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क़ुरैश क़बीला

सूची क़ुरैश क़बीला

क़ुरैश (अरबी:, अंग्रेज़ी: Quraish या Quraysh) एक शक्तिशाली व्यापारी अरब क़बीला था जिसका इस्लाम के आने से पहले मक्का और उसके काबा पर नियंत्रण था। पैग़म्बर मुहम्मद​ भी इसी क़बीले की बनू हाशिम शाखा के सदस्य थे। पारम्परिक क़हतानी-अदनानी अरब श्रेणीकरण के नज़रिए से क़ुरैश एक अदनानी क़बीला था।, Singh, pp.

6 संबंधों: बद्र की लड़ाई, बनू मख़ज़ूम, बनू हाशिम, बनू किनानाह, अकसूम राज्य, उसमान बिन अफ़्फ़ान

बद्र की लड़ाई

बद्र की लड़ाई सन् 624 में नवोदित मुस्लिम गुट और मक्का के क़ुरैश क़बीले की सेना के बीच आधुनिक सउदी अरब के हिजाज़ क्षेत्र में 13 मार्च को लड़ा गया था। इसका उद्देश्य इससे पहले हुई एक ख़ानदानी लड़ाई में हुई हार का बदला लेना था। इसमें मुस्लिम सेनाओं का नेतृत्व उनके पैग़म्बर मुहम्मद ने किया था और अंततः उनकी जीत हुई। इससे प्रभावित होकर ही कई लोग मुहम्मद साहब को ईश्वर का दूत समझने लगे थे और इससे प्रोत्साहित होकर ही मुस्लिम गुट बाद में (सन् 632 में) मक्का की ओर कूच कर पाया - जिस घटना को 'हिज्र' भी कहते हैं। .

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बनू मख़ज़ूम

बनू मख़ज़ूम (अरबी:, अंग्रेज़ी: Banu Makhzum) अरब इतिहास में शक्तिशाली क़ुरैश नामक व्यापारी अरब क़बीले की एक शाखा थी। इसके वंशज आज भी सउदी अरब में मिलते हैं। पारम्परिक क़हतानी-अदनानी अरब श्रेणीकरण के नज़रिए से क़ुरैश और उसकी बनू मख़ज़ूम शाखा दोनो अदनानी क़बीले थे।, R. Khanam, pp.

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बनू हाशिम

६०० ईसवी में अरबी क़बीलों का विस्तार जिसमें क़ुरैश भी देखे जा सकते हैं (बनू हाशिम क़ुरैश की उपशाखा है) बनू हाशिम (अरबी:, अंग्रेज़ी: Banu Hashim) एक अरबी क़बीला है जो बड़े क़ुरैश क़बीले की एक उपशाखा है। इसका नाम पैग़म्बर मुहम्मद के पर-दादा हाशिम (Hashim) पर रखा गया है और इसके सदस्य अपने-आप को उनका वंशज मानते हैं। अरबी भाषा में 'बनू' का मतलब 'बेटे' होता है और 'बनू हाशिम' का मतलब 'हाशिम के बेटे' है।, Abdel Rahman Azzam, Devin-Adair Co., 1964,...

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बनू किनानाह

६०० ईसवी में अरबी क़बीलों का विस्तार जिसमें किनानाह भी देखे जा सकते हैं बनू किनानाह (अरबी:, अंग्रेज़ी: Banu Kinanah) एक अरबी क़बीला है। पारम्परिक क़हतानी-अदनानी अरब श्रेणीकरण के नज़रिए से बनू किनानाह अदनानी क़बीले के मुदर क़बीले की सबसे बड़ी शाखा है। इस क़बीले के लोग अधिकतर सउदी अरब के हिजाज़ और तिहामाह क्षेत्रों में बसते हैं। .

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अकसूम राज्य

अकसूम राज्य (Kingdom of Aksum) या अकसूमी साम्राज्य (Aksumite Empire) पूर्वी अफ़्रीका के आधुनिक इथियोपिया व इरित्रिया देशों के क्षेत्र में स्थित एक राज्य था। इस इलाक़े में लौह युग में चौथी सदी ईसापूर्व से विकसित होना शुरू होकर, यह लगभग १०० ईसवी से लेकर लगभग ९४० ईसवी तक अस्तितिव में रहा। प्राचीन भारत और प्राचीन रोम के बीच में इसने एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक भूमिका निभाई और अपनी मुद्रा जारी करके भी व्यापार को बढ़ावा दिया। एक तरफ़ इसने अपने पश्चिम में स्थित कूश राज्य को अपने अधीन कर लिया और दूसरी ओर हिम्यरी राज्य पर क़ब्ज़ा करके अरबी प्रायद्वीप की राजनीति में भी प्रवेश कर लिया। महाराजा एज़ाना (अनुमानित काल: ३२०-३६० ई) के शासनकाल में यह विश्व का पहला साम्राज्य बना जिसने ईसाई धर्म अपना लिया और ईरान के धार्मिक नेता मानी (२१६-२७६ ई) ने इसे ईरान, चीन और रोम की टक्कर की चौथी महान शक्ति बताया। ७वीं सदी में मक्का के कुछ मुस्लिम अनुयायी स्थानीय क़ुरैश क़बीले (जिन्होने तब इस्लाम नहीं अपनाया था और उसका बलपूर्वक विरोध कर रहे थे) के अत्याचार से बचने के लिए अकसूम में शरण लेने आ गए और यह घटना इस्लामी इतिहास में 'पहले हिज्र' के नाम से जानी जाती है। आज अकसूम राज्य की राजधानी, जिसका नाम भी अकसूम ही था, उत्तरी इथियोपिया में स्थित एक नगर है। यूरोप और मध्य-पूर्व के इतिहास में प्रसिद्ध 'शीबा की रानी' भी यहीं की निवासी मानी जाती थी।Stuart Munro-Hay (1991).

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उसमान बिन अफ़्फ़ान

उसमान बिन अफ़्फ़ान (579-656) उमर बिन खत्ताब के बाद मुसल्मानों के तीसरे ख़लीफ़ा चुने गये। पहले वो एक धनी व्यापारी हुआ करते थे लेकिन बाद में वह मुहम्मद साहिब के दामाद और उनके प्रमुख साथी बने। अपने खलीफ़ा बनने के बाद उन्होने क़ुरान को संकलित कर पुस्तक का रूप दिया। इस धार्मिक पुस्तक में मिलावट के आरोप में और मिस्र के वासियों से दग़ा करने के आरोप में ८० साल की उम्र में उनका मदीना में भीड़ ने क़त्ल कर दिया। इन आरोपों को इतिहास में विवादित माना जाता है, लेकिन प्रमाणित नहीं। ख़ास कर शिया मुस्लिम इन आरोपों पर अधिक विश्वास करते हैं। अपने धन के कारण उनको अल-ग़नी भी कहते हैं - इनके पिता मक्का के प्रभावशाली व्यापारी थे, जबकि ये ख़ुद कारोबारी सिलसिले में इथियोपिया में रहने लगे थे। इनके परिवार के अन्य सदस्यों ने अगले ७० सालों के इस्लामी साम्राज्य-विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। बाद के उमय्या वंश के शासक इनके वंश से संबंधित थे। कुख्यात अरब जनरल अबू सुफ़ियान, और बाद में स्पेन में राज करने वाले मूसा भी इनके ख़ून के रिश्तेदार थे। .

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क़ुरैश, क़ुरैश क़बीले, कुरैश कबीला

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