लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

ऑक्सफ़ोर्ड

सूची ऑक्सफ़ोर्ड

ऑक्स्फ़ोर्ड, इंग्लैंड के ऑक्सफोर्डशायर का मुख्य नगर है। यहाँ विश्वविख्यात आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय है, जो यहां का प्राचीनतम अंग्रेज़ी का विश्वविद्यालय है। यह लंदन से पश्चिमोत्तर पश्चिम दिशा में रेल और संड़क मार्गों से क्रमशः ६३ मील और ५१ मील की दूरी पर, टेम्स नदी और उसकी सहायक चारवेल नदी के बीच के कंकरीले मैदान में स्थित है। टेम्स नदी के किनारे का क्षेत्र द आइसिस कहलाता है। क्षेत्रफल ८७.८५ वर्ग कि॰मी॰ है। नगर की विशेषता मध्यकालीन विश्वविद्यालय से है। यहां की जनसंख्या १,६५,००० के अंदर है जिसमें १,५१,००० लोग जिले की सीमा के भीतर ही रहते हैं। पूर्वकाल में यह नगर एक दीवार से घिरा था। इस दीवार के अवशेष न्यू कालेज के उद्यान में आज भी विद्यमान हैं। यहाँ का बोडलियन पुस्तकालय भवन देखने योग्य है। रैडक्लिफ कैमरा, क्लैरेंडन भवन और ४००० की दर्शक दीर्घा वाला शैलडोनियन व्याख्यान भवन, अन्य महत्वपूर्ण भवन हैं। इस नगर के अनेक विद्यालय भवनों में क्राइस्ट चर्च, मर्टन कालेज, न्यू कालेज, आल सोल्स-कालेज और सेंट जोंस उल्लेखनीय हैं। ऑक्सफोर्ड नगर में उद्योग धंधे अधिक महत्वूपर्ण नहीं हैं। शराब, बिजली का सामान, दस्ताने, कागज और साइकिल उद्योग उल्लेखनीय हैं। इनके अतिरिक्त विश्वविद्यालय से संबंधित उद्योगों में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय प्रेस महत्वपूर्ण है। .

59 संबंधों: चन्द्रशेखर वेंकटरमन, चारवेल नदी, एच॰एल॰ए॰ हार्ट, एफ.एस. ग्राउस, ऐलिसेज़ एड्वैन्चर्स इन वण्डरलैण्ड, डेविड कैमरन, तरण ताल, थॉमस डी क्विंसी, दोमिनिकी संघ, पसीने की बीमारी, बाउल्स, बिधु भूषण दास, ब्रज कुमार नेहरू, बोनी जे. डनबर, बोवर पाण्डुलिपि, भारतीय क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा 1946, महाविद्यालय (कॉलेज), मिलानो, मई दिवस, मैकबेथ, रॉबर्ट बॉयल, रोजर बेकन, लौरा बेटस, लेडी जेन ग्रे, लेखांकन का इतिहास, शॉपिंग मॉल, साँची का स्तूप, संख्या, संगीत चिकित्सा, सुजाता मनोहर, स्टीफन हॉकिंग, सोफ़ी, वेसेक्स की काउंटेस, हिंदु-जर्मन षडयंत्र, जयपाल सिंह मुंडा, जर्मनी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम, जार्ज बर्कली, जिमी पेज, ज्योतिन्द्र नाथ दीक्षित, जेन्ना जेम्सन, जे॰ जे॰ थॉमसन, जॉन मार्ले, वनस्पति, वायु प्रदूषण, वृक्षायुर्वेद, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, गिरीश कर्नाड, गुलिवर्स ट्रेवल्स, ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय, ओटो वारबर्ग, आंतोन मेंग्स राफेल, ..., आइवी लीग, इन्दिरा गांधी, कमलानाथ, कर्कट रोग, काशीप्रसाद जायसवाल, कुछ कुछ होता है, अमित चौधुरी, अंग्रेज शासकों की सूची, अंग्रेजी शब्दकोशों का इतिहास सूचकांक विस्तार (9 अधिक) »

चन्द्रशेखर वेंकटरमन

सीवी रमन (तमिल: சந்திரசேகர வெங்கடராமன்) (७ नवंबर, १८८८ - २१ नवंबर, १९७०) भारतीय भौतिक-शास्त्री थे। प्रकाश के प्रकीर्णन पर उत्कृष्ट कार्य के लिये वर्ष १९३० में उन्हें भौतिकी का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार दिया गया। उनका आविष्कार उनके ही नाम पर रामन प्रभाव के नाम से जाना जाता है। १९५४ ई. में उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत रत्न की उपाधि से विभूषित किया गया तथा १९५७ में लेनिन शान्ति पुरस्कार प्रदान किया था। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और चन्द्रशेखर वेंकटरमन · और देखें »

चारवेल नदी

शेरवेल नदी इंग्लैंड की एक नदी है। यह टेम्स नदी की एक प्रमुख सहायक नदी भी है। श्रेणी:इंग्लैंड की नदी.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और चारवेल नदी · और देखें »

एच॰एल॰ए॰ हार्ट

हर्बर्ट लिओनेल एडोल्फस हार्ट (18 जुलाई 1907 – 19 दिसम्बर 1992), ब्रिटेन के विधिशास्त्री थे। वे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में विधिशास्त्र के प्रोफेसर थे। 'द कॉन्सेप्ट ऑफ ला' (The Concept of Law) (1961) उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति है। श्रेणी:विधि दार्शनिक.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और एच॰एल॰ए॰ हार्ट · और देखें »

एफ.एस. ग्राउस

एफ.एस.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और एफ.एस. ग्राउस · और देखें »

ऐलिसेज़ एड्वैन्चर्स इन वण्डरलैण्ड

एलिसेज़ एडवेंचर्स इन वंडरलैंड (आमतौर पर एलिस इन वंडरलैंड के रूप में संक्षिप्त) लुईस कैरोल के उपनाम के तहत ब्रिटिश लेखक चार्ल्स लुटविग डॉडसन द्वारा 1865 में लिखित उपन्यास है। इसमें एलिस नाम की एक लड़की की कहानी है जो एक खरगोश की मांद में गिरकर, अजीब और मानव-सदृश जीवों की आबादी वाले एक कल्पना लोक में पहुंच जाती है। यह कहानी, डॉडसन के मित्रों के संकेतों से भरी है। इस कहानी ने तर्क को जिस तरीके से पेश किया है उसने इस कहानी को वयस्कों के साथ-साथ बच्चों के बीच भी स्थायी लोकप्रियता दी। लेसर्कल, जीन-जेक्विस (1994) जाक फिलोसफी ऑफ़ नॉनसेन्स: द इंट्यूशन ऑफ़ विक्टोरियन नॉनसेन्स लिटरेचर रुटलेज, न्यूयॉर्क, ISBN 0-415-07652-8 इसे "साहित्यिक बकवास" शैली के एक सबसे अच्छे उदाहरण के रूप में माना जाता है,श्वाब, गैब्रिएल (1996) "अध्याय 2: नॉनसेन्स एंड मेटाकम्युनिकेशन: एलिस इन वंडरलैंड द मिरर एंड द किलर-क्वीन: अदरनेस इन लिटररी लैंग्वेज इंडियाना यूनिवर्सिटी प्रेस, ब्लूमिंगटन, इंडियाना, pp 49-102, ISBN 0-253-33037-8 और इसका कथनात्मक पथ और संरचना काफी प्रभावशाली रही है, खासकर फंतासी शैली में.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और ऐलिसेज़ एड्वैन्चर्स इन वण्डरलैण्ड · और देखें »

डेविड कैमरन

डैविड विलियम डोनाल्ड कैमरन (जन्म ९ अक्तूबर, १९६६) २०१० से जुलाई २०१६ तक संयुक्त राजशाही के प्रधान मंत्री रह चुके हैं। वे कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता थे तथा ये विटने से संसद सदस्य थे। यूरोपीय संघ की सदस्यता पर हुए जनमत संग्रह में जनता ने संघ को छोड़ने का निर्णय दिया तो उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी। कैमरन ने ब्रेज़नोज़ महाविद्यालय, ऑक्स्फ़ोर्ड से दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र एवं राजनीतिशास्त्र (पीपीई) विषय में १९८८ में प्रथम श्रेणी (ऑनर्स) में स्नातक किया है। इन्हें इनके पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर वर्नॉन बोगडेनॉर "समर्थतम छात्रों में से एक" कहा करते थे। अपने ऑक्सफोर्ड प्रवास काल में ये बुलिंग्डब क्लब के सदस्य रहे थे। इन्हॊने कंज़र्वेटिव अनुसंधान विभाग ज्वाइन किया और नॉर्मन लेमाउण्ट एवं माईकल हावर्ड के विशेष सलाहकार बने। फ़िर ये कार्ल्टन कम्युनिकेशंस के कारपोरेट मामलों के निदेशक पद पर सात वर्ष तक आसीन रहे। कैमरन पहली बार संसद के लिये १९९७ में स्टैफ़्फ़ोर्ड निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में आए। ये यूरोस्केप्टिक मंच पर अपनी पार्टी से उसकी एकल-यूरोपीय मुद्रा (यूरो) में ब्रिटिश सदस्यता विरोधी विचारधारा के कारण उससे अलग हो गए। हालांकि राष्ट्रीय औसत वोटों से कुछ न्यून रहने पर वे हारे भी। इसके बाद उनको संसद सदस्यता हेतु प्रथम विजय २००१ के आम चुनावों में ऑक्स्फ़ोर्डशायर की विट्टने निर्वाचन क्षेत्र से मिली। तब इन्हें आधिकारिक विपक्ष का स्थान मिला। २००५ के आम चुनावों में नीति समन्वय अध्यक्ष भी बने। अपनी युवा एवं उदारवादी प्रत्याशी की छवि के कारण ही २००५ में इन्होंने कंज़र्वेटिव पार्टी के चुनावों में विजय पाई। तब ये प्रथम बार ब्रिटेन के प्रधान मंत्रीबने। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और डेविड कैमरन · और देखें »

तरण ताल

बैकयार्ड तरण ताल नेवादा, लास वेगास, संयुक्त राज्य अमेरिका में छत के ऊपर बने एक तरण ताल का ऊपर से दृश्य तरण ताल, या स्वीमिंग पूल, तैराकी या जल-आधारित मनोरंजन के इरादे से पानी से भरे एक स्थान को कहते हैं। इसके कई मानक आकार हैं; ओलंपिक-आकार का स्विमिंग पूल सबसे बड़ा और सबसे गहरा होता है। पूल को जमीन से ऊपर या जमीन पर धातु, प्लास्टिक, फाइबरग्लास या कंक्रीट जैसी सामग्रियों से बनाया जा सकता है। जिस पूल को कई लोगों द्वारा या आम जनता के द्वारा उपयोग किया जा सकता है उसे पब्लिक पूल कहते हैं, जबकि विशेष रूप से कुछ लोगों द्वारा या किसी घर में इस्तेमाल किये जाने वाले पूल को प्राइवेट पूल कहा जाता है। कई हेल्थ क्लबों, स्वास्थ्य केन्द्रों और निजी क्लबों में सार्वजनिक पूल होते हैं जिन्हें ज्यादातर व्यायाम के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई होटलों और मसाज पार्लरों में तनाव से मुक्ति के लिए सार्वजनिक पूल मौजूद होते हैं। हॉट टब और स्पा ऐसे पूल होते हैं जिसमें गर्म पानी होता है जिसे तनाव मुक्ति या चिकित्सा के लिए इस्तेमाल किया जाता है और ये घरों, क्लबों एवं मसाज पार्लरों में आम तौर पर मौजूद होते हैं। स्विमिंग पूल (तरण ताल) का उपयोग ग़ोताख़ोरी (डाइविंग) और पानी के अन्य खेलों के साथ-साथ लाइफगार्ड्स और अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण में भी होता है। स्विमिंग पूलों में बैक्टीरिया, वायरस, शैवाल और कीट लार्वा के विकास और प्रसार को रोकने के लिए अक्सर रासायनिक कीटाणुनाशकों जैसे कि क्लोरीन, ब्रोमिन या खनिज सैनिटाइजर्स और अतिरिक्त फिल्टरों का उपयोग किया जाता है। वैकल्पिक रूप से पूल कीटाणुनाशकों के बगैर अतिरिक्त कार्बन फिल्टरों और यूवी कीटाणुशोधन के साथ बायोफ़िल्टर का इस्तेमाल कर तैयार किये जा सकते हैं। दोनों ही मामलों में तालों (पूल) में एक उचित प्रवाह दर को बनाये रखना आवश्यकता होता है। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और तरण ताल · और देखें »

थॉमस डी क्विंसी

थॉमस डी क्विंसी थॉमस डी क्विंसी (1785-1859) एक अंग्रेज निबंधकार जो मैनचेस्टर में पैदा हुआ था। कुछ समय तक वहीं शिक्षा प्राप्त करने के बाद एक दिन वह स्कूल से भाग गया और लगभग एक वर्ष तक उत्तरी वेल्स में आवारा युवक की तरह इधर-उधर भटकता रहा। बाद में वह लंदन चला आया जहाँ अत्यंत दरिद्र अवस्था में उसे अपना समय काटना पड़। पता चलने पर परिवारवालों ने उसे वापस बुला लिया। कुछ वर्ष तक आक्सफोर्ड में अध्ययन करने के बाद उसने कुछ समय वर्ड्‌सवर्थ तथा कोलरिज के संपर्क में बिताया। कालेज जीवन में ही वह अफीम का सेवन करने लगा था और जब सन्‌ 1820 में वह पुन: लंदन चला गया तो कुछ ही समय बाद उसने लंदन मैगजीन नामक पत्रिका में 'एक अंग्रेज अफीमची के बयान' (Confessions of an English Opium-Eater) शीर्षक से अपनी महत्वपूर्ण पुस्तक का प्रथमांश प्रकाशित कराया। इसके बाद उसने बहुत से लेख, कहानियाँ, तथा अन्य रचनाएँ विविध पत्रपत्रिकाओं में प्रकाशित कराईं। उसके लेख संक्षिप्त जीवनचरित्र तथा साहित्यिक एवं आलोचनात्मक लेख यथेष्ट प्रसिद्ध हैं। 1828 से वह एडिनबरा में रहने लगा था और वहीं उसकी मृत्यु हुई। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और थॉमस डी क्विंसी · और देखें »

दोमिनिकी संघ

दोमिनिकी संघ (Dominican Order या Dominicans) रोमन कैथलिक सम्प्रदाय का एक उपसम्प्रदाय है। इसकी स्थापना सन्त दोमिनिक ने की थी। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और दोमिनिकी संघ · और देखें »

पसीने की बीमारी

पसीने की बीमारी, जिसे "अंग्रेज़ी Sweating Sickness " (sudor anglicus) के नाम से भी जाना जाता है, एक रहस्यमय और उच्च विषमय रोग था, जिससे 1485 में शुरु होने वाली महामारी की श्रृंखला में, इंग्लैंड और बाद में महाद्वीपीय यूरोप अत्यधिक प्रभावित हुआ। इसका अंतिम प्रकोप 1551 में आया था, जिसके बाद स्पष्टतया रोग गायब हो गया। लक्षणों की शुरुआत नाटकीय और आकस्मिक थी, जिसमें मौत एक घंटे के अंदर हो जाती थी। इसका कारण अब भी अज्ञात है। हंटा वायरस को इसका एक कारण माना जाता रहा है। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और पसीने की बीमारी · और देखें »

बाउल्स

बाउल्स (मैदान में खेला जाने वाला बाउल्स, इसके प्रकारों में फ्लैट-ग्रीन बाउल्स और क्राउन-ग्रीन बाउल्स शामिल हैं) एक प्रकार का खेल है जिसका मकसद गेंदों को थोड़ा असममित तरीके से आगे बढ़ाना होता है जिससे कि वो एक छोटे से जैक या किट्टी के नजदीक पहुंच जाए.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और बाउल्स · और देखें »

बिधु भूषण दास

प्रोफेसर बिधुभूषण दास (11 अप्रैल 1922 - 2 जून 1999) प्राध्यापक, विद्वान, तथा प्रशासक थे। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और बिधु भूषण दास · और देखें »

ब्रज कुमार नेहरू

ब्रज कुमार नेहरू, आयसीएस (4 सितम्बर 1909 – 31 अक्टूबर 2001) एक भारतीय राजनयिक और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय राजदूत (1961-1968) थे। वो भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के चचेरे भाई बृजलाल और रामेश्वरी नेहरू के पुत्र थे। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और ब्रज कुमार नेहरू · और देखें »

बोनी जे. डनबर

बोनी जे.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और बोनी जे. डनबर · और देखें »

बोवर पाण्डुलिपि

बोवर पाण्दुलिपि के दो पत्र बोवर पाण्डुलिपि (Bower Manuscript) गुप्तकाल की पाण्डुलिपि है। यह ब्राह्मी लिपि तथा मिश्रित 'बौद्ध संस्कृत' में लिखी गयी है। यह आयुर्वेद से सम्बन्धित है। यह ऑक्सफोर्ड के बोदलियन पुस्तकालय (Bodleian Library) में रखी हुई है। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और बोवर पाण्डुलिपि · और देखें »

भारतीय क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा 1946

भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम 1946 के सत्र में इंग्लैंड का दौरा किया और 11 जीत, 4 हार और 14 ड्रॉ के साथ खेला 29 प्रथम श्रेणी मैच खेले गए। 1946 सीजन द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के बाद इंग्लैंड में सामान्य प्रथम श्रेणी क्रिकेट की वापसी के रूप में चिह्नित। इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट श्रृंखला के पहले 1939 में वेस्टइंडीज दौरे के बाद से इंग्लैंड में खेला जा रहा था। इंग्लैंड खींचा दो मैचों में काफी हद तक नवोदित एलेक बड़सर का प्रभाव है जो अपने पहले दो टेस्ट में 22 विकेट के कारण उनकी सफलता के साथ श्रृंखला 1-0 से जीत ली। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और भारतीय क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा 1946 · और देखें »

महाविद्यालय (कॉलेज)

सेंट एन्सेल्म कॉलेज, एक अमेरिकी कॉलेज. वर्तमान में कॉलेज (लैटिन: कॉलीजियम (collegium)) शब्द का संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रयोग डिग्री प्रदान करने वाले तृतीयक शैक्षणिक संस्थान के लिये किया जाता है एवं अन्य अंग्रेजी भाषी देशों में निजी शैक्षणिक प्रणाली में द्वितीयक या माध्यमिक स्कूल के लिये किया जाता है। अधिक विस्तृत रूप में, यह किसी भी कॉलेज समूह का नाम हो सकता है, उदाहरण के लिए एक निर्वाचन कॉलेज, हथियारों का कॉलेज, कार्डिनलों का कॉलेज.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और महाविद्यालय (कॉलेज) · और देखें »

मिलानो

मिलान (Milano,; पश्चिमी लोम्बार्ड: मिलान) इटली का एक शहर और लोम्बार्डी क्षेत्र और मिलान प्रान्त की राजधानी है। मूल शहर की जनसंख्या लगभग 1,300,000 है, जबकि शहरी क्षेत्र 4,300,000 की अनुमानित जनसंख्या के साथ यूरोपीय संघ में पांचवा सबसे बड़ा है। इटली में सबसे बड़े, मिलान महानगरीय क्षेत्र की आबादी, OECD द्वारा अनुमानित तौर पर 7,400,000 है। शहर की स्थापना मीडियोलेनम नाम के तहत केल्टिक लोग इनसबरेस द्वारा की गई थी। इसे बाद में ई.पू.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और मिलानो · और देखें »

मई दिवस

मई दिवस, 1 मई को होता है और कई सार्वजनिक अवकाशों को संदर्भित करता है। कई देशों में मई दिवस, अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस, या श्रम दिवस का पर्यायवाची है, तथा राजनीतिक प्रदर्शनों और यूनियनों व समाजवादी समूहों द्वारा आयोजित समारोह का एक दिन.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और मई दिवस · और देखें »

मैकबेथ

ए सी के लिए पोस्टर.1884 मैकबैथ का अमेरिकी निर्माण, थॉमस डब्ल्यू. कीन द्वारा अभिनीत. शीर्ष बाएँ से घड़ी की विपरीत दिशा में: मैकबेथ और बैंको चुड़ैलों से मिलते हुए.डंकन की हत्या के ठीक बाद, बैंको के भूत, मैकडफ मैकबैथ का द्वंद युद्ध द ट्रेजडी ऑफ मैकबेथ (जिसे आम तौर पर मैकबेथ कहा जाता है) एक राज-हत्या और उसके बाद की घटनाओं पर विलियम शेक्सपियर द्वारा लिखा गया एक नाटक है, या संक्षेप में कहें तो मैकबेथ शेक्सपियर की एक कृति है। यह शेक्सपियर का सबसे छोटा शोकान्त नाटक है और माना जाता है कि इसे 1603 और 1603 के बीच किसी समय लिखा गया था। शेक्सपियर के नाटक पर किसी अभिनय का सबसे पहला संदर्भ संभवतः अप्रैल 1611 का है जब साइमन फोरमैन ने ऐसे ही एक नाटक को ग्लोब थियेटर में रिकॉर्ड किया था। यह पहली बार 1623 के फोलियो में प्रकाशित हुआ था जो संभवतः एक विशिष्ट अभिनय के लिए एक संवाद बताने वाली पुस्तक (प्रॉम्प्ट बुक) थी। इस शोकान्त नाटक के लिए शेक्सपियर के स्रोत होलिंशेड्स क्रॉनिकल्स (1587) में स्कॉटलैंड, मैकडफ और डंकन के किंग मैकबेथ के संदर्भ हैं, यह रचना शेक्सपियर और उनके समकालीनों के लिए परिचित इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड का इतिहास है। हालांकि, शेक्सपियर द्वारा बतायी गयी मैकबेथ की कहानी का स्कॉटिश इतिहास की वास्तविक घटनाओं से कोई संबंध नहीं है क्योंकि मैकबेथ एक प्रशंसित और सक्षम सम्राट थे। रंगमंच के नेपथ्य की दुनिया में कुछ लोगों का मानना है कि यह नाटक अभिशप्त है और इसके शीर्षक का उल्लेख जोर देकर नहीं किया जाएगा, इसकी बजाय इसे "द स्कॉटिश प्ले" जैसे नामों से संदर्भित किया जाता है। सदियों से इस नाटक ने मैकबेथ और लेडी मैकबेथ की भूमिकाओं में कई महानतम अभिनेताओं को आकर्षित किया है। इसे फिल्म, टेलीविजन, ओपेरा, उपन्यास, हास्य पुस्तकें और अन्य मीडिया के लिए रूपांतरित किया गया है। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और मैकबेथ · और देखें »

रॉबर्ट बॉयल

राबर्ट बायल राबर्ट बॉयल (Robert Boyle; 1627-1691 ई.) आधुनिक रसायनशास्त्र का प्रवर्तक, अपने युग के महान वैज्ञानिकों में से एक, लंदन की प्रसिद्ध रॉयल सोसायटी का संस्थापक तथा कॉर्क के अर्ल की 14वीं संतान था। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और रॉबर्ट बॉयल · और देखें »

रोजर बेकन

रोजर बेकन इंग्लैंड के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और दार्शनिक थे। इन्होंने काँच की सहायता से सूक्ष्मदर्शी यंत्र बनाने की कोशिश की थी। इन्होंने तर्कवाद के आधार पर सत्य और धर्म की विवेचना करने पर जोर दिया। रॉजर बेकन के भूगोल, खगोल, गणित, विज्ञान आदि के क्षेत्र में यगदान को सराहनीय माना जाता है। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और रोजर बेकन · और देखें »

लौरा बेटस

लौरा बेटस बीईएम (जन्म 27 जून, 1986) एक ब्रिटिश नारीवादी लेखक है। उसेअप्रैल 2012 में ऐवरीडे सैकसिज़म प्रोजेक्ट वेबसाइट की स्थापना की। उनकी पहली पुस्तक, ऐवरीडे सैकसिज़म  2014 में प्रकाशित हुई थी। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और लौरा बेटस · और देखें »

लेडी जेन ग्रे

लेडी जेन ग्रे (–), को लेडी जेन डुडली या नौ दिनों की रानी, भी कहा जाता है एक कुलीन घराने की अंग्रेज महिला थी और वास्तविकता में 10 जुलाई से 19 जुलाई 1553 ई॰ तक इंग्लैंड की रानी थीं। अपनी नानी मैरी ट्यूडर के जरिये हेनरी ७, इंग्लैंड का राजा की वंशज जेन एडवर्ड षष्टम की बुआ की बेटी थीं। मई 1553 में उन्होंने एडवर्ड के मुख्य मंत्री जॉन डुडली के पुत्र लॉर्ड गिल्डफोर्ड डुडली से विवाह कर लिया था। जब 15 वर्षीय राजा एडवर्ड जून 1553 में मृत्युशैय्या पर था तब उसने अपनी फुफेरी बहन जेन को अपनी वसीयतनामे में अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। इस तरह से उसकी सौतेली बहनों मैरी १ और एलिज़ाबेथ प्रथम को उत्तराधिकार की पंक्ति से हटा दिया जो उनके पिता हेनरी ८ ने उन्हें तीसरा उत्तराधिकार कानून के तहत उनको दिया हुआ था। ९ दिन बाद 19 जुलाई 1553 को जब रानी की सलाहकार समिति प्रिवि काउंसिल ने अपना मन बदल के कैथोलिक विचारों वाली मैरी को समर्थन करना प्रारंभ कर दिया तो जेन को पदच्युत करके मैरी को रानी घोषित कर दिया गया और एडवर्ड की वसीयत को अमान्य कर दिया गया। नवम्बर में जेन को देशद्रोह का दोषी घोषित करके लंदन टावर मृत्युदंड देने के लिये ले जाया गया लेकिन बाद में उसे क्षमा कर दिया गया। लेकिनजनवरी और फरवरी 1554 में व्याट का विद्रोह जो कि रानी मैरी के स्पेन के फिलिप द्वितीय से विवाह के खिलाफ हुआ था की वजह से जेन और उसके पति दोनों की मृत्यु का कारण बना। लेडी जेन ग्रे एक बहुत ही प्रतिभाशाली और मानवतावादी शिक्षा प्राप्त महिला थीं और अपने जमाने कि सर्वाधिक पढी-लिखी महिलाओं में गिनी जाती थीं। दृढ प्रोटेस्टैंट विचारधारा वाली जेन को मरणोपरान्त राजनीति पीड़ित व सुधारवादी शहीद का दर्ज़ा मिला। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और लेडी जेन ग्रे · और देखें »

लेखांकन का इतिहास

भारत में लेखांकन का इतिहास भारत के वेदों से जानकारी मिलती है के विश्व को लिखांकन का ज्ञान भारत ने दिया | अथर्वेद में विक्रय शब्द हा जिसका मतलब सलेस होता है तथा शुल्क भी ऋग्वेद से लिया हुआ शब्द है जिस का भाव कीमत होता है | धर्म सूत्र का मतलब टैक्स होता है .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और लेखांकन का इतिहास · और देखें »

शॉपिंग मॉल

टोरंटो, ओन्टारियो, कनाडा के टोरोंटो ईटॉन सेंटर का आंतरिक भाग. मॉल में प्रयुक्त ट्राली की कतार शॉपिंग मॉल, शॉपिंग सेंटर या शॉपिंग परिसर एक या अधिक ऐसे भवन हैं जो व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले दुकानों के कॉम्पलेक्स का रूप धारण करते हैं, जिसमें पार्किंग क्षेत्र के साथ एक इकाई से दूसरी इकाई में आसानी से चल कर जाने के लिए रास्ते होते हैं - पारंपरिक बाज़ार का एक आधुनिक, भीतरी (इनडोर) संस्करण.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और शॉपिंग मॉल · और देखें »

साँची का स्तूप

सांची भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले, में बेतवा नदी के तट स्थित एक छोटा सा गांव है। यह भोपाल से ४६ कि॰मी॰ पूर्वोत्तर में, तथा बेसनगर और विदिशा से १० कि॰मी॰ की दूरी पर मध्य प्रदेश के मध्य भाग में स्थित है। यहां कई बौद्ध स्मारक हैं, जो तीसरी शताब्दी ई.पू.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और साँची का स्तूप · और देखें »

संख्या

समिश्र संख्याओं के उपसमुच्चय संख्याएं हमारे जीवन के ढर्रे को निर्धरित करती हैं। जीवन के कुछ ऐसे क्षेत्रों में भी संख्याओं की अहमियत है जो इतने आम नहीं माने जाते। किसी धावक के समय में 0.001 सैकिंड का अंतर भी उसे स्वर्ण दिला सकता है या उसे इससे वंचित कर सकता है। किसी पहिए के व्यास में एक सेंटीमीटर के हजारवें हिस्से जितना फर्क उसे किसी घड़ी के लिए बेकार कर सकता है। किसी व्यक्ति की पहचान के लिए उसका टेलीफोन नंबर, राशन कार्ड पर पड़ा नंबर, बैंक खाते का नंबर या परीक्षा का रोल नंबर मददगार होते हैं। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और संख्या · और देखें »

संगीत चिकित्सा

संगीत चिकित्सा सहबद्ध स्वास्थ्य व्यवसाय और वैज्ञानिक शोध का क्षेत्र है जो नैदानिक चिकित्सा और जैव-संगीत शास्त्र, संगीत ध्वनिकी, संगीत सिद्धांत, मनो-ध्वनिकी और तुलनात्मक संगीत शास्त्र की प्रक्रिया के बीच पारस्परिक संबंध का अध्ययन करता है। यह एक अंतर्वैयक्तिक प्रक्रिया है जिसमें एक प्रशिक्षित संगीत चिकित्सक, अपने मरीज़ों के स्वास्थ्य में सुधार या उनके स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद के लिए संगीत और उसके - यथा शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक, सामाजिक, सौन्दर्यात्मक और आध्यात्मिक - सभी पहलुओं का उपयोग करता है। संगीत चिकित्सक परिमेय उपचार लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए संगीतानुभव (जैसे कि गायन, गीत-लेखन, संगीत श्रवण और संगीत चर्चा, संगीत संचालन) के उपयोग द्वारा, मुख्य रूप से मरीज़ों की क्रियाशीलता और विविध क्षेत्रों (उदा. संज्ञानात्मक कार्य, संचालन कौशल, भावनात्मक और प्रभावी विकास, व्यवहार और सामाजिक कौशल) में जीवन की स्व-वर्णित गुणवत्ता को सुस्पष्ट स्तर तक विकसित करने में मदद करते हैं। संगीत चिकित्सा सेवाओं के लिए उपचार करने वाले चिकित्सक या चिकित्सकों, मनोविज्ञानियों, भौतिक चिकित्सकों और पेशेवर चिकित्सकों जैसे चिकित्सकों से युक्त अंतर्विभागीय दल द्वारा संगीत से संबद्ध सेवाएं निर्दिष्ट की जानी चाहिए.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और संगीत चिकित्सा · और देखें »

सुजाता मनोहर

न्यायमूर्ति सुजाता वसंत मनोहर (जन्म: 28 अगस्त 1934) सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (भारत) की सदस्य रह चुकी है। 28 अगस्त 1934 में जन्मी सुजाता मनोहर एक मजबूत कानूनी पृष्ठभूमि वाले परिवार में पैदा हुईं। उनके पिता गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में हुई। तत्पश्चात एल्फिंस्टन कॉलेज, मुंबई से स्नातक करने के बाद लेडी मार्गरेट हॉल, ऑक्सफोर्ड, ब्रिटेन चली गईं जहां उन्होने दर्शन शास्त्र, राजनीति शस्त्र और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। 14 फ़रवरी 1958 को उन्होने अधिवक्ता की पढ़ाई हेतु दाखिला लिया। 1970-71 के दौरान उन्हें सहायक सरकारी अधिवक्ता, सिटी सिविल कोर्ट, बॉम्बे में नियुक्त किया गया। 23 जनवरी 1978 से वे मुंबई उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 28 नवम्बर 1978 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। 15 जनवरी 1994 में वे मुंबई उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनीं। 21 अप्रैल 1994 में उन्हें केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया। 8 नवम्बर 1994 को वे सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनीं और 27 अगस्त 1999 को इस पद से सेवानिवृत हुई। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और सुजाता मनोहर · और देखें »

स्टीफन हॉकिंग

स्टीफन विलियम हॉकिंग (८ जनवरी १९४२– १४ मार्च २०१८)), एक विश्व प्रसिद्ध ब्रितानी भौतिक विज्ञानी, ब्रह्माण्ड विज्ञानी, लेखक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक ब्रह्मांड विज्ञान केन्द्र (Centre for Theoretical Cosmology) के शोध निर्देशक थे। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और स्टीफन हॉकिंग · और देखें »

सोफ़ी, वेसेक्स की काउंटेस

सोफ़ी, वेसेक्स की काउंटेस,(सोफ़ी हेलेन) महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय और राजकुमार फ़िलिप के सबसे छोटे पुत्र, राजकुमार एडवर्ड, वेसेक्स के अर्ल की धर्मपत्नी है। उनका जन्म २० जनवरी १९६५ को हुआ था, और राजकुमार से विवाह से पहले वे पब्लिक रिलेशन्स में काम करती थी। उमके दो संतान हैं, जेम्स और लुईस, जो क्रमशः, ब्रिटिश सिंघासन के अनुक्रम में दसवें और ग्यारहवें स्थान पर हैं। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और सोफ़ी, वेसेक्स की काउंटेस · और देखें »

हिंदु-जर्मन षडयंत्र

हिन्दु जर्मन षडयन्त्र(नाम), १९१४ से १९१७ के (प्रथम विश्व युद्ध) दौरान ब्रिटिश राज के विरुद्ध एक अखिल भारतीय विद्रोह का प्रारम्भ करने के लिये बनाई योजनायो से सम्बद्ध है। इस षडयन्त्र मे भारतीय राष्ट्वादी सन्गठन के भारत, अमेरिका और जर्मनी के सदस्य शामिल थे। Irish Republicans और जर्मन विदेश विभाग ने इस षड्यन्त्र में भारतीयो का सहयोग किया था। यह षडयन्त्र अमेरिका मे स्थित गदर पार्टी, जर्मनी मे स्थित बर्लिन कमिटी, भारत मे स्थित Indian revolutionary Underground और सान फ़्रांसिसको स्थित दूतावास के द्वारा जर्मन विदेश विभाग ने साथ मिलकर रचा था। सबसे महत्वपूर्ण योजना पंजाब से लेकर सिंगापुर तक सम्पूर्ण भारत में ब्रिटिश भारतीय सेना के अन्दर बगावत फैलाकर विद्रोह का प्रयास करने की थी। यह योजना फरवरी १९१५ मे क्रियान्वित करके, हिन्दुस्तान से ब्रिटिश साम्राज्य को नेस्तनाबूत करने का उद्देश्य लेकर बनाई गयी थी। अन्ततः यह योजना ब्रिटिश गुप्तचर सेवा ने, गदर आन्दोलन मे सेंध लगाकर और कुछ महत्वपूर्ण लोगो को गिरफ्तार करके विफल कर दी थी। उसी तरह भारत की छोटी इकाइयों मे और बटालियनो मे भी विद्रोह को दबा दिया गया था। युगांतर जर्मन साजिश, अन्य संबंधित घटनाओं 1915 सिंगापुर विद्रोह, एनी लार्सन हथियार साजिश एनी लार्सन चक्कर शामिल हैंकाबुल, के विद्रोह.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और हिंदु-जर्मन षडयंत्र · और देखें »

जयपाल सिंह मुंडा

जयपाल सिंह मुंडा (3 जनवरी 1903 – 20 मार्च 1970) भारतीय आदिवासियों और झारखंड आंदोलन के एक सर्वोच्च नेता थे। वे एक जाने माने राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, संपादक, शिक्षाविद् और 1925 में ‘ऑक्सफोर्ड ब्लू’ का खिताब पाने वाले हॉकी के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी थे। उनकी कप्तानी में १९२८ के ओलिंपिक में भारत ने पहला स्वर्ण पदक प्राप्त किया। जयपाल सिंह छोटा नागपुर (अब झारखंड) राज्य की मुंडा जनजाति के थे। मिशनरीज की मदद से वह ऑक्सफोर्ड के सेंट जॉन्स कॉलेज में पढ़ने के लिए गए। वह असाधारण रूप से प्रतिभाशाली थे। उन्होंने पढ़ाई के अलावा खेलकूद, जिनमें हॉकी प्रमुख था, के अलावा वाद-विवाद में खूब नाम कमाया। उनका चयन भारतीय सिविल सेवा (आईसीएस) में हो गया था। आईसीएस का उनका प्रशिक्षण प्रभावित हुआ क्योंकि वह 1928 में एम्सटरडम में ओलंपिक हॉकी में पहला स्वर्णपदक जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान के रूप में नीदरलैंड चले गए थे। वापसी पर उनसे आईसीएस का एक वर्ष का प्रशिक्षण दोबारा पूरा करने को कहा गया (बाबूगीरी का आलम तब भी वही था जो आज है!)। उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने बिहार के शिक्षा जगत में योगदान देने के लिए तत्कालीन बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डा.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और जयपाल सिंह मुंडा · और देखें »

जर्मनी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम

जर्मनी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम (Die deutsche Fußballnationalmannschaft) 1908 के बाद से अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिताओं में जर्मनी का प्रतिनिधित्व करती है। यह जर्मन फुटबॉल एसोसिएशन (डीएफबी) द्वारा नियंत्रित की जाती है, जो 1900 में स्थापित किया गया था। 1950 से 1990 तक, यह अनिवार्य रूप से पश्चिमी जर्मनी की टीम थी। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, मित्र देशों द्वारा कब्जे और विभाजन के तहत, दो अन्य अलग राष्ट्रीय टीमों को भी फीफा द्वारा मान्यता दी गयी थी: सारलैंड टीम (1950-1956) और पूर्वी जर्मन टीम (1952-1990)। दोनों टीमों का अंत में मौजूदा टीम के साथ विलय हो गया। जर्मनी वर्तमान विश्व कप चैंपियन है तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सबसे सफल राष्ट्रीय टीमों में से एक है, कुल चार विश्व कप की जीत (1954, 1974, 1990, 2014) और कुल तीन यूरोपीय चैंपियनशिप की जीत (1972, 1980, 1996)। वे तीन बार यूरोपीय चैंपियनशिप में उपविजेता थे, चार बार विश्व कप में उपविजेता और चार बार विश्व कप में तीसरे स्थान पर अाये। पूर्वी जर्मनी की टीम ने 1976 में ओलंपिक स्वर्ण जीता था। जर्मनी एकमात्र ऐसा देश है जिसने पुरुषों और महिलाओं के विश्व कप दोनों जीते हैं और 2017 कन्फेडरेशंस कप के बाद यह ब्राजील, अर्जेंटीना और फ्रांस के साथ-साथ केवल चार देशों में से एक बन गया - फीफा द्वारा मान्यता प्राप्त सभी तीन सबसे महत्वपूर्ण पुरुषों के खिताब जीतने के लिए: विश्व कप, कन्फेडरेशंस कप, और ओलंपिक टूर्नामेंट। उन्होंने अपनी संबंधित महाद्वीपीय चैंपियनशिप (अर्जेंटीना और ब्राजील के लिए कोपा अमरीका और फ्रांस और जर्मनी के लिए यूईएफए यूरोपीय चैंपियनशिप) भी जीती है। 2014 फीफा विश्व कप के अंत में, जर्मनी ने रिकॉर्ड 2205 अंकों के साथ इतिहास में किसी भी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की सर्वोच्च एलो रेटिंग अर्जित की। जर्मनी भी एकमात्र यूरोपीय राष्ट्र है जिसने अमेरिका में फीफा विश्व कप जीता है। राष्ट्रीय टीम का वर्तमान प्रबंधक जोआचिम लोव है। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और जर्मनी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम · और देखें »

जार्ज बर्कली

जार्ज बर्कली (George Berkeley; /ˈbɑrklɵɪ/; १६८५-१७५३) एक अंग्रेज-आयरी दार्शनिक थे जिन्होने 'इम्मैटेरिअलिज्म' (immaterialism) का सिद्धान्त दिया जिसे बाद में आत्मनिष्ठ आदर्शवाद (subjective idealism) कहा गया। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और जार्ज बर्कली · और देखें »

जिमी पेज

जेम्स पैट्रिक पेज, OBE (जन्म: ९ जनवरी, १९४४) एक अंग्रेजी guitarist, गीतकार और रिकार्ड निर्माता है। उन्होंने लंदन में एक स्टूडियो सत्र guitarist के रूप में अपने कैरियर की शुरूआत की। १९६६ से १९६८ तक वे The Yardbirds के सदस्य रहे, जिसके बाद उन्होंने अंग्रेजी रॉक बैंड नेतृत्व में टसेपेल्लिन की स्थापना की। पेज "unquestionably एक सब समय सबसे प्रभावशाली, महत्वपूर्ण और बहुमुखी guitarists के और रॉक के इतिहास में songwriters के रूप में", Allmusic द्वारा वर्णित है और रॉलिंग स्टोन "शक्ति riffing के धर्मगुरु & शायद सबसे डिजिटल नमूना कलाकार जेम्स ब्राउन के बाद आज पॉप में." के रूप में द्वारा 2010 में, # 2 जिमी पेज "शीर्ष 50 guitarists के सभी समय के" गिब्सन सूची में स्थान था.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और जिमी पेज · और देखें »

ज्योतिन्द्र नाथ दीक्षित

श्री ज्योतिन्द्र नाथ दीक्षित (१९३६-२००५), जिन्हें जे एन दीक्षित नाम से अधिक जाना जाता है, एक अनुभवी राजनयिक थे जो कि भारत के विदेश सचिव भी रहे। 1971 में बांग्लादेश बनने के बाद वे वहाँ भारत के पहले उच्चायुक्त थे। वे पाकिस्तान और श्रीलंका में भी भारत के उच्चायुक्त रहे। 1936 में मद्रास में जन्मे जेएन दीक्षित 1958 में भारतीय विदेश सेवा में आए और उन्होंने दुनिया के कई देशों में भारत की नुमाइंदगी की। 1994 में सेवानिवृत होने के बाद से वो लगातार देश-विदेश में पढ़ाने के अलावा अख़बारों में लिखते रहे। वे हल, मैंचेस्टर, ऑक्सफ़ोर्ड,मेलबर्न, लंदन सहित कई अन्य पश्चिमी विश्वविद्यालयों में भी अकसर लेक्चर देने जाया करते थे। दीक्षित काँग्रेस पार्टी में विदेश मामलों की इकाई के उपाध्यक्ष रहे। २००४ के आमचुनाव से पहले विदेश, सुरक्षा और रक्षा मामलों पर उन्होंने काँग्रेस का एजेंडा या घोषणा-पत्र तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी। वे 26 मई 2004 से 3 जनवरी 2005 (निधन) तक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी रहे। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और ज्योतिन्द्र नाथ दीक्षित · और देखें »

जेन्ना जेम्सन

जेन्ना जेम्सन (जेन्ना मेरी मस्सोली; जन्म 9 अप्रैल 1974) एक अमेरिकी उद्यमी और पूर्व अश्लील अभिनेत्री है, जिसे दुनिया की सबसे प्रसिद्ध अश्लील स्टार और "अश्लील फिल्मों की रानी" कहा जाता है। एक स्ट्रिपर और ग्लैमर मॉडल के रूप में काम करने के बाद 1993 में उसने अश्लील फिल्मों में अभिनय शुरू कर दिया। 1996 तक, उसने सभी तीन प्रमुख अश्लील फिल्म उद्योग संगठनों का 'शीर्ष नवागंतुक' पुरस्कार जीता। उसके बाद से उसने 20 से अधिक वयस्क फिल्म पुरस्कार जीते और X-रेटेड आलोचक संगठन (XRCO) और एडल्ट वीडियो न्यूज़ (AVN) के हॉल्स ऑफ़ फेम, दोनों में शामिल की गई। 2000 में जेम्सन ने जे ग्रिडिना के साथ मिलकर, जिसके साथ उसने शादी की और बाद में तलाक दे दिया, अश्लील मनोरंजन कंपनी क्लब जेन्ना की स्थापना की। प्रारंभ में यह एक एकल वेबसाइट थी और बाद में इस व्यवसाय का अन्य कलाकारों के उसी तरह के वेबसाइटों का प्रबंध करते हुए विस्तार किया गया और 2001 में अश्लील फिल्मों का निर्माण शुरू किया गया। इस तरह की पहली फिल्म, ब्रिअना लव्स जेन्ना (ब्रिअना बैंक्स के साथ) को 2003 AVN अवार्ड्स में 2002 की सर्वश्रेष्ठ बिक्री वाली और सबसे अधिक किराये पर ली गई अश्लील फिल्म के रूप में घोषित किया गया। 2005 तक, क्लब जेन्ना का राजस्व US$30 मिलियन था जिसका आधा, अनुमानित मुनाफे के रूप में था। उसकी साइट और फिल्मों का विज्ञापन, जिसमें अक्सर उसकी तस्वीर होती थी, न्यूयार्क शहर के टाईम्स स्क्वायर पर एक अड़तालीस फुट ऊंचे विज्ञापन-पट्ट पर लगाया जाता था। प्लेबॉय टीवी उसका जेन्ना अमेरिकी सेक्स स्टार रियालिटी शो आयोजित करता है जहां इच्छुक अश्लील सितारे क्लब जेन्ना के अनुबन्ध के लिए प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। जेम्सन ने, हॉवर्ड स्टर्न की फिल्म प्राइवेट पार्ट्स में एक छोटी-सी भूमिका से शुरू करते हुए मुख्यधारा की पॉप संस्कृति में प्रवेश किया। उसकी मुख्यधारा की प्रस्तुतियां द हॉवर्ड स्टर्न शो से जारी रही, जो एक बहुत ही लोकप्रिय अतिथि-मेजबान वाली अवधि थी E! टेलीविज़न के वाइल्ड ऑन! पर और टॉक सूप कार्यक्रम; फॉक्स एनिमेटेड टेलीविज़न प्रहसन फैमिली गै की 2001 की कड़ी में एक अतिथि-कलाकार की भूमिका में पार्श्व-स्वरदिया; 2002 के वीडियो गेम ग्रैंड थेफ्ट ऑटो: वाइस सिटी; में एक पुरस्कार विजेता पार्श-स्वर की भूमिका और 2003 के NBC टेलीविज़न श्रृंखला मिस्टर स्टर्लिंग की दो कड़ियों में एक अतिथि कलाकार की भूमिका निभाई.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और जेन्ना जेम्सन · और देखें »

जे॰ जे॰ थॉमसन

जोसेफ़ जॉन थॉमसन (१८ दिसम्बर १८५६ - ३० अगस्त १९४०) अंग्रेज़ भौतिक विज्ञानी थे। वो रॉयल सोसायटी ऑफ़ लंदन के निर्वाचित सदस्य थे। एक विख्यात वैज्ञानिक थे। उन्हौंने इलेक्ट्रॉन की खोज की थी। थॉमसन गैसों में बिजली के चालन पर अपने काम के लिए भौतिकी में 1906 नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किये गए। उनके सात छात्रों में उनके बेटे जॉर्ज पेजेट थॉमसन सहित सभी भौतिक विज्ञान में या तो रसायन शास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता बने। उनका रिकॉर्ड केवल जर्मन भौतिकशास्त्री अर्नाल्ड सोम्मेरफील्ड के बराबर है। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और जे॰ जे॰ थॉमसन · और देखें »

जॉन मार्ले

जान मॉर्ले (John Morley; १८३८ - १९२३) ब्रिटेन का पत्रकार, लेखक और कूटनीतिज्ञ था। मॉर्ले का जन्म २४ दिसंबर, १८३८ को लंकाशायर के ब्लैकबर्न नगर में हुआ। उसने १८५९ में आक्सफोर्ड के लिंकन कालेज से बी० ए० की उपाधि प्राप्त की। इस वर्ष ही वह लंदन नगर आया और मृतप्राय लिटरेरी गजट का संपादक नियुक्त हुआ। साहित्य और राजनीति मार्ले के प्रिय विषय थे। उसके तथ्ययुक्त विचारपूर्ण लेखों ने उसको शीघ्र ही प्रसिद्ध कर दिया। मिलिटरी गजट का प्रकाशन कुछ समय बाद बंद हो गया किंतु मार्ले के साहित्यिक जीवन की ठोस नींव इस काल में पड़ गई। वह १८६७ में फोर्टनाइटली रिव्यू का संपापदक नियुक्त हुआ और १८८३ तक इस पद पर कार्य करता रहा। इस बीच उसने १८६८ से १८७० तक दैनिक मार्निग स्टार और १८८० से १८८३ तक पाल माल गजट का भी संपादन किया। १८८३ से १८८५ तक वह मेंकमिलंस मैगज़ीन का संपादक रहा। सुप्रसिद्ध साहित्यिक और राजनीतिक पुरूषों के जीवनकार्यों का उसने विशेष अध्ययन किया और उनकी जीवनियाँ लिखीं। 'एडमंड बर्क'- एक ऐतिहासिक अध्ययन का प्रकाशन १८६७ में हुआ। फ्रांस के वोल्तेर, रूसो, दिदेरी और विश्वकोशकारों तथा इंग्लैंड के रिचर्ड काबडेन की जीवनियाँ इस काल में प्रकाशित हुईं। १८७४ में उसका प्रसिद्ध निबंध 'कंप्रोमाइज' प्रकाशित हुआ। इस निबंध ने मार्ले को दार्शनिकों की पंक्ति में स्थान दिला दिया। वालपोल, आलिवर क्रामवेल और ग्लेडस्टन की जीवनियाँ १८८९, १९०० और १९०३ में प्रकाशित हुई। मॉर्ले की अन्य दो प्रसिद्ध कृतियाँ 'स्टडीज इन लिटरेचर' और 'द स्टडी आव लिटरेचर' भी शताब्दी के अंतिम दशक में प्रकाशित हुई। मॉर्ले ने १८६९ में अपने नगर से और १८८० में वेस्टमिस्टर से पार्लमेंट में पहुँचने का असफल प्रयत्न किया। १८८३ में वह न्यूकासिल आन टाइन से पार्लमेंट का सदस्य चुन लिया गया। इसी वर्ष उसकी अध्यक्षता में लीड्स में उदारदल का वृहत् सम्मेलन हुआ। प्रतिनिधि व्यवस्था और निर्वाचन पद्धति में सुधार के संबंध में सम्मेलन के महत्वपूर्ण निर्णयों ने उदारदल के प्रभाव में वृद्धि की। मॉर्ले ने समान निर्वाचन क्षेत्रों, नगरों और काउंटियों में समान मताधिकार योग्यता तथा सदस्यों को वेतन देने के पक्ष में देश भर में जनमत तैयार किया। आयरलैण्ड के राष्ट्रीय आंदोलन के प्रति भी मॉर्ले की पूर्ण सहानुभूति थी। उस देश को स्वशासन का अधिकार देने के प्रश्न पर वह ग्लैडस्टन के विचारों से सहमत था। ग्लैडस्टन ने उसको १८८६ ई० में आयर्लैंड का सचिव नियुक्त किया। बहुमत द्वारा समर्थन के अभाव में आयर्लैंड के प्रश्न पर छह मास में ही सरकार की पराजय हो गई पर मॉर्ले अपने क्षेत्र से फिर चुन लिया गया। १८९२ में उदार दल की सरकार बनने पर प्रधान मंत्री ग्लेडस्टन ने मॉर्ले को दुबारा आयर्लैंड का सचिव नियुक्त किया। आयर्लैंड की समस्या को हल करने में मार्लै को सफलता नहीं मिली। दल के मतभेदश् ने इस संबंध के कानून को पार्लमेंट में स्वीकृत नहीं होने दिया। १८९५ में उदार दल की सरकार भंग हो गई और अगले दस वर्षो तक शासनसूत्र अनुदार दल के हाथ में रहा। मॉर्ले ने इस अवधि में कई उत्तम रचनाएँ देश को दीं। १९०२ में एंड्रू कार्नेगी ने लार्ड एक्टन का मूल्यवान् पुस्तकालय खरीदकर मॉर्ले को भेंट किया। मॉर्ले ने उसे केंब्रिज विश्वविद्यालय को सौंप दिया। १९०५ में उदार दल की सरकार बनने पर मॉर्ले भारत सचिव के पद पर नियुक्त हुआ। भारत के राष्ट्रीय आंदोलन को दबाने के लिये उसने १९०७ में कठोर कानून की सृष्टि की। देश की एकता के लिये घातक सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली के जन्मदाता १९०९ के कानून की रचना में उसका प्रमुख हाथ था। ब्लेमबर्न के वाइकाउंट का पद देकर १९०८ में सरकार ने मॉर्ले का सम्मान किया। तबसे जीवन के अंतिम दिन तक वह लार्ड सभा का सदस्य रहा। १९०९ में उसके विशेष प्रयत्न से लार्ड सभा ने अर्थबिल पर स्वीकृति दी थी। १९१० से १९१४ तक कौंसिल के प्रेसीडेंट का पद भी उसने सँभाला। मॉर्ले शांतिवादी था। १९१४ में प्रथम विश्वयुद्ध प्रारंभ होने पर उसने स्वयं ही लार्ड प्रेसीडेंट का पद त्याग दिया। १९१७ में उसके संस्मरण प्रकाशित हुए। २३ सितंबर, १९२३ को विल्लेडन में उसकी मृत्यु हुई। श्रेणी:यूके के उदार दल के एमपी.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और जॉन मार्ले · और देखें »

वनस्पति

पेड़-पौधों या वनस्पतिलोक का अर्थ है, किसी क्षेत्र का वनस्पति जीवन या भूमि पर मौजूद पेड़-पौधे और इसका संबंध किसी विशिष्ट जाति, जीवन के ऱूप, रचना, स्थानिक प्रसार, या अन्य वानस्पतिक या भौगोलिक गुणों से नहीं है। यह शब्द फ्लोरा शब्द से कहीं अधिक बड़ा है जो विशेष रूप से जाति की संरचना से संबधित होता है। शायद सबसे करीबी पर्याय ''वनस्पति'' समाज है, लेकिन पेड़-पौधे शब्द स्थानिक पैमानों की विस्तृत श्रेणी से संबध रख सकता है, जिनमें समस्त विश्व की वनस्पति-संपदा समाविष्ट है। प्राचीन लाल लकड़ी के वन, तटीय सदाबहार वन, दलदल में जमने वाली काई, रेगिस्तानी मिट्टी की पर्तें, सड़क के किनारे उगने वाली घास, गेहूं के खेत, बाग-बगीचे-ये सभी पेड़-पौधों की परिभाषा में शामिल हैं। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और वनस्पति · और देखें »

वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण रसायनों, सूक्ष्म पदार्थ, या जैविक पदार्थ के वातावरण में, मानव की भूमिका है, जो मानव को या अन्य जीव जंतुओं को या पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है। वायु प्रदूषण के कारण मौतें और श्वास रोग.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और वायु प्रदूषण · और देखें »

वृक्षायुर्वेद

वृक्षायुर्वेद एक संस्कृत ग्रन्थ है जिसमें वृक्षों के स्वास्थ्यपूर्ण विकास एवं पर्यावरण की सुरक्षा से समन्धित चिन्तन है। यह सुरपाल की रचना मानी जाती है जिनके बारे में बहुत कम ज्ञात है। सन् १९९६ में डॉ वाय एल नेने (एशियन एग्रो-हिस्ट्री फाउन्डेशन, भारत) ने यूके के बोल्डियन पुस्तकालय (आक्सफोर्ड) से इसकी पाण्डुलिपि प्राप्त की। डॉ नलिनी साधले ने इसका अनुवाद अंग्रेजी में किया। वृक्षायुर्वेद की पाण्दुलिपि देवनागरी के प्राचीन रूप वाली लिपि में लिखी गयी है। ६० पृष्ठों में ३२५ परस्पर सुगठित श्लोक हैं जिनमें अन्य बातों के अलावा १७० पौधों की विशेषताएँ दी गयीं हैं। इसमें बीज खरीदने, उनका संरक्षण, उनका संस्कार (ट्रीटमेन्ट) करने, रोपने के लिये गड्ढ़ा खोदने, भूमि का चुनाव, सींचने की विधियाँ, खाद एवं पोषण, पौधों के रोग, आन्तरिक एवं वाह्य रोगों से पौधों की सुरक्षा, चिकित्सा, बाग का विन्यास (ले-आउट) आदि का वर्नन है। इस प्रकार यह वृक्षों के जीवन से सम्बन्धित सभी मुद्दों पर ज्ञान का भण्डार है। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और वृक्षायुर्वेद · और देखें »

वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी

वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, (Westminster Abbey, सामान्य वर्तनी: वेस्टमिंस्टर ऐबी), जिसे पहले आधिकारिक रूप से अंग्रेज़ी में कॉलेजिएट चर्च ऑफ़ सेण्ट पीटर ऍट् वेस्ट्मिन्स्टर(वेस्टमिंस्टर में स्थित संत पीटर का कॉलेजिएट चर्च) का नाम दिया गया था, वेस्टमिंस्टर शहर, लंदन में स्थित एक विशाल, मुख्यत: गोथिक मठ व गिरिजाघर है। यह वेस्टमिंस्टर महल से पश्चिम में स्थित है। यह यूनाइटेड किंगडम के सबसे माननीय पूजा स्थलों में से एक है व ग्रेट ब्रिटेन के शाही परिवार के राज्याभिषेक का परम्परागत स्थल है। 1540 से 1556 तक इस मठ को कैथेड्रल का महत्व हासिल था। हालांकि 1560 से यह भवन मठ या कैथेड्रल नहीं रह गयी और सिर्फ़ शाही निजी संपत्ति ही कही जाती थी। "शाही निजी संपत्ति" – वो संपत्तियाँ थीं जो सीधे सम्राट के प्रति जवाबदेह थीं और सम्राट की जिम्मेदारी थीं। यह भवन वास्तविक मठ व गिरिजाघर है। 1080 में पहली बार सुलकार्ड द्वारा बताई गई परंपरा के अनुसार लंदन के थोर्नी द्वीप पर सातवीं शताब्दी में लंदन के पादरी मेलिटस के जमाने में एक गिरिजाघर का निर्माण हुआ था। वर्तमान गिरिजाघर का निर्माण सन् 1245 में हेनरी अष्टम के आदेश पर शुरु हुआ था।.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी · और देखें »

गिरीश कर्नाड

गिरीश कार्नाड (जन्म 19 मई, 1938 माथेरान, महाराष्ट्र) भारत के जाने माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक और नाटककार हैं। कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा दोनों में इनकी लेखनी समानाधिकार से चलती है। 1998 में ज्ञानपीठ सहित पद्मश्री व पद्मभूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के विजेता कार्नाड द्वारा रचित तुगलक, हयवदन, तलेदंड, नागमंडल व ययाति जैसे नाटक अत्यंत लोकप्रिय हुये और भारत की अनेकों भाषाओं में इनका अनुवाद व मंचन हुआ है। प्रमुख भारतीय निदेशको - इब्राहीम अलकाजी, प्रसन्ना, अरविन्द गौड़ और बी.वी. कारंत ने इनका अलग- अलग तरीके से प्रभावी व यादगार निर्देशन किया हैं। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और गिरीश कर्नाड · और देखें »

गुलिवर्स ट्रेवल्स

गुलिवर्स ट्रेवल्स अधिकारिक रूप से ट्रेवल्स इनटू सेवरल रिमोट नेशन्स ऑफ़ द वर्ल्ड, इन फॉर पार्ट्स. लेम्यूल गुलिवर के द्वारा, जो पहले एक सर्जन था, बाद में कई जहाज़ों का कप्तान बन गया।' (1726, 1735 में संशोधित), एक एंग्लो-आयरिश लेखक और पादरी जोनाथन स्विफ्ट के द्वारा लिखा गया एक उपन्यास है। यह मानव के स्वभाव पर तो व्यंग्य करता ही है, साथ ही अपने आप में "यात्रियों की कहानियों" की एक उप-साहित्यिक शैली की पैरोडी भी है। ये स्विफ्ट का जाना माना, काफी लंबा कार्य है और अंग्रेजी साहित्य का एक क्लासिक उपन्यास है। यह किताब प्रकाशित किये जाने के तुरंत बाद काफी लोकप्रिय हो गयी, (जॉन गे ने 1726 में स्विफ्ट को लिखे एक पत्र में कहा कि "इसे सार्वभौमिक रूप से केबिनेट काउन्सिल से लेकर नर्सरी तक हर कोई पढ़ रहा है"); तब से, इसकी छपाई का काम कभी भी नहीं रुका.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और गुलिवर्स ट्रेवल्स · और देखें »

ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का प्रवेश समारोह, शेल्डोनिअन थिएटर (2003) यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफ़र्ड या हिंदी में ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय (अंग्रेज़ी: University of Oxford यूनिवर्सिटि ऑफ ऑक्स्फोर्ड, संक्षेप में ऑक्सॉन), ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड, में स्थित, इंगलैंड का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। इसके साथ 39 कॉलेज संबद्ध हैं, जिनमें काफी बड़ी संख्या में स्नातक और परास्नातक विषयों की पढाई कराई जाती हैं। इसमें 18000 से ज्यादा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से एक चौथाई विदेशी छात्र हैं। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय · और देखें »

ओटो वारबर्ग

हेनरिक ओटो वारबर्ग (जन्म – 8 अक्टूबर 1883 फ्रायबर्ग, बेडन, जर्मनी निधन – 1 अगस्त 1970 बर्लिन, पश्चिमी जर्मनी) जर्मनी के जीवरसायन शास्त्री और शोधकर्ता थे। इनकी माँ का नाम एलिजाबैथ गार्टनर और पिता का नाम ऐमिल वारबर्ग था, जो बर्लिन विश्वविद्यालय में भौतिकशास्त्री थे। ऐमिल आइन्सटीन के मित्र थे और इन्होंने मेक्स प्लैंक के साथ भी काम किया था। ओटो ने 1906 में बर्लिन विश्वविद्यालय से रसायनशास्त्र में डॉक्ट्रेट की और 1911 में हाइडलबर्ग विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ मेडीसिन की डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद कुछ समय वे हाइडलबर्ग में ही शोध करते रहे। लेकिन 1913 में उन्हें बर्लिन के प्रतिष्ठित विल्हेम इन्स्टिट्यूट फोर बॉयोलाजी में नियुक्ति मिल गई। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने सेना में भी काम किया और उन्होंने आयरन क्रॉस पदक प्राप्त किया। लेकिन आइन्सटीन ने उन्हें सेना छोड़ने पर विवश किया और अपनी प्रतिभा और अमूल्य समय को मानव कल्याण हेतु शोध कार्यों में लगाने की प्रेरणा दी। सन् 1931 में वे विल्हेम इन्स्टिट्यूट के निर्देशक के पद से सम्मानित किये गये। वे अपनी मृत्यु तक इस संस्थान के प्रभारी बने रहे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इसका नाम बदल कर मेक्स प्लैंक इंस्टिट्यूट रख दिया गया। बीसवें दशक के प्रारंभ में डॉ॰ ओटो ने जीवित कोशिकाओं द्वारा ऑक्सीजन का उद्ग्रहण करने की क्रिया (कोशिकीय श्वसन- क्रिया) पर शोध शुरू किया था। सन् 1923 में इसके लिए उन्होंने एक विशेष दबाव-मापक यंत्र विकसित किया जिसे उन्होंने वारबर्ग मेनोमीटर नाम दिया। यह मेनोमीटर जैविक ऊतक की पतली सी तह द्वारा भी ऑक्सीजन के उद्ग्रहण की गति को नापने में सक्षम था। उन्होंने श्वसन-क्रिया को उत्प्रेरित करने करने वाले तत्वों पर बहुत शोध की और तभी ऑक्सीजन-परिवहन एन्जाइम साइटोक्रोम की खोज की, जिसके लिए उन्हें 1931 में नोबेल पुरस्कार मिला। ओटो ने पहली बार बतलाया था कि कैंसर कोशिका सामान्य कोशिका की तुलना में बहुत ही कम ऑक्सीजन ग्रहण करती है। उन्होंने हाइड्रोजन सायनाइड और कार्बन-मोनो-ऑक्साइड पर भी शोध की और बताया कि ये श्वसन-क्रिया को बाधित करते हैं। उन्होंने की जीवरसायन क्रियाओं के लिए सहायक उपघटक निकोटिनेमाइड और डिहाइड्रोजिनेज एन्जाइम आदि का बहुत अध्ययन किया। उन्होंने यह भी सिद्ध किया कि कैंसर कोशिका के पीएच और ऑक्सीजन उपभोग में सीधा संबन्ध होता है। यदि पीएच ज्यादा है तो कोशिका में ऑक्सीजन की मात्रा ज्यादा होगी। उन्होंने यह भी बतलाया कि कैंसर कोशिका में लेक्टिक एसिड और कार्बन-डाई-ऑक्साइड बनने के कारण पीएच बहुत कम लगभग 6.0 होता है। उनकी शोध के अन्य विषय माइटोकोन्ड्रिया में होने वाली इलेक्ट्रोन-परिवहन श्रंखला, पौधों में होने वाली प्रकाश-संश्लेषण क्रिया, कैंसर कोशिका का चयापचय आदि थे। सन् 1963 के बाद से जर्मनी में जीरसायन शास्त्र और आणविक जीवविज्ञान में अच्छी शोध करने वाले वैज्ञानिकों को ओटो वारबर्ग मेडल से सम्मानित किया जाता है और 2007 के बाद से 25000 यूरो का नकद पुरस्कार भी दिया जाता है। इस पुरस्कार को प्राप्त करना वैज्ञानिकों के लिए बहुत सम्मानजनक माना जाता है। डॉ॰ ओटो ने 1931 में द मेटाबोलिज्म ऑफ ट्यूमर्स नामक पुस्तक का संपादन किया और अपने शोध कार्यों को इसमें प्रकाशित किया। 1962 में उन्होने न्यू मेथड्स ऑफ सैल फिजियोलाजी नामक पुस्तक लिखी थी। इन्होंने 178 शोधपत्र भी प्रकाशित किये थे। इनकी प्रयोगशाला में शोध करने वाले हन्स अडोल्फ क्रेब्स और दो अन्य वैज्ञानिकों ने भी नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया था। वे हमेशा अध्ययन और मानव सेवा को सर्वोपरि मानते थे और वे आजीवन अविवाहित रहे। डॉ॰ ओटो जीवन के अंतिम पड़ाव में थोड़े चिड़चिड़े और सनकी हो गये थे। वे समझने लगे थे कि सारी बीमारियाँ प्रदूषित चीजें खाने से ही होती हैं, इसलिए वे ब्रेड भी अपने खेत में पैदा हुए जैविक गैंहूं की बनी हुई खाना पसन्द करते थे। कई बार तो वे रेस्टॉरेन्ट में चाय पीने जाते थे, पैसे भी पूरे देते थे परन्तु बदले में सिर्फ गर्म पानी लेते थे और अपने साथ लाई हुई जैविक चाय प्रयोग करते थे। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और ओटो वारबर्ग · और देखें »

आंतोन मेंग्स राफेल

'''आंतोन मेंग्स राफेल''' का स्वचित्र (सेल्फ-पोर्ट्रेट) 300px आंतोन मेंग्स राफेल (Anton Raphael Mengs, 1728 - 1779)) जर्मनी का चित्रकार था। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और आंतोन मेंग्स राफेल · और देखें »

आइवी लीग

आइवी लीग एक एथिलेटिक सम्मेलन है जिसमें पूर्वोत्तर संयुक्त राज्य अमेरिका के उच्च शिक्षा के आठ निजी संस्थान शामिल हैं। साधारणतः इस शब्द का प्रयोग समूह के रूप में माने गए उन आठ स्कूलों के लिए किया जाता है। यह शब्द अकादमिक विशिष्टता, प्रवेश चयनात्मकता और सामाजिक उत्कृष्टता अर्थ भी ध्वनित करता है। 1954 में NCAA एथलेटिक सम्मेलन के गठन के बाद, विशेष रूप से खेल शब्दावली में यह शब्द आधिकारिक बन गई, और जब अधिकांश देश पसंदीदा कॉलेज टीमों के इर्द-गिर्द केन्द्रित हो गए। इस शब्द का प्रयोग अब केवल एथलेटिक्स तक ही सीमित नहीं है और अब देश के सबसे पुराने स्कूलों में निहित शैक्षिक दर्शन का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अतिरिक्त, अक्सर जनता आइवी लीग के स्कूलों को दुनिया भर के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के रूप में मानती है और ये अक्सर संयुक्त राज्य अमेरिका और विश्व भर में सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की श्रेणी में रखे जाते हैं। U.S.न्यूज़ एंड वर्ल्ड रिपोर्ट कॉलेज और विश्वविद्यालय रैंकिंग में आइवी लीग के सभी संस्थान शीर्ष के निकट स्थान पर हैं और वित्तीय स्थाई निधि के मामले में दुनिया की शैक्षणिक संस्थाओं के शीर्ष एक प्रतिशत में इसे स्थान प्राप्त है। आठ स्कूलों में से सात स्कूलों की स्थापना अमेरिका के औपनिवेशिक काल के दौरान हुआ; जिसका अपवाद है कार्नेल, जो 1865 में स्थापित हुआ। अतः अमेरिकी क्रांति से पहले नौ औपनिवेशिक कॉलेजों में आइवी लीग की सात संस्थाएं अधिकृत हैं। भौगोलिक रूप से सारे आइवी संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वोत्तर क्षेत्र में हैं। संघीय और राज्य सरकार की ओर से सभी आठ स्कूलों को शोध अनुदान और अन्य आर्थिक सहायता के रूप में करोड़ों डॉलर प्राप्त होते हैं। आइवी लीग स्कूलों में पूर्वस्नातक के लिए क़रीब 4,000 से 14,000 के बीच पंजीकरण होते हैं, जो उन्हें विशिष्ट निजी उदारवादी कला विद्यालयों से बड़ा और विशिष्ट सार्वजनिक राज्य विश्वविद्यालय से छोटे बनाता हैं। आइवी लीग विश्वविद्यालय की वित्तीय स्थाई निधि ब्राउन के $2.01 बिलियन और हार्वर्ड के $28.8 बिलियन के बीच है, जो दुनिया में किसी भी शैक्षणिक संस्थान की सबसे बड़ी वित्तीय स्थाई निधि है। वर्तमान आइवी लीग के साथी संस्थानों का स्थान. .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और आइवी लीग · और देखें »

इन्दिरा गांधी

युवा इन्दिरा नेहरू औरमहात्मा गांधी एक अनशन के दौरान इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी (जन्म उपनाम: नेहरू) (19 नवंबर 1917-31 अक्टूबर 1984) वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और इन्दिरा गांधी · और देखें »

कमलानाथ

कमलानाथ शर्मा (के.एन.शर्मा भी) जलविज्ञान, सिंचाई तथा जल-निकास, एवं जल-विद्युत अभियांत्रिकी के अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञ, वैदिक ग्रंथों में जलविज्ञान, पर्यावरण आदि विषयों के लेखक, साहित्यकार, तथा हिंदी के जानेमाने व्यंग्य लेखक और कहानीकार हैं। जलविज्ञान, जल-विद्युत अभियांत्रिकी व विश्व खाद्यान्न में उल्लेखनीय योगदान के अतिरिक्त के॰एन॰शर्मा ने वेदों, उपनिषदों आदि वैदिक वाङ्मय में जल, पर्यावरण, पारिस्थितिकी आदि पर भी शोध करके प्रचुरता से लिखा है। हिंदी साहित्य में साठ के दशक से कमलानाथ के नाम से उनके व्यंग्य तथा कहानियां भी देश की विभिन्न पत्रिकाओं में छपते रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान आपने विश्व के लगभग सभी देशों की यात्रा की, वहां के सिंचाई, जलनिकास, जलविज्ञान आदि के विकास में योगदान दिया तथा अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के कार्यक्रमों तथा परियोजनाओं से संबद्ध रहे। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और कमलानाथ · और देखें »

कर्कट रोग

कर्कट (चिकित्सकीय पद: दुर्दम नववृद्धि) रोगों का एक वर्ग है जिसमें कोशिकाओं का एक समूह अनियंत्रित वृद्धि (सामान्य सीमा से अधिक विभाजन), रोग आक्रमण (आस-पास के उतकों का विनाश और उन पर आक्रमण) और कभी कभी अपररूपांतरण अथवा मेटास्टैसिस (लसिका या रक्त के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फ़ैल जाता है) प्रदर्शित करता है। कर्कट के ये तीन दुर्दम लक्षण इसे सौम्य गाँठ (ट्यूमर या अबुर्द) से विभेदित करते हैं, जो स्वयं सीमित हैं, आक्रामक नहीं हैं या अपररूपांतरण प्रर्दशित नहीं करते हैं। अधिकांश कर्कट एक गाँठ या अबुर्द (ट्यूमर) बनाते हैं, लेकिन कुछ, जैसे रक्त कर्कट (श्वेतरक्तता) गाँठ नहीं बनाता है। चिकित्सा की वह शाखा जो कर्कट के अध्ययन, निदान, उपचार और रोकथाम से सम्बंधित है, ऑन्कोलॉजी या अर्बुदविज्ञान कहलाती है। कर्कट सभी उम्र के लोगों को, यहाँ तक कि भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन अधिकांश किस्मों का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है। कर्कट में से १३% का कारण है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, २००७ के दौरान पूरे विश्व में ७६ लाख लोगों की मृत्यु कर्कट के कारण हुई। कर्कट सभी जानवरों को प्रभावित कर सकता है। लगभग सभी कर्कट रूपांतरित कोशिकाओं के आनुवंशिक पदार्थ में असामान्यताओं के कारण होते हैं। ये असामान्यताएं कार्सिनोजन या का कर्कटजन (कर्कट पैदा करने वाले कारक) के कारण हो सकती हैं जैसे तम्बाकू धूम्रपान, विकिरण, रसायन, या संक्रामक कारक.

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और कर्कट रोग · और देखें »

काशीप्रसाद जायसवाल

काशीप्रसाद जायसवाल (१८८१ - १९३७), भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार, पुरातत्व के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के विद्वान् एवं हिन्दी साहित्यकार थे। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और काशीप्रसाद जायसवाल · और देखें »

कुछ कुछ होता है

कुछ कुछ होता है 1998 की हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म फिल्म है। इसे करण जौहर ने लिखा और निर्देशित किया और लोकप्रिय ऑन-स्क्रीन जोड़ी शाहरुख खान और काजोल ने अपनी चौथी फिल्म में एक साथ अभिनय किया। रानी मुखर्जी ने सहायक भूमिका निभाई, जबकि सलमान खान की एक विस्तारित विशेष उपस्थिति भी थी। इस फिल्म से सना सईद जिन्होंने सहायक भूमिका निभाई, अपनी फिल्म करियर की शुरुआत की। यह करण जौहर की निर्देशन शुरुआत थी। फिल्म भारत और विदेशों में सफल रही और साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई। साथ ही यह हम आपके हैं कौन और दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे के बाद सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी। भारत के बाहर, यह फिल्म कभी खुशी कभी ग़म द्वारा रिकॉर्ड तोड़े जाने से पहले सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी। कुछ कुछ होता है को आलोचकों से सकारात्मक समीक्षा मिली। विशेष प्रशंसा काजोल के प्रदर्शन को मिली। साउंडट्रैक भी साल का सबसे बड़ा विक्रेता बन गया। फिल्म ने फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, ज़ी सिने पुरस्कार और स्टार स्क्रीन पुरस्कार में "सर्वश्रेष्ठ फिल्म" पुरस्कार जीता। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और कुछ कुछ होता है · और देखें »

अमित चौधुरी

अमित चौधुरी अंग्रेज़ी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास ए न्यू वर्ल्ड के लिये उन्हें सन् 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और अमित चौधुरी · और देखें »

अंग्रेज शासकों की सूची

इंग्लैण्ड रियासत में राजतंत्र की शुरुवात अल्फ्रेड महान और समाप्ति महारानी ऐन, ग्रेट ब्रिटेन की महारानी से हुई जब वो १७०७ में इंग्लैंड की राजशाही के स्कॉटलैंड की राजशाही से विलय के बाद बने ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की महारानी बनीं। महारानी ऐन के बाद के शासकों के लिये देखें ब्रिटेन के शासक। हालांकि कुछ इतिहासकारा कुछ अन्य राजाओं को भी इंग्लैंड का पहला राजा मानने का तर्क देते हैं जो आंग्ल-सैक्सनों के राज्यों पर नियंत्रण रखने का माद्दा व चाहत रखते थे। उदाहरण के तौर पर, ओफ्फा, मर्सिया का राजा और वेसेक्स का राजा एग्बर्ट को कभी-२ प्रसिध लेखकों द्वारा इंग्लैंड के राजा के रूप में निरूपित किया जाता है। लेकिन हर इतिहासकार इससे सहमत भी नहीं हैं। आठवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में ओफ़्फा ने दक्षिणी इंग्लैंड पर आधिपत्य हासिल कर अलिया था लेकिन ये राज ७९६ ई॰ में उसकी मृत्यु के पहले ही खत्म हो गया।८२९ ई॰ में एग्बर्ट ने मर्सिया पर अधिकार कर लिया लेकिन जल्द ही इसे गँवा भी दिया। नवीं शताब्दी के अंत तक वेसेक्स सबसे प्रभावशाली आंग्ल-सैक्सन साम्राज्य था। इसका राजा अल्फ्रेड महान पश्चिमी मर्सिया का एक शक्तिशाली सामंत था। वह अपने लिये आंग्ल और सैक्सनों का राजा की उपाधि का प्रयोग करता था लेकिन उसने कभी भी पूर्वी और उत्तरी इंग्लैंड पर शासन नहीं किया। उसके बेटे एडवर्ड द एल्डर ने पूर्वी डेनलॉ पर विजय हासिल की लेकिन एडवर्ड का बेटे ऍथेल्स्तन ९२७ ई में नॉर्थम्ब्रिया पर विजय हासिल करके पूरे इंग्लैंड पर शासन करने वाला पहला राजा बना। आधुनिक इतिहासकारों ऍथेल्स्तन को ही इंग्लैंड का पहला राजा मानते हैं। वेल्स की रियासत का इंग्लैंड के साम्राज्य में रुडलैन का स्टैचुएट के अंतर्गत १२८४ में विलय कर दिया गया और १३०१ में राजा एडवर्ड प्रथम ने अपने ज्येष्ठ पुत्र, भविष्य के राजा एडवर्ड द्वितीय को वेल्स का राजकुमार के तौर पर प्रतिष्ठित किया। तभी से एडवर्ड तृतीय के अलावा अंग्रेज अधीराटों के सभी बड़े बेटों ने यह पद हासिल किया है। १६०३ ई में एलिज़ाबेथ प्रथम की निसंतान मृत्यु के बाद इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के सिंहासनों का स्कॉटलैंड का जेम्स ६ के शासन में एक निजी एकीकरण कर दिया गया। शाही ऐलान के साथ जेम्स ने स्वयं को ग्रेट ब्रिटेन का राजा घोषित कर दिया लेकिन ग्रेट ब्रिटेन जैसे किसी भी साम्राज्य का कानूनी तौर पर निर्माण १७०७ तक नहीं हुआ था। महारानी ऐन के शासन काल में १७०७ में हुए विलय के अधिनियमों के बाद इंग्लैंड कानूनी तौर पर स्कॉटलैंड के साथ जुड़ गया और इस तरह ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का गठन हुआ। १८०१ में विलय के अधिनियम के तहत आयरलैंड राजशाही जो हेनरी द्वि॰ के समय से अंग्रेजी शासन के अधीन था ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही में शामिल हो गया और १९२२ में आयरिश मुक्त राज्य के बनने तक इसका हिस्सा रहा। चूंकि उत्तरी आयरलैंड यूके के साथ रहा इसलिये इसके बाद से इस साम्राज्य को यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड के नाम से जानते हैं। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और अंग्रेज शासकों की सूची · और देखें »

अंग्रेजी शब्दकोशों का इतिहास

'लातिन' की शब्दसूचियों ने आधुनिक कोश-रचना-पद्धति का जिस प्रकार विकास किया, अंग्रेज कोशों के विकास क्रम में उसे देखा जा सकता है। आरंभ में इन शब्दार्थसूचियों का प्रधान विधान था क्लिष्ट 'लातिन' शब्दों का सरल 'लातिन' भाषा में अर्थ सूचित करना। धीरे-धीरे सुविधा के लिये रोमन भूमि से दूरस्थ पाठक अपनी भाषा में भी उन शब्दों का अर्थ लिख देते थे। 'ग्लाँसरी' और 'वोकैब्युलेरि' के अंग्रेजी भाषी विद्वानों की प्रवृत्ति में भी यह नई भावना जगी। इस नवचेतना के परिणामस्वरूप 'लातिन' शब्दों का अंग्रेजी में अर्थनिर्देश करने की प्रवृत्ति बढ़ने लगी। इस क्रम में लैटिन-अंगेजी कोश का आरंभिक रूप सामने आया। दसवीं शताब्दी में ही 'आक्सफोर्ड' के निकटवर्ती स्थान के एक विद्वान धर्मपीठाधीश 'एफ्रिक' ने 'लैटिन' व्याकरण का एक ग्रंथ बनाया था। और उसी के साथ वर्गीकृत 'लातिन' शब्दों का एक 'लैटिन-इंग्लिश', लघुकोश भी जोड दिया था। संभवत: उक्त ढंग के कोशों में यह प्रथम था। १०६६ ई० से लेकर १४०० ई० के बीच की कोशोत्मक शब्दसूचियों को एकत्र करते हुए 'राइट ब्यूलर' ने ऐसी दो शब्दसूचिय़ाँ उपस्थित की है। इनमें भी एक १२ वीं शताब्दी की है। वह पूर्ववर्ती शब्दसूचियों की प्रतिलिपि मात्र हैं। दूसरी शब्दसूची में 'लातिन' तथा अन्य भाषाओं के शब्द हैं। इंग्लैड में सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना के उद्बुद्ध होने पर अंग्रेजी राजभाषा हुई। शिक्षा-संस्थाओं में फ्रांसीसी के स्थान पर अंग्रेजी का पठन-पाठन बढा। अंग्रेजी में लेखकों की संख्या भी अधिक होने लगी। फलत: अंग्रेजी के शब्दकोश की आवश्यकता भी बढ गई। १५वीं शती में 'राइट व्यूलर' ने छह महत्त्वपूर्ण पुरानी शब्दार्थसूचियों को मुद्रित किया। अधिकत: विषयगत वर्गों के आधार पर वे बनाई गई थीं। केवल एक शब्दसूची ऐसी थी जिसमें अकारादिक्रम से २५००० शब्दों का संकलन किया गया था। ऐम० ऐम० मैथ्यू ने अंग्रजी कोशों का सर्वेक्षण नामक अपनी रचना में १५वी शती के दो महत्त्वपूर्ण ग्रंथों का उल्लेख किया़ है। प्रथम 'ओरट्स' का 'वोकाब्युलरियम्' था जो पूर्व 'मेड्डला' व्याकरण पर आधारित था। दूसरा था 'ग्लाफेड्स' या 'ज्याफरी' व्याकरण पर आधारित इंग्लिश—लैटिन कोश। इसका पिंसिन द्वारा १४४० ई० में प्रथम मुद्रित संस्करण प्रकाशित किया गया। उसका नाम था प्रोंपटोरियम परव्यूलोरमं सिनक्लोरिकोरं (अर्थात् बच्चों का भांडार या संग्रहालय)। इसका महत्व— ९—१० हजार शब्दों के संग्रह के कारण न होकर इसलिये था इसके द्वारा शब्दसूचि के रचनाविद्यान में नए प्रयोग का संकेत दिखाई पडा़। इसमें संज्ञा और क्रिया के मुख्यांश से व्यतिरिक्त अन्य प्रकार के शब्द (अन्य पार्टस् आँव स्पीच) भी संकलित है। यह 'मेड्डला ग्रामाटिसिज' कदाचित् प्रथम 'लातीन—अंग्रेजी' शब्दकोश था। लोकप्रियता का प्रमाण मिलता है— उसकी बहुत सी उपलब्ध प्रतिलिपियो के कारण। १४८३ ईं में 'वेथोलिअम ऐंग्लिवन् ' नामक शब्दकोश संकलित हुआ था। परंतु महत्त्वपूर्ण कोश होकर भी पूर्वाक्त कोश के समान वह लोकप्रिय न हो सका। इसके पश्चात् १६वी शताब्दी में 'लैटिन-अँग्रँजी' और 'अंग्रेजी-लैटिन' की अनेक शब्दसूचियाँ निर्मित एवं प्रकाशित हुई। 'सर टामस ईलियट' की डिक्शनरी ऐसा सर्वप्रथम ग्रंथ है जिसमें 'डिक्शनरी' अभिधान का अंग्रेजी में प्रयोग मिलता है। मूल शब्द लातिन का 'डिक्शनरियम्' है जिसका अर्थ था कथन (सेइंग)। पर वैयाकरणों द्वारा 'कोश' शब्द के अर्थ में उसका प्रयोग होने लगा था। इससे पूर्व—आरं- भिक शब्दसूचियों और कोशों के लिये अनेक नाम प्रचलित थे, यथा— 'नामिनल', 'नेमबुक', मेडुला ग्रामेटिक्स, 'दी आर्टस् वोकाब्युलेरियम्' गार्डन आफ़ वडंस, दि प्रोम्पटारियम पोरवोरम, कैथोलिकं ऐग्लिकन्, मैनुअलस् वोकैब्युरम्, हैंडफुल आव वोकैब्युलरियस्, 'दि एबेसेडेरियम्, बिबलोथिका, एल्बारिया, लाइब्रेरी, दी टेबुल अल्फाबेटिकल, दी ट्रेजरी या ट्रेजरर्स ऑफ वर्डस् 'दि इंग्लिश एक्सपोजिटर', दि गाइड टु दि टंग्स्, दि ग्लासोग्राफिया, दि न्यू वल्डर्स, आव वर्डस् 'दि इटिमालाँजिकम्' दि फाइलाँलाँजिकम्' आदि। इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका के अनुसार १२२४ ईं में कंठस्थ की जानेवाली 'लातिन' शब्दसूची के हस्तलेख के लिये जान गारलैंडिया ने इस (डिक्शनरी) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया गया था। परंतु लगभग तीन शताब्दी बाद सर टामस् ईलियट द्वारा प्रयुक्त यह शब्द क्यों और कैसे लोकप्रिय हो उठा यह कहना सरल नहीं है। १६वीं शती में पूर्वार्ध के व्यतीत होते होते यह विचार स्विकृत होने लगा कि शब्दकोश में शब्दार्थ देखने की पद्धति सुविधापूर्ण और सरल होनी चाहिए। इस दृष्टि से कोश के लिये वर्णमाला क्रम से शब्दानुक्रम की व्यवस्था उपयुक्ततर मानी गई। पश्चिम की इस पद्धति को महत्त्वपूर्ण उपलब्धि और कोशविद्या के नूतन विकास की नई मोड़ माना जा सकता है। एकाक्षर और विश्लेषणात्मक पदरचना वाली चीनी भाषा में एकाक्षर शब्द ही होते हैं। प्रत्येक 'सिलेबुल' स्वतंत्र, सार्थक ज्ञौर विश्लिष्ट होता है। वहाँ के पुराने कोश अर्थानुसार तथा उच्चारण- मूलक पद्धति पर बने हैं। वैसी भाषा के कोशों में उच्चारणानुसारी शब्दों का ढूँढना अत्यंत दुष्कर होता था। परंतु योरप की भाषाओं में अकारादि क्रमानुसारी एक नई दिशा की ओर शब्दकोशरचना का संकेत हुआ। पूर्वोक्त प्रोम्पटोरियम के अनंतर १५१९ में प्रकाशित विलियम हार्नन का शब्दकोश अंग्रेजी लैटिन कोशों में उल्लेख्य है। इसमें कहावतों और सूक्तियों का प्राचीन पद्धति पर संग्रह था। मुद्रित कोशों में इसका अपना स्थान था। १५७३ ई० में रिचार्ड हाउलेट का 'एबेसेडेरियम' और 'जाँन वारेट का लाइब्रेरिया—दो कोश प्रकाशित हुए। प्रथम में लैटिन पर्याय के साथ साथ अंग्रैजी में अर्थ कथन होने से अंग्रेजी कोशों में—विशेषत: प्राचीन काल के—इसे उत्तम और अपने ढंग का महत्वशाली कोश माना गया है। इससे भी पूर्व— ई० १५७० में 'पीटर लेविस' ने एक 'इंगलिश राइमिंग डिक्शनरी' बनाई थी जिसमें अंग्रेजी शब्दों के साथ लैटिन शब्द भी हैं और सभी खास शब्द तुकांत रूप में रखे गए थे। हेनरी अष्टम की बहन, मेरी ट्युडर, जब फ्रांस के १२वें लुई की पत्नी बनी तब उन्हें फ्रांसीसी भाषा पढा़ने के लिये जान पाल ग्रे ने एक ग्रंथ बनाया जिसमें फ्रांसीसी के साथ साथ अंग्रेजी शब्द भी थे। १४३० ई० में यह प्रकाशित हुआ। इस कोश को आधुनिक फ्रांसीसी और आधुनिक अंग्रेजी भाषाओं का प्राचीनतम कोश कहा जा सकता है। गाइल्स दु गेज़ ने लेडी मेरी को फ्रांसीसी पढा़ने के लिये १५२७ में व्याकरणरचना की जो पुस्तक प्रकाशित की थी उसमें भी चुने हुए अंग्रेजी और फ्रांसीसी शब्दों का संग्रह जोड़ दिया गया था। रिचर्ड हाउलेट का एबेसेडिरियम १५५२ ई० में प्रकाशित हुआ; जिसे सर्वप्रथम अंग्रेजी (+ लैटिन) 'डिक्शनरी' कह सकते हैं। जान वारेट का कोश (एल्बरिया) भी १५७३ ई० में प्रकाशित हुआ। रिचार्ड के कोश में अंग्रेजी भाषा द्वारा अर्थव्याख्या की गई है। अत: उसे प्रथम अंग्रेजी कोश— लैटिन अंग्रेजी डिक्शनरी कह सकते हैं। १६वीं शताब्दी में ही (१५९९ ई० में) रिचार्डस परसिवाल ने स्पेनिश अंग्रेजी—कोश मुद्रित कराया था। पलोरियो ने भी दि वर्ल्ड्स आव दि वर्डस् नाम से एक इताली—अग्रेजी—कोश बनाकर मुद्रित किया। उसका परिवर्धित संस्करण १६११ ई० में प्रकाशित हुआ। इसी वर्ष रैंडल काटग्रेव का प्रसिद्ध फ्रेंच—अंग्रेजी—कोश भी प्रकाशित हुआ जिसके अति लोकप्रिय हो जाने के कारण बाद में अनेक संस्करण छपे। केवल अंग्रेजीकोश के अभाववश 'पलोरियो' और 'काटग्रेव' के अंग्रेजी शब्दसंग्रही का अत्यंत महत्व माना गया और 'शेक्सपियर' के युग की भाषा समझने—समझाने में वह बडा़ उपयोगी सिद्ध हुआ। इसी के आस-पास 'बाइबिल' का अंग्रेजी संस्करण भी प्रकाश में आया। १७वी० शताब्दी के प्रथम चरण (१६१० ई० में) में जाँन मिनश्यू ने 'दि गाइड इंटु इग्स ' नामक एक नानाभाषी कोश का निर्माण किया जिसमें अंग्रेजी के अतिरिक्त अन्य दस भाषाओं का (वेल्स लो डच्, हाई डच्, फ्रांसीसी, इताली, पूर्तगाली, स्पेनी लातिन, यूनानी और हिंब्रु शब्द दिए गए थे)। इन कोशों में अंग्रेजी कोश के लिये आवश्यक और उपयोगी सामग्री के रहने पर भी केवल अंग्रेजी के एकभाषी कोश की ओर अधिक ध्यान नहीं दिया गया। प्राचीन अध्ययन के प्रति पुनर्जागर्ति के कारण अंग्रेजी में लातिन, यूनानी, हिब्रू, अरबी आदि के सहस्रों शब्द और प्रयोग प्रचारित होने लगे थे। ये प्रयोग 'इंक हार्डस टमँस्' कहे जाते थे। वे परंपरया आगत नहीं थे। इन क्लिष्ट शब्दों की वर्तनी और कभी कभी अर्थ बतानेवाले ग्रंथों की तत्कालीन अनिवार्य आवश्यकता उठ खडी हुई थी। मुख्यतः इसी की पूर्ति के लिये— न कि अपनी भाषा के शब्दों और मुहावरों का परिचय कराने की भावना से— आरभिक अंग्रेजी- कोशों के निर्माण की कदाचित् मुख्य प्रेरणा मिली। सर्वप्रथम 'टेबुल अल्फावेटिकल आव हार्ड वर्डस' शीर्षक एक लघु पुस्तक राबर्ट काउड ने प्रकाशित की जो १२० पृष्ठों में रचित थी। इसमें तीन हजार शब्दों की शुद्ध वतंनी और अर्थों का निर्देश किया गया था। यह इतना लोकप्रिय हुआ कि आठ वर्षों में इसके तीन संस्करण प्रकाशित करने पडे़। १६१६ ई० में 'ऐन इंगलिश एक्सपोजिटर' नामक — जान बुलाकर का — कोश प्रकाशित हुआ जिनके न जाने कितने संस्करण मुद्रित किए गए। १६२३ ई० में 'एच० सी० जेट' द्वारा रचित 'इंगलिश डिक्शनरी' के नाम से एक कोशग्रथ प्रकाशित हुआ जिसकी रचना से प्रसन्न होकर प्रशंसा में 'जाँन फो़ड' ने प्रमाणपत्र भेजा था। तीन भागों में विभक्त इस कोश की निर्माणपद्धति कुछ विचित्र सी लगती है। इसकी विभाजनपद्धति को देखकर 'यास्क' के निरुक्त में निर्दिष्ट नैगमकांड, नैघंटुककांड और दैबतकाडों में लक्षित वर्गानुसारी पद्धति की स्मृति हो आती है। प्रथम अंश से क्लिष्ट शब्द सामान्य भाषा में अर्थों के साथ दिए गए हैं। द्वितीय अंश में सामान्य शब्दों के अर्थों का क्लिष्ट पर्यायों द्वारा निर्देश हुआ है। देवी देवताओं, नरनारियो, लड़के लडकियों, दैत्वों—राक्षमों, पशु पक्षियों आदि की व्याख्या द्वारा तीसरे भाग के इस अंश में वर्णन किया गया। इसमें शास्त्रीय, ऐतिहासिक, पौराणिक तथा अलौकिक शक्तिसंपन्न व्यक्तियों आदि से संबद्ध कल्पनाआ का भी अच्छा सकलन है। २० साल परिश्रम करके 'ग्लासोग्राफया' नामक एक ऐसे कोश का 'टामस क्लाउंडर ने संग्रह किया था जिसमें यूनानी, लातिन, हिब्रू आदि के उन शब्दों की व्याख्या मिलती है जिनका प्रयोग उस समय की परिनिष्ठित अंग्रजी मे होने लगा था। एस० सी० काकरमैन का कोश भी बडा़ लोकप्रिय था और उसके जाने कितने संस्करण हुए। प्रसिद्ध कवि मिल्टन के भतीजे एडवर्ड फिलिप्स ने १५४५ ई० में दि न्यू वर्ल्ड आव इंगलिश बर्डस, या 'ए जेनरल डिकश्नरी' नामक लोकप्रिय कोश का निर्माण किया था। १६६० तक के प्रकाशित कोशों की निर्माण संबंधी आवश्यकताओं में कदाचित् तात्कालिक प्रयोजन का सर्वाधिक महत्व था विशिष्ट महिलाओं यो अध्ययनशील विदुषियों को सहायता देना। बाद में चलकर कोशनिर्माण का इस प्ररणा का निर्देश नहीं मिलता। १७०२ ई० से १७०७ तेक 'लासोग्राफिया' के अनेक संस्करण छपे। एडवर्ड फिलाप्स का काश भी बाद क संस्करणों में अधिक महत्त्वपूर्ण हो गया। एशिसाकोत्स और एडवर्ड पार्कर के कोश भी इसी समय के आसपास छपे जिनका पुनर्मुद्रण बीसवीं शती तक भी होता रहा। जाँन करेन्सी ने भी 'डिक्शनेरियम एंग्लोब्रिटेनिकन' या 'जनरल इंग्लिश डिक्शनरी' निर्मित की जिसमें पुराने (प्रयोगलुप्त) शब्दों की पर्याप्त संख्या थी। .

नई!!: ऑक्सफ़ोर्ड और अंग्रेजी शब्दकोशों का इतिहास · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

ऑक्सफोर्ड, ऑक्स्फ़ोर्ड, ऑक्स्फोर्ड, आक्सफोर्ड

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »