7 संबंधों: पुस्तक:क़ुरआन, मसीहा, यहूदी धर्म, यौम अल-क़ियामा, यीशु, सलीम-सुलेमान, ईसा इब्न मरियम।
पुस्तक:क़ुरआन
;Main article;कलाम;विषय-वस्तु(अवयव);क़ुरआन पाठन(पढ़ना);तर्जुमात(अनुवाद);इतिहास(तारीख़);व्याख्या;संबंधित क़ुरआन Ω.
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मसीहा
मसीहा इब्राहीमी धर्मों में आत्मा को पाप से मोक्ष दिलाने वाला या मुक्तिदाता है। मसीहा का मूल यहूदी धर्म और हिब्रू बाइबिल में है। उसके अनुसार मसीहा वह मनुष्य है जो दाऊद और सुलेमान के वंश का है और यहूदियों का मुख्य पुजारी है। साथ ही उसका अभिषेक पवित्र तेल से किया गया हो। ऐसी मान्यता है कि वह अपने भविष्य के आगमन में पूर्व निर्धारित चीजों को पूरा करेगा। ईसाई धर्म में ईसा को मसीहा माना जाता है। इस मान्यता में ईसा को ईश्वरपुत्र माना गया है और यह भी माना जाता है कि हिब्रू बाइबिल में लिखित भविष्यवाणी को उन्होंने पूरा कर दिया है। साथ में यह भी मान्यता है कि ईसा दोबारा आएंगे और बाकी भविष्यवाणियों को पूरा करेंगे। इस्लाम में ईसा को पैगम्बर के साथ-साथ मसीहा माना गया है। ऐसी मान्यता है कि ईसा क़यामत के दिन लौट कर आएंगे और महदी के साथ नकली मसीहा पराजित करेंगे। .
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यहूदी धर्म
यहूदी धर्म इस्राइल और हिब्रू भाषियों का राजधर्म है और इसका पवित्र ग्रंथ तनख़ बाईबल का प्राचीन भाग माना जाता है। धार्मिक पैग़म्बरी मान्यता मानने वाले धर्म इस्लाम और ईसाई धर्म का आधार इसी परम्परा और विचारधारा को माना जाता है। इस धर्म में एकेश्वरवाद और ईश्वर के दूत यानि पैग़म्बर की मान्यता प्रधान है। अपने लिखित इतिहास की वजह से ये कम से कम ३००० साल पुराना माना जाता है। यहूदी धर्म को माननेवाले विश्व में करीब १.४३ करोड़ है, जो विश्व की जनसंख्या में ०.2% है। .
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यौम अल-क़ियामा
यौम अल-क़ियामा या यौम अद-दीन: (अरबी: یوم القیامۃ) इस्लाम में छ: विश्वासों में आखरी पुनर्जीवन का दिन है, इसी को योम अल-क़ियामा (यौम.
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यीशु
एक मोजेक यीशु या यीशु मसीहईसा, यीशु और मसीह नाम हेतु पूरी चर्चा इस लेख के वार्ता पृष्ठ पर है। प्रचलित मान्यता के विरुद्ध, ईसा एक इस्लामी शब्दावली है, व "यीशु" सही ईसाई शब्दावली है। तथा मसीह एक उपादि है। विस्तृत चर्चा वार्ता पृष्ठ पर देखें। (इब्रानी:येशुआ; अन्य नाम:ईसा मसीह, जीसस क्राइस्ट), जिन्हें नासरत का यीशु भी कहा जाता है, ईसाई धर्म के प्रवर्तक हैं। ईसाई लोग उन्हें परमपिता परमेश्वर का पुत्र और ईसाई त्रिएक परमेश्वर का तृतीय सदस्य मानते हैं। ईसा की जीवनी और उपदेश बाइबिल के नये नियम (ख़ास तौर पर चार शुभसन्देशों: मत्ती, लूका, युहन्ना, मर्कुस पौलुस का पत्रिया, पत्रस का चिट्ठियां, याकूब का चिट्ठियां, दुनिया के अंत में होने वाले चीजों का विवरण देने वाली प्रकाशित वाक्य) में दिये गये हैं। यीशु मसीह को इस्लाम में ईसा कहा जाता है, और उन्हें इस्लाम के भी महानतम पैग़म्बरों में से एक माना जाता है। .
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सलीम-सुलेमान
सलीम और सुलेमान हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीत निर्देशक और गायक हैं। यह एक दो भाइयों की जोड़ी है जिसमे, सलीम मर्चेंट और सुलेमान मर्चेंट शामिल हैं। सलीम और सुलेमान पिछले एक दशक से अधिक से फिल्मों के लिए संगीत रचना कर रहे हैं, इनकी प्रसिद्ध फिल्मों मे शामिल हैं, चक दे! इंडिया, भूत, मुझसे शादी करोगी, मातृभूमि और फैशन। एक प्रदर्शन में सलीम-सुलेमान इस जोड़ी ने कई भारतीय पॉप बैंड के लिए भी संगीत तैयार किया है जिनमें वीवा, आसमां, श्वेता शेट्टी, जैस्मीन और स्टाइल भाई आदि शामिल हैं। इन्होने कई टीवी विज्ञापनों का निर्माण और संगीत निर्देशन किया है जिसमे इनका सहयोग उस्ताद जाकिर हुसैन और उस्ताद सुल्तान खान जैसे कलाकारों ने किया है। इन्हें इनका पहला मौका करण जौहर ने अपनी फिल्म काल की संगीत रचना करने के लिए दिया था। उसके बाद, इन्होने कई बड़े निर्माताओं और निर्देशक जैसे यश चोपड़ा, सुभाष घई और राम गोपाल वर्मा के साथ फिल्में की हैं। गीत संगीत रचना से पहले, वे फिल्मों मे पार्श्व संगीत रचना करते रहे हैं। कुछ डरावनी फिल्मों में उनका पार्श्व संगीत बहुत पसंद किया गया।.
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ईसा इब्न मरियम
ईसा इब्न मरियम (यानि: मरियम के पुत्र ईसा) या ईसा मसीह (सम्मानजनक रूप से:हज़रात ईसा अलाइ सलाम; अन्य नाम: यीशु मसीह, जीसस क्राइस्ट), इस्लाम के अनुसार, अल्लाह द्वारा, मानव जाति को भेजे गए पैग़म्बरों में से एक हैं, जोकि ईसाई धर्म के प्रमुख व्यक्तित्वों में से एक हैं। ईसा, इस्लाम के उन २५ पैग़म्बरों में से एक हैं, जिनका उल्लेख क़ुरान में किया गया है। इस्लामी धर्मशास्त्र के अनुसार, ईसा को मुहम्मद के बाद दुसरे सबसे महत्वपूर्ण स्थान पर रखा जाता है। बाइबिल में दिए गए उनकी आत्मकथा से जुड़े लगभग सारी दैवी घटनाओं को इस्लाम में माना जाता है, जिसमें: कुँवारीगर्भ से जन्म, उनके चमत्कार, उनके क्रूस पर चढ़ाय जाने, मृत्यु और मृतोत्थान शामिल हैं। हालाँकि कुरान के कुछ विवोचनों के अनुसार, क्रूस पर चढ़ाना, मृत्यु और मृतोत्थान जायसी घटनाएँ नहीं हुई थी। बहरहाल, मसीहियों के विरुद्ध मुस्लमान, ईसा को ईश्वरपुत्र या त्रिमूर्तित्व को नहीं मानते। इस्लाम में ईसा मसीह को एक आदरणीय नबी (मसीहा) माना जाता है, जो ईश्वर (अल्लाह) ने इस्राइलियों को उनके संदेश फैलाने को भेजा था। क़ुरान के अनुसार, अल्लाह ने ईसा को इन्जील नमक पवित्र किताब का इल्हाम दिया था, जोकि इस्लामिक मान्यता के अनुसार, अल्लाह द्वारा मानवता को प्रदान किये गए चार पवित्र किताबों में से एक है। क़ुरान में ईसा के नाम का ज़िक्र मुहम्मद से भी ज़्यादा है और मुसुल्मान ईसा के कुँवारी माता द्वारा जन्मा मानते हैं। .
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