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कविता कोश

सूची कविता कोश

'''कविता कोश''' का लोगो कविता कोश अंतरजाल पर उपलब्ध भारतीय काव्य के सबसे बड़े और सुव्यवस्थित स्रोतो में से एक है। विकि तकनीक पर आधारित इस कोश की वेबसाइट पर हिन्दी व उर्दू भाषा के प्रमुख कवियों की कृतियों का संकलन है। इसके अतिरिक्त कविता कोश में अनूदित रचनाओं तथा लोकगीतो को भी संग्रहित किया गया है। यूनिकोड आधारित होने की वजह से कविता कोश में उपलब्ध सामग्री को किसी भी कम्प्यूटर पर बिना किसी विशेष सॉफ्टवेयर/फ़ॉन्ट के पढ़ा जा सकता है। .

4 संबंधों: नरेश मेहता, परमानन्द श्रीवास्तव, हिन्दी पत्रिकाएँ, कला और बूढ़ा चाँद

नरेश मेहता

ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिन्दी के यशस्वी कवि श्री नरेश मेहता उन शीर्षस्थ लेखकों में हैं जो भारतीयता की अपनी गहरी दृष्टि के लिए जाने जाते हैं। नरेश मेहता ने आधुनिक कविता को नयी व्यंजना के साथ नया आयाम दिया। रागात्मकता, संवेदना और उदात्तता उनकी सर्जना के मूल तत्त्व है, जो उन्हें प्रकृति और समूची सृष्टि के प्रति पर्युत्सुक बनाते हैं। आर्ष परम्परा और साहित्य को श्रीनरेश मेहता के काव्य में नयी दृष्टि मिली। साथ ही, प्रचलित साहित्यिक रुझानों से एक तरह की दूरी ने उनकी काव्य-शैली और संरचना को विशिष्टता दी। श्री नरेश मेहता ने इन्दौर से प्रकाशित चौथा संसार हिन्दी दैनिक का सम्पादन भी किया। .

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परमानन्द श्रीवास्तव

परमानन्द श्रीवास्तव (जन्म: 10 फ़रवरी 1935 - मृत्यु: 5 नवम्बर 2013) हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार थे। उनकी गणना हिन्दी के शीर्ष आलोचकों में होती है। गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रेमचन्द पीठ की स्थापना में उनका विशेष योगदान रहा। कई पुस्तकों के लेखन के अतिरिक्त उन्होंने हिन्दी भाषा की साहित्यिक पत्रिका आलोचना का सम्पादन भी किया था। आलोचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये उन्हें व्यास सम्मान और भारत भारती पुरस्कार प्रदान किया गया। लम्बी बीमारी के बाद उनका गोरखपुर में निधन हो गया। .

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हिन्दी पत्रिकाएँ

हिन्दी पत्रिकाएँ सामाजिक व्‍यवस्‍था के लिए चतुर्थ स्‍तम्‍भ का कार्य करती हैं और अपनी बात को मनवाने के लिए एवं अपने पक्ष में साफ-सूथरा वातावरण तैयार करने में सदैव अमोघ अस्‍त्र का कार्य करती है। हिन्दी के विविध आन्‍दोलन और साहित्‍यिक प्रवृत्तियाँ एवं अन्‍य सामाजिक गतिविधियों को सक्रिय करने में हिन्दी पत्रिकाओं की अग्रणी भूमिका रही है।; प्रमुख हिन्दी पत्रिकाएँ- .

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कला और बूढ़ा चाँद

कला और बूढ़ा चाँद सुमित्रानंदन पंत का कविता संग्रह है। पंत की कविताओं में प्रकृति और कला के सौंदर्य को प्रमुखता मिली है। इस कृति के लिए पंत को १९६० में साहित्य अकादमी पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया। .

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