं मिलता। संस्कृत 'गौ' के लिए आर्मीनी में केव्‌ है। ऐसे शब्दों से ही आदि आदिम आर्यभाषा से इसकी व्युत्पत्ति सिद्ध होती है। आर्मीनी अधिकतर बोलचाल की भाषा रही है। ईरानी शब्दों के अतिरिक्त इसमें ग्रीक, अरबों और काकेशी के भी शब्द हैं। .

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आज़ोव सागर

आज़ोव सागर इस नक़्शे के उत्तरी भाग में देखा जा सकता है आज़ोव सागर के किनारे बसे हुए शहर आज़ोव सागर (रूसी: Азо́вское мо́ре, आज़ोवस्कोये मोरे; अंग्रेजी: Sea of Azov, सी ऑफ़ आज़ोव) पूर्वी यूरोप में स्थित एक छोटा सा सागर है जो लगभग पूरी तरह ज़मीन से घिरा हुआ है लेकिन जिसे "कर्च जलडमरू" नाम का एक ४ किलोमीटर चौड़ा समुद्री रास्ता कृष्ण सागर से जोड़ता है। आज़ोव सागर के उत्तर में युक्रेन, पूर्व में रूस और पश्चिम में युक्रेन का क्राइमिया प्रायद्वीप स्थित है। आज़ोव सागर दुनिया का सब से कम गहराई वाला समुद्र है और इसकी गहराई अलग-अलग स्थानों पर ०.९ मीटर (२ फ़ुट ११ इंच) और १४ मीटर (४६ फ़ुट) के बीच है। दोन और कुबान नामक दो नदियाँ इसमें पानी लाती है और इसका पानी लगातार कृष्ण सागर में बहता रहता है। .

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क़ुस्तुंतुनिया

क़ुस्तुंतुनिया या कांस्टैंटिनोपुल (यूनानी: Κωνσταντινούπολις कोन्स्तान्तिनोउपोलिस या Κωνσταντινούπολη कोन्स्तान्तिनोउपोली; लातीनी: Constantinopolis कोन्स्तान्तिनोपोलिस; उस्मानी तुर्कीयाई: قسطنطینية, Ḳosṭanṭīnīye कोस्तान्तिनिये‎), बोस्पोरुस जलसन्धि और मारमरा सागर के संगम पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जो रोमन, बाइज़ेंटाइन, और उस्मानी साम्राज्य की राजधानी थी। 324 ई. में प्राचीन बाइज़ेंटाइन सम्राट कोन्स्टान्टिन प्रथम द्वारा रोमन साम्राज्य की नई राजधानी के रूप में इसे पुनर्निर्मित किया गया, जिसके बाद इन्हीं के नाम पर इसे नामित किया गया। .

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कार्ल रिटर

कार्ल रिटर का रेखाचित्र कार्ल रिटर (जर्मन:Karl Ritter; 7 अगस्त, 1779 ई॰ - 28 सितम्बर 1859 ई॰) विश्वविख्यात जर्मन भूगोलवेत्ता थे। ये आधुनिक भूगोल के संस्थापक तथा भूगोल के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र तुलनात्मक भूगोल के जनक माने जाते हैं। .

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काला सागर आर्थिक सहयोग

काला सागर आर्थिक सहयोग संगठन; Black Sea Economic Cooperation: (BSEC), इस संगठन का उद्देश्य है काला सागर क्षेत्र के देशों के मध्य आर्थिक और तकनीक सहयोग में वृद्धि लाना तथा इसका मुख्यालय इस्तांबुल तुर्की में स्थित है। .

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काकेशस पर्वत शृंखला

अंतरिक्ष से कॉकस पर्वतों का दृश्य - बर्फ़-ढके महाकॉकस की शृंखला उत्तर-पश्चिम में कृष्ण सागर से चलकर दक्षिण-पूर्व में कैस्पियन सागर तक पहुँचती साफ़ नज़र आ रही है काकेशस पर्वत शृंखला यूरोप और एशिया की सीमा पर स्थित, कृष्ण सागर और कैस्पियन सागर के दरमियान के कॉकस क्षेत्र की एक पर्वत शृंखला है, जिसमें यूरोप का सब से ऊंचा पहाड़, एल्ब्रुस पर्वत, भी शामिल है। कॉकस पर्वतों के दो मुख्य भाग हैं - महाकॉकस पर्वत शृंखला और हीनकॉकस पर्वत शृंखला। महाकॉकस पर्वत कृष्ण सागर के उत्तरपूर्वी छोर पर बसे रूस के सोची शहर से शुरू होकर पूर्व के ओर कैस्पियन सागर पर बसी अज़रबैजान की राजधानी बाकू तक पहुँचते हैं। हीनकॉकस इनके दक्षिण में १०० किमी की दूरी पर साथ-साथ चलते हैं। जॉर्जिया की मेसख़ेती पर्वत शृंखला हीनकॉकस का ही एक हिस्सा हैं। .

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कज़ाख़ लोग

चीन के शिनजियांग प्रांत में एक कज़ाख़ परिवार कज़ाख़ मध्य एशिया के उत्तरी भाग में बसने वाली एक तुर्की-भाषी जाति का नाम है। कज़ाख़स्तान की अधिकाँश आबादी इसी नस्ल की है, हालाँकि कज़ाख़ समुदाय बहुत से अन्य देशों में भी मिलते हैं, जैसे कि उज़बेकिस्तान, मंगोलिया, रूस और चीन के शिनजियांग प्रान्त में। विश्व भर में १.३ से लेकर १.५ करोड़ कज़ाख़ लोग हैं और इनमें से अधिकतर की मातृभाषा कज़ाख़ भाषा है। कज़ाख़ लोग बहुत से प्राचीन तुर्की जातियों के वंशज हैं, जैसे कि अरग़िन, ख़ज़र, कारलुक, किपचक और कुमन। माना जाता है कि इनमें कुछ हद तक मध्य एशिया की कुछ ईरानी भाषाएँ बोलने वाली जातियाँ (जैसे कि शक, स्किथाई और सरमती) भी शामिल हो गई। कज़ाख़ लोग साइबेरिया से लेकर कृष्ण सागर तक फैले हुए थे और जब इस क्षेत्र में तुर्की-मंगोल लोगों का राज चला तब भी वे मध्य एशिया में ही बसे रहे। .

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क्रीमिया

युक्रेन में क्रीमिया प्रायद्वीप की स्थिति (लाल रंग में) right ख़ान का महल क्रीमिया या क्राईमिया (अंग्रेज़ी: Crimea, क्राईमिया; रूसी: Крым, क्र्यिम; यूक्रेनी: Крим, क्रिम) पूर्वी यूरोप में युक्रेन देश का एक स्वशासित अंग है जो उस राष्ट्र की प्रशासन प्रणाली में एक 'स्वशासित गणराज्य' का दर्जा रखता है। यह कृष्ण सागर के उत्तरी तट पर स्थित एक प्रायद्वीप (पेनिनसुला) है। इस क्षेत्र के इतिहास में क्रीमिया का महत्व रहा है और बहुत से देशों और जातियों में इस पर क़ब्ज़े को लेकर झड़पें हुई हैं। 18 मार्च 2014 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन क्रीमिया को रूसी संघ में मिलाने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए। इसके साथ ही क्रीमिया रूसी संघ का हिस्सा बन गया है। .

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क्रीमिया का युद्ध

क्रीमिया युद्ध का रूसी भाषा में बना नक्शा। उत्तर-पूर्व में रूस और दक्षिण में तुर्की हैं। क्रीमिया का युद्ध (जुलाई, 1853 - सितंबर, 1855) तक काला सागर के आसपास चला युद्ध था, जिसमें फ्रांस, ब्रिटेन, सारडीनिया, तुर्की ने एक तरफ़ तथा रूस ने दूसरी तरफ़ से लड़ा था। 'क्रीमिया की लड़ाई' को इतिहास के सर्वाधिक मूर्खतापूर्ण तथा अनिर्णायक युद्धों में से एक माना जाता है। युद्ध का कारण स्लाववादी राष्ट्रीयता की भावना थी। इसके अतिरिक्त दूसरे तरफ़ तुर्की के धार्मिक अत्याचार भी कारण बने, किंतु बेहद खून खराबे के बाद भी नतीजा कुछ भी नहीं निकला। यह युद्ध कदाचित् अकारण लड़ा गया था फिर भी यूरोपीय इतिहास में इसका विशेष महत्व आँका जाता है। उन दिनों यूरोपीय देशों में लोगों की यह धारणा हो गई थी कि रूस के पास इतने अधिक शस्त्रास्त्र हैं कि वह अजेय है। उससे लोग आतंकित थे। कुस्तंतुनिया की ओर राज्यविस्तार करने की रूस की नीति पीटर महान् के समय से ही चली आ रही थी। अपनी इस राज्यविस्तार की आकांक्षापूर्ति के लिये वह कोई न कोई बहाना ढूँढ़ता रहता था। इस युद्ध को पहला ऐसा युद्ध माना जाता है जिसमें जनता को प्रतिदिन की लड़ाई की ख़बर मिली। द टाइम्स अख़बार के विलियम रसेल और रोजर फ़ेंटन ने पत्र में इस लड़ाई का विवरण दिया था। .

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कैस्पियन सागर

कैस्पियन सागर (फ़ारसी:, दरया-ए-माज़ंदरान), एशिया की एक झील है जिसे अपने वृहत आकार के कारण सागर कहा जाता है। मध्य एशिया में स्थित यह झील क्षेत्रफल के हिसाब से विश्व की सबसे बड़ी झील है। इसका क्षेत्रफल ४,३०,००० वर्ग किलोमीटर तथा आयतन ७८,२०० घन किलोमीटर है। इसका कोई बाह्यगमन नहीं है और पानी सिर्फ़ वाष्पीकरण के द्वारा बाहर जाता है। ऐतिहासिक रूप से यह काला सागर के द्वारा बोस्फ़ोरस, ईजियन सागर और इस तरह भूमध्य सागर से जुड़ा हुआ माना जाता है जिसके कारण इसे ज्यरचना के आधार पर इसे झील कहना उचित नहीं है। इसका खारापन १.२ प्रतिशत है जो विश्व के सभी समुद्रों के कुल खारेपन का एक-तिहाई है। .

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कूमान लोग

कूमान (Cuman), जिन्हें रूसी भाषा में पोलोव्त्सी (Polovtsi) कहा जाता था, एक तुर्क बंजारा समुदाय था जो 1237 ईसवी में होने वाले मंगोल हमले तक यूरेशियाई स्तेपी में कृष्ण सागर से उत्तरी में और वोल्गा नदी के किनारे विस्तृत कूमान-किपचाक परिसंध की पश्चिमी शाखा थी। मंगोल हमले के बाद उनमें से कई ने हंगरी में शरण ली थी। इस आक्रमण से पहले इनका कॉकस और ख़्वारेज़्म क्षेत्र पर बहुत प्रभाव था, और वे भारी मात्रा में हंगरी और बुल्गारिया में बसने लगे थे। .

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केल्टी भाषाएँ

केल्टी भाषाएँ (अंग्रेज़ी: Celtic languages) या सेल्टी भाषाएँ, जिन्हें अंग्रेज़ी में केल्टिक या सेल्टिक कहा जाता है, हिन्द-यूरोपी भाषा परिवार की एक उपशाखा है जिसकी बोलियाँ यूरोप के पश्चिमोत्तरी छोर के कुछ हिस्सों में बोली जाती हैं। इनका विस्तार विषेश रूप से आयरलैंड, स्कॉटलैंड, वेल्ज़, मैन के द्वीप (आइल ऑफ़ मैन) और फ़्रान्स के ब्रिटनी क्षेत्र में है। यहाँ से बहुत से लोग दक्षिण अमेरिका के आरजेनटीना देश के कुछ भागों में भी जा बसे थे इसलिये कुछ हद तक केल्टी बोलियाँ वहाँ भी बोली जाती हैं।, George L. Campbell, pp.

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कॉकस

कॉकस या कौकसस यूरोप और एशिया की सीमा पर स्थित एक भौगोलिक और राजनैतिक क्षेत्र है। इस क्षेत्र में कॉकस पर्वत शृंखला भी आती है, जिसमें यूरोप का सबसे ऊंचा पहाड़, एल्ब्रुस पर्वत शामिल है। कॉकस के दो मुख्य खंड बताये जाते हैं: उत्तर कॉकस और दक्षिण कॉकस। उत्तर कॉकस में चेचन्या, इन्गुशेतिया, दाग़िस्तान, आदिगेया, काबारदीनो-बल्कारिया, काराचाए-चरकस्सिया, उत्तर ओसेतिया, क्रास्नोदार क्राय और स्ताव्रोपोल क्राय के क्षेत्र आते हैं। दक्षिण कॉकस में आर्मीनिया, अज़रबैजान और जॉर्जिया आते हैं, जिसमें दक्षिण ओसेतिया, अबख़ज़िया और नागोर्नो-काराबाख़ शामिल हैं। .

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कीवयाई रूस

11वीं सदी में कीवयाई रूस राज्य कीवयाई रूस (रूसी: Киевская Русь, अंग्रेज़ी: Kievan Rus') मध्यकालीन यूरोप का एक राज्य था। यह 9वीं से 13वीं शताब्दी ईसवी तक अस्तित्व में रहा और 1237-1240 के मंगोल आक्रमण से ध्वस्त हो गया। अपने शुरूआती काल में इसे 'रूस ख़ागानत​' के नाम से जाना जाता था। सन् 882 में 'रूस' नाम की एक वाइकिंग उपजाति ने इसे ख़ज़रों की अधीनता से आज़ाद करवाया और इसकी राजधानी नोवगोरोद से हटाकर कीव कर दी।, pp.

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अतिर​ऊ प्रांत

अतिरऊ प्रांत (कज़ाख़: Атырау облысы, अंग्रेज़ी: Atyrau Province) मध्य एशिया के क़ाज़ाख़स्तान देश का एक प्रांत है। इसकी राजधानी भी अतिरऊ नाम का शहर ही है। अतिरऊ प्रांत देश के पश्चिमी हिस्से में कैस्पियन सागर के पूर्वोत्तरी किनारे पर स्थित है। .

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अबख़ाज़िया

अबखाजिया (Abhazia) आंशिक रूप से अन्तर्राष्ट्रीय पहचान प्राप्त विवादित क्षेत्र है जिसकी एक स्वतंत्र सरकार है। यह क्षेत्र काला सागर के पूर्वी तट और कॉकस के दक्षिण पश्चिम में स्थित है। यह जॉर्जिया का एक हिस्सा था जो कि इसे आज भी स्वतंत्र देश का दर्जा नहीं देता। अबख़ाज़िया अपने आप को अबख़ाज़िया गणराज्य अथवा अप्सनी के रूप में एक सम्प्रभु राज्य का दर्जा देता है। इसे रूस, निकारागुआ, वेनेज़ुएला और नौरु ने पूर्ण सम्प्रभु तथा दक्षिण ओसेतिया ने आंशिक सम्प्रभु राष्ट्र का एवं ट्रान्सनिस्ट्रिया और नागोर्नो-काराबाख़ ने अज्ञात राज्य के रूप में रखा है। .

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उत्तरी रेशम मार्ग

टकलामकान रेगिस्तान उत्तरी रेशम मार्ग (Northern Silk Road) वर्तमान जनवादी गणतंत्र चीन के उत्तरी क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक मार्ग है जो चीन की प्राचीन राजधानी शिआन से पश्चिम की ओर जाते हुए टकलामकान रेगिस्तान से उत्तर निकलकर मध्य एशिया के प्राचीन बैक्ट्रिया और पार्थिया राज्य और फिर और भी आगे ईरान और प्राचीन रोम पहुँचता था। यह मशहूर रेशम मार्ग की उत्तरतम शाखा है और इसपर हज़ारों सालों से चीन और मध्य एशिया के बीच व्यापारिक, फ़ौजी और सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती रहीं हैं। पहली सहस्राब्दी (यानि हज़ार साल) ईसापूर्व में चीन के हान राजवंश ने इस मार्ग को चीनी व्यापारियों और सैनिकों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए यहाँ पर सक्रीय जातियों के खिलाफ़ बहुत अभियान चलाए जिस से इस मार्ग का प्रयोग और विस्तृत हुआ। चीनी सम्राटों ने विशेषकर शियोंगनु लोगों के प्रभाव को कम करने के बहुत प्रयास किये।, Frances Wood, University of California Press, 2004, ISBN 978-0-520-24340-8,...

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१ई+११ मी॰²

क्यूबा का क्षेत्रफल लगभग १,००,००० कि.मी२ है। विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के परिमाण के क्रम समझने हेतु यहां १,००,००० वर्ग कि.मी से १०,००,००० वर्ग कि.मी के क्षेत्र दिये गए हैं।.

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१९९०

कोई विवरण नहीं।

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२ सितम्बर

२ सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २४५वाँ (लीप वर्ष मे २४६वाँ) दिन है। वर्ष मे अभी और १२० दिन बाकी है। .

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2016 रूस के रक्षा मंत्रालय टुपोलेव टीयू 154 दुर्घटना

25 दिसम्बर 2016 पर, रूस के रक्षा मंत्रालय के टुपोलेव टीयू 154 जेटलाइनर सोची अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, रूस से उड़ान भरने के कुछ समय बाद काला सागर में दुर्घटनाग्रस्त को गया। इस ने कह्मेमिम एयर बेस, सीरिया के लिए उड़ान भरी थी। रूसी सशस्त्र बलों के व्लादिमीर पहनावा दल के 64 सदस्यों सहित सभी 92 यात्रियों और चालक दल सवार की मृत्यु हो गई। विमान चकलोवस्की हवाई अड्डा से उड़ान भरी थी और ईधन के लिए सोची अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर उतरा था। श्रेणी:हवाई दुर्घटना.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

ब्लैक सागर, कृष्ण सागर

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