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एशिया

सूची एशिया

एशिया या जम्बुद्वीप आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। पश्चिम में इसकी सीमाएं यूरोप से मिलती हैं, हालाँकि इन दोनों के बीच कोई सर्वमान्य और स्पष्ट सीमा नहीं निर्धारित है। एशिया और यूरोप को मिलाकर कभी-कभी यूरेशिया भी कहा जाता है। एशियाई महाद्वीप भूमध्य सागर, अंध सागर, आर्कटिक महासागर, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर से घिरा हुआ है। काकेशस पर्वत शृंखला और यूराल पर्वत प्राकृतिक रूप से एशिया को यूरोप से अलग करते है। कुछ सबसे प्राचीन मानव सभ्यताओं का जन्म इसी महाद्वीप पर हुआ था जैसे सुमेर, भारतीय सभ्यता, चीनी सभ्यता इत्यादि। चीन और भारत विश्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भी हैं। पश्चिम में स्थित एक लंबी भू सीमा यूरोप को एशिया से पृथक करती है। तह सीमा उत्तर-दक्षिण दिशा में नीचे की ओर रूस में यूराल पर्वत तक जाती है, यूराल नदी के किनारे-किनारे कैस्पियन सागर तक और फिर काकेशस पर्वतों से होते हुए अंध सागर तक। रूस का लगभग तीन चौथाई भूभाग एशिया में है और शेष यूरोप में। चार अन्य एशियाई देशों के कुछ भूभाग भी यूरोप की सीमा में आते हैं। विश्व के कुल भूभाग का लगभग ३/१०वां भाग या ३०% एशिया में है और इस महाद्वीप की जनसंख्या अन्य सभी महाद्वीपों की संयुक्त जनसंख्या से अधिक है, लगभग ३/५वां भाग या ६०%। उत्तर में बर्फ़ीले आर्कटिक से लेकर दक्षिण में ऊष्ण भूमध्य रेखा तक यह महाद्वीप लगभग ४,४५,७९,००० किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और अपने में कुछ विशाल, खाली रेगिस्तानों, विश्व के सबसे ऊँचे पर्वतों और कुछ सबसे लंबी नदियों को समेटे हुए है। .

634 संबंधों: ऊँट, चना मसाला, चार एशियाई चीते, चिड़ियाघर, चित्रशाला, चिकनगुनिया, चुकची प्रायद्वीप, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, चौसिंगा, चेन्नई, चेन्नई में यातायात, चेन्नई मोफस्सिल बस टर्मिनस, चेल्याबिन्स्क ओब्लास्त, चीड़, चीता, चीन, चीन का इतिहास, चीनी बौद्ध धर्म, चीनी मार्शल आर्ट, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाइम (अंग्रेज़ी पत्रिका), टिटहरी, ट्यूनिसएर एयरलाइन्स, ट्रन राजवंश, टोक्यो स्टॉक एक्स्चेंज, टी. एस. कनाका, ए वॉक टू रिमेम्बर, एडिडास, एडवर्ड नॉर्टन, एड्स, एनएचके, एन्शीएंट हीलिंग, एबीएन एमरो, एयर न्यूज़ीलैंड, एयर कनाडा, एयर अरबिया, एल&टी इन्फोटेक, एल्ब्रुस पर्वत, एशियन, एशिया, एशिया एवं ऑस्ट्रेलेशिया में विश्व धरोहर स्थलों की सूची, एशिया में शहरों की सूची, एशिया में साम्राज्यवाद, एशिया की संकटापन्न भाषाओं की सूची, एशिया की जलवायु, एशिया की अर्थव्यवस्था, एशिया-प्रशांत, एशियाना एयरलाइंस, एशियाई बैडमिंटन प्रतियोगिता, एशियाई हाथी, ..., एशियाई वित्तीय संकट, एशियाई खेल, एशियाई ओलम्पिक परिषद, एसीसी महिला एशिया कप, एजूकेशनल कन्सल्टेंटस इंडिया लिमिटेड (एडसिल), एवेंक लोग, 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एशियाई खेल पदक तालिका, 2016 एशिया कप, 2019 एशियाई खेल, 2022 एशियाई खेल, 2022 शीतकालीन ओलम्पिक सूचकांक विस्तार (584 अधिक) »

ऊँट

ऊँट कैमुलस जीनस के अंतर्गत आने वाला एक खुरधारी जीव है। अरबी ऊँट के एक कूबड़ जबकि बैकट्रियन ऊँट के दो कूबड़ होते हैं। अरबी ऊँट पश्चिमी एशिया के सूखे रेगिस्तान क्षेत्रों के जबकि बैकट्रियन ऊँट मध्य और पूर्व एशिया के मूल निवासी हैं। इसे रेगिस्तान का जहाज भी कहते हैं। यह रेतीले तपते मैदानों में इक्कीस इक्कीस दिन तक बिना पानी पिये चल सकता है। इसका उपयोग सवारी और सामान ढोने के काम आता है। यह 7 दिन बिना पानी पिए रह सकता है ऊँट शब्द का प्रयोग मोटे तौर पर ऊँट परिवार के छह ऊँट जैसे प्राणियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है, इनमे दो वास्तविक ऊँट और चार दक्षिण अमेरिकी ऊँट जैसे जीव है जो हैं लामा, अलपाका, गुआनाको और विकुना। एक ऊँट की औसत जीवन प्रत्याशा चालीस से पचास वर्ष होती है। एक पूरी तरह से विकसित खड़े वयस्क ऊंट की ऊँचाई कंधे तक 1.85 मी और कूबड़ तक 2.15 मी होती है। कूबड़ शरीर से लगभग तीस इंच ऊपर तक बढ़ता है। ऊँट की अधिकतम भागने की गति 65 किमी/घंटा के आसपास होती है तथा लम्बी दूरी की यात्रा के दौरान यह अपनी गति 40 किमी/घंटा तक बनाए रख सकता है। जीवाश्म साक्ष्यों से पता चलता है कि आधुनिक ऊँट के पूर्वजों का विकास उत्तरी अमेरिका में हुआ था जो बाद में एशिया में फैल गये। लगभग 2000 ई.पू.

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चना मसाला

छोले कुल्चे उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध व्यंजन है। चना मसाला बनाने में प्रयुक्त सामग्री चना मसाला भारतीय खाने की एक प्रसिद्ध सब्जी है। इसमें मुख्य सामग्री काबुली चना है। यह तेज मसाले की चटपटी सब्जी होती है। यह दक्षिण एशिया पर्यन्त मिलती है, जिसमें यह उत्तर भारत में सबसे प्रचलित है। .

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चार एशियाई चीते

चार एशियाई चीते या एशियाई ड्रैगन एशिया की चार अतिविकसित अर्थव्यवस्थाएं है जो हैं ताइवान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और हांग कांग। ये चार क्षेत्र एशिया के प्रथम औद्योगिकृत क्षेत्रों में से थे जिन्होंने आरम्भिक १९६० से लेकर १९९० के दशक तक अभूतपूर्व प्रगति की थी। २१वीं सदी में चारों क्षेत्र अग्रिम अर्थव्यवस्थाओं और उच्च आय वाले बन गए हैं। हालांकि, अब अन्य एशियाई अर्थव्यवस्थाएं केन्द्र में आ गई हैं जहाँ आर्थिक वृद्धि दर अधिक है। चारों एशियाई चीतों के पास योग्य, उच्च शिक्षा प्राप्त कार्यबल है और इन्होंने कई क्षेत्रों में कौशल प्राप्त कर लिया हैं जहाँ इनके पास प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है। जैसे, हांगकांग और सिंगापुर विश्व के दो अग्रणी वित्तीय केन्द्र हैं, जबकि दक्षिण कोरिया और ताइवान सूचना प्रौद्योगिकी के मामले में अग्रणी हैं। बाद के दो क्षेत्रों की उन्नति की कहानी को हान नदी पर चमत्कार और ताइवानी चमत्कार कहा जाता है और ये दोनों देश बहुत से विकासशील देशों के लिए आदर्श माने जाते हैं, विशेषतः टागर क्लब की अर्थव्यवस्थाओं के लिए। .

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चिड़ियाघर

कैलिफोर्निया के सैन डिएगो चिड़ियाघर का प्रवेश द्वार, मई 2007. चिड़ियाघर या प्राणिउपवन (Zoological garden) वह संस्थान है जहाँ जीवित पशु पक्षियों को बहुत बड़ी संख्या में संग्रहीत कर रखा जाता है। लोग इन संग्रहित पशु पक्षियों को सुविधा और सुरक्षापूर्वक देख सकें इसकी भी व्यवस्था की जाती है। यहाँ उनके प्रजनन और चिकित्सा आदि की भी व्यवस्था होती है। दुनिया भर में आम जनता के लिए खोले गए प्रमुख पशु संग्रहालयों की संख्या अब 1,000 से भी अधिक है और उनमें से लगभग 80 प्रतिशत शहरों में हैं। जीवित पशु पक्षियों के संग्रह को रखने की परिपाटी बहुत प्राचीन है। ऐसे उपवनों के होने का सबसे पुराना उल्लेख चीन में ईसा के 1200 वर्ष पूर्व में मिलता है। चीन के चाऊ वंश के प्रथम शासक के पास उस समय ऐसा एक पशु पक्षियों का संग्रहालय था। ईसा के 2000 वर्ष पूर्व के मिस्रवासियों की कब्रों के आसपास पशुओं की हड्डियाँ पाई गई हैं, जिससे पता लगता है कि वे लोग आमोद प्रमोद के लिए अपने आसपास पशुओं को रखा करते थे। पीछे रोमन लोग भी पशुओं को पकड़कर अपने पास रखते थे। प्राचीन रोमनों और यूनानियों के पास ऐसे संग्रह थे जिनमें सिंह, बाघ, चीता, तेंदुए आदि रहते थे। ऐसा पता लगता है कि ईसा के 29 वर्ष पूर्व ऑगस्टस ऑक्टेवियस (Augustus Octavious) के पास 410 बाघ, 260 चीते और 600 अफ्रीकी जंतुओं का संग्रह था, जिसमें बाघ राइनोसिरस, हिपोपॉटैमस (दरियाई घोड़ा), भालू, हाथी, मकर, साँप, सील (seal), ईगल (उकाब) इत्यादि थे। पीछे जंतुओं के संग्रह की दिशा में उत्तरोत्तर वृद्धि हेती रही है और आज संसार के प्रत्येक देश और प्रत्येक बड़े-बड़े नगर में प्राणिउपवन विद्यमान हैं। .

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चित्रशाला

National Gallery of Art चित्रशाला में प्रदर्शित कलाकृतियाँ चित्रशाला उस विशेष भवन को कहते हैं जिसमें विभिन्न कलाकृतियाँ (चित्र तथा मूर्तियाँ आदि) संरक्षित तथा प्रदर्शित की जाती हैं। प्राय: कलासंग्रहालय (अंग्रेजी: म्यूजियम) का प्रयोग चित्रशाला के लिये होता रहा है किंतु इसके लिये चित्र संग्रहालय अथवा चित्रशाला (आर्ट म्यूजियम या आर्ट गैलरी) अधिक उपयुक्त शब्द है और यही अधिक प्रचलित है। .

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चिकनगुनिया

चिकनगुनिया लम्बें समय तक चलने वाला जोडों का रोग है जिसमें जोडों मे भारी दर्द होता है। इस रोग का उग्र चरण तो मात्र २ से ५ दिन के लिये चलता है किंतु जोडों का दर्द महीनों या हफ्तों तक तो बना ही रहता है। चिकनगुनिया विषाणु एक अर्बोविषाणु है जिसे अल्फाविषाणु परिवार का माना जाता है। यह मानव में एडिस मच्छर के काटने से प्रवेश करता है। यह विषाणु ठीक उसी लक्षण वाली बीमारी पैदा करता है जिस प्रकार की स्थिति डेंगू रोग मे होती है। .

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चुकची प्रायद्वीप

अमेरिका के अलास्का राज्य से केवल ५३ मील की समुद्री दूरी पर है चुकची प्रायद्वीप (रूसी: Чуко́тский полуо́стров, चुकोत्स्कीय पोलूओस्त्रोव) एशिया का सब से पूर्वोत्तर क्षेत्र है। यह साइबेरिया के बिलकुल उत्तर-पूर्वी अंत पर है। इसके उत्तर में चुकची सागर, दक्षिण में बेरिंग सागर और पूर्व में बेरिंग जलडमरू है। प्रशासनिक रूप से यह रूस के चुकोटका स्वशासी राज्य का भाग है। सन् १९९० में इस प्रायद्वीप पर रहने वालों की जनसँख्या १,५५,०० थी। यहाँ के मूल निवासी चुकची, ऍसकिमो, चुवानी, कोरयाक, एवेन और युकगीर जातियों के हैं, हालाँकि कुछ रूसी लोग भी यहाँ आकर बस गए हैं। चुकची प्रायद्वीप के बिलकुल पूर्वी छोर पर देझ़नेव अंतरीप है (ध्यान दीजिये कि 'झ़' का उच्चारण 'झ' से भिन्न है)। यहाँ से संयुक्त राज्य अमेरिका के अलास्का राज्य के सीवार्ड प्रायद्वीप (Seward Peninsula) का सब से नज़दीकी छोर केवल ५३ मील दूर है। पिछले हिमयुग के दौरान समुद्री सतह आज से कम थी और यहाँ एक ज़मीन का हिस्सा इन दोनों छोरो को जोड़े हुए था। माना जाता है के बहुत से मूल अमेरिकी आदिवासियों के पूर्वज इसी को पार करके एशिया से उत्तर अमेरिका में दाख़िल हुए। .

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चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार स्थित एक विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना १९७० में हुई थी। यह विश्वविद्यालय एशिया के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है। इसका नाम भारत के सातवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर रखा गया है। पहले यह संस्थान पंजाब कृषि विश्वविद्यालय का हिसार में 'उपग्रह कैम्पस' था। हरियाणा राज्य के निर्माण के बाद यह स्वायत्त संस्थान घोषित किया गया। ३१ अक्टूबर १९९१ को इसका नामकरण चौधरी चरण सिंह के नाम पर किया गया। यह विश्वविद्यालय भारत के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में सर्वाधिक शोधपत्र प्रकाशित करता है। १९९७ में इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा सर्वश्रेष्ठ संस्थान का सम्मान दिया गया। भारत के हरित क्रांति तथा श्वेत क्रांति में इस विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। .

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चौसिंगा

चौसिंगा, जिसे अंग्रेज़ी में Four-horned Antelope कहते हैं, एक छोटा बहुसिंगा है। यह टॅट्रासॅरस प्रजाति में एकमात्र जीवित जाति है और भारत तथा नेपाल के खुले जंगलों में पाया जाता है। चौसिंगा एशिया के सबसे छोटे गोकुलीय प्राणियों में से हैं। .

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चेन्नई

चेन्नई (पूर्व नाम मद्रास) भारतीय राज्य तमिलनाडु की राजधानी है। बंगाल की खाड़ी से कोरोमंडल तट पर स्थित यह दक्षिण भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक, आर्थिक और शैक्षिक केंद्रों में से एक है। 2011 की भारतीय जनगणना (चेन्नई शहर की नई सीमाओं के लिए समायोजित) के अनुसार, यह चौथा सबसे बड़ा शहर है और भारत में चौथा सबसे अधिक आबादी वाला शहरी ढांचा है। आस-पास के क्षेत्रों के साथ शहर चेन्नई मेट्रोपॉलिटन एरिया है, जो दुनिया की जनसंख्या के अनुसार 36 वां सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। चेन्नई विदेशी पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा जाने-माने भारतीय शहरों में से एक है यह वर्ष 2015 के लिए दुनिया में 43 वें सबसे अधिक का दौरा किया गया था। लिविंग सर्वेक्षण की गुणवत्ता ने चेन्नई को भारत में सबसे सुरक्षित शहर के रूप में दर्जा दिया। चेन्नई भारत में आने वाले 45 प्रतिशत स्वास्थ्य पर्यटकों और 30 से 40 प्रतिशत घरेलू स्वास्थ्य पर्यटकों को आकर्षित करती है। जैसे, इसे "भारत का स्वास्थ्य पूंजी" कहा जाता है एक विकासशील देश में बढ़ते महानगरीय शहर के रूप में, चेन्नई पर्याप्त प्रदूषण और अन्य सैन्य और सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का सामना करता है। चेन्नई में भारत में तीसरी सबसे बड़ी प्रवासी जनसंख्या 2009 में 35,000 थी, 2011 में 82,7 9 0 थी और 2016 तक 100,000 से अधिक का अनुमान है। 2015 में यात्रा करने के लिए पर्यटन गाइड प्रकाशक लोनली प्लैनेट ने चेन्नई को दुनिया के शीर्ष दस शहरों में से एक का नाम दिया है। चेन्नई को ग्लोबल सिटीज इंडेक्स में एक बीटा स्तरीय शहर के रूप में स्थान दिया गया है और भारत का 2014 का वार्षिक भारतीय सर्वेक्षण में भारत टुडे द्वारा भारत का सबसे अच्छा शहर रहा। 2015 में, चेन्नई को आधुनिक और पारंपरिक दोनों मूल्यों के मिश्रण का हवाला देते हुए, बीबीसी द्वारा "सबसे गर्म" शहर (मूल्य का दौरा किया, और दीर्घकालिक रहने के लिए) का नाम दिया गया। नेशनल ज्योग्राफिक ने चेन्नई के भोजन को दुनिया में दूसरा सबसे अच्छा स्थान दिया है; यह सूची में शामिल होने वाला एकमात्र भारतीय शहर था। लोनाली प्लैनेट द्वारा चेन्नई को दुनिया का नौवां सबसे अच्छा महानगरीय शहर भी नामित किया गया था। चेन्नई मेट्रोपॉलिटन एरिया भारत की सबसे बड़ी शहर अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। चेन्नई को "भारत का डेट्रोइट" नाम दिया गया है, जो शहर में स्थित भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग का एक-तिहाई से भी अधिक है। जनवरी 2015 में, प्रति व्यक्ति जीडीपी के संदर्भ में यह तीसरा स्थान था। चेन्नई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत एक स्मार्ट शहर के रूप में विकसित किए जाने वाले 100 भारतीय शहरों में से एक के रूप में चुना गया है। विषय वस्तु 1 व्युत्पत्ति 2 इतिहास 3 पर्यावरण 3.1 भूगोल 3.2 भूविज्ञान 3.3 वनस्पति और जीव 3.4 पर्यावरण संरक्षण 3.5 जलवायु 4 प्रशासन 4.1 कानून और व्यवस्था 4.2 राजनीति 4.3 उपयोगिता सेवाएं 5 वास्तुकला 6 जनसांख्यिकी 7 आवास 8 कला और संस्कृति 8.1 संग्रहालय और कला दीर्घाओं 8.2 संगीत और कला प्रदर्शन 9 सिटीस्केप 9.1 पर्यटन और आतिथ्य 9.2 मनोरंजन 9.3 मनोरंजन 9.4 शॉपिंग 10 अर्थव्यवस्था 10.1 संचार 10.2 पावर 10.3 बैंकिंग 10.4 स्वास्थ्य देखभाल 10.5 अपशिष्ट प्रबंधन 11 परिवहन 11.1 एयर 11.2 रेल 11.3 मेट्रो रेल 11.4 रोड 11.5 सागर 12 मीडिया 13 शिक्षा 14 खेल और मनोरंजन 14.1 शहर आधारित टीम 15 अंतर्राष्ट्रीय संबंध 15.1 विदेशी मिशन 15.2 जुड़वां कस्बों - बहन शहरों 16 भी देखें 17 सन्दर्भ 18 बाहरी लिंक व्युत्पत्ति इन्हें भी देखें: विभिन्न भाषाओं में चेन्नई के नाम भारत में ब्रिटिश उपस्थिति स्थापित होने से पहले ही मद्रास का जन्म हुआ। माना जाता है कि मद्रास नामक पुर्तगाली वाक्यांश "मैए डी डीस" से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है "भगवान की मां", बंदरगाह शहर पर पुर्तगाली प्रभाव के कारण। कुछ स्रोतों के अनुसार, मद्रास को फोर्ट सेंट जॉर्ज के उत्तर में एक मछली पकड़ने वाले गांव मद्रासपट्टिनम से लिया गया था। हालांकि, यह अनिश्चित है कि क्या नाम यूरोपियों के आने से पहले उपयोग में था। ब्रिटिश सैन्य मानचित्रकों का मानना ​​था कि मद्रास मूल रूप से मुंदिर-राज या मुंदिरराज थे। वर्ष 1367 में एक विजयनगर युग शिलालेख जो कि मादरसन पट्टणम बंदरगाह का उल्लेख करता है, पूर्व तट पर अन्य छोटे बंदरगाहों के साथ 2015 में खोजा गया था और यह अनुमान लगाया गया था कि उपरोक्त बंदरगाह रोयापुरम का मछली पकड़ने का बंदरगाह है। चेन्नई नाम की जन्मजात, तेलुगू मूल का होना स्पष्ट रूप से इतिहासकारों द्वारा साबित हुई है। यह एक तेलुगू शासक दमारला चेन्नाप्पा नायकुडू के नाम से प्राप्त हुआ था, जो कि नायक शासक एक दमनदार वेंकटपति नायक था, जो विजयनगर साम्राज्य के वेंकट III के तहत सामान्य रूप में काम करता था, जहां से ब्रिटिश ने शहर को 1639 में हासिल किया था। चेन्नई नाम का पहला आधिकारिक उपयोग, 8 अगस्त 1639 को, ईस्ट इंडिया कंपनी के फ्रांसिस डे से पहले, सेन्नेकेसु पेरुमल मंदिर 1646 में बनाया गया था। 1 99 6 में, तमिलनाडु सरकार ने आधिकारिक तौर पर मद्रास से चेन्नई का नाम बदल दिया। उस समय कई भारतीय शहरों में नाम बदल गया था। हालांकि, मद्रास का नाम शहर के लिए कभी-कभी उपयोग में जारी है, साथ ही साथ शहर के नाम पर स्थानों जैसे मद्रास विश्वविद्यालय, आईआईटी मद्रास, मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास मेडिकल कॉलेज, मद्रास पशु चिकित्सा कॉलेज, मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज। चेन्नई (तमिल: சென்னை), भारत में बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर स्थित तमिलनाडु की राजधानी, भारत का पाँचवा बड़ा नगर तथा तीसरा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। इसकी जनसंख्या ४३ लाख ४० हजार है। यह शहर अपनी संस्कृति एवं परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। ब्रिटिश लोगों ने १७वीं शताब्दी में एक छोटी-सी बस्ती मद्रासपट्ट्नम का विस्तार करके इस शहर का निर्माण किया था। उन्होंने इसे एक प्रधान शहर एवं नौसैनिक अड्डे के रूप में विकसित किया। बीसवीं शताब्दी तक यह मद्रास प्रेसिडेंसी की राजधानी एवं एक प्रमुख प्रशासनिक केन्द्र बन चुका था। चेन्नई में ऑटोमोबाइल, प्रौद्योगिकी, हार्डवेयर उत्पादन और स्वास्थ्य सम्बंधी उद्योग हैं। यह नगर सॉफ्टवेयर, सूचना प्रौद्योगिकी सम्बंधी उत्पादों में भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक शहर है। चेन्नई एवं इसके उपनगरीय क्षेत्र में ऑटोमोबाइल उद्योग विकसित है। चेन्नई मंडल तमिलानाडु के जीडीपी का ३९% का और देश के ऑटोमोटिव निर्यात में ६०% का भागीदार है। इसी कारण इसे दक्षिण एशिया का डेट्रॉएट भी कहा जाता है। चेन्नई सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है, यहाँ वार्षिक मद्रास म्यूज़िक सीज़न में सैंकड़ॊ कलाकार भाग लेते हैं। चेन्नई में रंगशाला संस्कृति भी अच्छे स्तर पर है और यह भरतनाट्यम का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र है। यहाँ का तमिल चलचित्र उद्योग, जिसे कॉलीवुड भी कहते हैं, भारत का द्वितीय सबसे बड़ा फिल्म उद्योग केन्द्र है। .

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चेन्नई में यातायात

चेन्नई में आई.टी हाइवे, जिसके शिरोपरि एम आर टी एस (चेन्नई) निकलता हुआ दिखाई दे रहा है चेन्नई दक्षिण भारत के प्रवेशद्वार की भांति प्रतीत होता है, जिसमें अन्ना अन्तर्राष्ट्रीय टर्मिनल एवं कामराज अन्तर्देशीय टार्मिनल सहित चेन्नई अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत का तीसरा व्यस्ततम विमानक्षेत्र है। चेन्नई शहर दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया, मध्य पूर्व, यूरोप एवं उत्तरी अमरीका के प्रधान बिन्दुओं पर ३० से अधिक राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय विमान सेवाओं से जुड़ा हुआ है। यह विमानक्षेत्र देश का दूसरा व्यस्ततम कार्गो टार्मिनस है। वर्तमान विमानक्षेत्र में अधिक आधुनिकिकरण और विस्तार कार्य प्रगति पर हैं। इसके अलावा श्रीपेरंबुदूर में नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट लगभग २००० करोड़ रु.

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चेन्नई मोफस्सिल बस टर्मिनस

चेन्नई मोफस्सिल बस टर्मिनस चेन्नई का एक आधुनिक बस टर्मिनस है। यह ३७ एकड़ में फ़ैला हुआ एशिया का सबसे बड़ा बस अड्डा है। इसे अपनी गुणवत्ता और प्रबंधन हेतु ISO 9001:2000 गुणवत्ता प्रमाणन मिला हुआ है। इसको १८ नवंबर, २००२ को उद्घाटित किया गया था। .

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चेल्याबिन्स्क ओब्लास्त

चेल्याबिन्स्क, रूस का एक ओब्लास्त (области या प्रांत) है जो यूराल पर्वतों के दक्षिणी क्षेत्र में यूरोप और एशिया के महाद्वीपों की आपसी सीमा पर स्थित है। .

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चीड़

चीड़ (अंग्रेजी:Pine), एक सपुष्पक किन्तु अनावृतबीजी पौधा है। यह पौधा सीधा पृथ्वी पर खड़ा रहता है। इसमें शाखाएँ तथा प्रशाखाएँ निकलकर शंक्वाकार शरीर की रचना करती हैं। इसकी ११५ प्रजातियाँ हैं। ये ३ से ८० मीटर तक लम्बे हो सकते हैं। चीड़ के वृक्ष पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में पाए जाते हैं। इनकी 90 जातियाँ उत्तर में वृक्ष रेखा से लेकर दक्षिण में शीतोष्ण कटिबंध तथा उष्ण कटिबंध के ठंडे पहाड़ों पर फैली हुई हैं। इनके विस्तार के मुख्य स्थान उत्तरी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका के शीतोष्ण भाग तथा एशिया में भारत, बर्मा, जावा, सुमात्रा, बोर्नियो और फिलीपींस द्वीपसमूह हैं। .

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चीता

बिल्ली के कुल (विडाल) में आने वाला चीता (एसीनोनिक्स जुबेटस) अपनी अदभुत फूर्ती और रफ्तार के लिए पहचाना जाता है। यह एसीनोनिक्स प्रजाति के अंतर्गत रहने वाला एकमात्र जीवित सदस्य है, जो कि अपने पंजों की बनावट के रूपांतरण के कारण पहचाने जाते हैं। इसी कारण, यह इकलौता विडाल वंशी है जिसके पंजे बंद नहीं होते हैं और जिसकी वजह से इसकी पकड़ कमज़ोर रहती है (अतः वृक्षों में नहीं चढ़ सकता है हालांकि अपनी फुर्ती के कारण नीची टहनियों में चला जाता है)। ज़मीन पर रहने वाला ये सबसे तेज़ जानवर है जो एक छोटी सी छलांग में १२० कि॰मी॰ प्रति घंटे ऑलदो एकोर्डिंग टू चीता, ल्यूक हंटर और डेव हम्मन (स्ट्रुइक प्रकाशक, 2003), pp.

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चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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चीन का इतिहास

चीन के राजवंशों की राज्यसीमाएँ पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर चीन में मानव बसाव लगभग साढ़े बाईस लाख (22.5 लाख) साल पुराना है। चीन की सभ्यता विश्व की पुरातनतम सभ्यताओं में से एक है। यह उन गिने-चुने सभ्यताओं में एक है जिन्होनें प्राचीन काल में अपना स्वतंत्र लेखन पद्धति का विकास किया। अन्य सभ्यताओं के नाम हैं - प्राचीन भारत (सिंधु घाटी सभ्यता), मेसोपोटामिया की सभ्यता, मिस्र सभ्यता और माया सभ्यता। चीनी लिपि अब भी चीन, जापान के साथ-साथ आंशिक रूप से कोरिया तथा वियतनाम में प्रयुक्त होती है। .

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चीनी बौद्ध धर्म

चीनी बौद्ध धर्म (हान चीनी बौद्ध धर्म) बौद्ध धर्म की चीनी शाखा है। बौद्ध धर्म की परम्पराओं ने तक़रीबन दो हज़ार वर्षों तक चीनी संस्कृति एवं सभ्यता पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा, यह बौद्ध परम्पराएँ चीनी कला, राजनीति, साहित्य, दर्शन तथा चिकित्सा में देखी जा सकती हैं। दुनिया की 65% से अधिक बौद्ध आबादी चीन में रहती हैं। भारतीय बौद्ध धर्मग्रन्थों का चीनी भाषा में अनुवाद ने पूर्वी एशिया व दक्षिण पूर्व एशिया में बौद्ध धर्म को बहुत बढ़ावा दिया, इतना कि बौद्ध धर्म कोरिया, जापान, रयुक्यु द्वीपसमूह और वियतनाम तक पहुँच पाया था। चीनी बौद्ध धर्म में बहुत सारी ताओवादी और विभिन्न सांस्कृतिक चीनी परम्पराएँ मिश्रित हैं। .

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चीनी मार्शल आर्ट

चीनी मार्शल आर्ट, कभी-कभी मैंडरिन चीनी भाषा में वुशु कहलाता है, लेकिन '''कुंग फू''' (पिनयिन गोंगफू) के नाम से लोकप्रिय है, कई तरह की लड़ाई की शैलियां हैं, जिन्हें आज जो चीन कहलाता है, वहा पे सदियों से विकसित किया गया है। लड़ाई की ये शैलियां आमतौर पर सामान्य लक्षण के अनुसार वर्गीकृत किया जाते हैं, इनकी पहचान "परिवार" (家, जिया), "संप्रदायों" (派, पै) अथवा "स्कूलों" (門, मे) के मार्शल आर्ट के रूप में की जाती है। ऐसे लक्षणों के उदाहरणों में पशुओं का अनुकरण करते हुए शारीरिक व्यायाम करना, अथवा चीनी दर्शन, धर्म और किंवदंतियों से प्रेरित प्रशिक्षण तरीके शामिल हैं। शैलियां जो ची में हेरफेर पर केंद्रित है, कभी-कभी इन्हें आंतरिक (内家拳, नीजियाक्वान-nèijiāquán) लेबल का कहा जाता है, जबकि अन्य जो मांसपेशियों को उन्नत बनाने और हृदयवाहिका संबंधी फिटनेस पर केंद्रित होती है, वाह्य (外家拳, वैजियाक्वान-wàijiāquán) लेबल की बतायी जाती हैं। भौगोलिक स्थिति जैसे कि उत्तरी (北拳, बीक्वान-běiquán) और दक्षिणी (南拳, नैनक्वान -nánquán) भी वर्गीकरण का एक अन्य लोकप्रिय तरीका है। .

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टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस लिमिटेड (टीसीएस) एक भारतीयबहुराष्ट्रीय कम्पनी सॉफ्टवेर सर्विसेस एवं कंसल्टिंग कंपनी है। यह दुनिया की सबसे बड़ी सूचना तकनीकी तथा बिज़नस प्रोसेस आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाता कंपनियों में से है। साल २००७ में, इसे एशिया की सबसे बड़ी सूचना प्रोद्योगिकी कंपनी आँका गया। भारतीय आई टी कंपनियों की तुलना में टीसीएस के पास सबसे अधिक कर्मचारी हैं। टीसीएस के ४४ देशों में २,५४,००० कर्मचारी हैं। ३१ मार्च २०१२ को ख़त्म होने वाले वित्तीय वर्ष में कंपनी ने १०.१७ अरब अमेरिकी डॉलर का समेकित राजस्व हासिल किया। टीसीएस भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी है। टीसीएस एशिया की सबसे बड़ी कंपनी समूह में से एक टाटा समूह का एक हिस्सा है। टाटा समूह ऊर्जा, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, निर्माण, रसायन, इंजीनियरिंग एवं कई तरह के उत्पाद बनाता है। वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी का मुनाफा 33.19% बढ़कर 7,000.64 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान कंपनी की आमदनी करीब 8% बढ़कर 30,028.92 करोड़ रुपये हो गयी। अप्रैल 2018 में, टीसीएस बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में अपनी एम-कैप 6,79,332.81 करोड़ रुपये (102.6 अरब डॉलर) के बाद 100 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण करने वाली पहली भारतीय आईटी कंपनी बन गई, और दूसरी भारतीय कंपनी (रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2007 में इसे हासिल करने के बाद)। .

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टाइम (अंग्रेज़ी पत्रिका)

टाइम (Time) अमेरिकी साप्ताहिक समाचार पत्रिका है जिसका प्रकाशन न्यू यॉर्क शहर से होता है। इसकी स्थापना 1923 में हुई थी और कई दशकों तक इस पर हॅनरी ल्यूस का प्रभुत्व रहा। टाइम के विश्व में कई विभिन्न संस्करण प्रकाशित होते हैं। यूरोपीय संस्करण टाइम यूरोप (पूर्व नाम: टाइम अटलांटिक) का प्रकाशन लंदन से होता है और यह मध्य पूर्व, अफ़्रीका और 2003 से लॅटिन अमेरिका को कवर करता है। एशियाई संस्करण टाइम एशिया हॉन्ग कॉन्ग से संचालित होता है। दक्षिण प्रशांत संस्करण सिडनी में आधारित है और इसमें ऑस्ट्रेलिया व न्यूज़ीलैंड सहित प्रशांत महासागर के द्वीप समूह कवर किए जाते हैं। 2008 में टाइम ने अपना कनाडा में स्थापित विज्ञापनदाता संस्करण बंद कर दिया था। साप्ताहिक समाचार पत्रिकाओं की श्रेणी में टाइम का संचलन विश्व में सर्वाधिक है। वर्ष 2014 के अनुसार, इसका कुल संचलन 3,281,557 प्रतियों का है, जो इसे अमेरिका की सर्वाधिक संचलन वाली सभी पत्रिकाओं में दसवाँ, तथा साप्ताहिक पत्रिकाओं में दूसरा स्थान देता है। मई 2006 से अक्टूबर 2013 तक इस पत्रिका के प्रबंध संपादक रिचर्ड स्टॅंगॅल थे, जिसके बाद से नॅन्सी गिब्स इस पद पर हैं। .

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टिटहरी

टिटहरी (अंग्रेज़ी:Sandpiper, संस्कृत: टिट्टिभ) मध्यम आकार के जलचर पक्षी होते हैं, जिनका सिर गोल, गर्दन व चोंच छोटी और पैर लंबे होते हैं। यह प्राय: जलाशयों के समीप रहती है। इसे कुररी भी कहते हैं। नर अपनी मादा को हवाई करतबों से रिझाता है, जिनमें उड़ान के बीच में द्रुत चढ़ाव, पलटे और चक्कर होते है। यह तेज़ चक्करों, हिचकोलों और लुढ़कन भरी उड़ान है, जिसमें कुछ अंतराल पर पंख फड़फड़ाने की ऊंची ध्वनि दूर तक सुनाई देती है। ये धरती पर मामूली सा खोदकर अथवा थोड़े से कंकरों और बालू से घिरे गढ्डे में घोंसला बनाते हैं। इनका प्रजनन बरसात के समय मार्च से अगस्त के दौरान होता है। ये सामान्यत: दो से पांच नाशपाती के आकार के (पृष्ठभूमि से बिल्कुल मिलते-जुलते, पत्थर के रंग के हल्के पीले पर स्लेटी-भूरे, गहरे भूरे या बैंगनी धब्बों वाले) अंडे देती हैं। .

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ट्यूनिसएर एयरलाइन्स

ट्यूनिसएर ट्यूनईशिया की शासकीय एरलाइन्स है। १९४८ में स्थापित यह एरलाइन्स युरोप, आफ्रिका और मध्य एशिया के कई सारे गंतव्यों के लिए उड़ानों का संचालन करती है। इसका मुख्य आधार केंद्र ट्यूनिस-कारतेज इंटरनॅशनल एरपोर्ट है और इसका मुख्य कार्यालय ट्यूनिस एरपोर्ट के निकल स्थित ट्यूनिस नगर में है ट्यूनिसएर अरब एर कॅरियर्स ऑर्गनाइज़ेशन की सदस्य है। .

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ट्रन राजवंश

ट्रन राजवंश (Trần dynasty) वियतनाम का एक राजवंश था जो सन् १२२५ ई में शुरु हुआ और १४०० ई तक चला। इसका आरम्भ १२२५ में सम्राट ट्रन थाई टोंग (Trần Thái Tông) के राजसिंहासन प्राप्त होने के साथ हुआ जब उनके चाचा ट्रन थू दो (Trần Thủ Độ) ने ली राजवंश के अंतिम शासक, ८ वर्षीय रानी ली चियु होआंग (Lý Chiêu Hoàng), को गद्दी से हटा दिया। ट्रन राजाओं के काल में उत्तर से मंगोल साम्राज्य ने तीन बार वियतनाम पर आक्रमण किया और तीनों बार उन्हें वापस धकेल दिया गया। इसमें १२८८ का बाच दांग नदी का युद्ध (Battle of Bạch Đằng River) निर्णायक माना जाता है। १४०० में ५ वर्षीय ट्रन थेउ दे (Trần Thiếu Đế) सम्राट था और उसे अपने नाना हो कुइ लय (Hồ Quý Ly) को गद्दी देनी पड़ी, जिसके साथ ट्रन राजवंश का काल समाप्त हो गया। .

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टोक्यो स्टॉक एक्स्चेंज

 (東京証券取引所, Tōkyō Shōken Torihikijo?) संक्षेप में  (東証?) या टी एस ई/टी वाय ओ एक स्टॉक एक्सचेंज है जो टोक्यो, जापान में स्थित है। अपनी सूचीबद्ध कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण के आधार पर यह एशिया का सबसे बड़ा व दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। अप्रैल 2015 में 2,292 सूचीबद्ध कंपनियों के साथ इसका संयुक्त बाजार पूंजीकरण 4.09 खरब अमेरिकी डॉलर था। जुलाई 2012 में ओसाका सिक्योरिटीज एक्सचेंज के साथ विलय की योजना को जापान फेयर ट्रेड कमीशन द्वारा अनुमोदित किया गया जिसके परिणामस्वरूप इकाई, जापान एक्सचेंज समूह (JPX) (日本取引所グループ निहोन Torihikijo Gurūpu), 1 जनवरी, 2013 को अस्तित्व में आई।:ja:マザーズ?) श्रेणी:लेख जिनमें जापानी-भाषा के पाठ हैं (अंग्रेज़ी में) अनुभाग के लिए उच्च विकास स्टार्टअप कंपनियों. के रूप में अक्टूबर 31, 2010, वहाँ रहे हैं 1675 में प्रथम खंड की कंपनियों, 437 दूसरे खंड की कंपनियों और 182 माताओं कंपनियों. (अंग्रेज़ी में) मुख्य सूचकांक पर नज़र रखने के लिए यह कर रहे हैं के निक्केई 225 सूचकांक की कंपनियों द्वारा चयनित Nihon Keizai Shimbun (जापान का सबसे बड़ा व्यापार समाचार पत्र), TOPIX सूचकांक के आधार पर शेयर की कीमतों में पहले खंड कंपनियों, और J30 सूचकांक की बड़े औद्योगिक कंपनियों द्वारा बनाए रखा जापान की प्रमुख ब्रॉडशीट अखबारों. नब्बे-चार घरेलू और 10 विदेशी प्रतिभूतियों कंपनियों में भाग लेने टीएसई व्यापार. देखें: सदस्यों के टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज अन्य टीएसई-संबंधित संस्थाओं में शामिल हैं.

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टी. एस. कनाका

तंजावुर संथनकृष्ण कनाका एशिया की पहेली न्यूरोसर्जन है। मस्तिष्क में पुरानी इलेक्ट्रोड प्रत्यारोपण करने के लिए वह भारत में पहली न्यूरोसर्जन है।Nashold B.S. (1994).

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ए वॉक टू रिमेम्बर

ए वॉक टू रिमेम्बर 2002 में बनी एक रोमेंटिक फिल्म है, जो इसी नाम से 1999 में प्रकाशित निकोलस स्पार्क्स के रोमेंटिक उपन्यास पर आधारित है। इस फिल्म में पॉप गायिका मैंडी मूर और शेन वेस्ट ने अभिनय किया है। यह फिल्म वार्नर ब्रदर्स के लिए एडम शैंकमैन द्वारा निर्देशित, डेनिस डिनोवी और हंट लोवारी द्वारा निर्मित है। स्पार्क्स द्वारा लिखे गए उपन्यास की पृष्ठभूमि 1950 की है, जबकि फिल्म की पृष्ठभूमि 1990 के आखिरी चरण और 2000 के शुरुआती चरण की है। .

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एडिडास

(registered in 1949) | founder .

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एडवर्ड नॉर्टन

एडवर्ड हैरिसन नॉर्टन (जन्म 18 अगस्त 1969) एक अमेरिकी फिल्म अभिनेता, पटकथा लेखक और निर्देशक हैं। 1996 में, अदालती नाटक प्राइमल फियर में उनकी सहायक भूमिका ने उनके लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के अकादमी पुरस्कार का नामांकन एकत्रित किया। दो साल बाद, अमेरिकन हिस्ट्री X में व्हाइट पावर स्किनहेड के रूप में अपनी मुख्य भूमिका के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए अकादमी अवार्ड में नामांकन प्राप्त हुआ। उनकी अन्य फिल्मों में किंगडम ऑफ़ हेवेन (2005), दी इल्युशनिस्ट (2006) और दी पेंटेड वेल (2006), जैसे पीरिअड फ़िल्में शामिल हैं; उनकी अन्य उल्लेखनीय फ़िल्में हैं राउंडर्स (1998),फाइट क्लब (1999), 25th आवर (2002), रेड ड्रैगन (2002) और दी इनक्रेडिबल हल्क (2008).

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एड्स

उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण या एड्स (अंग्रेज़ी:एड्स) मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एच.आई.वी) संक्रमण के बाद की स्थिति है, जिसमें मानव अपने प्राकृतिक प्रतिरक्षण क्षमता खो देता है। एड्स स्वयं कोई बीमारी नही है पर एड्स से पीड़ित मानव शरीर संक्रामक बीमारियों, जो कि जीवाणु और विषाणु आदि से होती हैं, के प्रति अपनी प्राकृतिक प्रतिरोधी शक्ति खो बैठता है क्योंकि एच.आई.वी (वह वायरस जिससे कि एड्स होता है) रक्त में उपस्थित प्रतिरोधी पदार्थ लसीका-कोशो पर आक्रमण करता है। एड्स पीड़ित के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता के क्रमशः क्षय होने से कोई भी अवसरवादी संक्रमण, यानि आम सर्दी जुकाम से ले कर क्षय रोग जैसे रोग तक सहजता से हो जाते हैं और उनका इलाज करना कठिन हो जाता हैं। एच.आई.वी.

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एनएचके

एन एच के का प्रतीक-चिह्न एनएचके (जापानी: 日本放送協会 (निप्पौन होसो क्योकाइ) अर्थात जापान प्रसारण निगम) जापान में एकमात्र लोक प्रसारण निगम है। प्रसारण का शुभारम्भ १९२५ में हुआ था। निगम के लिए धन जापान में टेलीविज़न दर्शकों से प्राप्त शुल्क से आता है। इस व्यवस्था का उद्देश्य राजनीति और निजी संगठनों के प्रभाव से मुक्त, निष्पक्ष प्रसारण उपलब्ध कराना और दर्शकों और श्रोताओं की राय को प्राथमिकता देना है। एनएचके इस समय देश के भीतर (यानी जापान में) ५ टीवी और ३ रेडियो चैनलों पर प्रसारण करता है। मुख्य सतही यानि टैरेस्ट्रियल टीवी सेवा के सामान्य टेलीविज़न और शैक्षिक टेलीविज़न चैनल तथा ३ रेडियो चैनल समाचार, शैक्षिक कार्यक्रम, पारिवारिक मनोरंजन आदि के कार्यक्रम प्रसारित करते हैं। ३ सैटेलाइट टीवी चैनल विविध रुचियों के कार्यक्रम प्रसारित करते हैं। एनएचके वर्ल्ड अंतर्राष्ट्रीय प्रसारण सेवाएँ प्रदान करता है।;एनएचके वर्ल्ड का परिचय शिबुया, टोक्यो स्थित एनएचके का प्रसारण केन्द्र एनएचके वर्ल्ड एनएचके की विदेश प्रसारण सेवा है। यह सेवा टीवी, रेडियो और इंटरनेट पर विश्व के दर्शकों और श्रोताओं के लिए समाचार और कार्यक्रम प्रसारित करती है। एनएचके का प्रसारण जापानी और अंग्रेज़ी भाषाओं में किया जाता है। यह चौबीसों घंटे प्रसारित होने वाली सेवा है।;एनएचके वर्ल्ड के उद्देश्य.

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एन्शीएंट हीलिंग

“एन्शिएंट हीलिंग” कलर्स टीवी द्वारा प्रसारित एक टेलीविजन कार्यक्रम है जो कि हिमालय की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली के आधुनिक अनुप्रयोगों पर आधारित है I totesnewsworthy.com.

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एबीएन एमरो

एबीएन एमरो बैंक एन.वी. (ABN AMRO Bank N.V.) एक डच बैंक हैं, जिसका मुख्यालय एम्स्टर्डम में है। 2009 में एक भारी परिवर्तन के बाद इसे पुनर्स्थापित किया गया, इस परिवर्तन के दौरान रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ग्रुप के नेतृत्व में एक बैंकिंग कॉन्सॉर्टियम द्वारा इसे अधिग्रहित और विभाजित किया गया और उसके बाद इसे असफल होने से रोकने के लिए डच सरकार द्वारा इसे आंशिक रूप से राष्ट्रीयकृत किया गया। बैंक के अधिग्रहण और विलय का एक लंबा इतिहास है जिसकी शुरूआत 1765 से होती है। 1991 में एबीएन एमरो का निर्माण अलगेमेन बैंक नीदरलैंड (एबीएन) और एम्स्टर्डम एंड रोटेरडम बैंक (एमरो (AMRO)) के बीच विलय से हुआ। संपत्ति के आधार पर 2007 तक एबीएन एमरो बैंक नीदरलैंड में दूसरा और यूरोप में आठवां सबसे बड़ा बैंक था। उस समय में द बैंकर और फॉर्च्यून ग्लोबल 500 पत्रिका ने दुनिया के सबसे बड़े बैंकों की सूची में इस बैंक को 15वें स्थान पर रखा जिसका परिचालन 63 देशों में हो रहा था और जिसमें 110,000 से भी अधिक कर्मचारी कार्यरत थे। 2007 में बैंक का अधिग्रहण किया गया, जो कि इतिहास में किसी कॉन्सॉर्टियम द्वारा किया गया उस समय का सबसे बड़ा अधिग्रहण था, जिसमें शामिल थे रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ग्रुप, फोर्टिस बैंक और बांको सनटेनडर और इनमें से पहले दो बैंक, अधिग्रहण के परिणामस्वरूप काफी संकट में फंस गए। ऋण की विशाल राशि ने जिसे इस अधिग्रहण में पूंजी लगाने के लिए एकत्रित किया गया था, उसने जब 2007-2010 का वित्तीय संकट शुरू हुआ ठीक उसी समय इन बैंकों की आरक्षित निधि को समाप्त कर दिया। इसके परिणामस्वरूप डच सरकार ने इसकी कमान संभाल ली और डच के हिस्से को राष्ट्रीयकृत किया जिसे प्राथमिक रूप से विफल होने से बचाने के लिए फोर्टिस को आंवटित किया गया था। स्कॉटिश बैंक को वित्तीय संकट से उबारने के कारण, आरबीएस (RBS) को आंवटित की गई शाखा पर ब्रिटेन सरकार ने प्रभावी रूप से नियंत्रण ले लिया। आरएफएस (RFS) होल्डिंग्स बी.वी.

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एयर न्यूज़ीलैंड

एयर न्यूजीलैंड, न्यूजीलैंड का राष्ट्रीय एयरलाइन्स एवं ध्वज वाहक हैं। ऑकलैंड में अवस्थितः ये एयरलाइन्स २५ घरेलु उड़ानों एवं 26 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, जो 15 देशों एशिया, यूरोप, नार्थ अमेरिका से होकर गुजरता है। ये एयरलाइन्स १९९९ से स्टार अलायन्स का सदस्य हैं। एयर न्यूजीलैंड का उद्भव १९४० में तस्मानिया एम्पायर एयरवेज लिमिटेड के नाम से हुआ था, ये एक फ्लाइंग बोट कंपनी थी जो ट्रांस तस्मान् फ्लाइट्स के तौर पर न्यूजीलैंड एवं ऑस्ट्रेलिया के बीच उड़ान भरती थी। १९६५ में इस कंपनी को न्यूजीलैंड की सरकार ने खरीद लिया एवं इसका नामकरण एयर न्यूज़ीलैंड कर दिया गया। ये एयरलाइन 1978 तक अंतरराष्ट्रीय रुट्स पे ही उड़ान भरती थी लेकिन जब इसका सम्मिलन घरेलु विमान सेवा वाली न्यूजीलैंड नेशनल एयरवेज कारपोरेशन के साथ कर दिया गया तो ये घरेलु रुट्स पे भी उड़ान भरने लगी। 1989 में इसका निजीकरण कर दिया गया लेकिन २००१ में सरकार ने पुनः इसकी स्वमित्ववा हासिल कर ली जब ऑस्ट्रेलिया की एयरलाइन्स कंपनी अनसेट ऑस्ट्रेलिया के साथ इसकी भागीदारी असफल हो गई। साल 2008 तक, एयर न्यूज़ीलैंड में 11.7 मिलियन यात्री सफर करते हैं। अ डगलस डीसी -८ अत सिडनी एयरपोर्ट एयर न्यूज़ीलैंड की रूट का तंत्र ऑस्ट्रेलिया एवं दक्षिण प्रशांत पर एवं साथ में लम्बी दूरी के सेवाओं में पूर्वी एशिया, उतरी अमेरिका एंड यूनाइटेड किंगडम में केंद्रित हैं। यह एयरलाइन्स अपनी रुट्स के चलते सारी दुनिआ का परिभ्रमण करती हैं। इस एयरलाइन्स का मुख्यालय ऑकलैंड हवाई अड्डे में अवस्थित है जो ऑकलैंड के शहरी क्षेत्र के दक्षिणी भाग मनगेर में स्तिथ हैं। इसके मुख्यालय की ईमारत का नाम “द हब” हैं जो ऑकलैंड एयरपोर्ट से 20 Km की दूरी एवं सेंट्रल ऑकलैंड के पश्चिमी रिक्लेमेशन में हैं। मक्डोनल डगलस डीसी -१० .

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एयर कनाडा

एयर कनाडा, कनाडा का ध्वज वाहक एवं सबसे बड़ा एयरलाइन्स हैं। इस एयरलाइन्स की स्थापना 1936 में हुई थी एवं ये विश्व के 178 गंतव्यों पर यात्री एवं कार्गो सुविधा उपलब्ध करता हैं। ये बेड़ो के साइज़ के आधार पर विश्व में 9 वा स्थान रखता हैं, एवं ये एयरलाइन्स स्टार एयरलाइन्स के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। एयर कनाडा का कॉर्पोरेट मुख्यालय मोंट्रियल है। जबकि इसका सबसे बड़ा केंद्र टोरंटो पीअरसन इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मिस्सिस्सआउगा, ओंटारियो में हैं।। 2013 में इसका यात्रियों से होने वाला राजस्व कैनेडियन $12.38 का था। इस एयरलाइन की क्षेत्रीय सेवा का नाम एयर कनाडा एक्सप्रेस हैं। कनाडा के राष्ट्रीय एयरलाइन्स का उद्भव 1936 में ट्रांस कनाडा एयरलाइन्स के रूप में कनाडा के संघीय सरकार के द्वारा किया गया था। जिसने अपनी पहली पार- महाद्वीपीय उड़ान 1938 में भरी। 1965 में इसका नाम सरकारी सहमति के बाद एयर कनाडा कर दिया गया। 1988 में इस एयरलाइन्स का निजीकरण किया गया था। 4 जनवरी 2000 को इसने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी कैनेडियन एयरलाइन्स का अधिग्रहण किया था। .

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एयर अरबिया

एयर अरबिया (العربية للطيران) संयुक्त अरब अमीरात एक प्रमुख वायुयान सेवा हैं। एयर अरबिया एक कम लागत वाली विमान सेवा है जिस्का मुख्य कार्यालय शारजाह में शारजाह फ्रेट केंद्र, शारजाह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, सैंयुक्त अरब अमीरात में स्थित है। इस एयरलाइन शारजाह से ५१ गंतव्यों के लिए अनुसूचित सेवाएं मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, भारतीय उपमहाद्वीप, मध्य एशिया और यूरोप से २२ देशों में, कैसाब्लांका, फेस, नडोर, टंगेर और मार्राकेश से ९ देशों में २८ स्थलों और अलेक्जेंड्रिया से ४ देशों में ६ स्थलों तक संचालित किया है|इसका मुख्य बेस शारजाह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। एयर अरबिया दूसरे कम लागत वाली विमान सेवाओं से अलग इस लिये है कि शारजाह में इसके बेस पर कई उड़ानों के लिए कनेक्शन प्रदान करता है। एयर अरबिया के भी फोकस शहरें अलेक्जेंड्रिया और कैसाब्लांका में है। एयर अरबिया अरब एयर कैरियर्स संगठन का एक सदस्य है। .

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एल&टी इन्फोटेक

लार्सन और ट्यूब्रो इन्फोटेक सूचना प्रौद्योगिकी और साफ्ट्वेयर सेवाएँ प्रदान करने वाली कंपनी है। इसका 100% स्वामित्व एशिया की सबसे बडी़ कंपनियों में से एक लार्सन और ट्यूब्रो के पास है। यह भारत कि उन कुछ चुनिंदा कम्पनियों में से है जो आई एस ओ 9001:2000 प्रमाणित है। यह कंपनी साफ्टवेयर अभियांतिकी संस्थान के कैपेबिलिटी मैच्युरिटी माडल के मानकों का पालन करती है और 5 वें स्तर की सत्यापित संस्था है। श्रेणी:सॉफ़्टवेयर कम्पनियाँ.

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एल्ब्रुस पर्वत

एल्ब्रुस पर्वत, जिसके दोनों पश्चिमी और पूर्वी शिखर नज़र आ रहे हैं एल्ब्रुस पर्वत एक सुप्त ज्वालामुखी है जो कॉकस क्षेत्र की कॉकस पर्वत शृंखला में स्थित है। इसके दो शिखर हैं - पश्चिमी शिखर ५,६४२ मीटर (१८,५१० फ़ुट) ऊंचा है और पूर्वी शिखर उस से ज़रा कम ५,६२१ मीटर (१८,४४२ फ़ुट) ऊंचा है। यूरोप और एशिया की सीमा कॉकस के इलाक़े से गुज़रती है और इस बात पर विवाद है के एल्ब्रुस यूरोप में है या एशिया में। अगर इसको यूरोप में माना जाए, तो यह यूरोप का सबसे ऊंचा पर्वत है। एल्ब्रुस रूस के काराचाए-चरकस्सिया क्षेत्र में स्थित है और जॉर्जिया की सीमा के काफ़ी नज़दीक है। .

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एशियन

कोई विवरण नहीं।

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एशिया

एशिया या जम्बुद्वीप आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। पश्चिम में इसकी सीमाएं यूरोप से मिलती हैं, हालाँकि इन दोनों के बीच कोई सर्वमान्य और स्पष्ट सीमा नहीं निर्धारित है। एशिया और यूरोप को मिलाकर कभी-कभी यूरेशिया भी कहा जाता है। एशियाई महाद्वीप भूमध्य सागर, अंध सागर, आर्कटिक महासागर, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर से घिरा हुआ है। काकेशस पर्वत शृंखला और यूराल पर्वत प्राकृतिक रूप से एशिया को यूरोप से अलग करते है। कुछ सबसे प्राचीन मानव सभ्यताओं का जन्म इसी महाद्वीप पर हुआ था जैसे सुमेर, भारतीय सभ्यता, चीनी सभ्यता इत्यादि। चीन और भारत विश्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भी हैं। पश्चिम में स्थित एक लंबी भू सीमा यूरोप को एशिया से पृथक करती है। तह सीमा उत्तर-दक्षिण दिशा में नीचे की ओर रूस में यूराल पर्वत तक जाती है, यूराल नदी के किनारे-किनारे कैस्पियन सागर तक और फिर काकेशस पर्वतों से होते हुए अंध सागर तक। रूस का लगभग तीन चौथाई भूभाग एशिया में है और शेष यूरोप में। चार अन्य एशियाई देशों के कुछ भूभाग भी यूरोप की सीमा में आते हैं। विश्व के कुल भूभाग का लगभग ३/१०वां भाग या ३०% एशिया में है और इस महाद्वीप की जनसंख्या अन्य सभी महाद्वीपों की संयुक्त जनसंख्या से अधिक है, लगभग ३/५वां भाग या ६०%। उत्तर में बर्फ़ीले आर्कटिक से लेकर दक्षिण में ऊष्ण भूमध्य रेखा तक यह महाद्वीप लगभग ४,४५,७९,००० किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और अपने में कुछ विशाल, खाली रेगिस्तानों, विश्व के सबसे ऊँचे पर्वतों और कुछ सबसे लंबी नदियों को समेटे हुए है। .

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एशिया एवं ऑस्ट्रेलेशिया में विश्व धरोहर स्थलों की सूची

ये एशिया एवं ओशिआनिया में विश्व धरोहर स्थलों की सूची है: .

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एशिया में शहरों की सूची

एशिया के नक्शे। यह सूची एशिया के देशों के शहरों की है:-.

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एशिया में साम्राज्यवाद

एशिया में साम्राज्यवाद के बीज पन्द्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पड़ गये थे जब भारत के लिये समुद्री मार्ग की खोज करने के लिये एक-के-बाद-एक कई समुद्री यात्राएँ की गयीं। ये यात्राएं यूरोप और एशिया के बीच मसालों के क्षेत्र में सीधा व्यापार-सम्पर्क स्थापित करने के उद्देश्य से की गयीं। 1415 से 1542 तक के पुर्तगाली यात्राएँ: पहुचने का स्थान व तिथि; हिन्द महासागर में पुर्तगाली व्यापारिक मार्ग (नीला); जॉन तृतीय के अधीन पुर्तगाली साम्राज्य (हरा) .

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एशिया की संकटापन्न भाषाओं की सूची

संकटापन्न भाषा वह भाषा है जिसपर प्रयोगबाह्य होने का खतरा मँडरा रहा हो। इसका कारण प्रायः यह होता है कि इसके जीवित भाषियों की संख्या बहुत कम रह गयी हो। यदि किसी भाषा के सभी भाषी समाप्त हो चुके हों तो यह विलुप्त भाषा कहलाती है।.

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एशिया की जलवायु

एशिया की जलवायु में बहुत विभिन्नता है। दक्षिण पूर्व में यह आर्द्र है, किन्तु अधिकांश आन्तरिक भाग शुष्क हैं। एशिया के कुछ पश्चिमी भागों के दैनिक तापमान तो इतने अधिक हैं कि पूरी पृथ्वी पर अधिकतम तापमान होंगे। श्रेणी:एशिया.

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एशिया की अर्थव्यवस्था

एशिया की अर्थव्यवस्था यूरोप के बाद विश्व की, क्रय शक्ति के आधार पर, दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। एशिया की अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत लगभग ४ अरब लोग आते हैं, जो विश्व जनसंख्या का ६०% है। ये ४ अरब लोग एशिया के ४६ विभिन्न देशों में निवास करते है। छः अन्य देशों के कुछ भूभाग भी आंशिक रूप से एशिया में पड़ते हैं, लेकिन ये देश आर्थिक और राजनैतिक कारणों से अन्य क्षेत्रों में गिने जाते हैं। एशिया वर्तमान में विश्व का सबसे ते़ज़ी उन्नति करता हुआ क्षेत्र है और चीजग इस समय एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जो कई पूर्वानुमानों के अनुसार अगले कुछ वर्षों में विश्व की भी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। विश्व के अन्य क्षेत्रों के समान ही, एशिया में भी सम्पत्ति का वितरण बहुत असमान है। इसके कई कारण हैं जैसे एशिया का आकार, जिसके कारण यहाँ बहुत अधिक सांस्कृतिक, पर्यावरणीय, एतिहासिक सम्बन्धों और शासन प्रणालियों में विविधता पाई जाती है। संज्ञात्मक और क्रय शक्ति दोनों ही आधार पर एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ इस प्रकार हैं: चीनी जनवादी गणराज्य, जापान, भारत, दक्षिण कोरिया और इण्डोनेशिया। सम्पत्ति को यदि प्रति व्यक्ति के आधार पर आँका जाए तो यह अधिकांशतः पूर्वी एशिया के राज्यक्षेत्रों में केन्द्रित है जैसे हाँगकाँग, जापान, सिंगापुर और ताइवान। इसके अतिरिक्त तेल-समृद्ध खाड़ी के देशों में जैसे ईरान, सउदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात में भी सम्पत्ति की उपलब्धता है। एशिया में वर्तमान में, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, हाँगकाँग और सिंगापुर को छोड़कर बहुत तेज़ी से वृद्धि और औद्योगिकरण हो रहा है जिसकी अगुआई चीन और बहुत हद तक भारत भी कर रहा है। पूर्वी एशिया और दक्षिणपूर्वी एशिया के देशों में वृद्धि विनिर्माण और व्यापार के द्वारा हो रही है और मध्यपूर्व के देशों में यह वृद्धि अधिकतर तेल के उत्पादन और निर्यात पर निर्भर है। पिछ्ले कई वर्षों में, तीव्र आर्थिक विकास और शेष विश्व के साथ विशाल व्यापार अधिशेष होने के कारण, एशिया के देशों में ४ खरब $ से अधिक का विदेशी मुद्रा भण्डार एकत्रित कर लिया है जो विश्व का आधे से भी अधिक है। .

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एशिया-प्रशांत

एशिया-प्रशांत या एशिया प्रशांत (संक्षिप्त रूप में APAC, Asia-Pac, AsPac, APJ, JAPA or JAPAC) दुनिया का वह हिस्सा हैं जो पश्चिमी प्रशांत महासागर के पास या निकट हैं। इस क्षेत्र का आकार संदर्भ के अनुसार बदलता रहता हैं, लेकिन आम तौर पर इस में पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और ओशिआनिया के कई क्षेत्र शामिल होते हैं। इस शब्द में रूस (उत्तरी प्रशांत पर) और पूर्वी प्रशांत महासागर के तट पर स्थित महाअमेरिका के देश भी शामिल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, में कनाडा, चिली, रूस, मेक्सिको, पेरू और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। वैकल्पिक रूप से, इस शब्द में कभी कभी पूर्ण एशिया और ऑस्ट्रेलेशिया के साथ साथ छोटे/मध्यम/बड़े प्रशांत द्वीप राष्ट्र (एशिया प्रशांत और ऑस्ट्रेलेशियाई महाद्वीप) भी शामिल होते हैं - उदाहरण के लिए, विभाजित जब दुनिया को में बड़े क्षेत्रों में वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए विभाजित किया जाता हैं (जैसे की, महाअमेरिका, EMEA और एशिया प्रशांत)। पूर्ण रूप से, ऐसा प्रतीत होता हैं कि "एशिया प्रशांत" की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं हैं और इस में क्षेत्रों का शामिल होना न होना संदर्भ पर आधारित हैं। त्रुटिपूर्ण के बावजूद, यह शब्द १९८० के अंत से वाणिज्य, वित्त और राजनीति में लोकप्रिय हो गया हैं।[प्रशस्ति पत्र की जरूरत] वास्तव में, क्षेत्रों की अर्थव्यवस्थाओं की विविधता के बावजूद, इस क्षेत्र के भीतर ज़्यादातर विशिष्ठ देश उभरते बाजार हैं जो तेज़ी से विकास का सामना कर रहे हैं। (अवधारणा/परिवर्णी शब्द APEJ या APeJ - एशिया-प्रशांत जापान को छोड़कर, तुलना करें।) .

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एशियाना एयरलाइंस

एशियाना एयरलाइन्स कोरियाई एयर के साथ दक्षिण कोरिया की दो प्रमुख एयर लाइन्स में से एक हैं। एशियाना का मुख्यालय सीओल के एशियाना टाउन बिल्डिंग में हैं। एयरलाइन्स का घरेलु केंद्र गिम्पो अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा में हैं एवं अंतराष्ट्रीय केंद्र इनचेओं हवाई अड्डे में हैं। स्टार अलायन्स के सदस्य होने के नाते य १४ घरेलु, ९० अंतराष्ट्रीय यात्री, एवं २७ कार्गो रूट पर सारे एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका एवं ओसेनाइआ में संचालन करती हैं। दिसमबर २०१४ तक इस कंपनी में १०,१८३ कर्मचारी कार्यरत हैं। एशियाना के ज्यादातर पायलट, जमीनी कर्मचारी एवं फ्लाइट परिचालक सीओल में स्तिथ हैं। एशियाना एयरलाइंस, एयर बुसान में सबसे बड़ी शेयरधारक है। एयर बुसान, बुसान मेट्रोपोलिटन सिटी के साथ एक कम लागत वाली क्षेत्रीय वाहक संयुक्त उद्यम है। वर्तमान में एशियाना, दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम और राष्ट्रपति कप 2015 का अधिकृत प्रायोजक है। .

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एशियाई बैडमिंटन प्रतियोगिता

बैडमिंटन एशिया प्रतियोगिता (2007 के संस्करण के बाद से यह नया नाम है, पहले इसे एशियाई बैडमिंटन प्रतियोगिताएँ के नाम से जान जाता था) बैडमिंटन एशिया परिसंघ द्वारा आयोजित एक बैडमिंटन प्रतियोगिता है जिसका लक्ष्य एशिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को पहचानना व पुरस्कृत करना है। प्रतियोगिता की शुरुवात १९६२ से हुई और १९९१ से यह हर वर्ष आयोजित की जाती रही है। इसमें व्यक्तिगत और टीम स्तरीय प्रतिस्पर्धाएँ होती रहे और १९९४ के बाद से टीम प्रतिस्पर्धाओं को बंद कर दिया गया। हालांकि २००३ के आयोजन में कुछ समस्या आ गयी जब चीन ने अंतिम समय में भाग लेने से इंकार कर दिया। शीर्ष प्रशिक्षक ली योंग्बो ने कहा कि यह प्रतियोगिता खिलाड़ियों को २००४ में होने वाले ओलम्पिक के लिये कोई वरीयता अंक नहीं दे रही है और इसलिए खिलाड़ियों को आराम का और समय मिलना चाहिए। प्रतिद्वंदिता कम होने की वजह से कुछ शीर्ष खिलाड़ी भी इसमें हिस्सा नहीं लेना चाहते थे। .

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एशियाई हाथी

एशियाई हाथी ऍलिफ़स प्रजाति की एकमात्र जीवित जाति है जो पश्चिम में भारत से लेकर पूर्व में बोर्नियो द्वीप तक पाया जाता है। इसकी तीन उपजातियाँ पहचानी जाती हैं —ऍलिफ़स मॅक्सिमस मॅक्सिमस श्रीलंका में, भारतीय हाथी (ऍलिफ़स मॅक्सिमस इन्डिकस) एशियाई मुख्यभूमि में, तथा ऍलिफ़स मॅक्सिमस सुमात्रेनस इंडोनीशिया के सुमात्रा द्वीप में। एशिया में यह ज़मीन का सबसे बड़ा जीवित प्राणी है। सन् १९८६ ई. से आइ.यू.सी.ऍन. ने इसे विलुप्तप्राय जाति की सूचि में डाला है क्योंकि पिछली तीन पीढ़ियों (क़रीब ६० से ७५ वर्ष) से इसकी आबादी में ५० प्रतिशत की गिरावट पायी गई है। यह जाति वस्तुतः आवासीय क्षेत्र की कमी, अधःपतन तथा विखण्डन का शिकार हुई है।सन् २००३ ई. में इसकी जंगली आबादी ४१,४१० तथा ५२,३४५ के बीच आंकी गई थी। एशियाई हाथी दीर्घायु होते हैं; सबसे लम्बी आयु ८६ वर्ष की दर्ज की गई है। सदियों से इस जानवर को दक्षिणी तथा दक्षिण पूर्वी एशिया में पालतू बनाया गया है तथा इसका विभिन्न प्रकार से उपयोग किया गया है। प्राचीन भारत में इसको घोड़ों की तरह सेना में प्रयोग किया जाता था। इसको धार्मिक जुलूसों में भी इसतेमाल किया जाता है। आधुनिक काल में इसे जंगल से पेड़ों के लट्ठे ढोने के काम में लाया जाता है। इसको पर्यटकों को, तथा राष्ट्रीय उद्यानों में सवारी कराने में भी इस्तेमाल किया जाता है।जंगली हाथियों को देखने के लिए विदेशी पर्यटक उन जगहों में आते हैं जहाँ उनके दिखने की सबसे ज़्यादा संभावना होती है;इससे राज्य को आमदनी भी होती है, लेकिन ऐसी जगहें ख़तरनाक होती हैं क्योंकि जंगली हाथी क़ाफ़ी आक्रामक होते हैं और मनुष्य की उपस्थिति में भगदड़ मचाते हैं जिससे खेती को क़ाफ़ी नुकसान होता है और ऐसी अवस्था में हाथी गाँवों में घुसकर जान-माल को नुकसान पहुँचाते हैं। .

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एशियाई वित्तीय संकट

एशियाई वित्तीय संकट वित्तीय संकट की अवधि थी जो जुलाई 1 99 7 से शुरू हुए बहुत से पूर्व एशिया की मजबूती में थी और आर्थिक संभोग के चलते दुनिया भर में आर्थिक मंदी की आशंका को उठाया गया था। थाई सरकार के बाद थाई बहत के वित्तीय पतन के साथ थाईलैंड में शुरू हुआ संकट (थाईलैंड में टॉम यम गौग संकट के रूप में जाना जाता है; थाई: วิกฤต ต้มยำ กุ้ง) विदेशी मुद्रा की कमी के कारण थायी सरकार को बाँटने के लिए मजबूर किया गया था अमेरिकी डॉलर में खूंटी उस समय, थाईलैंड ने विदेशी कर्ज का बोझ हासिल कर लिया था जिसने देश को अपनी मुद्रा के पतन से पहले भी प्रभावी ढंग से दिवालिया बनाया था। जैसा कि संकट फैलता है, दक्षिण पूर्व एशिया और जापान के अधिकांश स्लिपिंग मुद्राएं, अवमूल्यन स्टॉक मार्केट और अन्य परिसंपत्ति की कीमतें, और निजी कर्ज में बढ़ोतरी देखी गई। इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड संकट से प्रभावित देशों थे। हांगकांग, लाओस, मलेशिया और फिलीपींस भी मंदी से चोट लगीं। ब्रुनेई, चीन, सिंगापुर, ताइवान और वियतनाम कम प्रभावित थे, हालांकि सभी को पूरे क्षेत्र में मांग और आत्मविश्वास से नुकसान उठाना पड़ा। 1993-96 में चार बड़े एसोसिएशन ऑफ साउथईश एशियन नेशंस (आसियान) अर्थव्यवस्थाओं में विदेशी ऋण-टू-जीडीपी अनुपात 100% से 167% तक बढ़ गया, फिर संकट के सबसे खराब दौरान 180% से ऊपर की वृद्धि हुई। दक्षिण कोरिया में, अनुपात 13% से बढ़कर 21% और उसके बाद के उच्चतम 40% हो गया, जबकि अन्य उत्तरी नवप्रवर्तनशील देशों ने बेहतर प्रदर्शन किया। केवल थाईलैंड और दक्षिण कोरिया में ऋण सेवा-से-निर्यात अनुपात में वृद्धि हुई है। यद्यपि एशिया की अधिकांश सरकार वित्तीय नीतियों को अच्छी तरह से देखती थी, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया की मुद्राओं को स्थिर करने के लिए 40 अरब डॉलर का कार्यक्रम शुरू करने के लिए कदम बढ़ाया, विशेषकर संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्थाएं। एक वैश्विक आर्थिक संकट को रोकने के प्रयासों ने इंडोनेशिया में घरेलू स्थिति को स्थिर करने के लिए कुछ नहीं किया, हालांकि। सत्ता में 30 वर्षों के बाद, राष्ट्रपति सुहार्टो को 21 मई 1998 को व्यापक दंगों के चलते गिरने के लिए मजबूर किया गया था, जिसने रुपिया के कठोर अवमूल्यन के कारण तेजी से बढ़ोतरी की। 1 99 8 के माध्यम से संकट का असर हुआ। 1998 में फिलीपींस की वृद्धि दर लगभग शून्य पर आई। केवल सिंगापुर और ताइवान ने ही सदमे से अपेक्षाकृत अछूता साबित कर दिया है, लेकिन दोनों पारित होने में गंभीर हिट हुए, पूर्व में इसके आकार और मलेशिया और इंडोनेशिया के बीच भौगोलिक स्थान के कारण हालांकि,1999 तक, विश्लेषकों ने संकेत दिए कि एशिया की अर्थव्यवस्थाओं को ठीक करना शुरू हो रहा है। 1997 एशियाई वित्तीय संकट के बाद, इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था वित्तीय पर्यवेक्षण पर वित्तीय स्थिरता की दिशा में काम कर रही है। 1 999 तक, एशिया ने विकासशील देशों में कुल पूंजी प्रवाह के लगभग आधे हिस्से को आकर्षित किया दक्षिण पूर्व एशिया की अर्थव्यवस्थाओं ने उच्च ब्याज दरों को विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक बना दिया है जो उच्च दर की वापसी की तलाश में है। नतीजतन, इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं ने बड़े पैमाने पर धन प्राप्त किया और परिसंपत्ति की कीमतों में नाटकीय चलन का अनुभव किया। उसी समय, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया की क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं ने उच्च विकास दर, 8-12% जीडीपी,1980 के दशक के अंत में और 1993 के शुरूआती दौर में अनुभव किया था। यह उपलब्धि आईएमएफ और वित्तीय संस्थाओं सहित वित्तीय संस्थानों द्वारा व्यापक रूप से प्रशंसनीय थी। विश्व बैंक, और "एशियाई आर्थिक चमत्कार" के भाग के रूप में जाना जाता था। श्रेणी:वित्तीय समस्याएँ.

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एशियाई खेल

एशियाई खेलों को एशियाड के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रत्येक चार वर्ष बाद आयोजित होने वाली बहु-खेल प्रतियोगिता है जिसमें केवल एशिया के विभिन्न देशों के खिलाडी भाग लेते हैं। इन खेलों का नियामन एशियाई ओलम्पिक परिषद द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक परिषद के पर्यवेक्षण में किया जाता है। प्रत्येक प्रतियोगिता में प्रथम स्थान के लिए स्वर्ण, दूसरे के लिए रजत और तीसरे के लिए कांस्य पदक दिए जाते हैं, जिस परम्परा का शुभारम्भ १९५१ में हुआ था। प्रथम एशियाई खेलों का आयोजन दिल्ली, भारत में किया गया था, जिसने १९८२ में पुनः इन खेलों की मेज़बानी की। १५वें एशियाई खेल १ दिसंबर से १५ दिसंबर, २००६ के बीच दोहा, कतर में आयोजित हुए थे। सोलहवें एशियाई खेलों का आयिजन १२ नवंबर से २७ नवंबर, २०१० के बीच किया गया, जिनकी मेज़बानी ग्वांगझोउ, चीन ने की। १७वें एशियाई खेलों का आयोजन २०१४ में दक्षिण कोरिया के इंचेयान में होगा। .

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एशियाई ओलम्पिक परिषद

एशियाई ओलम्पिक परिषद का लोगो एशियाई ओलम्पिक परिषद एशिया में खेलों की सर्वोच्च संस्था है और एशिया के ४५ देशों की राष्ट्रीय ओलम्पिक समितियां इसकी सदस्य है। इसके वर्तमान अध्यक्ष शेख फहद अल-सबा हैं। परिषद के अन्दर सबसे पुरानी राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति जापान की है जिसे अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति की मान्यता १९१२ में मिली थी, जबकि पूर्वी तिमोर की राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति सबसे नई है, जो २००३ में इसकी सदस्य बनी। ए. ओ. प का मुख्यालय कुवैत नगर, कुवैत में स्थित है। .

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एसीसी महिला एशिया कप

एसीसी महिला एशिया कप एक अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट एशिया से महिला क्रिकेट टीमों से चुनाव लड़ा है। यह तिथि करने के लिए पांच बार खेला गया है। .

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एजूकेशनल कन्सल्टेंटस इंडिया लिमिटेड (एडसिल)

एजूकेशनल कन्सल्टेंटस इंडिया लिमिटेड (एडसिल) भारत सरकार का उद्यम है जो भारत और मानव संसाधन विकास के विभिन्न क्षेत्रों में परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराता है। उसका विशेष ध्यान एशिया और अफ्रीका के विकासशील देशों पर है। सेवाओं का क्षेत्र: परामर्श सेवाओं में एडसिल का क्षेत्र.

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एवेंक लोग

सन् १९०० के आसपास साइबेरिया में खींची गई कुछ एवेंकियों की तस्वीर एक पारम्परिक एवेंक ओझा (जो पुजारी और हक़ीम दोनों का स्थान रखता था) की पोशाक एवेंक लोग (रूसी: Эвенки, एवेंकी; मंगोल: Хамниган, ख़ामनिगन; अंग्रेजी: Evenk) पूर्वोत्तरी एशिया के साइबेरिया, मंचूरिया और मंगोलिया क्षेत्रों में बसने वाली एक तुन्गुसी जाति का नाम है। रूस के साइबेरिया इलाक़े में सन् २००२ में ३५,५२७ एवेंकी थे और यह औपचारिक रूप से 'उत्तरी रूस की मूल जनजाति' की सूची में शामिल थे।, José Antonio Flores Farfán, Fernando F. Ramallo, John Benjamins Publishing Company, 2010, ISBN 978-90-272-0281-9,...

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एंथ्राक्स

ऐन्थ्रैक्स का जीवाणु एन्थ्राक्स एक खतरनाक एवं जानलेवा रोग है। यह मानव एवं पशु दोंनो को संक्रमित करता है। इसका कारण बेसिलस ऐन्थ्रैक्स नामक जीवाणु है। इस रोग के खिलाफ कार्य करने वाला वैक्सीन हैं एवं प्रतिजैविक भी उपलब्ध हैं। बींसवा सदी को आने तक इस रोग ने एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में लाखों पशुओं एवं मनुष्यों को प्रतिवर्ष मारा। सर्वप्रथम फ्रांसीसी वैज्ञानिक लुई पाश्चर ने इसके पहले प्रभावी वैक्सीन का निर्माण किया। यह बैक्टिरिया संक्रामक नहीं है और मुख्य रूप से जानवरों में फैलता है, फिर भी खाने–पीने से ले कर सांस के साथ इसके स्पॊर हमारे शरीर में पहुँच कर अंकुरित हो सकते हैं। यहाँ तक कि हमारी त्वचा में भी यदि कोई घाव है तो वहाँ भी ये अंकुरित हो सकते हैं और कुछ ही समय में इस बीमारी के जानलेवा लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। खाने–पीने के साथ एंथ्रैक्स के स्पॊर्स हमारे आहार नाल मे पहुँच कर मितली, खूनी उल्टी, खूनी दस्त, पेट दर्द आदि के लक्षण उत्पन्न करते हैं। २५ से ६० प्रतिशत लोगों की मृत्यु भी हो जाती है। त्वचा पर इसका प्रभाव छोटे–छोटे उभारों के रूप में दीखता है जो शीघ्र ही फोड़े का रूप ले लेता है जिससे पानी के समान पतला पीव बहता रहता है। प्रारंभिक लक्षणों के समय इसका निदान सिप्रोफ्लॉक्सेसिन नामक एंटीबॉयोटिक द्वारा किया जा सकता है परंतु बाद में केवल इस बैक्टिरिया को नष्ट किया जा सकता है, इस बीमारी के लक्षणों को नहीं। .

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एक्नेस समूह

EXNESS वैश्विक वित्तीय बाजार में सक्रिय कंपनियों का एक समूह है। EXNESS समूह का प्राथमिक कार्य ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए अंतर्राष्ट्रीय विदेशी विनिमय बाजार में सेवाएं प्रदान करना है। .

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ऐन्डीज़ पर्वत शृंखला

अकोंकागुआ का आकाशीय चित्र ऐण्डीज (स्पेनी व अंग्रेज़ी: Andes) दुनिया की सबसे लम्बी पर्वत श्रृंखला है जो दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित है। कुल मिलाकर यह पर्वतमाला ७,००० किमी तक चलती है और लगभग २०० किमी की औसत चौड़ाई रखती है।, Carina Hoorn, Frank Wesselingh, pg 1-400, John Wiley & Sons, 2011, ISBN 9781444360257,...

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ऐल्प्स पर्वतमाला

ऐल्प्स या आल्प्स मध्य यूरोप की सबसे बड़ी पर्वतमाला है। दक्षिण-पश्चिम से पूर्वोत्तर की ओर चलने वाली यह पर्वतों की श्रेणी लगभग १,२०० किमी लम्बी है और आठ यूरोपीय देशों से निकलती है। हालाँकि कॉकस पर्वत इस से अधिक ऊँचे हैं और यूराल पर्वत श्रेणी इस से अधिक दूरी तक चलती है, लेकिन वे दोनों यूरोप और एशिया के बीच हैं। इस कारणवश ऐल्प्स यूरोप के सबसे महान पहाड़ माने जाते हैं। .

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झाऊ

झाऊ (tamarisk) सपुष्पक पौधों की ५०-६० जीववैज्ञानिक जातियों वाला एक जीववैज्ञानिक कुल है, जो औपचारिक रूप से टमैरिकेसिए (Tamaricaceae) कहलाता है। यह जातियाँ एशिया, यूरोप और अफ़्रीका के शुष्क इलाकों में पाई जाती हैं। उत्तर भारत में यह बहुत क्षेत्रों में फैला हुआ वृक्ष है। .

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डच इस्ट इंडिया कंपनी

वेरऐनिख़्डे ऑव्स्टिडिस्ख़े कोम्पाख़्नी, वीओसी (डच: Verenigde Oostindische Compagnie, VOC) या अंग्रेज़ीकरण यूनाइटेड ईस्ट इंडिया कंपनी नीदरलैंड की एक व्यापारिक कंपनी है जिसकी स्थापना 1602 में की गई और इसे 21 वर्षों तक मनमाने रूप से व्यापार करने की छूट दी गई। भारत आने वाली यह सब से पहली यूरोपीय कंपनी थी। .

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डिगबोई तेल शोधनागार

डिगबोई तेल शोधनागार (रिफाइनरी) को असम ऑइल कंपनी लिमिटेड द्वारा 1901 में डिगबोई में स्थापित किया गया था। यह एशिया की सबसे पुरानी और सबसे लम्बे समय से परिचालित तेल रिफाइनरी है। 1981 से इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसी) ने असम तेल कंपनी लिमिटेड की रिफाइनरी और विपणन प्रबंधन अपने हाथ में लिया और एक अलग विभाग बनाया। यह विभाग तेल शोधन और विपणन दोनों अभियानों के लिए जिम्मेदार है। डिगबोई तेल शोधनागार में रिफाइनरी स्थापित क्षमता 0.50 एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक प्रतिवर्ष टन) था। रिफाइनरी की शोधन क्षमता में जुलाई, 1996 में रिफाइनरी के आधुनिकीकरण से 0.65 एमएमटीपीए की वृद्धि हुई थी। 1999 में 1,70,000 टीपीए क्षमता का एक नया कोकिंग यूनिट चालू किया गया। माइक्रोक्रिस्टेलाइन मोम का उत्पादन बढ़ाने के लिए एक नए साल्वेंट डीवाक्सिंग यूनिट 2003 में स्थापित और चालू किया गया। रिफाइनरी भी डीज़ल की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए 2002 में हाइड्रोट्रीटर-युओपी स्थापित किया है। .

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ड्रीम थियेटर

ड्रीम थियेटर एक अमेरिकी प्रगतिशील मेटल बैंड है, जिसे जॉन पेट्रुकी, जॉन म्युंग और माइक पोर्टनॉय द्वारा 1985 में मेजेस्टी नाम के तहत गठित किया गया था, जब वे मैसाचुसेट्स में बर्कले कॉलेज ऑफ़ म्युज़िक जाया करते थे और इस बैंड को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया। हालांकि, सदस्यों में कई फेर-बदल हुए, मूल तीन सदस्य, जेम्स लाब्री और रुडेस जॉर्डन के साथ आज भी बने हुए हैं। ड्रीम थियेटर एक सफल प्रगतिशील मेटल बैंड बन गया है। यद्यपि बैंड के नाम एक ही सफल हिट है ("पुल मी अंडर" 1992, जिसे व्यापक MTV दोहराव प्राप्त हुआ), तथापि, वे मुख्य धारा से अपेक्षाकृत बाहर रहे।. बैंड को, इसके वादकों की तकनीकी दक्षता के लिए भली प्रकार से जाना जाता है, जिन्हें संगीत शिक्षा पत्रिकाओं की तरफ से कई पुरस्कार मिले हैं। ड्रीम थियेटर के सदस्यों ने कई अन्य उल्लेखनीय संगीतकारों के साथ सहयोग किया है। गिटारवादक जॉन पेट्रुकी को G3 टूर पर छह बार तीसरे वादक के रूप में नामित किया गया है, जो किसी भी अन्य आमंत्रित गिटारवादक से ज़्यादा है, इस प्रकार उन्होंने एरिक जॉनसन और रॉबर्ट फ्रिप की बराबरी की। ड्रम वादक, माइक पोर्टनॉय ने मॉडर्न ड्रमर मैग्जीन से 23 पुरस्कार जीते हैं और रॉक ड्रमर हॉल ऑफ़ फेम में शामिल किये जाने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के (37 की उम्र में) व्यक्ति हैं। बैंड का सर्वाधिक बिकने वाला एल्बम है, गोल्ड बिक्री वाला इमेजेस एंड वर्ड्स (1992), बिलबोर्ड 200 चार्ट पर #61 पर पहुंचा।ड्रीम थियेटर के लिए बिलबोर्ड चार्ट के इतिहास को में देखा जा सकता है। 1994 का अवेक और 2002 का सिक्स डिग्रीज़ ऑफ़ इनर टरब्युलेंस, उनके इन दोनों ही एल्बमों ने चार्ट पर क्रमशः #32 और #46 पर प्रवेश किया और इन्हें ज्यादातर सकारात्मक समीक्षाएं प्राप्त हुईं.

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डेंगू बुख़ार

डेंगू बुख़ार एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस के कारण होता है। समय पर करना बहुत जरुरी होता हैं. मच्छर डेंगू वायरस को संचरित करते (या फैलाते) हैं। डेंगू बुख़ार को "हड्डीतोड़ बुख़ार" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ित लोगों को इतना अधिक दर्द हो सकता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गयी हों। डेंगू बुख़ार के कुछ लक्षणों में बुखार; सिरदर्द; त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। कुछ लोगों में, डेंगू बुख़ार एक या दो ऐसे रूपों में हो सकता है जो जीवन के लिये खतरा हो सकते हैं। पहला, डेंगू रक्तस्रावी बुख़ार है, जिसके कारण रक्त वाहिकाओं (रक्त ले जाने वाली नलिकाएं), में रक्तस्राव या रिसाव होता है तथा रक्त प्लेटलेट्स  (जिनके कारण रक्त जमता है) का स्तर कम होता है। दूसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम है, जिससे खतरनाक रूप से निम्न रक्तचाप होता है। डेंगू वायरस चार भिन्न-भिन्न प्रकारों के होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को इनमें से किसी एक प्रकार के वायरस का संक्रमण हो जाये तो आमतौर पर उसके पूरे जीवन में वह उस प्रकार के डेंगू वायरस से सुरक्षित रहता है। हलांकि बाकी के तीन प्रकारों से वह कुछ समय के लिये ही सुरक्षित रहता है। यदि उसको इन तीन में से किसी एक प्रकार के वायरस से संक्रमण हो तो उसे गंभीर समस्याएं होने की संभावना काफी अधिक होती है।  लोगों को डेंगू वायरस से बचाने के लिये कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। डेंगू बुख़ार से लोगों को बचाने के लिये कुछ उपाय हैं, जो किये जाने चाहिये। लोग अपने को मच्छरों से बचा सकते हैं तथा उनसे काटे जाने की संख्या को सीमित कर सकते हैं। वैज्ञानिक मच्छरों के पनपने की जगहों को छोटा तथा कम करने को कहते हैं। यदि किसी को डेंगू बुख़ार हो जाय तो वह आमतौर पर अपनी बीमारी के कम या सीमित होने तक पर्याप्त तरल पीकर ठीक हो सकता है। यदि व्यक्ति की स्थिति अधिक गंभीर है तो, उसे अंतः शिरा द्रव्य (सुई या नलिका का उपयोग करते हुये शिराओं में दिया जाने वाला द्रव्य) या रक्त आधान (किसी अन्य व्यक्ति द्वारा रक्त देना) की जरूरत हो सकती है। 1960 से, काफी लोग डेंगू बुख़ार से पीड़ित हो रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह बीमारी एक विश्वव्यापी समस्या हो गयी है। यह 110 देशों में आम है। प्रत्येक वर्ष लगभग 50-100 मिलियन लोग डेंगू बुख़ार से पीड़ित होते हैं। वायरस का प्रत्यक्ष उपचार करने के लिये लोग वैक्सीन तथा दवाओं पर काम कर रहे हैं। मच्छरों से मुक्ति पाने के लिये लोग, कई सारे अलग-अलग उपाय भी करते हैं।  डेंगू बुख़ार का पहला वर्णन 1779 में लिखा गया था। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में वैज्ञानिकों ने यह जाना कि बीमारी डेंगू वायरस के कारण होती है तथा यह मच्छरों के माध्यम से संचरित होती (या फैलती) है। .

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डॉन २

डॉन २ एक बॉलीवुड फ़िल्म है जो २१ दिसम्बर २०११ को रिलीज़ हुई जिसे फरहान अख्तर द्वारा निर्मित किया गया है। फ़िल्म में शाहरुख़ ख़ान व प्रियंका चोपड़ा मुख्य भूमिका में है और लारा दत्ता, ओम पुरी व कुणाल कपूर सह-कलाकार की भूमिका में। यह 2006 में बनी डॉन का दूसरा भाग है। इसे 21 दिसम्बर 2011 को 2डी और 3डी में व तमिल और तेलुगू भाषाओं में रिलिज़ किया गया। .

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डॉ॰ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय

डॉ॰ ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय(अंग्रेजी: Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University) (पूर्व मे उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ८ मई, २००० स्थापित हुआ एक विश्वविद्यालय है। यह एशिया में सबसे बड़ा तकनीकी विश्वविद्यालय है। इसके अंतर्गत ५०० महाविद्यालय आते हैं। यह लखनऊ में आई ई टी परिसर, सीतापुर मार्ग पर स्थित था जो अब जानकीपूरम extension योजना shift हो गया है.

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डीडी उर्दू

डीडी उर्दू एक राज्य के स्वामित्व वाला टीवी चैनल है जो दिल्ली में दूरदर्शन केन्द्र से प्रसारित होता है। डीडी उर्दू चैनल का मुख्य उद्देश्य भारतीय नागरिकों के बीच उर्दू भाषा का प्रसार करने से है। डीडी उर्दू के प्रमुख कार्यालय मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन के पास नई दिल्ली में है। डीडी उर्दू का प्रसारण की उपलब्धता भारत और एशिया, चीन और खाड़ी देशों के कुछ हिस्सों में है। .

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ढोल (बहुविकल्पी)

ढोल शब्द का अर्थ निम्नप्रायः हो सकता है:-.

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तमिल नाडु

तमिल नाडु (तमिल:, तमिऴ् नाडु) भारत का एक दक्षिणी राज्य है। तमिल नाडु की राजधानी चेन्नई (चेऩ्ऩै) है। तमिल नाडु के अन्य महत्त्वपूर्ण नगर मदुरै, त्रिचि (तिरुच्चि), कोयम्बतूर (कोऽयम्बुत्तूर), सेलम (सेऽलम), तिरूनेलवेली (तिरुनेल्वेऽली) हैं। इसके पड़ोसी राज्य आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल हैं। तमिल नाडु में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा तमिल है। तमिल नाडु के वर्तमान मुख्यमन्त्री एडाप्पडी  पलानिस्वामी  और राज्यपाल विद्यासागर राव हैं। .

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ताड़

भारत के कलकत्ता में ताड़ का वृक्ष ताड़ एकबीजपत्री वृक्ष है। इसकी 6 प्रजातियाँ होती हैं। यह अफ्रीका, एशिया तथा न्यूगीनी का मूल-निवासी है। इसका तना सीधा, सबल तथा शाखाविहिन होता है। ऊपरी सिरे पर कई लम्बी वृन्त तथा किनारे से कटी फलकवाली पत्तियाँ लगी होती हैं। इसका फल काष्ठीय गुठलीवाला होता है। ताड़ के वृक्ष 30 मीटर तक बढ़ सकते हैं। .

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तालपत्र

लगभग ३०० ईसापूर्व का तमिल तालपत्र ताड़ (ताल) के सूखे पत्तों पर लिखी पाण्डुलिपियाँ तालपत्र कहलाती हैं। पाण्डुलिपि के लिये तालपत्र का उपयोग एशिया के कुछ भागों (मुख्यत: भारत) में १५वीं शती ईसापूर्व तक मिलता है। आरम्भ में ज्ञान मौखिक रूप से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरित होता था। किन्तु लिपि के आविर्भाव के उपरान्त ज्ञान को तालपत्रों पर लिखकर सुरक्षित किया जाने लगा। नेपाल से प्राप्त तालपत्र पर देवीमहात्म्य श्रेणी:विभिन्न प्रकार की पाण्डुलिपियाँ.

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ताजमहल

ताजमहल (تاج محل) भारत के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मक़बरा है। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने, अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था। ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है। सन् १९८३ में, ताजमहल युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना। इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली, अत्युत्तम मानवी कृतियों में से एक बताया गया। ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है। साधारणतया देखे गये संगमर्मर की सिल्लियों की बडी- बडी पर्तो से ढंक कर बनाई गई इमारतों की तरह न बनाकर इसका श्वेत गुम्बद एवं टाइल आकार में संगमर्मर से ढंका है। केन्द्र में बना मकबरा अपनी वास्तु श्रेष्ठता में सौन्दर्य के संयोजन का परिचय देते हैं। ताजमहल इमारत समूह की संरचना की खास बात है, कि यह पूर्णतया सममितीय है। इसका निर्माण सन् १६४८ के लगभग पूर्ण हुआ था। उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रायः इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जाता है। .

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ताइपे

ताइपे शहर का दृश्य ताइपे शहर का झण्डा ताइवान में ताइपे की स्थिति ताइपे, चीन गणराज्य (जिसे ताइवान के नाम से ज्यादा जाना जाता है) की राजधानी है। ताइपे ताइवान द्वीप के सबसे बड़े मेट्रोपोलिटन क्षेत्र का केंद्रीय शहर है। यह द्वीप के उत्तरी छोर पर, तम्सुई नदी के किनारे पर स्थित है। ताइपे शहर की आबादी २६,१८,७७२ है। ताइपे, नया ताइपे और कीलूंग मिलकर "ताइपे मेट्रोपोलिटन क्षेत्र" बनाते हैं, जिसकी कुल आबादी ६९,००,२७३ है। केवल "ताइपे" शब्द का प्रयोग मुख्यतः मेट्रोपोलिटन क्षेत्र के लिए और "ताइपे शहर" शब्द का प्रयोग सिर्फ शहर के लिए किया जाता है। ताइपे शहर चारों और से नया ताइपे से घिरा हुआ है। ताइपे ताइवान की राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्रबिंदु है। यह शहर मध्य-पूर्वी एशिया के प्रमुख शहरों में से एक है। यहाँ दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची इमारत है, जिसका नाम ताइपे १०१ है। .

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ताइवान

ताइवान द्वीप की स्थिति ताइवान का मानचित्र ताइवान या ताईवान (चीनी: 台灣) पूर्व एशिया में स्थित एक द्वीप है। यह द्वीप अपने आसपास के कई द्वीपों को मिलाकर चीनी गणराज्य का अंग है जिसका मुख्यालय ताइवान द्वीप ही है। इस कारण प्रायः 'ताइवान' का अर्थ 'चीनी गणराज्य' से भी लगाया जाता है। यूं तो ऐतिहासिक तथा संस्कृतिक दृष्टि से यह मुख्य भूमि (चीन) का अंग रहा है, पर इसकी स्वायत्ता तथा स्वतंत्रता को लेकर चीन (जिसका, इस लेख में, अभिप्राय चीन का जनवादी गणराज्य से है) तथा चीनी गणराज्य के प्रशासन में विवाद रहा है। ताइवान की राजधानी है ताइपे। यह देश का वित्तीय केन्द्र भी है और यह नगर देश के उत्तरी भाग में स्थित है। यहाँ के निवासी मूलत: चीन के फ्यूकियन (Fukien) और क्वांगतुंग प्रदेशों से आकर बसे लोगों की संतान हैं। इनमें ताइवानी वे कहे जाते हैं, जो यहाँ द्वितीय विश्वयुद्ध के पूर्व में बसे हुए हैं। ये ताइवानी लोग दक्षिण चीनी भाषाएँ जिनमें अमाय (Amoy), स्वातोव (Swatow) और हक्का (Hakka) सम्मिलित हैं, बोलते हैं। मंदारिन (Mandarin) राज्यकार्यों की भाषा है। ५० वर्षीय जापानी शासन के प्रभाव में लोगों ने जापानी भी सीखी है। आदिवासी, मलय पोलीनेशियाई समूह की बोलियाँ बोलते हैं। .

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ताइगा

रूस के बयकाल झील के पास उगते ताइगा वन ताइगा या तायगा (रूसी: тайга́, अंग्रेजी: Taiga) विश्व के उत्तरी क्षेत्रों का एक बायोम है जिसमें चीड़ (पाइन), सरल (स्प्रूस) और लार्च जैसे कोणधारी (कॉनिफ़ेरस​) वृक्षों के वन फैले हुए हैं।, Sandra Alters, pp.

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तिब्बत

तिब्बत का भूक्षेत्र (पीले व नारंगी रंगों में) तिब्बत के खम प्रदेश में बच्चे तिब्बत का पठार तिब्बत (Tibet) एशिया का एक क्षेत्र है जिसकी भूमि मुख्यतः उच्च पठारी है। इसे पारम्परिक रूप से बोड या भोट भी कहा जाता है। इसके प्रायः सम्पूर्ण भाग पर चीनी जनवादी गणराज्य का अधिकार है जबकि तिब्बत सदियों से एक पृथक देश के रूप में रहा है। यहाँ के लोगों का धर्म बौद्ध धर्म की तिब्बती बौद्ध शाखा है तथा इनकी भाषा तिब्बती है। चीन द्वारा तिब्बत पर चढ़ाई के समय (1955) वहाँ के राजनैतिक व धार्मिक नेता दलाई लामा ने भारत में आकर शरण ली और वे अब तक भारत में सुरक्षित हैं। .

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तिब्बत का पठार

तिब्बत का पठार हिमालय पर्वत शृंखला से लेकर उत्तर में टकलामकान रेगिस्तान तक फैला हुआ है तिब्बत का बहुत सा इलाक़ा शुष्क है तिब्बत का पठार (तिब्बती: བོད་ས་མཐོ།, बोड सा म्थो) मध्य एशिया में स्थित एक ऊँचाई वाला विशाल पठार है। यह दक्षिण में हिमालय पर्वत शृंखला से लेकर उत्तर में टकलामकान रेगिस्तान तक विस्तृत है। इसमें चीन द्वारा नियंत्रित बोड स्वायत्त क्षेत्र, चिंग हई, पश्चिमी सीश्वान, दक्षिण-पश्चिमी गांसू और उत्तरी यून्नान क्षेत्रों के साथ-साथ भारत का लद्दाख़ इलाक़ा आता है। उत्तर-से-दक्षिण तक यह पठार १,००० किलोमीटर लम्बा और पूर्व-से-पश्चिम तक २,५०० किलोमीटर चौड़ा है। यहाँ की औसत ऊँचाई समुद्र से ४,५०० मीटर (यानी १४,८०० फ़ुट) है और विशव के ८,००० मीटर (२६,००० फ़ुट) से ऊँचे सभी १४ पर्वत इसी क्षेत्र में या इसे इर्द-गिर्द पाए जाते हैं। इस इलाक़े को कभी-कभी "दुनिया की छत" कहा जाता है। तिब्बत के पठार का कुल क्षेत्रफल २५ लाख वर्ग किमी है, यानी भारत के क्षेत्रफल का ७५% और फ़्रांस के समूचे देश का चौगुना। .

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तंदूर

चूल्हे में पकी चपाती अफ्रीका का तन्दूर तंदूर भोजन बनाने का एक उपकरण है जिसका प्रयोग केंद्री, दक्षिण और पश्चिमी एशिया के साथ-साथ कॉकस में किया जाता है। इससे मिली-जुली विधियां मध्य-एशिया, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भी प्रचलित हैं.

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तुर्कमेनिस्तान एयरलाइंस

तुर्कमेनिस्तान एयरलाइंस (Türkmenhowaýollary) (Туркменские авиалинии) तुर्कमेनिस्तान की ध्वजवाहिका वायुसेवा है। यह एयरलाइन अपने आधार अश्गाबात को रूस, यूरोप एवं एशिया स्थित गंतव्यों से जोड़ती है। .

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तुर्की

तुर्की (तुर्क भाषा: Türkiye उच्चारण: तुर्किया) यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है। इसकी मुख्य- और राजभाषा तुर्की भाषा है। ये दुनिया का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिर्पेक्ष है। ये एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। इसके एशियाई हिस्से को अनातोलिया और यूरोपीय हिस्से को थ्रेस कहते हैं। स्थिति: 39 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 36 डिग्री पूर्वी देशान्तर। इसका कुछ भाग यूरोप में तथा अधिकांश भाग एशिया में पड़ता है अत: इसे यूरोप एवं एशिया के बीच का 'पुल' कहा जाता है। इजीयन सागर (Aegean sea) के पतले जलखंड के बीच में आ जाने से इस पुल के दो भाग हो जाते हैं, जिन्हें साधारणतया यूरोपीय टर्की तथा एशियाई टर्की कहते हैं। टर्की के ये दोनों भाग बॉसपोरस के जलडमरूमध्य, मारमारा सागर तथा डारडनेल्ज द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं। टर्की गणतंत्र का कुल क्षेत्रफल 2,96,185 वर्ग मील है जिसमें यूरोपीय टर्की (पूर्वी थ्रैस) का क्षेत्रफल 9,068 वर्ग मील तथा एशियाई टर्की (ऐनाटोलिआ) का क्षेत्रफल 2,87,117 वर्ग मील है। इसके अंतर्गत 451 दलदली स्थल तथा 3,256 खारे पानी की झीलें हैं। पूर्व में रूस और ईरान, दक्षिण की ओर इराक, सीरिया तथा भूमध्यसागर, पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया और उत्तर में कालासागर इसकी राजनीतिक सीमा निर्धारित करते हैं। यूरोपीय टर्की - त्रिभुजाकर प्रायद्वीपी प्रदेश है जिसका शीर्षक पूर्व में बॉसपोरस के मुहाने पर है। उसके उत्तर तथा दक्षिण दोनों ओर पर्वतश्रेणियाँ फैली हुई हैं। मध्य में निचला मैदान मिलता है जिसमें होकर मारीत्सा और इरजिन नदियाँ बहती हैं। इसी भाग से होकर इस्तैस्म्यूल का संबंध पश्चिमी देशों से है। एशियाई टर्की - इसको हम तीन प्राकृतिक भागों में विभाजित कर सकते हैं: 1.

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तुर्की का भूगोल

तुर्की अनातोलिया (9 5%) और बाल्कन (5%),, बुल्गारिया और जॉर्जिया के बीच काला सागर के किनारे, और ग्रीस और सीरिया के बीच एजियन सागर और भूमध्य सागर के किनारे स्थित है। देश के भौगोलिक निर्देशांक इस प्राकार हैं: 39 डिग्री 00'उत्तर 35 डिग्री 00'पूर्व है। तुर्की का क्षेत्रफल 783,562 किमी 2 (302,535 वर्ग मील) है; भूमि: 770,760 किमी 2 (2 9 7,592 वर्ग मील), पानी: 9,820 किमी 2 (3,792 वर्ग मील)। तुर्की पश्चिम से पूर्व में 1,600 किमी (994 मील) से अधिक है, लेकिन आम तौर पर उत्तर से दक्षिण में 800 किमी (497 मील) से भी कम है। कुल क्षेत्रफल (लगभग 783,562 किमी 2 (302,535 वर्ग मील) में लगभग 756,816 किमी 2 (2 9 2,208) वर्ग मील) पश्चिमी एशिया (अनातोलिया) में और दक्षिणपूर्वी यूरोप (थ्रेस) में लगभग 23,764 किमी 2 (9,175 वर्ग मील) है। .

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तुंगुसी लोग

सन् १९१५ में खींची गई कुछ मान्छु लोगों की तस्वीर तुंगुसी भाषाओँ के फैलाव का नक़्शा तुंगुसी लोग उत्तर-पूर्वी एशिया की उन जातियों को कहा जाता है जिनकी मातृभाषा तुंगुसी भाषा-परिवार की सदस्य हो। यह लोग साइबेरिया, मंचूरिया, कोरिया और मंगोलिया के क्षेत्रों में पाए जाते हैं, हालांकि कुछ तुंगुसी समुदाय इस क्षेत्र से भाहर भी मौजूद हैं। इनका नाम साइबेरिया के 'तुंगुस्का' नामक एक इलाक़े से पड़ा है।, Ronald Wixman, M.E. Sharpe, 1984, ISBN 978-0-87332-506-6,...

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त्रिभुवन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

त्रिभुवन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (त्रिभुवन अन्तर्राष्ट्रिय विमानस्थल) काठमांडु, नेपाल का अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह नेपाल का एकमात्र अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है और यहां एक अन्तर्देशीय तथा एक अन्तर्राष्ट्रीय टर्मिनल हैं। यह विमानक्षेत्र काठमांडु घाटी में बसे शहर के केन्द्र से लगभग ६ कि.मी दूर स्थित है। यहां रेडिसन होटल, काठमांडु प्रथम एवं बिज़नेस श्रेणी यात्री लाउंज का संचालन करता है एवं कुछ वायुसेवाओं तथा स्टार एलाइंस गोल्ड कार्ड धारकों के लिये थाई एयरवेज़ बिज़नेस श्रेणी का लाउंज संचालित करता है। हाल ही में हुए अन्तर्राष्ट्रीय टर्मिनल के एक विस्तार के कारण वायुसेवाओं को जाने वाली दूरी कम हो गयी है। वर्तमान में लगभग ३० वायुसेवाओं द्वारा नेपाल को एशिया, यूरोप तथा मध्य पूर्व के कई गंतव्यों से जोड़ा जाता है। .

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तैमिर प्रायद्वीप

रूस के उत्तरध्रुवीय क्षेत्र का मानचित्र तैमिर प्रायद्वीप की अवस्थिति तैमिर प्रायद्वीप (रूसी: Полуостров Таймыр, Таймырский полуостров), साइबेरिया में एक प्रायद्वीप है, जो यूरेशिया और एशिया की मुख्य भूमि के उत्तरी भागों की रचना करता है। यह रूस के क्रस्नोयार्स्क क्राय, में कारा सागर की येनिसी खाड़ी और लाप्टेव सागर की खटांगा खाड़ी के बीच स्थित है। तैमिर झील और बिरांगा पर्वत, इस विशाल तैमिर प्रायद्वीप पर स्थित हैं। यूरेशियाई महाद्वीप का सबसे उत्तरी सिरा चेल्युस्किन अंतरीप, तैमिर प्रायद्वीप के उत्तरी छोर पर स्थित है। .

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तैमूरलंग

तैमूर लंग (अर्थात तैमूर लंगड़ा) (जिसे 'तिमूर' (8 अप्रैल 1336 – 18 फ़रवरी 1405) चौदहवी शताब्दी का एक शासक था जिसने महान तैमूरी राजवंश की स्थापना की थी। उसका राज्य पश्चिम एशिया से लेकर मध्य एशिया होते हुए भारत तक फैला था। उसकी गणना संसार के महान्‌ और निष्ठुर विजेताओं में की जाती है। वह बरलस तुर्क खानदान में पैदा हुआ था। उसका पिता तुरगाई बरलस तुर्कों का नेता था। भारत के मुग़ल साम्राज्य का संस्थापक बाबर तिमूर का ही वंशज था। .

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तूवा

तूवा, जिसका सरकारी नाम तूवा गणतंत्र (तूवी: Тыва Республика तिवा रयिसपुब्लिका) है, मध्य एशिया के दक्षिणी साइबेरिया क्षेत्र में स्थित रूस का एक राज्य है जो रूस की संघ व्यवस्था में गणतंत्र की हैसियत रखता है। भौगोलिक दृष्टि से तूवा ठीक एशिया के महाद्वीप के भौगोलिक केंद्र में बैठता है। तूवा की सरहदें कुछ अन्य रूसी राज्यों से लगतीं हैं और दक्षिण की ओर मंगोलिया से लगतीं हैं। तूवा की राजधानी किज़िल है। इस राज्य में अधिकतर लोग तूवी भाषा बोलते हैं, हालांकि की रूसी भी कई लोगों द्वारा समझी और बोली जाती है। १९४४ तक तूवा एक तन्नू तूवा नाम का अलग राष्ट्र था, लेकिन १९४४ में इसका रूस और सोवियत संघ में विलय हो गया। .

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तेन्दुआ

तेन्दुआ (Panthera pardus उचारण: पैन्थेरा पार्डस) पैन्थरा जीनस का एक विडाल (बड़ी बिल्ली प्रजाति) है जो अफ़्रीका और एशिया में पाया जाता है। यह विडाल प्रजातियों जैसे शेर, बाघ और जैगुअर की तुलना में सबसे छोटा होता है। .

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तोन्दो राज्य

तोन्दो राज्य (अंग्रेज़ी: Kingdom of Tondo, तगालोग: Kaharian ng Tondo) फ़िलिपीन्ज़ के लूज़ोन द्वीप के मनिला खाड़ी क्षेत्र में स्थित एक मण्डल शैली का राज्य था। सन् 1175–1571 काल में अस्तित्व में रहा यह राज्य भारतीय संकृति से गहरी-तरह प्रभावित था। इसकी जड़ें इसकी स्थापना से पहले जाती हैं और इस जगह बस्ती के उपस्थित होने का उल्लेख सन् 900 ईसवी काल की लगूना ताम्रपत्र अभिलेख में मिलता है। सन् 1500 में पड़ोस के ब्रुनेई साम्राज्य ने इसपर आक्रमण करा और पास में नदी के पार एक बस्ती स्थापित करी। .

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तीतर जैसी पूंछ वाला जल-कपोत

भरतपुर, राजस्थान, भारत में गैर प्रजनन पंख. तीतर जैसी पूंछ वाला जल-कपोत (हाइड्रोफेसियानस चिरुरगस) एक प्रतिरुपी प्रजाति हाइड्रोफेसियानस में आनेवाला एक जल-कपोत है। जल-कपोत, जकानिडे परिवार के लम्बे पैरों वाले पक्षी (वेडर) हैं, जिन्हें इनके बड़े पंजों द्वारा पहचाना जाता है जो इन्हें अपने पसंदीदा प्राकृतिक वास, छिछली झीलों में तैरती हुई वनस्पतियों पर चलने में समर्थ बनाते हैं। तीतर जैसी पूंछ वाला जल-कपोत तैर भी सकता है, हालांकि सामान्यतया यह वनस्पतियों पर चलना ही पसंद करता है। इस प्रजाति की मादाएं, नर की अपेक्षा अधिक रंगबिरंगी होती हैं और बहुनरगामी होती हैं। जल-कपोत एक Linnæus' की ब्राजीलियाई पुर्तगाली जकाना (इस पक्षी के टूपी नाम से लिया गया) के लिए मिथ्या लैटिन गलत वर्तनी है जिसका उच्चारण लगभग जैसा होता है। .

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थलसन्धि

250pxपनामा भूडमरुमध्य थलसन्धि या भूडमरुमध्य भूमि की एक पतली पट्टी होती है, जो दो बड़ी जलराशियों (अधिकांशतः सागर) को अलग करती है व दो बड़े भूभागों को जोड़ती है। जैसे पनामा भूडमरुमध्य उत्तरी अमरीका को दक्षिणी अमरीका से जोड़ता है एवं अंध महासागर को प्रशांत महासागर से अलग करता है। स्वेज भूडमरुमध्य एशिया को अफ्रीका से जोड़ता है। यह जलडमरुमध्य का उलटा होता है। .

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थाईलैण्ड

श्यामदेश (थाईलैण्ड) जिसका प्राचीन भारतीय नाम श्यामदेश है दक्षिण पूर्वी एशिया में एक देश है। इसकी पूर्वी सीमा पर लाओस और कम्बोडिया, दक्षिणी सीमा पर मलेशिया और पश्चिमी सीमा पर म्यानमार है। थाईलैण्ड को सियाम के नाम से भी जाना जाता है जो ११ मई, १९४९ तक थाईलैण्ड का अधिकृत नाम था। थाई शब्द का अर्थ थाई भाषा में आज़ाद होता है। यह शब्द थाई नागरिको के सन्दर्भ में भी इस्तेमाल किया जाता है। इस वजह से कुछ लोग विशेष रूप से यहाँ बसने वाले चीनी लोग, थाईलैंड को आज भी सियाम नाम से पुकारना पसन्द करते हैं। थाईलैण्ड की राजधानी बैंकाक है। .

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थेरवाद

थाई भिक्षु बर्मा के रंगून शहर में श्वेडागोन पगोडा थेरवाद या स्थविरवाद वर्तमान काल में बौद्ध धर्म की दो प्रमुख शाखाओं में से एक है। दूसरी शाखा का नाम महायान है। थेरवाद बौद्ध धर्म भारत से आरम्भ होकर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व की ओर बहुत से अन्य एशियाई देशों में फैल गया, जैसे कि श्रीलंका, बर्मा, कम्बोडिया, वियतनाम, थाईलैंड और लाओस। यह एक रूढ़िवादी परम्परा है, अर्थात् प्राचीन बौद्ध धर्म जैसा था, उसी मार्ग पर चलने पर बल देता है। .

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द वंडर दैट वाज़ इण्डिया

द वंडर दैट वाज़ इण्डिया: अ सर्वे ऑफ़ कल्चर ऑफ़ इण्डियन सब-कांटिनेंट बिफ़ोर द कमिंग ऑफ़ द मुस्लिम्स (The Wonder That Was India: A Survey of the Culture of the Indian Sub-Continent Before the Coming of the Muslims), भारतीय इतिहास से सम्बन्धित एक प्रसिद्ध पुस्तक है जिसकी रचना १९५४ में आर्थर लेवेलिन बाशम ने की थी। यह पुस्तक पशिमी जगत के पाठकों को लक्षित करके लिखी गयी थी। इस पुस्तक में बाशम ने अपने पूर्व के कुछ इतिहासकारों द्वारा खींची गयी भारतीय इतिहास की नकारात्मक छबि को ठीक करने का प्रयास किया है। इसका हिंदी अनुवाद "अद्भुत भारत" नाम से अनुदित और प्रकाशित हुआ। 'द वंडर दैट वाज़ इण्डिया' ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे भारतविद के तौर पर स्थापित किया जिसकी प्रतिष्ठा विलियम जोंस और मैक्समूलर जैसी है। इसी पुस्तक के कारण उनकी छवि आज भी भारतीय बौद्धिक मानस में अंकित है। मुख्यतः पश्चिम के पाठक वर्ग के लिए लिखी गयी इस पुस्तक की गणना आर.सी. मजूमदार द्वारा रचित बहुखण्डीय "हिस्ट्री ऐंड कल्चर ऑफ़ इण्डियन पीपुल" के साथ की जाती है। इससे पहले औपनिवेशिक इतिहासकारों का तर्क यह था कि अपने सम्पूर्ण इतिहास में भारत सबसे अधिक सुखी, समृद्ध और संतुष्ट अंग्रेजों के शासनकाल में ही रहा। बाशम और मजूमदार को श्रेय जाता है कि उन्होंने अपने-अपने तरीके से भारत के प्राचीन इतिहास का वि-औपनिवेशीकरण करते हुए जेम्स मिल, थॉमस मैकाले और विंसेंट स्मिथ द्वारा गढ़ी गयी नकारात्मक रूढ़ छवियों को ध्वस्त किया। समीक्षकों के अनुसार पुस्तक का सर्वाधिक सफल अध्याय राज्य, समाज-व्यवस्था और दैनंदिन जीवन से संबंधित है। बाशम अपनी इस विख्यात पुस्तक की शुरुआत 662 ईस्वी में लिखे गये एक कथन से करते हैं जो सीरियन ज्योतिषी और भिक्षु सेवेरस सेबोकीट का था: वस्तुतः इसी निष्पक्ष दृष्टि द्वारा प्राचीन भारतीय सभ्यता और संस्कृति पर किये गये उनके कार्यों ने आज भी बाशम को उन लोगों के लिए प्रासंगिक बना रखा है जिनकी थोड़ी सी भी रुचि भारत, भारतीय संस्कृति और सभ्यता में है। प्राचीन भारतीय सभ्यता और संस्कृति पर किये गये अपने इस कार्य को "द वंडर दैट वाज़ इण्डिया" जैसे अलंकृत शीर्षक के तहत प्रस्तुत करने के पीछे वे एडगर एलन पो का हाथ मानते हैं। पो की कविता ‘टु हेलेन’ की पंक्तियों ‘द ग्लोरी दैट वाज़ ग्रीस, ऐंड द ग्रैंडियर दैट वाज़ रोम’ की तर्ज़ पर प्रकाशकों ने इस पुस्तक का भड़कीला, अलंकृत किंतु आकर्षक नामकरण किया। यह ग्रंथ भारतीय उपमहाद्वीप की उस सभ्यता के आविर्भाव और विकासक्रम का प्रतिबिम्बन है जो प्रागैतिहासिक काल से शुरू हो मुसलमानों के आगमन के पूर्व तक यहाँ फली-फूली। दस अध्यायों में बँटी यह रचना मुख्यतः भारत संबंधी पाँच विषय-वस्तुओं को सम्बोधित है: इतिहास और प्राक्-इतिहास, राज्य-सामाजिक व्यवस्था-दैनंदिन जीवन, धर्म, कला और भाषा व साहित्य। प्राक्-इतिहास, प्राचीन साम्राज्यों का इतिहास, समाज, और ग्राम का दैनिक जीवन, धर्म और उसके सिद्धांत, वास्तुविद्या, मूर्तिकला, चित्रकला, संगीत और नृत्य, भाषा साहित्य, भारतीय विरासत और उसके प्रति विश्व का ऋण जैसे विषयों का संघटन इस पुस्तक को प्राचीन भारतीय सभ्यता का एक शुद्ध विश्वकोश बना देता है। इस पुस्तक ने भारतीय इतिहास और संस्कृति के विद्यार्थियों की एक पूरी पीढ़ी के लिए मूल पाठ का काम किया है। भारतीयों द्वारा विश्व को दिये गये सांस्कृतिक अवदान की चर्चा करते हुए बाशम ने इस कृति में दिखाया है कि कैसे सम्पूर्ण दक्षिण-पूर्व एशिया को अपनी अधिकांश संस्कृति भारत से प्राप्त हुई, जिसका प्रतिबिम्बन जावा के बोरोबुदूर के बौद्ध स्तूप और कम्बोडिया में अंग्कोरवाट के शैव मंदिर में परिलक्षित होता है। बृहत्तर भारत के संदर्भ में चर्चा करते हुए कुछ भारतीय राष्ट्रवादी इतिहासकार इस क्षेत्र में बौद्ध और ब्राह्मण धर्म के लक्षणों का सांस्कृतिक विस्तार पाते हैं। लेकिन बाशम ने दिखाया है कि यद्यपि दक्षिण-पूर्व एशिया की भाँति चीन ने भारतीय विचारों को उनकी संस्कृति के प्रत्येक रूप में आत्मसात नहीं किया, फिर भी सम्पूर्ण सुदूर-पूर्व बौद्ध धर्म के लिए भारत का ऋणी है। इसने चीन, कोरिया, जापान और तिब्बत की विशिष्ट सभ्यताओं के निर्माण में सहायता प्रदान की है। भारत ने बौद्ध धर्म के रूप में एशिया को विशेष उपहार देने के अलावा सारे संसार को जिन व्यवहारात्मक अवदानों द्वारा अभिसिंचित किया हैं, बाशम उन्हें, चावल, कपास, गन्ना, कुछ मसालों, कुक्कुट पालन, शतरंज का खेल और सबसे महत्त्वपूर्ण-संख्या संबंधी अंक-विद्या की दशमलव प्रणाली के रूप में चिह्नित करते हैं। दर्शन के क्षेत्र में प्राचीन बहसों में पड़े बिना बाशम ने पिछली दो शताब्दियों में युरोप और अमेरिका पर भारतीय अध्यात्म, धर्म-दर्शन और अहिंसा की नीति के प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाया है। इस पुस्तक के बारे में केनेथ बैलाचेट कहते हैं कि यह रचना भारतीय संस्कृति को सजीव और अनुप्राणित करने वाली बौद्धिक और उदार प्रवृत्ति के संश्लेषण का एक मास्टरपीस है। भारतीय महाद्वीप के बँटवारे के तुरंत बाद आयी यह सहानुभूति, और समभाव मूलभाव से अनुप्राणित औपनिवेशिकोत्तर काल की पांडित्यपूर्ण कृति साबित हुई। ब्रिटेन में अपने प्रकाशन के तुरन्त बाद इसका अमेरिका में ग्रोव प्रकाशन से पुनर्मुद्रण हुआ। इसके पेपरबैक संस्करणों ने इसे अमेरिकी बुकस्टोरों की शान बना दिया। फ्रेंच, पोलिश, तमिल, सिंहली और हिंदी में अनुवाद के साथ भारत और इंग्लैंड में भी इसके पेपरबैक संस्करण आये। मुख्यतः औपनिवेशिक ढंग से लिखे विंसेंट स्मिथ के ग्रंथ "ऑक्सफ़र्ड हिस्ट्री ऑफ़ इण्डिया" का संशोधित रूप में सम्पादन बाशम ने ही किया। इस पुस्तक में बाशम स्मिथ द्वारा भारतीय सभ्यता की प्रस्तुति में सहानुभूतिपरक दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए बताते हैं की कैसे अलग-अलग संस्कृतियों में रुचि संबंधी मानदण्डों का भेद समझ पाने की अपनी असमर्थता के कारण स्मिथ इस निर्णय पर पहुँचते हैं कि राजपूत महाकाव्य रुक्ष और रसात्मक दृष्टि से निकृष्टतम है। इसके विपरीत बाशम ने सिद्ध किया कि वस्तुतः ऐसा नहीं है। .

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द वॉल्ट डिज़्नी कंपनी

द वॉल्ट डिज़्नी स्टूडियोज़, द वॉल्ट डिज़्नी कंपनी का मुख्यालय द वॉल्ट डिज़्नी कंपनी (सामान्यतः डिज़्नी नाम से संदर्भित) राजस्व के मामले में विश्व का सबसे बड़ा मीडिया और मनोरंजन समूह है। इसे 16 अक्टूबर 1923 को वॉल्ट डिज़्नी और रॉय डिज़्नी भाइयों द्वारा डिज़्नी ब्रदर्स कार्टून स्टूडियो के नाम से स्थापित किया गया था, जिसे 1923 में वॉल्ट डिज़्नी प्रोडक्शंस के नाम से पुनर्गठित किया गया। वॉल्ट डिज़्नी प्रोडक्शंस ने अपने आप को अमेरिकी एनीमेशन उद्योग में एक अगुवा के रूप में स्थापित किया जिसके बाद उसने खुद को लाइव-एक्शन फिल्म निर्माण, टेलीविजन और यात्रा के क्षेत्र में विस्तारित किया। अपने वर्तमान नाम को 1986 में अपनाते हुए, द वॉल्ट डिज़्नी कंपनी ने अपने मौजूदा कार्यकलापों का विस्तार किया और थिएटर, रेडियो, प्रकाशन और ऑनलाइन मीडिया पर केंद्रित विभागों को भी शुरू किया। इसके अलावा, इसने कंपनी में नए प्रभागों का गठन किया ताकि वह आम तौर पर अपने परिवार-उन्मुख प्रमुख ब्रांडों के अलावा अधिक परिपक्व सामग्री का विपणन कर सके.

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द गेटवे होटल्स एंड रिसॉर्ट्स

गेटवे होटल्स एंड रिसॉर्ट्स दक्षिण एशिया का एक अत्याधुनिक, पूर्ण सेवा प्रदान करने मध्य बाजार होटल और रिजॉर्ट श्रृंखला है। गेटवे होटल्स का स्वामित्व इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड के पास हैं और यह टाटा समूह का एक हिस्सा है। .

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दर्जिन चिड़िया

दर्जिन चिड़िया, ओर्थोटोमस वंश और सिल्वाइडी (Sylviidae) कुल से संबंधित छोटे आकार के पक्षी (फुदकी) हैं। इनकी कुल नौ प्रजातियां अस्तित्व में हैं। दर्जिन चिड़िया को उसका यह नाम उसकी घोंसला बुनने की खास कला के कारण मिला है। यह चिड़िया अपनी लंबी पतली चोंच से एक पत्ती या कई पत्तियों में छेदों की एक श्रृंखला बनाता है और फिर इन छेद के बीच से पौधों के रेशों, कीटों के रेशम और कभी कभी घरेलू इस्तेमाल के धागों को पिरो कर एक दर्जी की तरह पत्तियों की सिलाई कर इन्हें आपस में जोड़ देते हैं। इन सिली हुई पत्तियों के बीच बनी जगह में फिर घास-पात या रूई इत्यादि बिछाकर एक सुविधाजनक घोंसला तैयार किया जाता है। दर्जिन चिड़ियायें, पुराने विश्व (यूरोप, एशिया और अफ्रीका) और मुख्य रूप से एशिया के उष्णकटिबंधीय भागों में पाई जाती हैं। यह फुदकियां आमतौर पर गहरे रंगों में पाई जाती हैं जिनका ऊपरी हिस्सा हरा या धूसर और निचला हिस्सा पीला या सफेद रंग का होता है। अक्सर इनके सिर का रंग भूरा-लाल होता है। दर्जिन चिड़िया के पंख छोटे और गोलाकार, पूंछ छोटी, पैर मजबूत और चोंच लंबी और घुमावदार होती है। यह फुदकियां अपनी पूंछ को आमतौर पर ऊपर की ओर सतर रखती हैं। यह आमतौर पर खुले जंगलों, मैदानों और उद्यानों में पाई जाती हैं। .

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दासप्रथा (पाश्चात्य)

मानव समाज में जितनी भी संस्थाओं का अस्तित्व रहा है उनमें सबसे भयावह दासता की प्रथा है। मनुष्य के हाथों मनुष्य का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न इस प्रथा के अंर्तगत हुआ है। दासप्रथा को संस्थात्मक शोषण की पराकाष्ठा कहा जा सकता है। एशिया, यूरोप, अफ्रीका, अमरीका आदि सभी भूखंडों में उदय हानेवाली सभ्यताओं के इतिहास में दासता ने सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक व्यवस्थाओं के निर्माण एवं परिचालन में महत्वपूर्ण योगदान किया है। जो सभ्यताएँ प्रधानतया तलवार के बल पर बनी, बढ़ीं और टिकी थीं, उनमें दासता नग्न रूप में पाई जाती थी। पश्चिमी सभ्यता के विकास के इतिहास में दासप्रथा ने विशिष्ट भूमिका अदा की है। किसी अन्य सभ्यता के विकास में दासों ने संभवत: न तो इतना बड़ा योग दिया है और न अन्यत्र दासता के नाम पर मनुष्य द्वारा मनुष्य का इतना व्यापक शोषण तथा उत्पीड़न ही हुआ है। पाश्चात्य सभ्यता के सभी युगों में - यूनानी, रोमन, मध्यकालीन तथा आधुनिक- दासों ने सभ्यता की भव्य इमारत को अपने पसीने और रक्त से उठाया है। .

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दांगमेई ग्रेस

दांगमेई ग्रेस (जन्म 5 फरवरी 1 99 6) एक भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी है जो भारत की महिला फुटबॉल टीम के लिए अग्रिम के रूप में खेलते हैं। वह 2014 के एशियाई खेलों और 2016 दक्षिण एशियाई खेलों में टीम का हिस्सा थी  जहां उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ दो गोल किये। 2016 SAFF महिलाओं की चैम्पियनशिप के दौरान, उन्होंने फाइनल की पहली छमाही में गोल दागा, जिससे भारत टूर्नामेंट में चौथे स्थान पर खिताब जीता। .

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दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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दिल्ली में यातायात

2008-11-03 मेट्रो सेवा: दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन द्वारा संचालित दिल्ली मेट्रो रेल एक मास रैपिड ट्रांज़िट (त्वरित पारगमन) प्रणाली है, जो कि दिल्ली के कई क्षेत्रों में सेवा प्रदान करती है। इसकी शुरुआत 24 दिसंबर, 2002 को शहादरा तीस हजारी लाईन से हुई.

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दिल्ली की संस्कृति

दिल्ली हाट में प्रदर्शित परंपरागत पॉटरी उत्पाद। दिल्ली की संस्कृति यहां के लंबे इतिहास और भारत की राजधानी रूप में ऐतिहासिक स्थिति से पूर्ण प्रभावित रहा है। यह शहर में बने कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों से विदित है। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने दिल्ली शहर में लगभग १२०० धरोहर स्थल घोषित किए हैं, जो कि विश्व में किसी भी शहर से कहीं अधिक है। और इनमें से १७५ स्थल राष्ट्रीय धरोहर स्थल घोषित किए हैं। पुराना शहर वह स्थान है, जहां मुगलों और तुर्क शासकों ने कई स्थापत्य के नमूने खडए किए हैं, जैसे जामा मस्जिद (भारत की सबसे बड़ी मस्जिद) और लाल किला। दिल्ली में फिल्हाल तीन विश्व धरोहर स्थल हैं – लाल किला, कुतुब मीनार और हुमायुं का मकबरा। अन्य स्मारकों में इंडिया गेट, जंतर मंतर (१८वीं सदी की खगोलशास्त्रीय वेधशाला), पुराना किला (१६वीं सदी का किला).

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दक्षिण एशिया

thumb दक्षिण एशिया एक अनौपचारिक शब्दावली है जिसका प्रयोग एशिया महाद्वीप के दक्षिणी हिस्से के लिये किया जाता है। सामान्यतः इस शब्द से आशय हिमालय के दक्षिणवर्ती देशों से होता है जिनमें कुछ अन्य अगल-बगल के देश भी जोड़ लिये जाते हैं। भारत, पाकिस्तान, श्री लंका और बांग्लादेश को दक्षिण एशिया के देश या भारतीय उपमहाद्वीप के देश कहा जाता है जिसमें नेपाल और भूटान को भी शामिल कर लिया जाता है। कभी कभी इसमें अफगानिस्तान और म्याँमार को भी जोड़ लेते हैं। दक्षिण एशिया के देशों का एक संगठन सार्क भी है जिसके सदस्य देश निम्नवत हैं.

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दक्षिण पूर्व एशिया

दक्षिण पूर्व एशिया या दक्षिण पूर्वी एशिया एशिया का एक उपभाग है, जिसके अंतर्गत भौगोलिक दृष्टि से चीन के दक्षिण, भारत के पूर्व, न्यू गिनी के पश्चिम और ऑस्ट्रेलिया के उत्तर के देश आते हैं। यह क्षेत्र भूगर्भीय प्लेटों के चौराहे पर स्थित है, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में भारी भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियाँ होती हैं। दक्षिण पूर्व एशिया को दो भौगोलिक भागों में बांटा जा सकता है: मुख्यभूमि दक्षिण पूर्व एशिया, जिसे इंडोचायना भी कहते हैं, के अन्दर कंबोडिया, लाओस, बर्मा (म्यांमार), थाईलैंड, वियतनाम और प्रायद्वीपीय मलेशिया आते हैं और समुद्री दक्षिण पूर्व एशिया, जिसमें ब्रुनेई, पूर्व मलेशिया, पूर्वी तिमोर, इंडोनेशिया, फिलीपींस, क्रिसमस द्वीप और सिंगापुर शामिल हैं। श्रेणी:दक्षिण पूर्व एशिया श्रेणी:एशिया के क्षेत्र.

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दक्षिण सूडान

दक्षिण सूडान या 'जनूब-उस-सूडान' (आधिकारिक तौर पर दक्षिणी सूडान गणतंत्र) उत्तर-पूर्व अफ़्रीका में स्थित स्थल-रुद्ध देश है। जुबा देश की वर्तमान राजधानी और सबसे बड़ा शहर भी है। देश के उत्तर में सूडान गणतंत्र, पूर्व में इथियोपिया, दक्षिण-पूर्व में केन्या, दक्षिण में युगान्डा, दक्षिण-पश्चिम में कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य और पश्चिम में मध्य अफ़्रीकी गणराज्य है। दक्षिण सूडान को 9 जुलाई 2011 को जनमत-संग्रह के पश्चात स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इस जनमत-संग्रह में भारी संख्या (कुल मत का 98.83%) में देश की जनता ने सूडान से अलग एक नए राष्ट्र के निर्माण के लिए मत डाला। यह विश्व का 196वां स्वतंत्र देश, संयुक्त राष्ट्र का 193वां सदस्य तथा अफ्रीका का 55वां देश है। जुलाई 2012 में देश ने जिनेवा सम्मेलन पर हस्ताक्षर किए। अपनी आजादी के ठीक बाद से राष्ट्र को आंतरिक संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। .

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दक्षिण कोरिया

दक्षिण कोरिया (कोरियाई: 대한민국 (देहान् मिन्गुक), 大韩民国 (हंजा)), पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है जो कोरियाई प्रायद्वीप के दक्षिणी अर्धभाग को घेरे हुए है। 'शान्त सुबह की भूमि' के रूप में ख्यात इस देश के पश्चिम में चीन, पूर्व में जापान और उत्तर में उत्तर कोरिया स्थित है। देश की राजधानी सियोल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र और एक प्रमुख वैश्विक नगर है। यहां की आधिकारिक भाषा कोरियाई है जो हंगुल और हंजा दोनो लिपियों में लिखी जाती है। राष्ट्रीय मुद्रा वॉन है। उत्तर कोरिया, इस देश की सीमा से लगता एकमात्र देश है, जिसकी दक्षिण कोरिया के साथ २३८ किलिमीटर लम्बी सीमा है। दोनो कोरियाओं की सीमा विश्व की सबसे अधिक सैन्य जमावड़े वाली सीमा है। साथ ही दोनों देशों के बीच एक असैन्य क्षेत्र भी है। कोरियाई युद्ध की विभीषिका झेल चुका दक्षिण कोरिया वर्तमान में एक विकसित देश है और सकल घरेलू उत्पाद (क्रय शक्ति) के आधार पर विश्व की तेरहवीं और सकल घरेलू उत्पाद (संज्ञात्मक) के आधार पर पन्द्रहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।कोरिया मे १५ अंतराष्ट्रीय बिमानस्थल है और करीब ५०० विश्वविद्यालय है लोग बिदेशो यहा अध्ययन करने आते है। यहा औद्योगिक विकास बहुत हुऐ है और कोरिया मे चीन सहित १५ देशो के लोग रोजगार अनुमति प्रणाली(EPS) के माध्यम से यहा काम करते है। जिसमे दक्षिण एशिया के ४ देशो नेपाल बांग्लादेश श्रीलंका पाकिस्तान है। .

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दक्षिण कोरिया राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टीम

दक्षिण कोरिया राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टीम, दक्षिण कोरिया की पुरुषों की राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टीम है। यह कोरिया फुटबॉल एसोसिएशन द्वारा नियंत्रित है। .

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दक्षिणी सारबेरिया का मैदान

यह युरोप एवं एशिया में स्थित प्रमुख मैदान हैं। श्रेणी:विश्व के प्रमुख मैदान.

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दक्षिणी गोलार्ध

अपोलो १७ से पृथ्वी के एक प्रसिद्ध तस्वीर में मूल रूप से शीर्ष पर दक्षिण ध्रुव था, हालांकि, यह परंपरागत दृष्टिकोण फिट करने के लिए ऊपर से नीचे कर दिया गया था दक्षिणी गोलार्ध पीले में दर्शित दक्षिणी गोलार्ध दक्षिणी ध्रुव के ऊपर से दक्षिणी गोलार्ध किसी ग्रह का वह आधा भाग होता है, जो उसकी विषुवत रेखा के नीचे (दक्षिणी ओर) होता है। गोलार्ध का शाब्दिक अर्थ है आधा गोला। हमारा ग्रह अक्षवत् दो भागों में बंटा है, जिन्हे उत्तरी गोलार्ध व दक्षिणी गोलार्ध कहते हैं। उत्तरी गोलार्ध का उत्तरी ‌छोर तथा दक्षिणी गोलार्ध का दक्षिणी ‌छोर बहुत ठंडे स्थान होने के कारण वहाँ बर्फ का साम्राज्य रहता है। दक्षिणी गोलार्ध के दक्षिणी ध्रुव पर तो बर्फ से बना विशाल महाद्वीप ही मौजूद है। दक्षिणी गोलार्ध में पांच महाद्वीप-आस्ट्रेलिया,नौ-दसवा दक्षिण अमेरिका,एक तिहाई अफ्रीका तथा एशिया के कुछ दक्षिणी द्वीपों मौजूद है। दक्षिण गोलार्द्ध चार महासागरों- हिन्द महासागर, अन्ध महासागर, दक्षिणध्रुवीय महासागर और प्रशान्त महासागर मौजूद है। पृथ्वी के अक्षीय झुकाव की वजह से उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु, दक्षिणायन (२२ दिसंबर के आसपास) से वसंत विषुव (लगभग २१ मार्च) तक चलता है और शीत ऋतु, उत्तरायण (२१ जून) से शरद विषुव (लगभग २३ सितंबर) तक चलता है। .

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दुबई संग्रहालय

दुबई संग्रहालय (متحف دبي)) दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में मुख्य संग्रहालय है। यह अल फहिदी किला (حصن الفهيدي) में स्थित है, १७८७ में बनाया गया और दुबई में सबसे पुराना मौजूदा भवन है। दुबई के अमीरात में पारंपरिक जीवन शैली को पेश करने के उद्देश्य से १९७१ में दुबई के शासक द्वारा संग्रहालय खोल दिया गया था। प्रवेश करते समय, एक किले का निर्माण और उसके साथ चलने वाले विभिन्न प्रदर्शनों को देख सकते हैं। किले से दीर्घाओं के लिए एक रास्ता है, जो विशेष रूप से १८०० के दशक में भूमि की सामान्य संस्कृति को प्रदर्शित करता है। इसमें अफ्रीकी और एशियाई देशों से स्थानीय प्राचीन वस्तुएं और कलाकृतियॅा शामिल हैं जो दुबई से व्यापार करते हैं। इसमें कई चित्रावली शामिल हैं जो अमीरात के जीवन में तेल के आगमन से पहले, ३००० ईसा पूर्व के रूप में पुराने खोजों से कलाकृतियों के अतिरिक्त जीवन दिखा रहा है। २००७ में, दुबई संग्रहालय ने प्रतिदिन १८०० आगंतुकों का स्वागत किया, जिसमें वार्षिक संख्या ६११८४० थी। मार्च-२००८ में, संग्रहालय में ८०००० आगंतुक थे। सबसे लोकप्रिय समय अगस्त से अप्रैल तक हैं। वर्ष २०१३ में एक लाख से अधिक आगंतुकों द्वारा संग्रहालय को देखा गया। .

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द्वारका, दिल्ली

द्वारका उपनगर दक्षिण पश्चिम दिल्ली में स्थित एक आवासीय कालोनी है। १९८० के दशक के उत्तरार्ध में व्यवस्थित होना शुरू हुई द्वारका अब एशिया की सबसे बड़ी आवासीय कालोनी कहलाती है। द्वारका इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट स्थित है और दक्षिण पश्चिम दिल्ली जिले के प्रशासनिक मुख्यालय भी यहाँ ही स्थित हैं। ५६.४८ वर्ग किलोमीटर में फैला द्वारका २९ सेक्टरों में विभाजित है। जनवरी २०१७ में, भारत की कैबिनेट ने चाणक्य पुरी के बाद द्वारका में ३४ हेक्टेयर भूमि पर ३९ देशों के एक दूसरे राजनयिक एन्क्लेव को मंजूरी दी। .

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द्वितीय सप्तचोटी

पर्वतारोहण में द्वितीय सप्तचोटी या सप्त द्वितीय शिखर (Seven Second Summits) पृथ्वी के सातों महाद्वीपों में प्रत्येक में स्थित सप्तचोटीके बाद दूसरे सबसे ऊँचे शिखर के समूह को कहते हैं। उदाहरण के लिये ऍवरेस्ट एशिया का सबसे ऊँचा पर्वत है इसलिए वह इस सूची में शामिल नहीं है। के२ एशिया का द्वितीय सबसे ऊँचा पर्वत है और वह द्वितीय सप्तचोटी सूची का सदस्य है। .

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दूधसागर डेरी

दूधसागर डेरी एशिया की सबसे बड़ी डेरी है। इसका वास्तविक नाम 'द मेहसाणा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन' है। यह राज्यस्तरीय ' गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेदरेशन, आणन्द' का एक सदस्य है। दूधसागर डेरी प्रतिदिन औसतन 1.41 मिलियन किलोग्राम दूध प्रसंस्कारित करता है। इसने ४५ लाख दुग्ध उत्पादकों से दूध एकत्र करने का एक विशाल नेटवर्क तैयार किया हुआ है। ये दुग्ध उत्पादक ११५० ग्राम दुग्ध सहकारिताओं से जुड़े हुए हैं। वर्तमान समय के 520,000 से अधिक दुग्ध उत्पादक इसके सदस्य हैं। 2012-13 में इसका कुल टर्नओवर 34 बिलियन डालर से अधिक था। इस संस्था को ISO 9001:2000, ISO 14000:2004, तथा ISO 22000:2005 प्रमाणपत्र प्राप्त हैं। यह एक पर्यावरन-हितैषी संस्था है। .

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देवनागरी

'''देवनागरी''' में लिखी ऋग्वेद की पाण्डुलिपि देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरिरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, डोगरी, नेपाली, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली उपभाषाएँ), तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया की एक ट्राम पर देवनागरी लिपि .

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दीनार

वे देश जहाँ दिनार नाम से मुद्रा का प्रचलन है/था। गहरे हरे रंग से प्रदर्शित देशों में दिनार वर्तमान समय में भी प्रचलित है। हल्के हरे रंग वाले भागों में दिनार भूतकाल में प्रचलित था। दीनार: (अरबी دينار) (dīnār) वर्तमान समय में दीनार या दिनार विश्व के अनेक देशों की मुद्राओं का नाम है। मुसमालनों के आने के बहुत पहले से भारतवर्ष में दीनार चलता था। दीनार नामक सिक्के का प्रचार किसी समय एशिया और यूरोप के बहुत से भागों में था। यह कहीं सोने का, कहीं चाँदी का होता था। हिंदुस्तान की तरह अरब और फारस में भी प्राचीन काल में दीनार नाम का सिक्का प्रचलित था। अरबी फालकी के कोशकारों ने दीनार शब्द को अरबी लिखा है, पर फारस में दीनार का प्रचार बहुत प्राचीन काल में था। इसके अतिरिक्त रोमन (रोमक) लोगों में भी यह सिक्का दिनारियस के नाम से प्रचलित था। धात्वर्थ पर ध्यान देने से भी दीनार शब्द आर्यभाषा ही का प्रतीत होता है। अब प्रश्न यह होता है कि यह सिक्का भारत से फारस, अरब होते हुए रोम में गया अथवा रोम से इधर आया। यदि हरिवंश आदि संस्कृत ग्रंथों की अधिक प्राचीनता स्वीकार की जाय तो दीनार को भारत का मानना पडे़गा। .

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दीया खान

दीया खान पंजाबी / पख्तून वंश की एक नर्विज्न फ़िल्म निर्देशक और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। दिया महिलाओं के अधिकारों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांति की मुखर समर्थक हैं। २०१३ में दिया खान की निर्देशक और निर्माता के रूप में पहली फिल्म बाणाज़ ए लव स्टोरी (२०१२) ने सर्वश्रेष्ठ दस्तावेज़ी फिल्म होनी का पीबॉडी अवार्डौर और एमी अवार्ड जीता। दिया की दूसरी फिल्म जिहाद ए स्टोरी ऑफ़ अदर्स कोब्रिटेन का बाफ्टा, ग्रियर्सन और मोंटी करलो टैलीविज़न फेस्टिवल सर्वश्रेष्ठ दस्तावेज़ी फिल्म होने केलिए नामित किआ गया। वह फ्यूज मीडिया कंपनी की अध्यक्ष होने के अलावा सिस्टरहुड नामित पत्रिका की मुख्य संपादक भी हैं। २०१६ में दिया को युनेस्को की कलात्मक स्वतंत्रता और रचनात्मकता वर्ग के लिये सदभावना राजदूत नियुक्त किआ गया। वह इस श्रेणी के लिए नामांकित होने वाले पहली व्यक्ति हे। .

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धड़ निरावरण

धड़ निरावरण (टॉपलेस) उस अवस्था को कहते हैं जिसमें महिलाएँ कमर से ऊपर कोई वस्त्र धारण नहीं करती हैं। इस अवस्था में वे अपने स्तन उजागर करती हैं।  .

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धम्मपद

धम्मपद बौद्ध साहित्य का सर्वोत्कृष्ट लोकप्रिय ग्रंथ है। इसमें बुद्ध भगवान् के नैतिक उपदेशों का संग्रह यमक, अप्पमाद, चित्त आदि 26 वग्गों (वर्गों) में वर्गीकृत 423 पालि गाथाओं में किया गया है। त्रिपिटक में इसका स्थान सुत्तपिटक के पाँचवें विभाग खुद्दकनिकाय के खुद्दकपाठादि 15 उपविभागों में दूसरा है। ग्रंथ की आधी से अधिक गाथाएँ त्रिपिटक के नाना सुत्तों में प्रसंगबद्ध पाई जा चुकी हैं। धम्मपद की रचना उपलब्ध प्रमाणों से ई.पू.

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धीरूभाई अंबानी

धीरजलाल हीरालाल अंबानी (२८ दिसम्बर, १९३३, - ६ जुलाई, २००२) जिन्हें धीरुभाई भी कहा जाता है) भारत के एक चिथड़े से धनी व्यावसायिक टाइकून बनने की कहानी है जिन्होनें रिलायंस उद्योग की स्थापना मुम्बई में अपने चचेरे भाई के साथ की। कई लोग अंबानी के अभूतपूर्व/उल्लेखनीय विकास के लिए अन्तरंग पूंजीवाद और सत्तारूढ़ राजनीतिज्ञों तक उनकी पहुँच को मानते हैं क्योंकि ये उपलब्धि अति दमनकारी व्यावसायिक वातावरण में पसंदीदा वर्ताव द्वारा प्राप्त की गई थी। (लाइसेंस राज ने भारतीयों को दबाया। १९९० तक भारतीय व्यवसाय का गला घोंट दिया और उन्हीं को राजनीतिज्ञों ने लाइसेंस प्रदत्त किया जो की उनके इष्ट थे, जिसने प्रतियोगिता के कोई आसार नहीं छोड़े)। अंबानी ने अपनी कंपनी रिलायंस को १९७७ में सार्वजानिक क्षेत्र में सम्मिलित किया और २००७ तक परिवार (बेटे अनिल और मुकेश) की सयुंक्त धनराशी १०० अरब डॉलर थी, जिसने अम्बानियों को विश्व के धनी परिवारों में से एक बना दिया। .

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नरिता अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

is an international airport जापान के ग्रेटर टोक्यो एरिया को सेवा देने वाला अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह टोक्यो स्टेशन से पूर्व में एवं नरिता स्टेशन से पूर्व- दक्षिणपूर्व में नरिता नामक शहर में, शिबायामा के निकट स्थित है। नरिता जापान से जाने वाले और जापान को आने वाले अधिकतम अन्तर्राष्ट्रीय यात्री परिवहन को सुलभ कराता है और एशिया एवं अमरीका के बीच एक प्रधान कनेक्शन बिन्दु है। वर्ष २००७ में यहां से 35,478,146 यात्रियों का आवागमन हुआ। यह जापान का दूसरा व्यस्ततम, यहां का व्यस्ततम माल यातायात हब, एवं विश्व का नौवां व्यस्ततम माल यातायात हब है। यह जापान के ध्वजवाहिका वायुसेवा जापान एयरलाइंस के संग संग ऑल निप्पन एयरवेज़, *निप्पन कार्गो एयरलाइंस तथा अन्य निम्न-लागत वायुसेवाएं जैसे एयरएशिया जापान एवं जेटस्टार जापान के लिये प्रधान हब है। इनके अलावा यह डेल्टा एयरलाइंस एवं यूनाइटेड एयरलाइंस के लिये एशियाई हब का भी कार्य करता है। जापानी विधि के अन्तर्गत्त यह एक प्रथम श्रेणी विमानक्षेत्र वर्गीकृत है। इस विमानक्षेत्र का पूर्व नाम २००४ तक न्यू टोक्यो इन्टर्नेशनल एयरपोर्ट (新東京国際空港 शिन-तोक्यो कोकुसई कूको) था, किन्तु इसे प्रायः "टोक्यो नरिता" ही कहा जाता था, हालांकि इसका आधिकारिक नामकरण इसे एक अन्य विमानक्षेत्र टोक्यो अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, जिसे प्रायः "टोक्यो हनेदा" कहते हैं, से अलग पहचान (नाम) देने के उद्देश्य से किया गया था। .

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नारायणा

नारायणा पश्चिम-दक्षिण दिल्ली का इलाका है (Coordinates: 28°38'27"N 77°8'38"E)। यहां औद्योगिक, आवासीय व ग्रामीण; तीनों ही क्षेत्र हैं। यहां एशिया की सबसे बङी लौह /इस्पातमण्डी है। .

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नालको

राष्ट्रीय एल्युमिनियम कंपनी या नालको भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है। यह भारत सरकार के खान मंत्रालय के अधीन है। इसकी इकाइयाँ पूरे भारत में हैं। वर्तमान में यह एशिया का सबसे बड़ा (विश्व का छठा सबसे बड़ा) एकीकृत एल्युमिनियम संस्थान है। .

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नाशपाती

नाशपाती (अंग्रेजी: Pear; वानस्पतिक नाम) एक फल है। नाशपाती भी सेब से जुड़ा एक उप-अम्लीय फल है, लेकिन इसमें शर्करा अधिक तथा अम्ल कम पाया जाता है। यह मूल रूप से उत्तरी अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप का निवासी था और पूर्वी जंबुद्वीप तक इसका विस्तार हुआ करता था। यह एक मध्यम ऊंचाई का पेड़ होता है जो तक पहुंचता है, प्रायः ऊपर ऊंचा, संकरा किरीट आकार होता है। इसकी कुछ प्रजातियां झाड़ रूपी भी होती हैं, जिनकी ऊंचाई अधिक नहीं होती। इसकी पत्तियां एक एक करके दायें बाएं व्यवस्थित होती हैं व सीधी लम्बी, कुछ प्रजातियों में चमकदार हरी, तो कुछ अन्य प्रजातियों में घने रजतवर्णी रोयें से ढंकी हरी होती हैं। इनका आकार चौड़ा ओवल से लेकर संकरा भालानुमा भी होता है। अधिकतर नाश्पाती की प्रजातियाँ पर्णपाती होती हैं, किन्तु दक्षिण-पूर्वी एशिया में एक-दो प्रजातियां सदाबहार भी पायी जाती हैं। अधिकतर ठंड सहने वाली कुछ सख्त होती हैं, जिनमें शीत ऋतु में शून्य के नीचे से शून्य के नीचे तापमान सहने की क्षमता होती है। जो सदाबहार प्रजातियाँ होती हैं, उनकी क्षमता मात्र शून्य के नीचे ही होती है। .

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नाग मणि

नागमणि (snake-stone या viper's stone, black stone, schwarze Steine, pierres noire, piedritas negras या serpent-stone) किसी जन्तु की हड्डी या पत्थर को कहते हैं। अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया में सर्प दंश की लोकचिकित्सा में इसका उपयोग होता है। .

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नाइटविश

नाइटविश किटी, फिनलैंड का सिंफ़निक मेटल बैंड है, जिसकी स्थापना गीतकार/वादक ट्यूमस होलोपैनेन, गिटारवादक एम्पु वोरिनेन तथा पूर्व गायक टार्जा टुरुनेन ने १९९६ में की.

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निचिदात्सू फुजी

निचिदात्सू फुजी (१८८५-१९८५) एक जापानी बौद्ध भिक्षु और बौद्ध धर्म के निप्पोंज़न-म्योहोजी संप्रदाय के संस्थापक माने जाते हैं। फ़ूजी ने १९३१ में महात्मा गांधी के साथ हुई मुलाकात से प्रेरित होकर अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित करने का निर्णय लिया। १९४७ में उन्होंने विश्व शांति के तीर्थ के रूप में शांति मंदिर (पीस पगोडा) का निर्माण प्रारंभ किया। शांति के एक प्रतीक के रूप में पहला शांति पगोडा जापानी शहरों हिरोशिमा और नागासाकी की बनाया, जहां द्वितीय विश्व युद्घ के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा गिराए गए परमाणु बम की वजह से १,५०,००० निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। २००० तक यूरोप, एशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित दुनिया भर में ८० शांति पगोडा का निर्माण किया जा चुका था। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन.

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निर्भरता का सिद्धान्त

अंतरराष्ट्रीय राजनीति में निर्भरता का सिद्धान्त (Dependency theory) यह है कि संसाधन, निर्धन एवं अल्पविकसित देशों (periphery/'परिधि') से धनी देशों (Core/केन्द्र या कोर) की ओर प्रवाहित होते हैं और निर्धन देशों को और गरीब करते हुए धनी देशों को और धनी बनाते हैं। निर्भरता का सिद्धान्त इस मूल मान्यता पर आधारित है कि राजनैतिक एवं आर्थिक कारकों के बीच एक गहन संबंध होता है। ये दोनों कारक परस्पर प्रभावित करते हैं तथा काफी हद तक आर्थिक कारकों के आधार पर राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलते हैं। निर्भरता का सिद्धान्त मूल रूप से मार्क्सवाद से प्रभावित रहा है। मार्क्सवाद के साथ-साथ होबसन व लेनिन के साम्राज्यवाद की अवधारणा ने इसे और मजबूत बना दिया है। परन्तु चुंकी मार्क्सवादी 'राज्य' के अस्तित्व को नहीं मानते इसीलिए इसे 'नव-मार्क्सवादी' अवधारणा मानना ज्यादा तर्कसंगत होगा। वैसे तो यह अवधारणा अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में 1950 के दशक से विद्यमान है, परन्तु 1970 के दशक से ज्यादा महत्वपूर्ण बन गई है। इस काल के अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के अध्ययन हेतु राजनीतिक-आर्थिक तत्वों में संबंध पर अधिक बल दिया जाने लगा है। इस सिद्धान्त के मुख्य समर्थकों में पॉल बरान, पॉल स्वीजी, हेरी मैडगाफ, एंड्रि गुंडर फैंक, अग्रहीरी इमेनुअल, समीर अमीन, इमेनुअल वालरस्टेन आदि प्रमुख हैं। .

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नव-उपनिवेशवाद

विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों के आन्तरिक मामलों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किये जाने वाले हस्तक्षेप को नव-उपनिवेशवाद (Neocolonialism) कहा जाता है। नवउपनिवेशवाद की धारणा के मानने वालों का सोचना है कि पूर्व में उपनिवेशी शक्तियों ने जो आर्थिक ढांचा बना रखा था उनका अब भी उन उपनिवेशों पर नियन्त्रण करने में इस्तेमाल किया जा रहा है। यूरोप के देशों ने एक लम्बे समय तक एशिया और अफ्रीका के देशों पर अपना साम्राज्यवादी जाल फेंकर उनका राजनीतिक व आर्थिक शोषण किया लेकिन उन देशों में उभरने वाले स्वतन्त्रता आन्दोलनों ने साम्राज्यवादी देशों के मनसूबों पर पानी फेर दिया। धीरे-धीरे एशिया और अफ्रीका के देश एक-एक करके साम्राज्यवादी चुंगल से मुक्ति पाने लगे। जब साम्राज्यवादी शक्तियों को अपने दिन लदते नजर आए तो उन्होंने औपनिवेशिक शोषण के नए नए तरीके तलाशने शुरू कर दिए। उन्होंने इस प्रक्रिया में उन देशों पर अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए आर्थिक साम्राज्यवाद का सहारा लिया। स्वतन्त्र होने के बाद नवोदित राष्ट्र इस स्थिति में नही रहे कि वे अपना स्वतन्त्र आर्थिक विकास कर सकें। उनके आर्थिक विकास में सहायता के नाम पर विकसित साम्राज्यवादी देशों ने डॉलर की कूटनीति (डॉलर डिप्लोमैसी) का प्रयोग करके उनकी अर्थव्यवस्थाओं पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया और धीरे-धीरे वे नए साम्राज्यवाद के जाल में इस कदर फंस गए कि आज तक भी वे विकसित देशों के ही पराधीन हैं। इस व्यवस्था को नव-उपनिवेशवाद के नाम से जाना जाता है। .

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नवजगत

नवजगत (New World) पृथ्वी के पश्चिमी गोलार्ध (हेमिस्फ़ीयर) का क्षेत्र है, जिसमें उत्तर व दक्षिणी अमेरिका और उनके पास स्थित कैरिबियाई सागर के द्वीप आते हैं। १५वीं शताब्दी ईसवी में यूरोप के कुछ खोजयात्रियों द्वारा इनकी खोज होने से पहले नये विश्व से बाहर रहने वाले लोग यह समझते थे कि अफ़्रीका, यूरोप और एशिया का भूभाग ही पूरा विश्व है। नये विश्व की अवधारणा का प्रयोग पूर्वजगत से भौगोलिक, जीववैज्ञानिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक या अन्य तुलना करने के लिये किया जाता है। .

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नूर इनायत ख़ान

नूर-उन-निसा इनायत ख़ान (प्रचलित: नूर इनायत ख़ान; उर्दू: نور عنایت خان, अँग्रेजी: Noor Inayat Khan; 1 जनवरी 1914 – 13 सितम्बर 1944) भारतीय मूल की ब्रिटिश गुप्तचर थीं, जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मित्र देशों के लिए जासूसी की। ब्रिटेन के स्पेशल ऑपरेशंस एक्जीक्यूटिव के रूप में प्रशिक्षित नूर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान फ्रांस के नाज़ी अधिकार क्षेत्र में जाने वाली पहली महिला वायरलेस ऑपरेटर थीं। जर्मनी द्वारा गिरफ़्तार कर यातनायें दिए जाने और गोली मारकर उनकी हत्या किए जाने से पहले द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान वे फ्रांस में एक गुप्त अभियान के अंतर्गत नर्स का काम करती थीं। फ्रांस में उनके इस कार्यकाल तथा उसके बाद आगामी 10 महीनों तक उन्हें यातनायें दी गईं और पूछताछ की गयी, किन्तु पूछताछ करने वाली नाज़ी जर्मनी की ख़ुफिया पुलिस गेस्टापो द्वारा उनसे कोई राज़ नहीं उगलवाया जा सका। उनके बलिदान और साहस की गाथा युनाइटेड किंगडम और फ्रांस में प्रचलित है। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें युनाइटेड किंगडम एवं अन्य राष्ट्रमंडल देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मान जॉर्ज क्रॉस से सम्मानित किया गया। उनकी स्मृति में लंदन के गॉर्डन स्क्वेयर में स्मारक बनाया गया है, जो इंग्लैण्ड में किसी मुसलमान को समर्पित और किसी एशियाई महिला के सम्मान में इस तरह का पहला स्मारक है। .

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नेपाल दर्शन

नेपाल- (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है। .

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नेपाल का भूगोल

नेपाल के दो प्राकृतिक क्षेत्र हैं.

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नॉटिंघम

नॉटिंघम, यूनाइटेड किंगडम के इस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र में स्थित एक शहर और एकात्मक प्राधिकरण इलाका है। यह नॉटिंघमशायर के सेरेमोनियल काउंटी में स्थित है और आठ सदस्यों के इंग्लिश कोर सिटीज ग्रुप का एक सदस्य है। हालांकि ऐतिहासिक दृष्टि से नॉटिंघम शहर की सीमा काफी कम है जो अपेक्षाकृत 288,700 की कम जनसंख्या है, व्यापक नॉटिंघम शहरी क्षेत्र की आबादी 667,000 है और यह यूनाइटेड किंगडम शहरी क्षेत्र का सातवां सबसे बड़ा क्षेत्र है और लिवरपूल और शेफील्ड के बीच में इसकी रैंकिंग की जाती है। यथा 2004 यूरोस्टेट के लार्जर अर्बन ज़ोन ने इस क्षेत्र की आबादी 825,600 सूचीबद्ध की.

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नीबू घास

नीबू घास (Cymbopogon या lemongrass) घास परिवार का पादप है जो एशिया, अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में पाया जाता है। .

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नीलकंठ पक्षी

left left left नीलकंठ (कोरेशियस बेन्गालेन्सिस), जिसे इंडियन रोलर बर्ड या ब्लू जे कहते थे, एक भारतीय पक्षी है। यह उष्णकटिबन्धीय दक्षिणी एशिया में ईराक से थाइलैंड तक पाया जाता है। .

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पतेना

पतेना (Bee-eater) पक्षियों के कोरैसीफ़ोर्मीस जीववैज्ञानिक गण का एक कुल है, जिसे जीववैज्ञानिक रूप से मेरोपिडाए (Meropidae) कहा जाता है। इस कुल में तीन वंश सम्मिलित हैं जिनमें मिलाकर २७ ज्ञात जातियाँ हैं। यह अपने रंग-बिरंगे पतले शरीरों और लम्बी दुमों से पहचानी जाती हैं। इस कुल की अधिकांश जातियाँ अफ़्रीका और एशिया में पाई जाती हैं, लेकिन कुछ दक्षिणी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और नया गिनी में भी रहती हैं। .

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परमेश्वरीलाल गुप्त

डॉ परमेश्वरीलाल गुप्त (२४ दिसम्बर १९१४ - २९ जुलाई २००१) भारत के स्वतंत्रता-संग्राम सेनानी, मुद्राशास्त्री, इतिहासकार एवं हिन्दी साहित्यकार थे। .

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पर्च

पर्च (perch) मीठे पानी में रहने वाली एक हड्डीदार मछली है जो विश्व के बहुत स्थानों में मिलती है। इसकी तीन जातियाँ हैं। किरण-फ़िन वाली हड्डीदार मछलियों के एक कुल को इन्ही मछलियों के नाम पर 'पर्सिडाए' (Percidae) कहा जाता है। बहुत सी ऐसी भी मछलियाँ हैं जो दिखने में पर्च जैसी लगती हैं इसलिए कभी-कभी उन्हें भी 'पर्च' कह दिया जाता हैं हालांकि उनका जीववैज्ञानिक कुल अलग होता है। ऐसी मछलियों को 'पर्सिफ़ोर्म' (Perciform) कहा जाता है। इनमें भारतीय उपमहाद्वीप में मिलने वाली 'कवई' मछली भी शामिल है जो पर्सिफ़ोर्म तो है लेकिन जीववैज्ञानिक दृष्टि से पर्च नहीं है।, Kamil Bulcke, pp.

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पशुधन

घरेलू भेड़ और एक गाय (बछिया) दक्षिण अफ्रीका में एक साथ चराई करते हुए एक या अधिक पशुओं के समूह को, जिन्हें कृषि सम्बन्धी परिवेश में भोजन, रेशे तथा श्रम आदि सामग्रियां प्राप्त करने के लिए पालतू बनाया जाता है, पशुधन के नाम से जाना जाता है। शब्द पशुधन, जैसा कि इस लेख में प्रयोग किया गया है, में मुर्गी पालन तथा मछली पालन सम्मिलित नहीं है; हालांकि इन्हें, विशेष रूप से मुर्गीपालन को, साधारण रूप से पशुधन में सम्मिलित किया जाता हैं। पशुधन आम तौर पर जीविका अथवा लाभ के लिए पाले जाते हैं। पशुओं को पालना (पशु-पालन) आधुनिक कृषि का एक महत्वपूर्ण भाग है। पशुपालन कई सभ्यताओं में किया जाता रहा है, यह शिकारी-संग्राहक से कृषि की ओर जीवनशैली के अवस्थांतर को दर्शाता है। .

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पहला विश्व युद्ध

पहला विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक मुख्य तौर पर यूरोप में व्याप्त महायुद्ध को कहते हैं। यह महायुद्ध यूरोप, एशिया व अफ़्रीका तीन महाद्वीपों और समुंदर, धरती और आकाश में लड़ा गया। इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र (जिसमें यह लड़ा गया) तथा इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्व युद्ध कहते हैं। पहला विश्व युद्ध लगभग 52 माह तक चला और उस समय की पीढ़ी के लिए यह जीवन की दृष्टि बदल देने वाला अनुभव था। क़रीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में चली गई और इस दौरान अंदाज़न एक करोड़ लोगों की जान गई और इससे दोगुने घायल हो गए। इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मरे। विश्व युद्ध ख़त्म होते-होते चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी (हैप्सबर्ग) और उस्मानिया ढह गए। यूरोप की सीमाएँ फिर से निर्धारित हुई और अमेरिका निश्चित तौर पर एक 'महाशक्ति ' बन कर उभरा। .

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पाड़

बांस के पाड़ बहुत अधिक ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं जापान में विनियमन के तहत रखरखाव/मरम्मत के बड़े पैमाने पर आवधिक (हर 10-15 वर्ष) में सम्मिलित.ज्यादातर मामलों में पूरी इमारत को आसान काम और सुरक्षा के लिए इस्पात के मचान और जाल से ढक दिया जाता है। आम तौर पर यह योजना निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार3-5 सप्ताह तक जारी रहता है। मचान, टोक्यो स्काई ट्री निर्माण के आरंभ होने के बाद 10 महीने.i मचान एक अस्थाई ढांचा (विन्यास) है जिसका उपयोग इमारतों और अन्य बड़ी संरचनाओं के या मरम्मत में लोगों एवं सामग्रियों की सहायता के लिए किया जाता है। आमतौर पर यह धातु की पाइपों या नलियों की एक प्रमापीय प्रणाली है, हालांकि यह अन्य सामग्रियों से भी बनाया जा सकता है। चीन गणराज्य (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना) जैसे एशिया के कुछ देशों में अभी भी बांस का प्रयोग किया जाता है। पाड़ (Scaffolding या staging) भवननिर्माण में काम आनेवाली वह अस्थायी संरचना है जिसपर कामगरों तथा उनकी सामग्री को उनके काम की जगह के निकट पहुँचानेवाला मचान रखा जाता है। पाड़ का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। प्रायः यह धातु की पाइपों या नलों से बनी होती है हालांकि यह बाँस आदि अन्य सामग्रियों से भी बनाया जा सकता है। इस अस्थायी संरचना से लगभग आठ फुट मध्यांतर पर खड़ी बल्लियाँ होती हैं, जो चार-चार पाँच-पाँच फुट की ऊँचाई पर क्षैतिज आड़ों द्वारा परस्पर संबंधित रहती हैं। एक ओर इन आड़ों पर तथा दूसरी ओर दीवार में बने छेदों पर, चार चार फुट की दूरी पर आड़ी लकड़ियाँ रखी रहती हैं, जिन्हें 'पेटियाँ' कहते हैं। लकड़ी के तख्ते, जिनकी चाली बनती है, इन्हीं पेटियों पर रखे रहते हैं। चालियाँ प्राय: पाँच पाँच फुट लंबी होती हैं। पत्थर की चिनाई के लिये खड़ी बल्लियों की दो पंक्तियाँ लगती हैं: एक दीवार से सटी हुई तथा दूसरी उससे पाँच फुट के अंतर पर। अन्य पेटियाँ दोनों सिरों पर आड़ी के ऊपर रखी रहती हैं। इस प्रकार यह पाड़ दीवार से पूर्णतया अनाश्रित होती हैं, क्योंकि पत्थर की चिनाई में नियमित अंतर पर छेद छोड़ रखना संभव नहीं। जैसे-जैसे काम आगे बढ़ता है, चालियाँ भी ऊँची उठाई जाती रहती हैं। इसके लिये यदि आवश्यकता होती है, भी अतिरिक्त टुकड़े जोड़कर बल्लियाँ लंबी कर ली जाती हैं। पाड़ में लंबाई की दिशा में स्थिरता लाने के लिये, विकर्ण पेटियाँ भी लगाई जाती हैं। बल्लियाँ, आड़ें तथा पेटियाँ परस्पर रस्सी से कसकर बाँध दी जाती हैं। कीलें, यदि कभी लगाई भी जाती हैं, तो बहुत कम। रस्सी बाँधनेवाले बंधानी विशेष कुशल होने चाहिए, क्योंकि इसमें काफी समय और कौशल लगता है। फिर भी रस्सी में सरकने, ढीली पड़ने, घिस जाने और कट जाने की संभावनाएँ रहती ही हैं। हाल में बड़े-बड़े कामों में इसके बजाय अधिक वैज्ञानिक साधन काम में आने लगे हैं। 'स्कैफिक्सर' बंधन में इस्पात की जंजीर और बंधन की कौशलपूर्ण युक्तियों का संमिश्रण होता है। इसके प्रयोग से सुरक्षा अधिक रहती है और समय कम लगता है। नलोंवाली पाड़ - यह स्वकृत पाड़ की एक अत्यंत सुधरी प्रणाली है, जिसें इस्पात के लगभग दो इंच मोटे नल स्वकृत योजकों द्वारा जोड़े जाते हैं। ऐसी पाड़ जल्दी से और आसानी से खड़ी की जा सकता तथा हटाई जा सकती है। इसके अतिरिक्त, इसमें पाड़ का एक भाग दीवार में रखने के लिये छेद छोड़ने के बजाय, किसी संधि में थोड़ा सहारा दे देना ही पर्याप्त होता है। निलंबित पाड़ - इस्पात के ढाँचेवाली रचना के लिये मशीन द्वारा ऊँची नीची की जा सकनेवाली भारी निलंबित पाड़ प्राय: उपयुक्त होती है। यह ऊपर बाहुधरनों से तार के रस्सों द्वारा लटकाई जाती है। गंत्री - जहाँ रचना में लगनेवाले प्रस्तरखंड बहुत बड़े हों, जिन्हें राज आसानी से घर उठा न सकें और उत्थापक रस्साकुप्पी का प्रयोग होना हो, वहाँ मंत्री काम आती है। मंच या गंत्री चौकोर लकड़ी से उसी प्रकार बनाई जाती है, जिस प्रकार राज की पाड़; किंतु इसमें दीवार की दोनों ओर खड़े बल्लों की एक एक पंक्ति होती है। इनके ऊपर लंबी लकड़ियाँ या वाहक लगे रहते हैं, जिनपर लोहे की पटरी जड़ी रहती है। खड़े बल्लों के बीच में, उनपर आनेवाले भार तथा उनके आकार के अनुसार १० से लेकर २० फुट तक का अंतर रहता है। एक चलमंच, जिसपर उत्थापक काँटा लगा रहता है, पटरियों पर गंत्री की लंबाई के समांतर चलता है। मंच पर भी पटरियाँ जड़ी रहती है, जिनपर काँटा गंत्री की लंबाई की लंबवत् दिशा में चल सकता है। इस प्रकार गंत्री से घिरे क्षेत्र में प्रत्येक स्थान तक काँटा पहुँच सकता है। .

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पाब्लो एस्कोबार

पाब्लो एमिलियो एस्कोबार गैविरिया (1 दिसम्बर 1949 - 2 दिसम्बर 1993) एक कोलंबियाई ड्रग लॉर्ड था। कभी "दुनिया का सबसे बड़ा अपराधी" कहा जाने वाला पाब्लो एस्कोबार संभवतः कोकीन का अबतक का सबसे चालबाज सौदागर था।http://www.colombialink.com/01_INDEX/index_personajes/narcotrafico/escobar_gaviria_pablo_ing.html उसे विश्व इतिहास में सबसे अमीर और सबसे कामयाब अपराधी माना जाता है क्योंकि, वर्ष 1989 में, फ़ोर्ब्स पत्रिका ने एस्कोबार को दुनिया का सातवाँ सबसे अमीर व्यक्ति घोषित किया था, जिसकी अनुमानित व्यक्तिगत संपत्ति 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी। उसके पास असंख्य लक्जरी आवास एवं गाड़ियां थीं और 1986 में उसने कोलंबिया की राजनीति में प्रवेश करने का प्रयास किया, यहाँ तक कि उसने देश के 10 बिलियन डॉलर के राष्ट्रीय कर्ज को चुका देने की पेशकश भी रखी.

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पारम्परिक चिकित्सा

पारम्परिक चिकित्सा (traditional medicine) या लोक चिकित्सा (folk medicine) कई मानव पीढ़ीयों द्वारा विकसित वे ज्ञान प्रणालियाँ होती हैं जिनके प्रयोग से आधुनिक चिकित्सा प्रणाली से भिन्न तरीके से शारीरिक व मानसिक रोगों की पहचान, रोकथाम, निवारण और इलाज करा जाता रहा है। कई एशियाई और अफ़्रीकी देशों में ८०% तक जनसंख्या प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार में स्थानीय पारम्परिक चिकित्सा पर निर्भर है और केवल उन उपचारों के न काम करने पर ही आधुनिक चिकित्सा का सहारा लेती है। जब एक स्थान की पारम्परिक चिकित्सा शैली अपनी गृहभूमि से बाहर प्रयोग होती है तो उसे "वैकल्पिक चिकित्सा" (alternative medicine) कहते हैं। विश्व की प्रमुख पारम्परिक चिकित्सा शैलियों में आयुर्वेद, यूनानी चिकित्सा, सिद्ध चिकित्सा, प्राचीन ईरानी चिकित्सा, पारम्परिक चीनी चिकित्सा, पारम्परिक कोरियाई चिकित्सा, एक्यूपंक्चर, मुटी (दक्षिणी अफ़्रीकी पारम्परिक चिकित्सा), इफ़ा (पश्चिमी अफ़्रीकी पारम्परिक चिकित्सा) और अन्य पारम्परिक अफ़्रीकी चिकित्सा शैलियाँ शामिल हैं। पारम्परिक चिकित्सा के भिन्न क्षेत्रों में जड़ी-बूटी चिकित्सा, नृजाति चिकित्साविज्ञान (ऍथ्नोमेडिसिन), लोक वानस्पतिकी (ऍथ्नोबोटेनी) और चिकित्सक मानवशास्त्र सम्मिलित हैं। .

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पार्क होटल नई दिल्ली

होटल पार्क नई दिल्ली, शहर के सबसे प्रसिद्ध लग्ज़री 5 सितारा होटलों में से एक है। इस होटल का स्वामित्व एपीजे सुरेंद्र ग्रुप के पास हैं जिसका मुख्यालय कोलकाता मे हैं। इस समूह के अन्य होटल बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, विशाखापट्टनम और गोवा में स्थित हैं। भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित होने के चलते इस होटल का एक अपना अलग ही महत्व हैं। .

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पितृवंश समूह ऍनओ

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह ऍनओ या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप NO एक पितृवंश समूह है। यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह के (ऍक्सऍलटी) से उत्पन्न हुई एक शाखा है। विश्व में इसकी उपशाखाओं - पितृवंश समूह ऍन और पितृवंश समूह ओ - के तो बहुत पुरुष मिलते हैं, लेकिन सीधा पितृवंश समूह ऍनओ का सदस्य आज तक कोई नहीं मिला है। फिर भी वैज्ञानिकों का मानना है के इसे समूह के वंशज कभी ज़रूर रहे होंगे। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ३०,०००-४०,००० वर्ष पहले एशिया में अरल सागर से पूर्व की ओर कहीं रहता था।Rootsi, Siiri et al.

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पितृवंश समूह डी

बहुत से भारतीय अंडमानी आदिवासी पुरुष पितृवंश समूह डी के वंशज हैं, जो जापानी और तिब्बती पुरुषों में भी आम है मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह डी या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप D पितृवंश समूह है। इस पितृवंश समूह के सदस्य पुरुष ज़्यादातर तिब्बत, जापान और अंडमान द्वीपों में पाए जाते हैं। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से ५०,००० या ६०,००० वर्ष पहले एशिया के महाद्वीप में कहीं रहता था, लेकिन इस से आगे उसके निवास स्थान का ठीक से अनुमान नहीं लग पाया है। यह पितृवंश समूह बहुत प्राचीन माना जाता है और अंदाज़ा है इसकी उत्पत्ति मनुष्यों के अफ़्रीका छोड़ने के जल्द बाद ही हो गयी थी। एशिया के बाहर यह पितृवंश समूह किसी पुरुष में कहीं नहीं पाया गया है। यह पुरुष स्वयं पितृवंश समूह डीई (DE) का वंशज था और पितृवंश समूह डी को पितृवंश समूह डीई की एक शाखा माना जाता है। .

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पितृवंश समूह जी

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह जी या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप G एक पितृवंश समूह है। जिस पुरुष से इस पितृवंश समूह की शुरुआत हुई उसके जीवनकाल का ठीक से अंदाज़ा नहीं लग पाया है, लेकिन अनुमान किया जाता है के वह आज से ९,५०० से लेकर २०,००० साल के अंतराल में कभी या तो मध्य पूर्व में या एशिया में कहीं बसता था। यह पुरुष स्वयं पितृवंश समूह ऍफ़ का वंशज था और इसलिए पितृवंश समूह जी को पितृवंश समूह ऍफ़ की उपशाखा माना जाता है। पितृवंश समूह जी के वंशज पुरुष हलकी मात्रा में पूरे यूरोप, उत्तर एशिया, मध्य पूर्व, उत्तर अफ़्रीका, भारत, श्रीलंका और मलेशिया में पाए जाते हैं। .

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पितृवंश समूह ई

अफ्रीका, यूरोप और मध्य पूर्व में पितृवंश समूह ई का फैलाव - आंकड़े बताते हैं के किस इलाक़े के कितने प्रतिशत पुरुष इसके वंशज हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह ई या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप E पितृवंश समूह है। इस पितृवंश समूह के सदस्य पुरुष ज़्यादातर अफ्रीका में पाए जाते हैं, हालाँकि इस पितृवंश समूह की एक उपशाखा है, जिसका नाम ई१बी१बी है, जो उत्तर और पूर्वी अफ्रीका के साथ-साथ एशिया और यूरोप के कुछ पुरुषों में भी पाई जाती है। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से ५०,००० या ५५,००० वर्ष पहले पूर्वी अफ्रीका में कहीं रहता था।Karafet et al.

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पितृवंश समूह आईजे

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह आईजे या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप IJ एक पितृवंश समूह है। यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह आईजेके से उत्पन्न हुई एक शाखा है। विश्व में इसकी दो उपशाखाओं - पितृवंश समूह आई और पितृवंश समूह जे - के तो बहुत पुरुष मिलते हैं, लेकिन सीधा पितृवंश समूह आईजे का सदस्य आज तक कोई नहीं मिला है। फिर भी पितृवंश समूह आई और पितृवंश समूह जे का अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिकों का मानना है के इसे समूह के वंशज कभी ज़रूर रहे होंगे। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ३५,०००-४०,००० वर्ष पहले मध्य पूर्व या दक्षिण-पश्चिमी एशिया में रहता था। .

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पिशाच

फिलिप बर्न-जोन्स द्वारा पिशाच, 1897 पिशाच कल्पित प्राणी है जो जीवित प्राणियों के जीवन-सार खाकर जीवित रहते हैं आमतौर पर उनका खून पीकर.

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पुणे

पुणे भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक महत्त्वपूर्ण शहर है। यह शहर महाराष्ट्र के पश्चिम भाग, मुला व मूठा इन दो नदियों के किनारे बसा है और पुणे जिला का प्रशासकीय मुख्यालय है। पुणे भारत का छठवां सबसे बड़ा शहर व महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। सार्वजनिक सुखसुविधा व विकास के हिसाब से पुणे महाराष्ट्र मे मुंबई के बाद अग्रसर है। अनेक नामांकित शिक्षणसंस्थायें होने के कारण इस शहर को 'पूरब का ऑक्सफोर्ड' भी कहा जाता है। पुणे में अनेक प्रौद्योगिकी और ऑटोमोबाईल उपक्रम हैं, इसलिए पुणे भारत का ”डेट्राइट” जैसा लगता है। काफी प्राचीन ज्ञात इतिहास से पुणे शहर महाराष्ट्र की 'सांस्कृतिक राजधानी' माना जाता है। मराठी भाषा इस शहर की मुख्य भाषा है। पुणे शहर मे लगभग सभी विषयों के उच्च शिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। पुणे विद्यापीठ, राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला, आयुका, आगरकर संशोधन संस्था, सी-डैक जैसी आंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान यहाँ है। पुणे फिल्म इन्स्टिट्युट भी काफी प्रसिद्ध है। पुणे महाराष्ट्र व भारत का एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है। टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, भारत फोर्ज जैसे उत्पादनक्षेत्र के अनेक बड़े उद्योग यहाँ है। 1990 के दशक मे इन्फोसिस, टाटा कंसल्टंसी सर्विसे, विप्रो, सिमैंटेक, आइ.बी.एम जैसे प्रसिद्ध सॉफ्टवेअर कंपनियों ने पुणे मे अपने केंन्द्र खोले और यह शहर भारत का एक प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगकेंद्र के रूप मे विकसित हुआ। .

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पुर्तगाली भाषा

पुर्तगाली भाषा (पुर्तगाली: Língua Portuguesaपोर्तुगेस, पोर्तुगेश) एक यूरोपीय भाषा है। ये मूल रूप से पुर्तगाल की भाषा है और इसके कई भूतपूर्व उपनिवेशों में भी बहुमत भाषा है, जैसे ब्राज़ील। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आती है। इसकी लिपि रोमन है। इस भाषा के प्रथम भाषी लगभग २० करोड़ हैं। .

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प्रमुख धार्मिक समूह

दुनिया के प्रमुख धर्म और आध्यात्मिक परम्पराओं को कुछ छोटे प्रमुख समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है, हालांकि यह किसी भी प्रकार से एकरूप परिपाटी नहीं है। 18 वीं सदी में यह सिद्धांत इस लक्ष्य के साथ शुरू किया गया कि समाज में गैर यूरोपीय सभ्यता के स्तर की पहचान हो। धर्मों की और अधिक व्यापक सूची और उनके मूल रिश्तों की रूपरेखा के लिए, कृपया धर्मों की सूची लेख देखें.

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प्रशान्त महासागर

श्रेणी:प्रशान्त महासागर प्रशान्त महासागरप्रशान्त महासागर अमेरिका और एशिया को पृथक करता है। यह विश्व का सबसे बड़ा तथा सबसे गहरा महासागर है। तुलनात्मक भौगौलिक अध्ययन से पता चलता है कि इस महासागर में पृथ्वी का भाग कम तथा जलीय क्षेत्र अधिक है। .

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प्राचीन आनातोली लोग

पामफ़िलिया की राजधानी पेरगा के कुछ खँडहर प्राचीन आनातोलिया का नक़्शा (नोर्वीजियाई भाषा में) हत्ती क्षेत्र से मिले इस बैल-रुपी बर्तन से शराब या अन्य द्रव पिया जाता था प्राचीन आनातोली या प्राचीन आनातोलियाई (Ancient Anatolians) सुदूर पश्चिमी एशिया के आनातोलिया क्षेत्र (आधुनिक तुर्की) में बसने वाले लोग थे जो हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार की आनातोली भाषाएँ बोलते थे। आनातोली भाषा-परिवार पूरे हिन्द-यूरोपीय परिवार की एक शाखा था जो समय के साथ विलुप्त हो गया, हालांकि सम्भव है कि उसके कुछ चिह्न अर्मेनियाई भाषा जैसी स्थानीय भाषाओं में रह गए हों। .

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प्रादा

प्रादा एस.पि एक इतालियन फेशन लेबल पुरुषों और महिलाओं के विलास के सामान में विशेषज्ञ (पहनने के तैयार कपडे, चमड़ी के उपसाधने, जूतें और सामन और टोपियाँ)मारिओ प्रादा द्वारा स्थापित किया गया है। यह लेबल का एक प्रतिष्ठा प्रतीक है। .

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प्रीमियर लीग

प्रीमियर लीग (Premier League) एसोसिएशन फुटबॉल क्लबों का एक इंग्लिश पेशेवर लीग है। इंग्लिश फुटबॉल लीग सिस्टम के शीर्ष पर यह देश का प्राथमिक फुटबॉल प्रतियोगिता है। 20 क्लबों द्वारा प्रतिस्पर्धित इस लीग का संचालन द फुटबॉल लीग के साथ संवर्धन और निर्वासन की एक प्रणाली पर होता है। प्रीमियर लीग एक ऐसा निगम है जिसमें 20 सदस्य क्लब शेयरधारकों के रूप में काम करते हैं। सत्रों का आयोजन अगस्त से मई तक होता है जिसमें प्रत्येक टीम 38 गेम खेलती है जिससे सत्र में गेम की कुल संख्या 380 हो जाती है। अधिकांश गेम शनिवार और रविवार के दिन खेले जाते हैं और कुछ गेम कार्यदिवस की शाम को खेले जाते हैं। इसे बार्क्लेज़ बैंक प्रायोजित करते हैं और इसलिए इसे आधिकारिक तौर पर बार्क्लेज़ प्रीमियर लीग के रूप में जाना जाता है। वास्तव में 1888 में स्थापित द फुटबॉल लीग से अलग होने और एक आकर्षक टेलीविज़न अधिकारों सौदे का लाभ उठाने के उद्देश्य से फुटबॉल लीग फर्स्ट डिवीज़न के क्लबों के फैसले का पालन करते हुए 20 फ़रवरी 1992 को FA प्रीमियर लीग के रूप में इस प्रतियोगिता की नींव रखी गई। उसके बाद से प्रीमियर लीग दुनिया का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला स्पोर्टिंग लीग बन गया है। यह दुनिया का सबसे आकर्षक फुटबॉल लीग है जिसका संयुक्त क्लब राजस्व 2007–08 में £1.93 बिलियन ($3.15bn) था। इसे गत पांच वर्षों में यूरोपीय प्रतियोगिताओं में इसके प्रदर्शन के आधार पर लीगों के UEFA गुणांकों या आंकड़ों की सूची में प्रथम स्थान भी प्रदान किया गया है, इसके बाद स्पेन के ला लिगा और इटली के सेरी A का नाम आता है। 21 अप्रैल 2010 को महारानी साहिबा क्वीन एलिज़ाबेथ II ने प्रीमियर लीग को इंटरनैशनल ट्रेड की श्रेणी में क्वींस अवार्ड फॉर एंटरप्राइज़ से पुरस्कृत किया। इंग्लिश फुटबॉल और यूनाइटेड किंगडम के प्रसारण उद्योग के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और मूल्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रीमियर लीग का सम्मान किया जाता था। इंटरनैशनल ट्रेड अवार्ड 2007 से 2009 तक लगातार तीन बार 12 महीनों की अवधि में विदेशी आय में पर्याप्त वृद्धि और उत्कृष्ट स्तर की वाणिज्यिक सफलता का सम्मान करता है। कुल मिलाकर 43 क्लबों ने प्रीमियर लीग की प्रतियोगिता में भाग लिया है, लेकिन उनमें से केवल चार: आर्सेनल, ब्लैकबर्न रोवर्स, चेल्सी और मैनचेस्टर यूनाइटेड ने ही ख़िताब हासिल किया है। प्रीमियर लीग का मौजूदा चैम्पियन मैनचेस्टर यूनाइटेड है जिसने 2008-09 सत्र में अपना ग्यारहवां प्रीमियर लीग ख़िताब जीतकर सबसे अधिक प्रीमियर लीग ख़िताब प्राप्त करने वाले एकमात्र प्रीमियर लीग टीम बनने का गौरव प्राप्त किया। .

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पौष्टिक-औषध (न्यूट्रास्युटिकल)

पौष्टिक-औषध (न्यूट्रास्युटिकल), जो "न्यूट्रिशन" (पोषण) और "फार्मास्युटिकल" (दवा/औषध) शब्दों से मिलकर बना है, एक खाद्य या खाद्य उत्पाद है जो बीमारी की रोकथाम एवं उपचार सहित स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय लाभ प्रदान करता है। ऐसे उत्पाद पृथक्कृत पोषक तत्वों, आहार पूरकों और विशेष आहारों से लेकर आनुवंशिक रूप से तैयार किये गए खाद्य पदार्थ, जड़ी-बूटी संबंधी उत्पाद और अनाज, सूप, एवं पेय पदार्थ जैसे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों हो सकते हैं। हाल ही में कोशिकीय-स्तरीय पौष्टिक-औषधीय पदार्थों के महत्वपूर्ण खोजों के माध्यम से शोधकर्ता, एवं चिकित्सक प्रशंसात्मक एवं वैकल्पिक चिकित्साओं के संबंध में नैदानिक अध्ययनों से प्राप्त जानकारी को उत्तरदायी चिकित्सा कार्यप्रणाली के रूप में संघटित करने और उसका मूल्यांकन करने के लिए नमूने विकसित कर रहे हैं। पौष्टिक-औषध (न्यूट्रास्युटिकल) शब्द को वास्तव में न्यू जर्सी के क्रॉफोर्ड स्थित फाउंडेशन ऑफ इन्नोवेशन मेडिसिन (एफआईएम (FIM)) के संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ॰ स्टीफन एल.

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पैंजिया

पैंजिया का मानचित्र पैंजिया, पैन्जेया या पैंजी (प्राचीन यूनानी πᾶν पैन "संपूर्ण" और Γαῖα गैया "पृथ्वी", लैटिन भाषा में जेया से), एक विशाल एकीकृत महाद्वीप (सुपरकॉन्टीनेंट) था जिसका अस्तित्व लगभग 250 मिलियन वर्ष पहले पेलियोजोइक और मिजोजोइक युग के दौरान था; मौजूदा महाद्वीप अपने वर्तमान स्वरूप में इसी में से निकल कर आये हैं। यह नाम अल्फ्रेड वेजेनर के महाद्वीपीय प्रवाह के सिद्धांत की वैज्ञानिक चर्चा में गढ़ा गया था। अपनी पुस्तक "द ओरिजिन ऑफ कॉन्टिनेंट्स एंड ओशंस" (डाई एंटस्टेहंग डर कोंटिनेंट एंड ओजियेन) में उन्होंने माना था कि सभी महाद्वीप बाद में विखंडित होने और प्रवाहित होकर अपने वर्तमान स्थानों पर पहुँचने से पहले एक समय में एक विशाल महाद्वीप का हिस्सा थे जिसे उन्होंने "उरकॉन्टिनेंट" कहा था। पैंजिया शब्द 1928 में अल्फ्रेड वेजेनर के सिद्धांत पर चर्चा के लिए आयोजित एक संगोष्ठी के दौरान प्रकाश में आया। एक विशाल महासागर जो पैंजिया को चारों ओर से घेरे हुए था, तदनुसार उसका नाम पैंथालासा रखा गया। .

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पैंगोलिन

वज्रशल्क या पंगोलीन (pangolin) फोलिडोटा गण का एक स्तनधारी प्राणी है। इसके शरीर पर केराटिन के बने शल्क (स्केल) नुमा संरचना होती है जिससे यह अन्य प्राणियों से अपनी रक्षा करता है। पैंगोलिन ऐसे शल्कों वाला अकेला ज्ञात स्तनधारी है। यह अफ़्रीका और एशिया में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। इसे भारत में सल्लू साँप भी कहते हैं। इनके निवास वाले वन शीघ्रता से काटे जा रहे हैं और अंधविश्वासी प्रथाओं के कारण इनका अक्सर शिकार भी करा जाता है, जिसकी वजह से पैंगोलिन की सभी जातिया अब संकटग्रस्त मानी जाती हैं और उन सब पर विलुप्ति का ख़तरा मंडरा रहा है। .

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पूड़ी

पूरी या वास्तविक नाम पूड़ी (बहुवचन: पूड़ियाँ) एक एशियाई अखमीरी रोटी है जिसे भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत दक्षिण एशिया के कई देशों में नाश्ते या हल्के भोजन के रूप में खाया जाता है। पुड़ी को सबसे अधिक नाश्ते में परोसा जाता है, इसके अतिरिक्त यह विशेष या औपचारिक समारोहों में परोसी जाती है। कभी कभी प्रसाद के रूप में भी पूड़ियाँ बाँटी जाती हैं। जॉर्जियाई भाषा में रोटी को पूड़ी कहा जाता है। .

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पूर्वजगत

पूर्वजगत (Old World) अफ़्रीका, यूरोप और एशिया का भूभाग था। यह इन क्षेत्रों द्वारा उत्तर व दक्षिण अमेरिका के खोजे जाने से पहले इन क्षेत्रों के निवासियों के लिये पूरा ज्ञात विश्व था। पूर्वजगत की अवधारणा का प्रयोग नवजगत से भौगोलिक, जीववैज्ञानिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक या अन्य तुलना करने के लिये किया जाता है। .

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पूर्वजगत बंदर

पूर्वजगत बंदर (Old World monkey) एशिया और अफ़्रीका के महाद्वीपों पर मिलने वाले बंदरों का जीववैज्ञानिक कुल है। इसमें वर्षावनों, सवाना घासभूमि और अन्य स्थानों पर रहने वाले कई बंदर आते हैं। यूरोप में भी इस कुल के बंदरों के जीवाश्म (फ़ॉसिल) मिले हैं और जिब्राल्टर पर भी कुछ बंदरों की टोलियाँ अस्तित्व में हैं हालांकि यह शायद अन्य जगहों से लाई गई हो। जीववैज्ञानिक नाम से पूर्वजगत बंदरों के कुल को सेर्कोपिथेसिडाए (Cercopithecidae) बुलाया जाता है। ध्यान दे कि केवल पूर्वजगत के बंदर ही इस कुल में आते है। नवजगत (मसलन दक्षिण अमेरिका) के बंदरों का कुल अलग है। .

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पूर्वी एशिया के नगर

इस लेख के लिए निम्नलिखित देशों को पूर्वी एशिया में माना गया है.

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पूर्वी पाकिस्तान

पूर्वी पाकिस्तान(পূর্ব পাকিস্তান,; مشرقی پاکستان,; East Pakistan, ईस्ट पाकिस्तान), एक इकाई व्यवस्था के तहत, तत्कालीन पाकिस्तान की पूर्वी इकाई थी। यह वर्तमान बांग्लादेश के स्थान पर, १९५५ से १९७१ तक विद्यमान था। इसकी राजधनी ढाका थी, एवं राजभाषा बांग्ला थी। पूर्वी पाकिस्तान का कुल भूक्षेत्र, १,४७,५७० वर्ग की•मी• था। यह पूर्व, उत्तर व पश्चिम दिशाओं में भारत से घिरा हुआ था, और दक्षिण की ओर, बंगाल की खाड़ी के तट पर था। साथ ही पूर्व में यह एक छोटी सी सीमा रेखा, बर्मा के साथ साझा करता था। यह पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रंशन में से एक रहा है, और अर्थव्यवस्था, राजनैतिक प्रतिनिधितिव व जनसंख्या के आधार पर, तत्कालीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य था। अंत्यतः, १६ दिसंबर १९७१ को, नौ महीनों तक चले युद्ध के पश्चात्, पूर्वी पाकिस्तान ने बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्रता घोषित कर दी। .

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पूर्वी गोलार्ध

पूर्वी गोलार्ध ग्रीनवीच रेखा से पूर्व में स्थित पृथ्वी के आधे भाग के लिए प्रयुक्त भौगोलिक पद है। इस भाग में यूरोप, एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया शामील है। इस गोलार्द्ध "ओरिएंटल गोलार्द्ध" भी कहा जाता है। एक सांस्कृतिक या भू राजनीतिक भावना में इसे 'पुरानी दुनिया' भी संबोधित किया जाता है। उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्धों बांटता है जो भूमध्य रेखा के विपरीत, पूर्वी और पश्चिमी गोलार्द्धों को अलग करनेवाली एक मनमाना काल्पनिक रेखा है। 0° देशांतर पर प्रधान मध्याह्न और 180° देशांतर पर विरोधी मध्याह्न, पारंपरिक स्वीकृत सीमाओं हैं जो पश्चिमी देशांतर से पूर्वी देशांतर विभाजित करते हैं। पूर्वी गोलार्ध, पश्चिमी गोलार्ध से कुल भूमि में ज्यादा बड़ा है, यहाँ आवास की व्यापक विविधता है। .

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पेट्रोलियम उत्पादक देशों की सूची

तेल उत्पादक देश इस सूची में उन देशों एवं उनके प्रान्तों/राज्यों की सूची दी गयी है जो तेल के कुओं से कच्चा तेल (crude oil) निकालते हैं। .

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पेर्म क्राय

रूस के नक़्शे में पेर्म क्राय की स्थिति (लाल रंग में) पेर्म क्राय (रूसी: Пе́рмский край) रूस में स्थित एक 'क्राय' का दर्जा रखने वाला संघीय खंड है। यह पूर्वी यूरोप के मैदानी इलाक़े में यूराल पहाड़ों की पश्चिमी ढलानों पर स्थित है। इसका ९९.८% क्षेत्र यूरोप में और केवल ०.२% क्षेत्र एशिया के महाद्वीप में पड़ता है। सन् २०१० में की गई एक जनगणना के अनुसार इसकी आबादी २६,३५,२७६ थी। इस क्राय का क्षेत्रफल १,६०,६०० वर्ग किलोमीटर है। इसकी राजधानी पेर्म शहर है। .

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पॉल वुल्फोवित्ज़

पॉल वुल्फोवित्ज़ पॉल वुल्फोवित्ज़ ने अमरीका और दुनिया के सार्वजनिक जीवन मे तीस से भी ज्यादा साल एक अध्यापक और अन्य दूसरे रूपों में गुज़ारे हैं जिसमें छ: अमरीकी राष्ट्रपतियों के अधीन चौबीस साल की सरकारी सेवा भी शामिल है। मार्च 2001 में एक बार फिर अमरीका के अट्ठाइसवें रक्षा सचिव के रूप में उनकी वापसी हुई। पेंटागन के इस दूसरे सबसे महत्वपूर्ण पद के लिये वुल्फोवित्ज़ डोनाल्ड रम्सफील्ड के साथ वे अमरीकी सेना के लिये महत्वपूर्ण नीति निर्माण की प्रक्रिया को अंज़ाम देते हैं। ग्यारह सितंबर के हमलों के बाद पॉल वुल्फोवित्ज़ ने पूरे विश्व में आतंकवाद के खिलाफ़ अमरीकी रणनीति तैयार करने से लेकर ईराक़ और अफ़गानिस्तान के हमलों के लिये नीति तैयार करने में अति विशिष्ट भूमिका निभाई है। 1989 में राष्ट्रपति बुश ने उन्हें पेंटागन में वापिस बुलाया और उन्होंने तत्कालीन रक्षा सचिव डिक चेनी को खाड़ी युद्ध के संचालन एवं उसके लिये पैसे का जुगाड़ करने में काफी मदद की। राष्ट्रपति रीगन के शासनकाल में वुल्फोवित्ज़ ने तीन साल तक इंडोनेशिया में अमरीका के राजदूत की भूमिका भी अदा की। इस दौरना श्री वुल्फोवित्ज़ की छवि काफी अच्छी रही थी और इस्लामी दुनिया से सार्थक संवाद में उन्होंने काफी अच्छी भूमिका निभाई। इंडोनेशिया जाने से पहले वुल्फोवित्ज़ केन्द्रीय सरकार के नीति निर्धाण एवं योजना कार्यान्वयन विभाग के प्रमुख पद पर तीन साल तक और लगभग ढाई साल तक पूर्वी एशिया और प्रशांत महासगरीय देशों के मामले के समीति के सचिव पद पर कार्य कर चुके थे। चीन के साथ अमरीका के संबंध सुधारने मे वुल्फोवित्ज़ काफी आगे रहे थे और जापान तथा कोरिया के मामलों में भी अमरीकी सरकार उनपर काफी निर्भ रही थी। कोरिया और फिलिपींस में लोकतंत्र संबंधी आंदोलोनों में भी वे काफी प्रभावी साबित हुये। पॉल वुल्फोवित्ज़ के सराकारी दायरों से बाहर की भूमिका मुख्य रूप से एक प्राध्यापक के रूप में रही है। 1994 से 2001 के बीच वे जान हापकिन्स विश्वविद्यालय में डीन एवं प्रोफ़ेसर के रूप में उन्होंने काम किया। प्राध्यापक के रूप में उन्होंने अमरीका की रक्षा नीति से संबंधित बहसों में जमकर भाग लिया और कई बहसों के आयोजक बने। इससे पहले श्री पॉल वुल्फोवित्ज़ येल विश्वविद्यालय में 1970 से 1973 के बीच राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक भी रह चुके थे। श्री पॉल वुल्फोवित्ज़ ने सुरक्षा संबंधी मामलों पर काफी कुछ लिखा भी है। उन्होंने गणित में अपने स्नातक की उपाधि 1965 में कोर्नेल विश्वविद्यालय से प्राप्त की और 1972 में शिकागो विश्वविद्यालय से डाक्टरेट की उपाधि हासिल की। श्रेणी:अमेरीका के अर्थशास्त्री श्रेणी:आधार श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन.

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पीटर क्रोपोत्किन

युवा क्रोपोत्किन (१८७०) पीटर अलेक्सेविच क्रोपोत्किन (१८४२-१९२१ ई.) रूस के भूगोलवेत्ता, अर्थशास्त्री, वाड़मीमांसक (philologist), जन्तुविज्ञानी, क्रमविकास सिद्धान्ती, दार्शनिक, लेखक एवं प्रमुख अराजकतावादी थे। .

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पीताम्बर

पीताम्बर एक एकवर्षीय, झाड़ीदार, पुष्पीय पौधा है। इसकी २६० से अधिक जातियां हैं, जिनमें से अधिकांश दक्षिणी अमेरिका मूल की हैं। मौजूदा वक्त में यह प्रजाति विभिन्न उष्ण-कटिबंधीय देशों में पायी जाती है, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, एशिया में यह पौधा आक्रामक विदेशी प्रजाति के रूप में जाना जाता है, उत्तर भारत की तराई में पीतांबर लखीमपुर जनपद के कस्ता गाँव में देखा गया, यह तराई में इसकी मौजूदगी का पहला वाकया है, जिसे दर्ज किया गया पीताम्बर-कृष्ण पुष्प (पीतांबर भगवान कृष्ण का एक नाम) .

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पीर पंजाल रेल सुरंग

पीर पंजाल रेल सुरंग (Pir Panjal Railway Tunnel) या बनिहाल रेल सुरंग (Banihal railway tunnel) एक 11.215 किमी (7 मील) लम्बी रेल सुरंग है जो भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के बनिहाल क़स्बे से उत्तर में हिमालय की पीर पंजाल पर्वतमाला से निकलती है। इसका निर्माण 26 जून 2013 को पूरा हुआ और इसपर रेल सेवाएँ 27 जून 2013 को शुरु हो गई। .

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फलित ज्योतिष

फलित ज्योतिष उस विद्या को कहते हैं जिसमें मनुष्य तथा पृथ्वी पर, ग्रहों और तारों के शुभ तथा अशुभ प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। ज्योतिष शब्द का यौगिक अर्थ ग्रह तथा नक्षत्रों से संबंध रखनेवाली विद्या है। इस शब्द से यद्यपि गणित (सिद्धांत) ज्योतिष का भी बोध होता है, तथापि साधारण लोग ज्योतिष विद्या से फलित विद्या का अर्थ ही लेते हैं। ग्रहों तथा तारों के रंग भिन्न-भिन्न प्रकार के दिखलाई पड़ते हैं, अतएव उनसे निकलनेवाली किरणों के भी भिन्न भिन्न प्रभाव हैं। इन्हीं किरणों के प्रभाव का भारत, बैबीलोनिया, खल्डिया, यूनान, मिस्र तथा चीन आदि देशों के विद्वानों ने प्राचीन काल से अध्ययन करके ग्रहों तथा तारों का स्वभाव ज्ञात किया। पृथ्वी सौर मंडल का एक ग्रह है। अतएव इसपर तथा इसके निवासियों पर मुख्यतया सूर्य तथा सौर मंडल के ग्रहों और चंद्रमा का ही विशेष प्रभाव पड़ता है। पृथ्वी विशेष कक्षा में चलती है जिसे क्रांतिवृत्त कहते हैं। पृथ्वी फलित ज्योतिष उस विद्या को कहते हैं जिसमें मनुष्य तथा पृथ्वी पर, ग्रहों और तारों के शुभ तथा अशुभ प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। ज्योतिष शब्द का यौगिक अर्थ ग्रह तथा नक्षत्रों से संबंध रखनेवाली विद्या है। इस शब्द से यद्यपि गणित (सिद्धांत) ज्योतिष का निवासियों को सूर्य इसी में चलता दिखलाई पड़ता है। इस कक्षा के इर्द गिर्द कुछ तारामंडल हैं, जिन्हें राशियाँ कहते हैं। इनकी संख्या है। मेष राशि का प्रारंभ विषुवत् तथा क्रांतिवृत्त के संपातबिंदु से होता है। अयन की गति के कारण यह बिंदु स्थिर नहीं है। पाश्चात्य ज्योतिष में विषुवत् तथा क्रातिवृत्त के वर्तमान संपात को आरंभबिंदु मानकर, 30-30 अंश की 12 राशियों की कल्पना की जाती है। भारतीय ज्योतिष में सूर्यसिद्धांत आदि ग्रंथों से आनेवाले संपात बिंदु ही मेष आदि की गणना की जाती है। इस प्रकार पाश्चात्य गणनाप्रणाली तथा भारतीय गणनाप्रणाली में लगभग 23 अंशों का अंतर पड़ जाता है। भारतीय प्रणाली निरयण प्रणाली है। फलित के विद्वानों का मत है कि इससे फलित में अंतर नहीं पड़ता, क्योंकि इस विद्या के लिये विभिन्न देशों के विद्वानों ने ग्रहों तथा तारों के प्रभावों का अध्ययन अपनी अपनी गणनाप्रणाली से किया है। भारत में 12 राशियों के 27 विभाग किए गए हैं, जिन्हें नक्षत्र कहते हैं। ये हैं अश्विनी, भरणी आदि। फल के विचार के लिये चंद्रमा के नक्षत्र का विशेष उपयोग किया जाता है। .

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फ़रात नदी

फ़रात नदी (अरबी: الفرات‎ तुर्क: Fırat) दक्षिणपश्चिम एशिया की सबसे लम्बी और एतिहासिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। दजला नदी के साथ मिलकर यह मेसोपोटामिया की दो परिभाषापूर्ण नदियों में से एक है। यह नदी तुर्की में टौरस पहाड़ों पर आरम्भ होकर - सीरिया और इराक में प्रविष्ट होती है और शात अल-अरब में दजला नदी से मिलती है और फ़ारस की खाड़ी में गिरती है। श्रेणी:विश्व की नदियाँ.

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फ़ारस की खाड़ी

फारस की खाड़ी, पश्चिम एशिया में हिन्द महासागर का एक विस्तार है, जो ईरान और अरब प्रायद्वीप के बीच तक गया हुआ है। 1980-1988 के ईरान इराक युद्ध के दौरान यह खाड़ी लोगों के कौतूहल का विषय बनी रही, जब दोनों पक्षों ने एक दूसरे के तेल के जहाजों (तेल टैंकरों) पर आक्रमण किया था। 1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान, फारस की खाड़ी एक बार फिर से चर्चा का विषय बनी, हालाँकि यह संघर्ष मुख्य रूप से एक भूमि संघर्ष था, जब इराक ने कुवैत पर हमला किया था और जिसे बाद में वापस पीछे ढकेल दिया गया। फारस की खाड़ी में कई अच्छी मछली पकड़ने के जगहें हैं, व्यापक प्रवाल भित्तियाँ और प्रचुर मात्रा में मोती कस्तूरी है, लेकिन इसकी पारिस्थितिकी का औद्योगीकरण के कारण क्षय हुआ है, विशेष रूप से, युद्ध के दौरान फैले तेल और पेट्रोलियम ने इस पर विपरीत प्रभाव डाला है। अक्सर "फारस की खाड़ी" को अधिकतर अरब राष्ट्रों द्वारा इसके विवादास्पद नाम "अरब की खाड़ी" या सिर्फ "खाड़ी" कहकर पुकारा जाता है, हालाँकि इन दोनों नामों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं है। अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन इसके लिए "ईरान की खाड़ी (फारस की खाड़ी)" नाम का इस्तेमाल करता है। .

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फ़ारस की खाड़ी नाम से सम्बंधित दस्तावेज़ें: एक प्राचीन व अनन्त विरासत

फ़ारस की खाड़ी नाम से सम्बंधित दस्तावेज़ें: एक प्राचीन व अनन्त विरासत ‘मोहम्मद अजम’ द्वारा लिखी और संकलित की गई किताब और एटलस है। पहली बार साल 2004 में प्रकाशित इस किताब का दूसरा संस्करण साल 2008 में डाक्टर पीरोज़ मुजतहिदज़ादेह और डाक्टर मोहम्मद हसन गंजी की निगरानी में प्रकाशित किया गया। वर्ष 2010 में यह किताब सर्वश्रेष्ठ किताब का उम्मीदवार बनी थी। यह फ़ारस की खाड़ी के नाम से संबंधित विवाद के बारे में ईरान में पिछले पचास वर्षों में प्रकाशित की गई श्रेष्ठ किताबों में से एक मानी जाती है। इस किताब का पहला अध्याय ‘’फ़ारस की खाड़ी ’’ के नाम से संबंधित राजनीतिक व भौगोलिक विवादों, फ़ारस का खाड़ी के नाम से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेजों और फ़ारस की खाड़ी के नामकरण के बारे में कुछ दिनों पहले उठने वाले विवाद पर आधारित है।.

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फ़ारस की खाड़ी का राष्ट्रीय दिवस

ईरान में 30 अप्रैल का दिन फ़ारस की खाड़ी का राष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन पूरे ईरान में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। फारस की खाड़ी, मध्य पूर्व एशिया क्षेत्र में हिन्द महासागर का एक विस्तार है, जो ईरान और अरब प्रायद्वीप के बीच तक गया हुआ है।Working Paper No.

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फ़ालसा

फालसा के कच्चे और पके फल फालसा दक्षिणी एशिया में भारत, पाकिस्तान से कम्बोडिया तक के क्षेत्र मूल का फल है। इसकी पैदावार अन्य उषणकटिबन्धीय क्षेत्रों में भी खूब की जाती रही है।Flora of Pakistan: Pacific Island Ecosystems at Risk: इसकी झाड़ी ८ मी तक की हो सकती है और पत्तियां चौड़ी गोलाकार, 5–18 सें मी लम्बी होती हैं। इसके फ़ूल गुच्छों में होते हैं, जिनमें एक-एक पुष्प २ सेंमी व्यास का होता है और इसमें १२ मि.मी की ५ पंखुड़ियाम होती हैं। इसके फल ५-१२ मि.मी व्यास के गोलाकार फ़ालसई वर्ण के होते हैं जो पकने पर लगभग काले हो जाते हैं। Flora of Western Australia: .

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फ़िलीपींस एयरलाइंस

फ़िलिपींस एयरलाइंस इंका. (लघुरूप पल और काफ़ी समय जिसे फ़िलिपींस एयर लाइंस नाम से भी जाना जाता था) फ़िलिपींस की ध्वजवाहिका वायुसेवा है। इसका मुख्यालय फ़िलिपीन नेशनल बैंक फ़ाइनेन्शियल सेंटर, पैसे सिटी में स्थित है। वायुसेवा की स्थापना १९४१ में की गई थी और अपने मूल नाम से चलने वाली ये सबसे पहली एवं सबसे पुरानी वाणिज्यिक वायुसेवा है। इसके हब मनीला में निनॉय एक्विनो अ. विमानक्षेत्र एवं सेबु सिटी के मैक्टेन-सेबु अ. विमानक्षेत्र में स्थित है, जहां से ये फ़िलिपींस में ३१ स्थलो और दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया, मध्य पूर्व, ओशनिया, उत्तरी अमेरिका और युरोप सहित ३६ विदेशी स्थलो में कार्य करती है।, Philippine Airlines. Retrieved September 2007. पहले की सबसे बडी एशियाई एयरलाइनो में से एक, पल १९९७ के एशियाई वित्तीय संकट से गंभीर रूप से प्रभावित हुआ थाІ फिलीपींस की सबसे बडी कोर्पोरेटविफलताओ में से एक, पल को युरोप और मध्य पूर्व की उडानो में संपूर्ण कटौती के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय परिचालन को कम करने पर मजबूर किया गया, मनीला से संचालित मार्गो को छोडकर लगभग सभी घरेलु उडानो में कटौती, अपने जहाजी बेडे में कटौती और हजारो कर्मचारियो को निकाल देने पर मजबूर किया गया था। एयरलाइन को १९९८ में प्रापक पद के अंतर्गत रखा गया और धीरे धीरे कई स्थलो के लिए संचालन पुनर्स्थापित किया गयाІ २००७ में पल प्रापक पद से बाहर निकल गया और सैन मिगुएल निगम द्वारा अधिग्रहण के बाद २०१२ में, एशिया के एक प्रमुख वाहक के रूप में अपने आप को फिर से पुनर्स्थापित करने की दिशा में कदम उठा रही हैІ .

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फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

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फ़्रॅडरिक नॉमन संस्थापन

फ़्रॅडरिक नॉमन संस्थापन (जर्मन: Friedrich-Naumann-Stiftung für die Freiheit या FNF) उदारवादी राजनीति का एक जर्मन संस्थापन है जो जो मुक्त लोकतान्त्रिक दल से सम्बन्धित है। इस संस्थापन की स्थापना 1958 में जमर्न संघीय गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति थीओडोर हियूस ने की थी और यह वैयक्तिक स्वतन्त्रता और उदारवाद को प्रोत्साहित करता है। यह संस्थापन प्रोटॅस्टॅण्ट धर्मशास्त्री, फ़्रॅडरिक नॉमन के सिद्धान्तों का पालन करता है। पिछली सदी के आरम्भ में, नॉमन एक अग्रणी जर्मन मुक्त विचारक और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने कृतसंकल्पपूर्वक नागरिक शिक्षा का समर्थन किया। नॉमन का मानना था कि एक कार्यशील लोकतन्त्र के लिए शिक्षित और राजनैतिक दृष्टि से अवगत नागरिकों का होना आवश्यक है। उनके अनुसार, राजनैतिक भागीदारी और तत्पश्चात लोकतन्त्र के लिए नागरिक शिक्षा पूर्वाकांक्षित है। इस प्रकार, यह संस्थापन संगठित उदारवाद का एक अभिकर्ता है। यह नागरिक शिक्षा, अन्तर्राष्ट्रीय राजनीतिक संवाद, और राजनीतिक परामर्श के माध्यम से इसे बढ़ावा देता है। इस संस्थापन के यूरोप, एशिया, अमेरिका, और अफ़्रीका में बहुत से कार्यालय है। इसके जर्मनी के मुक्त लोकतान्तिक दल और लिबरल इण्टरनॅश्नल से भी निकट के सम्बन्ध हैं। .

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फ़ॉर्मूला वन

The formula was defined in 1946; the first Formula One race was in 1947; the first World Championship season was 1950.

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फ्रांस का सैन्य इतिहास

फ्रांस के सैन्य इतिहास में आधुनिक फ्रांस, यूरोपीय महाद्वीप और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में 2,000 से अधिक वर्षों तक चले संघर्षों का एक विशाल काल शामिल है। आज आधुनिक फ्रांस के क्षेत्र में सबसे पहला बड़ा युद्ध गैलो-रोमन संघर्ष था, जो कि 60 ईसा पूर्व से 50 ईसा पूर्व तक लड़ा गया। अंततः रोमन,जूलियस सीज़र के अभियानों के माध्यम से विजयी हुए। रोमन साम्राज्य के पतन के बाद, एक जर्मनिक जनजाति,जिसे फ्रैंक्स के नाम से जाना जाता था, ने प्रतिस्पर्धा वाले जनजातियों को हराकर गॉल पर नियंत्रण कर लिया। "फ्रांसीया की भूमि", जिस से फ्रांस को अपना नाम मिला है, को राजा 'क्लोविस मैं' और 'शारलेमेन' ने विस्तरित किया। इन्होंने भविष्य के फ्रांसीसी राज्य के केंद्र का निर्माण किया था। मध्य युग में, इंग्लैंड के साथ प्रतिद्वंद्विता ने 'नोर्मन विजय' और;सौ साल के युद्ध' जैसे प्रमुख संघर्षों को प्रेरित किया। केंद्रीकृत राजतंत्र के साथ, रोमन काल के बाद पहली बड़ी पैदल सेना और तोपखाने का इस्तेमाल कर, फ्रांस ने अपने क्षेत्र से अंग्रेजो को निष्कासित कर दिया और मध्य युग में यूरोप के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में जाना गया। ये स्थिति रोमन साम्राज्य और 'स्पेन इतालवी युद्धों' में हार के बाद बदली। 16 वीं शताब्दी के अंत में धर्मयुद्धों ने फ्रांस को कमजोर किया, लेकिन 'तीस साल के युद्ध' में स्पेन पर एक बड़ी जीत ने फ्रांस को एक बार फिर महाद्वीप पर सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाया। समानांतर में, फ्रांस ने अपना पहला औपनिवेशिक साम्राज्य एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में विकसित किया। फ्रांस ने,लुई XIV के तहत अपने प्रतिद्वंद्वियों पर सैन्य वर्चस्व हासिल किया, लेकिन तेजी से शक्तिशाली होते दुश्मन गठबंधनों और बढ़ते संघर्ष ने फ़्रांसिसी महत्वाकांक्षाओं को रोका और 18 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में राज्य को दिवालिया कर दिया। फ्रांसीसी सेनाओं ने स्पेनिश, पोलिश और ऑस्ट्रियाई राजशाही के खिलाफ वंशवादी संघर्षों में जीत हासिल की। इसी समय, फ़्रांस अपनी उपनिवेशों पर हो रहे दुश्मनो के हमलों को रोक रहा था। 18 वीं शताब्दी में, ग्रेट ब्रिटेन के साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धा ने सात साल के युद्ध की शुरुआत की, जहां फ्रांस ने अपने उत्तरी अमेरिकी हिस्सेदारी खो दी। यूरोप और अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध में प्रभुत्व के रूप में फ्रांस को सफलता मिली, जहां धन और हथियारों के रूप में व्यापक फ्रेंच सहायता और अपनी सेना और नौसेना की प्रत्यक्ष भागीदारी ने अमेरिका की आजादी का नेतृत्व किया। अंततः आंतरिक राजनीतिक उथल-पुथल और फ्रांसीसी क्रांतिकारी युद्धों और नेपोलियन युद्धों में निरंतर संघर्ष के 23 साल गुजर गए। फ्रांस इस अवधि के दौरान अपनी शक्ति के चरम पर पहुंच गया, नेपोलियन बोनापार्ट के शासन काल में, एक अभूतपूर्व शक्ति के रूप में यूरोपीय महाद्वीप पर हावी रहा। हालांकि, 1815 तक, इसे उसी सीमा तक सीमित कर दिया गया था जो क्रांति से पहले नियंत्रित था। शेष 1 9वीं शताब्दी में दूसरी फ्रांसीसी औपनिवेशिक साम्राज्य के विकास के साथ ही बेल्जियम, स्पेन और मेक्सिको में फ्रांसीसी हस्तक्षेप हुआ। अन्य प्रमुख युद्ध,रूस के खिलाफ क्रिमिया में,इटली के खिलाफ ऑस्ट्रिया में और फ्रांस के भीतर प्रशिया के खिलाफ लड़े गए। फ्रेंको-प्रुसीयन युद्ध में हार के बाद, प्रथम विश्व युद्ध में फिर से फ्रेंको-जर्मन प्रतिद्वंद्विता उभर आयी। फ्रांस और उसके सहयोगी इस बार विजयी रहे थे। संघर्ष के मद्देनजर सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल द्वितीय विश्व युद्ध के रूप में परिणीत हुआ, जिसमें फ्रांस ने लड़ाई में एक्सिस राष्ट्रों को हराया गया और फ्रांसीसी सरकार ने जर्मनी के साथ एक युद्धविराम पर हस्ताक्षर किए। निर्वासन में एक मुक्त फ्रांसीसी सैनिक सरकार की अगुआई वाली मित्र राष्ट्रों की सेना ने अंततः एक्सिस पॉवर्स के ऊपर विजयी प्राप्त की। नतीजतन, फ्रांस ने जर्मनी में एक व्यवसाय क्षेत्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट हासिल की। पहले दो विश्व युद्धों के पैमाने पर तीसरे फ्रेंको-जर्मन संघर्ष से बचने की अनिवार्यता ने 1950 के दशक में शुरू होने वाले यूरोपीय एकीकरण के लिए मार्ग प्रशस्त किया। फ्रांस एक परमाणु शक्ति बन गया और 20 वीं शताब्दी के अंत तक, नाटो और उसके यूरोपीय सहयोगियों के साथ मिलकर सहयोग किया गया है। जुलाई में 1453 में फ्रांसीसी सेना ने अपने ब्रितानी विरोधियों को कैस्टिलो की लड़ाई में पराजित किया .

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फ्रांस की संस्कृति

स्वच्छंदतावाद की शैलीगत विचारों का उपयोग करते हुए यूजीन देलाक्रोइक्स की जुलाई क्रांति का चित्रण करनेवाली सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग लि‍बर्टी लीडिंग द पीपुल कहलायी.चूंकि लिबर्टी (आजादी), आदर्श वाक्य «लिबर्टी एगैलाइट फ्रैंटर्नाइट» («Liberté, égalité, fraternité») का हिस्सा है, यह पेंटिंग फ्रांसिसी क्रांति का प्राथमिक प्रतीक है, जैसा कि फ्रांस ने इसे लिया है। फ्रांस की संस्कृति और फ्रांसीसियों की संस्कृति भूगोल, गंभीर ऐतिहासिक घटनाओं और विदेशी तथा आंतरिक शक्तियों और समूहों द्वारा गढ़ी गयी है। फ्रांस और विशेष रूप से पेरिस, ने सत्रहवीं सदी से उन्नीसवीं सदी तक विश्वव्यापी स्तर पर उच्च सांस्कृतिक केंद्र और आलंकारिक कला के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है, इस मामले में यह यूरोप में प्रथम है। उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम चरण से, फ्रांस ने आधुनिक कला, सिनेमा, फैशन और भोजन शैली में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। सदियों तक फ़्रांसिसी संस्कृति का महत्व इसके आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य महत्व के आधार पर घटता और बढ़ता रहा है। आज फ़्रांसिसी संस्कृति महान क्षेत्रीय तथा सामाजिक-आर्थिक अंतरों और सुदृढ़ एकीकृत प्रवृत्तियों दोनों के द्वारा चिह्नित है। चाहे फ्रांस या यूरोप में या सामान्य रूप से, सामाजिकीकरण प्रक्रिया और भौतिक कलाकृतियों के माध्यम से मान्यताओं और मूल्यों के मिलन को सीखा जाता है। समाज के सदस्यों के बीच सामाजिक संबंधों का मार्गदर्शन संस्कृति करती है और यह निजी मान्यताओं और मूल्यों को प्रभावित करती है जो व्यक्ति की अपने वातावरण की अभिज्ञता को आकार देते हैं: "संस्कृति एक समूह के सदस्यों के साझा विश्वासों, मूल्यों, मानदंडों और भौतिक वस्तुओं का विज्ञ समुच्चय है। बचपन से बुढ़ापे तक के जीवनक्रम के दौरान समूहों में हम जो कुछ भी सीखते हैं वो सब संस्कृति में शामिल है।" लेकिन "फ़्रांसिसी" संस्कृति की अवधारणा कुछ कठिनाइयां खड़ी करती है और "फ़्रांसिसी" ("फ्रेंच") अभिव्यक्ति का ठीक क्या मतलब है इस बारे में धारणाओं या अनुमानों की एक श्रृंखला है। जबकि अमेरिकी संस्कृति के बारे में "मेल्टिंग पौट" और सांस्कृतिक विविधता की धारणा को मान लिया गया है, लेकिन "फ़्रांसिसी संस्कृति" एक विशेष भौगोलिक इकाई (जैसे कि कह सकते हैं, "मेट्रोपोलिटन फ्रांस", आम तौर पर इसके विदेश स्थित क्षेत्रों को छोड़ दिया जाता है) या नस्ल, भाषा, धर्म और भूगोल द्वारा परिभाषित एक विशिष्ट ऐतिहासिक-सामाजिक समूह को अव्यक्त रूप से संदर्भित है। हालांकि "फ्रेंचनेस" की वास्तविकताएं अत्यंत जटिल हैं। उन्नीसवीं सदी के अंतिम चरण से पहले, "मेट्रोपोलिटन फ्रांस" मुख्यतः स्थानीय प्रथाओं और क्षेत्रीय अंतरों का एक पैबंद भर था, जिसका एन्सियन रिजीम (फ्रांस की राज्य क्रांति से पूर्व की शासन-पद्धति) के एकीकरण का उद्देश्य था और फ़्रांसिसी क्रांति ने इसके खिलाफ काम करना शुरू किया था; और आज का फ्रांस अनेक देशी और विदेशी भाषाओं, बहु-जातीयताओं और धर्मों तथा क्षेत्रीय विविधता वाला देश है, जिसमें कोर्सिका, ग्वाडेलोप, मार्टिनिक और विश्व में अन्य स्थानों के फ़्रांसिसी नागरिक शामिल हैं। इस बृहद विविधता के बावजूद, एक प्रकार की विशिष्ट या साझा संस्कृति या "सांस्कृतिक पहचान" का सृजन एक शक्तिशाली आंतरिक शक्तियों का परिणाम है - जैसे कि फ़्रांसिसी शिक्षा पद्धति, अनिवार्य सैन्य सेवा, सरकारी भाषाई व सांस्कृतिक नीतियां - और फ्रैंको-प्रशिया युद्ध तथा दो विश्व युद्धों जैसी गंभीर ऐतिहासिक घटनाएं ऎसी प्रभावशाली आंतरिक शक्ति रहीं जिनसे 200 सालों के दौरान एक राष्ट्रीय पहचान की भावना को पैदा हुई। हालांकि, इन एकीकृत शक्तियों के बावजूद, फ्रांस आज भी सामाजिक वर्ग और संस्कृति में महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मतभेदों (भोजन, भाषा/उच्चारण, स्थानीय परंपराएं) द्वारा चिह्नित होता है, जो कि समकालीन सामाजिक शक्तियों (ग्रामीण क्षेत्रों से आबादी का पलायन, अप्रवासन, केंद्रीकरण, बाजार की शक्तियां और विश्व अर्थव्यवस्था) का सामना करने में अक्षम रहेगा.

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फेलिस बीटो

एक अज्ञात छायाकार द्वारा ली गयी फेलिस बीटो की तस्वीर (शायद स्वयं ली गयी) 1866 फेलिस बीटो (1832-29 जनवरी 1909), जिसे फेलिक्स बीटो के नाम से भी जाना जाता है, एक इतालवी -ब्रिटिश छायाकार (फोटोग्राफर) था। वह उन शुरुआती फोटोग्राफरों मे से एक था जिन्होने पूर्व एशिया में तस्वीरें खींची थीं साथ ही वो युद्ध की तस्वीरें खींचने वाले पहले फोटोग्राफरों मे से एक था। बीटो को उसकी विशिष्ट शैली के काम के लिए याद किया जाता है। उसकी तस्वीरों में एशिया और भूमध्य सागरीय क्षेत्र के विचार, संस्कृति और वास्तुकला बड़ी कुशलता से परिलक्षित होती है। उसकी विभिन्न देशों की यात्रा और आवास ने उसे इन देशों को निकट से देखने और समझने का अवसर प्रदान किया था और इस अनुभव की सहायता से उसने अपनी तस्वीरों के माध्यम से यूरोप और अमेरिका के अधिकतर लोगों को इन देशों की संस्कृति, व्यक्तियों और घटनाओं को जानने और समझने का अवसर दिया जिससे वो पहले पूरी तरह से अंजान थे। आज भी बीटो द्वारा खींची गयी तस्वीरें 1857 का भारतीय विद्रोह और दूसरे अफ़ीम युद्ध जैसी घटनाओं की एक सच्ची छवि हमारे सम्मुख प्रस्तुत करतीं है। बीटो की तस्वीरें फोटोपत्रकारिता की शुरुआत को भी दर्शाती हैं। बीटो के काम ने बहुत से अन्य समकालीन और उसके बाद आने वाले फोटोग्राफरों को प्रभावित किया। अपने जापान प्रवास के दौरान उसने कई स्थानीय छायाकारों के साथ ना सिर्फ काम किया बल्कि उनको प्रशिक्षण भी दिया। उसकी विधा की फोटोग्राफी का स्थानीय छायाकारों पर एक गहरा और चिरस्थायी प्रभाव पड़ा। .

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फेंग शुई

फेंग शुई (पहले) सौन्दर्यशास्त्र की एक प्राचीन चीनी पद्धति है जिसके बारे में लोगों का विश्वास है कि इसमें स्वर्ग (ज्योतिष) और धरती (भूगोल) दोनों के नियम प्रयुक्त होते हैं जिसके द्वारा सकारात्मक ची (qi) प्राप्त करके किसी के जीवन में सुधार लाया जा सकता है। इस कला का मूल पदनाम कान यु (Kan yu) (शाब्दिक अर्थ: स्वर्ग और धरती का ताओ).

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फीफा क्लब विश्व कप

फीफा क्लब विश्व कप आमतौर पर क्लब विश्व कप के रूप में संदर्भित और पहले इंटरकांटिनेंटल कप (फुटबॉल) के रूप में जाना जाता है। फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा), खेल की वैश्विक शासी निकाय के सदस्यों के वरिष्ठ पुरुषों की क्लब टीमों द्वारा खेला एक अंतरराष्ट्रीय संघ फुटबॉल प्रतियोगिता। चैंपियनशिप पहले 2000 में फीफा क्लब वर्ल्ड चैम्पियनशिप के रूप में खेला गया था। 2005 के बाद से, प्रतियोगिता हर वर्ष आयोजित किया गया है। टूर्नामेंट एशिया, यूरोप, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, ओशिनिया और मेजबान देश की राष्ट्रीय चैंपियन से महाद्वीपीय क्लब चैंपियन के बीच प्रतियोगिता है। .

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फीया

फीया या मारमोट (marmot) एक प्रकार की बड़ी गिलहरी होती है। इसकी १५ जातियाँ ज्ञात हैं जो सभी मारमोटा (marmota) जीववैज्ञानिक गण में आती हैं। कुछ जातियाँ पहाड़ी क्षेत्रों में रहती हैं, जैसे कि भारतीय उपमहाद्वीप के हिमालय, लद्दाख़ और देओसाई पठार; तिब्बत; यूरोप के ऐल्प्स पर्वत, कारपैथी पर्वत, पिरिनी पर्वत और अन्य क्षेत्र; उत्तर अमेरिका के रॉकी पर्वत, कास्केड पर्वत और अन्य क्षेत्र, इत्यादि। कुछ जातियाँ घासभूमि पसंद करती हैं और उत्तर अमेरिका की प्रेरी घासभूमि और एशिया व यूरोप की स्तेपी घासभूमि में निवास करती हैं। ध्यान दें कि उत्तर अमेरिका में मिलने वाला प्रेरी डॉग (prairie dog) देखने में इस से मिलता जुलता है लेकिन वह मारमोटा गण में शामिल नहीं और जीववैज्ञानिक दृष्टि से फीया नहीं माना जाता। .

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बफ़ेलो, न्यूयॉर्क

न्यूयॉर्क राज्य में न्यूयॉर्क सिटी के बाद सर्वाधिक आबादी वाला शहर बफ़ेलो है। बफ़ेलो पश्चिमी न्यूयॉर्क में एरी झील के पूर्वी तट पर तथा फ़ोर्ट एरी, ओंटेरियो के सामने नियाग्रा नदी के निकट स्थित है और नियाग्रा फॉल्स महानगरीय क्षेत्र का प्रमुख शहर होने के साथ साथ एरी काउंटी का मुख्यालय भी है। एरी काउंटी (न्यूयार्क) गवर्नमेंट होम पेज, 16 अप्रैल 2008 को ऐक्सेस किया गया। इस शहर की जनसंख्या 292,648 (2000 की जनगणना के अनुसार).

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बब्बु मान

तेजिंदर सिंह मान, जो बब्बू मान के नाम से प्रचलित हैं, एक पंजाबी गायक-गीतकार, अभिनेता और फिल्म निर्माता हैं। मान वर्तमान में मोहाली में रह रहे हैं। .

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बहरीन

बहरीन (अरबी: مملكة البحرين मुम्लिकत अल-बहरईन) जंबुद्वीप में स्थित एक देश है। इसकी राजधानीहै मनामा। ये अरब जगत का एक हिस्सा है जो एक द्वीप पर बसा हुआ है। बहरीन १९७१ में स्वतंत्र हुआ और संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना हुई, जिसका प्रमुख अमीर होता है। १९७५ में नेशनल असेंबली भंग हुई, जो अब तक बहाल नहीं हो पाई है। १९९० में कुवैत पर इराक के आक्रमण के बाद बहरीन संयुक्त राष्ट्रसंघ का सदस्य बना। .

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बहुसंस्कृतिवाद

बहुसंस्कृतिवाद, बहु जातीय संस्कृति की स्वीकृति देना या बढ़ावा देना होता है, एक विशिष्ट स्थान के जनसांख्यिकीय बनावट पर यह लागू होती है, आमतौर पर यह स्कूलों, व्यापारों, पड़ोस, शहरों या राष्ट्रों जैसे संगठनात्मक स्तर पर होते हैं। इस संदर्भ में, बहुसंस्कृतिवादी, केन्द्र के रूप में कोई विशेष जातीय, धार्मिक समूह और/ या सांस्कृतिक समुदाय को बढ़ावा देने के बिना विशिष्ट जातीय और धार्मिक समूहों के लिए विस्तारित न्यायसम्मत मूल्य स्थिति की वकालत करते हैं। बहुसंस्कृतिवाद की नीति अक्सर आत्मसातकरण और सामाजिक एकीकरण अवधारणाओं के साथ विपरीत होती है। .

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बादाम

बादाम (अंग्रेज़ी:ऑल्मंड, वैज्ञानिक नाम: प्रूनुस डल्शिस, प्रूनुस अमाइग्डैलस) मध्य पूर्व का एक पेड़ होता है। यही नाम इस पेड़ के बीज या उसकी गिरि को भी दिया गया है। इसकी बड़े तौर पर खेती होती है। बादाम एक तरह का मेवा होता है। संस्कृत भाषा में इसे वाताद, वातवैरी आदि, हिन्दी, मराठी, गुजराती व बांग्ला में बादाम, फारसी में बदाम शोरी, बदाम तल्ख, अंग्रेजी में आलमंड और लैटिन में एमिग्ड्रेलस कम्युनीज कहते हैं। आयुर्वेद में इसको बुद्धि और नसों के लिये गुणकारी बताया गया है। भारत में यह कश्मीर का राज्य पेड़ माना जाता है। एक आउंस (२८ ग्राम) बादाम में १६० कैलोरी होती हैं, इसीलिये यह शरीर को उर्जा प्रदान करता है।|नीरोग लेकिन बहुत अधिक खाने पर मोटापा भी दे सकता है। इसमें निहित कुल कैलोरी का ¾ भाग वसा से मिलता है, शेष कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन से मिलता है। इसका ग्लाईसेमिक लोड शून्य होता है। इसमें कार्बोहाईड्रेट बहुत कम होता है। इस कारण से बादाम से बना केक या बिस्कुट, आदि मधुमेह के रोगी भी ले सकते हैं। बादाम में वसा तीन प्रकार की होती है: एकल असंतृप्त वसीय अम्ल और बहु असंतृप्त वसीय अम्ल। यह लाभदायक वसा होती है, जो शरीर में कोलेस्टेरोल को कम करता है और हृदय रोगों की आशंका भी कम करता है। इसके अलावा दूसरा प्रकार है ओमेगा – ३ वसीय अम्ल। ये भी स्वास्थवर्धक होता है। इसमें संतृप्त वसीय अम्ल बहुत कम और कोलेस्टेरोल नहीं होता है। फाईबर या आहारीय रेशा, यह पाचन में सहायक होता है और हृदय रोगों से बचने में भी सहायक रहता है, तथा पेट को अधिक देर तक भर कर रखता है। इस कारण कब्ज के रोगियों के लिये लाभदायक रहता है। बादाम में सोडियम नहीं होने से उच्च रक्तचाप रोगियों के लिये भी लाभदायक रहता है। इनके अलावा पोटैशियम, विटामिन ई, लौह, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस भी होते हैं।। हिन्दी मीडिया.इन। २५ सितंबर २००९। मीडिया डेस्क .

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बाब अल-मन्देब जलसन्धि

लाल सागर का नक़्शा जिसमें बाब अल-मन्देब नीचे दाई तरफ़ है बाब अल-मन्देब (अरबी:, अंग्रेजी: Bab el-Mandeb) अरबी प्रायद्वीप पर यमन और अफ़्रीका के सींग पर जिबूती, इरित्रिया और उत्तरी सोमालिया के बीच स्थित एक जलडमरू है जो लाल सागर को अदन की खाड़ी से जोड़ता है। .

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बाबा (बहुविकल्पी)

बाबा और उस जैसे शब्दों का प्रयोग निम्नलिखित कारणों से किया जाता है: .

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बारटोलोमीयु डियास

लंदन में दक्षिण अफ्रीकी दूतावास पर डियास की प्रतिमा। बारटोलोमीयु डियास (पुर्तगाली: Bartolomeu Dias) (१४५० - २९ मई, १५००) जिसे बाथोलोमीयु डियास के नाम से भी जाना जाता है, एक पुर्तगाली अन्वेषक था और सर्वप्रथम यूरोपीय था जिसने केप ऑफ़ गुड होप से होते हुए समुद्र मार्ग से पूर्व की ओर यात्रा की। बारटोलोमीयु डियास का यात्रा मार्ग। सन् १४८७ में, पुर्तगाल के महाराज किंग जॉन द्वितीय ने डियास को पूर्व में एक ईसाई राजा प्रैस्टर जॉन की धरती की खोज करने को कहा। क्योंकि प्रैस्टर जॉन वास्तव में कोई नहीं था, डियास को कोई धरती नहीं मिली लेकिन उसे १४८८ में अटलांटिक महासागर से हिन्द महासागर होते हुए एशिया तक जाने का मार्ग अवश्य मिल गया। सन् १५०० में पैद्रो आल्वारेस काब्रॉल की ब्राज़ील की खोजयात्रा का नियोग करते समय एक समुद्री तूफ़ान में उसकी मृत्यु हो गई। बाद में उसकी एक मूर्ति केप टाउन, दक्षिण अफ़्रीका में स्थापित की गई। इस खोजयात्रा का एक अन्य उद्देश्य उन देशों में जाकर, जिनके बारे में जानकारी जोआओ अफोन्सो दि एवीरो (संभवतः इथियोपिया और एडन) जिनके साथ पुर्तगाली अच्छे संबंध चाहते थे। डियास को दक्षिण एशिया में व्यापार पर मुसलमानों के एकाधिकार को चुनैती देने के लिए भी भेजा गया था। .

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बार्कलेज

बार्कलेज समूह कैनरी व्हार्फ में स्थित है। बार्कलेज पीएलसी एक वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी है जिसका मुख्यालय लंदन, यूनाइटेड किंगडम में है। यथा 2010, यह विश्व का 10वां सबसे बड़ा बैंकिंग और वित्तीय सेवा समूह है और फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार समग्र रूप से यह 21वें नम्बर की सबसे बड़ी कंपनी है। अफ्रीका, एशिया, यूरोप, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में करीब 50 से भी अधिक देशों और प्रांतों में इसका संचालन किया जाता है और इसके लगभग 48 मिलियन ग्राहक हैं। 30 जून 2010 तक इसके पास कुल €1.94 ट्रिलियन की संपत्ति थी, जो कि दुनिया भर के बेंकों में तीसरा सर्वाधिक है (बीएनपी परिबास और एचएसबीसी के बाद).

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बालदार गैंडा

बालदार गैंडा (Wooly rhinoceros) गैंडे की एक विलुप्त जाति है जो प्लाइस्टोसीन युग में यूरोप और एशिया में फैली हुई थी। International Rhino Foundation.

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बाल्काश झील

बलख़श झील के जलसम्भर का नक़्शा अंतरिक्ष से बलख़श झील का नज़ारा बाल्काश झील (कज़ाख़: Балқаш Көлі, अंग्रेज़ी: Lake Balkhash) मध्य एशिया के क़ाज़ाख़स्तान देश में स्थित एक विशाल झील है। यह एशिया की सबसे बड़ी झीलों में से एक है। इसका कुल क्षेत्रफल १६,४०० किमी२ है, लेकिन इसमें पानी डालने वाली नदियों से सिंचाई के लिए पानी खिचने की वजह से इसका आकार घट रहा है। बीच में एक धरती की ऊँगली इसे दो हिस्सों में बांटती है - पश्चिमी भाग का पानी मीठा है जबकि पूर्वी भाग का पानी खारा है। पूर्वी भाग पश्चिमी भाग से अधिक गहरा है। इसका सबसे गहरा स्थान केवल २६ मीटर गहरा है।, Bradley Mayhew, Lonely Planet, 2007, ISBN 978-1-74104-614-4,...

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बास्केटबॉल

बास्केटबॉल एक टीम खेल है, जिसमें 5 सक्रिय खिलाड़ी वाली दो टीमें होती हैं, जो एक दूसरे के खिलाफ़ एक 10 फुट (3,048 मीटर) ऊंचे घेरे (गोल) में, संगठित नियमों के तहत एक गेंद डाल कर अंक अर्जित करने की कोशिश करती हैं। बास्केटबॉल, विश्व के सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से देखे जाने वाले खेलों में से एक है। ---------------------------------- गेंद को ऊपर से टोकरी के आर-पार फेंक कर (शूटिंग) अंक बनाए जाते हैं; खेल के अंत में अधिक अंकों वाली टीम जीत जाती है। गेंद को कोर्ट में उछालते हुए (ड्रिब्लिंग) या साथियों के बीच आदान-प्रदान करके आगे बढ़ाया जाता है। बाधित शारीरिक संपर्क (फाउल) को दंडित किया जाता है और गेंद को कैसे संभाला जाए इस पर पाबंदियां हैं (उल्लंघन).

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बाघ

बाघ जंगल में रहने वाला मांसाहारी स्तनपायी पशु है। यह अपनी प्रजाति में सबसे बड़ा और ताकतवर पशु है। यह तिब्बत, श्रीलंका और अंडमान निकोबार द्वीप-समूह को छोड़कर एशिया के अन्य सभी भागों में पाया जाता है। यह भारत, नेपाल, भूटान, कोरिया, अफगानिस्तान और इंडोनेशिया में अधिक संख्या में पाया जाता है। इसके शरीर का रंग लाल और पीला का मिश्रण है। इस पर काले रंग की पट्टी पायी जाती है। वक्ष के भीतरी भाग और पाँव का रंग सफेद होता है। बाघ १३ फीट लम्बा और ३०० किलो वजनी हो सकता है। बाघ का वैज्ञानिक नाम पेंथेरा टिग्रिस है। यह भारत का राष्ट्रीय पशु भी है। बाघ शब्द संस्कृत के व्याघ्र का तदभव रूप है। .

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बांग्लादेश

बांग्लादेश गणतन्त्र (बांग्ला) ("गणप्रजातन्त्री बांग्लादेश") दक्षिण जंबूद्वीप का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलती है; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम “বঙ্গ” बंग या “বাংলা” बांग्ला है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया। पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किमी (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। स्वाधीनता के बाद बांग्लादेश के कुछ प्रारंभिक वर्ष राजनैतिक अस्थिरता से परिपूर्ण थे, देश में 13 राष्ट्रशासक बदले गए और 4 सैन्य बगावतें हुई। विश्व के सबसे जनबहुल देशों में बांग्लादेश का स्थान आठवां है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में 93वाँ है। फलस्वरूप बांग्लादेश विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। मुसलमान- सघन जनसंख्या वाले देशों में बांग्लादेश का स्थान 4था है, जबकि बांग्लादेश के मुसलमानों की संख्या भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या से कम है। गंगा-ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर स्थित यह देश, प्रतिवर्ष मौसमी उत्पात का शिकार होता है और चक्रवात भी बहुत सामान्य हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था, सार्क और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है।.

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बांग्लादेश का इतिहास

बांग्लादेश में सभ्यता का इतिहास काफी पुराना रहा है। आज के भारत का अंधिकांश पूर्वी क्षेत्र कभी बंगाल के नाम से जाना जाता था। बौद्ध ग्रंथो के अनुसार इस क्षेत्र में आधुनिक सभ्यता की शुरुआत ७०० इसवी इसा पू.

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बिरयानी

Indian dishes. Iranian Biryani's (Isfahan) Iranian Biryani Chef Chicken Dum Biryani बिरयानी भारतीय उपमहाद्वीप का चावल के साथ सब्जियों और माँस के मिश्रण से बना एक प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय व्यंजन है.

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बिलायती बबूल

बिलायती बबूल बिलायती बबूल (वानस्पतिक नाम: Prosopis juliflora / प्रोसोपीस् यूलीफ़्लोरा) झाड़ीदार छोटे आकार का वृक्ष है। इसका मूल स्थान मेक्सिको, दक्षिण अमेरिका और कैरेबियन हैं। अब यह एशिया, आस्ट्रेलिया एवं अन्य स्थानों पर एक अवांछित वृक्ष (weed) के रूप में पाया जाने लगा है। इसको पशुआहार, लकड़ी एवं पर्यावरण प्रबन्धन के लिये उपयोग में लाया जाता है। इसको 'अंग्रेजी बबूल' 'काबुली कीकर', 'बिलायती खेजरा/खेजरि' भी कहते हैं। यह वृक्ष १२ मीटर तक लम्बा होता है और इसके तने का व्यास 1.2 मीटर तक होता है। इसकी जड़ें इतनी गहराई तक पहुँचती हैं कि यह एक कीर्तिमान है। एरिजोना के पास एक खुली खान में पाया गया था कि इसकी जड़ें 53.3 मीटर गहराई तक प्रवेश कर गयीं थीं। .

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बिज्जू

बिज्जू (अंग्रेज़ी: Honey badger) एक स्तनधारी जानवर है जो भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिणपश्चिमी एशिया और अफ़्रीका में मिलता है। यह एक मांसाहारी प्राणी है। अपने लड़ाके स्वभाव और मोटी चमड़ी के कारण अन्य जानवर इस से दूर ही रहते हैं और अन्य खूँखार प्राणी भी इसपर हमला कम ही करते हैं।, Maurice Burton, Robert Burton, pp.

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बंबई स्टॉक एक्सचेंज

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत और एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना 1875 में हुई थी। इस एक्सचेंज की पहुंच 417 शहरों तक है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारतीय शेयर बाज़ार के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है। दूसरा एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है। भारत को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजार में अपना श्रेष्ठ स्थान दिलाने में बीएसई की अहम भूमिका है। एशिया के सबसे प्राचीन और देश के प्रथम स्टॉक एक्सचेंज को - बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज सिक्युरिटीज कांट्रेक्ट रेग्युलेशन एक्ट 1956 के तहत स्थाई मान्यता मिली है। इसका लक्ष्य है - 'वैश्विक कीर्ति की पताका फहराकर प्रमुख भारतीय स्टाक एक्सचेंज के रूप में उभरना' .

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बुलबुल

बुलबुल, शाखाशायी गण के पिकनोनॉटिडी कुल (Pycnonotidae) का पक्षी है और प्रसिद्ध गायक पक्षी "बुलबुल हजारदास्ताँ" से एकदम भिन्न है। ये कीड़े-मकोड़े और फल फूल खानेवाले पक्षी होते हैं। ये पक्षी अपनी मीठी बोली के लिए नहीं, बल्कि लड़ने की आदत के कारण शौकीनों द्वारा पाले जाते रहे हैं। यह उल्लेखनीय है कि केवल नर बुलबुल ही गाता है, मादा बुलबुल नहीं गा पाती है। बुलबुल कलछौंह भूरे मटमैले या गंदे पीले और हरे रंग के होते हैं और अपने पतले शरीर, लंबी दुम और उठी हुई चोटी के कारण बड़ी सरलता से पहचान लिए जाते हैं। विश्व भर में बुलबुल की कुल ९७०० प्रजातियां पायी जाती हैं। इनकी कई जातियाँ भारत में पायी जाती हैं, जिनमें "गुलदुम बुलबुल" सबसे प्रसिद्ध है। इसे लोग लड़ाने के लिए पालते हैं और पिंजड़े में नहीं, बल्कि लोहे के एक (अंग्रेज़ी अक्षर -टी) (T) आकार के चक्कस पर बिठाए रहते हैं। इनके पेट में एक पेटी बाँध दी जाती है, जो एक लंबी डोरी के सहारे चक्कस में बँधी रहती है। .

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बुल्गारिया एयर

बुल्गारिया एयर, बुल्गारिया की शासकीय एयरलाइन है। इसका मुख्य कार्यालय सोफ़िया एयरपोर्ट, सोफ़िया मे है। इसका स्वामित्व चिमीम्पोर्ट इंक के पास है और यह स्थानीय बाजार मे एक अग्रणी एयरलाइन है। यह एयरलाइन युरोप, आफ्रिका, मध्य पूर्व एशिया, और रशिया के छोटे और मध्यम दूरी के गंतव्यों के लिए उड़ाने परिचालित करती है। २००८ के वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार बुल्गारिया एयर ने १,१८५,४६० यात्रियों की संख्या को छू लिया था। .

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ब्रह्मपुत्र नदी

सुक्लेश्वर घाट से खींचा गया ब्रह्मपुत्र का तस्वीर ब्रह्मपुत्र (असमिया - ব্ৰহ্মপুত্ৰ, बांग्ला - ব্রহ্মপুত্র) एक नदी है। यह तिब्बत, भारत तथा बांग्लादेश से होकर बहती है। ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत के दक्षिण में मानसरोवर के निकट चेमायुंग दुंग नामक हिमवाह से हुआ है।ब्रह्मपुत्र की लंबाई लगभग 2900 किलोमीटर है। ब्रह्मपुत्र का नाम तिब्बत में सांपो, अरुणाचल में डिहं तथा असम में ब्रह्मपुत्र है। ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश की सीमा में जमुना के नाम से दक्षिण में बहती हुई गंगा की मूल शाखा पद्मा के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है। सुवनश्री, तिस्ता, तोर्सा, लोहित, बराक आदि ब्रह्मपुत्र की उपनदियां हैं। ब्रह्मपुत्र के किनारे स्थित शहरों में डिब्रूगढ़, तेजपुर एंव गुवाहाटी प्रमुख हैं प्रायः भारतीय नदियों के नाम स्त्रीलिंग में होते हैं पर ब्रह्मपुत्र एक अपवाद है। संस्कृत में ब्रह्मपुत्र का शाब्दिक अर्थ ब्रह्मा का पुत्र होता है। .

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ब्राह्मिनी चील

ब्राह्मिनी चील (वैज्ञानिक नाम: हैलीऐस्टर इंडस; अन्य नाम: खेमकरी या क्षेमकरी) चील जाति का एक प्रसिद्ध पक्षी है जो मुख्य रूप से भारतीय पक्षी है किंतु थाइलैंड, मलय, चीन से लेकर आस्ट्रेलिया तक पाया जाता है और पानी के आस-पास रहता है। यह बंदरगाहों के आसपास काफी संख्या में पाया जाता है और जहाज के मस्तूलों पर बैठा देखा जा सकता है। यह सड़ी-गली चीजें खाता और पानी के सतह पर पड़े कूड़े कर्कट को अपने पंजों में उठा लेता है। यह धान के खेतों के आसपास भी उड़ता देखा जाता है और मेढकों और टिड्डियों को पकड़ कर अपना पेट भरता है। यह 19 इंच लंबा पक्षी है जिसका रंग कत्थई, डैने के सिरे काले और सिर तथा सीने का रंग सफेद होता है। चोंच लंबी, दबी दबी और नीचे की ओर झुकी हुई होती है। इसकी बोली अत्यंत कर्कश होती है। यह अपना घोंसला पानी के निकट ही पेड़ की दोफ की डाल के बीच काफी ऊँचाई पर लगाता है। एक बार में मादा दो या तीन अंडे देती है। इसे लाल पीठ वाला समुद्री बाज भी कहा जाता है, एक माध्यम आकार की शिकारी पक्षी है, यह एक्सीपाईट्राइड परिवार की सदस्य है जिसमें कई अन्य दैनिक शिकारी पक्षी जैसे बाज, गिद्ध तथा हैरियर आदि भी आते हैं। ये भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया तथा ऑस्ट्रेलिया में पायी जाती हैं। ये मुख्य रूप से समुद्र तट पर और अंतर्देशीय झीलों में पायी जाती हैं, जहां वे मृत मछली और अन्य शिकार को खाती हैं। वयस्क पक्षी में लाल भूरे पंख तथा विरोधाभासी रंग में एक सफ़ेद रंग का सर तथा छाती होते हैं जिनको देख कर इन्हें अन्य शिकारी पक्षियों से अलग आसानी से पहचाना जा सकता है। .

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ब्राज़ील

ब्रास़ील (ब्राज़ील) दक्षिण अमरीका का सबसे विशाल एवं महत्त्वपूर्ण देश है। यह देश ५० उत्तरी अक्षांश से ३३० दक्षिणी अक्षांश एवँ ३५० पश्चिमी देशान्तर से ७४० पश्चिमी देशान्तरों के मध्य विस्तृत है। दक्षिण अमरीका के मध्य से लेकर अटलांटिक महासागर तक फैले हुए इस संघीय गणराज्य की तट रेखा ७४९१ किलोमीटर की है। यहाँ की अमेज़न नदी, विश्व की सबसे बड़ी नदियों मे से एक है। इसका मुहाना (डेल्टा) क्षेत्र अत्यंत उष्ण तथा आर्द्र क्षेत्र है जो एक विषुवतीय प्रदेश है। इस क्षेत्र में जन्तुओं और वनस्पतियों की अतिविविध प्रजातियाँ वास करती हैं। ब्राज़ील का पठार विश्व के प्राचीनतम स्थलखण्ड का अंग है। अतः यहाँ पर विभिन्न भूवैज्ञानिक कालों में अनेक प्रकार के भूवैज्ञानिक संरचना सम्बंधी परिवर्तन दिखाई देते हैं। ब्राज़ील के अधिकांश पूर्वी तट एवं मध्य अमेरिका की खोज अमेरिगो वाससक्की ने की एवं इसी के नाम से नई दुनिया अमेरिका कहलाई। सन् १५०० के बाद यहाँ उपनिवेश बनने आरंभ हुए। यहाँ की अधिकांश पुर्तगाली बस्तियों का विकास १५५० से १६४० के मध्य हुआ। २४ जनवरी १९६४ को इसका नया संविधान बना। इसकी प्रमुख भाषा पुर्तगाली है। .

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बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

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बौद्ध धर्म एवं हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म और बौद्ध धर्म दोनों ही प्राचीन धर्म हैं और दोनों ही भारतभूमि से उपजे हैं। हिन्दू धर्म के वैष्णव संप्रदाय में गौतम बुद्ध को दसवाँ अवतार माना गया है हालाँकि बौद्ध धर्म इस मत को स्वीकार नहीं करता। ओल्डेनबर्ग का मानना है कि बुद्ध से ठीक पहले दार्शनिक चिंतन निरंकुश सा हो गया था। सिद्धांतों पर होने वाला वाद-विवाद अराजकता की ओर लिए जा रहा था। बुद्ध के उपदेशों में ठोस तथ्यों की ओर लौटने का निररंतर प्रयास रहा है। उन्होंने वेदों, जानवर बलि और इश्वर को नकार दिया। भुरिदत जातक कथा में ईश्वर, वेदों और जानवर बलि की आलोचना मिलती है। बौद्धधर्म भारतीय विचारधारा के सर्वाधिक विकसित रूपों में से एक है और हिन्दुमत (सनातन धर्म) से साम्यता रखता है। हिन्दुमत के दस लक्षणों यथा दया, क्षमा अपरिग्रह आदि बौद्धमत से मिलते-जुलते है। यदि हिन्दुमत में मूर्ति पूजा का प्रचलन है तो बौद्ध मन्दिर भी मूर्तियों से भरे पड़े हैं। भारतीय कर्मकाण्ड में मन्त्र-तंत्र का प्रचलन है तो बौद्ध मत में भी तन्त्र-मन्त्र का विशेष महत्व है। प्रसिद्ध अंग्रेज यात्री डाॅ.

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बैडमिंटन

बैडमिंटन रैकेट से खेला जानेवाला एक खेल है, जो दो विरोधी खिलाडियों (एकल) या दो विरोधी जोड़ों (युगल) द्वारा नेट से विभाजित एक आयताकार कोर्ट में आमने-सामने खेला जाता है खिलाड़ी अपने रैकेट से शटलकॉक को मारकर के अपने विरोधी पक्ष के कोर्ट के आधे हिस्से में गिराकर प्वाइंट्स प्राप्त करते हैं। एक रैली तब समाप्त हो जाती है जब शटलकॉक मैदान पर गिर जाता है। प्रत्येक पक्ष शटलकॉक के उस पार जाने से पहले उस पर सिर्फ़ एक बार वार कर सकता है। शटलकॉक (या शटल) चिड़ियों के पंखों से बना प्रक्षेप्य है, जिसकी अनोखी उड़ान भरने की क्षमता के कारण यह अधिकांश रैकेट खेलों की गेंदों की तुलना में अलग तरह से उड़ा करती है। खासतौर पर, पंख कहीं ज़्यादा ऊंचाई तक खिंची जा सकती हैं, जिस कारण गेंद की तुलना में शटलकॉक कहीं अधिक तेज़ी से अवत्वरण करता है। अन्य रैकेट के खेलों की तुलना में शटलकॉक की शीर्ष गति बहुत अधिक होती है। चूंकि शटलकॉक की उड़ान हवा से प्रभावित होती है, इसीलिए बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा इनडोर में ही खेलना अच्छा होता है। कभी-कभी मनोरंजन के लिए बगीचे या समुद्र तट पर भी खुले में बैडमिंटन खेला जाता है। सन् 1992 से, पांच प्रकार के आयोजनों के साथ बैडमिंटन एक ओलम्पिक खेल रहा है: पुरुषों और महिलाओं के एकल, पुरुषों और महिलाओं के युगल और मिश्रित युगल, जिसमें प्रत्येक जोड़ी में एक पुरूष और एक महिला होती है। खेल के उच्च स्तर पर, खेल उत्कृष्ट शारीरिक फिटनेस की मांग करता है: खिलाड़ियों को एरोबिक क्षमता, दक्षता, शक्ति, गति और दुरूस्तता की आवश्यकता होती है। यह एक तकनीकी खेल भी है, इसमें अच्छे संचालन समन्वय और परिष्कृत रैकेट जुम्बिशों के विकास की ज़रुरत होती है। .

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बेरिंजिया

हिमयुग अंत होने पर बेरिंग ज़मीनी पुल धीरे-धीरे समुद्र के नीचे डूब गया अपने चरम पर बेरिंजिया का क्षेत्र (हरे रंग की लकीर के अन्दर) काफ़ी विशाल था हाथी-नुमा मैमथ बेरिजिंया में रहते थे और उस के ज़रिये एशिया से उत्तर अमेरिका भी पहुँचे बेरिंग ज़मीनी पुल (Bering land bridge) या बेरिंजिया (Beringia) एक ज़मीनी पुल था जो एशिया के सुदूर पूर्वोत्तर के साइबेरिया क्षेत्र को उत्तर अमेरिका के सुदूर पश्चिमोत्तर अलास्का क्षेत्र से जोड़ता था। इस धरती के पट्टे की चौड़ाई उत्तर से दक्षिण तक लगभग १,६०० किमी (१,००० मील) थी यानि इसका क्षेत्रफल काफ़ी बड़ा था। पिछले हिमयुग के दौरान समुद्रों का बहुत सा पानी बर्फ़ के रूप में जमा हुआ होने से समुद्र-तल आज से नीचे था जिस वजह से बेरिंजिया एक ज़मीनी क्षेत्र था। हिमयुग समाप्त होने पर बहुत सी यह बर्फ़ पिघली, समुद्र-तल उठा और बेरिंजिया समुद्र के नीचे डूब गया। जब बेरिंजिया अस्तित्व में था तो क्षेत्रीय मौसम अनुकूल होने की वजह से यहाँ बर्फ़बारी कम होती थी और वातावरण मध्य एशिया के स्तेपी मैदानों जैसा था। इतिहासकारों का मानना है कि उस समय कुछ मानव समूह एशिया से आकर यहाँ बस गए। वह बेरिंजिया से आगे उत्तर अमेरिका में दाख़िल नहीं हो पाए क्योंकि आगे भीमकाय हिमानियाँ (ग्लेशियर) उनका रास्ता रोके हुए थीं। इसके बाद बेरिंजिया और एशिया के बीच भी एक बर्फ़ की दीवार खड़ी होने से बेरिंजिया पर चंद हज़ार मानव लगभग ५,००० सालों तक अन्य मानवों से बिना संपर्क के हिमयुग के भयंकर प्रकोप से बचे रहे। आज से क़रीब १६,५०० वर्ष पहले हिमानियाँ पिघलने लगी और वे उत्तर अमेरिका में प्रवेश कर गए। लगभग उसी समय के आसपास बेरिंजिया भी पानी में डूबने लगा और आज से क़रीब ६,००० वर्ष पहले तक तटों के रूप वैसे हो गए जैसे कि आधुनिक युग में देखे जाते हैं। .

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बेरिंग जलसन्धि

बेरिंग की खाड़ी, उत्तरपूर्वी एशिया और उत्तर पश्चिमी उत्तर अमेरिका को पृथक करने वाली एक खाड़ी है। यह खाड़ी दोनों महाद्वीपों को लगभग ८०० किमी के समुद्री फैलाव से जोड़ती है। उतरी प्रशांत महासागर को बेरिग सागर से अलग करती है । .

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बेरीबेरी

बेरीबेरी से पीड़ित एक व्यक्ति बेरीबेरी (beriberi) विटामिन बी1 की कमी से उत्पन्न कुपोषणजन्य रोग है। इसे पॉलिन्यूराइटिस इंडेंमिका, हाइड्रॉप्स ऐस्थमैटिक्स, काके, बारबियर्स आदि नामों से भी जानते हैं। बेरी-बेरी का अर्थ है - "चल नहीं सकता"। संसार के जिन क्षेत्रों में चावल मुख्य आहार है, उनमें यह रोग विशेष रूप से पाया जाता है। इस रोग की विशेषताएँ हैं.

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बोधिसत्व

बौद्ध धर्म में, बोधिसत्व (बोधिसत्त्व; बोधिसत्त) सत्त्व के लिए प्रबुद्ध (शिक्षा दिये हुये) को कहते हैं। पारम्परिक रूप से महान दया से प्रेरित, बोधिचित्त जनित, सभी संवेदनशील प्राणियों के लाभ के लिए सहज इच्छा से बुद्धत्व प्राप्त करने वाले को बोधिसत्व माना जाता है। तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुसार, बोधिसत्व मानव द्वारा जीवन में प्राप्त करने योग्य चार उत्कृष्ठ अवस्थाओं में से एक है। बोधिसत्व शब्द का उपयोग समय के साथ विकसित हुआ। प्राचीन भारतीय बौद्ध धर्म के अनुसार, उदाहरण के लिए गौतम बुद्ध के पूर्व जीवन को विशिष्ट रूप से प्रदर्शित करने के लिए काम में लिया जाता था।http://www.britannica.com/EBchecked/topic/70982/bodhisattva दस पारमिताओं का पूर्ण पालन करने वाला बोधिसत्व कहलाता है। बोधिसत्व जब दस बलों या भूमियों (मुदिता, विमला, दीप्ति, अर्चिष्मती, सुदुर्जया, अभिमुखी, दूरंगमा, अचल, साधुमती, धम्म-मेघा) को प्राप्त कर लेते हैं तब " गौतम बुद्ध " कहलाते हैं, बुद्ध बनना ही बोधिसत्व के जीवन की पराकाष्ठा है। इस पहचान को बोधि (ज्ञान) नाम दिया गया है। कहा जाता है कि बुद्ध शाक्यमुनि केवल एक बुद्ध हैं - उनके पहले बहुत सारे थे और भविष्य में और होंगे। उनका कहना था कि कोई भी बुद्ध बन सकता है अगर वह दस पारमिताओं का पूर्ण पालन करते हुए बोधिसत्व प्राप्त करे और बोधिसत्व के बाद दस बलों या भूमियों को प्राप्त करे। बौद्ध धर्म का अन्तिम लक्ष्य है सम्पूर्ण मानव समाज से दुःख का अंत। "मैं केवल एक ही पदार्थ सिखाता हूँ - दुःख है, दुःख का कारण है, दुःख का निरोध है, और दुःख के निरोध का मार्ग है" (बुद्ध)। बौद्ध धर्म के अनुयायी अष्टांगिक मार्ग पर चलकर न के अनुसार जीकर अज्ञानता और दुःख से मुक्ति और निर्वाण पाने की कोशिश करते हैं। .

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बोर्नियो

बोर्नियो (इण्डोनेशियाई: कालिमंतान, मलय: बोर्नियो, अंग्रेज़ी: Borneo) विश्व का तीसरा सबसे बड़ा और एशिया का सबसे बड़ा द्वीप है। भौगोलिक रूप से यह जावा से उत्तर में, सुलावेसी से पश्चिम में और सुमात्रा से पूर्व में स्थित है। यह इंडोनेशिया, मलेशिया एवं ब्रुनेई देशों में बंटा हुआ है। बोर्नियो का लगभग ७३% क्षेत्रफल इंडोनेशिया में आता है। द्वीप के उत्तर में पूर्वी मलेशिया के साबाह और सारावाक राज्य पूरे द्वीपीय क्षेत्रफल के २६% हैं जबकि नन्हा ब्रुनेई देश इसका केवल १% ही है। बोर्नियो का एक बड़ा भूभाग जंगलों से ढका हुआ है और यह पृथ्वी से सबसे प्राचीन जंगलों में से हैं। .

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बोले अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

अदिस अबाबा बोले अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र इथियोपिया के शहर अदिस अबाबा खा अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह विमानक्षेत्र बोले क्षेत्र में अदिस अबाबा शहर से नगर केन्द्र से दक्षिण-पूर्व दिशा में एवं डेब्रे-ज़ेविट से उत्तर में स्थित है। इसका पूर्व नाम हैल सेलासी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र था और यह देश की ध्वजवाहिका वायुसेवा इथियोपियन एयरलाइंस का प्रमुख हब है। यह वायुसेवा देश के गंतव्यों सहित अफ़्रीका के अनेक शहरों एवं एशिया, यूरोप एवं उत्तरी अमरीका को निर्बाध वायुसेवाएं प्रदान करती है। बोले अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र को कई वायुसेवाओं द्वारा अफ़्रीका के लिये प्रवेशद्वार के रूप में देखा गया है। अतः यह एस महाद्वीप के अन्य भागों को इथियोपियन एयरलाइंस के अफ़्रीकी नेटवर्क द्वारा जोड़ने वाला महत्त्वपूर्ण विमानक्षेत्र है। यह कई स्थानीय चार्टर उड़ानों के लिये हब का उद्देश्य भी हल करता है। यह अफ़्रीका महाद्वीप के कुछ गिने हुए विमानचालक प्रशिक्षण केन्द्रों में से एक है। बोले अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र अफ़्रीका के व्यस्ततम विमानक्षेत्रों में से एक है जहां की अंकित यात्री मात्रा २००९ में 3,497,847 थी। इस बढ़ते हुए यात्री ट्रैफ़िक के समय में बोले विमानक्षेत्र क्षेत्रफ़ल के अनुसार अफ़्रीका का तृतीय बड़ा विमानक्षेत्र है। कार्गो ट्रैफ़िक के अनुसार २००१ तक यह अफ़्रीका का तीसरा बड़ा विमानक्षेत्र था जहां 2,420,997 टन कार्गो का पंजीकरण हुआ था। यह विमानक्षेत्र एयरबस ए३८० अवतरण सक्षम है। .

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बीसवीं शताब्दी

ग्रेगरी पंचांग (कलेंडर) के अनुसार ईसा की बीसवीं शताब्दी 1 जनवरी 1901 से 31 दिसम्बर 2000 तक मानी जाती है। कुछ इतिहासवेत्ता 1914 से 1992 तक को संक्षिप्त बीसवीं शती का नाम भी देते हैं। (उन्नीसवी शताब्दी - बीसवी शताब्दी - इक्कीसवी शताब्दी - और शताब्दियाँ) दशक: १९०० का दशक १९१० का दशक १९२० का दशक १९३० का दशक १९४० का दशक १९५० का दशक १९६० का दशक १९७० का दशक १९८० का दशक १९९० का दशक ---- समय के गुज़रने को रेकोर्ड करने के हिसाब से देखा जाये तो बीसवी शताब्दी वह शताब्दी थी जो १९०१ - २००० तक चली थी। मनुष्य जाति के जीवन का लगभग हर पहलू बीसवी शताब्दी में बदल गया।.

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भरतपुर

भरतपुर राजस्थान का एक प्रमुख शहर होने के साथ-साथ देश का सबसे प्रसिद्ध पक्षी उद्यान भी है। 29 वर्ग कि॰मी॰ में फैला यह उद्यान पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। विश्‍व धरोहर सूची में शामिल यह स्थान प्रवासी पक्षियों का भी बसेरा है। भरतपुर शहर की बात की जाए तो इसकी स्थापना जाट शासक राजा सूरजमल ने की थी और यह अपने समय में जाटों का गढ़ हुआ करता था। यहाँ के मंदिर, महल व किले जाटों के कला कौशल की गवाही देते हैं। राष्ट्रीय उद्यान के अलावा भी देखने के लिए यहाँ अनेक जगह हैं इसका नामकरण राम के भाई भरत के नाम पर किया गया है। लक्ष्मण इस राज परिवार के कुलदेव माने गये हैं। इसके पूर्व यह जगह सोगडिया जाट सरदार रुस्तम के अधिकार में था जिसको महाराजा सूरजमल ने जीता और 1733 में भरतपुर नगर की नींव डाली .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत में मोटर वाहन उद्योग

भारतमें वाहन उद्योग विश्व का सातवां सबसे बड़ा वाहन उद्योग है, जिसने वर्ष 2009 में 26 लाख इकाइयों का उत्पादन किया। 2009 में, जापान, दक्षिण कोरिया और थाइलैंड के बाद भारत एशिया का चौथा सबसे बड़ा वाहन निर्यातक बन गया। अनुमान है कि 2050 तक भारत की सड़कों पर 61.1 करोड़ वाहन होंगे जो विश्व में सर्वाधिक वाहन संख्या होगी। 1991 भारत में शुरू हुए आर्थिक उदारीकरण के बाद, बढ़ती प्रतियोगिता और सरकार द्वारा नियमों को सरल बनाने के कारण भारतीय वाहन उद्योग ने लगातार वृद्धि की है। टाटा मोटर्स, मारुति सुज़ुकी एवं महिन्द्रा एंड महिन्द्रा जैसे भारतीय वाहन निर्माताओं ने अपने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय को बढ़ाया है। भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि के कारण भारत के घरेलू वाहन बाजार का विस्तार हुआ है और बहु-राष्ट्रीय वाहन निर्माता भारत-केन्द्रित निवेश के लिए आकर्षित हुए हैं।.

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भारत में ज्वैलरी डिजाइन

ज्वैलरी डिजाइन कला या डिजाइन और आभूषण बनाने का पेशा है। यह सभ्यता की सजावट की जल्द से जल्द रूपों में से एक है, मेसोपोटामिया और मिस्र का सबसे पुराना ज्ञात मानव समाज के लिए कम से कम सात हजार साल पहले डेटिंग। कला परिष्कृत धातु और मणि काटने आधुनिक दिन में ज्ञात करने के लिए प्राचीन काल की साधारण पोत का कारचोबी से सदियों भर में कई रूपों ले लिया है। इससे पहले कि आभूषणों के एक लेख बनाई गई है, डिजाइन अवधारणाओं विस्तृत तकनीकी एक आभूषण डिजाइनर, जो सामग्री, निर्माण तकनीक, संरचना, पहनने और बाजार के रुझान के स्थापत्य और कार्यात्मक ज्ञान में प्रशिक्षित किया जाता है एक पेशेवर द्वारा उत्पन्न चित्र द्वारा पीछा किया गाया जाता है। पारंपरिक हाथ ड्राइंग और मसौदा तैयार करने के तरीकों अभी भी विशेष रूप से वैचारिक स्तर पर, आभूषण डिजाइन में उपयोग किया जाता है। हालांकि, एक पारी गैंडा 3 डी और मैट्रिक्स की तरह कंप्यूटर एडेड डिजाइन कार्यक्रमों के लिए हो रही है। जबकि परंपरागत रूप से हाथ से सचित्र गहना आम तौर पर एक कुशल शिल्पकार द्वारा मोम या धातु सीधे में अनुवाद किया है, एक सीएडी मॉडल आम तौर पर रबर मोल्डिंग में इस्तेमाल किया है या मोम खो दिया जा एक सीएनसी कट या 3 डी मुद्रित 'मोम' पैटर्न के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है कास्टिंग प्रक्रियाओं। .

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भारत में कंप्यूटर युग की शुरुआत

भारत में कंप्यूटर युग की शुरुआत सन १९५२ में भारतीय सांख्यिकी संस्थान कोलकाता से हुई थी। सन १९५२ में आई एस आई में एक एनालोंग कंप्यूटर की स्थापना की गई थी जो भारत का प्रथम कंप्यूटर था। यह कंप्यूटर १० X १० की मैट्रिक्स को हल कर सकता था। इसी समय भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलूर में भी एक एनालोग कंप्यूटर स्थापित किया गया था जिसका प्रयोग अवकलन विश्लेषक के रूप में किया जाता था। लेकिन इन सब के बाद भी भारत में कंप्यूटर युग की वास्तविक रूप से शुरुआत हुई सन १९५६ में, जब आई एस आई कोलकाता में भारत का प्रथम इलेक्ट्रोनिक डिजिटल कंप्यूटर HEC - 2M स्थापित किया गया। यह कंप्यूटर केवल भारत का प्रथम इलेक्ट्रोनिक कंप्यूटर होने के कारण ख़ास नहीं था बल्कि इसलिए भी ख़ास था क्योंकि इसकी स्थापना के साथ ही भारत जापान के बाद एशिया का दूसरा ऐसा देश बन गया था जिसने कंप्यूटर तकनीक को अपनाया था। वास्तव में HEC - 2M का निर्माण भारत में न होकर इंग्लेंड में हुआ था। जहां से इसे आयात करके आई एस आई में स्थापित किया गया था। इसका विकास एंड्रयू डोनाल्ड बूथ द्वारा किया गया था जो उस समय लंदन के बर्कबैक कोलेज में कार्यरत प्रोफ़ेसर थे | यह कंप्यूटर १०२४ शब्द की ड्रम मेमोरी युक्त एक १६ बिट का कंप्यूटर था जिसका संचालन करने के लिए मशीन भाषा का प्रयोग किया जाता था तथा इनपुट और आउटपुट के लिए पंच कार्ड्स का प्रयोग किया जाता था लेकिन बाद में इसमे प्रिंटर भी जोड़ दिया गया | चूँकि यह देश का प्रथम डिजिटल कंप्यूटर था इसलिए सम्पूर्ण देश से विभिन्न प्रकार की वैज्ञानिक समस्याओं का समाधान इस कंप्यूटर से किया जाता था जैसे सुरक्षा विभाग तथा प्रयोगशालाओं से सम्बंधित समस्याएँ विभिन्न प्रकार के विश्लेषक आदि | लेकिन यह विकास गाथा यही समाप्त नहीं होती है | सन १९५८ में आई एस आई में युआरएएल नामक एक अन्य कंप्यूटर स्थापित किया गया जो आकार में HEC - 2 M से भी बड़ा था। इस कंप्यूटर को रूस से खरीदा गया था। यह नाम वास्तव में रूस की एक पर्वत श्रृंखला का नाम है और चूँकि यह कंप्यूटर भी रूस से खरीदा गया था, इस कारण से इस कंप्यूटर को यह नाम दिया गया | यह कंप्यूटर क्षेतिक मैग्नेटिक टेप युक्त एक ३२ बिट कंप्यूटर था, जिसमे इनपुट के रूप में पंच कार्ड्स तथा आउटपुट के रूप में प्रिंटर का प्रयोग किया जाता था। सन १९६४ में इन दोनों कंप्यूटर को तब विराम दे दिया गया जब आईबीएम ने आई एस आई में अपना कंप्यूटर १४०१ स्थापित किया | आईबीएम १४०१, १४०० श्रृंखला का पहला कंप्यूटर था जिसे आईबीएम द्वारा सन १९५९ में विकसित किया गया था जो की एक डाटा प्रोसेसिंग सिस्टम कंप्यूटर था। इस कंप्यूटर में मुख्य रूप से १४०१ प्रोसेसिंग यूनिट थी जो एक मिनट में १,९३,३०० योग की गणनाएं कर सकती थी | साथ ही साथ इस कंप्यूटर में इनपुट के लिए पंच कार्ड्स के साथ साथ मैग्नेटिक टेप तथा आउटपुट के लिए आईबीएम १४०३ प्रिंटर का प्रयोग किया जाता था। इन सभी कंप्यूटर में जो एक समानता थी वह यह थी कि ये सभी कंप्यूटर भारत में विकसित नहीं हुए थे बल्कि इन्हें दूसरे देशों से खरीदा गया था। भारत में विकसित किया गया पहला कंप्यूटर था ISIJU, इस कंप्यूटर का विकास सन १९६६ में दो संस्थाओं भारतीय सांख्यिकी संस्थान तथा जादवपुर यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया था। जिस कारण इसे ISIJU नाम दिया गया | HEC - 2M तथा URAL दोनों ही वैक्यूम ट्यूब युक्त कंप्यूटर थे जबकि ISIJU एक ट्रांजिस्टर युक्त कंप्यूटर था। इस कंप्यूटर का विकास भारतीय कंप्यूटर तकनीक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था, यद्यपि यह कंप्यूटर व्यवसायिक कम्प्यूटिंग आवश्यकताओं को पूर्ण नहीं करता था जिस कारण से इसके द्वारा कोई विशिष्ट कार्य नहीं किया गया | भारत में कम्प्यूटिंग विकास में सबसे महत्वपूर्ण चरण आया ९० के दशक में जब पुणे में स्थित प्रगत संगणन विकास केंद्र में भारत का प्रथम सुपर कंप्यूटर ' परम ८००० ' का विकास किया गया | परम का अर्थ है parallel machine जो कि आज सुपर कंप्यूटर की एक श्रृंखला है | परम का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रो में किया जाता है जैसे बायोइन्फ़ोर्मेटिक्स के क्षेत्र में, मौसम विज्ञान के क्षेत्र में, रसायन शास्त्र के क्षेत्र में आदि | यद्यपि पर्सनल कंप्यूटर के आ जाने के कारण आज भारत के कई हजारों घरों में, कार्यालयों में कंप्यूटर तकनीक पैर पसार रही है लेकिन इन सभी एनालोग, मेनफ्रेम तथा सुपरकंप्यूटर ने भारत को एक विकासशील देश बनाने में अपना अमूल्य योगदान दिया है | .

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भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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भारत के वैदेशिक सम्बन्ध

किसी भी देश की विदेश नीति इतिहास से गहरा सम्बन्ध रखती है। भारत की विदेश नीति भी इतिहास और स्वतन्त्रता आन्दोलन से सम्बन्ध रखती है। ऐतिहासिक विरासत के रूप में भारत की विदेश नीति आज उन अनेक तथ्यों को समेटे हुए है जो कभी भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन से उपजे थे। शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व व विश्वशान्ति का विचार हजारों वर्ष पुराने उस चिन्तन का परिणाम है जिसे महात्मा बुद्ध व महात्मा गांधी जैसे विचारकों ने प्रस्तुत किया था। इसी तरह भारत की विदेश नीति में उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद व रंगभेद की नीति का विरोध महान राष्ट्रीय आन्दोलन की उपज है। भारत के अधिकतर देशों के साथ औपचारिक राजनयिक सम्बन्ध हैं। जनसंख्या की दृष्टि से यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्रात्मक व्यवस्था वाला देश भी है और इसकी अर्थव्यवस्था विश्व की बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ रूसी राष्ट्रपति, 34वाँ जी-8 शिखर सम्मेलन प्राचीन काल में भी भारत के समस्त विश्व से व्यापारिक, सांस्कृतिक व धार्मिक सम्बन्ध रहे हैं। समय के साथ साथ भारत के कई भागों में कई अलग अलग राजा रहे, भारत का स्वरूप भी बदलता रहा किंतु वैश्विक तौर पर भारत के सम्बन्ध सदा बने रहे। सामरिक सम्बन्धों की बात की जाए तो भारत की विशेषता यही है कि वह कभी भी आक्रामक नहीं रहा। 1947 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने अधिकांश देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखा है। वैश्विक मंचों पर भारत सदा सक्रिय रहा है। 1990 के बाद आर्थिक तौर पर भी भारत ने विश्व को प्रभावित किया है। सामरिक तौर पर भारत ने अपनी शक्ति को बनाए रखा है और विश्व शान्ति में यथासंभव योगदान करता रहा है। पाकिस्तान व चीन के साथ भारत के संबंध कुछ तनावपूर्ण अवश्य हैं किन्तु रूस के साथ सामरिक संबंधों के अलावा, भारत का इजरायल और फ्रांस के साथ विस्तृत रक्षा संबंध है। भारत की विदेश नीति के निर्माण की अवस्था को निम्न प्रकार से समझा जा सकता हैः- .

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भारत २०१०

इन्हें भी देखें 2014 भारत 2014 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2014 साहित्य संगीत कला 2014 खेल जगत 2014 .

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भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (अंग्रेज़ी: टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया, लघुरूप:ट्राई) भारत में दूरसंचार पर नियंत्रण हेतु एक स्वायत्त नियामक प्राधिकरण है। इसका गठन १९९७ में। भारत सरकार, दूरसंचार विभाग। भारत सरकार द्वारा किया गया था।। अभिगमन तिथि: १८ दिसम्बर २००९। हिन्दुस्तान लाइव। १७ दिसम्बर २००९ इसकी स्थापना, एवं बाद में इसी के द्वारा यथासंशोधित कर की गई थी, जिसका मिशन भारत में दूरसंचार संबंधित व्यापार को नियमित करना था। भारत का दूर संचार नेटवर्क एशिया की उभरती अर्थ व्‍यवस्‍थाओं में दूसरा सबसे और विश्‍व का तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है।। बिज़नेस.गॉव.इन-व्यापार और संसाधन ऑनलाइन पर प्राधिकरण का लक्ष्य भारत में दूरसंचार के विकास के लिए ऐसी रीति तथा ऐसी गति से परिस्थितियां सृजित करना तथा उन्हें संपोषित करना है, जो भारत को उभरते हुए वैश्विक समाज में एक अग्रणी भूमिका निभाने में समर्थ बना सके। प्राधिकरण का उद्देश्य है एक ऐसा उचित और पारदर्शी परिवेश उपलब्ध कराना, जो समान अवसरों के लिए प्रोत्साहित करें। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। .

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भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान, भदोही

भारतीय कालीन कला का एक उदाहरण।भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Carpet Technology / IICT), समिति पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत पंजीकृत समिति के रूप में वर्ष 1998 में भारत सरकार, वस्त्र मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया। यह एशिया में एक अनूठे प्रकार के डिग्री कार्यक्रम, (कालीन एवं वस्त्र प्रौद्योगिकी) में बी.टेक कार्यक्रम को आरम्भ करते हुए वर्ष 2001 में वास्तविक रूप में क्रियाशील हो गया। यह उत्तर प्रदेश प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (UPTU) से सम्बद्ध है तथा A.I.C.T.E. से मान्यताप्राप्त है। संस्थान भदोही रेलवे स्टेशन से लगभग ४ किमी दूरी पर है। Rajkumar Pandey कालीन उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने और इसकी सतत् वृद्धि के लिए तकनीकी विशेषज्ञों, अनुसंधान एवं विकास आदि के रूप में कालीन, वस्त्र एवं अन्य संबद्ध क्षेत्रों को हर सम्भव तकनीकी सहायता मुहैया कराने के प्रयोजन से भारत सरकार, वस्त्र मंत्रालय द्वारा आई आई सी टी स्थापित किया गया था। इसकी सभी सीटें ए आई ई ई ई और सेन्ट्रल काउंसिलिंग बोर्ड (सीसीबी), नई दिल्ली के माध्यम से भरी जाती है। बी.टेक कार्यक्रम के अतिरिक्त संस्थान ए जी-रिसर्च, न्यूजीलैंड के सहयोग से आई डी एल पी (इंटरनेशनल डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम) और उद्योगनुमुखी अल्पावधि कार्यक्रम भी चला रहा है। आई डी एल पी में 30 विषयों में से 07 विभिन्न डिप्लोमा शामिल है तो दूसरी तरफ अल्पावधि में 03 कार्यक्रम शामिल हैं। संस्थान आई.

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भारतीय अधिराज्य

भारत अधिराज्य, मौजूदा भारत(अर्थात् भारत गणराज्य) की संक्रमणकालीन अवस्था थी। यह ३ साल तक; १९४७ से १९५० में संविधान के प्रवर्तन तक, अस्तित्व में रही थी। रह मूल रूप से भारत में ब्रिटिश-उपनिवैषिक शासिन अवस्था से स्वतंत्र, स्वायत्त, लोकतांत्रिक, भारतिय गणराज्य के बीच की अस्थाई शासन अथ्वा राज्य थी। इसे आधिकारिक रूप से हिंदी में भारत अधिराज्य एवं अंग्रेज़ी में डोमीनियन ऑफ़ इंडिया(Dominion of India) कहा जाता था। सन १९४७ में ब्रितानियाई संसद में भारतिय स्वतंत्रता अधीनियम पारित होने के बाद, अधिकारिक तौर पर, यूनाईटेड किंगडम की सरकार ने भारत पर अपनी प्रभुता त्याग दी और भारत में स्वशासन अथवा स्वराज लागू कर दिया। इसके साथ ही ब्रिटिश भारत(ब्रिटिश-भारतिय उपनिवेष) का अंत हो गया और भारत कैनडा और ऑस्ट्रेलिया की हि तरह एक स्वायत्त्योपनिवेष(डोमीनियन) बन गय, (अर्थात ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वायत्त्य इकाई)। ब्रिटिश संसद के भारत-संबंधित सारे विधानाधिकारों को (1945 में गठित) भारत की संविधान सभा के अधिकार में सौंप दिया गया, भारत, ब्रिटिश-राष्ट्रमंडल प्रदेश का सहपद सदस्य भी बन गया साथ ही ब्रिटेन के राजा ने भारत के सम्राट का शाही ख़िताब त्याग दिया। ब्रिटिश स्वयत्तयोपनिवेष एवं रष्ट्रमंडल प्रदेश का हिस्सा होने के नाते इंगलैंड के राजा ज्यौर्ज (षष्ठम) को भारत का राष्ट्राध्यक्ष बनाया गया एवं आन्य राष्ट्रमंडल देशों की तरह ही भारतिय लैहज़े में उन्हें भारत के राजा की उपादी से नवाज़ा गया(यह पद केवल नाम-मात्र एवं शिश्टाचार के लिये था), भारत में उनका प्रतिनिधित्व भारत के महाराज्यपाल(गवरनर-जनरल) के द्वारा होता था। 1950 में संविधान के लागू होने के साथ ही भारत एक पूर्णतः स्वतंत्र गणराज्य बन गया और साथ ही भारत के राजा के पद को हमेशा के लिये स्थगित कर दिया गया, और भारत के संवंधान द्वरा स्थापित लोकतांत्रिक प्रकृया द्वारा चुने गए भारत के महामहिं राष्ट्रपति के पद से बदल दिया गया। इस बीच भारत में दो महाराज्यपालों को नियुक्त किया गया, महामहिं महाराज्यपाल लाॅर्ड माउण्टबैटन और महामहिं महाराज्यपाल चक्रवर्ती राजागोपालाचारी। .

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भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान

भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST / आई॰ आई॰ एस॰ टी॰) भारत एवं एशिया का प्रथम अंतरिक्ष विश्वविद्यालय है। यह तिरुवनंतपुरम शहर के वलियमला क्षेत्र में स्थित है। इसकी स्थापना १४ सितम्बर २००७ को गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर हुई थी। भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक डॉ॰ ए. पी.

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भारतीय उपमहाद्वीप

भारतीय उपमहाद्वीप का भौगोलिक मानचित्र भारतीय उपमहाद्वीप, एशिया के दक्षिणी भाग में स्थित एक उपमहाद्वीप है। इस उपमहाद्वीप को दक्षिण एशिया भी कहा जाता है भूवैज्ञानिक दृष्टि से भारतीय उपमहाद्वीप का अधिकांश भाग भारतीय प्रस्तर (या भारतीय प्लेट) पर स्थित है, हालाँकि इस के कुछ भाग इस प्रस्तर से हटकर यूरेशियाई प्रस्तर पर भी स्थित हैं। .

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भालू

भालू या रीछ उरसीडे (Ursidae) परिवार का एक स्तनधारी जानवर है। हालाँकि इसकी सिर्फ आठ ज्ञात जातियाँ हैं इसका निवास पूरी दुनिया में बहुत ही विस्तृत है। यह एशिया, यूरोप, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के महाद्वीपों में पाया जाता है। देखने में, सभी भालुओं के आम लक्षणों में बड़ा शरीर, मोटी टाँगे-बाज़ू, लम्बा बुक्क (नाक), पूरे बदन पर घने बाल और पाँव में सख़्त नाख़ून शामिल हैं। ध्रुवी भालू (पोलर बेयर) अधिकतर मांस-मछली ही खाता है और बड़ा पांडा (जायंट पांडा) सिर्फ़ बांस के पत्ते-टहनियाँ खाता है, लेकिन भालुओं की अन्य छह जातियाँ सर्वाहारी होती हैं और मांस और वनस्पति दोनों खाती हैं। भालू झुण्ड के बजाय अकेला रहना पसंद करते हैं। केवल बच्चे जनने के लिए नर और मादा साथ करते हैं और फिर अलग हो जाते हैं। बच्चों के पैदा होने के बाद, ये छोटे भालू कुछ समय के लिए अपनी माँ का साथ रखते हैं। भालू ज़्यादातर दिन के समय ही सक्रिय होते हैं, हालाँकि कभी-कभी रात को भी घूमते हुए या खाना ढूंढते हुए पाए जा सकते हैं। इनकी सूंघने की शक्ति बहुत तीव्र होती है। देखने में भारी-भरकम लगने के बावजूद भालू तेज़ी से दौड़ सकते हैं और इनमें पेड़ों पर चढ़ने और पानी में तैरने की भी अच्छी क्षमता होती है। ये अक्सर ग़ुफ़ाओं या ज़मीन में बड़े गड्ढों में अपना घर बनाते हैं। भालू की कुछ जातियाँ शीतनिष्क्रियता (सर्दियों के मौसम को सो कर गुज़ारना) प्रदर्शित करती हैं। .

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भूमंडलीय ऊष्मीकरण

वैश्‍विक माध्‍य सतह का ताप 1961-1990 के सापेक्ष से भिन्‍न है 1995 से 2004 के दौरान औसत धरातलीय तापमान 1940 से 1980 तक के औसत तापमान से भिन्‍न है भूमंडलीय ऊष्मीकरण (या ग्‍लोबल वॉर्मिंग) का अर्थ पृथ्वी की निकटस्‍थ-सतह वायु और महासागर के औसत तापमान में 20वीं शताब्‍दी से हो रही वृद्धि और उसकी अनुमानित निरंतरता है। पृथ्‍वी की सतह के निकट विश्व की वायु के औसत तापमान में 2005 तक 100 वर्षों के दौरान 0.74 ± 0.18 °C (1.33 ± 0.32 °F) की वृद्धि हुई है। जलवायु परिवर्तन पर बैठे अंतर-सरकार पैनल ने निष्कर्ष निकाला है कि "२० वीं शताब्दी के मध्य से संसार के औसत तापमान में जो वृद्धि हुई है उसका मुख्य कारण मनुष्य द्वारा निर्मित ग्रीनहाउस गैसें हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, धरती के वातावरण के तापमान में लगातार हो रही विश्वव्यापी बढ़ोतरी को 'ग्लोबल वार्मिंग' कहा जा रहा है। हमारी धरती सूर्य की किरणों से उष्मा प्राप्त करती है। ये किरणें वायुमंडल से गुजरती हुईं धरती की सतह से टकराती हैं और फिर वहीं से परावर्तित होकर पुन: लौट जाती हैं। धरती का वायुमंडल कई गैसों से मिलकर बना है जिनमें कुछ ग्रीनहाउस गैसें भी शामिल हैं। इनमें से अधिकांश धरती के ऊपर एक प्रकार से एक प्राकृतिक आवरण बना लेती हैं जो लौटती किरणों के एक हिस्से को रोक लेता है और इस प्रकार धरती के वातावरण को गर्म बनाए रखता है। गौरतलब है कि मनुष्यों, प्राणियों और पौधों के जीवित रहने के लिए कम से कम 16 डिग्री सेल्शियस तापमान आवश्यक होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीनहाउस गैसों में बढ़ोतरी होने पर यह आवरण और भी सघन या मोटा होता जाता है। ऐसे में यह आवरण सूर्य की अधिक किरणों को रोकने लगता है और फिर यहीं से शुरू हो जाते हैं ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव। आईपीसीसी द्वारा दिये गये जलवायु परिवर्तन के मॉडल इंगित करते हैं कि धरातल का औसत ग्लोबल तापमान 21वीं शताब्दी के दौरान और अधिक बढ़ सकता है। सारे संसार के तापमान में होने वाली इस वृद्धि से समुद्र के स्तर में वृद्धि, चरम मौसम (extreme weather) में वृद्धि तथा वर्षा की मात्रा और रचना में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। ग्लोबल वार्मिंग के अन्य प्रभावों में कृषि उपज में परिवर्तन, व्यापार मार्गों में संशोधन, ग्लेशियर का पीछे हटना, प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा आदि शामिल हैं। .

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भूमंडलीय ऊष्मीकरण का प्रभाव

extreme weather). (Third Assessment Report) इस के अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change)। इस भविष्यवाणी की प्रभावों के ग्लोबल वार्मिंग इस पर पर्यावरण (environment) और के लिए मानव जीवन (human life) कई हैं और विविध.यह आम तौर पर लंबे समय तक कारणों के लिए विशिष्ट प्राकृतिक घटनाएं विशेषता है, लेकिन मुश्किल है के कुछ प्रभावों का हाल जलवायु परिवर्तन (climate change) पहले से ही होने जा सकता है।Raising sea levels (Raising sea levels), glacier retreat (glacier retreat), Arctic shrinkage (Arctic shrinkage), and altered patterns of agriculture (agriculture) are cited as direct consequences, but predictions for secondary and regional effects include extreme weather (extreme weather) events, an expansion of tropical diseases (tropical diseases), changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems (changes in the timing of seasonal patterns in ecosystems), and drastic economic impact (economic impact)। चिंताओं का नेतृत्व करने के लिए हैं राजनीतिक (political) सक्रियता प्रस्तावों की वकालत करने के लिए कम (mitigate), समाप्त (eliminate), या अनुकूलित (adapt) यह करने के लिए। 2007 चौथी मूल्यांकन रिपोर्ट (Fourth Assessment Report) के द्वारा अंतर पैनल तौर पर जलवायु परिवर्तन (Intergovernmental Panel on Climate Change) (आईपीसीसी) ने उम्मीद प्रभावों का सार भी शामिल है। .

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भूगोल

पृथ्वी का मानचित्र भूगोल (Geography) वह शास्त्र है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि) का ज्ञान होता है। प्राकृतिक विज्ञानों के निष्कर्षों के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित करते हुए पृथ्वीतल की विभिन्नताओं का मानवीय दृष्टिकोण से अध्ययन ही भूगोल का सार तत्व है। पृथ्वी की सतह पर जो स्थान विशेष हैं उनकी समताओं तथा विषमताओं का कारण और उनका स्पष्टीकरण भूगोल का निजी क्षेत्र है। भूगोल शब्द दो शब्दों भू यानि पृथ्वी और गोल से मिलकर बना है। भूगोल एक ओर अन्य शृंखलाबद्ध विज्ञानों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग उस सीमा तक करता है जहाँ तक वह घटनाओं और विश्लेषणों की समीक्षा तथा उनके संबंधों के यथासंभव समुचित समन्वय करने में सहायक होता है। दूसरी ओर अन्य विज्ञानों से प्राप्त जिस ज्ञान का उपयोग भूगोल करता है, उसमें अनेक व्युत्पत्तिक धारणाएँ एवं निर्धारित वर्गीकरण होते हैं। यदि ये धारणाएँ और वर्गीकरण भौगोलिक उद्देश्यों के लिये उपयोगी न हों, तो भूगोल को निजी व्युत्पत्तिक धारणाएँ तथा वर्गीकरण की प्रणाली विकसित करनी होती है। अत: भूगोल मानवीय ज्ञान की वृद्धि में तीन प्रकार से सहायक होता है: सर्वप्रथम प्राचीन यूनानी विद्वान इरैटोस्थनिज़ ने भूगोल को धरातल के एक विशिष्टविज्ञान के रूप में मान्यता दी। इसके बाद हिरोडोटस तथा रोमन विद्वान स्ट्रैबो तथा क्लाडियस टॉलमी ने भूगोल को सुनिइतिहासश्चित स्वरुप प्रदान किया। इस प्रकार भूगोल में 'कहाँ' 'कैसे 'कब' 'क्यों' व 'कितनें' प्रश्नों की उचित वयाख्या की जाती हैं। .

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भोजपत्र

कश्मीर से प्राप्त एक भोजपत्र पाण्डुलिपि यूरोप, एशिया तथा उत्तरी अमेरिका में उगने वाले अनेक प्रकार के भूर्जवृक्षों की छाल को भोजपत्र (Birch bark या birchbark) कहते हैं। प्राचीन काल में इसका उपयोग ग्रन्थ लिखने के लिए किया जाता था। इसके अन्य अनेकों उपयोग भी हैं। .

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मध्य एशिया

मध्य एशिया एशिया के महाद्वीप का मध्य भाग है। यह पूर्व में चीन से पश्चिम में कैस्पियन सागर तक और उत्तर में रूस से दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तृत है। भूवैज्ञानिकों द्वारा मध्य एशिया की हर परिभाषा में भूतपूर्व सोवियत संघ के पाँच देश हमेशा गिने जाते हैं - काज़ाख़स्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान। इसके अलावा मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, भारत के लद्दाख़ प्रदेश, चीन के शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्रों और रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिणी भाग को भी अक्सर मध्य एशिया का हिस्सा समझा जाता है। इतिहास में मध्य एशिया रेशम मार्ग के व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। चीन, भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लोग, माल, सेनाएँ और विचार मध्य एशिया से गुज़रकर ही आते-जाते थे। इस इलाक़े का बड़ा भाग एक स्तेपी वाला घास से ढका मैदान है हालाँकि तियान शान जैसी पर्वत शृंखलाएँ, काराकुम जैसे रेगिस्तान और अरल सागर जैसी बड़ी झीलें भी इस भूभाग में आती हैं। ऐतिहासिक रूप मध्य एशिया में ख़ानाबदोश जातियों का ज़ोर रहा है। पहले इसपर पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोलने वाली स्किथी, बैक्ट्रियाई और सोग़दाई लोगों का बोलबाला था लेकिन समय के साथ-साथ काज़ाख़, उज़बेक, किरगिज़ और उईग़ुर जैसी तुर्की जातियाँ अधिक शक्तिशाली बन गई।Encyclopædia Iranica, "CENTRAL ASIA: The Islamic period up to the Mongols", C. Edmund Bosworth: "In early Islamic times Persians tended to identify all the lands to the northeast of Khorasan and lying beyond the Oxus with the region of Turan, which in the Shahnama of Ferdowsi is regarded as the land allotted to Fereydun's son Tur.

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मध्य पूर्व

मध्य पूर्व का राजनीतिक नक्शा मध्य पूर्व (या पूर्व में ज्यादा प्रचलित पूर्व के करीब (Near East)) दक्षिण पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्वी यूरोप और उत्तरी पूर्वी अफ़्रीका में विस्तारित क्षेत्र है। इसकी कोई स्पष्ट सीमा रेखा नहीं है, अक्सर इस शब्द का प्रयोग पूर्व के पास (Near East) के एक पर्याय के रूप में प्रयोग किया जाता, ठीक सुदूर पूर्व (Far East) के विपरित। मध्य पूर्व शब्द का प्रचलन १९०० के आसपास के यूनाइटेड किंगडम में शुरू हुआ। .

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मध्य साइबेरियाई पठार

मध्य साइबेरियाई पठार साइबेरिया में येनिसेय नदी और लेना नदी के बीच स्थित है मध्य साइबेरियाई पठार (रूस: Среднесиби́рское плоского́рье, स्रेदनेसिबिर्स्कोय प्लोस्कोगोर्ये; अंग्रेज़ी: Central Siberian Plateau) उत्तर एशिया के साइबेरिया इलाक़े में येनिसेय नदी और लेना नदी के बीच में स्थित एक पठार है। इसके अलग-अलग ऊँचाइयों वाले भिन्न हिस्से हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ३५ लाख वर्ग किमी है। इसके उत्तर में पूतोराना पहाड़ हैं और इसके दक्षिण में पूर्वी सायन पर्वत और बायकाल पर्वत स्थित हैं। पूर्व में यह पठार याकूत के मैदान की निचली भूमि में बदल जाता है। अगर पूरे साइबेरिया का क्षेत्रफल देखा जाए तो मध्य साइबेरियाई पठार उसका एक-तिहाई हिस्सा है। इस पठार में छोटी गर्मियाँ और लम्बी भयंकर ठण्ड वाली सर्दियाँ होती हैं। इसके अधिकाँश भाग पर कोणधारी (कॉनिफ़ॅरस) वृक्षों के वन फैले हुए हैं। निचली तुन्गुसका नदी इस क्षेत्र की प्रमुख नदी है। यहाँ बहुत से खनिज मिलते हैं, जैसे कि कोयला, लोहा, सोना, प्लैटिनम, हीरा और प्राकृतिक गैस। दक्षिण अफ़्रीका के बाद रूस ही दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्लैटिनम का उत्पादक है और विश्वभर की ३०% प्लैटिनम आपूर्ति यहीं से आती है। .

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मरमरा सागर

मरमरा सागर (तुर्की: Marmara Denizi, अंग्रेज़ी: Sea of Marmara), जिसे मरमोरा सागर भी कहते हैं तुर्की की ज़मीन द्वारा लगभग पूरी तरह घिरा हुआ एक सागर है जिसके केवल दो मुख हैं - एक दार्दानेल्ज़ जलसन्धि द्वारा एजियाई सागर से जुड़ता है और दूसरा बोस्पोरुस जलसन्धि द्वारा कृष्ण सागर से। यह सागर तुर्की के यूरोपी और एशियाई भागों को अलग करता है।, Michael Kort, pp.

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मर्सिडीज़ बेन्ज़

मर्सिडीज़ कंपनी का चिह्न मर्सिडीज बेंज जर्मन निर्माता डेमलर एजी की एक बहुराष्ट्रीय इकाई है और यह ब्रांड ऑटोमोबाइल, बसों, कोच और ट्रकों के लिए मशहूर है। मर्सिडीज बेंज का मुख्यालय स्टटगार्ट, Baden-Württemberg, जर्मनी में है। मर्सिडीज-बेंज अपनी उत्पत्ति डेमलर-मोटर्स-गसेल्स्काफ्ट की 1 9 01 मर्सिडीज और कार्ल बेंज के 1886 बेंज पेटेंट-मोटरवागन को दर्शाती है, जिसे व्यापक रूप से पहली गैसोलीन-संचालित ऑटोमोबाइल माना जाता है। ब्रांड का नारा "सबसे अच्छा या कुछ नहीं" है .

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मरूद्यान

ईनकेल्ट, यहूदिया मरूस्थल, इस्राइल में एक नखलिस्तान भौगोलिक संदर्भों में मरूद्यान, शाद्वल, मरूद्वीप अथवा नख़लिस्तान, किसी मरूस्थल में किसी झरने, चश्मा या जल-स्रोत के आसपास स्थित एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां किसी वनस्पति के उगने के लिए पर्याप्त अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध होती हैं। यदि यह क्षेत्र पर्याप्त रूप से बड़ा हो, तो यह पशुओं और मनुष्यों को भी प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराता है। मरूस्थलीय इलाकों में मरूद्यानों का हमेशा से व्यापार तथा परिवहन मार्गों के लिए विशेष महत्व का रहा है। पानी एवं खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए काफिलों का मरूद्यानों से होकर गुज़रना आवश्यक है इसीलिए अधिकतर मामलों में किसी मरूद्यान पर राजनीतिक अथवा सैन्य नियंत्रण का तात्पर्य उस मार्ग पर होने वाले व्यापार पर नियंत्रण से भी है। उदहारण के तौर पर आधुनिक लीबिया में स्थित औजिला, घडामेस एवं कुफ्रा के मरूद्यान कई अवसरों पर सहारा के उत्तर-दक्षिणी एवं पूर्व-पश्चिमी व्यापार के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं। इका, पेरू में हुआकाचीना नखलिस्तान मरूद्यान किसी जलस्रोत जैसे कि भूमिगत नदी अथवा आर्टीसियन कूप आदि से निर्मित होते हैं, जहां जल दबाव द्वारा प्राकृतिक रूप से अथवा मानव निर्मित कुओं द्वारा सतह तक पहुंच सकता है। समय समय पर होने वाली वृष्टि भी किसी मरूद्यान के भूमिगत स्रोत को प्राकृतिक को जल उपलब्ध कराती है, जैसे कि टुयात.

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मलय-पोलेनीशियाई भाषाएँ

मलय-पोलेनीशियाई भाषा-परिवार की उपशाखाएँ मलय-पोलेनीशियाई भाषाएँ (Malayo-Polynesian languages) ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा परिवार की एक उपश्रेणी है और विश्व में लगभग ३८.५५ करोड़ लोग मलय-पोलेनीशियाई भाषाएँ बोलते हैं। यह दक्षिण पूर्व एशिया के द्वीप-राष्ट्रों में, प्रशांत महासागर के बहुत से द्वीपों में और एशिया की मुख्यभूमि के कुछ छोटे इलाक़ों में (जैसे कि मलेशिया में) बोली जाती हैं। इसके अलावा हिंद महासागर में स्थित माडागास्कर की मालागासी नामक राजभाषा भी एक मलय-पोलेनीशियाई भाषा है। अलग भाषावैज्ञानिक इस परिवार की भाषाएँ अलग-अलग तरह से गिनते हैं लेकिन कुछ के अनुसार ९६० ज्ञात ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाओं में से ९४० मलय-पोलेनीशियाई शाखा में आती हैं।, pp.

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मलेरिया

मलेरिया या दुर्वात एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है जो प्रोटोज़ोआ परजीवी द्वारा फैलता है। यह मुख्य रूप से अमेरिका, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों के उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधी क्षेत्रों में फैला हुआ है। प्रत्येक वर्ष यह ५१.५ करोड़ लोगों को प्रभावित करता है तथा १० से ३० लाख लोगों की मृत्यु का कारण बनता है जिनमें से अधिकतर उप-सहारा अफ्रीका के युवा बच्चे होते हैं। मलेरिया को आमतौर पर गरीबी से जोड़ कर देखा जाता है किंतु यह खुद अपने आप में गरीबी का कारण है तथा आर्थिक विकास का प्रमुख अवरोधक है। मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है तथा भंयकर जन स्वास्थ्य समस्या है। यह रोग प्लास्मोडियम गण के प्रोटोज़ोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है। केवल चार प्रकार के प्लास्मोडियम (Plasmodium) परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते है जिनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) तथा प्लास्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax) माने जाते हैं, साथ ही प्लास्मोडियम ओवेल (Plasmodium ovale) तथा प्लास्मोडियम मलेरिये (Plasmodium malariae) भी मानव को प्रभावित करते हैं। इस सारे समूह को 'मलेरिया परजीवी' कहते हैं। मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ (Anopheles) मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुगुणित होते हैं जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं (चक्कर आना, साँस फूलना, द्रुतनाड़ी इत्यादि)। इसके अलावा अविशिष्ट लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी, उबकाई और जुखाम जैसी अनुभूति भी देखे जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीज मूर्च्छा में जा सकता है और मृत्यु भी हो सकती है। मलेरिया के फैलाव को रोकने के लिए कई उपाय किये जा सकते हैं। मच्छरदानी और कीड़े भगाने वाली दवाएं मच्छर काटने से बचाती हैं, तो कीटनाशक दवा के छिडकाव तथा स्थिर जल (जिस पर मच्छर अण्डे देते हैं) की निकासी से मच्छरों का नियंत्रण किया जा सकता है। मलेरिया की रोकथाम के लिये यद्यपि टीके/वैक्सीन पर शोध जारी है, लेकिन अभी तक कोई उपलब्ध नहीं हो सका है। मलेरिया से बचने के लिए निरोधक दवाएं लम्बे समय तक लेनी पडती हैं और इतनी महंगी होती हैं कि मलेरिया प्रभावित लोगों की पहुँच से अक्सर बाहर होती है। मलेरिया प्रभावी इलाके के ज्यादातर वयस्क लोगों मे बार-बार मलेरिया होने की प्रवृत्ति होती है साथ ही उनमें इस के विरूद्ध आंशिक प्रतिरोधक क्षमता भी आ जाती है, किंतु यह प्रतिरोधक क्षमता उस समय कम हो जाती है जब वे ऐसे क्षेत्र मे चले जाते है जो मलेरिया से प्रभावित नहीं हो। यदि वे प्रभावित क्षेत्र मे वापस लौटते हैं तो उन्हे फिर से पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए। मलेरिया संक्रमण का इलाज कुनैन या आर्टिमीसिनिन जैसी मलेरियारोधी दवाओं से किया जाता है यद्यपि दवा प्रतिरोधकता के मामले तेजी से सामान्य होते जा रहे हैं। .

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मशरफे मुर्तज़ा

मशरफे मुर्तज़ा एक क्रिकेट खिलाड़ी है जो मुख्यतः गेंदबाजी करते हैं ये एशिया की एक क्रिकेट टीम बांग्लादेश क्रिकेट टीम के लिए खेलते हैं। मुर्तज़ा ने अपना कैरियर टेस्ट क्रिकेट से तथा एक दिवसीय क्रिकेट से २००१ में ही किया था। वर्तमान में ये बांग्लादेश के कप्तान भी है। .

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महाद्वीप

महाद्वीपों को समाहित या विभाजित किया जा सकता है, उदाहरणतः यूरेशिया को प्रायः यूरोप तथा एशिया में विभाजित किया जाता है लाल रंग में। बक्मिन्स्टर फुलर द्वारा डायमैक्सियम नक्शा जो दर्शित करता है भूमिखण्ड कम से कम विरूपण समेत, एक एक लगातार महाद्वीप में बंटे हुए विश्व के महाद्वीप महाद्वीप (en:Continent) एक विस्तृत ज़मीन का फैलाव है जो पृथ्वी पर समुद्र से अलग दिखाई देतै हैं। महाद्वीप को व्यक्त करने के कोई स्पष्ट मापदण्ड नहीं है। अलग-अलग सभ्यताओं और वैज्ञानिकों नें महाद्वीप की अलग परिभाषा दी है। पर आम राय ये है कि एक महाद्वीप धरती बहुत बड़ा का विस्तृत क्षेत्र होता है जिसकी सीमाएं स्पष्ट पहचानी जा सके.

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महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध (द्वितीय विश्वयुद्ध)

महान् देशभक्तिपूर्ण युद्ध का प्रचारपत्र "'''मातृभूमि बुला रही है'''" हिटलर वालों का जलूस सोवियत संघ का महान् देशभक्तिपूर्ण युद्ध (रूसी: Великая Отечественная Война - वेलीकया ओतेचेस्त्वेन्नया वोय्ना) - या द्वितीय विश्वयुद्ध, जो सोवियत जनता के लिए 1941-1945 वर्षों में विशेष रूप से अपने देश के अस्तितव की रक्षा को लेकर सब से बड़ी घटना के रूप में दुनिया के इतिहास में जाना जाता है। इस युद्ध में दो करोड़ अस्सी लाख से ज़्यादा सोवियत निवासी मारे गए। .

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महायान

गन्धार से पहली सदी ईसवी में बनी महात्मा बुद्ध की मूर्ति महायान, वर्तमान काल में बौद्ध धर्म की दो प्रमुख शाखाओं में से एक है। दूसरी शाखा का नाम थेरवाद है। महायान बुद्ध धर्म भारत से आरम्भ होकर उत्तर की ओर बहुत से अन्य एशियाई देशों में फैल गया, जैसे कि चीन, जापान, कोरिया, ताइवान, तिब्बत, भूटान, मंगोलिया और सिंगापुर। महायान सम्प्रदाय कि आगे और उपशाखाएँ हैं, जैसे ज़ेन/चान, पवित्र भूमि, तियानताई, निचिरेन, शिन्गोन, तेन्दाई और तिब्बती बौद्ध धर्म।, Stuart Chandler, University of Hawaii Press, 2004, ISBN 978-0-8248-2746-5,...

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महाअमेरिका

महाअमेरिका या अमेरिका उत्तर और दक्षिण अमेरिका संयुक रूप से कहा जाता है। महाअमेरिका में पृथ्वी के कुल भूभाग का २८.४ % (या कुल सतह का ८.३%) आता है और कुल जनसंख्या का १३.५% (या लगभग ९० करोड़)। अमेरिका को नई दुनिया के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि १५ वीं सदी में ही इन महाद्वीपों की खोज यूरोपियनों द्वारा की गई थी। हालांकि इससे पहले यह क्षेत्र वाइकिंग और इनूइट लोगों और स्थानिय लोगों को ज्ञात था। "अमेरिका" शब्द को हिन्दी और अन्य बहुत सी भाषाओं में अधिकांशतः संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए प्रयुक्त किया जाता है जो तकनीकी रूप से सही नहीं है क्योंकि अमेरिका शब्द यूरोप के लोगों द्वारा इस पूरी नई दुनिया के लिए प्रयुक्त किया गया था नाकि वर्तमान संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए। .

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मातृवंश समूह ए

बहुत से एस्किमो लोग मातृवंश समूह ए के वंशज होते हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह ए या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप A एक मातृवंश समूह है। यह मातृवंश मूल अमेरिकी आदिवासी समुदायों, पूर्वी साइबेरिया के लोगों और कुछ पूर्वोत्तर एशिया के लोगों में पाया जाता है। चुकची, एस्किमो और अमेरिका की ना-देने जनजातियों में यह सब से आम मातृवंश है। ७.५% जापानी और २% तुर्की लोगों में भी यह पाया जाता है। अनुमान लगाया जाता है के जिस स्त्री के साथ इस मातृवंश की शुरुआत हुई वह आज से लगभग ५०,००० साल पहले पूर्वी एशिया या मध्य एशिया की निवासी थी। ध्यान दें के कभी-कभी मातृवंशों और पितृवंशों के नाम मिलते-जुलते होते हैं (जैसे की पितृवंश समूह ए और मातृवंश समूह ए), लेकिन यह केवल एक इत्तेफ़ाक ही है - इनका आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है। .

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मातृवंश समूह डी

साइबेरिया की याकूत जनजाति के लोग अक्सर मातृवंश समूह डी के वंशज होते हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह डी या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप D एक मातृवंश समूह है। इस मातृवंश के लोग ज़्यादातर पूर्वोत्तर एशिया (ख़ासकर साइबेरिया), मूल अमेरिकी आदिवासी समुदायों, मध्य एशिया और कोरिया में भारी संख्या में और पूर्वोत्तर यूरोप और मध्य पूर्व के दक्षिण-पश्चिमी एशियाई इलाक़ों में हलकी संख्या में मिलते हैं। वैज्ञानिकों की मान्यता है के जिस स्त्री के साथ इस मातृवंश की शुरुआत हुई वह आज से क़रीब ४८,००० साल पहले पूर्व एशिया में कहीं रहती थी। ध्यान दें के कभी-कभी मातृवंशों और पितृवंशों के नाम मिलते-जुलते होते हैं (जैसे की पितृवंश समूह डी और मातृवंश समूह डी), लेकिन यह केवल एक इत्तेफ़ाक ही है - इनका आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है। .

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मातृवंश समूह सी

साइबेरिया की चुकची जनजाति के ११% लोग मातृवंश समूह सी के वंशज होते हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह सी या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप C एक मातृवंश समूह है। यह मातृवंश समूह सीज़ॅड की एक उपशाखा है। इस मातृवंश के लोग ज़्यादातर पूर्वोत्तर एशिया (ख़ासकर साइबेरिया) और अमेरिका के आदिवासियों में पाए जाते हैं, लेकिन हाल ही में यह पश्चिमी यूरोप के आइसलैण्ड राष्ट्र में भी पाए गाये हैं। साइबेरिया की चुकची जनजाति के ११% लोग मातृवंश समूह सी के वंशज होते हैं। वैज्ञानिकों की मान्यता है के जिस स्त्री के साथ इस मातृवंश की शुरुआत हुई वह आज से लगभग ६०,००० साल पहले मध्य एशिया में कैस्पियन सागर और बेकाल झील के दरमियानी क्षेत्र में कहीं रहती थी। ध्यान दें के कभी-कभी मातृवंशों और पितृवंशों के नाम मिलते-जुलते होते हैं (जैसे की पितृवंश समूह डी और मातृवंश समूह डी), लेकिन यह केवल एक इत्तेफ़ाक ही है - इनका आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है। .

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मातृवंश समूह सीज़ॅड

कुछ पूर्वोत्तर भारतीय मातृवंश समूह सीज़ॅड के वंशज होते हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह सीज़ॅड या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप CZ एक मातृवंश समूह है। इस मातृवंश समूह के लोग ज़्यादातर उत्तर-पूर्वी एशिया में मिलते हैं, ख़ासकर साईबेरिया में। पूर्वोत्तर भारत में भी कुछ मातृवंश समूह सीज़ॅड के वंशज मिलते हैं। .

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मातृवंश समूह आर०

उत्तरी पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की कलश जनजाति के अनुमानित २३% लोग मातृवंश समूह आर० के वंशज होते हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह आर० या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप R0 एक मातृवंश समूह है। इसे पहले मातृवंश समूह एचवी-पूर्व या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप pre-HV के नाम से जाना जाता था। मातृवंश समूह एचवी इसी से उत्पन्न हुई एक बड़ी उपशाखा है। मातृवंश समूह आर० अरबी प्रायद्वीप पर बहुत देखा जाता है, जहाँ के यमन राष्ट्र के सुक़तरा द्वीप के ५०,००० निवासियों में से ३८% इसके वंशज हैं।Viktor Cerny et al.

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मानचित्रण का इतिहास

मानचित्र निर्माण की विद्या अति प्राचीन है। मार्शल द्वीपवासी ताड़ के डंठलों एवं कौड़िओं की सहायता से समुद्र संतरण के मार्गों तथा द्वीपों को दिखाने के लिए चार्ट तैयार करते थे। एस्किमो, अमरीका के रेड इंडियन आदि भी नदियों, वनों, मंदिरों तथा बस्तियों, शिकार के रास्तों आदि का उल्लेख भौगोलिक शुद्धता के साथ रेखाचित्र पर कर लेते थे। इसी प्रकार एशिया तथा अफ्रीका के आदिवासियों तथा अन्य जातियों में भी मानचित्र बनाने के अनेक उदाहरण मिलते हैं। .

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मानसून

जब ITCZ(उष्ण कटिबंधीय संरक्षित क्षेत्र)से जब व्यापारिक एवं समाॅगी हवाये ऊपर की ओर कोरियोलिस बल के कारण भारत के राज्य केरल मे 2महिना 10दिन मे मानसून पहुंचता है जो कि यहां सबसे पहले सबसे बाद मे भी मानसून यही होता है लेकिन भारत मे सबसे ज्यादा मानसून मासिनराम(मेघालय) मे होती है जो कि वहा पर औषतन बरसात 11873मिमी॰ की होती है । तमिलनाडु के नागरकायल (कन्याकुमारी के पास) में मानसून के बादल मानसून मूलतः हिन्द महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी वर्षाएं लाती थीं। हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है। यहां ये उल्लेखनीय है, कि मॉनसून हवाओं का अर्थ अधिकांश समय वर्षा कराने से नहीं लिया जाना चाहिये। इस परिभाषा की दृष्टि से संसार के अन्य क्षेत्र, जैसे- उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, उप-सहारा अफ़्रीका, आस्ट्रेलिया एवं पूर्वी एशिया को भी मानसून क्षेत्र की श्रेणी में रखा जा सकता है। ये शब्द हिन्दी व उर्दु के मौसम शब्द का अपभ्रंश है। मॉनसून पूरी तरह से हवाओं के बहाव पर निर्भर करता है। आम हवाएं जब अपनी दिशा बदल लेती हैं तब मॉनसून आता है।.

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मान्छु

मान्छु या मान्चु एक बहुविकल्पी शब्द है, जिसके यह अर्थ हो सकते हैं.

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माया वर्ग

नौ खानों वाला एक माया वर्ग मनोरंजक गणित में n कोटि (आर्डर) का माया वर्ग या 'मैजिक वर्ग' (magic square) n2 संख्याओं (प्रायः पूर्णांकों) का ऐसा विन्यास (arrangement) होता है कि सभी पंक्तियों, स्तम्भों, एवं दोनों विकर्णों में स्थित संख्याओं का योग समान होता है। इसे 'अंक यंत्र' भी कहते हैं। प्रत्येक पंक्ति, स्तम्भ या विकर्ण (diagonal) का योग माया नियतांक (magic constant) M कहलाता है। इसे 'माया योगफल' (मैजिक सम) भी कहते हैं। किसी सामान्य माया वर्ग का माया नियतांक केवल उसके कोटि n पर ही निर्भर है और इसका मान अतः n .

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मार्शल आर्ट

मार्शल आर्ट या लड़ाई की कलाएं विधिबद्ध अभ्यास की प्रणाली और बचाव के लिए प्रशिक्षण की परंपराएं हैं। सभी मार्शल आर्ट्स का एक समान उद्देश्य है: ख़ुद की या दूसरों की किसी शारीरिक ख़तरे से रक्षा । मार्शल आर्ट को विज्ञान और कला दोनों माना जाता है। इनमें से कई कलाओं का प्रतिस्पर्धात्मक अभ्यास भी किया जाता है, ज़्यादातर लड़ाई के खेल में, लेकिन ये नृत्य का रूप भी ले सकती हैं। मार्शल आर्ट्स का मतलब युद्ध की कला से है और ये लड़ाई की कला से जुड़ा पंद्रहवीं शताब्दी का यूरोपीय शब्द है जिसे आज एतिहासिक यूरोपीय मार्शल आर्ट्स के रूप में जाना जाता है। मार्शल आर्ट के एक कलाकार को मार्शल कलाकार के रूप में संदर्भित किया जाता है। मूल रूप से 1920 के दशक में रचा गया ये शब्द मार्शल आर्ट्स मुख्य तौर पर एशिया के युद्ध के तरीके के संदर्भ में था, विशेष तौर पर पूर्वी एशिया में जन्मे लड़ाई के तरीके के.

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मार्को पोलो

मार्को पोलो (वेनिस १५ सितंबर, १२५४ - वेनिस, २९ जनवरी, १३२४) एक इतालवी व्यापारी, खोजकर्ता और राजदूत था। उसका जन्म वेनिस गणराज्य में मध्य युग के अंत में हुआ था। अपने पिता, निकोलस पोलो (Niccolò) और अपने चाचा, मातेयो (Matteo), के साथ वह रेशम मार्ग की यात्रा करने वाले सर्वप्रथम यूरोपियनों में से एक था। उसने अपनी यात्रा १२७२ में लाइआसुस बंदरगाह (आर्मेनिया) से प्रारंभ की थी। उनकी चीन समेत, पूर्व की यात्रा का विस्तृत प्रतिवेदन ही लंबे समय तक पश्चिम में एशिया के बारे में जानकारी देने वाला स्रोत रहा है।मार्कोपोलो (1292-93ईं) वेनिस निवासी इतालवी यात्री था जिस ’ मध्यकालीन यात्रियों का राजकुमार' की उपाधि दी गई । इसका वृतांत ’द बुक ऑफ सर-मार्कोपोलो’ के नाम से हैं, जो तत्कालीन भारत के अर्थिक इतिहास की द्ष्टि से महत्वपूर्ण हैं। उनका यात्रा मार्ग इस प्रकार था: आर्मेनिया से होते हुए वे तुर्की के उत्तर में गए। .

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मालदीव

मालदीव या (Dhivehi: ދ ި ވ ެ ހ ި ރ ާ އ ް ޖ ެ Dhivehi Raa'je) या मालदीव द्वीप समूह, आधिकारिक तौर पर मालदीव गणराज्य, हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप देश है, जो मिनिकॉय आईलेंड और चागोस अर्किपेलेगो के बीच 26 प्रवाल द्वीपों की एक दोहरी चेन, जिसका फेलाव भारत के लक्षद्वीप टापू की उत्तर-दक्षिण दिशा में है, से बना है। यह लक्षद्वीप सागर में स्थित है, श्री लंका की दक्षिण-पश्चिमी दिशा से करीब सात सौ किलोमीटर (435 mi) पर.

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मालाबार

मालाबार केरल राज्य में अवस्थित पश्चिमी घाट और अरब सागर के बीच भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिम तट के समानांतर एक संकीर्ण तटवर्ती क्षेत्र है। जब स्‍वतंत्र भारत में छोटी रियासतों का विलय हुआ तब त्रावनकोर तथा कोचीन रियासतों को मिलाकर १ जुलाई, १९४९ को त्रावनकोर-कोचीन राज्य बना दिया गया, किंतु मालाबार मद्रास प्रांत के अधीन रहा। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ के तहत त्रावनकोर-कोचीन राज्य तथा मालाबार को मिलाकर १ नवंबर, १९५६ को केरल राज्य बनाया गया। केरल के अधिकांश द्वीप जो त्रावणकोर-मालाबार राज्य में आते थे, अब एर्नाकुलम जिले में आते हैं। मालाबार क्षेत्र के अंतर्गत पर्वतों का अत्यधिक आर्द्र क्षेत्र आता है। वनीय वनस्पति में प्रचुर होने के साथ-साथ इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसलों, जैसे नारियल, सुपारी, काली मिर्च, कॉफी और चाय, रबड़ तथा काजू का उत्‍पादन किया जाता है। मालाबार क्षेत्र केरल का बड़ा व्यावसायिक क्षेत्र माना जाता है। यहाँ उच्चकोटि के कागज का भी निर्माण होता है। यहां पर एशिया की सबसे मशहूर प्लाईवुड फैक्टरी भी स्थित है। इसके अलावा यहां के निकटवर्ती स्थानों पर फूलों के उत्पादन तथा उनके निर्यात के प्रमुख केंद्र भी स्थित हैं। हस्तकला की वस्तुओं तथा बीड़ी आदि का उत्पादन भी मालाबार में काफी होता है। मालाबार तट पर बसे हुए कण्णूर नगर में पयंबलम, मुझापूलंगड तथा मियामी जैसे सुंदर बीच हैं जो अभी पर्यटकों में अधिक प्रसिद्ध नहीं हैं, अतएव शांत वातावरण बनाए हुए हैं। यहां पायथल मलै नामक आकर्षक पर्वतीय स्थल भी है। निकट ही यहां का सर्प उद्यान है जहां पर अनेक प्रकार के सांपों का प्रदर्शन किया गया है। इस स्थान पर सर्पदंश चिकित्सा केंद्र भी बना है। मालाबार में मलावलतम नदी के किनारे पर परासनी कडायू का प्रसिद्ध मंदिर है, जो केवल हिंदू ही नहीं बल्कि अन्य सभी जातियों के लिए भी समान रूप से खुला है। यह मुथप्पन भगवान का मंदिर माना जाता है जो शिकारियों के देवता हैं। इसीलिए इस मंदिर में कांसे के बने हुए कुत्तों की मूर्तियां हैं। यहां ताड़ी तथा मांस का प्रसाद मिलता है तथा यहां के पुजारी दलित वर्ग के होते हैं। केरल की अधिकांश मुस्लिम आबादी, जिन्हें मप्पिला कहते हैं इसी क्षेत्र में निवास करती हैं। मालाबार के हिन्दुओं में गुड़ी पड़वा उत्सव का विशेष महत्त्व है। मालाबार क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति तथा प्रदूषण रहित वातावरण को देख कर मन खुश हो जाता है। वास्को डा गामा की यात्रा के ५०० वर्ष पूरे होने के कारण यह स्थान विश्व प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है। मालाबार में कालीकट से १६ कि॰मी॰ दूर कापड़ बीच है, जहां २१ मई, १४९८ को वास्को दा गामा ने पहला कदम भारत की भूमि पर रखा था। प्रभासाक्षी पर .

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मालिश

शरीर की बाहरी एवं नीचे स्थित मांशपेशियों एवं संयोजी उत्तकों को दबाना, हिला-डुलाना आदि मालिश (Massage) कहलाता है। इससे उनकी कार्य करने की क्षमतबढ़ती है और उनकी टूट-फूट का निवारन होता है। इससे आराम मिलता है और शरीर स्वस्थ रहता है। मालिश मांसपेशियों और संयोजी ऊतक के सतही और गहरी परतों में हेरफेर समारोह बढ़ाने उपचार प्रक्रिया में सहायता और छूट और अच्छी तरह से किया जा रहा है को बढ़ावा देने के है। शब्द फ्रेंच मालिश सानना के घर्षण से आता है, या "स्पर्श महसूस, या संभाल" या लैटिन Massa से "बड़े पैमाने पर, आटा" अर्थ अरबी Massa अर्थ से cf.

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माज़ा

माज़ा (अंग्रेजी: Maaza, बंगाली: মাজ়া) एक कोका-कोला का एक उत्पाद है जो मध्य पूर्व अफ्रीका, पूर्वी यूरोप तथा एशिया में बहुत लोकप्रिय है। इसे पहली बार 1977 में बनाया गया था। माज़ा ने अनानास तथा नारंगी के ब्रांच भी खोले लेकिन इतने कामयाब नहीं हो सके। .

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मांचु लिपि

मांचु लिपि में 'मांचु' (मान्जु') शब्द लिखा हुआ एक पुरानी फ़्रांसिसी पुस्तक में मांचु वर्णमाला मांचु लिपि पूर्वोत्तर एशिया में बासनी वाले मांचुओं की मांचु भाषा को लिखने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक वर्णमाला भी है। ठीक ऐसी ही लिपि का प्रयोग सुदूर-पश्चिमी चीन के शिनजियांग प्रान्त में बसने वाले शिबू लोग भी अपनी भाषा (जो मांचु की एक अन्य क़िस्म है) के लिए करते हैं। यह लिपि प्राचीन मंगोल लिपि में थोड़ा फेर-बदल कर के ली गई है। इसकी एक बड़ी ख़ासियत है कि इसे ऊपर-से-नीचे की ओर लिखा जाता है और इसकी पंक्तियाँ बाएँ से दाएँ चलती हैं। तुलना के लिए देवनागरी में लिखी गई हिंदी को बाएँ-से-दाएँ लिखा जाता है और इसकी पंक्तियाँ ऊपर से नीचे चलती हैं। मांचु भाषा को भाषावैज्ञानिक ख़तरे में मानते हैं और मांचु लिपि अब ज़्यादा ऐतिहासिक ग्रंथों-किताबों, इमारतों और धार्मिक लिखाइयों पर ही नज़र आती है।, Gertraude Roth Li, University of Hawaii Press, 2000, ISBN 978-0-8248-2206-4 .

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मिनियापोलिस

मिनियापोलिस "झीलों का शहर" और "मिलों का शहर" के रूप में उपनाम सहित हेन्नेपिन काउंटी का काउंटी सीट है, जो अमेरिकी राज्य मिनेसोटा का सबसे बड़ा शहर और अमेरिका का 47वां बड़ा शहर है। इसके नाम का श्रेय शहर के पहले स्कूल टीचर को दिया जाता है, जिन्होंने पानी के लिए डकोटा शब्द mni को, तथा शहर के लिए ग्रीक शब्द polis को जोड़ा.

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मिलानो

मिलान (Milano,; पश्चिमी लोम्बार्ड: मिलान) इटली का एक शहर और लोम्बार्डी क्षेत्र और मिलान प्रान्त की राजधानी है। मूल शहर की जनसंख्या लगभग 1,300,000 है, जबकि शहरी क्षेत्र 4,300,000 की अनुमानित जनसंख्या के साथ यूरोपीय संघ में पांचवा सबसे बड़ा है। इटली में सबसे बड़े, मिलान महानगरीय क्षेत्र की आबादी, OECD द्वारा अनुमानित तौर पर 7,400,000 है। शहर की स्थापना मीडियोलेनम नाम के तहत केल्टिक लोग इनसबरेस द्वारा की गई थी। इसे बाद में ई.पू.

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मिस्र

मिस्र (अरबी; مصر, अंग्रेजी:Egypt), आधिकारिक तौर पर मिस्र अरब गणराज्य, एक देश है जिसका अधिकांश हालांकि उत्तरी अफ्रीका में स्थित है जबकि इसका सिनाई प्रायद्वीप, दक्षिणपश्चिम एशिया में एक स्थल पुल बनाता है। इस प्रकार मिस्र एक अंतरमहाद्वीपीय देश है, तथा अफ्रीका, भूमध्य क्षेत्र, मध्य पूर्व और इस्लामी दुनिया की यह एक प्रमुख शक्ति है। इसका क्षेत्रफल 1010000 वर्ग किलोमीटर है और इसके उत्तर में भूमध्य सागर, पूर्वोत्तर में गाजा पट्टी और इस्राइल, पूर्व में लाल सागर, दक्षिण में सूडान और पश्चिम में लीबिया स्थित है। मिस्र, अफ्रीका और मध्य पूर्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में से एक है। इसकी अनुमानित 7.90 करोड़ जनसंख्या का अधिकतर हिस्सा नील नदी के किनारे वाले हिस्से में रहता है। नील नदी का यह क्षेत्र लगभग 40000 वर्ग किलोमीटर (15000 वर्ग मील) का है और पूरे देश का सिर्फ इसी क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि पायी जाती है। सहारा मरुस्थल के एक बड़े हिस्से में विरल जनसंख्या निवास करती है। मिस्र के लगभग आधे निवासी शहरों में वास करते हैं जिनमें नील नदी के मुहाने के क्षेत्र में बसे सघन जनसंख्या वाले शहर जैसे कि काहिरा, सिकन्दरिया आदि प्रमुख हैं। मिस्र की मान्यता उसकी प्राचीन सभ्यता के लिए है। गीज़ा पिरामिड परिसर और महान स्फिंक्स जैसे प्रसिद्ध स्मारक यहीं स्थित है। मिस्र के प्राचीन खंडहर जैसे कि मेम्फिस, थेबिस, करनाक और राजाओं की घाटी जो लक्सर के बाहर स्थित हैं, पुरातात्विक अध्ययन का एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं। यहां के शासक को फारो नाम से जाना जाता था। इस पदवी का प्रयोग ईसाई और इस्लाम काल के पूर्व काल में होता था। इसे फारोह भी लिखते हैं। फारो को मिस्र के देवता होरसका पुनर्जन्म माना जाता था। होरस द्यौ (आकाश) का देवता था और इसे सूर्य भी माना जाता था। मिस्र की कार्यशक्ति का लगभग 12% हिस्सा पर्यटन और लाल सागर रिवेरा में कार्यरत है। मध्य पूर्व में, मिस्र की अर्थव्यवस्था सबसे अधिक विकसित और विविध अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। पर्यटन, कृषि, उद्योग और सेवा जैसे क्षेत्रों का उत्पादन स्तर लगभग एक समान है। 2011 के शुरूआत में मिस्र उस क्रांति का गवाह बना, जिसके द्वारा मिस्र से होस्नी मुबारक नाम के तानाशाह के 30 साल के शासन का खात्मा हुआ। .

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मंचूरिया

मंचूरिया (Manchu: Manju, सरलीकृत चीनी: 满洲; पारंपरिक चीनी: 滿洲; Mongolian: Манж) पूर्वी एशिया का एक विशाल क्षेत्र है जिसका विस्तार चीन, कोरिया तथा रूस के इलाकों में है। .

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मंगोलायड प्रजाति

मंगोलायड प्रजाति, एक मानव प्रजाति हैं। इस प्रजाति का निवास केवल एशिया महाद्वीप में पाया जाता हैं। इससे सम्बन्धित लोगो की त्वचा का रंग पीला, शरीर पर बालों की एकदम कमी और माथा चौड़ा होता हैं। इस प्रजाति की सबसे प्रमुख विशेषता इसकी अधखुली आंखे हैं। श्रेणी:एशिया की मानव जातियाँ श्रेणी:मानव जातियाँ.

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मंगोलिया

मंगोलिया (मंगोलियन: Монгол улс) पूर्व और मध्य एशिया में एक भूमि से घिरा (लेंडलॉक) देश है। इसकी सीमाएं उत्तर में रूस, दक्षिण, पूर्वी और पश्चिमी में चीन से मिलती हैं। हालांकि, मंगोलिया की सीमा कज़ाख़िस्तान से नहीं मिलती, लेकिन इसकी सबसे पश्चिमी छोर कज़ाख़िस्तान के पूर्वी सिरे से केवल 24 मील (38 किमी) दूर है। देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर उलान बाटोर है, जहां देश की लगभग 38% जनसंख्या निवास करती है। मंगोलिया में संसदीय गणतंत्र है। .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुग़ल साम्राज्य

मुग़ल साम्राज्य (फ़ारसी:, मुग़ल सलतनत-ए-हिंद; तुर्की: बाबर इम्परातोरलुग़ु), एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। मुग़ल सम्राट तुर्क-मंगोल पीढ़ी के तैमूरवंशी थे और इन्होंने अति परिष्कृत मिश्रित हिन्द-फारसी संस्कृति को विकसित किया। 1700 के आसपास, अपनी शक्ति की ऊँचाई पर, इसने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को नियंत्रित किया - इसका विस्तार पूर्व में वर्तमान बंगलादेश से पश्चिम में बलूचिस्तान तक और उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कावेरी घाटी तक था। उस समय 40 लाख किमी² (15 लाख मील²) के क्षेत्र पर फैले इस साम्राज्य की जनसंख्या का अनुमान 11 और 13 करोड़ के बीच लगाया गया था। 1725 के बाद इसकी शक्ति में तेज़ी से गिरावट आई। उत्तराधिकार के कलह, कृषि संकट की वजह से स्थानीय विद्रोह, धार्मिक असहिष्णुता का उत्कर्ष और ब्रिटिश उपनिवेशवाद से कमजोर हुए साम्राज्य का अंतिम सम्राट बहादुर ज़फ़र शाह था, जिसका शासन दिल्ली शहर तक सीमित रह गया था। अंग्रेजों ने उसे कैद में रखा और 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद ब्रिटिश द्वारा म्यानमार निर्वासित कर दिया। 1556 में, जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर, जो महान अकबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, के पदग्रहण के साथ इस साम्राज्य का उत्कृष्ट काल शुरू हुआ और सम्राट औरंगज़ेब के निधन के साथ समाप्त हुआ, हालाँकि यह साम्राज्य और 150 साल तक चला। इस समय के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में एक उच्च केंद्रीकृत प्रशासन निर्मित किया गया था। मुग़लों के सभी महत्वपूर्ण स्मारक, उनके ज्यादातर दृश्य विरासत, इस अवधि के हैं। .

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मुंबई में मीडिया

हिन्दी चलचित्र उद्योग- बॉलीवुड बसा हुआ है। मुंबई में बहुत से समाचार-पत्र, प्रकाशन गृह, दूरदर्शन और रेडियो स्टेशन हैं। मराठी पत्रों में नवकाल, महाराष्ट्र टाइम्स, लोकसत्ता, लोकमत, सकाल आदि प्रमुख हैं। मुंबई में प्रमुख अंग्रेज़ी अखबारों में टाइम्स ऑफ इंडिया, मिड डे, हिण्दुस्तान टाइम्स, डेली न्यूज़ अनालिसिस एवं इंडियन एक्स्प्रेस आते हैं। अन्य भारतीय भाषाओं में भी समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं। मुंबई में ही एशिया का सबसे पुराना समाचार-पत्र बॉम्बे समाचार भी निकलता है। यह गुजराती में १८२२ से प्रकाशित हो रहा है। बॉम्बे दर्पण प्रथम मराठी समाचार-पत्र था, जिसे बालशास्त्री जाम्भेकर ने १८३२ में आरंभ किया था। यहां बहुत से भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय टीवी चैनल्स उपलब्ध हैं। यह महानगर बहुत से अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया निगमों और मुद्रकों एवं प्रकाशकों का केन्द्र भी है। राष्ट्रीय टेलीवीज़र प्रसारक दूरदर्शन, दो टेरेस्ट्रियल चैनल प्रसारित करता है, और तीन मुख्य केबल नेटवर्क अन्य सभी चैनल उपलब्ध कराते हैं। केबल चैनलों की विस्तृत सूची में ईएसपीएन, स्टार स्पोर्ट्स, ज़ी मराठी, ईटीवी मराटःई, डीडी सह्याद्री, मी मराठी, ज़ी टाकीज़, ज़ी टीवी, स्टार प्लस, सोनी टीवी और नये चैनल जैसे स्टार मांझा आइ कई मराठी व अन्य भाषाओं के चैनल शामिल हैं। मुंबई के लिए पूर्ण समर्पित चैनलों में सहारा समय मुंबई आदि चैनल हैं। इनके अलावा डी.टी.एच प्रणाली अपनी ऊंची लागत के कारण अभी अधिक परिमाण नहीं बना पायी है। प्रमुख डीटीएच सेवा प्रदाताओं में डिश टीवी, बिग टीवी, टाटा स्काई और सन टीवी हैं। मुंबई में बारह रेडियो चैनल हैं, जिनमें से नौ एफ़ एम एवं तीन ऑल इंडिया रेडियो के स्टेशन हैं जो ए एम प्रसारण करते हैं। मुंबई में कमर्शियल रेडियो प्रसारण प्रदाता भी उपलब्ध हैं, जिनमें वर्ल्ड स्पेस, सायरस तथा एक्स एम प्रमुख हैं। बॉलीवुड, हिन्दी चलचित्र उद्योग भी मुंबई में ही स्थित है। इस उद्योग में प्रतिवर्शः १५०-२०० फिल्में बनती हैं। बॉलीवुड का नाम अमरीकी चलचित्र उद्योग के शहर हॉलीवुड के आगे बंबई का ब लगा कर निकला हुआ है। २१वीं शताब्दी ने बॉलीवुड की सागरपार प्रसिद्धि के नये आयाम देखे हैं। इस कारण फिल्म निर्माण की गुणवत्ता, सिनेमैटोग्राफ़ी आदि में नयी ऊंचाइयां दिखायी दी हैं। गोरेगांव और फिल सिटी स्थित स्टूडियो में ही अधिकांश फिल्मों की शूटिंग होतीं हैं। मराठी चलचित्र उद्योग भी मुंबई में ही स्थित है। .

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मुंबई की जनसांख्यिकी

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मुंबई की अर्थ व्यवस्था

कफे परेड मुंबई का महत्वपूर्ण व्यवसायिक केन्द्र है, जहां विश्व व्यापार केन्द्र स्थित है, व अन्य कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान भी हैं। बंबई स्टॉक एक्स्चेंज एशिया का पुरातनतम स्टॉक एक्स्चेंज है मुंबई भारत की सबसे बड़ी नगरी है। यह देश की एक महत्वपूर्ण आर्थिक केन्द्र भी है, जो सभी फैक्ट्री रोजगारों का १०%, सभी आयकर संग्रह का ४०%, सभी सीमा शुल्क का ६०%, केन्द्रीय राजस्व का २०% व भारत के विदेश व्यापार एवं निगमित करों से योगदान देती है। मुंबई की पर कैपिटा आय है, जो राष्ट्रीय औसत आय की लगभग तीन गुणा है। भारत के कई बड़े उद्योग (भारतीय स्टेट बैंक, टाटा ग्रुप, गोदरेज एवं रिलायंस सहित) तथा चार फॉर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनियां भी मुंबई में स्थित हैं। कई विदेशी बैंक तथा संस्थानों की भी शाखाएं यहां के विश्व व्यापार केंद्र क्षेत्र में स्थित हैं। सन १९८० तक, मुंबई अपने कपड़ा उद्योग व पत्तन के कारण संपन्नता अर्जित करता था, किन्तु स्थानीय अर्थ-व्यवस्था तब से अब तक कई गुणा सुधर गई है, जिसमें अब अभियांत्रिकी, रत्न व्यवसाय, हैल्थ-केयर एवं सूचना प्रौद्योगिकी भी सम्मिलित हैं। मुंबई में ही भाभा आण्विक अनुसंधान केंद्र भी स्थित है। यहीं भारत के अधिकांश विशिष्ट तकनीकी उद्योग स्थित हैं, जिनके पास आधुनिक औद्योगिक आधार संरचना के साथ ही अपार मात्रा में कुशल मानव संसाधन भी हैं। आर्थिक कंपनियों के उभरते सितारे, ऐयरोस्पेस, ऑप्टिकल इंजीनियरिंग, सभी प्रकार के कम्प्यूटर एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जलपोत उद्योग तथा पुनर्नवीनीकृत ऊर्जा स्रोत तथा शक्ति-उद्योग यहां अपना अलग स्थान रखते हैं। नगर के कार्यक्षेत्र का एक बड़ा भाग केन्द्र एवं राज्य सरकारी कर्मचारी बनाते हैं। मुंबई में एक बड़ी मात्रा में कुशल तथा अकुशल व अर्ध-कुशल श्रमिकों की शक्ति है, जो प्राथमिकता से अपना जीवन यापन टैक्सी-चालक, फेरीवाले, यांत्रिक व अन्य ब्लू कॉलर कार्यों से करते हैं। पत्तन व जहाजरानी उद्योग भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से ढ़ेरों कर्मचारियों को रोजगार देता है। नगर के धारावी क्षेत्र में, यहां का कूड़ा पुनर्चक्रण उद्योग स्थापित है। इस जिले में अनुमानित १५,००० एक-कमरा फैक्ट्रियां हैं।, द गार्जिरन, 4 मार्च,2007 मीडिया उद्योग भी यहां का एक बड़ा नियोक्ता है। भारत के प्रधान दूरदर्शन व उपग्रह तंत्रजाल (नेटवर्क), व मुख्य प्रकाशन गृह यहीं से चलते हैं। हिन्दी चलचित्र उद्योग का केन्द्र भी यहीं स्थित है, जिससे प्रति वर्ष विश्व की सर्वाधिक फिल्में रिलीज़ होती हैं। बॉलीवुड शब्द बाँम्बे व हॉलीवुड को मिलाकर निर्मित है। मराठी दूरदर्शन एवं मराठी चलचित्र। मराठी फिल्म उद्योग भी मुंबई में ही स्थित है। शेष भारत की तरह, इसकी वाणिज्यिक राजधानी मुंबई ने भी १९९१ के सरकारी उदारीकरण नीति के चलते आर्थिक उछाल (सहसावृद्धि) को देखा है। इसके साथ ही १९९० के मध्य दशक में सूचना प्रौद्योगिकी, निर्यात, सेवाएं व बी पी ओ उद्योगों में भी उत्थान देखा है। मुंबई का मध्यम-वर्गीय नागरिक जहां इस उछाल से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है वहीं वो इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप उपभोक्ता उछाल का कर्ता भी है। इन लोगों की ऊपरावर्ती गतिशीलता ने उपभोक्तओं के जीवन स्तर व व्यय क्षमता को भी उछाला है। मुंबई को वित्तीय बहाव के आधार पर मास्टरकार्ड वर्ल्डवाइड के एक सर्वेक्षण में; विश्व के दस सर्वोच्च वाणिज्य केन्द्रों में से एक गिना गया है। .

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मुंबई उपनगरीय रेल

यह मुंबई की उपनगरीय रेलवे है। इसे मुंबई में लोकल ट्रेन भी कहा जाता है। मुंबई उपनगरीय रेल नेटवर्क (वेस्टर्न लाइन, सेंट्रल लाइन, हार्बर लाइन, ट्रांस हार्बर लाइन, मुंबई मेट्रो, मोनो रेल) ​​के सूचकांक के साथ पूरा मानचित्र मुंबई उपनगरीय रेलवे (मराठी: मुंबई उपनगरीय रेल्) प्रणाली, जो मुंबई में लोक परिवहन प्रणाली का भाग है, सरकारी भारतीय रेल की दो मण्डलीय भुजाओं, पश्चिम रेलवे व मध्य रेलवे द्वारा संचालित हैं। इस प्रणाली में, 6.1 मिलियन यात्रियों को प्रतिदिन यातायात उपलब्ध होता है। इस प्रकार, यह भारतीय रेल की दैनिक यात्री क्षमता का भार उठाती है। यह विश्व की सर्वाधिक यात्री घनत्व वाली उपनगरीय रेल सेवा है। इन मार्गों पर चलने वाली रेलगाड़ियों को स्थानीय लोगों द्वारा प्रायः लोकल कहा जाता है। भारतीय रेल एवं मुंबई उपनगरीय रेलवे, दोनों ही, अंग्रेज़ों द्वारा भारत में अप्रैल 1853 में बनवायी गयी प्रथम रेलवे के अंकुर की शाखाएं हैं। यह एशिया की प्राचीनतम रेलवे प्रणाली है। प्रथम रेल मुंबई से ठाणे तक 34 कि॰मी॰ की दूरी तक चली थी। बॉम्बे रेलवे इतिहास समूह इस लाइन को रेलवे धरोहर घोषित कराने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। .

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मुक्त व्यापार क्षेत्र

वर्तमान मुक्त व्यापार क्षेत्र ''एफ़टीए'' मुक्त व्यापार क्षेत्र (अंग्रेज़ी: फ्री ट्रेड एरिया; एफटीए) को परिवर्तित कर मुक्त व्यापार संधि का सृजन हुआ है। विश्व के दो राष्ट्रों के बीच व्यापार को और उदार बनाने के लिए मुक्त व्यापार संधि की जाती है। इसके तहत एक दूसरे के यहां से आयात-निर्यात होने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क, सब्सिडी, नियामक कानून, ड्यूटी, कोटा और कर को सरल बनाया जाता है। इस संधि से दो देशों में उत्पादन लागत बाकी के देशों की तुलना में काफ़ी सस्ती होती है। १६वीं शताब्दी में पहली बार इंग्लैंड और यूरोप के देशों के बीच मुक्त व्यापार संधि की आवश्यकता महसूस हुई थी। आज दुनिया भर के कई देश मुक्त व्यापार संधि कर रहे हैं। यह समझौता वैश्विक मुक्त बाजार के एकीकरण में मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है। इन समझौतों से वहां की सरकार को उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण में मदद मिलती है। सरल शब्दों में यह कारोबार पर सभी प्रतिबंधों को हटा देता है। इस समझौते के बहुत से लाभ हैं। हाल में भारत ने १० दक्षिण एशियाई देशों के समूह आसियान के साथ छह वर्षो की लंबी वार्ता के बाद बैंकॉक में मुक्त व्यापार समझौता किया है। इसके तहत अगले आठ वर्षों के लिए भारत और आसियान देशों के बीच होने वाली ८० प्रतिशत उत्पादों के व्यापार पर शुल्क समाप्त हो जाएगा। इससे पूर्व भी भारत के कई देशों और यूरोपियन संघ के साथ मुक्त व्यापार समजौते हो चुके हैं। यह समझौता गरीबी दूर करने, रोजगार पैदा करने और लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में काफी सहायक हो रहा है। मुक्त व्यापार संधि न सिर्फ व्यापार बल्कि दो देशों के बीच राजनैतिक संबंध के बीच कड़ी का काम भी करती है। कुल मिलाकर यह संधि व्यापार में आने वाली बाधाओं को दूर करने और दोतरफा व्यापार को सुचारू रूप से चलाने में सहायक सिद्ध होती है। इस दिशा में अमरीका-मध्य पूर्व एशिया में भी मुक्त क्षेत्र की स्थापना की गई है। सार्क देशों और शेष दक्षिण एशिया में भी साफ्टा मुक्त व्यापार समझौता १ जनवरी, २००६ से प्रभाव में है। इस समझौते के तहत अधिक विकसित देश- भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका अपनी उत्पाद शुल्क को घटाकर २०१३ तक ० से ५ प्रतिशत के बीच ले आएंगे। कम विकसित देश- बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और नेपाल को भी २०१८ तक ऐसा ही करना होगा। भारत और स्विट्ज़रलैंड के बीच भी प्रयास जारी हैं। .

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म्यान्मार

म्यांमार यो ब्रह्मदेश दक्षिण एशिया का एक देश है। इसका आधुनिक बर्मी नाम 'मयन्मा' (မြန်မာ .

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मैनहटन

न्यू जर्सी के हैमिल्टन पार्क से मैनहटन. मैनहटन न्यूयॉर्क शहर के नगरों में से एक है। हडसन नदी के मुंहाने पर मुख्य रूप से मैनहटन द्वीप पर स्थित, इस नगर की सीमाएं न्यूयॉर्क राज्य के न्यूयॉर्क प्रान्त नामक एक मूल प्रान्त की सीमाओं के समान हैं। इसमें मैनहटन द्वीप और कई छोटे-छोटे समीपवर्ती द्वीप: रूज़वेल्ट द्वीप, रंडाल्स द्वीप, वार्ड्स द्वीप, गवर्नर्स द्वीप, लिबर्टी द्वीप, एलिस द्वीप, 523 यू.एस.

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मैराथन

बर्लिन मैराथन २००७ के प्रतियोगी लंदन मैराथन १९९० के प्रतियोगी मैराथन लंबी दूरी की दौड़ प्रतियोगिता है जिसकी आधिकारिक दूरी 42.195 किलोमीटर (26 मील और 385 गज) है, यह आमतौर पर सड़क दौड़ के तौर पर दौड़ी जाती है। यह दौड़ यूनानी सैनिक फ़िडिप्पिडिस की एक हरकारे के तौर पर मैराथन के युद्ध(इसी से दौड़ का नाम पड़ा) से एथेंस तक की दौड़ की याद में स्थापित की गई थी। इस किंवदंती की सच्चाई में शक है, हेरोडोटस के वृत्तांत में खास तौर पर विरोधाभास मिलता है। 1896 के ओलंपिक खेल में मैराथन एक नायाब दौड़ थी, हालाँकि दूरी का मानकीकरण 1921 तक ही हो पाया। पूरी दुनिया में हर साल 500 मैराथन आयोजित होते हैं, इनमें अधिकांश धावक शौकिया होते हैं। बड़े मैराथनों में दसियों हज़ारों धावक भी हो सकते हैं।http://www.marathon-world.com/index.php .

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मैस्टोडॉन

न्यू योर्क नगर के एक संग्राहलय में एक मैस्टोडॉन का अस्थिपंजर अमेरिकी मैस्टोडॉन का मनुष्य के साथ तुलनात्मक चित्रण मैस्टोडॉन (अंग्रेज़ी: mastodon) एक विशाल दांतों वाला हाथी-नुमा स्तनधारी जीव था जो लगभग ११,००० वर्ष पूर्व विलुप्त हो गया।, Charles Richard Harington, Canadian Museum of Nature, University of Toronto Press, 2003, ISBN 978-0-8020-4817-2,...

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मैसूर मल्लिगे

यह लेख फूल मल्लिगे के बारे में है। इस फूल के नाम पर लिखी गई के.

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मेरठ

मेरठ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक शहर है। यहाँ नगर निगम कार्यरत है। यह प्राचीन नगर दिल्ली से ७२ कि॰मी॰ (४४ मील) उत्तर पूर्व में स्थित है। मेरठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (ऍन.सी.आर) का हिस्सा है। यहाँ भारतीय सेना की एक छावनी भी है। यह उत्तर प्रदेश के सबसे तेजी से विकसित और शिक्षित होते जिलों में से एक है। मेरठ जिले में 12 ब्लॉक,34 जिला पंचायत सदस्य,80 नगर निगम पार्षद है। मेरठ जिले में 4 लोक सभा क्षेत्र सम्मिलित हैं, सरधना विधानसभा, मुजफ्फरनगर लोकसभा में हस्तिनापुर विधानसभा, बिजनौर लोकसभा में,सिवाल खास बागपत लोकसभा क्षेत्र में और मेरठ कैंट,मेरठ दक्षिण,मेरठ शहर,किठौर मेरठ लोकसभा क्षेत्र में है .

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मोटर वाहन उद्योग

कार की असेम्बली लाइन विश्व में मोटर वाहनों का उत्पादन जो १९०० में ९५०० था वह २०१५ में १० करोड़ हो गया। मोटर वाहन उद्योग मोटर वाहनों की डिज़ाइन, विकास, विनिर्माण, विपणन और विक्रय करता है। 2008 के दौरान, विश्व भर में 70 मिलियन से भी ज़्यादा मोटर वाहनों का निर्माण किया गया, जिनमें कार और वाणिज्यिक वाहन भी शामिल हैं। 2007 में, कुल 79.9 मिलियन नए वाहन दुनिया भर में बेचे गए: यूरोप में 22.9 मिलियन, एशिया-पैसेफ़िक क्षेत्र में 21.4 मिलियन, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में 1.94 मिलियन, लातिन अमेरिका, में 4.4 मिलियन, मध्य पूर्व में 2.4 मिलियन और अफ़्रीका में 1.4 मिलियन.

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मोर

मोर अथवा मयूर एक पक्षी है जिसका मूलस्थान दक्षिणी और दक्षिणपूर्वी एशिया में है। ये ज़्यादातर खुले वनों में वन्यपक्षी की तरह रहते हैं। नीला मोर भारत और श्रीलंका का राष्ट्रीय पक्षी है। नर की एक ख़ूबसूरत और रंग-बिरंगी फरों से बनी पूँछ होती है, जिसे वो खोलकर प्रणय निवेदन के लिए नाचता है, विशेष रूप से बसन्त और बारिश के मौसम में। मोर की मादा मोरनी कहलाती है। जावाई मोर हरे रंग का होता है। .

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मोहन बागान ए. सी.

मोहन बागान एथलेटिक क्लब (মোহন বাগান এ. সি.), कोलकाता में स्थित एक भारतीय फुटबॉल क्लब है। यह क्लब 15 अगस्त 1889 को स्थापित किया गया था, इसे भारत का राष्ट्रीय क्लब कहा जाता है और इसे एशिया के सबसे पुराने फुटबॉल क्लब होने का गौरव भी प्राप्त है। यह फुटबॉल टीम अपनी स्थापना के बाद से ही सफल रहा है और इसने भारत के सबसे सफल क्लबों में से एक के रूप में अपनी स्थिति को बनाए रखा है। इसने राष्ट्रीय महत्व की कई ट्राफियां जीती है जैसे- फेडरेशन कप, डूरंड कप, नेशनल फुटबॉल लीग और कोलकाता प्रीमियर डिवीजन। मोहन बागान किसी यूरोपीय टीम को हराने वाली पहली भारतीय टीम थी, जब उन्होने १९११ में ईस्ट यॉर्कशायर रेजीमेंट को हराया था। मोहन बागान की पड़ोसी ईस्ट बंगाल के साथ एक लंबे समय से प्रतिद्वंद्विता रही है, जिनके साथ यह कोलकाता डर्बी प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। .

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यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय

डॉ यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित एक विश्वविद्यालय है। एशिया में यह अपने तरह का पहला विश्वविद्यालय है जिसमें औद्यानिकी तथा वानिकी की शिक्षा, अनुसंधान एवं विस्तार (एक्सटेंशन) होता है। .

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यहूदी

यहूदी जाति 'यहूदी' का मौलिक अर्थ है- येरूशलेम के आसपास के 'यूदा' नामक प्रदेशें का निवासी। यह प्रदेश याकूब के पुत्र यूदा के वंश को मिला था। बाइबिल में 'यहूदी' के निम्नलिखित अर्थ मिलते हैं- याकूब का पुत्र यहूदा, उनका वंश, उनकर प्रदेश, कई अन्य व्यक्तियों के नाम। यूदा प्रदेश (Kingdom of Juda) के निवासी प्राचीन इजरायल के मुख्य ऐतिहासिक प्रतिनिधि बन गए थे, इस कारण समस्त इजरायली जाति के लिये यहूदी शब्द का प्रयोग होने लगा। इस जाति का मूल पुरूष अब्राहम थे, अत: वे 'इब्रानी' भी कहलाते हैं। याकूब का दूसरा नाम था इजरायल, इस कारण 'इब्रानी' और 'यहूदी' के अतिरक्ति उन्हें 'इजरायली' भी कहा जाता है। यहूदी धर्म को मानने वालों को यहूदी (en:Jew) कहा जाता है। यहूदियों का निवास स्थान पारंपरिक रूप से पश्चिम एशिया में आज के इसरायल को माना जाता है जिसका जन्म १९४७ के बाद हुआ। मध्यकाल में ये यूरोप के कई क्षेत्रों में रहने लगे जहाँ से उन्हें उन्नीसवीं सदी में निर्वासन झेलना पड़ा और धीरे-धीरे विस्थापित होकर वे आज मुख्यतः इसरायल तथा अमेरिका में रहते हैं। इसरायल को छोड़कर सभी देशों में वे एक अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में रहते हैं। इन्का मुख्य काम व्यापार है। यहूदी धर्म को इसाई और इस्लाम धर्म का पूर्ववर्ती कहा जा सकता है। इन तीनों धर्मों को संयुक्त रूप से 'इब्राहिमी धर्म' भी कहते हैं। अल्लाह ने यहूदियों के बारे में पवित्र कुरान में कहा "ऐ बनी इसराइल मेरी उन नेअमतों को याद करो जो मैंने पहले तुम्हें दी और ये (भी तो सोचो) कि हमने तुमको सारे जहाँन के लोगों से बढ़ा दिया" (Sura 2-47) "और अपनी क़ौम से उन लोगों की हालत तो तुम बखू़बी जानते हो जो शम्बे (सनीचर) के दिन अपनी हद से गुज़र गए (कि बावजूद मुमानिअत शिकार खेलने निकले) तो हमने उन से कहा कि तुम राइन्दे गए बन्दर बन जाओ (और वह बन्दर हो गए)" (Sura2-65) "फिर तुममें से थोड़े आदमियों के सिवा (सब के सब) फिर गए और तुम लोग हो ही इक़रार से मुँह फेरने वाले.और (वह वक़्त याद करो) जब हमने तुम (तुम्हारे बुजुर्गों) से अहद लिया था कि आपस में खू़रेजि़याँ न करना और न अपने लोगों को शहर बदर करना तो तुम (तुम्हारे बुजुर्गों) ने इक़रार किया था और तुम भी उसकी गवाही देते हो .(कि हाँ ऐसा हुआ था) फिर वही लोग तो तुम हो कि आपस में एक दूसरे को क़त्ल करते हो और अपनों से एक जत्थे के नाहक़ और ज़बरदस्ती हिमायती बनकर दूसरे को शहर बदर करते हो (और लुत्फ़ तो ये हैं कि) अगर वही लोग क़ैदी बनकर तम्हारे पास (मदद माँगने) आए तो उनको तावान देकर छुड़ा लेते हो हालाँकि उनका निकालना ही तुम पर हराम किया गया था तो फिर क्या तुम (किताबे खु़दा की) बाज़ बातों पर ईमान रखते हो और बाज़ से इन्कार करते हो बस तुम में से जो लोग ऐसा करें उनकी सज़ा इसके सिवा और कुछ नहीं कि जि़न्दगी भर की रूसवाई हो और (आखि़रकार) क़यामत के दिन सख़्त अज़ाब की तरफ लौटा दिये जाए और जो कुछ तुम लोग करते हो खु़दा उससे ग़ाफि़ल नहीं है" (Sura 2-83,84,85) "और तुम्हारे पास मूसा तो वाज़ेए व रौशन मौजिज़े लेकर आ ही चुके थे फिर भी तुमने उनके बाद बछड़े को खु़दा बना ही लिया और उससे तुम अपने ही ऊपर ज़ुल्म करने वाले थे"(Sura2-92) "बनी इसराईल मेरी उन नेअमतों को याद करो जो मैंनं तुम को दी हैं और ये कि मैंने तुमको सारे जहाँन पर फज़ीलत दी " (Sura 2-122) "बेशक हम ने तौरेत नाजि़ल की जिसमें (लोगों की) हिदायत और नूर (ईमान) है उसी के मुताबिक़ ख़ुदा के फ़रमाबरदार बन्दे (अम्बियाए बनी इसराईल) यहूदियों को हुक्म देते रहे और अल्लाह वाले और उलेमाए (यहूद) भी किताबे ख़ुदा से (हुक्म देते थे) जिसके वह मुहाफि़ज़ बनाए गए थे और वह उसके गवाह भी थे बस (ऐ मुसलमानों) तुम लोगों से (ज़रा भी) न डरो (बल्कि) मुझ ही से डरो और मेरी आयतों के बदले में (दुनिया की दौलत जो दर हक़ीक़त बहुत थोड़ी क़ीमत है) न लो और (समझ लो कि) जो ख़्स ख़ुदा की नाजि़ल की हुयी (किताब) के मुताबिक़ हुक्म न दे तो ऐसे ही लोग काफि़र हैं" (Sura 5-44) "(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं तुम्हें ख़ुदा के नज़दीक सज़ा में इससे कहीं बदतर ऐब बता दॅू (अच्छा लो सुनो) जिसपर ख़ुदा ने लानत की हो और उस पर ग़ज़ब ढाया हो और उनमें से किसी को (मसख़ करके) बन्दर और (किसी को) सूअर बना दिया हो और (ख़ुदा को छोड़कर) शैतान की परस्तिश की हो बस ये लोग दरजे में कहीं बदतर और राहे रास्त से भटक के सबसे ज़्यादा दूर जा पहँचे हैं " (Sura 5-60) "यहूद तो कहते हैं कि अज़ीज़ ख़़ुदा के बेटे हैं और नुसैरा कहते हैं कि मसीहा (ईसा) ख़़ुदा के बेटे हैं ये तो उनकी बात है और (वह ख़ुद) उन्हीं के मुँह से ये लोग भी उन्हीं काफि़रों की सी बातें बनाने लगे जो उनसे पहले गुज़र चुके हैं ख़़ुद उनको क़त्ल (तहस नहस) करके (देखो तो) कहाँ से कहाँ भटके जा रहे हैं" (Sura 9-30) "ऐ बनी इसराइल हमने तुमको तुम्हारे दुश्मन (के पंजे) से छुड़ाया और तुम से (कोहेतूर) के दाहिने तरफ का वायदा किया और हम ही ने तुम पर मन व सलवा नाजि़ल किया.और (फ़रमाया) कि हमने जो पाक व पाक़ीज़ा रोज़ी तुम्हें दे रखी है उसमें से खाओ (पियो) और उसमें (किसी कि़स्म की) शरारत न करो वरना तुम पर मेरा अज़ाब नाजि़ल हो जाएगा और (याद रखो कि) जिस पर मेरा ग़ज़ब नाजि़ल हुआ तो वह यक़ीनन गुमराह (हलाक) हुआ " (Sura 20-80,81) "और हमने बनी इसराईल को किताब (तौरेत) और हुकूमत और नबूवत अता की और उन्हें उम्दा उम्दा चीज़ें खाने को दीं और उनको सारे जहाँन पर फ़ज़ीलत दी.और उनको दीन की खुली हुई दलीलें इनायत की तो उन लोगों ने इल्म आ चुकने के बाद बस आपस की जि़द में एक दूसरे से एख़्तेलाफ़ किया कि ये लोग जिन बातों से एख़्तेलाफ़ कर रहें हैं क़यामत के दिन तुम्हारा परवरदिगार उनमें फैसला कर देगा" (Sura 45-16,17) .

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यांबू

यांबू शहर 'याँबू अल बहर (अरबी: ينبع "समुद्र किनारे का सोता"), पश्चिमी सउदी अरब के प्रान्त अल मदीना का एक प्रमुख शहर और बंदरगाह है। यह लाल सागर के तट पर बसा है और जेद्दाह से लगभग 350 किमी उत्तर मे पर स्थित है। (2004 की जनगणना के अनुसार शहर की जनसंख्या 188,430 है जिनमे एक बड़ी संख्या में विदेशी जिनमे से ज्यादातर एशिया के हैं, बसे हैं, निवासियों की एक बड़ी आबादी मध्य पूर्व और यूरोप के लोगों की भी है। .

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यूनाइटेड एयरलाइंस

कोई विवरण नहीं।

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यूनाइटेड किंगडम

वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .

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यूमलपेम प्रेमी देवी

यूमलपेम प्रेमिका देवी भारतीय महिला फुटबॉल खिलाड़ी हैं जो मिडफील्डर के रूप में खेलती हैं। वह भारत की महिला फुटबॉल टीम की सदस्य है। वह एशियाई खेलों 2014 में टीम का हिस्सा थी। वह पेशेवर रूप से भारतीय महिला लीग टीम पूर्वी स्पोर्टिंग संघ के लिए खेलती हैं। .

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यूराल पर्वत

यूराल पर्वतशृंखला कोल्तसेदान गाँव (कामेन्स्क-यूराल्स्की के पूरब में; १९१२ में) यूराल (The Ural Mountains; रूसी Ура́льские го́ры, .

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यूराली भाषा-परिवार

विभिन्न यूराली भाषाओँ का विस्तार यूराली भाषाएँ (अंग्रेज़ी: Uralic languages) लगभग ३५ भाषाओँ का एक भाषा-परिवार है जिनकी मूल भाषा यूरोप और एशिया की सरहद पर स्थित यूराल पहाड़ों के क्षेत्र में जन्मी मानी जाती है। दुनिया भर में लगभग २.५ करोड़ लोग यूराली भाषाएँ बोलते हैं और इस भाषा परिवार की मुख्य भाषाएँ हंगेरियाई, फ़िनिश, एस्टोनियाई, सामी भाषाएँ, मरी और उदमुर्ति हैं। इस भाषा परिवार की दो मुख्य शाखाएँ हैं: सामोयेदी भाषाएँ (जो यूराल पहाड़ों के इर्द-गिर्द बोली जाती हैं) और फ़िनो-उग्री भाषाएँ (जिमें फ़िनिश और हंगेरियाई शामिल हैं)। कभी-कभी पूरे यूराली भाषा परिवार को भी 'फ़िनो-उग्री परिवार' बुला दिया जाता है।, Angela Marcantonio, Wiley-Blackwell, 2002, ISBN 978-0-631-23170-7 .

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यूरेशिया

यूरेशिया (en:Eurasia) एक भौगोलिक भूखंड है जो यूरोप और एशिया महाद्वीप को मिलाकर नामित है। यूरेशिया मुख्यतः उत्तरी तथा पूर्वी गोलार्ध में स्थित है। इसके पश्चिम में अटलांटिक महासागर, पूरब में प्रशान्त महासागर, उत्तर में और दक्षीन में अफ्रीका महाद्वीप, भूमध्य सागर तथा हिन्द महासागर स्थित हैं। यूरोप और एशिया को दो अलग-अलग महाद्वीप कहना एक ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विभाजन है जबकि दोनों के बीच में कोई स्पष्ट भौतिक विभाजक है ही नहीं। इसी कारण विश्व के कुछ देशों में यूरेशिया को ही पाँच या छः महाद्वीपों में सबसे बड़ा माना जाता है। .

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यूरेशियाई प्लेट

यूरेशियाई प्लेट, हरे रंग में यूरेशियाई प्लेट एक भौगोलिक प्लेट है जिसपर यूरेशिया (जिसमें यूरोप और एशिया के महाद्वीप आते हैं) का ज़्यादातर भूभाग और उसके इर्द-गिर्द के समुद्र का कुछ क्षेत्र स्थित है। इसके पश्चिम में उत्तर अमेरिकी प्लेट, दक्षिण-पश्चिम में अफ़्रीकी प्लेट, दक्षिण में अरबी प्लेट और हिन्द-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट और पूर्व में फिर उत्तर अमेरिकी प्लेट है। .

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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येनिसेय नदी

येनिसेय नदी का जलसम्भर, समेत बायकल झील के येनिसेय नदी (रूसी: Енисе́й, अंग्रेज़ी: Yenisei) उत्तरी एशिया के साइबेरिया क्षेत्र की एक महान नदी है जो आर्कटिक महासागर में विलय होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा नदी-मंडल है। यह नदी मंगोलिया के सायन पर्वतों से शुरू होकर रूस में दाख़िल होती है और फिर उत्तर की तरफ़ हज़ारों किलोमीटर बहकर आर्कटिक महासागर के कारा सागर में बह जाती है। कुल मिलाकर यह ५,५३९ किमी लम्बी है। इसकी औसत गहराई १४ मीटर (४५ फ़ुट) है और सबसे ज़्यादा गहराई २४ मीटर (८० फ़ुट) है। कुल मिलाकर येनिसेय नदी के जलसम्भर का क्षेत्रफल २५,८०,००० वर्ग किमी है। अपने कुल पानी के बहाव के हिसाब से यह नदी विश्व की छठी सब से बड़ी नदी है।, Trevor Day, Richard Garratt, Infobase Publishing, 2006, ISBN 978-0-8160-5328-5,...

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रबड़

रबर के वृछ का चित्रांकन रबड़ के वृक्ष भूमध्य रेखीय सदाबहार वनों में पाए जाते हैं, इसके दूध, जिसे लेटेक्स कहते हैं से रबड़ तैयार किया जाता हैं। सबसे पहले यह अमेजन बेसिन में जंगली रूप में उगता था, वहीं से यह इंगलैण्ड निवासियों द्वारा दक्षिणी-पूर्वी एशिया में ले जाया गया। पहले इसका प्रयोग पेन्सिल के निशान मिटाने के लिये किया जाता था। आज यह विश्व की महत्वपूर्ण व्यावसायिक फसलों में से है। इसका प्रयोग मोटर के ट्यूब, टायर, वाटर प्रूफ कपड़े, जूते तथा विभिन्न प्रकार के दैनिक उपयोग की वस्तुओं में होता है। थाईलैंड, इण्डोनेशिया, मलेशिया, भारत, चीन तथा श्रीलंका प्रमुख उत्पादक देश है। भारत का विश्व उत्पादन में चौथा स्थान है परन्तु घरेलु खपत अधिक होने के कारण यह रबर का आयात करता है। रबर का आदिमस्थान अमरीका है। अमरीका की एक आदि जाति 'माया' थी, जिसमें रबर के गेंद प्रचलित थे। कोलंबस ने सन्‌ 1493 ई. में वहाँ के आदिवासियों को रबर के बने गेदों से खेलते देखा था। ऐसा मालूम होता है कि दक्षिण पूर्व एशिया के आदिवासी भी रबर से परिचित थे और उससे टोकरियाँ, घड़े और इसी प्रकार की व्यवहार की अन्य चीजें तैयार करते थे। धीरे-धीरे रबर का प्रचार सारे संसार में हो गया और आज रबर आधुनिक सभ्यता का एक महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है। रबर के बने सामानों की संख्या और उपयोगिता आज इतनी बढ़ गई है कि उसके अभाव में काम चलाना असंभव समझा जाता है। रबर का उपयोग शांति और युद्धकाल में, घरेलू और औद्योगिक कार्मों में समान रूप से होता है। संसार के समस्त रबर के उत्पादन का प्राय: 78 प्रतिशत गाड़ियों के टायरों और ट्यूबों के बनाने में तथा शेष जूतों के तले और एड़ियाँ, बिजली के तार, खिलौने, बरसाती कपड़े, चादरें, खेल के सामान, बोतलों और बरफ के थैलों, सरजरी के सामान इत्यादि, हजारों चीजों के बनाने में लगता है। अब तो रबर की सड़के भी बनने लगी हैं, जो पर्याप्त टिकाऊ सिद्ध हुई है। रबर का व्यवसाय आज दिनोंदिन बढ़ रहा है। .

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रबीन्द्रनाथ ठाकुर

रवीन्द्रनाथ ठाकुर (बंगाली: রবীন্দ্রনাথ ঠাকুর रोबिन्द्रोनाथ ठाकुर) (७ मई, १८६१ – ७ अगस्त, १९४१) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बाँग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं। .

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रमादा एशिया-प्रशांत

रमादा एशिया-प्रशांत, रमादा अंतरराष्ट्रीय होटल श्रृंखला की क्षेत्रीय शाखा है जो विंडहम होटल समूह द्वारा संचालित होता हैं। विंडहम होटल समूह विश्व भर में संपत्ति प्रबंधन सेवाएं प्रदान करता है। रमादा एशिया प्रशांत नेटवर्क समूह की शुरुआत, गुआंगज़ौ, चीन में वर्ष 1991 एक होटल के साथ शुरू हुआ जिसका नाम रमादा पर्ल गुआंगज़ौ था। तब से यह समूह 12 देशों में 79 होटल खोल चूका हैं। अगले कुछ वर्षों के भीतर एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए इसने कई होटल खोलने की योजना बनाई है। .

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रामकृष्ण पुरम

यह दक्षिण दिल्ली की एक वृहत आवासीय कालोनी है। कभी यह एशिया की सबसे बङी कालोनी में गिनती होती थी। यहाँ तेरह सैक्टर हैं। श्रेणी:दिल्ली के आवासीय क्षेत्र श्रेणी:दिल्ली के सड़क मार्ग.

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राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (नेशनल बुक ट्रस्ट) भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन स्वायत्तशासी संगठन (प्रकाशन समूह) है। इसकी स्थापना 1957 में हुई थी। इसके कार्य हैं - (1) प्रकाशन (२) पुस्तक पठन को प्रोत्साहन (3) विदेशों में भारतीय पुस्तकों को प्रोत्साहन (4) लेखकों और प्रकाशकों को सहायता (5) बाल साहित्य को बढ़ावा देना यह विभिन्न श्रेणियों के अर्न्तगत हिंदी, अंग्रेजी तथा अन्य प्रमुख भारतीय भाषाओँ एवं ब्रेल लिपि में पुस्तकें प्रकाशित करता है। यह हर दूसरे वर्ष नई दिल्ली में 'विश्व पुस्तक मेले' का आयोजन करता है, जो एशिया और अफ्रीका का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है। यह प्रतिवर्ष 14 से 20 नवम्बर तक 'राष्ट्रीय पुस्तक सप्ताह' भी मनाता है। .

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राष्ट्रीय मानसिक जाँच एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान

राष्ट्रीय मानसिक जाँच एवं स्नायु विज्ञान संस्थान(अंग्रेज़ी:नेशनल इंस्टिटयूट ऑफ मेण्टल हेल्थ एण्ड न्यूरो साइंसेस) बंगलुरु स्थित एशिया के सम्मानित मानसिक संस्थानों में से एक है। नेशनल मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो (निमहांस), मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका तंत्र के क्षेत्र में एक बहुकषेत्रीय संस्थान है। दिनांक २७ दिसंबर, १९७४ को पूर्व मानसिक अस्पताल और अखिल भारतीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के एकीकरण का परिणाम यह संसथान था। १४ नवंबर, १९९४ को संस्थान को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की धारा-३ १९५६ के तहत, मानित विश्वविद्यालय का स्तर प्राप्त हुआ था। .

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राष्ट्रीय राजधानियों की सूची

राष्ट्रीय राजधानियों की सूची में विश्व के सभी देशों और उनकी राजधानियों के नाम, महाद्वीप और जनसंख्या के साथ दिए गए हैं जिन्हें क्रमबद्ध किया जा सकता है। .

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राजस्थान की झीलें

प्राचीन काल से ही राजस्थान में अनेक प्राकृतिक झीलें विद्यमान है। मध्य काल तथा आधुनिक काल में रियासतों के राजाओं ने भी अनेक झीलों का निर्माण करवाया। राजस्थान में मीठे और खारे पानी की झीलें हैं जिनमें सर्वाधिक झीलें मीठे पानी की है। .

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राजस्थान की रूपरेखा

यह रूपरेखा राजस्थान के बारे में एक सामयिक पथप्रदर्शक है। राजस्थान – क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत गणराज्य का सबसे बड़ा राज्य है। यह भारत के उत्तर-पश्चिम इलाके में स्थित है। इसमें थार रेगिस्तान नामक बहुत विशाल बंजर भूभाग शामिल है जिसे ग्रेट (great) भारतीय रेगिस्तान भी कहा जाता है जो पश्चिम में पाकिस्तान की सीमा तक सतलुज-सिंधु नदी घाटी तक फैला हुआ है। राजस्थान की सीमाएँ दक्षिण-पश्चिम में गुजरात उत्तर-पूर्व में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश तथा उत्तर में पंजाब से लगती हैं। राजस्थान, भारत के 10.4% भूभाग में फैला हुआ है जिसका कुल क्षेत्रफल 342,239 वर्ग किलोमीटर है। .

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रागी

रागी या मड़ुआ अफ्रीका और एशिया के सूखे क्षेत्रों में उगाया जाने वाला एक मोटा अन्न है। यह एक वर्ष में पक कर तैयार हो जाता है। यह मूल रूप से इथियोपिया के उच्च इलाकों का पौधा है जिसे भारत में कोई चार हजार साल पहले लाया गया। ऊँचे इलाकों में अनुकूलित होने में यह काफी समर्थ है। हिमालय में यह २,३०० मीटर की ऊंचाई तक उगाया जाता है। .

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रिचर्ड ली

रिचर्ड ली हांगकांग के एक व्यवसायी हैं। फ़ोर्ब्स की सूची के अनुसार वे वर्ष २०१६ में विश्व के सबसे धनी लोगों की सूची में १५वें स्थान पर थे। उन्हें एशिया के प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। .

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रज़ा पुस्तकालय

रज़ा पुस्तकालय; Raza Library: (उर्दू: रामपुर रज़ा किताबा खाना) रामपुर, उत्तर प्रदेश में स्थित भारतीय-इस्लामी सांस्कृतिक विरासत का एक भंडार है और इसमें स्थापित ज्ञान का एक खजाना घर है। पिछले दशकों के 18 वीं सदी, और रामपुर के लगातार नवाबों द्वारा निर्मित वस्तुओं का संग्रह है जो अब भारत सरकार के नियंत्रण में है। इसमें पांडुलिपियों, ऐतिहासिक दस्तावेजों, इस्लामी सुलेख के नमूने, लघु चित्र, खगोलीय उपकरण और अरबी और फारसी भाषा में दुर्लभ सचित्र कार्यो का बहुत दुर्लभ और मूल्यवान संग्रह है। रामपुर की रज़ा पुस्तकालय में संस्कृत, हिंदी, उर्दू, पश्तो अन्य महत्वपूर्ण पुस्तकें दस्तावेजों के अलावा इस्लामी धर्म ग्रंथ कुरान ए पाक के पहले अनुवाद की मूल पांडुलिपि है, तमिल और तुर्की में मुद्रित भी हैं, और लगभग 30,000 मुद्रित किताबें पत्रिकाओं) अनेक भाषाओं में उपस्थित हैं। .

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रघु वीर

आचार्य रघुवीर (३०, दिसम्बर १९०२ - १४ मई १९६३) महान भाषाविद, प्रख्यात विद्वान्‌, राजनीतिक नेता तथा भारतीय धरोहर के मनीषी थे। आप महान्‌ कोशकार, शब्दशास्त्री तथा भारतीय संस्कृति के उन्नायक थे। एक ओर आपने कोशों की रचना कर राष्ट्रभाषा हिंदी का शब्दभण्डार संपन्न किया, तो दूसरी ओर विश्व में विशेषतः एशिया में फैली हुई भारतीय संस्कृति की खोज कर उसका संग्रह एवं संरक्षण किया। राजनीतिक नेता के रूप में आपकी दूरदर्शिता, निर्भीकता और स्पष्टवादिता कभी विस्मृत नहीं की जा सकती। वे भारतीय संविधान सभा के सदस्य थे। दो बार (१९५२ व १९५८) राज्य सभा के लिये चुने गये। नेहरू की आत्मघाती चीन-नीति से खिन्न होकर जन संघ के साथ चले गये। भारतीय संस्कृति को जगत्गुरू के पद पर आसीन करने के लिये उन्होने विश्व के अनेक देशों का भ्रमण किया तथा अनेक प्राचीन ग्रन्थों को एकत्रित किया। उन्होने ४ लाख शब्दों वाला अंग्रेजी-हिन्दी तकनीकी शब्दकोश के निर्माण का महान कार्य भी किया। भारतीय साहित्य, संस्कृति और राजनीति के क्षेत्र में आपकी देन विशिष्ट एवं उल्लेखनीय है। भारत के आर्थिक विकास के संबंध में भी आपने पुस्तकें लिखी हैं और उनमें यह मत प्रतिपादित किया है कि वस्तु को केंद्र मानकर कार्य आरंभ किया जाना चाहिए। .

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रक्त समूह

रक्त प्रकार (या रक्त समूह) भाग में, निर्धारित होता है, ABO रक्त समूह प्रतिजानो से जो लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद होता है। रक्त समूह या रक्त प्रकार, रक्त का एक वर्गीकरण है जो रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर पर पाये जाने वाले पदार्थ मे वंशानुगत प्रतिजन की उपस्थिति या अनुपस्थिति पर आधारित होता है। रक्त प्रणाली के अनुसार यह प्रतिजन प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, ग्लाइकोप्रोटीन, या ग्लाइकोलिपिड हो सकते हैं और इनमे से कुछ प्रतिजन अन्य प्रकारों जैसे कि ऊतकों और कोशिकाओं की सतह पर भी उपस्थित हो सकते हैं। अनेक लाल रक्त कोशिका सतह प्रतिजन, जो कि एक ही एलील या बहुत नजदीकी रूप से जुड़े जीन से उत्पन्न हुए हैं, सामूहिक रूप से रक्त समूह प्रणाली की रचना करते हैं। रक्त प्रकार वंशानुगत रूप से प्राप्त होते हैं और माता व पिता दोनों के योगदान का प्रतिनिधित्व करते हैं। अंतरराष्ट्रीय रक्ताधान संस्था(ISBT).

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रूसी भाषा

विश्व में रूसी भाषा का प्रसार रूसी भाषा (русский язык,रूस्किय् यज़ीक्) - पूर्वी स्लाविक भाषाओं में सर्वाधिक प्रचलित भाषा है। रूसी यूरोप की एक प्रमुख भाषा तो है ही, विश्व की प्रमुख भाषाओं में भी इस का विशेष स्थान है, हालाँकि भौगोलिक दृष्टि से रूसी बोलने वालों की अधिकतर संख्या यूरोप की बजाय एशिया में निवास करती है। रूसी भाषा रूसी संघ की आधिकारिक भाषा है। इसके अतिरिक्त बेलारूस, कज़ाकिस्तान, क़िर्गिस्तान, उक्राइनी स्वायत्त जनतंत्र क्रीमिया, जॉर्जियाई अस्वीकृत जनतंत्र अब्ख़ाज़िया और दक्षिणी ओसेतिया, मल्दावियाई अस्वीकृत जनतंत्र ट्रांसनीस्ट्रिया (नीस्टर का क्षेत्र) और स्वायत्त जनतंत्र गगऊज़िया नामक देशों और जनतंत्रों में रूसी भाषा सहायक आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार की गई है। रूसी भूतपूर्व सोवियत संघ के सभी १५ सोवियत समाजवादी जनतंत्रों की राजकीय भाषा थी। सन् 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद भी इन सभी आधुनिक स्वतंत्र देशों में अपनी-अपनी राष्ट्रीय भाषाओं के साथ-साथ परस्पर आपसी व्यवहार के लिए सम्पर्क भाषा के रूप में रूसी भाषा का प्रयोग किया जाता है। इन १५ देशों में रहने वाले निवासियों में से भी अधिकांश की मातृभाषा रूसी ही है। विश्व के विभिन्न देशों में (इसराइल, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमरीका, कनाडा, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया इत्यादि) जहाँ कहीं भी भूतपूर्व सोवियत संघ या रूस के प्रवासी बसे हुए हैं, वहाँ कई जगहों पर रूसी पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं, रूसी भाषा में रेडियो और दूरदर्शन काम करते हैं तथा स्कूलों में रूसी सिखाई जाती है। कुछ वर्ष पहले तक पूर्वी यूरोपियाई देशों के स्कूलों में रूसी भाषा विदेशी भाषा के रूप में पढ़ाई जाती थी। कुल मिला कर विश्व में रूसी भाषा बोलने वालों की संख्या ३०-३५ करोड़ है, जिस में से 16 करोड़ लोग इसे अपनी मातृभाषा मानते हैं। इसके आधार पर रूसी संसार की भाषाओं में पाँचवे स्थान पर है और वह संयुक्त राष्ट्र (UN) की ५ आधिकारिक भाषाओं में से एक है। .

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रूसी साम्राज्य

सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य (हरे रंग में) रूसी साम्राज्य (रूसी: Российская Империя, रोसिस्काया इम्पेरिया) सन् १७२१ से १९१७ तक की रूसी क्रांति तक अस्तित्व में रहने वाला एक साम्राज्य था। रूसी साम्राज्य से पहले रूस में रूसी त्सार-राज्य था और उसके बाद बहुत कम अवधि के लिए रूसी गणतंत्र चला और उसके उपरान्त सोवियत संघ स्थापित हुआ। रूसी साम्राज्य दुनिया के सब से बड़े साम्राज्यों में से एक था और केवल मंगोल और ब्रिटिश साम्राज्य ही क्षेत्रफल में उस से बड़े रहे हैं। सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य पूर्वी यूरोप से लेकर सुदूर पूर्व एशिया तक और फिर समुद्र के पार उत्तर अमेरिका के कुछ इलाक़ों पर विस्तृत था। १८९७ में सामराज्य की जनसँख्या १२.५६ करोड़ थी।, Jane Burbank, David L. Ransel, Indiana University Press, 1998, ISBN 978-0-253-21241-2,...

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रेड लाइट एरिया

दुनिया भर में वेश्यावृत्ति और वेश्यालयों की वैधता: हरे रंग की देशों और क्षेत्रों के स्थानों पर जहां वेश्यावृत्ति कानूनी और विनियमित है, नीले देशों और क्षेत्रों में जहां वेश्यावृत्ति कानूनी है लेकिन अनियमित है। और वेश्यालयों के रूप में संगठित गतिविधियों अवैध रूप से कर रहे हैं, लाल देश जहां पर वेश्यावृत्ति अवैध है। सभ्यता और संस्कृति के विकास के साथ वेश्यावृत्ति का भी पूरी दुनिया में चरम उभार हो चुका है। पोस्ट मॉडर्न सोसाइटी में वेश्यावृत्ति के अलग-अलग रूप भी सामने आए हैं। रेड लाइट इलाकों से निकल कर वेश्यावृत्ति अब मसाज पार्लरों एवं एस्कार्ट सर्विस के रूप में भी फल-फूल रही है। देह का धंधा कमाई का चोखा जरिया बन चुका है। गरीब और विकासशील देशों जैसे भारत, थाइलैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश आदि में सेक्स पर्यटन का चलन शुरू हो चुका है। जिस्मफरोशी दुनिया के पुराने धंधों में से एक है। बेबीलोन के मंदिरों से लेकर भारत के मंदिरों में देवदासी प्रथा वेश्यावृत्ति का आदिम रूप है। गुलाम व्यवस्था में गुलामों के मालिक वेश्याएं रखते थे। उन्होंने वेश्यालय भी खोले। तब वेश्याएं संपदा और शक्ति की प्रतीक मानी जाती थीं। मुगलों के हरम में सैकड़ों औरतें रहती थीं। जब अंग्रेजों ने भारत पर अधिकार किया तो इस धंधे का स्वरूप बदलने लगा। राजाओं ने अंग्रेजों को खुश करने के लिए तवायफों को तोहफे के रूप में पेश करना शुरू किया। पुराने वक्त के कोठों से निकल कर देह व्यापार का धंधा अब वेबसाइटों तक पहुंच गया है। इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी के मामले में पिछड़ी पुलिस के लिए इस नेटवर्क को भेदना खासा कठिन है। सिर्फ नेट पर अपनी जरूरत लिखकर सर्च करने से ऐसी दर्जनों साइट्स के लिंक मिल जाएंगे जहां हाईप्रोफाइल वेश्याओं के फोटो, फोन नंबर और रेट तक लिखे होते हैं। इन पर कालेज छात्राएं, मॉडल्स और टीवी-फिल्मों की नायिकाएं तक उपलब्ध कराने के दावे किए जाते हैं। .

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रेबीज़

रेबीज़ (अलर्क, जलांतक) एक विषाणु जनित बीमारी है जिस के कारण अत्यंत तेज इन्सेफेलाइटिस (मस्तिष्क का सूजन) इंसानों एवं अन्य गर्म रक्तयुक्त जानवरों में हो जाता है। प्रारंभिक लक्षणों में बुखार और एक्सपोजर के स्थल पर झुनझुनी शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों के बाद निम्नलिखित एक या कई लक्षण होते हैं: हिंसक गतिविधि, अनियंत्रित उत्तेजना, पानी से डर, शरीर के अंगों को हिलाने में असमर्थता, भ्रम, और होश खो देना। लक्षण प्रकट होने के बाद, रेबीज़ का परिणाम लगभग हमेशा मौत है। रोग संक्रमण और लक्षणों की शुरुआत के बीच की अवधि आमतौर पर एक से तीन महीने होती है। तथापि, यह समय अवधि एक सप्ताह से कम से लेकर एक वर्ष से अधिक तक में बदल सकती है। यह समय अवधि उस दूरी पर निर्भर करता है जिसे विषाणु के लिए केंद्रीय स्नायुतंत्र तक पहुँचने के लिए तय करना आवश्यक है। .

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रेमन मैगसेसे पुरस्कार

रमन मैगसेसे पुरस्कार (Ramon Magsaysay Award) एशिया के व्यक्तियों एवं संस्थाओं को उनके अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिये प्रदान किया जाता है। इसे प्राय: एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है। यह रमन मैगसेसे पुरस्कार फाउन्डेशन द्वारा फ़िलीपीन्स के भूतपूर्व राष्ट्रपति रमन मैगसेसे की याद में दिया जाता है। .

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रेशम मार्ग

रेशम मार्ग का मानचित्र - भूमार्ग लाल रंग में हैं और समुद्री मार्ग नीले रंग में रेशम मार्ग प्राचीनकाल और मध्यकाल में ऐतिहासिक व्यापारिक-सांस्कृतिक मार्गों का एक समूह था जिसके माध्यम से एशिया, यूरोप और अफ्रीका जुड़े हुए थे। इसका सबसे जाना-माना हिस्सा उत्तरी रेशम मार्ग है जो चीन से होकर पश्चिम की ओर पहले मध्य एशिया में और फिर यूरोप में जाता था और जिस से निकलती एक शाखा भारत की ओर जाती थी। रेशम मार्ग का जमीनी हिस्सा ६,५०० किमी लम्बा था और इसका नाम चीन के रेशम के नाम पर पड़ा जिसका व्यापार इस मार्ग की मुख्य विशेषता थी। इसके माध्यम मध्य एशिया, यूरोप, भारत और ईरान में चीन के हान राजवंश काल में पहुँचना शुरू हुआ। रेशम मार्ग का चीन, भारत, मिस्र, ईरान, अरब और प्राचीन रोम की महान सभ्यताओं के विकास पर गहरा असर पड़ा। इस मार्ग के द्वारा व्यापार के आलावा, ज्ञान, धर्म, संस्कृति, भाषाएँ, विचारधाराएँ, भिक्षु, तीर्थयात्री, सैनिक, घूमन्तू जातियाँ, और बीमारियाँ भी फैलीं। व्यापारिक नज़रिए से चीन रेशम, चाय और चीनी मिटटी के बर्तन भेजता था, भारत मसाले, हाथीदांत, कपड़े, काली मिर्च और कीमती पत्थर भेजता था और रोम से सोना, चांदी, शीशे की वस्तुएँ, शराब, कालीन और गहने आते थे। हालांकि 'रेशम मार्ग' के नाम से लगता है कि यह एक ही रास्ता था वास्तव में बहुत कम लोग इसके पूरे विस्तार पर यात्रा करते थे। अधिकतर व्यापारी इसके हिस्सों में एक शहर से दूसरे शहर सामान पहुँचाकर अन्य व्यापारियों को बेच देते थे और इस तरह सामान हाथ बदल-बदलकर हजारों मील दूर तक चला जाता था। शुरू में रेशम मार्ग पर व्यापारी अधिकतर भारतीय और बैक्ट्रियाई थे, फिर सोग़दाई हुए और मध्यकाल में ईरानी और अरब ज़्यादा थे। रेशम मार्ग से समुदायों के मिश्रण भी पैदा हुए, मसलन तारिम द्रोणी में बैक्ट्रियाई, भारतीय और सोग़दाई लोगों के मिश्रण के सुराग मिले हैं।, Susan Whitfield, British Library, pp.

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रोमानी भाषा

रोमानी (rromani ćhib) क्षेत्रयूरोप, अमरीका, एशिया कुल बोलनेवाले ४८ लाख भाषाई परिवार हिन्द यूरोपीय हिन्द ईरानी हिन्द आर्य रोमानी भाषा कूट ISO 639-1_ ISO 639-2rom रोमानी भाषा हिन्द यूरोपीय भाषाई परिवार के अन्दर आती है। ये हिन्द ईरानी शाखा के हिन्द आर्य उपशाखा के अन्तर्गत वर्गीकृत है। हिन्द-आर्य भाषाएँ वो भाषाएँ हैं जो संस्कृत से उत्पन्न हुई हैं। हिन्दी, उर्दू, कश्मीरी, बंगाली, उड़िया, पंजाबी, मराठी जैसी भाषाएँ हिन्द-आर्य भाषाएँ हैं। रोमानी यूरोप के बंजारों (रोमा लोग, जिनको अंग्रेज़ी में जिप्सी भी कहा जाता है) द्वारा बोली जाती है। ये भारी मात्रा में अन्य यूरोपीय भाषाओं से मिश्रित है। रोमानी भाषा के विश्लेषण से पता चला है कि यह मध्य और उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप में बोली जाने वाली भाषाओँ से संबंधित है। इस भाषाई संबंध को रोमानी लोगों के भौगोलिक मूल का संकेत माना जाता है। वे मूल रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के या अब के उत्तरी भारत और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों आए थे। रोमानी भाषा को आमतौर पर मध्य हिन्द-आर्य भाषाओं में शामिल किया जाता है। रोमानी भाषा कभी कभी बोलियों के एक समूह या संबंधित भाषाओं का एक संग्रह, जिसमे एक आनुवंशिक उपसमूह के सभी सदस्य शामिल हैं, माना जाता है। रोमानी भाषा किसी भी राष्ट्र की अधिकारिक भाषा नहीं है, पर कई देशों में इसे अल्पसंख्यक भाषा का दर्जा दिया जाता है। वे देश जिनमें रोमानी जनसँख्या अधिक है, वहां अब रोमानी भाषा की विभिन्न बोलियाँ संहिताबद्ध की जाने की प्रक्रिया में हैं। .

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रोहिणी, दिल्ली

यह उत्तरी दिल्ली की आवासीय कालोनी है। यह एशिया की सबसे बड़ी आवासीय कालोनी कहलाती थी, जबतक द्वारका, दिल्ली नहीं बनी थी। श्रेणी:दिल्ली के आवासीय क्षेत्र श्रेणी:दिल्ली के प्रमुख मार्ग श्रेणी:दिल्ली.

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रोज़ गार्डन ,चण्डीगढ़

जाकिर हुसैन रोज़ गार्डन, भारत के चण्डीगढ़ शहर में 30 एकड़ में बना हुआ एक गुलाब के फूलों का बागीचा है इस में 1600 किस्मों के 50,000 गुलाब के पौधे लगे हुए है। यह एशिया का सब से न्यारा और सुन्दर बागीचा मन जाता है।  (PDF).

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रीता फारिया

रीता फारिया पॉवेल (1945) मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय और एशियाई मूल की महिला हैं। वे पहली भारतीय मिस वर्ल्ड हैं, जिन्होने चिकित्सा शास्त्र में विशेषज्ञता हासिल की। .

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लम्बाघर

यूरोप के स्कैनडीनेव्या क्षेत्र का एक लम्बाघर उत्तर अमेरिका का एक इरक्वॉइ लम्बाघर जिसमें कई सौ लोग आते थे पुरातत्त्वशास्त्र और मानवशास्त्र में लम्बाघर ऐसे एक कमरे वाले घर को कहा जाता है जिसकी चौड़ाई कम हो लेकिन लम्बाई उसके मुकाबले में बहुत ज्यादा हो। एशिया, यूरोप और उत्तर अमेरिका के कई समुदायों में ऐसे लम्बेघर बनाने का रिवाज है। अक्सर ऐसे घर लकड़ी, सरकंडों या बांस के बने होते हैं। कई मनुष्य समाजों में देखा गया है के समाज के शुरुआत में किसी भी अन्य मक़ान बनाने से पहले लम्बेघर बनाये जाते हैं। इनका प्रयोग समुदाय के मुख्य व्यक्तियों की बैठकों से लेकर परिवारों के रहने के लिए हो सकता है। मिसाल के लिए उत्तर अमेरिका के इरक्वॉइ मूल अमेरिकी आदिवासी समुदाय के हर लम्बेघर में लगभग २० परिवार इकट्ठे रहते थे। हर घर की मुखिया उस घर की सब से बुज़ुर्ग औरत होती थी। .

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लश्कर-ए-तैयबा

लश्कर-ए-तैयबा लश्कर-ए-तैयबा (उर्दू: لشكرِ طيبه लश्कर-ए-तोएबा, अर्थात शुद्धों की सेना) दक्षिण एशिया के सबसे बडे़ इस्लामी आतंकवादी संगठनों में से एक है। हाफिज़ मुहम्मद सईद ने इसकी स्थापना अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में की थी। वर्तमान में यह पाकिस्तान के लाहौर से अपनी गतिविधियाँ चलाता है, एवं पाक अधिकृत कश्मीर में अनेकों आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर चलाता है। इस संगठन ने भारत के विरुद्ध कई बड़े हमले किये हैं और अपने आरंभिक दिनों में इसका उद्येश्य अफ़ग़ानिस्तान से सोवियत शासन हटाना था। अब इसका प्रधान ध्येय कश्मीर से भारत का शासन हटाना है। इसकी स्थापना में अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआइए का योगदान था। .

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लाल सागर

लाल सागर लाल सागर अफ्रीका एवं एशिया के बीच हिंद महासागर का एक नमकीन पानी की एक खाड़ी हैं। दक्षिण में अदन की खाड़ी से लाल सागर हिंद महासागर से मिलता है। इसका पानी लाल नहीं है, हाँलांकि, समुद्री सतह पर प्रवाल की मौसमी उपस्थिति के कारण यह कभी-कभी लाल दिखता है। लगभग 2250 किलोमीटर लंबाई के इस समुद्री विस्तार की औसत गहराई 490 मीटर है तथा सबसे चौड़े स्थान पर इसके तटों के बीच 355 किलोमीटर की दूरी है। मिस्र और अरब-इस्राइल को पृथक करने वाले इस सागर को बाईबल तथा हिब्रू ग्रंथों में वर्णित सागर का यथार्थ माना जाता है। .

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लाइकोपेन

लाइकोपेन एक लाल चमकदार कैरोटीन और कैरोटीनॉयड रंगद्रव्य और फिटोकेमिकल है, जो टमाटर एवं अन्य लाल फलों और सब्जियों, जैसे लाल गाजर, तरबूज और पपीता (लेकिन स्ट्रॉबेरी या चेरी में नहीं) में पाया जाता है। हालांकि, रासायनिक दृष्टि से लाइकोपेन एक कैरोटीन है, पर इसमें कोई विटामिन ए गतिविधि नहीं होती है। पौधों, शैवाल और अन्य प्रकाश संश्लेषक जैविक संरचनाओं में, लाइकोपेन पीले, नारंगी या लाल रंगद्रव्यों, प्रकाश संश्लेषण तथा प्रकाश संरक्षण के लिए जिम्मेदार बीटा कैरोटीन सहित अधिकांश कैरोटीनॉयड के जैविक संश्लेषण का एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ होता है। संरचनात्मक रूप से यह एक टेट्राटरपेन है, जो पूरी तरह कार्बन और हाइड्रोजन से बने आठ आइसोप्रेन इकाइयों का एक संगठित रूप है और यह पानी में अघुलनशील है। लाइकोपेन के ग्यारह संयुग्मित दुहरे जुडाव इसे इसका गहरा लाल रंग देते हैं और इसकी ऑक्सीकरण प्रतिरोधक गतिविधि के लिए जिम्मेदार है। अपने सशक्त रंग और गैर-विषाक्तता के कारण लाइकोपेन भोजन में प्रयुक्त होनेवाला एक उपयोगी रंग है। लाइकोपेन, मनुष्य के लिए आवश्यक पोषक तत्व नहीं है, लेकिन सामान्यतः यह आहार में, मुख्य रूप से टमाटर सॉस के साथ तैयार व्यंजनों में पाया जाता है। अमाशय में अवशोषित होने के बाद लाइकोपेन विभिन्न लिपो प्रोटीनों द्वारा रक्त में पहुंचाया है और यकृत, अधिवृक्क ग्रंथियों तथा वीर्यकोश में जमा हो जाता है। प्रारंभिक अनुसंधान में टमाटर के उपभोग और कैंसर के खतरे में प्रतिकूल व्युत्क्रम दिखाए जाने की वजह से लाइकोपेन को कई प्रकार के कैंसर, विशेष रूप से प्रोस्टेट कैंसर की रोकथाम के लिए एक संभावित एजेंट माना गया है। हालांकि, अमेरिका के फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा किसी स्वास्थ्य सम्बन्धी दावे के अनुमोदन के लिए इस क्षेत्र के अनुसंधान और प्रोस्टेट कैंसर के साथ इसके संबंध को अपर्याप्त सबूत समझा गया है (नीचे ऑक्सीकारक गुण और संभावित स्वास्थ्य लाभ के तहत देखें).

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लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम

कोई विवरण नहीं।

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लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

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लखनऊ की अर्थ व्यवस्था

लखनऊ उत्तरी भारत का एक प्रमुख बाजार एवं वाणिज्यिक नगर ही नहीं, बल्कि उत्पाद एवं सेवाओं का उभरता हुआ केन्द्र भी बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी होने के कारण यहां सरकारी विभाग एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ही यहां मध्यम-वर्गीय वेतनभोगियों के नियोक्ता हैं। सरकार की उदारीकरण नीति के चलते यहां व्यवसाय एवं नौकरियों तथा स्व-रोजगारियों के लिए बहुत से अवसर खोल दिये हैं। इस कारण यहां नौकरी पेशे वालों की संख्या निरंतर बढ़ती रहती है। लखनऊ निकटवर्ती नोएडा एवं गुड़गांव के लिए सूचना प्रौद्योगिकी एवं बीपीओ कंपनियों के लिए श्रमशक्ति भी जुटाता है। यहां के सू.प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लोग बंगलुरु एवं हैदराबाद में भी बहुतायत में मिलते हैं। शहर में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) तथा प्रादेशिक औद्योगिक एवं इन्वेस्टमेंट निगम, उत्तर प्रदेश (पिकप) के मुख्यालय भी स्थित हैं। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम का क्षेत्रीय कार्यालय भी यहीं स्थित है। यहां अन्य व्यावसायिक विकास में उन्मत्त संस्थानों में कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) एवं एन्टरप्रेन्योर डवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (ईडीआईआई) हैं। .

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लकड़बग्घा

भूरा लकड़बग्घा लकड़बग्घा, हाइयेनिडी कुल से संबंधित एक मांसाहारी स्तनधारी जीव है। इसका प्राकृतिक आवास एशिया और अफ्रीका दोनो महाद्वीप हैं। वर्तमान काल में इसकी निम्न चार जीवित प्रजाति अस्तित्व में हैं।.

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लुफ़्थान्सा

डॉश लुफ़्थान्सा AG जर्मनी की ध्वजवाहिका वायुसेवा है और बेड़े के आकार एवं सम्पूर्ण यात्री आवाजाही तथा यूरोप की सबसे बड़ी वायुसेवा है। जर्मन सरकार का १९९७ तक लुफ़्थानसा में 35.68% अंश था, किन्तु अब ये कंपनी निजी निवेशकों द्वारा (88.52%), एमजीएल जेस्सेलशाफ़्ट फ़ूर लुफ़्तवर्केह्स्वर्त (10.05%), डॉश पोस्टवैंक (1.03%), तथा डॉश बैंक (0.4%) के स्वामित्त्व में है। इसमें २०११ के आंकड़ों के अनुसार 119,084 कर्मचारी कार्यरत हैं। कंपनी का नाम मूलतः वायु के लिये गर्मन शब्द लुफ़्त एवं हैन्सियेटिक लीग के लिये हांन्सा के संयोजन से बना है। डायचे लुफ्तांसा को सामान्य तौर पर लुफ्तांसा के नाम से जाने वाला एक जर्मन एयरलाइनर हैं। अगर इसकी सहायक कंपनियों को मिला दे तो ये यूरोप की सबसे बड़ी एयरलाइन्स कंपनी हैं। इसकी विशालता का अनुभव आप इस बात से कर सकते हैं कि लुफ्तांसा, एशिया, अफ्रीका, अमेरिका एवं यूरोप के 78 देशों के 197 अंतरराष्ट्रीय स्थानो की उड़ान भरता हैं। इसके अतिरिक्त, ये 18 घरेलु गंतव्य की भी उड़ान भरता हैं। इसके बड़े में 280 जहाज सम्मिलित हैं। 2012 में लुफ्तांसा की सारी अनुषंगी कंपनियों को मिला दे इसने 103 मिलियन यात्रिओं का परिचालन किया था। लुफ्तांसा का रजिस्टर्ड ऑफिस एवं मुख्यालय कोलोन में हैं। इसके प्रमुख संचालन केंद्र का नाम लुफ्तांसा अविअतािों सेंटर हैं।.

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लूई वीटॉन

लूई वीटॉन मालटियर -सामान्यतः लूई वीटॉन के नाम से जाना जाता है, (आमतौर पर अंग्रेजी में रुपान्तरित), या संक्षेप में एलवी (LV)- एक फ्रेंच फैशन हाउस है जिसकी स्थापना 1854 में हुई थी। यह लेबल अपने एलवी (LV) मोनोग्राम के कारण अच्छी तरह से जाना जाता है, जो अपने अधिकतर उत्पादों पर लगा होता है, जिनमें लक्ज़री संदूकों और चमड़े के उत्पादों से लेकर तैयार कपड़े, जूते, घड़ियां, गहने, सहायक सामग्रियां, धूप के चश्मे और किताबें शामिल हैं। लूई वीटॉन दुनिया के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय फैशन हाउसों में से एक है। लूई वीटॉन अपने उत्पादों को उच्च स्तरीय डिपार्टमेण्ट स्टोर्स के छोटे बुटिक्स में और अपने वेबसाइट के ई-कामर्स विभाग के जरिए बेचता था। .

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लेना नदी

रूस के याकुत्स्क शहर के पास लेना नदी लेना नदी (रूसी: Ле́на, अंग्रेज़ी: Lena) उत्तरी एशिया के पूर्वी साइबेरिया क्षेत्र की एक नदी है और दुनिया की ११वीं सबसे लम्बी नदी है। येनिसेय नदी और ओब नदी के साथ यह आर्कटिक सागर में बहने वाली तीसरी महान साइबेरियाई नदी मानी जाती है। इसकी पूरी लम्बाई ४,४७२ किमी (२,७७९ मील) है और यह पूरी तरह रूस के अन्दर बहने वाली सबसे लम्बी नदी है। .

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लेह

लेह जम्मू कश्मीर राज्य का के लद्दाख जिले का मुख्यालय एवं प्रमुख नगर है। यह समुद्र तल से 11,500 फुट की ऊँचाई पर, श्रीनगर से 160 मील पूर्व तथा यारकंद से लगभग 300 मील दक्षिण, लद्दाख पर्वत श्रेणी के आँचल में, ऊपरी सिंध के दाहिने तट से 4 मील दूर स्थित है। यहाँ एशिया की सर्वाधिक ऊँची मौसमी वेधशाला (meteorological observatory) है। नगर तिब्बत, सिकीयांग तथा भारत के मध्य का महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है। लेह में, 19वीं एवं 20वीं शताब्दी के डोगरावंशी राजाओं के पूर्व के राजाओं का एक राजप्रासाद भी है। यूरोपवासियों में से एक ने 1715 ई. में, सर्वप्रथम लेह की यात्रा की थी। लेह से, श्रीनगर एवं कुल्लू घाटी होती हुई, सड़कें भारत के आंतरिक भाग में आती हैं तथा एक मार्ग कराकोरम दर्रे की ओर जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या १ द इसे उत्तर पश्चिम में श्रीनगर से जोडता है। शान्ति स्तूप श्रेणी:जम्मू कश्मीर के शहर श्रेणी:मध्य एशिया के शहर श्रेणी:लद्दाख़.

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लोथल

लोथल लोथल (गुजराती: લોથલ), प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के शहरों में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण शहर है। लगभग 2400 ईसापूर्व पुराना यह शहर भारत के राज्य गुजरात के भाल क्षेत्र में स्थित है और इसकी खोज सन 1954 में हुई थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस शहर की खुदाई 13 फ़रवरी 1955 से लेकर 19 मई 1956 के मध्य की थी। लोथल, अहमदाबाद जिले के धोलका तालुका के गाँव सरागवाला के निकट स्थित है। अहमदाबाद-भावनगर रेलवे लाइन के स्टेशन लोथल भुरखी से यह दक्षिण पूर्व दिशा में 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लोथल अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर और धोलका शहरों से पक्की सड़क द्वारा जुड़ा है जिनमें से सबसे करीबी शहर धोलका और बगोदरा हैं। लोथल गोदी जो कि विश्व की प्राचीनतम ज्ञात गोदी है, सिंध में स्थित हड़प्पा के शहरों और सौराष्ट्र प्रायद्वीप के बीच बहने वाली साबरमती नदी की प्राचीन धारा के द्वारा शहर से जुड़ी थी, जो इन स्थानों के मध्य एक व्यापार मार्ग था। उस समय इसके आसपास का कच्छ का मरुस्थल, अरब सागर का एक हिस्सा था। प्राचीन समय में यह एक महत्वपूर्ण और संपन्न व्यापार केंद्र था जहाँ से मोती, जवाहरात और कीमती गहने पश्चिम एशिया और अफ्रीका के सुदूर कोनों तक भेजे जाते थे। मनकों को बनाने की तकनीक और उपकरणों का समुचित विकास हो चुका था और यहाँ का धातु विज्ञान पिछले 4000 साल से भी अधिक से समय की कसौटी पर खरा उतरा था। 1961 में भारतीय पुराततव सर्वेक्षण ने खुदाई का कार्य फिर से शुरु किया और टीले के पूर्वी और पश्चिमी पक्षों की खुदाई के दौरान उन वाहिकाओं और नालों को खोद निकाला जो नदी के द्वारा गोदी से जुड़े थे। प्रमुख खोजों में एक टीला, एक नगर, एक बाज़ार स्थल और एक गोदी शामिल है। उत्खनन स्थल के पास ही एक पुरात्तत्व संग्रहालय स्थित हैं जिसमें सिंधु घाटी से प्राप्त वस्तुएं प्रदर्शित की गयी हैं। .

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ली राजवंश

ली राजवंश (Lý dynasty) वियतनाम का एक राजवंश था जो सन् १००९ ई में शुरु हुआ और १२२५ ई में अंत हुआ। इसका आरम्भ ली थाई टो (Lý Thái Tổ) द्वारा पूर्व ली राजवंश (Early Lê dynasty) के तख़्तापलट के साथ हुआ। ली राजवंश के अंत में ५ वर्षीय रानी, ली चियु होआंग (Lý Chiêu Hoàng), को गद्दी से हटा दिया गया और ट्रन राजवंश का आरम्भ हुआ। .

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शतरंज

शतरंज (चैस) दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाने वाला एक बौद्धिक एवं मनोरंजक खेल है। किसी अज्ञात बुद्धि-शिरोमणि ने पाँचवीं-छठी सदी में यह खेल संसार के बुद्धिजीवियों को भेंट में दिया। समझा जाता है कि यह खेल मूलतः भारत का आविष्कार है, जिसका प्राचीन नाम था- 'चतुरंग'; जो भारत से अरब होते हुए यूरोप गया और फिर १५/१६वीं सदी में तो पूरे संसार में लोकप्रिय और प्रसिद्ध हो गया। इस खेल की हर चाल को लिख सकने से पूरा खेल कैसे खेला गया इसका विश्लेषण अन्य भी कर सकते हैं। शतरंज एक चौपाट (बोर्ड) के ऊपर दो व्यक्तियों के लिये बना खेल है। चौपाट के ऊपर कुल ६४ खाने या वर्ग होते है, जिसमें ३२ चौरस काले या अन्य रंग ओर ३२ चौरस सफेद या अन्य रंग के होते है। खेलने वाले दोनों खिलाड़ी भी सामान्यतः काला और सफेद कहलाते हैं। प्रत्येक खिलाड़ी के पास एक राजा, वजीर, दो ऊँट, दो घोडे, दो हाथी और आठ सैनिक होते है। बीच में राजा व वजीर रहता है। बाजू में ऊँट, उसके बाजू में घोड़े ओर अंतिम कतार में दो दो हाथी रहते है। उनकी अगली रेखा में आठ पैदल या सैनिक रहते हैं। चौपाट रखते समय यह ध्यान दिया जाता है कि दोनो खिलाड़ियों के दायें तरफ का खाना सफेद होना चाहिये तथा वजीर के स्थान पर काला वजीर काले चौरस में व सफेद वजीर सफेद चौरस में होना चाहिये। खेल की शुरुआत हमेशा सफेद खिलाड़ी से की जाती है। .

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शब्दकोश

शब्दकोश (अन्य वर्तनी:शब्दकोष) एक बडी सूची या ऐसा ग्रंथ जिसमें शब्दों की वर्तनी, उनकी व्युत्पत्ति, व्याकरणनिर्देश, अर्थ, परिभाषा, प्रयोग और पदार्थ आदि का सन्निवेश हो। शब्दकोश एकभाषीय हो सकते हैं, द्विभाषिक हो सकते हैं या बहुभाषिक हो सकते हैं। अधिकतर शब्दकोशों में शब्दों के उच्चारण के लिये भी व्यवस्था होती है, जैसे - अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि में, देवनागरी में या आडियो संचिका के रूप में। कुछ शब्दकोशों में चित्रों का सहारा भी लिया जाता है। अलग-अलग कार्य-क्षेत्रों के लिये अलग-अलग शब्दकोश हो सकते हैं; जैसे - विज्ञान शब्दकोश, चिकित्सा शब्दकोश, विधिक (कानूनी) शब्दकोश, गणित का शब्दकोश आदि। सभ्यता और संस्कृति के उदय से ही मानव जान गया था कि भाव के सही संप्रेषण के लिए सही अभिव्यक्ति आवश्यक है। सही अभिव्यक्ति के लिए सही शब्द का चयन आवश्यक है। सही शब्द के चयन के लिए शब्दों के संकलन आवश्यक हैं। शब्दों और भाषा के मानकीकरण की आवश्यकता समझ कर आरंभिक लिपियों के उदय से बहुत पहले ही आदमी ने शब्दों का लेखाजोखा रखना शुरू कर दिया था। इस के लिए उस ने कोश बनाना शुरू किया। कोश में शब्दों को इकट्ठा किया जाता है। .

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शाह बुलबुल

शाह बुलबुल (Terpsiphone paradisi) शाह बुलबुल (पैराडाइज फ्लाईकैचर) एक पक्षी है जो एशिया, अफ्रीका तथा अनेक द्वीपों में पाया जाता है। इसकी कुछ प्रजातियाँ प्रवास भी करतीं हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनके नर की पूँछ बहुत बड़ी होती है। नर शाह बुलबुल का रंग सफेद होता है और उसके सर पर काले रंग की कलंगी और २ लम्बे रिबन जैसी पूंछ होती है। मादा हल्के लाल भूरे रंग की होती है और उस में पूंछ नहीं होती है। .

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शिरपुर स्वर्ण शोधनी

शिरपुर स्वर्ण शोधनी (Shirpur Gold Refinery) भारत की प्रथम एवं एशिया की सबसे बड़ी स्वर्ण शोधनी (रिफाइनरी) है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। इसकी क्षमता २१७ मेट्रिक टन सोना प्रतिवर्ष शोधन करने की है। .

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शिवासमूद्रम प्रपात

शिवासमूद्रम प्रपात (कन्नड़: ಶಿವನಸಮುದ್ರ) कावेरी नदी पर है जो 98 मीटर की ऊँचाई से जल गिराता है। इसका उपयोग जल विद्दुत उत्पादन के लिए होता है। इस पर स्थापित जल विद्दुत गृह एशिया का प्रथम जल विद्दुत गृह है जिसकी स्थापना 1902 में हुई थी। .

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शिकरा

शिकरा एक छोटा शिकारी पक्षी है जो बाज़ की एक प्रजाति है। यह एशिया तथा अफ़्रीका में काफ़ी संख्या में पाया जाता है। क्रमिक विकास के दौरान, शिकारियों से बचने के लिए इसके रूप की नक़्ल पपीहे ने की है। .

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शंघाई पुडोंग अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

शंघाई पुडोंग अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र चीन के बड़े शहर शंघाई को सेवा देने वाला प्रधान अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र एवं एशिया के लिये एक बड़ा विमानन केन्द्र है। नगर का दूसरा विमानक्षेत्र है, शंघाई हॉन्गकियाओ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, जो मुख्यतः अन्तर्देशीय उड़ानों को वहन करता है। पुडोंग विमानक्षेत्र नगर से लगभग पूर्व दिशा में स्थित है और क्षेत्र में विस्तृत है। यह पुडोंग क्षेत्र की तटरेखा के समीपस्थ है। यह विमानक्षेत्र एयर चाइना के लिये प्रधान अन्तर्राष्ट्रीय हब एवं चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस एवं शंघाई एयरलाइंस के लिये मुख्य हब है। इनके अलाव भी यह कुछ निजी वायुसेवाओं जैसे डीएचएल एविएशन, जुनेयाओ एयरलाइंस, स्प्रिंग एयरलाइंस एवं यूपीएस एयरलाइंस आदि के लिये हब का कार्य करता है। डीएचएल का हब जो जुलाई २०१२ में आरंभ हुआ था, एशिया का सबसे बड़ा एक्स्प्रेस हब है। पुडोंग विमानक्षेत्र में दो प्रमुख यात्री टर्मिनल हैं, जो दोनों ओर से तीन समानांतर उड़ानपट्टियों से घिरे हुए हैं। वर्ष २०१५ तक एक तृतीय टर्मिनल भी नियोजित है। इनके अलावा एक उपग्रह टर्मिनल, २ अतिरिक्त उड़ानपट्टियाँ भी नियोजित हैं जो मिलकर यहां की यात्री क्षमता को ६ करोड़ से ८ करोड़ यात्री प्रतिवर्ष तक पहुंचा देंगे। इनके अलावा माल यातायात क्षमता ६० लाख टन की हो जायेगी। .

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शुल्क-मुक्त दुकान

तेल अवीव, इजराइल में बेन गुरियन हवाई अड्डे पर शुल्क मुक्त दुकानें शुल्क मुक्त दुकानें आमतौर पर शराब की एक विस्तृत श्रृंखला को बेचती हैं कर्तव्य टोरफ्यानोनोव्का-वालिमा सीमा पर फ्री दुकान (E18) शुल्क मुक्त दुकानें (या भंडार) खुदरा दुकान हैं, जिनपर स्थानीय या राष्ट्रीय कर और शुल्क लागू नहीं होते हैं। शुल्क मुक्त खरीदारी थोड़ा मिथ्या नाम है, क्योंकि, यद्यपि खरीदारों को अपने गृह देश में एक शुल्क मुक्त दुकान से खरीदी गई वस्तुओं पर शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। वे अक्सर अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों, समुद्री बंदरगाहों में या यात्री जहाजों के बोर्ड पर पाये जाते हैं। वे सामान्य रूप से सड़क या रेल यात्रियों के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं, यद्यपि संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच सीमा के कई क्रॉसिंगों पर कार यात्रियों के लिए शुल्क मुक्त दुकानें हैं। इन दुकानों को यूरोपीय संघ के भीतर यात्रा करने के लिए सन 1999 में समाप्त कर दिया गया था, लेकिन जिन यात्रियों का अंतिम गंतव्य यूरोपीय संघ के बाहर है उनके लिए इसे बनाए रखा गया, वे अंतर यूरोपीय संघ के यात्रियों को भी सामन बेचते है लेकिन उपयुक्त करों के साथ.

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श्वेत अश्व मंदिर

श्वेत अश्व विहार श्वेत अश्व विहार चीन के हेनान प्रांत के ल्युओयांग शहर में स्थित है। चीन में सरकार द्वारा संचालित यह बौद्ध विहार चीनी एवं भारतीय संस्कृतियों की संगमस्थली है और सांस्कृतिक मेलजोल की शानदार उपलब्धियों का प्रतीक है। कई भारतीय नेता इस विहार का दर्शन कर चुके हैं। यह विहार 'व्हाइट हार्स विहार' के नाम से भी जाना जाता है। चीन का पहला विहार माना जाता है। लगभग 3,450 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले इस विहार का उद्घाटन भारतीय राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने 29 मई 2010 को किया था। ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, हान राजवंश (206 ईसा पूर्व से 220 ईसवी) के एक राजा ने दो भारतीय बौद्ध भिक्षुओं के सम्मान में बैमा विहार के निर्माण का आदेश दिया था। दरअसल, राजा ने अपने दूतों को पश्चिम से बौद्ध सिद्धांतों को लाने का आदेश दिया था। दूत दो प्रमुख भारतीय बौद्ध भिक्षुओं के साथ 67 ईसवी में ल्युयांग लौटे थे। भिक्षुओं के पास बौद्ध साहित्य व मूर्तियां थीं, जिन्हें वे सफेद घोड़ों की पीठ पर लादकर ले गए थे। उसके बाद एक विहार का निर्माण कराया गया और चीन का पहला बौद्ध शास्त्र दोनों बौद्ध भिक्षुओं ने इसी विहार में बैठकर संस्कृत से चीनी में अनुवाद किया था। इसी जगह से पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में बौद्ध धर्म का प्रसार शुरू हुआ। पूर्व भारतीय प्रधानमंत्रीयों पी.वी. नरसिंन्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी ने क्रमश: 1993 और 2003 में बैमा विहार के दर्शन किये थे। .

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शेव्रोले सेल

शेव्रोले सेलl चीनी वाहन उत्पादक शंघाई-जीएम द्वारा निर्मित एक सुपरमिनी श्रेणी की सिडान कार है। २००१ में लॉन्च की गई ये कार पहले बुइक सेल नाम से चालू हुई थी, और सिडान एवं वैगन, दोनों ही रूपों में बनाई गई थी। ये दोनों ही रूप ओपल कोर्सा बी पर आधारित थे। २००५ से चीन में शेव्रोले ब्राण्ड आधिकारिक रूप में आरम्भ हुआ, और तब इस कार को बड़े तौर पर बदलाव किये जाने पर नया नाम शेव्रोले सेल एवं शेव्रोले एसआरवी मिले। वर्ष २०१० में सेल को पुनः पूर्णतया बदला गया। इस नए म‘ओडल में सिडान एवं हैचबैक, दोनों ही रूप निकाले गए। आधुनिकतम सेल का निर्यात किये जाने वाले देशों में चिली, एवं पेरु हैं। इसके अलावा इसका उत्पादन एक्वेडोर, एवं उत्तरी अमरीका, मध्य-पूर्व तथा एशिया के भी कुछ देशों में किया जाने लगा था। २०१३ से आरम्भ हुए प्रतिरूप (मॉडल) का उत्पादन जीएम कोलमोटर्स ने बोगोटा, कोलम्बिया में अन्तर्देशीय तथा क्षेत्रीय बाजारों के लिये आरम्भ किया। .

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सनातन धर्म

सनातन धर्म: (हिन्दू धर्म, वैदिक धर्म) अपने मूल रूप हिन्दू धर्म के वैकल्पिक नाम से जाना जाता है।वैदिक काल में भारतीय उपमहाद्वीप के धर्म के लिये 'सनातन धर्म' नाम मिलता है। 'सनातन' का अर्थ है - शाश्वत या 'हमेशा बना रहने वाला', अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त।सनातन धर्म मूलत: भारतीय धर्म है, जो किसी ज़माने में पूरे वृहत्तर भारत (भारतीय उपमहाद्वीप) तक व्याप्त रहा है। विभिन्न कारणों से हुए भारी धर्मान्तरण के बाद भी विश्व के इस क्षेत्र की बहुसंख्यक आबादी इसी धर्म में आस्था रखती है। सिन्धु नदी के पार के वासियो को ईरानवासी हिन्दू कहते, जो 'स' का उच्चारण 'ह' करते थे। उनकी देखा-देखी अरब हमलावर भी तत्कालीन भारतवासियों को हिन्दू और उनके धर्म को हिन्दू धर्म कहने लगे। भारत के अपने साहित्य में हिन्दू शब्द कोई १००० वर्ष पूर्व ही मिलता है, उसके पहले नहीं। हिन्दुत्व सनातन धर्म के रूप में सभी धर्मों का मूलाधार है क्योंकि सभी धर्म-सिद्धान्तों के सार्वभौम आध्यात्मिक सत्य के विभिन्न पहलुओं का इसमें पहले से ही समावेश कर लिया गया था। .

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सन्त हेलेना

सेंट हेलेना सेंट हेलेना ऑफ कान्सन्टपोल के नाम पर रखा गया दक्षिण अटलांटिक महासागर में ज्वालामुखी के माध्यम से विकसित हुआ एक द्वीप है। यह ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र सेंट हेलेना, एसेन्शन और त्रिस्तान द कुन्हा का एक हिस्सा है। इसकी राजधानी जेम्सटाउन है तथा यहां की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। इस द्वीप का इतिहास महज 500 साल पुराना है, जब 1502 में पुर्तगालियों ने इस निर्जन द्वीप की खोज की थी। बरमूडा के बाद ब्रिटेन की बची हुई दूसरी सबसे पुरानी कालोनी सेंट हेलेना दुनिया का सबसे दुर्गम क्षेत्र है, जिसका यूरोप से एशिया और दक्षिण अफ्रीका जाने वाले जहाजों के लिए काफी सामरिक महत्व हुआ करता था। कई सदियों तक इस द्वीप का इस्तेमाल ब्रिटेन द्वारा निर्वासितों को रखने के लिए किया गया, जिसमें नेपोलियन बोनापार्ट जैसे व्यक्ति भी शामिल हैं।.

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सफेद पुट्ठे वाली मुनिया

सफ़ेद पुट्ठे वाली मुनिया या सफ़ेद पुट्ठे वाली मैन्निकिन (लोन्चुरा स्ट्रिआटा), जिसे एविकल्चर (पक्षियों को रखने और पालने का कार्य) में कभी-कभी स्ट्रिएटेड फिंच भी कहते हैं, एक छोटी पासेराइन पक्षी है जो वैक्सबिल "फिन्चेस" (एस्ट्रिलडीडे) परिवार से है। यह वास्तविक फिन्चेस (फ्रिन्जिल्लिडे) और वास्तविक गौरेया (पासेरिडे) के नजदीकी रिश्तेदार हैं। यह उष्णकटिबंधीय एशिया और इसके कुछ आसपास के द्वीपों की मूलवासी है और जापान के स्पोम भागों में इसे अनुकूलित किया गया है। इसके घरेलू संकर वंशज, सोसाइटी फिंच या बेंगालीज़ फिंच, विश्व भर में एक घरेलू पक्षी और जैविक आदर्श जीवधारी के रूप में पाए जाते हैं। .

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समकालीन

समकालीन इतिहास के उस अवधि के बारे में बताता है जो आज के लिए एकदम प्रासंगिक है तथा आधुनिक इतिहास के कुछ निश्चित परिप्रेक्ष्य से संबंधित है। हाल के समकालीन इतिहास की कमजोर परिभाषा विश्व युद्ध-II जैसी घटनाओं को शामिल करती है, लेकिन उन घटनाओं को शामिल नहीं करती जिनके प्रभाव को समाप्त किया जा चुका है। .

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सयल्यूगेम पर्वत

सयल्यूगेम​ (रूसी: Сайлюгем, अंग्रेज़ी: Saylyugem या Sailughem) उत्तरी एशिया के साइबेरिया क्षेत्र में रूस के अल्ताई गणतंत्र और मंगोलिया में स्थित एक पर्वत शृंखला है। यह अल्ताई पर्वतों की एक दक्षिणपूर्वी उपशृंखला है।, pp.

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सर शिवसागर रामगुलाम अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

सर शिवसागर रामगुलाम अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, एसएसआर एयरपोर्ट, मॉरीशस का प्रमुख विमानक्षेत्र है। यह राजधानी पोर्ट लुई से दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित है। यहां का पूर्व नाम 'प्लैसान्स विमानक्षेत्र ' था, जिसे मारीशस के राष्ट्रपिता सीवूसागर रामगुलाम की स्मृति में उनके नाम पर रखा गया है। यह विमानक्षेत्र एक क्षेत्रीय हब का कार्य करता है और यहां से अफ़्रीका, यूरोप एवं एशिया के विभिन्न गंतव्यों को सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं। इनके अलावा यह देश की राष्ट्रीय वायुसेवा एयर मारीशस का होम-बेस भी है। यहां एक नया यात्री टर्मिनल भवन एवं एक समानांतर टैक्सीमार्ग निर्माण कार्य प्रगति पर है और अप्रैल २०१३ तक पूर्ण होने की आशा है। .

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सरीसृप

सरीसृप (Reptiles) प्राणी-जगत का एक समूह है जो कि पृथ्वी पर सरक कर चलते हैं। इसके अन्तर्गत साँप, छिपकली,मेंढक, मगरमच्छ आदि आते हैं। .

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सलाद

एक सलाद की थाली. व्यंजनों के व्यापक विविध प्रकार में से एक है सलाद जिसमें शामिल है वेजीटेबल सलाद; पास्ता सलाद, फलियां, अंडा, या अनाज सलाद; मिश्रित सलाद जिसमें मांस, अंडा, या सीफ़ूड होता है; और फ्रुट सलाद.

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साम्यवाद

साम्यवाद, कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स द्वारा प्रतिपादित तथा साम्यवादी घोषणापत्र में वर्णित समाजवाद की चरम परिणति है। साम्यवाद, सामाजिक-राजनीतिक दर्शन के अंतर्गत एक ऐसी विचारधारा के रूप में वर्णित है, जिसमें संरचनात्मक स्तर पर एक समतामूलक वर्गविहीन समाज की स्थापना की जाएगी। ऐतिहासिक और आर्थिक वर्चस्व के प्रतिमान ध्वस्त कर उत्पादन के साधनों पर समूचे समाज का स्वामित्व होगा। अधिकार और कर्तव्य में आत्मार्पित सामुदायिक सामंजस्य स्थापित होगा। स्वतंत्रता और समानता के सामाजिक राजनीतिक आदर्श एक दूसरे के पूरक सिद्ध होंगे। न्याय से कोई वंचित नहीं होगा और मानवता एक मात्र जाति होगी। श्रम की संस्कृति सर्वश्रेष्ठ और तकनीक का स्तर सर्वोच्च होगा। साम्यवाद सिद्धांततः अराजकता का पोषक हैं जहाँ राज्य की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। मूलतः यह विचार समाजवाद की उन्नत अवस्था को अभिव्यक्त करता है। जहाँ समाजवाद में कर्तव्य और अधिकार के वितरण को 'हरेक से अपनी क्षमतानुसार, हरेक को कार्यानुसार' (From each according to her/his ability, to each according to her/his work) के सूत्र से नियमित किया जाता है, वहीं साम्यवाद में 'हरेक से क्षमतानुसार, हरेक को आवश्यकतानुसार' (From each according to her/his ability, to each according to her/his need) सिद्धांत का लागू किया जाता है। साम्यवाद निजी संपत्ति का पूर्ण प्रतिषेध करता है। .

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साम्राज्यवाद

सन १४९२ से अब तक के उपनिवेशी साम्राज्य विश्व के वे क्षेत्र जो किसी न किसी समय ब्रितानी साम्राज्य के भाग थे। साम्राज्यवाद (Imperialism) वह दृष्टिकोण है जिसके अनुसार कोई महत्त्वाकांक्षी राष्ट्र अपनी शक्ति और गौरव को बढ़ाने के लिए अन्य देशों के प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लेता है। यह हस्तक्षेप राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक या अन्य किसी भी प्रकार का हो सकता है। इसका सबसे प्रत्यक्ष रूप किसी क्षेत्र को अपने राजनीतिक अधिकार में ले लेना एवं उस क्षेत्र के निवासियों को विविध अधिकारों से वंचित करना है। देश के नियंत्रित क्षेत्रों को साम्राज्य कहा जाता है। साम्राज्यवादी नीति के अन्तर्गत एक राष्ट्र-राज्य (Nation State) अपनी सीमाओं के बाहर जाकर दूसरे देशों और राज्यों में हस्तक्षेप करता है। साम्राज्यवाद का विज्ञानसम्मत सिद्धांत लेनिन ने विकसित किया था। लेनिन ने 1916 में अपनी पुस्तक "साम्राज्यवाद पूंजीवाद का अंतिम चरण" में लिखा कि साम्राज्यवाद एक निश्चित आर्थिक अवस्था है जो पूंजीवाद के चरम विकास के समय उत्पन्न होती है। जिन राष्ट्रों में पूंजीवाद का चरमविकास नहीं हुआ वहाँ साम्राज्यवाद को ही लेनिन ने समाजवादी क्रांति की पूर्ववेला माना है। चार्ल्स ए-बेयर्ड के अनुसार "सभ्य राष्ट्रों की कमजोर एवं पिछड़े लोगों पर शासन करने की इच्छा व नीति ही साम्राज्यवाद कहलाती है।" .

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साइबेरिया

साइबेरिया का नक़्शा (गाढ़े लाल रंग में साइबेरिया नाम का संघी राज्य है, लेकिन लाल और नारंगी रंग वाले सारे इलाक़े साइबेरिया का हिस्सा माने जाते हैं गर्मी के मौसम में दक्षिणी साइबेरिया में जगह-जगह पर झीलें और हरियाली नज़र आती है याकुत्स्क शहर में 17वी शताब्दी में बना एक रूसी सैनिक-गृह साइबेरिया (रूसी: Сибирь, सिबिर) एक विशाल और विस्तृत भूक्षेत्र है जिसमें लगभग समूचा उत्तर एशिया समाया हुआ है। यह रूस का मध्य और पूर्वी भाग है। सन् 1991 तक यह सोवियत संघ का भाग हुआ करता था। साइबेरिया का क्षेत्रफल 131 लाख वर्ग किमी है। तुलना के लिए पूरे भारत का क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किमी है, यानि साइबेरिया भारत से क़रीब चार गुना है। फिर भी साइबेरिया का मौसम और भूस्थिति इतनी सख़्त है के यहाँ केवल 4 करोड़ लोग रहते हैं, जो 2011 में केवल उड़ीसा राज्य की आबादी थी। यूरेशिया का अधिकतर स्टॅप (मैदानी घासवाला) इलाक़ा साइबेरिया में आता है। साइबेरिया पश्चिम में यूराल पहाड़ों से शुरू होकर पूर्व में प्रशांत महासागर तक और उत्तर में उत्तरध्रुवीय महासागर (आर्कटिक महासागर) तक फैला हुआ है। दक्षिण में इसकी सीमाएँ क़ाज़ाक़स्तान, मंगोलिया और चीन से लगती हैं। .

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साउथॉल

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, एशिया के बाहर सबसे बड़ा गुरुद्वारा साउथॉल (अंग्रेज़ी: Southall सॅउथ़ॉल्, पंजाबी: ਸਾਊਥਹਾਲ साऊथहाल) एक पश्चिम लंदन में ईलिंग बरो का ज़िला है। यह 17.2 कीमी चैरिंग क्रॉस के पश्चिम में है। "साउथॉल" (साउथॉल्ट) नाम माने "दक्षिन बन" और नॉर्थहॉल्ट से पृथक करता है। साउथॉल ऐतिहासिक ग्रैंड यूनियन कनाल (आगे ग्रैंड जंक्शन कनाल) के पास है, जो लंदन को बढ़ना कुल्या प्रणाली में मिलता था। .

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सिलंग

सिलंग या ख़ुशबूदार ओज़मैनथस (अंग्रेज़ी: Sweet Osmanthus) एक प्रकार का पुष्पीय पौधा है, जो एशिया के शीतोष्ण कटिबन्ध (टेम्परेट ज़ोन) के गर्म भागों में, कॉकस क्षेत्र से लेकर जापान तक उगता है। भारत में यह हिमालय क्षेत्र में मिलता है और इसका प्रयोग बग़ीचों में ख़ुशबू के लिए किया जाता है क्योंकि इसके फूलों में पकी हुई ख़ुबानी से मिलती-जुलती एक लुभावनी सुगंध होती है।, Sir George Watt, Printed by the Superintendent of Government Printing, Government of India,1883,...

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सिल्ला

५७६ ईसवी में सिल्ला राज्य सिल्ला (कोरियाई: 신라, अंग्रेज़ी: Silla) एक प्राचीन कोरियाई राज्य था जो पूर्वी कोरियामें स्थित था। यह ५७ ईसापूर्व से ९३५ ईसवी तक अस्तित्व में रहा और इसमें एशिया के सबसे दीर्घ समय तक चलने वाले राजवंशों में से एक था। गोगुरयेओ और बेकजे के साथ यह 'प्राचीन कोरिया के तीन राज्यों' में से एक था। सिल्ला राज्य की स्थापना राजा पार्क ह्येओकगेयोसे (박혁거세 거서간, Park Hyeokgeose) ने की थी, जिन से मशहूर कोरियाई पारिवारिक नाम 'पार्क' (박, 朴, Park) आरम्भ हुआ। लेकिन सिल्ला राज्य के ९९२ वर्षों के इतिहास के अधिकांश भाग में ग्येओंगजु किम (김, 金, Kim) परिवार का शासन रहा। सिल्ला की स्थापना चीन की सहायता से एक छोटी सी रियासत के रूप में हुई थी, लेकिन आगे चलकर इसने बेकजे को ६६० ईसवी में और गोगुरयेओ को ६६८ में पराजित कर के कोरिया के बड़े भाग को एक शासन में संगठित कर दिया। इस राष्ट्र को 'संयुक्त सिल्ला' (통일 신라, Unified Silla) कहा जाता है। लगभग हज़ार वर्षों तक चलने के बाद ९३५ ईसवी में सिल्ला राज्य बिखर गया और गोरयेओ राजवंश सत्ता में आ गया।, Jae-un Kang, Jae-eun Kang, Homa & Sekey Books, 2006, ISBN 978-1-931907-37-8,...

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सिस्टोसोमियासिस

सिस्टोसोमियासिस (जिसे बिलहर्ज़िया, स्नेल फीवर और कत्यामा फीवरभी कहते हैं) एक रोग है जो सिस्टोसोमा प्रकार के परजीवी कीड़ों के कारण होता है। --> यह मूत्र मार्ग या आंतोंको संक्रमित कर सकता है। --> लक्षणों में पेट दर्द, डायरिया, खूनी पेचिश या मूत्रमें रक्त जाना शामिल है। --> वे लोग जो लंबे समय से संक्रमित है उनमें लीवर की क्षति, किडनी की विफलता, बांझपन या ब्लैडर का कैंसर हो सकता है। --> बच्चों में इसके कारण वृद्धि व सीखने की क्षमता का हास हो सकता है। .

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सिख साम्राज्य

महाराजा रणजीत सिंह सिख साम्राज्य(ਸਿੱਖ ਸਲਤਨਤ; साधारण नाम खाल्सा राज) का उदय, उन्नीसवीं सदी की पहली अर्धशताब्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर में एक ताकतवर महाशक्ती के रूप में हुआ था। महाराज रणजीत सिंह के नेत्रित्व में उसने, स्वयं को पश्चिमोत्तर के सर्वश्रेष्ठ रणनायक के रूप में स्थापित किया था, जन्होंने खाल्सा के सिद्धांतों पर एक मज़बूत, धर्मनिर्पेक्ष हुक़ूमत की स्थापना की थी जिस की आधारभूमि पंजाब थी। सिख साम्राज्य की नींव, सन् १७९९ में रणजीत सिंह द्वारा, लाहौर-विजय पर पड़ी थी। उन्होंने छोटे सिख मिस्लों को एकत्रित कर एक ऐसे विशाल साम्राज्य के रूप में गठित किया था जो अपने चर्मोत्कर्ष पर पश्चिम में ख़ैबर दर्रे से लेकर पूर्व में पश्चिमी तिब्बत तक, तथा उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में मिथान कोट तक फैला हुआ था। यह १७९९ से १८४९ तक अस्तित्व में रहा था। .

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सिंध डाक

सिंध डाक, एक प्राचीन भारतीय डाक प्रणाली और एशिया की पहली चिपकने वाली डाक टिकट का नाम है, जिसे ब्रिटिश शासन के दौरान उसके अन्तर्गत आने वाले समूचे दक्षिण एशियाई क्षेत्रों मे प्रयोग किया जाता था। डाक टिकट का नाम सिन्ध डाक तत्कालीन भारत के सिन्ध इलाके मे प्रयोग में आने वाली डाक प्रणाली जिसे हिन्दी में डाक कहा जाता है, के नाम पर रखा गया था जिसमें हरकारे डाक लेकर दौड़ा करते थे और उनका भुगतान उनके द्वारा तय की गयी कुल दूरी और उठाई गयी कुल डाक के अनुसार किया जाता था। .

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सिंह (पशु)

सिंह (पेन्थेरा लियो) पेन्थेरा वंश की चार बड़ी बिल्लियों में से एक है और फेलिडे परिवार का सदस्य है। यह बाघ के बाद दूसरी सबसे बड़ी सजीव बिल्ली है, जिसके कुछ नरों का वजन २५० किलोग्राम से अधिक होता है। जंगली सिंह वर्तमान में उप सहारा अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं। इसकी तेजी से विलुप्त होती बची खुची जनसंख्या उत्तर पश्चिमी भारत में पाई जाती है, ये ऐतिहासिक समय में उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिमी एशिया से गायब हो गए थे। प्लेइस्तोसेन के अंतिम समय तक, जो लगभग १०,००० वर्ष् पहले था, सिंह मानव के बाद सबसे अधिक व्यापक रूप से फैला हुआ बड़ा स्तनधारी, भूमि पर रहने वाला जानवर था। वे अफ्रीका के अधिकांश भाग में, पश्चिमी यूरोप से भारत तक अधिकांश यूरेशिया में और युकोन से पेरू तक अमेरिका में पाए जाते थे। सिंह जंगल में १०-१४ वर्ष तक रहते हैं, जबकि वे कैद मे २० वर्ष से भी अधिक जीवित रह सकते हैं। जंगल में, नर कभी-कभी ही दस वर्ष से अधिक जीवित रह पाते हैं, क्योंकि प्रतिद्वंद्वियों के साथ झगड़े में अक्सर उन्हें चोट पहुंचती है। वे आम तौर पर सवाना और चारागाह में रहते हैं, हालांकि वे झाड़ी या जंगल में भी रह सकते हैं। अन्य बिल्लियों की तुलना में सिंह आम तौर पर सामाजिक नहीं होते हैं। सिंहों के एक समूह जिसे अंग्रेजी मे प्राइड कहॉ जाता में सम्बन्धी मादाएं, बच्चे और छोटी संख्या में नर होते हैं। मादा सिंहों का समूह प्रारूपिक रूप से एक साथ शिकार करता है, जो अधिकांशतया बड़े अनग्युलेट पर शिकार करते हैं। सिंह शीर्ष का और कीस्टोन शिकारी है, हालांकि वे अवसर लगने पर मृतजीवी की तरह भी भोजन प्राप्त कर सकते हैं। सिंह आमतौर पर चयनात्मक रूप से मानव का शिकार नहीं करते हैं, फिर भी कुछ सिंहों को नर-भक्षी बनते हुए देखा गया है, जो मानव शिकार का भक्षण करना चाहते हैं। सिंह एक संवेदनशील प्रजाति है, इसकी अफ्रीकी रेंज में पिछले दो दशकों में इसकी आबादी में संभवतः ३० से ५० प्रतिशत की अपरिवर्तनीय गिरावट देखी गयी है। ^ डाटाबेस प्रवेश में एस बात का एक लंबा औचित्य सम्मिलित है कि यह प्रजाति संवेदनशील क्यों है। क्यों इस प्रजाति की दुर्दशा का एक भी सम्मिलित है सिंहों की संख्या नामित सरंक्षित क्षेत्रों और राष्ट्रीय उद्यानों के बहार अस्थिर है। हालांकि इस गिरावट का कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है, आवास की क्षति और मानव के साथ संघर्ष इसके सबसे बड़े कारण हैं। सिंहों को रोमन युग से पिंजरे में रखा जाता रहा है, यह एक मुख्य प्रजाति रही है जिसे अठारहवीं शताब्दी के अंत से पूरी दुनिया में चिडिया घर में प्रदर्शन के लिए रखा जाता रहा है। खतरे में आ गयी एशियाई उप प्रजातियों के लिए पूरी दुनिया के चिड़ियाघर प्रजनन कार्यक्रमों में सहयोग कर रहे हैं। दृश्य रूप से, एक नर सिंह अति विशिष्ट होता है और सरलता से अपने अयाल (गले पर बाल) द्वारा पहचाना जा सकता है। सिंह, विशेष रूप से नर सिंह का चेहरा, मानव संस्कृति में सबसे व्यापक ज्ञात जंतु प्रतीकों में से एक है। उच्च पाषाण काल की अवधि से ही इसके वर्णन मिलते हैं, जिनमें लॉसकाक्स और चौवेत गुफाओं की व नक्काशियां और चित्रकारियां सम्मिलित हैं, सभी प्राचीन और मध्य युगीन संस्कृतियों में इनके प्रमाण मिलते हैं, जहां ये ऐतिहासिक रूप से पाए गए। राष्ट्रीय ध्वजों पर, समकालीन फिल्मों और साहित्य में चित्रकला में, मूर्तिकला में और साहित्य में इसका व्यापक वर्णन पाया जाता है। .

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सिंगापुर में पर्यटन

सिंगापुर बॉटेनिकल गार्डन में ऑर्किड ऐतिहासिक रेफल्स होटल एक राष्ट्रीय स्मारक है सिंगापुर में पर्यटन एक प्रमुख उद्योग है और हर साल ये लाखों की संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसके सांस्कृतिक आकर्षण का श्रेय इसकी सांस्कृतिक विविधता को दिया जाता है जो इसके औपनिवेशिक इतिहास और चीनी, मलय, भारतीय और अरब जातीयता को दर्शाता है। इस देश में पर्यावरण का पूरा ख्याल रखा जाता है और प्रकृति तथा विरासत संरक्षण संबंधी कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं। यहां जिन चार भाषाओं को आधिकारिक दर्जा प्राप्त है उनमें अंग्रेजी सबसे ज्यादा प्रचलित है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंग्रेजी पूरी दुनिया में बोली और समझी जाने वाली भाषा है और जब कोई पर्यटक सिंगापुर पहुंचता है और वहां के स्थानीय लोगों से बातचीत करता है, खासकर जब कुछ खरीदारी करता है तब उसे काफी सुविधा होती है। सिंगापुर की यातायात व्यवस्था बहुत अच्छी है और ये करीब-करीब वहां के सभी पर्यटन स्थलों को कवर करती है जिससे पर्यटकों को घूमने में आसानी रहती है। इसमें यहां का बेहद लोकप्रिय मास रैपिड ट्रांजिट (MRT) सिस्टम भी शामिल है। सिंगापुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों की बात करें तो ये दर्जा ऑर्चर्ड रोड डिस्ट्रिक्ट को जाता है; यहां बहुमंजिला शॉपिंग सेंटर्स की और होटलों की भरमार है। सिंगापुर के दूसरे आकर्षक पर्यटन स्थलों में सिंगापुर चिड़ियाघर और नाइट सफारी को शामिल किया जा सकता है, जहां पर्यटकों को एशियाई, अफ्रीकी और अमेरिकी जीवों को रात के अंधेरे में देखने का मौका मिलता है। खास बात ये है कि यहां पर्यटक इन जंगली जानवरों को पिंजरे के अंदर नहीं बल्कि आमने-सामने देख सकते हैं। सिंगापुर चिड़ियाघर एक खास तरह का ओपन जू है, जहां जानवरों को पिंजरे के बजाए एक ऐसे घेरे में रखा जाता है जिनके चारों ओर गहरी खाई बनी है। ये खाइयां सूखी अथवा पानी से भरी हो सकती हैं। जूरोंग बर्ड पार्क एक अन्य जूलॉजिकल गार्डन है जो पक्षियों पर केंद्रित है। यहां पर्यटकों को एक हजार फ्लैमिंगों पक्षियों के झुंड के अलावा दुनिया भर में पाए जाने वाले पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों और किस्मों को देखने का मौका मिलता है। सेंटोसा द्वीप भी पर्यटकों के आकर्षण का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां हर साल पचास लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं। ये द्वीप सिंगापुर के दक्षिण में स्थित है और यहां फोर्ट सिलोसो जैसे 20-30 प्रसिद्ध स्थान हैं; फोर्ट सिलोसो को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापानी हमले से बचाव करने के लिए एक किले के रूप में बनाया गया था। फोर्ट सिलोसो में पर्यटकों को दूसरे विश्व युद्ध में इस्तेमाल की गयी छोटी बंदूकों से लेकर 16 पाउंड यानी करीब सात किलो वजनी बंदूकें भी देखने को मिल सकती हैं। इसके अलावा इस द्वीप पर टाइगर स्काई टावर बनाया गया है जहां से पूरे सेंटोसा द्वीप के साथ-साथ सेंटोसा ल्यूज का नजारा भी देखा जा सकता है; सेंटोसा ल्यूज में एक या दो लोग पैरों को सीधा आगे करके लेटते हैं और फिसलने का मजा लेते हैं। अपने वजन को इधर-उधर करके या लगाम को खींचकर इसे चलाया जाता है। सिंगापुर में मरिना बे सैंड्स और रिसॉर्ट्स वर्ल्ड सेंटोसा नामक दो एकीकृत रिसॉर्ट्स भी हैं जहां कैसिनो यानी जुआ खेलने के अड्डे मौजूद हैं। .

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संतरा (फल)

संतरा एक फल है। संतरे को हाथ से छीलने के बाद पेशीयोँ को अलग कर के चूसकर खाया जा सकता है। सँतरे का रस निकालकर पीया जा सकता है। संतरा ठंडा, तन और मन को प्रसन्नता देने वाला है। उपवास और सभी रोगों में नारंगी दी जा सकती है। जिनकी पाचन शक्ति खराब हो, उनको नारंगी का रस तीन गुने पानी में मिलाकर देना चाहिये। एक व्यक्ति को एक बार में एक या दो नारंगी लेना पर्याप्त है। एक व्यक्ति को जितने विटामिन ‘सी’ की आवश्यकता होती है, वह एक नारंगी प्रतिदिन खाते रहने से पूरी हो जाती है। खांसी-जुकाम होने पर नारंगी के रस का एक गिलास नित्य पीते रहने से लाभ होगा। स्वाद के लिये नमक या मिश्री डालकर पी सकते है। .

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एक अंग है, जिसका उत्तरदायित्व है अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना। परिषद को अनिवार्य निर्णयों को घोषित करने का अधिकार भी है। ऐसे किसी निर्णय को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव कहा जाता है। सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य है ः पांच स्थाई और दस अल्पकालिक (प्रत्येक 2 वर्ष के लिए) पांच स्थाई सदस्य हैं चीन, फ़्रांस, रूस, ग्रेट ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका । इन पांच देशों को कार्यविधि मामलों में तो नहीं पर विधिवत मामलों में प्रतिनिषेध शक्ति है। बाकी के दस सदस्य क्षेत्रीय आधार के अनुसार दो साल की अवधि के लिए सामान्य सभा द्वारा चुने जाते है। सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हर महीने वर्णमालानुसार बदलता है। .

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संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक तथा सामाजिक परिषद (अंग्रेज़ी लघुरूप:ईसीओएसओसी) संयुक्त राष्ट्र संघ के कुछ सदस्य राष्ट्रों का एक समूह है, जो सामान्य सभा को अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एवं सामाजिक सहयोग एवं विकास कार्यक्रमों में सहायता करता है। यह परिषद सामाजिक समस्याओं के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को प्रभावी बनाने में प्रयासरत है। इसके अनुसार विश्व में शांति बनाये करने का एकमात्र हल राजनीतिक नहीं है। इसकी स्थापना 1945 की गयी थी।।हिन्दुस्तान लाइव।14 नवंबर, 2009 आरंभिक समय में इस परिषद में मात्र 18 सदस्य होते थे। 1965 में संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र को संशोधित करके इसके सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 27 कर दी गई और 1971 में सदस्यों की संख्या बढ़कर 54 हो गई।।वॉयस ऑफ अमेरिका।23 अक्टूबर, 2008 प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। एक-तिहाई सदस्य प्रतिवर्ष पदमुक्त होते हैं, यानि प्रतिवर्ष 18 सदस्य बदले जाते हैं। पदमुक्त होने वाला सदस्य पुन: निर्वाचित भी हो सकता है। आर्थिक तथा सामाजिक परिषद में प्रत्येक सदस्य राज्य का एक ही प्रतिनिधि होता है। अध्यक्ष का कार्यकाल एक वर्ष के लिए होता है और उसका चयन ईसीओएसओसी के छोटे और मंझोले प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष सिल्वी ल्सूकस है। 1892 में आर्थिक और सामाजिक परिषद के अधिकारों को बढ़ाया गया। अल्जीरिया, चीन, बेलारुस, जापान, सूडान, न्यूजीलैंड इसके सदस्य हैं। यहां के निर्णय उपस्थित एवं मतदान में भाग लेने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत द्वारा लिए जाते हैं। किसी विशेष राज्य के विषय पर विचार करने के लिए जब परिषद की बैठक होती है, तो वह उस राज्य के प्रतिनिधि को आमंत्रित करती है। इस बैठक विशेष में उस प्रतिनिधि को मत देने का अधिकार नहीं होता है। परिषद हर वर्ष जुलाई में चार सप्ताह के लिए मिलती है और 1998 के बाद से वह अप्रैल में विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक निधि के वित्तीय मंत्रियों के साथ एक और सम्मेलन होता है। आर्थिक एवं सामाजिक परिषद विश्व की जनसंख्या के जीवन में सुधार हेतु गरीबों, घायलों एवं अशिक्षितों की सहायता करके अंतर्राष्ट्रीय शांति बहाली के प्रयास करती है। यह अंतर्राष्ट्रीय मामलों में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य आदि मामलों का अध्ययन करती है। .

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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संयुक्त राज्य अमेरिका में अमेरिकी मूल-निवासी

संयुक्त राज्य अमेरिका में अमेरिकी मूल-निवासी उत्तरी अमेरिका में वर्तमान महाद्वीपीय संयुक्त राज्य अमेरिका, अलास्का के भागों और हवाई के द्वीपीय राज्य की सीमाओं के भीतर रहने वाले मूलनिवासी लोग हैं। वे अनेक, विशिष्ट कबीलों, राज्यों और जाति-समूहों से मिलकर बने हैं, जिनमें से अनेक का अस्तित्व पूर्ण राजनैतिक समुदायों के रूप में मौजूद है। अमेरिकी मूल-निवासियों का उल्लेख करने के लिए प्रयुक्त शब्दावलियाँ विवादास्पद हैं; यूएस सेंसस ब्यूरो (US Census Bureau) के सन 1995 के घरेलू साक्षात्कारों के एक समुच्चय के अनुसार, अभिव्यक्त प्राथमिकता वाले उत्तरदाताओं में से अनेक ने अपना उल्लेख अमेरिकन इन्डियन्स (American Indians) अथवा इन्डियन्स (Indians) के रूप में किया। पिछले 500 वर्षों में, अमेरिकी महाद्वीप में एफ्रो-यूरेशियाई अप्रवासन के परिणामस्वरूप पुराने और नये विश्व के समाजों के बीच सदियों तक टकराव और समायोजन हुआ है। अमेरिकी मूल-निवासियों के बारे में अधिकांश लिखित ऐतिहासिक रिकॉर्ड की रचना यूरोपीय लोगों द्वारा अमेरिका में उनके अप्रवासन के बाद की गई थी। "नेटिव अमेरिकन्स फर्स्ट व्यू व्हाइट्स फ्रॉम द शोर," अमेरिकन हेरिटेज, स्प्रिंग 2009.

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संयुक्त अरब अमीरात

संयुक्त अरब अमीरात मध्यपूर्व एशिया में स्थित एक देश है। सन् १८७३ से १९४७ तक यह ब्रिटिश भारत के अधीन रहा। उसके बाद इसका शासन लंदन के विदेश विभाग से संचालित होने लगा। १९७१ में फारस की खाड़ी के सात शेख राज्यों आबू धाबी, शारजाह, दुबई, उम्म अल कुवैन, अजमान, फुजइराह तथा रस अल खैमा को मिलाकर स्वतंत्र संयुक्त अरब अमीरात की स्थापना हुई। इसमें रास अल खैमा १९७२ में शामिल हुआ। 19वीं सदी में यूनाइटेड किंगडम और अनेक अरब शेखों के बीच हुई संधि की वजह से 1971 से पहले संयुक्त अरब अमीरात को युद्धविराम संधि राज्य के नाम से जाना जाता था। इसके अलावा क्षेत्र के अमीरात की वजह से 18वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी के शुरुआत तक इसे पायरेट कोस्ट के नाम से भी जाना जाता था। 1971 के संविधान के आधार पर संयुक्त अरब अमीरात की राजनैतिक व्यवस्था आपस में जुड़े कई प्रबंधकीय निकायों से मिलकर बनी है। इस्लाम देश का राष्ट्रीय धर्म और अरबी राष्ट्रीय भाषा है। तेल भंडार के मामले में दुनिया का छठवां सबसे बड़ा देश संयुक्त अरब अमीरात की अर्थव्यवस्था मध्यपूर्व में सबसे विकसित है। .

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संयुक्त अरब अमीरात क्रिकेट टीम

संयुक्त अरब अमीरात (अंग्रेजी:United Arab Emirates national cricket team)(अरबी: فريق الإمارات الوطني للكريكيت‎) एक राष्ट्रीय क्रिकेट टीम है जो एशिया महाद्वीप के अंतर्गत आती है। इनको सक्षिप्त रूप से (यूएई) के नाम से जानी जाती है। .

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सुएज़ की खाड़ी

सुएज़ की खाड़ी (अरबी:, ख़लीज अल​-सुवेईस; अंग्रेज़ी: Gulf of Suez) लाल सागर के उत्तरी भाग में सीनाई प्रायद्वीप के पश्चिम में और मिस्र की मुख्यभूमि के पूर्व में स्थित एक खाड़ी है। इस खाड़ी के बीच की काल्पनिक रेखा एशिया और अफ़्रीका के महाद्वीपों की विभाजन रेखा मानी जाती है। खाड़ी के उत्तरी अंत पर मिस्र का सुएज़ शहर और सुएज़ नहर में प्रवेश करने का रास्ता है। .

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सुथनी

सुथनी (वानस्पतिक नाम: Dioscorea esculenta; अंग्रेजी: lesser yam) एक प्रकार का कंद है जो शकरकंद परिवार से आता है। हालांकि इसका स्वाद शकरकंद के सामान मीठा नहीं होता, फिर भी यह कठिन परिश्रम करने वाले लोगों को लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करता है। शकरकंद प्रजाति का यह कंद अब विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुका है। यह जमीन की सतह से पांच-छः इंच नीचे पैदा होता है। सुथनी को मुख्यतः उबालकर खाया जाता है और इसका स्वाद हल्का मीठा होता है। हालांकि प्रत्येक कंद का कुछ भाग स्वादहीन होता है। आजकल सुथनी के कई व्यंजन भी बनाए जाने लगे हैं। सुथनी को अंग्रेजी में लेसर येम कहा जाता है और इसका वानस्पतिक नाम दायोस्कोरिया एस्कुलान्ता है। इसकी लता तीन मीटर तक लंबी होती है। यह उष्णकटिबंधीय प्रदेशों, खासकर एशिया और प्रशांत क्षेत्रों में मुख्य खाद्य पदार्थों में से एक रहा है। चीन में 1700 सालों से भी अधिक समय से इसका बड़ी मात्रा में उत्पादन किया जाता रहा है। .

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सुभाष चन्द्र बोस

सुभाष चन्द्र बोस (बांग्ला: সুভাষ চন্দ্র বসু उच्चारण: शुभाष चॉन्द्रो बोशु, जन्म: 23 जनवरी 1897, मृत्यु: 18 अगस्त 1945) जो नेता जी के नाम से भी जाने जाते हैं, भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जब नेता जी ने जापान और जर्मनी से मदद लेने की कोशिश की थी तो ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को 1941 में उन्हें ख़त्म करने का आदेश दिया था। नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हाल के सामने 'सुप्रीम कमाण्डर' के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए "दिल्ली चलो!" का नारा दिया और जापानी सेना के साथ मिलकर ब्रिटिश व कामनवेल्थ सेना से बर्मा सहित इम्फाल और कोहिमा में एक साथ जमकर मोर्चा लिया। 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष बोस ने आजाद हिन्द फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतन्त्र भारत की अस्थायी सरकार बनायी जिसे जर्मनी, जापान, फिलीपींस, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड ने मान्यता दी। जापान ने अंडमान व निकोबार द्वीप इस अस्थायी सरकार को दे दिये। सुभाष उन द्वीपों में गये और उनका नया नामकरण किया। 1944 को आजाद हिन्द फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया। कोहिमा का युद्ध 4 अप्रैल 1944 से 22 जून 1944 तक लड़ा गया एक भयंकर युद्ध था। इस युद्ध में जापानी सेना को पीछे हटना पड़ा था और यही एक महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध हुआ। 6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गांधी के नाम एक प्रसारण जारी किया जिसमें उन्होंने इस निर्णायक युद्ध में विजय के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनायें माँगीं। नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है। जहाँ जापान में प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भारत में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज भी यह मानना है कि सुभाष की मौत 1945 में नहीं हुई। वे उसके बाद रूस में नज़रबन्द थे। यदि ऐसा नहीं है तो भारत सरकार ने उनकी मृत्यु से सम्बंधित दस्तावेज़ अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किये? 16 जनवरी 2014 (गुरुवार) को कलकत्ता हाई कोर्ट ने नेताजी के लापता होने के रहस्य से जुड़े खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की माँग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिये स्पेशल बेंच के गठन का आदेश दिया। .

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सुजलॉन एनर्जी

किंग सिटी, मिसौरी में ब्लूग्रास रिज विंड फ़ार्म पर एक पुराने गैस पंप के सामने रखे सुजलॉन जनरेटर सुजलॉन एनर्जी भारत में स्थित एक वैश्विक पवन ऊर्जा कम्पनी है। बाजार में हिस्सेदारी के मामले में, यह कंपनी एशिया में चौथी सबसे बड़ी विंड टरबाइन निर्माता है (और दुनिया भर में 8वीं सबसे बड़ी).

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सुई राजवंश

सुई राजवंश (चीनी: 隋朝, सुई चाओ; अंग्रेज़ी: Sui Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था। यह केवल ५८९ ईसवी से ६१८ ईसवी (यानि २९ वर्ष) तक चला लेकिन इस समय में वह सशक्त रहा। सुई काल से पहले उत्तरी और दक्षिणी राजवंशों का काल था और उसके बाद तंग राजवंश सत्ता में आया। .

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सुअर इन्फ्लूएंजा

स्थानिक्वारी सूअरों में सुअर इन्फ्लूएंजा इस reassorted इन्फ्लूएंजा H1N1 वायरस के संक्रमण सीडीसी प्रयोगशाला में फोटो खिंचवाने के इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप छवि. इस वायरस व्यास में 80-120 नानोमेत्रेस है। 4 सुअर इन्फ्लूएंजा (जिसे स्वाएन फ्लू, स्अर फ्लू या शूकर फ्लू भी कहते हैं), एक संक्रामक है जो "सूअर इन्फ़्लुएन्ज़ा वाइरस" नाम के सूक्ष्म जीव की अनेको विशिष्ट प्रकार की प्रजातियों में से किसी एक प्रकार के धारक से होती है। 2009 में संचार माध्यम ने इसको स्वाइन फ्लूकहा जो एक नई नस्ल A/H1N1 पैन्डेमिक वायरस से होता है, वैसे ही जैसे इससे पहले 'बर्ड फ्लू' हुआ था जिस फ्लू ने हाल ही में एशियाई-वंशावली HPAI (उच्च रोगजनक एवियन इन्फ़्लुएन्ज़ा) H5N1 नाम के वायरस से होता है जो कई देशों में स्थानीय जंगली पक्षियों के कई प्रजातियों में पाया जाता है, से होता था। एक सूअर इन्फ्लूएंजा वायरस (SIV) जो सामान्यतः होस्ट वायरस है जो (किसी भी स्थानीय) सुआरों में पाया जाता है। वर्ष 2009 के अनुसार SIV भेद में इन्फ्लूएंजा C वायरस और उपभेद इन्फ्लूएंजा A वायरस जो H1N1, H1N2, H3N1, H3N2, H2N3, के रूप में माना जाता है, से होता है। सुअर फ्लू दुनिया भर में सुअर आबादी में आम है। सूअर इन्फ्लुएंजा आम तौर पर सुअरों से मनुष्यों में नहीं फैलता है और अक्सर मानव इन्फ्लुएंजा का कारण नहीं होता है, तथा अक्सर इसके फलस्वरूप रक्त में केवल एंटीबॉडी ही पैदा होते हैं। पशु के मांस को यदि अच्छी तरह पकाया गया हो तो उससे संक्रमण का कोई ख़तरा नहीं होता है। यदि संक्रमण के कारण मानव इन्फ्लुएंजा होता है तो उसे जूनोटिक सूअर फ्लू कहते हैं। जो लोग सूअर के साथ काम करते हैं और उनके साथ अधिक रहते हैं उनको सुवर फ्लू होने का खतरा ज्यादा होता है। 20वीं शताब्दी के मध्य में, इन्फ्लूएंजा उपभेदों की पहचान संभव हो सका, जो मनुष्य के लिए संचरण के सही निदान की जानकारी देता है। तब से, पचास संचरण की पुष्टि दर्ज की गई है। इस तरह की नसल एक मनुष्य से दुसरे मनुष्य में बहुत कम ही प्रवेश करता है। मनुष्य में सूअर फ्लू के लक्षण मूलतः इन्फ़्लुएन्ज़ा के लक्षण होते हैं या इन्फ़्लुएन्ज़ा जैसे लक्षण होते हैं, जैसे - जैसे ठंड लगना, बुखार का आना, गले में ख़राश, मांसपेशियों में दर्द, गंभीर सिर दर्द, खांसी, कमजोरी और सामान्य असुविधा.

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स्लावी भाषाएँ

देश जिनमें एक दक्षिणी स्लावी भाषा राष्ट्रभाषा है स्लावी भाषाएँ (अंग्रेज़ी: Slavic languages) या स्लावोनी भाषाएँ (अंग्रेज़ी: Slavonic languages) हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार की एक उपशाखा है जो पूर्वी यूरोप, बाल्कन क्षेत्र और उत्तरी एशिया के साइबेरिया क्षेत्र में बोली जाती हैं। स्लावी भाषाएँ बोलने वाली मूल जातियों को स्लाव लोग कहा जाता है। .

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स्वर्ग गुफा

स्वर्ग गुफा स्वर्ग गुफा स्वर्ग गुफा वियतनाम में एक गुफा है, DongHoi के 60 किमी उत्तर पश्चिम और हनोई के 450 किमी दक्षिण.

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स्वेज़ नहर

स्वेज नहर की स्थिति तथा उसका अंतरिक्ष से लिया गया चित्र स्वेज नहर (Suez canal) लाल सागर और भूमध्य सागर को संबंद्ध करने वाली एक नहर है। सन् 1859 में एक फ्रांसीसी इंजीनियर फर्डीनेण्ड की देखरेख में स्वेज नहर का निर्माण शुरु हुआ था। यह नहर आज 165 किमी लंबी, 48 मी चौड़ी और 10 मी गहरी है। दस वर्षों में बनकर यह तैयार हो गई थी। सन् 1869 में यह नहर यातायात के लिए खुल गई थी। पहले केवल दिन में ही जहाज नहर को पार करते थे पर 1887 ई. से रात में भी पार होने लगे। 1866 ई. में इस नहर के पार होने में 36 घंटे लगते थे पर आज 18 घंटे से कम समय ही लगता है। यह वर्तमान में मिस्र देश के नियंत्रण में है। इस नहर का चुंगी कर बहुत अधिक है। इस नहर की लंबाई पनामा नहर की लंबाई से दुगुनी होने के बाद भी इसमें पनामा नहर के खर्च का 1/3 धन ही लगा है। .

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सौर घड़ी

क्षैतिज सौर घड़ी मिनेसोटा में। १७ जून १२:२१ बजे, ४४°५१′३९.३″उ, ९३°३६′५८.४″प. सौर घड़ी (अंग्रेज़ी:सन डायल) का प्रयोग सूर्य की दिशा से समय का ज्ञान करने के लिए किया जाता था। इन घड़ियों की कार्यशैली और क्षमता दिन के समय तक सीमित होती थी क्योंकि यह रात के समय काम नहीं कर पाती थीं। इसके फिर भी विश्व में समय जानने हेतु सबसे पहले इनका प्रयोग किया गया था। इन्हीं घड़ियों को आधार बनाकर समय बताने वाली अन्य घड़ियों का आविष्कार हुआ था।। हिन्दुस्तान लाइव। २८ मार्च भारत में प्राचीन वैदिक काल से सौर घड़ियों का प्रयोग होता रहा है। सूर्य सिद्धांत में सौर घड़ी द्वारा समय मापन के शुद्ध तरीके अध्याय ३ और १३ में वर्णित हैं। .

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सैन होज़े, कैलिफोर्निया

सैन होज़े (जिसका स्पेनिश में अर्थ है - सेंट जोसफ) कैलिफोर्निया का तीसरा सबसे बड़ा शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका का दसवां सबसे बड़ा शहर और सांता क्लारा काउंटी का काउंटी सीट है। यह देश के 31वें सबसे बड़े महानगरीय क्षेत्र का एक ऐंकर है जो सैन फ्रांसिस्को खाड़ी के दक्षिणी छोर पर स्थित है। सैन होज़े कभी एक छोटा सा कृषि शहर था जहां 1950 के दशक से अब तक बड़ी तेज़ी से विकास हुआ है। जनसंख्या, भूमि क्षेत्र, एवं औद्योगिक विकास की दृष्टि से सैन होज़े खाड़ी क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है। 1 जनवरी 2010 तक इसकी अनुमानित जनसंख्या 1,023,083 थी। सैन होज़े की नींव 29 नवम्बर 1777 को नुएवा कैलिफोर्निया के स्पेनिश कॉलोनी के पहले कस्बे, एल पुएब्लो डी सैन होज़े डी ग्वाडालूप (El पुएब्लो de San José de Guadalupe), के रूप में रखी गई, जो बाद में अल्टा कैलिफोर्निया बना.

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सूखा

अकाल भोजन का एक व्यापक अभाव है जो किसी भी पशुवर्गीय प्रजाति पर लागू हो सकता है। इस घटना के साथ या इसके बाद आम तौर पर क्षेत्रीय कुपोषण, भुखमरी, महामारी और मृत्यु दर में वृद्धि हो जाती है। जब किसी क्षेत्र में लम्बे समय तक (कई महीने या कई वर्ष तक) वर्षा कम होती है या नहीं होती है तो इसे सूखा या अकाल कहा जाता है। सूखे के कारण प्रभावित क्षेत्र की कृषि एवं वहाँ के पर्यावरण पर अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था डगमगा जाती है। इतिहास में कुछ अकाल बहुत ही कुख्यात रहे हैं जिसमें करोंड़ों लोगों की जाने गयीं हैं। अकाल राहत के आपातकालीन उपायों में मुख्य रूप से क्षतिपूरक सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे कि विटामिन और खनिज पदार्थ देना शामिल है जिन्हें फोर्टीफाइड शैसे पाउडरों के माध्यम से या सीधे तौर पर पूरकों के जरिये दिया जाता है।, बीबीसी न्यूज़, टाइम सहायता समूहों ने दाता देशों से खाद्य पदार्थ खरीदने की बजाय स्थानीय किसानों को भुगतान के लिए नगद राशि देना या भूखों को नगद वाउचर देने पर आधारित अकाल राहत मॉडल का प्रयोग करना शुरू कर दिया है क्योंकि दाता देश स्थानीय खाद्य पदार्थ बाजारों को नुकसान पहुंचाते हैं।, क्रिश्चियन साइंस मॉनिटर लंबी अवधि के उपायों में शामिल हैं आधुनिक कृषि तकनीकों जैसे कि उर्वरक और सिंचाई में निवेश, जिसने विकसित दुनिया में भुखमरी को काफी हद तक मिटा दिया है।, न्यूयॉर्क टाइम्स, 9 जुलाई 2009 विश्व बैंक की बाध्यताएं किसानों के लिए सरकारी अनुदानों को सीमित करते हैं और उर्वरकों के अधिक से अधिक उपयोग के अनापेक्षित परिणामों: जल आपूर्तियों और आवास पर प्रतिकूल प्रभावों के कारण कुछ पर्यावरण समूहों द्वारा इसका विरोध किया जाता है।, न्यूयॉर्क टाइम्स, 2 दिसम्बर 2007, दी अटलांटिक .

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सेब

कोई विवरण नहीं।

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सॉसेज

कीएलबासा बिआला (श्वेत सॉसेज), जिनकोवा (धुंए द्वारा पकाया हुआ), स्लास्का और पोधालानस्का शैलियां (पोलैंड) सॉसेज एक खाद्य है जिसे गोमांस और सूअर के मांस, दोनों के पिसे मांस से बनाया जाता है। सामान्यतः इसमें पिसी हुई शूकर वसा (फैटबैक), नमक, जड़ी-बूटी और मसाला शामिल होता है। आम तौर पर सॉसेज को एक खोल में बनाया जाता है जो परंपरागत रूप से आंत से बना होता है, लेकिन कभी-कभी सिंथेटिक भी होता है। कुछ सॉसेज को प्रसंस्करण के दौरान पकाया जाता है और बाद में खोल को हटाया जा सकता है। सॉसेज निर्माण एक पारंपरिक खाद्य संरक्षण तकनीक है। सॉसेज को क्योरिंग, शुष्कीकरण या धुंआ द्वारा संरक्षित किया जा सकता है। .

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सोनपुर मेला

सोनपुर मेला बिहार के सोनपुर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा (नवंबर-दिसंबर) में लगता हैं। यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला हैं। मेले को 'हरिहर क्षेत्र मेला' के नाम से भी जाना जाता है जबकि स्थानीय लोग इसे छत्तर मेला पुकारते हैं। बिहार की राजधानी पटना से लगभग 25 किमी तथा वैशाली जिले के मुख्यालय हाजीपुर से ३ किलोमीटर दूर सोनपुर में गंडक के तट पर लगने वाले इस मेले ने देश में पशु मेलों को एक अलग पहचान दी है। इस महीने के बाकी मेलों के उलट यह मेला कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के बाद शुरू होता है। एक समय इस पशु मेले में मध्य एशिया से कारोबारी आया करते थे। अब भी यह एशिया का सबसे बडा पशु मेला माना जाता है। सोनपुर पशु मेला में आज भी नौटंकी और नाच देखने के लिए भीड़ उमड़ती है। एक जमाने में यह मेला जंगी हाथियों का सबसे बड़ा केंद्र था। मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य (340 ई॰पु॰ -298 ई॰पु), मुगल सम्राट अकबर और 1857 के गदर के नायक वीर कुँवर सिंह ने भी से यहां हाथियों की खरीद की थी। सन् 1803 में रॉबर्ट क्लाइव ने सोनपुर में घोड़े के बड़ा अस्तबल भी बनवाया था। एक दौर में सोनपुर मेले में नौटंकी की मल्लिका गुलाब बाई का जलवा होता था। सोनपुर मेला में भू-राजस्व विभाग का स्टॉल से बिहार के सभी राजस्व ग्रामों का डिजिटल मानचित्र 150 रूपये मात्र सरकारी शुल्क के द्वारा कोई भी नागरिक तीन मिनट के अन्दर प्राप्त कर सकते हैं। यह कार्य राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र पटना के तकनीकी सहयोग के द्वारा किया गया है। समय के बदलते प्रभाव के असर से हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला, पशु बाजारों से हटकर अब आटो एक्स्पो मेले का रूप लेता जा रहा है। पिछले कई वर्षों से इस मेले में कई कंपनियों के शोरूम तथा बिक्री केंद्र यहां खुल रहे हैं। मेले में रेल ग्राम प्रदर्शनी लगी। रेलग्राम में टॉय ट्रेन चलाई जा रही। सोनपुर मेले के प्रति विदेशी पर्यटकों में भी खास आकर्षण देखा जाता है। जर्मनी, अमेरिका, फ्रांस एवं अन्य विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए स्विस कॉटेजों का निर्माण किया जाता है। पर्यटकों को पटना एयरपोर्ट से सोनपुर मेला आने व जाने के लिए प्रीपेड टैक्सी भी उपलब्ध कराई जायेगी। मेलों से जुडे तमाम आयोजन तो यहां होते ही हैं। यहां हाथियों व घोडों की खरीद हमेशा से सुर्खियों में रहती है। पहले यह मेला हाजीपुर में होता था। सिर्फ हरिहर नाथ की पूजा सोनपुर में होती थी लेकिन बाद में मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश से मेला भी सोनपुर में ही लगने लगा। 2001 में, सोनपुर मेला में लाया गया हाथियों की संख्या 92 थी, जबकि 2016 में 13 हाथियों ने इसे मेले में बनाया, केवल प्रदर्शन के लिए, बिक्री के लिए नहीं। 2017 में, मेले में 3 टस्कर था। हरिहर क्षेत्र 2017 सोनपुर मेला 32 दिनों का होगा। सोनपुर मेले का उदघाटन इस बार 2 नवंबर को तथा समापन 3 दिसंबर को किया जाएगा। मेला में नौका दौड़, दंगल, वाटर सर्फिंग, वाटर के¨नग सहित विभिन्न प्रकार के खेल व प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। .

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सोनागाछी

सोनागाछी को वेश्यावृत्ति का एशिया का सबसे बड़ा इलाका कहा जाता है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में मौजूद है। एक अनुमान के मुताबिक यहां करीब 11 हजार वेश्याएं कई सौ बहु मंजिला इमारतों में देह धंधा करती हैं। यह इलाका उत्तरी कोलकाता के शोभा बाजार के समीप स्थित चित्तरंजन एवेन्यू में है। इस धंधे से जुडी महिलाओं को लाइसेंस दिया गया है। .

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सोग्याल रिनपोछे

सोग्याल रिनपोछे (Sogyal Rinpoche; བསོད་རྒྱལ་ / बसोद रग्यल) (जन्म: 1947) तिब्बत के न्यिंगमा सम्रदाय के एक जोगछेन लामा हैं। वे पिछले ३० से अधिक वर्षों से यूरोप, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और एशिया में घूमघूमकर धार्मिक शिक्षा दे रहे हैं। वे 'रिग्पा' नामक आध्यात्मिक संगठन के संस्थापक भी हैं जो विश्व के २३ से अधिक देशों के १०० से अधिक बौद्ध केन्द्रों का अन्तरराष्ट्रीय नेटवर्क है। उन्होने 'द तिबतन बुक ऑफ लिविंग ऐण्ड डाइंग' नामक एक पुस्तक भी लिखी है जो सर्वाधिक विक्रय होने वाली पुस्तकों में सम्मिलित है। यह पुस्तक विश्व के ५६ देशों की ३० भाषाओं में छप चुकी है। .

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सीनाई प्रायद्वीप

सीनाई प्रायद्वीप का नक़्शा सीनाई प्रायद्वीप या सीनाई या सीना प्रायद्वीप (अरबी भाषा: سيناء‎, अंग्रेज़ी: Sinai) मिस्र का एक त्रिकोणरुपी प्रायद्वीप है जो उत्तर में भूमध्य सागर और दक्षिणपश्चिम में लाल सागर की सुएज़ की खाड़ी और दक्षिणपूर्व में लाल सागर की अक़ाबा की खाड़ी के बीच में स्थित है। लगभग ६०,००० वर्ग किमी का यह इलाक़ा मिस्र का इकलौता क्षेत्र है जो एशिया के महाद्वीप पर पड़ता है (बाक़ी मिस्र उत्तर अफ़्रीका में है)। भौगोलिक दृष्टि से यह एशिया और अफ़्रीका के महाद्वीपों के बीच एक ज़मीनी पुल है। सीनाई और मिस्र की मुख्यभूमि के बीच सुएज़ नहर और सुएज़ की खाड़ी आती है। पूर्व में सीनाई की अकेली ज़मीनी सरहद इस्राइल से लगती है।, R. W. McColl, pp.

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सीरिया

सीरिया ('''سوريّة'''. or), आधिकारिक रूप से सीरियाई अरब गणराज्य (अरबी: الجمهورية العربية السورية), दक्षिण-पश्चिम एशिया का एक राष्ट्र है। इसके पश्चिम में लेबनॉन तथा भूमध्यसागर, दक्षिण-पश्चिम में इजराइल, दक्षिण में ज़ॉर्डन, पूरब में इराक़ तथा उत्तर में तुर्की है। इसराइल तथा इराक़ के बीच स्थित होने के कारण यह मध्य-पूर्व का एक महत्वपूर्ण देश है। इसकी राजधानी दमास्कस है जो उमय्यद ख़िलाफ़त तथा मामलुक साम्राज्य की राजधानी रह चुका है। अप्रैल 1946 में फ्रांस से स्वाधीनता मिलने के बाद यहाँ के शासन में बाथ पार्टी का प्रभुत्व रहा है। 1963 से यहाँ आपातकाल लागू है जिसके कारण 1970 के बाद से यहाँ के शासक असद परिवार के लोग होते हैं। .

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सीरिया का भूगोल

सीरिया, भूमध्य सागर के पूर्वी छोर पर स्थित है। इसमें 185,180 वर्ग किलोमीटर (71,500 वर्ग मील) का कुल क्षेत्रफल है, जिसे चौदह प्रशासनिक इकाइयों में विभाजित किया गया है। सीरिया की सीमाओं में उत्तर और पश्चिम में तुर्की के साथ, पूर्व में इराक, दक्षिण में जॉर्डन और इजराइल, और दक्षिण-पश्चिम में लेबनान की सीमाएं हैं यद्यपि सीरिया का ज्यादा हिस्सा मरुस्थल है, हालांकि इसकी जमीन का 28% भाग सामान्य भूमि है, और फूरात नदी से सिंचाई का पानी सीरिया की कृषि में महत्वपूर्ण है। सीरिया में सबसे ऊंचा बिंदु हेर्मोन पर्वत है, 2,814 मीटर (9 322 फीट) में। सबसे निचला विन्दु गलील सागर के पास है, समुद्र से -200 मीटर (-656 फीट)। .

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हनुमान मंदिर, कनॉट प्लेस

नई दिल्ली के हृदय कनॉट प्लेस में महाभारत कालीन श्री हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर है। यहाँ पर उपस्थित हनुमान जी स्वयंभू हैं। बालचन्द्र अंकित शिखर वाला यह मंदिर आस्था का महान केंद्र है।। हनुमान जयंती इसके साथ बने शनि मंदिर का भी प्राचीन इतिहास है। एक दक्षिण भारतीय द्वारा बनवाए गए कनॉट प्लेस शनि मंदिर में दुनिया भर के दक्षिण भारतीय दर्शनों के लिए आते हैं।। नवभारत टाइम्स। १८ अप्रैल २००७। पीयुष के जैन प्रत्येक मंगलवार एवं विशेषतः हनुमान जयंती के पावन पर्व पर यहां भजन संध्या और भंडारे लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाता है। इसके साथ ही भागीरथी संस्था के तत्वाधान में संध्या का आयोजन किया जाता है, साथ ही क्षेत्र में झांकी निकाली जाती है।। याहू जागरण। .

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हनीश द्वीपसमूह

हनीश द्वीपसमूह (अरबी:, अंग्रेजी: Hanish Islands) लाल सागर में स्थित एक द्वीपसमूह है। इसके द्वीप लाल सागर को अदन की खाड़ी से जोड़ने वाली बाब अल-मन्देब जलसन्धि के पास यमन और इरित्रिया के तटों के बीच स्थित है। अफ़्रीका के पास होने के बावजूद यह एशिया के महाद्वीप का हिस्सा माना जाता है क्योंकि यह उसकी महाद्वीपीय जलसीमा के अंदर पड़ता है। इनमें से अधिकतर यमन के भाग हैं हालांकि १९९८-१९९९ से पहले इरित्रिया भी इन्हें अपना हिस्सा बताता था। १९९५ में हुई हनीश द्वीप झड़प के बाद (अंतरराष्ट्रीय) स्थाई मध्यस्थता न्यायालय ने इसपर ग़ौर किया और १९९६ में इसके बड़े द्वीप यमन के भाग घोषित किए गए।, Mussie Tesfagiorgis G., pp.

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हरियाणा में खेलकूद

कोई विवरण नहीं।

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हरिहर क्षेत्र

बिहार की राजधानी पटना से पाँच किलोमीटर उत्तर सारण में गंगा और गंडक के संगम पर स्थित 'सोनपुर' नामक कस्बे को ही प्राचीन काल में हरिहरक्षेत्र कहते थे। देश के चार धर्म महाक्षेत्रों में से एक हरिहरक्षेत्र है। ऋषियों और मुनियों ने इसे प्रयाग और गया से भी श्रेष्ठ तीर्थ माना है। ऐसा कहा जाता है कि इस संगम की धारा में स्नान करने से हजारों वर्ष के पाप कट जाते हैं। कर्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ एक विशाल मेला लगता है जो मवेशियों के लिए एशिया का सबसे बड़ा मेला समझा जाता है। यहाँ हाथी, घोड़े, गाय, बैल एवं चिड़ियों आदि के अतिरिक्त सभी प्रकार के आधुनिक सामान, कंबल दरियाँ, नाना प्रकार के खिलौने और लकड़ी के सामान बिकने को आते हैं। सोनपुर मेला लगभग एक मास तक चलता है। इस मेले के संबंध में अनेक किंवदंतियाँ प्रचलित हैं। .

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हरी चाय

गायवान में पकी हरी चाय की पत्तियाँ किण्वन की विभिन्न श्रेणियों में चाय कैमेलिया साइनेसिस का पौधा हरी चाय (अंग्रेज़ी: ग्रीन टी) एक प्रकार की चाय होती है, जो कैमेलिया साइनेन्सिस नामक पौधे की पत्तियों से बनायी जाती है। इसके बनाने की प्रक्रिया में ऑक्सीकरण न्यूनतम होता है। इसका उद्गम चीन में हुआ था और आगे चलकर एशिया में जापान से मध्य-पूर्व की कई संस्कृतियों से संबंधित रही। इसके सेवन के काफी लाभ होते हैं।। हिन्दुस्तान लाइव। ६ जनवरी २०१० प्रतिदिन कम से कम आठ कप ग्रीन टी हृदय रोग होने की संभावनाओं को कम करने कोलेस्ट्राल को कम करने के साथ ही शरीर के वजन को भी नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध होती है। प्रायः लोग ग्रीन टी के बारे में जानते हैं लेकिन इसकी उचित मात्र न ले पाने की वजह से उन्हें उनका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। हरी चाय का फ्लेवर ताज़गी से भरपूर और हल्का होता है तथा स्वाद सामान्य चाय से अलग होता है। इसकी कुछ किस्में हल्की मिठास लिए होती है, जिसे पसंद के अनुसार दूध और शक्कर के साथ बनाया जा सकता है।। दैनिक भास्कर। १ मार्च २००८ ग्रीन टी बनाने के लिए एक प्याले में २-४ ग्राम चाय पड़ती है। पानी को पूरी तरह उबलने के बाद २-३ मिनट के लिए छोड़ देते हैं। प्याले में रखी चाय पर गर्म पानी डालकर फिर तीन मिनट छोड़ दें। इसे कुछ देर और ठंडा होने पर सेवन करते हैं। विभिन्न ब्रांड के अनुसार एक दिन में दो से तीन कप ग्रीन टी लाभदायक होती है। इसका अर्थ है कि एक दिन में ३००-४०० मिलीग्राम ग्रीन टी पर्याप्त होती है। अब तक ग्रीन टी का सिर्फ एक ही नुकसान ज्ञात हुआ है, अनिद्रा यानी नींद कम आने की बीमारी। इसका कारण चाय में उपस्थित कैफीन है। हालांकि इसमें कॉफी के मुकाबले कम कैफीन होता है। .

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हरी सिंह थापा

हरि सिंह थापा भारतीय अन्तराष्ट्रीय बक्सर एवम् राष्ट्रिय कोच हैं। हरि भारतीय बक्सिंगके पितामह उपाधि से परिचत हैं। भारत के ललात हिमालय के वृक्षस्थल एवं कूमार्चल की वीर प्रसविनी श्स्य श्यामला भूमी अनंत काल से ही देश भक्तो, वैज्ञानिको तथा वीर सेनानियो की जन्मदात्री रही है। इसी उत्तरांचल कि पावन धरती ने क्रीड़ा क्ष्रेत्र मै भी ऐसे अनेक ज्वाज्वल्यमान रत्नों को जन्म दिया है जिनकी आभा ने देश ही नहीं बाल्कि विदेशो को भी आलोकित किया है। जहां एक ओर स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद चीन और पाकिस्तान से युध मै एवं उसके बाद बांग्लादेश की स्वतंत्रता की लड़ाई के मैदान में यहां के जांबांजो ने अपने अद् भुत यूध कौशल एंव शोर्य से जनपद का नाम रोशन किया, वहीं दूसरी ओर जनपद पिथौरागढ़ के खिलाड़ियो ने खेल के मैदनों में भी अपने उत्कृष्ट खेल क प्रदर्शन से अन्तराष्ट्रीय खेल जगत के इतिहास में पिथौरागढ़ क नाम स्वणाक्षरों में अन्कित करवाया गया है। इन्हीं विशिष्ट खिलाड़ियो मै एक नाम है -अन्तराष्ट्रीय मुक्केबाज श्री हरी सिंह थापा का, जिन्होने अपनी लगन एवं मेहनत से मुक्केबाज क ऊंचे सपनों को पारकर भारत का श्रेष्ठ मुक्केबाज होने क गौरव प्राप्त किया। .

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हलाकु ख़ान

इलख़ानी साम्राज्य का संस्थापक हलाकु ख़ान अपनी पत्नी दोक़ुज़ ख़ातून के साथ सन् १२५८ में हलाकु की फ़ौज बग़दाद को घेरे हुए हलाकु द्वारा ज़र्ब किया गया ख़रगोश के चिह्न वाला सिक्का हलाकु ख़ान या हुलेगु ख़ान (मंगोल: Хүлэг хаан, ख़ुलेगु ख़ान; फ़ारसी:, हूलाकू ख़ान; अंग्रेजी: Hülegü Khan;; जन्म: १२१७ ई अनुमानित; देहांत: ८ फ़रवरी १२६५ ई) एक मंगोल ख़ान (शासक) था जिसने ईरान समेत दक्षिण-पश्चिमी एशिया के अन्य बड़े हिस्सों पर विजय करके वहाँ इलख़ानी साम्राज्य स्थापित किया। यह साम्राज्य मंगोल साम्राज्य का एक भाग था। हलाकु ख़ान के नेतृत्व में मंगोलों ने इस्लाम के सबसे शक्तिशाली केंद्र बग़दाद को तबाह कर दिया। ईरान पर अरब क़ब्ज़ा इस्लाम के उभरने के लगभग फ़ौरन बाद हो चुका था और तबसे वहाँ के सभी विद्वान अरबी भाषा में ही लिखा करते थे। बग़दाद की ताक़त नष्ट होने से ईरान में फ़ारसी भाषा फिर पनपने लगी और उस काल के बाद ईरानी विद्वान और इतिहासकार फ़ारसी में ही लिखा करते थे।, Craig A. Lockard, Cengage Learning, 2010, ISBN 978-1-4390-8535-6,...

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हाथी

अफ़्रीकी हाथी का कंकाल हाथी जमीन पर रहने वाला एक विशाल आकार का प्राणी है। यह जमीन पर रहने वाला सबसे विशाल स्तनपायी है। यह एलिफैन्टिडी कुल और प्रोबोसीडिया गण का प्राणी है। आज एलिफैन्टिडी कुल में केवल दो प्रजातियाँ जीवित हैं: ऍलिफ़स तथा लॉक्सोडॉण्टा। तीसरी प्रजाति मैमथ विलुप्त हो चुकी है।जीवित दो प्रजातियों की तीन जातियाँ पहचानी जाती हैं:- ''लॉक्सोडॉण्टा'' प्रजाति की दो जातियाँ - अफ़्रीकी खुले मैदानों का हाथी (अन्य नाम: बुश या सवाना हाथी) तथा (अफ़्रीकी जंगलों का हाथी) - और ऍलिफ़स जाति का भारतीय या एशियाई हाथी।हालाँकि कुछ शोधकर्ता दोनों अफ़्रीकी जातियों को एक ही मानते हैं,अन्य मानते हैं कि पश्चिमी अफ़्रीका का हाथी चौथी जाति है।ऍलिफ़ॅन्टिडी की बाकी सारी जातियाँ और प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं। अधिकतम तो पिछले हिमयुग में ही विलुप्त हो गई थीं, हालाँकि मैमथ का बौना स्वरूप सन् २००० ई.पू.

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हान राजवंश

चीन में हान साम्राज्य का नक़्शा एक मकबरे में मिला हानवंश के शासनकाल में निर्मित लैम्प हान काल में जारी किया गया एक वुशु (五銖) नाम का सिक्का हान काल में बना कांसे के गियर (दांतदार पहिये) बनाने का एक साँचा हान राजवंश (चीनी: 漢朝, हान चाओ; अंग्रेज़ी: Han Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था जिसने चीन में २०६ ईसापूर्व से २२० ईसवी तक राज किया। हान राजवंश अपने से पहले आने वाले चिन राजवंश (राजकाल २२१-२०७ ईसापूर्व) को सत्ता से बेदख़ल करके चीन के सिंहासन पर विराजमान हुआ और उसके शासनकाल के बाद तीन राजशाहियों (२२०-२८० ईसवी) का दौर आया। हान राजवंश की नीव लिऊ बांग नाम के विद्रोही नेता ने रखी थी, जिसका मृत्यु के बाद औपचारिक नाम बदलकर सम्राट गाओज़ू रखा गया। हान काल के बीच में, ९ ईसवी से २३ ईसवी तक, शीन राजवंश ने सत्ता हथिया ली थी, लेकिन उसके बाद हान वंश फिर से सत्ता पकड़ने में सफल रहा। शीन राजवंश से पहले के हान काल को पश्चिमी हान राजवंश कहा जाता है और इसके बाद के हान काल को पूर्वी हान राजवंश कहा जाता है। ४०० से अधिक वर्षों का हान काल चीनी सभ्यता का सुनहरा दौर माना जाता है। आज तक भी चीनी नसल अपने आप को 'हान के लोग' या 'हान के बेटे' बुलाती है और हान चीनी के नाम से जानी जाती है। इसी तरह चीनी लिपि के भावचित्रों को 'हानज़ी' (यानि 'हान के भावचित्र') बुलाया जाता है।, Xiaoxiang Li, LiPing Yang, Asiapac Books Pte Ltd, 2005, ISBN 978-981-229-394-7,...

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हार्ट ऑफ एशिया

हार्ट अॉफ एशिया: इसकी स्थापना 2 नंवबर 2011 को इस्तांबुल तुर्की में हुई थी इसका उद्देश्य अफगानिस्तान को स्थिरता व समृध्दि प्रदान करना और अफगानिस्तान के सहयोग के लिए स्थापित हार्ट ऑफ एशिया के सदस्य देशों की संख्ता 14 है यह संगठन क्षेत्रीय देशों के बीच संतुलन साधने तथा आपसी सहयोग बढ़ाने का काम भी करता है।17 सहयोगी देश और 12 सहायक और अंतरराष्ट्रीय संगठन भी सामिल है। वर्ष 2016 का उद्देश्यछठी हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन अमृतसर भारत में हुआ था इसका मुख्य उद्देश्य आंतकवाद को खत्म करना है। .

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हाजीपुर

हाजीपुर (Hajipur) भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त के वैशाली जिला का मुख्यालय है। हाजीपुर भारत की संसदीय व्यवस्था के अन्तर्गत एक लोकसभा क्षेत्र भी है। 12 अक्टुबर 1972 को मुजफ्फरपुर से अलग होकर वैशाली के स्वतंत्र जिला बनने के बाद हाजीपुर इसका मुख्यालय बना। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावा आज यह शहर भारतीय रेल के पूर्व-मध्य रेलवे मुख्यालय है, इसकी स्थापना 8 सितम्बर 1996 को हुई थी।, राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। .

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हिण्डौन एयर फ़ोर्स स्टेशन

हिण्डौन एयर फ़ोर्स स्टेशन (Air Force Station Hindon) (Hindon AFS) (जिसे हिण्डन) भी कहा जाता है,एक भारतीय वायु सेना का विमानक्षेत्र है जो भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद ज़िले में स्थित है। इस विमानक्षेत्र की सतह कंक्रीट और एस्फाल्ट से बनी हुई है। यह विमानक्षेत्र हवाई बेस के हिसाब से पूरे एशिया में सबसे बड़ा और साथ ही विश्व का आठवां सबसे बड़ा एयर फ़ोर्स स्टेशन है। हिण्डौन एयर फोर्स स्टेशन १४ किलोमीटर फैला हुआ है जबकि २ किलोमीटर गोलाई में फैला हुआ है। यह एयर फोर्स स्टेशन हर साल ८ अक्टूबर को एयर फोर्स दिवस मनाता है। .

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हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार

हिन्द - यूरोपीय भाषाओं देश बोल रही हूँ. गाढ़े हरे रंग के देश में जो बहुमत भाषा हिन्द - यूरोपीय परिवार हैं, लाइट ग्रीन एक देश वह जिसका आधिकारिक भाषा हिंद- यूरोपीय है, लेकिन अल्पसंख्यकों में है। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा-परिवार संसार का सबसे बड़ा भाषा परिवार (यानी कि सम्बंधित भाषाओं का समूह) हैं। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा परिवार में विश्व की सैंकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ सम्मिलित हैं। आधुनिक हिन्द यूरोपीय भाषाओं में से कुछ हैं: हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, फ़्रांसिसी, जर्मन, पुर्तगाली, स्पैनिश, डच, फ़ारसी, बांग्ला, पंजाबी, रूसी, इत्यादि। ये सभी भाषाएँ एक ही आदिम भाषा से निकली है, उसे आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा का नाम दे सकता है। यह संस्कृत से बहुत मिलती-जुलती थी, जैसे कि वह सांस्कृत का ही आदिम रूप हो। .

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हिन्द-आर्य भाषाओं की सूची

हिन्द-आर्य भाषाओं में लगभग २१० (एसआईएल अनुमान) भाषाएँ और बोलियाँ आती हैं जो एशिया में बहुत से लोगों द्वारा बोली जाती हैं; यह भाषा परिवार हिंद-इरानी भाषा परिवार का भाग है। .

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हिन्दको भाषा

हिन्दको (Hindko) पश्चिमोत्तरी पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रांत के हिन्दकोवी लोगों और अफ़ग़ानिस्तान के कुछ भागों में हिन्दकी लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक हिंद-आर्य भाषा है। कुछ भाषावैज्ञानिकों के अनुसार यह पंजाबी की एक पश्चिमी उपभाषा है हालांकि इसपर कुछ विवाद भी रहा है। कुछ पश्तून लोग भी हिन्दको बोलते हैं। पंजाबी के मातृभाषी बहुत हद तक हिन्दको समझ-बोल सकते हैं।, Aydin Yücesan Durgunoğlu, Ludo Th Verhoeven, pp.

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हिमालय की पारिस्थितिकी

जैवविविधता के लिये प्रसिद्द फूलों की घाटी का एक दृश्य हिमालय की पारिस्थितिकी अथवा हिमालयी पारितंत्र जो एक पर्वतीय पारिस्थितिक तंत्र का उदाहरण है, भारत और विश्व के कुछ विशिष्ट पारितंत्रों में से एक है। हिमालय पर्वत तंत्र विश्व के सर्वाधिक नवीन और विशाल पर्वतों में से एक है। ध्रुवीय प्रदेशों के आलावा यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा हिम-भण्डार है और यहाँ करीब 1500 हिमनद पाए जाते हैं जो हिमालय के लगभग 17% भाग को ढंके हुए हैं। हिमालय पर्वत पर यहाँ की विशिष्ट जलवायवीय और भूआकृतिक विशेषताओं की वजह से कुछ विशिष्ट पारिस्थिक क्षेत्र पाए जाते हैं जो अपने में अद्वितीय हैं। उदाहरण के लिये फूलों की घाटी एक ऐसा ही जैवविविधता का केन्द्र है। पूर्वी हिमालय में वर्षा की अधिकता और अपेक्षा कृत नम जलवायु ने एक अलग ही प्रकार का पारितंत्र विकसित किया है। अपने विविध जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की जैवविविधता और इसके भौगोलिक प्रतिरूप के कारण हिमालयी पारितंत्र एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। नवीन वलित पर्वत होने के कारण अभी भी हिमालय क्षेत्र में भूअकृतिक स्थिरता नहीं आयी है और यह भूकम्पीय रूप से संवेदन शील तथा भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र में आता है। जलवायवीय रूप से भी यहाँ के हिमनदों के निवर्तन कि पुष्टि की गई है जो कि मानव द्वारा परिवर्धित जलवायु परिवर्तन का परिणाम माना जाता है। उपरोक्त कारणों से हिमालयी पारिस्थितकी अपने परिवर्तनशील होने के कारण भी महत्वपूर्ण है। इस विशिष्ट प्राकृतिक पर्यावरण में मनुष्य की क्रियाओं द्वारा एक अनन्य प्रकार का मानव पारितंत्र भी विकसित हुआ है। हिमालय की मानव पारिस्थितिकी में हुए अध्ययन यह साबित करते हैं की यहाँ मनुष्य और प्रकृति के बीच की अन्योन्याश्रयता ने एक विशिष्ट मानव पारिस्थितिकी निर्मित की है और हिमालय के परिवर्तनशील स्थितियों के कारण इस पर निर्भर मानव जनसंख्या भी बदलावों के प्रति संवेदनशील है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हिमालयी पारितंत्र एशिया के 1.3 बिलियन लोगों की आजीविका पर प्रभाव डालता है। .

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हिमालयी तहर

हिमालयी तहर Himalayan tahr (Hemitragus jemlahicus) जंगली बकरी से संबन्धित एक एशियाई समखुरीयगण प्राणी है। तहर प्रजाति के तीन बची हुई जातियाँ हैं और तीनों एशिया में ही पाई जाती हैं। यह हिमालय में दक्षिणी तिब्बत, उत्तरी भारत और नेपाल का मूल निवासी है। इसे न्यूजीलैंड, दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों और दक्षिण अफ्रीका में एक विदेशी प्रजाति के रूप में रोपित किया गया है। इन क्षेत्रों में इसकी आबादी को नियंत्रित करने और इन इलाकों के पारिस्थितिकी तंत्र पर इसके आने से पड़े प्रभाव को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। .

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हिरन खुरी

हिरनखुरी '' Convolvulus arvensis'' हिरनखुरी (वैज्ञानिक नाम: कानओलबूलस आर्वेन्सिस / Convolvulus arvensis) खरपतवार की एक जाति है जो एशिया एवं यूरोप का मूलवाली है। यह पसरने या चढ़ने वाली शाकभक्षी (herbaceous) लता है जो 0.5-2 मीटर ऊंची होती है। यह गेहूँ इत्यादि में उगती है। .

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हिंदचीन

फ्रेंच हिन्दचीन का प्रसार फ्रेंच हिन्दचीन के उपविभाग हिंदचीन (जिनेवा सम्मलेन के बाद फ़्रांसिसी वियतनाम से निकल गए और फ़्रांसिसी हिंदचीन का अंत हो गया। श्रेणी:वियतनाम श्रेणी:उपनिवेश.

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हक्कानी अंजुमन

हक्कानी अंजुमन (अंग्रेजी:Haqqani Anjuman;बांग्ला: হাক্কানী আঞ্জুমান उर्दू: حقانی انجمن; तमिल भाषा: ஹக்கானி அஞ்சுமான்; तेलुगू: హక్కాని అంజుమన్; गुजराती: હક્કાની અંજુમન;रूसी भाषा: Хаккани Анджуман;चीनी भाषा: 哈卡尼安朱曼 कन्नड़: ಹಕ್ಕಾನಿ ಅಂಜುಮನ್; मलयालम: ഹഖാനി അൻജുമൻ) एक इस्लामी सूफी गैर सरकारी संगठन है और यह इस्लाम धर्म के दूसरे खलीफा हजरत उमर (र०) के परिवार से 37 वे वंशज, हज़रत मौलाना सूफी मूफ्ती अज़ानगाछी साहेब (र०) द्वारा स्थापित है। यह सुफिवादी संगठन बिना किसी शुल्क के, पूरी मानव जाति की सेवा करने और उन्हें सही सलाह देने के साथ जुड़ा हुआ है। इस संगठन का केवल एक ही उद्देश्य है और वो है खुदा के सच्चे रास्ते का अनुसरण करना और प्रत्येक आदमी को एक बेहतर आदमी बनाना। इस हक्कानी अंजुमन का शाब्दिक अर्थ है: -"सत्य का संगठन"। इस हक्कानी अंजुमन के समर्थक दुनिया भर में मौजूद हैं। .

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हैदराबाद

हैदराबाद (तेलुगु: హైదరాబాదు,उर्दू: حیدر آباد) भारत के राज्य तेलंगाना तथा आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी है, जो दक्कन के पठार पर मूसी नदी के किनारे स्थित है। प्राचीन काल के दस्तावेजों के अनुसार इसे भाग्यनगर के नाम से जाना जाता था। आज भी यह प्राचीन नाम अत्यन्त ही लोकप्रिय है। कहा जाता है कि किसी समय में इस ख़ूबसूरत शहर को क़ुतुबशाही परम्परा के पाँचवें शासक मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने अपनी प्रेमिका भागमती को उपहार स्वरूप भेंट किया था, उस समय यह शहर भागनगर के नाम से जाना जाता था। भागनगर समय के साथ हैदराबाद के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसे 'निज़ामों का शहर' तथा 'मोतियों का शहर' भी कहा जाता है। यह भारत के सर्वाधिक विकसित नगरों में से एक है और भारत में सूचना प्रौधोगिकी एवं जैव प्रौद्यौगिकी का केन्द्र बनता जा रहा है। हुसैन सागर से विभाजित, हैदराबाद और सिकंदराबाद जुड़वां शहर हैं। हुसैन सागर का निर्माण सन १५६२ में इब्राहीम कुतुब शाह के शासन काल में हुआ था और यह एक मानव निर्मित झील है। चारमीनार, इस क्षेत्र में प्लेग महामारी के अंत की यादगार के तौर पर मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने १५९१ में, शहर के बीचों बीच बनवाया था। गोलकुंडा के क़ुतुबशाही सुल्तानों द्वारा बसाया गया यह शहर ख़ूबसूरत इमारतों, निज़ामी शानो-शौक़त और लजीज खाने के कारण मशहूर है और भारत के मानचित्र पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में अपनी अलग अहमियत रखता है। निज़ामों के इस शहर में आज भी हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक सौहार्द्र से एक-दूसरे के साथ रहकर उनकी खुशियों में शरीक होते हैं। अपने उन्नत इतिहास, संस्कृति, उत्तर तथा दक्षिण भारत के स्थापत्य के मौलिक संगम, तथा अपनी बहुभाषी संस्कृति के लिये भौगोलिक तथा सांस्कृतिक दोनों रूपों में जाना जाता है। यह वह स्थान रहा है जहां हिन्दू और मुसलमान शांतिपूर्वक शताब्दियों से साथ साथ रह रहे हैं। निजामी ठाठ-बाट के इस शहर का मुख्य आकर्षण चारमीनार, हुसैन सागर झील, बिड़ला मंदिर, सालारजंग संग्रहालय आदि है, जो देश-विदेश इस शहर को एक अलग पहचान देते हैं। यह भारतीय महानगर बंगलौर से 574 किलोमीटर दक्षिण में, मुंबई से 750 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में तथा चेन्नई से 700 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। किसी समय नवाबी परम्परा के इस शहर में शाही हवेलियाँ और निज़ामों की संस्कृति के बीच हीरे जवाहरात का रंग उभर कर सामने आया तो कभी स्वादिष्ट नवाबी भोजन का स्वाद। इस शहर के ऐतिहासिक गोलकुंडा दुर्ग की प्रसिद्धि पार-द्वार तक पहुँची और इसे उत्तर भारत और दक्षिणांचल के बीच संवाद का अवसर सालाजार संग्रहालय तथा चारमीनार ने प्रदान किया है। वर्ष २०११ की जनगणना के अनुसार इस महानगर की जनसंख्या ६८ लाख से अधिक है। .

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हैना मॉन्टेना

हैना मॉन्टेना एक एम्मी पुरस्कार - मनोनीत अमेरिकी टेलीविजन श्रृंखला है, जिसकी शुरूआत 24 मार्च 2006 को डिज़नी चैनल पर हुई थी.

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हूपू

हूपू (Hoopoe) एक पक्षी है जो अफ़्रीका, एशिया और युरोप में बहुत स्थानों पर पाया जाता है। यह अपने रंगों, चोंच और सिर पर पंखों के मुकुट से आसानी से पहचाना जाता है। यह उपुपिडाए (Upupidae) जीववैज्ञानिक कुल की एकमात्र अस्तित्ववान जाति है। सेंट हेलेना हूपू एक भिन्न जाति हुआ करती थी लेकिन वह अब विलुप्त हो गई है। माडागास्कर में एक माडागास्कर हूपू नामक उपजाति मिलती है जिसे कुछ जीववैज्ञानिक कभी-कभी अलग जाति बताते हैं। .

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हेपेटाइटिस बी

यकृतशोथ ख (हेपाटाइटिस बी) हेपाटाइटिस बी वायरस (HBV) के काऱण होने वाली एक संक्रामक बीमारी है जो मनुष्य के साथ बंदरों की प्रजाति के लीवर को भी संक्रमित करती है, जिसके कारण लीवर में सूजन और जलन पैदा होती है जिसे हेपाटाइटिस कहते हैं। मूलतः, "सीरम हेपेटाइटिस" के रूप में ज्ञात इस बीमारी के कारण एशिया और अफ्रिका में महामारी पैदा हो चुकी है और चीन में यह स्थानिक मारक है। विश्व की जनसंख्या के एक तिहाई लोग, दो अरब से अधिक, हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 35 करोड़ इस वायरस के दीर्घकालिक वाहक के रूप शामिल हैं। हेपेटाइटिस बी वायरस का संचरण संक्रमित रक्त या शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में जाने से होता है। .

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हेपेटाइटिस सी

यकृतशोथ ग (हेपेटाइटिस सी) एक संक्रामक रोग है जो हेपेटाइटिस सी वायरस एचसीवी (HCV) की वजह से होता है और यकृत को प्रभावित करता है.

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हॉकी

मेलबर्न विश्वविद्यालय में फील्ड हॉकी का खेल हॉकी एक ऐसा खेल है जिसमें दो टीमें लकड़ी या कठोर धातु या फाईबर से बनी विशेष लाठी (स्टिक) की सहायता से रबर या कठोर प्लास्टिक की गेंद को अपनी विरोधी टीम के नेट या गोल में डालने की कोशिश करती हैं। हॉकी का प्रारम्भ वर्ष 2010 से 4,000 वर्ष पूर्व मिस्र में हुआ था। इसके बाद बहुत से देशों में इसका आगमन हुआ पर उचित स्थान न मिल सका। भारत में इसका आरम्भ 150 वर्षों से पहले हुआ था। 11 खिलाड़ियों के दो विरोधी दलों के बीच मैदान में खेले जाने वाले इस खेल में प्रत्येक खिलाड़ी मारक बिंदु पर मुड़ी हुई एक छड़ी (स्टिक) का इस्तेमाल एक छोटी व कठोर गेंद को विरोधी दल के गोल में मारने के लिए करता है। बर्फ़ में खेले जाने वाले इसी तरह के एक खेल आईस हॉकी से भिन्नता दर्शाने के लिए इसे मैदानी हॉकी कहते हैं। चारदीवारी में खेली जाने वाली हॉकी, जिसमें एक दल में छह खिलाड़ी होते हैं और छह खिलाड़ी परिवर्तन के लिए रखे जाते हैं। हॉकी के विस्तार का श्रेय, विशेषकर भारत और सुदूर पूर्व में, ब्रिटेन की सेना को है। अनेक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आह्वान के फलस्वरूप 1971 में विश्व कप की शुरुआत हुई। हॉकी की अन्य मुख्य अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं हैं- ओलम्पिक, एशियन कप, एशियाई खेल, यूरोपियन कप और पैन-अमेरिकी खेल। दुनिया में हॉकी निम्न प्रकार से खेली जाती है।.

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होमो

होमो लगभग २५ लाख वर्ष पहले ध्रुवीय हिमाच्छादन से जब पृथ्वी के बड़े-बड़े भाग बर्फ से ढक गए तो जलवायु तथा वनस्पति की स्थिति में भारी परिवर्तन आए ' जंगल कम हो गए तथा जंगलों में रहने के अभ्यस्त आस्ट्रेलोपिथिक्स के प्रारंभिक स्वरुप लुप्त होते गए तथा उनके स्थान पर उनकी दूसरी प्रजातियों का उद्भव हुआ जिनमें होमो के सबसे पुराने प्रतिनिधि सम्मिलित थे ' .

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हीराकुद

हीराकुड भारत के ओडिशा राज्य के संबलपुर जिले का एक कस्बा है। .

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हीरोज़ (टी वी शृंखला)

हीरोज़ टिम क्रिंग द्वारा बनाई गई एक अमेरिकी विज्ञान कथा टीवी नाटक श्रंखला है जिसका प्रीमियर 25 सितंबर 2006 को NBC पर किया गया.

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जमशेदजी टाटा

जमशेदजी टाटा जमशेदजी टाटा (३ मार्च १८३९ - १९ मई १९०४)) भारत के महान उद्योगपति तथा विश्वप्रसिद्ध औद्योगिक घराने टाटा समूह के संस्थापक थे। .

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जयपुर

जयपुर जिसे गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है, भारत में राजस्थान राज्य की राजधानी है। आमेर के तौर पर यह जयपुर नाम से प्रसिद्ध प्राचीन रजवाड़े की भी राजधानी रहा है। इस शहर की स्थापना १७२८ में आमेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने की थी। जयपुर अपनी समृद्ध भवन निर्माण-परंपरा, सरस-संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर तीन ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है। जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है जो यहाँ के स्थापत्य की खूबी है। १८७६ में तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से आच्छादित करवा दिया था। तभी से शहर का नाम गुलाबी नगरी पड़ा है। 2011 की जनगणना के अनुसार जयपुर भारत का दसवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है। राजा जयसिंह द्वितीय के नाम पर ही इस शहर का नाम जयपुर पड़ा। जयपुर भारत के टूरिस्ट सर्किट गोल्डन ट्रायंगल (India's Golden Triangle) का हिस्सा भी है। इस गोल्डन ट्रायंगल में दिल्ली,आगरा और जयपुर आते हैं भारत के मानचित्र में उनकी स्थिति अर्थात लोकेशन को देखने पर यह एक त्रिभुज (Triangle) का आकार लेते हैं। इस कारण इन्हें भारत का स्वर्णिम त्रिभुज इंडियन गोल्डन ट्रायंगल कहते हैं। भारत की राजधानी दिल्ली से जयपुर की दूरी 280 किलोमीटर है। शहर चारों ओर से दीवारों और परकोटों से घिरा हुआ है, जिसमें प्रवेश के लिए सात दरवाजे हैं। बाद में एक और द्वार भी बना जो 'न्यू गेट' कहलाया। पूरा शहर करीब छह भागों में बँटा है और यह १११ फुट (३४ मी.) चौड़ी सड़कों से विभाजित है। पाँच भाग मध्य प्रासाद भाग को पूर्वी, दक्षिणी एवं पश्चिमी ओर से घेरे हुए हैं और छठा भाग एकदम पूर्व में स्थित है। प्रासाद भाग में हवा महल परिसर, व्यवस्थित उद्यान एवं एक छोटी झील हैं। पुराने शह के उत्तर-पश्चिमी ओर पहाड़ी पर नाहरगढ़ दुर्ग शहर के मुकुट के समान दिखता है। इसके अलावा यहां मध्य भाग में ही सवाई जयसिंह द्वारा बनावायी गईं वेधशाला, जंतर मंतर, जयपुर भी हैं। जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से गिना जाता है। देश के सबसे प्रतिभाशाली वास्तुकारों में इस शहर के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य का नाम सम्मान से लिया जाता है। ब्रिटिश शासन के दौरान इस पर कछवाहा समुदाय के राजपूत शासकों का शासन था। १९वीं सदी में इस शहर का विस्तार शुरु हुआ तब इसकी जनसंख्या १,६०,००० थी जो अब बढ़ कर २००१ के आंकड़ों के अनुसार २३,३४,३१९ और २०१२ के बाद ३५ लाख हो चुकी है। यहाँ के मुख्य उद्योगों में धातु, संगमरमर, वस्त्र-छपाई, हस्त-कला, रत्न व आभूषण का आयात-निर्यात तथा पर्यटन-उद्योग आदि शामिल हैं। जयपुर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है। इस शहर के वास्तु के बारे में कहा जाता है कि शहर को सूत से नाप लीजिये, नाप-जोख में एक बाल के बराबर भी फ़र्क नहीं मिलेगा। .

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जयपुर जिला

- जयपुर (राजस्थानी: जैपर) जिसे गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है, भारत में राजस्थान राज्य की राजधानी है। आमेर के तौर पर यह जयपुर नाम से प्रसिद्ध प्राचीन रजवाड़े की भी राजधानी रहा है। इस शहर की स्थापना १७२८ में आंबेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने की थी। जयपुर अपनी समृद्ध भवन निर्माण-परंपरा, सरस-संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर तीन ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है। जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है जो यहाँ के स्थापत्य की खूबी है। १८७६ में तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से आच्छादित करवा दिया था। तभी से शहर का नाम गुलाबी नगरी पड़ा है। शहर चारों ओर से दीवारों और परकोटों से घिरा हुआ है, जिसमें प्रवेश के लिए सात दरवाजे हैं। बाद में एक और द्वार भी बना जो न्यू गेट कहलाया। पूरा शहर करीब छह भागों में बँटा है और यह १११ फुट (३४ मी.) चौड़ी सड़कों से विभाजित है। पाँच भाग मध्य प्रासाद भाग को पूर्वी, दक्षिणी एवं पश्चिमी ओर से घेरे हुए हैं और छठा भाग एकदम पूर्व में स्थित है। प्रासाद भाग में हवा महल परिसर, व्यवस्थित उद्यान एवं एक छोटी झील हैं। पुराने शह के उत्तर-पश्चिमी ओर पहाड़ी पर नाहरगढ़ दुर्ग शहर के मुकुट के समान दिखता है। इसके अलावा यहां मध्य भाग में ही सवाई जयसिंह द्वारा बनावायी गईं वेधशाला, जंतर मंतर, जयपुर भी हैं। जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से गिना जाता है। शहर के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य का नाम आज भी प्रसिद्ध है। ब्रिटिश शासन के दौरान इस पर कछवाहा समुदाय के राजपूत शासकों का शासन था। १९वीं सदी में इस शहर का विस्तार शुरु हुआ तब इसकी जनसंख्या १,६०,००० थी जो अब बढ़ कर २००१ के आंकड़ों के अनुसार २३,३४,३१९ हो चुकी है। यहाँ के मुख्य उद्योगों में धातु, संगमरमर, वस्त्र-छपाई, हस्त-कला, रत्न व आभूषण का आयात-निर्यात तथा पर्यटन आदि शामिल हैं। जयपुर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है। इस शहर की वास्तु के बारे में कहा जाता है, कि शहर को सूत से नाप लीजिये, नाप-जोख में एक बाल के बराबर भी फ़र्क नही मिलेगा। .

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जयसमंद

ढेबर झील या जयसमंद झील पश्चिमोत्तर भारत के दक्षिण-मध्य राजस्थान राज्य के अरावली पर्वतमाला के दक्षिण-पूर्व में स्थित एक विशाल जलाशय है। यह राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। इस झील को एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील होने का गौरव प्राप्त है। यह उदयपुर जिला मुख्यालय से 51 कि॰मी॰ की दूरी पर दक्षिण-पूर्व की ओर उदयपुर-सलूम्बर मार्ग पर स्थित है। अपने प्राकृतिक परिवेश और बाँध की स्थापत्य कला की सुन्दरता से यह झील वर्षों से पर्यटकों के आकर्षण का महत्त्वपूर्ण स्थल बनी हुई है। यहां घूमने का सबसे उपयुक्त समय मानसून के समय है। झील के साथ वाले रोड पर केन से बने हुए घर बड़ा ही मनोरम दृश्य प्रस्तुत करते हैं। यह झील का सबसे सुन्दर दृष्य है। इसका निर्माण अलवर के महाराज जय सिंह ने 1910 में पिकनिक के लिए करवाया था। उन्होंने इस झील के बीच में एक टापू का निर्माण भी कराया था। .

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जल संसाधन

जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव के लिए उपयोगी हों या जिनके उपयोग की संभावना हो। पानी के उपयोगों में शामिल हैं कृषि, औद्योगिक, घरेलू, मनोरंजन हेतु और पर्यावरणीय गतिविधियों में। वस्तुतः इन सभी मानवीय उपयोगों में से ज्यादातर में ताजे जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर पानी की कुल उपलब्ध मात्रा अथवा भण्डार को जलमण्डल कहते हैं। पृथ्वी के इस जलमण्डल का ९७.५% भाग समुद्रों में खारे जल के रूप में है और केवल २.५% ही मीठा पानी है, उसका भी दो तिहाई हिस्सा हिमनद और ध्रुवीय क्षेत्रों में हिम चादरों और हिम टोपियों के रूप में जमा है। शेष पिघला हुआ मीठा पानी मुख्यतः जल के रूप में पाया जाता है, जिस का केवल एक छोटा सा भाग भूमि के ऊपर धरातलीय जल के रूप में या हवा में वायुमण्डलीय जल के रूप में है। मीठा पानी एक नवीकरणीय संसाधन है क्योंकि जल चक्र में प्राकृतिक रूप से इसका शुद्धीकरण होता रहता है, फिर भी विश्व के स्वच्छ पानी की पर्याप्तता लगातार गिर रही है दुनिया के कई हिस्सों में पानी की मांग पहले से ही आपूर्ति से अधिक है और जैसे-जैसे विश्व में जनसंख्या में अभूतपूर्व दर से वृद्धि हो रही हैं, निकट भविष्य मैं इस असंतुलन का अनुभव बढ़ने की उम्मीद है। पानी के प्रयोक्ताओं के लिए जल संसाधनों के आवंटन के लिए फ्रेमवर्क (जहाँ इस तरह की एक फ्रेमवर्क मौजूद है) जल अधिकार के रूप में जाना जाता है। आज जल संसाधन की कमी, इसके अवनयन और इससे संबंधित तनाव और संघर्ष विश्वराजनीति और राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। जल विवाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण विषय बन चुके हैं। .

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ज़मीनी पुल

बेरिंग ज़मीनी पुल साइबेरिया और अलास्का को जोड़ता था और उसपर चलकर मानव एशिया से उत्तर अमेरिका पहुँच गए - हिमयुग की समाप्ति पर यह क्षेत्र समुद्र के नीचे डूब गया ज़मीनी पुल (अंग्रेज़ी: land bridge, लैंड ब्रिज) ऐसे भूडमरू (इस्थमस) या उस से चौड़े धरती के अंश को कहते हैं जिसके ज़रिये समुद्र द्वारा अलग किये हुए धरती के दो बड़े क्षेत्रों के बीच में जानवर आ-जा सकें और वृक्ष-पौधे फैल सकें। हिमयुगों (आइस एज) के दौरान ऐसे ज़मीनी पुल अक्सर उभर आते हैं क्योंकि तब समुद्र के पानी का कुछ अंश बर्फ़ में जमा हुआ होने से समुद्र-तल थोड़ा नीचे होता है। इसका एक बड़ा उदाहरण भारत को श्रीलंका से जोड़ने वाला रामसेतु है। यह हिमयुगों में पूरी तरह समुद्र-तल के ऊपर उभरी हुई ज़मीन की एक पट्टी होती थी जिसपर इतिहास में जानवर चलकर भारत से श्रीलंका पहुँचे थे और भारत से बहुत से पेड़-पौधे भी श्रीलंका में विस्तृत हुए थे। माना जाता है कि आज से लगभग २०,००० साल पहले श्रीलंका के वैदा आदिवासियों के पूर्वज भी इसी ज़मीनी पुल पर चलकर भारत से श्रीलंका पैदल पहुँचे। आधुनिक युग में भारत और श्रीलंका के बीच ४० मील का खुला समुद्र है, John C. Avise, Cambridge University Press, 2006, ISBN 978-0-521-85753-6,...

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ज़िथर

ज़िथर की ध्वनि सुनिए ज़िथर (zither) एक तंतुवाद्य (तारों वाला संगीत वाद्य) होता है जो स्लोवीनिया, ऑस्ट्रिया, हंगरी, पश्चिमोत्तरी क्रोएशिया, दक्षिणी जर्मनी, मध्य यूरोप के ऐल्प पर्वत क्षेत्र, भारत, चीन व अन्य पूर्व एशियाई इलाक़ों में प्रचलित है। ज़िथर की तारें इसके गूंजने वाले ध्वनि डब्बे से आगे नहीं जाती जबकी सितार की तारें उसके ध्वनि-घड़े से आगे उसकी लम्बी तनी तक जाती हैं। ज़िथरों के कई विविध रूप होते हैं।, David Levinson, David Sherwood, Johnson Books, 1984, ISBN 9780933472846,...

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ज़ुक़र द्वीप

ज़ुक़र द्वीप (अरबी:, अंग्रेजी: Zuqar Island) लाल सागर में स्थित एक द्वीप है जिसपर यमन का अधिकार है। यह लाल सागर को अदन की खाड़ी से जोड़ने वाली बाब अल-मन्देब जलसन्धि के पास यमन और इरित्रिया के तटों के बीच स्थित है। अफ़्रीका के पास होने के बावजूद यह एशिया के महाद्वीप का हिस्सा माना जाता है क्योंकि यह उसकी महाद्वीपीय जलसीमा के अंदर पड़ता है। अन्य हनीश द्विपों के साथ-साथ यह द्वीप भी यमन और इरित्रिया के बीच विवादित था और दोनों ही देश इसे अपना हिस्सा बताते थे। १९९५ में हुई हनीश द्वीप झड़प के बाद (अंतरराष्ट्रीय) स्थाई मध्यस्थता न्यायालय ने इसपर ग़ौर किया और १९९६ को यह द्वीप और हनीश द्वीपसमूह के कुछ अन्य बड़े द्वीप यमन के भाग घोषित किए गए।, Mussie Tesfagiorgis G., pp.

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जातीय समूह

जातीय समूह मनुष्यों का एक ऐसा समूह होता है जिसके सदस्य किसी वास्तविक या कल्पित सांझी वंश-परंपरा के माध्यम से अपने आप को एक नस्ल के वंशज मानते हैं।1987 स्मिथ यह सांझी विरासत वंशक्रम, इतिहास, रक्त-संबंध, धर्म, भाषा, सांझे क्षेत्र, राष्ट्रीयता या भौतिक रूप-रंग (यानि लोगों की शक्ल-सूरत) पर आधारित हो सकती है। एक जातीय समूह के सदस्य अपने एक जातीय समूह से संबंधित होने से अवगत होते हैं; इसके अलावा जातीय पहचान दूसरों द्वारा उस समूह की विशिष्टता के रूप में पहचाने जाने से भी चिह्नित होती है।"एन्थ्रोपोलोजी.

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जापान

जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .

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जापान सागर

जापान सागर जापान सागर पश्चिमी प्रशांत महासागर का एक समुद्री अंश है। यह समुद्र जापान के द्वीपसमूह, रूस के साख़ालिन द्वीप और एशिया के महाद्वीप के मुख्य भूभाग के बीच स्थित है। इसके इर्द-गिर्द जापान, रूस, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया आते हैं। क्योंकि कुछ स्थानों को छोड़कर यह क़रीब-क़रीब पूरी तरह ज़मीन से घिरा हुआ है, इसलिए इसमें भी भूमध्य सागर की तरह महासागर के ज्वार-भाटा की बड़ी लहरें नहीं आती। अन्य सागरों की तुलना में जापान सागर के पानी में मिश्रित ऑक्सिजन की तादाद अधिक है जिस से यहाँ मछलियों की भरमार है।, Great Soviet Encyclopedia (in Russian) जापान सागर का क्षेत्रफल ९,७८,००० वर्ग किमी है और इसकी सब से अधिक गहराई सतह से ३,७४२ मीटर (१२,२७६ फ़ुट) नीचे तक पहुँचती है। इसके इर्द गिर्द ७,६०० किमी के तट हैं, जिसमें से लगभग आधा रूस की धरती पर पड़ता है। नीचे समुद्र के फ़र्श पर तीन बड़ी द्रोणियाँ हैं: उत्तर में "जापान द्रोणी", दक्षिण-पश्चिम में "त्सुशिमा द्रोणी" और दक्षिण-पूर्व में "यामातो द्रोणी"। जापान द्रोणी सबसे गहरा क्षेत्र है और यहाँ का फ़र्श प्राचीन ज्वालामुखीय पत्थर से बना हुआ है। माना जाता है कि पिछले हिमयुग की चरम स्थिति में जब समुद्र की सतह वर्तमान युग से नीचे थी तो जापान एशिया के मुख्य भाग से धरती द्वारा जुड़ा हुआ था। भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि उस समय जापान सागर आधुनिक कैस्पियन सागर की भाँती एक ज़मीन से घिरा हुआ बंद समुद्र था। .

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जापानी मापन इकाइयाँ

शक्कान-हो (अंग्रेजी:Shakkan-hō, जापानी:尺貫法) एक परंपरागत जापानी मापन प्रणाली है। इसका नाम शक्कान-हो दो शब्दों से बना है:- शाकु - लम्बाई की एक इकाई और कान -भार माप की इकाई। यह प्रणाली मूलतः चीनी है। इसकी इकाइयाँ शांग वंश के काल में 13वीं शती ई.पू.

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जापानी संस्कृति

१०५३ में बना क्योतो का ब्योदो उद्यान: यह विश्व विरासत घोषित है। जापान की संस्कृति पिछली एक सहस्राब्दियों में बहुत बदली है। प्रागैतिहासिक जोमोन काल की संस्कृति से आरम्भ होकर यह अपने वर्तमान मिश्रित रूप में दृष्टिगोचर है। जापान की वर्तमान संस्कृति पर एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका का मिश्रित प्रभाव है। जापानवासी टोकुगावा काल के लम्बी अवधि में बाहरी दुनिया से अपेक्षाकृत कटे रहे। .

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जावा सागर

जावा सागर पूर्वी एशिया के जावा द्वीप के ठीक उत्तर में स्थित एक सागर है। इसका क्षेत्रफल ३.२ लाख वर्ग किलोमीटर है और इसकी औसत गहराई कम है। इसमें मत्स्य आखेट एक प्रमुख आर्थिक साधन है। इसके लगभग सभी ओर इंडोनेशिया के द्वीप हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यहाँ महत्वपूर्ण लड़ाई लड़ी गई थी। Category:प्रशान्त महासागर के सीमांत सागर.

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जिका विषाणु

जिका विषाणु फ्लाविविरिडए विषाणु परिवार से है। जो दिन के समय सक्रिय रहते हैं। इन्सानों में यह मामूली बीमारी के रूप में जाना जाता है, जिसे जिका बुखार, जिका या जिका बीमारी कहते हैं। 1947 के दशक से इस बीमारी का पता चला। यह अफ्रीका से एशिया तक फैला हुआ है। यह 2014 में प्रशांत महासागर से फ्रेंच पॉलीनेशिया तक और उसके बाद 2015 में यह मेक्सिको, मध्य अमेरिका तक भी पहुँच गया। .

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जंगली सुअर

जंगली सुअर (Sus scrofa) या वाराह, सुअर की एक प्रजाति है। यह मध्य यूरोप, भूमध्य सागर क्षेत्र (उत्तरी अफ्रीका, एटलस पर्वत) सहित एशिया में इंडोनेशिया तक के क्षेत्रों का मूल निवासी है। मूल निवास दशावतार में से एक अवतार वराहावतार हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु ने दशावतार में से एक अवतार वराहावतार में इस पशु के रूप में ही अवतरण कर पृथ्वी को पाताल से बाहर निकाला था। .

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जेट एयरवेज

SM Centre, former head office जेट एयरवेज भारत की सबसे बड़ी निजी विमान सेवा है। जेट एयरवेज एक प्रमुख विमानन सेवा है जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। अगर विस्तार के आधार पर वरीयता क्रम की चर्चा की जाए तो यह एयर इंडिया के बाद दूसरी सबसे बड़ी विमानन सेवा है, परन्तु हमेशा स्पाइस जेट तथा इंडिया गो जैसे प्रतियोगियों से आगे रहती है। .

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जेटस्टार एयरवेज़

जेटस्टार एयरवेज़ ऑस्ट्रेलिया की एक कम लागत वाली विमान सेवा है जिसका मुख्य कार्यालय मेल्बर्न मे स्थित है। यह वर्जिन ब्लू नाम की कम लागत वाली एयरलाइन्स के द्वारा पेश किए गये ख़तरे का सामना करने के लिए कॅंटेस एयरवेज़ द्वारा बनाई गयी एक सहयोगी एयरलाइन्स है.

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जेनोआ

जेनोआ, इटली का एक प्रमुख शहर एवं बंदरगाह है। यहाँ से मुख्यतः अफ्रीका एवं एशिया जाने वाले जहाज रवाना होते हैं। श्रेणी:आधार श्रेणी:इटली के नगर श्रेणी:इटली के बंदरगाह.

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जी ७७ राष्ट्र समूह

जी-७७ समूह (अंग्रेज़ी:ग्रुप ऑफ 77, या जी-77) विश्व के विकासशील देशों का एक समूह है। यह संगठन हालांकि संयुक्त राष्ट्र के शेष समूहों की अपेक्षा कम मजबूत है, किन्तु विकासशील देशों के हितों को आगे रखने वाला संयुक्त राष्ट्र में यह सबसे बड़ा समूह है। इसके कार्यालय विश्व के कई शहरों में हैं जिनमें जेनेवा, नैरोबी, रोम, वियना और वॉशिंगटन डी॰ सी॰ प्रमुख हैं। जी-77 समूह की मूल स्थापना ७७ देशों ने मिलकर की थी। बाद में बहुत से अन्य देश भी इसके सदस्य बनते गये और वर्तमान में इसकी कुल सदस्य संख्या १३० हो गई है, लेकिन इसकी ऐतिहासिक प्रासंगिकता को देखते हुए इसका मूल नाम अभी तक वही पुराना जी-७७ समूह बनाये रखा गया है। अभी सूडान इस संगठन का नेतृत्व कर रहा है। भारत भी इसका सदस्य है। जी-७७ समूह की स्थापना जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) के सम्मेलन के पहले सत्र के बाद हुई थी। इस स्थापना की घोषणा सभी मूल संस्थापक ७७ देशों के संयुक्त घोषणा पत्र यानि ज्वाइंट डिक्लेरेशन ऑफ द सेवेंटी-सेवन कंट्रीज के तहत १५ जून, १९६४ को संयुक्त घोषणा के बाद हुई थी। जी-७७ की पहली मंत्रीस्तरीय बैठक अल्जीरिया की राजधानी अल्जियर्स में १०-२५ अक्तूबर, १९६७ को हुई थी। संयुक्त राष्ट्र में सूडान गणराज्य के स्थायी प्रतिनिधि अब्दल महमूद अब्दलहलीम मोहम्मद वर्तमान में इस समूह के अध्यक्ष हैं। अब्दल महमूद मुहम्मद संयुक्त राष्ट्र में सूडान के स्थायी प्रतिनिधि भी हैं। जी-७७ के अध्यक्ष पद के लिए एशिया, अफ्रीका और कैरीबियन देशों से पारीवार रूप में व्यक्ति का चुनाव होता है। दक्षिणी सम्मेलन यानि साउथ समिट जी-७७ समूह की सर्वोच्च निर्णायक इकाई है। इसकी बैठक प्रत्येक पांच वर्ष में एक बार होती है। विश्व के दक्षिणी गोलार्ध के देशों के हितों की देखरेख करने वाले इस समूह का व्यय सभी सदस्य देश मिलकर उठाते हैं। .

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ईरान

ईरान (جمهوری اسلامی ايران, जम्हूरीए इस्लामीए ईरान) जंबुद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिम खंड में स्थित देश है। इसे सन १९३५ तक फारस नाम से भी जाना जाता है। इसकी राजधानी तेहरान है और यह देश उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर और अज़रबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिम में इराक और तुर्की, पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान तथा पाकिस्तान से घिरा है। यहां का प्रमुख धर्म इस्लाम है तथा यह क्षेत्र शिया बहुल है। प्राचीन काल में यह बड़े साम्राज्यों की भूमि रह चुका है। ईरान को १९७९ में इस्लामिक गणराज्य घोषित किया गया था। यहाँ के प्रमुख शहर तेहरान, इस्फ़हान, तबरेज़, मशहद इत्यादि हैं। राजधानी तेहरान में देश की १५ प्रतिशत जनता वास करती है। ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है। फ़ारसी यहाँ की मुख्य भाषा है। ईरान में फारसी, अजरबैजान, कुर्द और लूर सबसे महत्वपूर्ण जातीय समूह हैं .

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ईरानी भाषा परिवार

ईरानी भाषाओँ का वृक्ष, जिसमें उसकी उपशाखाएँ दिखाई गई हैं आधुनिक ईरानी भाषाओँ का फैलाव ईरानी भाषाएँ हिन्द-ईरानी भाषा परिवार की एक उपशाखा हैं। ध्यान रहे कि हिन्द-ईरानी भाषाएँ स्वयं हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार की एक उपशाखा हैं। आधुनिक युग में विश्व में लगभग १५-२० करोड़ लोग किसी ईरानी भाषा को अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं और ऍथ़नॉलॉग भाषाकोष में सन् २०११ तक ८७ ईरानी भाषाएँ दर्ज थीं।, Gernot Windfuhr, Routledge, 2009, ISBN 978-0-7007-1131-4, Raymond Gordon, Jr.

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ईशा अम्बानी

ईशा मुकेश अम्बानी(जन्म-२३ अक्टूबर,१९९१) एक भारतीय व्यावसायिक है। वह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी और रिलायंस फाउंडेशन के संस्थापक नीता अंबानी की बेटी हैं। येल विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान और दक्षिण एशियाई अध्ययन में स्नातक होने के बाद, अक्टूबर २०१४ में उन्हें जिओ और रिलायंस रिटेल के निदेशक मंडल में शामिल किया गया था। २००८ में अम्बानी को ४७१ करोड़ रुपये के नेट वर्थ के साथ उन्हें फोर्ब्स की सबसे युवा अरबपति हेनेर्स की सूची में स्थान दिया था। २०१५ में एशिया की १२ शक्तिशाली आगामी कारोबारी महिलाओं के बीच नामित किया गया। .

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घण्टाघर, देहरादून

देहरादून का घण्टाघर। घण्टाघर देहरादून भारत के उत्तराखण्ड राज्य की राजधानी देहरादून में स्थित घण्टाघर है। इसका निर्माण ब्रिटिश शासन काल के दौरान अंग्रेज़ो द्वारा करवाया गया था। travelomy.com पर। यह घण्टाघर षट्कोणीय आकार का है जिसके शीर्ष पर छः मुखों पर छः घड़ियाँ लगी हुई हैं, हालांकि यह घड़िया चालू हालत में नहीं हैं। देहरादून का यह घण्टाघर बिना घण्टानाद का सबसे बड़ा घण्टाघर है। इसका षट्कोणनुमा ढाँचा अपने प्रकार का एशिया में विरला है। Doonsafari पर। यह घण्टाघर ईंटों और पत्थरों से निर्मित है और इसके षट्कोणीय आकार की हर दीवार पर प्रवेशमार्ग बना हुआ है। इसके मध्य में स्थित सीढ़ियाँ इसके ऊपरी तल तक जाती हैं जहाँ अर्धवृत्ताकार खिड़कियाँ हैं। देहरादून का घण्टाघर नगर में सबसे सौन्दर्यपूर्ण संरचना है। यह घण्टाघर देहरादून की सबसे व्यस्त राजपुर रोड के मुहाने पर स्थित है और यह यहाँ की प्रमुख व्यवसायिक गतिविधियों का केन्द्र है। घण्टाघर को दूरी से भी देखा जा सकता है। पहले घण्टाघर का घण्टानाद देहरादून के दूर-दूर के स्थानों से भी श्रव्य था, लेकिन अब यह घण्टाघर देहरादून का केवल स्थलचिह्न मात्र है अब जिसके चारों ओर दुकानें, सिनेमाघर, सरकारी भवन, पर्यटक स्थल इत्यादि बन आए हैं। .

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घरेलू गौरैया

घरेलू गौरैया (पासर डोमेस्टिकस) एक पक्षी है जो यूरोप और एशिया में सामान्य रूप से हर जगह पाया जाता है। इसके अतिरिक्त पूरे विश्व में जहाँ-जहाँ मनुष्य गया इसने उनका अनुकरण किया और अमरीका के अधिकतर स्थानों, अफ्रीका के कुछ स्थानों, न्यूज़ीलैंड और आस्ट्रेलिया तथा अन्य नगरीय बस्तियों में अपना घर बनाया। शहरी इलाकों में गौरैया की छह तरह ही प्रजातियां पाई जाती हैं। ये हैं हाउस स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, सिंड स्पैरो, रसेट स्पैरो, डेड सी स्पैरो और ट्री स्पैरो। इनमें हाउस स्पैरो को गौरैया कहा जाता है। यह शहरों में ज्यादा पाई जाती हैं। आज यह विश्व में सबसे अधिक पाए जाने वाले पक्षियों में से है। लोग जहाँ भी घर बनाते हैं देर सबेर गौरैया के जोड़े वहाँ रहने पहुँच ही जाते हैं। .

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घासभूमि

घासभूमि या विहारभूमि या चमनज़ार ऐसे विस्तृत क्षेत्र को कहते हैं जहाँ दूर-दूर तक घास और छोटे झाड़ फैले हुए हों। ऐसी जगहों पर जहाँ-तहाँ वृक्ष भी हो सकते हैं लेकिन भूमि के अधिकतर हिस्से पर घास ही बिछी हुई होती है। अंटार्कटिका को छोड़कर घासभूमियाँ हर महाद्वीप पर पाई जाती हैं और अक्सर स्थानीय नामों से जानी जाती हैं। दक्षिणी अफ़्रीका में इसे 'वॅल्ड', उप-सहारवी अफ़्रीका में 'सवाना', यूरोप व एशिया में 'स्तेपी', उत्तर अमेरिका में 'प्रेरी' और दक्षिण अमेरिका में 'पाम्पास' के नाम से जाना जाता है।, Buffy Silverman, pp.

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वन्य प्राणी उद्यान, दिल्ली

वन्य प्राणी उद्यान को चिड़ियाघर भी कहा जाता है। दिल्ली का चिड़ियाघर एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में एक है। यह पुराने किले के पास ही स्थित है। 1959 में बने इस चिड़ियाघर का डिजाइन श्रीलंका के मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने बनाया था। 214 एकड़ में फैले इस जैविक उद्यान में जानवरों और पक्षियों की 22000 प्रजातियां और 200 प्रकार के पेड़ हैं। यहां पर ऑस्टेलिया, अफ्रीका, अमेरिका और एशिया से लाए गए पशु-पक्षी भी देखे जा सकते हैं। चिड़ियाघर में एक पुस्तकालय भी है जहां से पेड़, पौधों, पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी ली जा सकती है। समय: गर्मियां में सुबह 8-शाम 6 बजे तक, सर्दियों में सुबह 9-शाम 5 बजे तक शुक्रवार को बंद रहता है और खाने पीने की चीजें लाना मना है| श्रेणी:वन्य प्राणी उद्यान श्रेणी:दिल्ली के दर्शनीय स्थल श्रेणी:दिल्ली के उद्यान.

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वसंतकुमारी (एशिया की पहली महिला बस चालक)

वसंतकुमारी भारत के तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई में एक बस चालक के रूप में प्रसिद्ध हुई हैं। उनके साथ उल्लेखनीय बात यह है कि पूरे एशिया में वह पहली महिला बस चालक हैं। .

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वाणिज्यिक क्रांति

विश्व के आर्थिक इतिहास में वाणिज्यिक क्रांति (Commercial Revolution) उस अवधि को कहते हैं जिसमें आर्थिक प्रसार, उपनिवेशवाद और व्यापारवाद (mercantilism) का जोर रहा। यह अवधि लगभग सोलहवीं शती से आरम्भ होकर अट्ठारहवीं शती के आरम्भ तक मानी जाती है। इसके बाद की अवधि में औद्योगिक क्रान्ति हुई। .

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वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण रसायनों, सूक्ष्म पदार्थ, या जैविक पदार्थ के वातावरण में, मानव की भूमिका है, जो मानव को या अन्य जीव जंतुओं को या पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है। वायु प्रदूषण के कारण मौतें और श्वास रोग.

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वाइकिंग

८वीं से ११वीं शताब्दी में वाइकिंग लोगों का विस्तार - हरे क्षेत्र वे हैं जहाँ वाइकिंग अक्सर लूटने आया करते थे वाइकिंग (Viking) ८वीं से लेकर ११वीं सदी ईसवी में सुदूर उत्तरी यूरोप के स्कैंडिनेविया क्षेत्र में रहने वाले उन 'नॉर्स' (Norse) लोगों को कहा जाता था जो सिपाही, व्यापारी, समुद्री डाकू या खोजयात्री बनकर यूरोप, एशिया और उत्तरी अटलांटिक द्वीपों में जाते थे और अक्सर बसते थे। वे अपनी लम्बी नौकाओं में कुस्तुंतुनिया, रूस, आइसलैंड, ग्रीनलैंड, स्पेन इत्यादि जाते थे। अक्सर वे जाकर शहरों-प्रान्तों पर धावा बोलते थे और उनके धन, संपत्ति और कभी-कभी स्त्रियाँ और बच्चों को भी उठाकर ले जाते थे।, James A. Corrick, pg.

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वि-उपनिवेशीकरण

१९४५ में उपनिवेश वि-उपनिवेशीकरण अथवा विउपनिवेशीकरण (Decolonization) किसी उपनिवेश को समाप्त करने के सम्बंध में प्रयुक्त शब्द है जहाँ एक राष्ट्र का निर्माण होता है जो स्वतंत्र और सम्प्रभू राष्ट्र के रूप में स्थापित होता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् यूरोपीय साम्राज्यवाद के विध्वंस की गति को तेज करने मेंं कई कारणों ने मदद की। वस्तुतः विश्व युद्ध के पश्चात् तमाम नवोदित राष्ट्र अस्तित्व में आते गए। एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों में गुलामी को समाप्त कर एक नये युग का आरम्भ किया। साम्राज्यवादी राष्ट्रों की पकड़ से इन राष्ट्रों की स्वतंत्रता की प्रक्रिया को विऔपनिवेशीकरण का नाम दिया। औपनिवेशिक मुक्ति के पश्चात् नव स्वतंत्र राष्ट्रों ने गुटीय राजनीति को छोड़कर अपनी स्वतंत्र पहचान कायम की। दूसरे शब्दों में दो विश्व में बंटे गुट से अपने को अलग रखा। इसी कारण नवोदित राष्ट्रों को 'तृतीय विश्व' (थर्ड वर्ड) भी कहा गया। इस दृष्टि से उपनिवेशवाद उन्मूलन प्रक्रिया ने तृतीय विश्व के उदय में प्रत्यक्ष भूमिका निभाई। .

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विपवारम

The human whipworm (Trichuris trichiura or Trichocephalus trichiuris) is a round worm (a type of helminth) that causes trichuriasis (a type of helminthiasis which is one of the neglected tropical diseases) when it infects a human large intestine.

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विल्नुस विश्वविद्यालय का पुस्तकालय

श्रेणी:पुस्तकालय विल्नुस विश्वविद्यालय का पुस्तकालय (VUB) - सब से पुराना पुस्तकालय लिथुआनिया में है। वह जेशूइट के द्वारा स्थापित किया गया था। पुस्तकालय विल्नुस विश्वविद्यालय से पुराना है - पुस्तकालय १५७० में और विश्वविद्यालय १५७९ में स्थापित किया गया था। कहने तो लायक है कि अभी तक पुस्तकालय समान निर्माण में रहा है।पहले पुस्तकालय वर्तमान भाषाशास्त्र (फ़िलोलोजी) के वाचनालय में रहा था। आज पुस्तकालय में लगभग ५४ लाख दस्तावेज रखे हैं। ताक़ों की लम्बाई - १६६ किलोमीटर ।अभी पुस्तकालय के २९ हज़ार प्रयोक्ते हैं। १७५३ में यहाँ लिथुआनिया की प्रथम वेधशाला स्थापित की गयी थी। प्रतिवर्ष विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में बहुत पर्यटक आते हैं - न केवल लिथुआनिया से बल्कि भारत, स्पेन, चीन, अमरीका से, वगैरह। विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में प्रसिद्ध व्यक्तित्व भी आते हैं। उदाहरण के लिये - राष्ट्रपति, पोप, दलाई लामा, वगैरह। विल्नुस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का सदर मकान उनिवेर्सितेतो ३ में, राष्ट्रपति भवन के पास स्थापित किया गया है। यहाँ १३ वाचनालय और ३ समूहों के कमरे हैं। दूसरे विल्नुस के स्थानों में अन्य पुस्तकालय के भाग मिलते हैं। .

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विश्व बैडमिंटन संघ

विश्व बैडमिंटन संघ (Badminton World Federation) (बीडब्ल्युएफ) बैडमिंटन के खेल के प्रबंधन के लिये अंतरराष्ट्रीय संस्था है जिसे अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी से मान्यता प्राप्त है। इसकी स्थापना १९३४ में इंटरनैशनल बैडमिंटन फ़ेडरेशन के नाम से ९ सदस्य देशों (कनाडा, डेनमार्क, इंग्लैंड, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स) के साथ हुई। तब से अब तक बीडब्ल्युएफ १७६ देशों में अपने पाँव पसार चुका है। २४ सितम्बर २००६ को मैड्रिड में आयोजित एक सामान्य सभा में बैडमिंटन वर्ल्ड फ़ेडरेशन नाम अपनाने का फैसला लिया गया। स्थापना के वक्त इसका मुख्यालय चेल्टेन्हैम, यूके में था लेकिन १ अक्टूबर २००५ को इसे कुआलाल्मपुर स्थानांतरित कर दिया गया। इसके वर्तमान अध्यक्ष पॉल एरिक हैं। .

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विश्व मलेरिया दिवस

विश्व मलेरिया दिवस प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है यह दिन इस बात के लिए भी पहचाना जाता है कि मलेरिया के नियंत्रण हेतु किस प्रकार के वैश्विक प्रयास किए जा रहे हैंमच्छरों के कारण फैलने वाली इस बीमारी में हर साल कई लाख लोग जान गवाँ देते हैं। 'प्रोटोजुअन प्लाज्‍मोडियम' नामक कीटाणु मादा एनोफिलीज मच्छर के माध्यम से फैलते है।पूरे विश्व की 3.3 अरब जनसंख्या में लगभग 106 से देश हैं जिनमें मलेरिया का खतरा है वर्ष 2012 में मलेरिया के कारण लगभग 6,27,000 मृत्यु हुई जिनमें से अधिकतर अफ्रीकी, एशियाई, लैटिन अमेरिकी बच्चे शामिल है इसका प्रभाव कुछ हद तक मध्य पूर्व तथा कुछ यूरोप के भागों में भी हुआ। विश्व मलेरिया दिवस उन 8 आधिकारिक वैश्विक सामुदायिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक हैं जिसे द्वारा चिन्हित किया गया है इनमें से विश्व स्वास्थ्य दिवस, विश्व रक्तदाता दिवस, विश्व टीकाकरण सप्ताह, विश्व तपेदिक दिवस, विश्व तंबाकू निषेध दिवस, विश्व हेपेटाइटिस दिवस एवं विश्व एड्स दिवस हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का ध्वज .

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विश्व में बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है, और इसके संस्थापक गौतम बुद्ध (ईसवी पूर्व ५६३ - ईसवी पूर्व ४८३) थे। विश्व में करीब १९२ करोड़ (२८.७८%) लोक बौद्ध धर्म को माननेवाले है। दुसरे सर्वेक्षण के अनुसार १.६ अरब से १.८ अरब लोक (२३% से २५%) प्रतिनिधित्व बौद्ध करते है। बौद्ध धर्म एक धर्म और दर्शन है। संसार में ईसाई धर्म धर्म के बाद सबसे अधिक बौद्ध धर्म के ही अनुयायि पाये जाते। हालांकि कुछ सर्वेक्षणों के अनुसार बौद्ध धर्म आबादी ४८.८ करोड़ से ५३.५ करोड़ (विश्व की जनसंख्या में ९% से १०%) भी बताई जाती है। विश्व के सभी महाद्विपों में बौद्ध धर्म के अनुयायि रहते है। बौद्ध धर्म दुनिया का पहला विश्व धर्म है, जो अपने जन्मस्थान से निकलकर विश्व में दूर दूर तक फैला। आज दुनिया में बौद्ध धर्म की आबादी हिन्दू धर्म से अधिक और इस्लाम धर्म के बराबर या इस्लाम धर्म से भी अधिक है। भारत में बौद्ध धर्म अल्पसंख्यक है, जबकि भारत में इस विश्व धर्म का उदय हुआ था। परंतु एशिया में बौद्ध धर्म प्रमुख धर्म बना रहा। २०१० में १.०७ अरब से १.२२ अरब जनसंख्या के साथ चीन बौद्धों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है, चीन की कुल आबादी में ८०% से ९१% बौद्ध अनुयायि है। ज्यादातर चीनी बौद्ध महायान सम्प्रदाय के अनुयायि है। दुनिया की ६५% से ७०% बौद्ध आबादी चीन में रहती है। .

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विश्व में हिन्दू धर्म

विश्व की कुल आबादी में लगभग 23% हिन्दू धर्म के अनुयायी लोग हैं। जनसंख्या प्रतिशत के आधार पर नेपाल पहले स्थान पर है और उसके बाद भारत और मॉरिशस का स्थान आता है। .

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विश्व में इस्लाम धर्म

इस्लाम; दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समूह है। 2010 के एक अध्ययन के अनुसार जनवरी 2011 में जारी किया गया था, इस्लाम के पास 1.6 अरब अनुयायी हैं, जो विश्व की आबादी का 23% हिस्सा बनाता हैं। 2015 में एक और अध्ययन के अनुसार इस्लाम में 1.7 बिलियन अनुयायी हैं। अधिकांश मुस्लिम दो संप्रदायों में हैं: सुन्नी (80-90%, करीब 1.5 अरब लोग) या शिया (20-30%, लगभग 340-510 मिलियन लोग)। मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, अफ्रीका का हॉर्न, सहारा, मध्य एशिया और एशिया के कुछ अन्य हिस्सों में इस्लाम प्रमुख धर्म है। मुस्लिमों के बड़े समुदाय भी चीन, बाल्कन, भारत और रूस में पाए जाते हैं। दुनिया के अन्य बड़े हिस्सो में मुस्लिम आप्रवासी समुदायों की मेजबानी करते हैं; पश्चिमी यूरोप में, उदाहरण के लिए, ईसाई धर्म के बाद इस्लाम धर्म दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, जहां यह कुल आबादी का 6% या 24 मिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। .

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विश्व संस्कृत सम्मेलन

विश्व संस्कृत सम्मेलन विश्व के विभिन्न देशों में होने वाला अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन है। अभी तक यह एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका तथा आस्ट्रेलिया में हो चुका है। १९७२ में दिल्ली में सम्पन्न सम्मेलन प्रथम विश्व संस्कृत सम्मेलन माना जाता है। .

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विश्व के पर्वत

विश्व में विभिन्न पर्वत श्रृंखलाएं हैं जिनमें आयु, निर्माण ऊंचाई इत्यादि के आधार पर बहुत विविधताएं हैं।.

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विश्व के सर्वोच्च पर्वतों की सूची

पृथ्वी पर कम-से-कम 109 पर्वत हैं जिनकि ऊँचाई समुद्रतल से 7,200 मीटर (23,622 फ़ुट) से अधिक है। इनमें से अधिकांश भारतीय उपमहाद्वीप और तिब्बत की सीमा पर स्थित हैं, और कुछ मध्य एशिया में हैं। इस सूचि में केवल ऐसे ही शिखर सम्मिलित हैं जिन्हें अकेला खड़ा पर्वत माना जा सकता है, यानि एक ही पर्वत के अलग-अलग शिखरों को नहीं गिना गया है। .

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विश्व की झीलें

विश्व की झीलों की सूची इस प्रकार है -.

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विश्व की नदियां

विश्व के नदियों की सूची महाद्वीप के आधार पर इस प्रकार हैं -.

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विश्वमारी

विश्वमारी (यूनानी (ग्रीक) शब्द πᾶν पैन "सब" + δῆμος डेमोस "लोग" से), संक्रामक रोगों की एक महामारी है जो मानव आबादी के माध्यम से एक विशाल क्षेत्र, उदाहरण के लिए, एक महाद्वीप, या यहां तक कि दुनिया भर में भी फ़ैल रहा है। एक व्यापक स्थानिक रोग जो इस दृष्टि से स्थिर होता है कि इससे कितने लोग बीमार हो रहे हैं, एक विश्वमारी नहीं है। इसके अलावा, फ्लू विश्वमारियों में मौसमी फ्लू को तब तक शामिल नहीं किया जाता है जब तक मौसम का फ्लू एक विश्वमारी न हो। सम्पूर्ण इतिहास में चेचक और तपेदिक जैसी असंख्य विश्वमारियों का विवरण मिलता है। अधिक हाल की विश्वमारियों में एचआईवी (HIV) विश्वमारी और 2009 की फ्लू विश्वमारी शामिल है। .

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विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय (युनिवर्सिटी) वह संस्था है जिसमें सभी प्रकार की विद्याओं की उच्च कोटि की शिक्षा दी जाती हो, परीक्षा ली जाती हो तथा लोगों को विद्या संबंधी उपाधियाँ आदि प्रदान की जाती हों। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के मैदान, भवन, प्रभाग, तथा विद्यार्थियों का संगठन आदि भी सम्मिलित हैं। .

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विविध भारती

आकाशवाणी मुख्यालय, नई दिल्ली विविध भारती भारत मे सार्वजनिक क्षेत्र के रेडियो चैनल आकाशवाणी की एक प्रमुख प्रसारण सेवा है। भारत में रेडियो के श्रोताओं के बीच ये सर्वाधिक सुनी जाने वाली और बहुत लोकप्रिय सेवा है। इस पर मुख्यत: हिन्दी फ़िल्मी गीत सुनवाये जाते हैं। इसकी शुरुआत 3 अक्टूबर 1957 को हुई थी। वर्ष 2006-2007, विविध भारती के स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप मे भी मनाया। प्रारम्भ मे इसका प्रसारण केवल दो केन्द्रों, बम्बई तथा मद्रास से होता था। बाद मे धीरे धीरे लोकप्रियता के चलते आकाशवाणी के और भी केन्द्र इसका प्रसारण करने लगे। वर्तमान मे अनेकानेक केन्द्र आकाशवाणी की विज्ञापन प्रसारण सेवा के रूप मे अपने श्रोताओं को विविध भारती के कार्यक्रम सुनवाते हैं। यह भारत के असंख्य हिन्दी भाषियों का चहेता रेडियो चैनल वर्षों तक रहा। तब भी जब कि ना तो दूरदर्शन भारत आया था, या आने के बाद भी इतना चहेता नहीं बना था, जितना कि यह चैनल रहा है। अब भी यह चैनल अखिल भारत में प्रसारित होता है। .

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विकासशील देश

012 अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया वर्गीकरण 2009 तक नव औद्योगीकृत देश क्वॉरटाइल (2010 के आंकड़े पर आधारित, 4 नवम्बर 2010 को प्रकाशित के आधार पर) के आधार पर विश्व बैंक द्वारा विकसित मानव विकास रिपोर्ट सांखियकी. मानव विकास रिपोर्ट (एचडीआर). संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) विकासशील देश शब्द का प्रयोग किसी ऐसे देश के लिए किया जाता है जिसके भौतिक सुखों का स्तर निम्न होता है (इस शब्द को लेकर तीसरी दुनिया के देशों के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए).

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विकियात्रा

कोई विवरण नहीं।

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वंदना शिवा

वंदना शिवा (जन्म. 5 नवम्बर 1952, देहरादून, उत्तराखंड, भारत), एक दार्शनिक, पर्यावरण कार्यकर्ता, पर्यावरण संबंधी नारी अधिकारवादी एवं कई पुस्तकों की लेखिका हैं। वर्तमान में दिल्ली में स्थित, शिवा अग्रणी वैज्ञानिक और तकनीकी पत्रिकाओं में 300 से अधिक लेखों की रचनाकार हैं। उन्होंने 1978 में डॉक्टरी शोध निबंध: "" के साथ पश्चिमी ओंटेरियो विश्वविद्यालय, कनाडा से अपनी पीएच.डी.

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वुएलिंग एयरलाइंस

वुएलिंग एयरलाइंस, स्पेन की एक कम खर्चे में यात्रा कराने वाली एयरलाइन कंपनी हैं। इसके केंद्र बार्सिलोना-एल प्रैट हवाई अड्डे और लियोनार्डो दा विंसी-फ़िमिसिनो हवाई अड्डे हैं। नाम इसका नाम स्पेनिश शब्द वुएलो से आता है, जिसका अर्थ है उड़ान या उड़ना होता है। इस एयरलाइन की तेरह अतिरिक्त केंद्र हैं जो ए कोरुना, एलिकांटे, एम्स्टर्डम, बिलबाओ, फ्लोरेंस, मैड्रिड, मलागा, पाल्मा डी मेलोरका, पेरिस-ओरली,सैंटियागो डी कॉम्पोस्टेला, सेविल और वेलेंसिया में हैं। मौसम के आधार पर एक अन्य केंद्र इबित्ज़ा में स्थित है। वुएलिंग अफ्रीका, एशिया और यूरोप के 100 से अधिक स्थलों के लिए उड़ान भरता है एवं यह स्पेन की सबसे बड़ी एयरलाइन है। 2015 में, एयरलाइन ने 24 लाख से अधिक यात्रियों को, 96% की लोड फैक्टर के साथ अपने गंतव्य स्थान पर पहुचाया .

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वृक्ष सूर्यानुवर्त

वृक्ष सूर्यानुवर्त (Tree Heliotrope), जिसे ऑक्टोपस झाड़ (Octopus Bush) भी कहते हैं, बोराजिनासीए (Boraginaceae) जीववैज्ञानिक कुल का एक फूलदार पौधा है। यह मूलतः एशिया के गरम क्षेत्रों (जैसे कि दक्षिणी चीन), हिंद महासागर में माडागास्कर​ और उसके इर्द-गिर्द के द्वीपों, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया तथा प्रशांत महासागर में माइक्रोनीशिया और पोलिनिशिया के एटोलों (मूँगे द्वारा बनाए गए नन्हे द्वीप) और बड़े द्वीपों पर उगता है। यह झाड़ी या छोटे पेड़ का रूप रखता है जो लगभग ६ मीटर (२० फ़ुट) ऊँचा उग जाता है और लगभग उतने ही क्षेत्र में इसकी टहनियाँ भी फैल जाती हैं। .

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वैंकूवर अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा

वैंकूवर अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दृष्य वैंकूवर अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (IATA: YVR, ICAO: CYVR) कनाडा के ब्रिटिश कोलम्बिया के रिचमण्ड के सी आइलैण्ड में स्थित है। यह वैंकूवर के डाउनटाउन से लगभग १२ किमी दूर है। २०१४ में, विमानों के आवागमन की दृष्टि से यह कनाडा का दूसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा था। यहाँ से एशिया, यूरोप, ओसीनिया, संयुक्त राष्ट्र, मैक्सिको तथा कनाडा के अन्य स्थानों की सीधी उड़ाने उपलब्ध हैं। श्रेणी:कनाडा के अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे.

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वेज बर्गर

बर्गर एक प्रकार का अल्पाहार होता है, जिसे जंक फूड कीश्रेणी में रखा गया है। इसमें एक ब्रेड की तरह के गोल बन को काट कर उसकी ऊपरी व निचली सतहों के बीच चटपटे खाद्य पदार्थ लगे रहते हैं। ये खाद्य पदार्थ शाकाहारी या मांसाहारी हो सकते हैं। इन्ही पर निर्भर होता है कि बर्गर वेज-बर्गर है या नॉन-वेज बर्गर। .

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खस (प्राचीन जाति)

खस एक प्राचीन जाति, जो कदाचित शकों की कोई उपजाति थी। मनु ने इन्हें क्षत्रिय बताया है किंतु कहा है कि संस्कार-लोप होने और ब्राह्मणों से संपर्क छूट जाने के कारण वे शूद्र हो गए। महाभारत के सभापर्व एवं मार्कंडेय तथा मत्स्यपुराण में इनके अनेक उल्लेख प्राप्त होते है। समझा जाता है कि महाभारत में उल्लिखित खस का विस्तार हिमालय में पूर्व से पश्चिम तक था। राजतरंगिणी के अनुसार ये लोग कश्मीर के नैऋत्य कोण के पहाड़ी प्रदेश अर्थात् नैपाल में रहते थे। अत: वहाँ के निवासियों को लोग खस मूल का कहते हैं। सिल्वाँ लेवी की धारणा है कि खस हिमालय में बसनेवाली एक अर्धसंस्कृत जाति थी जिसने आगे चलकर बुद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। फिर 12 सताब्दी में हिन्दु धर्म को ग्रहन कर लिआ। यह भी धारणा है खस लोग काश्गर अथवा मध्य एशिया के निवासी थे और तिब्बत के रास्ते वे नैपाल और भारत आए। .

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ख़ज़र लोग

सन् ६५० और ८५० के बीच ख़ज़र ख़ागानत ख़ज़र (रूसी:Хазары, ख़ाज़ारी; अंग्रेज़ी: Khazar) मध्यकालीन यूरेशिया की एक तुर्की जाति थी जिनका विशाल साम्राज्य आधुनिक रूस के यूरोपीय हिस्से, पश्चिमी कज़ाख़स्तान, पूर्वी युक्रेन, अज़रबेजान, उत्तरी कॉकस (चरकस्सिया, दाग़िस्तान), जोर्जिया, क्राइमिया और उत्तरपूर्वी तुर्की पर विस्तृत था। इनकी राजधानी वोल्गा नदी के किनारे बसा आतील शहर था। ख़ज़र लोगों की ख़ागानत सन् ४४८ से १०४८ तक चली। इसमें कई धर्मों के लोग और, तुर्की जातियों के अलावा, यूराली, स्लावी और अन्य जातियाँ भी रहती थीं। ख़ज़र ख़ागानत रेशम मार्ग पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव था और दक्षिण-पश्चिमी एशिया को उत्तरी यूरोप से जोड़ने वाली एक मुख्य कड़ी थी।, David Christian, Wiley-Blackwell, 1998, ISBN 978-0-631-20814-3,...

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ख़ोजक सुरंग

ख़ोजक सुरंग ख़ोजक सुरंग (Khojak Tunnel) या शेला बाग़ सुरंग पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत के क़िला अब्दुल्लाह ज़िले के चमन शहर के पास शेला बाग़ पहाड़ों में एक ३.९१ किमी लम्बी रेलवे सुरंग है। यह बलोचिस्तान के क्वेट्टा इलाक़े को कन्दाहार के मैदानी क्षेत्र से जोड़ती है। इसपर काम दिसम्बर १८८७ में शुरू किया गया था और इसे १८९१ में पूरा किया गया। इसपर उस ज़माने में कुल १.५२ करोड़ रूपये ख़र्च हुए और उस समय यह एशिया की सबसे लम्बी सुरंग थी (लेकिन अब नहीं है)। यह पाकिस्तान के ५ रूपये के नोट पर दर्शाई जाती है।, W. Spooner, 1891,...

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खजूर

खजूर खजूर (फीनिक्स डेक्टाइलेफेरा) एक ताड़ प्रजाति का वृक्ष है, जिसकी कृषि बड़े पैमाने पर इसके खाद्य फल के लिए की जाती है। चूँकि इसकी खेती बहुत पहले से हो रही है इसलिए इसका सटीक मूल स्थान तलाशना लगभग असंभव है, लेकिन जलवायु के परि इसकी अनुकूलता को देखते हुये कहा जा सकता है के इसका मूल शायद उत्तरी अफ्रीका के किसी नख़लिस्तान या शायद दक्षिण पश्चिम एशिया में है। यह एक मध्यम आकार का पेड़ है और इसकी ऊँचाई 15-25 मीटर तक होती है, अक्सर कई तने एक ही मूल (जड़) प्रणाली से जुडे़ होते हैं पर यह अक्सर अकेले भी बढ़ते हैं। श्रेणी:फल श्रेणी:उद्यान विज्ञान और बाग़बानी श्रेणी:वृक्ष.

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गन्स एण्ड रोज़ेज़

गन्स एण्ड रोज़ेज़ (जिसे कभी-कभी संक्षेप में GN'R या GnR भी कहा/लिखा जाता है) एक अमेरिकी हार्ड रॉक बैंड है। इस बैंड का गठन 1985 में कैलिफोर्निया के लॉस एंजिलिस के हॉलीवुड में हुआ था। प्रमुख गायक और सह-संस्थापक एक्सल रोज़ (जन्म विलियम ब्रूस रोज़, जूनियर) के नेतृत्व में इस बैंड के गठन के बाद से इसके सदस्यों में कई बार परिवर्तन हुए हैं और कई विवादों ने जन्म लिया है। इस बैंड ने अपने कॅरियर के दौरान छः स्टूडियो एल्बम, तीन EPs और एक लाइव एल्बम रिलीज़ किया है। बैंड ने दुनिया भर में 1000 लाख से अभी अधिक एल्बम बेचा है जिसमें से 460 लाख से अभी अधिक एल्बमों की बिक्री संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई है। बैंड के 1987 के प्रमुख लेबल के पहले एल्बम एपेटाइट फॉर डिस्ट्रक्शन की 280 लाख प्रतियों की दुनिया भर में बहुत ज्यादा बिक्री हुई है और संयुक्त राज्य अमेरिका के ''बिलबोर्ड'' 200 में नंबर एक पर पहुंच गया है। इसके अतिरिक्त, इस एल्बम ने ''बिलबोर्ड'' हॉट 100 में तीन टॉप 10 सफल गाने दिए जिसमें "स्वीट चाइल्ड ओ' माइन" भी शामिल था जो नंबर एक पर पहुंच गया था। 1991 की एल्बमों, यूज़ योर इल्यूज़न I और यूज़ योर इल्यूज़न II ने बिलबोर्ड 200 पर दो सर्वोच्च स्थानों पर अपनी शुरुआत की और दुनिया भर में कुल 350 लाख प्रतियों की बिक्री की है जिसमें से केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में 140 लाख प्रतियों की बिक्री हुई है। एक दशक से भी अधिक समय तक काम करने के बाद बैंड ने 2008 में अपना अगला एल्बम, चाइनीज़ डेमोक्रेसी रिलीज़ की। वर्तमान लाइन-अप (सदस्य-मण्डली) में प्रमुख गायक एक्सल रोज़, प्रमुख गिटारवादक रॉन "बम्बलफूट" थाल और डीजे अश्बा, ताल गिटारवादक रिचर्ड फोर्टस, बासवादक टॉमी स्टिन्सन, ड्रमवादक फ्रैंक फेरर, कीबोर्डवादक डिज़ी रीड और सिन्थेसाइज़र वादक क्रिस पिटमैन शामिल हैं। उनके अस्सी के दशक के मध्य से लेकर अंत तक और नब्बे के दशक के शुरू के वर्षों को संगीत उद्योग के व्यक्तियों द्वारा एक ऐसी अवधि के रूप में वर्णित किया जाता है जिसमें "उन्होंने सुखवादी अक्खड़पन को जन्म दिया और आरंभिक रोलिंग स्टोन्स की याद दिलाने वाले पंक (उग्र) प्रवृत्ति वाले हार्ड रॉक दृश्य को पुनर्जीवित किया।"http://www.rollingstone.com/artists/gunsnroses/biography .

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गरुड़ इंडोनेशिया

गरुड़ इंडोनेशिया एयरलाइन्स इंडोनेशिया की राष्ट्रीय विमान सेवा है। इसका नामकरण इंडोनेशिया के राष्ट्रीय प्रतीक में शामिल पवित्र पक्षी गरुड़ के नाम पर है और इसका मुख्य कार्यालय जकार्ता के निकट टाँगेरंग उपनगर में सोएकर्नो–हटता इंटरनॅशनल एयरपोर्ट पर है। अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं की समीक्षा करने वाली फर्म स्काइ ट्रॅक्स की दिसंबर २०१४ की रपट के अनुसार यह एक पाँच सितारा विमान सेवा है। १९४७ में के.

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गाम्बिया

गाम्बिया (आधिकारिक रूप से इस्लामी गणराज्य गाम्बिया), पश्चिमी अफ्रीका में स्थित एक देश है। गाम्बिया अफ्रीकी मुख्य भूमि पर स्थित सबसे छोटा देश है, इसकी उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी सीमा सेनेगल से मिलती है, पश्चिम में अन्ध महासागर से लगा छोटा सा तटीय क्षेत्र है। देश का नाम गाम्बिया नदी पर से पड़ा है, जिसके प्रवाह के रास्ते इसकी सीमा लगी हुई है। नदी देश के मध्य से होते हुए अन्ध महासागर में जाकर मिल जाती है। लगभग १०,५०० वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले इस देश की अनुमानित जनसंख्या १७,००,००० है। १८ फरवरी, १९६५ को गाम्बिया ब्रिटेन से स्वतन्त्र हुआ और राष्ट्रमण्डल में सम्मिलित हो गया। बांजुल गाम्बिया की राजधानी है, लेकिन सबसे बड़ा महानगर सेरीकुंदा है। गाम्बिया अन्य पश्चिम अफ़्रीकी देशों के साथ एतिहासिक दास व्यापार का एक भाग था, जो गाम्बिया नदी पर उपनिवेश स्थापित करने का एक प्रमुख कारण था, प्रथम पुर्तगालियों द्वारा और बाद में अंग्रेज़ों द्वारा। १९६५ में स्वतन्त्रता प्राप्त करने के बाद, गाम्बिया अपेक्षाकृत स्थिर देश रहा है, केवल १९९४ में सैन्य शासन की एक संक्षिप्त अवधि के अपवाद को छोड़कर। यह एक कृषि सम्पन्न देश है और देश की अर्थव्यस्था में खेती-बाड़ी, मत्स्य-ग्रहण और पर्यटन-उद्योग की प्रमुख भूमिका है। लगभग एक तिहाई जनसंख्या अन्तर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा की सीमा १.२५ डॉलर प्रतिदिन से नीचे रहती है। .

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गिनतारा

एक चीनी गिनतारा '''कैल्कुलेटिंग टेबल,: ग्रेगोर रेइश, मार्गरीटा फिलॉसोफिका, १५०९'''। गिनतारा (अंग्रेजी: ऐबकस्) जिसे गणक सांचा भी कह सकते हैं, एक गणन उपकरण होता है, जिसका प्रयोग एशिया के भागों में अंकगणितीय प्रकायों के लिये किया जाता था। आज, गिनतारा अपने वर्तमाण रूप में, तारों पर बंधे मोतियों वाले एक बांस फ्रेम के रूप में दिखाई पड़ता है, लेकिन वे मूल रूप से ये फली के बीजों या पत्थरों या लकड़ी, पत्थर या धातु की गोलियों को रेत में खांचों/क्यारियों में चला कर प्रयोग किये जाते थे। लिखित प्रणाली के आरंभ से शताब्दियों पूर्व इनका प्रयोग किया जाता था। आज भी एशिया, अफ़्रीका आदि कई स्थानों पर व्यापारियों द्वारा इसका प्रयोग किया जाता है। इसके प्रयोक्ता को गिनतारारे कहते हैं। .

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गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य

गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य भारत में गुजरात में स्थित राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यप्राणी अभयारण्य है। एशिया में सिंहों के एकमात्र निवास स्थान के लिए जाना जाता है। गिर अभयारण्य 1424 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है जिसमें, २५८ वर्ग किलोमीटर में राष्ट्रीय उद्यान और ११५३ वर्ग किलोमीटर वन्यप्राणियों के लिए आरक्षित अभयारण्य विस्तार है। इसके अतिरिक्त पास में ही मितीयाला वन्यजीव अभयारण्य है जो १८.२२ किलोमीटर में फैला हुआ है। ये दोनों आरक्षित विस्तार गुजरात में जूनागढ़, अमरेली और गिर सोमनाथ जिले के भाग है। सिंहदर्शन के लिए ये उद्यान एवं अभयारण्य विश्व में प्रवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। विश्व में सिंहों की कम हो रही संख्या की समस्या से निपटने और एशियाटिक सिंहों के रक्षण हेतु सिंहों के एकमेव निवासस्थान समान इस विस्तार को आरक्षित घोषित किया गया था। विश्व में अफ़्रीका के बाद इसी विस्तार में सिंह बचे हैं। .

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गिलहरी

गिलहरी की कई प्रजातियों में कालेपन की प्रावस्था पाई जाती है। संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बड़े हिस्से में शहरी क्षेत्रों में सर्वाधिक आसानी से देखी जा सकने वाली गिलहरियाँ पूर्वी ग्रे गिलहरियों का कालापन लिया हुआ एक रूप है। गिलहरियाँ छोटे व मध्यम आकार के कृन्तक प्राणियों की विशाल परिवार की सदस्य है जिन्हें स्कियुरिडे कहा जाता है। इस परिवार में वृक्षारोही गिलहरियाँ, भू गिलहरियाँ, चिम्पुंक, मार्मोट (जिसमे वुड्चक भी शामिल हैं), उड़न गिलहरी और प्रेइरी श्वान भी शामिल हैं। यह अमेरिका, यूरेशिया और अफ्रीका की मूल निवासी है और आस्ट्रेलिया में इन्हें दूसरी जगहों से लाया गया है। लगभग चालीस मिलियन साल पहले गिलहरियों को पहली बार, इयोसीन में साक्ष्यांकित किया गया था और यह जीवित प्रजातियों में से पर्वतीय ऊदबिलाव और डोरमाइस से निकट रूप से सम्बद्ध हैं। .

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गुलदाउदी

गुलदाउदी (Chrysanthemum) एक बारहमासी सजावटी फूलों का पौधा है। इसकी लगभग 30 प्रजातियों पाई जाती हैं। मुख्यतः यह एशिया और पूर्वोत्तर यूरोप मे पाया जाता है। ग्रीक भाषा के (Anemone) अनुसार क्राइसैंथिमम शब्द का अर्थ स्वर्णपुष्प है। इस जाति का पुष्प छोटा तथा सम्मित एनीमोन सदृश होता है। बेंथैम तथा हूकर (Bentham and Hooker, 1862-93) के वनस्पति-विभाजन-क्रम के आधार पर गुलदाऊउदी का स्थान नीचे दिए हुए क्रम के अनुसार निर्धारित होता है: वर्ग द्विदलीय (Dicotyledon) गैमोपेटैली (Gamopetalae) श्रेणी इनफेरी (Inferae) आर्डर ऐस्टरेलीज़ (Asterales) कुल कॉम्पॉज़िटी (Compositae) जीनस क्राइसैंथिमम .

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गुलाब

गुलाब एक बहुवर्षीय, झाड़ीदार, कंटीला, पुष्पीय पौधा है जिसमें बहुत सुंदर सुगंधित फूल लगते हैं। इसकी १०० से अधिक जातियां हैं जिनमें से अधिकांश एशियाई मूल की हैं। जबकि कुछ जातियों के मूल प्रदेश यूरोप, उत्तरी अमेरिका तथा उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका भी है। भारत सरकार ने १२ फरवरी को 'गुलाब-दिवस' घोषित किया है। गुलाब का फूल कोमलता और सुंदरता के लिये प्रसिद्ध है, इसी से लोग छोटे बच्चों की उपमा गुलाब के फूल से देते हैं। .

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गुजरात साइंस सिटी

गुजरात साइंस सिटी गुजरात सरकार का उपक्रम है। यह अहमदाबाद के हेबतपुर इलाके में स्थित है। 107 एकड़ में फैली इस विज्ञान नगरीमें आई.मेक्स थिएटर, विज्ञान संग्रहालय, शोध संस्थान एवं एशिया का सबसे बड़ा म्युज़िकल फव्वारा भी है। श्रेणी:अहमदाबाद.

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ग्रांड हयात मुम्बई

ग्रांड हयात मुम्बई एक समृध्ध ५ सितारा होटेल है जो भारत में मुम्बई के सांटाक्रुज (पुर्व) में पश्चिम एक्ष्प्रेस हाइवे के पास आई है। जिसे शिकागो के लोहान एसोसियेट्स ने आकार दिया हैІ यह १० एकर जमीन पर बनाई गई हैІ ग्रांड हयात मुम्बई २००४ में शुरु हुई थी और उसमे ५४७ अतिथि कक्ष और १११ सुविधायुक्त कमरे है। .

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ग्रैंड होटल कोलकाता

ग्रैंड होटल या ग्रांड होटल, जिसे अब ओबेरॉय ग्रैंड के नाम से जाना जाता है, जवाहरलाल नेहरु रोड (जिसे पहले चौरंगी रोड कहा जाता था) पर कोलकाता की के हृदय में स्थित है। यह अंग्रेजी काल की एक सर्वसज्जित और विशालकाय इमारत है जोकि कोलकाता में बहुत प्रसिद्ध भी है। इस होटल को ओबेरॉय चैन ऑफ़ होटल्स ने खरीद रखा है। .

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ग्रेट ब्रिटेन राजशाही

ग्रेट ब्रिटेन राजशाही या ग्रेट ब्रिटेन राजतंत्र, आधिकारिक रूपसे:ग्रेट ब्रिटेन, पश्चिमी यूरोप में १ मई १७०७ से १३ दिसंबर १८०० तक विद्यमान, यूनाइटेड किंगडम का पूरक राज्य था। ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना १७०६ को अंग्रेज़ी राजशाही और स्कोटियाई राजशाही के बीच तय किये गए विलयके समझौतेका १७०७में विलय के अधिनियमों के रूपमें पारित होनेके कारण हुआ था। इन अधिनोइयमोंके कारण, पूर्व आंग्ल राजतंत्र और स्कॉट राजतंत्रका एक शासक, एक संसद तथा एक व्यवस्था के साथ, एकही राजतांत्रिक इकाईके रूपमें विलय होगया, जिसका विस्तार पूरे ग्रेट ब्रिटेन और उसके निकट के द्वीपों पर अधिपत्य था। इस राजतंत्र का अधिआसन, लंदन का वेस्टमिंस्टर शहर था। यह एक पूर्णतः एकात्मक राज्य राज्य था, और इसकी राजनीतिक व्यवस्था में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच किसी प्रकार का संघीय या महासंघिया संबंध नहीं था। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड (और आयरलैंड) सन् १६०३ में एलिज़ाबेथ प्र॰ के देहांत पश्चात् जेम्स प्रथम की सिंघासन-उत्तराधिकृति से एक व्यक्तिगत विलय की स्थिती में थे। हालाँकि, इंग्लैंड और आयरलैंड का विलय हो गया था, परंतु आईरिस राज्य, ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा नहीं था, और वह एक स्वतंत्र प्रदेश था। १ जनवरी १८०१, को ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का आयरिश राजशाही के साथ विलय होगया और ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना हुई। १९२२ में, आयरलैंड का पांच-छ्याई भाग, इस संयुक्त राजशाही से निकल गया और इस राज्य का पुनःनामकरण कर, इसका नाम ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही कर दिया गया, जोकि आज विद्यमान है। इस संयुक्त राज्य के शुरूआती वर्ष, जकॉबियाइ जागरणों से भरे थे, जो १७४६ में स्टुअर्टवंशी चार्ल्स एडवर्ड स्टुअर्ट की हार के साथ समाप्त हुए। तत्पश्चात् १७६३ में सप्तवर्षीय युद्ध में विजय ने सर्वप्रथम वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया, जोकि अगले १०० वर्षों में इतिहास के बृहत्तम् साम्राज्य के रूप में विकसित हुई। .

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ग्रेटर नोएडा

ग्रेटर नोएडा (अंग्रेज़ी: Greater Noida) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण उपनगर है, जो दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम की ओर स्थित है। आधिकारिक दृष्टि से यह उत्तर प्रदेश राज्य के गौतम बुद्ध नगर जिले में आता है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इसके निकटवर्ती ही एक अन्य उपनगर नोएडा है, जो यहाँ से दिल्ली के रास्ते में पड़ता है। नोएडा एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक उपनगरों में से एक है। ग्रेटर नोएडा, जैसा कि इसका नाम है, आकार में नोएडा से भी बहुत बड़ा है और बहुत ही कम समय में अन्तर्राष्ट्रीय क्षितिज पर अपनी पहचान बना चुका है। वर्तमान समय में इसके अध्यक्ष व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रमा रमण हैं। रमा रमण के अनुसार नई दिल्ली से ग्रेटर नोएडा के बीच यातायात को सुगम बनाने हेतु मई 2014 तक मेट्रो ट्रेक का निर्माण शुरू हो जायेगा। .

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ग्रेटर रैकेट-पूंछ ड्रोंगो

ग्रेटर रैकेट-पूंछ ड्रोंगो, डायक्रुरस पैराडाइसियस, एक मध्यम आकार का एशियाई पक्षी है जो पूंछ के लम्बे परों, जिनके किनारों पर जाली होती है, के कारण विशिष्ट रूप से जाना जाता है। ये ड्रोंगो परिवार के अन्य सदस्यों की तरह ही डिक्रूराईडे (Dicruridae) परिवार के सदस्य हैं। वे जंगल के अपने प्राकृतिक आवास में विशिष्ट रूप से अक्सर खुले में बैठे होते हैं तथा ध्यान आकर्षित करने के लिए उच्च स्वर में कई ध्वनियां निकालते हैं जिसमें कई पक्षियों की नक़ल करना सम्मिलित होता है। यह कहा जाता है कि इस प्रकार से नक़ल करने से कई प्रजाति के पक्षी समूह एक साथ चारा खोजने के लिए मिल जाते हैं, यह विशिष्टता वन के कई पक्षी समाजों में मिलती है जहां कीड़े खाने वाले कई प्रजातियों के पक्षी साथ में चारा ढूंढते हैं। ये ड्रोंगो कभी-कभी झुण्ड में किसी अन्य पक्षी द्वारा पकडे गए अथवा निकाले गए कीट को चुरा लेते हैं। वे दिन के पक्षी हैं परन्तु सूर्योदय के पूर्व से लेकर देर शाम तक सक्रिय रहते हैं। अपने विस्तृत वितरण तथा क्षेत्रीय भिन्नताओं के कारण वे क्षेत्र के प्रभाव एवं अनुवांशिक अलगाव के कारण नयी प्रजातियों की उत्पत्ति के प्रमुख उदाहरण बन गए हैं। .

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ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल

ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों या ओलंपियाड के खेलों (Jeux olympiques d'été), जो पहली बार 1896 में आयोजित किया गया था, एक अंतर्राष्ट्रीय मल्टी-स्पोर्ट इवेंट आयोजन है जो चार साल से एक अलग शहर द्वारा आयोजित किया जाता है। सबसे हालिया ओलंपिक रियो डी जनेरियो, ब्राजील में आयोजित किए गए थे। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति खेल का आयोजन करती है और मेजबान शहर की तैयारियों की देखरेख करता है। प्रत्येक ओलंपिक आयोजन में, स्वर्ण पदक प्रथम स्थान पर दिए जाते हैं, दूसरे स्थान पर रजत पदक से सम्मानित किया जाता है, और तीसरे के लिए कांस्य पदक प्रदान किए जाते हैं; यह परंपरा 1904 में शुरू हुई। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की सफलता के कारण शीतकालीन ओलंपिक खेलों का निर्माण किया गया था। ओलंपिक में 42 स्पर्धाओं की प्रतियोगिता में वृद्धि हुई है, जो कि 1896 में 14 देशों के 250 से कम पुरुष प्रतिद्वंद्वियों के साथ 2012 में 204 देशों से 10,768 प्रतिद्वंद्वियों (5,992 पुरुष, 4,776 महिलाओं) के साथ 302 घटनाओं के साथ बढ़ी है। अठारह देशों ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की है। संयुक्त राज्य अमेरिका में किसी भी अन्य देश से अधिक चार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (1904, 1932, 1984, 1996), की मेजबानी की है, और ग्रेट ब्रिटेन लंदन में तीन ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (1908, 1948, 2012), सभी की मेजबानी की है। एथेंस (1896, 2004), पेरिस (1900, 1924), लॉस एंजिल्स (1932, 1984) और टोक्यो (1964, 2020): चार शहरों में दो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक आयोजित किए गए हैं। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक कई बार होस्ट करने के लिए पश्चिमी दुनिया के बाहर टोक्यो पहला शहर है। एशिया ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की है, जापान, दक्षिण कोरिया और चीन में चार बार (1964, 1988, 2008, 2020)। दक्षिणी गोलार्ध में आयोजित केवल ग्रीष्मकालीन ओलंपिक ऑस्ट्रेलिया (1956, 2000) और ब्राजील (2016) में रहे हैं। 2016 के खेल दक्षिण अमेरिका में होने वाले पहले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक हैं और स्थानीय शीतकालीन सत्र के दौरान आयोजित होने वाले पहले थे। अफ्रीका अभी तक एक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी नहीं है। केवल पांच देशों-ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन, और हर ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक खेलों में स्विट्जरलैंड की है प्रतिनिधित्व करता रहा। प्रत्येक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में कम से कम एक स्वर्ण पदक जीतने वाला एकमात्र देश ग्रेट ब्रिटेन है संयुक्त राज्य अमेरिका ने सभी समय के पदक तालिका का नेतृत्व किया। .

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ग्वादर

ग्वादर शहर ग्वादर बंदरगाह ग्वादर (बलोच व उर्दु) पाकिस्तान से सुदूर दक्षिण-पश्चिमी भाग में बलोचिस्तान प्रान्त में अरब सागर के किनारे पर स्थित एक बंदरगाही शहर है। यह ग्वादर ज़िले का केंद्र है और सन् २०११ में इसे बलोचिस्तान की शीतकालीन राजधानी घोषित कर दिया गया था। ग्वादर शहर एक ६० किमी चौड़ी तटवर्ती पट्टी पर स्थित है जिसे अक्सर मकरान कहा जाता है। ईरान तथा फ़ारस की खाड़ी के देशों के बहुत पास होने के कारण इस शहर का बहुत सैन्य और राजनैतिक महत्व है। पाकिस्तान प्रयास कर रहा है कि इस बंदरगाह के ज़रिये न केवल पाकिस्तान बल्कि चीन, अफ़ग़ानिस्तान व मध्य एशिया के देशों का भी आयात-निर्यात चले। .

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गेहूँ

गेहूँ गेहूं (Wheat; वैज्ञानिक नाम: Triticum spp.),Belderok, Bob & Hans Mesdag & Dingena A. Donner.

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गेजिंग

ग्यालशिंग या गेजिंग, सिक्किम के पश्चिमी जिले का मुख्यालय है। सिक्किम का पश्चिमी जिला पूर्वी हिमालय क्षेत्र के सबसे खूबसूरत और पवित्र स्थानों में एक माना जाता है। इस क्षेत्र की जैव विविधता इसे अन्य स्थानों से अलग करती है। साथ ही यहां स्थित अनेक मठों के कारण इसे मठभूमि नाम से भी संबोधित किया जाता है। यहां के कुछ मठ तो शताब्दियों पुराने हैं। एक पहाड़ी चोटी पर स्थित संगा चोलिंग मठ 1697 में बनवाया गया था। इसे सिक्किम के सबसे प्राचीन मठों में एक माना जाता है। यहां की खेचियापलरी झील, धार्मिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। एशिया का दूसरा सबसे ऊंचा सिंगशोर झूला पुल यहां आने वाले पर्यटकों आकर्षण के केन्द्र में रहता है। पश्चिमी सिक्किम के हर हिस्से में खूबसूरत झरनों को देखा जा सकता है। इस जिले को लोकप्रिय जोंगरी-गोईचाला पैदल यात्रा मार्ग का प्रवेश द्वार माना जाता है। .

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गोह

गोह गोह (Monitor lizard) सरीसृपों के स्क्वामेटा (Squamata) गण के वैरानिडी (Varanidae) कुल के जीव हैं, जिनका शरीर छिपकली के सदृश, लेकिन उससे बहुत बड़ा होता है। गोह छिपकिलियों के निकट संबंधी हैं, जो अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, अरब और एशिया आदि देशों में फैले हुए हैं। ये छोटे बड़े सभी तरह के होते है, जिनमें से कुछ की लंबाई तो 10 फुट तक पहुँच जाती है। इनका रंग प्राय: भूरा रहता है। इनका शरीर छोटे छोटे शल्कों से भरा रहता है। इनकी जबान साँप की तरह दुफंकी, पंजे मजबूत, दुम चपटी और शरीर गोल रहता है। इनमें कुछ अपना अधिक समय पानी में बिताते हैं और कुछ खुश्की पर, लेकिन वैसे सभी गोह खुश्की, पानी और पेड़ों पर रह लेते हैं। ये सब मांसाहारी जीव हैं, जो मांस मछलियों के अलावा कीड़े मकोड़े और अंडे खाते है। .

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ऑटो एक्सपो

ऑटो एक्सपो २००८, प्रगति मैदान दिल्ली में भारतीय वाहन उद्योग का सबसे बड़ा आयोजन ऑटो एक्सपो (वाहन प्रदर्शनी) भारत की राजधानी दिल्ली में हर दो साल में आयोजित होने वाला एक व्यापार मेला हैं। इसका आयोजन नई दिल्ली के प्रगति मैदान में होंता है। शंघाई मोटर शो के बाद यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा वाहन व्यापार मेला है। मेले का आयोजन ऑटोमोटिव कम्पोनेण्ट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एक्मा), भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माता संघ (सियाम) और कॉन्फेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) मिल कर करते हैं। १९८६ से लेकर अब तक ११ ऑटो एक्सपो भारत की राजधानी में आयोजित किये जा चुके हैं। पहली बार १२वाँ ऑटो एक्सपो का आयोजन नई दिल्ली के बजाय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के औद्योगिक नगर ग्रेटर नोएडा में किया गया। .

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ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया, सरकारी तौर पर ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल दक्षिणी गोलार्द्ध के महाद्वीप के अर्न्तगत एक देश है जो दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप भी है और दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप भी, जिसमे तस्मानिया और कई अन्य द्वीप हिंद और प्रशांत महासागर में है। ऑस्ट्रेलिया एकमात्र ऐसी जगह है जिसे एक ही साथ महाद्वीप, एक राष्ट्र और एक द्वीप माना जाता है। पड़ोसी देश उत्तर में इंडोनेशिया, पूर्वी तिमोर और पापुआ न्यू गिनी, उत्तर पूर्व में सोलोमन द्वीप, वानुअतु और न्यू कैलेडोनिया और दक्षिणपूर्व में न्यूजीलैंड है। 18वी सदी के आदिकाल में जब यूरोपियन अवस्थापन प्रारंभ हुआ था उसके भी लगभग 40 हज़ार वर्ष पहले, ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप और तस्मानिया की खोज अलग-अलग देशो के करीब 250 स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाईयो ने की थी। तत्कालिक उत्तर से मछुआरो के छिटपुट भ्रमण और होलैंडवासियो (Dutch) द्वारा 1606, में यूरोप की खोज के बाद,1770 में ऑस्ट्रेलिया के अर्द्वपूर्वी भाग पर अंग्रेजों (British) का कब्ज़ा हो गया और 26 जनवरी 1788 में इसका निपटारा "देश निकला" दण्डस्वरुप बने न्यू साउथ वेल्स नगर के रूप में हुआ। इन वर्षों में जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हुई और महाद्वीप का पता चला,19वी सदी के दौरान दूसरे पांच बड़े स्वयं-शासित शीर्ष नगर की स्थापना की गई। 1 जनवरी 1901 को, छ: नगर महासंघ हो गए और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल का गठन हुआ। महासंघ के समय से लेकर ऑस्ट्रेलिया ने एक स्थायी उदार प्रजातांत्रिक राजनैतिक व्यवस्था का निर्वहन किया और प्रभुता संपन्न राष्ट्र बना रहा। जनसंख्या 21.7मिलियन (दस लाख) से थोडा ही ऊपर है, साथ ही लगभग 60% जनसंख्या मुख्य राज्यों सिडनी,मेलबर्न,ब्रिस्बेन,पर्थ और एडिलेड में केन्द्रित है। राष्ट्र की राजधानी केनबर्रा है जो ऑस्ट्रेलियाई प्रधान प्रदेश (ACT) में अवस्थित है। प्रौद्योगिक रूप से उन्नत और औद्योगिक ऑस्ट्रेलिया एक समृद्ध बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है और इसका कई राष्ट्रों की तुलना में इन क्षत्रों में प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है जैसे स्वास्थ्य, आयु संभाव्यता, जीवन-स्तर, मानव विकास, जन शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और मूलभूत अधिकारों की रक्षा और राजनैतिक अधिकार.

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ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाएँ

ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाओं का ताइवान में ३००० ईपू में जन्मने के बाद फैलाव; संख्याएँ साल बताती हैं (– का अर्थ ईसापूर्व है और + का अर्थ ईसवी है) ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाएँ (Austronesian languages) एक भाषा परिवार है जिसकी सदस्य भाषाएँ दक्षिण-पूर्वी एशिया और प्रशांत महासागर के बहुत से द्वीपों पर विस्तृत हैं। एशिया के महाद्वीप की मुख्यभूमि के भी कुछ क्षेत्रों में यह बोली जाती हैं। कुल मिलकर ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाएँ बोलने वालों की जनसँख्या ३८.६ करोड़ अनुमानित की गई है। सबसे ज़्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा मलय भाषा है, जिसे लगभग १८ करोड़ लोग बोलते हैं और जो विश्व की ८वीं सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। कई ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाओं को १ करोड़ से अधिक लोग बोलते हैं हालांकि ऐसी भी कुछ भाषाएँ है जो गिनती के लोग ही बोलते हैं। लगभग २० ऑस्ट्रोनीशियाई भाषाओं को अपने देशों की राजभाषा होने का दर्जा प्राप्त है। यह भाषाएँ सुदूर पश्चिम में अफ़्रीका के तट के क़रीब स्थित माडागैस्कर से लेकर सुदूर पूर्व में हवाई द्वीपों तक बोली जाती हैं। .

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ओब नदी

ओब-इरतिश नदियों का जलसम्भर क्षेत्र रूस के बारनाउल शहर के पास ओब नदी ओब नदी या ओबी नदी (रूसी: Обь, अंग्रेज़ी: Ob) उत्तरी एशिया के पश्चिमी साइबेरिया क्षेत्र की एक नदी है और दुनिया की सातवी सबसे लम्बी नदी है। येनिसेय नदी और लेना नदी के साथ यह आर्कटिक सागर में बहने वाली तीसरी महान साइबेरियाई नदी मानी जाती है। ओब की खाड़ी दुनिया की सबसे लम्बी एस्चुएरी मानी जाती है (वह क्षेत्र जहाँ नदी डेल्टा बनाने की बजाए समुद्री ज्वारभाटा के कारण सीधे समुद्र में विलय हो)। .

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ओरंगउटान

एक हँसता हुआ बोर्नियाई ओरंगउटान ओरंगउटान एशिया में वर्तमान युग में पाया जाने वाला अकेला मानवनुमा (बड़े अकार का मानवनुमा कपि) है। यह सभी वृक्षवासी जानवरों में आकार में सबसे बड़े हैं और इनकी भुजाएँ सभी अन्य महाकपियों से (जैसे की चिम्पान्ज़ी, मनुष्य, गोरीला) लम्बी होती हैं। यह काफ़ी बुद्धिमान होते हैं और भिन्न प्रकार के औज़ार इस्तेमाल करते हैं। हर रात को यह डंडियों और पत्तों से अपने लिए एक शय्या-सी भी तैयार करते हैं। जहाँ अन्य महाकपियों के बाल ख़ाकी या काले होते हैं, वहाँ ओरंगउटानों के बाल लाल-से रंग के होते हैं। ओरंगउटान इंडोनीशिया और मलेयशिया के जंगलों में पाए जाते हैं। इनकी दो उपजातियाँ हैं - बोर्नियाई ओरंगउटान (वैज्ञानिक नाम: पोंगो पिग्मेयस, Pongo pygmaeus) और सुमात्राई ओरंगउटान (वैज्ञानिक नाम: पोंगो ऐबेलाए, Pongo abelii)। सुमात्राई ओरंगउटान अब बहुत कम बचे हैं और इनकी नस्ल लुप्त होने का बड़ा ख़तरा है। ओरंगउटान की और भी जातियाँ हुआ करती थीं लेकिन वे अब ख़त्म हो चुकी हैं, जिन में से एक शिवापिथेकस नामक नस्ल भारत की शिवालिक पहाड़ियों में वास करती थी। .

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ओजोन थेरेपी

एक चिकित्सकीय ओज़ोन जनरेटर।सौजन्य: http://www.medpolinar.com/eng_version/ozon.htm www.medpolinar.com ओजोन थेरेपी में ओजोन और ऑक्सीजन के मिश्रण को मनुष्य के शरीर के लाभ हेतु प्रयोग किया जाता है। ओजोन एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में सक्षम है, इसलिए यह ऑक्सीडेटिव मानसिक तनाव को कम कर सकता है। ओजोन का यह एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरोधक तंत्र विकिरण और कीमोथेरेपी के दौरान पैदा होने वाले रेडिकल्स को संतुलित करता है।। हिन्दुस्तान लाइव। ९ मई २०१० चाहे शरीर में शीघ्र थकान होने की शिकायत हो, सुस्ती अनुभव होती हो, छाती में दर्द की समस्या हो या उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्राल वृद्धि, मधुमेह आदि की चिंता हो, या कैंसर से लेकर एचआईवी जैसे घातक रोगों में, ओजोन थेरेपी इन सभी में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के रूप में समान रूप से सहायक हो सकती है। यह अल्पजीवी गैस शरीर के अंदर जाकर ऑक्सीकरण प्रक्रिया को तेज करने के साथ-साथ ऑक्सीजन को फेफड़ों से लेकर शरीर की सभी कोशिकाओं तक ले जाने की क्षमता बढ़ा देती है। इससे शरीर द्वारा बनाये गए अफल विषैले तत्वों को बाहर निकालने एवं क्षय हो रही ऊर्जा के पुनर्संचय में मदद मिलती है। .

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औरंगज़ेब

अबुल मुज़फ़्फ़र मुहिउद्दीन मुहम्मद औरंगज़ेब आलमगीर (3 नवम्बर १६१८ – ३ मार्च १७०७) जिसे आमतौर पर औरंगज़ेब या आलमगीर (प्रजा द्वारा दिया हुआ शाही नाम जिसका अर्थ होता है विश्व विजेता) के नाम से जाना जाता था भारत पर राज्य करने वाला छठा मुग़ल शासक था। उसका शासन १६५८ से लेकर १७०७ में उसकी मृत्यु होने तक चला। औरंगज़ेब ने भारतीय उपमहाद्वीप पर आधी सदी से भी ज्यादा समय तक राज्य किया। वो अकबर के बाद सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाला मुग़ल शासक था। अपने जीवनकाल में उसने दक्षिणी भारत में मुग़ल साम्राज्य का विस्तार करने का भरसक प्रयास किया पर उसकी मृत्यु के पश्चात मुग़ल साम्राज्य सिकुड़ने लगा। औरंगज़ेब के शासन में मुग़ल साम्राज्य अपने विस्तार के चरमोत्कर्ष पर पहुंचा। वो अपने समय का शायद सबसे धनी और शातिशाली व्यक्ति था जिसने अपने जीवनकाल में दक्षिण भारत में प्राप्त विजयों के जरिये मुग़ल साम्राज्य को साढ़े बारह लाख वर्ग मील में फैलाया और १५ करोड़ लोगों पर शासन किया जो की दुनिया की आबादी का १/४ था। औरंगज़ेब ने पूरे साम्राज्य पर फ़तवा-ए-आलमगीरी (शरियत या इस्लामी क़ानून पर आधारित) लागू किया और कुछ समय के लिए ग़ैर-मुस्लिमों पर अतिरिक्त कर भी लगाया। ग़ैर-मुसलमान जनता पर शरियत लागू करने वाला वो पहला मुसलमान शासक था। मुग़ल शासनकाल में उनके शासन काल में उसके दरबारियों में सबसे ज्यादा हिन्दु थे। और सिखों के गुरु तेग़ बहादुर को दाराशिकोह के साथ मिलकर बग़ावत के जुर्म में मृत्युदंड दिया गया था। .

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औरोक्स

औरोक्स का १६वी शताब्दी में बना एक चित्र औरोक्स की उपनस्लों का फैलाव भेड़ियों से लड़ता हुआ एक यूरेशियाई औरोक्स (कल्पित चित्र) औरोक्स आधुनिक पालतू गाय की पूर्वज नस्ल थी। यह एक बड़े अकार की जंगली गाय थी जो एशिया, यूरोप और उत्तर अफ़्रीका में रहा करती थी लेकिन विलुप्त हो गई। यूरोप में यह सन् १६२७ तक पाई गई थी। इस नस्ल के सांड के कंधे ज़मीन से १.८ मीटर (५ फ़ुट १० इंच) तक ऊँचे होते थे और गाय १.५ मीटर (४ फ़ुट ११ इंच) ऊँची होती थी। माना जाता है कि विश्व की सभी पालतू गाय औरोक्स के ही वंशज हैं। .

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आँवला

आँवला, एक स्वास्थ्यवर्धक फल। आंवले की एक डाली पर पत्ते एवं फल साम्राज्य - पादप विभाग - मैंगोलियोफाइटा वर्ग - मैंगोलियोफाइटा जाति - रिबीस प्रजाति - आर यूवा-क्रिस्पा वैज्ञानिक नाम - रिबीस यूवा-क्रिस्पा आँवला एक फल देने वाला वृक्ष है। यह करीब २० फीट से २५ फुट तक लंबा झारीय पौधा होता है। यह एशिया के अलावा यूरोप और अफ्रीका में भी पाया जाता है। हिमालयी क्षेत्र और प्राद्वीपीय भारत में आंवला के पौधे बहुतायत मिलते हैं। इसके फूल घंटे की तरह होते हैं। इसके फल सामान्यरूप से छोटे होते हैं, लेकिन प्रसंस्कृत पौधे में थोड़े बड़े फल लगते हैं। इसके फल हरे, चिकने और गुदेदार होते हैं। स्वाद में इनके फल कसाय होते हैं। संस्कृत में इसे अमृता, अमृतफल, आमलकी, पंचरसा इत्यादि, अंग्रेजी में 'एँब्लिक माइरीबालन' या इण्डियन गूजबेरी (Indian gooseberry) तथा लैटिन में 'फ़िलैंथस एँबेलिका' (Phyllanthus emblica) कहते हैं। यह वृक्ष समस्त भारत में जंगलों तथा बाग-बगीचों में होता है। इसकी ऊँचाई 2000 से 25000 फुट तक, छाल राख के रंग की, पत्ते इमली के पत्तों जैसे, किंतु कुछ बड़े तथा फूल पीले रंग के छोटे-छोटे होते हैं। फूलों के स्थान पर गोल, चमकते हुए, पकने पर लाल रंग के, फल लगते हैं, जो आँवला नाम से ही जाने जाते हैं। वाराणसी का आँवला सब से अच्छा माना जाता है। यह वृक्ष कार्तिक में फलता है। आयुर्वेद के अनुसार हरीतकी (हड़) और आँवला दो सर्वोत्कृष्ट औषधियाँ हैं। इन दोनों में आँवले का महत्व अधिक है। चरक के मत से शारीरिक अवनति को रोकनेवाले अवस्थास्थापक द्रव्यों में आँवला सबसे प्रधान है। प्राचीन ग्रंथकारों ने इसको शिवा (कल्याणकारी), वयस्था (अवस्था को बनाए रखनेवाला) तथा धात्री (माता के समान रक्षा करनेवाला) कहा है। .

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आठ हज़ारी

आठ हजारी अर्थात समुद्र सतह से 8000 मी.

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आरती साहा

आरती साहा (24 सितंबर 1940-23 अगस्त 1994) भारत तथा एशिया की पहली महिला इंग्लिश चैनल पार करने वाली प्रसिद्ध तैराक थीं। .

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आर्सेलर मित्तल

आर्सेलर मित्तल एक वैश्विक इस्पात कंपनी है जिसका मुख्यालय एवेन्यू डी ला लिबेर्टॅ, लक्ज़मबर्ग में स्थित है। यह विश्व में सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनी है और मोटरवाहन, निर्माण, घरेलू उपकरणों और पैकेजिंग में उपयोग के लिए इस्पात में अग्रणी है। यह कच्चे माल की आपूर्ति के लिये विस्तृत आपूर्ति व्यवस्था और व्यापक वितरण नेटवर्क संचालित करती है। कंपनी की स्थापना २००६ में आर्सेलर और मित्तल इस्पात के विलयन से हुआ था। यह २०१० के फॉर्च्यून ग्लोबल ५०० की सूची में ९९ स्थान पर है .

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आर्कटिक वृत्त

आइसोथर्म में आर्कटिक वृत्त पृथ्वी के नक्शे में अक्षांश द्वारा चिह्नित पांच प्रमुख क्षेत्रों में सबसे उत्तरी क्षेत्र है।.

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आज़ाद हिन्द

आजाद हिन्द या आर्ज़ी हुक़ूमत-ए-आज़ाद हिन्द (عارضی حکومت‌ِ آزاد ہند; Provisional Government of Free India) एक भारतीय अन्तःकालीन सरकार(अस्थाई सरकार) थी जिसे सिंगापुर में सन १९४३ में स्थापित किया गया था। यह अक्ष शक्तियो की सायता से भारत को स्वाधीनता के लिए लढ़ने वाले भारतीय राष्ट्रवादीयों द्वारा बनाया गया था जिसका नेतृत्व सुभाष चंद्र बोस कर रहे थे। जर्मनी से एक 'यू बॉट' से दक्षिण एशिया आए, फिर वहाँ से जापान गये। जापान से वें सिंगापुर आये जहाँ आजा़द हिन्द की आस्थाई सरकार की नीव रखी गयी। जापानी साम्राज्य की सैनिक, आर्थीक और नैतिक सायता से यह सारकार ठिकी रही और जापान के १४ अगस्त १९४५ में आत्मसमर्पण करने के बावजूत आज़ाद हिन्द ने हार नहीं मानी और युद्ध जारी रखा। आज़ाद हिन्द मित्र देशों से लढ़ने वाला आखरी शक्ती था। सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु के दावे के बाद ही इस की सेना, आज़ाद हिन्द फ़ौज को पराजय मिली। श्रेणी:आज़ाद हिन्द फ़ौज श्रेणी:सुभाष चन्द्र बोस श्रेणी:भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम.

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आजादपुर सब्जीमण्डी, दिल्ली

यह दिल्ली में स्थित एक बङी सब्जीमण्डी है। यह एशिया की सबसे बङी सब्जी व फल मण्डी है। .

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इतिहास

बोधिसत्व पद्मपनी, अजंता, भारत। इतिहास(History) का प्रयोग विशेषत: दो अर्थों में किया जाता है। एक है प्राचीन अथवा विगत काल की घटनाएँ और दूसरा उन घटनाओं के विषय में धारणा। इतिहास शब्द (इति + ह + आस; अस् धातु, लिट् लकार अन्य पुरुष तथा एक वचन) का तात्पर्य है "यह निश्चय था"। ग्रीस के लोग इतिहास के लिए "हिस्तरी" (history) शब्द का प्रयोग करते थे। "हिस्तरी" का शाब्दिक अर्थ "बुनना" था। अनुमान होता है कि ज्ञात घटनाओं को व्यवस्थित ढंग से बुनकर ऐसा चित्र उपस्थित करने की कोशिश की जाती थी जो सार्थक और सुसंबद्ध हो। इस प्रकार इतिहास शब्द का अर्थ है - परंपरा से प्राप्त उपाख्यान समूह (जैसे कि लोक कथाएँ), वीरगाथा (जैसे कि महाभारत) या ऐतिहासिक साक्ष्य। इतिहास के अंतर्गत हम जिस विषय का अध्ययन करते हैं उसमें अब तक घटित घटनाओं या उससे संबंध रखनेवाली घटनाओं का कालक्रमानुसार वर्णन होता है। दूसरे शब्दों में मानव की विशिष्ट घटनाओं का नाम ही इतिहास है। या फिर प्राचीनता से नवीनता की ओर आने वाली, मानवजाति से संबंधित घटनाओं का वर्णन इतिहास है।Whitney, W. D. (1889).

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इनक्यूबस

इनक्यूबस कैलिफोर्निया के कालाबसस का एक अमेरिकी रॉक बैंड है। इस बैंड की स्थापना 1991 में गायक ब्रैंडन बॉयड, मुख्य गिटारवादक माइक आइन्ज़िगर और ड्रमवादक जोस पसिलास ने उस समय की जब उन्होंने हाई स्कूल में दाखिला लिया था। बासवादक एलेक्स "डिर्क लांस" कैटुनिख और गेविन "डीजे लीफ" कोपेल के शामिल होने पर बैंड का विस्तार हुआ जिनमें से दोनों की जगह अंत में क्रमशः बासवादक बेन केनी और डीजे किल्मोर को शामिल किया गया। बहु-प्लेटिनम बिक्री तक पहुंचने के साथ-साथ कई अत्यधिक सफल एकलों को रिलीज़ करके इनक्यूबस ने आलोचकों की प्रशंसा के साथ-साथ वाणिज्यिक सफलता भी प्राप्त कर ली है। बैंड ने रचनात्मक ढंग से शाखाओं की तरह फैलना शुरू कर दिया और अपने 1999 एल्बम मेक योरसेल्फ की रिलीज़ के साथ मुख्यधारा की मान्यता हासिल की। 2001 में, "ड्राइव" नामक एकल और अपने अनुवर्ती एल्बम, मॉर्निंग व्यू, की सफलता के साथ इनक्यूबस एक बहुत ज्यादा कामयाब बैंड बन गया। उनकी नवीनतम स्टूडियो एल्बम, लाइट ग्रेनेड्स, ने 2006 में #1 पर शुरुआत की और अमेरिका में इसने स्वर्ण की प्रमाणिकता प्राप्त की है। इनक्यूबस ने जून 2009 में अपनी पहली सबसे बड़ी हिट्स एल्बम मोनुमेंट्स एण्ड मेलोडीज़ को रिलीज़ किया और इसके साथ संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा का दौरा किया। .

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इनुइत

दो इनुइत स्त्रियाँ और बच्चा उत्तरी अमेरिका और ग्रीनलैंड में विभिन्न इनुइत भाषाओँ का फैलाव अलास्का के बैरो शहर में 'नालुकाताक़'​ नामक त्यौहार पर नाचते इनुइत इनुइत (इनुकतितुत: ᐃᓄᐃᑦ, अंग्रेज़ी: Inuit) ग्रीनलैंड, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के सुदूर उत्तर में स्थित बर्फ़ीले आर्कटिक इलाक़ों में बसने वाली कुछ मानव जातियों का सामूहिक नाम है। इनुइतों में बहुत सी भिन्न उपजातियाँ हैं लेकिन इन सभी में आपसी समानताएँ और सम्बन्ध हैं। 'इनुइत' एक बहुवचन शब्द है और एक व्यक्ति को 'इनुक' (Inuk) कहा जाता है। पुराने ज़माने में इनुइत लोगों को 'एस्किमो' (Eskimo) बुलाया जाता था लेकिन बहुत से इनुइत लोग इसे अपमानजनक शब्द मानते हैं इसलिए अब इस जाती को आमतौर पर 'इनुइत' ही कहा जाता है। 'इनुइत' शब्द का अर्थ 'लोग' है।, Inuitcircumpolar.com, Accessed 2011-01-24, bambusspiele.de, Accessed 2008-01-07 .

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इमरुल कायेस

इमरुल कायेस (अंग्रेजी:Imrul Kayes (बंगाली: ইমরুল কায়েস) एक क्रिकेट खिलाड़ी है जो एशिया की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम बांग्लादेश क्रिकेट टीम के लिए खेलते हैं। .

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इरतिश नदी

इरतिश नदी का जलसम्भर क्षेत्र ओम्स्क शहर के पास इरतिश नदी इरतिश नदी (रूसी: Иртыш, अंग्रेज़ी: Irtysh) उत्तरी एशिया के साइबेरिया क्षेत्र की एक नदी है और ओब नदी की प्रमुख उपनदी है। इसके नाम का अर्थ 'सफ़ेद नदी' है। ओब-इरतिश का मिलाजुला क्षेत्र एशिया का एक विशाल जलसम्भर है जिसमें पश्चिमी साइबेरिया और अल्ताई पर्वत आते हैं। इसकी कुल लम्बाई ४,२४८ किलोमीटर (२,६४० मील) है। इरतिश नदी का मार्ग चीन, कज़ाख़स्तान, मंगोलिया और रूस के देशों से होकर निकलता है।, Britannica Educational Publishing, The Rosen Publishing Group, 2011, ISBN 978-1-61530-411-0,...

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इरावदी डालफिन

इरावदी डॉल्फ़िन (Orcaella brevirostris) एक यूरीहैलाइन प्रजाति होती है, जो सागर तटों के निकट और ईस्टुअरी तथा नदियों में पायी जाती है। इसका आवास स्थान बंगाल की खाड़ी दक्षिण पूर्वी एशिया है। इस प्रजाति का नाम बर्मा की प्रमुख नदी ऎयारवाडी के नाम पर पड़ा है जहॉ यह बहुतयात मे पायी जाती है। सुंदरवन का उपग्रह चित्र .

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इराक़

इराक़ पश्चिमी एशिया में स्थित एक जनतांत्रिक देश है जहाँ के लोग मुख्यतः मुस्लिम हैं। इसके दक्षिण में सउदी अरब और कुवैत, पश्चिम में जोर्डन और सीरिया, उत्तर में तुर्की और पूर्व में ईरान अवस्थित है। दक्षिण पश्चिम की दिशा में यह फ़ारस की खाड़ी से भी जुड़ा है। दजला नदी और फरात इसकी दो प्रमुख नदियाँ हैं जो इसके इतिहास को ५००० साल पीछे ले जाती हैं। इसके दोआबे में ही मेसोपोटामिया की सभ्यता का उदय हुआ था। इराक़ के इतिहास में असीरिया के पतन के बाद विदेशी शक्तियों का प्रभुत्व रहा है। ईसापूर्व छठी सदी के बाद से फ़ारसी शासन में रहने के बाद (सातवीं सदी तक) इसपर अरबों का प्रभुत्व बना। अरब शासन के समय यहाँ इस्लाम धर्म आया और बगदाद अब्बासी खिलाफत की राजधानी रहा। तेरहवीं सदी में मंगोल आक्रमण से बगदाद का पतन हो गया और उसके बाद की अराजकता के सालों बाद तुर्कों (उस्मानी साम्राज्य) का प्रभुत्व यहाँ पर बन गया २००३ से दिसम्बर २०११ तक अमेरिका के नेतृत्व में नैटो की सेना की यहाँ उपस्थिति बनी हुई थी जिसके बाद से यहाँ एक जनतांत्रिक सरकार का शासन है। राजधानी बगदाद के अलावा करबला, बसरा, किर्कुक तथा नजफ़ अन्य प्रमुख शहर हैं। यहाँ की मुख्य बोलचाल की भाषा अरबी और कुर्दी भाषा है और दोनों को सांवैधानिक दर्जा मिला है। .

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इला

इला ऋग्वेद में 'अन्न' की अधिष्ठातृ' मानी गई हैं, यद्यपि सायण के अनुसार उन्हें पृथिवी की अधिष्ठातृ मानना अधिक उपयुक्त है। वैदिक वाङमय में इला को मनु को मार्ग दिखलानेवाली एवं पृथिवी पर यज्ञ का विधिवत् नियमन करनेवाली कहा गया है। इला के नाम पर ही जंबूद्वीप के नवखंडों में एक खंड 'इलावृत वर्ष' कहलाता है। महाभारत तथा पुराणों की परंपरा में इला को बुध की पत्नी एवं पुरूरवा की माता कहा गया है।.

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इलायची

इलायची का सेवन आमतौर पर मुखशुद्धि के लिए अथवा मसाले के रूप में किया जाता है। यह दो प्रकार की आती है- हरी या छोटी इलायची तथा बड़ी इलायची। जहाँ बड़ी इलायची व्यंजनों को लजीज बनाने के लिए एक मसाले के रूप में प्रयुक्त होती है, वहीं हरी इलायची मिठाइयों की खुशबू बढ़ाती है। मेहमानों की आवभगत में भी इलायची का इस्तेमाल होता है। लेकिन इसकी महत्ता केवल यहीं तक सीमित नहीं है। यह औषधीय गुणों की खान है। संस्कृत में इसे एला कहा जाता है। छोटी इलायची को संस्कृत में 'एला', 'तीक्ष्णगंधा' इत्यादि और लैटिन में एलेटेरिआ कार्डामोमम कहते हैं। भारत में इसके बीजों का उपयोग अतिथिसत्कार, मुखशुद्धि तथा पकवानों को सुगंधित करने के लिए होता है। ये पाचनवर्धक तथा रुचिवर्धक होते हैं। आयुर्वेदिक मतानुसार इलाचयी शीतल, तीक्ष्ण, मुख को शुद्ध करनेवाली, पित्तजनक तथा वात, श्वास, खाँसी, बवासीर, क्षय, वस्तिरोग, सुजाक, पथरी, खुजली, मूत्रकृच्छ तथा हृदयरोग में लाभदायक है। इलायची के बीजों में एक प्रकार का उड़नशील तैल (एसेंशियल ऑएल) होता है। .

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इज़राइल

इज़राइल राष्ट्र (इब्रानी:מְדִינַת יִשְׂרָאֵל, मेदिनत यिसरा'एल; دَوْلَةْ إِسْرَائِيل, दौलत इसरा'ईल) दक्षिण पश्चिम एशिया में स्थित एक देश है। यह दक्षिणपूर्व भूमध्य सागर के पूर्वी छोर पर स्थित है। इसके उत्तर में लेबनॉन, पूर्व में सीरिया और जॉर्डन तथा दक्षिण-पश्चिम में मिस्र है। मध्यपूर्व में स्थित यह देश विश्व राजनीति और इतिहास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इतिहास और प्राचीन ग्रंथों के अनुसार यहूदियों का मूल निवास रहे इस क्षेत्र का नाम ईसाइयत, इस्लाम और यहूदी धर्मों में प्रमुखता से लिया जाता है। यहूदी, मध्यपूर्व और यूरोप के कई क्षेत्रों में फैल गए थे। उन्नीसवी सदी के अन्त में तथा फ़िर बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में यूरोप में यहूदियों के ऊपर किए गए अत्याचार के कारण यूरोपीय (तथा अन्य) यहूदी अपने क्षेत्रों से भाग कर येरूशलम और इसके आसपास के क्षेत्रों में आने लगे। सन् 1948 में आधुनिक इसरायल राष्ट्र की स्थापना हुई। यरूशलम इसरायल की राजधानी है पर अन्य महत्वपूर्ण शहरों में तेल अवीव का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। यहाँ की प्रमुख भाषा इब्रानी (हिब्रू) है, जो दाहिने से बाँए लिखी जाती है। यहाँ के निवासियों को इसरायली कहा जाता है। .

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इंदिरा नगर, लखनऊ

इंदिरा नगर भारत के लखनऊ शहर के व्यस्ततम इलाकों में गिना जाता है। यह उत्तर प्रदेश आवास बोर्ड (डेबिट विकास) द्वारा विकसित एशिया की सबसे बड़ी बस्ती है। शुरू में इंदिरा नगर चार ब्लॉक में विभाजित किया गया था, लेकिन अब कई क्षेत्रों में विस्तार होता जा रहा है। भूतनाथ बाजार इस इलाके का मुख्य बाजार है। यहीं पर प्रसिद्ध भूतनाथ मंदिर, अवस्थित हॅ। प्रमुख बाजारों में लेखराज बाजार, आम्रपाली बाजार, सहारा शॉपिंग सेंटर, मुंशी पुलिया, मीना बाजार, नगीना प्लाजा आदि उल्लेखनीय है। खाने पीने के केंद्रों के अलावा, इस इलाके में बैंक शाखाओं, अतिथि गृहों, बैंक्वेट हॉल और अस्पतालों, दवा की दुकानों, निर्माण सामग्री की दुकानों, स्कूलों और विभिन्न सरकारी कार्यालयों की एक बड़ी संख्या विद्यमान है। इंदिरा नगर में अच्छी तरह से विकसित कई जॉगिंग पार्क है। अरबिंदो पार्क और स्वर्ण जयंती आवास विकास द्वारा विकसित पार्कों को पर्याय के रूप में जाना जाता है। कुकरैल फारेस्ट एक मशहूर् पिकनिक स्थल है। यहां घड़ियालों और कछुओं का एक अभयारण्य है। यह लखनऊ रिंग मार्ग पर इंदिरा नगर के निकट स्थित है। यहीं पर मानस विहार सोसाइटी द्वारा निर्मित उत्कृष्ट कालोनियां जॅसे मयूर विहार,मयूर उद्यान, मयूर रेसिडेन्सी, मयूर एन्क्लेव भी मॉजूद हँ। इस इलाके में सभी सड़कों को दुरुस्त किया जा रहा है। सभी कॉलोनियाँ बहुत अच्छी तरह से ई रिक्शा और ऑटो रिक्शा द्वारा जुडी हुई हैं। नए शॉपिंग मॉल में यहाँ स्पेंसर्स, बिग बाजार, ईज़ी डे और सबका बाज़ार जॅसी बड़ी दुकानें भी हैं। गाजीपुर में पुलिस स्टेशन स्थित हॅ। श्रेणी:लखनऊ श्रेणी:लखनऊ के आवासीय क्षेत्र.

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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय (IGRMS) भोपाल स्थित एक मानवविज्ञान संग्रहालय है। इसका उद्देश्य भारत के विशेष सन्दर्भ में मानव तथा संस्कृति के विकास के इतिहास को प्रदर्शित करना है। यह अनोखा संग्रहालय शामला की पहाडियों पर २०० एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जहाँ ३२ पारंपरिक एवं प्रागैतिहासिक चित्रित शैलाश्रय भी हैं। यह भारत ही नहीं अपितु एशिया में मानव जीवन को लेकर बनाया गया विशालतम संग्रहालय है। इसमें भारतीय प्ररिप्रेक्ष्य में मानव जीवन के कालक्रम को दिखाया गया है। इस संग्रहालय में भारत के विभिन्‍न राज्यों की जनजातीय संस्‍कृति की झलक देखी जा सकती है। यह संग्रहालय जिस स्‍थान पर बना है, उसे प्रागैतिहासिक काल से संबंधित माना जाता है। सोमवार और राष्ट्रीय अवकाश के अतिरिक्त यह संग्रहालय प्रतिदिन प्रातः १० बजे से शाम ५ बजे तक खुला रहता है। .

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इंग्लिश विलो

सेलिक्स अल्बा (व्हाइट विलो), विलो की एक प्रजाति है जो यूरोप और पश्चिमी और मध्य एशिया की देशज है।मेक्ले, आरडी (1984).

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कठगूलर

कठगूलर (वानस्पतिक नाम:Ficus hispida) एक छोटा सा वृक्ष है जिस पर गूलर जैसे फल लगते हैं। यह एशिया के विभिन्न भागों में तथा दक्षिण-पूर्व एशिय और आस्ट्रेलिया तक में पाया जाता है। कठगूलर का फल कठगूलर, मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी है। .

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कनकमुनि

आनन्द बगान, म्यांमार में कनकमुनि की मूर्ति कनकमुनि (पालि: कोणागमन बुद्ध) गौतमबुद्ध के पूर्ववर्ती एक बुद्ध जिनकी कथा बुद्धवंश के अध्याय २३ में मिलती है। प्राचीन बौद्ध साहित्य में गौतमबुद्ध के छह पूर्ववर्ती बुद्धों अथवा तथागतों में इनका उल्लेख मिलता है। महावस्तु, कर्मविभंग आदि कुछ ग्रंथों में इनका 'कोनाकमुनि' अथवा 'कोनाकमन' के नाम से भी उल्लेख किया गया है। बौद्ध विश्वास के अनुसार इनका नाम कनकमुनि इसलिए पड़ा कि इनके जन्म के समय जंबूद्वीप भर में स्वर्णवर्षा हुई थी। इनका जन्मस्थान सोदवती था। इनके पिता सैन्यदत्त और माता उत्तरा थीं। अपने पुत्र के जन्म के पश्चात् ये अपने ३०,००० अनुयायियों के साथ राज्य छोड़कर चल पड़े और इन्होंने भिक्षुधर्म स्वीकार कर लिया। कुछ काल की तपस्या के पश्चात् इन्हें बोधि अथवा ज्ञान प्राप्त हो गया। इन्होंने गौतमबुद्ध के आविर्भाव के विषय में भी भविष्यवाणी की थी। ये प्रागैतिहासिक युग के माने जाते हैं। मेजर फ़ोर्ब्स ने गौतमबुद्ध के पूर्ववर्ती तीन बुद्धों का कालनिर्धारण करने का प्रयत्न किया है (जर्नल ऑव एशियाटिक सोसाइटी, जनू, १८३६)। उनके अनुसार क्रकुच्छंद ३१०१ ई.पू.

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कमल जीत संधू

कमलजीत संधू एक पूर्व भारतीय महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने 1992 बैंकाक एशियाई खेलों में 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था। वह 57.3 सेकंड में दूरी पर थी। वह एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थीं। वह भारत के पंजाब राज्य से है । 1971 में उन्हें पद्म श्री पुरस्कार मिला। 1971 में, वह 400 मीटर की दौड़ में ट्यूरिन, इटली में आयोजित विश्व विश्वविद्यालय खेलों में फाइनल में पहुँचने वाली महिलाओं में से एक थी। उन्होंने 1973 म्युनिक ओलंपिक में महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में भाग लिया। कमलजीत १९७३ में एथलेटिक्स से सेवानिवृत्त हुई। वह एक राष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल और अंतर विश्वविद्यालय हॉकी खिलाड़ी भी थी। 1982 में उन्होंने भारतीय महिला स्प्रिंट टीम के कोच के रूप में एशियाई खेलों में भाग लिया। .

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कम्प्यूटेशनल रिसर्च लेबोरेटरीज

कम्प्यूटेशनल रिसर्च लेबोरेटरीज टाटा समूह के पुर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। पुणे, भारत में स्थित यह उच्च निष्पादन कंप्यूटिंग के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास में लगी हुई है। नवंबर २००७ में, एका नाम का एक महासंगणक, सी आर एल द्वारा हेवलेट-पैकार्ड से तकनीकी सहायता और टाटा संस से ३० करोड़ डॉलर की सहायता से बनाया गया था। उस समय यह एशिया में सबसे तेज़ और दुनिया में चौथा सबसे तेज़ महासंगणक था। .

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कर का स्वर्ग

कर के स्वर्ग या 'टैक्स हेवन' (tax haven) उन देशों को कहते हैं जहाँ अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम कर लगता है, या बिलकुल कर नहीं लगता। ऐसे देशों में कर के अलावा भी बहुत सी गतिविधियाँ चलतीं हैं। ऐसे देश टैक्स में किसी प्रकार की पारदर्शिता नहीं रखते न ही किसी प्रकार की वित्तीय जानकारी को साझा करते हैं। ये देश उन लोगों के लिए स्वर्ग (हैवन) हैं, जो टैक्स चोरी करके पैसे इन देशों में जमा कर देते हैं। ऐसे देशों में पैसे जमा करने पर वे पैसे जमा करने वाले व्यक्ति या संस्था के बारे में कुछ भी नहीं पूछते। यही कारण है कि टैक्स चोरों के लिए ऐसे देश स्वर्ग जैसे होते हैं, जो अपने देश से पैसे इन देशों में कालेधन के रूप में जमा कर देते हैं। स्विट्ज़रलैंड ही नहीं, एशिया में सिंगापुर, मलेशिया, हांगकांग, मॉरिशस, मालदीव, दुबई और बहरीन, यूरोप में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, मोनाको, आदि कर के स्वर्ग हैं। .

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कर्णम मल्लेश्वरी

कर्णम मल्लेश्वरी (जन्म: 1 जून 1975) भारत की महिला भारोत्तोलक (वेटलिफ़्टर) हैं। वे ओलम्पिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली प्रथम महिला खिलाड़ी हैं। .

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कलिहारी

कलिहारी कलिहारी (वानस्पतिक नाम:Gloriosa superba) एक सुंदर बहुवर्षीय वृक्षारोही लता है; यह कोल्चिकेसी (Colchicaceae) परिवार का सदस्य है। इसके सुंदर पुष्पों के कारण अग्निशिखा के नाम से भी जाना जाता है। यह जंगल में सामान्य रूप से मिलता है। जिसके राइजोम आयताकार, अँग्रेजी के V के आकार के सफेद रंग के होते है।यह अफ्रीका, एशिया, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका में पाया जाता है। उष्णकटिबंधीय भारत में उत्तर पश्चिम हिमालय से लेकर असम और दक्षिणी प्रायदीप तक पाया जाता है। यह झाड़ी अल्सर, कुष्ठ रोग और बवासीर के उपचार में बहुत उपयोगी होती है। .

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कलगीदार सर्प चील

उत्तरी बोर्नियो के नीची भूमि से उप-जाति एस. सी. पैलिडस कलगीदार सर्प चील (स्पीलॉर्निस चील) एक माध्यम आकर की शिकारी (परभक्षी) चिड़िया है जो उष्णकटिबंधीय एशिया के प्राकृतिक वन्य वासों में पायी जाती है। इसके व्यापक परास में, अनेकों भिन्नताएं हैं और इसके कुछ प्रकार इसकी उपजाति माने जाते हैं जबकि अन्य को पूर्ण प्रजाति के रूप में देखा जाता है, इस कारण समूह का वर्गीकरण विज्ञान समाधित नहीं है। इसके निकट संबंधी जिन्हें प्रायः पूर्ण प्रजाति माना जाता है उसमे फिलिस्तीन के सर्प चील (एस.होलोस्पिला), अंडमान के सर्प-चील (स्पीलॉर्निस एल्जिनी) और दक्षिण निकोबार के सर्प-चील (स्पीलॉर्निस क्लोस्सी) शामिल हैं। इस प्रजाति समष्टि के सभी सदस्यों में बड़ा सा दिखने वाला सर होता है जिस पर कुछ पंख होते हैं और जो इन्हें नर के सामान और कलगीदार रूप प्रदान करता है। इनका चेहरा स्पष्ट एवम पीला होता है और जो मोम-झिल्ली से जुड़ा होता है और इनके मजबूत पंजे पंखरहित तथा प्रवर्धित होते हैं। ये वन के वितान पर चारा खोजती हैं और इनके पंख तथा पूंछ, चौड़ी सफ़ेद और काली पट्टियां प्रदर्शित करते हैं और ये प्रायः तीखी और परिचित तीन या दो स्वरयुक्त ध्वनि निकालती हैं। ये प्रायः सांप का भक्षण करती हैं, जिसके फलस्वरूप ही इन्हें इनका नाम दिया गया है और इसीलिए इन्हें सिर्केटस सर्प-चीलों के साथ सिर्केटिने प्रजाति में रखा गया है। .

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कलकत्ता मेडिकल कॉलेज

कोलकाता मेडिकल कॉलेज (कलकत्ता मेडिकल कॉलेज) की स्थापना १८३५ में मेडिकल कॉलेज, बंगाल के रूप में कोलकाता में हुई थी। यह एशिया में यूरोपियाई चिकित्सा का दूसरा महाविद्यालय था। .

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कल्पना थोडम

कल्पना देवी थोडम (जन्म 24 दिसम्बर 1989) एक भारतीय जुडोका (जुडो अभ्यासकर्ता) है।ग्लासगो, स्कॉट्लैण्ड में हुए 2014 राष्ट्रमंडल खेल में महिलाओं की 52 किलोग्राम वज़न श्रेणी में उन्होंने कांस्य पदक (ब्रोन्ज़ मेडल) जीता था। .

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कल्होड़ा राजवंश

कल्होड़ा राजवंश (सिन्धी:, कल्होड़ा राज; या, सिलसिला कल्होड़ा) सिन्ध और आधुनिक पाकिस्तान के कुछ अन्य हिस्सों पर लगभग एक शताब्दी तक शासन करने वाला एक राजवंश था। .

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कलौंजी

कलौंजी, (अंग्रेजी:Nigella) एक वार्षिक पादप है जिसके बीज औषधि एवं मसाले के रूप में प्रयुक्त होते हैं। कलौंजी और प्याज में फर्क .

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कस्तूरी बिलाव

कस्तूरी बिलाव गंधमार्जार या गंधबिलाव या कस्तूरी बिलाव (Civet) एक छोटा स्तनधारी जानवर होता है। इसका अकार कुछ-कुछ बिल्ली से मिलता है, जिस वजह से इसे "बिलाव" का नाम मिला है, हालाँकि यह बिल्ली की नस्ल का प्राणी नहीं है। इस से एक विशेष प्रकार की गंध आती है इसलिए इसके नाम में "कस्तूरी" शब्द जोड़ा जाता है। यह एशिया और अफ़्रीका के उष्णकटिबंध (ट्रॉपिकल) क्षेत्रों में पाया जाता है। कस्तूरी बिलाव अपनी अधिकतर समय पेड़ों की टहनियों में ही गुज़ारना पसंद करते हैं। गंधमार्जार मांसभक्षी, स्तनपोषी जीवों के विवेरिडी कुल (Family Viverridae) के जीव हैं। इनकी कई जातियाँ संसार में फैली हैं। ये बिल्ली के पद के जीव हैं। इनके पैर छोटे और मुंह लंबा होता है। ये जीव पेड़ पर सरलता से चढ़ लेते है और रात में ही बाहर निकलते हैं। इन प्राणियों के दुम के नीचे एक गंधग्रंथि रहती है, जिससे गाढ़ा, गंधपूर्ण, पीला पदार्थ निकलता है। इसे व्यापारी लोग मुश्क या कस्तूरी में मिलाकर बेचते हैं। इसमें से सिवेटोन (Civetone) नामक कीटोन निकाला गया है। सुगंधित द्रव्यों के निर्माण में इसकी गंध प्रयुक्त होती है। इनकी वैसी तो कई जातियाँ हैं जिनमें एक भारत का प्रसिद्ध कस्तूरी मृग (The Zibeth, Viverra zibetha) है, जो आस्ट्रेलिया से भारत और चीन तक फैला हुआ है। कद लगभग तीन फुट लंबा और 10 इंच ऊँचा होता है। रंग स्लेटी, जिसपर काली चित्तियाँ रहती हैं। दूसरा अफ्रीका का कस्तूरी मृग (African civet, Civette des civetta) है, जो इससे बड़ा ऊँचा तथा इससे गाढ़े रंग का और बड़े बालोवाला होता है। इसे लोग पालतू करके मुश्क निकालते हैं। .

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काठमांडू उपत्यका

नगरकोट के समीप काठमाण्डू उपत्यका का दृष्य काठमांडू उपत्यका (नेपाली: काठमाडौं उपत्यका, नेपाल भाषा: स्वनिगः / नेपाः गाः), नेपाल में स्थित उपत्यका है जो एशिया के प्राचीन सभ्यताओं के सन्धिबिन्दु पर स्थित है। इसके अन्तर्गत १३० से भी अधिक महत्वपूर्ण स्मारक एवं हिन्दू और बौद्ध तीर्थस्थान हैं। इस उपत्यका में यूनेस्को द्वारा घोषित सात विश्व विरासत स्थल भी हैं। श्रेणी:नेपाल श्रेणी:काठमांडू श्रेणी:नेपाल में विश्व धरोहर स्थल.

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कारावेला बीच रिजॉर्ट

कारावेला बीच रिसोर्ट दक्षिण गोवा के सालसेट में स्थित एक बीच रिसोर्ट होटल हैं। यह गोवा (भारत) के पांच सितारा होटलों में से एक हैं। यह वरका समुद्र तट के शांत सफेद रेत पर स्थित है एवं 199-कमरे वाला यह रिसॉर्ट 24 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है। वर्तमान में इस होटल का स्वामित्व आडवाणी होटल्स एंड रिसॉर्ट्स (इंडिया) के पास हैं, जिसका मुख्यालय नरीमन पॉइंट मुंबई में हैं। पूर्व में गोवा पुर्तगालियों की औपनिवेशिक विरासत हुआ करता था एवं वर्तमान में यह अपने समुद्र तटों के चलते विदेशी सैलानियों के बीच काफी लोकप्रिय है। .

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काराकोरम

काराकोरम एक विशाल पर्वत श्रृंखला है जिसका विस्तार पाकिस्तान, भारत और चीन के क्रमश: गिलगित-बल्तिस्तान, लद्दाख़ और शिन्जियांग क्षेत्रों तक है। यह एशिया की विशाल पर्वतमालाओं में से एक है और हिमालय पर्वतमाला का एक हिस्सा है। काराकोरम किर्गिज़ भाषा का शब्द है जिस का मतलब है 'काली भुरभुरी मिट्टी'। विश्व के किसी भी स्थान की अपेक्षा, काराकोरम पर्वतमाला में पाँच मील से भी ऊँची सबसे अधिक चोटियों स्थित हैं (60 से ज़्यादा), जिनमें दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची चोटी के2, (8611 मी / 28251 फुट) भी शामिल है। के2 की ऊँचाई विश्व के सर्वोच्च शिखर एवरेस्ट पर्वत (8848 मी / 29029 फुट) से सिर्फ 237 मीटर (778 फीट) कम है। काराकोरम श्रृंखला का विस्तार 500 किमी (311 मील) तक है और ध्रुवीय क्षेत्रों को छोड़कर दुनिया के सबसे अधिक हिमनद इसी इलाके में हैं। ध्रुवीय क्षेत्रों से बाहर सियाचिन ग्लेशियर 70 किमी और बिआफो ग्लेशियर 63 किमी की लंबाई के साथ दुनिया के दूसरे और तीसरे सबसे लंबे हिमनद हैं। काराकोरम, पूर्वोत्तर में तिब्बती पठार के किनारे और उत्तर में पामीर पर्वतों से घिरा है। काराकोरम की दक्षिणी सीमा, पश्चिम से पूर्व, गिलगित, सिंधु और श्योक नदियों से बनती है, जो इसे पश्चिमोत्तर हिमालय श्रृंखला के अंतिम किनारे से अलग कर दक्षिणपश्चिम दिशा में पाकिस्तान के मैदानी इलाकों की ओर बहती हैं। काराकोरम श्रृंखला का सब से ऊंचा पहाड़ के टू .

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काला जुनबगला

काला जुनबगला (अंग्रेज़ी: Black bittern, ब्लैक बिटर्न) पूर्वजगत का एक जुनबगला है जो एशिया के गरम (ऊष्णकटिबन्धीय) क्षेत्रों में भारतीय उपमहाद्वीप, चीन, इण्डोनीश्या, ऑस्ट्रेलिया। इत्यादि में पाया जाता है। आमतौर पर यह स्थानीय है लेकिन कुछ उत्तर में रहने वाले काले जुनबगले छोटी दूरियों पर प्रवास करते हैं। यह इक्सोब्राएकस (Ixobrychus) नामक जुनबगलों के जीववैज्ञानिक वंश की सबसे बड़े आकार की जाति है और ५८ सेमी (२३ इंच) लम्बी हो सकती है। यह अपनी लम्बी गर्दन और लम्बी पीली चोंच से पहचानी जाती है। इसके शिशु गाढ़े ख़ाकी रंग के होते हैं लेकिन बड़े होकर इनका ऊपरी भाग लगभग पूरा काला हो जाता है। गर्दन दाई-बाई ओर से पीली होती है और धड़ का निचला हिस्सा भूरी लकीरो वाला श्वेत होता है। काले जुनबगले अपने अण्डे सरकंडों वाले दलदली क्षेत्रों में देते हैं जहाँ वे सरकंडों के गुच्छों, झाड़ियों या वृक्षों पर घोंसले बनाते हैं। मादा हर वर्ष तीन से पाँच अण्डे देती है। ज़मीन पर यह छुपकर बिना अधिक ध्वनी करे चलते हैं इसले कम देखे जाते हैं लेकिन उड़ते हुए इनका ऊपर-से-काला नीचे-से-श्वेत शरीर आसानी से पहचाना जाता है। वे कीटों, मछलियों और उभयचरों को आहार बनाते हैं। .

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कावर झील

कावर झील एशिया का सबसे बड़ी शुद्ध जल की झील है और यह पक्षी अभयारण्य (बर्ड संचुरी) भी है। इस बर्ड संचुरी मे ५९ तरह के विदेशी पक्षी और १०७ तरह के देसी पक्षी ठंडे के मौसम मे देखे जा सकते है। यह बिहार राज्य के बेगूसराय में है। पुरातत्वीय महत्व का बौद्धकालीन हरसाइन स्तूप इसी क्षेत्र में स्थित है। .

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काकड़

काकड़ या कांकड़ (Barking Deer) एक छोटा हिरन होता है। यह हिरनों में शायद सबसे पुराना है, जो इस धरती में १५०-३५० लाख वर्ष पूर्व देखा गया और जिसके जीवाश्म फ्रा़ंस, जर्मनी और पोलैंड में पाये गये हैं। आज की जीवित प्रजाति दक्षिणी एशिया की मूल निवासी है और भारत से लेकर श्रीलंका, चीन, दक्षिण पूर्वी एशिया (इंडोचाइना और मलय प्रायद्वीप के उत्तरी इलाके)। यह कम आबादी में पूर्वी हिमालय और म्यानमार में भी पाया जाता है। ऊष्णकटिबंधीय इलाकों में रहने के कारण इसका कोई समागम मौसम नहीं होता है और वर्ष के किसी भी समय में यह समागम कर लेते हैं; यही बात उस आबादी पर भी लागू होती है जिसे शीतोष्णकटिबन्धीय इलाकों में दाख़िल किया गया है। नर के दोबारा उग सकने वाले सींग होते हैं, हालांकि इलाके की लड़ाई में वह अपने लंबे श्वानदंतों (Canine teeth) का इस्तेमाल करते हैं। काकड़ क्रम विकास के अध्ययन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं क्योंकि इनकी विभिन्न प्रजातियों के गुणसूत्र में काफ़ी घटबढ़ देखी गयी है। जहाँ भारतीय काकड़ में सबसे कम गुणसूत्र पाये जाते हैं: नर में ७ तथा मादा में सिर्फ़ ६, वहीं चीनी कांकड़ में ४६ गुणसूत्र होते हैं। .

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किज़िल

किज़िल में 'एशिया का केंद्र' स्तंभ किज़िल शहर का 'संगीत और नाटक केंद्र' किज़िल (तूवी: Кызы́л, अंग्रेज़ी: Kyzyl) रूस के तूवा गणराज्य प्रांत की राजधानी है। तूवा साइबेरिया क्षेत्र में स्थित है और एशिया के महाद्वीप के ठीक बीच में (यानी भौगोलिक केंद्र) में होने के लिए मशहूर है।, Bertie Charles Forbes, Forbes Inc., 2005,...

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कजाक

कजाक, एशिया में निवास में करने वाली एक प्रमुख जनजाति हैं। .

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कुनलुन पर्वत

तिब्बत-शिंजियांग राजमार्ग से पश्चिमी कुनलुन पर्वतों में काराकाश नदी का नज़ारा चिंग हई प्रांत में दूर से कुनलुन पर्वतों का दृश्य कुनलुन पर्वत शृंखला (चीनी: 昆仑山, कुनलुन शान; मंगोलियाई: Хөндлөн Уулс, ख़ोन्दलोन ऊल्स) मध्य एशिया में स्थित एक पर्वत शृंखला है। ३,००० किलोमीटर से अधिक चलने वाली यह शृंखला एशिया की सब से लम्बी पर्वतमालाओं में से एक गिनी जाती है। कुनलुन पर्वत तिब्बत के पठार के उत्तर में स्थित हैं और उसके और तारिम द्रोणी के बीच एक दीवार बनकर खड़े हैं। पूर्व में यह उत्तर चीन के मैदानों में वेई नदी के दक्षिण-पूर्व में जाकर ख़त्म हो जाते हैं। कुनलुन पर्वत भारत के अक्साई चिन इलाक़े को भी तारिम द्रोणी से अलग करते हैं, हालांकि वर्तमान में अक्साई चिन क्षेत्र चीन के क़ब्ज़े में है। इस पर्वतमाला में कुछ ज्वालामुखी भी स्थित हैं। .

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कुमाऊँ राज्य

कुमाऊँ राज्य, जिसे कूर्मांचल भी कहा जाता था, चन्द राजवंश द्वारा शासित एक पर्वतीय राज्य था, जिसका विस्तार वर्तमान भारत के उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में था। राज्य की स्थापना ७०० में सोम चन्द ने की थी। प्रारम्भ में यह केवल वर्तमान चम्पावत जनपद तक ही सीमित था। उसके बाद सोम चन्द ने सुई पर आक्रमण कर उसे अपने राज्य में मिला लिया। सर्वप्रथम राजा त्रिलोक चन्द ने छखाता पर आक्रमण कर पश्चिम की ओर राज्य का विस्तार किया। उसके बाद गरुड़ ज्ञान चन्द ने तराई-भाभर, उद्यान चन्द ने चौगरखा, रत्न चन्द ने सोर और कीर्ति चन्द ने बारहमण्डल, पाली तथा फल्दाकोट क्षेत्रों को राज्य में मिला लिया। १५६३ में बालो कल्याण चन्द ने राजधानी चम्पावत से आलमनगर स्थानांतरित कर नगर का नाम अल्मोड़ा रखा, और गंगोली तथा दानपुर पर अधिकार स्थापित किया। उनके बाद उनके पुत्र रुद्र चन्द ने अस्कोट और सिरा को पराजित कर राज्य को उसके चरम पर पहुंचा दिया। सत्रहवीं शताब्दी में कुमाऊँ में चन्द शासन का स्वर्ण काल चला, परन्तु अट्ठारवीं शताब्दी आते आते उनकी शक्ति क्षीण होने लगी। १७४४ में रोहिल्लों के तथा १७७९ में गढ़वाल के हाथों पराजित होने के बाद चन्द राजाओं की शक्ति पूरी तरह बिखर गई थी। फलतः गोरखों ने अवसर का लाभ उठाकर हवालबाग के पास एक साधारण मुठभेड़ के बाद सन्‌ १७९० ई. में अल्मोड़ा पर अपना अधिकार कर लिया। .

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कुश (बहुविकल्पी)

कोई विवरण नहीं।

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क्योतो विश्वविद्यालय

क्योतो विश्वविद्यालय (Kyoto University; जापानी: 京都大学 Kyōto daigaku?), या क्योदाई (京大 Kyōdai?) जापान के क्योतो नगर में स्थित एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय है। यह जापान का दूसरा सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है तथा एशिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक है। यह विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय अनुसंधानकर्ताओं, नोबेल पुरस्कार विजेताओं, दो फिल्ड मेडलविजेताओं तथा एक गाउस पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के लिये प्रसिद्ध है। श्रेणी:जापान के विश्वविद्यालय.

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क्लाथरस रबर

क्लैथस रूबर (Clathrus ruber) कवक प्रजाति का स्टिन्कॉर्न परिवार से क्लैथस जीनस वाला प्रजाति है। यह गोल या अंडाकार आकार के खोखले कवक होते हैं। यह आमतौर पर अकेले, पट्टियों के ढेर में, बगीचे की मिट्टी में, घास वाले स्थान में आदि स्थानों में पाया जाता है। इसे मुख्य रूप से यूरोपीय प्रजाति माना जाता है। हालांकि यह अन्य कई स्थानों में भी पाया जाता है, जिसमें उत्तरी अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तर और दक्षिण अमेरिका शामिल हैं। सोलहवीं शताब्दी में इस प्रजाति का वैज्ञानिकों ने सचित्र वर्णन किया था, लेकिन 1729 तक इसका आधिकारिक रूप से वर्णन नहीं किया गया था। .

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क्षेत्रफल के अनुसार देशों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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कृष्ण

बाल कृष्ण का लड्डू गोपाल रूप, जिनकी घर घर में पूजा सदियों से की जाती रही है। कृष्ण भारत में अवतरित हुये भगवान विष्णु के ८वें अवतार और हिन्दू धर्म के ईश्वर हैं। कन्हैया, श्याम, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता हैं। कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, एक आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्ज महान पुरुष थे। उनका जन्म द्वापरयुग में हुआ था। उनको इस युग के सर्वश्रेष्ठ पुरुष युगपुरुष या युगावतार का स्थान दिया गया है। कृष्ण के समकालीन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत और महाभारत में कृष्ण का चरित्र विस्तुत रूप से लिखा गया है। भगवद्गीता कृष्ण और अर्जुन का संवाद है जो ग्रंथ आज भी पूरे विश्व में लोकप्रिय है। इस कृति के लिए कृष्ण को जगतगुरु का सम्मान भी दिया जाता है। कृष्ण वसुदेव और देवकी की ८वीं संतान थे। मथुरा के कारावास में उनका जन्म हुआ था और गोकुल में उनका लालन पालन हुआ था। यशोदा और नन्द उनके पालक माता पिता थे। उनका बचपन गोकुल में व्यतित हुआ। बाल्य अवस्था में ही उन्होंने बड़े बड़े कार्य किये जो किसी सामान्य मनुष्य के लिए सम्भव नहीं थे। मथुरा में मामा कंस का वध किया। सौराष्ट्र में द्वारका नगरी की स्थापना की और वहाँ अपना राज्य बसाया। पांडवों की मदद की और विभिन्न आपत्तियों में उनकी रक्षा की। महाभारत के युद्ध में उन्होंने अर्जुन के सारथी की भूमिका निभाई और भगवद्गीता का ज्ञान दिया जो उनके जीवन की सर्वश्रेष्ठ रचना मानी जाती है। १२५ वर्षों के जीवनकाल के बाद उन्होंने अपनी लीला समाप्त की। उनकी मृत्यु के तुरंत बाद ही कलियुग का आरंभ माना जाता है। .

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कृष्ण नील

पुष्पित '''कृष्णनील''' कृष्ण नील (वैज्ञानिक नाम: Anagallis arvensis / एनागालिश आर्वेन्सिस) एशिया, यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका में पाया जाने वाला वार्षिक पौधा है। यह रबी की फसलों में खरपतवार के रूप में उगता है। .

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कैथे ड्रैगन

कैथे ड्रैगन (पूर्व मे ड्रैगन एयर) हाँग काँग एयरलाइन्स लिमिटेड द्वारा संचालित किया जाने वाला एक अंतराष्ट्रीय क्षेत्रीय एयरलाइन्स है.

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कैस्पियन सागर

कैस्पियन सागर (फ़ारसी:, दरया-ए-माज़ंदरान), एशिया की एक झील है जिसे अपने वृहत आकार के कारण सागर कहा जाता है। मध्य एशिया में स्थित यह झील क्षेत्रफल के हिसाब से विश्व की सबसे बड़ी झील है। इसका क्षेत्रफल ४,३०,००० वर्ग किलोमीटर तथा आयतन ७८,२०० घन किलोमीटर है। इसका कोई बाह्यगमन नहीं है और पानी सिर्फ़ वाष्पीकरण के द्वारा बाहर जाता है। ऐतिहासिक रूप से यह काला सागर के द्वारा बोस्फ़ोरस, ईजियन सागर और इस तरह भूमध्य सागर से जुड़ा हुआ माना जाता है जिसके कारण इसे ज्यरचना के आधार पर इसे झील कहना उचित नहीं है। इसका खारापन १.२ प्रतिशत है जो विश्व के सभी समुद्रों के कुल खारेपन का एक-तिहाई है। .

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कूपर्टीनो

कूपर्टीनो (अ॰ध॰व॰: संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया राज्य में सांटा क्लॅरा काउंटी में सैन होज़े के पश्चिम ओर स्थित है। इस शहर में ६३ प्रतिशत के लोग एशिया से हैं। इन एशिया के लोग में से बहुत लोग चीन और भारत से हैं। .

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केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्रों की सूची

केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्रों की सूची में विभिन्न देशों के विभिन्न नगरों के केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्र दिए गए हैं। .

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केन्द्रीय उपकरण अभिकल्पन संस्थान

केन्द्रीय उपकरण अभिकल्पन संस्थान (Central Institute of Tool Design) उपकरण इंजीनियरी में विशिष्ट शिक्षण प्रोग्राम चलाने वाला एशिया का प्रमुख संस्थान है। इसका मुख्य संस्थान हैदराबाद में स्थित है। इसके अन्य दो कैम्पस क्रमशः विजयवाड़ा एवं चेन्नै में स्थित हैं। .

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केंद्रीय आयुध भंडार

केंद्रीय आयुध भंडार महाराष्ट्र के वर्धा जिल के पुलगांव में स्थित भारतीय सेना का सबसे बड़ा आयुध भंडार है जो कि लगभग 7,000-10,000 एकड़ में फैला है। इसकी गिनती एशिया के सबसे बड़े आयुध भंडारों में होती है। भारतीय सेना के कुल 12 आयुध भंडार हैं, जिनमें 11 फील्ड आयुध भंडार तथा एक केंद्रीय आयुध भंडार हैं। केंद्रीय आयुध भंडार नागपुर से 115 किलोमीटर दूर पुलगांव में स्थित है जिसमें सेना के सभी हथियारों व गोल बारूद का भंडारण किया जाता है। नागपुर से पुलगांव 1 घंटे की दूरी पर है। देश की विभिन्न आयुध फैक्ट्रियों में बनने वाले हथियार पहले केंद्रीय भंडार में लाए जाते हैं जहां से उन्हें अग्रिम ठिकानों पर भेजा जाता है। इस भंडार में बमों, हथगोलों, गोलों, रायफलों, मिसाइलों और अन्य विस्फोटक सामग्री का विशाल भंडार है। अपनी निर्धारित अवधि पार कर चुके हथियारों को नष्ट करने का काम भी इसी आयुध भंडार द्वारा किया जाता है। ब्रह्मोस मिसाइल, एके 47 भी इस आयुध भंडार में रखे जाते हैं। .

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कॉकस

कॉकस या कौकसस यूरोप और एशिया की सीमा पर स्थित एक भौगोलिक और राजनैतिक क्षेत्र है। इस क्षेत्र में कॉकस पर्वत शृंखला भी आती है, जिसमें यूरोप का सबसे ऊंचा पहाड़, एल्ब्रुस पर्वत शामिल है। कॉकस के दो मुख्य खंड बताये जाते हैं: उत्तर कॉकस और दक्षिण कॉकस। उत्तर कॉकस में चेचन्या, इन्गुशेतिया, दाग़िस्तान, आदिगेया, काबारदीनो-बल्कारिया, काराचाए-चरकस्सिया, उत्तर ओसेतिया, क्रास्नोदार क्राय और स्ताव्रोपोल क्राय के क्षेत्र आते हैं। दक्षिण कॉकस में आर्मीनिया, अज़रबैजान और जॉर्जिया आते हैं, जिसमें दक्षिण ओसेतिया, अबख़ज़िया और नागोर्नो-काराबाख़ शामिल हैं। .

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कोयल (एशियाई)

एशिया में पाया जाने वाला कोयल (Eudynamys scolopaceus) कुकुलीफोर्म्स नामक कोयल गण का पक्षी है। यह दक्षिण एशिया, चीन एवं दक्षिण-पूर्वी एशिया में पाया जाता है। .

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कोरियाई प्रायद्वीप

कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्वी एशिया का एक प्रायद्वीप है। यह एशिया महाद्वीप से १,१०० किमी दक्षिण प्रशांत महासागत की ओर बढ़ता है। इसके पूर्व में जापान सागर, पश्चिम में पीला सागर और दक्षिण में कोरिया जलसंधि है। .

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कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

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कोलकाता की संस्कृति

श्रेणी:कोलकाता.

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अतुल्य भारत

अतुल्य भारत (Incredible India) भारतीय पर्यटन विभाग एक अभियान है, जो देश विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व करता है। इस अभियान का उद्देश्य है भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर पदोन्नत करना। .

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अधिमहाद्वीप

भूविज्ञान में अधिमहाद्वीप (supercontinent) पृथ्वी के दो या दो से अधिक परिभाषित महाद्वीपों को मिलाकर बनने वाले भूभाग को कहते हैं। इनमें से कुछ तो वास्तव में ही १९वीं शताब्दी तक ज़मीनी पुलों से जुड़े हुए थे और कुछ प्रागैतिहासिक पृथ्वी में लाखों-करोड़ों वर्ष पूर्व जुड़े हुए थे। यूरोप और एशिया को मिलाकर यूरेशिया बनता है जो आज भी एक ही भूभाग के अंश हैं। उत्तर और दक्षिण अमेरिका पनामा नहर खुदने से पहले जुड़े हुए थे। अफ़्रीका और एशिया सुएज़ नहर खुदने से पहले जुड़े हुए थे। करोड़ों वर्ष पूर्व पैन्जीया नामक अधिमहाद्वीप में पृथ्वी के लगभग सभी महाद्वीपों का भूभाग एकत्रित था।Rogers, John J.W., and M. Santosh.

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अपोलो अस्पताल

अपोलो अस्पताल (Apollo Hospitals) एक स्वास्थ्य-सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था है। दक्षिण एशिया के विभिन्न नगरों में में इसके ३८ अस्पताल चल रहे हैं। एशिया में यह सबसे बड़ी स्वास्थ्य-सेवा प्रदाता कम्पनी है जबकि विश्व में इसका स्थान तीसरा है। इसका मुख्यालय चेन्नै (भारत) में है। .

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अफ़शारी राजवंश

अफ़शारी राजवंश (سلسله افشاریان, सिलसिला अफ़शारियान) १८वीं सदी ईसवी में तुर्क-मूल का ईरान में केन्द्रित राजवंश था। इसके शासक मध्य एशिया के ऐतिहासिक ख़ोरासान क्षेत्र से आये अफ़शार तुर्की क़बीले के सदस्य थे। अफ़शारी राजवंश की स्थापना सन् १७३६ ई में युद्ध में निपुण नादिर शाह ने करी जिसनें उस समय राज कर रहे सफ़वी राजवंश से सत्ता छीन ली और स्वयं को शहनशाह-ए-ईरान घोषित कर लिया हालांकि वह ईरानी मूल का नहीं था। उसके राज में ईरान सासानी साम्राज्य के बाद के अपने सबसे बड़े विस्तार पर पहुँचा। उसका राज उत्तर भारत से लेकर जॉर्जिया तक फैला हुआ था। .

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अफ़्रीका

अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .

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अब्राहम ओरटेलियस

पीटर पॉल रूबेंस इब्राहीम Ortelius (/ɔːrˈटीiːliəएस/; भी Ortels, Orthellius, Wortels; 14 अप्रैल 1527 – 28 जून 1598) एक फ्लेमिश मानचित्रकार और भूगोलिक, पारंपरिक मान्यता के निर्माता के रूप में पहली आधुनिक एटलस, Theatrum Orbis Terrarum (रंगमंच की दुनिया).

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अमरेली जिला

अमरेली (અમરેલી જિલ્લો) भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय अमरेली है। मुहफली, कपास और गेहूँ की खेती के लीए ये जिला पूरे गुजरात में मशहूर है। पीपावाव बंदरगाह ये जिले में स्थित है। राजुला में देश का सब से बडा सिमेन्ट प्लान्ट है। जिले के कुछ भाग में एशिया का प्रख्यात गीर का जंगल फैला हुआ है। यहा पे एशियाटीक सिंह और हिंसक वन्य प्रानीओ की भी बसती है।२०१५ की सिंहगणना के अनुसार अमरेली जिले में १७४ सिंह का निवास है। .

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अम्बैसिडाए

एशियाई शीशमीन (Asiatic glassfishes) या अम्बैसिडाए (Ambassidae) हड्डीदार मछलियों के पर्सिफ़ोर्मेज़ गण का एक कुल है जो समुद्र व मीठे पानी दोनों में मिलती हैं। इसके ८ वंशों में ४९ जातियाँ हैं। एशियाई शीशमीन एशिया, ओशिआनिया, हिन्द महासागर और पश्चिमी प्रशांत महासागर में मिलती है। इनमें से कुछ की लम्बाई २६ सेंटीमीटर तक होती है। इन मछलियों की कई जातियों के शरीर शीशे जैसे पारदर्शी या अर्ध-पारदर्शी होते हैं, जिसके कारण इन्हें मीनशालाओं में पालतु रूप से रखा जाता है। पहले इन्हें रंगों के टीके लगाकर मछली रखने वालों को बेचा जाता था लेकिन इस से मछली को भयंकर पीढ़ा होती है और जल्दी मृत्यु भी हो जाती है, और इस क्रूरता की वजह से लोगों ने इन्हें ख़रीदना कम कर लिया है। .

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अमेरिगो वेस्पूची

अमेरिगो वेस्पूची अमेरिगो वेस्पुक्की (Vespucci, Amerigo, १४५४ - १५१२ ई.) इटली के नाविक तथा सौदागर थे। इनके पैतृक नाम 'अमेरिगो' पर अमरीका महादेश का वर्तमान नाम पड़ा, क्योंकि सर्वप्रथम इन्होंने इसे 'नई दुनिया' के रूप में पहचाना। .

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अमेरिकी क्रन्तिकारी युद्ध

अमेरिकी क्रन्तिकारी युद्ध (17751783), जिसे संयुक्त राज्य में अमेरिकी स्वतन्त्रता युद्ध या क्रन्तिकारी युद्ध भी कहा जाता है, ग्रेट ब्रिटेन और उसके तेरह उत्तर अमेरिकी उपनिवेशों के बीच एक सैन्य संघर्ष था, जिससे वे उपनिवेश स्वतन्त्र संयुक्त राज्य अमेरिका बने। शुरूआती लड़ाई उत्तर अमेरिकी महाद्वीप पर हुई। सप्तवर्षीय युद्ध में पराजय के बाद, बदले के लिए आतुर फ़्रान्स ने 1778 में इस नए राष्ट्र से एक सन्धि की, जो अंततः विजय के लिए निर्णायक साबित हुई। अमेरिका के स्वतंत्रता युद्ध ने यूरोपीय उपनिवेशवाद के इतिहास में एक नया मोड़ ला दिया। उसने अफ्रीका, एशिया एवं लैटिन अमेरिका के राज्यों की भावी स्वतंत्रता के लिए एक पद्धति तैयार कर दी। इस प्रकार अमेरिका के युद्ध का परिणाम केवल इतना ही नहीं हुआ कि 13 उपनिवेश मातृदेश ब्रिटेन से अलग हो गए बल्कि वे उपनिवेश एक तरह से नए राजनीतिक विचारों तथा संस्थाओं की प्रयोगशाला बन गए। पहली बार 16वीं 17वीं शताब्दी के यूरोपीय उपनिवेशवाद और वाणिज्यवाद को चुनौती देकर विजय प्राप्त की। अमेेरिकी उपनिवेशों का इंग्लैंड के आधिपत्य से मुक्ति के लिए संघर्ष, इतिहास के अन्य संघर्षों से भिन्न था। यह संघर्ष न तो गरीबी से उत्पन्न असंतोष का परिणाम था और न यहां कि जनता सामंतवादी व्यवस्था से पीडि़त थी। अमेरिकी उपनिवेशों ने अपनी स्वच्छंदता और व्यवहार में स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए इंग्लैंड सरकार की कठोर औपनिवेशिक नीति के विरूद्ध संघर्ष किया था। अमेरिका का स्वतंत्रता संग्राम विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। .

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अरब लोग

अरब लोग या अरबी लोग (अरबी:, अंग्रेज़ी: Arab) एक मानव जातियों का समूह है जो मुख्य रूप से पश्चिमी एशिया और उत्तर अफ़्रीका में रहते हैं। अरब लोग मुख्य रूप से अरबी भाषा और संस्कृति से जुड़े हुए हैं हालांकि ऐतिहासिक रूप से 'अरब' की परिभाषा में फेर-बदल आया है।, Mark Allen, pp.

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अरबी प्रायद्वीप

अरबी प्रायद्वीप अरबी प्रायद्वीप (अरबी: شبه الجزيرة العربية सिब्ह अल-जजी़रा अल-अरबिया या جزيرة العرب जजी़रत अल-अरब) दक्षिण पश्चिम एशिया का एक प्रायद्वीप है। यह एशिया एवं अफ्रीका की संधि पर है। यह मुख्यतः रेगिस्तान है। यह मध्य एशिया का एक महत्वपूर्ण भाग है, एवं अपने खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस के विशाल भण्डार के कारण महत्वपूर्ण राजनैतिक भूमिका निभाता है। प्रायद्वीप के तट, पश्चिम छोर पर लाल सागर एवं अकाबा की खाडी़, दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर (हिंद महासागर का भाग), उत्तर-पश्चिम में ओमान की खाडी़ एवं हॉर्मज़ जलडमरुमध्य तथा फारस की खाडी़ हैं। इसकी उत्तरी सीमा ज़गरोस कोलीजज्ञ जो़न है, जहाँ अरबी प्लेट एवं एशिया के बीच संयोजन/टक्कर होने से महाद्वीपीय उठाव है। यह सीरियाई रेगिस्तान से जा मिलता है, बिना किसी रेखांकित सीमा के। भौगोलिक दृष्टि से अरबी प्रायद्वीप में ईराक एवं सीरिया के भाग आते हैं। राजनैतिक रूप से प्रायद्वीप को शेष एशिया से अलग करता है उत्तरी सीमाएं। ये उत्तरी सीमाएं कुवैत एवं सऊदी अरब की सीमाएं। निम्न राष्ट्र इस प्रायद्वीप के भाग माने जाते हैं.

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अरबी भाषा

अरबी भाषा सामी भाषा परिवार की एक भाषा है। ये हिन्द यूरोपीय परिवार की भाषाओं से मुख़्तलिफ़ है, यहाँ तक कि फ़ारसी से भी। ये इब्रानी भाषा से सम्बन्धित है। अरबी इस्लाम धर्म की धर्मभाषा है, जिसमें क़ुरान-ए-शरीफ़ लिखी गयी है। .

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अरबी रेगिस्तान

अरबी रेगिस्तान (अंग्रेज़ी: Arabian Desert; अरबी:, अस-सहरा अल-अरबीया) पश्चिमी एशिया में स्थित एक विशाल रेगिस्तान है जो दक्षिण में यमन से लेकर उत्तर में फ़ारस की खाड़ी तक और पूर्व में ओमान से लेकर पश्चिम में जोर्डन और इराक़ तक फैला हुआ है। अरबी प्रायद्वीप का अधिकाँश भाग इस रेगिस्तान में आता है और इस मरुस्थल का कुल क्षेत्रफल २३.३ लाख किमी२ है, यानि पूरे भारत के क्षेत्रफल का लगभग ७०%। इसके बीच में रुब अल-ख़ाली नाम का इलाक़ा है जो विश्व का सबसे विस्तृत रेतीला क्षेत्र है।, Professor Julie J Laity, pp.

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अर्चना भार्गव

अर्चना भार्गव (जन्म: 1955) युनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रह चुकी हैं। उन्होने 23 अप्रैल 2013 को यह कार्यभार ग्रहण कियातथा 20 फ़रवरी 2014 में उन्होने इस पद से इस्तीफा दे दिया। .

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अल-वालिद प्रथम

अल-वालिद इब्न अल-मालिक; या अल-वालिद प्रथम: Al-Walid ibn Abd al-Malik‏ or Al-Walid I, (668 – 23 फरवरी 715) एक उमय्यद, खलीफा थे जिन्होने 705 से 715 अपनी मृत्यु तक शासन किया इनके शासनकाल में सबसे बड़ा विस्तार देखा गया जो सफल सैन्य अभियानो के रूप में था। केंद्रीय एशिया, सिंध, पश्चिमी यूरोप में हिस्पैनिया और बिजान्टिन साम्राज्य के विरूद्ध ट्रोसऑक्सियाना में अभियान किए गये थे। .

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अशासकीय संस्था

गैर सरकारी संगठन (NGO) एक ऐसा शब्द है जो बिना किसी सरकारी भागीदारी या प्रतिनिधित्व के साथ प्राकृतिक या कानूनी व्यक्तियों के द्वारा बनाए गए विधिवत संगठित गैर सरकारी संगठनों को संदर्भित करने के लिए व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है। उन मामले में जिनमें गैर सरकारी संगठन पूरी तरह से या आंशिक रूप से सरकारों द्वारा निधिबद्ध होते हैं, NGO अपना गैर-सरकारी ओहदा बनाए रखता है और सरकारी प्रतिनिधिओं को संगठन में सदस्यता से बाहर रखता है। शब्द इंटरगवर्नमेंटल ओर्गेनाइज़ेशन के विपरीत, "गैर सरकारी संगठन" एक आम उपयोग का शब्द है, लेकिन एक कानूनी परिभाषा नहीं है। कई न्यायालयों में इस प्रकार के संगठनों को "नागरिक समाज संगठन" के रूप में परिभाषित किया जाता है या अन्य नामों से निर्दिष्ट किया जाता है। अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय गैर सरकारी संगठनों की संख्या 40,000 है। राष्ट्रीय संख्या और भी अधिक है: रूस में 277,000 गैर सरकारी संगठन हैं। भारत में 1 मिलियन और 2 मिलियन के बीच गैर सरकारी संगठन होने का अनुमान है। .

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अशोक

चक्रवर्ती सम्राट अशोक (ईसा पूर्व ३०४ से ईसा पूर्व २३२) विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे। सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य (राजा प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय) था। उनका राजकाल ईसा पूर्व २६९ से २३२ प्राचीन भारत में था। मौर्य राजवंश के चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने अखंड भारत पर राज्य किया है तथा उनका मौर्य साम्राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी के दक्षिण तथा मैसूर तक तथा पूर्व में बांग्लादेश से पश्चिम में अफ़ग़ानिस्तान, ईरान तक पहुँच गया था। सम्राट अशोक का साम्राज्य आज का संपूर्ण भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यान्मार के अधिकांश भूभाग पर था, यह विशाल साम्राज्य उस समय तक से आज तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य रहा है। चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्व के सभी महान एवं शक्तिशाली सम्राटों एवं राजाओं की पंक्तियों में हमेशा शिर्ष स्थान पर ही रहे हैं। सम्राट अशोक ही भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट है। सम्राट अशोक को ‘चक्रवर्ती सम्राट अशोक’ कहाँ जाता है, जिसका अर्थ है - ‘सम्राटों का सम्राट’, और यह स्थान भारत में केवल सम्राट अशोक को मिला है। सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य से बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भी जाना जाता है। सम्राट अशोक ने संपूर्ण एशिया में तथा अन्य आज के सभी महाद्विपों में भी बौद्ध धर्म धर्म का प्रचार किया। सम्राट अशोक के संदर्भ के स्तंभ एवं शिलालेख आज भी भारत के कई स्थानों पर दिखाई देते है। इसलिए सम्राट अशोक की ऐतिहासिक जानकारी एन्य किसी भी सम्राट या राजा से बहूत व्यापक रूप में मिल जाती है। सम्राट अशोक प्रेम, सहिष्णूता, सत्य, अहिंसा एवं शाकाहारी जीवनप्रणाली के सच्चे समर्थक थे, इसलिए उनका नाम इतिहास में महान परोपकारी सम्राट के रूप में ही दर्ज हो चुका है। जीवन के उत्तरार्ध में सम्राट अशोक भगवान बुद्ध की मानवतावादी शिक्षाओं से प्रभावित होकर बौद्ध हो गये और उन्ही की स्मृति में उन्होने कई स्तम्भ खड़े कर दिये जो आज भी नेपाल में उनके जन्मस्थल - लुम्बिनी - में मायादेवी मन्दिर के पास, सारनाथ, बोधगया, कुशीनगर एवं आदी श्रीलंका, थाईलैंड, चीन इन देशों में आज भी अशोक स्तम्भ के रूप में देखे जा सकते है। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया। सम्राट अशोक अपने पूरे जीवन में एक भी युद्ध नहीं हारे। सम्राट अशोक के ही समय में २३ विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई जिसमें तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, कंधार आदि विश्वविद्यालय प्रमुख थे। इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से कई छात्र शिक्षा पाने भारत आया करते थे। ये विश्वविद्यालय उस समय के उत्कृट विश्वविद्यालय थे। शिलालेख सुरु करने वाला पहला शासक अशोक ही था, .

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अज़रबाइजान

आज़रबाइजान(अन्य वर्तनी:अज़रबैजान या अज़रबाइजान) (Respublikası), कॉकेशस के पूर्वी भाग में एक गणराज्य है, पूर्वी यूरोप और एशिया के मध्य में बसा हुआ। भौगोलिक रूप से यह एशिया का ही भाग है। इसके सीमांत देश हैं: अर्मेनिया, जॉर्जिया, रूस, ईरान, तुर्की और इसका तटीय भाग कैस्पियन सागर से लगता हुआ है। यह १९९१ तक भूतपूर्व सोवियत संघ का भाग था। अज़रबैजान एक धर्मनिरपेक्ष देश है और वर्ष २००१ से काउंसिल का सदस्य है। अधिकांश जनसंख्या इस्लाम धर्म की अनुयायी है और यह देश इस्लामी सम्मेलन संघ का सदस्य राष्ट्र भी है। यह देश धीरे-धीरे औपचारिक लेकिन सत्तावादी लोकतंत्र की ओर बढ़ रहा है। .

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अजगर

अजगर अजगर (Python) एक विशालकाय सर्प है। यह एक विषहीन साँपो की प्रजाति है जो एशिया, अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया के वनो में पायी जाती है। श्रेणी:टाइगर श्रेणी:सर्प.

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अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन), एआईएफएफ के रूप में भी जाना जाता है, भारत में एसोसिएशन फुटबॉल के शासी निकाय है। १९४८ में स्थापित, संघ एशियाई फुटबॉल परिसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक था, जो एशिया में फुटबॉल का पर्यवेक्षक था। एआईएफएफ ने राष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रतियोगी फुटबॉल टूर्नामेंट और लीग चलाए, अर्थात् आई-लीग और फेडरेशन कप महासंघ भी अप्रत्यक्ष रूप से राज्य संघों के माध्यम से स्थानीय फुटबॉल प्रतियोगिताओं का प्रबंधन करता है। फेडरेशन भारत की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के साथ-साथ महिला टीम और विभिन्न युवा राष्ट्रीय पक्षों के प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार है। एआईएफएफ दक्षिण एशियाई फुटबॉल महासंघ का भी हिस्सा है, जो संगठन दक्षिण एशिया में फुटबॉल चलाता है। महासंघ वर्तमान में द्वारका, दिल्ली में स्थित है। .

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अंटार्कटिका

अंटार्कटिका अंतरिक्ष से अंटार्कटिका का दृश्य। 230px लाम्बर्ट अजिमुथाल प्रोजेक्शन पर आधारित मानचित्र।दक्षिणी ध्रुव मध्य में है। अंटार्कटिका (या अन्टार्टिका) पृथ्वी का दक्षिणतम महाद्वीप है, जिसमें दक्षिणी ध्रुव अंतर्निहित है। यह दक्षिणी गोलार्द्ध के अंटार्कटिक क्षेत्र और लगभग पूरी तरह से अंटार्कटिक वृत के दक्षिण में स्थित है। यह चारों ओर से दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है। अपने 140 लाख वर्ग किलोमीटर (54 लाख वर्ग मील) क्षेत्रफल के साथ यह, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद, पृथ्वी का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है, अंटार्कटिका का 98% भाग औसतन 1.6 किलोमीटर मोटी बर्फ से आच्छादित है। औसत रूप से अंटार्कटिका, विश्व का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है और सभी महाद्वीपों की तुलना में इसका औसत उन्नयन सर्वाधिक है। अंटार्कटिका को एक रेगिस्तान माना जाता है, क्योंकि यहाँ का वार्षिक वर्षण केवल 200 मिमी (8 इंच) है और उसमे भी ज्यादातर तटीय क्षेत्रों में ही होता है। यहाँ का कोई स्थायी निवासी नहीं है लेकिन साल भर लगभग 1,000 से 5,000 लोग विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों जो कि पूरे महाद्वीप पर फैले हैं, पर उपस्थित रहते हैं। यहाँ सिर्फ शीतानुकूलित पौधे और जीव ही जीवित, रह सकते हैं, जिनमें पेंगुइन, सील, निमेटोड, टार्डीग्रेड, पिस्सू, विभिन्न प्रकार के शैवाल और सूक्ष्मजीव के अलावा टुंड्रा वनस्पति भी शामिल hai हालांकि पूरे यूरोप में टेरा ऑस्ट्रेलिस (दक्षिणी भूमि) के बारे में विभिन्न मिथक और अटकलें सदियों से प्रचलित थे पर इस भूमि से पूरे विश्व का 1820 में परिचय कराने का श्रेय रूसी अभियान कर्ता मिखाइल पेट्रोविच लाज़ारेव और फैबियन गॉटलिएब वॉन बेलिंगशौसेन को जाता है। यह महाद्वीप अपनी विषम जलवायु परिस्थितियों, संसाधनों की कमी और मुख्य भूमियों से अलगाव के चलते 19 वीं शताब्दी में कमोबेश उपेक्षित रहा। महाद्वीप के लिए अंटार्कटिका नाम का पहले पहल औपचारिक प्रयोग 1890 में स्कॉटिश नक्शानवीस जॉन जॉर्ज बार्थोलोम्यू ने किया था। अंटार्कटिका नाम यूनानी यौगिक शब्द ανταρκτική एंटार्कटिके से आता है जो ανταρκτικός एंटार्कटिकोस का स्त्रीलिंग रूप है और जिसका अर्थ "उत्तर का विपरीत" है।" 1959 में बारह देशों ने अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर किए, आज तक छियालीस देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। संधि महाद्वीप पर सैन्य और खनिज खनन गतिविधियों को प्रतिबन्धित करने के साथ वैज्ञानिक अनुसंधान का समर्थन करती है और इस महाद्वीप के पारिस्थितिक क्षेत्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। विभिन्न अनुसंधान उद्देश्यों के साथ वर्तमान में कई देशों के लगभग 4,000 से अधिक वैज्ञानिक विभिन्न प्रयोग कर रहे हैं। .

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अंतर्राष्ट्रीय स्लाव चैनल

अंतर्राष्ट्रीय स्लाव चैनल (Международный Славянский Канал रूसी में, Міжнародний Слов'янський Канал यूक्रेनी में, Slavonic Channel International अंग्रेज़ी में) टेलिविजन चन्नेल है। अंतर्राष्ट्रीय स्लाव चन्नेल उद्देश्य कि सब स्लाव लोग और जगत् स्लाव रहने का तरीक़ा, अद्वितीय स्लाव इतिहास और स्लाव सांस्कृतिक महती देन को मिलना। अंतर्राष्ट्रीय स्लाव चन्नेल प्रथम प्रदर्शन १२ सितम्बर २००८ यूक्रेन से उपग्रह द्वारा (Sirius-4 Satellite 5° East Frequency 12075 MHz (H) Symbol Rate: 27,5 Msymb/s FEC 3/4 & Astra-2 Satellite 31,5° East Frequency 12090 MHz (H) Vertical Symbol Rate: 27,5 Msymb/s FEC 9/10) था। अंतर्राष्ट्रीय स्लाव चन्नेल बहुकरोड़ा आबादी के लिए चौबीसों घंटे यूक्रेनी, रूसी, अंग्रेज़ी और स्थानीय भाषा में प्रदर्शन करता। भविष्य में इकबारगी प्रदर्शन स्लाव, फ़्रांसीसी, जर्मन, स्पेन, पुर्तगाल, अरबी और चीनी भाषाऐं होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्लाव चन्नेल सांस्कृतिक विषयक्षेत्र देता। .

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अंबानी परिवार

अंबानी परिवार भारत का एक औद्योगिक घराना है। धीरूभाई अंबानी द्वारा छोटे स्तर पर शुरु किया गयी एक कंपनी भारत और एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों में से है। तेल, टेलीकाम से ले कर बहुत से क्षेत्रों में इस परिवार का दबदबा है। आजकल धीरूभाई के बेटों अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी में चल रहे पारिवारिक विवाद के कारण यह परिवार विवाद और चर्चा का विषय बना | .

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अंजलि बंसल

अंजलि बंसल पूर्व में एक वैश्विक सहयोगी और प्रबंध निदेशक है टीपीजी प्राइवेट इक्विटी के साथ और न्यू यॉर्क और मुंबई में मैकिन्से एंड कंपनी के साथ एक रणनीति सलाहकार है। उन्होंने स्पेंसर स्टुअर्ट के भारत की प्रैक्टिस की स्थापना की और उन्हें सफलतापूर्वक एक बेहद प्रतिष्ठित अखिल भारत मंच के रूप में विकसित किया। वह एशिया प्रशांत नेतृत्व टीम के एक भाग के रूप में भी एक वैश्विक साझीदार थी और एशिया प्रशांत बोर्ड और सीईओ अभ्यास का नेतृत्व किया। वह बिजनेस टुडे द्वारा और फॉर्च्यून मैगज़ीन द्वारा "इंडियन बिज़नेस में सबसे शक्तिशाली महिलाओं" में से एक के रूप में सूचीबद्ध थीं। .

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अंगूरफल

अंगूरफल या ग्रेपफ्रूट (वैज्ञानिक नाम: Citrus × paradisi) एक उपोष्णकटिबंधीय नींबूवंशी (सिट्रस) पेड़ है जो इसके खट्टे से लेकर खट्टे-मीठे और कुछ-कुछ कड़वे स्वाद वाले फलों के लिए जाना जाता है। संतरे (C. sinensis) और चकोतरे (C. maxima) के मेल से बनी यह संकर प्रजाति संयोग से ही अस्तित्व में आई जब सत्रहवीं शताब्दी में बारबाडोस में इन दो प्रजातियों को एशिया से यहाँ लाया गया था। जब इस संयोग का पता चला तो इस फल को "वर्जित फल" नाम दिया गया; और इसे चकोतरा की एक किस्म भी माना गया। अंगूर की तरह गुच्छों (फल के समूहों) में विकसित होकर पेड़ से लटकने के कारण इसे अंगूरफल का नाम दिया गया। .

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अक्ष शक्तियाँ

अक्ष शक्तियाँ या ऐक्सिस शक्तियाँ या धुरी शक्तियाँ (Axis Powers,Achsenmächte, 枢軸国 Sūjikukoku, Potenze dell'Asse) उन देशों का गुट था जिन्होनें दूसरे विश्वयुद्ध में जर्मनी और जापान का साथ दिया और मित्रपक्ष शक्तियों (ऐलाइड शक्तियों) के ख़िलाफ़ लड़े। मध्य १९३० में अपने साम्राज्यवादी हितों को बचाए रखने के लिए जर्मनी, इटली और जापान द्वारा किए गये कूटनीतिक प्रयासों से अक्ष शक्तियों का उदय हुआ। अक्ष शक्तियों का गुट सन् १९३६ में तब शुरु हुआ जब जर्मनी ने जापान और इटली के साथ साम्यवाद विरोधी संधियों पर दस्तख़त किये। रोम-बर्लिन १९३९ स्टील संधि के अन्तर्गत सामरिक गुट बन गये, १९४० के ट्राइपर्टाइल संधि के साथ जर्मनी और उसके गुट के दोनो मित्र देशो के सामरिक लक्ष्य एक हो गये। दूसरे विश्वयुद्ध में अपने चरम पर अक्षीय शक्तियों ने यूरोप, अफ़्रीका और पूर्वी व दक्षिण-पूर्वी एशिया के बड़े हिस्सों पर कब्जा किया। १९४५ में जाकर मित्रपक्ष शक्तियों की जीत होने पर अक्ष शक्तियों का गुट ख़त्म हो गया। युद्ध के दौरान अक्ष दल बदलता रहा क्योंकि कुछ राष्ट्र इसके अन्दर-बाहर आते और जाते रहे।, आर.एल.

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अकोंकागुआ

आकोंकागुआ या आकोंकाग्वा (Aconcagua) दक्षिण अमेरिका की ऐन्डीज़ पर्वतमाला का सबसे ऊँचा पहाड़ है। यह एशिया से बाहर विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत भी है, हालांकि एशिया के हिमालय इतने ऊँचे हैं कि आकोंकागुआ का स्थान केवल विश्व के ११०वें सबसे ऊँचे पर्वत पर आता है।, Michael Hurley, pp.

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उत्तर अमेरिका

उत्तर अमेरिका (अंग्रेजी: North America; स्पेनी: América del Norte; फ़्रान्सीसी: Amérique du Nord) महाअमेरिका (उत्तर और दक्षिण अमेरिका संयुक रूप से) का उत्तरी महाद्वीप है, जो पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है और पूर्णतः पश्चिमी गोलार्ध में आता है। उत्तर में यह आर्कटिक महासागर, पूर्व में उत्तरी अन्ध महासागर, दक्षिणपूर्व में कैरिबियाई सागर और पश्चिम में उत्तरी प्रशान्त महासागर से घिरा हुआ है। उत्तर अमेरिका का मुख्य भाग ४० उत्तरी अक्षांश से ८३० उत्तरी अक्षांश तथआ ५३० पश्चिमी देशान्तर से १६८० पश्चिमी देशान्तर के बीच स्थित है। इसका आकार त्रिभुज के समान है जिसका शीर्ष दक्षिण की ओर और आधार उत्तर की ओर है। उत्तर अमेरिका का कुल भूभाग २,४७,०९,००० वर्ग किलोमीटर है, पृथ्वी की कुल सतह का ४.८% या कुल भूभाग का १६.५%। जुलाई, २००८ तक, इसकी अनुमानित जनसंख्या ५२.९ करोड़ थी। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह एशिया और अफ़्रीका के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से यह एशिया, अफ़्रीका और यूरोप के बाद चौथा सबसे बड़ा महाद्वीप है। .

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उत्तर अमेरिका का भूगोल

उत्तर अमेरिका, अफ़्रीका और एशिया के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह महाद्वीप पश्चिम में प्रशांत महासागर, पूर्व और दक्षिण में अटलांटिक महासागर और उत्तर में आर्कटिक महासागर से घिरा हुआ है। उत्तर पश्चिम यह एशिया से लगभग लगता हुआ है जहाँ पर ८०० किमी की बेरिंग की खाड़ी इसे एशिया से पृथक करती है। उत्तरपूर्व में ग्रीनलैंड है और आइसलैंड जो ४८० किमी की दूरी पर है। अफ़्रीका से उत्तर अमेरिका की निकटतम दूरी १,६०० किमी है और एशिया-प्रशान्त की दूरी ९,६०० किमी है। उत्तर अमेरिका की प्रमुख नदी-घाटियाँ मिसिसिपी और मिसोरी नदियों से मिलकर बनी है और इन दोनो नदियों की संयुक्त लम्बाई अमेज़न नदी के बराबर है। नदी-घाटी का क्षेत्रफल ३१,६०,००० वर्ग किलोमीटर है। वनस्पति-जीवन इस क्षेत्र में विशेष है। उदाहरण के लिए, उत्तरी वनस्पति में आर्कटिक लिचेन्स, मोसेस और निम्न जड़ी बूटियाँ विशिष्ट हैं। कनाडा और अमेरिका के पश्चिमी विस्तार में कोनिफ़र, विशेष रूप से लाल-लकड़ी, पाइन और देवदार सम्मिलित हैं। .

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उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

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उत्तराखण्ड में शिक्षा

उत्तराखण्ड के शैक्षणिक संस्थान भारत और विश्वभर के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये एशिया के सबसे कुछ सबसे पुराने अभियांत्रिकी संस्थानों का घर है, जैसे रुड़की का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (पहले रुड़की विश्वविद्यालय) और पंतनगर का गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवँ प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय। विशेष महत्व के अन्य संस्थान हैं, देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी, इक्फ़ाई विश्वविद्यालय, भारतीय वानिकी संस्थान; पौड़ी स्थित गोविन्द बल्लभ पंत अभियांत्रिकी महाविद्यालय और द्वाराहाट स्थित कुमाऊँ अभियांत्रिकी महाविद्यालय। श्रेणी:उत्तराखण्ड में शिक्षा.

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उत्तरी गोलार्ध

उत्तरी गोलार्ध पीले में दर्शित उत्तरी गोलार्ध उत्तरी ध्रुव के ऊपर से उत्तरी गोलार्ध पृथ्वी का वह भाग है जो भूमध्य रेखा के उत्तर में है। अन्य सौर मण्डल के ग्रहों की उत्तर दिशा पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के स्थिर समतल में लिया जाता है। पृथ्वी के अक्षीय झुकाव की वजह से उत्तरी गोलार्ध में शीत ऋतु, दक्षिणायन (२२ दिसंबर के आसपास) से वसंत विषुव (लगभग २३ मार्च) तक चलता है और ग्रीष्म ऋतु, उत्तरायण (२१ जून) से शरद विषुव (लगभग २३ सितंबर) तक चलता है। उत्तरी गोलार्ध का उत्तरी ‌छोर पूरी तरह ठोस नहीं है, वहाँ समुद्र के बीच जगह-जगह विशाल हिमखन्ड मिलते हैं। .

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उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग

उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में होने वाले संक्रमणों के उस समूह को उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग कहते हैं अफ्रीका और एशिया के विकासशील क्षेत्रों के कम आयवर्ग की आबादी में विशेषरूप से पाया जाता है। इनको 'उपेक्षित' इसलिये कहा जाता है क्योंकि इनका इलाज या तो बहुत महंगा है या गरीब क्षेत्रों में उपलब्ध ही नहीं है। श्रेणी:रोग.

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उबर कप

उबर कप, जिसे कभी कभी महिलाओं की विश्व टीम प्रतियोगिता भी कहा जाता है एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता है जिसमें विभिन्न देशों की राष्ट्रीय महिला बैडमिंटन टीमें हिस्सा लेती हैं। पहली बार इसका आयोजन 1956–1957 में तीन वर्षों के अंतराल पर किया गया था। फिर 1984 से यह हर दो वर्षों के अंतराल पर होने लगी। इसका कार्यक्रम और आयोजन स्थल थॉमस कप के साथ मिला दिया गया जो पुरुष टीमों की वैश्विक प्रतियोगिता थी। उबर कप का नाम पूर्व ब्रिटिश महिला खिलाड़ी बेट्टी उबर के नाम पर पड़ा था जिन्होंने १९५० में पुरुषों के जैसी ही महिलाओं के लिये इस तरह की प्रतियोगिता के आयोजन की बात सोची थी। उन्होंने 1956–1957 के पहले प्रतियोगिता के लिये खिलाड़ियों का चुनाव भी किया जिसका आयोजन लंकाशायर, इंग्लैंड के लीथम सेंट ऐन्स में हुआ था। इस प्रतियोगिता का ढाँचा पुरुषों के थॉमस कप की ही तरह था। २०१४ की प्रतियोगिता में चीन की टीम सबसे सफल टीम रही जिसने यह खिताब सबसे ज्यादा १३ बार जीता। जापान ने पांच बार व इंडोनेशिया और अमेरिका ने ३-३ बार यह खिताब जीता। २०१६ की प्रतियोगिता कुन्शान, चीन में आयोजित की जानी है। .

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उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन

उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन ऐसे वन क्षेत्र हैं जो भूमध्य रेखा के दक्षिण या उत्तर में लगभग 28 डिग्री के भीतर पाए जाते हैं। ये एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, और प्रशांत द्वीपों पर पाए जाते हैं। विश्व वन्यजीव निधि के बायोम वर्गीकरण के भीतर उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन को उष्णकटिबंधीय वर्षावन वन (या उष्णकटिबंधीय नम चौड़े पत्ते के वन) का एक प्रकार माना जाता है और उन्हें विषुवतीय सदाबहार तराई वन के रूप में भी निर्दिष्ट किया जा सकता है। इस जलवायु क्षेत्र में न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 175 cm (69 इंच) और 200 cm (79 इंच) के बीच होती है। औसत मासिक तापमान वर्ष के सभी महीनों के दौरान 18 °से.

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उष्णकटिबंधीय वर्षा-वन

ब्राजील में अमेज़न वर्षावन का एक क्षेत्र. दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन में धरती पर प्रजातियों की सबसे बड़ी विविधता है। उष्णकटिबंधीय वर्षा-वन एक ऐसा क्षेत्र होता है जो भूमध्य रेखा के दक्षिण या उत्तर में लगभग 28 डिग्री के भीतर होता है। वे एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, मेक्सिको और प्रशांत द्वीपों पर पाए जाते हैं। विश्व वन्यजीव निधि के बायोम वर्गीकरण के भीतर उष्णकटिबंधीय वर्षावन को उष्णकटिबंधीय आर्द्र वन (या उष्णकटिबंधीय नम चौड़े पत्ते के वन) का एक प्रकार माना जाता है और उन्हें विषुवतीय सदाबहार तराई वन के रूप में भी निर्दिष्ट किया जा सकता है। इस जलवायु क्षेत्र में न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा और के बीच होती है। औसत मासिक तापमान वर्ष के सभी महीनों के दौरान से ऊपर होता है। धरती पर रहने वाले सभी पशुओं और पौधों की प्रजातियों की आधी संख्या इन वर्षावनों में रहती है। मिशिगन विश्वविद्यालय के रीजेण्ट.

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उस्मानी साम्राज्य

उस्मानी सलतनत (१२९९ - १९२३) (या उस्मानी साम्राज्य या तुर्क साम्राज्य, उर्दू में सल्तनत-ए-उस्मानिया, उस्मानी तुर्कीयाई:دَوْلَتِ عَلِيّهٔ عُثمَانِیّه देव्लेत-इ-आलीय्ये-इ-ऑस्मानिय्ये) १२९९ में पश्चिमोत्तर अनातोलिया में स्थापित एक तुर्क राज्य था। महमद द्वितीय द्वारा १४९३ में क़ुस्तुंतुनिया जीतने के बाद यह एक साम्राज्य में बदल गया। प्रथम विश्वयुद्ध में १९१९ में पराजित होने पर इसका विभाजन करके इस पर अधिकार कर लिया गया। स्वतंत्रता के लिये संघर्ष के बाद २९ अक्तुबर सन् १९२३ में तुर्की गणराज्य की स्थापना पर इसे समाप्त माना जाता है। उस्मानी साम्राज्य सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में अपने चरम शक्ति पर था। अपनी शक्ति के चरमोत्कर्ष के समय यह एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अफ़्रीका के हिस्सों में फैला हुआ था। यह साम्राज्य पश्चिमी तथा पूर्वी सभ्यताओं के लिए विचारों के आदान प्रदान के लिए एक सेतु की तरह था। इसने १४५३ में क़ुस्तुन्तुनिया (आधुनिक इस्ताम्बुल) को जीतकर बीज़ान्टिन साम्राज्य का अन्त कर दिया। इस्ताम्बुल बाद में इनकी राजधानी बनी रही। इस्ताम्बुल पर इसकी जीत ने यूरोप में पुनर्जागरण को प्रोत्साहित किया था। .

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उज़्बेकिस्तान

एशिया के केन्द्रीय भाग में स्थित एक देश है जो चारो ओर से जमीन से घिरा है। इतना ही नहीं, इसके चहुँदिश के देश की खुद भी समुद्र तक कोई पहुँच नहीं है। इसके उत्तर में कज़ाख़िस्तान, पूरब में ताज़िकिस्तान दक्षिण में तुर्कमेनिस्तान और अफ़गानिस्तान स्थित है। यह 1991 तक सोवियत संघ का एक घटक था। उज़्बेकिस्तान के प्रमुख शहरों में राजधानी ताशकंत के अलावा समरकंद तथा बुख़ारा का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। यहाँ के मूल निवासी मुख्यतः उज़्बेक नस्ल के हैं, जो बोलचाल में उज्बेक भाषा का प्रयोग करते हैं। .

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१३ नवम्बर

१३ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३१७वॉ (लीप वर्ष मे ३१८ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ४८ दिन बाकी है। .

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१५ अक्टूबर

१५ अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८८वां (लीप वर्ष में १८९ वां) दिन है। साल मे अभी और ७७ दिन बाकी है। .

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१९००

१९०० ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है, जो सोमवार से प्रारंभ हुआ था। .

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१९११ की चीन की क्रांति

वुहान में सन यात सेन की प्रतिमा चीन की 1911 की क्रांति के फलस्वरूप चीन के अन्तिम राजवंश (चिंग राजवंश) की समाप्ति हुई और चीनी गणतंत्र बना। यह एक बहुत बड़ी घटना थी। मंचू लोगों का शासन चीन पर पिछले तीन सौ वर्षों से चला आ रहा था जिसका अंत हो गया। बीसवीं शताब्दी में चीन एशिया का प्रथम देश था, जहाँ गणतांत्रिक सरकार की स्थापना हुई। चीन के क्रांतिकारियों ने फ्रांसवालों का अनुकरण किया और राजतंत्र का सदा के लिए अंत कर दिया। .

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१९८८

1988 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००३ एफ्रो-एशियाई खेल

२००३ २००३ अफ़्रीकी-एशियाई खेल, जिन्हें आधिकारिक रूप से प्रथम अफ़्रीकी-एशियाई खेलों के नाम से भी जाना जाता है और अनौपचारिक रूप से अधिष्ठापन अफ़्रीकी-एशियाई खेलों के नाम से, एक अन्तर्राष्ट्रीय बहु-क्रीडा खेल प्रतियोगिता है जिसकी मेज़बानी २४ अक्टूबर से १ नवम्बर २००३ के बीच हैदराबाद, भारत में की गई थी। हैदराबाद में आयोजित यह अब तक की सबसे बडी खेल प्रतियोगिता है और भारत में आयोजित भी, जो २०१० राष्ट्रमण्डल खेलों के बाद दूसरे स्थान पर है। कुल ९६ देशों से २,००० से भी अधिक खिलाडियों ने इन खेलों में भाग लिया था। आठ क्रीड़ाओं में कुल १२९ खेल प्रतियोगिताएँ थीं। ९६ देशों द्वारा भाग लिए जाने के पश्चात भी इन खेलों की गुंजाइश कम थी जिसमें कुल मिलाकर केवल आठ खेल थे। इन खेलों में मात्र एक विश्व कीर्तिमान टूटा और ३७ देशों ने कम से कम एक पदक जीता था। .

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२०१०

वर्ष २०१० वर्तमान वर्ष है। यह शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष २०१० को अंतराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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२०११ क्रिकेट विश्व कप

आईसीसी (ICC) क्रिकेट विश्व कप २०११, दसवां क्रिकेट विश्व कप था और इसकी मेजबानी टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले तीन दक्षिण एशियाई देशों द्वारा की गई थी: भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश.

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२०१४ फीफा विश्व कप

२०१४ फीफा विश्व कप (फीफा विश्व कप का 20वां संस्करण) 12 जून 2014 से 13 जुलाई 2014 के बीच ब्राज़ील में हुआ एक अंतर्राष्ट्रीय पुरूष फुटबॉल टूर्नामेंट है। 1950 के बाद, ब्राजील इस प्रतियोगिता की मेज़बानी दूसरी बार कर रहा है। इसी के साथ मेक्सिको, इटली, फ्रांस और जर्मनी के बाद ब्राजील दो बार विश्व कप की मेजबानी करने वाला पांचवां देश बन गया है। साल 2014 का फीफा विश्व कप जर्मनी ने जीता है। बत्तीस देशों की टीमें फाइनल टूर्नामेंट में भाग लिया। सभी मैच ब्राजील के 12 विभिन्न शहरों में मैच खेले गए। अर्जेंटीना में आयोजित हुए 1978 विश्व कप के बाद से दक्षिण अमेरिका में आयोजित होने वाला यह पहला विश्व कप है। इससे पहले 2010 का टूर्नामेंट स्पेन ने जीता था। १३ जुलाई २०१४ को २०१४ फीफा विश्व कप के फाइनल में जर्मनी ने अर्जेण्टीना को अतिरिक्त समय के बाद 1-0 से पराजित किया, यह जर्मनी का चौथा खिताब है। .

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२०१८ फीफा विश्व कप

२०१८ फीफा विश्व कप (फीफा विश्व कप का 21वां संस्करण) 14 जून 2018 से 15 जुलाई 2018 के बीच रूस में एक अंतर्राष्ट्रीय पुरूष फुटबॉल टूर्नामेंट है। रूस इस प्रतियोगिता की मेज़बानी प्रथम बार कर रहा है। बत्तीस देशों की टीमें फाइनल टूर्नामेंट में भाग लिया। सभी मैच ब्राजील के 12 विभिन्न स्टेडियमों में मैच खेले गए। अर्जेंटीना में आयोजित हुए 2006 विश्व कप के बाद से यूरोप में आयोजित होने वाला यह पहला विश्व कप है। इससे पहले 2014 का टूर्नामेंट जर्मनी ने जीता था। १५ जुलाई २०१८ को २०१८ फीफा विश्व कप का फाइनल है। .

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३० अक्तूबर

३० अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३०३वाँ (लीप वर्ष मे ३०४वाँ) दिन है। वर्ष मे अभी और ६२ दिन बाकी है। .

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1958 एशियाई खेल

तीसरे एशियाई खेल २४ मई से १ जून, १९५८ को टोक्यो, जापान में आयोजित किए गए थे। २० एशियाई देशों के १,८२० खिलाड़ियों ने इन खेलों की तेरह स्पर्धाओं में भाग लिया। प्रथमोप्रवेश खेल थे, फ़ील्ड हॉकी, टेबल टेनिस, टेनिस और वॉलीबॉल। इन खेलों के आयोजन के बाद टोक्यों ने १९६४ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों की मेज़बानी भी की। .

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1974 एशियाई खेल

सातवें एशियाई खेल १ सितंबर से १६ सितंबर, १९७४ को तेहरान, ईरान में आयोजित किए गए थे। अर्यामेहर खेल परिसर इन खेलों के लिए बनाया गया था। मध्यपूर्व में इन खेलों का आयोजन पहली बार किया जा रहा था। तेहरान में हुए इन खेलों में एशिया के २५ देशों के ३,०१० खिलाड़ियों ने भाग लिया जो इन खेलों में अब तक सर्वाधिक संख्या थी। असिक्रीड़ा (फेन्सिंग), जिमनास्टिक और महिला बॉस्केटबॉल इन खेलों की खेल सूची में जोड़े गए। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के अतिरिक्त इन खेलों में फिलिस्तीनीयों और एक जापानी उग्रवादी मत द्वारा मिली धमकियों के चलते अभूतपूर्व सुरक्षा व्यव्स्था की गई। अरब देशों, चीनी जनवादी गणराज्य, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया ने इस्राइल के साथ टेनिस, बॉस्केटबॉल और फुटबॉल खेलने से मना कर दिया। एशियाई खेल संघ, जिसने खेलों से दस महीने पूर्व एक सम्मेलन किया था, ने ताइवान का निष्कासन स्वीकार किया और चीनी जनवादी गणराज्य की इन खेलों में प्रविष्टि स्वीकार की। .

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1982 एशियाई खेल

नौवें एशियाई खेल १९ नवम्बर से ४ दिसम्बर, १९८२ तक दिल्ली, भारत में आयोजित किए गए थे। दिल्ली में दूसरी बार इन खेलों का आयोजन किया गया था और इससे पूर्व १९५१ के अभिषेकात्मक एशियाई खेल भी यहाँ आयोजित किए गए थे। नई दिल्ली, बैंकाक के बाद ऐसा दूसरा नगर बना जिसने इन खेलों की एक से अधिक बार मेज़बानी की हो। दिल्ली के एशियाई खेल प्रथम एशियाड थे जो एशियाई ओलम्पिक परिषद (एओप) के संरक्षण में आयोजित हो रहे थे। एशियाई खेल संघ, जिसके न्यायाधिकार में प्रथम आठ एशियाई खेल आयोजित हुए थे, को भंग कर एओप बनाया गया। एशिया के ३३ देशों से कुल ४,५९५ खिलाड़ियों ने इन खेलों में भाग लिया। इन खेलों में प्रथमोप्रवेश खेल घुड़सवारी, गोल्फ, हैण्डबॉल, नौकायन और महिला हॉकी थे। इन खेलों से ही चीन का पदक तालिका में प्रभुत्व दिखाई देने लगा। जापान ने इससे पहले के खेलों में सर्वाधिक पदक जीते थे। चीन ने जापान को पदक तालिका में सर्वोच्च पद से अपदस्त कर खेलों की दुनिया में अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी। ९वें एशियाई खेलों की तैयारी में ही भारत में रंगीन टेलीविज़न बड़ी शान के साथ लाया गया, क्योंकि इन खेलों का रंगारंग प्रसारण किया जाना था। इन खेलों का शुभंकर अप्पू नामक एक शिशु हाथी था। वास्तविक जीवन में "कुट्टिनारायणन" नामक यह हाथी एक दुर्घटना में अपनी टाँग तुड़वा बैठा जब वह एक सैप्टिक टंकी में गिर गया और जिसके कारण अततः उसकी मृत्यु हो गई। कुट्टिनारायणन १४ मई, २००५ को मर गया। १९८६ के अगले एशियाई खेलों (१०वें) और १९८८ के २४वें ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों के मेज़बान दक्षिण कोरिया ने ४०६-सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल के साथ इन खेलों में भाग लिया, जिसमें एक पर्यवेक्षण दल भी था जो सुविधाओं, प्रबन्धन और प्रतियोगिताओं के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए आया था। .

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1986 एशियाई शीतकालीन खेल

right पहले एशियाई शीतकालीन खेल १ मार्च से ८ मार्च, १९८६ के बीच सपोरो, जापान में आयिजित किए गए थे। इस नगर ने १९७२ शीतकालीन ओलम्पिक खेलों के अनुभव और खेल-ढाँचे के साथ इन खेलों की मेज़बानी की थी। इन खेलों में एशिया की कुल ७ राष्ट्रीय ओलम्पिक समितियों ने भाग लिया था जिसमे ३५ खेल स्पर्धाएँ थी। इन सात देशो के ४३० खिलाड़ियों ने प्रथम एशियाई शीतकालीन खेलों में भाग लिया था। .

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1990 एशियाई खेल

ग्यारहवें एशियाई खेल २२ सितंबर से ७ अक्टूबर, १९९० के बीच बीजिंग, चीन में आयोजित किए गए थे। चीन में आयोजित होने वाली यह प्रथम विशाल-स्तरीय अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता थी। कुल ३७ एशियाई देहों से ६,१२२ खिलाड़ियों ने इन खेलों में भाग लिया और २९ क्रीड़ाओं में प्रतिद्वन्दिता की। पहली बार सम्मिलित किए गए खेल थे सॉफ़्टबॉल, सेपक टाक्रौ, वूशू, कबड्डी और नौकायन। .

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1994 एशियाई खेल

बारहवें एशियाई खेल २ अक्टूबर से १६ अक्टूबर, १९९४ के बीच हिरोशिमा, जापान में आयोजित किए गए थे। इन खेलों का प्रसंग, एशियाई देशों के मध्य शान्ति और सद्भावना को प्रोत्साहित करना था। इस पर मेज़बान द्वारा पूरा बल दिया गया क्योंकि खेलस्थल १९४५ में हुए विश्व के पहले परमाणु हमले का स्थल भी था। इन खेलों में ४२ देशों से कुल ६,८२८ खिलाड़ियों और अधिकारियों ने भाग लिया और कुल ३४ खेल-प्रतियोगिताएँ थी। प्रथमोप्रवेश खेल थे बेसबॉल, कराटे और आधुनिक पेण्टाथलोन। .

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1998 एशियाई खेल

तेरहवें एशियाई खेल ६ दिसंबर से २० दिसंबर, १९९८ के बीव बैंकाक, थाईलैण्ड में आयोजित किए गए थे। यह पहली बार था जब थाईलैण्ड ने इन खेलों के लिए बोली लगाई। इससे पहले थाईलैण्ड ने १९७० और १९७८ के एशियाई खेलों के आयोजन में अन्तिम समय पर अपना समर्थ्न दिया जब खेलों को रद्ध करने की स्थिति आ गई थी। .

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2000 के दशक के उत्तरार्द्ध की आर्थिक मंदी

2009 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर को दिखाते हुए दुनिया का नक्शा. 2000 के दशक के उत्तरार्द्ध की आर्थिक मंदी (या ग्रेट रिसेशन (भयंकर मंदी)) एक गंभीर आर्थिक मंदी थी जो संयुक्त राज्य अमेरिका में दिसंबर 2007 में शुरू हुई और जून 2009 में समाप्त हुई (यू.एस. नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनोमिक रिसर्च के अनुसार)। यह औद्योगिक दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में फैला जिसकी वजह से आर्थिक गतिविधियों स्पष्ट रूप से कमी आई। यह वैश्विक आर्थिक मंदी एक ऐसे आर्थिक माहौल में अपने पाँव पसारती रही है जिसकी पहचान विभिन्न प्रकार के असंतुलनों से होती है और 2007-2010 के वित्तीय संकट के प्रकोप से एकदम भड़क उठी.

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2010 एशियाई खेल पदक तालिका

गुआंग्डोंग ओलम्पिक स्टेडियम एथलेटिक्स की प्रतिस्पर्धाओं का मेज़बान था। ग्वांगझोउ जिम्नेसियम में टेबल टेनिस व वॉलीबॉल की स्पर्धाए आयोजित की गई थी। 2010 एशियाई खेल (आधिकारिक तौर पर 16वे एशियाई खेल) एक बहु-खेल प्रतियोगिता थी जो चीन के ग्वांगझोउ शहर में 12 नवम्बर से 27 नवम्बर 2010, के बीच आयोजित की गई थी। 1990 में बीजिंग के उपरान्त ग्वांगझोउ एशियाई खेलों की मेज़बानी करने वाला दूसरा चीनी शहर था। खेलों में 45 एशियाई राष्ट्रीय ओलम्पिक समितियों (आई॰ओ॰सी॰) से चयनित 9,704 एथलीटों ने कुल 476 प्रतिस्पर्धाओं में विभाजित 42 खेलों में भाग लिया।शर्मा, मुकेश (27 नवम्बर 2010).

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2016 एशिया कप

२०१६ एशिया कप टूर्नामेंट पांच एशियाई टेस्ट खेलने वाले देशों बांग्लादेश, भारत,पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं। दो टीमें क्वालीफाइंग करेंगी। श्रीलंका पिछले टूर्नामेंट की विजेता टीम है। २०१६ एशिया कप का पहला मैच भारत बनाम बांग्लादेश के बीच ढाका में २४ फ़रवरी को खेला गया जिसमें भारत ने बांग्लादेश को ४५ रनों से हराया। इसका फाइनल मैच ६ मार्च को शेर-ए-बांग्ला राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पर भारत तथा बांग्लादेश के बीच खेला गया जिसमें भारत ने बांग्लादेश को ८ विकेटों से परास्त करके ६वीं बार एशिया कप का खिताब अपने नाम किया। .

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2019 एशियाई खेल

अट्ठारहवें एशियाई खेल एशियाई ओलम्पिक परिषद (एओप) द्वारा आयोजित और प्रशासित एशिया में सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता है जिनका आयोजन २०१९ में वियतनाम के हनोई में किया जाना है। ८ दिसम्बर २०१२ को इसकी मेजबानी हनोई को मिली। हनोई शहर ने इंडोनेशिया के सुराबाया शहर को पीछाड़ कर मेजबानी प्राप्त की। मूल रूप से इन खेलों को २०१८ में कराया जाना था। लेकिन, ३ जुलाई, २००९ को सिंगापुर में आयोजित एशियाई ओलम्पिक परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया की इन खेलों को ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों से एक वर्ष पूर्व आयोजित कराया जाएगा, जिसका अर्थ हुआ की अब एशियाई खेलों को २०१९ में आयोजित किया जाएगा। .

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2022 एशियाई खेल

उन्नीसवें एशियाई खेल एशियाई ओलम्पिक परिषद (एओप) द्वारा आयोजित और प्रशासित एशिया में सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता है जिनका आयोजन २०२३ में किया जाना है। .

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2022 शीतकालीन ओलम्पिक

2022 का शीतकालीन ओलम्पिक, आधिकारिक रूप से XXIV शीतकालीन ओलम्पिक खेल, एक अन्तरराष्ट्रीय बहु-खेल प्रतियोगिता है जिसका आयोजन 2022 में चीन की राजधानी बीजिंग में होना है। इससे पहले बीजिंग 2008 के ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों का भी आयोजन कर चुका है। और इस प्रकार बीजिंग विश्व का पहला और एकमात्र नगर है जो ओलम्पिक खेलों के दोनों रूपान्तरों (ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन) की मेज़बानी कर चुका है। शीतकालीन खेलों की मेज़बानी करने वाला बीजिंग अब तक का सबसे बड़ा नगर भी होगा। इन खेलों का आयोजन 4 फ़रवरी से 20 फ़रवरी 2022 तक के बीच किया जाएगा। चीन में आयोजित होने वाला यह पहला शीतकालीन ओलम्पिक खेल होगा। इन खेलों का अनुमानित बजट 3.9 अरब डॉलर है, जबकि 2008 में चीन में ही आयोजित ग्रीष्मकालीन खेलों में 43 अरब डॉलर व्यय किए गए थे। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

एशिया महाद्वीप, एशिया के महाद्वीप, एशियाई, जंबुद्वीप, जंबूद्वीप, जंबूमहाद्वीप

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