लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

एसीटोन

सूची एसीटोन

ऐसीटोन (Acetone) एक रंगहीन, अभिलाक्षणिक गंधवाला, ज्वलनशील द्रव है जो पानी, ईथर और ऐलकोहल में मिश्रय है। यह काष्ठ के भंजक आसवन (destructive distillation) से प्राप्त पाइरोलिग्नियस अम्ल का घटक है। इसका मुख्य उपयोग विलायक के रूप में होता है। यह फिल्मों, शक्तिशाली विस्फोटकों, आसंजकों, काँच के समान एक प्लास्टिक (पर्स्पेक्स) और ओषधियों के निर्माण में काम आता है। अति शुद्ध ऐसीटोन का उपयोग इलेक्ट्रानिकी उद्योग में विभिन्न पुर्जो को सुखाने और उन्हें साफ करने के लिए होता है। एसीटोन का सिस्टेमैटिक नाम 'प्रोपेनोन' (propanone) है। इसका अणुसूत्र (CH3)2CO है। यह सबसे सरल कीटोन है। .

8 संबंधों: ऊष्मा चालकता, दहन ऊष्मा, पण्य रसायन, पृष्ठ तनाव, पेट्रोल, मानक संभवन पूर्णोष्मा, विलायकों के गलनांक तथा क्वथनांक, अभिकर्मकों की सूची

ऊष्मा चालकता

भौतिकी में, ऊष्मा चालकता (थर्मल कण्डक्टिविटी) पदार्थों का वह गुण है जो दिखाती है कि पदार्थ से होकर ऊष्मा आसानी से प्रवाहित हो सकती है या नहीं। ऊष्मा चालकता को k, λ, या κ से निरूपित करते हैं। जिन पदार्थों की ऊष्मा चालकता अधिक होती है उनसे होकर समान समय में अधिक ऊष्मा प्रवाहित होती है (यदि अन्य परिस्थितियाँ, जैसे ताप का अन्तर, पदार्थ की लम्बाई और क्षेत्रफल आदि समान हों)। जिन पदार्थों की ऊष्मा चालकता बहुत कम होती हैं उन्हें ऊष्मा का कुचालक (थर्मल इन्सुलेटर) कहा जाता है। ऊष्मा चालकता के व्युत्क्रम (रेसिप्रोकल) को उष्मा प्रतिरोधकता (thermal resistivity) कहते हैं। .

नई!!: एसीटोन और ऊष्मा चालकता · और देखें »

दहन ऊष्मा

किसी तत्त्व या यौगिक की १ ग्राम-अणु मात्रा को ऑक्सीजन में स्थिर आयतन पर पूर्णतया जलाने से जितनी उष्मा निकलती है, उसे उस तत्व या यौगिक की दहन-उष्मा (Heat of combustion) कहते हैं। दहन ऊष्मा का मान निम्नलिखित इकाइयों में व्यक्त किया जा सकता है-.

नई!!: एसीटोन और दहन ऊष्मा · और देखें »

पण्य रसायन

केमिकल एवं कई अन्य प्रकार के उत्पादों और संपादन के प्रकार। पण्य रसायन (Commodity chemicals या bulk commodities या bulk chemicals) रासायनिक पदार्थों के उस समूह को कहते हैं जिसना उत्पादन बहुत बड़े पैमाने पर किया जाता है ताकि वैश्विक मांग को पूरा किया जा सके। इन रसायनों के औसत मूल्य नियमित रूप से रासायनिक आंकड़े प्रकाशित करने वाले पत्र-पत्रिकाओं में छपते रहते हैं, जैसे और में। पण्य रसायन, रासायनिक उद्योग का एक उपक्षेत्र (सब-सेक्तर) है (अन्य क्षेत्र हैं- फाइन रसायन (fine chemical), विशिष्ट रसायन (speciality chemicals), अकार्बनिक रसायन (inorganic chemicals), शैल-रसायन (petrochemicals), औषध रसायन (pharmaceuticals), नवीकरणीय ऊर्जा (जैसे जैवैईंधन) आदि)। .

नई!!: एसीटोन और पण्य रसायन · और देखें »

पृष्ठ तनाव

कुछ कीट जल की सतह पर 'चल' पाते हैं। इसका कारण पृष्ठ-तनाव ही है। पृष्ठ तनाव (Surface tension) किसी द्रव के सतह या पृष्ट का एक विशिष्ट गुण है। दूसरे शब्दों मे, पृष्ठ-तनाव के कारण ही द्रवों का पृष्ट एक प्रकार की प्रत्यास्थता (एलास्टिक) का गुण प्रदर्शित करता है। पृष्ट तनाव के कारण ही पारे की बूँद, गोल आकार धारण कर लेती है न कि अन्य कोई रूप (जैसे घनाकार)। पृष्ठ तनाव के कारण द्रव अपने पृष्ठ (सतह) का क्षेत्रफल न्यूनतम करने की कोशिश करते हैं। गणितीय रूप में, पृष्ठ के इकाई लम्बाई पर लगने वाले बल को द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं। दूसरे शब्दों में, द्रव के पृष्ठ के इकाई क्षेत्रफल की वृद्धि के लिये आवश्यक ऊर्जा को उस द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं। इसका मात्रक बल प्रति इकाई लंबाई (जैसे न्यूटन/मीटर), या ऊर्जा प्रति इकाई क्षेत्र (जैसे जूल/वर्ग मीटर) है। .

नई!!: एसीटोन और पृष्ठ तनाव · और देखें »

पेट्रोल

जार में गैसोलीन गैसोलीन या पेट्रोल एक पेट्रोलियम से प्राप्त/व्युत्पन्न तरल-मिश्रण है। इसे प्राथमिकता से अन्तर्दहन इंजन में ईंधन के तौर पर प्रयोग किया जाता है। इसे एसीटोन की तरह एक शक्तिशाली घुलनशील द्रव्य की तरह भी प्रयोग किया जाता है। इसमें कई एलिफैटिक हाइड्रोकार्बन होते हैं, जिसके संग आइसो-आक्टेन या एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन जैसे टॉलुईन और बेन्ज़ीन भी मिलाये जाते हैं, जिससे इसकी ऑक्टेन क्षमता (ऊर्जा) बढ़ जाये। इसका वाष्पदहन तापमान शून्य से 62 डिग्री (सेल्सियस) कम होता है, यानि सामान्य तापमान पर इसका वाष्प दहनशील होता है। इसी वजह से इसे अत्यंत दहनशील पदार्थों की श्रेणी में रखा जाता है। भारत में इसपर डीज़ल के मुकाबले अधिक कर लगाया जाता है जिससे यह थोड़ा महंगा होता है। कई ठंडे देशों में इसको प्राथमिकता से प्रयोग में लाया जाता है क्योंकि बहुत कम तापमान में इसकी ज्वलनशीलता बाक़ी ईंधनों के मुकाबले अधिक होती है। .

नई!!: एसीटोन और पेट्रोल · और देखें »

मानक संभवन पूर्णोष्मा

लिथियम फ्लोराइड के लिये बॉर्न-हैबर (Born-Haber) आरेख जिसमें मानक संभवन पूर्णोष्मा दिखाया गया है। किसी यौगिक के संभवन (formation) के समय उसके १ मोल के निर्माण में होने वाला पूर्ण ऊष्मा परिवर्तन (change of enthalpy) उस यौगिक का मानक संभवन पूर्णोष्मा (standard enthalpy of formation) या मानक संभवन ऊष्मा (standard heat of formation) कहलाता है। यौगिक का निर्माण उसमें मौजूद तत्त्वों से होना चाहिये, तथा सभी पदार्थ अपने मानक अवस्था में तथा १ वायुमण्डलीय दाब पर होने चाहिये। मानक संभवन पूर्णोष्मा को ΔHfO या ΔfHO से दर्शाया जाता है। इस निरूपण में आने वाला थीटा (या शून्य) यह दिखाता है कि प्रक्रिया मानक स्थितियों में दिये हुए ताप पर (प्रायः 25 डिग्री सेल्सियस या 298.15 K) हुई है। मानक अवस्थाएं निम्नलिखित हैं-.

नई!!: एसीटोन और मानक संभवन पूर्णोष्मा · और देखें »

विलायकों के गलनांक तथा क्वथनांक

कोई विवरण नहीं।

नई!!: एसीटोन और विलायकों के गलनांक तथा क्वथनांक · और देखें »

अभिकर्मकों की सूची

यहाँ रसायन विज्ञान में प्रायः उपयोग में आने वाले अकार्बनिक एवं कार्बनिक अभिकर्मकों की सूची दी गयी है। .

नई!!: एसीटोन और अभिकर्मकों की सूची · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »