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काँगड़ा जिला

सूची काँगड़ा जिला

काँगड़ा भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। काँगड़ा जिले का मुख्यालय धर्मशाला है। .

34 संबंधों: चामुंडा देवी मंदिर, डेरा गोपीपुर, देहरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, धर्मशाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश, नगरोटा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, नूरपुर, नूरपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, पालमपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, फतेहपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, बाथू की लड़ी, बैजनाथ मंदिर, बैजनाथ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, महाराणा प्रताप सागर, मैक्लॉडगंज, रावी नदी, रैडक्लिफ़ अवार्ड, शाहपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, शांता कुमार, सुलह विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2012, हिमाचल प्रदेश के मण्डल, हिमाचल प्रदेश के जिले, हिमाचल प्रदेश के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की सूची, जयसिंहपुर, जयसिंहपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, जसवां-परागपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, जवाली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, ज्वालामुखी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, इंदौरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, काँगड़ा, कांगड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

चामुंडा देवी मंदिर

श्री '''चामुंडा देवी मंदिर''', कांगडा, हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश को देव भूमि भी कहा जाता है। इसे देवताओं के घर के रूप में भी जाना जाता है। पूरे हिमाचल प्रदेश में 2000 से भी ज्यादा मंदिर है और इनमें से ज्यादातर प्रमुख आकर्षक का केन्द्र बने हुए हैं। इन मंदिरो में से एक प्रमुख मंदिर चामुण्डा देवी का मंदिर है जो कि जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है। चामुण्डा देवी मंदिर शक्ति के 51 शक्ति पीठो में से एक है। यहां पर आकर श्रद्धालु अपने भावना के पुष्प मां चामुण्डा देवी के चरणों में अर्पित करते हैं। मान्यता है कि यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। देश के कोने-कोने से भक्त यहां पर आकर माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। चामुण्डा देवी का मंदिर समुद्र तल से 1000 मी.

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डेरा गोपीपुर

डेरा गोपीपुर हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले का एक नगर, नगर पंचायत तथा तहसील है। .

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देहरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

देहरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 70,424 मतदाता थे। यह क्षेत्र साल 2008 में, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के अनुसरण में अस्तित्व में आया। .

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धर्मशाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

धर्मशाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 64,598 मतदाता थे। .

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धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश

धर्मशाला हिमाचल प्रदेश की शीतकालीन राजधानी है। यह हिमाचल राज्य के कांगड़ा जिले का मुख्यालय है, और कांगड़ा नगर से १६ किमी की दूरी पर स्थित है। धर्मशाला के मैक्लॉडगंज उपनगर में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के मुख्यालय हैं, और इस कारण यह दलाई लामा का निवास स्थल तथा निर्वासित तिब्बती सरकार की राजधानी है। धर्मशाला को भारत सरकार के स्मार्ट सिटीज मिशन के अंतर्गत एक स्मार्ट नगर के रूप में विकसित होने वाले सौ भारतीय नगरों में से एक के रूप में भी चुना गया है। ऐसी मान्यता है की नगर का नाम धर्मशाला शब्द से उत्पन्न हुआ है। यह नगर वर्ष १८४९ में कांगड़ा में स्थित सैन्य छावनी के लिए अस्तित्व में आया। वर्ष १८५५ में धर्मशाला को कांगड़ा जिले का मुख्यालय घोषित किया गया था। धर्मशाला में सिविलियन और छावनी क्षेत्र की बढ़ती चहल-पहल को देखते हुए यहां सुविधाएं लोगों को मुहैया करवाने के लिए नगर परिषद बनाने का विचार बना था। पांच मई १८६७ को यहां नगर परिषद अस्तित्व में आई थी। उस समय बनी नगर परिषद की पहली बैठक भी ६ मई १८६७ को तत्कालीन जिलाधीश सीएफ एल्फिनस्टोन की अध्यक्षता में हुई थी। धर्मशाला के १८६७ में नगर परिषद बनने के बाद यहां सुविधाओं में इजाफा हुआ। १८९६ में धर्मशाला में बिजली भी लोगों मिलनी शुरू हुई थी। तत्पश्चात नगर में कार्यालयों के विकास के अतिरिक्त व्यापार व वाणिज्य, सार्वजनिक संस्थान, पर्यटन सुविधाओं तथा परिवहन गतिविधयों में भी उन्नति हई। वर्ष १९०५ व् १९८६ के भूकम्पों से नगर का बहुत नुकसान हुआ। १९२६ से १९४७ के बीच यहां पर इंटर कॉलेज सहित महाविद्यालय खुला तो वर्ष १९३५ में सिनेमा हाल भी यहां खुला। बढ़ते समय के साथ-साथ सामाजिक सुधारों के साथ संगीत, साहित्य और कला के क्षेत्र में भी यह क्षेत्र कहीं पीछे नहीं रहा। १९६० से महामिहम दलाई लामा का मुख्यालय भी धर्मशाला में स्थित है। .

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नगरोटा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

नगरोटा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 74,574 मतदाता थे। .

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नूरपुर

नूरपुर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का एक नगर है। भारत की स्वतन्त्रता के पूर्व यह नूरपुर राज्य का भाग था जिसका शासन ११वीं शती के बाद से पठानिया राजपूत करते थे। इस राज्य की राजधानी पठानकोट थी जो अब पंजाब में है। श्रेणी: हिमाचल प्रदेश के नगर.

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नूरपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

नूरपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 74,679 मतदाता थे। .

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पालमपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

पालमपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 64,197 मतदाता थे। .

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फतेहपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

फतेहपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 72,676 मतदाता थे। यह क्षेत्र साल 2008 में, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के अनुसरण में अस्तित्व में आया। .

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बाथू की लड़ी

बाथू मंदिर, स्थानीय स्तर पर  बाथू की लड़ी, हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जनपद में मंदिरों का एक गुच्छ (समूह) है। यह मंदिर 1970 में पोंग बाँध (Pong dam) निर्माण के कारण बने जलाशय महाराणा प्रताप सागर में जलमग्न हैं। मंदिर-समूह तक केवल मई-जून में ही पहुँच सकते हैं, जब जल-स्तर घटता है। मंदिर-समूह तक धमेटा और नागराता सुरिया से नाव द्वारा एवं ज्वाली से सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है। .

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बैजनाथ मंदिर

बैजनाथ मंदिर बैजनाथ में स्थित नागर शैली में बना हिंदू मंदिर है। यह 1204 ईस्वी में अहुका और मन्युका नामक दो स्थानीय व्यापारियों ने बनवाया था। यह वैद्यनाथ (चिकित्सकों के प्रभु) के रूप में भगवान शिव को समर्पित है।  शिलालेखों के अनुसार वर्तमान बैजनाथ मंदिर के निर्माण से पूर्व भगवान शिव के मंदिर का अस्तित्व था। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग है। बाहरली दीवारों में अनेकों चित्रों की नक्काशी हुई है। .

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बैजनाथ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

बैजनाथ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 75,322 मतदाता थे। .

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महाराणा प्रताप सागर

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के शिवालिक पहाड़ियों के आर्द्र भूमि पर ब्यास नदी पर बाँध बनाकर एक जलाशय का निर्माण किया गया है जिसे महाराणा प्रताप सागर नाम दिया गया है। इसे पौंग जलाशय या पौंग बांध के नाम से भी जाना जाता है। यह बाँध 1975 में बनाया गया था। महाराणा प्रताप के सम्मान में नामित यह जलाशय या झील (1572–1597) एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है और रामसर सम्मेलन द्वारा भारत में घोषित 25 अंतरराष्ट्रीय आर्द्रभूमि साइटों में से एक है।"Salient Features of some prominent wetlands of India", pib.nic.in, Release ID 29706, web: सूर्योदय पौंग जलाशय और गोविन्दसागर जलाशय हिमाचल प्रदेश में हिमालय की तलहटी में दो सबसे महत्वपूर्ण मछली वाले जलाशय हैं।, इन जलाशयों में हिमालय राज्यों के भीतर मछली के प्रमुख स्रोत हैं। .

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मैक्लॉडगंज

मैक्लॉडगंज या मकलोडगंज (कई बार इसे मैक्लोडगंज या मैकलोड गंज भी लिखा जाता है), भारत के राज्य हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित कस्बे धर्मशाला का एक उपनगर है। तिब्बतियों के लोगों की एक बड़ी आबादी के कारण इसे "छोटा ल्हासा" या "ढासा" (तिब्बतियों द्वारा धर्मशाला के लिए उपयोग किया जाने वाला संक्षिप्त नाम) के नाम से भी जाना जाता है। तिब्बत की निर्वासन सरकार का मुख्यालय भी मैक्लॉडगंज में स्थित है। मैक्लॉडगंज का नाम सर डोनाल्ड फ्रील मैक्लॉड जो कि पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर थे के नाम पर रखा गया है; प्रत्यय 'गंज' हिंदी का शब्द है जिसका सामान्य अर्थ "पड़ोस" होता है। समुद्र तल से इसकी औसत ऊंचाई 2,082 मीटर (6,831 फीट) है तथा यह धौलाधार पर्वतश्रेणी में स्थित है, जिसका उच्चतम शिखर, "हनुमान का टिब्बा" लगभग 5,639 मीटर (18,500 फीट) ऊंचा है। .

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रावी नदी

चम्बा में रावी नदी रावी उत्तरी भारत में बहनेवाली एक नदी है। इसका पौराणिक नाम परुष्णी है। .

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रैडक्लिफ़ अवार्ड

रैडक्लिफ़ रेखा 17 अगस्त 1947 को भारत विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा बन गई। सर सिरिल रैडक्लिफ़ की अध्यक्षता में सीमा आयोग द्वारा रेखा का निर्धारण किया गया, जो 88 करोड़ लोगों के बीच क्षेत्र को न्यायोचित रूप से विभाजित करने के लिए अधिकृत थे। भारत का विभाजन .

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शाहपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

शाहपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 72,593 मतदाता थे। .

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शांता कुमार

शांता कुमार (जन्म १२ सितम्बर १९३४) हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और भारत सरकार के भूतपूर्व मंत्री है। वह भारतीय जनता पार्टी के एक नेता है। १९७७ में वह पहली बार हिमाचल प्रदेश के गैर - कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने। 1982 में वह पुनः विधानसभा में लौटे और प्रतिपक्षी सदस्य रहे। 1985 में राज्य असेंबली चुनाव हार गए। 1986 से 1990 तक ये राज्य भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने। फरवरी 1990 में इनको पालमपुर और सुलह निर्वाचन क्षेत्रों से जीत मिली तथा भारतीय जनता पार्टी का नेता चुने गए। यह पुनः मुख्यमंत्री बने। 1993 में इन्होंने सुलह विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, किंतु पराजित हुए। यह केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार में मंत्री भी रहे। वर्तमान में आप भाजपा के एक सक्रिय नेता हैं। शांता कुमार दो बार हिमाचल प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री रहे चुके है। .

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सुलह विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

सुलह विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 89,293 मतदाता थे। .

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हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश

हमीरपुर भारत के हिमाचल प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। हिमाचल की निचली पहाडि़यों पर स्थित हमीरपुर जिला समुद्र तल से ४०० से ११०० मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पाइन के पेड़ों से घिरा यह शहर हिमाचल के अन्‍य शहरों से सामान्‍यत: कम ठंडा है। कांगडा जिले से अलग करने के बाद १९७२ में हमीरपुर अस्तित्‍व में आया था। सर्दियों में ट्रैकिंग और कैंपिग के लिए यह शहर तेजी से विकसित हो रहा है। हिमाचल प्रदेश और पडोसी राज्‍यों के शहरों से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां के कुछ ऐतिहासिक और धार्मिक स्‍थल इस जिले की प्रसिद्धी के कारण हैं। हमीरपुर का देवसिद्ध मंदिर, सुजानपुर टीहरा और नादौन खासे लोकप्रिय हैं। शिमला-धर्मशाला रोड़ पर स्थित हमीरपुर टाउन यहां का जिला मुख्‍यालय है। .

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हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश (अंग्रेज़ी: Himachal Pradesh, उच्चारण) उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। यह 21,629 मील² (56019 किमी²) से अधिक क्षेत्र में फ़ैला है तथा उत्तर में जम्मू कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में पंजाब (भारत), दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है। हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ "बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत" है। हिमाचल प्रदेश को "देव भूमि" भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार के हाथ में आ गया। सन 1857 तक यह महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य (पंजाब हिल्स के सीबा राज्य को छोड़कर) का हिस्सा था। सन 1950 मे इसे केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया, लेकिन 1971 मे इसे, हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971 के अन्तर्गत इसे 25 january 1971 को भारत का अठारहवाँ राज्य बनाया गया। हिमाचल प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय भारत के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में अधिक है । बारहमासी नदियों की बहुतायत के कारण, हिमाचल अन्य राज्यों को पनबिजली बेचता है जिनमे प्रमुख हैं दिल्ली, पंजाब (भारत) और राजस्थान। राज्य की अर्थव्यवस्था तीन प्रमुख कारकों पर निर्भर करती है जो हैं, पनबिजली, पर्यटन और कृषि। हिंदु राज्य की जनसंख्या का 95% हैं और प्रमुख समुदायों मे ब्राह्मण, राजपूत, घिर्थ (चौधरी), गद्दी, कन्नेत, राठी और कोली शामिल हैं। ट्रान्सपरेन्सी इंटरनैशनल के 2005 के सर्वेक्षण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश देश में केरल के बाद दूसरी सबसे कम भ्रष्ट राज्य है। .

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हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2012

नवम्बर २०१२ मे हिमाचल प्रदेश की हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए हुआ चुनाव था। कांग्रेस ने इस चुनाव में जीत हासिल की। ६८ सीटो में से ३६ सीट जीत कर कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनाई। चुनाव के परिणामों की घोषणा 20 दिसम्बर 2012 को की गई। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 68 सीटों हेतु मतदान हुआ। कांग्रेस ने 36 सीटों पर जीत दर्ज की, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 26 सीटों पर जीत मिली, जबकि निर्दलीय 5 सीटों पर और हिमाचल लोकहित कांग्रेस 1 सीट पर विजयी रही। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। पांच बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष 78 वर्षीय वीरभद्र सिंह ने शिमला ग्रामीण सीट पर जीत दर्ज की। वीरभद्र सिंह ने इस सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी भाजपा के ईश्वर रोहल को 20 हजार मतों से पराजित किया। हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रेम कुमार धूमल ने कांग्रेस के नरिन्दर ठाकुर को 9500 मतों से पराजित किया। प्रेम कुमार धूमल के मंत्रिमंडल के चार सहयोगी नरिन्दर बरागटा, खिमी राम, कृष्ण कुमार और रोमेश धवला चुनाव हार गए, जबकि प्रेम कुमार धूमल के मंत्रिमंडल सहयोगी गुलाब सिंह, मोहिन्दर सिंह, जयराम ठाकुर, रविन्दर सिंह रवि, सरवीन चौधरी और ईश्वर दास धीमान चुनाव जीते। .

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हिमाचल प्रदेश के मण्डल

हिमाचल प्रदेश राज्य को १२ जिलों में विभाजित किया गया है, जो तीन मण्डलों में समूहबद्ध हैं.

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हिमाचल प्रदेश के जिले

left श्रेणी:हिमाचल प्रदेश श्रेणी:हिमाचल प्रदेश से सम्बन्धित सूचियाँ.

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हिमाचल प्रदेश के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की सूची

निम्नलिखित 2008 विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के बाद से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों की सूची है। वर्तमान में, 17 निर्वाचन क्षेत्र में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं और 3 निर्वाचन क्षेत्रों अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। .

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जयसिंहपुर

जयसिंहपुर (पंजाबी: ਜਯਸਿਂਹਪੁਰ) भारत में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की तहसील है। जयसिंहपुर शहर की जनसंख्या 1,273 और जयसिंहपुर तहसील की कुल आबादी 58,623 है। यह कांगड़ा के कटोच राजा, महाराजा जय सिंह के नाम के बाद नामित किया गया था। जयसिंहपुर ब्यास नदी के किनारे कांगडा, हमीरपुर व मंडी की संगम स्थली है। यह अपने चौगान के लिये जाना जाता है। यहा पर कई उल्लेखनीय मंदिर है, जानकी नाथ मंदिर, राधे कृष्ण मंदिर बस अड्डे के समीप, जानकी नाथ मंदिर, बाबा मणि राम मंदिर, शनि देव मंदिर, खड़ेश्वरी बाबा मंदिर और शीतला माता मंदिर तिन्बर-पालमपुर सड़क पर स्थित प्रसिद्ध मंदिर है। .

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जयसिंहपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

जयसिंहपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 74,165 मतदाता थे। यह क्षेत्र साल 2008 में, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के अनुसरण में अस्तित्व में आया। .

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जसवां-परागपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

जसवां-परागपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 68,140 मतदाता थे। यह क्षेत्र साल 2008 में, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के अनुसरण में अस्तित्व में आया। .

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जवाली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

जवाली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 80,874 मतदाता थे। .

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ज्वालामुखी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

ज्वालामुखी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 65,474 मतदाता थे। .

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इंदौरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

इंदौरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 74,073 मतदाता थे। यह क्षेत्र साल 2008 में, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के अनुसरण में अस्तित्व में आया। .

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काँगड़ा

काँगड़ा हिमाचल प्रदेश का ऐतिहासिक नगर तथा जिला है; इसका अधिकतर भाग पहाड़ी है। इसके उत्तर और पूर्व में क्रमानुसार लघु हिमालय तथा बृहत्‌ हिमालय की हिमाच्छादित श्रेणियाँ स्थित हैं। पश्चिम में सिवालिक (शिवालिक) तथा दक्षिण में व्यास और सतलज के मध्य की पहाड़ियाँ हैं। बीच में काँगड़ा तथा कुल्लू की सुन्दर उपजाऊ घाटियाँ हैं। काँगड़ा चाय और चावल तथा कुल्लू फलों के लिए प्रसिद्ध है। व्यास (विपासा) नदी उत्तर-पूर्व में रोहतांग से निकलकर पश्चिम में मीर्थल नामक स्थान पर मैदानी भाग में उतरती है। काँगड़ा जिले में कड़ी सर्दी पड़ती है परंतु गर्मी में ऋतु सुहावनी रहती है, इस ऋतु में बहुत से लोग शैलावास के लिए यहाँ आते हैं; जगह-जगह देवस्थान हैं अत: काँगड़ा को देवभूमि के नाम से भी अभिहित किया गया है। हाल ही में लाहुल तथा स्पीत्ती प्रदेश का अलग सीमांत जिला बना दिया गया है और अब काँगड़ा का क्षेत्रफल 4,280 वर्ग मील रह गया है। काँगड़ा नगर लगभग 2,350 फुट की ऊँचाई पर, पठानकोट से 52 मील पूर्व स्थित है। हिमकिरीट धौलाधर पर्वत तथा काँगड़ा की हरी-भरी घाटी का रमणीक दृश्य यहाँ दृष्टिगोचर होता है। यह नगर बाणगंगा तथा माँझी नदियों के बीच बसा हुआ है। दक्षिण में पुराना किला तथा उत्तर में बृजेश्वरी देवी के मंदिर का सुनहला कलश इस नगर के प्रधान चिह्न हैं। एक ओर पुराना काँकड़ा तथा दूसरी ओर भवन (नया काँगड़ा) की नयी बस्तियाँ हैं। काँगड़ा घाटी रेलवे तथा पठानकोट-कुल्लू और धर्मशाला-होशियारपुर सड़कों द्वारा यातायात की सुविधा प्राप्त है। काँगड़ा पहले 'नगरकोट' के नाम से प्रसिद्ध था और ऐसा कहा जाता है कि इसे राजा सुसर्माचंद ने महाभारत के युद्ध के बाद बसाया था। छठी शताब्दी में नगरकोट जालंधर अथवा त्रिगर्त राज्य की राजधानी था। राजा संसारचंद (18वीं शताब्दी के चतुर्थ भाग में) के राज्यकाल में यहाँ पर कलाकौशल का बोलबाला था। 'काँगड़ा कलम' विश्वविख्यात है और चित्रशैली में अनुपम स्थान रखती है। काँगड़ा किले, मंदिर, बासमती चावल तथा कटी नाक की पुन: व्यवस्था और नेत्रचिकित्सा के लिए दूर-दूर तक विख्यात था। 1905 के भूकम्प में नगर बिल्कुल उजड़ गया था, तत्पश्चात्‌ नयी आबादी बसायी गयी। यहाँ पर देवीमंदिर के दर्शन के लिए हजारों यात्री प्रति वर्ष आते हैं तथा नवरात्र में बड़ी चहल-पहल रहती है। प्राचीन काल में त्रिगर्त नाम से विख्यात काँगड़ा हिमाचल की सबसे खूबसूरत घाटियों में एक है। धौलाधर पर्वत श्रृंखला से आच्छादित यह घाटी इतिहास और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है। एक जमाने में यह शहर चंद्र वंश की राजधानी थी। काँगड़ा का उल्लेख 3500 साल पहले वैदिक युग में मिलता है। पुराण, महाभारत तथा राजतरंगिणी में इस स्थान का जिक्र किया गया है। .

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कांगड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश

कांगड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। काँगड़ा जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 68,243 मतदाता थे। .

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